UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 12 छत्रपति शिवाजी (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 12 छत्रपति शिवाजी (महान व्यक्तित्व)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 12 छत्रपति शिवाजी (महान व्यक्तित्व).

पाठ का सारांश

भारतीय इतिहास के महापुरुषों में शिवाजी को नाम प्रमुख है। वे जीवन भरे अपने समकालीन शासकों के अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष करते रहे। इनके पिता का नाम शाहजी और माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी बचपन से ही अपनी माता के परम भक्त थे। दादाजी कोणदेव की देख-रेख में शिवाजी को सैनिक शिक्षा मिली और वे घुड़सवारी, अस्त्रों-शस्त्रों के प्रयोग तथा अन्य सैनिक कार्यों में शीघ्र ही निपुण हो गए। जब शिवाजी बीस वर्ष के थे, तभी उनके दादा की (UPBoardSolutions.com) मृत्यु हो गई। अब शिवाजी को अपना मार्ग स्वयं बनाना था। भावल प्रदेश के साहसी नवयुवकों की सहायता से शिवाजी ने आस-पास के किलों पर अधिकार करना आरम्भ कर दिया। बीजापुर के सुल्तान से उनका संघर्ष हुआ। शिवाजी ने अनेक किलों को जीता और रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया।

शिवाजी की बढ़ती हुई शक्ति से मुगल बादशाह औरंगजेब को चिन्ता हुई। अब शिवाजी का दमन, करने के लिए औरंगजेब ने आमेर के राजा जयसिंह को भेजा। जब जयसिंह के साथ शिवाजी आगरा पहुँचे, तब नगर के बाहर उनका कोई स्वागत नहीं किया गया। मुगल दरबार में भी उनको यथोचित सम्मान नहीं मिला। स्वाभिमानी शिवाजी यह अपमान सहन न कर सके, वे मुगल सम्राट की अवहेलना करके दरबार से बाहर निकल गए। औरंगजेब ने महल के चारों ओर पहरा बैठाकर उनको कैद कर लिया। वह शिवाजी का वध करने की योजना बना रहा था। इसी समय शिवाजी ने बीमार हो जाने की घोषणा कर दी। वे (UPBoardSolutions.com) ब्राह्मणों और साधु सन्तों को मिठाइयों की टोकरियाँ भिजवाने लगे। बहँगी में रखी एक ओर की टोकरी में स्वयं बैठकर वे आगरा नगर से बाहर निकल गए।

शिवाजी बहुत प्रतिभावान और सजग राजनीतिज्ञ थे। उन्हें अपने सैनिकों की क्षमता और देश की भौगोलिक स्थिति का पूर्ण ज्ञान था। इसीलिए उन्होंने दुर्गों के निर्माण और छापामार युद्ध नीति को अपने शक्ति संगठन को आधार बनाया। शिवाजी की ओर से औरंगजेब का मन साफ नहीं था। इसलिए सन्धि के दो वर्ष बाद ही फिर संघर्ष आरम्भ हो गया। शिवाजी ने अपने वे सब किले फिर जीत लिए जिनको जयसिंह ने उनसे छीन लिया था।

सन् 1674 ई० में बड़ी धूम-धाम से उनका राज्याभिषेक हुआ। उसी समय उन्होंने छत्रपति की पदवी धारण की। इस अवसर पर उन्होंने बड़ी उदारता से दीन-दुखियों को दान दिया। (UPBoardSolutions.com)

बीजापुर और कर्नाटक पर आक्रमण करके समुद्र तट के सारे प्रदेश को अपने अधिकार में कर लिया। शिवाजी ने एक स्वतन्त्र राज्य की स्थापना का महान संकल्प किया था और इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वे आजीवन संघर्ष करते रहे। शिवाजी सच्चे अर्थों में एक महान राष्ट्रनिर्माता थे। उन्हीं के पदचिह्नों पर चलकर पेशवाओं ने भारत में मराठा शक्ति और प्रभाव का विस्तार कर शिवाजी के स्वप्न को साकार किया।

