UP Board Solutions for Class 10 English Grammar Knowledge of Grammar

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Board UP Board
Class Class 10
Subject English
Chapter English Grammar
Chapter Name Knowledge of Grammar
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 English Grammar Knowledge of Grammar

Section – B
Knowledge of Grammar
व्याकरण सम्बन्धी ज्ञान

Introduction
प्रत्येक भाषा के कुछ नियम होते हैं अत: उसमें एक व्यवस्था पाई जाती है। हम बिना नियमों को जाने भाषा को नहीं सीख सकते। जब हम नियमों को सीखते हैं तब हमें पता चलता है कि भाषा को लिखने और बोलने के लिए व्याकरण लिखने वालों ने (UPBoardSolutions.com) विशेष नियम बनाए हैं जिससे भाषा को लिखना और बोलना आसान हुआ है।

Objective
भाषा को बोलने के लिए व्याकरण के नियमों का ज्ञान उतना आवश्यक नहीं है जितना लिखने के लिए। यदि हम शुद्ध लिखना चाहते हैं तो हमें व्याकरण का ज्ञान अवश्य होना चाहिए।

शुद्ध शब्द और वाक्य के नियम, कारक-अव्यय की पहचान, मुहावरे-लोकोक्तियों का ज्ञान, संज्ञा-सर्वनाम-विशेषण का प्रयोग, क्रिया द्वारा वाक्यों को पूर्ण करना सन्धि-समास द्वारा शब्दों की गहराई जानना, काल-वाच्य आदि से वाक्य का निर्धारण करना—यह सब हमें भाषा के नियम सिखाते हैं, इसे ही हम व्याकरण (Grammar) कहते हैं।

व्याकरण में सबसे पहले हम वर्ण (Letters) के बारे में जानते हैं, फिर शब्द (Words) और (UPBoardSolutions.com) फिर वाक्य (Sentences)—यह एक व्यवस्था (arrangement) कहलाती है।

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Letter
जिस प्रकार हिन्दी वर्णमाला में अ, आ, इ, क, ख, ग आदि 48 वर्ण होते हैं, उसी प्रकार अंग्रेजी में A, B, C, D आदि 26 Letters (वर्ण) होते हैं, जिसके व्यवस्थित समूह को Alphabet कहते हैं। हिन्दी के स्वर (अ, आ, इ आदि) और व्यंजन (क, ख, ग आदि) के समान ही अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षरों को Vowels (स्वर) तथा Consonants (व्यंजन) दो भागों में बाँटा गया है

  1. Vowels (स्वर) – अंग्रेजी वर्णमाला में 5 स्वर होते हैं-a, e, i, o, u.
  2. Consonants (व्यंजन) – अंग्रेजी वर्णमाला में उपर्युक्त 5 स्वर (Vowels) को छोड़कर शेष सभी 21 व्यंजन (Consonants) होते हैं—b, c, d, f, g, h, j, k, l, m, n, p, q, r, s, t, v, w, x, y, z.

लिखने की दृष्टि से अक्षरों को पुनः दो भागों में बाँटा गया है

  1. Capital Letters ( बड़े अक्षर) – A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z.
  2. Small Letters (छोटे अक्षर) – a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z.

Word
Letters का ऐसा समूह, जिसका कोई निश्चित अर्थ हो, Word (शब्द) कहलाता है; जैसे
K i n g = King (राजा), B o o k = Book (पुस्तक)।
Spelling ( वर्तनी )—प्रत्येक शब्द में Letters का एक निश्चित क्रम (UPBoardSolutions.com) होता है। इस निश्चित क्रम को Spelling या वर्तनी कहते हैं। प्रत्येक शब्द की Spelling याद करना अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।

Phrase
यह Words (शब्दों) का वह समूह होता है जिसका निश्चित अर्थ होते हुए भी भाव अपूर्ण होता है तथा उसमें Verbs (क्रिया) तो होती ही नहीं, किन्तु Subject (कर्ता) पे भी सकता है और नहीं भी; जैसे—
(a) in my garden,
(b) an old woman,
(c) walking in the morning.

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वाक्यांश अर्थात् वाक्य के भाग अपने कार्य के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रयुक्त होते हैं

  1. Noun Phrase,
  2. Adjective Phrase,
  3. Verb Phrase,
  4. Adverb Phrase,
  5. Preposition Phrase,
  6. Conjunction Phrase.

Clause
यह शब्दों का वह समूह होता है जिसका निश्चित अर्थ तो होता है, किन्तु यह स्वयं अपने में एक (UPBoardSolutions.com) पूर्ण वाक्य नहीं होता बल्कि एक पूरे वाक्य को भाग होता है। इसमें एक Subject (कर्ता) तथा एक Verb (क्रिया) होता है। एक वाक्य में दो या दो से अधिक कितने भी Clauses (उपवाक्य) हो सकते हैं तथा यह Clauses किन्हीं Conjunctions से आपस में जुड़े होते हैं। निम्नलिखित वाक्यों में खड़ी लाइन के माध्यम से इन Clauses को पृथक् किया गया है

  1. When the bell rang/all the students assembled in the prayer ground.
  2. I met the man/who is an expert surgeon.
  3. He worked hard/but/he could not pass.
  4. The teacher entered the class/and/he started teaching.

Clauses (उपवाक्य) भी तीन प्रकार के होते हैं

  1. Principal clause,
  2. Subordinate clause, and
  3. Coordinate clause.

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Sentence
शब्दों के व्यवस्थित समूह से वाक्य की रचना होती है। शब्दों का वह व्यवस्थित समूह जिसमें एक Subject (कर्ता) तथा एक main verb (प्रधान क्रिया) हो और अपना पूर्ण एवं स्पष्ट अर्थ प्रकट करता हो, Sentence (वाक्य) कहलाता है।

इस प्रकार स्पष्ट है कि व्याकरण भाषा के नियमों के ज्ञान को कहते हैं। समय के अनुसार जैसे-जैसे भाषा में परिवर्तन होते हैं, व्याकरण लिखने वाले व्याकरण में थोड़ा-थोड़ा परिवर्तन कर भाषा का मानक रूप (Standard Form) स्थिर करते हैं।

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व्याकरण वह शास्त्र है जो भाषा को शुद्ध रूप से पढ़ना, लिखना, बोलना और (UPBoardSolutions.com) समझना सिखाता है। व्याकरण का विधिवत् ज्ञान होने पर विद्यार्थी शुद्ध-शुद्ध लिखना, पढ़ना जान जाते हैं और उनमें सृजनात्मक क्षमता का विकास होता है। अध्यापक बन्धु उस विषय से सम्बन्धित जानकारी का मूल्याकंन मौखिक या लिखित प्रश्न पूछकर कर सकते हैं।

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UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 11 थोक व्यापार

UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 11 थोक व्यापार are the part of UP Board Solutions for Class 10 Commerce. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 11 थोक व्यापार.

