UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संमास

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Board UP Board
Textbook SCERT, UP
Class Class 12
Subject Sahityik Hindi
Chapter Chapter 6
Chapter Name संमास
Number of Questions Solved 10
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संमास

परिभाषा
जब दो या दो से अधिक शब्द अपने बीच की विभक्ति को छोड़कर आपस में मिल जाएँ तो उसे समास कहते हैं, जैसे- सूर्यस्य उदयः (सूर्य का उदय) से नया शब्द ‘सूर्योदयः’ बनता है, जिसमें षष्ठी विभक्ति लुप्त हो जाती है। शब्दों के ऐसे मेल से जो एक स्वतन्त्र शब्द बनता है उसे सामासिक पद अथवा समस्त पद कहते हैं। सामासिक पद को अनुसार विभक्तियों सहित तोड़ना समास-विग्रह कहलाता है। जैसे–सामासिक पद श्वेताम्बरम् का विग्रह होगा श्वेतम् अम्बरम्। यहाँ ‘श्वेतम्’ पूर्व पद एवं ‘अम्बरम्’ उत्तर पद हैं।

समास के भेद
समास के छ: भेद हैं।

  1. तत्पुरुष
  2. कर्मधारय
  3. अव्ययीभाव
  4. द्विगु
  5. बहुव्रीहि
  6. द्वन्द्व

आइए, पाठ्यक्र में सम्मिलित तीन समास कर्मधारय, अव्ययीभाव एवं बहुप्रीहि के वारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

1. कर्मधारय समास
विशेषण विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय वाले समास को कर्मधारय समास कहते हैं। इसमें दोनों शब्द (पूर्व पद एवं उत्तर पद) प्रथमा विभक्ति में होते हैं तथा दोनों ही पदों की प्रधानता होती है; जैसे—’कृष्णाश्वः’ में प्रथम पद ‘कृ’:’ अर्थात् काला विशेषण, जबकि अन्तिम पद ‘अश्वः’ अर्थात् घोड़ा विशेष्य है। इसका विग्रह होगा ‘कृष्णः अश्वः’ अर्थात् काला घोड़ा। उदाहरण-
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2. अव्ययीभाव समास
जिस समास में प्रथम पद अव्यय तथा अन्तिम पद संज्ञा हो तथा प्रथम पद अर्थात् अव्यय के ही अर्थ की प्रधानता हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। इस समास के | शब्द हमेशा नपुंसकलिंग एकवचन में ही रहते हैं। इस समास को अपने पदों में विग्रह नहीं होता; जैसे–’निर्धनः’ का विग्रह होगा ‘धनानां अभावः
उदाहरण-
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3. बहुव्रीहि समास
जिस समास में दोनों पद (पूर्व पद एवं उत्तर पद) को छोड़कर कोई अन्य पद प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। इस प्रकार इसमें सामासिक अर्थ दोनों पदों से भिन्न होता है; जैसे–’त्रीनेत्र’ का विग्रह ‘त्रीणि नेत्राणि यस्य सः’ (तीन हैं नेत्र जिसके) है, जिससे ‘शंकर’ का बोध होता है।
उदाहरण
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बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रामस्य पुत्रः का समस्तपद होगा
(क) रामपुत्रः
(ख) रामेपुत्रः
(ग) रामायपुत्रः
(घ) राममपुत्रः

प्रश्न 2.
‘नीलोत्पलम’ में विग्रह है।
(क) नीलम् उत्पलम्
(ख) निलमुत्पलम्
(ग) नलमोत्पलम्
(घ) नलस्योत्पलम्

प्रश्न 3.
‘यथाशक्ति’ में समास है।
(क) कर्मधारय
(ख) तत्पुरुष
(ग) अव्ययीभाव
(घ) द्विगु

प्रश्न 4.
एकं
एकं प्रति का सामासिक पद होगा
(क) प्रत्येक
(ख) हरेक
(ग) द्विरेकं
(घ) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 5.
‘त्रिलोकी में समास है।
(क) द्वन्ट्स
(ख) द्विगु
(ग) तत्पुरुष
(घ) बहुव्रीहि

प्रश्न 6.
‘प्राप्तोदकः’ में समास है।
(क) तत्पुरुष
(ख) बहुव्रीहि
(ग) कर्मधारय
(घ) द्विगु

प्रश्न 7.
‘घनश्यामः’ में समास है।
(क) द्विगु
(ख) अव्ययीभाव
(ग) कर्मधारय
(घ) बहुव्रीहि

प्रश्न 8.
‘रामस्य समीपे’ का सामासिक पद होगा।
(क) उपरामम्
(ख) उपारामम्
(ग) उपेरामम्
(घ) उपोरामम्