UP Board Solutions

अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
शिवाजी को अपने आरम्भिक जीवन में किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर :
शिवाजी का बचपन पिता के स्थान पर माता के संरक्षण में गुजरा। जब वे 20 वर्ष के थे, बाबा का देहान्त हो गया और उन्हें अपना मार्ग स्वयं बनाना पड़ा। बीजापुर के सुल्तान से उनका संघर्ष हुआ। अफजल खाँ ने उनके साथ छल किया, तब उन्होंने बघनख से उसे मारा। औरंगजेब के मामा शाइस्ता खाँ से टक्कर ली और उसको पराजित (UPBoardSolutions.com) किया। मुगल शासक औरंगजेब उनका प्रारम्भ से ही शत्रु बना रहा, जिससे शिवाजी को संघर्ष करना पड़ा। यही शिवाजी की कठिनाइयाँ थीं।

प्रश्न 2.
शिवाजी को मराठा राज्य की स्थापना करने में क्यों सफलता मिली?
उत्तर :
बचपन से ही शिवाजी के निडर व्यक्तित्व का निर्माण हुआ। उनकी माता बहुत धार्मिक थीं। उससे उन्होंने धार्मिक नवयुवकों की मदद से आस-पास के किले जीतकर रायगढ़ को राजधानी बनाया। उन्होंने छापामार नीति से काम लिया और सैनिक शक्ति सुदृढ़ की। शिवाजी प्रतिभावान और सजग राजनीतिज्ञ थे। वे जैसा मौका देखते थे वैसी नीति बनाते थे। (UPBoardSolutions.com) वे मुगलों के राज्य पर छापा मारते थे तो कभी-कभी उन्हें मित्र भी बनाए रखते थे। इन्हीं कारण से उन्हें मराठा राज्य की स्थापना में सफलता मिली।

प्रश्न 3.
शिवाजी की रणनीति पर संक्षेप में प्रकाश डालो।।
उत्तर :
शिवाजी बहुत प्रतिभावान और सजग राजनीतिज्ञ थे। उन्हें अपने सैनिकों की क्षमता और देश की भौगोलिक स्थिति का पूर्ण ज्ञान था। इसीलिए उन्होंने दुर्गों के निर्माण और छापामार युद्ध नीति को अपने शक्ति संगठन का आधार बनाया।

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
किस आधार पर आप कह सकते हैं कि शिवाजी एक योग्य शासक थे?
उत्तर :
शिवाजी एक योग्य शासक थे। कठिन परिस्थितियों में उन्होंने मराठा राज्य की स्थापना की तथा विशाल मुगल साम्राज्य से टक्कर ली। दुर्ग निर्माण और छापामार नीति से सैनिक शक्ति सुदृढ़ की। धार्मिक सहिष्णुता से प्रजा का मन जीता। उन्होंने छत्रपति की उपाधि धारण की। अत्याचारों का दमन किया और धर्मनिरपेक्ष मराठा राज्य की नींव डाली।

प्रश्न 5.
शिवाजी के चारित्र की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
शिवाजी एक कुशल योद्धा थे। बहुत प्रतिभावान और सजग राजनीतिज्ञ थे। वे सभी ध र्मों का समान आदर करते थे। उनके राज्य में स्त्रियों का बड़ा सम्मान किया जाता था। (UPBoardSolutions.com) उनके राज्य में हर व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता थी। उनका राज्य धर्म निरपेक्ष राज्य था। अपनी प्रजा तथा सैनिकों के सुख-सुविधा को वे विशेष ध्यान रखते थे।

UP Board Solutions

We hope the UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 12 छत्रपति शिवाजी (महान व्यक्तित्व) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 12 छत्रपति शिवाजी (महान व्यक्तित्व), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 अबुल फजल (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 अबुल फजल (महान व्यक्तित्व)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 अबुल फजल (महान व्यक्तित्व).

