UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 17 बादल चले गए वे (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 17 बादल चले गए वे (मंजरी)

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समस्त पधाशों की व्याख्या

बना बना कर ………………………… चले गए वे।

संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘बादल चले गए वे’ नामक कविता से ली गई हैं। इसके रचयिता त्रिलोचन जी हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत कविता में बादल के माध्यम से कवि ने सुख और दुख की बात कही है। जैसे बादल आते हैं और चले जाते हैं, वैसे ही सुख भी जीवन में आता और चला जाता है।

व्याख्या – बादलों ने सुन्दर रंग-बिरंगे चित्र-से खाली आकाश को सजा दिया। आकाश में मधुर संगीत हुआ और विभिन्न रंग दिखने लगे। आकाश में हुई शोभा ने चित्त मोह लिया। वे बादल चले गए।

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आसमान अब ……………………… चले गए वे।

संदर्भ और प्रसंग – पूर्ववतु।

व्याख्या – बादलों के चले जाने पर आकाश साफ नीला-नीला स्वच्छ दिखाई दे रहा है। वह दूर-दूर तक रसयुक्त, श्यामल रंग से सजा हुआ था। धरती पीली, हरियालीयुक्त और रसवंती हो रही थी। जाड़े के दिनों में प्रातःकाल ओस के कारण भीगा हुआ, प्रकाशित नजर आ रहा था अर्थातू बादलों के बरसने के कारण ही धरती का सौंदर्य सबको आकर्षित कर पाता है। वे बादल चले गए।

दो दिन दुःखे ……………………… जैसे रहकर।

संदर्भ और प्रसंग – पूर्ववत् ।

व्याख्या – संसार में दो दिनों के लिए सुख और दो दिनों के लिए दुःख होने का क्रम चलता रहता है। वास्तव में, सुख-दुःख दोनों का आपस में संयोग लगा ही रहता है। संसार में, मनुष्य के जीवन में हँसी और आँसुओं की नई तरंगें (लहरें) आती ही रहती हैं। बादल इस प्रकार आए थे, जैसे दो दिनों के लिए मेहमान आते और चले जाते हैं।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

(क) बादल से संबंधित अन्य गीत, कविताओं का संकलन कीजिए।
उत्तर :
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(ख) बादल कैसे बनते हैं? पता लगाकर लिखिए।
उत्तर :
नदियों, झीलों, तालाबों और सागरों का पानी सूर्य की गरमी से भाप में बदल जाता है। यह भाप वाष्प के रूप में हवा से मिल नाता है। वाष्प मिली गर्म हवा हल्की हो ऊपर आसमान में चली जाती है। जब हवा से भरे वाष्प एक स्थान पर एकत्र होते हैं तो वे बादल का रूप ले लेते हैं।

विचार और कल्पना

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प्रश्न 1.
बताइए- आपको बादल कब-कब अच्छे लगते हैं, कब नहीं?
उत्तर :
बादल गर्मियों के मौसम मे बहुत अच्छे लगते हैं, खासकर तब जब धूप हो रही हो और आसमान पर काले-काले बादल अचानक से छा जाएँ और ठंडी-ठंडी हवाएँ चलने लगें। सर्दियों के मौसम में बादल अच्छे नहीं लगते क्योंकि वे सूरज को ढक लेते हैं और मौसम अधिक ठंडा हो जाता है।

प्रश्न 2.
आसमान में बादलों को उमड़ता-घुमड़ता देखकार कुछ लोग प्रसन्न हो जाते हैं और कुछ चिंचित। नीचे लिखे नामों में कौन प्रसन्न होता है और कौन चिंचित? कारण भी लिखिए –
किसान, यात्री, मोर, कुम्भकार,
उत्तर :
आसमान में उमड़ता-घुमड़ता बादल देखकर किसान इसलिए प्रसन्न होते हैं कि उनके फसलों को पानी की आवश्यकता होती है जो बादल ही बरस कर पूरी करता है मोर का प्रिय ऋतु ही वर्षा ऋतु है । बादल देखकर वह प्रसन्न होकर मनमोहक नृत्य करता है। यात्री बादल देखकर चिंतित हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें कहीं जाना होता है तो बारिश की वजह से उनकी यात्रा में व्यवधान पहुँचता है। कुम्हारों को अपने बनाए हुए मिट्टी के बरतन धूप में ही सुखाने होते हैं लेकिन बादल देखकर वे चिंतित हो जाते हैं कि कहीं बारिश हो जाए और बरतन गल न जाएँ।

प्रश्न 3.
आपने इन्द्रधनुष देखा होगा, सोचकर बताइए कि इन्द्रधनुष में कौन-कौन से रंग होते हैं तथा इन्द्रधनुष कैसे बनते हैं।
उत्तर :
इन्द्रधनुष में सात रंग होते हैं- हरा, नीला, पीला, नारंगी, बैंगनी, आसमानी और लाल। यह बरसात के दिनों में वायुमण्डलीय प्रक्रिया से बनता है।