Board UP Board
Class Class 10
Subject Commerce
Chapter Chapter 11
Chapter Name थोक व्यापार
Number of Questions Solved 16
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 11 थोक व्यापार

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
“थोक व्यापारी वे विपणन व्यक्ति होते हैं, जो फुटकर व्यापारी तथा निर्माता या उत्पादक के मध्य का स्थान ग्रहण करते हैं।” यह परिभाषा किसने दी हैं?
(a) ए. एल. लार्सन
(b) एस. ई. थॉमस
(c) वेब्सटर शब्दकोश
(d) प्रो. हर्ले
उत्तर:
(d) प्रो. हले

प्रश्न 2.
थोक व्यापारी एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। (2014)
(a) फुटकर व्यापारी एवं उपभोक्ता के बीच
(b) उत्पादक एवं फुटकर व्यापारी के बीच
(C) उत्पादक एवं उपभोक्ता के बीच
(d) उपरोक्त सभी के बीच
उत्तर:
(b) उत्पादक एवं फुटकर व्यापारी के बीच

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प्रश्न 3.
थोक व्यापारी का मुख्य कार्य होता है।
(a) उत्पादन में वित्तीय सहायता प्रदान करना
(b) निर्माता का परामर्शात्मक कार्य करना
(c) माल के भण्डारण का कार्य करना
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(d) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4.
थोक व्यापार के लाभ हैं।
(a) साख सुविधाएँ प्रदान करना
(b) विशिष्टीकरण को प्रोत्साहन
(c) उत्पादकों का लाभ
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(d) उपरोक्त सभी

निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
थोक व्यापारी अपना माल किसे बेचते हैं?
उत्तर:
फुटकर व्यापारी को

प्रश्न 2.
थोक व्यापारी माल किससे खरीदते हैं?
उत्तर:
उत्पादकों से

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प्रश्न 3.
थोक व्यापारी अपने माल को कहाँ पर रखते हैं?
उत्तर:
गोदामों में

प्रश्न 4.
थोक व्यापारी वस्तुओं का  विज्ञापन करते हैं/नहीं करते हैं।
उत्तर:
करते हैं।

प्रश्न 5.
क्या उपभोक्ता थोक व्यापारी से अपनी मनपसन्द की वस्तुएँ खरीद सकता है?
उत्तर:
नहीं

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1.
थोक व्यापार क्या है? (2011)
अथवा
थोक व्यापार क्या है? इसके दो गुणों का उल्लेख कीजिए। (2013)
उत्तर:
थोक व्यापार से आशय ऐसे व्यापार से है, जिसमें व्यापारी उत्पादकों व निर्माताओं से भारी मात्रा में माल का क्रय करते हैं और उसे आवश्यकतानुसार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फुटकर व्यापारियों को बेचते हैं। थोक व्यापार निर्माता एवं (UPBoardSolutions.com) फुटकर व्यापारी के मध्य की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। इस व्यापार में एक ही वस्तु का क्रय-विक्रय किया जाता है तथा माल उधार व नकद दोनों प्रकार से बेचा जाता है। ए. एल. लार्सन के अनुसार, “थोक व्यापार में उन सब एजेन्सियों को सम्मिलित किया जाता है, जो स्थानीय बाजार तथा फुटकर व्यापारी के मध्य होने वाले क्रय-विक्रय में हाथ बँटाते हैं।” थोक व्यापार के दो गुण निम्नलिखित हैं

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  1. साख-सुविधाएँ प्रदान करना थोक व्यापारी उत्पादकों और फुटकर व्यापारियों को साख-सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
  2. वस्तुओं के संग्रह की सुविधा थोक व्यापारी माल का संग्रह करने कीसमस्या से उत्पादकों व फुटकर व्यापारियों को मुक्त करने में सक्षम होते हैं।

प्रश्न 2.
थोक व्यापारी की दो विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
थोक व्यापारी की दो विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. थोक व्यापारी मुख्यतः किसी एक ही वस्तु का व्यापार करते हैं।
  2. थोक व्यापारी की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है। यह उत्पादक से नकद माल क्रय करने में सक्षम होते हैं तथा फुटकर व्यापारियों को अधिकतर उधार माल बेचते हैं।

प्रश्न 3.
थोक व्यापारी के कोई चार कार्य बताइए।
उत्तर:
थोक व्यापारी के चार कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. पूर्वानुमान कार्य थोक व्यापारी ग्राहक की आवश्यकताओं के सम्बन्ध में पूर्वानुमान लगाने का प्रयास करते हैं।
  2. माल का संग्रहण थोक व्यापारी निर्माताओं से माल (UPBoardSolutions.com) खरीदकर अपने गोदामों में माल का संग्रहण करते हैं।
  3. वित्त प्रबन्धन थोक व्यापारी निर्माताओं व फुटकर व्यापारियों के लिए वित्त की व्यवस्था भी करते हैं।
  4. श्रेणीयन एवं उपविभाजन थोक व्यापारी माल को अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित कर, उसको पैक करवाते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1.
क्या थोक व्यापारी को हटाया जा सकता है? चार कारण दीजिए। (2017)
अथवा
थोक व्यापारी के दोष बताइए।
उत्तर:
हाँ, थोक व्यापारी को हटाया जा सकता है। इसे हटाने के कारण/दोष निम्नलिखित हैं-

