UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 5 I am Johns Heart

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject English Prose
Chapter Chapter 5
Chapter Name I am Johns Heart
Number of Questions Solved 22
Category NCERT Solutions

UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 5 I am John’s Heart

LESSON at a Glance

This lesson is an ‘autobiographical sort of description of the human heart. It is an interesting and informative piece about heart-what it looks like, what wrong notions we have about it, how it works, when it is really in trouble and finally how we can take care of it.

A heart weighs about 340 grams and is red-brown in colour. It is a four chambered pump, and pumps blood daily through about 96000 km of blood vessels. The heart muscles are very strong. It works day and night and only rests between its beats, though only for half a second.

There are some wrong notions about heart. It is not romantic as some poets think, neither it is fragile and delicate. In fact it works twice as hard as the arm muscles. Then, people feel that heart sometimes skip heart beat. It is not skipping a beat but only a misfire, piling one beat on top of another. Whenever a person has fatigue or dizzy spells, he relates it to his heart. He fears that his heart is having trouble. This is not always true. Mostly the fatigue and dizzy spells come from his digestive tract. When the heart is in trouble, it sends pain signal only after undue exertion or emotion. It indicates that heart is not getting enough nourishment to cope with the work man is loading on to it.

The heart gets its nourishment from the blood. Heart does not extract nourishment from the blood passing through its four chambers. It is fed by its own two coronary arteries. If there is any trouble in these coronaries, it may cause death. Fatty deposits begin to build up in the coronary arteries. Gradually, they can close or block an artery. Or a clot may form to close it suddenly.

Persons, belonging to a family where heart disease has occurred often, are more or less certain to have heart trouble. Such a person can’t do anything about heredity but he can do a lot to minimize the risk.

What one can do is—slim down a bit, take regular exercise, relax a little more, cut down on fats and smoking. If he would only do these things, his heart could keep on working for a longer time.

पाठ का हिन्दी अनुवाद

(1) No one could …………… down to 55.
कोई भी नहीं कह सका कि मैं एक सुन्दर वस्तु हूँ। मेरा भार 340 ग्राम है, मेरा रंग भूरा-लाल है और मेरी शक्ल बड़ी भौंड़ी है। मैं जॉन का वफादार सेवक, हृदय हूँ।

मैं नाशपाती के आकार का हूँ। चाहे आपने कवियों से मेरे विषय में कुछ भी सुना हो, मैं वास्तव में रोमांटिक नहीं हूँ। मैं तो एक परिश्रमी चार प्रकोष्ठों वाला पम्प हूँ। वास्तव में दो पम्प, एक रक्त को फेफड़ों तक पहुँचाने के लिए और दूसरा इसे शरीर के अन्दर भेजने के लिए। मैं प्रतिदिन 96000 किमी लम्बी रक्त शिराओं से रक्त को पम्प करता हूँ। इतनी पम्पिग 18000 लीटर की क्षमता वाले टैंक को भरने के लिए पर्याप्त है।

जब कभी भी जॉन मेरे विषय में सोचता है, तब वह मुझे कमजोर तथा नाजुक समझता है। नाजुक! जबकि मैं अब तक उसका 300000 टन रक्त पम्प कर चुका हूँ। जितना कठिन कार्य एक भारी बोझ के बॉक्सिंग चैम्पियन की बाँहों की मांसपेशियों का होता है या किसी दौड़ने वाले व्यक्ति की टाँगों की माँसपेशियों का होता है, मैं उससे भी चौगुना कठिन कार्य करता हूँ। उन्हें मेरी गति से कार्य करने दो और वे मिनटों में ही थककर चूर हो जाएँगे। शरीर की कोई भी मांसपेशी इतनी शक्तिशाली नहीं है जितना मैं, केवल एक स्त्री के गर्भाशय के अतिरिक्त; क्योंकि वह बच्चे को जन्म देती है। किन्तु गर्भाशय की मांसपेशियों को सत्तर वर्ष तक चौबीस घण्टे कार्य नहीं करना पड़ता जितनी कि मुझसे आशा की जाती है। हाँ, वास्तव में यह थोड़ी-सी अतिशयोक्ति है। मैं धड़कनों के बीच थोड़ा आराम करता हूँ। जॉन सोता है उस समय भी उसकी अधिकांश रक्तवाहिनियाँ निष्क्रिय रहती हैं। अतः मैं उनमें रक्त संचार नहीं करता और मेरी धड़कन सामान्यतः 72 से घटकर 55 रह जाती है।

(2) John hardly …………… on to me.
जॉन मेरे विषय में मुश्किल से ही सोचता है और यह अच्छा है। मैं भी नहीं चाहता कि उसकी दशा हार्ट न्यूरेटिक्स जैसी हो जाए और मुझे भी तथा स्वयं को परेशानी में डाल दे। जब कभी वह मेरे विषय मे चिन्ता करता है तब सदा लगभग गलत बातों के विषय में। एक रात को जब जॉन नींद में खोता जा रहा था तब जॉन को अचानक ऐसा महसूस हुआ कि मैं एक धड़कन मिस कर गया अर्थात् छोड़ गया। वह बड़ा परेशान था, क्या मैं उसे धोखा दे रहा था। इसे इतना चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं थी।

समय-समय पर जॉन की कार के ignition system की भाँति मेरा ignition system भी क्षणभर के लिए बिगड़ जाता है। मैं तो अपनी विद्युत शक्ति स्वयं पैदा करता हूँ और सिकुड़न के लिए संकेत भेजता हूँ, किन्तु कभी-कभी मेरा धड़कना रुक जाता है और धड़कन के ऊपर दूसरी धड़कन इकट्ठा हो जाती है। तब ऐसा लगता है कि मैंने एक बीट (धड़कन) मिस कर दी है, किन्तु वास्तव में ऐसा नहीं होता। जॉन को इस बात से आश्चर्य होगा कि उसे बिना पता चले कितनी ही बार में ऐसा हुआ होगा।

धड़कन की गिनती–रात्रि के भयानक सपने के बाद कभी-कभी वह जाग जाता है और चिन्तित होता है, क्योकि मैं दौड़ रहा होता हूँ। ऐसा इसलिए होता है कि सपनों में जब वह दौड़ता है तब मैं भी दौड़ता है। जॉन की चिन्ताएँ वास्तव में बातों को और बिगाड़ देती हैं और मेरी गति और भी तेज हो जाती है। यदि वह शान्त हो जाये तब मैं शान्त हो जाता हूँ। किन्तु यदि वह शान्त न हो पाए तब मुझे शान्त करने का एक उपाय है। वेगस नामक नसे ब्रेक का कार्य करती हैं। वे कानों के पीछे जबड़ों के मिलने के स्थान से गर्दन से गुजरती हैं। यहाँ धीरे-धीरे मालिश करने से मेरी गति कम हो जाती है।

जॉन लगभग प्रत्येक बात के लिए मुझे दोष देता है, थकान से लेकरं चक्कर आने तक; किन्तु उसकी थकान का मुझसे कोई सम्बन्धं नहीं और उसके चक्कर आने का सम्बन्ध उसके कानों से है। समय-समय पर जब वह अपनी मेज पर काम करता था तब बहुधा उसकी छाती में तेज दर्द हो जाता था। उसे यह भय हो जाता था कि शायद उसे दिल का दौरा पड़ने वाला है। किन्तु उसे चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं। यह दर्द उसकी भोजन की नली से आता है। यह कुछ घण्टे पूर्व लिए गए भारी भोजन का परिणाम है। पर जब मैं परेशानी में होता हूँ, तब केवल असाधारण थकान या उत्तेजना के बाद ही मैं दर्द का संकेत भेजता हूँ। यही तरीका है। जिसके द्वारा मैं उसे यह बताता हूँ कि मुझे उतनी खुराक नहीं मिल रही है जो वह उस पर लादे जाने वाले काम के बोझ को उठा सके।

(3) How do I get …………… minimize risk.।
मैं अपना पौष्टिक भोजन कैसे प्राप्त करता हूँ? वास्तव में, मैं इसे रक्त से प्राप्त करता हूँ। किन्तु यद्यपि मैं पूरे शरीर के बोझ के 2/100 भाग को ही प्रतिनिधित्व करता हूँ, मुझे रक्त की पूर्ण मात्रा का 1/20 भाग चाहिए। इसका अर्थ है कि जितनी पौष्टिक खुराक शरीर के अन्य सभी अंगों को चाहिए मुझे उसकी दस गुनी खुराक की आवश्यकता है।

किन्तु मैं अपनी खुराक उस रक्त से नहीं खींचता जो मेरे चारों प्रकोष्ठों से होकर गुजरता है। मेरा भोजन मुझे अपनी ही दो कॉरोनरी धमनियों से प्राप्त होता है जो पेड़ की शाखाओं की तरह फैलती हैं और इनका तना शर्बत पीने वाले कागज के पाइप से अधिक मोटा नहीं होता। यही मेरी कमजोरी है। यहाँ की गड़बड़ ही मृत्यु का अकेला सबसे बड़ा कारण है।

कोई नहीं जानता कि यह सब कैसे होता है। किन्तु कभी-कभी जीवन के आरम्भ में अथवा जन्म के समय ही कॉरोनरी आर्टरीज में चर्बी जमा होने लगती है। धीरे-धीरे वे उस धमनी के मार्ग को बन्द कर देती हैं अथवा । रक्त का थक्का (क्लाट) इसे अचानक बन्द कर देता है।

जब कोई धमनी इस प्रकार से बन्द हो जाती है तब हृदय का वह भाग, जिसे इससे खुराक मिलती, मर जाता है। यह एक घाव (Scar tissue) छोड़ जाता है जो छोटे से मार्बल के टुकड़े के बराबर या टैनिस की गेंद के बराबर हो सकता है। परेशानी कितनी गम्भीर है यह बन्द हुई धमनी के आकार तथा स्थिति पर निर्भर करता है।

जॉन को पाँच वर्ष पूर्व दिल का दौरा पड़ा था और उसे इसका पता भी नहीं। वह इतना व्यस्त था कि उसने अपनी छाती के दर्द की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जो आर्टरी बन्द हुई थी वह मेरे पीछे की दीवार पर एक छोटी आर्टरी थी। मुझे उस मृत ऊतक को हटाने में और जख्म के निशान वाले क्षेत्र को भरने में जो एक मटर से अधिक बड़ा नहीं था, लगभग दो हफ्ते लगे थे।

जॉन ऐसे परिवार का है जिसमें हृदय की बीमारियाँ बहुधा होती रहीं हैं, इसलिए आँकड़े यह कहते हैं कि मैं फिर उसे परेशानी में डालने वाला हूँ। वास्तव में, वह अपनी विरासत के विषय में कुछ नहीं कर सकता, लेकिन वह जोखिम को कम करने में बहुत कुछ कर सकता है।

(4) Let’s start …………… puce for me.
अब हम अधिक भार से आरम्भ करें। जॉन अपनी प्रौढ़ावस्था में चर्बी बढ़ जाने का मजाक उड़ाता है किन्तु यह मजाक की बात नहीं है। इस बढ़ी हुई चर्बी के एक किलो भार में 700 किमी कैपिलरीज होती हैं जिनमें से मुझे खून पम्प करना पड़ता है। यह कार्य उसके अतिरिक्त है जो मुझे उसके प्रत्येक किलो भार को ले जाने में करना पड़ता है।

यह बात मुझे जॉन के रक्तचाप पर ले जाती है। यह 140-90 होता है जो उसकी उम्र के लिए ऊपरी सीमा है। जब मैं सिकुड़ता हूँ तब मेरे दबाव की नाप 140 होती है और 90 दबाव की वह नाप है जब मैं दो धड़कनों के बीच आराम करता हूँ। नीचे की संख्या ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। यह संख्या जितनी बढ़ती जाती है, उतना ही कम आराम मुझे मिलता है और बिना पर्याप्त आराम के हृदय धीरे-धीरे मृत्यु की ओर पहुँच जाता है। बहुत-सी ऐसी बातें हैं जिन्हें करके जॉन अपने रक्तदाब को नीचे सुरक्षित स्तर पर ला सकता है। सबसे पहला है अधिक भार से छुटकारा पाना। उसे यह देखकर आश्चर्य होगा कि उसके रक्तचाप में कितनी गिरावट आ गई।

सिगरेट-बीड़ी पीना दूसरी बात है। जॉन एक दिन में चालीस सिगरेट पी जाता है जिसका अर्थ है कि वह चौबीस घण्टों में निकोटीन जहर की काफी मात्रा अपने अन्दर सोख लेता है। यह बहुत हानिकारक पदार्थ है। यह धमनियों को सिकोड़ देता है–विशेष रूप से हाथ और पैरों की–जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है और मुझे उसके विपरीत अधिक काम करना पड़ता है। यह मुझे उत्तेजित भी करता है जिससे मैं और जोर से । धड़कता हूँ। एक सिगरेट मेरी धड़कनों को 72 से 80 तक बढ़ा देता है। जॉन स्वयं कहता है कि धूम्रपान अब छोड़ा नहीं जा सकता और जो हानि होनी थी वह हो चुकी। किन्तु यदि जॉन स्वयं को लगातार निकोटीन उत्तेजना से बचा सके तब उससे मेरे लिए समस्याएँ और आसान हो जाएँगी।

चोटी पर पहुँचने के लिए संघर्ष-जॉन अन्य ढंग से भी मेरी सहायता कर सकता था। वह प्रतिस्पर्धा वाला, महत्त्वाकांक्षी तथा एक सफल व्यापारी जैसा व्यक्ति है। वह यह नहीं अनुभव करता कि उसके लगातार इस प्रकार चिन्तित रहने से उसकी अधिवृक्क ग्रंथियाँ उत्तेजित होकर और अधिक adrenalin तथा noradrenalin नमक पदार्थ पैदा करती हैं। परिणाम वही होता है जो निकोटीन के पहुंचने से होता है अर्थात् तंग धमनियाँ, उच्च रक्तचाप और मेरे लिए तेज चाल।

(5) The point …………… a long time.
बात यह है कि यदि जॉन आराम से रहता है तो मुझे भी आराम मिलेगा। कभी-कभी की नींद भी सहायता कर सकती है। वह हल्के पढ़ने का कार्य (उपन्यास आदि) भी कर सकता है बजाय उन फाइलों के बोझ के जिन्हें वह दफ्तर से घर लाता है।

व्यायाम दूसरी वस्तु है। जॉन उन सप्ताहान्त खिलाड़ियों में से एक है जो आवश्यकता से अधिक व्यायाम करते हैं। वह अब भी पीछे से टेनिस के जाल के छोर तक भागना पसन्द करता है, किन्तु जब वह ऐसा करता है तब मेरा कार्य का बोझ सामान्य से पाँच गुना बढ़ जाता है।

जॉन को नियमित रूप से हल्का व्यायाम करना चाहिए। एक या दो किलोमीटर घूमना उसे लाभ पहुँचाएगा। दफ्तर की कुछ सीढ़ियों पर चढ़ना उसे हानि नहीं पहुँचाएगा। उसका दफ्तर दसवीं मंजिल पर है किन्तु वह दो मंजिल की सीढ़ियाँ चढ़ सकता है फिर लिफ्ट ले ले। ऐसी छोटी-छोटी बातें उसकी बहुत सहायता कर सकती हैं। जैसा कि मैं कह चुका हूँ कि चर्बी के इकट्ठा होने से मेरी धमनियों के मार्ग में रुकावट आयी है, किन्तु नियमित व्यायाम से रक्त प्रवाह के नये रास्ते विकसित हो जाएँगे। तब यदि एक धमनी बन्द भी हो जाएगी तब मुझे दूसरी धमनियों से खुराक मिल सकती है।

अन्त में भोजन की बात है। मैं जॉन को परहेज करने वाला व्यक्ति बनने को नहीं कह रहा हूँ। कुछ भी हो मेरी धमनियों में रुकावट पैदा करने में चर्बी को बहुत योगदान है। जॉन चर्बी से अपनी आवश्यकता की 45 प्रतिशत कैलोरी प्राप्त करता है और अन्य औद्योगिक देशों के समान, जो इसी प्रकार के भोजन खाते हैं, धमनियों के अवरुद्ध होने के कारण मरने वाले लोगों की सम्भावना पचास प्रतिशत है।

मैं ज्यादा माँग करने वाला व्यक्ति नहीं हैं। प्रत्येक दशा में मैं जॉन के लिए जो भी कर सकता हूँ करूंगा। मैं चाहूँगा कि वह कार्य के बीच में आराम भी करे, थोड़ा-सा दुबला-पतला हो जाए, नियमित व्यायाम करे, थोड़ा निश्चित होकर आराम करे। चिकनाई वाले पदार्थों को खाने में और सिगरेट पीने में कमी करे। यदि वह इन बातों का पालन कर ले, तो मैं जॉन के लिए एक लम्बे समय तक काम कर सकेंगी।

Understanding the Text

Explanations
Explain one of the following passages with reference to the context :
(1) From time to time …………… hum knowing. [2018]
Reference : These lines have been taken from the lesson ‘I am John’s Heart’ written by J.D. Ratcliff. [ N.B.: The above reference will be used for all explanations of this lesson. ]

Context : The author has made the human heart speak out its story itself when the bearer of the heart worries about it, he does so nearly always about wrong things.

Explanation : Heart says that it has to beat regularly to produce energy in order to set in motion the shrinking of its muscles. It compares this system to that of John’s car. Sometime, the mechanism for starting combustion in the engine of John’s car does not work. In the same way, the heart also fails to start and heaps one beat on top of another. It gives the impression that the heart has skipped a beat which it hasn’t. John will never expect how frequently it so happens.

(2) After a nightmare …………… slow my beat.
Context : In this lesson the writer deals with the structure and functioning of the human heart. The heart is the strongest organ of our body. It works all the twenty four hours. Its function is just like a pump. It pushes the blood into the whole body through blood vessels.

Explanation : In this passage we come to know in what condition the heart beats increase and how they can be slowed down. After a frightful dream at night the man is worried very much. So, the heart also runs faster. If man is at peace, the heart also comes at night at its normal speed. Moreover, the speed of heart beating can be controlled by rubbing the vagus nerves gently. They pass through the neck behind the ears. These nerves act as a brake.

(3) From time to time …………… loading on to me. Or The pain comes …………… on to me. [2015]
Context : In this lesson the writer deals with the structure and functioning of the human heart. It works all the twenty four hours. Its function is just like a pump. It pushes the blood into the whole body through blood vessels. But with mental worry and anxiety of a man, the heart beating also becomes faster.

Explanation : In this passage the heart makes it clear that he is not to be blamed for any trouble of the body. It tells John that his fatigue and giddiness are due to ear trouble. Sometimes he feels a sudden sharp pain in his chest while working in his office. John connects this trouble with the heart. But in reality it is due to over diet taken a few hours ago. Whenever there is any heart trouble due to excitement or over work heart itself sends out signal which indicates that it is not getting enough nourishment.

(4) When an artery …………… plugged artery. [2012, 17, 18]
Context : Whenever there is any heart trouble, heart sends out its signal. It indicates that it is not getting enough nourishment. The heart does not get its nourishment from the blood passing through its four chambers. But it gets its nourishment by its own coronary arteries.

Explanation : In this passage the heart says how heart attack happens. Sometimes either fat is deposited or a clot is formed in the coronary arteries. It blocks the artery. So, a portion of heart muscle which is fed by it dies and leaves a scar tissue. Thus, the supply through coronary arteries is interrupted and it causes heart trouble. Seriousness of the trouble depends upon the size and position of plugged artery.

(5) John comes from …………… minimize risk.
Context : John suffered from heart attack five years ago. But he was too busy to know about it. There was a sudden sharp pain in his small arteries. The dead tissue swept away and it took two weaks to recover.

Explanation : In these lines the writer says that John has hereditary character of heart disease. So, it is certain that sooner or later John must face the heart attack. No doubt he is helpless as regards heredity but by following certain necessary precautions he can lower the risk of serious heart disease.

(6) Smoking is …………… easier for me.
Context : The heart works like a pump all the twenty four hours. But its speed becomes faster with the mental worry or anxiety. It should be controlled. Heart attack is caused by the plugging of the coronary arteries. The seriousness of the trouble depends upon the size and position of plugged artery.

Explanation : In this passage the heart tells that smoking is very injurious and it is one of the causes of heart trouble. Excess smoking means absorption of poisonous substance named nicotine. It mixes in the blood and makes the blood vessels narrow and hard. It constricts arteries particularly in the hands and feet, so the heart has to use more pressure for pushing the blood. Heart beatings become rapid. If a man leaves smoking, the functioning of the heart will become easier.

(7) I’m not demanding …………… for a long time.
Context : There are three main causes of heart attack. First of them is the plugging of the coronary arteries. Second is excess smoking. Third cause is the constant worry and anxiety. The worry increases the action of adrenal glands which put more adrenalin into the blood.

Explanation : In this paragraph the heart says that he has no grudge with John or anybody else. It does its best under all circumstances. But it tells us some precautions

which everybody should practice. We should keep the weight of body under control. We should not allow the blood pressure raise higher. We should avoid smoking. We should not worry. Moreover, we should walk in the morning in fresh air or should have a light exercise.