प्रश्न 9.
‘चन्द्रशेखरः’ में समास है।
(क) अव्ययीभाव
(ख) कर्मधारय
(ग) बहुव्रीहि
(घ) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 10.
‘महान् च असौ देवः’ का सामासिक पद होगा।
(क) महादेव
(ख) महादेवी
(ग) शिवः
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर

1. (क, 2. (क), 3. (ग), 4. (क), 5. (ख), 6. (ख), 7. (ग), 8. (क), 9. (ग), 10. (क)

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UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 6 हमारी कृषि और पशुधन

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 6 हमारी कृषि और पशुधन

प्रश्न.
अपने पास-पड़ोस के कुछ ऐसे लोगों के नाम लिखो जो खेती नहीं करते हैं।
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी स्वयं लिखें।

प्रश्न.
बच्चो! अब तुम नक्शा देखकर उन राज्यों के नाम लिखो, जहाँ-जहाँ थान उगाया जाता है।
उत्तर:
असम, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और पंजाब।

प्रश्न.
अब तुम नक्शा देखकर उन सभी राज्यों के नाम रिक्त स्थानों में लिखो जहाँ-जहाँ गेहूँ उगाया जाता है।
उत्तर:
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और मध्य प्रदेश।

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 6 हमारी कृषि और पशुधन

प्रश्न.
अब नीचे लिखो कि कौन-कौन से राज्यों में गन्ना उगाया जाता है।
उत्तर:
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उड़ीसा, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और आंध्र प्रदेश।

प्रश्न.
क्या तुम बता सकते हो कि कौन-कौन से राज्यों में तीनों फसलों – गन्ना, धान और दाल उगाई जाती हैं? लिखो।
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न.
नीचे बने नक्शे की सहायता से उन राज्यों को पहचान कर लिखो, जहाँ रबर और चाय की खेती की जाती है।
उत्तर:
चाय – सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु।
रबर – तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक।

प्रश्न.
अब तुम अपने इलाके में उगाई जाने वाली फसलों के नाम लिखो।
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

हमारी कृषि और पशुधन अभ्यास

  • जोड़ी मिलाओ (सही जोड़े मिलाकर) –
    खरीफ – चावल, गन्ना, कपास।
    रबी – गेहूँ, चना, सरसों।
    जायद – ककड़ी, खरबूजा, तरबूज।

प्रश्न.
अगर पशु न हो तो हमारे देश की खेती का क्या हाल होता?
उत्तर:
कृषि मुश्किल हो जाती।

प्रश्न.
आपके गाँव की खेती में कौन-कौन फसलें होती हैं? उनकी सूची बनाओ।
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी स्वयं बनाएँ।

प्रश्न.
चावल व गन्ना की फसल के लिए कैसी मिट्टी उपयोगी होती है?
उत्तर:
चिकनी मिट्टी उपयोगी होती है।

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 6 हमारी कृषि और पशुधन

प्रश्न.
भारत के मानचित्र में अपने शिक्षक की मदद से निम्नलिखित के उत्पादन क्षेत्र दिखाओ – गेहूँ, चावल, गन्ना, चाय, दालें।
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न.
अपनी भूगोल की कॉपी में निम्नांकित के चित्र बनाओ और संबंधित फसल का नाम लिखो – तरबूज, मटर, गन्ना।
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं चित्र बनाएँ।
इनसे संबंधित फसल हैं – खरबूजा, गेहूँ एवं धान।

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UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 5 भारत

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 5 भारत

(क) प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जन्त

भारत अभ्यास

उत्तर लिखो –

प्रश्न १.
सदाबहार वृक्षों की क्या विशेषता होती है?
उत्तर:
(१) सदाबहार वृक्ष सारे वर्ष हरे-भरे रहते हैं, इनके पत्ते नहीं झड़ते।
(२) देवदार, ताड़, महोगनी, रबर, बाँस, आबनूस, बेंत, नारियल।
(३) अधिक ठंडे शंकुधारी वन होते हैं।

प्रश्न २.
पर्णपाती वनों की क्या विशेषता होती है?
उत्तर:
वर्ष में एक बार पत्ते गिराने वाले, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के मैदानी भागों के वन, जैसे – शीशम, बरगद, पीपल, बेल, नीम आदि। ये गर्मियों में लंबे समय तक सूखा मौसम सहते हैं।

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 5 भारत

प्रश्न ३.
वन्य पशुओं की सूची बनाओ?
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी स्वयं बनाएँ।

प्रश्न ४.
यहाँ कुछ वृक्षों के नाम दिए गए हैं। इनमें कौन सदाबहार हैं और कौन पर्णपाती? देवदार, ताड़, शीशम, नारियल, बरगद, पाकड़, बेल
उत्तर:

सदाबहार पर्णपाती
देवदार शीशम
ताड़ पाकड़
बरगद बेल
नारियल
  • प्रोजेक्ट कार्य – नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

(ख) हम और हमार वन

प्रश्न.
हमें वनों से क्या-क्या चीजें मिलती हैं? उन चीजों के नाम लिखो।
उत्तर:
इमारती लकड़ी, ईंधन, फल-फूल, चारा, जड़ी-बूटियाँ आदि मिलती हैं।

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 5 भारत

भारत अभ्यास

प्रश्न १.
अपने दोस्तों के साथ किसी घने बगीचे में जाओ। वहाँ तुम्हें कैसा लगा? तुमने क्या-क्या देखा? अपने दोस्तों के साथ इस पर बातचीत करो। पाँच वाक्य कॉपी में लिखो।
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी स्वयं लिखें।

प्रश्न २.
वन क्यों कम हो रहे हैं? इसके तीन कारण लिखो।
उत्तर:
वनों के कम होने के निम्नलिखित तीन कारण हैं-

  1. कागज के कारखानों के कारण
  2. मकान और फर्नीचर निर्माण के कारण
  3. बाँधों के बनने के कारण

प्रश्न ३.
नीचे एक चार्ट बना है। अपने घर और स्कूल के आस-पास के पेड़ों के नाम और काम (उपयोग) पता करके उसमें लिखो-

पेड़ों का नाम वह किस काम आता है
नीम लकड़ी, फर्नीचर और दातुन के लिए उपयोगी है। निबोली दवा, तेल व खाद बनाने के काम आती है।
जामुन लकड़ी, ईंधन और फल खाने के काम आता है।
बबूल लकड़ी, फर्नीचर, तख्ते और ईंधन के काम आती हैं। गोंद और कत्था भी मिलता है।
आम लकड़ी, फर्नीचर और इमारती दरवाजों के प्रयोग में या ईंधन के लिए और स्वादिष्ट आम के फल प्राप्त होते हैं।
शीशम लकड़ी, फर्नीचर और इमारत में प्रयोग, (ईंधन के लिए भी) होती है।
सागवान फर्नीचर, इमारत और ईंधन में प्रयोग की जाती है।

प्रश्न ४.
तुम्हें सबसे अच्छा पेड़ कौन-सा लगता है और क्यों? उसका चित्र बनाओ। चित्र के नीचे उस पर चार बातें लिखो।
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी स्वयं चित्र बनाकर उसके नीचे चार वाक्य लिखें।

प्रश्न ५.
तुम्हारे गाँव के आस-पास वन और वृक्ष बढ़े – इसके लिए तुम क्या काम कर सकते हो? अपने साथियों के साथ इस पर एक कार्यक्रम बनाओ।
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें। प्रोजेक्ट कार्य- नोट- विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 5 भारत

कितना सीखा-एक

प्रश्न १.
सोचो और बताओ –

  • क्या होगा यदि –

प्रश्न.
सूर्य पृथ्वी के और अधिक पास आ जाए?
उत्तर:
गर्मी और अधिक पड़ने लगेगी और जीवन समाप्त हो सकता है।

प्रश्न.
सूर्य पृथ्वी से और अधिक दूर चला जाए?
उत्तर:
ताप की कमी हो जाएगी, सर्दी अधिक पड़ने लगेगी और जीवन समाप्त हो सकता है।

प्रश्न.
सूर्य में रोशनी रहे ही नहीं?
उत्तर:
अँधेरा हो जाएगा फलस्वरूप पौधेप्रकाश संश्लेषण बन्द कर देगेंऔर जीवन समाप्त हो जाएगा।

प्रश्न.
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमना ही बन्द कर दे?
उत्तर:
दिन-रात होने बन्द हो जाएँगे और जीवन असंभव हो जाएगा।

प्रश्न २.
सही बात के आगे ‘सही’ और गलत के आगे ‘गलत’ लिखो (लिखकर) –
ध्रुवों पर आग की वर्षा होती है। – गलत
भूमध्य रेखा उत्तरी ध्रुव के पास होती है। – गलत
कर्क रेखा भूमध्य रेखा के उत्तर में होती है। – सही
मकर रेखा भूमध्य रेखा से छोटी होती है। – गलत

UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 5 भारत

प्रश्न ३.
रेखाओं का खेल –
नीचे पाँच खड़ी और पड़ी रेखाएँ हैं। उनके बीच में कुछ चीजें हैं। बताओ ये चीजें किस नंबर की खड़ी और किस नंबर की पड़ी रेखा पर हैं?
UP Board Solutions for Class 5 EVS Hamara Parivesh Chapter 5 भारत 1