प्रश्न 4.
यदि कुछ वर्षों तक बादल आये ही नहीं अर्थात् पानी बिलकुल न बरसे तो क्या-क्या समस्याएँ आ सकती हैं? सोचकर लिखिए।
उत्तर :
यदि कुछ वर्षों तक बादल न आए तो बारिश नहीं होगी। बारिश नहीं होने पर फसलें सूख जाएँगी, नदी-नाले कुएँ, तालाब, झील सब सूख जाएँगे। भयंकर अकाल की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। पशु-पक्षी मनुष्य सहित पेड़-पौधे सब पानी के अभाव में मरने लगेंगे।

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प्रश्न 5.
बच्चे स्वयं करें।

कविता से

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पद्यांशों के भाव स्पष्ट कीजिए –
नोट – विद्यार्थी सम्बन्धित व्याख्या भाग पढ़ें।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए (स्पष्ट करके) –
उत्तर :

  • रंग दिखाया – रंगीन शोभा दिखाई।
  • चित्त चुराया – मन को मोह लिया।
  • श्याम-सजीला – श्याम वर्ण से सजा हुआ।
  • नवल-तरंगी – सुख-दुख की नई-नई लहरें।

प्रश्न 3.
कविता में कुल तीन पद हैं। तीनों पदों के तुकान्त शब्दों के अलग-अलग जोड़ा बनाकर लिखिए।
उत्तर :
सजाया-चुराया, सजीला-गीला, दुख-सुख

प्रश्न 4.
बादल की तुलना पाहुन से क्यों की गयी है?
उत्तर :
बादल पाहुन की तरह ही दो दिन रहकर चला जाता है; इसीलिए उसकी तुलना पाहुन से की गई है।

भाषा की बात

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प्रश्न 1.
दुःख-सुख में दोनों शब्द एक-दूसरे के विपरीतार्थी हैं। इसी तरह के पाँच शब्द-युग्म लिखिए।
उत्तर :

  • आयात – निर्यात
  • उन्नति – अवनति
  • एक – अनेक
  • मान – अपमान
  • आस्तिक – नास्तिक।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची लिखिए (लिखकर) –
उत्तर :

  • आकाश – नभ, गगन, अम्बर
  • धरती – धरा, वसुधा, पृथ्वी
  • प्रभात – सुबह, भोर, प्रातःकाल
  • बादल – मेघ, घन, जलधर

प्रश्न 3.
कविता में आए उन शब्दों को छाँटकर लिखिए जिनका अर्थ आपको नहीं पता है।

  • इन शब्दों के अर्थ शब्दकोश से ढूंढकर लिखिए।
  • अब इन शब्दों का पने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर :
बच्चे स्वयं करें।
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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 अमर शहीद भगत सिंह के पत्र (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 अमर शहीद भगत सिंह के पत्र (मंजरी)

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महत्त्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या

आज ………………………… रहेगी।

संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के अमर शहीद भगतसिंह के पत्र’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक भगत सिंह हैं।

प्रसंग – बलिदान से एक दिन पहले भगत सिंह ने अपने कैदी साथियों को जो अंतिम पत्र लिखा, यहाँ उसी का वर्णन है।

व्याख्या – क्रान्तिकारी भगत सिंह ने लिखा है कि अगर मुझे फाँसी नहीं हुई, तो सभी के सामने मेरी कमजोरी प्रकट हो जाएगी और क्रान्ति का प्रतीक चिह्न कमजोर हो जाएगा या समाप्त हो जाएगा, अर्थात् हर व्यक्ति बलिदान देने की भावना को त्यागकर केवल जीने की इच्छा में लगा रहेगा। मेरी कामना है कि मैं दिलेर बनकर हँसते-हँसते फाँसी पर चढ़े, जिससे हिन्दुस्तान की माताएँ अपने बच्चों को भगत सिंह बनाने की इच्छा करेंगी, अर्थातू वे चाहेंगी कि हमारे बच्चे भी भगत सिंह के समान हों, (UPBoardSolutions.com) जिससे देश में स्वाधीनता के लिए बलिदान देने वालों की अधिकता हो जाएगी; फलतः क्रान्ति को रोक पाना ब्रिटिश साम्राज्य या किसी भी शैतानी शक्ति की क्षमता से बाहर हो जाएगा। वे हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएँगे।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को –
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर सन् 1907 ई० को हुआ तथा उन्हें फाँसी 23 मार्च सन् 1931 ई० को दी गयी। बताइए कि वे कुल कितने समय जीवित रहे ?
उत्तर :
भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को हुआ था और उन्हें फाँसी 23 मार्च 1931 को हुई। इस प्रकार वे कुल 23 वर्ष, 5 महीने और 25 दिन जीवित रहे।

प्रश्न 2.
विद्यार्थी स्वयं करें।

पत्र से

प्रश्न 1.
भगत सिंह ने अपने पत्र में माँ के लिए क्या संदेश भेजा?
उत्तर :
भगत सिंह ने अपने पत्र में माँ के लिए संदेश भेजा कि घबराने की कोई बात नहीं, घबराने से कुछ मिलता भी नहीं।

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प्रश्न 2.
भगत सिंह किस शर्त पर जिन्दा रह सकते थे?
उत्तर :
भगत सिंह ने इस शर्त पर जिन्दा रहने की इच्छा प्रकट की कि मैं कैदी या पाबन्द होकर जीना नहीं चाहता।