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  1. मूल्यों में वृद्धि थोक व्यापारियों के कारण वस्तु की कीमत में अनावश्यक वृद्धि हो जाती है, क्योंकि थोक व्यापारी की कमीशन के कारण उत्पादकों द्वारा बेचे गए माल तथा उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे गए माल की कीमत में अन्तर होता है।
  2. मनमानी शर्ते थोक व्यापारी फुटकर व्यापारियों पर मनमानी शर्ते थोपने का कार्य करते हैं तथा ये छोटे निर्माताओं से मनमानी शर्तों पर माल क्रय करते हैं।
  3. चोरबाजारी को बढ़ावा थोक व्यापारी वस्तुओं की कृत्रिम कमी पैदा करके वस्तु के मूल्य बढ़ाते हैं एवं चोरबाजारी को भी बढ़ावा देते हैं।
  4. निजी व्यापारिक चिह्नों का प्रयोग थोक व्यापारी निर्माताओं से माल क्रय (UPBoardSolutions.com) करके उस पर अपने चिह्न लगाकर ग्राहकों को बेचते हैं। इस प्रकार एकाधिकार से उपभोक्ताओं का शोषण होता है।
  5. केवल लोकप्रिय वस्तुओं का ही विक्रय थोक व्यापारी अधिक लोकप्रिय व तुरन्त बिकने वाली वस्तुओं को ही बेचते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (8 अंक)

प्रश्न 1.
थोक व्यापारी से आप क्या समझते हैं? थोक व्यापारी की विशेषताओं तथा कार्यों का वर्णन कीजिए। (2006)
उत्तर:
थोक व्यापारी ऐसे व्यापारी होते हैं, जो उत्पादकों व निर्माताओं से भारी मात्रा में माल का क्रय करते हैं और उसे आवश्यकतानुसार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फुटकर व्यापारियों को बेचते हैं। यह निर्माता एवं फुटकर व्यापारी के मध्य की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी होते हैं। प्रो. हलें के अनुसार, “थोक व्यापारी वे विपणन व्यक्ति होते हैं, जो फुटकर व्यापारी तथा निर्माता या उत्पादक के मध्य का स्थान ग्रहण करते हैं।

वेब्सटर शब्दकोश के अनुसार, “थोक व्यापारी एक मध्यस्थ है, जो मुख्यतः फुटकर व्यापारियों, औद्योगिक संस्थाओं या व्यापारिक व्यवहार करने वालों के हाथ पुनः विक्रय के उद्देश्य से अथवा व्यवहार के लिए विक्रय करता है।’ एस. ई. थॉमस के अनुसार, “थोक व्यापारी ऐसा व्यापारी है, जो उत्पादकों से बड़ी मात्रा में माल खरीदकर फुटकर व्यापारियों को सुविधाजनक मात्रा में पुनः बिक्री करता है।”

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थोक व्यापारी की विशेषताएँ थोक व्यापारी की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. एक ही वस्तु का व्यापार थोक व्यापारी मुख्यत: किसी एक ही वस्तु का व्यापार करते हैं।
  2. मजबूत आर्थिक स्थिति थोक व्यापारी की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी होती है। यह उत्पादक से प्रायः नकद में माल क्रय करने में सक्षम होते हैं तथा फुटकर व्यापारियों को अधिकतर उधार माल बेचते हैं।
  3. बड़ी मात्रा में माल क्रय करना थोक व्यापारी की प्रमुख विशेषता यह है कि ये बड़ी मात्रा में माल खरीदकर, इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फुटकर व्यापारियों को बेचते हैं।
  4. उत्पादकों से माल क्रय करना थोक व्यापारी सीधे ही उत्पादकों से बड़ी मात्रा में माल क्रय करते हैं।
  5. महत्त्वपूर्ण कड़ी थोक व्यापारी न तो उत्पादक होते हैं और (UPBoardSolutions.com) न ही फुटकर व्यापारी होते हैं। यह निर्माता और फुटकर व्यापारी के मध्य की महत्त्वपूर्ण कड़ी होते हैं।
  6. मूल्य-निर्धारण थोक व्यापारी अधिक मात्रा में माल खरीदकर उनकी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पैकिंग बनाकर माल के मूल्य भी निर्धारित करते हैं।
  7. मूल्य नियन्त्रण थोक व्यापारी माँग और पूर्ति की आवश्यकतानुसार भाल को स्टॉक रखते हैं और माँग के अनुसार माल को बेचते हैं। इस प्रकार वह मूल्य नियन्त्रण में भी सहायक होते हैं।
  8. व्यापक व्यापारिक क्षेत्र थोक व्यापारी को व्यापारिक क्षेत्र व्यापक होता है। ये विज्ञापन पर अधिक एवं दुकान की सजावट पर कम ध्यान देते हैं।

थोक व्यापारी के कार्य थोक व्यापारी के निम्नलिखित कार्य हैं-

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  1. पूर्वानुमान कार्य थोक व्यापारी फुटकर व्यापारियों से सम्पर्क करके पहले बाजार विशेष के ग्राहकों की आवश्यकताओं का पूर्वानुमान लगाते हैं, फिर फुटकर व्यापारियों को उसी के अनुसार माल उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं।
  2. माल का संग्रहण थोक व्यापारी विभिन्न उत्पादकों अथवा निर्माताओं से विशिष्ट वस्तुओं को अधिक मात्रा में मँगवाकर अपने पास एकत्रित करते हैं, जिससे फुटकर व्यापारियों को उनका चुनाव करने में आसानी रहती है।
  3. वित्त प्रबन्धन थोक व्यापारी निर्माता के लिए वित्त प्रबन्धन का कार्य करते हैं। वह निर्माताओं को अग्रिम राशि भेजकर तथा फुटकर व्यापारियों को एक निश्चित समय के लिए उधार माल उपलब्ध कराकर वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।
  4. श्रेणीयन एवं उपविभाजन विभिन्न निर्माताओं से एकत्रित की गई वस्तुओं को थोक विक्रेता उनकी किस्म या गुण के अनुसार भिन्न-भिन्न श्रेणियों एवं उपविभागों में विभाजित करते हैं और फिर उन्हें उपयुक्त ब्राण्ड (चिह्न) के अनुसार पैक करा देते हैं।
  5. विज्ञापन एवं नमूनों का वितरण थोक व्यापारी अपनी ओर से वस्तु-विशेष (UPBoardSolutions.com) का विज्ञापन करवाते हैं तथा वस्तु का नि:शुल्क नमूना भी उपलब्ध करवाते हैं।
  6. जोखिम वहन करना थोक व्यापारी निर्माता से बड़ी मात्रा में माल का क्रय करते हैं एवं इस माल के विक्रय को पूरा जोखिम थोक व्यापारी ही वहन करते हैं।
  7. माल का भण्डारण थोक व्यापारी निर्माताओं से थोक में माल खरीदकर गोदामों में उसके भण्डारण का कार्य करते हैं तथा समय-समय पर फुटकर व्यापारियों को उनकी आवश्यकतानुसार माल उपलब्ध करवाते हैं।
  8. माँग व पूर्ति में सन्तुलन वस्तुओं की माँग और पूर्ति में सन्तुलन बनाए रखने में भी थोक व्यापारी की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