प्रश्न ४.
एवरेस्ट पर सबसे पहले चढ़ने वाले दो लोगों के नाम बताओ/लिखो।
उत्तर:
तेनजिंग नार्गे और एडमंड हिलेरी।

प्रश्न ५.
नखलिस्तान या मरूद्यान किसे कहते हैं?
उत्तर:
मरुस्थल में जहाँ कहीं पानी मिल जाता है, वहाँ हरियाली होती है। ऐसे स्थानों पर लोग बस जाते हैं। इन्हें मरूद्यान या नखलिस्तान कहते हैं।

प्रश्न ६.
समुद्र में ऊँचे प्रकाश स्तम्भ क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर:
समुद्र के किनारे द्वीपों पर नाविकों और जहाजों को प्रकाश दिखाने के लिए ऊँचे प्रकाश स्तम्भ बनाए जाते हैं।

प्रश्न ७.
पहाड़ी इलाकों में लोगों ने चिपको आन्दोलन क्यों चलाया?
उत्तर:
पहाड़ी इलाकों में लोगों ने चिपको आन्दोलन चलाकर पेड़ों की कटाई रोकने की कोशिश की है। इस आन्दोलन का नारा है – लकड़ी, पानी और बयार, ये हैं जंगल के उपकार।

प्रश्न ८.
सरकार द्वारा वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
उत्तर:
सरकार द्वारा वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य एवं वन्य जीव विहार की स्थापना की गई है।

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UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi विभक्ति

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Board UP Board
Textbook SCERT, UP
Class Class 12
Subject Sahityik Hindi
Chapter Chapter 5
Chapter Name विभक्ति
Number of Questions Solved 20
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi विभक्ति

परिभाषा
हिन्दी भाषा में कारकों में लगने वाले चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। संस्कृत भाषा में इसके स्थान पर विभक्तियों का प्रयोग किया जाता है। विभक्तियों की कुल संख्या सात है।

विभिक्त के भेद
विभक्ति दो प्रकार की होती है

1. कारक विभक्ति जो विभक्ति हिन्दी के वाक्य में प्रयोग किए गए कारकों के चिह्नों के अनुसार लगती हैं, उसे कारक विभवित कहते हैं, जैसे-सा लतां पश्यति/वह लता को देखती हैं। इस वाक्य में ‘वह’ देखने वाली है। अतः ‘वह’ का प्रयोग कर्ता कारक एकवचन में ‘सा’ हुआ। इस वाक्य का दूसरा शब्द ‘लता को’ है। यहाँ कारक का चिह्न को ।। ‘को’ यह चिह्न कर्म कारक का है। इसमें द्वितीया विभक्ति है। अतः ‘लता’ शब्द का द्वितीया विभक्ति एकवचन में लताशब्द प्रयोग किया गया है। यही कारक विभक्ति होती हैं।

2. उपपद विभक्ति ‘उपपद’ यह शब्द दो शब्दों उप + पद के मेल से बना है। ‘उप’ का अर्थ ‘योग’ अथवा ‘पास’ होता है और पद का अर्थ शब्द होता है। इस प्रकार जो विभक्ति कारक के चिह्न के अनुसार न लगकर किसी शब्द या धातु के योग में प्रयोग होती है, उसे ‘उपपद’ विभक्ति कहते हैं; जैसे-पुत्र माता के साथ जाता है। पुत्रः मात्रा सह गच्छति।

इस वाक्य में कारक के चिह्न को देखा जाए तो का, के, की षष्ठी विभक्ति के चिह्न हैं। इस आधार पर इस वाक्य के ‘माता’ शब्द में षष्ठी विभक्ति लगक ‘मातः’ रूप होना चाहिए, परन्तु ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत में ‘के साथ ‘सह’ शब्द का प्रयोग किया जाता है और ‘उपपद’ विभक्ति के नियम के अनुसार ‘सह’ शब्द के योग में जिसके साथ कोई क्रिया की जाती है (जाने की, पढ्ने आदि की) उसमें तृतीया विभक्ति होती है। अतः ‘माता’ में ‘सह’ शब्द के साथ तृतीया विभक्ति होकर ‘मात्रा’ रूप बना। यही ‘उपपद’ विभक्ति है।

1. प्रथमा विभक्ति
(सूत्र-प्रातिपदिकार्थ-लिङ्ग-परिमाण-वचनमात्रे प्रथमा) प्रातिपदिकार्थमात्र में, लिंगमात्र की अधिकता में, परिमाणमात्र (मापमात्र) में तथा वचनमात्र (संख्यामात्र) में प्रथमा विभूति होती है। प्रातिपदिकार्थ से सम्बोधन अर्थ की अधिकता में भी प्रथमा विभयित होती हैं।