Short Answer Type Questions

Answer one of the following questions in not more than 30 words:
Q. 1. How does the heart describe itself ? [2015, 18]
(हृदय अपनी व्याख्या कैसे करता है ?)
Answer :
The heart describes itself thus, “I am not beautiful, I have an unimpressive shape. I am red-brown in colour. My weight is 340 gm. I am pear shaped.”
(हृदय स्वयं की व्याख्या इस प्रकार करता है, “मैं सुन्दर नहीं हूँ। मेरा आकार भी प्रभावशाली नहीं है। मेरा रंग लाल-भूरा है। मेरा भार 340 ग्राम है। मेरा आकार नाशपाती के समान है।”)

Q. 2. What kind of machine is the heart ?
(हृदय किस प्रकार की मशीन है ?)
Answer :
The heart is like a pumping machine.
(हृदय पम्पिग मशीन के समान है।)

Q. 3. How much blood does the heart pump each day?
(हृदय प्रतिदिन कितना रक्त पम्प करता है ?)
Answer :
The heart pumps about 18000 litres blood each day.
(हृदय प्रतिदिन लगभग 18000 लीटर रक्त पम्प करता है।)

Q. 4. What are the two false notions about the heart ?
(हृदय के बारे में दो झूठे विचार कौन-से हैं ?)
Answer :
The two false notions about the heart are:
(i) it is romantic the home of feelings.
(ii) it is a fragile and delicate thing.
(हृदय के विषय में ‘दो झूठे विचार’ हैं कि–
(i) यह रोमांटिक है, भावनाओं का घर है।
(ii) यह बहुत कमजोर और नाजुक वस्तु है।)

Q. 5. In what way does the heart differ from the other muscles of the body?
(किस प्रकार हृदय शरीर की अन्य मांसपेशियों से भिन्न है ?)
Or
How strong is the heart in comparison to other organs of the body?
(हृदय मानव के अन्य अंगों की अपेक्षा मजबूत कैसे है ?)
Answer :
The muscles of the heart are stronger than the muscles of any other organ of body except the uterus of a woman.
(हृदय की मांसपेशियाँ स्त्री के गर्भाशय को छोड़कर शरीर के अन्य समस्त अंगों की मांसपेशियों से अधिक मजबूत है।)

Q. 6. When John is awake his heart has a rest period of half a second between beats. Is the rest period longer or shorter when John is asleep?
(जब जॉन जागा हुआ होता है तब उसका हृदय धड़कनों के बीच आधे सेकण्ड के लिए आराम करता है। जब जॉन सोया हुआ होता है तब क्या यह अवधि लम्बी हो जाती है या छोटी ?)
Answer :
When John is asleep, the rest period is longer because a large percentage of his capillaries are inactive and heart does not push blood through them.
(जब जॉन सोया हुआ होता है तब आराम की अवधि लम्बी हो जाती है, क्योंकि उसकी अधिकांश धमनियाँ निष्क्रिय हो जाती हैं और हृदय को उनमें रक्त नहीं भेजना पड़ता।)

Q. 7. Why does the heart not want John to be a heart neurotic ?
(हृदय जॉन को heart neurotic क्यों नहीं होने देना चाहता ?)
Answer :
The heart does not want John to be a heart neurotic because then John will worry constantly. This worry will be troublesome to John as well as to his heart. (हृदय नहीं चाहता कि जॉन heart neurotic हो जाए क्योंकि फिर जॉन लगातार चिन्ता करेगा। यह चिन्ता जॉन के लिए भी और हृदय के लिए भी परेशानी का कारण हो जाएगी।)

Q. 8. What is the condition when the heart beats increase from normal beats ? How can the rate be brought down ?
(वह कौन-सी स्थिति है जब हृदय की धड़कन सामान्य धड़कन से बढ़ जाती है ? धड़कनों की गति को कैसे कम किया जा सकता है ?)
Answer :
When a man is worried, the heart beats increase from the normal beats. Gentle massage on vagus nerve will bring down the rate of beats.
(जब कोई मनुष्य चिन्तित होता है, तब हृदय की धड़कनें सामान्य धड़कनों से बढ़ जाती हैं। वेगस नामक नसों पर हल्की-हल्की मालिश से इन धड़कनों की गति को कम किया जा सकता है।)

Q. 9. How does the heart tell John, that he is going to have a heart attack ?
(हृदय जॉन को कैसे बताता है कि उसे अब दिल का दौरा पड़ने वाला है ?) [2018]
Answer :
The heart sends a signal in the form of pain in chest which indicates the coming danger of a heart-attack.।
(हृदय सीने में दर्द के रूप में संकेत भेजता है जो दिल के दौरे के होने वाले खतरे के विषय में बताता है।)

Q. 10. How does the heart get its nourishment ? [2012, 18]
(हृदय अपना आहार किस प्रकार प्राप्त करता है ?)
Answer :
The heart gets its nourishment from the blood through its own coronary arteries.
(हृदय अपना आहार अपनी ही coronary arteries के द्वारा रक्त में से प्राप्त करता है।)

Q. 11. How do arteries get blocked ?
(धमनियों में रुकावट कैसे पैदा हो जाती है ?)
Answer :
Due to the fatty deposits the arteries get blocked.
(चर्बी जमा हो जाने के कारण धमनियों में रुकावट पैदा हो जाती है।)

Q. 12. What is the weak spot in the heart which is the greatest single cause of death?
(हृदय का सबसे कमजोर स्थान कौन-सा है जो अकेला ही सबसे बड़ा मृत्यु का कारण है ?)
Answer :
The coronary arteries is the weak spot in the heart. If there is any trouble, it may cause death.
(हृदय में coronary arteries सबसे कमजोर स्थान है। यदि इसमें कोई गड़बड़ हो जाए, तब वह मृत्यु का कारण बन जाती है।)

Q. 13. What are the two ways in which coronary arteries may get clogged ?
(वे दो कौन-से ढंग हैं जिनसे coronary arteries बन्द हो जाती हैं ?)
Answer :
Coronary arteries may get clogged if fatty deposits increase in the arteries or a clot of blood is formed in the artery.
(Coronary arteries बन्द हो सकती हैं यदि धमनियों के अन्दर चर्बी जमा हो जाए या रक्त का थक्का बन जाए।)

Q. 14. What sort of exercise should we take to keep our heart free from problems ?
(हृदय को समस्याओं से मुक्त रखने के लिए हमें किस प्रकार का व्यायाम करना चाहिए ?)
Answer :
A walk of a kilometre or two, climbing a couple of flights of stairs or any other light exercise will keep our heart free from problems.
(एक या दो किलोमीटर का घूमना, जीने की कुछ सीढ़ियाँ चढ़ना जैसे अन्य हल्के व्यायाम हृदय को समस्याओं से मुक्त रखेंगे।)

Q. 15. How does constant worrying cause problems to heart ?
(लगातार चिन्ता करना हृदय के लिए किस प्रकार समस्या पैदा करता है ?)
Answer :
Constant worrying continually stimulates adrenal glands to produce more violent stuff. These stuffs tighten the arteries and the blood-pressure becomes higher.
(लगातार चिन्ता करने से एड्रीनल ग्रन्थियाँ और अधिक हानिकारक पदार्थ पैदा करने लगती हैं। यह पदार्थ धमनियों को तंग कर देता है और रक्तचाप बढ़ जाता है।)

Q. 16. Who is more likely to have a higher blood-pressure-a fat or a lean person ? Why ?
(उच्च रक्तचाप किसे होने की सम्भावना है-मोटे आदमी को या पतले आदमी को ? क्यों ?)
Answer :
A fat man is more likely to have a higher blood-pressure. The excess fat has a lot of capillaries. The heart has to work harder to push blood through these capillaries.
(एक मोटे आदमी को उच्च रक्तचाप होने की सम्भावना अधिक है। अतिरिक्त चर्बी में असंख्य धमनियाँ होती हैं। हृदय को इन धमनियों में रक्त भेजने के लिए बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है।)

Q. 17. If a person has high blood pressure, what should he do to bring down the pressure to safer levels ?
(यदि किसी व्यक्ति को उच्च रक्तचाप है, तो उसे सही स्तर तक लाने के लिए क्या करना चाहिए ?)
Or
What should a man do to reduce high blood-pressure ? [2009, 18]
(उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए एक व्यक्ति को क्या करना चाहिए ?)
Answer :
To reduce high blood-pressure, a man should :
(i) get rid of excess fat,
(ii) avoid smoking,
(iii) relax a little, and
(iv) do mild exercise regularly.
(उच्च रक्त चाप को कम करने के लिए व्यक्ति को
(i) अत्यधिक चर्बी से छुटकारा पाना चाहिए,
(ii) धूम्रपान से बचना चाहिए,
(iii) थोड़ा आराम करना चाहिए, तथा ,
(iv) रोजाना हल्का व्यायाम करना चाहिए।)

Q. 18. How does smoking increase blood-pressure ? [2009]
(धूम्रपान रक्तचाप को कैसे बढ़ाता है ?)
Or
How is smoking injurious to health according to J.D.Ratcliff ? [2015, 17, 18]
(जे०डी० रेटक्लिफ के अनुसार धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए कैसे हानिकारक है?)
Answer :
When a person smokes, nicotine enters his blood. Nicotine is a poisonous substance. It makes the arteries hard and narrow, especially of hands and legs. So, the heart has to do more work to push the blood through these blood vessels. So, the blood-pressure increases.
(जब कोई व्यक्ति सिगरेट पीता है तब निकोटीन नामक पदार्थ उसके रक्त में मिल जाता है। निकोटीन एक जहरीला पदार्थ है। यह धमनियों को, विशेष रूप से हाथ और पैरों की धमनियों को, कठोर और तंग बना देता है। अतः दिल को इन नसों में खून भेजने के लिए अधिक कार्य करना पड़ता है। इसलिए रक्तचाप बढ़ जाता है।)

Q. 19. What particular foods should the heart patient avoid ? [2017]
(हृदय रोगी को किन-किन विशेष भोजनों से बचना चाहिए?)
Answer :
A heart patient should avoid foods rich in fats and giving high number of calories.
(हृदय रोगी को ऐसे भोजन से बचना चाहिए जिनमें चर्बी अधिक हो और जिनसे अधिक कैलोरी मिलती है।)

Q. 20. What part does heredity play in heart troubles ?
(हृदय की परेशानियों में आनुवंशिकता की क्या भूमिका है ?)
Answer :
Heredity plays an important role in the heart troubles. It cannot be avoided but its effect can be minimized.
(आनुवंशिकता हृदय रोगों में मुख्य भूमिका निभाती है। इससे बचा नहीं जा सकता, किन्तु इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।)

Q. 21. What should a man do to avoid heart-attack ? Describe briefly. [2011, 15, 17, 18]
(हृदय गति रुकने से बचने के लिए मनुष्य को क्या करना चाहिए? संक्षेप में वर्णन कीजिए।)
Answer :
To avoid heart attack man should follow the following precautions :
(i) should reduce overweight,
(ii) should avoid smoking,
(iii) should relax more and,
(iv) should have light exercise and balanced diet.
(हृदय गति रुकने से बचने के लिए मनुष्य को निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए
(i) अधिक भर को घटना
(ii) धूम्रपान से बचना
(iii) अधिक आराम
(iv) हल्का व्यायाम और संतुलित भोजन

Q. 22. What is heart if it is not a romantic character? [2017]
(यदि हदय एक रोमांटिक पात्र नहीं है तो यह क्या है ?)
Answer :
If heart is not a romantic character, it is a pumping machine.
(यदि हृदय एक रोमांटिक पात्र नहीं है तो यह एक पम्प करने वाली मशीन है।)

Vocabulary

Choose the most appropriate word or phrase that best completes the sentence :
1. I weigh 340 grams, am red-brown in colour and have an …………… shape. [2018]
(a) unpleasant
(b) unimpressive
(c) unfair
(d) unsound

2. Whatever you may have heard about me (heart) from poets, I am not a very …………… character. [2014, 17]
(a) pathetic
(b) romantic
(c) heroic
(d) classic

3. No muscles in the body are as strong as I am except those of a woman’s …………… as she gives birth.
(a) stomach
(b) womb
(c) belly
(d) uterus

4. We can slow down heart beat by …………… on vague nerves.
(a) gentle massage
(b) gentle pressure
(c) brisk massage
(d) slow running

5. John blames almost everything on me. But I (heart) have …………… to do with his fatigue.
(a) a little
(b) the little
(c) little
(d) nothing

6. When I (heart) am in trouble, I usually send out …………… only after undue exertion or emotion.
(a) a light signal
(b) a pain signal
(c) an alarm signal
(d) a sound signal

7. Heart is fed by his own two ……………
(a) coronary arteries
(b) pulmonary arteries
(c) major arteries
(d) minor arteries

8. The greatest single cause of death is ……………
(a) fatigue
(b) insufficient sleep
(c) worry and anxiety
(d) trouble in coronary arteries

9. Any one can bring out his blood pressure to safer levels by reducing ……………
(a) his unusual height
(b) his work load
(c) excess weight
(d) quantity of food

10. Smoking is dangerous to heart because ……………
(a) it accelerates the heart beat
(b) it has a dangerous substance named nicotine
(c) it slows down heart beats
(d) it makes our veins inactive

11. Reducing the body weight, regular exercise, more relaxation and control on smoking are some of the …………… for a healthy heart.
(a) necessities
(b) uses
(c) precautions
(d) harms,

12. Also, while John sleeps, a large percentage of his capillaries are …………… so, as I don’t push blood through them, my beat slows from a normal 72 a minute down to 55.
(a) active
(b) inactive
(c) blocked
(d) open

13. John likes catapults …………… than anything else.
(a) more.
(b) much
(c) enough
(d) little

14. All the same …………… seem to play some role in building up those blockage forming in my arteries.
(a) proteins
(b) carbohydrates
(c) fats
(d) calories

15. From …………… my ignition system gets momentarily out of tune.
(a) pillar to post
(b) beginning to end
(c) top to bottom
(d) time to time

16. From time to time, my ignition system gets momentarily out of …………… just like the ignition system of John’s car. [2011]
(a) tune
(b) dune
(c) pume
(d) tone

17. I am not getting enough …………… to cope with the work he is loading on to me. [2018]
(a) energy
(b) nourishment
(c) compliment
(d) supplement

18. When John thinks of me at all, he thinks of me as …………… and delicate. [2009, 15]
(a) soft
(b) soggy
(c) fragile
(d) fragrant

19. How do I get my nourishment ? From the …………… of course.
(a) blood
(b) heart
(c) tissues
(d) arteries

20. Climbing a couple of flight of …………… to his office wouldn’t hurt either.
(a) spares
(b) stares
(c) stairs
(d) scarce

21. I hang by ligament in the …………… of his chest. [2013, 18]
(a) middle
(b) core
(c) centre
(d) deep

22. You must give …………… your bad habits. [2015]
(a) after
(b) away
(c) up
(d) out

23. Then, if our artery closes down, …………… are others to nourish me.. [2015]
(a) here
(b) where
(c) there
(d) their

24. Smoking is a …………… violent stuff. [2015]
(a) gritty
(b) nitty
(c) pretty
(d) petty

25. John hardly …………… thinks of me which is good. [2016]
(a) never
(b) ever
(c) always
(d) sometimes

26. Fatty deposits begin to …………… up in the coronary arteries. [2018]
(a) build
(b) band
(c) bang
(d) bind

Answers :
1. (b), 2. (b), 3. (d), 4. (a), 5. (c), 6. (b), 7. (a) 8. (a), 9. (c), 10. (b), 11. (c), 12. (b), 13. (a), 14. (c), 15. (a), 16. (a), 17. (b), 18. (c), 19. (a), 20. (c), 21. (c), 22. (c), 23. (c), 24. (c), 25. (b), 26. (a). A

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UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi काव्य-साहित्यका विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Samanya Hindi
Chapter Chapter 1
Chapter Name काव्य-साहित्यका विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
Number of Questions 133
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi काव्य-साहित्यका विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

सामान्य प्रश्न

प्रश्न 1
हिन्दी-काव्य-साहित्य के विविध कालों का समय बताइए।
उत्तर

  1. आदिकाल (वीरगाथाकाल) —– सन् 993 ई० से सन् 1318 ई० तक।
  2. पूर्व-मध्यकाल (भक्तिकाल) – सन् 1318 ई० से सन् 1643 ई० तक।
  3. उत्तर-मध्यकाल (रीतिकाल) – सन् 1643 ई० से सन् 1843 ई० तक।
  4. आधुनिककाल (गद्यकाल) – सन् 1843 ई० से अब तक।

उपर्युक्त काल-विभाजन आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के ‘हिन्दी-साहित्य का इतिहास के आधार पर दिया गया है।

प्रश्न 2
कविता के बाह्य तत्त्वों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
कविता के बाह्य तत्त्व हैं—

  1. लय,
  2. तुक,
  3. छन्द,
  4. शब्द-योजना,
  5. चित्रात्मक भाषा तथा
  6. अलंकार

प्रश्न 3
कविता के आन्तरिक तत्त्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर
कविता के आन्तरिक तत्त्व हैं—

  1. अनुभूति की व्यापकता,
  2. कल्पना की उड़ान,
  3. रसात्मकता और सौन्दर्य-बोध तथा
  4. भावों का उदात्तीकरण।

प्रश्न 4 हिन्दी पद्य-साहित्य के इतिहास के विभिन्न कालों के नाम लिखिए।
उत्तर
हिन्दी-पद्य साहित्य के विभिन्न कालों के नाम हैं-

  1. वीरगाथाकाल (आदिकाल),
  2. भक्तिकाल (पूर्व-मध्यकाल),
  3. रीतिकाल (उत्तर-मध्यकाल) एवं
  4. आधुनिककाल।

प्रश्न 5
काव्य के कितने भेद होते हैं ?
उत्तर
काव्य के दो भेद होते हैं–

  1. श्रव्य काव्य और
  2. दृश्य काव्य।

प्रश्न 6
श्रव्य काव्य के कौन-कौन से भेद होते हैं ?
उत्तर
श्रव्य काव्य के दो भेद होते हैं—

  1. प्रबन्ध काव्य और
  2. मुक्तक काव्य।

प्रश्न 7
दृश्य काव्य तथा श्रव्य काव्य का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
दृश्य काव्य का रंगमंच पर अभिनय किया जा सकता है, जब कि श्रव्य काव्य का अभिनय नहीं किया जा सकता। दृश्य काव्य का आनन्द उसे देखकर अथवा सुनकर लिया जा सकता है, जब कि श्रव्य काव्य का आनन्द केवल सुनकर ही लिया जा सकता है।

प्रश्न 8
प्रबन्ध काव्य के कितने भेद होते हैं ?
उत्तर
प्रबन्ध काव्य के दो भेद होते हैं—

  1. महाकाव्य और
  2. खण्डकाव्य।

प्रश्न 9
महाकाव्य और खण्डकाव्य में अन्तर बताइए।
उत्तर
महाकाव्य की कथा में जीवन की सर्वांगीण झाँकी होती है, जब कि खण्डकाव्य में जीवन के एक पक्ष का चित्रण होता है। महाकाव्य की विस्तृत कथावस्तु पर अनेक खण्डकाव्य लिखे जा सकते हैं।

प्रश्न 10
दो महाकाव्यों के नाम लिखिए।
उत्तर दो महाकाव्यों के नाम हैं—

  1. श्रीरामचरितमानस और
  2. कामायनी।

प्रश्न 11
दो खण्डकाव्यों के नाम लिखिए।
उत्तर
दो खण्डकाव्यों के नाम हैं-

  1. जयद्रथ-वध और
  2. हल्दीघाटी।

आदिकाल (वीरगाथाकाल)

प्रश्न 12
हिन्दी के आदिकाल का समय निर्देश कीजिए और हिन्दी के प्रथम कवि का नाम बताइए।
उत्तर
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार आदिकाल का समय 993 ई० से 1318 ई० तक माना जाता है। सरहपा को हिन्दी का प्रथम कवि माना जाता है।

प्रश्न 13
हिन्दी का प्रथम कवि किसे माना जाता है ? उनका रचना-काल कब से प्रारम्भ हुआ ?
उत्तर
सरहपा को हिन्दी का प्रथम कवि माना जाता है। उनका रचना-काल 769 ई० से प्रारम्भ हुआ। कुछ विद्वान् हिन्दी का प्रथम कवि ‘पृथ्वीराज रासो’ के रचयिता चन्दबरदाई को मानते हैं।

प्रश्न 14 आदिकाल (वीरगाथाकाल) की प्रमुख विशेषताएँ बताइए। [2009]
या
आदिकालीन हिन्दी-साहित्य की प्रमुख प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिए।
या
आदिकाल (वीरगाथाकाल) की रचनाओं की दो प्रमुख काव्य-प्रवृत्तियाँ लिखिए।
या
आदिकाल के योगदान की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
या
आदिकाल के रासो साहित्य की प्रमुख विशेषताओं का विवेचन कीजिए।
उत्तर
विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ)-

  1. आदिकाल में अधिकांश रासो ग्रन्थ लिखे गये; जैसेपृथ्वीराज रासो, परमाल रासो आदि। इनमें आश्रयदाताओं की अतिशयोक्तिपूर्ण प्रशंसा है।
  2. वीर और श्रृंगार रस की प्रधानता है।
  3. युद्धों का सजीव वर्णन किया गया है।
  4. काव्यभाषा के रूप में डिंगल और पिंगल का प्रयोग हुआ है।
  5. काव्य-शैलियों में प्रबन्ध और गीति शैलियों का प्रयोग मिलता है।
  6. सामूहिक राष्ट्रीय भावना का अभाव रहा है।

प्रश्न 15
आदिकाल (वीरगाथाकाल) के प्रमुख कवियों और उनकी कृतियों के नाम बताइए। आदिकाल की रचना है। [2011]
या
आदिकाल के रचनाकार हैं। [2011]
या
आदिकाल के दो रचनाकारों के नाम लिखिए। [2015]
उत्तर
आदिकाल (वीरगाथाकाल) के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैंचन्दबरदाई (पृथ्वीराज रासो), नरपति-नाल्ह (बीसलदेव रासो), दलपति विजय (खुमान रासो), जगनिक (परमाल रासो या आल्ह खण्ड), विद्यापति (पदावली), अब्दुल रहमान (सन्देश रासक), स्वयंभू (पउमचरिउ), धनपाल (भविसयत्तकहा), जोइन्दु (परमात्मप्रकाश), पुष्पदन्त (उत्तरपुराण) एवं अमीर खुसरो की फुटकर रचनाएँ।

प्रश्न 16
वीरगाथाकाल (आदिकाल) की रचनाओं में वर्णित विषय का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
आदिकाल के साहित्य में रणोन्मत्त राजपूत वीरों, रणबाँकुरों, राजपूत महिलाओं, रण-स्थल के रक्तरंजित क्रियाकलापों, गर्जन-तर्जन व हाहाकार का सजीव चित्रण है।

प्रश्न 17
वीरगाथाकाल (आदिकाल) में साहित्य रचना की प्रमुख धाराओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
इस काल की तीन प्रमुख काव्यधाराएँ निम्नलिखित हैं

  1. संस्कृत काव्यधारा,
  2. प्राकृत एवं अपभ्रंश काव्यधारा तथा
  3. हिन्दी काव्यधारा।

प्रश्न 18
आदिकाल के विभिन्न नाम बताइए।
या
‘वीरगाथाकाल’ के लिए प्रयुक्त दो अतिरिक्त नामों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
वीरगोथाकाल, अपभ्रंशकाल, सन्धिकाल, आविर्भावकाल, चारणकाल, बीजवपनकाल एवं सिद्ध-सामन्त युग आदि।।

प्रश्न 19
वीरगाथाकाल में रचनाएँ कौन-कौन-से काव्य-रूपों (विधाओं) में लिखी गयीं ?
उत्तर
प्रबन्ध काव्य और मुक्तक काव्यों के रूप में लिखी गयी हैं।।

प्रश्न 20
वीरगाथाकाल की रचनाओं में कौन-सी भाषा प्रयुक्त हुई है ?
उत्तर
डिंगल और पिंगल।

प्रश्न 21
आदिकाल के साहित्य को कितने वर्गों में विभाजित किया जा सकता है ?
उत्तर
पाँच वर्गों में—

  1. सिद्ध साहित्य,
  2. जैन साहित्य,
  3. नाथ साहित्य,
  4. रासो साहित्य,
  5. लौकिक साहित्य।

प्रश्न 22
जैन साहित्य का सबसे अधिक लोकप्रिय रूप किन ग्रन्थों में मिलता है ?
उत्तर
जैन साहित्य का सर्वाधिक लोकप्रिय रूप ‘रास’ ग्रन्थों में मिलता है।

प्रश्न 23
जैन धर्म के चार रास ग्रन्थों और उनके रचयिताओं के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. देवसेन रचित ‘श्रावकाचार रास’,
  2. मुनि जिनविजय कृत ‘भरतेश्वर बाहुबली रास’,
  3. जिनधर्मसूरि कृत ‘स्थूलभद्र रास’ तथा
  4. विजयसेन सूरि कृत रेवंतगिरि रास’।

प्रश्न 24
नाथ साहित्य के प्रणेता कौन थे ?
उत्तर
नाथ साहित्य के प्रणेता गोरखनाथ थे।