प्रश्न 3.
भगत सिंह हँसते-हँसते फाँसी क्यों चढ़ना चाहते थे?
उत्तर :
भगत सिंह चाहते थे कि हिन्दुस्तानी माताएँ अपने बच्चों को भगत सिंह बनने की आरजू करें, इसलिए वह हँसते-हँसते फाँसी पर चढ़ना चाहते थे।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
‘क्रान्तिकारी दल’ में ‘दल’ संज्ञापद है। ‘दल’ की विशेषता बताने वाला शब्द ‘क्रान्तिकारी’ विशेषण है। निम्नांकित शब्दों को पढ़िए और विशेषणपदों को चुनकर लिखिए (लिखकर)
उत्तर :
विशेषण पद – प्राणघातक, दृढ़, अन्तिम, शैतानी, हिन्दुस्तानी।

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प्रश्न 2.
पाँचों प्रकार के योजक चिहून युक्त एक-एक अन्य उदाहरण दीजिए (उदाहरण देकर)

(क) भाई-बहन
(ख) बड़ी-बड़ी, शनैः-शनैः
(ग) राष्ट्र-गोन
(घ) लम्बा-सा
(ङ) हल्के-से-हल्के, कोई-न-कोई

प्रश्न 3.
‘बेचैन’ में ‘बे’ उपसर्ग लगा है। इसी प्रकार ‘प्र’ उपसर्ग की सहायता से ‘प्रबल’ शब्द बनाया गया है। ‘बे’ और ‘प्र’ उपसर्ग से बने दो-दो शब्द लिखिए (लिखकर) –
उत्तर :

  • बे – बेशर्म, बेकार
  • प्र – प्रकार, प्रसार

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इसे भी जानें – ‘इन्कलाब जिन्दाबाद’ -भगत सिंह.
नोट – विद्यार्थी यह भगत सिंह का नारा था ध्यान से पढ़ें।

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 12 साप्ताहिक धमाका (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 12 साप्ताहिक धमाका (मंजरी)

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महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या

”यह काम भी आजादी ……………… देता हूँ।”

संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हेमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘साप्ताहिक धमाका’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक डॉ० हरिकृष्ण देवसरे जी हैं।

प्रसंग – बच्चों के ‘साप्ताहिक धमाका’ नामक पत्र निकालने पर प्रोफेसर माथुर द्वारा कहा गया यह वक्तव्य आधुनिक सामाजिक विसंगति पर सटीक टिप्पणी है।

व्याख्या – बच्चों द्वारा निकाले गए ‘साप्ताहिक धमाका’ नामक पत्र के सम्बन्ध में प्रोफेसर कहते हैं। कि इस तरह के गोपनीय कार्य स्वाधीनता संघर्ष के दिनों में किए जाते थे; परन्तु आज भी ऐसे ही संघर्ष की (UPBoardSolutions.com) आवश्यकता है। पहले अँग्रेजों से आजादी प्राप्त करनी थी; अब समाज में छिपे शत्रुओं से; जो भ्रष्टाचार और अराजकता फैलाकर सकल समाज में अव्यवस्था की नींव रखना चाहते हैं। ऐसे सत्कार्य तो हम बड़ों को करने चाहिए थे; लेकिन कर रहे हैं ये बच्चे! मैं इन्हें बधाई देता हूँ।

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पाठ का सार (सारांश)

समाज की बुराइयाँ, अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, अनीतियाँ आदि दुर्गुण मिटाने के लिए कुछ बच्चे ‘साप्ताहिक धमाका’ नामक हस्तलिखित अखबार निकालते हैं। लाला धनीराम, मुंशी शादीलाल, डॉ० चेलाराम जैसे कई नाम हैं; जो सफेदपोश बनकर स्याह (काले) धंधे करते हैं। बच्चे पूरी तरह गोपनीय रहकर प्रत्येक सप्ताह अखबार का अंक निकाल हर घर के दरवाजे पर बँटवा देते हैं। समाज के तथाकथित ठेकेदार गुमनाम संपादक बच्चों को खोजने की भरपूर कोशिश करते हैं; लेकिन विफल हो जाते हैं। समाज के बुद्धिजीवी बच्चों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हैं। अन्ततः मोहल्ले में सुधार की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1.
अखबार से जुड़े निम्नलिखित शब्दों को देखिए और पता कीजिए कि किसी अखबार में इनकी क्या भूमिका होती है- सम्पादक, संवाददाता, निज प्रतिनिधि, फोटोग्राफर।
उत्तर :
सम्पादक – अखबार का सम्पादन सम्पादक द्वारा किया जाता है। सम्पादक के अनेक कार्य होते हैं, जैसे समाचार के सत्यता की जाँच करना, समाचार शुद्ध लिखें हैं कि नहीं, इसकी जाँच करना, कौन समाचार किस पृष्ठ पर छपेगा यह तय करना, कौन सा समाचार प्रमुख है और किस समाचार को अगले पृष्ठ पर स्थान देना है, इन सभी की जिम्मेदारी संपादक की होती है। अखबार में अगर कुछ गलत छपता है तो इसके लिए जवाबदेह संपादक ही होता है।

संवाददाता – संवाददाता का कार्य है अखबार के कार्यालय में रोज नये समाचार भेजना। सभी अखबार के अपने-अपने संवाददाता होते हैं। जो देश या दुनिया के सभी शहरों में रहते हैं उनका एक दायरा तय होता है। उनका काम होता है वहाँ रोज घटने वाली घटनाओं की जानकारी अखबार के कार्यालय को भेज़ना।

