UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 11 ऐरेज

UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 11 ऐरेज are part of UP Board Solutions for Class 12 Computer. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 11 ऐरेज.

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Computer
Chapter Chapter 11
Chapter Name ऐरेज
Number of Questions Solved 25
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 11 ऐरेज

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
किसी ऐरे के तत्त्व को किससे पहचाना जाता है? .
(a) सबस्क्रिप्ट से
(b) वैरिएबल के नाम से
(C) क्रम संख्या से
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) ऐरे में, ऐरे के नाम के बाद सबस्क्रिप्ट का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 2
सबस्क्रिप्टेड वैरिएबल को क्या कहा जाता है?
(a) फंक्शन
(b) क्लास
(c) ऑब्जेक्ट
(d) ऐरे
उत्तर:
(d) ऐरे

प्रश्न 3
यदि = द्विविमीय ऐरे है, तो =[3] [4] सूचित करता है कि x में है। [2016]
(a) 3 कॉलम व 4 रो
(b) 4 कॉलम व 3 रो
(c) 34 एलीमेण्ट्स
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) 4 कॉलम व 3 रो

प्रश्न 4
int marks[3][2] क्या प्रदर्शित करता है?
(a) वैरिएल
(b) द्विविमीय ऐरे
(c) एकविमीय ऐरे
(d) फंक्शन।
उत्तर:
(b) द्विविमीय ऐरे में, ऐरे को घोषित करने का प्रारूप
data_type array_name[rows][columns];

प्रश्न 5
Arr[5][8], मैमोरी में कितने तत्त्वों के लिए स्थान सुरक्षित करेगा?
(a) 40
(b) 400
(c) 58
(d) 13
उत्तर:
(a) Arr[5][8] में, पंक्तियों (Rows) की संख्या 5 तथा स्तम्भों (Columns) की संख्या 8 है तथा यह कुल मिलाकर (5 x 8 =) 40 तत्वों के लिए स्थान सुरक्षित करेगा।

प्रश्न 6
स्ट्रिंग में प्रयुक्त चिह्न 10 क्या कहलाता है?
(a) नल कैरेक्टर
(b) स्पेशल कैरेक्टर
(c) गारबेज कैरेक्टर
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) नल कैरेक्टर

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
ऐरे को परिभाषित कीजिए। [2013, 03]
अथवा
ऐरे को केवल एक वाक्य में व्यक्त कीजिए। [2018]
उत्तर:
एक प्रकार के डाटा के समूह को एक साथ प्रदर्शित करने के लिए जिस तकनीक का प्रयोग किया जाता है, उसे ऐरे कहते हैं।

प्रश्न 2
एकविमीय ऐरे को घोषित करने का प्रारूप लिखिए।
उत्तर:
Largest data_type array_name [size] ;

प्रश्न 3
ऐरे कितने प्रकार के होते हैं? [UP 2003]
उत्तर:
ऐरे दो प्रकार के होते हैं

  • एकविमीय ऐरे
  • द्विविमीय ऐरे

प्रश्न 4
एकविमीय ऐरे से डाटा कितने प्रकार से पढ़ सकते हैं?
उत्तर:
एकविमीय ऐरे से डाटा को दो प्रकार से पढ़ सकते हैं

  • लूप का प्रयोग करके
  • बिना लूप के।

प्रश्न 5
द्विविमीय ऐरे में प्रारम्भिक मान कैसे दे सकते हैं?
उत्तर:
द्विविमीय ऐरे में प्रारम्भिक मान देने का प्रारूप data_type array_name [rows] [columns]
= {value1, value2, …, valueN};

प्रश्न 6
स्ट्रिग को घोषित करने का प्रारूप क्या होता है?
उत्तर:
char string_name [size];

लघु उत्तरीय प्रश्न I (2 अंक)

प्रश्न 1
ऐरे की उदाहरण सहित संक्षिप्त व्याख्या कीजिए। [2018]
उत्तर:
एक प्रकार के डाटा के समूह को एक साथ प्रदर्शित करने के लिए जिस तकनीक या वैरिएबल का प्रयोग किया जाता है, उसे ऐरे (Array) या सबस्क्रिप्टेड वैरिएबल (Subscripted variable) कहते हैं। ऐसा ऐरे, जिसमें ऐरे एलीमेण्ट की संख्या को व्यक्त करने के लिए केवल एक ही सबस्क्रिप्ट का प्रयोग किया जाता है, एकविमीय ऐरे कहलाता है।
एकविमीय ऐरे को घोषित करना
अन्य वैरिएबल की तरह, ऐरे को भी प्रोग्राम में प्रयोग करने से पहले घोषित करना होता है।

प्रारूप
data type array_name [size];
उदाहरण
int age [100];
float salary [15];

द्विविमीय ऐरे में, डाटा सारणी के रूप में संग्रहीत किया जाता है, जिसमें पंक्तियों (Rows) तथा स्तम्भों (Columns) का संयोजन (Combination) होता है। द्विविमीय ऐरे को मैट्रिक्स (Matrix) के नाम से भी जाना जाता है।

द्विविमीय ऐरे को घोषित करना
प्रारूप
data_type array_name [rows][columns);
उदाहरण
int x [3] [4];
float matrix [20] [25];
पहली स्टेटमेण्ट में से 3 व कॉलम 4 है, इसलिए ऐरे का साइज (3 x 4 =) 12 होगा।

प्रश्न 2
ऐरे को कैसे घोषित किया जाता है?
उत्तर:
ऐरे को घोषित करने के लिए सबसे पहले ऐरे का डाटा टाइप बताना होता है। कि वह int, chart, float आदि में से किस टाइप का है। फिर ऐरे का नाम और उसके साथ पैरेनथेसिस ([ ]) में ऐरे की संख्या लिखनी होती है। प्रारूप data_type array_name [size] ।

प्रश्न 3
एकविमीय ऐरे का प्रारम्भिक मान रखना आवश्यक क्यों होता है?
उत्तर:
ऐरे को घोषित करने के बाद उसका प्रारम्भिक मान रखना आवश्यक होता है अन्यथा उसमें निरर्थक मान (Garbage value) भर जाता है, इसलिए ऐरे को कम्पाइल करते समय ही उसका प्रारम्भिक मान दे सकते हैं, जिससे उसमें निरर्थक मान न आए। प्रारम्भिक मान देते समय, यदि सूची के मानों की संख्या ऐरे के साइज से कम है तो केवल उतने ही तत्त्वों (Elements) को प्रारम्भिक मान दिया जाएगा और शेष का मान शून्य रख दिया जाएगा।

प्रश्न 4
एकविमीय ऐरे में लूप की सहायता से डाटा इनपुट कीजिए।
उत्तर:
एकविमीय ऐरे में लूप की सहायता से डाटा इनपुट निम्न उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है।
void main( )
{
int rollno [5];
for (int i = 0; 1 < 5; i++)
{
cout<<“Enter the Roll No.” <<end1; cin>>rollno[i];
}
}

प्रश्न 5
स्ट्रिग से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
चिह्न (” “) (Quotation marks) के अन्तर्गत लिखा गया कोई भी संख्यात्मक, शाब्दिक तथा विशेष चिह्न स्ट्रिग कहलाता है। C++ में, वर्गों की संख्या या स्ट्रिग को वर्गों का ऐरे माना जाता है, जिसे एक अलग डाटा टाइप का नाम न देकर char ऐरे ही कहा जाता है। स्ट्रिग के अन्त में नल कैरेक्टर (NO) लगा होता है, जो स्ट्रिग की समाप्ति को प्रदर्शित करता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न II (3 अंक)

प्रश्न 1
द्विविमीय ऐरे से डाटा को कैसे पढ़ा जाता है?
उत्तर:
द्विविमीय ऐरे से डाटा को पढ़ने के लिए दो लूपों की आवश्यकता होती है।
उदाहरण:
void main( )
int arr [2] [3] , r, c;
for(r = 0; r < 2; r++)
{
for(c = 0; c < 3; c++)
{
cout<<“Enter the value”<<end1; cin>>arr[r][c];
}
}
for(r = 0; r < 2; r++)
{
for(c = 0; c < 3; c++)
{
cout<<“Array”<<endl<<arr[r] [c];
}
}
}

प्रश्न 2
एक C++ का प्रोग्राम लिखिए, जिसमें 5 परीक्षार्थियों की उम्र और ग्रेड इनपुट किए जाते हैं। यदि छात्रों की उम्र 20 वर्ष से अधिक हो और ग्रेड ‘B’ हो, उनकी उम्र व ग्रेड प्रिण्ट करें।
उत्तर:
#include
void main( )
{
int age [5], i;
char grade [6];
for (i=0; i<5; i++)
cout<<“Enter age and grade of student”<<i+1<<“:”; cin>>age[i]>>grade [i];
}
for (i=0; i<5; i++) { if ( (age [1]>=20) && (grade[i]==’B’))
{
cout<<“\n age=”< }
}
}

आउटपुट
Enter age and grade of student 1: 25 A
Enter age and grade of student 2:25 B
Enter age and grade of student 3:33 A
Enter age and grade of student 4:24 A
Enter age and grade of student 5:12 A
age = 25 grade = B

प्रश्न 3
इनपुट स्ट्रिग में उपस्थित अक्षरों की संख्या बताने हेतु C++ में एक प्रोग्राम लिखिए। [2010]
उत्तर:
#include
#include
#include
void main( )
{
clrscr( );
int charcnt=0, i;
char ch, str[125];
cout<<“Enter a string:”;
gets (str);
for (i=0; str [i] != “\0′;i++)
charcnt=i;
cout<<“\nTotal Characters:”
<<charcnt+1;
getch( );
}

आउटपुट
Enter a string : Arihant
Total Characters : 7

प्रश्न 4
स्ट्रिग को प्रारम्भिक मान देने की प्रक्रिया लिखिए।
उत्तर:
स्ट्रिग को प्रारम्भिक मान देना आवश्यक होता है। C++ में, स्टिगों को दो विधियों द्वारा प्रारम्भिक मान दिया जा सकता है।
उदाहरण
char name [30]= “RAHUL SHARMA”;
अथवा
char name [30] = { ‘R’, ‘A’, ‘H’, ‘U’, ‘L’,’ ‘, ‘s’, ‘H’, ‘A’, ‘R’, ‘M’, ‘A’, ‘\0’ };
दूसरे उदाहरण में ‘\0′ (Null character) का प्रयोग किया गया है जो स्ट्रिग के अन्त को दर्शाता है, परन्तु पहले उदाहरण में ‘\0’ प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि स्ट्रिग का मान कोटेशन चिह्नों ( ” “) में दिया है, जिसे कम्पाइलर स्वत: ही स्ट्रिंग मान लेगा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

प्रश्न 1
एकविमीय ऐरे को उदाहरण सहित विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
ऐसा ऐरे, जिसमें ऐरे एलीमेण्ट की संख्या को व्यक्त करने के लिए केवल एक ही सबस्क्रिप्ट का प्रयोग किया जाता है, एकविमीय ऐरे कहलाता है।

एकविमीय ऐरे को घोषित करना
अन्य वैरिएबल की तरह, ऐरे को भी प्रोग्राम में प्रयोग करने से पहले घोषित करना होता है।

प्रारूप
data type array_name [size]
उदाहरण
int age [100];
float salary[15];

एकविमीय ऐरे का प्रारम्भिक मान रखना
ऐरे को घोषित करने के बाद उसका प्रारम्भिक मान रखना आवश्यक होता है। अन्यथा उसमें निरर्थक मान (Garbage value) भर जाता है, इसलिए ऐरे को कम्पाइल करते समय ही उसका प्रारम्भिक मान दे सकते हैं।
प्रारूप
data_type array_name [size] = {valuel, value2, …, valueN);
उदाहरण
int marks [5]={50,70, 89,90,75};

उदाहरण
एकविमीय ऐरे की सहायता से डाटा इनपुट करना व उसका रिवर्स ऑर्डर (Order) प्रिण्ट कराना।
#include<iostream.h>
#include<conio.h>
void main( )
{
clrscr( );
int A[5], i, n=5;j = n-1, temp;
cout<<“Enter the array element”<<end1;
for (i=0;i<n; i++) { cin>>A[i];
}
for(i=0, j = n-1;i<n/2;i++,j–)
{
temp=A[i];
A[i]=A[j];
A[j] =temp;
}
cout<<“Reverse array”<<end1;
for (i=0;i<n;i++)
{
cout<<A[i]<<” “;
}
getch( );
}

आउटपुट
Enter the array element
4
5
6
2
6
Reverse array
6  2  6  5  4

प्रश्न 2
द्विविमीय ऐरे को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
द्विविमीय ऐरे में, डाटा सारणी के रूप में संग्रहीत किया जाता है, जिसमें पंक्तियों (RowB) तथा स्तम्भों (Columns) का संयोजन (Combination) होता है। द्विविमीय ऐरे को मैट्रिक्स (Matrix) के नाम से भी जाना जाता है।

द्विविमीय ऐरे को घोषित करना
प्रारूप: data_type array_name [rows] {columns ] ;
उदाहरण int x [3] [4] ;
float matrix [20] [25];

पहली स्टेटमेण्ट में से 3 व कॉलम 4 है, इसलिए ऐरे का साइज (3 x 4 =) 12 होगा।
द्विविमीय ऐरे को प्रारम्भिक मान देना
एकविमीय ऐरे की तरह द्विविमीय ऐरे में भी उसका प्रारम्भिक मान रखना आवश्यक होता है, इसलिए ऐरे को कम्पाइल करते समय ही उसका प्रारम्भिक मान दे सकते हैं।

प्रारूप data_type array_name (rows] [columns] ={value1, value2, …, valueN);
अथवा
data_type array_name[rows] [columns] ={{value of 1st row}, {value of 2nd row},….};

उदाहरण

int x [3] [4] = (1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,10, 11, 12}},
अथवा
int x [3][4] = ( 1, 2, 3, 4), (5, 6, 7, 8}, (9, 10, 11, 12} };

उदाहरण
मैट्रिक्स को प्रिण्ट करना
#include<iostream.h>
void main ( )
{
int m, n, A[10] [10],i,j;
cout<<“Enter the number of rows: “; cin>>m;
cout<<“Enter the number of columns : “; cin>>n;
cout<<“Enter the elements of the matrix” <<end1;
for(i=0;i<m; i++)
{
for(j=0; j<n; j++) { cin>>A[i][j];
}
}
cout<<“Matrix”<<end1;
for (i=0; i<m;i++)
{
for(j=0; j<n; j++)
{
cout<<A[i][j]<<” “;
}
cout<<end1;
}
}

आउटपुट
Enter the number of rows : 3
Enter the number of columns :3
Enter the elements of the matrix
5
6
7
8
9
5
6
4
3
Matrix
5 6 7
8 9 5
6 4 3

प्रश्न 3
ऐरे से आप क्या समझते हैं? एकविमीय तथा द्विविमीय ऐरे में अन्तर उदाहरण सहित समझाइए। [2007]
अथवा
एकविमीय ऐरे तथा द्विविमीय ऐरे में अन्तर उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। [2010]
उत्तर:
एक प्रकार के डाटा के समूह को एक साथ प्रदर्शित करने के लिए जिस तकनीक का प्रयोग किया जाता है, उसे ऐरे कहते हैं।
एकविमीय ऐरे तथा द्विविमीय ऐरे में अन्तर

एकविमीय ऐरे द्विविमीय ऐरे
इस ऐरे में, एलीमेण्ट की संख्या व्यक्त करने के लिए केवल एक ही सबस्क्रिप्ट का प्रयोग किया जाता है। इस ऐरे में, एलीमेण्ट की संख्या व्यक्त करने के लिए दो सबस्क्रिप्ट का प्रयोग किया जाता है।
प्रारूप
data_type array_name[size];
प्रारूप
data_type array_name[rows] [columns];
उदाहरण int age [50]; उदाहरण int a [3] [4];

उदाहरण
एकविमीय ऐरे की सहायता से डाटा इनपुट करना व उसका रिवर्स ऑर्डर (Order) प्रिण्ट कराना।
#include<iostream.h>
#include<conio.h>
void main( )
{
clrscr( );
int A[5], i, n=5;j = n-1, temp;
cout<<“Enter the array element”<<end1;
for (i=0;i<n; i++) { cin>>A[i];
}
for(i=0, j = n-1;i<n/2;i++,j–)
{
temp=A[i];
A[i]=A[j];
A[j] =temp;
}
cout<<“Reverse array”<<end1;
for (i=0;i<n;i++)
{
cout<<A[i]<<” “;
}
getch( );
}

आउटपुट
Enter the array element
4
5
6
2
6
Reverse array
6 2 6 5 4

प्रश्न 4
C++ में, दस संख्याओं की ऐरे में सबसे छोटी तथा सबसे बड़ी संख्या छापने हेतु प्रोग्राम लिखिए। [2009]
उत्तर:
#include<iostream.h>
void main( )
{
int Arr[100], n, i, small, large;
cout<<“Enter number of elements that you want to insert:”; cin>>n;
for (i=0; i<n; i++)
{
cout<<“Enter element “<<i+1<<“:”; cin>>Art [i];
}
small = Arr[0];
large = Arr [0];
for (1=0; i<n; i++)
{
if (Arr[i]<small) small=Arr[i]; if (Arr[i]>large)
large=Arr[i];
}
cout<<“\nLargest element is:” <<large;
cout<<“\n Smallest element is:” <<small;
getch( );
}

आउटपुट
Enter number 1elements that you want to insert: 10
Enter element 1: 23
Enter element 2: 65
Enter element 3: 34
Enter element 4: 89
Enter element 5: 76
Enter element 6: 45
Enter element 7: 44
Enter element 8: 65
Enter element 9: 23
Enter element 10:12
Largest element is : 89
Smallest element is: 12

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UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 15 कन्स्ट्रक्टर्स एण्ड डिस्ट्रक्टर्स

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Computer
Chapter Chapter 15
Chapter Name कन्स्ट्रक्टर्स एण्ड डिस्ट्रक्टर्स
Number of Questions 18
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 15 कन्स्ट्रक्टर्स एण्ड डिस्ट्रक्टर्स

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
प्रोग्राम में क्या, ऑब्जेक्ट के निर्माण के समय स्वतः ही क्रियान्वित हो जाता है?
(a) कन्स्ट्रक्टर
(b) डिस्ट्रक्टर
(c) क्लास
(d) फंक्शन
उत्तर
(a) कन्स्ट्रक्टर

प्रश्न 2.
C++ में, कन्स्ट्रक्टर्स कितने प्रकार के होते हैं?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच
उत्तर
(b) C++ में तीन प्रकार के कन्स्ट्रक्टर्स-डिफॉल्ट, पैरामीटराइज्ड तथा कॉपी होते हैं।

प्रश्न 3.
कॉपी कन्स्ट्रक्टर का प्रारूप क्या है?
(a) class_name object 2 = object 1;
(b) class_name object 1 = object 2;
(c) class_name object 2:
(d) class_name object 2();
उत्तर
(a) class_name object 2 = object 1;

प्रश्न 4.

class_name ()
{
constructor_definition;
};

उपरोक्त प्रारूप है
(a) कॉपी कन्स्ट्रक्टर का
(b) पैरामीटराइज्ड कन्स्ट्रक्टर को
(c) डिफॉल्ट कन्स्ट्रक्टर का
(d) डिस्ट्रक्टर का
उत्तर
(c) डिफॉल्ट कन्स्ट्रक्टर का

प्रश्न 5.
आरग्यूमेण्ट वाले कन्स्ट्रक्टर को क्या कहा जाता है?
(a) कॉपी कन्स्ट्रक्टर
(b) डिफॉल्ट कन्स्ट्रक्टर
(c) फंक्शन कन्स्ट्रक्टर
(d) पैरामीटराइज्ड कन्स्ट्रक्टर
उत्तर
(d) पैरामीटराइज्ड कन्स्ट्रक्टर

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
डिफॉल्ट कन्स्ट्रक्टर किसे कहते हैं?
उत्तर
जिस कन्स्ट्रक्टर फंक्शन में कोई आरग्यूमेण्ट नहीं होता, उसे डिफॉल्ट कन्स्ट्रक्टर कहा जाता है।

प्रश्न 2.
पैरामीटराइज्ड कन्स्ट्रक्टर को घोषित करने का प्रारूप लिखिए।
उत्तर
class_name object_name = constructor, name (arguments);

प्रश्न 3.
कॉपी कन्स्ट्रक्टर को समझाइए।
उत्तर
कॉपी कन्स्ट्रक्टर एक ऐसा कन्स्ट्रक्टर है, जिसके द्वारा किसी ऑब्जेक्ट के प्रारम्भिक मान रखने में उसी क्लास के किसी अन्य ऑब्जेक्ट के मानों का प्रयोग किया जाता है।

लघु-उत्तरीय प्रश्न। (2 अंक)

प्रश्न 1.
कन्स्ट्रक्टर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (2010, 08)
अथवा
कन्स्ट्रक्टर शब्द का अर्थ समझाइए। (2014)
उत्तर
प्रोग्राम में किसी क्लास टाइप को कोई ऑब्जेक्ट बनाने के लिए कम्पाइलर उसके लिए स्थान सुरक्षित करने के लिए एक फंक्शन को कम्पाइल करता है, जिसे कन्स्ट्रक्टर कहा जाता है। कन्स्ट्रक्टर किसी भी प्रकार की कोई वैल्यू रिटर्न नहीं करता। यह स्वतः ही कॉल होता है जब क्लास का ऑब्जेक्ट बनता है। इसका नाम क्लास के नाम के समान ही होता है।