प्रश्न 25
कवियों तथा उनके ग्रन्थों का सही मेल करें-
कवि–दलपति विजय, चन्दबरदाई, नरपति नाल्ह, नल्हसिंह भाट तथा जगनिक।
ग्रन्थ—पृथ्वीराज रासो, बीसलदेव रासो, विजयपाल रासो, आल्ह खण्ड, खुमान रासो।
उत्तर
कवि ग्रन्थ
दलपति विजय – खुमान रासो [2011]
चन्दबरदाई – पृथ्वीराज रासो [2013]
नरपति नाल्ह बीसलदेव रासो
नल्हसिंह भाट – विजयपाल रासो
जगनिक – आल्ह खण्ड (परमाल रासो) [2014]

भक्तिकाल

प्रश्न 26
भक्तिकाल की सभी प्रमुख काव्यधाराओं का परिचय दीजिए।
उत्तर
भक्तिकाल में हिन्दी-कविता दो धाराओं में प्रवाहित हुई–निर्गुण भक्ति-धारा और सगुण भक्ति-धारा। निर्गुणवादियों में भी जिन्होंने ज्ञान को अपनाया, वे ज्ञानमार्गी और जिन्होंने प्रेम को अपनाया, वे प्रेममार्गी कहलाये।।

जिन कवियों ने भगवान् के दुष्टदलनकारी-लोकरक्षक रूप को सामने रखी, वे रामभक्ति शाखा से सम्बद्ध माने गये और जिन्होंने भगवान् के लोकरंजक रूप को सामने रखा, वे कृष्णभक्ति शाखा के कवि कहलाये।।

प्रश्न 27
भक्तिकाल की प्रमुख काव्यधाराओं और उनके कवियों के नाम लिखिए।
या
भक्तिकाल की विभिन्न धाराओं के नाम बताइट।
उत्तर
भक्तिकाल में दो प्रकार की काव्य-रचना हुई—

  1. निर्गुणमार्गीय तथा
  2. सगुणमार्गीय।

निर्गुण काव्य की दो धाराएँ हैं—
(क) ज्ञानाश्रयी-काव्यधारा तथा
(ख) प्रेमाश्रयी-काव्यधारा।

सगुण काव्य की भी दो धाराएँ हैं—
(क) कृष्णभक्ति-काव्यधारा तथा
(ख) रामभक्ति-काव्यधारा।

प्रश्न 28
सन्तकाव्य का अर्थ स्पष्ट कीजिए। इस धारा के प्रमुख कवि का नाम भी लिखिए।
उत्तर
सन्तकाव्य से आशय निर्गुण ज्ञानाश्रयी शाखा से है। ये भक्त निर्गुण-निराकार की उपासना करते हैं और ज्ञान को उसकी प्राप्ति का साधन मानते हैं। इस धारा के प्रमुख कवि हैं—कबीर, रैदास, नानक, दादू, मलूकदास आदि।

प्रश्न 29
भक्तिकाल की निर्गुण तथा सगुण भक्तिधारा का परिचय दीजिए।
उत्तर
जिस धारा में भगवान् के निर्गुण-निराकार रूप की आराधना पर बल दिया गया, वह निर्गुण धारा कहलायी और जिसमें सगुण-साकार रूप की आराधना पर बल दिया गया, वह सगुण धारा कहलायी। निर्गुणवादियों में जिन्होंने भगवत्-प्राप्ति के साधन-रूप में ज्ञान को अपनाया, वे ज्ञानमार्गी और जिन्होंने प्रेम को अपनाया, वे प्रेममार्गी कहलाये। ज्ञानमार्गी शाखा के सबसे प्रमुख कवि कबीर और प्रेममार्गी (सूफी) शाखा के मलिक मुहम्मद जायसी हुए।

प्रश्न 30
ज्ञानाश्रयी निर्गुण (सन्त) काव्यधारा की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
या
भक्तिकाल की प्रमुख विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख कीजिए।
या
ज्ञानाश्रयी भक्ति-शाखा की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। भक्तिकाल की कोई एक विशेषता का उल्लेख कीजिए। [2016]
उत्तर

  1. सद्गुरु का महत्त्व सर्वाधिक; सत्संग पर भी बल।
  2. निर्गुण की उपासना एवं अवतारवाद का खण्डन।
  3. भगवान् के नाम-स्मरण तथा भजन पर बल।
  4. धर्म के क्षेत्र में रूढ़िवाद, बाह्याचार एवं आडम्बर का विरोध तथा सामाजिक क्षेत्र में विषमता, ऊँचे-नीच एवं छुआछूत का खण्डन।
  5. आन्तरिक शुद्धि एवं प्रेम साधना पर बल।
  6. ईश्वर की एकता पर बल; राम-रहीम अभिन्न हैं।

प्रश्न 31
ज्ञानाश्रयी शाखा के किसी एक कवि द्वारा रचित दो ग्रन्थों के नाम लिखिए।
उत्तर
कवि-कबीर; रचित ग्रन्थ-बीजक, कबीर-ग्रन्थावली।

प्रश्न 32
प्रेमाश्रयी भक्ति-शाखा की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (विशेषताएँ) लिखिए।
या
निर्गुण-पन्थ की प्रेमाश्रयी-शाखा की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर

  1. मुसलमान होकर भी हिन्दू प्रेमगाथाओं का वर्णन, जिनमें हिन्दू संस्कृति का चित्रण मिलता है।
  2. सूफी सिद्धान्तों का निरूपण।
  3. रहस्यवाद की चरम अभिव्यक्ति।
  4. लौकिक वर्णनों के माध्यम से अलौकिकता की व्यंजना।
  5. मसनवी शैली का प्रयोग।
  6. पूर्वी अवधी भाषा तथा दोहा-चौपाई छन्दों का प्रयोग।

प्रश्न 33
भक्तिकाल की सगुण भक्तिधारा का संक्षेप में परिचय दीजिए।
उत्तर
सगुण भक्ति में जिन्होंने भगवान् के लोकरंजक रूप को सामने रखा, वे कृष्णोपासक कहलाये तथा जिन्होंने भगवान् के दुष्ट-दलनकारी लोकरक्षक रूप को सामने रखा, वे रामभक्ति शाखा से सम्बद्ध माने गये।

प्रश्न 34
कृष्ण-काव्यधारा की प्रमुख विशेषताएँ बताइट। या भक्तिकाल की सगुण कृष्णभक्ति शाखा की प्रमुख प्रवृत्तियाँ बताइट।
उत्तर

  1. श्रीमद्भागवत का आधार लेकर कृष्णलीला-गान।
  2. सख्य, वात्सल्य एवं माधुर्य भाव की उपासना एवं लोकपक्ष की उपेक्षा।
  3. काव्य में श्रृंगार एवं वात्सल्य रसों की प्रधानता; मूल आधार कृष्ण के बाल और किशोर रूप का लीला-वर्णन।
  4. ब्रज भाषा में मुक्तक काव्य-शैली की प्रधानता, जिसमें अद्भुत संगीतात्मकता का गुण विद्यमान है।

प्रश्न 35
कृष्णभक्ति-काव्य में वर्णित प्रमुख रसों का नामोल्लेख करते हुटे उस रचना का नाम भी बताइए, जिसमें उन सभी रसों का सर्वश्रेष्ठ चित्रण हुआ है।
उत्तर
कृष्णभक्ति-काव्य में श्रृंगार रस का सांगोपांग एवं वात्सल्य और भक्ति रसों का प्रयोग प्रमुखता से हुआ है। सूरदास के ‘सूरसागर’ में इन सभी रसों का सर्वश्रेष्ठ चित्रण है।

प्रश्न 36 कृष्ण-काव्यधारा के प्रमुख कवियों के नाम लिखिए। [2009]
या
अष्टछाप के किन्हीं दो कवियों का नाम लिखिए।
उत्तर
अष्टछाप के कवि ही कृष्ण-काव्यधारा के प्रमुख कवि थे। महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के चार शिष्यों एवं अपने चार शिष्यों को मिलाकर महाप्रभु के सुपुत्र गोसाईं विट्ठलनाथ जी ने अष्टछाप की स्थापना की, जिसके आठ कवि थे-सूरदास, कुम्भनदास, परमानन्ददास, कृष्णदास, छीतस्वामी, गोविन्ददास, चतुर्भुजदास, नन्ददास। इनके अतिरिक्त कृष्ण काव्यधारा के अन्य प्रमुख कवि हैं-मीरा, रसखान, हितहरिवंश और नरोत्तमदास।

प्रश्न 37
राम-काव्यधारा की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर

  1. लोकसंग्रह (लोकहित) की भावना के कारण मर्यादा की प्रबल भावना।
  2. राम का परब्रह्मत्व।
  3. दास्य भाव की उपासना।
  4. समन्वय की विराट् चेष्टा।
  5. स्वान्त:सुखाय काव्य-रचना।
  6. अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं, प्रबन्ध और मुक्तक दोनों काव्य-शैलियों एवं विविध छन्दों का प्रयोग।

प्रश्न 38
रामाश्रयी शाखा के दो प्रमुख कवियों का नाम दीजिए।
या
राम को नायक मानकर रचना करने वाले दो कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
गोस्वामी तुलसीदास और आचार्य केशवदास रामाश्रयी शाखा के प्रमुख कवि हैं। इन दोनों ने राम को नायक मानकर अपने काव्यों की रचना की है।

प्रश्न 39
भक्तिकालीन काव्य को ‘हिन्दी कविता का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है ? स्पष्ट कीजिए।
या
हिन्दी साहित्य के विकास में भक्तिकाल के योगदान का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
भावों की उदात्तता, महती प्रेरकता, अनुभूति-प्रवणता, लोकहित का मुखरित स्वर, भारतीय संस्कृति का मूर्तिमान रूप, समन्वय की विराट् चेष्टा तथा कलापक्ष की समृद्धि इस काल की ऐसी विशेषताएँ हैं, जो किसी अन्य काल के काव्य में इतनी उच्च कोटि की नहीं मिलतीं। इसीलिए भक्तिकाल को हिन्दी काव्य को स्वर्ण युग कहा जाता है।

प्रश्न 40
भक्तिकाल में भक्तिभावना के कौन-से दो रूप मिलते हैं ?
उत्तर
निर्गुण भक्ति और सगुण भक्ति।

प्रश्न 41
भक्तिकाव्य की दो प्रमुख शाखाओं के नाम लिखिए।

  1. निर्गुण भक्ति-शाखा और
  2. सगुण भक्ति-शाखा।

प्रश्न 42
भक्तिकाल के चार प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
कबीरदास, मलिक मुहम्मद जायसी, सूरदास और तुलसीदास।

प्रश्न 43
भक्तिकालीन विभिन्न काव्यधाराओं में किस धारा का काव्य सर्वश्रेष्ठ है और उसका सर्वश्रेष्ठ कवि कौन है ?
उत्तर
सर्वश्रेष्ठ काव्यधारा–रामाश्रयी काव्यधारा तथा सर्वश्रेष्ठ कवि–गोस्वामी तुलसीदास।

प्रश्न 44
भक्तिकाल की चार प्रमुख काव्यकृतियों के नाम लिखिए। भक्ति काव्यधारा की दो पुस्तकों के नाम लिखिए। [2009]
उत्तर
बीजक, पद्मावत, सूरसागर तथा श्रीरामचरितमानस।

प्रश्न 45
निर्गुण काव्यधारा की दो शाखाएँ कौन-सी हैं ?
उत्तर

  1. ज्ञानाश्रयी (सन्त) काव्यधारा तथा
  2. प्रेमाश्रयी (सूफी) काव्यधारा।

प्रश्न 46
निर्गुण-काव्यधारा की कोई एक प्रमुख विशेषता बताइए और उसके प्रमुख कवि का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर
निर्गुण काव्य में परम ब्रह्म के निराकार स्वरूप की उपासना हुई तथा ज्ञान एवं प्रेम तत्त्व की प्रधानता रही। कबीर एवं जायसी इस धारा के प्रमुख कवि हैं।

प्रश्न 47
सन्त काव्यधारा के चार प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
कबीरदास, रैदास, दादू तथा नानक।

प्रश्न 48
प्रेममार्गी निर्गुण (सूफी) काव्यधारा के प्रमुख कवि का नाम तथा उनकी प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
कवि-मलिक मुहम्मद जायसी। रचना-पद्मावत।।

प्रश्न 49
सूफी काव्यधारा की कुछ प्रमुख कृतियों के नाम लिखिए।
उत्तर
पद्मावत, मृगावती (कुतुबन), मधुमालती (मंझन), चित्रावली (उसमान) आदि।

प्रश्न 50
सगुण कृष्णभक्ति-शाखा के चार प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
सूरदास, मीरा, रसखान, कुम्भनदास, गोविन्ददास, नरोत्तमदास एवं परमानन्ददास।

प्रश्न 51
कृष्णभक्ति-शाखा के किन्हीं दो कवियों की एक-एक रचना का नाम लिखिए।
या
प्रेमाश्रयी अथवा कृष्णकाव्य की दो प्रमुख काव्य-रचनाओं के नाम बताइट।
या
महाकवि सूरदास की दो रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. सूरदास-सूरसागर व साहित्यलहरी तथा
  2. मीराबाई नरसी जी का मायरा।

प्रश्न 52
राम-काव्यधारा के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
तुलसीदास राम-काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि हैं। अन्य प्रमुख कवि हैं–केशवदास, नाभादास एवं अग्रदास।।

प्रश्न 53
राम-काव्यधारा की रचना किन भाषाओं में हुई है ?
उत्तर
राम-काव्यधारा की रचना अवधी तथा ब्रजभाषा में हुई है।

प्रश्न 54
ब्रजभाषा तथा अवधी भाषा के मध्यकालीन एक-एक प्रसिद्ध महाकाव्य का नाम लिखिए।
उत्तर

  1. ब्रजभाषा–सूरसागर तथा
  2. अवधी भाषा-श्रीरामचरितमानस।

प्रश्न 55
रामभक्ति-शाखा के किसी एक कवि तथा उसके द्वारा रचित दो ग्रन्थों के नाम लिखिए।
या
सगुण भक्तिधारा के किसी एक कवि द्वारा रचित दो ग्रन्थों के नाम लिखिए।
उत्तर
तुलसीदास जी के चार ग्रन्थों के नाम हैं–

  1. श्रीरामचरितमानस,
  2. विनयपत्रिका,
  3. कवितावली तथा
  4. गीतावली।

प्रश्न 56
उत्तर भारत में भक्ति-भावना को प्रवाहित करने का श्रेय किसको है ?
उत्तर
स्वामी रामानन्द तथा महाप्रभु वल्लभाचार्य को।

प्रश्न 57
हिन्दी काव्य के भक्तिकाल की दो प्रमुख धाराओं के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. निर्गुण काव्यधारा (ज्ञानमार्गी तथा प्रेममार्गी)।
  2. सगुण काव्यधारा (रामभक्ति तथा कृष्णभक्ति)।

प्रश्न 58
ज्ञानमार्गी शाखा के दो कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. कबीर तथा
  2. नानक

प्रश्न 59
हिन्दी-साहित्य की भक्तिकालीन ज्ञानाश्रयी शाखा की दो विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए।
उत्तर

  1. ज्ञानाश्रयी शाखा में निर्गुण ब्रह्म की उपासना हुई तथा
  2. जाति-पाँति, रूढ़ियों और मिथ्याडम्बरों का विरोध हुआ।

प्रश्न 60
निर्गुण भक्ति की प्रेमाश्रयी शाखा की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर

  1. यह फारसी की मसनवी शैली में रचित है तथा
  2. अवधी भाषा में काव्य-रचना हुई।

प्रश्न 61
भक्तिकाल की प्रेमाश्रयी शाखा के एक प्रमुख कवि और उसकी एक प्रमुख रचना (महाकाव्य) का नाम लिखिए।
या
प्रेमाश्रयी शाखा के किसी एक कवि द्वारा रचित दो ग्रन्थों के नाम लिखिए। [2009]
उत्तर
कवि–मलिक मुहम्मद जायसी और उनकी रचना का नाम है पद्मावत (महाकाव्य) और अखरावट।

प्रश्न 62
रामभक्ति शाखा की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर

  1. श्रीराम की प्रतिष्ठा पूर्ण ब्रह्म के रूप में हुई है तथा
  2. यह काव्य ब्रज तथा अवधी दोनों ही भाषाओं में रचा गया।

प्रश्न 63
भक्तिकाल की तीन सामान्य प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर

  1. जीव की नश्वरता का समान रूप से वर्णन है।
  2. प्रभु के नाम स्मरण तथा गुरु की महत्ता का वर्णन सभी कवियों ने किया है।
  3. कवियों के नामोल्लेख की प्रवृत्ति रही है।

प्रश्न 64
तुलसीदास द्वारा विरचित दो प्रसिद्ध काव्यकृतियों के नाम लिखिए जिनमें एक अवधी तथा दूसरी ब्रजभाषा की हो।
उत्तर

  1. श्रीरामचरितमानस–अवधी भाषा तथा
  2. विनयपत्रिका-ब्रजभाषा।

रीतिकाल

प्रश्न 65
रीतिकालीन काव्य की प्रमुख विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ) लिखिए।
या
रीतिकाल की दो प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए। [2015]
उत्तर

  1. राज्याश्रित कवियों द्वारा लक्षण-लक्ष्य पद्धति पर काव्य-रचना की गयी, ये कवि रीतिबद्ध कहलाये। जिन्होंने रीति पद्धति का तिरस्कार कर स्वतन्त्र काव्य-रचना की, वे रीतिमुक्त कवि कहलाये।
  2. श्रृंगार रस की प्रधानता, परन्तु वीर रस का भी ओजस्वी वर्णन।
  3. मुख्यत: मुक्तक शैली एवं ब्रज भाषा का प्रयोग।
  4. भाव पक्ष की अपेक्षा कला पक्ष पर बल।

प्रश्न 66
रीतिबद्ध काव्य के अभिप्राय को स्पष्ट करते हुए इस प्रवृत्ति की किन्हीं दो रचनाओं और उसके रचयिताओं के नाम लिखिए।
उत्तर
जिस काव्य में काव्य-तत्त्वों का लक्षण देकर उदाहरण रूप में काव्य-रचना प्रस्तुत की जाती है, उसे ‘रीतिबद्ध काव्य’ कहते हैं। इस प्रवृत्ति के दो कवियों की रचनाओं के नाम निम्नलिखित हैं-

  1. रस-विलास–आचार्य चिन्तामणि तथा
  2. कविप्रिया-आचार्य केशवदास।

प्रश्न 67
हिन्दी में रीतिबद्ध और रीतिमुक्त कविता का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
रीतिबद्ध काव्य के अन्तर्गत वे ग्रन्थ आते हैं, जिनमें काव्य-तत्त्वों के लक्षण देकर उदाहरण के रूप में काव्य-रचनाएँ की जाती हैं, जब कि रीतिमुक्त काव्यधारा की रचनाओं में रीति–परम्परा के साहित्यिक बन्धनों एवं रूढ़ियों से मुक्त; स्वच्छन्द रचनाएँ। इस काव्यधारा के कवियों में घनानन्द का प्रमुख स्थान है और रीतिबद्ध काव्यकारों में आचार्य चिन्तामणि का प्रथम स्थान है।

प्रश्न 68
रीतिकाल में कौन-कौन-सी काव्यधाराएँ मिलती हैं ?
उत्तर

  1. रीतिबद्ध काव्यधारा तथा
  2. रीतिमुक्त काव्यधारा।

प्रश्न 69
रीतिकाल के चार प्रमुख कवियों के नाम लिखिए। [2011]
उत्तर
केशवदास, बिहारीलाल, देव एवं घनानन्द।

प्रश्न 70
रीतिकाल में वीर रस का प्रमुख कवि कौन था ? उसकी रचनाओं के नाम लिखिए। [2011]
उत्तर
रीतिकाल में वीर रस में रचना करने वाले प्रमुख कवि ‘भूषण’ थे। उनकी प्रमुख रचनाओं के नाम है-‘शिवराज भूषण’, ‘शिवा बावनी’, ‘शिवा शौर्य’, ‘छत्रसाल दशक आदि।

प्रश्न 71
केशवदास की दो प्रमुख काव्य-रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर

  1.  रामचन्द्रिका तथा
  2. कविप्रिया।

प्रश्न 72
रीतिकाल की दो काव्यकृतियों और उनके रचनाकारों के नाम लिखिए। [2008]
उत्तर

  1. सतसई-बिहारी तथा
  2. रामचन्द्रिका–केशवदास।

प्रश्न 73
रीतिकाल की पाँच प्रमुख काव्यकृतियों के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. बिहारी-सतसई,
  2. रसराज (मतिराम),
  3. शिवराजभूषण (भूषण),
  4. भावविलास (देव) तथा
  5. घनानन्द कवित्त।

प्रश्न 74
रीतिकाल के चार रीतिबद्ध कवियों के नाम लिखिए।
या
रीतिकालीन किसी एक कवि का नाम लिखिए। [2011]
उत्तर

  1. चिन्तामणि,
  2. मतिराम,
  3. भूषण तथा
  4. देव

प्रश्न 75
रीतिकाल के चार रीतिमुक्त कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. घनानन्द,
  2. ठाकुर,
  3. बोधा तथा
  4. आलम।

प्रश्न 76
निम्नलिखित कवियों में से रीतिबद्ध तथा रीतिमुक्त कवियों का चुनाव कीजिए
(क) भूषण,
(ख) घनानन्द,
(ग) बिहारी,
(घ) बोधा ठाकुर,
(ङ) आचार्य केशवदास।
उत्तर
(1) रीतिबद्ध कवि-(ङ) आचार्य केशवदास, (ग) बिहारी, (क) भूषण।
(2) रीतिमुक्त कवि-(ख) घनानन्द तथा (घ) बोधा ठाकुर।

प्रश्न 77
रीतिकाव्य की प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर

  1. आश्रयदाताओं की अतिशयोक्तिपूर्ण प्रशंसा।
  2. श्रृंगार और वीर रस की प्रधानता।
  3. रीतिकाल की कविता का प्रमुख स्वर श्रृंगार का था।
  4. रीतिकाल के कवियों ने नारी को भोग्या रूप में प्रस्तुत किया।

प्रश्न 78
रीतिमुक्त काव्य से आप क्या समझते हैं ? इस काव्यधारा की मुख्य प्रवृत्तियाँ लिखिए।
उत्तर
रीतिकालीन परम्परा पर आधारित रूढ़ियों एवं साहित्यिक बन्धनों से मुक्त काव्य को रीतिमुक्त काव्य कहा जाता है। इस काव्यधारा की मुख्य प्रवृत्तियाँ हैं—

  1. शास्त्रीय मान्यताओं एवं रूढ़ियों से मुक्त स्वच्छन्द काव्य-रचना,
  2. कल्पना की प्रचुरता एवं सांकेतिकता,
  3. अनुभूति, आवेश आदि को विशेष महत्त्व इत्यादि।

प्रश्न 79
रीतिकाल के किन्हीं दो आचार्य कवियों के नाम लिखिए।
या
रीतिकाल के किसी आचार्य कवि की एक रचना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर

  1. आचार्य केशव-रामचन्द्रिका तथा
  2. आचार्य चिन्तामणि-रस-विलास।

प्रश्न 80
रीतिकाल में काव्य-रचना जिन छन्दों में की गयी है उनमें से किन्हीं दो प्रमुख छन्दों के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. कवित्त तथा
  2. सवैया।

आधुनिककाल

प्रश्न 81
कविता के आधुनिककाल के प्रथम युग का नाम लिखिए तथा उस युग के एक प्रमुख कवि का नाम बताइट।
उत्तर
कविता के आधुनिककाल का प्रथम युग–भारतेन्दु युग। प्रमुख कवि-भारतेन्दु हरिश्चन्द्र।