पाठ का सारांश

अबुल फजल के पिता मुबारक आगरे के पास रहते थे। इनका जन्म सन् 1551 ई० में हुआ था। ये फारसी और संस्कृत के अच्छे विद्वान थे। इन्होंने फारसी में लिखी हुई उस पुस्तक को पूरा किया जो आधी जल गई थी। पूरा करने की विशेषता यह थी कि विचारों में परिवर्तन नहीं हुआ। चौबीस वर्ष की अवस्था में इनकी भेंट अकबर से हुई। वह इनकी विद्वता (UPBoardSolutions.com) से इतना प्रभावित हुआ कि इनको अपने दरबार में रख लिया। एक बार जहाँगीर ने अकबर के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। अकबर ने इनको दक्षिण से बुलवाया। दक्षिण से आते समय जहाँगीर ने शत्रुतावश इनको मरवा दिया।

अबुल फजल का चरित्र बहुत ऊँचा था। ये कभी किसी के साथ शत्रुता का व्यवहार नहीं करते थे।
शिक्षा – हमें जाति-पाँति और धर्म के भेद-भाव को भुलाकर सबके साथ प्रेम का व्यवहार करना चाहिए।

UP Board Solutions

अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
अबुल फजल का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर :
अबुल फजल का जन्म 14 जनवरी, 1551 ई० को आगरा के पास हुआ था।

प्रश्न 2.
अबुल फजल की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
अबुल फजल विद्वान के साथ-साथ एक कुशल सैनिक थे और कई युद्धों में सम्राट अकबर की ओर से गए और युद्ध का संचालन भी किया था। अबुल फजल शत्रु से भी कठोर वचन नहीं बोलते थे। सत्य को वे सबसे बड़ा धर्म (UPBoardSolutions.com) मानते थे। इनका किसी धर्म से विरोध नहीं रहा। अबुल फजल एक सज्जन व्यक्ति थे।

UP Board Solutions

प्रश्न 3.
अबुल फजल की हत्या की योजना किसने और कैसे बनायी?
उत्तर :
अबुल फजल की हत्या की योजना जहाँगीर ने, उनके दक्षिण से लौटने की खबर सुनकर बनाई।

प्रश्न 4.
अबुल फजल ने कौन-कौन से ग्रन्थ लिखे?
उत्तर :
अबुल फजल ने ‘आईने अकबरी’ तथा ‘अकबरनामा’ ग्रन्थ लिखे।

UP Board Solutions

We hope the UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 अबुल फजल (महान व्यक्तित्व) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 अबुल फजल (महान व्यक्तित्व), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 नामदेव (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 नामदेव (महान व्यक्तित्व)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 नामदेव (महान व्यक्तित्व).

पाठ का सारांश

महात्मा नामदेव महान सन्त थे। इनके माता-पिता के विषय में कुछ भी मालूम नहीं है। खोजों के आधार पर इनको दामोदर नामक व्यक्ति ने भीमा नदी के किनारे पर पड़ा पाया था। उसकी पत्नी गुणबाई ने इनका पालन-पोषण किया था। ये लोग आज से लगभग आठ सौ वर्ष पूर्व गोकुलपुर नामक गाँव में रहते थे। (UPBoardSolutions.com)

आठ वर्ष की अवस्था में ही इन्होंने योगाभ्यास प्रारम्भ कर दिया। एक बार इनके माता-पिता कहीं बाहर गए। चलते समय वे कह गए कि बेटा बिना विट्ठलनाथ को खाना खिलाए खाना न खाना। नामदेव थाली परोसकर उनके सामने बैठ गए और कहा जब तक आप खाना न खाओगे, तब तक मैं भी नहीं खाऊँगा। नामदेव की हठ को पूरा करने के लिए विट्ठलनाथ को मनुष्य का रूप धारण करके खाना खाना पड़ा। आने पर माता-पिता को सारा हाल ज्ञात हुआ तो वे बहुत प्रसन्न हुए।

एक दिन बबूल की डाल को काटते समय इनको ऐसा लगा कि किसी मनुष्य की गर्दन पर कुल्हाड़ी चला रहे हों। इस घटना से दुखी होकर इन्होंने घर छोड़ दिया। एक बार ये चार भक्तों के साथ जा रहे थे। अधिकारियों ने डाकू का गिरोह समझकर गिरफ्तार कर लिया। जब नामदेव राजा के पास पहुँचे, तो इन्होंने उसके (राजा) सामने मरी गाय को (UPBoardSolutions.com) जीवित कर दिया। यह चमत्कार देखकर राजा ने इनसे क्षमा माँगी। महाराष्ट्र में आज भी इनका नाम बड़ी श्रद्धा से लिया जाता है। शिक्षा-महान सन्तों के आदर्श से शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए।