प्रश्न 2.
डिस्ट्रक्टर का अर्थ समझाइए। (2013, 08)
अथवा
डिस्ट्रक्टर की व्याख्या संक्षेप में कीजिए। (2018) उत्तर डिस्ट्रक्टर किसी क्लास का एक विशेष सदस्य फंक्शन होता है, जो तब क्रियान्वित होता है जब उस क्लास का ऑब्जेक्ट सीमा (Scope) से बाहर जाता है। डिस्ट्रक्टर का नाम भी क्लास के नाम के समान ही होता है, परन्तु इसमें पहले टाइल्ड (~) प्रीफिक्स का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
कन्स्ट्रक्टर तथा डिस्ट्रक्टर में अन्तर बताइए। (2012, 06)
उत्तर
कन्स्ट्रक्टर तथा डिस्ट्रक्टर में निम्न अन्तर है

कन्स्ट्र क्टर डिस्ट्रक्टर
ये स्वतः ही कॉल होते हैं, जब ऑब्जेक्ट बनता है। ये स्वतः ही कॉल होते हैं, जब ऑब्जेक्ट सीमा (Scope) से बाहर जाता है।
कन्स्ट्रक्टर का नाम क्लास के नाम के समान होता हैं। हिस्ट्रक्टर का नाम क्लास के नाम के समान होता है, परन्तु उसमें पहले टाइल्या (~) प्रीफिक्स का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
डिस्ट्रक्टर की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
डिस्ट्रक्टर की विशेषताएँ निम्न हैं –

  1. एक डिस्ट्रक्टर के पास डिफॉल्ट आरग्यूमेण्ट हो सकते हैं।
  2. डिस्ट्रक्टर अपनी क्लास के सदस्य फंक्शन को कॉल कर सकता है।
  3. ये स्टैटिक नहीं हो सकते।
  4. ये स्वतः कॉल होते हैं, जब ऑब्जेक्ट्स सीमा (Scope) से बाहर जाते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न।। (3 अंक)

प्रश्न 1.
कन्स्ट्रक्टर फंक्शन को कैसे इनव्रोक किया जाता है? कन्स्ट्रक्टर | फवशन की चार विशेषताओं को सूचीबद्ध करें। (2006)
उत्तर
कन्स्ट्रक्टर फंक्शन को इनवोक करना

#include
class Student
{
public:
Student ()
{
cout<<end1<<"Constructor Function";
}
};
void main ()
{
Student stu;
}

कन्स्ट्रक्टर फंक्शन Student () ऑब्जेक्ट stu के बनते ही स्वत: कॉल हो जाएगा, जो निम्न आउटपुट प्रिण्ट करेगा
Constructor Function
कन्स्ट्रक्टर फंक्शन की विशेषताएँ निम्न हैं –

  1. कन्स्ट्रक्टर्स स्वतः ही कॉल होते हैं, जब ऑब्जेक्ट बनता है।
  2. कन्स्ट्रक्टर्स स्टैटिक नहीं हो सकते।
  3. कन्स्ट्रक्टर्स के पास डिफॉल्ट आरग्यूमेण्ट होते हैं।
  4. कन्स्ट्रक्टर अपनी क्लास के सदस्य फंक्शन को कॉल कर सकता है।

प्रश्न 2.
कन्स्ट्रक्टर को डिक्लेयर करने के नियम बताइए।
उत्तर
कन्स्ट्रक्टर को डिक्लेयर करते समय निम्नलिखित नियमों पर ध्यान देना चाहिए –

  1. कन्स्ट्रक्टर का नाम वही होना चाहिए जो क्लास का नाम है।
  2. कन्स्ट्रक्टर्स में पैरामीटर हो सकते हैं।
  3. कन्स्ट्रक्टर, फंक्शन को ओवरलोड कर सकता है।
  4. जिस कन्स्ट्रक्टर में कोई आरग्यूमेण्ट नहीं होता, वह डिफॉल्ट कन्स्ट्रक्टर होता हैं।
  5. कन्स्ट्रक्टर का एक्जीक्यूशन स्वयं होता हैं।
  6. कन्स्ट्रक्टर को public सेक्शन में डिक्लेयर किया जाता है।
  7. कन्स्ट्रक्टर का एड्रेस किसी को रेफर नहीं किया जा सकता।
  8. कन्स्ट्रक्टर स्वतः ही डिफॉल्ट तथा कॉपी कन्स्ट्रक्टर उत्पन्न कर सकता है।

प्रश्न 3.
डिस्ट्रक्टर को कैसे घोषित किया जाता है? समझाइए।
उत्तर
डिस्ट्रक्टर को दो प्रकार से घोषित किया जा सकता है, जो निम्न प्रकार हैं।
(i) क्लास के अन्दर डिस्ट्रक्टर

class Teacher
{
public:
Teacher ()
{
cout<<"Teacher is Present";
}
~Teacher ()
{
cout<<"Teacher is Absent";
}
};

(ii) क्लास के बाहर डिस्ट्रक्टर

class Teacher
{
public:
Teacher ()
{
cout<<"Teacher is Present";
}
~Teacher ();
};
Teacher :: ~ Teacher ()
{
cout<<"Teacher is Absent";
}

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

प्रश्न 1.
कन्स्ट्रक्टर क्या है? इसे कैसे डिक्लेयर करते हैं? इसकी विशेषताएँ बताइट। (2008)
उत्तर
प्रोग्राम में किसी क्लास टाइप का कोई ऑब्जेक्ट बनाने के लिए कम्पाइलर उसके लिए स्थान सुरक्षित करने के लिए एक फंक्शन को कम्पाइल करता है, जिसे कन्स्ट्रक्टर कहा जाता है। कन्स्ट्रक्टर किसी भी प्रकार की कोई वैल्यू रिटर्न नहीं करता। यह स्वतः ही कॉल होता है जब क्लास का ऑब्जेक्ट बनता है। इसका नाम क्लास के नाम के समान ही होता है। कन्स्ट्रक्टर की विशेषताएँ निम्न हैं –

  1. कन्स्ट्रक्टर्स स्वतः ही कॉल होते हैं, जब ऑब्जेक्ट बनता है।
  2. कन्स्ट्रक्टर्स स्टैटिक नहीं हो सकते।
  3. कन्स्ट्रक्टर्स के पास डिफॉल्ट आरग्यूमेण्ट होते हैं।
  4. कन्स्ट्रक्टर अपनी क्लास के सदस्य फंक्शन को कॉल कर सकता है।

कन्स्ट्रक्टर को घोषित करना
जब कन्स्ट्रक्टर क्रियान्वित होता है तो यह वैल्यू रिटर्न नहीं करता। कन्स्ट्रक्टर को घोषित करने का प्रारूप,
class_name (argument_list);
(i) क्लास के अन्दर कन्स्ट्रक्टर

class Emp
{
public:
int sal;
Emp ()
{
cout<<"Employee Salary"
}
};

(ii) क्लास के बाहर कन्स्ट्रक्टर

class Emp
{
public:
int sal;
Emp ();
};
Emp :: Emp()
cout<<"Employee Salary";
}

प्रश्न 2.
कन्स्ट्रक्टर के प्रकार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (2012)
उत्तर
कन्स्ट्रक्टर के प्रकार इसके लिए फास्ट ट्रैक रिविजन में पृष्ठ संख्या 70-71 का अध्ययन करें।

प्रश्न 3.
डिस्ट्रक्टर का अर्थ समझाइए। (2013, 08)
अथवा
डिस्ट्रक्टर को उदाहरण सहित समझाइए। (2011)
उत्तर
यह किसी क्लास का एक विशेष सदस्य फंक्शन होता है, जो तब क्रियान्वित होता है जब उस क्लास का ऑब्जेक्ट सीमा (Scope) से बाहर जाता है।
इसका नाम भी वही होता है, जो क्लास का नाम होता है, परन्तु उसमें पहले टाइल्ड (~) प्रीफिक्स का उपयोग किया जाता है।
उदाह्रण डिस्ट्रक्टर की क्रियाविधि

#include<iostream.h>
#include<conio.h>
class Line
{
private:
double length;
public:
void set Length (double len);
double getLength ();
Line (); //This is the constructor
//declaration
~Line(); //This is the destructor
//declaration
};
Line :: Line () //Constructor definition
{
cout<<"Object is being created"<<end1;
}
Line : : ~Line() //Destructor definition
{
cout<<"Object is being deleted"<<end1;
}
void Line :: set Length (double len)
{
length = len;
}
double Line :: getLength()
{
return length;
}
void main()
{
Line line; line.setLength(6.0); //set line length
cout<<"Length of line";
cout<<line.getLength() <<end1;
getch();
}

आउटपुट
0bject is being created
Length of line 6
Object is being deleted

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UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities (तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप)

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 Text Book Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा एक तृतीयक क्रियाकलाप है
(क) खेती
(ख) बुनाई
(ग) व्यापार
(घ) आखेट।
उत्तर:
(ग) व्यापार।

(ii) निम्नलिखित क्रियाकलापों में से कौन-सा एक द्वितीयक सेक्टर का क्रियाकलाप नहीं है
(क) इस्पात प्रगलन
(ख) वस्त्र निर्माण
(ग) मछली पकड़ना
(घ) टोकरी बुनना।
उत्तर:
(ख) वस्त्र निर्माण।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक सेक्टर दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और कोलकाता में सर्वाधिक रोजगार प्रदान करता है
(क) प्राथमिक
(ख) द्वितीयक
(ग) पर्यटन
(घ) सेवा।
उत्तर:
(घ) सेवा।

(iv) वे काम जिनमें उच्च परिमाण और स्तर वाले अन्वेषण सम्मिलित होते हैं, कहलाते हैं
(क) द्वितीयक क्रियाकलाप
(ख) पंचम क्रियाकलाप
(ग) चतुर्थ क्रियाकलाप
(घ) प्राथमिक क्रियाकलाप।
उत्तर:
(ग) चतुर्थ क्रियाकलाप।।

(v) निम्नलिखित में से कौन-सा क्रियाकलाप चतुर्थ सेक्टर से सम्बन्धित है
(क) संगणक विनिर्माण
(ख) विश्वविद्यालयी अध्यापन
(ग) कागज और कच्ची लुगदी निर्माण
(घ) पुस्तकों का मुद्रण।
उत्तर:
(ख) विश्वविद्यालयी अध्यापन।

(vi) निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सत्य नहीं है
(क) बाह्यस्रोतन दक्षता को बढ़ाता है और लागतों को घटाता है
(ख) कभी-कभार अभियान्त्रिकी और विनिर्माण कार्यों की भी बाह्यस्रोतन की जा सकती है
(ग) बी०पी० ओज के पास के०पी० ओज की तुलना में बेहतर व्यावसायिक अवसर होते हैं
(घ) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असन्तोष पाया जाता है।
उत्तर:
(ग) बी०पी० ओज के पास के०पी० ओज की तुलना में बेहतर व्यावसायिक अवसर होते हैं।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) फुटकर व्यापार सेवा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
फुटकर व्यापार सेवा-फुटकर व्यापार सेवा उसे कहते हैं जिसमें वस्तुएँ सीधे उपभोक्ता को बेची जाती हैं। अधिकतर फुटकर व्यापार छोटी-बड़ी दुकानों, प्रतिष्ठानों और भण्डारों के माध्यम से होता है, लेकिन कुछ फुटकर व्यापार बिना भण्डारों और दुकानों के भी होता है; जैसे—फेरी, रेहड़ी, वैन, ट्रक, द्वार-से-द्वार, मेल ऑर्डर, होम डिलीवरी, स्वचालित बिक्री मशीनें तथा इण्टरनेट शॉपिंग आदि।

(ii) चतुर्थ सेवाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ सेवाओं में शिक्षा, सूचना तथा शोध और विकास जैसे क्रियाकलापों को रखा जाता है। ये वे उच्च बौद्धिक व्यवसाय हैं जो चिन्तन, शोध तथा विकास के लिए विचार देते हैं। अध्यापन, चिकित्सा, वकालत, अनुसन्धान, सूचना आधारित ज्ञान आदि चतुर्थ सेवाओं के प्रमुख उदाहरण हैं।

(iii) विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभरते हुए देशों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत, थाईलैण्ड, सिंगापुर, मलयेशिया, स्विट्जरलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया तथा मॉरीशस आदि।

(iv) अंकीय विभाजक क्या है?
उत्तर:
अंकीय विभाजक सूचना और संचार तकनीक जो विकास पर आधारित हैं विश्व में असमान रूप से विभाजित हैं। राष्ट्रों में राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक विभिन्नताएँ हैं। ये अपने नागरिकों को सूचना-संचार तकनीक किस तरह प्रदान कर सकते हैं। विकसित देश इस कार्य में लगे हैं जबकि विकासशील देश अभी पीछे हैं। इसे ‘अंकीय विभाजक’ कहा जाता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दें
(i) आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता और वृद्धि की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
आधनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता
आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता के प्रमुख बिन्दु निम्नलिखित हैं

  • सेवा क्षेत्र में सामग्रियों की थोक तथा फुटकर बिक्री व परिवहन के साधन शामिल हैं जो कि उत्पादक तथा उपभोक्ताओं को जोड़ते हैं।
  • कच्चे माल को कारखानों तक तथा कारखानों में निर्मित उत्पाद को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने में सहायता करते हैं।
  • स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा, अवकाश, मनोरंजन तथा वाणिज्यिक सेवाएँ भी आर्थिक व सामाजिक विकास में योगदान करती हैं।
  • वाणिज्यिक सेवाएँ कम्पनियों की उत्पादकता तथा क्षमता में वृद्धि लाती हैं।
  • विज्ञापन, कर्मचारियों का चयन तथा अधिकारियों का प्रशिक्षण भी इसमें आता है।

आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की वृद्धि
विकसित देशों में सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में तेजी से वृद्धि हुई है। विकासशील देशों में भी सेवा क्षेत्रों में वृद्धि हो रही है। इन देशों में अधिकांश लोग असंगठित सेवाओं में लगे हैं जिनका लेखा-जोखा अच्छी तरह नहीं रखा जाता है। सेवा क्षेत्र विकास की प्रक्रिया की अन्तिम अवस्था है। आधुनिक आर्थिक विकास में तृतीयक एवं चतुर्थक क्षेत्र महत्त्वपूर्ण होते जाते हैं और द्वितीयक क्षेत्र की अवनति होने लगती है।

(ii) परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता
आधुनिक युग में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के क्षेत्र में परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता के महत्त्वपूर्ण बिन्दु निम्नलिखित हैं

  • परिवहन और संचार सामाजिक व आर्थिक विकास के आधार स्तम्भ हैं। इनके अभाव में विकास का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है।
  • उत्पादन के लिए कच्चा माल और अन्य आधारभूत सुविधाओं की आपूर्ति तथा तैयार माल को बाजार एवं उपभोक्ता तक पहुँचाने की प्रक्रिया एवं त्वरित सूचनाएँ परिवहन और संचार माध्यमों से पूरी होती हैं।
  • परिवहन व संचार सेवाएँ वस्तु, सूचना और मनुष्य को गतिशीलता प्रदान करती हैं।
  • आधुनिक समाज वस्तु के उत्पादन, वितरण और उपभोग में सहायता देने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन व्यवस्था चाहता है। इसी के द्वारा पदार्थ के मूल्य में वृद्धि होती है।
  • संचार की नूतन उन्नतियों ने आर्थिक विकास को विशेष गति प्रदान की है। इसी के कारण समय की बचत होती है और मानव की

कार्यक्षमता में वृद्धि होती है जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव उत्पादन एवं राष्ट्रीय आय की वृद्धि पर पड़ता है।
अत: दक्ष संचार व्यवस्था और तीव्रगामी परिवहन से आज विश्व ग्राम की संकल्पना सार्थक हो रही है तथा प्रकीर्ण लोगों के बीच सहयोग एवं एकता का विकास हो रहा है।

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
तृतीयक क्रियाकलाप की अवधारणा (संकल्पना) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप की अवधारणा
तृतीयक क्रियाकलाप बुद्धि और कुशलता से जुड़ी सेवाएँ हैं। मिस्त्री से हम अपनी बाइक या स्कूटी ठीक कराते हैं। बीमार होने पर डॉक्टर से इलाज कराते हैं। मांगलिक कार्यों में केटरर या हलवाई हमारे लिए भोजन बनाता है। वकील कानूनी राय देते हैं और अध्यापक स्कूलों में पढ़ाते हैं। इसी प्रकार ड्राइवर, रसोइया, बैंकर, वित्त विशेषज्ञ, अभिनेता, व्यापारी, धोबी, नाई व सी०ए० इत्यादि व्यवसायी होते हैं जो शुल्क का भुगतान होने पर अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं। इन सभी प्रकार की सेवाओं को कुशलता, अन्य सैद्धान्तिक ज्ञान एवं क्रियात्मक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। मानव संसाधन सेवा सेक्टर का महत्त्वपूर्ण घटक है क्योंकि अधिकांश तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन कुशल श्रमिकों, प्रशिक्षित विशेषज्ञों और परामर्शदाताओं द्वारा होता है।

तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों शामिल होते हैं। इन सेवाओं द्वारा चीनी अथवा इस्पात जैसी मूर्त वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता, बल्कि सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन होता है जिनका ‘उपभोग’ किया जाता है। इस उत्पादन को परोक्ष रूप से वेतन और पारिश्रमिक के रूप में मापा जाता है। इन सेवाओं के बिना विनिर्माण नहीं हो सकता। विनिमय के अन्तर्गत व्यापार, परिवहन और संचार सुविधाएँ शामिल होती हैं। इनका उपयोग ‘दूरी’ को निष्प्रभावी करने के लिए किया जाता है।

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प्रश्न 2.
तृतीयक क्रियाकलाप क्या है? इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप ( सेवाएँ)-तृतीयक क्रियाकलाप वे कार्य या सेवाएँ हैं जो पदार्थों के उत्पादन से भिन्न हैं और जो भौतिक पदार्थों का निर्माण, प्रसंस्करण प्रत्यक्ष रूप से नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए; शिक्षक, व्यापारी, वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, धोबी, प्लम्बर आदि की सेवाएँ तृतीयक क्रियाकलाप में आती हैं। इसे सेवा क्षेत्र भी कहते हैं। .
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तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार
व्यापार, परिवहन, संचार और सेवाएँ चार प्रमुख तृतीयक क्रियाकलाप हैं
1. व्यापार और वाणिज्य – कहीं और उत्पादित वस्तुओं को खरीदने व बेचने का नाम ‘व्यापार’ है। व्यापार फुटकर और थोक दोनों प्रकार का होता है। थोक व्यापार से जुड़े वित्तीय लेन-देन को ‘वाणिज्य’ कहा जाता है। व्यापार से जुड़ी सभी सेवाओं का एक ही उद्देश्य होता है-लाभ कमाना।

2. परिवहन सेवाएँ – परिवहन एक सेवा है जिससे व्यक्तियों, कच्चे पदार्थों और विनिर्मित माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। यह एक जटिल और संगठित उद्योग है जो आधुनिक समाज की तीव्र और सक्षम परिवहन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करता है। आज सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था परिवहन के उन्नत और सुलभ साधनों पर टिकी है। परिवहन के बिना वस्तुओं व अन्य सेवाओं का उत्पादन, वितरण और उपभोग सम्भव नहीं हो पाता।

3. संचार सेवाएँ – संचार सेवाओं में शब्दों और सन्देशों, तथ्यों और विचारों तथा संगीत का प्रेषण किया जाता है।
दूरसंचार-दूरसंचार का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी के विकास से सम्भव हुआ है। दूरसंचार ने सन्देशों को भेजने और उन्हें प्राप्त करने की गति में क्रान्ति ला दी है।
संचार के वर्ग

  • व्यक्तिगत संचार तन्त्र, एवं
  • जनसंचार तन्त्र।

4. सेवाएँ – सेवाओं के बिना आर्थिक विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। राष्ट्र निर्माण में इनकी भूमिका अदृश्य होती है। सेवाओं के प्रमुख वर्ग हैं

  • परिवहन व संचार तन्त्र
  • वाणिज्य सेवाएँ
  • मौद्रिक सेवाएँ
  • व्यावसायिक सेवाएँ
  • मनोरंजनात्मक और प्रमोद सेवाएँ
  • प्रशासनिक सेवाएँ
  • निम्नस्तरीय सेवाएँ एवं
  • उच्च स्तरीय सेवाएँ आदि।
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प्रश्न 3.
चतुर्थ क्रियाकलाप की अवधारणा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप की अवधारणा चतुर्थ क्रियाकलाप की अवधारणा को निम्नलिखित बिन्दुओं के द्वारा समझा जा सकता है
(1) पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक क्रियाकलाप अति विशिष्ट और जटिल होते जा रहे हैं। परिणामस्वरूप इन क्रियाकलापों का अपना एक वर्ग बन गया है, जिसे ‘चतुर्थ क्रियाकलाप’ कहा जाता है।

(2) चतुर्थ क्रियाकलाप में शिक्षा, सूचना तथा शोध और विकास जैसे क्रियाकलापों को रखा जाता है। ये वे. उच्च बौद्धिक व्यवसाय हैं, जो चिन्तन, शोध तथा विकास के लिए विचार देते हैं। तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