उदाहरण
प्रातिपदिकार्थमात्र उच्चैः (ऊँचा), नीचैः (नीचा), कृष्णः (कृष्ण), श्री (लक्ष्मी), ज्ञानम् (ज्ञान, जानना।।
लिंगमात्र तटः, तटी, तटम्।।
परिमाणमात्र द्रोणो व्रीहिः (द्रोण परिमाण से मापा हुआ धन)।
संख्यामात्र एक, द्वौ बहवः।
सम्बोधन में हे राम! हे अर्जुन!

2. द्वितीय विभक्ति
(सूत्र-अमितः परितः समय निकषा-हा-प्रतियोगेऽपि) अभितः (चारों ओर), परितः | (सब और), निकषा (समीप), हा, प्रति (और, तरफ) के साथ द्वितीया विभक्ति होती है।। उदाहरण
मंजरी विद्यालयं प्रति याति। (2018)
विद्यालयं परितः क्षेत्राणि सन्ति। (2018)
गृहं परितः उद्यानम् अस्ति। (2018)
मम ग्रामम् निकषा नदी वहति (2017)
बिलग्रामं निकषा गंगा प्रवहति (2016)
विद्यालयम् परितः (2016)
ग्रामम् परितः क्षेत्राणि सन्ति (2016)
कार्यालयम् अभितः भवनानि सन्ति (2016)
ग्रामम् अमितः वृक्षा सन्ति (2016)
विद्यालयं निकषा जलाशयः अस्ति। (2017, 16, 13, 12, 10)
ग्रामम् समया नदी अस्ति।   (2013, 10)
गुरु शिष्यान् प्रति कृपालु अस्ति।   (2014, 10)
ग्रामं परितः उपवनानि सन्ति।   (2014, 10)
नदी अभितः क्षेत्राणि सन्ति।   (2014)
विद्यालयं उभयतः हरिताः वृक्षाः सन्ति।   (2011, 10)
ग्रामं अभितः वृक्षाः सन्ति।   (2014, 12, 11)
हा ! कृष्णाभक्तम्।
ग्रामं निकषा नदी वहति।   (2018, 10)
ग्रामं निकषा वाटिका अस्ति।   (2010)
पुष्पं परितः भ्रमराः सन्ति।
वणिक धनं प्रति आसक्तः अस्ति।
माधवी विद्यालयं प्रति याति।
कूपं परितः जनाः तिष्ठन्ति।   (2012)
बुभुक्षितं न प्रति भाति किञ्चित्।
नदीं समया पशवः सन्ति।
विद्यालयं परितः वनम् अस्ति।   (2011)
विद्यालयं परितः उद्यान्नमस्ति।   (2018, 13, 10)
आश्रमम् अभितः वनम् अस्ति।   (2011)
लंकाम् निकषा।
हा! दुष्टम्।   (2012)
तडागम् परितः वृक्षाः सन्ति।
राधा नगरं प्रति गछति।   (2011)
सीता भवनं प्रति गच्छति।
कृष्णं परितः गावः सन्ति।   (2013)
मन्दिरम् निकषा वाटिका अस्ति।
साण्डी दुर्गम् अमितः परिखा अस्ति।
हा! शठम्।। हा! हा! गताः किल वनम्।
शिक्षकः कक्षाम् प्रति गच्छति।   (2015)

3. तृतीया विभक्ति
(सूत्र 1 येनाङ्गविकारः) शरीर के अंगों में विकृति दिखाई पड़ने पर विकृत अंग के वाचक शब्द में तृतीया विभक्ति होती है।
उदाहरण
इयं बालिका पार्दन खजः अस्ति।   (2018)
सः कर्णेन बधिरः अस्ति।   (2018)
सुशीलाः कर्णाभ्याम् बधिशः अस्ति।   (2018)
भिक्षुकः कर्णेन बधिरः अस्ति।   (2018)
उपाध्यायः छात्रैः समं स्नाति।   (2018)
मोहनः कर्णाश्याम बधिरः अस्ति   (2017)
सः पार्दन खः   (2016)
दिलीपः शिरसा खल्वाटः   (2016)
अक्ष्णा काणः   (2016)
नेत्रेण काण:   (2016)
सः पादेन खञ्जः अस्ति।   (2018, 16, 15)
भिक्षुकः पादेन खजः अस्ति।   (2017, 16, 15)
भिक्षुकः नेत्रेण काणः अस्ति।   (2014)
सः शिरसा खल्वाटः अस्ति।   (2018, 14, 13, 12, 10)
सुरेशः शिरसा खल्वार्टः अस्ति।   (2015)
मन्थरा कट्या कुब्ज़ा आसीत्।   (2013)
दिनेशः पादेन खजः अस्ति।   (2013, 12, 11, 10)
देवदतः अक्ष्णाः काणः।     (204, 13, 10)
राजकुमारः कर्णेन वधिरः। (2012, 11, 10)
मोहनः शिरसा खल्वाटोऽस्ति।   (2012)
गिरिधरः कर्णेन वधिरः अस्ति।   (2012)
अयं छात्र पादेन खञ्जः अस्ति।
सुरेशः पृष्ठेन कुब्जः अस्ति।
सा वृद्धा कर्णाभ्याम् बघिरा अस्ति।
रमेशः नेत्रेण काणः।।   (2013, 12, 11, 10)
कट्या वक्रः   (2016)