प्रश्न 82
पुनर्जागरण काल (भारतेन्दु युग) का समय लिखिए।
उत्तर
सन् 1857 से 1900 ई० तक।

प्रश्न 83
भारतेन्दु युग के दो कवियों के नाम उनकी एक-एक रचनासहित लिखिए।
या
भारतेन्दु युग के किन्हीं दो कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र-प्रेम माधुरी तथा
  2. श्रीधर पाठक–वनाष्टक।

प्रश्न 84
निम्नलिखित में से किन्हीं दो की एक-एक प्रसिद्ध काव्य-रचना का नाम लिखिए
(1) महादेवी वर्मा,
(2) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’,
(3) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,
(4) केशवदास।
उत्तर
(1) महादेवी वर्मा-‘दीपशिखा’।
(2) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’-‘परिमल’।
(3) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र-‘प्रेम-फुलवारी’।
(4) केशवदास-‘रामचन्द्रिका’।

प्रश्न 85
द्विवेदीकालीन दो प्रमुखतम महाकाव्यों के नाम लिखिए।
या
आधुनिककाल के दो महाकाव्यों और उनके रचयिताओं के नाम बताइए।
उत्तर

  1. साकेत – मैथिलीशरण गुप्त।
  2. प्रियप्रवास – अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’।

प्रश्न 86
द्विवेदीयुगीन कविता की दो प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर
द्विवेदी युग के काव्य की दो विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ) निम्नलिखित हैं-

  1. काव्य में ब्रजभाषा के स्थान पर खड़ी बोली की प्रतिष्ठा हुई।
  2. स्वदेश प्रेम तथा स्वदेशी गौरव पर काव्य-रचनाएँ की गयीं।

प्रश्न 87
कविता के आधुनिककाल के द्वितीय युग का नाम तथा उस युग के एक प्रमुख कवि तथा एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर
आधुनिककाल के द्वितीय युग का नाम द्विवेदी युग’ है। कवि–मैथिलीशरण गुप्त; रचना–साकेत।

प्रश्न 88
द्विवेदी युग के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. मैथिलीशरण गुप्त तथा
  2. अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’।

प्रश्न 89
द्विवेदी युग की समय-सीमा बताइए।
उत्तर
द्विवेदी युग की समय-सीमा 1900 ई० से 1918 ई० तक है।

प्रश्न 90
द्विवेदीयुगीन काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों की दो-दो रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. श्री मैथिलीशरण गुप्त; रचनाएँ–भारत-भारती तथा यशोधरा,
  2. श्री अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध’; रचनाएँ—रुक्मिणी परिणय तथा वैदेही वनवास।

प्रश्न 91
कविता के आधुनिककाल के तृतीय युग का नाम लिखिए तथा उस युग के एक प्रमुख कवि का नाम लिखिए।
उत्तर
कविता के आधुनिककाल के तृतीय युग का नाम ‘छायावादी युग’ है तथा इस युग के प्रमुख कवि श्री जयशंकर प्रसाद जी हैं।

प्रश्न 92
छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख करते हुए किन्हीं दो छायावादी कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. मूलतः सौन्दर्य और प्रेम का काव्य,
  2. प्रकृति का मानवीकरण,
  3. अज्ञात के प्रति जिज्ञासा (रहस्यवादी प्रवृत्ति),
  4. नारी की महिमा का वर्णन,
  5. राष्ट्रीयता की भावना,
  6. वैराग्य, वेदना और पलायनवादिता,
  7. प्रतीकात्मकता और लाक्षणिकता,
  8. चित्रात्मकता,
  9. प्रगतिमयता तथा
  10. खड़ी बोली का अतिशय परिमार्जन।

दो छायावादी कवियों के नाम-

  1. जयशंकर प्रसाद तथा
  2. सुमित्रानन्दन पन्त।

प्रश्न 93
छायावादी कविता के हास के कारण लिखिए।
उत्तर
विदेशी शासन के दमन के कारण जनसाधारण की निरन्तर बढ़ती पीड़ा छायावाद के ह्रास का मुख्य कारण बनी। इस दमन को देखकर कविगण कल्पना लोक से उबरकर यथार्थ के कठोर धरातल पर आ गये। पूँजी की वृद्धि तथा दीनता का प्रसार भी छायावाद के ह्रास का कारण बना।

प्रश्न 94
छायावाद काल की समय-सीमा बताइए।
उत्तर
सन् 1918 से 1938 ई० तक का समय छायावाद के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 95
छायावाद के चार कवि और उनकी दो-दो रचनाएँ लिखिए।
या
पायावाद के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. जयशंकर प्रसाद कामायनी; आँसू,
  2. सुमित्रानन्दन पन्त-पल्लव; ग्राम्या,
  3. सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला’–परिमल; गीतिका,
  4. महादेवी वर्मा–दीपशिखा; सान्ध्य-गीत।।

प्रश्न 96
दो रहस्यवादी कवि और उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. सुमित्रानन्दन पन्त कृत ‘पल्लव’ तथा
  2. महादेवी वर्मा कृत ‘दीपशिखा’।

प्रश्न 97
छायावादी कविता के हास के कारण संक्षेप में लिखिए।
उत्तर

  1. छायावादी कविता में सूक्ष्म और वायवीय कल्पनाओं की अधिकता थी।
  2. स्थूल जगत की कठोर वास्तविकता से उसका कोई सम्बन्ध नहीं रह गया था।
  3. समाज में पूँजी के विरुद्ध आवाज उठ रही थी, इसलिए अतिशय कल्पना को छोड़ रोटी, कपड़ा और मकान कविता का विषय बनने लगे थे।

प्रश्न 98
निम्नलिखित कवियों की एक-एक प्रमुख रचना का नाम लिखिए जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’, सुमित्रानन्दन पन्त, रामधारी सिंह ‘दिनकर’।
उत्तर

  1. जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’, रचना-गंगावतरण।
  2. सुमित्रानन्दन पन्त, रचना-चिदम्बरी।
  3. रामधारी सिंह ‘दिनकर’, रचना–उर्वशी।

प्रश्न 99
निम्नलिखित कवियों में से किन्हीं दो द्वारा रचित एक-एक महाकाव्य का नाम लिखिए
(1) चन्दबरदाई,
(2) तुलसीदास,
(3) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’,
(4) रामधारी सिंह ‘दिनकर’।।
उत्तर
(1) पृथ्वीराज रासो,
(2) श्रीरामचरितमानस,
(3) प्रियप्रवास तथा
(4) कुरुक्षेत्र।

प्रश्न 100
बिहारी, मैथिलीशरण गुप्त, अज्ञेय, रत्नाकर, पन्त, दिनकर में से किन्हीं दो की एक-एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर
अज्ञेय–आँगन के पार द्वार। जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’-उद्धवशतक।

प्रश्न 101
आधुनिक युग (छायावादी काव्यधारा) के किसी एक महाकाव्य और उसके रचनाकार का नाम लिखिए।
या
‘कामायनी’ महाकाव्य के सर्गों के नाम लिखिए। [2013]
उत्तर
महाकाव्य-कामायनी; रचनाकार–जयशंकर प्रसाद।
‘कामायनी’ महाकाव्य के सर्गों के नाम हैं—

  1. चिन्ता,
  2. आशा,
  3. श्रद्धा,
  4. काम,
  5. वासना,
  6. लज्जा ,
  7. कर्म,
  8. ईष्र्या,
  9. इडा,
  10. स्वप्न,
  11. संघर्ष,
  12. निर्वेद,
  13. दर्शन,
  14. रहस्य तथा
  15. आनन्द

प्रश्न 102
प्रगतिवादी काव्य का परिचय दीजिए।
उत्तर
प्रगतिवादी काव्य का उद्भव छायावादी काव्य की काल्पनिक एवं भावुकतापूर्ण अभिव्यक्ति के विद्रोहस्वरूप हुआ। इस वाद के काव्यों में स्थूल जगत् की वास्तविकता, सामाजिक-आर्थिक विसंगतियों एवं वर्ग-शोषण के स्वर को अलंकारविहीन तथा सरल रूप में अभिव्यक्ति दी गयी।

प्रश्न 103
प्रगतिवादी कविता की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
या
प्रगतिवादी काव्य की दो प्रमुख प्रवृत्तियों (विशेषताओं) का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर

  1. साम्यवाद का काव्यात्मक रूपान्तर (अर्थात् मार्क्स और रूस का गुणगान, पूँजीवाद का विरोध एवं कृषक-मजदूर-राज्य की स्थापना का स्वप्न),
  2. यथार्थवाद,
  3. परम्पराओं और रूढ़ियों का विरोध,
  4. धर्म और ईश्वर में अविश्वास,
  5. श्रम की महत्ता की स्थापना,
  6. शोषितों के प्रति सहानुभूति,
  7. वेदना और निराशा,
  8. नारी के प्रति आधुनिक यथार्थवादी दृष्टिकोण,
  9. जन-भाषा का आग्रह तथा
  10. छन्दों और अलंकारों का बहिष्कार।

प्रश्न 104
प्रगतिवाद के प्रमुख कवियों और उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।
या
प्रगतिवादी काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों की एक-एक रचना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
नागार्जुन (युगधारा), केदारनाथ अग्रवाल (युग की गंगा), शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (प्रलयसृजन), त्रिलोकचन्द शास्त्री (धरती)।

प्रश्न 105
प्रगतिवादी युग के दो कवियों तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर

  1. रामधारी सिंह ‘दिनकर’-उर्वशी तथा
  2. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’–विन्ध्य हिमालय से।।

प्रश्न 106
छायावादोत्तर काल की कविता का काल-विभाजन लिखिए।
उत्तर
(क) प्रगतिवाद, प्रयोगवाद (1938-1959 ई०);
(ख) नयी कविता का काल (1959 ई० से वर्तमान तक)।।

प्रश्न 107
प्रयोगवादी कविता की मुख्य विशेषताएँ बताइए। या छायावादोत्तर काल की काव्य-प्रवृत्तियाँ लिखिए।
उत्तर

  1. अति वैयक्तिकता,
  2. निराशा, कुण्ठा और घुटन,
  3. फ्रायड के प्रभाववश नग्न यौन-चित्रण,
  4. अतियथार्थवाद (नग्न यथार्थ),
  5. पराजय, पलायन और वेदना,
  6. बौद्धिकता,
  7. क्षण का महत्त्व,
  8. अवचेतन के यथावत् प्रकाशन का आग्रह,
  9. अनगढ़ भाषा का प्रयोग एवं
  10. नया शिल्पविधान (नये उपमानों, बिम्बों, प्रतीकों का प्रयोग तथा छन्दहीनता का आग्रह)।

प्रश्न 108
प्रयोगवाद से आप क्या समझते हैं ? ‘नयी कविता’ क्या है ?
उत्तर
सन् 1943 में प्रकाशित ‘तारसप्तक’ की कविताओं में नये बिम्ब-विधानों, नये अलंकारों और नयी भावाभिव्यक्ति को अपनाया गया। काव्य की इसी नयी विधा को ‘प्रयोगवादी काव्य’ के नाम से अभिहित किया गया। नयी कविता इस प्रयोगवादी कविता का ही विकसित रूप है।

प्रश्न 109
प्रयोगवादी काव्यधारा का नेतृत्व करने वाले कवि का नामोल्लेख कीजिए और उनके एक प्रमुख प्रकाशन का नाम लिखिए। [2011]
उत्तर
प्रयोगवादी काव्यधारा का नेतृत्व करने वाले कवि सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय हैं। इन्होंने ‘तारसप्तक’ नामक एक काव्य-संकलन सन् 1943 ई० में प्रकाशित किया। ‘कितनी नावों में कितनी बार इनकी एक प्रमुख रचना है, जिस पर इन्हें ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार की प्राप्ति हुई है।

प्रश्न 110
प्रथम तारसप्तक के कवियों के नाम लिखिए।
या
हिन्दी में प्रयोगवादी काव्यधारा के किन्हीं चार कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, गजानन माधव मुक्तिबोध’, गिरिजाकुमार माथुर, प्रभाकर माचवे, नेमिचन्द्र जैन, भारत भूषण और रामविलास शर्मा। सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ने इन सात कवियों की रचनाएँ ‘तारसप्तक’ के नाम से सन् 1943 ई० में प्रकाशित कीं।

प्रश्न 111
‘तारसप्तक’ का प्रकाशन किसने और किस समय किया? इसके सम्पादक कौन थे ?
उत्तर
श्री सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ने सन् 1943 ई० में अपनी पीढ़ी के अन्य छ: कवियों के सहयोग से ‘तारसप्तक’ का प्रकाशन किया। इसके सम्पादक श्री सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ स्वयं थे।

प्रश्न 112
‘तारसप्तक’ की कविताएँ किस काव्यधारा से सम्बन्धित हैं ?
उत्तर
‘तारसप्तक’ की कविताएँ प्रयोगवादी काव्यधारा से सम्बन्धित हैं।।

प्रश्न 113
‘दूसरा सप्तक’ के कवियों के नाम लिखिए। यह कब प्रकाशित हुआ ? [2016]
उत्तर
‘दूसरा सप्तक’ में भवानी प्रसाद मिश्र, शकुन्त माथुर, हरिनारायण व्यास, शमशेर बहादुर सिंह, नरेश मेहता, रघुवीर सहाय तथा धर्मवीर भारती की कविताएँ संकलित थीं। इस सप्तक की रचनाओं में आत्मान्वेषण पर बल दिया गया था तथा यह सन् 1951 ई० में प्रकाशित हुआ।

प्रश्न 114
‘तीसरा सप्तक’ के कवियों के नाम लिखिए। यह कब प्रकाशित हुआ ? या तीसरा सप्तक के प्रकाशन-वर्ष का उल्लेख कीजिए। | [2012, 14, 17]
उत्तर
‘तीसरा सप्तक’ के अन्तर्गत प्रयागनारायण त्रिपाठी, कीर्ति चौधरी, मदन वात्स्यायन, केदारनाथ सिंह, कुंवर नारायण, विजयदेव नारायण साही तथा सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचनाएँ संकलित हैं। इस सप्तक की कविताओं में सौन्दर्यवादी प्रवृत्ति के साथ-साथ युगीन सत्य की भी निश्छल अभिव्यक्ति मिलती है। इसका प्रकाशन सन् 1959 ई० में हुआ।

प्रश्न 115
‘चौथा सप्तक’ कब प्रकाशित हुआ ? इसके कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
सन् 1979 ई० में चौथा सप्तक प्रकाशित हुआ। इसमें अवधेश कुमार, राजकुमार कुम्भज, स्वदेश भारती, नन्दकिशोर आचार्य, सुमन राजे, श्रीराम वर्मा, राजेन्द्र किशोर की रचनाएँ संकलित हैं।

प्रश्न 116
प्रयोगवादी काव्य की पाँच रचनाओं और रचयिताओं के नाम लिखिए।
या
प्रयोगवादी काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों की एक-एक रचना का उल्लेख कीजिए। उत्तर भग्नदूत (सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’), चाँद का मुँह टेढ़ा (गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’); ओ अप्रस्तुत मन (भारतभूषण अग्रवाल), धूप के धान (गिरिजाकुमार माथुर), गीतफरोश (भवानीप्रसाद मिश्र)।।

प्रश्न 117
आधुनिक युग की कविता की चार मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर

  1. यथार्थ का उन्मुक्त चित्रण,
  2. नारी-मुक्ति का आह्वान,
  3. लघुता के प्रति सजगता और
  4. गेय तत्त्व की अवहेलना।

प्रश्न 118
आधुनिक कविता के प्रमुख वादों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, हालावाद, स्वच्छन्दतावाद आदि आधुनिक कविता के प्रमुख वाद हैं।

प्रश्न 119
नयी कविता से आप क्या समझते हैं ? इसके आरम्भ होने का समय लिखिए। [2013]
उत्तर
इसका आरम्भ सन् 1954 ई० में जगदीश गुप्त और डॉ० रामस्वरूप चतुर्वेदी के सम्पादन में ‘नयी कविता’ के प्रकाशन से हुआ। यह कविता किसी वाद से बँधकर नहीं चलती।

प्रश्न 120
नयी कविता को अकविता क्यों कहा जाता है ?
उत्तर
नयी कविता परम्परागत कविता के स्वरूप से नितान्त भिन्न हो गयी है। यह किसी वाद या दर्शन से जुड़ी नहीं है, इसलिए इसे अकविता कहा जाता है।

प्रश्न 121
नयी कविता की किन्हीं दो प्रमुख रचनाओं का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर

  1. युग की गंगा-केदारनाथ अग्रवाल तथा
  2. बूंद एक टपकी-भवानीप्रसाद मिश्र।।

प्रश्न 122
‘नयी कविता’ से सम्बन्धित किन्हीं दो पत्रिकाओं के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. कल्पना’ तथा
  2. ‘ज्ञानोदय’।

प्रश्न 123
नयी कविता के पाँच प्रमुख कवियों के नाम बताइए।
उत्तर
जगदीश गुप्त, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता, लक्ष्मीकान्त वर्मा तथा सर्वेश्वरदयाल सक्सेना।

प्रश्न 124
नयी कविता की विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख करते हुए किन्हीं दो प्रतिनिधि कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
नयी कविता की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. यथार्थता,
  2. वर्जनाओं से मुक्ति (अर्थात् सामाजिक मर्यादाओं एवं बन्धनों का तिरस्कार करके नि:संकोचे अश्लील चित्रण),
  3. हृदयपक्ष की अपेक्षा बुद्धिपक्ष की प्रधानता,
  4. निराशा तथा अवसाद (खिन्नता) की प्रबलता,
  5. खिचड़ी भाषा, जिसमें हिन्दी की विभिन्न बोलियों, प्रादेशिक भाषाओं एवं अंग्रेजी आदि के शब्दों का घालमेल तथा
  6. प्रतीकों, बिम्बों एवं मुक्त छन्द पर बल। | नयी कविता के दो प्रतिनिधि कवि हैं-जगदीश गुप्त और सर्वेश्वरदयाल सक्सेना।।

प्रश्न 125
नवगीत’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर
‘नवगीत’ छायावादी एवं प्रगतिवादी दोनों ही काव्यों की कई विशेषताओं से युक्त ऐसा काव्य है, जिसमें आधारभूत चेतना, जीवन-दृष्टि, भाव-भूमि एवं अभिव्यंजना शैली की व्यापकता, सूक्ष्मता, विविधता, यथार्थता एवं लौकिकता का एकान्तिक संयोग है।

प्रश्न 126
‘नवगीत’ की किन्हीं दो आधारभूत विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
नवगीत की दो आधारभूत विशेषताएँ हैं-

  1. सर्वत्र भावानुकूल भाषा का प्रयोग तथा
  2. स्वस्थ बिम्ब एवं प्रतीक विधान।।

प्रश्न 127
नवगीत’ के दो महत्त्वपूर्ण गीतकारों और उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर
नवगीत’ के दो महत्त्वपूर्ण गीतकार और उनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं-

  1. शम्भूनाथ सिंह (‘उदयाचल’, ‘दिवालोक’, ‘समय की शिला पर’, ‘जहाँ दर्द नील हैं’ आदि।) तथा
  2. वीरेन्द्र मिश्र (‘गीतम’, ‘लेखनी बेला’, ‘अविराम चल मधुवन्ति’ आदि।)

प्रश्न 128
नवगीतधारा के प्रमुख कवियों के नाम बताइए।
उत्तर
रमानाथ अवस्थी, डॉ० शम्भूनाथ सिंह, श्रीपाल सिंह ‘क्षेम’, गुलाब खण्डेलवाल, सुमित्राकुमारी सिन्हा, शान्ति मेहरोत्रा, हंसकुमार तिवारी, सोम ठाकुर, गोपालदास नीरज’, वीरेन्द्र मिश्र तथा डॉ० कुँवर बेचैन।

प्रश्न 129
साठोत्तरी कविता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर
साठोत्तरी कविता मोह-भंग, आक्रोश, अस्वीकार, तनाव और विद्रोह की कविता है। इसको मुहावरा नया है, शैली बेपर्द है और इसमें जिजीविषा का गहरा रंग है।

प्रश्न 130
साठोत्तरी कविता की किन्हीं दो आधारभूत विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
साठोत्तरी कविता की दो आधारभूत विशेषताएँ निम्नलिखित हैं—

  1. अन्याय के विरुद्ध और शासन द्वारा कही जाने वाली चिकनी-चुपड़ी बातों की आक्रोशयुक्त स्वर में अभिव्यक्ति तथा
  2. व्यक्ति और उसके परिवेश की हर परत की बेपर्द अभिव्यक्ति।

प्रश्न 131
साठोत्तरी कविता के किन्हीं दो प्रमुख कवियों और उनकी रचनाओं के नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर
साठोत्तरी कविता के दो महत्त्वपूर्ण कवि और उनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं–

  1. धूमिल (‘संसद से सड़क तक’, ‘कल सुनना मुझे’, ‘सुदामा पाण्डे का प्रजातन्त्र’ आदि) तथा
  2. रामदरश मिश्र (‘पथ के गीत’, ‘बैरंग बेनाम चिट्ठियाँ’, ‘पक गयी है धूप’, ‘कन्धे पर सूरज’ आदि)।

प्रश्न 132
‘नया दोहा’ के प्रमुख संकलनों के नाम लिखिए।
उत्तर
नया दोहा’ के प्रमुख संकलनों के नाम निम्नलिखित हैं

  1. अमलतास की छाँव (पाल भसीन),
  2. आँखों खिले पलाश (पं० देवेन्द्र शर्मा ‘इन्द्र’),
  3. कटुक सतसई (विश्वप्रकाश दीक्षित ‘बटुक’),
  4. कालाय तस्मै नमः (भारतेन्दु मिश्र) आदि।

प्रश्न 133
वर्तमान युग के पाँच जीवित कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
वर्तमान युग के पाँच जीवित कवियों के नाम हैं—पं० देवेन्द्र शर्मा ‘इन्द्र’, पाल भसीन, विश्वप्रकाश दीक्षित ‘बटुक, भारतेन्दु मिश्र और दिवाकर आदित्य शर्मा।।

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UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 3 Man and His Environment

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 3 Man and His Environment (मानव एवं उसका पर्यावरण) are part of UP Board Solutions for Class 12 Geography. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 3 Man and His Environment (मानव एवं उसका पर्यावरण).