(3) आर्थिक वृद्धि के आधार के रूप में तृतीयक और चतुर्थ सेक्टरों ने सभी प्राथमिक एवं द्वितीयक रोजगारों को प्रतिस्थापित कर दिया है।

(4) इस वर्ग के व्यवसायों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उच्च वेतनमान व पदोन्नति के पर्याप्त अवसरों के कारण इनसे जुड़े लोग जल्दी-जल्दी अपनी कम्पनियाँ बदलते रहते हैं।

(5) चतुर्थ क्रियाकलाप उच्चस्तरीय ज्ञान आधारित व्यवसाय हैं जिनका विकास सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रान्ति के फलस्वरूप हुआ है।

(6) चतुर्थ क्रियाकलापों के उदाहरण हैं – सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन।

(7) चतुर्थ क्रियाकलाप अनुसन्धान और विकास पर केन्द्रित होते हैं। इन्हें ऐसी उन्नत सेवाओं के रूप में देखा जा सकता है जो विशिष्टीकृत ज्ञान, प्रौद्योगिक कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से जुड़ी हुई हैं।

(8) चतुर्थ वर्ग की सेवाओं से जुड़े हुए लोग हैं-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, चिकित्सकीय प्रतिलेखक, म्यूचुअल फण्ड के प्रबन्धक, परामर्शदाता, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, प्रारम्भिक विद्यालयों, विश्वविद्यालयी कक्षाओं, रंगमंचों, लेखाकार्य, दलाली की फर्मों, अस्पतालों व कार्यालय भवनों में काम करने वाले लोग इस वर्ग की सेवाओं से जुड़े हुए हैं।

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प्रश्न 4.
पंचम क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पंचम क्रियाकलाप आर्थिक क्रियाकलापों के पद सोपान के सर्वोच्च स्तर पर बैठे ये कर्मी सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने और नीतियों के निर्माण का कार्य करते हैं। इन क्रियाओं और चतुर्थक सेक्टर से जुड़ी ज्ञान आधारित सेवाओं में मामूली फर्क होता है।

पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ हैं, जिनमें

  • नए विचार उत्पन्न होते हैं।
  • वर्तमान एवं पुरानी विचारधाराओं की व्याख्या, पुनर्गठन एवं मूल्यांकन होता है।
  • नए सूत्रों, आँकड़ों एवं तथ्यों की व्याख्या तथा उनका अनुप्रयोग होता है।
  • नई प्रौद्योगिकी का मूल्यांकन होता है।

ये व्यवसाय तृतीयक क्रियाकलापों का एक और विकसित उप-विभाग हैं जिनमें वरिष्ठ तथा श्रेष्ठ व्यावसायिक अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, अनुसन्धान वैज्ञानिकों, वित्त एवं विधि परामर्शदाताओं को शामिल किया जाता है। ये सभी लोग विश्व में उच्चतम वेतन और मनचाही सुविधाओं वाली कुशलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन व्यवसायों को इसी कारण ‘गोल्ड कॉलर जॉब्स’ कहा जाता है। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में भी उनकी संख्या कम होती है, लेकिन अर्थव्यवस्थाओं की संरचना में उनका प्रत्यक्ष और विश्व कूटनीति में अप्रत्यक्ष महत्त्व बहुत जबरदस्त होता है। इसी कारण से इन्हें ‘मूवर्स एण्ड शोकर्स’ कहा जाता है।

प्रश्न 5.
चतुर्थ सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियाँ चतुर्थ सेवाओं की प्रमुख नवीन प्रवृत्तियाँ निम्नलिखित हैं
1. बाह्यस्रोतन – बाह्यस्रोतन का अर्थ है किसी बाहरी अभिकरण को कार्य सौंपना अथवा ठेके पर काम देना। बाह्यस्रोतन का उद्देश्य दक्षता को सुधारना तथा लागतों को घटाना होता है। जब बाह्यस्रोतन का कार्य समुद्रपार के स्थानों पर करवाया जाता है तो इसे अपतटन (Offshoring) कहा जाता है। जिन व्यावसायिक क्रियाकलापों का बाह्यस्रोतन किया जाता है उनमें प्रमुख हैं-सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सेवा, कॉल सेण्टर, विनिर्माण तथा अभियान्त्रिकी आदि।

2. ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्त्रोतन — यह चतुर्थ सेवाओं की एक और नवीन प्रवृत्ति है। के०पी०ओ० सूचना प्रेरित ज्ञान पर आधारित सेवा है जिसमें अनुसन्धान और विकास कार्य, ई-लर्निंग, व्यवसाय अनुसन्धान, बौद्धिक सम्पदा, कानूनी व्यवसाय और बैंकिंग सेक्टर आते हैं। ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्रोतन (K.P.0.) व्यवसाय प्रक्रमण बाह्यस्रोतन से भिन्न है, क्योंकि इसमें उच्च दक्षता प्राप्तकर्मी शामिल होते हैं।

3. भारत में समुद्रपार रोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ – वर्तमान में भारत विश्व में चिकित्सा पर्यटन के सेक्टर में हॉट-स्पॉट के रूप में उभरा है जिससे इस सेक्टर में मेडिकल प्रोफेशनल और टूरिस्ट गाइड के लिए रोजगार की असीमित सम्भावनाएँ बनी हैं।

क्या है मेडिकल टूरिज्म? कम खर्च पर मेडिकल व रिलैक्सेशन ट्रीटमेण्ट मिल जाएँ और दूसरा प्राकृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहर के स्थानों में घूमने का शौक भी पूरा हो जाए, आमतौर पर इसे ‘मेडिकल टूरिज्म’ कहा जाता है। अन्य शब्दों में इसका अर्थ है- ‘घूमने आइए, इलाज कराइए।’
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प्रश्न 6.
सेवाओं के प्रमुख घटकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सेवाओं के प्रमुख घटक सेवाओं के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं

  • वाणिज्यिक सेवाएँ – विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जनसम्पर्क और परामर्श।
  • अचल सम्पत्ति के क्रय-विक्रय सम्बन्धी सेवाएँ जो वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि व भवनों से सम्बन्धित हैं।
  • उत्पादक तथा उपभोक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार तथा रख-रखाव व मरम्मत के लिए कार्य जैसी सेवाएँ।
  • परिवहन और संचार – रेल, सड़क, जलयान व वायुयान सेवाएँ तथा डाक-तार सेवाएँ।
  • मनोरंजन – दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म और साहित्य।
  • प्रशासन – स्थानीय, राज्य तथा राष्ट्रीय प्रशासन, अधिकारी वर्ग, पुलिस सेवा तथा अन्य जन सेवाएँ।
  • गैर-सरकारी संगठन – शिशु-चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभरहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े व्यक्तिगत या सामूहिक परोपकारी संगठन।

प्रश्न 7.
विश्व में तृतीयक व्यवसाय में रोजगार का भाग बढ़ रहा है। इसके कारणों को समझाइए।
उत्तर:
विश्व में तृतीयक व्यवसाय में रोजगार का भाग बढ़ने के कारण
विश्व में सेवा क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में तीव्र वृद्धि हुई है। विश्वभर में मुख्यतः विकसित अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
1. विकसित देशों में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि – इसके कारण मनोरंजन, स्वास्थ्य तथा परिवहन जैसी सेवाओं की माँग में तेजी से वृद्धि हुई है।

2. समय के मूल्य में वृद्धि – अब विकसित देशों में समय का मूल्य बहुत अधिक बढ़ गया है, इसलिए लोग अधिकांश घरेलू कार्यों के लिए भी बाजार से सेवाएँ प्राप्त करते हैं।

3. चिकित्सा सेवाओं में वृद्धि – विश्व के विकसित देशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, पश्चिमी यूरोप के देश तथा जापान में सकल घरेलू उत्पाद में चिकित्सा सेवाओं का अनुपात बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण इन देशों की जनसंख्या की जनांकिकीय संरचना में परिवर्तन है। प्रौढ़ जनसंख्या में चिकित्सा सुविधाओं की माँग में वृद्धि हुई है।

4. शैक्षिक सेवाओं की माँग में वृद्धि – कार्यस्थलों पर साक्षर, गणित तथा कम्प्यूटर में कुशल व्यक्तियों की माँग में वृद्धि हुई है।

5. अप्रत्यक्ष उत्पादन में भी सेवा क्षेत्र की वृद्धि – इस क्षेत्र में भी कामगारों के अनुपात में वृद्धि हुई है। विनिर्माण उद्योग में संलग्न कम्पनियाँ भी सही दिशा-निर्देश देने वाली प्रशासन तन्त्र की सेवाएँ लेती हैं जो सूचनाओं का संग्रहण करके उनका संसाधन करने में सक्षम हो।

6. सार्वजनिक क्षेत्र की सेवाओं में वृद्धि – सार्वजनिक क्षेत्र में सुरक्षा, सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा कानून की व्यवस्था जैसी अनेक सेवाओं में वृद्धि हुई है।

7.विकसित देशों में सेवा निर्यात – देश के भीतर और बाहर सेवा निर्यात का स्तर निरन्तर ऊपर जा रहा है। इसके कारण भी रोजगार में वृद्धि हो रही है।

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प्रश्न 8.
विश्व में चतुर्थ क्रियाकलापों की प्रकृति तथा वृद्धि की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप-चतुर्थ क्रियाकलाप से तात्पर्य उन उच्च बौद्धिक व्यवसायों से है जिनका दायित्व चिन्तन, शोध और विकास के लिए नए विचार देना है। चतुर्य क्रियाकलापों की प्रकृति
चतुर्थ क्रियाकलापों की प्रकृति के प्रमुख बिन्दु निम्नलिखित हैं

  • चतुर्थ क्रियाकलापों में शिक्षा, सूचना, शोध और विकास की क्रिया शामिल है। ये बौद्धिक व्यवसाय के रूप में नए विचार देते हैं।
  • ये क्रियाकलाप प्रौद्योगिकी में क्रान्ति के परिणामस्वरूप विकसित हुए हैं।
  • ये क्रियाकलाप आर्थिक दृष्टि से बहुत जटिल बन गए हैं।
  • इन क्रियाकलापों में संलग्न अधिकांश लोग अत्यधिक विकसित देशों में रहते हैं।
  • इन क्रियाकलापों की प्रमुख विशेषता लोगों का उच्च वेतनमान तथा पदोन्नति के अच्छे अवसर हैं।
  • सूचना प्रौद्योगिकी चतुर्थक क्रियाकलापों के विकास में सहायक है।

चतुर्य क्रियाकलापों की वृद्धि
विश्व में आर्थिक क्रियाकलापों का पहले से कहीं अधिक विस्तार और विकास हुआ है। इसके साथ ही चतुर्थ क्रियाकलापों में वृद्धि हुई है। सूचना प्रौद्योगिकी में क्रान्ति के कारण ज्ञान आधारित उद्योगों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके कारण ज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योग के नए संकुलन स्थापित हुए हैं। विज्ञान और ज्ञान पर आधारित उद्योगों के संकुलों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क कहते हैं। इस तरह के पार्क अमेरिका तथा यूरोपीय देशों में विकसित हुए हैं। भारत व चीन में भी इस तरह के पार्कों का विकास हुआ है। इन पार्कों में प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित उद्योगों का विकास हुआ है जिनमें कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर, इण्टनरनेट आदि शामिल हैं।

प्रश्न 9.
तृतीयक क्रियाकलाप में व्यापार और वाणिज्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार हैं

  • व्यापार और वाणिज्य
  • परिवहन
  • संचार और
  • सेवाएँ।

व्यापार और वाणिज्य
कोई भी व्यक्ति अपनी आवश्यकता की सभी वस्तुएँ पैदा नहीं कर सकता। उसे दूसरे व्यक्तियों की पैदा की गई वस्तुएँ लेनी पड़ती हैं। इसी कारण व्यापार का जन्म हुआ। प्रारम्भ में ‘वस्तु विनिमय’ प्रचलित था। व्यापार के दो अंग हैं
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व्यापार के दो रूप हैं

  • थोक व्यापार, और
  • खुदरा व्यापार।

व्यापारिक केन्द्रों के दो वर्ग हैं

  • ग्रामीण विपणन केन्द्र और
  • शहरी विपणन केन्द्र।

ग्रामीण विपणन केन्द्र की विशेषताएँ।
इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • ये अर्द्ध शहरी केन्द्र हैं और बहुत ही प्रारम्भिक प्रकार के व्यापारिक केन्द्रों के रूप में काम करते हैं।
  • व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होती।
  • ये स्थानीय संग्रहण और वितरण केन्द्र होते हैं।
  • इनमें अधिकतर में मण्डी (थोक व्यापार केन्द्र) और खुदरा व्यापार क्षेत्र (दुकानें) होती हैं।
  • ये शहरी केन्द्र न होते हुए भी गाँव वालों की वस्तुओं (नमक, मिर्च, कपड़ा आदि) और सेवाओं की (डॉक्टर, दर्जी, उपकरणों की मरम्मत आदि) जरूरतों को पूरा करते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में आवधिक बाजार – ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ नियमित बाजार नहीं होते विभिन्न कालिक अन्तरालों पर स्थानीय आवधिक बाजार लगाए जाते हैं। ये बाजार पाक्षिक व साप्ताहिक होते हैं। इन बाजारों में लोग आकर आवश्यक जरूरतों को पूरा करते हैं।

नगरीय विपणन केन्द्र की विशेषताएँ
इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • ये सामान्य वस्तुओं और सेवाओं के साथ-साथ विशिष्ट वस्तुएँ और सेवाएँ भी प्रदान करते हैं।
  • यहाँ कारखानों में निर्मित वस्तुएँ बिकती हैं।
  • यहाँ विशेष प्रकार के बाजार विकसित होते हैं, जिसमें श्रमिक, आवास, अर्द्ध-निर्मित या निर्मित वस्तुएँ उपलब्ध होती हैं।
  • इसमें शैक्षणिक संस्थाएँ व पेशेवर लोग आते हैं।

व्यापार के रूप
व्यापार के दो रूप निम्नलिखित हैं
1. खुदरा (फुटकर) व्यापार – इस व्यापारिक क्रियाकलाप में वस्तुएँ सीधे उपभोक्ताओं को बेची जाती हैं। खुदरा व्यापार के रूप हैं
(i) स्थायी खुदरा दुकानें—इन्हीं में अधिकतर खुदरा व्यापार होता है। ये दुकानें केवल बिक्री के लिए होती हैं।

(ii) फेरी वाले, इण्टरनेट आदि – यह खुदरा व्यापार का दूसरा रूप है। इसमें कई तरह से उपभोक्ताओं तक वस्तुएँ पहुँचती हैं। फेरी वाले, ठेले वाले, ट्रक, ट्रैक्टर, ट्रॉली, बुग्गी, ताँगे वाले घर-घर जाकर सामान बेचने हैं। यह खुदरा व्यापार के पारम्परिक रूप हैं। इसके अलावा आजकल स्वचालित मशीनों, टेलीफोन, इण्टरनेट आदि से भी उपभोक्ता वस्तुएँ खरीदते हैं।

2. थोक व्यापार – थोक व्यापार का गठन कई बिचौलिए सौदागरों और पूर्तिद्यरों द्वारा होता है न लि फुटकर भण्डारों द्वारा। थोक विक्रेता प्रायः फुटकर भण्डारों को उधार देते हैं। यहाँ तक कि फुटकर विक्रेत अधिकतर थोक विक्रेता की पूँजी पर ही अपने कार्य का संचालन करते हैं।

प्रश्न 10.
परिवहन क्या है? इसकी आवश्यकता व प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
परिवहन का अर्थ – यह एक सेवा या सुविधा है जिसके द्वारा व्यक्तियों, सामान और सम्पत्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। परिवहन सड़क, रेलमार्ग, जलमार्ग तथा वायुमार्गों द्वारा किय जाता है।

परिवहन की आवश्यकता – गतिशीलता मनुष्य की मौलिक आवश्यकता है, जिसे परिवहन का संगठिा उद्योग पूरा करता है। वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग के लिए आधुनिक समाज को तीव्रगामी और सक्षम परिवहन की जरूरत होती है। मानव समाज के इस जटिल तन्त्र में परिवहन के द्वारा हर वस्तु का मूल्य बढ़ जाता है।

परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक
परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
1. जनसंख्या – परिवहन सेवाओं का विस्तार और सुचारु संचालन के लिए जनसंख्या के आकार का बहुत प्रभाव पड़ता है। अधिक जनसंख्या के लिए परिवहन की अधिक सुविधाओं की आवश्यकता होती है।

2. आर्थिक विकास – परिवहन और आर्थिक विकास एक-दूसरे पर आश्रित हैं। विकसित देशों में परिवहन की अधिक सुविधाएँ हैं। आर्थिक विकास का परिवहन की गुणवत्ता और विस्तार में बहुत योगदान होता है।

3. परिवहन व्यय – परिवहन पर होने वाला व्यय परिवहन के विस्तार और गुणवत्ता को प्रभावित करता है। महँगा परिवहन उसके उपयोग में बाधक होता है।

4. परिवहन की गति – समय से गन्तव्य तक यात्रियों और माल का पहुँचना आवश्यक है। यदि फल और सब्जी के ट्रक समय पर मण्डी में नहीं पहुँचते हैं तो उनके मूल्य में कमी हो जाती है, इसीलिए व्यापारी ट्रक चालकों को प्रोत्साहन धनराशि देते हैं।

5. उच्चावच – स्थल परिवहन को उच्चावच प्रभावित करता है। पहाड़ों और पठारों पर सड़कों व रेलमार्गों का निर्माण तथा संचालन व्यय बढ़ जाता है। इनके अलावा नगरों, कस्बों और गाँवों, औद्योगिक केन्द्रों और कच्चे माल की स्थिति और उनके बीच होने वाले व्यापार का प्रतिरूप, जलवायु का प्रकार तथा मार्ग की बाधाओं को दूर करने के लिए धनराशि भी परिवहन सेवाओं को प्रभावित करती हैं।

प्रश्न 11.
संचार क्या है? इसके साधनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
संचार का अर्थ-शब्दों और सन्देशों, तथ्यों और विचारों का एक व्यक्ति अथवा स्थान से दूसरे व्यक्ति या स्थान तक भेजना ही संचार है।
संचार के साधन
संचार के प्रमुख साधन निम्नलिखित हैं
1. दूरसंचार – दूरसंचार का उपयोग वैद्युत प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है। सन्देशों की प्रेषण की गति ने संचार में क्रान्ति ला दी है। दूरसंचार के द्वारा सन्देश सप्ताहों की बजाय मिनटों में भेजे जाने लगे हैं।

2. संचार के नए साधन – मोबाइल टेलीफोन के द्वारा सन्देश सीधे और तत्काल भेजे जाने लगे हैं। मोबाइल से सन्देश कहीं-से-कहीं को भी और कभी भी भेजे जा सकते हैं।

3. रेडियो और टी०वी० – रेडियो और टी०वी० समाचारों, चित्रों और टेलीफोन सन्देशों को संसार के कोने-कोने में अनेक श्रोताओं-दर्शकों तक पहुँचाते हैं; इसीलिए इन्हें जनसंचार के साधन कहा जाता है।

4. समाचार-पत्र – दुनियाभर की दैनन्दिन घटनाओं की खबरें पूरी दुनिया में पहुँचाते हैं।

5. उपग्रह – उपग्रह की घटनाओं की खबरें अन्तरिक्ष से लेकर सम्पूर्ण पृथ्वी पर पहुंचाते हैं।

6. इण्टरनेट – इण्टरनेट ने तो भूमण्डलीय संचार व्यवस्था में क्रान्ति ला दी है।

प्रश्न 12.
पर्यटन क्या है? पर्यटकों के आकर्षण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पर्यटन संसार का तीव्रतम वृद्धि वाला सबसे बड़ा उद्योग बन गया है। अधिकतर विकसित देशों में यह अर्थव्यवस्था का मुख्य कारक बन गया है। विकासशील देश भी पर्यटन को आय और रोजगार के अवसर में वृद्धि करने तथा जीवन स्तर को ऊँचा उठाने का सम्भावित तरीका मान रहे हैं।

पर्यटन का अर्थ – लोगों का अपने निवास स्थलों और कार्यस्थलों से अस्थायी तौर पर अल्प समय के लिए अन्य स्थानों पर जाकर रहना तथा वहाँ मनोरंजन आदि के अनेक क्रियाकलापों में लिप्त होना ही पर्यटन है।
समें सभी उद्देश्यों से की गई यात्राएँ शामिल हैं।

पर्यटकों के आकर्षण
पर्यटक अपनी रुचि और इच्छाओं को पूरा करने के लिए पर्यटन पर निकलते हैं; इसलिए अनेक प्राकृतिक और मानवकृत भू-दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं
1. जलवायु-कुछ ठण्डे देशों के पर्यटकों को गुनगुनी धूप में पुलिनों पर मौज-मस्ती की इच्छा होती है। यही कारण है कि उत्तरी यूरोप के पर्यटक दक्षिणी यूरोप और भूमध्यसागर के तटों पर छुट्टियाँ बिताते हैं। भूमध्य जागर के तट पर यूरोप के उत्तरी भागों की तुलना में तापमान निरन्तर ऊँचे रहते हैं। यही नहीं छुट्टियों के व्यस्ततम अवसरों पर मौसम धूपवाला और वर्षारहित रहता है। कुछ लोग बर्फीले पहाड़ों पर शीतऋतु के खेलों का आनन्द लेते हैं।