(सूत्र 2 सहयुक्तेऽप्रधाने) सह, साकम्, सार्धम्, समम् के साथ वाले शब्दों में तृतीया विभक्ति होती हैं।
उदाहरण
छात्रा; अध्यापकैन सह क्रीडन्ति   (2016)
अहमपि त्वया साधं यास्यामि   (2016)
रामेण सह सीता वनं अगच्छत्।   (2015)
माता पुत्रेण साकं श्वः आगमिष्यति।   (2014, 12, 11)
सः बालिकाभिः सह कन्दुकं क्रीडति।   (2010)
गुरुणा सह शिष्यः अपि आगच्छति।   (2013, 12)
सः पुत्रेण सह आगतः।   (2011)
रामेण सह मोहनः गच्छति।   (2014)
रामः लक्ष्मणेन सह वनम् अगच्छत्।   (2012)
पित्रा सह पुत्रः गच्छति।   (2014)
पुत्रेण सह पिता गच्छति।   (2013, 12, 11)
बालिकाभिः सह जननी गृहं गच्छति।   (2010)
सः मया सह कदापि न गच्छति।
पुत्री मात्रा सह आपणं गच्छति।   (2010)
हरिणा सह राधा नृत्यति।   (2013)
शिक्षकैः समम्।
लक्ष्मणोऽपि रामेण सह वनम् गतवान्।

(सूत्र 3 प्रकृत्यादिभ्य उपसंख्यानम्) प्रकृति (स्वभाव) आदि क्रिया-विशेषण शब्दों में तृतीया वि-भक्ति होती है। उदाहरण-
अस्माकं प्रधानाचार्यः प्रकृत्या सज्जनः अस्ति।   (2011)
देवदत्तः जलैन मुखं प्रक्षालयति।   (2011)
प्रकृत्या साधुः।

4. चतुर्थी विभक्ति
(सूत्र-नमः स्वरितस्वाहास्वधाऽलंवषयोगाच्य) नमः, स्वस्ति, स्वाहा, स्वधा, अलम्, वषट् शब्दों के योग में चतुर्थी विभक्ति होती है।
उदाहरण
खलाः सदा सज्जनेभ्यः असूयन्ति।   (2018)
विष्णवे नमः।   (2018)
प्रजाभ्य स्वस्ति।   (2018)
हनुमते नमः सीतायै नमः   (2017, 16)
श्री गुरवे नमः कृष्णाय नमः   (2016)
दानार्थे चतुर्थी   (2016)
माता पुत्राय फलानि यच्छन्ति   (2016)
श्री गणेशाय नमः।   (2018, 15, 14, 13, 11, 10)
इन्द्राय वषट्।   (2013, 10)
आग्नये स्वाहा।   (2014, 12, 10)
रामाय नमः।   (2014, 12, 11, 10)
कृष्णाय नमः।   (2016, 14, 12, 11, 10)
गुरुवे नमः।   (2017, 16, 12)
पितृभ्यः स्वधा।   (2013, 11)
प्रजाभ्यः स्वस्ति।   (2013, 12, 11)
दैत्येभ्यः हरिः अलम्।
स्वस्ति तुम्यम्।   (2012)
नमो भगवते वासुदेवाय।   (2013, 12, 10)
इन्द्राय स्वाहा।   (2013, 12, 11)
तस्मै श्रीगुरुवे नमः।   (2012)
देवेभ्यः स्वाहा।
राधावल्लभाय नमः।   (2011)
पुत्राय स्वस्ति।   (2013)
अलं मल्लो मल्लाया
सूर्याय स्वाहा।
स्वस्ति भवते।
गुरुभ्यः नमः।   (2011)
हनुमते नमः।   (2014)
दुर्गादेव्यै नमः।
नमः शिवाय।
वाह्मणाय नमः।
नाः व्यासाय।
गणपतये स्वाहा।   (2012, 11)
दुग्धं बालकाय अस्ति।
तस्मै स्वधा।
हरये नमः।