प्रश्न 2.
थोक व्यापारी की सेवाओं का वर्णन कीजिए। (2010)
उत्तर:
थोक व्यापारी उत्पादकों एवं फुटकर विक्रेताओं के मध्य की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी होता है। यह दोनों पक्षों के लिए महत्त्वपूर्ण है। थोक व्यापारी द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को अग्रलिखित तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है

I. उत्पादकों या निर्माताओं के प्रति सेवाएँ थोक व्यापारी की उत्पादकों या निर्माताओं के प्रति निम्नलिखित सेवाएँ हैं

  1. वित्तीय सहायता थोक व्यापारी प्रायः उत्पादकों को माल के क्रयादेश के साथ ही माल का अग्रिम भुगतान कर देते हैं। इससे निर्माता को बिना ब्याज के कार्यशील पूंजी प्राप्त हो जाती है और वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।
  2. बड़े पैमाने पर उत्पादन में सहायता थोक व्यापारियों द्वारा बड़ी मात्रा में क्रयादेश दिए जाने से उत्पादक या निर्माता बड़े पैमाने पर उत्पादन करने में सक्षम होते हैं।
  3. विज्ञापन थोक व्यापारी प्रायः निर्माताओं के माल का विज्ञापन स्वयं अपने खर्चे पर करते हैं। इससे निर्माताओं के माल की माँग बढ़ती है और विज्ञापन पर उनका अनावश्यक व्यय नहीं होता है।
  4. जोखिम वहन करना बड़ी मात्रा में माल को क्रय करके थोक व्यापारी (UPBoardSolutions.com) भविष्य में होने वाले जोखिमों को स्वयं वहन करते हैं और निर्माता इससे मुक्त रहते हैं।
  5. विक्रय में सहायता थोक व्यापारी स्वयं माल के विक्रय का प्रबन्ध करके उत्पादकों को विक्रय की चिन्ता से मुक्त कर देते हैं। इससे उत्पादकों को विक्रय में सहायता मिलती है।
  6. भण्डारण में सहायता थोक व्यापारी निर्माताओं के लिए कच्चा माल व निर्मित माल को रखने के लिए अपने गोदामों की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे निर्माताओं को भण्डारण में सहायता प्राप्त होती है।
  7. मध्यस्थ की भूमिका थोक व्यापारी उत्पादकों व फुटकर व्यापारियों के मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं।
  8. विदेशी व्यापार में सहायक थोक व्यापारी, निर्माताओं को विदेशी बाजारों के सम्बन्ध में उपयोगी जानकारी देते हैं, जिससे उन्हें विदेशों में नए-नए बाजार खोजने में सहायता मिलती है।

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II. फुटकर व्यापारियों के प्रति सेवाएँ थोक व्यापारी की फुटकर व्यापारियों के प्रति निम्नलिखित सेवाएँ हैं

  1. माल को संग्रहित करने से मुक्ति थोक व्यापारी से आवश्यकतानुसार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में वस्तुएँ उपलब्ध हो जाने से फुटकर व्यापारी को स्वयं वस्तुओं का स्टॉक रखने की आवश्यकता नहीं रहती है।
  2. साख सुविधाएँ थोक व्यापारी फुटकर व्यापारियों को माल उधार क्रय करने की सुविधा प्रदान करते हैं। इस प्रकार फुटकर व्यापारियों को तुरन्त माल उधार पर मिल जाता है।
  3. मूल्यों में स्थायित्व थोक व्यापारी अपने क्षेत्र में माँग एवं पूर्ति में सन्तुलन करके मूल्यों में स्थायित्व लाने का प्रयास करते हैं।
  4. जोखिम में कमी थोक व्यापारी माल तैयार होते ही उसे खरीदकर अपने पास रख लेते हैं, जबकि फुटकर व्यापारी आवश्यकतानुसार थोक व्यापारी से बिक्री के अनुसार माल खरीदते रहते हैं। इस प्रकार वह जोखिम से मुक्त रहते हैं।
  5. नवनिर्मित वस्तुओं की जानकारी थोक व्यापारी उत्पादकों अथवा निर्माताओं की नई-नई वस्तुओं से फुटकर व्यापारियों को परिचित कराते हैं। तथा उनकी माँग बढ़ाने के लिए प्रवर्तन कार्य करते हैं।
  6. परिवहन की सुविधा थोक व्यापारी, फुटकर व्यापारियों को परिवहन की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
  7. भिन्न-भिन्न उत्पादकों से सम्बन्ध स्थापित कराने में मुक्ति कई थोक व्यापारी (UPBoardSolutions.com) अनेक निर्माताओं का माल बेचते हैं। ऐसी स्थिति में फुटकर व्यापारी को दूर-दूर तक फैले निर्माताओं से सम्पर्क करने की आवश्यकता नहीं रहती है।
  8. संवेष्टन का लाभ थोक व्यापारी माल को अलग-अलग छाँटकर छोटे-छोटे डिब्बों में पैक कर देते हैं। इससे फुटकर व्यापारियों को पैकिंग के कार्य से मुक्ति मिलती है।

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III. समाज या उपभोक्ता के प्रति सेवाएँ थोक व्यापारी की समाज या उपभोक्ता के प्रति निम्नलिखित सेवाएँ हैं

