Women’s Education Class 12 English Chapter 6 Question Answer UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 6 Women’s Education are part of UP Board Solutions for Class 12 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 6 Women’s Education.

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject English Prose
Chapter Chapter 6
Chapter Name Womens Education
Number of Questions Solved 18
Category NCERT Solutions

UP Board Class 12th English Prose Chapter 6 Women’s Education Questions and Answers

English Class 12 UP Board Chapter 6 Question Answer

कक्षा 12 अंग्रेजी पाठ 6 के प्रश्न उत्तर

LESSON at a Glance

We are living in an age where there are great opportunities for women in social work, public life and administration. Society needs women of disciplined minds and restrained manners. Hence, women’s education is of paramount importance in present time.

Dr. Radhakrishnan is not satisfied with the type of education that Indian women are getting. Girls education is not widespread so the institutions imparting education to girls should be encouraged. The education, so imparted, must not only be broad but should also be deep and purposeful.

According to the author, compassion, daya, is the quality which is more characteristic of women than of men. It is therefore, essential for every human being, men and women alike, to develop the quality of considerateness, kindness and compassion. Without these qualities we are only human animals, nara pasu, not more than that.

Dr, Radhakrishnan says that the study of our great classics, such as the Ramayana, Upnishad, etc., and communion with great minds, are the two things that mould men’s mind and heart. They instil into us great moral strength, which will lay down for us the lines on which we have to conduct ourselves. The learned author realises the value of women’s education and says.
“Give us good women, we will have a great civilization.
Give us good mothers, we will have a great nation.”
Such is the importance of women’s education.

पाठ का हिन्दी अनुवाद

(1) You are living ………………. your work.
आप एक ऐसे युग में रह रहे हैं जहाँ स्त्रियों के लिए सामाजिक कार्य में, जनजीवन में तथा प्रशासन में अनेक महान् अवसर प्राप्त हैं। समाज को अनुशासित मस्तिष्क वाली तथा संयमित आचरण वाली स्त्रियाँ चाहिए। आप चाहे कोई भी कार्य चुनें आपको उसे ईमानदारी तथा अनुशासित मस्तिष्क से करना चाहिए। तभी आपको कार्य में सफलता और आनन्द प्राप्त होंगे।

(2) Actually in our ………………. present generation.
हिन्दी अनुवाद–वास्तव में, हमारे देश में जहाँ तक लड़कियों की शिक्षा का सम्बन्ध है, शिक्षा काफी विस्तृत नहीं है। इसलिए प्रत्येक वह संस्था जो लड़कियों की शिक्षा में योगदान देती है वह मान्यता, उत्साह प्रदान करने के योग्य है। लेकिन मैं इस बात के लिए चिन्तित हूँ कि जो शिक्षा प्रदान की जाए वह केवल विस्तृत ही ने हो, अपितु वह जीवन के रहस्यों को जानने के योग्य भी हो। इसे गहराई में अर्थात् जीवन के रहस्यों को जानने में हम पीछे हैं। हम विद्वान् और कुशल बन सकते हैं। किन्तु यदि हमारे जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है। तब हमारा जीवन अन्धकारमय होगा, हम भारी भूलें करेंगे और फिर हमें दुःख प्राप्त होगा। गीता में कहा है। ‘व्यावसायात्मिका बुद्धिरेकेह’ अर्थात् नि:स्वार्थ कार्य में बुद्धि स्थिर होती है और एक ओर ही लगी रहती है। एक सच्चे सुसंस्कृत मस्तिष्क वाले मनुष्य को मानसिक एकरूपता तथा जीवन के उद्देश्य के प्रति प्रेम होता

है। एक असंस्कृत मनुष्य के लिए सम्पूर्ण जीवन भिन्न-भिन्न दिशाओं में बिखरा रहता है—“बहुशाखा ह्यनन्ताश्च’। अत: यह आवश्यक है कि वह शिक्षा जो आप इन संस्थाओं में प्राप्त कर रहे हैं, वह आपको केवल ज्ञान और कुशलता ही प्रदान न करे, अपितु आपको जीवन का एक निश्चित उद्देश्य भी दे। वह निश्चित उद्देश्य क्या हो यह आपको सोचना है। यह कहा जाता है कि विद्या विवेक प्रदान करती है। विमर्शरूपिणी विद्या आपको यह ज्ञान प्रदान करती है कि जिससे आप यह तय करेंगे कि क्या उचित है। वह आपको अनुचित बातों से बचने में सहायता करेगी। इसलिए आपको यह पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए कि इस पीढ़ी में आपसे क्या अपेक्षित है। एक वह उद्देश्य जो सदियों से ठीक रहा है, वह हमारे देश और संसार की तेजी से बदलती हुई परिस्थितियों में ठीक नहीं भी हो सकता। इसलिए वह उद्देश्य जो आप अपनाएँ, वह वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं के अनुरूप होना चाहिए।

(3) Every time we ………………. more than that.
जब भी हम कोई कार्य आरम्भ करते हैं तब हम अपने मन्त्रों का उच्चारण करते हैं और उस कार्य को समाप्त करते समय शान्ति-शान्ति कहते हैं। अध्यापक तथा शिष्यों से यह आशा की जाती है कि वे एक-दूसरे से घृणा करने से बचें। दया एक ऐसा गुण है जो पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में अधिक पाया जाता है। हाल ही में मैंने एक पुस्तक पढ़ी है जिसमें स्त्रियों के गुणों के ह्रास के विषय में पढ़ा है और उसका मुख्य कारण है दया की भावना का ह्रास। दूसरे शब्दों में स्त्री का प्राकृतिक गुण देया है। यदि आप में दया नहीं है तो आप मनुष्य नहीं हैं। इसलिए प्रत्येक प्राणी के लिए यह आवश्यक है कि उसे अपने में दूसरे का ध्यान रखने की भावना, दया और सहानुभूति के गुण पैदा करने चाहिए। इन गुणों के बिना हम मानव कहलाने के योग्य नहीं हैं, बल्कि केवल नर पशु हैं और अधिक कुछ नहीं।

(4) There is famous ………………. my dear.
एक प्रसिद्ध कविता है जो हमें बताती है कि संसार विष वृक्ष है। इस अपूर्ण विश्व में अर्थात् संसार में अद्वितीय गुणों के दो फल हैं। वे हैं अपनी महान् साहित्यिक कृतियों का अध्ययन और महान् विचारकों के साथ एकरूपता। यही वे दो बातें हैं जो मनुष्य के हृदय और मस्तिष्क को बदलती हैं। मैं इस बात के लिए उत्सुक हूँ कि हम अपनी महान् कृतियों का अध्ययन करें, देश की उन सभी महान् कृतियों का जो हमें विरासत में प्राप्त हुई हैं। एक उपनिषद् के छोटे से कथोपकथन में एक प्रश्न किया गया है, “अच्छे जीवन का सार क्या है?” शिक्षक उत्तर देता है, “क्या तुमने उत्तर नहीं सुना?” बादलों की गड़गड़ाहट होती है–दा-दा-दा, तुरन्त शिक्षक ने समझाया कि यही अच्छे जीवन का सार है दम, दान व दया। यही अच्छे जीवन का निर्माण करती हैं। दम का अर्थ है आत्म-नियन्त्रण जो मानवता का प्रतीक है। रामायण में बताया गया है जब लक्ष्मण वन को जाने लगे तब उसकी माता ने उन्हें बताया, “राम को अपने पिता दशरथ के समान समझना, सीता को अपनी माता के समान, वन को अयोध्या के समान समझना, जाओ, मेरे प्रिय बेटे।”

(5) There are ever ………………. a great nation.
हमारी साहित्यिक कृतियों में बहुत-सी ऐसी आनन्ददायक कहानियाँ हैं जो हमारे भीतर महान् नैतिक शक्ति का संचार करती हैं जो हमारे लिए ऐसी रूपरेखा बनाती हैं जिनके अनुरूप हम अपना आचरण बनाते हैं।
हमें अच्छी स्त्रियाँ दो, हमारी सभ्यता महान् होगी।
हमें अच्छी माताएँ दो, हमारा राष्ट्र महान् होगा।

(6) When you talk ………………. tatha.
जब आप शिक्षा के विषय में बात करते हैं तब आपके सम्मुख कुछ लक्ष्य होते हैं-जिन लोगों को शिक्षा दी जाती है उन्हें उस संसार का ज्ञान दो जिसमें वे रह रहे हैं—यह ज्ञान आप विज्ञान, इतिहास तथा भूगोल से प्राप्त कर सकेंगे। आप लोगों को कुछ तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने के लिए भी प्रशिक्षित करें ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें। इन बातों को पूरे संसार में शिक्षा के लक्ष्यों के रूप में स्वीकार किया जाता है अर्थात् उस संसार का ज्ञान जिसमें आप रहते हैं और तकनीकी योग्यता जिसके द्वारा आप जीविकोपार्जन कर सकते हैं। किन्तु उस शिक्षा की क्या विशेषता है जो हमारे देश के विद्यालयों में दी जा रही है। हमने सुना है कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य दक्षता और ज्ञान प्राप्त करना ही नहीं है, बल्कि उच्च जीवन की प्राप्ति का प्रयास करना है। एक ऐसे संसार के निर्माण का प्रयास जो स्थान व समय से परे हो यद्यपि बाद वाला पहले वाले को प्रकाशित तथा क्रियाशील करता है। यही शिक्षा का मुख्य उद्देश्य रहा है। सदियों तक हमने स्त्री जाति की उपेक्षा की है। परम्परा सम्भवतः इससे भिन्न रही है।
पुराकल्पेषु नारीनां मन्दिरा वन्दना निश्चितः।
अध्यापनाञ्च वेदानां गायत्री वाचानां तथा।।

(7) In ancient times ………………. into their own.
प्राचीन समय में हमारी स्त्रियों में उपनयन संस्कार होता था। वे वेदों का अध्ययन करने की अधिकारी हो जाती थीं। वे गायत्री मन्त्र का जाप करने की भी अधिकारी हो जाती थीं। ये सभी बातें हमारी स्त्रियों के लिए खुली थीं। किन्तु हमारी सभ्यता संकुचित हो गयी और स्त्रियों की पराधीनता हमारी सभ्यता के पतन का एक प्रतीक है।

स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद महात्मा गाँधी के अथक प्रयासों से हमारे देश में एक क्रान्ति आई और अब स्त्रियाँ अपने पैरों पर खड़ी हो गई हैं।

Understanding the Text is

Explanations
Explain one of the following passages with reference to the context:
(1) You are living ………………. your work. [2018]
Or
Society requires ………………. disciplined mind. [2018]
Reference : These lines have been taken from the lesson ‘Women’s Education’ written by S. Radhakrishnan. [ N.B.: The above reference will be used for all explanations of this lesson.]

Context : In this lesson the author lays emphasis on the need of education for women in India. He advocates that a drastic change should be brought about in the educational pattern specially for women. He wants that the education should be according to the needs of the present time.

Explanation : In this passage the author makes it clear that we are now living in an age which is much different to the previous ages. Those were the ages when women were kept confined in the four walls of their houses. But now the women are free to come out of the houses and work in different fields of life social, public and political. They have a lot of opportunities in these fields. But they should have discipline and controlled manners. They should be honest in their dealing. Only then they will get success and pleasures.

(2) Actually in our country ………………. and bitter. [2014]
Context : In this lesson the author tells us about education particularly about girls’ education. In our country the girls’ education is not widespread. So, we should encourage every institution which contributes in spreading the girls’ education.

Explanation : In these lines the author describes the types of education he wants. There are two essentials of good education–broad education and deep education. No doubt the education given in our schools and colleges is very wide. But it is lacking in depth. We should not be satisfied only with learning and skill. But we should understand the purpose of our life. Without knowing the purpose, we shall be misguided. We shall do mistakes and our life will be painful.

(3) Therefore it is essential ………………. for yourselves. [2013, 16, 18]
Context : The author feels that our education is lacking in depth. We may become learned and skilled, but if we do not have some kind of purpose in our life, our lives may become blind and bitter.

Explanation : To avoid bitterness and blindness in our life, it is necessary that the education which you gain in the schools and colleges should not only add to your knowledge and technique but should also provide you with a clearly defined purpose in life. As regards the purpose, you have to outline it yourself depending upon the needs.

(4) It is said that vidya ………………. present generation. [2009, 14, 16]
Context : Here the author says that the real aim of education is to have a definite purpose of life. Education helps us in it by enabling us to decide what is right and what is wrong.

Explanation : The author tells us that vidya (knowledge) gives us wisdom and enables us to differentiate between right and wrong. So, the author advises us to find out what is needed in us in the present generation. The world is very wide and is rapidly changing. So, the purpose of life also changes in the changed conditions. One particular purpose cannot hold good in all times. So, it is our duty to decide a purpose of life carefully keeping in view the needs of the present generation. Education helps us a lot in this matter.

(5) Compassion, daya, is ……………… more than that. [2011, 16]
Context : Here, the author tells us about one of the greatest qualities of human beings, i.e., compassion. Compassion means pity including sympathy and consideration of others.

Explanation : The author says that compassion or pity is the natural quality of a woman. But it does not mean that men should not have pity. In fact compassion is the quality of every human being. It is compassion which differentiates man from animal. Every one of us should be sympathetic for others. We should be considerate of joys and sorrows of our fellow beings. Pity, sympathy and considerateness make a man civilized. So, if we want to have a strong society, we should develop these qualities in ourselves.

(6) When you talk ………………. livelihood. [2013, 18]
Context : The author has highlighted the value of good women and educated mothers for a nation.

Explanation : In these lines the author is explaining the two of the many purposes of education. The first purpose of education is to give as much theoretical knowledge to the students as we can. This is possible by teaching them science, history and geography. The other purpose of education is to teach the people to gain applied and industrial ability to do jobs by themselves. This will enable them to earn a means of living.

(7) But what is there ………………. education. [2010, 16, 17, 18]
Context : There are several aims of education. First is that education imparts us knowledge of the world in which we live. Science, history, geography and other subjects help us in this field. Second aim of education is to develop technical skill so that man may earn his livelihood.

Explanation : In these lines the author says that these are not the real aims of knowledge. Only getting information and skill are the ordinary aims. The main aim of education is to enable a man to pass a nobler and higher life. To make a man successful in this world is to enable a man to enjoy permanent bliss of spiritual life.

(8) In ancient times. ………………. subjection of women. [2010, 17]
Context : The author has told that the real aim of education should be to enable a man to pass a nobler and higher life. Here the writer tells us about the education of women in ancient times.

Explanation : In these lines the author points out that in ancient times the women had equal rights to men in the field of education. They had the right to perform all religious ceremonies. They had the right to study vedas and to sing gayatri mantra. Their status was not inferior to men in any way. But the ancient civilization began to decline and it affected the rights of women adversely.