5. पञ्चमी विभक्ति
(सूत्र ध्रुवमपायेऽपादानम्) किसी वस्तु का ध्रुव (निश्चित) वस्तु से स्थायी अलगाव अपादान कहलाता है। ‘अपादाने पञ्चमी’ सूत्रानुसार अपादान में पञ्चमी विभक्ति होती है।
उदाहरण
सः कूपात जलम आनयति।   (2018)
सः अद्य सौपानात् अपतत्।   (2018)
वृक्षात् फलानि पतन्ति।   (2014)
वृक्षात् फलं पतति।।   (2014)
वृक्षात् पतितं फलं आनेय।
दिनेशः विद्यालयात् आगच्छति।

6. षष्ठी विभक्ति
(सूत्र षष्ठी शेषे) कारक एवं प्रातिपदिकार्थ से भिन्न स्वस्यामिभाव आदि सम्बन्ध ‘शेष’ होने पर धष्ठी विभक्ति होती हैं।
उदाहरण
कवीनां कालिदासः श्रेष्ठ   (2018)
सुग्रीवः रामस्य सखा आसीत्।   (2016)
रामायणस्य कथा   (2016)
रामस्य गृहं अस्ति।   (2015)
कृष्णस्य पिता वासुदेवः।   (2014, 11)
सुदामा कृष्णस्य मित्रं आसीत्।   (2013)
छात्रस्य पुस्तकम् अस्ति।।   (2014)
सुवर्णस्य आभूषणम् बहुमूल्यम् अस्ति।   (2015)
सुग्रीवस्य भ्राता बालिः आसीत्।   (2010)
गङ्गायाः उदकम् ।।   (2013)
राज्ञः पुत्रः।।

7. सप्तमी विभक्ति/घष्ठी विभक्ति
(सूत्र 1 यतश्च निर्धारणम्) किसी वस्तु की अपने समुदाय से किसी विशेषण द्वारा कोई विशिष्टता दिखाई जाने पर समुदायवाचक शब्द में घष्ठी अथवा सप्तमी विभक्ति होती है।
उदाहरण
छत्रेषु रामः श्रेष्ठः।।   (2018)
छात्रासु मंजरी श्रेष्ठा   (2016)
नगरेषु प्रयागः श्रेष्ठ अस्ति।  (2016)
छात्रेषु रामः श्रेष्ठतम्ः अस्ति।
छात्रेषु आशीष श्रेष्ठः।
बालकेषु अरविन्दः श्रेष्ठः।।   (2014, 13, 12, 11, 10)
छात्रासु रत्ना श्रेष्ठा।   (2010)
पुस्तकेषु गीता श्रेष्ठा।   (2017)
कविषु कालिदासः श्रेष्ठः।
काव्येषु नाटकं रम्यम्।   (2014, 12)
गवां वा कृष्णा बहुक्षीरा।   (2014, 12)
रित्सु गङ्गा श्रेष्ठा।   (2011)
बालिकासु लता श्रेष्ठा।   (2014)
छात्रेषु मोहनः बुद्धिमान् अस्ति।   (2011)
ललिताः बालिकानां श्रेष्ठा अस्ति।   (2012)
गवां कपिला श्रेष्ठा।   (2011)
छात्राणां कृष्णः पटुः।
छात्रेषु अनिलः श्रेष्ठः।
छात्रेषु अरविन्दः श्रेष्ठः।   (2017)
छात्राणां वा मैत्रः पटुः।   (2010)
रामः सर्वेषां श्रेष्ठः।
दिलीपः नरेषु श्रेष्ठः आसीत्।
अश्वेषु श्वेतः श्रेष्ठः।

(सूत्र 2 सप्तम्यधिकरणे च) अधिकरण (कारक) में सप्तमी विभक्ति होती है।
उदाहरण
पात्रे जलम् अस्ति। (2014)

बहविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित में रेखांकित पदों में विभक्ति चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
अहं गृहं गच्छामि।।
(क) प्रथमा
(ख) तृतीया
(ग) चतुर्थी
(घ) द्वितीया

प्रश्न2.
वृक्षात पत्राणि पतन्ति।
(क) तृतीया
(ख) पञ्चमी
(ग) द्वितीया
(घ) चतुर्थी

प्रश्न 3.
व्याधः मृगं शरेण अघ्नत्।।
(क) द्वितीया
(ख) सप्तमी
(ग) चतुर्थी
(घ) तृतीया