UP Board Solutions

अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
नामदेव का जन्म कहाँ हुआ था? इनका पालन-पोषण किसने किया?
उत्तर :
नामदेव का जन्म महाराष्ट्र प्रान्त में हुआ। इनका पालन-पोषण दामोदर नामक व्यक्ति और उसकी पत्नी गुणाबाई ने किया।

प्रश्न 2.
नामदेव को वैराग्य किस घटना से उत्पन्न हुआ?
उत्तर :
बबूल की डाल काटते समय नामदेव को लगा कि वे किसी मनुष्य की गर्दन पर कुल्हाड़ी चला रहे है। इस घटना के पश्चात् उन्हें वैराग्य उत्पन्न हो गया।

प्रश्न 3.
नामदेव द्वारा लिखित भजन को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर :
नामदेव द्वारा लिखित भजन को अभंग नाम से जाना जाता है।

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
नामदेव की किसी एक चमत्कारिक घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
नामदेव ने राजा के सामने मरी गाय को जीवित कर दिया। इस चमत्कार को देखकर राजा ने इनसे क्षमा माँगी।

We hope the UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 नामदेव (महान व्यक्तित्व) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 नामदेव (महान व्यक्तित्व), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 गोस्वामी तुलसीदास (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 गोस्वामी तुलसीदास (महान व्यक्तित्व)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 गोस्वामी तुलसीदास (महान व्यक्तित्व).

पाठ का सारांश

इनका जन्म यमुना तट पर स्थित राजापुर (चित्रकूट) में हुआ। बचपन में ही इनके पिता आत्माराम दूबे और माता हुलसी का देहावसान होने पर इन्हें सन्त नरहरिदास ने अपने आश्रम में आश्रय दिया। (UPBoardSolutions.com) पन्द्रह वर्ष तक अध्ययन करके ये राजापुर आए और रत्नावली से विवाह किया। पत्नी की तीखी बातों से विरक्त होकर ये साधु वेश धारण करके श्रीराम की भक्ति को समर्पित हो गए।

भक्ति में लीन तुलसी को काशी में हनुमान और चित्रकूट में श्रीराम के दर्शन हुए। चित्रकूट से तुलसी अयोध्या आए। यहीं संवत् 1631 ई० में उन्होंने ‘रामचरितमानस’ की रचना आरम्भ की। यह दो वर्ष सात माह और छब्बीस दिनों में संवत् 1633 में पूरी हुई। जनभाषा में लिखा यह ग्रन्थ- रामचरितमानस, न केवल भारतीय साहित्य का बल्कि विश्व साहित्य का अद्वितीय ग्रन्थ है। इसका अनुवाद अन्य भारतीय भाषाओं के साथ विश्व की अनेक भाषाओं में हुआ है।

रामचरितमानसे में श्रीराम के चरित्र का वर्णन है। इसमें जीवन के सभी पहलुओं का नीतिगत वर्णन है। भाई का भाई के साथ, पति का पत्नी से, पत्नी का पति से, गुरु को शिष्य के प्रति, प्रजा का राजा से और राजा का प्रजा से कैसा व्यवहार होना चाहिए, उसका सजीव चित्रण है। राम की रावण पर विजय इस बात का प्रतीक है कि अच्छाई की बुराई पर, सत्य की असत्य पर विजय होती है। (UPBoardSolutions.com) तुलसी ने जीवन में सुख के लिए-न्याय, सत्य और प्राणीमात्र से प्रेम को अनिवार्य माना है। तुलसी ने रामचरितमानस जीवन की अनेक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया है। इसके अलावा तुलसी ने अन्य ग्रन्थ जैस विनयपत्रिका, कवितावली, दोहावली व गीतावली आदि भी लिखे।

तुलसीदास समन्वयवादी थे। बड़े विद्वान और कवि अब्दुर्रहीम खानखाना, जो तुलसी के मित्र थे, उनकी प्रशंसा में लिखा है-‘‘गोद लिए हुलसी फिरे, तुलसी सो सुत होय।” (UPBoardSolutions.com) तुलसीदास अपने अन्तिम समय में काशी में अस्सीघाट पर रहते थे। वहीं इनका देहावसान संवत् 1680 में हुआ। भक्त व साहित्यकार तुलसी हिन्दी भाषा के अमूल्य रत्न हैं।