(9) After Independence ………………. their own.
Context : The author is narrating the position and role of women in our country. In ancient times they occupied a valuable position but in time to follow they became subdued.

Explanation : The writer says that after India became free on account of the relentless efforts of Gandhiji, a welcome change has been brought out in the condition of women in our country. Women are now receiving their old heritage and regaining their valuable position.

Short Answer Type Questions

Answer one of the following questions in not more than 30 words:
Question 1.
What are the opportunities available to women in our times ? [2013, 15]
(हमारे समय में स्त्रियों को कौन-से अवसर उपलब्ध हैं?)
Answer :
In our times there are opportunities for women in social work, public life and administration.
(हमारे समय में स्त्रियों को सामाजिक कार्यों में, सार्वजनिक जीवन में तथा प्रशासन में बड़े अवसर उपलब्ध

Question 2.
What kind of women does the society need ? [2017, 18]
(समाज को किस प्रकार की स्त्रियों की आवश्यकता है?)
Or
What qualities should the women have according to the present needs of the society?
(आज के समाज की आवश्यकता के अनुसार स्त्रियों में क्या गुण होने चाहिए ?)
Answer :
Society needs disciplined women of controlled behaviour.
(समाज को नियन्त्रित व्यवहार वाली अनुशासित स्त्रियाँ चाहिए।)

Question 3.
What is the real.situation regarding women’s education in India ?
(भारत में स्त्रियों की शिक्षा की वास्तविक स्थिति क्या है?)
Answer :
In reality women’s education in India is not wide spread.
(वास्तव में भारतवर्ष में स्त्रियों की शिक्षा विस्तृत रूप से फैली हुई नहीं है।)

Question 4.
What kind of education does the author recommend (or advocate) and why?
(लेखक किस प्रकार की शिक्षा की सिफारिश करता है और क्यों?).
Answer :
The author recommends an education with a definite purpose because education without purpose leads towards mistaken deeds resulting in grief.
(लेखक निश्चित उद्देश्य वाली शिक्षा की सिफारिश करता है, क्योंकि उद्देश्यहीन शिक्षा गलत कार्यों की ओर प्रेरित करती है जिसके परिणामस्वरूप दुःख होता है।)

Question 5.
Point out the difference between the cultured and the uncultured mind so far as attitude towards life is concerned.
(जहा तक जीवन के प्रति दृष्टिकोण का सम्बन्ध है सुसंस्कृत तथा असंस्कृत मस्तिष्क का अन्तर स्पष्ट करो।)
Answer :
A cultured mind is dedicated to a single purpose while uncultured mind is scattered in many directions.
(एक सुसंस्कृत मस्तिष्क एक ही लक्ष्य की ओर लगा रहता है, जबकि असंस्कृत मस्तिष्क भिन्न-भिन्न दिशाओं में बिखरा रहता है।)

Question 6.
Which particular quality distinguishes men from women ? [2009, 17]
(कौन-सी विशेष गुण पुरुषों को स्त्रियों से भिन्न करता है?)
Answer :
Compassion or feeling of pity distinguishes men from women.
(दया की भावना पुरुषों को स्त्रियों से भिन्न करती है।)

Question 7.
What qualities are necessary for the development of human beings ?
(मनुष्य के विकास के लिए कौन-कौन-से गुण आवश्यक हैं?)
Answer :
Kindness, considerateness and compassion are necessary qualities for the development of human beings.
(दया, दूसरों के प्रति विचारशील होना तथा सहानुभूति मनुष्य के विकास के लिए आवश्यक गुण हैं।)

Question 8.
What are the two important products of the tree of life and what is their effect on human beings ?
(जीवन-रूपी वृक्ष के दो मुख्य उत्पाद क्या हैं और मनुष्य पर उनका क्या प्रभाव होता है ?)
Answer :
The two important products of the tree of life are—the study of our ancient literature and communion with great minds. These two things mould men’s mind and heart.
(जीवन-रूपी वृक्ष के दो प्रमुख उत्पाद हैं—अपने प्राचीन साहित्य का अध्ययन और महान् व्यक्तियों से मस्तिष्क द्वारा सम्पर्क। ये दो वस्तुएँ मनुष्यों के मस्तिष्कों और हृदयों को बदल देती हैं।)

Question 9.
What are the three important qualities of a valuable life? [2018]
(सारयुक्त जीवन के तीन महत्त्वपूर्ण गुण कौन-कौन से हैं?)
Or
What constitutes the essence of good life ? [2017]
(जीवन का सार कौन-सी बात बनाती है?)
Answer :
The three important qualities of a valuable life are—Dama i.e. self-control, Dana i.e. charity and Daya i.e. compassion.
(सारयुक्त जीवन के तीन मुख्य गुण हैं—दम अर्थात् आत्म-नियन्त्रण, दान अर्थात् सहायता और दया अर्थात् सहानुभूति।)

Question 10.
What aims do people have in view generally when they talk about : education ?
(जब लोग शिक्षा के विषय में बात करते हैं, तब सामान्यत: उनके विचार से शिक्षा के क्या उद्देश्य होते हैं?)
Answer :
Generally the people have two aims of education in their view—
(i) to give the student knowledge of the world in which they live through science, history and geography,
(ii) to give them technical skill to earn their livelihood.
(साधारणत: लोगों के मन में शिक्षा के दो उद्देश्य होते हैं–
(i) विद्यार्थियों को विज्ञान, इतिहास तथा भूगोल के द्वारा उस संसार का ज्ञान देना जिसमें वे रहते हैं,
(ii) उन्हें तकनीकी कुशलता देना ताकि वे अपनी : आजीविका प्राप्त कर सकें।)

Question 11.
State the chief purpose of education. [2013, 18]
(शिक्षा का मुख्य उद्देश्य बताइए।)।
Answer :
The chief purpose of education is not merely to gain skill or to know more and more about the world but the chief purpose of education is the initiation into a higher life, initiation into a world which transcends the world of space and time.
(शिक्षा का मुख्य उद्देश्य केवल कार्य-निपुणता प्राप्त करना अथवा संसार की अधिक-से-अधिक जानकारी प्राप्त करना ही नहीं है बल्कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य उच्च जीवन को जानने का प्रयास करना है, उस संसार को जानने का प्रयास करना है जो स्थान और समय से कहीं ऊपर हो।)

Question 12.
What were the things women entitled to in ancient India ? [2018]
(वे कौन-कौन सी बातें थीं जिनका प्राचीन भारत में स्त्रियों को अधिकार था?)
Answer :
In ancient India women were entitled to study Vedas and to the chanting of Gayatri mantra.
(प्राचीन भारत में स्त्रियों को वेदों का अध्ययन करने तथा गायत्री मन्त्र का जप करने का अधिकार था।)

Question 13.
What is one of the signs of the decline of our civilization ?
(हमारी सभ्यता के पतन का एक चिह्न क्या है ?)
Answer :
Subjection of women is one of the signs of the decline of our civilization.
(स्त्रियों की पराधीनता हमारी सभ्यता के पतन का एक चिह्न है।)

Question 14.
Through whose efforts has a change been brought about in the condition of women after Independence ?
(स्वतन्त्रता के बाद स्त्रियों की दशा में परिवर्तन किसके प्रयासों से आया?)
Answer :
Through the efforts of Mahatma Gandhi, a change has been brought about in the condition of women after independence.
(स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद महात्मा गाँधी के प्रयासों से स्त्रियों की दशा में परिवर्तन आया है।)

Question 15.
Briefly describe the importance of the study of classics in shaping the personality of men and women in society.
(हमारे समाज में पुरुष और स्त्रियों के व्यक्तित्व को बनाने में प्राचीन ग्रन्थों के अध्ययन की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।)
Answer :
When we study our classics, we come in close contact of different characters and minds. There we find many examples which fill us with the feelings of considerateness, kindness and compassion which shape the personality of men and women in our society.
(जब हम अपने प्राचीन ग्रन्थों का अध्ययन करते हैं तब हम भिन्न-भिन्न चरित्रों एवं विद्वानों के सम्पर्क में आते हैं। वहाँ हमें बहुत से ऐसे उदाहरण मिलते हैं जो हमें दूसरों के प्रति विचारवान बनाते हैं तथा दया और सहानुभूति की भावनाओं से भर देते हैं जो हमारे समाज में स्त्री तथा पुरुषों के व्यक्तित्व को बनाती है।)

Question 16.
Why is education of women essential for a nation ?
(किसी राष्ट्र की स्त्रियों के लिए शिक्षा क्यों आवश्यक है?)
Answer :
The progress of nation depends upon its women also. So, the education of women is essential so that they may be broad minded and well disciplined.
(किसी राष्ट्र की उन्नति उसकी स्त्रियों पर भी निर्भर करती है। इसीलिए स्त्रियों की शिक्षा आवश्यक है ताकि वे विशाल मस्तिष्क वाली तथा अनुशासित हों।)

Question 17.
What was the great teaching that Lakshman’s mother gave him when he was going to the forest ? [2011, 18]
(लक्ष्मण की माता ने उसे क्या महान् शिक्षा दी जब वे जंगल को जा रहे थे ?)
Answer :
When Lakshman was going to the forest, his mother taught him, “Look upon, Ram as your father, look upon Sita as myself, look upon the forest as Ayodhya.” (जब लक्ष्मण वन को जाने लगे तब उनकी माता ने उन्हें सिखाया, “राम को अपने पिता के समान, सीता को अपनी माता के समान और वन को अयोध्या के समान समझना।)

Question 18.
What causes the decline of womanhood, according to S. Radhakrishnan? [2013,15]
(एस० राधाकृष्णन के अनुसार नारीत्व के पतन का क्या कारण है?)
Answer :
According to S. Radhakrishnan, subjection of women causes the decline of womanhood. (एस० राधाकृष्णन के अनुसार नारीत्व के पतन का कारण नारी की पराधीनता है।)

Vocabulary

Choose the most appropriate word or phrase that best completes the sentence:
1. Society requires women of disciplined minds and ……………… manners. [2017]
(a) controlled
(b) restrained
(c) good
(d) disciplined

2. Actually in our country, education, ……………… girl’s education is concerned, is not widespread enough.
(a) so far as
(b) as far as
(c) so long as
(d) as long as

3. But I am anxious that the kind of education that is imparted must not only be broad but should also be ……………… [2017]
(a) meaningful
(b) useful
(c) purposeful
(d) deep

4. So the purpose which you ……………… in your life must he adapted to the relevant needs of the present generation.
(a) accept
(b) recognise
(c) adapt
(d) adopt

5. I am anxious that our great classics should be studied, the classics of all countries of which we are the ………………
(a) master
(b) possessor
(c) upholders
(d) inheritors

6. There are ever so many ……………… stories in our classics which will in still into us great moral strength, which will lay down for us the lines on which we have to conduct ourselves.
(a) thrilling
(b) joyful
(c) inspiring
(d) moral

7. But our civilization became arrested and one of the main signs of that ……… of our civilization is the subjection of women.
(a) fall
(b) ruin
(c) set back
(d) decay

8. After Independence, through the exertions of ……………… a revolution has been effected in our country, and women are coming into their own.
(a) Mahatma Gandhi
(b) Vinoba Bhave
(c) Mother Teresa
(d) Jawaharlal Nehru

9. When you talk about education, you have several aims ………………
(a) openly
(b) in view
(c) internally
(d) out of tune

10. For some ……………… We neglected our women folk. [2017]
(a) years
(b) weeks
(c) decades
(d) centuries

11. If you do not have ……………… you are not human. [2017]
(a) power
(b) compassion
(c) glory
(d) money

12. You are living in an age when there are great ……………… for women in social work. [2017]
(a) profits
(b) problems
(c) opportunities
(d) dangers

13. The natural quality of women is ……………… [2018]
(a) indifference
(b) charm
(c) selfishness
(d) compassion

14. ……………… is the quality which is more characteristic of women than men. [2012, 18].
(a) Emotion
(b) Compassion
(c) Passion
(d) Impassioned

15. When you talk about education, you have ……………… aims in view. [2016]
(a) several
(b) plenty of
(c) so many
(d) a number of

16. We have heard that the chief ……………… of education is not merely the acquiring of skill or information but the initiation into a higher life. [2016]
(a) aim
(b) goal
(c) purpose
(d) principle

Answers :
1. (b), 2. (b), 3. (b), 4. (d), 5. (), 6. (a), 7. (d), 8. (a), 9. (b), 10. (d), 11. (b), 12. (c), 13. (d), 14. (b), 15. (a), 16. (c).

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The True Beauty Class 12 English Chapter 2 Question Answer UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 English Poetry Short Poems Chapter 2 The True Beauty are part of UP Board Solutions for Class 12 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 English Poetry Short Poems Chapter 2 The True Beauty.

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject English Poetry short Poems
Chapter Chapter 2
Chapter Name The True Beauty
Category UP Board Solutions

UP Board Class 12th English Short Poems Chapter 2 The True Beauty Questions and Answers

English Class 12 UP Board Chapter 2 Question Answer

कक्षा 12 अंग्रेजी पाठ 2 के प्रश्न उत्तर

About the Poet : Thomas Carew was born in 1595. He got his education at Corpus Christ College, Oxford etc. He won the favor of King Charles I and was appointed to an office at his court. He became popular for his love of poems and many graceful songs and lyrics. About the Poem: “The True Beauty” is one of the most famous lyrics. In this poem the poet glorifies spiritual beauty and condemns mere physical beauty. The language of the poem is very simple and figurative.

Central Idea                                                                                 [2009, 10, 11, 12, 13, 15, 16, 17, 18]
In this poem Thomas Carew makes the readers aware that the charm of physical beauty is short lived. So the love inspired by it also dies soon. True beauty lies in virtues, e.g. constant and stable mind, gentle thoughts and calm desires etc. The inspiration derived from this beauty is everlasting. So we should condemn physical beauty devoid of these virtues and should love the beauty of mind and soul.

है; जैसे—सदा समान एवं स्थिर रहने वाला मस्तिष्क, अच्छे विचार तथा शान्त इच्छाएँ। इस सुन्दरता से प्रेरित प्रेम स्थायी होता है। इसलिए हमें इन गुणों से रहित भौतिक सुन्दरता का बहिष्कार करना चाहिए और मन एवं आत्मा की सुन्दरता से प्यार करना चाहिए।)

EXPLANATIONS (With Meanings & Hindi Translation)
(1)
He that loves a rosy cheek
Or a coral lip admires,
Or from star-like eyes doth seek
Fuel to maintain his fires;
As old Time makes these decay,
So his flames must waste away. [2011,17]

[Word-meanings : rosy cheek = गुलाब जैसे गाल red cheeks like rose; coral lip = मँगे के समान लाल होंठ lips like coral; admires = प्रशंसा करता है praises; doth = करता है does; seek fuel = प्रेरणा खोजता है find inspiration; maintain = बनाए रखना to keep on; fire = प्रेम की भावना passion for love; old time = बुढ़ापा old age; decay = नष्ट करना to destroy; flames = प्रेम की इच्छा desire for love; waste away = समाप्त हो जाता है comes to an end.]