2. भू-दृश्य -अनेक लोग मनोरम और मनोहर पर्यावरण में छुट्टियाँ बिताना चाहते हैं। इसके लिए अछूते पर्वतों, झीलों, समुद्री तटों या मानव स्पर्श से रहित भू-दृश्यों को पर्यटन के लिए चुनते हैं।

3. इतिहास और कला – किसी प्रदेश का इतिहास और कला भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मिस्र, चीन, भारत जैसे देशों में पर्यटक ऐतिहासिक स्थलों का आनन्द लेने और अध्ययन करने आते हैं। लोग प्राचीन, नयनाभिराम नगरों, पुरातात्त्विक स्थलों को देखने जाते हैं। पर्यटकों के किलों, महलों और गिरजाघरों को खोजने में आनन्द आता है।

4. संस्कृति और अर्थव्यवस्था – विभिन्न क्षेत्रों में जातीय और स्थानीय रीति-रिवाजों में अभिरुचि रखने वाले पर्यटक ऐसे ही स्थलों पर जाते हैं। यदि ऐसे क्षेत्र पर्यटकों की जरूरत सस्ते में पूरा कर देते हैं, तो वे बहुत लोकप्रिय हो जाते हैं। पर्यटकों का घरों में ठहराना लाभकारी व्यवसाय बन गया है।

लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सेवाक्षेत्र प्रायः विकसित क्षेत्रों में क्यों केन्द्रित हैं? उपयुक्त उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सेवाक्षेत्र के विकसित क्षेत्रों में केन्द्रित होने के कारण

  • विकसित देशों में आय के बढ़ने से प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है। इससे सेवाओं की माँग में वृद्धि हो . जाती है। स्वास्थ्य, मनोरंजन और परिवहन ऐसी ही सेवाएँ हैं।
  • समय के मूल्य में वृद्धि के कारण अनेक कार्य बाजार से करवाए जाते हैं।
    उदाहरण – यूरोप, उत्तरी अमेरिका और जापान में सकल घरेलू उत्पाद में चिकित्सा सेवाओं का अनुपात निरन्तर बढ़ा है।

प्रश्न 2.
किलोमीटर दूरी, समय दूरी तथा लागत दूरी में अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किलोमीटर दूरी में परिवहन दूरी अथवा मार्ग की लम्बाई को वास्तविक दूरी के रूप में नापा जाता है।
समय दूरी अथवा एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाले समय में नापा जाता है।
लागत दूरी अथवा मार्ग पर यात्रा के खर्च के रूप में मापा जा सकता है।
परिवहन के साधन के चयन में समय अथवा लागत के सन्दर्भ में एक निर्णायक कारक मानचित्र पर समान समय में पहुंचने वाले स्थानों को मिलाने वाली ‘समकाल रेखाएँ‘ खींची जाती हैं।

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प्रश्न 3.
विकासशील देशों में सेवाक्षेत्रों में लगे लोगों का लेखा-जोखा ठीक तरह से नहीं रखे जाने के क्या कारण हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विकासशील देशों में सेवाक्षेत्रों में लगे लोगों का लेखा-जोख़ा ठीक तरह से नहीं रखे जाने के कारण निम्नलिखित हैं

  • विकासशील देशों में अधिकांश लोग असंगठित सेवाओं में लगे हैं। इस क्षेत्र को अनौपचारिक क्षेत्र’ भी कहते हैं।
  • अनौपचारिक क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों से लोग नगरों की ओर प्रवास करते हैं और नगरों में विभिन्न सेवाओं में रोजगार पाते हैं।
  • इन लोगों में अधिकांश लोग अशिक्षित तथा अकुशल होते हैं तथा इन लोगों को बहुत कम मजदूरी मिलती है।
  • असंगठित सेवाओं में गृहिणियों तथा बाल मजदूरों की संख्या भी अच्छी होती है परन्तु इनका भी लेखा-जोखा नहीं रखा जाता है।

प्रश्न 4.
विश्व में ग्रामीण क्षेत्रों के आवधिक बाजारों की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में आवधिक बाजारों की विशेषताएँ

  • ग्रामीण क्षेत्रों में आवधिक बाजार एक निश्चित दिन पर निश्चित स्थान पर लगाए जाते हैं।
  • ये बाजार साप्ताहिक / पाक्षिक / मासिक होते हैं जहाँ परिग्रामी क्षेत्रों से लोग आकर अपनी आवश्यकताओं की वस्तुओं को खरीदते हैं।
  • इन बाजारों के भारत में स्थानीय नाम हैं-हाट, पैंठ अथवा साप्ताहिक / पाक्षिक / मासिक बाजार।
  • कालिक अवधि पर लगने वाले बाजारों के कारण दुकान और व्यापारी हमेशा व्यस्त रहते हैं। .

प्रश्न 5.
फुटकर व्यापार सेवाओं की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
फुटकर व्यापार सेवाओं की विशेषताएँ

  • फुटकर व्यापार वह व्यापारिक क्रियाकलाप हैं जो उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से सम्बन्धित हैं।
  • यह एक स्थानीय व्यापारिक क्रिया है।
  • अधिकांश फुटकर व्यापार एक निश्चित स्थान पर होता है।
  • फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार-से-द्वार, डाक आदेश, दूरभाष, स्वचालित बिक्री मशीनें एवं इण्टरनेट फुटकर बिक्री के भण्डाररहित उदाहरण हैं।

प्रश्न 6.
थोक व्यापार सेवा की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
थोक व्यापार सेवा की विशेषताएँ

  • थोक व्यापार में भारी मात्रा में वस्तुओं का व्यापार होता है।
  • इसमें थोक व्यापारी बिचौलिए व्यापारियों और आपूर्ति संस्थाओं से माल खरीदते हैं।
  • इसमें फुटकर बिक्री नहीं होती है।
  • थोक व्यापारी फुटकर व्यापारियों को उधार में माल देते हैं, अत: फुटकर व्यापारी, थोक व्यापारी की पूँजी से ही अपना व्यापार चलाते रहते हैं।

प्रश्न 7.
समकाल रेखा और समकालिक मानचित्र को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
समकाल रेखा – किसी स्थान से समान यात्रा समय को दिखाने वाली रेखा ‘समकाल रेखा’ कहलाती है।

समकालिक मानचित्र – यह एक ऐसा मानचित्र होता है, जिसमें समान यात्रा समय को दिखाने वाली रेखाएँ खिंची होती हैं। ऐसे मानचित्रों से किसी स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने में लगने वाले समय का पता चल सकता है।

प्रश्न 8.
चतुर्थ क्रियाकलापों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप की विशेषताएँ चतुर्थ क्रियाकलाप की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • ये उच्च बौद्धिक व्यवसाय से सम्बन्धित हैं।
  • ये शिक्षा, सूचना, शोध तथा विकास की सेवाओं का एक भिन्न वर्ग है।
  • चतुर्थ क्रियाकलाप का दायित्व चिन्तन, शोध और विकास के लिए नए विचार देना है।
  • चतुर्थ क्रियाकलापों में लगे लोगों का एक विशिष्ट वर्ग है जिसका लक्षण उच्च वेतनमान और पदोन्नति के अवसरों के साथ-साथ बहुत अधिक गतिमान होना है।

प्रश्न 9.
पंचम क्रियाकलापों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
पंचम क्रियाकलापों की विशेषताएँ

  • पंचम गतिविधियाँ सर्वोच्च निर्णय निर्माता होती हैं।
  • ये गतिविधियाँ मुख्य रूप से आउटसोर्सिंग से सम्बन्धित होती हैं जिसका परिणाम विश्व के भिन्न भागों में भारी संख्या में कॉल सेण्टरों के खुलने से निकला है।
  • पंचम गतिविधियों में अनुसन्धान व विकास, ई-लर्निंग, व्यापार अन्वेषण, बौद्धिक सम्पत्ति अन्वेषण, कानूनी व्यवसाय तथा बैंकिंग क्षेत्र शामिल हैं।

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प्रश्न 10.
सेवाएँ एवं विनिर्माण में अन्तर को समझाइए।
उत्तर:
सेवाएँ एवं विनिर्माण में अन्तर
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प्रश्न 11.
श्रृंखला भण्डार अथवा चेन स्टोर को समझाइए।
उत्तर:
श्रृंखला भण्डार (चेन स्टोर)-शृंखला भण्डार (यथा-विशाल मेगा मार्ट, वी मार्ट, बिग बाजार, रिलायंस फ्रेश आदि) अपेक्षाकृत कम लागत पर व्यापारिक माल खरीद पाते हैं। कई बार ये वस्तुओं को स्वयं थोक में बनवा लेते हैं। वे इस तन्त्र को सँभालने के लिए कुशल विशेषज्ञ नियुक्त करते हैं। वे एक स्टोर के अनुभव का फायदा अन्य स्टोरों पर लागू करने में सक्षम होते हैं। श्रृंखला भण्डार में देश भर अथवा विदेशों में फैली हजारों दुकानें होने के कारण जोखिम कई स्थानों पर बँट जाता है। विज्ञापन और बिक्री की प्रोन्नति भी किफायती पड़ती है।

प्रश्न 12.
संचार साधनों के वर्ग को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संचार साधनों के वर्ग-संचार के विभिन्न साधनों के दो वर्ग हैं
1. व्यक्तिगत संचार तन्त्र – इसमें डाक व तार सेवा तथा कम्प्यूटर समर्थित दूरसंचार आते हैं। इस तन्त्र के द्वारा टेलीफोन, मोबाइल, इण्टरनेट और ई-मेल पर हम काफी कम लागत पर सन्देश भेज सकते हैं।

2. जनसंचार तन्त्र – जनसंचार के दो माध्यम हैं

  • मुद्रण माध्यम; जैसे-अखबार, पत्र और पत्रिकाएँ इत्यादि, तथा
  • इलेक्ट्रॉनिक माध्यम; जैसे-रेडियो और दूरदर्शन।

प्रश्न 13.
निम्न स्तरीय एवं उच्च स्तरीय सेवाओं को समझाइए।
उत्तर:
निम्न स्तरीय सेवाएँ – ये सेवाएँ साधारण होती हैं। इन सेवाओं को करने वाले मुख्यतः शारीरिक श्रम करते हैं; जैसे—पंसारी की दुकान, रिक्शा चालक, नाई, धोबी, माली, घर में काम करने वाली बाई आदि।

उच्च स्तरीय सेवाएँ – ये सेवाएँ उच्च स्तरीय या विशिष्टीकृत होती हैं। इन सेवाओं को करने वाले लोग मानसिक श्रम करते हैं; जैसे-डॉक्टर, वकील, अध्यापक, बैंकर व संगीतकार का कार्य आदि। उच्च स्तरीय सेवाएँ भुगतान कर सकने वाले व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को उपलब्ध होती हैं।

प्रश्न 14.
असंगठित क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
असंगठित क्षेत्र-रोजगार की तलाश में कामगार गाँवों से शहरों में प्रस्थान करते हैं और शहरों में लोगों के दैनिक जीवन के काम को सुविधाजनक बनाने के लिए व्यक्तिगत सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं। ये असंख्य लोग दुकानों पर नौकरी व घरों में काम करने वाले, रेहड़ी-रिक्शा वाले, फेरी वाले, तरह-तरह के मिस्त्री, ड्राइवर, रसोइये (कुक), माली, गृहपाल इत्यादि होते हैं। इन्हें अल्प वेतन पर नियुक्त किया जाता है। कर्मियों का यह वर्ग असंगठित होता है। असंगठित अथवा अनौपचारिक क्षेत्र का एक उदाहरण डिब्बावाला सेवा है, जो मुम्बई में 2,00,000 उपभोक्ताओं को भोजन उपलब्ध कराते हैं।

प्रश्न 15.
पर्यटन के प्रमुख लाभों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पर्यटन के प्रमुख लाभ

  • पर्यटक से प्राप्त आय, कुल कच्चे माल के निर्यात से होने वाली आय से अधिक होती है।
  • इससे स्थानीय लोगों को होटलों में, मनोरंजन में, गाइड के रूप में रोजगार मिलता है। पर्यटन उद्योग श्रमप्रधान है।
  • पर्यटन स्मृति चिह्नों के निर्माण उत्पादन को प्रोत्साहित करता है।
  • पर्यटन से स्थानीय कृषि उत्पादों की माँग में वृद्धि होती है।
  • हवाई अड्डों, सड़कों और होटलों के निर्माण में विदेशी निवेश आता है।
  • विदेशों से सांस्कृतिक सम्बन्ध मजबूत होते हैं तथा अपने स्थानीय रीति-रिवाजों और विरासत की रक्षा होती है।

प्रश्न 16.
पर्यटन को प्रोत्साहित/प्रभावित करने वाले कारक समझाइए।
उत्तर:
पर्यटन को प्रोत्साहित/प्रभावित करने वाले कारक
1. पर्यटन की माँग में वृद्धि – पिछले 50-60 वर्षों में छुट्टियाँ बिताने के लिए पर्यटन की माँग में वृद्धि हुई है। लोगों के जीवन स्तर के ऊँचा उठने और खाली समय में वृद्धि के कारण अनेकानेक लोगों को छुट्टियाँ बिताने की प्रेरणा मिली है।

2. अधिक समृद्धि – संसार के अनेक देशों में काफी बड़े वर्ग की आय में भारी वृद्धि हुई है। ऐसे लोग दूर-दूर देशों में पर्यटन के लिए जाने में समर्थ हैं।

3. परिवहन के सस्ते तीव्रगामी साधन – सड़क, रेल और वायु परिवहन में विकास तथा वायु परिवहन के सस्ते होने के कारण पर्यटन को प्रोत्साहन मिलता है।

4. अधिक छुट्टियाँ-काम के नए तौर – तरीकों से लोगों को काफी खाली समय मिलता है। कुछ लोग घर पर बैठकर कम्प्यूटर के माध्यम से काम करते या कुछ अंशकालिक कामगार हैं। ऐसे लोगों के पास पर्यटन के लिए काफी समय होता है।

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प्रश्न 17.
बाह्यस्त्रोतीकरण क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बाह्यस्रोतीकरण-कम्पनी के कामगारों के अलावा बाहर के किसी व्यक्ति, समूह या कम्पनी से काम करवाना ‘बाह्यस्रोतीकरण’ है।
बाह्यस्रोतीकरण का चलन मुख्य रूप से 1980 से माना जाता है। प्रारम्भ में इसे ‘बाह्य काम’ (Out work) कहते थे। आजकल बड़ी-बड़ी अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनियाँ भी बाहरी देशों से कार्य करवाती हैं।
बाह्यस्रोतीकरण के प्रमुख तीन प्रकार हैं

  • उत्पादन का बाह्यस्रोतीकरण
  • सेवाओं का बाह्यस्रोतीकरण
  • नवाचार का बाह्यस्रोतीकरण।

प्रश्न 18.
बाह्यस्रोतीकरण के लाभों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
बाह्यसोतीकरण के लाभ (महत्त्व)

  • सस्ता, विकसित देशों में मजदूरी और वेतन अधिक है, अत: विकासशील देशों में जहाँ मजदूरी और वेतन कम है, काम सस्ते में हो जाता है।
  • विदेशी कम्पनियों को विकासशील देशों के लचर कानूनों का लाभ मिल जाता है।
  • कम्पनियों का किसी भी विदेशी मुद्रा के माध्यम से व्यापार।
  • कम वेतन पर काम होने से लागत घटती है तथा उपभोक्ता तक वस्तुएँ कम कीमत में पहुँच जाती हैं।
  • विदेशी कम्पनियाँ विकासशील देशों से बौद्धिक पूँजी खरीद सकती हैं।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
तृतीयक क्रियाकलाप क्या हैं?
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप वे कार्य या सेवाएँ हैं जो पदार्थों के उत्पादन से भिन्न हैं और जो भौतिक पदार्थों का निर्माण, प्रसंस्करण प्रत्यक्ष रूप से नहीं करते हैं; यथा—शिक्षक, व्यापारी, वकील, डॉक्टर आदि। इसे ‘सेवाक्षेत्र’ भी कहते हैं।

प्रश्न 2.
चतुर्थ क्रियाकलाप शब्द की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
ये बहुत ही विशिष्ट तथा जटिल प्रकार के क्रियाकलाप हैं जिनका सम्बन्ध ज्ञान से जुड़े क्रियाकलाप जैसे शिक्षा, सूचना, शोध व विकास से है।

प्रश्न 3.
फुटकर व्यापार सेवाएँ क्या हैं?
उत्तर:
फुटकर व्यापार सेवाएँ वे सेवाएँ हैं जो उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से जुड़े हैं।

प्रश्न 4.
थोक व्यापार सेवा क्या है?
उत्तर:
थोक व्यापार सेवा का गठन अनेक बिचौलियों, सौदागरों तथा पूर्तिकारों द्वारा होता है।

प्रश्न 5.
व्यापार क्या है?
उत्तर:
व्यापार वस्तुतः अन्यत्र उत्पादित मदों का क्रय-विक्रय है।

प्रश्न 6.
लाल कॉलर श्रमिक किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्राथमिक क्रियाएँ करने वाले श्रमिक को लाल कॉलर श्रमिक कहा जाता है।

प्रश्न 7.
पंचम क्रियाकलाप को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पंचम क्रियाकलाप उच्च श्रेणी के क्रियाकलाप हैं जिनमें निर्णय लेने वाले तथा नीतियाँ बनाने वाले व्यक्ति शामिल किए जाते हैं।

प्रश्न 8.
वैश्विक नगर क्या हैं?
उत्तर:
वे नगर या महानगर जो अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार के रूप में विकसित होते हैं तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण होते जा रहे हैं, ‘वैश्विक नगर’ कहलाते हैं; यथा लन्दन, न्यूयॉर्क, टोकियो आदि।

प्रश्न 9.
विनिमय में शामिल तत्त्वों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विनिमय में शामिल तत्त्व हैं

  • व्यापार
  • परिवहन एवं
  • संचार।

प्रश्न 10.
व्यापार के प्रकार बताइए।
उत्तर:
व्यापार दो प्रकार के होते हैं

  • फुटकर व्यापार एवं
  • थोक व्यापार।

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प्रश्न 11.
समकाल रेखाओं से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मानचित्र पर समान समय में पहुंचने वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाओं को ‘समकाल रेखाएँ’ कहते हैं।

प्रश्न 12.
उच्च स्तरीय सेवाओं के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
(1) परामर्शदाता एवं
(2) चिकित्सक।

प्रश्न 13.
पर्यटन उद्योग द्वारा पोषित दो उद्योगों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • फुटकर व्यापार एवं
  • शिल्प उद्योग।

प्रश्न 14.
सशक्त कर्मी से क्या आशय है?
उत्तर:
सशक्त कर्मी वे श्रमिक हैं जो आत्म यथार्थीकरण द्वारा प्रेरित होते हैं न कि धन द्वारा। ये जीवन की गुणवत्ता, रचनात्मकता व व्यक्तिगत मूल्यों में विश्वास रखते हैं।

प्रश्न 15.
नोड क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
दो अथवा अधिक मार्गों का सन्धि स्थल, एक उद्गम बिन्दु, एक गन्तव्य बिन्दु अथवा मार्ग के सहारे एक बड़ा कस्बा ‘नोड’ होता है।

प्रश्न 16.
योजक किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक सड़क जो दो नोड़ों को जोड़ती है, ‘योजक’ कहलाती है।

प्रश्न 17.
संचार क्या है?
उत्तर:
संचार सेवाओं में शब्दों और सन्देशों, तथ्यों और विचारों का प्रेषण शामिल है।

प्रश्न 18.
परिवहन से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
परिवहन एक ऐसी सेवा या सुविधा है जिसमें व्यक्तियों, विनिर्मित माल तथा सम्पत्ति को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है।

प्रश्न 19.
पर्यटन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
पर्यटन एक यात्रा है जो व्यापार के स्थान पर प्रमोद के उद्देश्यों के लिए की जाती है।

प्रश्न 20.
चिकित्सा पर्यटन क्या है?
उत्तर:
जब चिकित्सा उपचार को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से सम्बद्ध कर दिया जाता है तो इसे सामान्यतः ‘चिकित्सा पर्यटन’ कहा जाता है।

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प्रश्न 21.
सेवा खण्ड में रोजगार बढ़ने के कोई दो प्रमुख कारण बताइए।
उत्तर:
सेवा खण्ड में रोजगार बढ़ने के प्रमुख कारण हैं

  • प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि एवं
  • बढ़ती व्यस्तता।

प्रश्न 22.
चतुर्थ क्रियाकलापों के कुछ प्रमुख उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं-सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन।

प्रश्न 23.
बाह्यस्रोतन का क्या अर्थ है?
उत्तर:
बाह्यस्रोतन का अर्थ है किसी बाहरी अभिकरण को काम सौंपना अथवा ठेके पर काम देना।

प्रश्न 24.
बाह्यस्त्रोतन का उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
बाह्यस्रोतन का उद्देश्य दक्षता को सुधारना तथा लागतों को घटाना होता है।