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Geography
Chapter Chapter 3
Chapter Name Man and His Environment (मानव एवं उसका पर्यावरण)
Number of Questions Solved 19
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 3 Man and His Environment (मानव एवं उसका पर्यावरण)

विस्तृत उतरीय प्रश्न

प्रश्न 1
पर्यावरण से क्या अभिप्राय है? पर्यावरण के तत्त्वों पर प्रकाश डालिए। [2007]
या
प्राकृतिक पर्यावरण के तत्त्वों का वर्णन कीजिए। [2007]
या
भौतिक पर्यावरण के चार क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए। [2009] पर्यावरण के दो प्रमुख संघटकों का उल्लेख कीजिए। (2010, 13, 14, 15, 16)
या
पर्यावरण के प्रमुख तत्त्वों की विवेचना कीजिए तथा मानव के क्रियाकलापों पर उनके प्रभावों की व्याख्या कीजिए। (2014)
उत्तर

पर्यावरण का अर्थ Meaning of Environment

पर्यावरण भूगोल का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। पर्यावरण’ भूतल पर चारों ओर का वह आवरण है जो मानव को प्रत्येक ओर से घेरे हुए है और उसके जीवन तथा क्रियाकलापों पर प्रभाव डालता है तथा संचालित करता है। इस दशा में मानव से सम्बन्धित समस्त बाह्य तथ्य, वस्तुएँ, स्थितियाँ तथा दशाएँ शामिल होती हैं, जिनकी क्रिया-प्रतिक्रियाएँ मानव के जीवन-विकास को प्रभावित करती हैं। प्राकृतिक पर्यावरण द्वारा मानव के सभी । क्रियाकलाप निर्धारित होते हैं। ये प्राकृतिक परिस्थितियाँ–धरातलीय बनावट, जलवायु, वनस्पति, मिट्टी, खनिज-सम्पदा तथा जैविक तत्त्व-किसी-न-किसी प्रकार मानव को प्रभावित करते हैं; अर्थात् मानव इस प्राकृतिक पर्यावरण की देन है। पर्यावरण के सम्बन्ध में सभी भूगोलवेत्ता एकमत नहीं हैं। अत: पर्यावरण को समझने के लिए निम्नांकित विद्वानों द्वारा दी गयी परिभाषाओं का अध्ययन एवं विश्लेषण करना आवश्यक होगा –

जर्मन वैज्ञानिक फिटिंग ने पर्यावरण को परिभाषित करते हुए कहा है कि, “जीव के परिस्थिति कारकों का योग पर्यावरण है; अर्थात् जीवन की परिस्थिति के समस्त तथ्य मिलकर पर्यावरण कहलाते हैं।”
ए० जी० तांसले के अनुसार, “प्रभावकारी दशाओं का वह सम्पूर्ण योग जिसमें जीव निवास करते हैं, पर्यावरण कहलाता है।”
एम० जे० हर्सकोविट्ज के अनुसार, “पर्यावरण उन समस्त बाह्य दशाओं और प्रभावों का योग है। जो प्राणी के जीवन एवं विकास पर प्रभाव डालते हैं।”
प्रो० डेविस के अनुसार, “मानव के सम्बन्ध में भौगोलिक पर्यावरण से अभिप्राय भूमि अथवा मानव के चारों ओर फैले उन भौतिक स्वरूपों से है, जिनमें वह निवास करता है, जिनका उसकी आदतों और क्रियाओं पर प्रभाव पड़ता है।”

पर्यावरण के प्रकार एवं तत्त्व
Elements and Types of Environment

पर्यावरण को निम्नलिखित दो मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है –
1. भौतिक या प्राकृतिक पर्यावरण (Physicalor Natural Environment) – इसके अन्तर्गत वे समस्त भौतिक शक्तियाँ, तत्त्व एवं क्रियाएँ सम्मिलित की जा सकती हैं जिनको प्रत्यक्ष प्रभाव मानव के क्रियाकलापों पर पड़ता है। भौतिक शक्तियों में पृथ्वी की गतियाँ, सूर्यातप, गुरुत्वाकर्षण बल, भूकम्प एवं ज्वालामुखी क्रिया, भू-पटल की गतियाँ तथा प्राकृतिक तथ्यों से सम्बन्धित सभी दृश्य सम्मिलित किये जाते हैं। इन शक्तियों द्वारा भू-तल पर अनेक क्रियाओं का जन्म होता है, जिनसे पर्यावरण के तत्त्वों का जन्म होता है। इन शक्तियों अथवा क्रियाओं और तत्त्वों का सम्मिलित प्रभाव मानव के क्रियाकलापों पर पड़ता है।

भौतिक क्रियाओं में भूमि का अपक्षय, अपरदन, निक्षेपण, ताप विकिरण, संचालन, संवाहन, वायु एवं जल की गतियाँ, जीवधारियों की उत्पत्ति तथा उनका विकास एवं विनाश आदि क्रियाएँ सम्मिलित हैं। इन प्रक्रियाओं से प्राकृतिक वातावरण अपनी अनेक क्रियाओं का क्रियान्वयन करता है, जिनका प्रत्यक्ष । प्रभाव मानव के क्रियाकलापों पर पड़ता है।
भौतिक पर्यावरण के तत्त्व – इनकी उत्पत्ति एवं विकास धरातल पर विभिन्न शक्तियों और प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप होता है। भौतिक पर्यावरण के प्रमुख तत्त्व निम्नलिखित हैं –

  1. भौगोलिक स्थिति
  2. महासागर और तट
  3. नदियाँ और झीलें
  4. मिट्टियाँ, खनिज पदार्थ
  5. उच्चावच
  6. भूमिगत जल
  7. देशों का आकार एवं विस्तार
  8. जलवायु (तापमान, वर्षा, आर्द्रता आदि)
  9. प्राकृतिक वनस्पति तथा
  10. जैविक तत्त्व।

उपर्युक्त सभी तत्वों द्वारा प्राकृतिक पर्यावरण का निर्माण होता है। इन सभी का सम्मिलित एवं व्यापक प्रभाव मानव-जीवन पर अवश्य ही पड़ता है। ये सभी तत्त्व मानव के लिए महत्त्वपूर्ण नि:शुल्क प्राकृतिक उपहार हैं। प्रो० हरबर्टसन के अनुसार, “भौतिक शक्तियों को मानव पर इतना अधिक प्रभाव पड़ता है कि वे मानव-जीवन एवं उसके क्रियाकलापों में स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं।”

2. सांस्कृतिक या मानव-निर्मित पर्यावरण (Cultural or Man-made Environment) – प्राकृतिक पर्यावरण को मनुष्य ज्ञान-विज्ञान एवं तकनीकी विकास द्वारा परिवर्तित कर उन्हें अपने अनुरूप ढालने का प्रयास करता है; क्योकि वह (मानव) एक सजीव तथा क्रियाशील इकाई है। भूमि को जोतकर कृषि करना, उसमें नहरें, रेलपथ एवं सड़कें बनाना, वनों को साफ करना, पर्वतों को काटकर सुरंगें बनाना, नवीन बस्तियाँ बसाना, विभिन्न इमारतों का निर्माण करना, भू-गर्भ से खनिज पदार्थों का शोषण करना, उद्योग-धन्धे स्थापित करना आदि मानवीय क्रियाओं के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं। इस प्रकार मानव एक केन्द्रीय कारक है। मानव-निर्मित इस प्रकार के पर्यावरण को सांस्कृतिक या प्राविधिक पर्यावरण के नाम से पुकारा जाता है।

मानव-निर्मित वातावरण में भी विभिन्न शक्तियाँ, तत्त्व एवं प्रक्रियाएँ क्रियाशील रहती हैं। सांस्कृतिक वातावरण की शक्तियों में क्षेत्र-विशेष के जनसमूह के विभिन्न पहलुओं; जैसे-जनसंख्या, वितरण, लिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीकी आदि को सम्मिलित किया जाता है। सांस्कृतिक प्रक्रियाओं के अन्तर्गत पोषण, समूहीकरण, पुन: उत्पादन, प्रभुत्व स्थापन, प्रवास, पृथक्करण, अनुकूलन, समाचौर्जन, विशेषकरण तथा अनुक्रमण आदि सम्मिलित किये जाते हैं।
साँस्कृतिक वातावरण के तत्त्व – सांस्कृतिक वातावरण के तत्त्व मानव एवं उसके समूह दोनों की प्रभावित करते हैं। ये तत्त्व निम्नलिखित हैं –

  1. प्राथमिक या अनिवार्य आवश्यकताएँ – भोजन, वस्त्र एवं आवास।
  2. आर्थिक व्यवसाय के प्रतिरूप – प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक व्यवसाय; जैसे-खाद्यान्न संग्रहण, आखेट करना, मछली पकड़ना, निर्माण उद्योग, परिवहन, वाणिज्य एवं व्यापार विभिन्न सेवाएँ आदि।
  3. तकनीकी प्रतिरूप – यन्त्र, उपकरण, यातायात एवं संचार के साधन।
  4. सामाजिक आवश्यकताएँ – शिक्षा, भाषा, धर्म, दर्शन, कला एवं साहित्य।
  5. सामाजिक संगठन – समुदाय, प्रबन्ध, सहकारिता, घर-परिवार, सामाजिक प्रथाएँ, लोक-रीतियाँ आदि।
  6. राजनीतिक संगठन – राज्य, सरकार, सम्पत्ति, कानून, शक्तियाँ, जनमत एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध आदि।

प्राकृतिक पर्यावरण का मानव के क्रियाकलापों से सम्बन्ध
Relation between Natural Environment and Human Activities

प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक दोनों ही वातावरणों का सामूहिक प्रभाव मानव के क्रियाकलापों पर पड़ता है। इसके अन्तर्गत समय तत्त्व भी महत्त्वपूर्ण है। मानव भूगोल में दोनों ही प्रकार के वातावरण का विशेष महत्त्व है। वातावरण के सभी प्राकृतिक तत्त्व, सांस्कृतिक तत्त्वों से जुड़े हुए हैं। कुमारी सेम्पुल के शब्दों में, “मानव पृथ्वी के धरातल की उपज है। सभी जड़ एवं चेतन पदार्थों में भौगोलिक वातावरण का प्रभाव अन्तिम है।” प्रो० वायने सांस्कृतिक पर्यावरण को मानव-क्रियाओं और भौतिक पर्यावरण के पारस्परिक सम्बन्धों की अभिव्यक्ति मानते हैं। उनके अनुसार, “मानवीय क्रियाएँ जो विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सम्पन्न की जाती हैं, भौतिक वातावरण से सामंजस्य स्थापित करती हैं। इनके फलस्वरूप भौतिक पर्यावरण परिवर्तित होता है और सांस्कृतिक पर्यावरण का विकास होता है। मनुष्य स्वयं भी इस पर्यावरण का अभिन्न अंग बन जाता है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि मानव भूगोल के अध्ययन के लिए पर्यावरण के दोनों अंगों अर्थात् प्राकृतिकसांस्कृतिक पर्यावरण का प्रारम्भिक ज्ञान होना अत्यन्त आवश्यक है।
[ मानव के क्रियाकलापों पर प्रभाव – इसके लिए विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 2 का उत्तर देखें।

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 3 Man and His Environment

प्रश्न 2
उदाहरण देकर मानव की आर्थिक क्रियाओं पर प्राकृतिक पर्यावरण के प्रभाव की विवेचना कीजिए।
या
उदाहरण देते हुए मानवीय क्रियाकलापों पर भौतिक वातावरण के प्रभाव को समझाइए।
या
मैदानों को सभ्यता का पालना” क्यों कहा जाता है ?
उत्तर
मानव भूगोल में उन प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक तथ्यों का अध्ययन किया जाता है जिनका प्रत्यक्ष सम्बन्ध मानव और उसके जीवन के क्रियाकलापों से होता है। ये तथ्य पर्यावरण से सम्बन्धित होते हैं। पर्यावरण के दो भेद हैं-

  1. प्राकृतिक पर्यावरण एवं
  2. सांस्कृतिक पर्यावरण।

प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक पर्यावरण के तत्त्व एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं तथा उनका सम्मिलित प्रभाव मानवीय जीवन एवं उसके कार्यों पर पड़ता है। यह भौगोलिक पर्यावरण ही होता है जो मानव के क्रियाकलापों एवं उसकी आदतों को निर्धारित करता है। इस सम्बन्ध में रैटजेल ने कहा है कि पर्यावरण एवं मानव के पारस्परिक सम्बन्धों में पर्यावरण अधिक शक्तिशाली है, यहाँ तक कि संसार के विभिन्न प्रदेशों में मनुष्यों के रहन-सहन, आर्थिक, औद्योगिक, सामाजिक एवं संस्कृति को वातावरण की ही देन माना गया है। कुमारी सेम्पुल ने इनके साथ-साथ मानने के विचारों, भावनाओं एवं धार्मिक विश्वासों पर भी प्राकृतिक़ पर्यावरण का प्रभाव बताया है। कार्ल रिट्र का मत था कि पृथ्वी और उसके निवासियों में परस्पर गहनतम सम्बन्ध होता है तथा एक के बिना दूसरे का वर्णन नहीं हो सकता। इस प्रकार-इस विचारधारा के समर्थकों को वातावरण निश्चयवाद‘ के प्रतिपादक के रूप में जाना जाता है। इस आधार पर प्राकृतिक पर्यावरण का प्रभाव मानव पर अनेक रूपों में पड़ता है, जिसे निम्नलिखित रूपों में समझा जा सकता है –

1. भौगोलिक स्थिति एवं मानव – पृथ्वीतल पर भिन्न-भिन्न क्षेत्रों और स्थानों की स्थिति की विभिन्नता देखी जाती है तथा भिन्न-भिन्न प्रकार के पर्यावरण का प्रभाव मानव-जीवन पर भी भिन्न-भिन्न होता है। भौगोलिक स्थिति का प्रभाव उस प्रदेश के निवासियों के रूप, रंग, आकृति, भोजन, वस्त्र, आवास, रहन-सहन और रीति-रिवाजों पर स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। यही कारण है कि द्वीपीय स्थिति मानव-निवास के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है, क्योंकि यहाँ पर सम जलवायु एवं बन्दरगाहों द्वारा व्यापार की सुविधाएँ रहती हैं। इन्हीं कारणों से जापान एवं ब्रिटेन ने अपनी द्वीपीय स्थिति का लाभ उठाया है तथा उनके निवासी प्रगति के चरम बिन्दु पर पहुँचे हैं। महाद्वीपीय स्थिति किसी प्रदेश के आर्थिक विकास में बाधक होती है। यही कारण है कि मंगोलिया एवं अफगानिस्तान सदृश देश आर्थिक प्रगति में अभी भी बहुत पीछे हैं। व्यापारिक मार्गों एवं उन्नत संसाधन-प्रदेशों के निकट स्थित देश भी विकास की गति में आगे रहते हैं। सिंगापुर एवं कोरिया इसके महत्त्वपूर्ण उदाहरण हैं। इस प्रकार उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि भौगोलिक स्थिति का मानव पर्यावरण पर अत्यन्त गहरा प्रभाव पड़ता है। तथा यह उसके आर्थिक विकास में सहायक होती है।

2. जलवायु एवं मानव – प्राकृतिक पर्यावरण का सबसे महत्त्वपूर्ण तत्त्व जलवायु है। मानवीय जीवन को प्रभावित करने और दिशा निर्धारित करने में जलवायु सबसे शक्तिशाली कारक है। मानव के लिए भोजन, वस्त्र, मकानों की आकृति तथा कृषि-फसलों को जलवायु ही निर्धारित करती है। पृथ्वीतल पर मानव का निवास जलवायु द्वारा निश्चित होता है। मानसूनी, उपोष्ण कटिबन्धीय तथा सम-शीतोष्ण जलवायु प्रदेशों में विश्व की 98% जनसंख्या निवास करती है। इसके विपरीत शीत-प्रधान टुण्ड्रा, उष्ण मरुस्थलों तथा आर्कटिक एवं हिमाच्छादित प्रदेशों के अस्थायी निवासों में विरल जनसंख्या निवास करती है। जलवायु द्वारा मानव-जीवन के निम्नलिखित पक्ष प्रभावित होते हैं –

  1. मानव का स्वास्थ्य एवं किसी प्रदेश में रह सकने की क्षमता तथा मानवीय भौतिक शक्ति
  2. मानव की खाद्य पूर्ति और पेयजल की उपलब्धि
  3. वस्त्र एवं उनके प्रकार
  4. मकान व उनके निर्माण की सामग्री तथा उनकी आकृति
  5. मानवीय क्रियाकलाप अर्थात् व्यवसाय तथा
  6. मानवीय संस्कृति।

जलवायु द्वारा ही मानव के व्यवसाय एवं कृषि-फसलें निर्धारित होती हैं। उदाहरण के लिए, भारतवर्ष में 100 सेमी से अधिक वर्षा वाले भागों में चावल एवं गन्ने का उत्पादन किया जाता है, जब कि 50 से 100 सेमी वर्षा वाले भागों में मिश्रित खाद्यान्न फसलें निर्धारित हुई हैं। अनुकूल जलवायु के कारण ही भूमध्यसागरीय प्रदेशों में गेहूं व फलों आदि की कृषि की जाती है। कठोर एवं विषम जलवायु के कारण विषुवतेरेखीय प्रदेशों में प्राकृतिक संसाधनों का बाहुल्य है, परन्तु औद्योगिक पिछड़ापन पाया जाता है।

उष्ण कटिबन्धीय एवं उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु प्रदेशों में सूती वस्त्र पहने जाते हैं, परन्तु शीत-प्रधान देशों में वर्ष-भर ऊनी या समूर के वस्त्र पहने जाते हैं। अधिक वर्षा वाले भागों में मकानों की छतें ढलवाँ बनाई जाती हैं, जिससे वर्षा का जल नीचे को बह जाए। हिम प्रदेशों में मकानों की छतें चौरस बनाई जाती हैं। टुण्ड्रा प्रदेशों के निवासी अपने मकानों के दरवाजे बहुत छोटे बनाते हैं जिससे उनमें बर्फीली वायु प्रवेश न कर सके। इसीलिए हंटिंगटन ने जलवायु को ही मानव संस्कृति का कारक और द्योतक बताया है।

3. स्थलाकृतियाँ एवं मानव – धरातल पर स्थलाकृतियाँ, पहाड़ी, पठारी, मरुस्थलीय तथा मैदानी प्रतिरूपों में मिलती हैं। मानव-आवास के लिए सर्वोत्तम क्षेत्र मैदान हैं। यहाँ पर जीविका चलाने के लिए कृषि, सिंचाई, पशुपालन, निर्माण उद्योग, परिवहन, संचार आदि सभी सुविधाएँ प्राप्त होती हैं। अतः जनसंख्या तथा मानव-आवासों के लिए मैदान सबसे अधिक उपयुक्त होते हैं।

मैदानों की अपेक्षा पठारी भूमि पर कृषि एवं आवासों की सुविधाएँ कम होती हैं। पठारी व पहाड़ी क्षेत्रों में ऊँची-नीची भूमि से मानवीय जीवन में बाधा पड़ती है तथा आर्थिक विकास की गति भी धीमी रहती है। परिवहन साधनों के अभाव के कारण वृहत् उद्योगों का अभाव होता है। मानव जीवन-निर्वाह कृषि, पशुचारण एवं फलों की कृषि पर निर्भर करता है। पर्वतों का मानव को सबसे बड़ा लाभ हिम क्षेत्रों द्वारा नदियों को प्राप्त होने वाली जल की मात्रा है। संत्त वाहिनी नदियों के ऊपर जल-विद्युत शक्ति का उत्पादन किया जाता है। इसी कारण जापान, स्विट्जरलैण्ड, नॉर्वे, स्वीडन आदि देशों में उद्योग-धन्धों का पर्याप्त विकास हुआ है। मैदानों में मानवीय आवास तथा आर्थिक विकास के निम्नलिखित कारण हैं –

  1. कृषि के लिए समतल एवं उपजाऊ भूमि
  2. सिंचाई के लिए नहरें तथा कुओं आदि की सुविधा
  3. कृर्षि-कार्यो के लिए उपजाऊ भूमि की प्राप्ति
  4. परिवहन के लिए सड़क एवं रेलमार्गों के निर्माण की सुविधा तथा
  5. उद्योग, वाणिज्य एवं व्यापार की बड़े पैमाने पर प्राप्त सुविधाएँ।

उपर्युक्त कारणों से ही विश्व की 97 प्रतिशत जनसंख्या मैदानों में निवास करती है। चीन, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, पश्चिमी यूरोपीय देश, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि देशों में अधिकांश जनसंख्या मैदानों में निवास करती है तथा ये मैदान’जनसंख्या का पालना’ (Cradle of Mankind) कहे जाते हैं। विश्व की प्राचीन सभ्यताओं का विकास भी इन्हीं मैदानों में हुआ है।

4. मिट्टियाँ और मानव – विश्व के सभी प्राणियों का भोजन प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से मिट्टी पर निर्भर करता है। शाकाहारी मानव को भोजन कृषि उत्पादन से प्राप्त होता है, जबकि मांसाहारी लोगों को भोजन पशुओं से प्राप्त होता है। इस प्रकार मानव के साथ-साथ पशुओं के भोज्य पदार्थों में भी मिट्टी को होथ रहता है। कांप एवं लावा मिट्टियों की उत्पादकता के कारण इनमें अधिक मानव आवास मिलते हैं; जैसे-सतलुज-गंगा का मैदान, यांगटिसीक्यांग का मैदान, डेन्यूब, राइन, डॉन, वोल्गा नदियों की घाटियों तथा मिसीसिपी के बेसिन में।
पर्वतीय मिट्टियों की अपेक्षा मैदानों की मिट्टियाँ अधिक उपजाऊ होती हैं, क्योंकि मैदानी मिट्टियाँ अधिक बारीक होती हैं तथा उनकी परतें भी अधिक गहरी होती हैं एवं उनमें पोषक तत्त्व भी अधिक होते हैं। इसके विपरीत पर्वतीय मिट्टियों में अपरदन के कारण पोषक तत्त्व बह जाते हैं तथा उत्पादकता की कमी के कारण कम मानव निवास करते हैं।

5. प्राकृतिक वनस्पति एवं मानव – प्राकृतिक वनस्पति जलवायु की देन होती है। प्रत्येक प्रकार की वनस्पति का मानव-जीवन पर अपना अलग-अलग प्रभाव होता है। वनों में निवास करने वाले लोगों को लकड़ी पर्याप्त मात्रा में मिल जाती है; अत: उनके मकानों में लकड़ी का प्रयोग अधिक होता है। पेड़-पौधों द्वारा वायु-प्रदूषण कम होता है तथा मानव को पर्याप्त प्राणदायिनी ऑक्सीजन प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त इनसे बाढ़, जलवृष्टि, अपरदन तथा मरुस्थलों के प्रसार जैसी समस्याओं पर नियन्त्रण पाया जा सकता है एवं वे आर्थिक विकास में सहायक होते हैं। वन नमीयुक्त पवनों के मार्ग में बाधा उपस्थित कर वर्षा कराने में सहायक होते हैं। ये कृषि-कार्यों में भी सहायक हैं एवं पशुओं को चार उपलब्ध कराते हैं। इनसे उद्योग-धन्धों को कच्चा माल प्राप्त होता है। विषुवत्रेखीय प्रदेशों में वन ही आजीविका के महत्त्वपूर्ण साधन हैं। घास के मैदानों में पशुपालन का कार्य अधिक किया जाता है। इसीलिए प्रेयरी, स्टेप्स, पम्पाज आदि घास के मैदानों में कृषि के बड़े-बड़े फार्म हैं। इस प्रकार प्राकृतिक वनस्पति किसी-न-किसी रूप में मानव को प्रभावित करती है।