(कोई व्यक्ति उस स्त्री से प्यार करता हो जिसके गाल गुलाब जैसे लाल हों या वह उस स्त्री की प्रशंसा करता हो जिसके होंठ मूंगे के समान लाल हों या जिसकी आँखें सितारे के समान चमकीली हों और वह अपनी प्रेम की भावना को बनाए रखने के लिए इन सभी सुन्दरताओं में प्रेरणा पाता हो, किन्तु कवि कहता है कि उस स्त्री को बुढ़ापा आने पर ये सभी सुन्दरताएँ समाप्त हो जाएँगी और तब उस व्यक्ति के प्रेम की तीव्रता भी समाप्त हो जाएगी।)

Reference : These lines have been taken from the poem ‘The True Beauty’ composed by Thomas Carew.

[ N.B. : The above reference will be used for all the explanations of this poem. ]

Context : In these lines the poet describes the meaning of true beauty. He says that the I charms are not true beauty because they decay with the passing of time. But the spiritual beauty is the true beauty because it never dies.

Explanation : In this stanza the poet says that red cheeks like rose, red lips like coral and the bright shining eyes like star make a woman beautiful. But these physical charms are temporary. They die with the passage of time. These physical attractions supply fuel to the fires of love. But in the old age these attractions die away and the fire of love also dies. So a man should not be attracted by the physical beauty of a woman. But he should seek love in virtues of a woman.

(इस पद्यांश में कवि कहता है कि गुलाब के समान लाल गाल, मँगे के समान लाल होंठ और सितारों के समान चमकीली आँखें किसी स्त्री को सुन्दर बनाती हैं। किन्तु यह शारीरिक आकर्षण अस्थाई होते हैं। वे समय की गति के साथ नष्ट हो जाते हैं। ये शारीरिक आकर्षण प्रेम रूपी अग्नि को ईंधन प्रदान करते हैं। किन्तु वृद्धावस्था में यह आकर्षण समाप्त हो जाते हैं और प्रेम की अग्नि भी समाप्त हो जाती है। इसलिए मनुष्य को किसी स्त्री के शारीरिक सौन्दर्य की ओर आकर्षित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसके सद्गुणों से प्रेम करना चाहिए।)

Comments : The poet has glorified this stanza by using metaphor figure of speech in ‘rosy cheek’ and ‘coral lip’ and simile figure of speech in ‘star like eyes’.

(2)
But a smooth and steadfast mind,
Gentle thoughts, and calm desires,
Hearts with equal love combined
Kindle never-dying fires :
Where these are not, I despise,
Lovely cheeks or lips or eyes. [2009, 10, 12, 13, 15, 18]

[Word-meanings : smooth = लगातार समान रहने वाला constant; steadfast = दृढ़ firm; । gentle thoughts = 37089 791 Hofer honest and good ideas; calm = 911 7 free from agitation; kindle = जाग्रत करना awaken; never dying = स्थायी permanent; fires = प्रेम की तीव्र इच्छा intense desire of love; despise = घृणा करना hate; lovely = सुन्दर beautiful.]

(कवि कहता है कि जिस स्त्री का मन सरल एवं स्थिर होता है, जिसके विचार कोमल होते हैं और जिसकी इच्छाएँ शान्त एवं दोषरहित होती हैं और स्त्री एवं पुरुष को समान रूप से प्रेम करने वाले हृदय, यह सभी गुण मिलकर अमर प्रेम को जन्म देते हैं। जिस स्त्री में यह सभी गुण नहीं होते, मैं ऐसी स्त्री से घृणा करता हूँ चाहे शारीरिक सुन्दरता उसमें कितनी ही क्यों न हो।

Context : In these lines the poet describes the meaning of true beauty. He says that rosy cheeks, coral lips and star like eyes form physical beauty. But this beauty decays with the passage of time. So the love inspired by this beauty also dies soon.

Explanation : In this stanza the poet describes some of the qualities of a woman which make her really beautiful. She should have a constant and stable mind. She should have gentle thoughts and calm desires combined with love in the same degree. A lady with these qualities goes on inspiring her lover with renewed vigour. This love is everlasting. That is why the poet praises the beauty of mind and soul. Without these virtues physical beauty is useless.

(इस पद्यांश में कवि एक स्त्री के कुछ ऐसे गुणों का वर्णन करता है जो उसे वास्तव में सुन्दर बनाते हैं। उसका मस्तिष्क स्थिर तथा सदा समान रहने वाला होना चाहिए। उसके विचार अच्छे होने चाहिए तथा इच्छाएँ शान्त होनी चाहिए और इसी प्रकार उसमें इतना ही प्रेम मिश्रित होना चाहिए। इन गुणों वाली स्त्री अपने प्रेमी को नये उत्साह के साथ सदा प्रेरित करती रहती है। ऐसा प्रेम स्थायी होती है। यही कारण है कि कवि मस्तिष्क और आत्मा की सुन्दरता की प्रशंसा करता है। इन गुणों के बिना शारीरिक सुन्दरता व्यर्थ है।)

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UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming

UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming (रैखिक प्रोग्रामन) are part of UP Board Solutions for Class 12 Maths. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming (रैखिक प्रोग्रामन)

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Maths
Chapter Chapter 12
Chapter Name Linear Programming
Exercise Ex 12.1, Ex 12.2
Number of Questions Solved 21
Category UP Board Solutions

Learn the procedure to solve the linear programming of the given constraints. Our free handy linear programming calculator tool is designed to help people who want to escape from mathematical calculations.

UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming

प्रश्नावली 12.1

ग्राफीय विधि से निम्न रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं को हल कीजिए

प्रश्न 1.
निम्न अवरोधों के अन्तर्गत Z = 3x + 4y का अधिकतमीकरण कीजिए।
x + y ≤ 4, x≥0, y≥0
हल-
दिये हुए असमीक़रणों को समीकरणों में बदलने पर,
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 1
x + y = 4
x = 0, y = 0
अब हम उपरोक्त रेखाओं के आलेख खींचते हैं। संलग्न चित्र में सुसंगत क्षेत्र (छायांकित) OAB परिबद्ध है। सुसंगत क्षेत्र के कोनीय बिन्दु O(0,0), A(4,0), B(0, 4) हैं।
अब हम कोनीय बिन्दुओं पर उद्देशीय फलन Z का मान ज्ञात करते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 2
अत: B(0, 4) पर Z अधिकतम है और अधिकतम मान 16 है।

प्रश्न 2.
निम्न अवरोधों के अन्तर्गत Z = -3x + 4y का न्यूनतमीकरण कीजिए
x + 2y≤8
3x + 2y≤12
x≥0, y≥0
हल-
सर्वप्रथम हम रेखाओं x + 2y = 8 …(i)
3x + 2y = 12 …(ii)
x = 0 …(iii)
y = 0 …(iv)
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 3
का आलेख खींचते हैं।
स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र (छायांकित) OABC परिबद्ध है। सुसंगत क्षेत्र के कोनीय बिन्दु O(0, 0), A (4, 0), B(2,3) और C(0, 4) हैं।
अब हम कोनीय बिन्दुओं पर उद्देशीय फलन Z का मान ज्ञात करते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 4
अतः कोनीय बिन्दु A(4, 0) पर z का न्यूनतम मान = -12

प्रश्न 3.
निम्न अवरोधों के अन्तर्गत Z = 5x + 3y का अधिकतमीकरण कीजिए।
3x + 5y≤15;
5x + 2y≤10; x≥0, y≥0
हल-
सर्वप्रथम हम रेखओं
3x + 5y = 15 …(i)
5x + 2y = 10 …(ii)
x = 0, …(iii)
y = 0 …(iv)
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 5
का आलेख खींचते हैं।
स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र (छायांकित) OABC परिबद्ध है।
सुसंगत क्षेत्र के कोनीय बिन्दु
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 6

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प्रश्न 4.
निम्न अवरोधों के अन्तर्गत Z = 3x + 5y का न्यूनतमीकरण कीजिए
x + 3y≥3; x + y≥2 x, y≥0
हल-
सर्वप्रथम हम रेखाओं
x + 3y = 3 …(i)
x + y = 2 …(ii)
x = 0 …(iii),
y = 0 ..(iv)
का आलेख खींचते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 7
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 8
प्रश्न 5.
निम्न अवरोधों के अन्तर्गत Z = 3x + 2y का अधिकतमीकरण कीजिए
x + 2y≤10; 3x + y≤15; x, y≥0;
हल-
सर्वप्रथम निम्नलिखित रेखाओं
x + 2y = 10 …(i)
3x + y = 15 …(ii)
x = 0 …(iii)
y = 0 …(iv)
के आलेख खींचते हैं।
स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र OABC (छायांकित) परिबद्ध है।
जिसके कोनीय बिन्दु O(0, 0), A(5,0), B(4, 3), C(0, 5) हैं।
अब हम कोनीय बिन्दुओं पर Z का मान ज्ञात करते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 9
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 10
Z का अधिकतम मान कोनीय बिन्दु B (4, 3) पर है जोकि 18 है।

प्रश्न 6.
निम्न अवरोधों के अन्तर्गत Z = x + 2y का न्यूनतमीकरण कीजिए
2x + y≥3; x + 2y≥6; x, y≥0
दिखाइए कि z का न्यूनतम मान दो बिन्दुओं से अधिक बिन्दुओं पर घटित होता है।
हल-
सर्वप्रथम निम्नलिखित रेखाओं
2x + y = 3 …(i)
x + 2y = 6 …(ii)
x = 0, …(iii)
y = 0 …(iv)
के आलेख खींचते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 11
स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र (छायांकित) अपरिबद्ध है।
जिसके कोनीय बिन्दु A(6, 0), B(0, 3) हैं।
अब हम कोनीय बिन्दुओं पर Z का मान ज्ञात करते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 12
∴ बिन्दु A व B दोनों पर Z का न्यूनतम मान 6 है। अतः A व B को मिलाने वाली रेखा के प्रत्येक बिन्दु पर Z का मान न्यूनतम होगा।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित अवरोधों के अन्तर्गत Z = 5x + 10y का न्यूनतमीकरण तथा अधिकतमीकरण कीजिए
x + 2x≤120; x + y≥60; x – 2y≥0, x, y≥0
हल-
सर्वप्रथम हम निम्नलिखित रेखाओं
x + 2y = 120 …(i)
x + y = 60 …(ii)
x – 2y = 0 …(iii)
x = 0 …(iv)
y = 0 …(v)
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 13
के आलेख खींचते हैं। स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र (छायांकित) ADEC परिबद्ध है।
जिसके कोनीय बिन्दु हैं A (120, 0), D(60, 30), E(20, 40), C (60, 0)
कोनीय बिन्दुओं पर उद्देशीय फलन Z का मान ज्ञात करते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 14
अत: C (60, 0) पर Z का न्यूनतम मान 300 है और A(120, 0) और D(60, 30) पर Z का अधिकतम मान 600 है अर्थात् AD के प्रत्येक बिन्दु पर Z का अधिकतम मान 600 है।

प्रश्न 8.
निम्न अवरोधों के अन्तर्गत Z = x + 2y का न्यूनतमीकरण तथा अधिकतमीकरण कीजिए
x + 2y≥100; 2x – y≤0; 2x + y≤200; x, y≥0
हल-
सर्वप्रथम हम रेखाओं
x + 2y = 100 …(i)
2x – y = 0 …(ii)
2x + y = 200 …(iii)
x = 0, …(iv)
y = 0 …(v)
के आलेख खींचते हैं।
स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र (छायांकित) BCDE है जोकि परिबद्ध है।
जिसके कोनीय बिन्दु B(0, 50), C(0, 200), D(50, 100) और E(20, 40) हैं।
अब हम कोनीय बिन्दुओं पर Z का मान ज्ञात करते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 15
अतः बिन्दु (0, 200) पर अधिकतम मान 400 है।
तथा बिन्दु B 0, 50) व E (20,40) पर Z का न्यूनतम मान 100 है।
अर्थात् (0, 50) और (20,40) को मिलाने वाले रेखाखण्ड के प्रत्येक बिन्दु पर Z का न्यूनतम मान 100 है।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 16

प्रश्न 9.
निम्न अवरोधों के अन्तर्गत Z = -x + 2y का अधिकतमीकरण कीजिए
x≥3; x + y≥5;
x + 2y≥6; y≥0
हल-
सर्वप्रथम हम रेखाओं
x = 3 …(i)
x + y = 5 …(ii)
x + 2y = 6 …(iii)
y = 0 …(iv)
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 17
के आलेख खींचते हैं।
स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र (छायांकित) अपरिबद्ध है। जिसके कोनीय बिन्दु A (6,0), B (4, 1) और C(3, 2) हैं।
अब हम कोनीय बिन्दु पर Z का मान ज्ञात करते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 18
सारणी से स्पष्ट है कि Z का अधिकतम मान बिन्दु (3, 2) पर है। परन्तु चूंकि क्षेत्र अपरिबद्ध है अतः z का यह मान अधिकतम हो सकता हैं और नहीं भी।
यह ज्ञात करने के लिए असमिका -x + 2y >1…(v) का आलेख खींचते हैं। आलेख द्वारा प्राप्त खुले अर्द्धतल व सुसंगत क्षेत्र में उभयनिष्ठ बिन्दु हैं। अतः Z का कोई अधिकतम मान सम्भव नहीं है।

प्रश्न 10.
निम्न अवरोधों के अन्तर्गत Z = x + y का अधिकतमीकरण कीजिए।
x – y≤ -1; – x + y≤0; x, y≥0
हल-
सर्वप्रथम हम निम्नलिखित रेखाओं
x – y = 1 …(i)
-x + y = 0 …(ii)
x = 0…(iii),
y = 0 …(iv)
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 19
के आलेख खींचते हैं।
संलग्न चित्र से हम देखते हैं कि ऐसा कोई बिन्दु नहीं है जो । सभी अवरोधों को एक साथ सन्तुष्ट करे। अत: इस समस्या का कोई सुसंगत हल नहीं है।