  1. ताजे व आधुनिक माल की प्राप्ति विज्ञापन तथा विक्रय संवर्द्धन द्वारा थोक व्यापारी विभिन्न नवीन वस्तुओं व ताजा वस्तुओं की प्राप्ति उपभोक्ता को करवाने में सहायक होता है।
  2. रुचि के अनुसार वस्तुएँ उपलब्ध थोक व्यापारी अपने उत्पादकों की वस्तुएँ संग्रह करके रखते हैं। फुटकर व्यापारी ग्राहक की इच्छानुसार वस्तुएँ दुकान में रखते हैं। इससे ग्राहक को मनपसन्द माल (वस्तुएँ) सरलता से प्राप्त हो जाता है।
  3. मूल्यों में स्थायित्व थोक व्यापारी माल का संग्रह करके उसकी पूर्ति में सन्तुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं, जिससे मूल्यों में स्थायित्व रहता है।
  4. बाजार अनुसन्धान का लाभ अनेक थोक व्यापारी बाजार अनुसन्धान भी करते हैं। इससे वे समाज की आवश्यकताओं, पसन्द, नापसन्द, इच्छा, आदि का ज्ञान प्राप्त करके उत्पादक को उसी प्रकार के माल के उत्पादन की सलाह देते हैं।
  5. उचित मूल्य थोक व्यापारी कम लाभ पर वस्तुओं का विक्रय करते हैं (UPBoardSolutions.com) और कभी-कभी फुटकर व्यापारियों द्वारा लिए जाने वाले माल के मूल्यों पर भी नियन्त्रण रखते हैं। इससे उपभोक्ता को वस्तुएँ उचित मूल्य पर प्राप्त हो जाती हैं।
  6. पैकिंग का लाभ थोक व्यापारी वस्तुओं को भार एवं माप के अनुसार सुविधाजनक इकाइयों में बाँटकर उनकी पैकिंग करते हैं, जिससे उपभोक्ता द्वारा वस्तुएँ आसानी से उपयोग में लाने में सहायता मिलती है।
  7. समान मूल्य एक क्षेत्र में निर्माता द्वारा एक ही थोक व्यापारी नियुक्त किया जाता है, जो सभी फुटकर व्यापारियों को समान मूल्य पर वस्तुएँ वितरित करता है।
  8. वस्तुओं की आसानी से उपलब्धि थोक व्यापारियों के अभाव में फुटकर व्यापारी उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकता की वस्तुएँ उपलब्ध नहीं करवा सकते हैं। थोक व्यापारी विभिन्न निर्माताओं की विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ फुटकर व्यापारियों को उपलब्ध कराकर उपभोक्ता को आसानी से वस्तु उपलब्ध करवाते हैं।

प्रश्न 3.
थोक व्यापारी किसे कहते हैं? इसके गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
थोक व्यापारी से आशय
थोक व्यापारी ऐसे व्यापारी होते हैं, जो उत्पादकों व निर्माताओं से भारी मात्रा में माल का क्रय करते हैं और उसे आवश्यकतानुसार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फुटकर व्यापारियों को बेचते हैं। यह निर्माता एवं फुटकर व्यापारी के मध्य की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी होते हैं। प्रो. हलें के अनुसार, “थोक व्यापारी वे विपणन व्यक्ति होते हैं, जो फुटकर व्यापारी तथा निर्माता या उत्पादक के मध्य का स्थान ग्रहण करते हैं।

वेब्सटर शब्दकोश के अनुसार, “थोक व्यापारी एक मध्यस्थ है, जो मुख्यतः फुटकर व्यापारियों, औद्योगिक संस्थाओं या व्यापारिक व्यवहार करने वालों के हाथ पुनः विक्रय के उद्देश्य से अथवा व्यवहार के लिए विक्रय करता है।’ एस. ई. थॉमस के अनुसार, “थोक व्यापारी ऐसा व्यापारी है, जो उत्पादकों से बड़ी मात्रा में माल खरीदकर फुटकर व्यापारियों को सुविधाजनक मात्रा में पुनः बिक्री करता है।”

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थोक व्यापारी के गुण थोक व्यापारी के निम्नलिखित गुण हैं

  1. साख सुविधाएँ प्रदान करना थोक व्यापारी उत्पादकों को अग्रिम भुगतानकरके तथा फुटकर व्यापारियों को उधार माल बेचकर आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं।
  2. वस्तुओं के संग्रह की सुविधा थोक व्यापारी माल का संग्रह करके रखने की समस्या से भी उत्पादकों एवं फुटकर व्यापारियों को मुक्त करते हैं।
  3. जोखिम से मुक्ति थोक व्यापारी निर्माता या उत्पादक से वस्तुओं को (UPBoardSolutions.com) नकद में खरीदते हैं, जिससे उत्पादकों को मूल्यों के घट जाने अथवा किसी अन्य कारण से हानि की कोई जोखिम नहीं रहती है।
  4. विशिष्टीकरण को प्रोत्साहन थोक व्यापारी उत्पादकों को उपभोक्ताओं की माँग व रुचि के विषय में अवगत कराते हैं, जिससे माँग के अनुसार उत्पादन किया जाता है।
  5. बड़े पैमाने पर उत्पादन के लाभ थोक व्यापारी उत्पादकों से अधिक मात्रा में माल का क्रय करते हैं। इससे उत्पादकों को उत्पादित माल के वितरण की समस्या नहीं होती तथा उत्पादन लगातार बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।
  6. मूल्य-निर्धारण में सहायक थोक व्यापारी मूल्य को निर्धारित करने में अत्यन्त सहायक होते हैं।
  7. माल परिवहन में सहायता थोक व्यापारी अपने फुटकर व्यापारियों को माल की सुपुर्दगी उनकी दुकानों पर ही करवाते हैं। इससे फुटकर व्यापारी अपने द्वारा क्रय किए गए माल के परिवहन के खर्चे से बच जाते हैं।
  8. भावी माँग का अनुमान थोक व्यापारी भावी माँग का अनुमान लगाकर उत्पादक को उत्पादन निरन्तरता में सहायता करते हैं।

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थोक व्यापारी के दोष थोक व्यापारी के दोष निम्नलिखित हैं