6. जन्तु-जगत् एवं मानव-मानव पशु – जगत् की सहायता से अपने पर्यावरण के साथ समायोजन में लगा रहता है। वास्तव में मानव और जन्तु एक-दूसरे को सहायता एवं सहयोग देकर, दूसरे का सहयोग प्राप्त कर सह-जीवन द्वारा अपने सहअस्तित्व की स्थापना करते हैं। पशुओं से मानव को दूध, मांस, खाल, ऊन, समूर, सवारी तथा सुरक्षा प्राप्त होती है। खिरगीज लोगों की अर्थव्यवस्था का आधार पशु ही हैं। डेनमार्क में दुधारू पशु पाले जाने के कारण यह विश्व का महत्त्वपूर्ण दुग्ध उत्पादक, देश बन गया है। ऑस्ट्रेलिया में उत्तम नस्ल की भेड़े पाले जाने के कारण वह विश्व का मुख्य ऊन उत्पादक देश बन गया है। पश्चिमी यूरोपीय तट व मध्य-पूर्वी प्रशान्त सागरीय तटे मछली के अक्षय भण्डार होने के कारण जनसंख्या को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मरुस्थलों में ऊँट परिवहन का एकमात्र साधन है तथा ‘रेगिस्तान का जहाज‘ कहलाता है, परन्तु यहाँ पर कम जनसंख्या निवास करती : है। पर्वतीय एवं उच्च पठारी क्षेत्रों में याक नामक पशु बोझा एवं सवारी ढोने के काम आता है। एस्किमो प्रजाति अपने आर्थिक विकास के लिए पूर्णत: पशुओं पर आधारित है।

बहुत-से पशु एवं छोटे जीव मानव के लिए हानिकारक भी होते हैं। वन्य पशुओं में शेर, चीता, भालू आदि हिंसक होते हैं, जबकि रेंगकर चलने वाले जीवों में सर्प आदि प्राणघातक होते हैं। उड़ने वाले जन्तुओं में टिड्डी सबसे अधिक हानिकारक है। इस प्रकार जीव-जन्तु प्रकृति के सन्तुलन को बनाये रखने में सहायक होते हैं।

7. शैल एवं खनिज पदार्थ तथा मानव – मानव सभ्यता का विकास खनिजों द्वारा हुआ है। पाषाण युग से लेकर अणु युग तक मानव ने विकास की अनेक सीढ़ियाँ पार की हैं। कुछ खनिज पदार्थ शक्ति के स्रोत होते हैं; जैसे- कोयला एवं पेट्रोलियम। इनसे कारखाने चलाये जाते हैं। यूरेनियम, थोरियम आदि खनिज़ों से परमाणु शक्ति गृहों का संचालन किया जाता है।

वर्तमान काल में खनिज पदार्थ किसी राष्ट्र की शक्ति का पर्याय माने जाते हैं। जिस देश के पास जितने अधिक कोयला, पेट्रोल, यूरेनियम, लोहा, ताँबा, जस्ता, ऐलुमिनियम आदि खनिजों के भण्डार होते हैं, वह देश उतना ही अधिक शक्तिशाली एवं विकसित माना जाता है। ब्रिटेन ने उन्नीसवीं शताब्दी में लोहे एवं कोयले के बल पर ही औद्योगिक क्रान्ति का श्रीगणेश किया था। खनिज पदार्थों की समाप्ति पर आर्थिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। कुछ खनिज पदार्थ मानव समुदाय के लिए घातक होते हैं। इनमें अणु एवं परमाणु खनिजों का प्रमुख स्थान है। द्वितीय विश्वयुद्ध में अमेरिका द्वारा किये गये अणु बम प्रहार से जापान के हिरोशिमा एवं नागासाकी नगरों का विनाश हो गया था तथा बहुत-से लोग। काल-कवलित हो गये थे। इस प्रकार के अणु एवं परमाणु युद्ध विश्व शान्ति के लिए एक स्थायी खतरा बन गये हैं, परन्तु फिर भी खनिज उत्पादक क्षेत्र विषम परिस्थितियों को रखते हुए भी जनसंख्या के संकेन्द्रण बने हुए हैं।

8. महासागर एवं मानव – पृथ्वीतल के भाग पर जलमण्डल (सागर एवं महासागर) का विस्तार है। महासागर और उसका तट मानव-जीवन के लिए बड़े महत्त्वपूर्ण हैं। इनके प्रभाव निम्नलिखित हैं-

  1. जलवायु में परिवर्तन एवं उसका समकारी प्रभाव
  2. मानव के भोज्य पदार्थों की उपलब्धि
  3. खनिज संसाधनों की प्राप्ति
  4. औद्योगिक प्रोत्साहन
  5. यात्रा एवं व्यापारिक मार्गों की सुविधा
  6. शक्ति संसाधनों की प्राप्ति
  7. सभ्यता का विकास तथा
  8. स्वास्थ्य-मनोरंजन के केन्द्र।

सागरों एवं महासागरों में प्रवाहित गर्म एवं ठण्डे जल की धाराएँ किसी स्थान अथवा प्रदेश की जलवायु में परिवर्तन ला देती हैं। महासागरे मत्स्य उत्पादन के अक्षय भण्डार हैं; जैसे- ग्रान्ड बैंक्स (Grand Banks) एवं डॉगर बैंक्स। इनमें नमक, पोटाश, मैग्नीशियम, मोती, मूंगा, सीप आदि बहुमूल्य खनिज पदार्थ प्राप्त होते हैं। स्वेज एवं पनामा नहर मार्गों ने विश्व को एक-दूसरे के समीप ला दिया है। महासागरीय ज्वार-भाटे से जल-विद्युत शक्ति का उत्पादन भी किया जाता है। बहुत-से समुद्र तटवर्ती नगर एवं पत्तन पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित हुए हैं। इस प्रकार महासागर मानव के लिए बहुत उपयोगी हैं एवं उनकी भावी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के महत्त्वपूर्ण स्रोत बन सकने की सामर्थ्य रखते हैं।

इस प्रकार स्पष्ट है कि प्राकृतिक पर्यावरण मानवीय क्रियाकलापों को बहुत अधिक प्रभावित करता है तथा पर्यावरण में उसकी केन्द्रीय भूमिका है, क्योंकि प्राकृतिक पर्यावरण के तत्त्वों का मानव वर्ग द्वारा ही उपभोग किया जाता है अथवा उपयोगिता प्राप्त की जाती है।

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प्रश्न 3
“मानव ने प्राकृतिक भू-दृश्य में परिवर्तन कर सांस्कृतिक भू-दृश्य का निर्माण किया है।” तर्क एवं उदाहरणों सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
या
“मानव एवं प्राकृतिक पर्यावरण एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित हैं।” उपयुक्त उदाहरणों की सहायता से इस कथन की पुष्टि कीजिए।
या
मानव और पर्यावरण के सम्बन्ध की विवेचना कीजिए। [2011, 14, 15, 16]
उत्तर
भौगोलिक पर्यावरण के दो महत्त्वपूर्ण अंग हैं- प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक। दोनों ही प्रकार के वातावरणों का प्रभाव मानवीय जीवन एवं उनके क्रियाकलापों पर पड़ता है, परन्तु मानव अपने बुद्धि-बल के प्रयास से इन दोनों ही पर्यावरणों में कुछ परिवर्तन करता है, जिससे वह अपनी सत्ता बनाये रख सके एवं उन्नति के मार्ग पर बढ़ता रहे। प्राकृतिक पर्यावरण मानव को अनेक रूपों में प्रभावित करता है तथा आर्थिक एवं सामाजिक क्रियाओं का समन्वय करता है।
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सांस्कृतिक पर्यावरण मानव द्वारा निर्मित भू-दृश्य होता है। इसके द्वारा मानव अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति विभिन्न प्रकार के पर्यावरण में रहता हुआ पूरी करता है। प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक पर्यावरण के तत्त्व मानव के भोजन, वस्त्र, आवास, व्यवसाय एवं सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यों पर व्यापक रूप से अपना प्रभाव डालते हैं। इसी प्रभाव के कारण वह अपने रहन-सहन का अनुकूलन करती है। इन क्रियाओं को ‘पर्यावरण समायोजन’ कहते हैं। इसे निम्नलिखित रूपों में प्रस्तुत किया जा सकता है –
अनुकूलन से तात्पर्य मानव को स्वयं पर्यावरण के अनुकूल बनाने का प्रयास है। इसे स्वयं द्वारा किया हुआ परिवर्तन भी कह सकते हैं। अनुकूलन में मानव दो प्रकार की क्रियाएँ करता है-

  1. आन्तरिक एवं
  2. बाह्य। आन्तरिक अनुकूलन भी दो प्रकार का होता है –
    1. ऐच्छिक एवं
    2. अनैच्छिक या प्राकृतिक रूपान्तरण भी दो प्रकार का होता है –
      • प्राकृतिक पर्यावरण का रूपान्तरण एवं
      • सांस्कृतिक पर्यावरण का रूपान्तरण।

यदि यूरोप के किसी देश; जैसे नार्वे, स्वीडन या ब्रिटेन का कोई मानव समुदाय भारत में आकर दक्षिण तमिलनाडु राज्य में निवास करने लगता है तो तमिलनाडु राज्य की जलवायु उसे अपने देश की जलवायु की अपेक्षा बहुत गर्म लगती है तथा ग्रीष्म काल में सूर्यातप भी अधिक असहनीय हो जाता है। इसीलिए गर्मी से बचने के लिए वह यूरोपियन समुदाय कुछ कृत्रिम साधनों; जैसे वातानुकूलित कमरों एवं रेफ्रीजरेटर तथा कूलर का प्रयोग करता है। धूप से बचाव के लिए ऊनी कपड़ों के स्थान पर सूती कपड़े, छाते आदि का प्रयोग करने लगता है; अर्थात् अपने को प्राकृतिक पर्यावरण के अनुसार ढाल लेता है तथा तदनुसार अपना अनुकूलन कर लेता है।

एक यूरोपियन परिवार ने दक्षिणी भारत में आने के बाद अपने आपको पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए तमिल भाषा के कुछ शब्द सीखे हैं। नमस्कार की विधि तथा खान-पान की नयी प्रणालियाँ सीखने के साथ-साथ कुछ भोज्य-पदार्थों में अपनी रुचि जाग्रत की है। यह कार्य उनका ऐच्छिक अथवा आन्तरिक अनुकूलन है, परन्तु उस यूरोपियन परिवार के कई पीढ़ियों तक निवास करते-करते उसकी सन्तान की त्वचा में श्याम वर्ण के कण बनने लगेंगे तथा सूर्यातप को सहन करने में भी समर्थ होने लगेंगे। इस प्रकार यह क्रिया उन लोगों का अनैच्छिक आन्तरिक अनुकूलन या प्राकृतिक अनुकूलन कहलाएगी। उन्होंने तमिल समाज में अपना मेल-जोल बैठाने के लिए भारतीय वेशभूषा के कुछ अंश भी अपना लिये हैं, यह उनका बाह्य अनुकूलन है। जलवायु की विषमता से बचने के लिए उन्होंने वातानुकूलित मकान, कूलर, रेफ्रीजरेटर एवं छातों का प्रयोग किया है। यह कार्य प्राकृतिक पर्यावरण को रूपान्तरण कहलाएगा।

इस प्रकार मानव ने अपने ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी तथा नवीन प्रविधियों द्वारा पर्यावरण में परिवर्तन के प्रयास किये हैं तथा उसे अपने अनुकूल ढाला है; अत: मानव द्वारा प्राकृतिक पर्यावरण को अपने अनुकूल ढालने की प्रक्रिया समायोज़न कहलाती है। मानव अब निराशावादी नहीं है, वह अपनी परिस्थितियों का दास मात्र भी नहीं है। जॉर्ज टैथम ने भी कहा है कि पर्यावरण.मानव को निःसन्देह प्रभावित करता है, परन्तु प्रतिक्रिया-स्वरूप वह भी अपने पर्यावरण को प्रभावित करता है। मानव द्वारा चन्द्रतल पर पदार्पण, बड़ी-बड़ी नदियों पर बाँध बनाकर जल-प्रवाह को व्यवस्थित करना, साइबेरिया के उत्तर में स्थित टुण्ड्रा प्रदेशों में समूर फार्मों की स्थापना तथा आर्कटिक प्रदेशों में काँच के घरों का निर्माण कर सब्जियों का उत्पादन करना आदि सभी कार्य प्राकृतिक पर्यावरण को अपने अनुकूल बनाने का ही प्रयास है।

इस प्रकार प्राकृतिक पर्यावरण की सीमा में किसी प्रदेश का मानव-वर्ग अपनी आवश्यकताओं, क्षमताओं और छाँट के अनुसार, पर्यावरण के साथ समायोजन कर, उन प्रदेशों का क्षेत्र संगठन करता है। मानव प्राकृतिक पर्यावरण का प्रयोग कर सांस्कृतिक पर्यावरण का निर्माण करता है। सांस्कृतिक पर्यावरण के तत्त्व भी प्रभावशाली होते हैं; उनका प्रभाव प्राकृतिक तत्त्वों पर तो होता ही है। इसके साथ-साथ वे एक-दूसरे को भी प्रभावित करते हैं। अत: पर्यावरण एवं मानवीय क्रियाएँ एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं तथा संगठित एवं मिश्रित रूप में ही उनको अध्ययन किया जाना चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1
मानव प्राकृतिक पर्यावरण पर विजय प्राप्त कर चुका है।” आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
उत्तर
वैज्ञानिक एवं तकनीकी ज्ञान तथा प्रविधियों द्वारा मानव ने प्राकृतिक पर्यावरण पर विजय प्राप्त करने का प्रयास किया है। उसने ऊँचे-ऊँचे पर्वतों को पार कर लिया है, नदियों के प्रवाह मार्ग को अपनी इच्छानुसार मोड़ लिया है। वह अन्तरिक्ष में गया है तथा अनेक नवीन नक्षत्रों की खोज की है। जो अभी उससे अछूते हैं, उन्हें खोजने का प्रयास अभी जारी है। भौगोलिक पर्यावरण मानवे पर अपना व्यापक प्रभाव डालता है। उसे जहाँ पर भी परिवर्तन की सम्भावनाएँ दिखलाई पड़ती हैं, वह अपनी आवश्यकतानुसार परिवर्तन कर लेता है, परन्तु पर्यावरण का प्रत्यक्ष प्रभाव मानव के क्रियाकलापों पर पड़ता है। अतः मानव सबसे उत्तम भौगोलिक कारक है, वह उसका उपयोग अपने ज्ञान एवं अनुभव के आधार पर करता है। इस सम्बन्ध में बोमैन ने भी कहा है कि “वातावरण के भौगोलिक तत्त्व मानव का सम्पर्क पाकर परिवर्तनशील हो जाते हैं।’

यहाँ यह समझ लेना आवश्यक है कि मानव ने प्राकृतिक पर्यावरण पर पूर्ण रूप से विजय प्राप्त नहीं की है। उस पर पूर्ण रूप से विजय प्राप्त करना सम्भव नहीं है। उदाहरण के लिए, ध्रुवीय शीत प्रदेशों में चावल का उत्पादन तथा विषुवत्रेखीय प्रदेशों में रेण्डियर का पालना आज भी असम्भव है, परन्तु उन्होंने अनुकूलन द्वारा कुछ प्रायोगिक प्रयास किये हैं। उसे अनुकूलता के लिए कुछ समय प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है तथा परिस्थितियाँ अनुकूल होते ही वह इन तत्त्वों को अपने पक्ष में कर लेगा। कुमारी सेम्पुल ने कहा है, “मानव प्रकृति पर विजय उसकी आज्ञा मानकर ही प्राप्त कर सकता है। मानव अपनी बुद्धि एवं शक्ति का प्रयोग करता है, क्योंकि पर्यावरण उसे उन्नति का अवसर प्रदान करता है। अत: मानव तथा पर्यावरण का सम्बन्ध बहुत ही घनिष्ठ है।”

प्रश्न 2
पर्यावरण से क्या तात्पर्य है? [2014]
उत्तर
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 के अन्तर्गत ‘पर्यावरण का अर्थ’ शीर्षक देखें।

प्रश्न 3
“मानव और जन्तु एक-दूसरे के पूरक है” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 2 के अन्तर्गत शीर्षक (6) देखें।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1
भौतिक अथवा प्राकृतिक पर्मवरण से का तात्पर्य है?
या
भौतिक पर्यावरण को परिभाषित कीजिए। (2012, 13, 16)
उत्तर
प्राकृतिक पर्यावरण से तात्पर्य उन समस्त भौतिक शक्तियों (सूर्यातप, पृथ्वी की गतियाँ, गुरुत्वाकर्षण, ज्वालामुखी आदि), प्रक्रियाओं (भूमि अपक्षय अवसादीकरण, विकिरण, चालन, संवहन, वायु-जल की गति, जीवन-मरण विकास आदि) से है; जिनका प्रत्यक्ष प्रभाव मानव-जीवन पर पड़ता है।

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प्रश्न 2
द्वीपीय स्थिलि मानव-विकास के लिए कैसी मानी गयी है?
उत्तर
द्वीपीय स्थिति मानव-विकास के लिए सर्वोत्तम मानी गयी है, क्योंकि यहाँ पर सम जलवायु एवं बन्दरगाहों पर व्यापार की व्यापक सुविधाएँ रहती हैं। उदाहरणार्थ- जापान एवं ब्रिटेन।

प्रश्न 3
कौन-सी सिट्टियाँ अधिक उपजाऊ हैं-पर्वतीय मिट्टियाँ या मैदानी मिट्टियाँ?
उत्तर
मैदानी मिट्टियाँ अधिक उपजाऊ हैं, क्योंकि ये अधिक बारीक होती हैं तथा इनकी परतें भी अधिक गहरी होती हैं। इनमें पोषक तत्त्व भी अधिक पाये जाते हैं।

प्रश्न 4
प्राकृतिक वनस्पति किसकी देन है?
उत्तर
प्राकृतिक वनस्पति जलवायु की देन है।

प्रश्न 5
वर्तमान काल में किसी राष्ट्र की शक्ति का पर्याय किसे माना जाता है?
उत्तर
वर्तमान काल में जो देश अपनी खनिज सम्पदा का जितना अधिक दोहन कर रहा है वह शक्तिशाली होता जा रहा है। अत: किसी राष्ट्र की शक्ति का पर्याय उस राष्ट्र की खनिज सम्पदा है।

प्रश्न 6
पर्यावरण के दो प्रकार बताइए। [2009]
उत्तर
पर्यावरण के दो प्रकार निम्नवत् हैं –

  1. भौतिक या प्राकृतिक पर्यावरण तथा
  2. सांस्कृतिक या मानवनिर्मित पर्यावरण।

बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1
“पर्यावरण उन समस्त बाह्य दशाओं और प्रभावों का योग है जो प्राणी के जीवन एवं विकास पर प्रभाव डालते हैं। पर्यावरण की यह परिभाषा दी है –
(क) प्रो० डेविस ने
(ख) जर्मन वैज्ञानिक फिटिंग ने
(ग) ए०जी० तांसले ने
(घ) एमजे० हर्सकोविट्ज ने
उत्तर
(घ) एम०जे० हर्सकोविट्ज ने।

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प्रश्न 2
पर्वतों का मानव को सबसे बड़ा लाभ है-
(क) प्राकृतिक वनस्पति की प्राप्ति
(ख) प्राकृतिक पर्यावरण की प्राप्ति
(ग) हिम क्षेत्रों द्वारा नदियों को प्राप्त होने वाले जल की मात्रा
(घ) (क) एवं (ख) दोनों की प्राप्ति
उत्तर
(ग) हिम क्षेत्रों द्वारा नदियों को प्राप्त होने वाले जल की मात्रा।

प्रश्न 3
वर्तमान काल में किसी राष्ट्र की शक्ति का पर्याय माना जाता है –
(क) उस राष्ट्र की सैनिक क्षमता
(ख) उस राष्ट्र का कृषि उत्पादन
(ग) उस राष्ट्र की जनसंख्या
(घ) उस राष्ट्र की खनिज सम्पदा
उत्तर
(घ) उस राष्ट्र की खनिज सम्पदा।

प्रश्न 4
निम्नांकित में कौन भौतिक पर्यावरण का तत्त्व नहीं है ?
(क) भूमि के रूप
(ख) मिट्टियाँ
(ग) खनिज पदार्थ
(घ) अधिवास
उत्तर
(घ) अधिवास।

प्रश्न 5
निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन असत्य है। [2016]
(क) पर्यावरण की कार्यप्रणाली प्राकृतिक नियमों से संचालित होती है।
(ख) पर्यावरण जैविक संसाधनों का भण्डार है।
(ग) पर्यावरणीय व्यवस्था में स्वयं संवर्द्धन की क्षमता है।
(घ) पर्यावरणीय तत्त्वों में पार्थिव एकता विद्यमान है।
उत्तर
(ख) पर्यावरण जैविक संसाधनों का भण्डार है।

प्रश्न 6
पर्यावरण ज्ञान के लिए प्रयुक्त होने वाले पारिस्थितिकी शब्द का अंग्रेजी पर्याय ‘इकोलॉजी सर्वप्रथम किस जर्मन जैव वैज्ञानिक ने प्रस्तावित किया था? [2016]
(क) ओडम
(ख) अर्नस्ट हैकल
(ग) डेविस
(घ) हरबर्टसन
उत्तर
(ख) अर्नस्ट हैकल

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प्रश्न 7
“मानव पृथ्वी के धरातल की उपज है।” यह कथन निम्नलिखित में से किस विद्वान का है। [2016]
(क) डिमाजियाँ
(ख) रेटजैल
(ग) हेटनर
(घ) कुमारी सेम्पुल
उत्तर
(घ) कुमारी सेम्पुल।

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UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi गद्य-साहित्यका विकास हिन्दी गद्य के विकास की परीक्षोपयोगी प्रमुख बातें

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Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Samanya Hindi
Chapter Chapter 7
Chapter Name गद्य-साहित्यका विकास हिन्दी गद्य के विकास की परीक्षोपयोगी प्रमुख बातें
Category UP Board Solutions

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हिन्दी गद्य के विकास की परीक्षोपयोगी प्रमुख बातें

(क) हिन्दी-गद्य का काल-विभाजन

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(ख) विभिन्न विधाओं की प्रथम रचना और रचनाकार

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(ग) विभिन्न गद्य-विधाओं के दो-दो प्रसिद्ध रचनाकार एवं उनकी रचनाएँ

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(घ) युगानुसार प्रमुख विधाओं के दो-दो रचनाकार और उनकी एक-एक रचनाएँ

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(ङ) हिन्दी गद्य-साहित्य का इतिहास : एक दृष्टि में

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विशेष-
(1) भारतेन्दु युग का प्रारम्भ उनकी प्रथम पत्रिका ‘कवि वचन सुधा’ के प्रकाशन से माना गया है।
(2) एक ही लेखक दो विभिन्न युगों में भी लिखते रहे हैं, इसीलिए उनका नाम दोनों युगों में दिया गया है।

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UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 4 The Homecoming

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Textbook NCERT
Class Class 12
Subject English Prose
Chapter Chapter 4
Chapter Name The Homecoming
Number of Questions Solved 10
Category NCERT Solutions

UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 4 The Homecoming

LESSON at a Glance

In The Homecoming by Rabindranath Tagore we have the theme of conflict, control, responsibility, love and isolation. Taken from his Collected Stories collection the story is narrated in the third person by an unnamed narrator and from the beginning of the story the reader realises that Tagore may be exploring the theme of conflict. Makhan will not listen to Phatik when he tells him to get off the log. If anything Makhan is being defiant though he does pay a price for his defiance. Phatik and his friends roll the log over and Makhan falls off. This causes Makhan to hit Phatik and it is interesting that Phatik doesn’t retaliate. However this is not how Phatik’s mother sees things when Makhan returns home and tells his version of events. Phatik is the one who is blamed for hitting his brother and bringing conflict into the home. What is also interesting about Phatik’s mother is the fact that she has no control over him. He is not necessarily doing things that are dangerous or overly wrong. He is acting as many fourteen year old boys would do. Something which is too much for Phatik’s anything Phatik is not allowed to be a young adolescence boy by his mother. Which might be the reason why she is only too pleased to have Bishambar take him to Calcutta. The reader aware that Phatik’s mother is unable to manage him. Something that is her fault and not Phatik’s.