प्रश्न 4.
बालकाय मोदकं देहि।।
(क) तृतीया
(ख) चतुर्थी
(ग) पञ्चमी
(घ) षष्ठी

प्रश्न 5.
सः हस्तेन पत्रं लिखति।।
(क) तृतीया
(ख) द्वितीया
(ग) चतुर्थी।
(घ) पञ्चमी

प्रश्न 6.
बालिका उद्यानात पुष्पाणि आनयति।
(क) षष्ठी
(ख) सप्तमी
(ग) चतुर्थी
(घ) पञ्चमी

प्रश्न 7.
रामः पुस्तकं पठति।
(क) प्रथमा
(ख) तृतीया
(ग) षष्ठी
(घ) सप्तमी

प्रश्न 8.
इयं रामस्य पुस्तकम् अस्ति।
(क) पञ्चमी
(ख) षष्ठी
(ग) सप्तमी
(घ) पञ्चमी

प्रश्न 9.
अयोध्यायाः नृप दशरथः आसीत्।
(क) तृतीया
(ख) पञ्चमी
(ग) षष्ठीं
(घ) सप्तमी

प्रश्न 10.
पुस्तकं काष्ठपटले अस्ति।
(क) द्वितीया
(ख) तृतीया
(ग) सप्तमी
(घ) षष्ठी

प्रश्न 11.
रमायाः भ्राता विनयः तत्र अस्ति।
(क) पञ्चमी
(ख) षष्ठी
(ग) सप्तमी
(घ) चतुर्थी

प्रश्न 12.
शिशवे मोदकं रोचते।।
(क) चतुर्थी
(ख) द्वितीया
(ग) तृतीया
(घ) पञ्चमी

प्रश्न 13.
वृक्षे चटकाः सन्ति
(क) षष्ठी
(ख) पञ्चमी
(ग) चतुर्थी
(घ) सप्तमी

प्रश्न 14.
मोहनः आपणात् फलानि आनयति।
(क) द्वितीया
(ख) तृतीया
(ग) पञ्चमी
(घ) षष्ठी

प्रश्न 15.
विद्यालयं परितः वृक्षाः सन्ति।
(क) द्वितीया
(ख) तृतीया
(ग) पञ्चमी
(घ) षष्ठी

प्रश्न 16.
बालकाः कन्दुकेन क्रीडन्ति।
(क) प्रथमा
(ख) तृतीया
(ग) द्वितीया
(घ) षष्ठी

प्रश्न 17.
मनोहरः अक्ष्णा काणः अस्ति।
(क) तृतीया
(ख) पञ्चमी
(ग) द्वितीया
(घ) चतुर्थी

प्रश्न 18.
रजकः गदर्भ दण्डेन ताडयति।
(क) द्वितीया
(ख) पञ्चमी
(ग) तृतीया
(घ) षष्ठी

प्रश्न 19.
त्वं कस्मिन् विद्यालये पठसि?
(क) सप्तमी
(ख) पञ्चमी
(ग) षष्ठी
(घ) चतुर्थी

प्रश्न 20.
महिला कूपात जलम् आनयति।
(क) तृतीया
(ख) द्वितीया
(ग) पञ्चमी
(घ) षष्ठी

उत्तर

1. (घ), 2. (ख), 3. (घ), 4. (ख), 5. (क), 6. (घ), 7. (क), 8. (ख), 9. (ग), 10. (ग) , 11. (ख), 12. (क), 13. (घ), 14. (ग), 15. (क), 16. (ख), 17. (क), 18, (ग), 19. (क), 20. (ग)

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UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 14 त्रिभुज

UP Board Solutions for Class 5 Maths गिनतारा Chapter 14 त्रिभुज

तुम भी करो:

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए त्रिभुजों की भुजाओं और कोणों की नापों को अपनी कॉपी में लिखो।
नोट : विद्यार्थी स्वयं नापकर देखें।

अभ्यास

प्रश्न 1.
दिए गए चित्र में 2 ब स अ का मान ज्ञात करो।
हल:
∠ ब स अ = 180° – ( ∠स अ ब + ∠ स ब अ) (त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता है।)
= 180° – (40° + 60°) = 180° – 100° = 80°

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (पूर्ति करके)-
हल:
(क) त्रिभुज के तीनों कोणों का योगफल 180° या दो समकोण के बराबर होता है।
(ख) त्रिभुज में तीन शीर्ष होते हैं।
(ग) त्रिभुज में तीन कोण तथा तीन भुजाएँ होती हैं।
(घ) त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं का योग तीसरी भुजा से अधिक होता है।
(ङ) त्रिभुज की दो भुजाओं का अन्तर तीसरी भुजा से कम होता है।

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