प्रश्नावली 12.2

प्रश्न 1.
रश्मि दो प्रकार के भोज्य P और Q को इस प्रकार मिलाना चाहती है कि मिश्रण में विटामिन अवयवों में 8 मात्रक विटामिन A तथा 11 मात्रक विटामिन B हों। भोज्य P की लागत Rs 60/किग्रा और भोज्य Q की लागत Rs 80 किग्रा है। भोज्य P में 3 मात्रक/किग्रा विटामिन A और 5 मात्रक/kg विटामिन B है जबकि भोज्य Q में 4 मात्रक/किग्रा विटामिन A और 2 मात्रक/किग्रा विटामिन B है। मिश्रण की न्यूनतम लागत ज्ञात कीजिए।
हल-
माना मिश्रण में x किग्रा भोज्य P का और y किग्रा भोज्य B का है।
हम प्रदत्त आँकड़ों से निम्न सारणी बनाते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 20
क्योंकि विटामिन A की न्यूनतम आवश्यकता 8 मात्रक है।
3x + 4y≥8
इसी प्रकार, विटामिन B की आवश्यकता 11 मात्रक है।
5x + 2y≥11
जबकि
x≥20, y≥0
1 किग्रा भोज्य P का क्रय मूल्य = Rs 60
1 किग्रा भोज्य Q का क्रय मूल्य = Rs 80
x किग्रा भोज्य P और y किग्रा भोज्य Q की कुल लागत Z = 60x + 80y
अतः समस्या को गणितीय रूप में निम्नलिखित रूप से व्यक्त किया सकता हैनिम्न व्यवरोधों के अन्तर्गत 3x + 42≥8 …..(i)
5x + 2y≥11 …..(ii)
x ≥ 0, y ≥ 0 …..(iii)
Z = 60x + 80y का न्यूनतमीकरण कीजिए।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 21UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 22

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प्रश्न 2.
एक प्रकार के केक को 200 ग्राम आटा तथा 25 ग्राम वसा (Fat) की आवश्यकता होती है। तथा दूसरी प्रकार के केक के लिए 100 ग्राम आटा तथा 50 ग्राम वसा की आवश्यकता होती है। केकों की अधिकतम संख्या बताओं जो 5 किलो आटे तथा 1 किलो वसा से बना सकते हैं, यह मान लिया गया है कि केकों को बनाने के लिए अन्य पदार्थों की कमी नहीं रहेगी।
हल-
माना पहली प्रकार के केक x हैं और दूसरी प्रकार के केक y हैं।
दिये गये आँकड़ों से निम्न सारणी बनाते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 23
दी गई शर्तों के अनुसार, समस्या को इस प्रकार लिख सकते हैं
व्यवरोधों 200x + 100y ≤ 5000
अर्थात् 2x + y ≤ 50 …(i)
और 25x + 50y ≤ 1000
अर्थात् x + 2y ≤ 40 …(ii)
तथा x ≥ 0 …(iii) y ≥ 0 …(iv)
के अन्तर्गत Z = x + y का अधिकतम मान ज्ञात कीजिए।
उपरोक्त असमिकाओं की संगत समीकरणों की रेखाओं के आलेख खींचते हैं। चित्र से स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र OABC (परिबद्ध) है। जिसके कोनीय बिन्दु O(0, 0), A(25,0), B(20, 10) और C(0, 20) हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 24
अब हम कोनीय बिन्दुओं पर Z का मान ज्ञात करते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 25
चूंकि B(20, 10) पर Z अधिकतम है अर्थात् 20 केक एक प्रकार के और 10 केक दूसरी प्रकार के बनाने होंगे, केकों की अधिकतम संख्या = 30 है।

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प्रश्न 3.
एक कारखाने में टेनिस के रैकेट तथा क्रिकेट के बल्ले बनते हैं। एक टेनिस रैकेट बनाने के लिए 1.5 घण्टा यांत्रिक समय तथा 3 घण्टे शिल्पकार का समय लगता है। एक किक्रेट बल्ले को तैयार करने में 3 घण्टे यांत्रिक समय तथा 1 घण्टा शिल्पकार का समय लगता है। एक दिन में कारखाने में विभिन्न यंत्रों पर उपलब्ध यांत्रिक समय के 42 घण्टे और शिल्पकार समय के 24 घण्टे से अधिक नहीं हैं।
(i) रैकेटों और बल्लों को कितनी संख्या में बनाया जाए ताकि कारखाना पूरी क्षमता से कार्य करें?
(ii) यदि रैकेट और बल्ले पर लाभ क्रमशः ३ 20 तथा १ 10 हों, तो कारखाने का अधिकतम लाभ ज्ञात कीजिए यदि कारखाना पूरी क्षमता से कार्य करे।
हल-
(i) माना रैकेट बनाने की संख्या = x और बल्ले बनाने की संख्या = y
दिये गये आँकड़ों से निम्न सारणी बनाते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 26
इसलिए हम इस रैखिक प्रोग्रामन समस्या को इस प्रकार लिख सकते हैं
Z = x + y का अधिकतम मान निकालें।
जबकि 1.5x + 3y ≤ 42
अर्थात् x + 2y ≤ 28 …(i)
3x + y ≤ 24 …(ii)
x ≥ 0 …(iii)
y ≥ 0 …(iv)
उपरोक्त असमिकाओं के संगत समीकरणों में बदलकर आलेख खींचते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 27
चित्र से स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र OABC (छायांकित) परिबद्ध है। जिसके कोनीय बिन्दु O(0, 0), A(8, 0), B(4, 12), C(0, 14) हैं।
अब हम कोनीय बिन्दुओं पर Z का मान ज्ञात करते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 28
चूंकि B(4, 12) पर Z अधिकतम है।
इसलिए रैकेट की संख्या = 4; बल्लों की संख्या = 12

(ii) लाभ फलन P = 20x + 10y; लाभ अधिकतम है जब x = 4, y = 12
अधिकतम लाभ = 20 x 4 + 10 x 12 = 80 + 120 = Rs 200

प्रश्न 4.
एक निर्माणकर्ता नट और बोल्ट का निर्माण करता है। एक पैकेट नटों में निर्माण में मशीन A पर एक घण्टा और मशीन B पर 3 घण्टे काम करना पड़ता है, जबकि एक पैकेट बोल्ट के निर्माण में 3 घण्टे मशीन A पर और 1 घण्टा मशीन B पर काम करना पड़ता है। वह नटों से Rs 17.50 प्रति पैकेट और बोल्टों पर Rs 7.00 प्रति पैकेट लाभ कमाता है। यदि प्रतिदिन मशीनों का अधिकतम उपयोग 12 घण्टे किया जाए तो प्रत्येक (नट और बोल्ट) के कितने पैकेट उत्पादित किए जाएँ ताकि अधिकतम लाभ कमाया जा सके।
हल-
माना निर्माणकर्ता नट के x पैकेट तथा बोल्ट के y पैकेटों का निर्माण करता है।
तो निर्माणकर्ता को लाभ Z = Rs (17.5x + 7y)
अतः स्पष्ट है कि x≥0, y≥0
अब दिये गये आँकड़ों से निम्न सारणी बनाते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 29
अत: निम्न व्यवरोध प्राप्त होते हैं।
x + 3y ≤ 12 मशीन A के लिए
3x + y ≤ 12 मशीन B के लिए
अत: गणितीय समस्या का सूत्रीकरण निम्नलिखित है
Z = Rs (17.5x + 7y) का अधिकतमीकरण कीजिए जबकि निम्नलिखित व्यवरोध हैं।
x + 3y ≤ 12 …(i)
3x + y ≤ 12 …(ii)
x ≥ 0,y ≥ 0 …(iii)
असमिकाओं (i) से (iii) तक के आलेखों द्वारा निर्धारित सुसंगत क्षेत्र चित्र में दर्शाया गया है।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 30
स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र परिबद्ध है।
अब हम कोनीय बिन्दुओं (0, 0), (4,0), (3, 3) और (0, 4) पर Z का मान ज्ञात करते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 31
उपर्युक्त सारणी से स्पष्ट है कि बिन्दु (3, 3) पर Z का मान अधिकतम Rs 73.5 है।
अतः निर्माणकर्ता को 3 बोल्ट के पैकेट व 3 नटों के पैकेटों का निर्माण करना चाहिए ताकि अधिकतम लाभ Rs 73.5 हो।

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प्रश्न 5.
एक कारखाने में दो प्रकार के पेंच A और B बनते हैं। प्रत्येक के निर्माण में दो मशीनों के प्रयोग की आवश्यकता होती है, जिसमें एक स्वचालित और दूसरी हस्तचालित है। एक पैकेट पेंच के निर्माण में 4 मिनट स्वचालित और 6 मिनट हस्तचालित मशीन, तथा एक पैकेट पेंच B के निर्माण में 6 मिनट स्वचालित और 3 मिनट हस्तचालित मशीन का कार्य होता है। प्रत्येक मशीन किसी भी दिन के लिए अधिकतम 4 घण्टे काम के लिए उपलब्ध है। निर्माता पेंच A के प्रत्येक पैकेट पर 37 और पेंच B के प्रत्येक पैकेट पर Rs 10 का लाभ कमाता है। यह मानते हुए कि कारखाने में निर्मित सभी पेंचों के पैकेट बिक जाते हैं, ज्ञात कीजिए कि प्रतिदिन कितने पैकेट विभिन्न पेंचों के बनाए जाएँ जिससे लाभ अधिकतम हो तथा अधिकतम लाभ ज्ञात कीजिए।
हल-
माना पेंच A की संख्या = x और पेंच B की संख्या = y
तब प्रदत्त आँकड़ों से निम्नलिखित सारणी बनाते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 32
अतः दी गई समस्या का गणितीय निरूपण इस प्रकार है
Z = 7x+10y का अधिकतम मान ज्ञात कीजिए। जबकि
4x + 6y ≤ 240 ⇒ 2x + 3y ≤ 120 …(i)
6x +3y ≤ 240 ⇒ 2x + y ≤ 80 …(ii)
x ≥ 0 …(iii), y ≥ 0 …(iv)
उपरोक्त असमिकाओं के संगत समिकाओं के आलेख खींचते हैं।
चित्र से स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र OABCD (छायाँकित) परिबद्ध है।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 33
कोनीय बिन्दु हैं o(0, 0), A(40, 0), B (30, 20), C(0, 40)
अब कोनीय बिन्दुओं पर Z का मान ज्ञात करते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 34
अत: B(30, 20) पर लाभ अधिकतम है।
∴ पेंच A की संख्या = 30 और पेंच B की संख्या = 20
और अधिकतम लाभ = Rs 410

प्रश्न 6.
एक निर्माता कम्पनी पैडेस्टल लैंप और लकड़ी के शेड बनाती है। प्रत्येक के निर्माण में एक रगड़ने/काटने और एक स्प्रेयर की आवश्यकता पड़ती है। एक लैंप के निर्माण में 2 घण्टे रगड़ने/काटने और 3 घण्टे स्प्रेयर की आवश्यकता होती है, जबकि एक शेड के निर्माण में 1 घण्टा रगड़ने/काटने और 2 घण्टे स्प्रेयर की आवश्यकता होती है। स्प्रेयर की मशीन प्रतिदिन अधिकतम 20 घण्टे और रगड़ने/काटने की मशीन प्रतिदिन अधिकतम 12 घण्टे के लिए उपलब्ध है। एक लैंप की बिक्री पर Rs 5 और एक शेड की बिक्री पर Rs 3 का लाभ होता है। यह मानते हुए कि सभी निर्मित लैंप और शेड बिक जाते हैं, तो बताइए वह निर्माण की प्रतिदिन कैसी योजना बनाए कि लाभ अधिकतम हो?
हल-
माना पैडेस्टेल लैंप की संख्या = x और लकड़ी के शेड की संख्या = y
दिये गये आँकड़ों से निम्न सारणी बनाते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 35
दी गई रैखिक प्रोग्रामन समस्या का गणितीय निरूपण इस प्रकार है–
Z = 5 + 3y का अधिकतम मान निकालिए—
जबकि 2x + y ≤ 12 …(i)
3x + 2y ≤ 20 …(ii)
x ≥ 0 …(iii)
y ≥ 0 …(iv)
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 36
उपरोक्त असमिकाओं के संगत समिकाओं का आलेख खींचते हैं। चित्र से स्पष्ट है कि संगत क्षेत्र OABC , (छायांकित)परिबद्ध है जिसके कोनीय बिन्दु O(0, 0), A(6, 0),B(4, 4), C(10, 10) हैं।
अब हम इन कोनीय बिन्दुओं पर Z का मान ज्ञात करते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 37
अत: B(4, 4) पर Z = 32 अधिकतम है।
इसलिए पैडेस्टेल लैंप की संख्या = 4, लकड़ी के शेड की संख्या = 4

प्रश्न 7.
एक कम्पनी प्लाईवुड के अनूठे स्मृति चिह्न का निर्माण करती है। A प्रकार के प्रति स्मृति चिह्न के निर्माण में 5 मिनट काटने और 10 मिनट जोड़ने में लगते हैं। B प्रकार के प्रति स्मृति चिह्न के लिए 8 मिनट काटने और 8 मिनट जोड़ने में लगते हैं। दिया गया है कि काटने के कुल समय 3 घण्टे 20 मिनट तथा जोड़ने के लिए 4 घण्टे उपलब्ध हैं। प्रत्येक A प्रकार के स्मृति चिह्न पर Rs 5 और प्रत्येक B प्रकार के स्मृति चिह्न पर Rs 6 का लाभ होना है। ज्ञात कीजिए कि लाभ के अधिकतमीकरण के लिए प्रत्येक प्रकार के कितने-कितने स्मृति चिह्नों का कम्पनी द्वारा निर्माण होना चाहिए?
हल-
माना A प्रकार के स्मृति चिह्न = x और B प्रकार के स्मृति चिह्न = y
दिये गये आँकड़ों से निम्नलिखित सारणी बनाते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 38
अतः उपरोक्त रैखिक प्रोग्रामन समस्या का गणितीय निरूपण इस प्रकार होगा–
Z = 5x + 6y का अधिकतम मान निकालिए।
जबकि 5x + 8y ≤ 200 …(i)
10x + 8y ≤ 240
5x + 43 ≤ 120 …(ii)
x ≥ 0 …(iii), y ≥ 0 …(iv)
उपरोक्त असमिकाओं के संगत समिकाओं के आलेख खींचते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 39
चित्र से स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र (छायांकित) OABC परिबद्ध है।
कोनीय बिन्दु O(0, 0), A(24, 0), B(8, 20), C(0, 25) हैं।
इन कोनीय बिन्दुओं पर Z का मान ज्ञात करते हैं—
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 40
अत: Z का अधिकतम मान 160 बिन्दु B(8, 20) पर है।
∴अधिकतम लाभ के लिए टाइप 3 के स्मृति चिह्न = 8 और B टाइप के = 20