If anything Phatik’s mother lacks the responsibility that is required to raise Phatik. She considers him to be wild though as mentioned he is just an average fourteen year old boy who likes mischief as many fourteen year old boys do. Bishambar’s wife isn’t much better when it comes to rearing Phatik and it is noticeable that she never really embraces Phatik as being a member of the family. She may be his aunt by marriage but that is the closet that Bishambar’s wife wants to get to Phatik. Even though Phatik is on his best behaviour he is still not loved by Bishambar’s wife. For her he is no more than a man child. Yet to be a man and no longer a child. He is at an awkward stage in life. A stage that Bishambar’s wife wants no involvement with. Bishambar on the other hand is supportive of Phatik. Something that is noticeable by the fact that he not only promises him that he can go home for the holidays but there is a sense that Bishambar will make a decent man out of Phatik in Calcutta. He is giving him every opportunity.

Phatik’s school days are also a miserable occasion for him. If he is not being beaten by the teachers he is being beaten by some of the other students. If anything Phatik may feel isolated. When he lived in the village Phatik was the leader of his gang. Now that he is in Calcutta things are very much different. Rather than being a leader he has become a victim. A difficult role for any fourteen year old to play particularly when they are not getting the support that they need from the adults around them, Bishambar’s wife being an example. Even Phatik’s cousins do not help Phatik when he is in school although they may be afraid of being isolated themselves by the bullies in the school. The unity that Phatik had in the village. He does not have in Calcutta. As mentioned Phatik is isolated from others. How deeply affected Phatik feels and how much he misses the village is noticeable by the fact that he attempts to walk home to the village but instead manages to make himself sick.

The end of the story is also interesting as it becomes clear to the reader that Phatik due to his illness is delusional. When he sees his mother he believes that the holidays (October) have come. Yet those in the room know that Phatik is gravely ill and is about to die. What was once a healthy boy in every sense of the world has become a frail wreck in such a short period of time. Tagore possibly suggesting that Phatik should never have been taken out of the village environment he was used to. Some children will succeed in the city or with schooling. Phatik was not that sort of character. He was a lover of nature but he ended his life surrounded by the walls of Calcutta. Though no blame can be placed on Bishambar for what has happened. He was simply trying to help Phatik. The same cannot be said for the two characters in the story who are mothers. Phatik’s mother due to her impatience and readiness to get rid of Phatik and Bishambar’s wife for judging Phatik as being no more than an awkward young boy. Who she really didn’t want to deal with. It is there where the blame for Phatik’s premature death lays. Neither woman has shown Phatik the love he deserved and needed.

पाठ का हिन्दी अनुवाद

(1) Phatik Chakravorti ……………….. comfortable position.
फटिक चक्रवर्ती गाँव के लड़कों का सरदार था। एक नयी शैतानी उसके दिमाग में आई। नदी के समतल कीचड़ में लकड़ी का एक लट्टा पड़ा हुआ था जो कि एक नाव के मस्तूल के आकार में आने की प्रतीक्षा कर रहा था। उसने निश्चय किया कि वे सब मिलकर उस लट्टे को पूरी ताकत से उसकी जगह से लुढ़काते हुए दूर ले जाएँ। इस लट्टे का मालिक क्रोधित होगा और आश्चर्यचकित होगा तथा वे सब उससे मजे लेंगे। प्रत्येक ने इस प्रस्ताव को मान लिया और सर्वसम्मति से इसे ले जाया गया।

लेकिन जैसे ही मजा आने वाला था, माखन, फटिक का छोटा भाई घूमते हुए आया और उन सबके सामने बिना कुछ कहे उस लट्टे पर बैठ गया। एक सेकण्ड के लिए वे उस समय हैरान हो गये। उनमें से एक लड़के ने डरते-डरते उसे उठाने के लिए धक्का दे दिया लेकिन वह बेपरवाह ही रहा। वह एक छोटे दार्शनिक की तरह खेलों की निरर्थकता पर ध्यान लगाता रहा। फटिक को गुस्सा आ गया। वह चिल्लाया, “माखन अगर तुम इसी क्षण नहीं उतरे तो मैं तुम्हें पीयूँगा।” माखन और आराम से सँभल कर बैठ गया।

(2) Now, f Phatik ……………….. was over
अब यदि फटिक को अपना शाही गौरव सबके सामने रखना था, तो यह साफ था कि उसे अपनी धमकी को पूरा करना था। लेकिन संकट के समय उसका साहस जवाब दे गया। ऐसा लगा कि उसका शातिर दिमाग । उसके भाई से युक्ति चालन में नाकाम हो गया था और इससे उसके अनुयायियों को उसका मजाक बनाने का अवसर मिल गया। उसने आदेश दिया कि लट्टे के साथ माखन को भी लपेटकर लुढ़का दिया जाये। माखन-ने यह आदेश सुना और अपने सम्मान पर अडिग रहा। लेकिन उसने तथ्य की अनदेखी इस तरह कर दी, जैसे कोई व्यक्ति सांसारिक प्रसिद्धि के लिए उससे जुड़े जोखिम को उठा लेता है।

लड़कों ने अपनी पूरी ताकत से उस लट्टे को एक, दो, तीन, गो (जाओ) बोलते हुए उठाना शुरू किया और शब्द (गो) जाओ बोलते ही लट्ठा चला गया; और माखन का ध्यान, उसकी प्रतिष्ठा सब-कुछ चला गया। सभी अन्य लड़के अपनी कर्कश आवाज में खुशी मनाने लगे लेकिन फटिक थोड़ा डर गया था। वह समझ गया था कि क्या होने वाला था? और जैसा कि उसे यकीन था, माखन आवेश में जमीन पर से उठा। वह फटिक की तरफ दौड़ा और उसका मुंह नोंच लिया तथा उसे पीटा व लात मारी, और फिर रोते हुए घर चला गया। नाटक का पहला अंक समाप्त हो चुका था।

(3) Phatik wiped ……………….. umpotent ruge. फटिक ने अपना चेहरा साफ किया तथा नदी किनारे पड़े एक पेड़ के नँठ पर बैठ गया, और घास का तिनका चबाने लगा। एक नाव किनारे पर आकर रुकी और एक मध्यम उम्र का व्यक्ति, जिसके सफेद बाल और काली पूँछे थीं, किनारे पर उतरा। उसने वहाँ खाली बैठे हुए लड़के को देखा और उससे पूछा कि चक्रवर्ती कहाँ रहते थे। फटिक घास चबाता रहा और बोला, “वहाँ’ लेकिन यह पता लगाना असंभव था कि उसका इशारा किस तरफ था। उस अजनबी ने दोबारा पूछा। वह अपने पैर को इधर-उधर घुमाता रहा और बोला, जाओ और ढूंढ़ लो और पहले की तरह घास चबाता रहा।

लेकिन अब एक नौकर घर से आया और फटिक को बताया कि उसकी माँ उसे बुला रही थी। फटिक ने जाने से इनकार कर दिया। लेकिन नौकर इस स्थिति के लिए तैयार था। उसने जबरदस्ती फटिक को उठाया और उसे धकेलते हुए तथा गुस्से से संघर्ष करते हुए ले गया।

(4) When Phatik ……………….. telling lies”.
जब फटिक घर में आया, उसकी माँ ने उसे देखा। वह गुस्से से बोली, “तो तुमने फिर माखन को मारा?” फटिक ने उत्तर दिया, “नहीं मैंने नहीं मारा; आपसे यह किसने कहा?” . उसकी माँ चीखी, “झूठ मत बोलो! तुमने मारा है।” फटिक ने अचानक कहा, “मैं आपसे कह रहा हूँ कि मैंने नहीं मारा। आप माखन से पूछ लो।” लेकिन माखन ने सोचा कि वह अपनी पहले वाली बात पर अडिग रहेगा। उसने कहा, “हाँ, माँ।

फटिक ने मुझे मारा।” फटिक का धैर्य पहले ही जवाब दे चुका था। वह गलत बात (अन्याय) को नहीं सुन सकता था। वह माखन की तरफ दौड़ा और यह कहते हुए उस पर वार किये-“ये ले” वह चीखा “और ले, और ले, झूठ बोलने के लिए।

(5) His Mother ……………….. where she was.
उसकी माँ ने उसी क्षण माखन की तरफदारी की और फटिक को खींचते हुए अपने हाथों से पीटने लगी। जब फटिक ने उन्हें अपने से अलग किया, तो वह चीखी, “क्या, अरे दुष्ट! क्या तू अब अपनी माँ को भी धक्को देगा?”

उसी जटिल परिस्थिति में एक सफेद बालों वाला अजनबी वहाँ आ पहुँचा। उसने पूछा कि क्या बात है। फटिक डरा और शर्म से देखने लगा। लेकिन जब उसकी माँ ने पीछे मुड़कर उस अजनबी को देखा, तो उनका गुस्सा आश्चर्य में बदल गया, क्योंकि उसने अपने भाई को पहचान लिया था और बोली, “क्यों दादा! आप कहाँ से आये?’ ये शब्द कहते-कहते वे जमीन पर झुकी और उनके पैर छुए। जैसे ही उनकी शादी हुई थी उनके भाई चले गये थे और उन्होंने बॉम्बे में अपना व्यवसाय शुरू कर दिया था। जब वे बॉम्बे में थे तो उनकी बहन के पति की मृत्यु हो गयी। बिशम्भर अब कलकत्ता वापस आ गये थे और तुरंत उन्होंने अपनी बहन के बारे में पूछा था। और जैसे ही उन्हें अपनी बहन के बारे में पता चला वे उससे मिलने चले आये थे।

(6) The next ……………….. meant it.
अगले कुछ दिन बड़ी प्रसन्नता से बीते। भाई ने दोनों लड़कों की शिक्षा के बारे में पूछा। उसे बताया गया कि फटिक तो बिल्कुल बेकार है। वह कामचोर, कहना न मानने वाला और उपद्रवी था। लेकिन माखन सोने के समान अच्छा था, वह भेड़ के बच्चे के समान सज्जन और पढ़ने में मन लगाने वाला था। बिशम्भर ने दयालुता से फटिक को अपनी बहन से अपने साथ ले जाने को कहा और अपने बच्चों के साथ कलकत्ता ले जाकर पढ़ाने की बात कही। विधवा माँ तुरन्त मान गयी। जब फटिक के मामा ने उसे अपने साथ कलकत्ता ले जाने की बात की तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा, और वह बोला, “ओह, हाँ, मामा जी।’ एक तरीके से ऐसा लगता था कि जैसे वह यही चाहता था।

(7) It was ……………….. get away.
माँ के लिए फटिक से छुटकारा पाना अत्यधिक आरामदायक था। दोनों भाइयों में कोई प्यार न होना, उसके मन को क्षति पहुँचाता था। उसके मन में हमेशा यह डर बना रहता था कि किसी दिन वह माखन को नदी में डुबो देगा या लड़ाई में उसका सिर फोड़ देगा या उसे किसी-न-किसी खतरे में फैसा देगा। साथ ही वह फटिक की जाने की उत्सुकता को देखकर निराश भी रहती थी।

(8) Phatik ……………….. existence.
फटिक, जब सब-कुछ निश्चित हो गया, तो बार-बार अपने मामा से पूछने लगा कि कब चलेंगे। वह पूरे दिन प्रफुल्लित और तैयार रहता तथा अक्सर रात को भी जगा रहता। उसने अपनी मछली पकड़ने की छड़ी, अपनी बड़ी पतंग और अपने कंचे सब माखन को विरासत में दे दिए थे। वास्तव में, इस जाने के समय उसकी माखन के प्रति उदारता असीमित थी।

जब वे कलकत्ता पहुँचे तो फटिक पहली बार अपनी मामी से मिला। वह अपने परिवार में अनावश्यक बढ़ोतरी देखकर बिल्कुल भी खुश नहीं थी। वह बड़ी मुश्किल से अपने तीन लड़कों का प्रबंध कर पाती थी। और एक चौदह वर्ष के गाँव के लड़के का उनके बीच आ जाना बहुत अप्रिय था। बिशम्भर को इस तरह की बात करने से पहले कम-से-कम दो बार सोचना चाहिए था।

इस मानवीय संसार के झमेलों में, एक लड़का जिसकी उम्र चौदह साल हो, इससे बड़ी कोई बाधा नहीं हो सकती। न तो वह आकर्षक (सजावटी) होता है न ही उपयोगी। उसके ऊपर एक बच्चे की तरह प्यार बरसाना असंभव होता है, और वह हमेशा रास्ते में आता रहता है। यदि वह एक बच्चे की तरह तुतलतिा है तो उसे बच्चा कहा जाता है और अगर वे एक बड़े व्यक्ति की तरह व्यवहार करता है तो उसे अनुपयुक्तं बताया जाता है। जो भी बह कहता है उसका विरोध किया जाता है। तब वह एक बदसूरत, बढ़ती हुई उम्र में होता है। वह अपने कपड़ों की अपेक्षा बहुत तेजी से बढ़ता है; उसकी आवाज भारी हो जाती है और वह अटक-अटककर काँपते हुए स्वर में गाने लगता है। बचपन की गलतियों को माफ करना आसान होता है। लेकिन एक चौदह साल के लड़के की गलतियों को सहन करना अनिवार्य होता है। लड़को स्वयं दर्द से संकोची हो जाता है। जब वह बड़े लोगों से बात करता है तो या तो घबराहट में ढीठ हो जाता है या बेचैन होकर शर्माने लगता है या फिर उसे अपने अस्तित्व पर बहुत शर्मिन्दगी होने लगती है।

(9) Yet it is ……………….. his lessons.
जबकि इस उम्र में उसके दिल में होता है कि उसे प्यार और पहचान मिले और वह उस व्यक्ति का समर्पित दास बन जाता है जो उस पर ध्यान देता है। लेकिन कोई भी खुले रूप से उस पर प्यार दर्शाता नहीं है। क्योंकि उसे अनुचित आसक्ति माना जाता है जो कि उस लड़के के लिए सही नहीं होगा। इसलिए, क्या डाँटना और तिरस्कार करना, वह बिल्कुल एक आवारा कुत्ते के समान हो जाता है जिसका मालिक उसे छोड़कर चली गया हो। एक चौदह साल के लड़के के लिए उसका खुद का घर एक स्वर्ग के समान होता है।

एक अजनबी घर में अजनबियों के साथ रहना एक छोटे से अत्याचार के समान था, किसी स्त्री के द्वारा प्यार से बात या व्यवहार किया जाना परमानन्द की चरमसीमा था और उसके द्वारा कभी भी तिरस्कार नहीं किया जाना चाहिए। यह फटिक के लिए (पीड़ा की) दुःखद था कि वह अपनी मामी के घर अवांछनीय था, हर मौके पर वह इस बुजर्ग औरत द्वारा तिरस्कृत किया जाता था। जब भी वह उससे कुछ करने को कहती तो वह इतना खुश हो जाता कि कुछ ज्यादा ही कर देता और फिर भी उसे बताती कि इतने बेवकूफ मत बनो बल्कि अपनी पढ़ाई पर (पाठ) ध्यान दो।।

(10) The cramped ……………….. with longing. अपनी मामी के घर में उपेक्षा के तंगं वातावरण ने फटिक पर इतना जुल्म किया कि उसे ऐसा लगता था कि साँस लेना भी मुश्किल है। वह खुले गाँव में जाकर अपने फेफड़ों से स्वतन्त्र साँस लेना चाहता था। लेकिन वहाँ कोई खुला गाँव नहीं था। कलकत्ता में चारों तरफ दीवारें और घर बने हुए थे। वह हर रात अपने गाँव वापस जाने के सपने देखा करता। उसे वह शानदार चरागाह याद आते जहाँ वह पूरे दिन पतंग उड़ाया करता था; चौड़ा नदी का किनारा जहाँ वह गाते और चिल्लाते हुए खुशी से पूरा दिन बिताता था; छोटा सँकरा झरना जहाँ वह कभी भी जब वह चाहे डुबकी मार सकता था और तैर सकता था। उसे अपने समूह के साथी लड़के याद आते जिनमें वह तानाशाह था; और सबसे ज्यादा,उसे अपनी आततायी माँ की याद आती, जिसने उसके विरुद्ध पक्षपात किया था, यही विचार उसे दिन-रात (काम में लगाये रहते) परेशान करते रहते। एक तरह। का शारीरिक प्रेम जैसा कि जानवरों में होता है, किसी ऐसे के सामने होना जिससे आप प्यार करते हों; किसी के न होने पर न प्रकट करने योग्य उत्कंठा; एक शान्त चीख जो दिल से उसकी माँ को याद करती थी, शाम के समय एक बछड़े के सँभाने के समान थी; यह प्यार जो कि एक जानवर के रूप में स्वाभाविक था, वे उस शर्मीले, बेचैन, पतले, भद्दे और कुरूप लड़के को उत्तेजित कर देते थे। कोई भी इसे समझ नहीं सकता था, लेकिन उसका दिमाग लगातार इसी का शिकार था या इसी में रमा हुआ था।

पूरे स्कूल में फटिक से ज्यादा पिछड़ा हुआ कोई लड़का नहीं था। जब भी अध्यापक उससे प्रश्न पूछते उसका मुँह खुला और शान्त रह जाता और एक अतिरिक्त भार से लदे हुए गधे के समान वह धैर्यपूर्वक उन सभी वारों को सहन कर जाता जो उस पर पड़ते थे। जब सब लड़के बाहर खेल रहे होते तो वह जिज्ञासा से खिड़की के पास खड़ा हो जाता तथा दूर घरों की छतों को देखा करता और अगर संयोगवश वह बच्चों को खुली छत पर खेलते हुए देख लेता तो उसका दिल भी इच्छाओं से भर जाता।

(11) One day ……………….. home?”
एक दिन उसने अपनी पूरी हिम्मत जुटाकर अपने मामा से कहा, “मामाजी, मैं घर कब जा सकता हूँ? उसके मामा ने उत्तर दिया, “जब तक छुट्टियाँ हों तब तक प्रतीक्षा करो।” लेकिन छुट्टियाँ तो नवम्बर तक नहीं आयेंगी और अभी एक लम्बे समय तक इन्तजार करना पड़ेगा।

एक दिन फटिक की अभ्यास-पुस्तिका खो गयी। यहाँ तक कि अपनी किताबों की सहायता से भी उसे अपना पाठ समझने में कठिनाई हो रही थी। अब यह असंभव था। दिन प्रतिदिन अध्यापक निर्दय होकर उसे पीटते। उसकी ऐसी हालत हो गयी कि उसके ममेरे भाइयों को भी अब उस पर शर्म आने लगी। वे दूसरे लड़कों से भी ज्यादा उसे चिढ़ाने और बेइज्जत करने लगे। आखिरकार वह अपनी मामी के पास गया और बोला कि उससे उसकी अभ्यास-पुस्तिका खो गयी है।

उसकी मामी ने गुस्से से अपने होठ भींच लिये और बोली तुम बहुत पागल, गॅवार हो मैं अपने परिवार के साथ कैसे तुम्हारा एक महीने में पाँच बार किताबों का खर्चा उठा सकती हूँ?

उस रात स्कूल से वापस घर आते हुए, फटिक को भयंकर सिरदर्द के साथ काँपते हुए दौरा पड़ गया। उसे लगा कि उसे मलेरिया बुखार का असर हो गया है। उसे सबसे ज्यादा डर इस बात का था कि उसकी मामी इसे उसी की बेवकूफी कहेगी। अगली सुबह फटिक कहीं भी दिखायी नहीं दिया। आस-पड़ोस में ढूंढ़ने से कुछ भी पता नहीं चला सब बेकार हो गया। पूरी रात बारिश होती रही थी और जो भी लड़के को ढूँढ़ने गये वे पूरी तरह भीग गये। आखिर में बिशम्बर ने पुलिस की मदद ली। दिन के आखिर में एक पुलिस वैन उनके घर के सामने रुकी। अभी भी बारिश हो रही थी और गलियों में पानी भर गया था। दो पुलिसवाले फटिक को अपनी भुजाओं में लेकर आए और बिशम्भर के आगे रख दिया। वह पूरी तरह भीगा हुआ, कीचड़ से सना हुआ था, उसका चेहरा और आँखें बुखार से लाल हो गये थे और उसका पूरा शरीर (मांसपेशियाँ) काँप रहा था। बिशम्भर उसे गोदी में उठाकर अन्दर लेकर गये। उसकी पत्नी ने जब उसे देखा, तो बोली, इस लड़के ने हमें परेशान कर दिया है। क्या अधिक अच्छा नहीं होगा कि तुम उसे उसके घर भेज दो? ”

(12) Photik ……………….. critical.
फटिक ने उनके शब्द सुनकर रोते-रोते जोर से कहा मामाजी, मैं घर ही जा रहा था, लेकिन ये मुझे वापस यहाँ घसीट लाए। बुखार बहुत तेज हो गया और लड़का पूरी रात तपता रहा बिशम्बर ने डॉक्टर को बुलाया, फटिक ने अपनी बुखार से भरी आँखें खोलीं और छत की तरफ देखते हुए शान्ति से कहा, मामा जी क्या अभी तक छुट्टियाँ नहीं हुई हैं। क्या मैं घर जा सकता हूँ? बिशम्भर ने अपने आँसू पोंछे और फटिक के पतले जलते हुए हाथों को पकड़कर पूरी रात उसके पास बैठे रहे। लड़का फिर बड़बड़ाने लगा। आखिरकार उसकी आवाज उत्तेजित हो गयी, वह चीखा, माँ मुझे ऐसे मत मारो।“माँ”, मैं सच बोल रहा हूँ। अगले दिन थोड़ी देर के लिए लड़के को होश आया। उसने कमरे में अपनी नजर घुमाई, जैसे कि उसे किसी के आने की आशा हो। आखिरकार निराशा के साथ उसका सिर वापस तकिये पर लुढ़क गया। उसने अपना चेहरा दीवार की तरफ कर लिया और एक गहरी साँस ली। बिशम्भर उसके मन की बात समझ गये थे, अपना सिर नीचे करके, धीरे से बोले फटिक मैंने तुम्हारी माँ को बुलवाया है। वह दिन बीत गया। डॉक्टर ने चिन्ताग्रस्त आवाज में कहा कि लड़के की हालत बहुत नाजुक है।

(13) Photik ……………….. come.
” फटिक जोर से चिल्लाने लगा, “वह निशान! तीन फैदम। वह निशान:::::::::::::”चार फैदम। वह निशान:::::::” उसने नदी में स्टीमर के नाविक को साहुल रेखा के पास यह बोलते हुए सुना था। अब वह स्वयं अथाह सागर की गहराई नाप रहा था। अगले दिन फटिक की माँ चक्रवात की तरह कमरे में प्रविष्ट हुई और तेज आवाज में इधर-से-उधर गिरकर विलाप करने लगी। बिशम्भर ने उनकी बेचैनी को शान्त करने की कोशिश की लेकिन वह उसके पलंग से चिपककर चिल्लाने लगी, फटिक मेरा प्यारा, मेरा बेटा। फटिक अपनी बेचैनी में एक क्षण रुका। उसके हाथ ऊपर नीचे होने बन्द हो गए। उसने कहा, आह? उसकी माँ फिर चीखी, फटिक मेरा प्यारा, मेरा बेटा। फटिक ने बहुत धीरे से अपना सिर घुमाया और बिना किसी की तरफ देखे, बोला, “माँ छुट्टियाँ आ गयी हैं।”

Understanding the Text

Explanations
Explain one of the following passages with reference to the context :
(1) Phatik Chakravorti ……………….. unanimously.
Reference : This extract has been taken from the chapter The Homecoming by Rabindranath Tagore. [ N.B. : The above reference will be used for all explanations of this lesson.]