UP Board Solutions

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
तुलसीदास का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर :
लसीदास का जन्म राजापुर (चित्रकूट) में हुआ।

प्रश्न 2.
तुलसीदास में रामभक्ति कैसे उत्पन्न हुई?
उत्तर :
तुलसीदास में रामभक्ति पत्नी की तीखी बातों के कारण उत्पन्न हुई।

प्रश्न 3.
रामचरित मानस की रचना कब प्रारम्भ हुई? यह कितने समय में पूर्ण हुई?
उत्तर :
रामचरित मानस की रचना संवत् 1631 में प्रारम्भ हुई। यह दो वर्ष, सात माह और छब्बीस दिनों में संवत् 1633 में पूरी हुई।

प्रश्न 4.
रामचरित मानस में तुलसी ने किन सामाजिक व्यवहारों का वर्णन किया है?
उत्तर :
रामचरित मानस में तुलसी ने भाई को भाई से, पत्नी का पति से, पति का पत्नी से, गुरु और शिष्य के प्रति, राजा का प्रजा से कैसा व्यवहार होना चाहिए, इसका सजीव चित्रण किया है।

UP Board Solutions

प्रश्न 5.
अब्दुर्रहीम खानखाना ने तुलसी की प्रशंसा में कौन सा दोहा लिखा था?
उत्तर :
अब्दुर्रहीम खानखाना ने तुलसी की प्रशंसा में निम्न दोहा लिखा था (UPBoardSolutions.com)

सुरतिय, नरतिय, नागतिय, यह चाहत सब कोय।
गोद लिए हुलसी फिरै, तुलसी सो सुत होय।

प्रश्न 6.
सबसे बड़ा धर्म क्या है?
उत्तर :
दूसरों की भलाई की प्रवृत्ति ही मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है।

प्रश्न 7.
सही वाक्य पर (✓) और गलत वाक्य पर (✗) का निशान लगाइए(सही-गलते का निशान लगाकर)
(क) तुलसीदास समन्वयवादी कवि थे। (✓)
(ख) हरिद्वार में तुलसी को श्रीराम के दर्शन हुए। (✗)
(ग) रामचरितमानस विश्व का अद्वितीय ग्रन्थ है। (✓)
(घ) तुलसीदास ने सम्पूर्ण भारत की यात्रा की। (✗)

UP Board Solutions

We hope the UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 गोस्वामी तुलसीदास (महान व्यक्तित्व) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 गोस्वामी तुलसीदास (महान व्यक्तित्व), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 आदि गुरु शंकराचार्य (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 आदि गुरु शंकराचार्य (महान व्यक्तित्व)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 आदि गुरु शंकराचार्य (महान व्यक्तित्व).

पाठ का सारांश

शंकराचार्य का बचपन का नाम शंकर था। इनका जन्म आठवीं सदी में केरल में पूर्णा नदी के तट पर स्थित कालड़ी ग्राम में हुआ। इसके पिता का नाम शिवगुरु व माता आर्यम्बा थी। शंकर के पिता व दादा वेद-शास्त्री के धुरन्धर पण्डित थे। ज्योतिषियों ने शंकर के पिता को बताया कि उनका पुत्र महान पण्डित, यशस्वी और भाग्यशाली होगा। तीन वर्ष की उम्र में शंकर के पिता का देहान्त होने पर माँ ने अध्ययन के लिए गुरु के पास भेजा। थोड़े ही समय में वेदशास्त्रों और धर्मग्रन्थों में पारंगत होने से इनकी गणना प्रथम कोटि के पण्डितों में होने लगी।

विद्याध्ययन के बाद शंकर घर लौटे। माँ से आज्ञा लेकर वह संन्यासी बनने नर्मदा के तट पर तपस्या में लीन संन्यासी गोविन्दनाथ के पास पहुँचे। उन्होंने इनका नाम शंकराचार्य रखा। ये गुरु की अनुमति लेकर सत्य (UPBoardSolutions.com) की खोज में निकल पड़े। गुरु ने पहले काशी जाने का सुझाव दिया।