  1. मूल्यों में वृद्धि थोक व्यापारी के कारण वस्तु की कीमत में अनावश्यक रूप से वद्धि हो जाती है।
  2. मनमानी शर्ते थोक व्यापारी एक ओर तो छोटे निर्माताओं से मनमानी शर्तों पर माल क्रय करते हैं और दूसरी ओर प्रतिष्ठित निर्माताओं के माल का विक्रय करते समय फुटकर व्यापारियों पर मनमानी शर्ते थोपने का कार्य भी करते हैं।
  3. चोरबाजारी को बढ़ावा थोक व्यापारी वस्तुओं की कृत्रिम कमी पैदा करके वस्तु के मूल्य बढ़ाते रहते हैं, जिससे चोरबाजारी की सम्भावना भी बढ़ती है।
  4. निजी व्यापारिक चिह्नों का प्रयोग थोक व्यापारी निर्माताओं से माल क्रय करके उस पर अपने चिह्न लगाकर ग्राहकों को बेचते हैं। इस प्रकार एकाधिकार से उपभोक्ताओं का शोषण होता है।
  5. केवल लोकप्रिय वस्तुओं को ही विक्रय थोक व्यापारी केवल अधिक लोकप्रिय (UPBoardSolutions.com) व तुरन्त बिकने वाली वस्तुओं को ही बेचते हैं।
  6. वस्तुओं में मिलावट कुछ थोक व्यापारी खाद्य वस्तुओं में मिलावट करके बेचते हैं। ये अधिक लाभ कमाने के लिए उपभोक्ता के स्वास्थ्य से धोखेबाजी करते हैं।

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UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 10 देशी व्यापार

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Class Class 10
Subject Commerce
Chapter Chapter 10
Chapter Name देशी व्यापार
Number of Questions Solved 15
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 10 देशी व्यापार

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मध्य किया जाने वाला व्यापार कहलाता है।
(a) विदेशी व्यापार
(b) देशी व्यापार
(c) थोक व्यापार
(d) फुटकर व्यापार
उत्तर:
(b) देशी व्यापार

प्रश्न 2.
पूछताछ के पत्र के उत्तर में प्राप्त होने वाला पत्र कहलाता है।
(a) निर्ख-पत्र
(b) सूचना पत्र
(c) आदेश-पत्र
(d) व्यापारिक पत्र
उत्तर:
(a) निर्ख-पत्र

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प्रश्न 3.
रेलवे बिल्टी प्रलेख है।
(a) पूर्ण विनिमय साध्य
(b) विनिमय साध्य
(c) अर्द्ध-विनिमय साध्य
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) अर्द्ध-विनिमय साध्य

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन-सी क्रिया व्यवसाय नहीं है? (2017)
(a) निर्माण
(b) ठेका कार्य
(c) सामाजिक सेवा
(d) अंशों में व्यवसाय
उत्तर:
(b) ठेका कार्य

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निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
एक ही देश के दो राज्यों के मध्य होने वाले व्यापार को क्या कहते हैं?
उत्तर:
अन्तर्राज्यीय व्यापार

प्रश्न 2.
क्या व्यापारिक सौदों का शुभारम्भ पूछताछ से होता है?
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 3.
मालगाड़ी द्वारा माल भेजने पर कौन-सा प्रपत्र भरना होता है?
उत्तर:
कन्साइनमेण्ट नोट (प्रेषण-पत्र)

प्रश्न 4.
रेलवे बिल्टी खो जाने पर कौन-सा फॉर्म भरना पड़ता है?
उत्तर:
क्षतिपूर्ति अनुबन्ध

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1.
देशी व्यापार किसे कहते हैं? इसके दो प्रकारों का उल्लेख कीजिए। (2012)
उत्तर:
जब एक ही देश में रहने वाले दो व्यक्ति किसेतु के क्रेता (UPBoardSolutions.com) और विक्रेता हों, तो ऐसे व्यक्तियों के मध्य किए जाने वाले व्यापार को ‘देशी व्यापार’ कहते हैं। देशी व्यापार के दो प्रकार निम्नलिखित हैं

  1. स्थानीय व्यापार ऐसा व्यापार, जो किसी स्थान-विशेष में ही सीमित होता है, स्थानीय व्यापार कहलाता है।
  2. राज्यीय व्यापार ऐसा व्यापार, जो किसी राज्य-विशेष की सीमाओं तक ही सीमित होता है, राज्यीय व्यापार कहलाता है।

प्रश्न 2.
देशी व्यापार और विदेशी व्यापार में कोई दो अन्तर लिखिए। (2014)
उत्तर:
देशी व्यापार और विदेशी व्यापार में अन्तर
UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 10 देशी व्यापार

प्रश्न 3.
विदेशी व्यापार क्या है? इसके दो प्रकारों का उल्लेख कीजिए। (2013)
उत्तर:
विदेशी व्यापार दो अलग-अलग देशों के मध्य किया जाने वाला व्यापार विदेशी व्यापार कहलाता है जैसे-भारत तथा अमेरिका के मध्य होने वाला व्यापार।

विदेशी व्यापार को निम्नलिखित दो प्रकारों में बाँटा जा सकता है

  1. आयात व्यापार जब एक देश दूसरे देश से आवश्यकता (UPBoardSolutions.com) की वस्तुएँ क्रय करता है, तो उनके मध्य किए जाने वाले व्यापार को आयात व्यापार कहते हैं।
  2. निर्यात व्यापार जब एक देश दूसरे देश को आवश्यकता की वस्तुएँ विक्रय करता है, तो उनके मध्य किए जाने वाले व्यापार को निर्यात व्यापार कहते हैं।

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प्रश्न 4.
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य होने वाले व्यापार का नाम बताइए तथा इसे परिभाषित कीजिए। (2014)
उत्तर:
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य किए जाने वाले व्यापार को विदेशी व्यापार के नाम से जाना जाता है। प्रो. बेस्टेबिल के अनुसार, “सामाजिक विज्ञान के दृष्टिकोण से अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार विभिन्न समुदाओं के बीच होने वाला व्यापार है अर्थात् यह (UPBoardSolutions.com) उन विभिन्न सामाजिक संगठनों के बीच होने वाला व्यापार है, जिन्हें समाजशास्त्र अपने अन्वेषण का क्षेत्र मानता है।’ फेडरिक लिस्ट के अनुसार, “आन्तरिक व्यापार हमारे बीच है तथा विदेश व्यापार हमारे और उनके (दूसरे देशों के) बीचद्धबीच होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1.
व्यापार तथा वाणिज्य में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
व्यापार तथा वाणिज्य में अन्तर
UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 10 देशी व्यापार