निज प्रतिनिधि – ये अखबार के पत्रकार होते हैं और ये अखबार के कार्यालय में नियुक्त होते हैं। इनका काम होता है चर्चित लोगों का साक्षात्कार लेना या देश में कहीं कोई गंभीर घटना घटने पर वहाँ (UPBoardSolutions.com) जाकर पूरी जाँच-पड़ताल कर घटना के संबंध में विशेष जानकारी प्राप्त कर अखबार के कार्यालय को उपलब्ध कराना।

फोटोग्राफर – ये भी पत्रकार की तरह ही अखबार के कर्मचारी होते हैं। ये पत्रकार के साथ ही रहते हैं। इनका काम इनके नियक्ति के क्षेत्र में घटने वाली घटनाओं, दुर्घटनाओं, जनसभाओं आदि का फोटो खींचकर अखबार के कार्यालय में भेजना होता है। आप अखबार में किसी घटना से संबंधित जो तस्वीर देखते हैं वे इन्हीं के द्वारा भेजे हुए होते हैं।

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प्रश्न 2.
विद्यार्थी स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 3.
विद्यार्थी स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 4.
अखबार (समाचार पत्र) प्रायः दैनिक, साप्ताहिक अथवा पाक्षिक होते हैं और पत्रिकाएँ साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक अथवा वार्षिक होती हैं। निम्नलिखित शीर्षकों के आधार पर तीन-तीन पत्र-पत्रिकाओं के नाम लिखिए|
उत्तर :

(क) दैनिक – हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, नवभारत टाइम्स।
(ख) साप्ताहिक – रोजगार समाचार, सहारा समय, कादंबिनी।
(ग) पाक्षिक – इंडिया टूडे, आउटलाइन, कादंबिनी।
(घ) मासिक – गृहशोभा, निरोगधाम, प्रतियोगिता दर्पण।
(ङ) वार्षिक – मनोरमा वार्षिक अंक, सामान्य ज्ञान दर्पण, खेल-दर्पण।

प्रश्न 5.
नीचे एक अखबार में छपी खबर के मुख्य शीर्षक दिए गए हैं। शीर्षक पढ़कर आगे की खबर पूरी कीजिए –

(क) मानक से 20 गुना ज्यादा दूषित हवा : बढ़ रहा है वायु प्रदूषण।
उत्तर :
दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुँच चुका है। हवा मानक से 20 गुना ज्यादा दूषित हो गई है। लोगों में साँस की बीमारी बढ़ती जा रही है। वृद्ध एवं बच्चे साँस की समस्या से अधिक परेशान हैं। दिल्ली सरकार ने लोगों को मास्क लगाकर घर से बाहर जाने की सलाह दी है।

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(ख) सड़क दुर्घटना में साइकिल सवार की मौत : मोबाइल का प्रयोग एवं हेलमेट न पहनना बना मृत्यु का कारण।
उत्तर :
देश में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सड़कों पर रोज नये । हजारों वाहन बढ़ रहे हैं। लोग भी बिना हेलमेट मोटर साइकिल, स्कूटर चला रहे हैं और दुर्घटना में अपनी जान भी गॅवा रहे हैं। नई पीढ़ी सड़कों पर चलते समय मोबाइल का प्रयोग कर दुर्घटना का शिकार हो जान आँवा रही है।

(ग) उच्च प्राथमिक विद्यालय में जगी स्वच्छता की अलख : बच्चों ने लिया आस-पास को स्वच्छ रखने का संकल्प।
उत्तर :
हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी नागरिकों एवं विद्यार्थियों से पूरे भारत वर्ष में स्वच्छता अभियान चलाकर देश को स्वच्छ करने की अपील की है। इस अभियान में विद्यार्थी वर्ग का पूरा (UPBoardSolutions.com) सहयोग मिल रहा है। पूरे देश के गाँवों, शहरों एवं विद्यालयों में स्वच्छता अभियान चला कर सभी विद्यालयों एवं उनके आस-पास के स्थानों को स्वच्छ किया जा रहा है। प्रधान मंत्री ने विद्यार्थियों को बहुत-बहुत बधाई दी है।

विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अन्तर्गत कौन-कौन-से समाचार माध्यम सम्मिलित हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर :
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अन्तर्गत टी०वी०, सिनेमा, इन्टरनेट आदि समाचार माध्यम सम्मिलित हैं।

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प्रश्न 2.
नोट – विद्यार्थी उत्तर स्वयं लिखें।

कुहानी से

प्रश्न 1.
‘साप्ताहिक धमाका’ क्यों निकाला गया?
उत्तर :
मोहल्ले में फैले भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए ‘साप्ताहिक धमाका’ अखबार निकाला गया।

प्रश्न 2.
‘साप्ताहिक धमाका’ के निकालने वाले कौन थे और वे किस प्रकार अनेक प्रतियाँ तैयार करते थे?
उत्तर :
‘साप्ताहिक धमाका’ निकालने वाले चार बच्चे थे। पहले अखबार की एक मूले प्रति तैयार की जाती थी, फिर चार प्रतियाँ और बाद में कार्बन द्वारा कई प्रतियाँ बनाई जाती थी।