Context: In this chapter the feeling of a fourteen year old naughty boy’s have been discussed.

Explanation : Phatik chakravorti was a head of village boys. A new naughtiness come into his mind. There was a heavy log which was lying at the bank of river to be shaped for being a mast for a boat. He decided that all of his friends should try to shift the log from its place and roll it towards other side. He wanted to trouble the owner and to have fun for himself. All of them had same thinking regarding that offer.

(2) Now, if Phatik ……………….. perit in it.
Context : In this extract Phatik and Makhan both brother’s have shown their mischieviousness.

Explanation : Now it had become compulsory for Phatik to keep his words to maintain his position. But his courage was lagging him behind. His active mind in that situation, at once caught upon a new trick which would defeat his brother and allow his attendants an increasing entertainment. He ordered then to roll the log and Makhan over together. Makhan heard his brothers and decided to stick on to the log to maintain his position. But the could not see those things which were related to the bubble reputation and the risk which could have fall upon him.

(3) Phatik wiped his face ……………….. grass as before.
Context : In the given extract Phatik’s reaction against his brother Makhan has been described.

Explanation : After cleaning his face Phatik sat down on river bank and started chewing a piece of grass. Just then a boat came on the river bank and a middle aged man, with grey hair and dark moustache came to him and asked where the chakravortis lived. Phatik did not take care of him and pointed in such direction that it was impossible to understand where he pointed. On asking again by the stranger he replied ‘go and find out roughly and continued to move his legs and chewing the grass as before.

(4) The next few ……………….. he meant it.
Context : In this passage Phatik’s attitude’s changes have been described. When his uncle asked him to take away with himself his joy was boundless.

Explanation : When Phatik’s uncle came to his home he felt happy. His uncle asked his mother about the education of her sons and his sister told him about the difference of attitude of her two children. Phatik was lazy, disobedient, and wild. But Makhan was as good as gold, as quiet as a lamb and very fond of reading. Bishambhar asked his sister to take Phatik with him at calcutta and to look after him as his own son. Phatik’s mother agreed with her brother. When Phatik became to know about this he readily accepted the offer as he himself wanted to go away from his village.

(5) In this ……………….. very existence.
Context : In this extract the feelings of a teenager child has been shown. What situations he/she has to face.

Explanation : In this extract the narrator says that teenage specially age of fourteen years in itself is a bad thing. A boy of this age is not considered gorgeous nor useful. It is not possible to show love on him as is shown on littly boy. He is always felt as if he is coming in somebody’s way. If he speaks in a childish way he is called a baby and if he behaves in a grown-up way he is not respected. In fact whatever he speaks makes angry to others. Then he does not get attraction at his growing age his height grows fast and his clothes becomes short for him; his voice also becomes rough and breaks and shivers. His face looks angular and ugly. Eary childhood’s shortcomings can easily be given up but it is hard to bear the mistakes of a fourteen year old boy. The boy becomes shy. When he talks with elderly people he feels extremely forward or shy that he looks ashamed of his very presence.

(6) The cramped ……………….. day and night.
Context : In this extract Phatik’s feeling against his aunt’s behaviour is shown.

Explanation : The bad atmosphere of dishonor in his aunt’s house depressed Phatik so
that he felt that he could not take a breathe comfortably there. He wanted to roam in a country freely as he did in his earlier days. But in calcutta there was no open place for him to go the city was surrounded by houses and walls, he only could dream continuously of his village and to be back there. He was unable to forget the beautiful grasslands where he used to fly his kite whole day long; the broad river-bank where he used to wander about the livelong day singing and shouting for joy. There was a · narrow river also where he could go and enjoy himself with his friends at any time he liked. He thought about his friend circle over whom he used to command; and above all the remembrance of his cruel mother who was always partial to for him.

(7) At the end ……………….. sent him home?”
Context : When Phatik did not come for whole day his uncle took help from police.

Explanation : At last in the evening a police van stopped in front of their home. Rain had not stopped yet and the streets were full of water. Two constables brought phatik inside the house in front of Bishambhar. He was completely wet and muddy allover, his face and eyes were red with fever and his body was trembling. Bishambhar himself took Phatik in his lap towards inner room. When his wife saw him she said, “this boy has come to us as a heap of troubles shouldn’t you send him to his home back?”

(8) The fever rose ……………….. telling the truth!”
Context : Phatik wanted to go his home back. So, he tried to do so but was caught back to his uncle’s home by two constables.

Explanation :
Phatik was suffering from high fever and was insensible whole night. Bishambhar called a doctor. Phatik opened his red eyes and looked up to the ceiling, and said calmly “Uncle have the holidays come yet? May I go home?” Bishmbhar cleaned his own face which was wet with tears and took Phatik’s weak and hot (burning with fever) hands in his own hand and sat near him whole night. The boy again started speaking slowly finally his sound became hig
vly finally his sound became high, he cried, mother don’tbeat me like that! Mother! I am not lying. I am telling the truth!”

Short Answer Type Questions

Answer one of the following questions in not more than 30 words:
Question 1.
What did Phatik and his friends decide to do?
(फटिक और उसके मित्रों ने क्या करने का निश्चय किया? )
Answer :
Phatik Chakravorti was a typical naughty village boy about fourteen years old. He was the ring leader of his gang. He never went to school but spent the whole day flying kites, swimming in the river and playing mischief. He was inventive and full of ideas. One day a new mischief got into his head. There was a heavy log lying on the mud flat of the river waiting to be shaped into to mast for a boat. Phatik and his friends decided that they should shift the log by force from its place and roll it away. The owner of the log would be angry and surprised and they would enjoy all the fun.

(फटिक चक्रवर्ती चौदह वर्ष का एक बहुत शैतान ग्रामीण लड़का था। वह अपने समूह का सरदार था। वह कभी स्कूल नहीं जाता था लेकिन पूरा दिन पतंग उड़ाने, नदी में तैरने और शैतानी करने में बिताता था। वह अच्छा आविष्कारक तथा पूर्ण विवेकशील था। एक दिन एक नयी शैतानी उसके दिमाग में आई। नदी के किनारे समतल कीचड़ में लकड़ी का एक लट्ठा नाव के मस्तूल के आकार में आने के लिए पड़ा हुआ था। फटिक और उसके दोस्तों ने निश्चय किया कि वे उसे लट्टे पर ताकत लगाकर उसे घुमाकर उसकी जगह से लुढ़काते हुए दूसरी जगह ले जायेंगे। लट्टे का मालिक आश्चर्यचकित और क्रोधित होगा और वे सब उससे मजे करेंगे।)

Question 2.
How did Makhan spoil the fun?
(माखन ने कैसे मजा किरकिरा (खराब) कर दिया?)
Answer :
Phatik and his friends decided to perform a new mischief. They decided that they should shift the log by force from its place and roll it away. The owner of the log would be angry and surprised and they would enjoy all the fun. But the fun was spoiled before it started, as Phatik’s brother Makhan went against this plan. He decides not to allow them to roll the log way. So he quietly sat down on the log without uttering. word. This made everybody puzzled for a moment. Phatik asked him to get up. But Makhan sat more confidently and appeared like a young philosopher meditating. Now it was the question of Phatik’s dignity before his gang and so he ordered the gangs to roll the log along with Makhan. As the log moved, Makhan fell into mud. So he quarreled with Phatik and went home crying. All in this way Makhan spoiled the fun.

(फटिक और उसके मित्रों को एक नयी शैतानी सूझी। उन्होंने निश्चय किया वे उस लट्टे पर ताकत लगाकर उसे लुढ़काते हुए एक जगह से दूसरी जगह ले जायेंगे। लट्टे का मालिक आश्चर्यचकित और गुस्सा होगा और वे सब उससे मजे करेंगे। लेकिन मजा आना शुरू होने से पहले ही खराब हो गया, क्योंकि फटिक का भाई माखन योजना के बीच में आ गया। उसने सोचा कि वह उन्हें लट्टे को लुढ़काकर ले जाने नहीं देगा। इसलिए वह बिना कुछ बोले चुपचाप जाकर लट्टे पर बैठ गया। इससे एक क्षण के लिए सब परेशान हो गये। फटिक ने उससे उठने को कहा। लेकिन माखन और भी अधिक आत्मविश्वास से एक तत्त्व की तरह, जैसे कि वह ध्यान लगा रहा हो, बैठ गया। अब यह फटिक की उसके समूह के सामने प्रतिष्ठा का प्रश्न था और इसीलिए उसने अपने समूह को आदेश दिया कि लट्टे के साथ ही माखन को भी लुढ़का दें। इस पर उसकी फटिक के साथ लड़ाई हो गयी और वह रोते हुए घर चला गया। इस तरह से माखन ने मजा किरकिरा कर दिया।)

Question 3.
Who arrived at Phatik’s house?
(फटिक के घर कौन आया था?)
Answer :
Bishambar brother of Phatik’s mother or his maternal uncle came to Phatik house. Bishambar had gone away soon after the marriage of Phatik’s mother and his sister and he also started business at Bombay. Bishambar now come back to Calcutta and was visiting his sister after a long period.

(बिशम्भर फटिक की माँ का भाई यानी फटिक के मामा उसके घर आए। बिशम्भर फटिक की माँ के विवाह के तुरन्त बाद बम्बई चले गये थे और उन्होंने वहाँ पर अपना व्यवसाय शुरू कर दिया था। अब बिशम्भर कलकत्ता वापस आए थे और काफी लम्बे अरसे के बाद अपनी बहन से मिले।)

Question 4.
Why did Phatik go to Calcutta?
(फटिक कलकत्ता क्यों गया?)
Answer :
Phatik Chakravorti was a typical naughty village boy about fourteen years old. He never went to school but spent the whole day flying kites and playing mischief. He was a perpetual nuisance and his widow mother did not know how to manage him. He was lazy, disobedient and wild, so not studying properly. Once his maternal uncle Bishambar visited his sister after a long. He volunteered to take Phatik to Calcutta where he would be educated. Phatik’s mother readily agreed and Phatik also was excited to go. So he readily went to Calcutta expecting a new exiting life there.

(फटिक चक्रवर्ती एक बहुत शैतान चौदह वर्ष का ग्रामीण लड़का था। वह कभी स्कूल नहीं जाता था लेकिन पूरा दिन पतंग उड़ाने और शैतानी करने में बिताता था। वह लगातार शैतानियाँ करता था और उसकी विधवा माँ समझ नहीं पाती थी कि उसके साथ कैसा व्यवहार करे। वह आलसी, कहना न मानने वाला और उद्दण्ड था, इसलिए ठीक से पढ़ता भी नहीं था। एक बार उसके मामा बिशम्भर बहुत दिनों बाद उनसे मिलने आए। उन्होंने फटिक को कलकत्ता ले जाने के लिये कहा जहाँ वे उसे पढ़ाना चाहते थे। फटिक की माँ इसके लिए तैयार हो गयी और फटिक भी जाने के लिए उत्साहित था। इसलिये वह एक उत्साहित जीवन की आशा में , खुशी से कलकत्ता चला गया।)

Question 5.
Why was Phatik unwelcome to his aunt?
(फटिक का आना उसकी मामी के लिए अनाभिलाषित क्यों था?)
Answer :
When Phatik and his uncle reached Calcutta, Phatik made the acquaintance of his aunt for the first time. His aunt was not all happy to see him. For her, Phatik was an unnecessary addition of her family because she had already three children who were quite unmanageable. To bring a village boy of 14 was very much upsetting to her. So Phatik was unwelcome to his aunt…

(जब फटिक और उसके मामा कलकत्ता पहुँचे, फटिक पहली बार अपनी मामी से मिला। उसकी मामी उसे देखकर खुश नहीं हुई। उनके लिए, उनके परिवार के लिए फटिक अनावश्यक था क्योंकि उनके पहले से तीन बच्चे थे जो काफी अनियन्त्रणीय थे। गाँव के एक चौदह वर्षीय लड़के को पालना उनके लिए काफी मुश्किल था। इसलिए फटिक का आना उसकी मामी के लिए अनाभिलाषित था।)

Question 6.
Why was Phatik unhappy in Calcutta?
(फटिक कलकत्ता में खुशे क्यों नहीं था?)
Answer :
Phatik was sent to Calcutta by his mother. She hoped that the boy would get good education and be happy there. Phatik too expected to have an exciting life but his aunt did not show him any love. She was rude with and found fault with him. He was despised and insulted every now and then his cousins also made fun of him. He was the most backward boy in the whole school. He was beaten unmercifully by the teacher day after day. He could not make any friends. He longed for his village where he was a ring leader and where he had enjoyed life. The house became a prison for him. He wanted to run away to his village. The whole his life was miserable and unhappy in Calcutta.

(फटिक को उसकी माँ ने कलकत्ता भेज दिया था। उन्हें आशा थी कि लड़के को वहाँ अच्छी शिक्षा मिल जायेगी और वह वहाँ खुश रहेगा। फटिक को भी एक उत्तेजित करने वाली जिन्दगी की आशा थी लेकिन उसकी मामी ने उसे बिल्कुल प्यार नहीं किया। वह उससे अशिष्ट व्यवहार करती थी और उसमें कमियाँ निकालती रहती थी। उसे तुच्छ समझा जाता था और उसकी बेइज्जती की जाती थी और जब तब उसके ममेरे भाई-बहन उसका मजाक उड़ाते रहते थे। वह पूरे स्कूल में सबसे पिछड़ा हुआ लड़का था। दिन प्रतिदिन उसे उसके अध्यापक द्वारा बेरहमी से पीटा जाता था। उसका कोई मित्र नहीं था। वह अपने गाँव जाना चाहता था जहाँ वह अपने समूह का सरदार था और जहाँ उसने जीवन में मजे किये थे। घर उसके लिए एक जेल बन चुका था। वह अपने गाँव भाग जाना चाहता था। कलकत्ता में उसका पूरा जीवन दु:खी और अप्रसन्न था।)

Question 7.
What happened to Phatik at school?
(स्कूल में फटिक के साथ क्या हुआ?)
Answer :
Phatik was the most backward and the dullest boys in his school. He remained silent when the teacher asked him a question, and like an ass patiently suffered all the blows that came down on his back. One day, he lost his lesson book. It was impossible to prepare lesson without it. Day by day he was beaten unmercifully by the teacher. His conditions became so miserable that even his cousins were ashamed of him. He was insulted by his classmates. These all the troubled faced by Phatik when he was at school.

(फटिक अपने स्कूल में सबसे पिछड़ा और मन्दबुद्धि लड़का था। जब अध्यापक उससे कोई प्रश्न पूछते तो वह चुप रहता था, और एक गधे की तरह उन वारों को सहन करता था जो उसकी कमर पर पड़ते थे। एक दिन, उसने अपनी अभ्यास-पुस्तिका खो दी। इसके बिना पाठ याद करना असम्भव था। दिन प्रतिदिन अध्यापक बेरहमी से उसे पीटते थे। उसकी हालत इतनी दयनीय हो गयी कि उसके ममेरे भाई-बहनों को भी उस पर शर्म आने लगी। उसके सहपाठी उसकी बेइज्जती करते। जब फटिक स्कूल में था उसे इन सब परेशानियों का सामना करना पड़ा।)

Question 8.
Why did Phatik run away?
(फटिक क्यों भाग गया?)
Answer :
Phatik was sent to Calcutta by his mother. She hoped that the boy would get good education and be happy there. Phatik too expected to have an exciting life but his aunt did not show him any love. She was rude with and found fault with him. He was despised and insulted every now and then his cousins also made fun of him. His life at school was no better. He was the most backward boy in the whole school. The house became a prison for him. The whole his life was miserable and unhappy in Calcutta. Now he longed for his village where he was a ring leader and where he had enjoyed life. He also remembered his mother. One day he fell sick and he feared that in such condition, he would be nuisance to is aunt. So he ran away from home.

(फटिक को उसकी माँ ने कलकत्ता भेज दिया था। उन्हें आशा थी कि लड़का वहाँ जाकर खुश रहेगा और उसे अच्छी शिक्षा मिल जायेगी। फटिक को भी एक उमंग भरे जीवन की आशा थी लेकिन उसकी मामी ने उसे बिल्कुल प्यार नहीं किया। वह उससे अशिष्ट व्यवहार करती और उसमें कमियाँ निकालती रहती थी। उसे तुच्छ समझकर जब तब उसके ममेरे भाइयों द्वारा उसका मजाक उड़ाया जाता था और उसकी बेइज्जती की जाती थी। स्कूल में भी उसकी जिन्दगी ज्यादा अच्छी नहीं थी। वह पूरे स्कूल में सबसे पिछड़ा हुआ लड़का था। घर उसके लिए एक जेल के समान बन गया था। कलकत्ता में उसका पूरा जीवन दु:खी और अप्रसन्न था। अब वह अपने गाँव को याद कर रहा था जहाँ वह अपने समूह का सरदार था और जहाँ वह जिन्दगी में मजे कर रहा था। उसे अपनी माँ की भी याद आ रही थी। एक दिन वह बीमार पड़ गया और उसे डर था कि ऐसी स्थिति में, वह अपनी मामी की नजरों में और गिर जायेगा (वह उसे और बाधा समझेगी) इसलिए वह घर से भाग गया था।)

Question 9.
Who come to see Phatik?
(फटिक से मिलने कौन आया?)
Answer :
Phatik was very unhappy at his uncle’s house in Calcutta. He received no love and affection. His aunt found fault with him and insulted him. Once in the state of malarial fever, He ran away from home. He was brought back in serious condition. The boy told his uncle that he wanted to go home to his mother. His uncle assured him that he would send him when holidays would come. In his delirium he kept on asking his uncle if holidays had come. Finally his mother was sent for she arrived just in times to see her son die. His mother came to see her son dying.

(फटिक कलकत्ता में अपने मामा के घर बहत द:खी था। उसे कोई प्यार नहीं करता था। उसकी मामी उसकी कमियाँ ढूंढ़ती और उसे बेइज्जत करती रहती थी। एक बार मलेरिया बुखार में, वह घर से भाग गया। उसे गम्भीर अवस्था में घर लाया गया। लड़के ने अपने मामा को बताया कि वह अपनी माँ के पास घर जाना चाहता था। उसके मामा ने उसे आश्वासन दिया कि जब छुट्टियाँ होंगी तो वे उसे भेज देंगे। अपनी बेहोशी की हालत में वह अपने मामा से पूछता रहा कि क्या छुट्टियाँ हो गयीं। आखिरकार उसकी माँ को बुलवाया गया और वो बिल्कुल उस समय पहुँची जब उनका बेटा मरने ही वाला था। उसकी माँ अपने बेटे की मृत्यु पर . आई थी।)

Question 10.
What do you think happened to Phatik?
(आपको क्या लगता है कि फटिक को क्या हुआ था?)
Answer :
“The Home coming’ is a touching story of a boy of fourteen years. Back in village he was happy and free. He played his boyish pranks and has the fun common to his age but life last all its charms when he was sent to calcutta. Instead of love he received contraption, insult and beating. This made the boy unhappy and adversely affected his progress in school; the unloved boy fell sick and died. According to me Phatik was transplanted from village life which was full of mischief and pleasure to a life to city where he had no one to love and give affection to him. He realized the values of home and love because of neglect from his uncle’s family and separation from his mother. During his illness this wild boy turned mature and understands what is home.

(‘द होम कमिंग’ (घर वापसी) एक चौदह वर्षीय लड़के की एक मार्मिक कहानी है। पहले जब वह गाँव में था खुश और स्वतन्त्र था। वह अपने लड़कपन की शरारत किया करता था और अपनी उम्र के साधारण मजे लिया करता था, लेकिन जीवन का सारा आकर्षण समाप्त हो गया जब उसे कलकत्ता भेज दिया गया। प्यार के बजाय उसे बेइज्जती और पिटाई सहन करनी पड़ी। इसी से लड़का दुःखी हो गया और स्कूल में भी उसकी प्रगति बुरी तरह प्रभावित हुई; जिस लड़के को प्यार न मिला था वह बीमार पड़ गया और मर गया। मेरे हिसाब से फटिक का ग्रामीण जीवन जो शैतानियों और जीवन की खुशियों से भरा था, से उठाकर शहरी जीवन में प्रत्यारोपित कर दिया गया था जहाँ कोई उसे प्यार नहीं करता था और उस पर ध्यान नहीं देता था। उसे घर और प्यार की कीमत महसूस हो रही थी क्योंकि उसके मामा के परिवार में उपेक्षा मिलती थी और वह अपनी माँ से दूर हो गया था। इस बीमारी के समय में वह उद्दण्ड लड़का पूर्ण रूप से सुचिंतित हो गया था और यह समझ गया था कि घर क्या होता है।)

Vocabulary

Choose the most appropriate word or phrase that best completes the sentence:
1. Phatik Chakravorti was ringleader ……………….. the boys of the village.
(a) between
(b) among
(c) and
(d) with

2. The owner of the ……………….. would be angry and surprised, and they would all enjoy the fun.
(a) log
(c) bog
(d) wog
(b) fog

3. Makhan heard the order and made it a ……………….. of honour to stick on.
(a) joint
(b) points
(c) point
(d) socket

4. All the other boys ……………….. themselves hoarse with delight.
(a) crowd
(b) shout
(c) gather
(d) shouted

5. Makhan rushed at Phatik and scratched his ……………….. and beat him and kicked him.
(a) face
(b) case
(c) chase
(d) lace

6. But the servant was the master ……………….. this occasion.
(a) with
(b) from
(c) at
(d) on

7. Phatik’s ……………….. was already exhausted.
(a) essence
(b) patience
(c) rush
(d) went

8. His sister had ……………….. her husband while he was in Bombay.
(a) host
(b) cost
(c) lost
(d) post

9. He was told by his sister that Phatik was a perpetual ………………..
(a) nuisance
(b) science
(c) demand
(d) hate

10. She had a prejudice ……………….. the boy.
(a) in front of
(b) against
(c) under
(d) above

11. In this world of human affair there is no worse nuisance than a boy at the age of ………………..
(a) twelve
(b) thirteen
(c) fourteen
(d) fifteen

12. He wanted to go out into the open country and fill his ……………….. and breathe freely.
(a) lungs
(b) ears
(c) mouth
(d) hand

13. There was no more backward boy in the ……………….. school than Phatik.
(a) hole
(b) whole
(c) hall
(d) half

14. The ……………….. rose very high and all that night the boy was delirious.
(a) lever
(b) shiever
(c) fever
(d) liver

15. Phatik stopped his restless movements ……………….. a moment.
(a) for
(b) about.
(c) into.
(d) onto

Answers :
1. (b)
2. (a)
3. (c)
4. (a)
5. (a)
6. (d)
7. (b)
8. (C)
9. (a)
10. (b)
11. (c)
12. (a)
13. (b)
14. (c)
15. (a)

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