प्रश्न 25.
अपतटन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब बाह्यस्रोतन का कार्य समुद्रपार के स्थानों से करवाया जाता है तो इसे ‘अपतटन’ (Offshoring) कहा जाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
तृतीयक क्रियाकलाप सम्बन्धित हैं
(a) कृषि से
(b) विनिर्माण उद्योग से
(c) बुद्धि तथा कुशलता से जुड़ी सेवाओं से
(d) बौद्धिक व्यवसाय से।
उत्तर:
(c) बुद्धि तथा कुशलता से जुड़ी सेवाओं से।

प्रश्न 2.
वकील और शिक्षक किस प्रकार के क्रियाकलाप में आते हैं
(a) प्राथमिक
(b) द्वितीयक
(c) तृतीयक
(d) चतुर्थ।
उत्तर:
(c) तृतीयक।

प्रश्न 3.
आधुनिक युग में महिलाओं की संख्या किस क्रियाकलाप में अधिक है
(a) तृतीयक
(b) द्वितीयक
(c) चतुर्थ
(d) प्राथमिक।
उत्तर:
(a) तृतीयक।

प्रश्न 4.
उच्च बौद्धिक व्यवसाय में लगे लोग किस प्रकार के क्रियाकलाप के अन्तर्गत आते हैं
(a) प्राथमिक
(b) द्वितीयक
(c) तृतीयक
(d) चतुर्थ।
उत्तर:
(d) चतुर्थ।

प्रश्न 5.
विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जन सम्पर्क किस प्रकार की सेवाएँ हैं
(a) मनोरंजन सेवाएँ
(b) वाणिज्य सेवाएँ
(c) विनिर्माण सेवाएँ
(d) परिवहन व संचार सेवाएँ।
उत्तर:
(b) वाणिज्य सेवाएँ।

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक पंचम क्रियाकलाप है
(a) बुनाई
(b) खेती
(c) व्यापार
(d) विचारधाराओं की रचना।
उत्तर:
(d) विचारधाराओं की रचना।

प्रश्न 7.
बाह्यत्रोतन करने वाला देश है
(a) अमेरिका
(b) कनाडा
(c) जर्मनी
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 8.
बाह्यस्रोतन का व्यावसायिक क्रियाकलाप है
(a) सूचना प्रौद्योगिकी
(b) ग्राहक सेवा
(c) मानव संसाधन
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 9.
भारत का प्रमुख पर्वतीय पर्यटन स्थल है
(a) मसूरी
(b) शिमला
(c) मनाली
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 10.
परिवहन दूरी को मापने के तरीके हैं
(a) किलोमीटर दूरी
(b) समय दूरी
(c) लागत दूरी
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

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UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements (मानव बस्ती)

UP Board Class 12 Geography Chapter 10 Text Book Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 10 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
(i) निम्न में से किस प्रकार की बस्तियाँ सड़क, नदी या नहर के किनारे होती हैं
(क) वृत्ताकार
(ख) चौक पट्टी
(ग) रेखीय
(घ) वर्गाकार।
उत्तर:
(ग) रेखीय।

(ii) निम्न में से कौन-सी एक आर्थिक क्रिया ग्रामीण बस्तियों की मुख्य आर्थिक क्रिया है-
(क) प्राथमिक
(ख) तृतीयक
(ग) द्वितीयक
(घ) चतुर्थ।
उत्तर:
(क) प्राथमिक।

(iii) निम्न में से किस प्रदेश में प्रलेखित प्राचीनतम नगरीय बस्ती रही है
(क) ह्वांगहो की घाटी
(ख) सिन्धु घाटी
(ग) नील घाटी
(घ) मैसोपोटामिया।
उत्तर:
(ख) सिन्धु घाटी।

(iv) 2006 के प्रारम्भ में भारत में कितने मिलियन सिटी थे
(क) 40
(ख) 41
(ग) 42
(घ) 43.
उत्तर:
(क) 40

(v) विकासशील देशों की जनसंख्या के सामाजिक ढाँचे के विकास एवं आवश्यकताओं की पूर्ति में कौन-से प्रकार के संसाधन सहायक हैं
(क) वित्तीय
(ख) मानवीय
(ग) प्राकृतिक
(घ) सामाजिक।
उत्तर:
(घ) सामाजिक।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) आप बस्ती को कैसे परिभाषित करेंगे?
उत्तर:
बस्ती से अभिप्राय उस मानव अधिवास से है जिसमें एक से अधिक मकान होते हैं और जहाँ लोग सारा कार्य एक निर्मित क्षेत्र के भीतर ही करते हैं। ये सामान्यतया दो प्रकार की होती हैं

  • ग्रामीण एवं
  • नगरीय बस्तियाँ।

(ii) स्थान ( साइट) एवं स्थिति (सिचुएशन) के मध्य अन्तर बताइए।
उत्तर:
स्थान (साइट) एवं स्थिति (सिचुएशन) के मध्य अन्तर
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(iii) बस्तियों के वर्गीकरण के क्या आधार हैं?
उत्तर:
बस्तियों के वर्गीकरण के आधार निम्नलिखित हैं

  • जनसंख्या का आकार, तथा
  • प्रकार्य अथवा आर्थिक आधार।

इन दो आधारों के अनुसार बस्तियाँ दो प्रकार की होती हैं

  • ग्रामीण बस्तियाँ, एवं
  • नगरीय बस्तियाँ।।

(iv) मानव भूगोल में मानव बस्तियों के अध्ययन का औचित्य बताएँ।
उत्तर:
मानव बस्तियों का अध्ययन मानव भूगोल का आधार है इसलिए मानव भूगोल में बस्तियों का अध्ययन आवश्यक हो जाता है, क्योंकि किसी विशेष प्रदेश में बस्तियों का प्रारूप मनुष्य और पर्यावरण के सम्बन्धों को प्रदर्शित करता है। मानव बस्तियाँ वह स्थान हैं जहाँ मनुष्य स्थायी रूप से रहता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दीजिए :
(i) ग्रामीण एवं नगरीय बस्ती किसे कहते हैं? उनकी विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:
ग्रामीण बस्ती-वे बस्तियाँ जो भूमि से सीधी तथा काफी नजदीकी से जुड़ी होती हैं, ‘ग्रामीण बस्तियाँ’ कहलाती हैं। इन बस्तियों के लोग मुख्यत: प्राथमिक व्यवसाय में लगे होते हैं।
ग्रामीण बस्ती की विशेषताएँ

  • ग्रामीण बस्ती में लोग मुख्यत: कृषि तथा पशुपालन पर निर्भर करते हैं।
  • इनका आकार छोटा होता है।
  • इनमें आधुनिक सुविधाओं का अभाव होता है।
  • इनमें जनसंख्या घनत्व काफी कम होता है।
  • इन बस्तियों में मकान बिखरे हुए होते हैं।

नगरीय बस्ती – वे बस्तियाँ जो गैर-कृषिगत क्रियाकलापों जैसे उद्योग, व्यापार, परिवहन, प्रशासनिक तथा सामुदायिक सेवाओं सम्बन्धी कार्यों में लगी रहती हैं, ‘नगरीय बस्तियाँ’ कहलाती हैं।
नगरीय बस्ती की विशेषताएँ

  • नगरीय बस्ती में लोगों का व्यवसाय निर्माण उद्योग, व्यापार तथा प्रशासन होता है।
  • इनका आकार बड़ा होता है।
  • नगरों में परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा आदि सेवाओं की अधिक सुविधाएँ प्राप्त होती हैं।
  • इनमें जनसंख्या घनत्व काफी अधिक होता है।
  • इन बस्तियों में आवास पास-पास होते हैं।

(ii) विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याएँ विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं
1. मलिन बस्तियों में वृद्धि – बड़े नगरों का आकार मुख्यत: ग्रामीण जनसंख्या का नगरों की ओर प्रवास है। ये लोग रोजगार की तलाश में नगरों की ओर प्रस्थान करते हैं। नगर में अनियमित, अनियोजित तथा अनियन्त्रित रूप से मलिन बस्तियाँ बनने लगती हैं। बड़े नगरों में यह समस्या विशेष रूप से उत्पन्न हो जाती है।

2. नगरीय विस्तार – जैसे ही नगरों की जनसंख्या बढ़ती है वे चारों ओर बाहर की ओर फैलते हैं और कृषि योग्य भूमि का हरण करते हैं। वृहद् नगरों के आस-पास उपनगर बन जाते हैं। इस तरह नगर और अधिक विस्तृत हो जाते हैं।

3. सुगम यातायात की समस्या – नगरों में अनियमित बस्तियों के फैलाव से अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। इनमें से एक प्रमुख समस्या सुगम यातायात की समस्या भी है। नगरों में बढ़ती भीड़ को परिवहन की आवश्यकता होती है, जिससे यातायात प्रभावित हो जाता है।

4. प्रदूषण – नगरों के अनियमित तथा अनियोजित विकास से विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों का विकास होता है।

5. अन्य समस्याएँ – उपर्युक्त समस्याओं के अलावा नगरीय बस्तियों में कुछ अन्य समस्याएँ भी पायी जाती हैं; जैसे-सीवर प्रणाली, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, बेरोजगारी, सामाजिक प्रदूषण आदि।

UP Board Class 12 Geography Chapter 10 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 10 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप ग्रामीण बस्तियों का प्रतिरूप यह दर्शाता है कि मकानों की स्थिति किस प्रकार एक-दूसरे से सम्बन्धित है। गाँव की आकृति और आकार को प्रभावित करने वाले कारकों में गाँव की स्थिति, समीपवर्ती स्थलाकृति एवं क्षेत्र का भू-भाग प्रमुख स्थान रखते हैं।
1. विन्यास के आधार पर इसके मुख्य प्रकार हैं – मैदानी ग्राम, पठारी ग्राम, तटीय ग्राम, वन ग्राम एवं मरुस्थलीय ग्राम आदि।
2. कार्य के आधार पर इसके मुख्य प्रकार हैं – कृषि ग्राम, मछुआरों के ग्राम, लकड़हारों के ग्राम, पशुपालक ग्राम आदि।
3. बस्तियों के आधार पर – ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप उनकी आकृति, पर्यावरण तथा संस्कृति के द्वारा निर्धारित होते हैं। इन बस्तियों के मुख्य प्रतिरूप कई प्रकार की ज्यामितिक आकृतियाँ होती हैं; जैसे
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(i) रैखिक प्रतिरूप — इस प्रकार की बस्तियों में मकान सड़कों, रेल लाइनों, नदियों, नहरों, घाटी के किनारे या तटबन्धों पर स्थित होते हैं।

(ii) आयताकार प्रतिरूप – ग्रामीण बस्तियों का यह प्रतिरूप समतल क्षेत्रों अथवा चौड़ी अन्तरा पर्वतीय घाटियों में पाया जाता है। इसमें सड़कें आयताकार होती हैं जो एक-दूसरे को समकोण पर काटती हैं।

(iii) वृत्ताकार प्रतिरूप – इस प्रतिरूप के गाँव झीलों व तालाबों आदि क्षेत्रों के चारों तरफ बस्ती बस जाने से विकसित होते हैं।

(iv) तारे के आकार का प्रतिरूप – जहाँ कई मार्ग आकर एक स्थान पर मिलते हैं और उन मार्गों के सहारे मकान बन जाते हैं, वहाँ तारे के आकार की बस्तियाँ विकसित होती हैं।

(v) ‘टी आकार’,’वाई आकार’,’क्रॉस आकार के प्रतिरूप – ‘टी’ के आकार की बस्तियाँ सड़क के तिराहे पर विकसित होती हैं, जबकि ‘वाई’ आकार बस्तियाँ उन क्षेत्रों में पायी जाती हैं जहाँ पर दो मार्ग आकर तीसरे मार्ग से मिलते हैं। ‘क्रॉस’ आकार की बस्तियाँ चौराहों पर प्रारम्भ होती हैं जहाँ चौराहे से चारों दिशा में बसाव आरम्भ हो जाता है।

(vi) दोहरा प्रतिरूप – नदी पर पुल या फेरी के दोनों तरफ इन बस्तियों का विस्तार होता है।

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प्रश्न 2.
ग्रामीण बस्तियों की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों की समस्याएँ ग्रामीण बस्तियों की प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं
1. पेयजल का अभाव – संसार के अधिकतर गाँवों में पेयजल की गम्भीर समस्या है। महिलाओं व बच्चों को कई-कई किमी दूर से पानी लाना पड़ता है। रेगिस्तानी और पर्वतीय भागों में पेयजल की समस्या अत्यधिक गम्भीर है।

2. जलवाहित रोग – पेयजल की गुणवत्ता ठीक न होने से जलवाहित रोग जैसे हैजा, पीलिया आदि फैलते हैं।

3. बाढ़ और सूखा – दक्षिण एशिया के देशों के गाँव बाढ़ और सूखे दोनों की ही मार सहने को अभिशप्त हैं। सिंचाई के अभाव में सूखा पड़ने पर फसलों को भारी हानि होती है।

4.शौचालयों और कचरे की समस्या – गाँव में शौचालयों के न होने से महिलाओं को अधिक कठिनाई उठानी पड़ती है। वे इसी कारण अनेक रोगों का शिकार हो जाती हैं। गाँवों में कचरे की निपटान की कोई सुचारु व्यवस्था नहीं है।

5. मानव और पशु एक साथ – पशुओं को और उनके चारे को अपने घर में या घर के अति निकट घेर में रखना किसान की मजबूरी है, लेकिन इससे अनेक रोगों के फैलने का खतरा बना रहता है।

6. परिवहन और संचार साधनों का अभाव – गाँव में पक्की सड़कों का अभाव है। टेलीफोन सविधा सभी गाँवों में नहीं है, अत: आपातकाल में गाँव शेष दुनिया से कट जाते हैं। अनेक गाँव वर्षा ऋतु में सम्पर्कविहीन बने रहते हैं।

7.स्वास्थ्य और शिक्षा का अभाव – गाँवों में स्वास्थ्य और शिक्षा का अभाव है। यदि कहीं सुविधा है भी तो उसका स्तर बहुत घटिया है।

प्रश्न 3.
ग्रामीण बस्तियों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक
‘ग्रामीण बस्तियों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
1. जल की उपलब्धता – सामान्यतया ग्रामीण बस्तियाँ जलस्रोतों के समीप स्थित होती हैं, क्योंकि वहाँ जल आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

2. भूमि – मनुष्य बसने के लिए उस स्थान का चयन करता है जहाँ की भूमि खेती के लिए उपयुक्त व उपजाऊ हो। किसी भी क्षेत्र में प्रारम्भिक अधिवासी उपजाऊ एवं समतल क्षेत्रों में ही बसते थे।

3. उच्च भूमि के क्षेत्र – बस्तियाँ बसाने के लिए मनुष्य ऊँचे क्षेत्रों को इसलिए चुनता है कि वहाँ पर बाढ़ के समय होने वाले नुकसान से बचा जा सके और मकान व जीवन सुरक्षित रह सके।

4. गृह निर्माण सामग्री – मनुष्य अपनी बस्तियाँ वहाँ बसाता है जहाँ आसानी से लकड़ी, पत्थर आदि प्राप्त हो जाते हैं। प्राचीन गाँवों को वनों को काटकर बनाया गया था, क्योंकि वहाँ लकड़ी बहुतायत में थी।

5. सुरक्षा – राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध या पड़ोसी समूहों के उपद्रवी होने की स्थिति में गाँवों को सुरक्षात्मक पहाड़ियों एवं द्वीपों पर बसाया जाता था। भारत में अधिकतर दुर्ग ऊँचे स्थानों अथवा पहाड़ियों पर बने
हुए हैं।

प्रश्न 4.
नगरीय बस्तियों के वर्गीकरण के आधारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नगरीय बस्तियों के वर्गीकरण का आधार नगरीय बस्तियों के वर्गीकरण के आधार निम्नलिखित हैं
1. जनसंख्या का आकार – नगर को परिभाषित करने के लिए अधिकतर देशों में जनसंख्या को मुख्य आधार माना है, लेकिन जनसंख्या का मापदण्ड भिन्न-भिन्न देशों में भिन्न-भिन्न है। उदाहरणत: डेनमार्क, स्वीडन तथा फिनलैण्ड में किसी बस्ती को नगर कहलाने के लिए 250 व्यक्तियों की जनसंख्या ही पर्याप्त है। आइसलैण्ड में नगर होने के लिए न्यूनतम जनसंख्या 300 व्यक्ति होने चाहिए। भारत में न्यूनतम 5,000 तथा जापान में 30,000 व्यक्तियों की बस्ती को ही नगर कहा जाता है।

2. व्यावसायिक संरचना – कुछ देशों जैसे भारत में जनसंख्या के आकार के अतिरिक्त कुछ आर्थिक गतिविधियों को नगरीय बस्तियाँ परिभाषित करने का मापदण्ड बनाया जाता है। उदाहरणतः भारत में किसी बस्ती को नगर तभी कहा जाता है जब वहाँ कम-से-कम 75 पुरुषों का श्रमिक बल ऐसे कार्यों में लगा हो जो कृषि से सम्बन्धित न हो।

3. प्रशासनिक निर्णय – नगरों को प्रशासनिक आधार पर ही पारिभाषित किया जाता है। उदाहरणत: भारत में वे सभी स्थान जहाँ पर नगरपालिका, कैन्टोनमेन्ट बोर्ड, कॉर्पोरेशन तथा नोटिफाइड टाउन एरिया कमेटी हैं, नगर कहलाते हैं।

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प्रश्न 5.
नगरीय बस्तियों के प्रकार का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नगरीय बस्तियों के प्रकार नगरीय बस्तियों के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं
1. नगर – नगर की संकल्पना को गाँव के सन्दर्भ में आसानी से समझा जा सकता है। नगर और गाँव को अलग करने के लिए न तो हमेशा जनसंख्या का आकार ही अकेला मापदण्ड होता है और न ही नगरों और गाँवों के कार्यों की विषमता सदैव स्पष्ट होती है। नगर गाँव से बड़ी एक ऐसी संहत बस्ती होती है जिसमें जन-समुदाय नगरीय जीवन व्यतीत करता है।

2. शहर — किसी प्रदेश के अनेक नगरों में से अग्रणी नगर को शहर कहा जाता है। स्पष्ट है कि कोई भी नगर तभी शहर का दर्जा प्राप्त करता है जब वह स्थानीय और प्रादेशिक स्तर पर अपने प्रतिस्पर्धी अनेक नगरों को पछाड़ देता है। शहर न केवल नगरों से आकार और जनसंख्या में बड़े होते हैं, बल्कि उनके आर्थिक कार्य भी अधिक और जटिल होते हैं।

3. मिलियन सिटी — विश्व में दस लाख की जनसंख्या वाले शहरों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है। सन् 1950 तक विश्व में मिलियन सिटी कहे जाने वाले शहरों की संख्या 80 थी। इसके बाद लगभग हर 30 साल बाद दस लाख की जनसंख्या वाले शहरों की संख्या तीन गुनी हो गई।

4. सन्नगर – ‘सन्नगर’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग पैट्रिक गिडिज ने सन् 1915 में किया था। सन्नगर विशाल और सतत नगरीय क्षेत्र होता है जो अलग-अलग नगरों या शहरों के आपस में मिल जाने से बनता है। . आर्थिक विकास और जनसंख्या प्रसार के परिणामस्वरूप किसी नगर के आसन्न नगरों का सम्मिलन ‘सन्नगर’ कहलाता है। मानचेस्टर, ग्रेटर लन्दन, शिकागो, टोकियो एवं ग्रेटर मुम्बई सन्नगर के उदाहरण हैं।

5. विश्वनगरी ( मेगापोलिस) – यह यूनानी शब्द ‘मेगालोपोलिस’ से बना है जिसका अर्थ होता है’विशाल नगर’। मेगा सिटी’ शब्दावली का प्रयोग सर्वप्रथम जीन गौटमैन ने उस आबाद क्षेत्र के लिए किया था जो इस समय दक्षिणी हैम्पशायर से उत्तरी वर्जीनिया तक फैला हुआ है। यह एक बड़ा महासागरीय प्रदेश होता है जिससे सन्नगरों का समूह और जनसंख्या का सतत विस्तार पाया जाता है।

लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत में कब कोई बस्ती ‘नगर’ कहलाती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय जनगणना विभाग उन सभी आवासीय इकाइयों को नगर की श्रेणी में वर्गीकृत करता है जहाँ नगरपालिका या कॉर्पोरेशन या कैंटोनमेण्ट बोर्ड या नोटिफाइड टाउन एरिया कमेटी हो। उपर्युक्त विशेषता के बिना भी कोई आवासीय नगर कहलाता है यदि वह इकाई निम्नलिखित शर्तों को पूरा करती हो

  • उसकी जनसंख्या 5,000 से अधिक हो।
  • वहाँ जनसंख्या का घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी हो।
  • कम-से-कम 75 प्रतिशत पुरुषों का श्रमिक बल गैर-कृषि कार्यों में संलग्न हो।

प्रश्न 2.
संहत बस्तियों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
संहत बस्तियों की विशेषताएँ
संहत बस्तियों की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं

  • संहत बस्तियाँ नदी घाटियों तथा उपजाऊ समतल मैदानों में विकसित होती हैं।
  • इन बस्तियों में बहुत सारे मकान एक साथ बने होते हैं। यहाँ मकान एक-दूसरे से सटे हुए होते हैं।
  • इन बस्तियों का आकार भूमि की उपजाऊ क्षमता तथा निकटवर्ती क्षेत्र में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों की मात्रा पर निर्भर करता है।
  • इन बस्तियों के निवासी सामूहिक जीवन व्यतीत करते हैं।