प्रश्न 3.
पहले अंक की खास-खास खबरें क्या-क्या थीं तथा लाला धनीराम की दुकान में सुबह-सुबह हंगामा क्यों हो गया?
उत्तर :
पहले अंक की खास-खास खबरें थीं- लाला धनीराम के मसालों में मिलावट, गुटकू भटनागर बैगन की सब्जी से चिढ़ते हैं, ठेकेदार हजारा सिंह ने लड़की की शादी में पचास हजार नकद दहेज दिया, हेडमास्टर के घर स्कूल के चपरासी काम करते हैं, क्लास टीचर सोहनलाल ने तीन महीनों की फीस अब तक स्कूल में जमा नहीं की आदि। लाला धनीराम की पोल खुल जाने के कारण ही सुबह-सुबह उसकी दुकान में हंगामा हो गया।

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प्रश्न 4.
चिरंजीलाल ने अपने भाषण में क्या कहा और क्यों कहा?
उत्तर :
चिरंजीलाल ने गुमनाम संपादक बच्चों की पहचान करने के लिए अपने भाषण में कहा- हम ‘साप्ताहिक धमाका’ के संपादक बच्चों की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हैं। उन्होंने हमारी गलतियाँ बताकर (UPBoardSolutions.com) हमें सही राह दिखाई है। हमने तय किया है कि हर बच्चे को इस काम के लिए पाँच-पाँच सौ रुपयों का इनाम दिया जाए, लेकिन हम नहीं जानते कि वे बहादुर बच्चे कौन हैं; इसलिए उनसे निवेदन करते हैं कि वे सब मंच पर आएँ; अपना परिचय दें और पुरस्कार लें।

प्रश्न 5.
“साप्ताहिक धमाका’ अखबार के दूसरे अंक की प्रमुख खबर थी
उत्तर :
साप्ताहिक धमाका’ अखबार का दूसरा अंक बँटा तो ऐसा लगा जैसे किसी ने मिर्ची का पैकेट खोलकर हवा में उछाल दिया हो। मोहल्ले के कई सम्मानित कहे जाने वाले लोगों की पोल खुल चुकी थी। चंदा खाने वाले और चोरी-छिपे शराब पीने वाले बेनकाब हो चुके थे। शादी लाल बच्चों को झूठा बता रहे थे।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
‘विशेष’ में ‘अंक’ जोड़कर ‘विशेषांक’ शब्द बनाया गया है। इसी प्रकार, निम्नलिखित शब्दों में ‘अंक जोड़कर शब्द बनाएँ (शब्द बनाकर) –
उत्तर :
क्रम – क्रमांक, प्रवेश – प्रवेशांक, जन्म – जन्मांक, गत – गतांक

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से पढ़ें

(क) खबरें न केवल सच्ची थीं, बल्कि कान खड़े करने वाली थीं
(ख) बाते न केवल झूठी थी; बल्कि शर्म से गड़ने वाली थी।

इसी प्रकार नीचे दिए गए जोड़ों से एक-एक वाक्य बनाइए (वाक्य बनाकर) –

(क) संदेश न केवल दुखदायी था; बल्कि सुनते ही सिंर पर आसमान टूट पड़ा था।
(ख) आतंकवादियों ने जनता को न केवल त्रस्त कर दिया है, बल्कि नाक में दम कर रखा है।
(ग) वह न केवल दुष्ट है; बल्कि सिर पर सवार हो जाता है।

इसे भी जानें –
नोट – विद्यार्थी अतिरिक्त जानकारी के लिए ध्यान से पढ़ें।

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शिक्षकों हेतु –
नोट – शिक्षक बच्चों से कराएँ।

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4 नीति के दोहे (मंजरी)

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समस्त पद्याशों की व्याख्या
(क) कबीरदास

दुर्बल को न ………………….. स्वै-जाय ।।1।।

संदर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी के “नीति के दोहे” नामक पाठ से लिया गया है। यह दोहा महान सन्त कबीरदास जी द्वारा रचित है।

प्रसंग प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने दुर्बलों को न सताने की शिक्षा दी है।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि असहाय, निर्बल व्यक्ति (UPBoardSolutions.com) को दुख नहीं देना चाहिए, क्योंकि उसकी हाय बहुत बुरी होती है। यदि मरी खाल की धौंकनी से लोहा गर्ल सकता है, तो जीवित (मनुष्यों) की आह से क्या नहीं हो सकता।

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मधुर वचन ……………….. सरीर ।।2।।

संदर्भ – पूर्ववत् ।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि मीठी वाणी सभी को प्रिय लगती है।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि मीठे (प्रिय) वचन दवाई के समान प्राणरक्षक होते हैं; जबकि तीखे (कड़वे) वचन तीर के समान होते हैं और कानों से होते हुए सारे शरीर को छेद डालते हैं। आशय यह है कि मीठी वाणी बोलनी चाहिए।

बुरा जो ……………………. न कोय ।।3।।

संदर्भ – पूर्ववत्।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि मनुष्य को दूसरों के अवगुणों को छोड़कर स्वयं के अवगुणों को देखना चाहिए।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि मैं दूसरे लोगों में बुराई देखने चला; परन्तु मुझे कोई बुरा आदमी नहीं । मिल सका। जब मैंने अपने दिल में झाँककर देखा; तब मुझे पता चला कि मैं सबसे बुरा हूँ; क्योंकि मुझमें अनेक अवगुण हैं। आशय यह है कि दूसरों की बुराई देखना ठीक नहीं । अपनी बुराई (दोष) देखकर उसे दूर करना चाहिए।