प्रश्न 8.
एक सौदागर दो प्रकार के निजी कम्प्यूटर एक डेस्कटॉप नमूना और दूसरा पोर्टेबल नमूना, जिनकी कीमतें क्रमशः Rs 25000 और Rs 40000 होगी, बेचने की योजना बनाता है। वह अनुमान लगाता है कि कम्प्यूटरों की कुल मासिक माँग 250 नगों से अधिक नहीं होगी। प्रत्येक प्रकार के कम्प्यूटरों के नगों की संख्या ज्ञात कीजिए जिसे सौदागर अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए संग्रह करें यदि उसके पास निवेश के लिए 70 लाख से अधिक नहीं है और डेस्कटॉप नमूने पर उसका लाभ Rs 4500 और पोर्टेबल नमूने पर Rs 5000 लाभ हो।
हल-
माना डेस्कटॉप नमूना कम्प्यूटर की संख्या = x
और पोर्टेबल नमूना कम्प्यूटर की संख्या = y
एक कम्प्यूटर पर लागत और लाभ निम्नलिखित है
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 42
अतः उपरोक्त रैखिक प्रोग्रामन समस्या का गणितीय निरूपण इस प्रकार होगा—
Z = 4500x + 5000y का अधिकतम मान निकालिए।
जबकि x + y ≤250 …(i)
25000x + 40000y ≤7000000
5x + 8y ≤ 1400 …(ii)
x > 0 …(iii)
y > 0 …(iv)
उपरोक्त असमिकाओं के संगत समिकाओं के आलेख खींचते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 43
स्पष्ट है कि सुसंगत क्षेत्र (छायांकित) OABC परिबद्ध है।
जिसके कोनीय बिन्दु O(0, 0), A(250, 0), B(200, 50), C(0, 175) हैं।
अब हम Z का इन कोनीय बिन्दुओं पर मान ज्ञात करते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 44
अत: B(200, 50) पर Z अधिकतम है, इसलिए अधिकतम लाभ के लिए डेस्कटॉप कम्प्यूटर 200 और पोर्टेबल कम्प्यूटर 50 होंगे।

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प्रश्न 9.
एक भोज्य पदार्थ में कम से कम 80 मात्रक विटामिन A और 100 मात्रक खनिज होना चाहिए। दो प्रकार के भोज्य F1 और F2 उपलब्ध हैं। भोज्य F1 की लागत Rs 4 प्रति मात्रक और F2 की लागत Rs 6 प्रति मात्रक है। भोज्य F1 की एक इकाई में कम-से-कम 3 मात्रक विटामिन A और 4 मात्रक खनिज हैं। F2 की प्रति इकाई में कम-से-कम 6 मात्रक विटामिन A और 3 मात्रक खनिज हैं। इसको एक रैखिक प्रोग्रामन समस्या के रूप में सूत्रबद्ध कीजिए। उस आहार का न्यूनतम मूल्य ज्ञात कीजिए जिसमें इन दो भोज्यों का मिश्रण है और उसमें न्यूनतम पोषक तत्त्व है।
हल-
माना भोज्य पदार्थ में भोज्य F1 की x इकाई तथा भोज्य F2 की y इकाई का मिश्रण होता है।
तब रैखिक प्रोग्रामन समस्या का गणितीय रूप होगा
Z = 4x + 6y (लागत फलन)
जबकि 3x +6y ≥ 80 (विटामिन A व्यवरोध)
4x + 3y ≥ 100 (विटामिन B व्यवरोध)
x, y ≥ 0 (ऋणेत्तर व्यवरोध)
उपरोक्त असमिकाओं के संगत समिकाओं के आलेख खींचते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 45
हम 4x + 6y < 104 अर्थात् 2x + 3y < 52 का आलेख खींचते हैं।
हम देखते हैं कि 2x + 3y < 52 द्वारा निरूपित खुले अर्द्धतल और सुसंगत क्षेत्र का कोई उभयनिष्ठ हल नहीं है।
अतः Z का न्यूनतम मान 104 है।

प्रश्न 10.
दो प्रकार के उर्वरक F1 अं F2 हैं। F1 में 10% नाइट्रोजन तथा 6% फॉस्फोरिक अम्ल है तथा F2में 5% नाइट्रोजन तथा 10% फॉस्फोरिक अम्ल है। मिट्टी की स्थितियों का परीक्षण करने के पश्चात् एक किसान पाता है कि उसे अपनी फसल के लिए 14 किग्रा नाइट्रोजन और 14 किग्रा फॉस्फोरिक अम्ल की आवश्यकता है। यदि F1 की कीमत Rs 6 /किग्रा और F2 की कीमत Rs 5/किग्रा है, प्रत्येक प्रकार का कितना उर्वरक उपयोग के लिए चाहिए ताकि न्यूनतम मूल्य पर वाँछित पोषक तत्त्व मिल सके। न्यूनतम लागत क्या है?
हल-
माना उर्वरक F1 = x किग्रा और उर्वरक F2 = y किग्रा
दिये गये आँकड़ों से निम्नलिखित सारणी बनाते हैं
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 46
इस रैखिक प्रोग्रामन समस्या का गणितीय रूप इस प्रकार होगा ।
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 47
UP Board Solutions for Class 12 Maths Chapter 12 Linear Programming image 48
B(100, 80) पर न्यूनतम लागत Rs 1000 हे।
क्योकि सुसंगत क्षेत्र अपरिबद्ध है इसीलिए Z का न्यूनतम मान 1000 हो सकता है या नहीं भी हो सकता।
इसलिए हम असमिका 6x + 5y < 1000 का आलेख खींचते हैं।
क्योंकि इस असमिका द्वारा निरूपित खुले अर्द्धतल और सुसंगत क्षेत्र में कोई भी बिन्दु उभयनिष्ठ नहीं है।
इसलिए Z का न्यूनतम मान = Rs 1000
जबकि उर्वरक F1 , 100 किग्रा तथा उर्वरक F2 , 80 किग्रा मिलाया जाता है।

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UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 2 Market

UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 2 Market (बाजार) are part of UP Board Solutions for Class 12 Economics. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 2 Market (बाजार).

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Economics
Chapter Chapter 2
Chapter Name Market (बाजार)
Number of Questions Solved 50
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 2 Market (बाजार)

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (6 अंक)

प्रश्न 1
बाजार की परिभाषा दीजिए। विभिन्न प्रकार के बाजारों के लक्षणों की व्याख्या कीजिए।
या
बाजार को परिभाषित कीजिए। बाजार के मुख्य तत्त्व अथवा विशेषताएँ क्या हैं? बाजार में एक ही वस्तु की कीमत कैसे निर्धारित होती है?
उत्तर:
बाजार का अर्थ तथा परिभाषाएँ
साधारण बोलचाल की भाषा में बाजार शब्द से अभिप्राय किसी ऐसे स्थान विशेष से है जहाँ किसी वस्तु या वस्तुओं के क्रेता व विक्रेता एकत्र होते हैं तथा वस्तुओं का क्रय-विक्रय करते हैं, परन्तु अर्थशास्त्र में बाजार शब्द का अर्थ इससे भिन्न है। अर्थशास्त्र के अन्तर्गत बाजार शब्द से अभिप्राय उस समस्त क्षेत्र से है जहाँ तक किसी वस्तु के क्रेता व विक्रेता फैले होते हैं तथा उनमें स्वतन्त्र प्रतियोगिता होती है, जिसके कारण वस्तु के मूल्यों में एकरूपता की प्रवृत्ति पायी जाती है।

विभिन्न अर्थशास्त्रियों के द्वारा बाजार की परिभाषाएँ निम्नवत् दी गयी हैं
एली के अनुसार, “हम बाजार को अर्थ साधारण क्षेत्र से लगाते हैं जिसके अन्तर्गत किसी वस्तु-विशेष पर मूल्य निर्धारित करने वाली शक्तियाँ सक्रिय होती हैं।”
कूर्गों के शब्दों में, “अर्थशास्त्री ‘बाजार’ शब्द का अर्थ किसी ऐसे विशिष्ट स्थान से नहीं लगाते हैं जहाँ पर वस्तुओं का क्रय-विक्रय होता है, बल्कि उस समस्त क्षेत्र से लगाते हैं जिसमें क्रेताओं और विक्रेताओं के मध्य आपस में इस प्रकार का सम्पर्क हो कि किसी वस्तु का मूल्य सरलता एवं शीघ्रता से समान हो जाये।”
प्रो० जेवेन्स के अनुसार, “बाजार शब्द का अर्थ व्यक्तियों के किसी भी ऐसे समूह के लिए होता है जिसमें आपस में व्यापारिक सम्बन्ध हों तथा जो किसी वस्तु का विस्तृत सौदा करते हों।”
प्रो० चैपमैन – “बाजार शब्द आवश्यक रूप से स्थान का बोध नहीं करता, बल्कि वस्तु अथवा वस्तुओं तथा क्रेताओं एवं विक्रेताओं का ज्ञान कराता है, जिसमें पारस्परिक प्रतिस्पर्धा होती है।”
प्रो० बेन्हम – “बाजार वह क्षेत्र होता है, जिमसें क्रेता और विक्रेता एक-दूसरे के इतने निकट सम्पर्क में होते हैं कि एक भाग में प्रचलित कीमतों का प्रभाव दूसरे भाग में प्रचलित कीमतों पर पड़ता रहता है।’
स्टोनियर एवं हेग – “अर्थशास्त्री बाजार का अर्थ एक ऐसे संगठन से लेते हैं, जिसमें किसी वस्तु के क्रेता तथा विक्रेता एक-दूसरे के निकट सम्पर्क में रहते हैं।”
प्रो० जे० के० मेहता – “बाजार एक स्थिति को बताता है, जिसमें एक ऐसी वस्तु की माँग एक ऐसे स्थान पर का जाती है, जहाँ उसे विक्रय के लिए प्रस्तुत किया जाता है।”

बाजार के मुख्य तत्व (लक्षण/विशेषताएँ)
उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर बाजार में पाँच तत्त्वों का समावेश किया जाता है

1. एक क्षेत्र – बाजार से अर्थ उसे समस्त क्षेत्र से होता है जिसमें क्रेता व विक्रेता फैले रहते हैं तथा क्रय-विक्रय करते हैं।

2. एक वस्तु का होना – बाजार के लिए एक वस्तु का होना भी आवश्यक है। अर्थशास्त्र में प्रत्येक वस्तु का बाजार अलग-अलग माना जाता है; जैसे–कपड़ा बाजार, नमक बाजार, सर्राफा बाजार, किराना बाजार, घी बाजार। अर्थशास्त्र में बाजार की संख्या वस्तुओं के प्रकार तथा किस्मों पर निर्भर करती है।

3. क्रेताओं व विक्रेताओं का होना – विनिमय के कारण बाजार की आवश्यकता होती है। अतः बाजार में विनिमय के दोनों पक्षों (क्रेता व विक्रेता) का होना आवश्यक है। किसी एक भी पक्ष के न होने पर बाजार नहीं होगा।

4. स्वतन्त्र व पूर्ण प्रतियोगिता – बाजार में क्रेता और विक्रेताओं में स्वतन्त्र व पूर्ण प्रतियोगिता होनी चाहिए जिससे कि वस्तु की कीमत सम्पूर्ण बाजार में एकसमान बनी रह सके।

5. एक कीमत – बाजार की एक आवश्यक विशेषता यह भी है कि बाजार में किसी वस्तु की एक समय में एक ही कीमत हो। यदि कोई व्यापारी किसी वस्तु की एक ही समय में भिन्न-भिन्न कीमतें माँगता है तो क्रेता उससे माल नहीं खरीदेंगे। अत: बाजार में वस्तु की कीमत की प्रवृत्ति समान होने की होती है।

6. बाजार को पूर्ण ज्ञान – वस्तु का एक ही मूल्य हो, इसके लिए क्रेता-विक्रेता दोनों को ही बाजार का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। बाजार का अपूर्ण ज्ञान होने के कारण उनको वस्तुएँ उचित मूल्य पर प्राप्त होने में कठिनाई होती है।
उपर्युक्त विशेषताओं के आधार पर बाजार को इस प्रकार भी परिभाषित किया जा सकता है-“अर्थशास्त्र में बाजार का आशय किसी वस्तु के क्रेताओं एवं विक्रेताओं के ऐसे समूह से होता है, जिनमें स्वतन्त्र पूर्ण प्रतियोगिता हो तथा जिसके फलस्वरूप उस वस्तु की बाजार में एक ही कीमत हो।”

प्रश्न 2
बाजार की परिभाषा दीजिए। बाजार के वर्गीकरण की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।
या
बाजार को परिभाषित कीजिए। समय के आधार पर बाजार के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए। [2006, 08, 10, 11, 12]
उत्तर:
[ संकेत बाजार की परिभाषा के लिए विस्तृत उत्तरीय प्रश्न 1 के उत्तर को देखिए।]
बाजार का वर्गीकरण
अर्थशास्त्र में बाजार का वर्गीकरण निम्नलिखित दृष्टिकोणों से किया जाता है
(क) क्षेत्र की दृष्टि से,
(ख) समय की दृष्टि से,
(ग) बिक्री की दृष्टि से,
(घ) प्रतियोगिता की दृष्टि से,
(ङ) वैधानिकता की दृष्टि से।

(क) क्षेत्र की दृष्टि से
क्षेत्र की दृष्टि से बाजार के वर्गीकरण का आधार यह होता है कि वस्तु-विशेष के क्रेता व विक्रेता । कितने क्षेत्र में फैले हुए हैं। इस दृष्टिकोण से बाजार चार प्रकार का होता है

1. स्थानीय बाजार – जब किसी वस्तु की माँग स्थानीय होती है अथवा उसके क्रेता और विक्रेता किसी स्थान-विशेष तक ही सीमित होते हैं, तब उस वस्तु का बाजार स्थानीय होता है। प्रायः भारी एवं कम मूल्य वाली वस्तुओं तथा शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं का बाजार स्थानीय होता है; जैसे-ईंट, दूध, गोश्त, सब्जी आदि का बाजार स्थानीय होता है। परिवहन के विकास एवं वस्तुओं को सुरक्षित रखने के साधनों के विकास के कारण अब स्थानीय बाजार वाली वस्तुओं का बाजार धीरे-धीरे विकसित होकर प्रादेशिक बाजार का स्थान लेता जा रहा है।

2. प्रादेशिक बाजार – जब वस्तु के क्रेता और विक्रेता केवल एक ही प्रदेश तक सीमित हों तब ऐसा बाजार प्रादेशिक होता है। उदाहरण के लिए हमारे देश में राजस्थानी पगड़ी तथा लाख की चूड़ियाँ केवल राजस्थान में ही प्रयोग में लायी जाती हैं, अन्य राज्यों में नहीं। अत: इन वस्तुओं का बाजार प्रादेशिक कहा जाएगा।