काशी में गंगास्नान करने जाते हुए उन्हें एक चाण्डाल मिला। उसकी बातों से इन्हें सत्य का ज्ञान हुआ। इन्होंने काशी के प्रकाण्ड विद्वान मण्डन मिश्र और उनकी पत्नी भारती को शास्त्रार्थ में हराकर अपना शिष्य बना लिया। ये बड़े-बड़े विद्वानों को परास्त करने वाले दिग्विजयी पण्डित कुमारिल भट्ट से शास्त्रार्थ करने प्रयागधाम पहुँचे। इसी प्रकार ये अन्य स्थानों पर भी भ्रमण करते रहे। जब ये 2शृंगेरी में थे तो इन्हें माँ की बीमारी का पता चला। ये तत्क्षण अपनी माँ के पास पहुँच गए। माँ इन्हें देखकर खुश हुई। माँ की मृत्यु के बाद लोगों द्वारा विरोध किए जाने के बावजूद इन्होंने माँ का दाह-संस्कार किया। शंकाराचार्य ने धर्म की (UPBoardSolutions.com) स्थापना के लिए सारे भारत का भ्रमण किया। उन्होंने नए मन्दिरों का निर्माण कराया और पुराने मन्दिरों की मरम्मत कराई। लोगों को राष्ट्रीयता के सूत्र में पिरोने के लिए इन्होंने भारत के चारों कोनों पर चार धामों (मठों) की स्थापना की। इनके नाम हैं- श्री बद्रीनाथ, द्वारिकापुरी, जगन्नाथपुरी तथा श्री रामेश्वरम्। ये चारों धाम आज भी मौजूद हैं। इनकी शिक्षा का सार है

“ब्रह्म सत्य है तथा जगत् माया है।”

शंकराचार्य उज्ज्वल चरित्र के सच्चे संन्यासी थे, जिन्होंने अनेक ग्रन्थों की रचना की। 32 वर्ष की आयु में उनका देहावसान हो गया। उनका अन्तिम उपदेश था, “हे मानव! तू स्वयं को पहचान, स्वयं को पहचानने के बाद तू ईश्वर को पहचान जाएगा।”

UP Board Solutions

अभ्यास – प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
बालक शंकर के विषय में ज्योतिषियों ने क्या कहा था?
उत्तर :
लक शंकर के विषय में ज्योतिषियों ने कहा था, “शंकर महान पण्डित, यशस्वी और भाग्यशाली होगा।”

प्रश्न 2.
गुरु शंकराचार्य को सत्य का ज्ञान कहाँ और कैसे हुआ?
उत्तर :
गुरु शंकराचार्य को सत्य को ज्ञान काशी में एक चाण्डाल से मिलने पर हुआ। चाण्डाल ने शरीर को नश्वर और आत्मा को एक ही बताया क्योंकि ब्रह्म एक है।

प्रश्न 3.
गुरु शंकराचार्य का अन्तिम उपदेश क्या था?
उत्तर :
शंकराचार्य का अन्तिम उपदेश था “हे मानव! तू स्वयं को पहचान, स्वयं को पहचानने के बाद, तू ईश्वर को पहचान जाएगा।”

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
शंकराचार्य की शिक्षा का सार क्या है?
उत्तर :
शंकराचार्य की शिक्षा का सार है- “ब्रह्म सत्य है तथा जगत मिथ्या है’

प्रश्न 5.
गुरु शंकराचार्य द्वारा कौन से मठों की स्थापना की गई है?
उत्तर :
बदरीनाथ, द्वारिकापुरी, जगन्नाथपुरी तथा श्री रामेश्वरम्।

प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)

  • इनका परिवार पाण्डित्य के लिए विख्यात था।
  • इनके गुरु भी इनकी प्रखर मेधा को देखकर आश्चर्यचकित थे।
  • गुरु शंकराचार्य का देहावसान मात्र बत्तीस वर्ष की अवस्था में हो गया।

UP Board Solutions

We hope the UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 आदि गुरु शंकराचार्य (महान व्यक्तित्व) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 आदि गुरु शंकराचार्य (महान व्यक्तित्व), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.