साधु ऐसा …………………… उड़ान ।।4।।

संदर्भ – पूर्ववत।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि संसार में अच्छी और बुरी दोनों (UPBoardSolutions.com) चीजें हैं लेकिन हमें सिर्फ अच्छी चीजों को ही ग्रहण करना चाहिए बुरे पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते है कि संसार में अच्छाई और बुराई दोनों विमान हैं लेकिन मनुष्य को चाहिए कि वह सिर्फ अच्छाई को ही ग्रहण करे और बुराई पर ध्यान न दे। जैसे सूप द्वारा जब अनाज को साफ किया जाता है तो सारी गंदगी बाहर निकल जाती है और सिर्फ अच्छा अनाज बच जाता है। अतः सूप से सीख लेनी चाहिए।

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धीरे-धीरे …………………….. फल होय ।।5।।

संदर्भ – पूर्ववत।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि किसी भी कार्य के नतीजे (फल) के लिए हमें धैर्य रखना चाहिए।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि संसार मे कोई भी कार्य समय पर होता है; जैसे माली पेड़ को साल भर सींचता है लेकिन फल ऋतु आने पर ही लगते हैं अर्थात हमें किसी भी काम के नतीजे (प्रतिफल) के लिए इंतजार करना चाहिए, धैर्य रखना चाहिए।

(ख) रहीम
वे रहीम ………………….. को रंग ।।1।।

संदर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘नीति के दोहे’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता रहीमदास हैं।

प्रसंग – यह रहीम जी की नीति मूलक दोहा है। इसमें जीवन मूल्यों का सरस वर्णन हुआ है।’

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि वे लोग धन्य हैं जो परोपकारियों के साथ रहते हैं। उन्हें भी परोपकार का फल मिलता है। मेंहदी बाँटने वालों के भी हाथ लाल हो जाते हैं।

रहिमन पानी …………….. मानुस चून ।।2।।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत्।

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि पानी बचाकर रखना चाहिए क्योंकि बगैर पानी सब कुछ सूना होता है। पानी के चले जाने पर मोती, मनुष्य और चूना ये तीनों महत्त्वहीन हो जाते हैं। मोती का पानी (चमक) के बिना, मनुष्य का पानी (प्रतिष्ठा) के बिना और चूने का पानी (जल) के बिना, कुछ महत्त्व नहीं होता।

रहिमन………………. कोय ।।3।।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत।

व्याख्या – रहीम जी कहते है कि मनुष्य को अपने दुखों को अपने मन में ही रखनी चाहिए, किसी और को नहीं बतानी चाहिए। क्योंकि हम अगर अपने दुखों को किसी और को बताएँगे तो वह हमारा दुख तो कम नहीं करेगा बल्कि हमारी हँसी अवश्य उड़ाएगा।

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जो बड़ेन ………….. नाहिं ।।4।।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत।

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि अगर कोई योग्य व्यक्ति की बुराई करता है तो वह अपनी हीनता को ही प्रदर्शित करता है क्योंकि जो वास्तव में अच्छा है वह किसी के कहने भर से बुरा नहीं हो जाएगी। अतः हमें किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए।

समय ………….. टूक ।।5।।

संदर्भ – पूर्ववत।

प्रसंग – रहीम जी ने इस दोहे के माध्यम से समय के महत्व को बताया है।

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि हमें समय के (UPBoardSolutions.com) महत्व को समझना चाहिए। जो मनुष्य समय के महत्त्व को नहीं समझता वह समय निकल जाने पर पछताता है और दुखी होता है तथा सोचता है कि काश हमने समय के महत्त्व को पहचाना होता।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को-

नोट- विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

पाठ से

प्रश्न 1.
नीचे कुछ वाक्य लिखे गए हैं। इनसे सम्बन्धित दोहों को उसी क्रम में लिखिए –

(क) मधुर वाणी औषधि का काम करती है तथा कठोर वाणी तीर की तरह मन को बेध देती है।
उत्तर :
मधुर बचन है औषधि, कटुक बचन है तीर। सेवन द्वार हुवै संचरे, सालै सकल सरीर।

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(ख) कोई भी कार्य समय पर ही होता है।
उत्तर :
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय।।

(ग) अपने दुख को कहीं उजागर नहीं करना चाहिए।
उत्तर :
रहिमन निज मन की व्यथा, मन ही राखो जोय।
सुनी अटिलैहें लोग सब, बॉटि न लैहें कोय।।

(घ) परोपकार करने वाले लोग प्रशंसनीय होते हैं।
उत्तर :
वें रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग।
बाँटनवारे को लगे, ज्यों मेंहदी को रंग।।

(ङ) दूसरे लोगों में बुराई देखना ठीक नहीं।
उत्तर :
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा ना मिलिया कोय।।
जो दिल खोजा आपनो, मुझ-सा बुरा ना कोय ।।

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प्रश्न 2.
निम्नांकित पंक्तियों के अर्थ स्पष्ट कीजिए
नोट – विद्यार्थी सभी पंक्तियों के अर्थों के लिए सम्बन्धित व्याख्या देखें।