3. राष्ट्रीय बाजार – जब किसी वस्तु का क्रय-विक्रय केवल उस राष्ट्र तक ही सीमित हो, जिस राष्ट्र में वह वस्तु उत्पन्न की जाती है तब वस्तु का बाजार राष्ट्रीय होगा। गांधी टोपी, जवाहरकट धोतियाँ आदि कुछ ऐसी वस्तुएँ हैं जिनका क्रय-विक्रय केवल भारत तक ही सीमित है; अत: इन वस्तुओं का बाजार राष्ट्रीय बाजार कहा जाता है।

4. अन्तर्राष्ट्रीय बाजार – जब किसी वस्तु के क्रेता-विक्रेता विश्व के विभिन्न राष्टों से वस्तुओं का क्रय-विक्रय करते हैं या जब किसी वस्तु की माँग देश व विदेश में हो तो उस वस्तु का बाजार अन्तर्राष्ट्रीय होता है; जैसे – सोना, चाँदी, चाय, गेहूं आदि वस्तुओं के बाजार अन्तर्राष्ट्रीय हैं।

(ख) समय की दृष्टि से
प्रो० मार्शल ने समय के अनुसार बाजार को चार वर्गों में विभाजित किया है

1. अति-अल्पकालीन बाजार या दैनिक बाजार – जब किसी वस्तु की माँग बढ़ने से उसका लेशमात्र भी सम्भरण (पूर्ति) बढ़ाने का समय नहीं मिलता, तब ऐसे बाजार को अति-अल्पकालीन बाजार कहते हैं अर्थात् पूर्ति की मात्रा केवल भण्डार तक ही सीमित होती है। इसे दैनिक बाजार भी कहते हैं। शीघ्र नष्ट हो जाने वाली वस्तुओं – दूध, सब्जी, मछली, बर्फ आदिका बाजार अति-अल्पकालीन होता है।

2. अल्पकालीन बाजार – अल्पकालीन बाजार में माँग और पूर्ति के सन्तुलन के लिए कुछ समय मिलता है, किन्तु यह पर्याप्त नहीं होता। पूर्ति में माँग के अनुसार कुछ सीमा तक घट-बढ़ की जा सकती है, किन्तु यह पर्याप्त नहीं होती। यद्यपि पूर्ति का मूल्य-निर्धारण में प्रभाव अति अल्पकालीन बाजार की अपेक्षा अधिक होता है, किन्तु फिर भी माँग की अपेक्षा कम ही रहता है।

3. दीर्घकालीन बाजार – जब किसी वस्तु का बाजार कई वर्षों के लम्बे समय के लिए होता है, तो उसे दीर्घकालीन बाजार कहते हैं। दीर्घकालीन बाजार में वस्तु की माँग में होने वाली वृद्धि इतने समय तक रहती है कि पूर्ति को बढ़ाकर माँग के बराबर करना सम्भव होता है। इस प्रकार के बाजार में माँग और पूर्ति का पूर्ण साम्य स्थापित किया जा सकता है। दीर्घकालीन बाजार में मूल्य-निर्धारण पर माँग की अपेक्षा पूर्ति का अधिक प्रभाव पड़ता है और वस्तु का मूल्य उसके उत्पादन व्यय के बराबर होता है।

4. अति-दीर्घकालीन बाजार – अति-दीर्घकालीन बाजार में उत्पादकों को पूर्ति बढ़ाने के लिए इतना लम्बा समय मिल जाता है कि उत्पादन विधि तथा व्यवसांय की आन्तरिक व्यवस्था में क्रान्तिकारी परिवर्तन किये जा सकते हैं। ऐसे बाजार में पूर्ति को स्थायी रूप से माँग के बराबर किया जा सकता है। इस बाजार में समय की अवधि इतनी अधिक होती है कि उत्पादक उपभोक्ता के स्वभाव, रुचि, फैशन आदि के अनुरूप उत्पादन कर सकता है। इसके लिए नये-नये उद्योग स्थापित किये जा सकते हैं तथा उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।

(ग) बिक्री अथवा कार्यों की दृष्टि से
बिक्री की दृष्टि से या कार्यों के आधार पर बाजार का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार किया गया है।

1. सामान्य अथवा मिश्रित बाजा र- मिश्रित बाजार उस बाजार को कहते हैं जिसमें अनेक एवं विविध प्रकार की वस्तुओं का क्रय-विक्रय होता है। यहाँ क्रेताओं को प्रायः आवश्यकता की सभी वस्तुएँ उपलब्ध हो जाती हैं।

2. विशिष्ट बाजार –
विशिष्ट बाजार वे बाजार होते हैं जहाँ किसी वस्तु-विशेष का क्रय-विक्रय होता है; जैसे–सर्राफा बाजार, बाजार बजाजा, दालमण्डी, गुड़मण्डी आदि। इस प्रकार के बाजार प्रायः बड़े-बड़े नगरों में पाये जाते हैं।

3. नमूने द्वारा बिक्री का बाजार –
ऐसे बाजार में विक्रेता को अपना सम्पूर्ण माल नहीं ले जाना पड़ता है, वह माल को देखकर सौदा तय करते हैं तथा सौदा तय होने पर माल गोदामों से भिजवा देते हैं। इससे बाजारों का विस्तार होता है। क्रेता अपने घर बैठे ही नमूना देखकर तथा उसमें चुनाव करके, बहुत-सा सामान मँगा लेता है।

4. ग्रेड द्वारा बिक्री का बाजार – इस प्रकार के बाजार में वस्तुओं की बिक्री उनके विशेष नाम अथवा ग्रेड द्वारा होती है। विक्रेता को न तो वस्तुओं के नमूने दिखाने पड़ते हैं और न ही क्रेता को कुछ बताना पड़ता है। उदाहरण के लिए-गेहूँ R. R. 21, K-68, फिलिप्स रेडियो, हमाम साबुन आदि।

5. निरीक्षण बाजार- जहाँ वस्तुओं का निरीक्षण करके क्रय किया जाता है उसे निरीक्षण द्वारा बिक्री का बाजार कहते हैं; जैसे-गाय, बैल, भेड़, बकरी, घोड़े आदि का बाजार।

6. ट्रेडमार्का बिक्री बाजार – बिक्री की सुविधा के लिए बहुत-से व्यापारियों के माल व्यापार-चिह्न के आधार पर बिक्री होते हैं; जैसे-बिरला सीमेण्ट, उषा मशीन, लिरिल साबुन, मदन कैंची आदि। जब ट्रेडमार्क द्वारा वस्तु की बिक्री की जाती है तो इसे ट्रेडमार्का बाजार कहते हैं।

(घ) प्रतियोगिता की दृष्टि से
प्रतियोगिता के आधार पर बाजार निम्नलिखित प्रकार के होते हैं

1. पूर्ण बाजार – पूर्ण बाजार उस बाजार को कहते हैं जिसमें पूर्ण प्रतियोगिता पायी जाती है। इस स्थिति में क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या अधिक होती है, कोई भी व्यक्तिगत रूप से वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता। क्रेता और विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है, जिसके कारण वस्तु की बाजार में एक ही कीमत होने की प्रवृत्ति पायी जाती है। यदि किसी स्थान पर मूल्य में भिन्नता होती है तो दूसरे स्थान से वहाँ तुरन्त माल आ जाता है और सबै स्थानों पर मूल्य समान हो जाता है।

2. अपूर्ण बाजार – जब किसी बाजार में प्रतियोगिता सीमित मात्रा में पायी जाती है, क्रेताओं और विक्रेताओं को बाजार को पूर्ण ज्ञान नहीं होता है, तब उसे अपूर्ण बाजार कहते हैं। इस बाजार में अपूर्ण प्रतियोगिता पायी जाती है, जिसके परिणामस्वरूप बाजार-कीमत में भिन्नता होती है।

3. एकाधिकार – एकाधिकार बाजार में प्रतियोगिता का अभाव होता है। बाजार में वस्तु का क्रेता या विक्रेता केवल एक ही होता है। एकाधिकारी का वस्तु की कीमत तथा पूर्ति पर पूर्ण नियन्त्रण होता है। एकाधिकारी बाजार में वस्तु की भिन्न-भिन्न कीमतें निश्चित कर सकता है।

(ङ) वैधानिकता की दृष्टि से
वैधानिक दृष्टि से बाजार निम्नलिखित प्रकार के होते हैं

1. अधिकृत या उचित बाजार – अधिकृत बाजार में सरकार द्वारा अधिकृत दुकानें होती हैं तथा वस्तुओं का क्रय-विक्रय नियन्त्रित मूल्यों पर होता है। युद्धकाल अथवा महँगाई के समय में वस्तुओं की कीमतें अधिक हो जाती हैं। ऐसी दशा में सरकार आवश्यक वस्तुओं का मूल्य नियन्त्रित कर देती है। और उनके उचित वितरण की व्यवस्था करती है।

2. चोर बाजार – युद्धकाल अथवा महँगाई के समय में, वस्तुओं की कमी एवं अन्य कारणों से वस्तुओं के मूल्य बढ़ जाते हैं। तब सरकार वस्तुओं के मूल्य नियन्त्रित कर उनके वितरण की व्यवस्था करती है। कुछ दुकानदार चोरी से सरकार द्वारा निश्चित मूल्य से अधिक मूल्य पर वस्तुएँ बेचते रहते हैं। अधिकांशतः ऐसा कार्य अनधिकृत दुकानदार ही करते हैं। ये बाजार अवैध होते हैं।

3. खुला बाजार – जब बाजार में वस्तुओं के मूल्य पर सरकार द्वारा कोई नियन्त्रण नहीं होता है। तथा क्रेताओं और विक्रेताओं की परस्पर प्रतियोगिता के आधार पर वस्तुओं का मूल्य-निर्धारण होता है, तब इस प्रकार के बाजार को खुला या स्वतन्त्र बाजार कहते हैं।

प्रश्न 3
वस्तु बाजार को विस्तृत करने वाले तत्त्वों (कारकों) का वर्णन कीजिए। [2016]
या
बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले तत्त्वों (कारकों) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले तत्त्व (कारक)
वस्तु के बाजार का विस्तार निम्नलिखित दो बातों पर निर्भर करता है
(अ) वस्तु के गुण तथा
(ब) देश की आन्तरिक दशाएँ।

(अ) वस्तु के गुण
किसी वस्तु के गुण उस वस्तु के बाजार-विस्तार को निम्नवत् प्रभावित करते हैं

1. वस्तु की विस्तृत माँग – किसी वस्तु के बाजार का विस्तृत अथवा संकुचित होना उस वस्तु की माँग पर निर्भर करता है। जिस वस्तु की माँग जितनी अधिक विस्तृत होती है उस वस्तु का बाजार उतना ही विस्तृत होता है। उदाहरण के लिए-गेहूँ, सोना, चाँदी आदि वस्तुओं की माँग विश्वव्यापी होने से इनका बाजार अन्तर्राष्ट्रीय है।

2. वस्तु की पर्याप्त पूर्ति – वस्तु के बाजार-विस्तार के लिए वस्तु की पूर्ति माँग के अनुरूप होनी आवश्यक है। यदि किसी वस्तु की माँग अधिक है और पूर्ति कम है तब वस्तु का बाजार विस्तृत नहीं हो सकेगा। इसलिए वस्तु की पर्याप्त पूर्ति बाजार के विस्तार को प्रभावित करती है।

3. वस्तु का टिकाऊपन – टिकाऊ वस्तुओं का बाजार क्षेत्र विस्तृत होता है। इसके विपरीत शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं का बाजार संकुचित होता है। उदाहरणार्थ-सोना वे चॉदी का बाजार दूध व सब्जी के बाजार से अधिक विस्तृत होती है।

4. वहनीयता – जिन वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सरलतापूर्वक ले जाया जा सकता है, उनका बाजार विस्तृत होता है। जिन वस्तुओं का मूल्य अधिक होता है परन्तु भार एवं तौल में बहुत कम होती हैं, उनका बाजार विस्तृत होता है। ऐसी वस्तुओं को लाने में ले जाने का यातायात व्यय कम होता है।

5. वस्तु को ग्रेड या नमूनों में बाँटने की सुविधा – जिन वस्तुओं का उनके गुणों के आधार पर विभिन्न प्रकारों व ग्रेडों में वर्गीकरण किया जा सकता है, उन वस्तुओं का बाजार विस्तृत हो जाता है। इस प्रकार की वस्तुओं के ट्रेडमार्क निश्चित करके उनका विज्ञापन कर, उस वस्तु की मॉग देश-विदेश में उत्पन्न की जा सकती है।

6. वस्तु का स्थानापन्न न होना – बाजार में यदि किसी वस्तु के अधिक स्थानापन्न विद्यमान हैं। तब उस वस्तु का बाजार संकीर्ण होगा। इसके विपरीत यदि वस्तु को स्थानापन्न विद्यमान नहीं है तब उस वस्तु का बाजार विस्तृत होगा।

7. वस्तु का विशेष उपयोग एवं फैशन – किसी वस्तु का उपयोग किसी कार्य-विशेष के लिए होने लगने पर वस्तु को बाजार विस्तृत हो जाता है; जैसे-टेलीफोन आदि। इसके अतिरिक्त यदि कोई वस्तु फैशन में आ जाती है तो उस वस्तु का बाजार भी विस्तृत हो जाता है; जैसे-आज फैशन के युग में क्रीम, पाउडर व चाय आदि का उपयोग निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इसके विपरीत, उन वस्तुओं का बाजार स्वतः सीमित हो जाता है, जो वस्तुएँ प्रचलन में नहीं रहती।।

(ब) देश की आन्तरिक दशाएँ
वस्तु के बाजार के विस्तार को देश की आन्तरिक दशाएँ निम्नवत् प्रभावित करती हैं

1. अन्तर्राष्ट्रीय मैत्री एवं सहयोग – किसी वस्तु का बाजार विस्तृत होने के लिए आवश्यक है। कि विभिन्न राष्ट्रों में परस्पर सहयोग एवं मित्रता की भावना हो। यदि एक देश दूसरे देश के आयात एवं निर्यात को प्रोत्साहित करता है तब वस्तु का बाजार विस्तृत होगा। आज अन्तर्राष्ट्रीय बाजार का विस्तार तथा विकास होता जा रहा है।