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प्रश्न 3.
प्रकीर्ण बस्तियों के लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
प्रकीर्ण बस्तियों के लक्षण
प्रकीर्ण बस्तियों के निम्नलिखित लक्षण हैं

  • प्रकीर्ण बस्तियाँ प्राय: पर्वतीय, पठारी तथा उच्च भूमियों के क्षेत्र में बिखरी हुई पायी जाती हैं।
  • ऐसी बस्तियों में दो-तीन घर होते हैं क्योंकि ये बस्तियाँ विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में विकसित होती हैं।
  • खेत बड़े-बड़े होते हैं।
  • इन घरों को प्रायः कृषि भूमि या कई बार खाली भूमि अलग करती है।

प्रश्न 4.
प्रशासनिक नगर पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
प्रशासनिक नगर-ये नगर प्रशासनिक केन्द्र होते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर देशों की राजधानियाँ; जैसे-नई दिल्ली, मनीला, मास्को, बीजिंग, पेरिस, लन्दन आदि तथा राज्य स्तर पर उनकी राजधानियाँ; जैसेचण्डीगढ़, गांधीनगर, भोपाल इत्यादि प्रशासनिक नगरों के उदाहरण हैं। ऐसे नगरों में संसद भवन या विधानसभा भवन तथा बड़ी संख्या में सरकारी इमारतें व सरकारी आवास होते हैं।

प्रश्न 5.
अनधिकृत/अवैध बस्ती की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
अनधिकृत/अवैध बस्ती की विशेषताएँ

  • भौतिक विशेषताएँ — इन अवैध बस्तियों में जमीन के गैर-कानूनी कब्जे के कारण न्यूनतम जरूरी सुविधाएँ भी नहीं पायी जातीं। इन बस्तियों में जलापूर्ति, स्वच्छता, बिजली, सड़कें, नालियों, स्कूलों व स्वास्थ्य केन्द्रों का अभाव होता है।
  • सामाजिक विशेषताएँ — इन बस्तियों में मुख्यतः निम्न आयु वर्ग के लोग निवास करते हैं।
  • वैधानिक विशेषताएँ – इन बस्तियों के लोगों के पास भू-स्वामित्व का अभाव होता है।

प्रश्न 6.
एक स्वस्थ शहर कैसा होना चाहिए? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक स्वस्थ शहर में निम्नलिखित सुविधाएँ होनी चाहिए

  • ‘स्वच्छ’ एवं ‘सुरक्षित’ वातावरण।
  • सभी निवासियों की आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • स्थानीय प्रशासन में समुदाय की भागीदारी।
  • सभी के लिए आसानी से उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएँ।

प्रश्न 7.
यू०एन०डी०पी० की नगर रणनीति की प्राथमिकताओं को समझाइए।
उत्तर:
यू०एन०डी०पी० की नगर रणनीति की प्राथमिकताएँ

  • शहरी निर्धनों के लिए और अधिक मकानों का निर्माण किया जाए।
  • शहरों में सभी को शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य, स्वच्छ जल एवं सफाई के प्रबन्ध जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाएँ।
  • बुनियादी सेवाओं और सरकारी सुविधाओं तक महिलाओं की पहुँच में सुधार किया जाए।
  • ऊर्जा के उपयोग एवं परिवहन के वैकल्पिक तन्त्र को उन्नत किया जाए।
  • वायु प्रदूषण को कम किया जाए।

अतिलघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बस्ती किसे कहते हैं?
उत्तर:
घरों के समूह को बस्ती कहते हैं। यह ग्राम, नगर या शहर हो सकता है।

प्रश्न 2.
नगर और ग्रामों में मूलभूत अन्तर क्या है?
उत्तर:
नगर और ग्रामों में मूलभूत अन्तर लोगों के व्यवसाय में है।

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प्रश्न 3.
उपनगर क्या है?
उत्तर:
बड़े नगरों के समीप छोटे-छोटे से नगर बस जाते हैं, जिन्हें ‘उपनगर’ कहा जाता है।

प्रश्न 4.
स्थल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
स्थल से अभिप्राय उस वास्तविक भूमि से है जिस पर कोई बस्ती बसी हुई है।

प्रश्न 5.
बस्ती की स्थिति से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
बस्ती की स्थिति से तात्पर्य आस-पास के गाँवों या शहरों के सन्दर्भ में उसकी अवस्थिति को बताना है।

प्रश्न 6.
आर्थिक कार्यों की प्रकृति के आधार पर बस्तियों के कितने प्रकार हैं?
उत्तर:
आर्थिक कार्यों की प्रकृति के आधार पर बस्तियाँ दो प्रकार की होती हैं

  • ग्रामीण बस्तियाँ, एवं
  • नगरीय बस्तियाँ।

प्रश्न 7.
ग्रामीण बस्ती से क्या आशय है?
उत्तर:
ग्रामीण बस्ती से आशय उस बस्ती से है जिसके निवासी अपने जीवन-यापन के लिए भूमि विदोहन पर निर्भर करते हैं। अधिकांश ग्रामीण बस्तियों के अधिकांश निवासी कृषि कार्यों में संलग्न रहते हैं।

प्रश्न 8.
संहत बस्तियों से क्या आशय है?
उत्तर:
संहत बस्तियाँ वे होती हैं जिनमें मकान एक-दूसरे के समीप बनाए जाते हैं।

प्रश्न 9.
प्रकीर्ण बस्तियों से क्या आशय है?
उत्तर:
प्रकीर्ण बस्तियों में मकान दूर-दूर होते हैं तथा प्रायः खेतों के द्वारा एक-दूसरे से अलग होते हैं।

प्रश्न 10.
नगर क्या है?
उत्तर:
नगर ऐसे सघन व स्थायी बसे मानवीय अधिवास होते हैं जिनमें गैर-कृषिगत क्रियाकलापों जैसे उद्योग, व्यापार, परिवहन, प्रशासनिक तथा सामुदायिक सेवाओं सम्बन्धी कार्यों की प्रधानता मिलती है।

प्रश्न 11.
नगरीकरण की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर:
कुल जनसंख्या नगरीय जनसंख्या के अनुपात में वृद्धि को नगरीकरण की प्रक्रिया कहते हैं।

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प्रश्न 12.
प्रतिरक्षा नगर क्या है?
उत्तर:
प्रतिरक्षा नगरों में देश के सैनिकों के निवास, अभ्यास तथा प्रशिक्षण की व्यवस्था होती है। इन्हें कैंटोनमेण्ट अथवा संक्षेप में कैंट कहा जाता है; जैसे-दिल्ली छावनी, मेरठ छावनी आदि।

प्रश्न 13.
मलिन बस्ती का क्या अर्थ है?
उत्तर:
मलिन बस्तियाँ अनधिकृत बस्तियों से अलग होती हैं। मलिन बस्तियाँ वे आवासीय क्षेत्र होते हैं जहाँ भौतिक और सामाजिक परिस्थितियाँ अत्यन्त दयनीय होती हैं। भारत में धारावी (मुम्बई) एशिया की सबसे बड़ी मलिन बस्ती है।

प्रश्न 14.
अवैध बस्ती से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
निजी भूमि खरीदने के स्थान पर जब लोग किसी और की जमीन अथवा खाली पड़ी सार्वजनिक भूमि पर घर बना लेते हैं तो ऐसी बस्ती ‘अवैध बस्ती’ कहलाती है।

प्रश्न 15.
नगरीय बस्तियों के प्रकार बताइए।
उत्तर:
नगरीय बस्तियों के प्रकार हैं

  • नगर
  • शहर
  • मिलियन सिटी
  • सन्नगर
  • विश्वनगरी।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
नदी घाटियों तथा उपजाऊ मैदानों में पायी जाने वाली ग्रामीण बस्तियाँ किस प्रारूप की होती
(a) प्रकीर्ण
(b) संहत
(c) रैखिक .
(d) गोलाकार।
उत्तर:
(b) संहत।

प्रश्न 2.
पर्वतीय, पठारी तथा उच्च भूमि के क्षेत्रों में पायी जाने वाली बस्तियाँ किस प्रारूप की होती हैं
(a) संहत
(b) गोलाकार
(c) प्रकीर्ण
(d) रैखिक।
उत्तर:
(c) प्रकीर्ण।

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प्रश्न 3.
‘कैम्ब्रिज नगर’ प्रसिद्ध है
(a) उद्योग के लिए
(b) शिक्षण संस्थानों के लिए
(c) आमोद-प्रमोद के लिए
(d) धार्मिक स्थानों के लिए।
उत्तर:
(b) शिक्षण संस्थानों के लिए।

प्रश्न 4.
भारत में नगरीय बस्ती के लिए जनसंख्या घनत्व कितना होना चाहिए
(a) 250 व्यक्ति/प्रति वर्ग किमी
(b) 300 व्यक्ति/प्रति वर्ग किमी
(c) 350 व्यक्ति/प्रति वर्ग किमी
(d) 400 व्यक्ति/प्रति वर्ग किमी।
उत्तर:
(d) 400 व्यक्ति/प्रति वर्ग किमी।

प्रश्न 5.
250 से अधिक जनसंख्या वाली बस्ती को किस देश में नगरीय बस्ती कहा जाता है
(a) डेनमार्क
(b) स्वीडन
(c) फिनलैण्ड
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से किस प्रदेश में प्रलेखित प्राचीनतम नगरीय बस्ती रही है
(a) ह्वांगहो घाटी
(b) सिन्धु घाटी
(c) नील घाटी
(d) मैसोपोटामिया की घाटी।
उत्तर:
(b) सिन्धु घाटी।

प्रश्न 7.
सन्नगर का उदाहरण है
(a) शिकागो
(b) टोकियो
(c) ग्रेटर मुम्बई
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

प्रश्न 8.
धार्मिक नगर हैं
(a) मक्का
(b) मथुरा
(c) अजमेर
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

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प्रश्न 9.
खनन नगर है
(a) खेतड़ी
(b) झरिया
(c) कूलगार्डी
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

प्रश्न 10.
धारावी स्थित है
(a) मुम्बई में
(b) दिल्ली में
(c) कोलकाता में
(d) अहमदाबाद में।
उत्तर:
(a) मुम्बई में।

मानचित्र कार्य

प्रश्न 1.
विश्व के मानचित्र में वाणिज्य पशुधन के क्षेत्र को प्रदर्शित कीजिए। .
उत्तर:
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प्रश्न 2.
विश्व के मानचित्र में चलवासी पशुचारण के क्षेत्र को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 3.
विश्व के मानचित्र में आदिकालीन निर्वाह (स्थानान्तरी) कृषि के क्षेत्र को प्रदर्शित कीजिए
उत्तर:
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प्रश्न 4.
विश्व के मानचित्र में विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि के क्षेत्र को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements 6

प्रश्न 5.
विश्व के मानचित्र में मिश्रित कृषि के क्षेत्र को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 6.
विश्व के मानचित्र में डेटरी कृषि के क्षेत्र को प्रदर्शित कीजिए |
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements 8

प्रश्न 7.
विश्व के मानचित्र में 200 से अधिक एवं 1 से कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements 9

प्रश्न 8.
विश्व के मानचित्र में निम्नांकित को प्रदर्शित कीजिए
(i) लाल सागर तथा भूमध्यसागर को जोड़ने वाली नौ-परिवहन नहर।
(ii) प्रशान्त महासागर तथा अटलाण्टिक महासागर को मिलाने वाली नौ-परिवहन नहर।
(iii) यूरोप का आंतरिक जलमार्ग।
(iv) उत्तरी अमेरिका का आन्तरिक जलमार्ग।
उत्तर:
(i) स्वेज नहर
(ii) पनामा नहर
(iii) राईन जलमार्ग
(iv) सेण्ट लॉरेन्स जलमार्ग।
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements 10

प्रश्न 9.
संसार के मानचित्र में निम्नलिखित हवाई पत्तनों को प्रदर्शित कीजिए
(1) शिकागो, (2) न्यूयार्क, (3) मांट्रियल, (4) ब्यूनस आयर्स, (5) रियोडिजेनेरो, (6) पेरिस, (7) जोहान्सबर्ग, (8) केपटाउन, (9) जेनेवा, (10) लेनिनग्राद, (11) मास्को, (12) ताशकंद, (13) बीजिंग, (14) शंघाई, (15) टोकियो, (16) कोलकाता, (17) दिल्ली, (18) हांगकांग, (19) सिंगापुर, (20) पर्थ।
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements 11

प्रश्न 10.
विश्व के मानचित्र में निम्नांकित को प्रदर्शित कीजिए
(i) ट्रांस साइबेरियन रेलवे लाइन का पश्चिमी अन्तिम स्टेशन।
(ii) ट्रांस साइबेरियन रेलवे लाइन का पूर्वी अन्तिम स्टेशन।
(iii) ट्रांस कनेडियन रेलवे लाइन का पश्चिमी अन्तिम स्टेशन।
(iv) ट्रांस कनेडियन रेलवे लाइन का पूर्वी अन्तिम स्टेशन।
(v) ऑस्ट्रेलियाई पार महाद्वीपीय रेलमार्ग का पश्चिमी अन्तिम स्टेशन।
(vi) ऑस्ट्रेलियाई पार महाद्वीपीय रेलमार्ग का पूर्वी अन्तिम स्टेशन।
उत्तर:
(i) सेन्ट पीटर्सबर्ग
(ii) ब्लाडिवोस्टक
(iii) बैंकूवर
(iv) हैलीफैक्स
(v) पर्थ
(vi) सिडनी।
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements 12

प्रश्न 11.
विश्व के मानचित्र में निम्नलिखित को प्रदर्शित कीजिए- .
(1) मुख्य समुद्री मार्ग।
(2) समुद्री पत्तन
(i) शंघाई, (ii) होनोलूलू (iii) सिंगापुर, (iv) सिडनी, (v) मेलबर्न, (vi) केपटाउन, (vii) वेंकूवर, (viii) न्यूयॉर्क, (ix) लन्दन, (x) कोलकाता, (xi) कोलम्बो, (xii) डरबन।
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements 13

प्रश्न 12.
विश्व के मानचित्र में निम्नांकित को प्रदर्शित कीजिए
(i) रूहर क्षेत्र, (ii) सिलिकन घाटी, (iii) अप्लाशियन क्षेत्र, (iv) वृहत् झील क्षेत्र।
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements 14

UP Board Solutions for Class 12 Geography

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Secondary Activities

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Secondary Activities (द्वितीयक क्रियाएँ)

UP Board Class 12 Geography Chapter 6 Text Book Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 6 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(i) निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है
(क) हुगली के सहारे जूट के कारखाने सस्ती जल यातायात की सुविधा के कारण स्थापित हुए
(ख) चीनी, सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छन्द उद्योग हैं
(ग) खनिज तेल एवं जलविद्युत शक्ति के विकास ने उद्योगों की अवस्थिति कारक के रूप में कोयला शक्ति के महत्त्व को कम किया है
(घ) पत्तन नगरों ने भारत में उद्योगों को आकर्षित किया है।
उत्तर:
(ग) खनिज तेल एवं जलविद्युत शक्ति के विकास ने उद्योगों की अवस्थिति कारक के रूप में कोयला शक्ति के महत्त्व को कम किया है।

(ii) निम्न में से कौन-सी एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत होता है
(क) पूँजीवाद
(ख) मिश्रित
(ग) समाजवाद
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर:
(क) पूँजीवाद।

(iii) निम्न में से कौन-सा एक प्रकार का उद्योग अन्य उद्योगों के लिए कच्चे माल का उत्पादन करता है
(क) कुटीर उद्योग
(ख) छोटे पैमाने के उद्योग
(ग) आधारभूत उद्योग
(घ) स्वच्छन्द उद्योग।
उत्तर:
(ग) आधारभूत उद्योग।

(iv) निम्न में से कौन-सा एक जोड़ा सही मेल खाता है
(क) स्वचालित वाहन उद्योग – लॉस एंजिल्स
(ख) पोत निर्माण उद्योग – लूसाका
(ग) वायुयान निर्माण उद्योग – फ्लोरेंस
(घ) लौह-इस्पात उद्योग – पिट्सबर्ग
उत्तर:
(घ) लौह-इस्पात उद्योग – पिट्सबर्ग।

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Secondary Activities

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पर लगभग 30 शब्दों में टिप्पणी लिखिए-:
(i) उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग
उत्तर:
उच्च तकनीक विनिर्माण में सबसे नवीन विधि है। गहन खोज और विकास के द्वारा अग्रिम वैज्ञानिक इंजीनियरिंग को समझा जाता है। व्यावसायिक (सफेद कालर) कामगार कुल कार्यशक्ति का एक बड़ा भाग है। ये उच्च विशेषज्ञ वास्तविक उत्पादक हैं। रोबोटिक, कम्प्यूटर जीवन आकृति और विनिर्माण शोधन प्रक्रिया का इलेक्ट्रॉनिक्स नियन्त्रणमय रासायनिक और फार्मास्युटिकल उत्पाद उच्च तकनीक उद्योग के उदाहरण हैं।

(ii) विनिर्माण
उत्तर:
वे क्रियाएँ जिनमें प्राथमिक व्यवसाय जैसे कृषि, पशुपालन, खनन आदि के उत्पादों को तकनीकों का प्रयोग करके संसाधित किया जाता है और अधिक उपयोगी वस्तुओं में बदला जाता है। ऐसी प्रक्रियाएँ विनिर्माण उद्योग कहलाती हैं। उदाहरण के लिए, कपास को कच्चे माल के रूप में सूती वस्त्र उद्योग में प्रयोग करके वस्त्र उत्पादन किया जाता है।

(iii) स्वच्छन्द उद्योग
उत्तर:
स्वच्छन्द उद्योग व्यापक विविधता वाले स्थानों पर लगाए जा सकते हैं। वे किसी विशेष प्रकार के कच्चे माल पर निर्भर नहीं होते जिनके भार का ह्रास होता हो अथवा नहीं। ये उद्योग अधिकतर संघटक पुों पर निर्भर करते हैं जिन्हें कहीं से भी प्राप्त किया जा सकता है। इनमें उत्पादन की मात्रा व श्रमिक कम होते हैं। आमतौर पर ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते। इनकी अवस्थिति में सबसे महत्त्वपूर्ण कारक सड़क मार्गों द्वारा ‘पहुँच’ है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों का 150 शब्दों में उत्तर दीजिए :
(i) प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में क्या अन्तर है?
उत्तर:
प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में अन्तर
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Secondary Activities 1

(ii) विश्व के विकसित देशों के उद्योगों के सन्दर्भ में आधुनिक औद्योगिक क्रियाओं की मुख्य प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विकसित औद्योगिक देशों में आधुनिक औद्योगिक क्रियाकलापों में परिवर्तनशील प्रवृत्तियाँ देखी गई हैं। ये परिवर्तनशील प्रवृत्तियाँ निम्नलिखित हैं

  • उद्योगों की अवस्थिति के लिए उत्तरदायी कारकों के महत्त्व में निरन्तर कमी आती जा रही है।
  • विकसित अर्थव्यवस्था में विकास तथा वैज्ञानिक तकनीक की उन्नति के परिणामस्वरूप उद्योगों की संरचना एवं स्वरूप में परिवर्तन आया है। निरौद्योगीकरण की प्रवृत्तियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
  • आधुनिक औद्योगिक क्रियाकलापों में भी कई प्रकार के परिवर्तन हुए हैं। उद्योगों के उत्पादन के लिए उच्च तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।
  • कारखानों के स्थान पर छोटी इकाइयों का बिखराव बहुत बड़े क्षेत्रों में देखा जा रहा है।
  • अवशिष्ट पदार्थों में कमी की वजह से पुन:चक्रण प्रतिस्थापन तथा विकल्पों का योगदान अधिक है।
  • श्रम गहन उद्योग विकासशील देशों में विकसित हो रहे हैं।
  • बड़े-बड़े कारखानों का स्थान छोटे कारखाने ले रहे हैं।
  • डिजाइन तथा उत्पादन में बहुत ही तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं।

(iii) अधिकतर देशों में उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग प्रमुख महानगरों के परिधि क्षेत्रों में ही क्यों विकसित हो रहे हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
उच्च प्रौद्योगिक उद्योग औद्योगिक क्षेत्र अथवा प्रौद्योगिक पार्कों के रूप में महानगरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। लन्दन, पेरिस, मिलान, टोकियो आदि इसके उदाहरण हैं।
महानगरों के परिधीय क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग के विकसित होने के निम्नलिखित कारण हैं

  • महानगरों के मध्यवर्ती क्षेत्रों की तुलना में परिधि क्षेत्रों में भूमि सस्ती और पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होती है।
  • यह क्षेत्र मानवीय आवास से दूर होता है, इस कारण मानवीय आवास औद्योगिक प्रदूषण से अधिक प्रभावित नहीं होते।
  • महानगरों के परिधीय भागों में यातायात साधनों का पर्याप्त विकास पाया जाता है। यहाँ सड़क मार्ग एवं रेलों का सघन जाल पाया जाता है और यातायात बाधित नहीं होता।
  • उत्पाद की खपत के लिए बाजार महानगरों के समीप ही उपलब्ध हो जाते हैं।
  • इस भाग में खुला क्षेत्र अधिक होने के कारण पर्यावरण साफ व स्वच्छ रहता है।
  • समीपवर्ती आवासीय क्षेत्रों में आने-जाने वाले लोगों से श्रम की आपूर्ति आसानी से हो जाती है जो सस्ता भी होता है।
  • सरकार की औद्योगिक नीति के कारण ही यह उद्योग मानवीय आवासों से दूर महानगर की परिधि क्षेत्र में स्थापित किए जाते हैं।