प्रश्न 3.
माली के दुवारा लगातार पेड़ों को सींचने पर भी फल क्यों नहीं आते हैं?
उत्तर :
क्योंकि कोई भी काम अपने समय पर होता है। घबराने से कुछ नहीं होता।

प्रश्न 4.
अपने मन की व्यथा को अपने मन में ही क्यों रखना चाहिए?
उत्तर :
क्योंकि कोई भी हमारी व्यथा (UPBoardSolutions.com) कम नहीं करता, बल्कि हमारी हँसी उड़ाता है।

भाषा की बात।

प्रश्न 1.
‘स्रवन द्वार ह्वै संचरे, सालै सकल सरीर’ पंक्ति में ‘स’ वर्ण की आवृत्ति कई बार होने से कविता की सुन्दरता बढ़ गयी है। जहाँ एक वर्ण की आवृत्ति बार-बार होती है, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। अनुप्रास अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण पुस्तक से ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर :

  1. धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।।
  2. रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

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प्रश्न 2.
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती मानस चून।।
उपर्युक्त दोहे में ‘पानी’ शब्द के तीन अर्थ हैं –
मोती के अर्थ में – कांति (चमक)
मनुष्य के अर्थ में – प्रतिष्ठा, सम्मान
चूने के अर्थ में – जल
एक ही शब्द के कई अर्थ होने से यहाँ श्लेष अलंकार है। श्लेष अलंकार का एक और उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
मंगन को देखि ‘पट’ देत बार-बार है।

यहाँ ‘पट’शब्द के दो अर्थ हैं – कपड़ा और द्वार। (UPBoardSolutions.com) इसमें श्लेष अंलकार है। ‘श्लेष’ का अर्थ होता है। ‘चिपका होना’ अर्थात् जहाँ एक ही शब्द में कई अर्थ चिपके हों।

प्रश्न 3.
पाठ में आये निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए (रूप लिखकर) –

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4 नीति के दोहे (मंजरी) 1

प्रश्न 4.
कुछ ऐसे शब्द होते हैं, जिनके अलग-अलग अर्थ होते हैं, जैसे – ‘तीर’ का अर्थ है ‘बाण’ और ‘नदी’ का किनारा निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिए (अर्थ लिखकर) –

  • पट – कपड़ा, द्वार (दरवाजा)
  • दर – दरवाजा (चौखट), दरबार
  • कर हाथ, एक क्रिया (करना)
  • जड़ – किसी वनस्पति का वह भाग जो जमीन के अन्दर रहे, मूर्ख,
  • गोली – बन्दूक या तमंचे से निकलने वाली घातक वस्तु, कंचा
  • सारंग – सिंह, हाथी

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नोट – विद्यार्थी ध्यान से पढ़ें।

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UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 2 पदार्थ एवें पदार्थ के समूह

UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 2 पदार्थ एवें पदार्थ के समूह

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पदार्थ एवें पदार्थ के समूह

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए-
(क) वर्गीकरण आवश्यक होता है –
(i) वस्तुओं को व्यवस्थित रखने हेतु
(ii) वस्तुओं एवं पदार्थों के गुणों को आसानी से समझने हेतु ।
(iii) विद्यालय के पुस्तकालय हेतु
(iv) सभी हेतु (✓)

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(ख) किसी द्रव को गरम करने पर वह बदल जाता है –
(i) ठोस में
(ii) गैस में (✓)
(iii) किसी में नहीं
(iv) जलवाष्प में

(ग) गैस को किसी बर्तन में रखने पर वह –
(i) उसकी तल में बैठ जाएगी।
(ii) उसमें पूरी तरह से फैल जाएगी। (✓)
(iii) उसके केवल ऊपरी हिस्से में फैलेगी।
(iv) उसको खाली कर देगी।

(घ) पदार्थ की निर्माण इकाई है –
(i) परमाणु (✓)
(ii) इलेक्ट्रॉन
(iii) प्रोटॉन
(iv) न्यूट्रॉन

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गए सही शब्द की सहायता से कर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए –
उत्तर :

  1. ठोस का आकार निश्चित होता है।
  2. अगरबत्ती की सुगन्ध गैसीय गुण के कारण कमरे में फैल जाती है।
  3. नमक पानी में घुल जाता है।
  4. अणु पदार्थ का वह सूक्ष्मतम कण है जो स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है।

प्रश्न 3.
अधोलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए-
(क) पदार्थ की तीन अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर :
पदार्थ की तीन अवस्थाएँ निम्न हैं –

  1. ठोस
  2. द्रव
  3. गैस।

(ख) पदार्थ की उस अवस्था का नाम लिखिए जिसमें पदार्थ का आयतन और आकृति दोनों निश्चित होते हैं।
उत्तर :
पदार्थ की ठोस अवस्था में पदार्थ का आयतन और आकृति निश्चित रहते हैं।

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(ग) पदार्थों के वर्गीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
पदार्थों को उनके सामान्य लक्षणों के आधार पर (UPBoardSolutions.com) अलग-अलग समूह में व्यवस्थित करने की क्रिया को वर्गीकरण कहते हैं।