2. यातायात के साधन व उत्तम संचार-व्यवस्था – यदि देश में यातायात व संचार के अच्छे, सस्ते व विकसित साधन उपलब्ध हैं तो बाजार का विस्तार होता है, क्योंकि इन साधनों के द्वारा किसी एक स्थान-विशेष पर उत्पन्न वस्तु को न केवल स्थानीय बाजारों में, वरन् देश-विदेश में भेजा जा सकता है।

3. देश में शान्ति, सुरक्षा तथा सुव्यवस्थित शासन-व्यवस्था – जब देश में सर्वत्र शान्ति एवं सुरक्षा होती है तथा शासन-व्यवस्था उत्तम होती है तब व्यापारियों में व्यापार के प्रति विश्वास व उत्साह बना रहता है, जिसके परिणामस्वरूप वस्तुओं का बाजार विस्तृत हो जाता है।

4. उत्पादकों व व्यापारियों में विश्वास व नैतिकता – आज के युग में अधिकांश व्यापारिक कार्य विश्वास पर आधारित होते हैं। व्यापारिक भुगतान नकद न होकर चेक या बिल ऑफ एक्सचेंज के द्वारा होते हैं। ऐसी स्थिति में देश के उत्पादक व व्यापारी एक-दूसरे की साख पर विश्वास करके ही लेन-देन करते हैं। यदि वह विश्वास समाप्त हो जाए तो व्यापार का क्षेत्र संकुचित हो जाएगा। अतः विस्तृत बाजार के लिए उत्पादकों व व्यापारियों का चरित्रवान् व ईमानदार होना आवश्यक है।

5. कुशल मुद्रा व बैकिंग प्रणाली – किसी वस्तु के बाजार का विस्तार अच्छी बैंकिंग प्रणाली तथा मुद्रा प्रणाली पर निर्भर करता है। मुद्रा मूल्य में स्थिरता होनी चाहिए तथा बीमा-व्यवस्था का भी प्रबन्ध होना चाहिए, जिससे कि जो माल एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाए, उसका बीमा करायो जा सके। जिस देश में बैंकिंग, मुद्रा तथा बीमा की व्यवस्था उत्तम है, उस देश में वस्तुओं के बाजार विस्तृत होते हैं।

6. व्यापार के आधुनिक एवं वैज्ञानिक ढंग – आधुनिक युग में व्यापार वैज्ञानिक ढंग से किया जाता है, अतः जिस देश में वस्तुओं का विज्ञापन, प्रचार व प्रसार नई व आधुनिक प्रणाली से समाचार-पत्रों, रेडियो, टेलीविजन आदि के द्वारा किया जाता है, उस देश में वस्तुओं का बाजार विस्तृत हो जाता है।

7. सरकार की व्यापारिक नीति – वस्तु के बाजार-विस्तार पर सरकार की व्यापारिक नीति का पर्याप्त प्रभाव पड़ता है। स्वतन्त्र व्यापार नीति के परिणामस्वरूप अनेक वस्तुओं के बाजार विस्तृत हो जाएँगे। इसके विपरीत संरक्षण की नीति में वस्तुओं का बाजार संकुचित रहेगा। अतः यदि सरकार की व्यापार नीति अनुकूल है और कर अधिक नहीं हैं तो बाजार विस्तृत किया जा सकता है।

8. पैकिंग का ढंग व शीत भण्डार की व्यवस्था – शीत भण्डार-गृहों की उचित व्यवस्था होने पर क्षयशील वस्तुओं को दीर्घकाल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। वस्तुओं को उत्तम पैकिंग-व्यवस्था के द्वारा दूर-दूर स्थानों तक भेजा जा सकता है। ऐसी स्थिति में वस्तुओं का बाजार विस्तृत होगा।

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1
क्षेत्र के आधार पर बाजार का वर्गीकरण कीजिए। [2012, 13, 14]
उत्तर:
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 2 के उत्तर में देखें।

प्रश्न 2
समय की दृष्टि से बाजार का वर्गीकरण कीजिए। [2008, 14, 15]
उत्तर:
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 2 के उत्तर में देखें।।

प्रश्न 3 प्रतियोगिता के आधार पर बाजारों का वर्गीकरण कीजिए। [2013, 14]
उत्तर:
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 2 के उत्तर में देखें।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1
पूर्ण प्रतियोगी बाजार की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। [2008]
उत्तर:
पूर्ण प्रतियोगी बाजार की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1.  क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या अधिक होती है।
  2. व्यक्तिगत रूप से कोई भी वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता।
  3.  क्रेता और विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है।
  4.  पूर्ण प्रतियोगी बाजार में वस्तु की एक ही कीमत होने की प्रवृत्ति पायी जाती है।

प्रश्न 2
किसी वस्तु के बाजार को प्रभावित करने वाले तत्वों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
वस्तु के बाजार का विस्तार निम्नलिखित दो बातों पर निर्भर करता है
(क) वस्तु के गुण – किसी वस्तु के गुणों का प्रभाव बाजार पर पड़ता है जो अग्रवत् है

  1.  वस्तु की विस्तृत माँग।
  2.  वस्तु की पर्याप्त पूर्ति।
  3. वस्तु का टिकाऊपन।
  4. वहनीयता।
  5. वस्तुओं को ग्रेड या नमूनों में बाँटने की सुविधा
  6. वस्तु का स्थानापन्न न होना।
  7. वस्तु का विशेष उपयोग एवं फैशन।

(ख) देश की आन्तरिक दशाएँ

  1. अन्तर्राष्ट्रीय मैत्री एवं सहयोग।
  2. यातायात के साधन व उत्तम संचार-व्यवस्था।
  3. देश में शान्ति, सुरक्षा तथा सुव्यवस्थित शासन-व्यवस्था।
  4. उत्पादकों एवं व्यापारियों में विश्वास व नैतिकता।
  5. कुशल मुद्रा व बैंकिंग प्रणाली
  6.  सरकार की व्यापारिक नीति।
  7.  पैकिंग का ढंग व शीत भण्डार की व्यवस्था।

प्रश्न 3
बाजार के आवश्यक तत्त्व बताइए।
या
बाजार की दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। [2010, 11]
उत्तर:
बाजार के आवश्यक तत्त्व निम्नलिखित हैं।

  1.  एक क्षेत्र – वह समस्त क्षेत्र जिसमें किसी वस्तु के क्रेता व विक्रेता क्रय-विक्रय करते हैं।
  2. एक वस्तु – अर्थशास्त्र में प्रत्येक वस्तु का बाजार अलग-अलग माना जाता है। बाजार के लिए एक वस्तु का होना आवश्यक है।
  3.  क्रेता व विक्रेताओं का होना – बाजार में क्रेता व विक्रेताओं का होना आवश्यक है। इसके अभाव में बाजार नहीं हो सकता है।
  4. स्वतन्त्र प्रतियोगिता – बाजार में क्रेताओं और विक्रेताओं में स्वतन्त्र प्रतियोगिता होनी चाहिए।
  5. एक कीमत – बाजार में वस्तु की कीमत की प्रवृत्ति समान होनी चाहिए।

प्रश्न 4
किसी वस्तु के बाजार को विस्तृत बनाने वाले किन्हीं दो प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
या
बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले दो तत्त्व बताइए।
उत्तर:
वस्तु के बाजार को विस्तृत करने वाले तत्त्व निम्नलिखित हैं।

  1. यातायात व सन्देशवाहन के साधन – किसी वस्तु के बाजार के विस्तार के लिए देश में यातायात व सन्देशवाहन के अच्छे, सस्ते व विकसित साधनों का उपलब्ध होना आवश्यक है।
  2.  वस्तु की विस्तृत मॉग – किसी वस्तु के बाजार के विस्तार के लिए वस्तु की मॉग विस्तृत होनी चाहिए।
  3. टिकाऊपन – बाजार के विस्तार के लिए वस्तु को टिकाऊ होना चाहिए।

प्रश्न 5
क्षेत्र के आधार पर बाजार का विभाजन कीजिए। [2010]
उत्तर:
क्षेत्र के आधार पर बाजार को निम्नलिखित बाजारों में विभाजित किया जा सकता है

  1.  स्थानीय बाजार,
  2. प्रादेशिक बाजार,
  3. राष्ट्रीय बाजार,
  4. अन्तर्राष्ट्रीय बाजार।

निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
बाजार की परिभाषा दीजिए। [2015]
या
अर्थशास्त्र में बाजार से क्या तात्पर्य होता है?
उत्तर:
कून के शब्दों में, “अर्थशास्त्र में ‘बाजार’ शब्द का अर्थ किसी ऐसे विशिष्ट स्थान से नहीं लगाते हैं जहाँ पर वस्तुओं का क्रय-विक्रय होती है, बल्कि उस समस्त क्षेत्र से लगाते हैं जिसमें क्रेताओं और विक्रेताओं के मध्य आपस में इस प्रकार का सम्पर्क हो कि किसी वस्तु का मूल्य सरलता एवं शीघ्रता से समान हो जाए।”

प्रश्न 2
अति-अल्पकालीन बाजार क्या है ? [2010]
उत्तर:
जब किसी वस्तु की माँग बढ़ने से उसका लेशमात्र भी सम्भरण (पूर्ति) बढ़ाने का समय नहीं मिलता तब ऐसे ब्राजार को अति-अल्पकालीन बाजार कहते हैं अर्थात् पूर्ति की मात्रा केवल भण्डार तक ही सीमित होती है। इसे दैनिक बाजार भी कहते हैं। शीघ्र नष्ट हो जाने वाली वस्तुओं – दूध, सब्जी, मछली, बर्फ आदि – का बाजार अति-अल्पकालीन बाजार होता है।

प्रश्न 3
एकाधिकार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
जिस बाजार में वस्तु का केवल एक उत्पादक या विक्रेता होता है, उसे एकाधिकार बाजार कहते हैं। एकाधिकार बाजार प्रतियोगितारहित बाजार होता है। इसमें एकाधिकारी (Monopolist) अपनी वस्तु की कीमत अपनी इच्छानुसार निर्धारित करता है।

प्रश्न 4
पूर्ण बाजार की तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:

  1.  पूर्ण बाजार में क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या अधिक होती है।
  2. क्रेताओं और विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है।
  3. पूर्ण बाजार में वस्तु की कीमत की प्रवृत्ति एकसमान होती है।

प्रश्न 5
अल्पकालीन बाजार से क्या आशय है? [2006]
उत्तर:
अल्पकालीन बाजार में माँग और पूर्ति में सन्तुलन के लिए कुछ समय मिलता है, किन्तु यह पर्याप्त नहीं होता। पूर्ति में माँग के अनुसार कुछ सीमा तक घट-बढ़ की जा सकती है, किन्तु यह पर्याप्त नहीं होती।

प्रश्न 6
पूर्ण प्रतियोगी बाजार से आप क्या समझते हैं? [2006]
उत्तर:
ऐसा बाजार जिसमें क्रेताओं व विक्रताओं की संख्या अधिक होती है तथा व्यक्तिगत रूप से कोई भी वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता।

प्रश्न 7
दीर्घकालीन बाजार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जब किसी वस्तु का बाजार कई वर्षों के लम्बे समय के लिए होता है, तो उसे दीर्घकालीन बाजार कहते हैं। ऐसे बाजार में माँग की अपेक्षा पूर्ति का अधिक प्रभाव पड़ता है तथा वस्तु का मूल्य उसके उत्पादन व्यय के बराबर होता है।

प्रश्न 8
अपूर्ण प्रतियोगी बाजार की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [2008]
उत्तर:

  1.  सीमित मात्रा में प्रतियोगिता।
  2. बाजार कीमत में भिन्नता।
  3. क्रेताओं व विक्रताओं को भिन्नता बाजार का अपूर्ण ज्ञान।

प्रश्न 9
बाजार की किस दशा में वस्तु की कीमत उत्पादन लागत के बराबर होती है ?
उत्तर:
पूर्ण बाजार में।

प्रश्न 10
भौगोलिक दृष्टि से सोने-चाँदी का बाजार कैसा होता है ?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय बाजार।

प्रश्न 11
बाजार में किस प्रकार के बाजार के अन्तर्गत कीमत-स्तर स्थिर होता है ?
उत्तर:
पूर्ण बाजार के अन्तर्गत।

प्रश्न 12
जब बाजार में प्रतियोगिता सीमित मात्रा में हो, वह कैसा बाजार कहलाएगा ?
उत्तर:
अपूर्ण बाजार।।

प्रश्न 13
जब बाजार में प्रतियोगिता का अभाव हो तो उस बाजार को किस प्रकार का बाजार कहते हैं?
उत्तर:
एकाधिकार बाजार।

प्रश्न 14
किस प्रकार के बाजार में वस्तुओं का क्रय-विक्रय नियन्त्रित मूल्यों पर होता है ?
उत्तर:
अधिकृत या वैधानिक बाजार में।

प्रश्न 15
पूर्ण बाजार की दो आवश्यक दशाएँ लिखिए।
उत्तर:
(1) क्रेता-विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है।
(2) पूर्ण प्रतियोगिता पायी जाती है।

प्रश्न 16
आर्थिक बाजार के दो आवश्यक गुण बताइए।
उत्तर:
(1) क्रेता तथा विक्रेताओं का होना।
(2) परस्पर प्रतियोगिता का पाया जाना।

प्रश्न 17
“बाजार किसी स्थान को नहीं बताता, वरन वह किसी वस्तु अथवा वस्तुओं तथा उनके ग्राहकों और विक्रेताओं की ओर संकेत करता है, जो एक-दूसरे के साथ सीधी प्रतियोगिता करते हों।” यह परिभाषा किस अर्थशास्त्री की है ?
उत्तर:
चैपमैन की।

प्रश्न 18
वस्तु-विभेद किस बाजार का प्रमुख लक्षण होता है? [2011, 13]
उत्तर:
वस्तु-विभेद अपूर्ण प्रतियोगिता वाले बाजार का प्रमुख लक्षण है।

प्रश्न 19
अण्डे के बाजार को किस वर्गीकरण में रखा जाएगा?
उत्तर:
स्थानीय बाजार।

प्रश्न 20
गेहूँ व सब्जियों के बाजार को क्षेत्र के आधार पर कौन-से बाजार की संज्ञा दी जाती है?
उत्तर:
स्थानीय बाजार।

प्रश्न 21
एकाधिकारी बाजार का अर्थ लिखिए। [2016]
उत्तर:
जिस बाजार में वस्तु का केवल एक उत्पादक या विक्रेता होता है, उसे एकाधिकारी बाजार कहते हैं।

प्रश्न 22
किस बाजार में एक फर्म की औसत आगम उसकी सीमान्त आगम के बराबर होती है ? [2010]
उत्तर:
पूर्ण प्रतियोगिता के बाजार में।