(iv) अफ्रीका में अपरिमित प्राकृतिक संसाधन हैं फिर भी औद्योगिक दृष्टि से यह बहुत पिछड़ा . महाद्वीप है। समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
यह सत्य है कि अफ्रीका प्राकृतिक संसाधन में धनी है लेकिन औद्योगिक दृष्टि से वह पिछडा महाद्वीप है, जिसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
1. विषम जलवायु – अफ्रीका महाद्वीप के अधिकांश भाग में विषम जलवायु पायी जाती है। सहारा मरुस्थलीय जलवायु में आने वाले देश अधिक तापमान व गर्म पवनों के कारण पिछड़े हुए हैं। इसी तरह जिन भागों में भूमध्यरेखीय जलवायु पायी जाती है उन क्षेत्रों में विषम परिस्थितियों के कारण उद्योग विकसित नहीं हो पाए।

2. उच्च प्रौद्योगिकी की अनुपलब्धता – उच्च प्रौद्योगिकी की अनुपलब्धता के कारण भी अफ्रीका के देशों में उद्योग विकसित नहीं हो पाए।

3. परिवहन साधनों का अभाव – अफ्रीका महाद्वीप के देशों में विषम जलवायु; उच्चावच आदि के कारण परिवहन साधनों का विकास नहीं हो पाया है।

4. कुशल (प्रशिक्षित) श्रम का अभाव – अफ्रीका महाद्वीप के जिन देशों में खनिज पदार्थों की उपलब्धता है उन क्षेत्रों में कुशल श्रम के अभाव के कारण वे देश औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े हुए हैं।

5. पूँजी का अभाव – अफ्रीका महाद्वीप में पूँजी का पर्याप्त अभाव है जिसके कारण यहाँ औद्योगिक विकास नहीं हो पाया है।

UP Board Class 12 Geography Chapter 6 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 6 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
विनिर्माण उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए। अथवा विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत विनिर्माण उद्योगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विनिर्माण उद्योग-वे क्रियाएँ जिनमें प्राथमिक क्रियाएँ जैसे कृषि, पशुपालन, खनन आदि के उत्पादों को तकनीक का प्रयोग करके संशोधित किया जाता है और उन्हें अधिक उपयोगी वस्तुओं में बदला . जाता है। ऐसी प्रक्रियाएँ विनिर्माण उद्योग कहलाती हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Secondary Activities 2
विनिर्माण उद्योगों का वर्गीकरण
विनिर्माण उद्योगों के वर्गीकरण के आधार हैं-आकार, कच्चा माल, उत्पाद एवं स्वामित्व।

  1. आकार पर आधारित उद्योग – किसी उद्योग के आकार का निश्चय उसमें लगाई गई पूँजी की मात्रा, कार्यरत श्रमिकों की संख्या तथा उत्पादन की मात्रा के आधार पर किया जाता है। इस आधार पर उद्योग तीन प्रकार के होते हैं
    • कुटीर उद्योग
    • छोटे पैमाने के उद्योग
    •  बड़े पैमाने के उद्योग।
  2. कच्चे माल पर आधारित उद्योग – कच्चे माल पर आधारित उद्योगों के वर्गीकरण के आधार निम्नलिखित हैं- ..
    • कृषि आधारित उद्योग
    • खनिज आधारित उद्योग
    • रसायन आधारित उद्योग
    • वन आधारित उद्योग
    • पशु आधारित उद्योग।
  3. उत्पाद आधारित उद्योग – ऐसे उत्पाद जो अन्य उद्योगों के लिए कच्चा माल प्रदान करते हैं, उत्पाद आधारित उद्योग कहलाते हैं। उत्पाद आधारित उद्योगों के दो प्रकार निम्नलिखित हैं
    • आधारभूत उद्योग (मूलभूत उद्योग) – जैसे-लोहा-इस्पात उद्योग।
    • उपभोक्ता वस्तु उद्योग-जैसे – ब्रेड, बिस्कुट, चाय, साबुन आदि उद्योग।
  4. स्वामित्व के आधार पर उद्योग – स्वामित्व / अधिकार के आधार पर उद्योग के तीन प्रकार निम्न हैं
    • सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग-ये उद्योग सरकार के अधीन होते हैं।
    • निजी क्षेत्र के उद्योग-ये उद्योग व्यक्ति विशेष के अधीन होते हैं।
    • संयुक्त क्षेत्र के उद्योग-इन उद्योगों का संचालन संयुक्त कम्पनी के द्वारा अथवा किसी निजी एवं . सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी के संयुक्त प्रयासों से होता है।

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Secondary Activities

प्रश्न 2.
आकार के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
आकार के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण
आकार के आधार पर उद्योगों के वर्गीकरण के आधार हैं-निवेशित पूँजी, कार्यरत श्रमिकों की संख्या एवं उत्पादन की मात्रा।
आकार के आधार पर उद्योगों के तीन प्रकार निम्नलिखित हैं
1. कुटीर उद्योग – यह विनिर्माण की सबसे छोटी इकाई है। इसे ‘शिल्प उद्योग’ भी कहा जाता है। इसमें दस्तकार अपनी पैतृक दक्षता के आधार पर अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर स्थानीय कच्चे माल का प्रयोग करते हुए सरल विधियों से अपने घर पर ही छोटी-छोटी वस्तुओं का निर्माण करते हैं। तैयार माल का या तो वह स्वयं उपभोग करता है अथवा उसे स्थानीय बाजार में बेच देता है। कभी-कभी वह वस्तु-विनिमय भी करता है। ये उद्योग पूँजी व परिवहन से प्रभावित नहीं होते हैं। इन उद्योगों में दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं जैसे खाद्य पदार्थ, कपड़ा, बर्तन, औजार, फर्नीचर, जूते एवं लघु मूर्तियाँ आदि बनाई जाती हैं।

2. छोटे पैमाने के उद्योग (लघु उद्योग) – यह उद्योग कुटीर उद्योग का विस्तृत एवं संशोधित रूप है। इसमें स्थानीय कच्चे माल का उपयोग किया जाता है। इस उद्योग में अर्द्धकुशल श्रमिक व शक्तिचालित यन्त्रों का प्रयोग किया जाता है। रोजगार के अवसर इस उद्योग में अधिक होते हैं।

3. बड़े पैमाने के उद्योग – बड़े पैमाने के उद्योग की विशेषताएँ हैं—विशाल बाजार, विभिन्न प्रकार का कच्चा माल, शक्ति साधन, कुशल श्रमिक, विकसित प्रौद्योगिकी, अधिक उत्पादन एवं अधिक पूँजी। वर्तमान में इन उद्योगों का विस्तार विश्व के सभी क्षेत्रों में है।
बड़े पैमाने पर हुए विनिर्माण की प्रणाली के आधार पर विश्व के प्रमुख औद्योगिक प्रदेशों को दो बड़े समूहों में विभक्त किया जा सकता है

  • बड़े पैमाने के परम्परागत औद्योगिक प्रदेश, एवं
  • उच्च प्रौद्योगिकी वाले बड़े पैमाने के औद्योगिक प्रदेश।

प्रश्न 3.
विश्व में सूती वस्त्र उद्योग का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सूती वस्त्र उद्योग सूती वस्त्र उद्योग संसार के प्राचीनतम उद्योगों में से एक हैं। भारत में हड़प्पा संस्कृति और मिस्त्र में वस्त्र निर्माण के प्रमाण मिले हैं। यह उद्योग कृषि आधारित है। इस उद्योग में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करोड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इस उद्योग की प्रमुख क्रियाएँ हैं
(1) कताई, (2) बुनाई एवं (3) वस्त्र निर्माण।
सूती वस्त्र उद्योग की अवस्थिति के कारक
(1) जलवायु, (2) कच्चे माल की उपलब्धता, (3) स्वच्छ जल की आपूर्ति, (4) कुशल कारीगर, (5) सस्ती जलविद्युत, (6) बाजार की समीपता आदि।
सूती वस्त्र निर्माण के सेक्टर – इस उद्योग में सूती वस्त्रों का निर्माण तीन सेक्टरों में किया जाता है
1. हथकरघा सेक्टर – यह श्रम सघन क्षेत्र है जिसमें अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। यह सेक्टर अर्द्धकुशल श्रमिकों को रोजगार प्रदान करता है। इस सेक्टर में पूँजी निवेश भी कम होता है। इसमें सूत की कताई, बुनाई आदि का काम किया जाता है।

2. बिजली करघा सेक्टर – बिजली करघों से कपड़ा बनाने में मशीनों का प्रयोग किया जाता है। परिणामस्वरूप इसमें श्रमिकों की कम आवश्यकता होती है। इस सेक्टर का उत्पादन हथकरघा सेक्टर की अपेक्षा अधिक होता है।

3. मिल सेक्टर – मिलों में कपड़ा बनाने के लिए अधिक पूँजी का निवेश किया जाता है, परन्तु उसमें कपड़ा अच्छा बनता है और अधिक मात्रा में बनता है।
सूती वस्त्र उद्योग का वितरण – सूती वस्त्र बनाने वाले प्रमुख देश भारत, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान एवं मिस्र हैं। विश्व की 50 प्रतिशत से अधिक कपास का उत्पादन यही देश करते हैं। ग्रेट-ब्रिटेन, उत्तर-पश्चिमी यूरोप के देश एवं जापान आयातित धागे से सूती कपड़े का उत्पादन करते हैं। अकेला यूरोप विश्व की लगभग आधी कपास का आयात करता है।

प्रतिस्पर्धा और संकट – वर्तमान में सूती वस्त्र उद्योग को संश्लेषित रेशे से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। . परिणामस्वरूप अनेक देशों में यह उद्योग नकारात्मक प्रवृत्ति दिखा रहा है।

अर्थव्यवस्था में विकास तथा वैज्ञानिक एवं तकनीकी उन्नति के फलस्वरूप उद्योगों की संरचना और स्वरूप में बदलाव लाया जा सकता है। उदाहरणत: दूसरे विश्वयुद्ध से लेकर सन् 1980 तक वस्त्र निर्माण में जर्मनी ने खूब तरक्की की, लेकिन बाद में यह उद्योग कम श्रम लागत के कारण जब अल्पविकसित देशों में स्थानान्तरित हो गया तो जर्मनी में वस्त्र उद्योग का ह्रास हो गया।
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Secondary Activities 3

प्रश्न 4.
कच्चे माल पर आधारित उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए। अथवा कच्चे माल पर आधारित उद्योगों के वर्गीकरण के आधारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कच्चे माल पर आधारित उद्योगों का वर्गीकरण
कच्चे माल पर आधारित उद्योगों के वर्गीकरण के पाँच आधार निम्नलिखित हैं
1. कृषि आधारित उद्योग – ये वे उद्योग हैं जो कृषि उत्पादों को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करते हैं तथा इन्हें विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा तैयार माल में बदलकर बिक्री हेतु ग्रामीण और नगरीय बाजारों में भेजते हैं। प्रमुख कृषि आधारित उद्योग हैं— भोजन प्रसंस्करण, शक्कर, अचार, फलों के रस, पेय पदार्थ (चाय, कॉफी, कोको), मसाले, तेल एवं वस्त्र एवं रबड़ उद्योग आदि।

2. खनिज आधारित उद्योग – खनिज आधारित उद्योगों में खनिजों का कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है। ये उद्योग दो प्रकार के होते हैं

  • लौह-धातु उद्योग – ये उद्योग ऐसी धातुओं पर आधारित होते हैं जिनमें लौहांश की मात्रा होती है। लौह-इस्पात उद्योग, मशीन व औजार उद्योग, तेल इंजन, मोटरकार तथा कृषि औजार उद्योग इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
  • अलौह-धातु उद्योग – ये उद्योग ऐसी धातुओं पर आधारित होते हैं जिनमें लौहांश नहीं होता; जैसेताँबा, ऐलुमिनियम एवं जवाहरातों पर आधारित उद्योग।

3. रसायन आधारित उद्योग – रसायन आधारित उद्योगों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रासायनिक खनिजों का उपयोग होता है, जैसे- पेट्रो रसायन उद्योग में खनिज तेल का उपयोग होता है। नमक, गन्धक एवं पोटाश उद्योगों में भी प्राकृतिक खनिजों को काम में लेते हैं।

4. वन आधारित उद्योग – वन आधारित उद्योगों में वनों से प्राप्त मुख्य एवं गौण उपजों को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करते हैं। उदाहरणतः फर्नीचर उद्योग के लिए लकड़ी, कागज उद्योग के लिए लकड़ी, बाँस एवं घास तथा लाख उद्योग के लिए लाख वनों से ही प्राप्त होती है। .

5. पशु आधारित उद्योग – चमड़ा उद्योग के लिए चमड़ा एवं ऊनी वस्त्र उद्योग के लिए ऊन पशुओं से प्राप्त होती है। चमड़ा उद्योग, ऊनी वस्त्र उद्योग, हाथीदाँत उद्योग आदि पशु आधारित उद्योग हैं।

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Secondary Activities

प्रश्न 5.
उद्योगों की अवस्थिति के आधुनिक कारकों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उद्योगों की अवस्थिति के आधुनिक कारकों की विशेषताएँ
उद्योगों की अवस्थिति के आधुनिक कारकों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • उद्योगों की अवस्थिति के आधुनिक कारकों का अलग-अलग प्रभाव नहीं होता।
  • ये कारक उद्योगों की अवस्थिति को सामूहिक रूप से प्रभावित करते हैं।
  • इन कारकों का आपस में जटिल सम्बन्ध होता है।
  • इन कारकों का सापेक्षिक महत्त्व कभी स्थायी नहीं होता बल्कि वह समय, स्थान, उद्योगों के प्रकार व अर्थव्यवस्था के अनुसार बदलता रहता है।
  • किसी निश्चित समय पर उद्योगों की स्थापना के सभी कारक अनुकूल हों, आवश्यक नहीं।
  • हर जगह कुछ कारक अनुकूल होते हैं व कुछ प्रतिकूला उद्योगों के लिए अच्छे स्थान वे माने जाते हैं जहाँ अनुकूल कारक अधिक प्रभावशाली हों व प्रतिकूल कारक कम प्रभावशाली हो ।
  • उद्योगों की अनुकूलतम (Optimum) अवस्थिति वह होती है जहाँ सभी अनुकूल कारकों में सन्तुलन बैठ रहा हो। वैसे अनुकूलतम अवस्थिति एक सापेक्षिक (Relative) शब्द है।

प्रश्न 6.
आधुनिक बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण की विशेषताएँ
आधुनिक युग में बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1. कौशल अथवा उत्पादन की विधियों का विशिष्टीकरण – शिल्प पद्धति में केवल थोड़ी वस्तुओं का ही उत्पादन किया जाता है जिनका पहले से ऑर्डर प्राप्त होता है। परिणामस्वरूप वस्तुओं की उत्पादन लागत अधिक आती है। बड़े पैमाने पर होने वाले उत्पादन में प्रत्येक कर्मचारी बड़ी संख्या में एक जैसे सामान (वस्तु). को बार-बार बनाता रहता है। इससे वस्तु की लागत भी कम आती है और वस्तुओं का मानक भी समान रहता है।

2. मशीनीकरण – मशीनीकरण से अभिप्राय ऐसी युक्तियों के उपयोग से है जिनसे कार्य सम्पन्न होता है। विनिर्माण में स्वचालित मशीनों का उपयोग मशीनीकरण की विकसित अवस्था को प्रदर्शित करता है। वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व में ऐसे स्वचालित कारखाने दिखने लगे हैं जो कि कम्प्यूटर द्वारा नियन्त्रित हैं और जिनमें मशीनों को ‘सोचने’ के लिए विकसित किया गया है।

3. प्रौद्योगिक नवाचार – बड़े पैमाने के आधुनिक विनिर्माण की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह भी है कि वे सतत शोध एवं विकास के बल पर ऐसे प्रौद्योगिक नवाचार का उपयोग करते हैं जिनसे गुणवत्ता का नियन्त्रण, अपशिष्टों का निस्तारण, अदक्षता की समाप्ति और प्रदूषण में कमी प्रभावी ढंग से हो सकती है।

4.संगठनात्मक ढाँचा एवं स्तरीकरण – आधुनिक विनिर्माण उद्योग एक संगठन की तरह कार्य करता है जिसमें सभी विभाग अपना-अपना दायित्व निभाते हैं। इस वृहद् प्रणाली के प्रमुख लक्षण हैं

  • एक जटिल प्रौद्योगिकी यन्त्र
  • अत्यधिक विशिष्टीकरण व श्रम विभाजन के द्वारा कम लागत पर उत्पादन
  • अधिक पूँजी
  • बड़े संगठन एवं
  • प्रशासकीय अधिकारी वर्ग।

5. अनियमित भौगोलिक वितरण – आधुनिक विनिर्माण के प्रमुख संकेन्द्रण विश्व में बहुत ही थोड़े स्थानों पर विकसित हो पाए हैं। विनिर्माण उद्योगों से सम्पन्न देश आर्थिक एवं राजनीतिक शक्ति के केन्द्र बन गए हैं।

प्रश्न 7.
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उद्योग हर जगह पर विकसित नहीं हो पाते। उनकी स्थापना ऐसे स्थानों पर की जाती है जहाँ उत्पाद के निर्माण और विक्रय पर लागत कम-से-कम आए और अधिक-से-अधिक लाभ हो। ऐसी अवस्थिति का चयन काफी सोच-विचार के उपरान्त किया जाता है। किसी भी उद्योग की अवस्थिति अनेक प्रकार के कारकों द्वारा नियन्त्रित होती है।
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
1. बाजार – उद्योगों की स्थापना में सबसे महत्त्वपूर्ण कारक उसके द्वारा उत्पादित माल के लिए उपलब्ध बाजार का होना है। बाजार से अभिप्राय उस क्षेत्र से होता है जहाँ तैयार माल की माँग हो और वहाँ के निवासियों में उन वस्तुओं को खरीदने की क्षमता भी हो।

2. कच्चे माल की प्राप्ति – उद्योग के लिए कच्चा माल अपेक्षाकृत सस्ता एवं आसानी से परिवहन योग्य होना चाहिए। कच्चे माल के स्रोत के समीप स्थित होने वाले उद्योग हैं

  • ह्रासमान भार वाले कच्चे माल का प्रयोग करने वाले उद्योग, जैसे-चीनी उद्योग।
  • भारी कच्चा माल प्रयोग करने वाले उद्योग, जैसे-लौह-इस्पात उद्योग।
  • कच्चे माल का भार कम होने वाले उद्योग, जैसे-ताँबा उद्योग।
  • शीघ्र नष्ट होने वाले कच्चे माल पर आधारित उद्योग, जैसे-दुग्ध पदार्थ, डिब्बाबन्द फल आदि।

3. शक्ति के साधन – वे उद्योग जिन्हें अधिक शक्ति की आवश्यकता है, शक्ति स्रोतों के समीप ही लगाए जाते हैं, जैसे-ऐलुमिनियम उद्योग।

4.श्रम आपूर्ति – कम्प्यूटरों के बढ़ते उपयोग, यन्त्रीकरण, स्वचालन एवं औद्योगिक प्रक्रिया के लचीलेपन के कारण उद्योगों की श्रमिकों पर निर्भरता थोड़ी कम हुई है। फिर भी औद्योगिक विकास के लिए उचित वेतन पर सही श्रमिकों का महत्त्व आज भी बना हुआ है।

5. परिवहन एवं संचार की सुविधा – कच्चे माल को कारखाने तक लाने के लिए और उत्पादित माल को खपत केन्द्रों तक पहुँचाने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन सुविधाएँ उद्योगों की अवस्थिति के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कारक हैं। उद्योगों के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं प्रबन्धन के लिए संचार की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता होती है।

6. सरकारी नीति – सरकारी नीति में उद्योगों के अवस्थितिकरण को प्रभावित करने वाली महत्त्वपूर्ण कारक है।
उपर्युक्त सभी कारक सम्मिलित रूप से किसी उद्योग की अवस्थिति को प्रभावित व नियन्त्रित करते हैं।

प्रश्न 8.
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों की विशेषताएँ
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
(1) उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों के उन्नत, वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग उत्पाद अत्यन्त परिष्कृत होते हैं जिनका निर्माण गहन वैज्ञानिक शोध एवं विकास पर आधारित होता है।

(2) इन उद्योगों में उच्च कुशलता वाले दक्ष एवं विशिष्ट व्यावसायिक श्रमिकों (सफेद कॉलर) को नौकरी पर रखा जाता है। इनकी संख्या वास्तविक उत्पादन करने वाले श्रमिकों (नीला कॉलर) से अधिक होती है।

(3) उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों के कुछ प्रमुख उत्पाद-रोबोट (यन्त्र मानव), कम्प्यूटर आधारित डिजाइन (CAD) तथा निर्माण, धातु पिघलाने एवं शोधन करने के इलैक्ट्रॉनिक नियन्त्रण और रसायन व औषधियाँ होते हैं।

(4) इस नए औद्योगिक भू-दृश्य में धुआँ उगलती चिमनियों, बड़े-बड़े बदसूरत विशाल भवन, कारखाने, भण्डार और कूड़े के ढेर नहीं होते बल्कि उसके स्थान पर आधुनिक, साफ-सुथरे, स्मार्ट व डिजाइनर भवन, यत्र-तत्र स्थित कार्यालय तथा शोध एवं विकास की प्रयोगशालाएँ देखने को मिलती हैं।

(5) ये उद्योग बाजार की बदलती माँग के अनुसार अपने उत्पादों में तेजी से सुधार करते हैं। इसी कारण इसके उत्पाद अल्पजीवी होते हैं।

(6) इन उद्योगों में श्रम की गतिशीलता बहुत अधिक होती है, क्योंकि योग्यता और अनुभव अधिक आय उन्नत सुविधाओं व सामाजिक स्तर के प्रति संवेदनशील होते हैं।

(7) आज भी उपभोक्ता संस्कृति में एक बार तो इनके उत्पाद खूब बिकते हैं। उदाहरणत: कम्प्यूटरों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है।

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प्रश्न 9.
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों की अवस्थिति के कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उच्च प्रौद्योगिकी विनिर्माण क्रियाकलापों में नवीनतम पीढ़ी है। पिछले दो दशकों से उच्च प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं।
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों की अवस्थिति के कारक
इन स्वच्छन्द उद्योगों पर पारम्परिक कारकों का कोई विशेष प्रभाव नहीं होता। इनके स्थानीयकरण (अवस्थिति) में कुछ नए कारकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है
(1) ये हल्के उद्योग होते हैं जो अधिकतर कच्चे माल की जगह उत्पादन के लिए अर्द्धनिर्मित तथा संसाधित वस्तुओं का उपयोग करते हैं।

(2) वैज्ञानिक और तकनीकी दक्षता पर निर्भर रहने के कारण ये उद्योग प्रायः विश्वविद्यालयों तथा शोध संस्थाओं के समीप स्थापित किए जाते हैं।

(3) इन उद्योगों के लिए ऊर्जा की आपूर्ति बिजली द्वारा होती है जो मुख्यत: राष्ट्रीय ग्रिड से प्राप्त होती है।

(4) इन उद्योगों के लिए अनुकूल जलवायु वाले महानगरीय क्षेत्र अधिक अनुकूल साबित होते हैं। महानगरों की सामाजिक, सांस्कृतिक व वैज्ञानिक गतिविधियाँ इन उद्योगों को अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देती हैं। .