प्रश्न 2.
रेलवे रसीद या बिल्टी (R/R-Railway Receipt) से आप क्या समझते हैं? रेलवे बिल्टी के लाभ बताइए।
उत्तर:
जब माल रेल द्वारा भेजा जाता है, तो रेलवे के अधिकारी उसकी जाँच करने के पश्चात् उसके प्रेषणकर्ता को एक रसीद देते हैं, जिसे रेलवे रसीद या बिल्टी (Railway Receipt) कहा जाता है। इस रेलवे रसीद के द्वारा यह प्रमाणित किया जा सकता है कि माल रेलवे (UPBoardSolutions.com) अधिकारी को सौंप दिया गया है। गन्तव्य स्थान पर माल को प्राप्त करने के लिए इस रसीद की आवश्यकता होती है। इस रसीद को रेलवे अधिकारी प्राप्त करके माल को उसके स्वामी को लौटा देते हैं। इस रसीद में निम्नलिखित विवरण लिखा होता है-

  1. माल भेजने वाले का नाम व पता
  2. माल का प्रेषण करने वाले स्टेशन का नाम
  3. गन्तव्य स्टेशन का नाम
  4. माल का विवरण
  5. माल पाने वाले का नाम व पता
  6. माल का तौल
  7. यह तथ्य कि भाड़ा चुका दिया गया है या अभी प्राप्त करना है

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इस रेलवे रसीद में उपरोक्त सभी शर्तों का विवरण, क्रम संख्या व रेलवे अधिकारी के हस्ताक्षर भी होते हैं। इस रसीद को दिखाकर रेलवे द्वारा आए हुए माल की सुपुर्दगी ली जा सकती है। रेलवे रसीद के लाभ निम्नलिखित हैं-

  1. अनुबन्ध यह रेलवे और माल के प्रेषक के मध्य माल ले जाने का अनुबन्ध होता है।
  2. लिखित प्रमाण यह रेलवे द्वारा माल प्राप्त करने का लिखित प्रमाण होता है।
  3. प्रतिभूति इसको प्रतिभूति के रूप में रखकर ऋण प्राप्त किया जा सकता है।
  4. अधिकार-पत्र इसके द्वारा माल को छुड़ाया या उस पर अधिकार प्राप्त किया जा सकता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (8 अंक)

प्रश्न 1.
देशी व्यापार किसे कहते हैं? देशी व्यापार के सौदे की गतिविधियों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
देशी व्यापार का क्षेत्र अथवा देशी व्यापार के सौदे की गतिविधि

1. पूछताछ-पत्र प्रत्येक क्रेता व्यापारी माल के क्रय से पहले अनेक विक्रेता व्यापारियों से माल के विषय में पूछताछ करता है। यदि विक्रेता व्यापारी स्थानीय होता है, तो भाव की पूछताछ मौखिक रूप से या टेलीफोन के द्वारा की जा सकती है। यदि विक्रेता (UPBoardSolutions.com) व्यापारी दूर का होता है, तो यह जानकारी पत्राचार के माध्यम से प्राप्त करते हैं। पूछताछ में माल की किस्म, व्यापारिक छूट, सुपुर्दगी का ढंग व भुगतान की शर्ते, वस्तु की किस्म, आदि के बारे में तुलना की जाती है।

2. निर्ण-पत्र या कोटेशन किसी क्रेता व्यापारी से पूछताछ का पत्र प्राप्त होने पर विक्रेता व्यापारी को उसके उत्तर में वस्तुओं की मूल्य सूची भेजनी होती है, इस तरह के पत्र को निर्व-पत्र (Quotation) कहा जाता है। इसमें वस्तु की किस्म, भुगतान की शर्ते, मूल्य, छूट, माल की सुपुर्दगी, आदि बातों को पूर्ण विवरण लिखा होता है।

3. माल के लिए आदेश देना सभी व्यापारियों से मूल्य सूचियाँ या निर्ख-पत्र प्राप्तहोने पर उनका आपस में मिलान कर लिया जाता है तथा जिस व्यापारी का माल उत्तम व कम मूल्य का होता है, उस व्यापारी से वस्तु क्रय करने का निर्णय लिया जाता है। माल क्रय करने का आदेश मौखिक या पत्र के माध्यम से दियाजाता है।

4. आदेश-पत्र की प्राप्ति की सूचना यदि विक्रेता व्यापारी को किसी क्रेता व्यापारी से माल के क्रय का आदेश मिलता है, तो इसकी सूचना क्रेता (ग्राहक) को देनी होती है। इससे क्रेता को आश्वासन हो जाता है कि विक्रेता व्यापारी द्वारा उसके आदेश पर उचित ध्यान दिया जा रहा है।

5. माल उधार देना माल की आदेश-प्राप्ति के समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि माल उधार खरीदा जा रहा है अथवा नकद। यदि माल नकद खरीदा जाता है, तो कोई परेशानी नहीं रहती, किन्तु यदि उधार माल खरीदने का आदेश हो, तो ग्राहक की आर्थिक स्थिति के बारे में अवश्य जान लेना चाहिए। इस सन्दर्भ में प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम भी पूछ लेने चाहिए और उसकी पिछली आर्थिक व व्यापारिक गतिविधियों को भी ध्यान में रखते हुए माल को विक्रय करने का निर्णय लेना चाहिए।

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6. माल का संग्रह एवं संवेष्टन ग्राहक की आर्थिक स्थिति से सन्तुष्ट हो जाने के बाद माल भेजने की तैयारी करनी चाहिए। माल आदेश-पत्र के अनुसार होना चाहिए। माल का मिलान करके इसे पैकिंग के लिए भेजा जाता है। इसकी पैकिंग वस्तु की किस्म के (UPBoardSolutions.com) अनुसार करनी चाहिए। माल के पैकेटों पर आवश्यक निर्देश भी लिख देने चाहिए। पैकिंग पर ग्राहक का नाम व मार्क आदि भी लिख देने चाहिए।

7. माल भेजना माल की पैकिंग हो जाने पर इसे भेजने की व्यवस्था करनी होती है। माल को उसकी प्रकृति व मार्ग की दूरी को ध्यान में रखते हुए साधन का चुनाव करना चाहिए, जैसे-सड़क वाहन, रेलवे, वायुयान, जलयान, आदि।

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UP Board Solutions for Class 10 English Monthly Test Paper-2

UP Board Solutions for Class 10 English Monthly Test Paper-2 are part of UP Board Solutions for Class 10 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 English Monthly Test Paper-2.