प्रश्न 23
एकाधिकारी के अन्तर्गत कितने उत्पादक होते हैं? [2016]
उत्तर:
केवल एक।

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
सोने एवं चाँदी का बाजार होता है
(क) दैनिक
(ख) अल्पकालीन
(ग) दीर्घकालीन
(घ) अति-दीर्घकालीन
उत्तर:
(घ) अति-दीर्घकालीन।

प्रश्न 2
सोने-चाँदी का बाजार है
(क) स्थानीय बाजार
(ख) प्रादेशिक बाजार
(ग) राष्ट्रीय बाजार
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार
उत्तर:
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार।

प्रश्न 3
सामान्यतः ईंट का बाजार होता है [2012]
(क) स्थानीय बाजार
(ख) प्रादेशिक बाजार
(ग) राष्ट्रीय बाजार
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार
उत्तर:
(क) स्थानीय बाजार।

प्रश्न 4
नेहरू जी की आत्मकथा’ पुस्तक का बाजार है
(क) स्थानीय बाजार
(ख) प्रादेशिक बाजार
(ग) राष्ट्रीय बाजार
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार
उत्तर:
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार।

प्रश्न 5
निम्नलिखित में से किस बाजार में औसत आगम एवं सीमान्त आगम सदैव बराबर होता है? [2015]
या
AR = MR निम्नलिखित में से किस व्यापार की एक आवश्यक दशा है? [2012]
(क) एकाधिकार बाजार
(ख) पूर्ण प्रतियोगिता का बाजार
(ग) अपूर्ण प्रतियोगिता का बाजार
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) पूर्ण प्रतियोगिता का बाजार।

प्रश्न 6
‘जब वस्तुओं की माँग बढ़ने पर इतना समय मिल जाए कि उत्पादकों द्वारा उत्पादन में वृद्धि करके पूर्ति को माँग के अनुसार बढ़ाया जा सके ऐसे बाजार को कहते हैं
(क) अति-अल्पकालीन बाजार
(ख) अति-दीर्घकालीन बाजार
(ग) दीर्घकालीन बाजार
(घ) अल्पकालीन बाजार
उत्तर:
(ख) अति-दीर्घकालीन बाजार।

प्रश्न 7
पूर्ण बाजार की विशेषताएँ हैं।
(क) क्रेताओं और विक्रेताओं की अधिक संख्या
(ख) गलाकाट प्रतियोगिता
(ग) (क) और (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) (क) और (ख) दोनों।

प्रश्न 8
बाजार का विस्तार होता है
(क) आतंकवाद से
(ख) असुरक्षा से
(ग) अशान्ति से
(घ) देश में शान्ति एवं सुरक्षा से
उत्तर:
(घ) देश में शान्ति एवं सुरक्षा से।

प्रश्न 9
अति-दीर्घकालीन बाजार में पूर्ति का स्वरूप हो सकता है
(क) पूर्ति को स्थायी रूप से माँग के बराबर किया जा सकता है।
(ख) पूर्ति को माँग के बराबर नहीं बढ़ाया जा सकता है।
(ग) पूर्ति को माँग के अनुसार बढ़ाने के लिए समय नहीं मिल पाता है।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(क) पूर्ति को स्थायी रूप से माँग के बराबर किया जा सकता है।

प्रश्न 10
पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति है
(क) वास्तविक
(ख) काल्पनिक
(ग) वास्तविक और काल्पनिक
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) काल्पनिक।

प्रश्न 11
अपूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति उत्पन्न होने का कारण है
(क) क्रेता और विक्रेताओं की संख्या का अधिक होना
(ख) क्रेता तथा विक्रेताओं की कम संख्या होना।
(ग) क्रेता तथा विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होना
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) क्रेता तथा विक्रेताओं की कम संख्या होना।

प्रश्न 12
निम्नलिखित में से कौन-सी पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की विशेषता नहीं है?
(क) क्रेताओं-विक्रेताओं की संख्या अत्यधिक होना
(ख) वस्तु का समरूप होना
(ग) फर्मों के प्रवेश एवं बहिर्गमन की स्वतन्त्रता
(घ) विज्ञापन एवं गैर-कीमत प्रतियोगिता का होना
उत्तर:
(घ) विज्ञापन एवं गैर-कीमत प्रतियोगिता का होना।

प्रश्न 13
समान कीमत किस बाजार की विशेषता है? [2007]
(क) एकाधिकार
(ख) पूर्ण प्रतियोगिता
(ग) एकाधिकारिक प्रतियोगिता
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) पूर्ण प्रतियोगिता।

प्रश्न 14
वस्तु-विभेद किस बाजार में पाया जाता है? [2007, 13]
(क) पूर्ण प्रतियोगिता
(ख) एकाधिकार
(ग) अपूर्ण प्रतियोगिता
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) एकाधिकार।

प्रश्न 15
पूर्ण प्रतियोगी बाजार में [2006]
(क) सीमान्त आगम से औसत आगम अधिक होती है।
(ख) सीमान्त आगम से औसत आगम कम होती है।
(ग) सीमान्त आगम औसत आगम के समान होती है।
(घ) औसत आगम और सीमान्त आगम में कोई सम्बन्ध नहीं होता है।
उत्तर:
(ग) सीमान्त आगम औसत आगम के समान होती है।

प्रश्न 16
किसी शहर की दूध-मण्डी, उदाहरण है [2007]
(क) स्थानीय बाजार का
(ख) स्थानीय प्रतियोगी बाजार का
(ग) स्थानीय प्रतियोगी अल्पकालीन बाजार का
(घ) स्थानीय प्रतियोगी अल्पकालीन विशिष्ट बाजार का
उत्तर:
(घ) स्थानीय प्रतियोगी अल्पकालीन विशिष्ट बाजार का।

प्रश्न 17
बाजार की शक्तियों से क्या अभिप्राय है? [2014]
(क) माँग और पूर्ति
(ख) माँग और कीमत
(ग) पूर्ति और कीमत
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) माँग और पूर्ति।

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UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संस्कृत Chapter 2 संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्

UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संस्कृत Chapter 2 संस्कृतभाषायाः महत्त्वम् part of UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संस्कृत Chapter 2 संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्.

Board UP Board
Textbook SCERT, UP
Class Class 12
Subject Sahityik Hindi
Chapter Chapter 2
Chapter Name संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्
Number of Questions Solved 8
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संस्कृत Chapter 2 संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्

गद्यांशों का सन्दर्भ-सहित हिन्दी अनुवाद

गद्यांश 1.
धन्योऽयं भारतदेशः यत्र समुल्लसति जनमानसपावनी, भव्यभावोद्भाविनी, शब्द-सन्दोह-प्रसविनी सुरभारती। विद्यमानेषु निखिलेष्वपि वाङ्मयेषु अस्याः वाङ्मयं सर्वश्रेष्ठं सुसम्पन्नं च वर्तते। इयमेव भाषा संस्कृतनाम्नापि लोके प्रथिता अस्ति। अस्माकं रामायण-महाभारताचैतिहासिकग्रन्थाः, चत्वारो वेदाः, सर्वाः, उपनिषदः, अष्टादशपुराणानि, अन्यानि च महाकाव्यनाट्यादीनि अस्यामेव भाषायां लिखितानि सन्ति। इयमेव भाषा सर्वासामार्यभाषाणां जननीति मन्यते भाषातत्वविद्भिः। संस्कृतस्य गौरवं बहुविधज्ञानाश्रयत्वं व्यापकत्वं च न कस्यापि दृष्टेरविषयः। संस्कृतस्य गौरवमेव दृष्टिपथमानीय सुम्यगुक्तमाचार्यप्रवरेण दण्डिना -संस्कृतं नाम दैवी वागन्वाख्याता महर्षिभिः। (2017, 13, 10)
सन्दर्भ प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ के ‘संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्’ नामक पाठ से उद्धृत हैं।
अनुवाद धन्य हैं यह भारत देश, जहाँ जनमानस को पावन (पवित्र) करने वाली, अच्छे भावों को उत्पन्न करने वाली, शब्द-समूह को जनने वाली देववाणी (संस्कृत) शोभायमान है। विद्यमान समस्त साहित्यों में इसका साहित्य सर्वश्रेष्ठ और सुसम्पन्न है। यही भाषा संसार में संस्कृत नाम से भी प्रसिद्ध है। इसी भाषा में हमारे ‘रामायण’, ‘महाभारत’ आदि ऐतिहासिक ग्रन्थ, चारों वेद, समस्त उपनिषद्, अठारह पुराण तथा अन्य महाकाव्य, नाटक आदि लिखे गए हैं। भाषा वैज्ञानिक इसी भाषा को समस्त आर्य भाषाओं की जननी मानते हैं। संस्कृत का गौरव, इसके विविध प्रकार के ज्ञान को आश्रय प्रदान करना तथा इसकी व्यापकता किसी की दृष्टि से ओझल नहीं है। संस्कृत के गौरव को महत्त्व देते हुए आचार्य श्रेष्ठ दण्डी ने ठीक ही लिखा है-संस्कृत को महर्षियों ने देववाणी कहा है।

गद्यांश 2
संस्कृतस्य साहित्यं सुरसं, व्याकरणञ्च सुनिश्चितम्। तस्य गद्ये पद्ये च। लालित्यं, भावबोधसामर्थ्यम्, अद्वितीयं श्रुतिमाधुर्यञ्च वर्तते। किं बहुना चरित्रनिर्माणार्थ यादृशीं सत्प्रेरणां संस्कृतवाङ्मयं ददाति ने तादृशीं किञ्चिदन्यत्। मूलभूतानां मानवीयगुणानां यादृशी विवेचना संस्कृतसाहित्ये वर्तते नान्यत्र तादृशी। दया, दानं, शौचम्, औदार्यम्, अनसूया, क्षमा, अन्ये चानेके गुणाः अस्य साहित्यस्य अनुशीलमेन सजायन्ते।’ (2018, 16, 14, 12, 11, 10)
सन्दर्म पूर्ववत्।
अनुवाद संस्कृत साहित्य रसपूर्ण तथा सुनिश्चित व्याकरण वाला है। उसके गद्य एवं पद्य में लालित्य, भाव अभिव्यक्ति की शक्ति और अद्वितीय श्रुति-माधुर्य का गुण विद्यमान है।
अधिक क्या कहा जाए!

संस्कृत साहित्य चरित्र निर्माण के लिए जिस प्रकार की अच्छी प्रेरणा प्रदान करता है, वैसी कोई और नहीं करता। संस्कृत साहित्य में मूलभूत मानवीय गुणों की जैसी विवेचना है, वैसी अन्यत्र नहीं है। इस साहित्य के अध्ययन से दया, दान, पवित्रता, उदारता, ईष्र्या न करना, क्षमा तथा अन्य अनेक गुण उत्पन्न होते हैं।

गद्यांश 3
संस्कृतसाहित्यस्य आदिकवि: वाल्मीकिः, महर्षव्या॑सः, कविकुलगुरुः कालिदासः अन्ये च भास-भारवि-भवभूत्यादयो महाकवयः स्वकीयैः ग्रन्थरत्नैः अद्यापि पाठकानां हदि विराजते। इयं भाषा अस्माभिः मातृसमं सम्माननीया वन्दनीया च, यतो भारतमातुः स्वातन्त्र्यं, गौरवम्, अखण्डत्वं सांस्कृतिकमेकत्वञ्च संस्कृतेनैव सुरक्षितं शक्यन्ते। इयं संस्कृतभाषा सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा श्रेष्ठा चास्ति। ततः सुष्टूक्तम् ‘भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाणभारती’ इति।। (2018, 16, 14, 12, 10)
सन्दर्भ पूर्ववत्।
अनुवाद आज भी संस्कृत साहित्य के आदिकवि वाल्मीकि, महर्षि व्यास, कविकुलगुरु कालिदास तथा भास, भारवि, भवभूति आदि अन्य महावि अपने ग्रन्ध-रत्नों के कारण पाठकों के हृदय में विराज रहे हैं।

हमारे लिए यह भाषा माता के सदृश सम्माननीय तथा वन्दनीय है, क्योंकि संस्कृत के द्वारा ही भारतमाता की स्वतन्त्रता, प्रतिष्ठा, अखण्डता तथा सांस्कृतिक एकता सुरक्षित रह सकती है।

यह संस्कृत भाषा समस्त भाषाओं में सबसे प्राचीन एवं श्रेष्ठ है। अतः ठीक ही कहा गया है-“देव भाषा (संस्कृत) सभी भाषाओं में प्रधान, मधुर एवं दिव्य है।”

प्रश्न – उत्तर

प्रश्न-पत्र में संस्कृत दिग्दर्शिका के पाठों (गद्य व पद्य) मे से चार अतिलघु उत्तरीय प्रश्न दिए जाएँगे, जिनमें से किन्हीं दो के उत्तर संस्कृत में लिखने होंगे, प्रत्येक प्रश्न के लिए 4 अंक निर्धारित हैं।

प्रश्न 1.
सर्वासाम् आर्यभाषाणां जननी का भाषा अस्ति?
उत्त:
सर्वासाम् आर्यभाषाणां जननी संस्कृतभाषा अस्ति।

प्रश्न 2.
संस्कृत साहित्यस्य का विशेषता अस्ति? (2014, 13)
उत्तर:
‘संस्कृत साहित्यम् सरसं मधुरं च अस्ति’ इति संस्कृत साहित्यस्य विशेषता।

प्रश्न 3.
संस्कृत साहित्यस्य आदिकविः कः आसीत्? (2018, 14, 13, 12, 11, 10)
अथवा
संस्कृतस्य आदिकविः कः अस्ति? (2018, 16, 12, 11, 10)
उत्तर:
संस्कृत साहित्यस्य आदिकवि: वाल्मीकिः आसीत्।

प्रश्न 4.
संस्कृतभाषायाः मुख्याः कवयः के सन्ति? (2010)
उत्तर:
वाल्मीकिः, वेदव्यासः, कालिदासः, भास, भारवि च भवभूति संस्कृतस्य प्रमुखाः कवयः सन्ति।

प्रश्न 5.
व्यासः किं रचितवान? (2012, 10)
उत्तर:
व्यास: महाभारत रचितवान्।

प्रश्न 6.
का भाषा सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा श्रेष्ठा चास्ति? (2012)
उत्तर:
सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा श्रेष्ठा च भाषा संस्कृतभाषा चास्ति।

प्रश्न 7.
का भाषा देवभाषा इतिज्ञाता? (2017)
उत्तर:
संस्कृत-भाषा देवभाषा इति नाम्ना ज्ञाता।

प्रश्न 8.
का भाषा अस्माभिः मातृसमं माननीया? (2018)
उत्तर:
संस्कृत भाषा अस्माभिः मातृसमं माननीया।

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