(5) इन उद्योगों का अन्तिम उत्पाद छोटा किन्तु परिष्कृत होता है। अत: इन्हें सड़क मार्गों के निकट प्रदूषण रहित आवासीय क्षेत्रों से लगाया जा सकता है।

(6) ज्यादा-से-ज्यादा सफलता प्राप्त करने की अतृप्त भूख तथा प्रतिस्पर्धी कम्पनियों को पटकनी देकर सदा आगे रहने की मानसिकता के कारण नए उद्योगों के वैज्ञानिक, शोधार्थी प्रबन्धक, वित्त विशेषज्ञ तथा प्रशासक सदा तनावग्रस्त रहते हैं। उनके तनावरहित सन्तुलित व्यवहार को बनाए रखने के लिए कम्पनियों का पर्यावरण हरा-भरा, आकर्षक व सुखद होना आवश्यक है। अत: ऐसे उद्योग मनभावन जगहों पर विकसित होते हैं।

(7) परिवहन और संचार के अत्याधुनिक साधनों के बिना ये उद्योग जीवित ही नहीं रह सकते। उपभोक्ताओं, वित्तीय संस्थाओं, सरकारी विभागों, आपूर्तिदाताओं से तत्काल सम्पर्क बनाने तथा शोध के विभिन्न चरणों की सफलता के लिए उच्च कोटि के संचार व परिवहन के साधन आवश्यक हैं।

लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
द्वितीयक क्रियाकलाप से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
द्वितीयक क्रियाकलाप-प्रकृति में पाए जाने वाले कच्चे पदार्थों यथा-गेहूँ, चावल, कपास, लकड़ी, धातुएँ आदि में से बहुत कम का ही प्रत्यक्ष रूप से उपभोग किया जा सकता है। अत: आवश्यक है कि कच्चे माल का हाथ अथवा मशीनों की सहायता से रूप बदला जाए और उन्हें पहले से अधिक उपयोगी बनाया जाए। उदाहरणत: कपास को सूत में परिवर्तित करने पर उसका मूल्य बढ़ जाता है, क्योंकि इसका उपयोग वस्त्र बनाने में किया जा सकता है। स्पष्ट है कि जब प्राथमिक उत्पादों का प्रसंस्करण करके नई, उपयोगी और मूल्यवान वस्तुओं की रचना की जाती है तो इन्हें ‘द्वितीयक क्रियाकलाप’ कहते हैं। इस तरह द्वितीयक क्रियाकलापों का सम्बन्ध तीन चीजों से होता है- .

  • विनिर्माण
  • प्रसंस्करण, एवं
  • निर्माण।

प्रश्न 2.
विनिर्माण के अर्थ को समझाइए।
उत्तर:
विनिर्माण का अर्थ-विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है-‘हाथ से बनाना’, लेकिन अब इसमें मशीनों से बनी वस्तुओं को भी शामिल किया जाने लगा है। मूल रूप से विनिर्माण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कच्चे अथवा अर्द्धनिर्मित माल को ऐसे ऊँचे मूल्य के तैयार उपयोगी माल में बदल दिया जाता है जिसे स्थानीय अथवा दूर स्थित बाजार में बेचा जा सकता है। विनिर्माण का अभिप्राय किसी भी वस्तु के उत्पादन से है। इसमें हस्तशिल्प कार्य से लेकर लोहे व इस्पात को गढ़ना, प्लास्टिक के खिलौने बनाने से लेकर कम्प्यूटर के अति सूक्ष्म घटकों को जोड़ना और अन्तरिक्षयान निर्माण आदि सभी प्रकार का उत्पादन शामिल होता है।

प्रश्न 3.
स्वच्छन्द उद्योग की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
स्वच्छन्द उद्योग की विशेषताएँ स्वच्छन्द उद्योग की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • स्वच्छन्द उद्योग हल्के उद्योग होते हैं।
  • ये उद्योग कच्चे माल के स्थान पर पुों का उपयोग करते हैं।
  • शक्ति के साधनों द्वारा प्रायः राष्ट्रीय ग्रिड से प्राप्त बिजली का उपयोग करते हैं।
  • इस उद्योग के उत्पाद छोटे तथा आसानी से परिवहन के योग्य होते हैं।
  • इन उद्योगों में कम लोग कार्य करते हैं।
  • ये उद्योग स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त होते हैं।
  • ये उद्योग संसाधन और बाजार उन्मुख नहीं होते।

प्रश्न 4.
कुटीर उद्योग की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
कुटीर उद्योग की विशेषताएँ कुटीर उद्योग की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • कुटीर उद्योग विनिर्माण की सबसे छोटी इकाई है।
  • इस उद्योग में दस्तकार/कलाकार अपनी पैतृक दक्षता के आधार पर घर में ही छोटी-छोटी वस्तुओं का निर्माण करते हैं।
  • इस उद्योग में दस्तकार परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर स्थानीय कच्चे माल का प्रयोग करते हुए वस्तुओं का निर्माण करते हैं।
  • इन उद्योगों का व्यापारिक महत्त्व बहुत ही कम है।
  • इन उद्योगों में खाद्य पदार्थ, बर्तन, आभूषण, दरियाँ, चटाइयाँ, थैले, टोकरियाँ इत्यादि बनाने का काम होता है।

प्रश्न 5.
लघु उद्योग की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
लघु उद्योग की विशेषताएँ लघु उद्योग की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • लघु उद्योगों को उत्पादन की तकनीक एवं निर्माण स्थल (घर से बाहर कारखाना) दोनों के आधार पर कुटीर उद्योगों से अलग किया जाता है।
  • इस उद्योग में स्थानीय कच्चे माल का उपयोग होता है।
  • इस उद्योग में अर्द्धकुशल श्रमिक व शक्ति के साधनों से चलने वाले यन्त्रों का प्रयोग किया जाता है।
  • रोजगार के अवसर इस उद्योग में अधिक होते हैं।
  • इस उद्योग से स्थानीय निवासियों की क्रयशक्ति में वृद्धि होती है।

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प्रश्न 6.
कृषि व्यापार पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
कृषि व्यापार-कृषि व्यापार औद्योगिक पैमाने पर व्यापारिक कृषि है। इसमें प्राय: बड़े-बड़े उद्योगपति पैसा लगाते हैं जैसे-टाटा अनेक प्रकार के उद्योग चलाता है तथा चाय के बागान के क्षेत्र में भी अपनी पूँजी लगाई है। कृषि व्यापार के फार्मों की विशेषताएँ हैं-यन्त्रीकरण, बड़ा आकार, साधनों का उपयोग तथा प्रबन्धन की आधुनिक प्रणाली। इन्हें कृषि कारखाने भी कहा जाता है।

प्रश्न 7.
भोजन प्रसंस्करण पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भोजन प्रसंस्करण-भोजन प्रसंस्करण उद्योग वर्तमान गतिशील जीवन में तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसमें डिब्बाबन्द भोजन, क्रीम उत्पादन, फल प्रसंस्करण एवं मिठाई बनाना आदि शामिल किए जाते हैं। भोजन को सुरक्षित रखने की अनेक विधियों का ज्ञान मनुष्य को प्राचीनकाल से है; जैसे-उसे सुखाकर रखना, उसका अचार बनाना, उसे किण्वित करना यानि खमीर उठाना इत्यादि। हालाँकि इन विधियों से औद्योगिक क्रान्ति से पहले की माँगों को सीमित मात्रा में ही पूरा किया जाता था।

प्रश्न 8.
नगरों के आन्तरिक भागों की तुलना में सीमान्त क्षेत्रों में औद्योगिक संकुल व प्रौद्योगिक पार्कों के लाभों को समझाइए।
उत्तर:
नगरों के आन्तरिक भागों की तुलना में सीमान्त क्षेत्रों में औद्योगिक संकुल व प्रौद्योगिक पाकों के लाभ

  • जमीन की कीमतें अपेक्षाकृत सस्ती होने के कारण एकमंजिले कारखाने बनाए जा सकते हैं।
  • ऐसे स्थानों पर भविष्य में भी विस्तार के लिए जगह उपलब्ध हो जाती है।
  • प्रमुख सड़कों व रेलमार्गों तक पहुँचने की सुविधा होती है।
  • समीपवर्ती बस्तियों से प्रतिदिन शहर की तरफ जाने वाले लोगों द्वारा श्रम की आपूर्ति हो जाती है।
  • उद्योगों के स्थापित होने से पहले ही वहाँ भूमि विकसित हो जाती है तथा सभी प्रकार की संचार, परिवहन व नागरिक सुविधाएँ उपलब्ध हो जाती हैं।

प्रश्न 9.
स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण
1.सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग – ये उद्योग सरकार के नियन्त्रण में होते हैं। भारत में कई उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र के नियन्त्रण में हैं। समाजवादी देशों में कई उद्योग सरकारी नियन्त्रण में होते हैं।

2. निजी क्षेत्र के उद्योग – इन उद्योगों पर व्यक्तिगत निवेशकों का स्वामित्व होता है। ये उद्योग निजी संगठनों द्वारा संचालित होते हैं। पूँजीवादी देशों में अधिकांश उद्योग निजी क्षेत्र में होते हैं।

3. संयुक्त क्षेत्र के उद्योग – इन उद्योगों का संचालन संयुक्त कम्पनी के द्वारा अथवा किसी निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी के संयुक्त प्रयासों द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 10.
कुटीर उद्योग एवं लघु उद्योग में अन्तर को समझाइए।
उत्तर:
कुटीर उद्योग एवं लघु उद्योग में अन्तर
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प्रश्न 11.
लघु उद्योग एवं बड़े पैमाने के उद्योग में अन्तर को समझाइए।
उत्तर:
लघु उद्योग एवं बड़े पैमाने के उद्योग में अन्तर
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Secondary Activities 6

प्रश्न 12.
निजी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्योग में अन्तर को समझाइए।
उत्तर:
निजी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्योग में अन्तर
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प्रश्न 13.
उपभोक्ता वस्तु उद्योग एवं उत्पादक वस्तु उद्योग में अन्तर को समझाइए।
उत्तर:
उपभोक्ता वस्तु उद्योग एवं उत्पादक वस्तु उद्योग में अन्तर
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अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
प्राथमिक उत्पाद क्या है?
उत्तर:
कृषि, पशुपालन, वानिकी, खनन, मत्स्य ग्रहण इत्यादि मानव की प्राथमिक क्रियाएँ हैं और इनसे प्राप्त उत्पाद ‘प्राथमिक उत्पाद’ कहलाते हैं।

प्रश्न 2.
द्वितीयक क्रियाकलाप किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब प्राथमिक उत्पादों का प्रसंस्करण करके नई, उपयोगी और मूल्यवान वस्तुओं की रचना की जाती है तो इन्हें ‘द्वितीयक क्रियाकलाप’ कहते हैं।

प्रश्न 3.
विनिर्माण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार, “विनिर्माण जैविक अथवा अजैविक पदार्थों का एक नए उत्पाद के रूप में यान्त्रिक तथा रासायनिक परिवर्तन है, चाहे यह कार्य शक्तिचालित मशीन द्वारा सम्पन्न होता है अथवा हाथ द्वारा, चाहे यह कार्य कारखाने में किया जाता है अथवा कामगारों के घर में और उत्पाद चाहे थोक में बेचे जाएँ अथवा फुटकर में।”

प्रश्न 4.
विनिर्माण उद्योगों की सामान्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
विनिर्माण उद्योगों की सामान्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • जटिल किन्तु स्मार्ट संगठन
  • विशिष्टीकृत श्रम
  • मशीनों का उपयोग
  • ऊर्जा के साधनों का उपयोग
  • पूँजी का भारी निवेश
  • बड़े पैमाने पर उत्पादन
  • परिष्कृत उत्पाद
  • अनुसन्धान एवं विकास
  • एक जैसी वस्तुओं का उत्पादन।

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प्रश्न 5.
भोजन प्रसंस्करण के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
भोजन प्रसंस्करण के उदाहरण हैं—डिब्बाबन्द भोजन, क्रीम उत्पादन, फल प्रसंस्करण एवं मिठाई बनाना आदि।

प्रश्न 6.
द्वितीयक क्रियाओं के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
द्वितीयक क्रियाओं के उदाहरण हैं

  • कपास द्वारा सूती वस्त्र बनाना
  • लौह-अयस्क से मशीनों का निर्माण।

प्रश्न 7.
कुटीर उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
कुटीर उद्योग विनिर्माण की सबसे छोटी इकाई है। इसे ‘शिल्प उद्योग’ भी कहा जाता है।

प्रश्न 8.
बड़े पैमाने के उद्योग की कोई दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
बड़े पैमाने के उद्योग की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • उत्पादन ऊर्जा चालित बड़ी-बड़ी मशीनों से होता है।
  • एक ही इकाई में बहुत बड़ी संख्या (हजारों) में श्रमिक कार्य करते हैं।

प्रश्न 9.
कृषि आधारित उद्योग से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
कृषि आधारित उद्योग वे उद्योग हैं जो कृषि उत्पादों को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करते हैं व इन्हें विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा तैयार माल में बदलकर बिक्री हेतु ग्रामीण और नगरीय बाजारों में बेचते हैं।

प्रश्न 10.
आधारभूत या मूलभूत उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन उद्योगों का निर्मित माल अथवा उत्पाद अन्य अनेक उद्योगों का आधार बनता है उन्हें आधारभूत या मूलभूत उद्योग कहा जाता है; जैसे-लौह-इस्पात उद्योग, विद्युत उत्पादन उद्योग एवं भारी मशीन निर्माण उद्योग आदि।

प्रश्न 11.
उपभोक्ता उद्योग से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
उपभोक्ता उद्योग वे उद्योग हैं जिनके उत्पाद का प्रयोग प्राय: अधिकतर लोग दैनिक जीवन में करते हैं। इन्हें गैर-आधारभूत उद्योग भी कहा जाता है; जैसे-कागज, पैन, वस्त्र व खाद्य पदार्थ आदि के उद्योग।

प्रश्न 12.
संसार में द्वितीयक क्रियाओं का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
संसार में द्वितीयक क्रियाओं का महत्त्व इसलिए है क्योंकि इस क्रिया द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है। वे अधिक मूल्यवान हो जाते हैं।

प्रश्न 13.
लोहा-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
लोहा-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस उद्योग पर अन्य सभी उद्योग निर्भर हैं।

प्रश्न 14.
आधारभूत तथा उपभोक्ता उद्योग के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
आधारभूत उद्योग

  • लोहा एवं इस्पात उद्योग, एवं
  • मशीनी उपकरण उद्योग।

उपभोक्ता उद्योग

  • साबुन उद्योग, एवं
  • चाय उद्योग।

प्रश्न 15.
धातु उद्योग से क्या तात्पर्य है? ‘
उत्तर:
जिन उद्योगों में विभिन्न प्रकार की धातुओं को कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है, ‘धातु उद्योग’ कहलाते हैं। ये उद्योग दो प्रकार के होते हैं

  • लौह धातु, एवं
  • अलौह धातु उद्योग।

प्रश्न 16.
अधातु उद्योग से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
ऐसे उद्योग जो अधात्विक खनिजों पर आधारित होते हैं उन्हें ‘अधातु उद्योग’ कहते हैं। कोयला, पेट्रोलियम, गन्धक आदि इसके उदाहरण हैं।

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प्रश्न 17.
आकार के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
आकार के आधार पर उद्योगों के तीन वर्ग होते हैं

  • कुटीर उद्योग
  • छोटे पैमाने के उद्योग एवं
  • बड़े पैमाने के उद्योग।

बहविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
द्वितीयक क्रियाकलाप सम्बन्धित हैं
(a) विनिर्माण से
(b) प्रसंस्करण से
(c) निर्माण से
(d) इन सभी से।
उत्तर:
(d) इन सभी से।

प्रश्न 2.
प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है
(a) प्राथमिक क्रियाओं द्वारा
(b) द्वितीयक क्रियाओं द्वारा
(c) तृतीयक क्रियाओं द्वारा
(d) चतुर्थक क्रियाओं द्वारा।
उत्तर:
(b) द्वितीयक क्रियाओं द्वारा।

प्रश्न 3.
निर्माण के अन्तर्गत माना जाता है
(a) लोहे व इस्पात को गढ़ना
(b) प्लास्टिक के खिलौने बनाना
(c) प्लास्टिक के अति सूक्ष्म घटकों को जोड़ना
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 4.
आधुनिक बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण की विशेषता है
(a) कौशल का विशिष्टीकरण
(b) यन्त्रीकरण
(c) प्रौद्योगिकीय नवाचार
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 5.
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाला कारक है
(a) बाजार
(b) कच्चा माल
(c) श्रम आपूर्ति
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

प्रश्न 6.
उद्योगों के वर्गीकरण का आधार है
(a) आकार
(b) उत्पाद
(c) कच्चा माल
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

प्रश्न 7.
विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है
(a) हाथ से बनाना
(b) मशीनों से बनाना
(c) (a) व (b) दोनों
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) (a) व (b) दोनों।

प्रश्न 8.
उपभोक्ता वस्तु उद्योग का उदाहरण है
(a) ब्रेड उद्योग
(b) चाय उद्योग
(c) कॉफी उद्योग
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

प्रश्न 9.
स्वच्छन्द उद्योग की एक प्रमुख विशेषता है
(a) कुशलता
(b) निम्न पूँजी की आवश्यकता
(c) अधिक उत्पादन
(d) कहीं भी स्थापना।
उत्तर:
(d) कहीं भी स्थापना।

प्रश्न 10.
वन आधारित उद्योग हैं
(a) फर्नीचर उद्योग
(b) कागज उद्योग
(c) लाख उद्योग
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

प्रश्न 11.
रूहर क्षेत्र का सम्बन्ध किस देश से है
(a) जर्मनी
(b) जापान
(c) चीन
(d) फ्रांस।
उत्तर:
(a) जर्मनी।

प्रश्न 12.
संयुक्त राज्य अमेरिका में लौह-इस्पात के उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र है
(a) उत्तर अप्लेशियन प्रदेश
(b) महान झील क्षेत्र
(c) अटलाण्टिक तट
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 13.
भारत में लोहा-इस्पात उद्योग का प्रमुख केन्द्र है
(a) जमशेदपुर
(b) दुर्गापुर
(c) राउरकेला
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

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प्रश्न 14.
सिलीकॉन घाटी किस उद्योग के लिए प्रसिद्ध है
(a) सॉफ्टवेयर
(b) इस्पात उद्योग
(c) वस्त्र उद्योग
(d) रासायनिक उद्योग।
उत्तर:
(a) सॉफ्टवेयर।

प्रश्न 15.
हथकरघा क्षेत्र की विशेषता है
(a) अधिक श्रमिकों की आवश्यकता
(b) अर्द्धकुशल श्रमिकों को रोजगार
(c) कम पूँजी की आवश्यकता
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

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