(घ) पारभासी किसे कहते हैं?
उत्तर :
वे पदार्थ जिनके द्वारा धुंधला या आंशिक रूप से आर-पार देखा जा सकता है, वे पारभासी कहलाते हैं। जैसे तेल लगा कागज, पेंट लगा काँच आदि।

प्रश्न 4.
कारण बताइए
(क) द्रव पदार्थों की आकृति निश्चित नहीं होती है।
उत्तर :
द्रव के अणु दूर-दूर होते हैं तथा अणुओं के बीच का आकर्षण बल कम होता है। इस कारण द्रव पदाथों की आकृति निश्चित नहीं होती है।

(ख) जल से भरा गिलास खाली गिलास की अपेक्षा भारी होता है।
उत्तर :
जल से भरा गिलास व खाली गिलास दोनों का आयतने समान होता है। जल के अणु निकट होने के कारण जल से भरे गिलास में गिलास के साथ जल का भार भी होता है, जबकि खाली गिलास में केवल (UPBoardSolutions.com) गिलास का भार होता है क्योंकि खाली गिलास में उपस्थित वायु के अणु दूर-दूर होने के कारण उनका भार नगण्य होता है। इस कारण जल से भरा गिलास खाली गिलास की अपेक्षा अधिक भारी होता है।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए-
(क) एक प्रयोग बताएँ जिससे स्पष्ट होता है कि पदार्थ स्थान घेरता है।
उत्तर :
एक गुब्बारा लें, उसमें फैंक द्वारा हवा भरें। हवा भरने पर गुब्बारा फूलने लगता है और स्थान घेरता है।
अतः स्पष्ट है कि पदार्थ स्थान घेरता है।

(ख) किसी पदार्थ को ठोस अवस्था से द्रव अवस्था तथा द्रव अवस्था से ठोस अवस्था में कैसे बदला जा सकता है?
उत्तर :
किसी वस्तु के ताप में परिवर्तन करके उसकी अवस्था में परिवर्तन किया जा सकता है, जैसे – बर्फ को अधिक तापमान में रखने पर ठोस अवस्था (बर्फ) से द्रव अवस्था (पानी) में तथा पानी को 0°C तक ठंडा करने पर द्रव अवस्था (पानी) से ठोस अवस्थी (बर्फ) में परिवर्तित किया जा सकता है।

(ग) ठोस, द्रव और गैस में अन्तर उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
ठोस – ठोस पदार्थों में कण बहुत पास-पास होते हैं, इनमें आपसी आकर्षण बल बहुत अधिक होता है जो इन्हें एक साथ बाँधे रखता है। ठोस के कण स्थिर होने के कारण इनकी आकृति एवं आयतन निश्चित होते हैं।
उदाहरण- काँच।।
द्रव – द्रव के अणु एक दूसरे से दूर-दूर होते हैं, और (UPBoardSolutions.com) आपसी आकर्षण बल ठोस की तुलना में । कम होता है। इसी कारण द्रव की आकृति निश्चित नहीं होती। किन्तु इनको आयतन निश्चित होता है।
उदाहरण-जल।
गैस – गैसीय पदार्थों में कण अपेक्षाकृत बहुत-दूर-दूर होता है और इनमें आपसी आकर्षण बल नहीं के बराबर होता है।
उदाहरण- ऑक्सीजन।

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प्रश्न 6.
पारदर्शिता के आधार पर पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं, उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर :
पारदर्शिता के आधार पर पदार्थ को पारदर्शी, अपारदर्शी तथा पारभासी में वर्गीकृत किया जाता है।

प्रश्न 7.
परिवेश में पायी जाने वाली तीन-तीन कठोर व मुलायम वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर :
कठोर- लोहा, लकड़ी, काँच मुलायम- रबर की गेंद, स्पंज, ऊन

प्रश्न 8.
चुम्बक किन-किन पदार्थों से निर्मित वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
उत्तर :
चुम्बक लोहे से बनी वस्तुओं को अपनी ओर (UPBoardSolutions.com) खींच लेता है। लोहे के अतिरिक्त चुम्बक, निकेल, कोबाल्ट जैसी अल्य धातुओं से बनी वस्तुओं को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।

प्रश्न 9.
अपने आस-पास दिखायी देने वाली वस्तुओं को पारदर्शी, अपारदर्शी तथा पारभासी में चिह्नित कर उनकी सूची बनाइए।
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 2 पदार्थ एवें पदार्थ के समूह img-1

प्रश्न 10.
पदाथों का वर्गीकरण क्यों आवश्यक है। इस सम्बन्य में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
किसी वस्तु की पहचान इसके आकार, बनावट, रंग, उपयोग आदि के आधार पर की जाती है। जब हम वस्तुओं को उनके विशेष गुणों, उपयोग आदि के आधार पर अलग-अलग समूहों में रखते। हैं, तब उनकी पहचान आसानी से की जा सकती है। वस्तुओं को उनके सामान्य लक्षणों के आधार पर अलग-अलग समूह में व्यवस्थित करने की (UPBoardSolutions.com) क्रिया को वर्गीकरण कहते हैं। पदार्थ की बाह्य संरचना के आधार पर वर्गीकरण भौतिक वर्गीकरण कहलाता है तथा आन्तरिक संरचना के आधार पर वर्गीकरण रासायनिक वर्गीकरण कहलाता है।

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● नोट – प्रोजेक्ट कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।

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