Board UP Board
Class Class 10
Subject English
Test Paper Name Monthly Test Paper-2
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 English Monthly Test Paper-2

Time : 1 Hour]
[Max. Marks : 10]

1. Do as directed against each sentence :
(a) always honestly does she work her. (arrange the words to make a correct sentence)
(b) Have you …. your homework? (use correct form of the verb ‘do’)
(c) He has made a mistake. (UPBoardSolutions.com) (change into Passive Voice)
(d) Mr Sharma looks angry. (change into Negative)

2. Complete the following sentences :
(a) You are weak because ……
(b) He kept on sleeping until …………

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3. (a) Choose the correct preposition and fill in the blank :
He has recovered …… his illness. (of, at, on, from)
(b) Change into indirect narration :
The doctor said to me, “Take medicine in time”.

4. Translate the following into English :
एक कछुआ और एक खरगोश पक्के मित्र थे। उन्होंने एक दिन दौड़ लगाई। वे एक पेड़ के पास से रवाना हुए। खरगोश रास्ते में सो गया, किन्तु कछुआ नहीं रुका। अत: कछुआ दौड़ में विजयी हुआ।

Solution

1. (a) She always does her work honestly.
(b) Have you done your homework?
(c) A mistake has been done by him.
(d) Mr Sharma does not look angry.

2. (a) You are weak because you do not (UPBoardSolutions.com) take proper diet.
(b) He kept on sleeping until his mother called him.

UP Board Solutions

3. (a) He has recovered from his illness.
(b) The doctor advised me to take medicine in time.

4. A tortoise and a rabbit were fast friends. One day they ran (UPBoardSolutions.com) a race. They started from a tree. The rabbit slept on the way. But the tortoise did not stop. So the tortoise won the race.

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UP Board Solutions for Class 10 English Monthly Test Paper-1

UP Board Solutions for Class 10 English Monthly Test Paper-1 are part of UP Board Solutions for Class 10 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 English Monthly Test Paper-1.

Board UP Board
Class Class 10
Subject English
Test Paper Name Monthly Test Paper-1
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 English Monthly Test Paper-1

Time : 1 Hour]
[Max. Marks : 10]

1. Debate : (For teacher)— Teacher will hold a debate in the class and will divide the whole class into two teams. The topic will be written on the blackboard and the teacher will give its short introduction. The students of one team will speak in favor of the topic and the students of the second team will speak against the topic. Every student should (UPBoardSolutions.com) speak something and side by side the teacher will give marks on the basis of pronunciation, confidence, presentation, fluency, etc.

Topic : Use of mobile phone in classroom
2. Expression of feelings: Under this topic the students are asked to express their feelings on certain event.
(For teacher): The teacher will describe a road accident happened between a car and a cyclist. The students will listen it and will describe their own feelings.

3. Use any two of the following words in sentences of your own :
(i) sacred
(ii) wander about
(iii) exile
(iv) embraced

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4. Give the opposite words of any two of the following:
(i) descend,
(ii) rapidly,
(iii) learned

5. Match the words under ‘A’ with their meanings under ‘B’:
UP Board Solutions for Class 10 English Monthly Test Paper-1 img 1

Solution

1. Topic : Use of mobile phone in classroom.
Teacher : Dear children,
Today the topic of discussion is use of mobile phones in classroom. No doubt mobile has become the most common gadget nowadays. It has made communication between people very easy and cheap. In the field of mobile the distance and time have no meaning . We can talk a person any time and anywhere in the world. But these are the uses of mobile for (UPBoardSolutions.com) general public at public places or at home. We have to discuss its use in classroom where the attention of students is focused only on their teacher and lesson. So team ‘A’ will speak in favor of the topic and team ‘B’ against it.

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Points in its favor

Points against it

1

Mobile phone should not be banned in classroom.

Mobile phone in classroom must be banned.

2

Mobile phone provides convenience security and safety No doubt mobile provides us safety and security but in classroom we are automatically safe and secure.

3

We are away from home for about 6 or 7 hours. During this long period, mobile is the only means to keep parents and we in touch. No doubt we are away from home, we have facility of phone calls in the school office for outgoing as well as incoming calls.

4

Mis-happening does not knock anyone before hand. If it occurs, only mobile helps us to communicate. The student who has mobile phone in the class, shall definitely use it when any call is there on his mobile. Thus, he himself will be disturbed and will disturb others.

5

On our way from and to our school or home we may be detained in jam, only mobile helps us to be in touch. Many students misuse mobile in the class by listening to songs or playing games.

6

There may be any urgency on our part or part of parents, it is only mobile which keeps us in touch. Mobile phone in classroom is not a means of convenience but a means of indiscipline.

7

There is no arrangement of keeping our mobiles safe out of the class, hence we have to keep them in our pocket. Mobile phones disturb the classes.

8

We should switch off our mobile in the class. So there will be no disturbance.
So we are completely in favor of having mobile with us in classroom but without disturbing the learning teaching process.
Class is a place of learning and teaching not for playing games or listening songs or talking with others on mobile phones. So we are completely against having mobiles in classroom.

2. The teacher will describe an accident happening before the students like this:

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Children ! Listen !

Last evening I saw an accident on a road side near. P.A.C. An old man was going on his bicycle on his left side on the edge of the road. A car came behind him and hit him. The old man fell down and had serious (UPBoardSolutions.com) injury. A crowd of people gathered there but no one came forward to carry the old man to hospital. Suppose if you had been there, what feelings would have come in your mind? The students may express such types of feelings.

If I had witnessed this accident, I would have felt a great pity on the old man. Your description makes it clear that the old man was not the least at fault. So I would have compelled the car driver to carry the old man to the nearby hospital, to pay the full expenses for his treatment, to inform the family of the old man about this accident on his mobile, to ask an (UPBoardSolutions.com) apology for his mistake in writing and to stay by the side of the old man till any member of old man’s family came there. I also would have been with the old man till the end.

3. (i) Haridwar is a sacred place for Hindus.
(ii) Nowadays many young men wander about in search of job.
(iii) Ram went to exile for fourteen years.
(iv) Many Hindus also embraced Muslims on the occasion of Eid.

4. (i) descend = ascend,
(ii) rapidly = slowly,
(iii) learned = foolish.

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5.
UP Board Solutions for Class 10 English Monthly Test Paper-1 img 2

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