UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 18 Major Ports of the World

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Geography
Chapter Chapter 18
Chapter Name Major Ports of the World (विश्व के प्रमुख पत्तन)
Number of Questions Solved 12
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 18 Major Ports of the World (विश्व के प्रमुख पत्तन)

विस्तृत उतरीय प्रश्न 

प्रश्न 1
रेखाचित्र की सहायता से निम्नलिखित पत्तनों के विकास के कारणों का उल्लेख कीजिए-
(अ) टोकियो, (ब) न्यूयॉर्क, (स) लन्दन, (द) ब्यूनस-आयर्स, (य) सिडनी, (र) शंघाई, (ल) सिंगापुर, (व) मुम्बई।
या
बन्दरगाह के रूप में न्यूयॉर्क पर टिप्पणी लिखिए।
या
सिंगापुर और मुम्बई बन्दरगाहों की स्थिति एवं महत्त्व का वर्णन कीजिए।
या
लन्दन और मुम्बई बन्दरगाहों की स्थिति और महत्त्व का वर्णन कीजिए। (2015)
या
मुम्बई की भौगोलिक अवस्थिति को एक रेखाचित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए। [2016]
उत्तर

(अ) टोकियो Tokyo

टोकियो जापान की राजधानी तथा विश्व का एक बड़ा नगर है। टोकियो महानगर 35° 40 उत्तरी अक्षांश तथा 138° 45′ पूर्वी देशान्तर पर स्थित है। यह छोटी-छोटी नदियों द्वारा निर्मित सगामी की खाड़ी की एक शाखा पर स्थित है। टोकियो का पत्तन उथला है; अतः जलयाने याकोहामा तक ही आ-जा सकते हैं। याकोहामा इसका जुड़वाँ नगर है जो इसे पत्तन की सुविधा प्रदान करता है। जापान का लगभग एक-तिहाई व्यापार इसी पत्तन द्वारा किया जाता है।

टोकियो-याकोहामा अपने पृष्ठ प्रदेश (क्वाण्टो मैदान) से सड़क एवं रेलमार्गों द्वारा जुड़ा है। यह पृष्ठ प्रदेश सघन जनसंख्या रखता है। यह औद्योगिक प्रदेश के रूप में विकसित हुआ है। इस फ्रदेश में विद्युत-यन्त्र, चीनी मिट्टी के बर्तन, रेल के इंजन एवं डिब्बे, सूती-रेशमी वस्त्र, रसा, दिन, गझपार्चा तथा रबड़ के खिलौने बनाने के अनेक कारखाने विकसित हुए हैं। टोकियो-याकोहामा के पृष्ठ, प्रदेश में पेट्रो-रसायन, रेशम, जलयान उद्योग विकसित हुए हैं। याकोहामा जलयान-निर्माण गोदियों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। ये दोनों ही केन्द्र अपने पृष्ठ प्रदेश से रेलों, सड़कों व ट्राम-गाड़ियों द्वारा जुड़े हैं। इस प्रकार दोनों ही केन्द्र जापान के महत्त्वपूर्ण व्यापारिक एवं औद्योगिक केन्द्रों के रूप में विकसित हुए हैं तथा दोनों जुड़वाँ नगर देश एवं विदेश की व्यापारिक एवं आर्थिक सेवा कर रहे हैं।
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टोकियो जापान का राजधानी मुख्यालय होने के कारण राजनीतिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित हुआ है। टोकियो एक खूबसूरत नगर है; अतः यह विदेशी पर्यटकों के लिए एक आकर्षक भ्रमण केन्द्र के रूप में विकसित हुआ है। यह जापानी शिक्षा, संस्कृति एवं सभ्यता का केन्द्र है। इस नगर में दिन-रात चहल-पहल रहती है। यहाँ के जगमगाते होटल, आकर्षक बाजार तथा तीव्र गति वाले परिवहन इस नगर की सुन्दरता में चार चाँद लगा देते हैं तथा पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

टोकियो के प्रमुख निर्यात सूती-रेशमी वस्त्र, रबड़, विद्युत एवं काँच का सामान, कागज, लुग्दी एवं ताँबा हैं। प्रमुख आयातक वस्तुओं में कोयला, लौह-अयस्क, कपास, चावल, चीनी एवं अन्य खाद्यान्न पदार्थ हैं।

(ब) न्यूयॉर्क New York

न्यूयॉर्क विश्व के विशालतम महानगरों में से एक तथा विशालतम पत्तन है। यह एक प्राकृतिक पत्तन है जो संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी-पूर्वी तट पर, हडसन नदी के मुहाने पर, मानहट्टन द्वीप पर, उत्तरी अटलांटिक महासागर के तट पर, 40°44 उत्तरी अक्षांश तथा 74° पश्चिमी देशान्तर पर स्थित है। इरी झील द्वारा यह महान् आन्तरिक झील मार्ग से जुड़ा है। यह एक गहरा तथा सुरक्षित पत्तन है जो यूरोप महाद्वीप के औद्योगिक देशों के निकट स्थित है। इस महानगर में अनेक उप-नगर हैं जिन्हें मिलाकर वृहत् न्यूयॉर्क महानगरीय प्रदेश की संरचना की गयी है। जनसंख्या की दृष्टि से न्यूयॉर्क विश्व में चौथे स्थान परे है।
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न्यूयॉर्क की स्थिति न्यूयॉर्क नगर की स्थापना न्यू-एमस्टर्डम नाम से 1926 ई० में हुई, परन्तु बाद में ड्यूक जेम्स (Duke James) की स्मृति में इस नगर का नाम न्यूयॉर्क पड़ा। इसका पृष्ठ प्रदेश बड़ा धनी एवं सघन बसा है। यह रेलों, सड़कों, नदियों तथा नहरों द्वारा देश के भीतरी भागों में सभी प्रमुख नगरीय केन्द्रों से जुड़ा है। न्यूयॉर्क का पृष्ठ प्रदेश बड़ा ही उपजाऊ, उन्नतशील एवं दूर-दूर तक विस्तृत है।

न्यूयॉर्क एक प्रसिद्ध औद्योगिक, व्यापारिक, राजनीतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र है। यहाँ सूती-ऊनी वस्त्र, कृत्रिम रेशम, लोहा एवं इस्पात का सामान, सिगरेट, कागज, मशीनें एवं यान्त्रिक उपकरण बनाने के बड़े-बड़े कारखाने विकसित हुए हैं। न्यूयॉर्क विश्व का सबसे बड़ा वित्तीय संकुल (Financial Foci) है, क्योंकि यहाँ विश्व बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय कोष आदि वित्तीय संस्थान स्थापित हुए हैं। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक केन्द्र के रूप में विकसित हुआ है, जिसके द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका का लगभग आधा व्यापार किया जा रहा है।

प्रमुख आयातक वस्तुओं में रबड़, कच्चा रेशम, वनस्पति तेल, चाय, जूट, कहवा, चीनी, चावल, तिलहन, लकड़ी, कागज की लुग्दी, वैज्ञानिक उपकरण, फोटोग्राफी का सामान, बिजली के बल्ब, जलयान, मशीनी उपकरण आदि हैं। प्रमुख निर्यातक वस्तुओं में कपड़ा, लोहे एवं इस्पात का सामान, मोटरकारें, कृषि-यन्त्र एवं उपकरण, सीसा, जस्ता, ताँबा, रासायनिक पदार्थ तथा विद्युत उपकरण एवं अन्य सामान आदि हैं।
न्यूयॉर्क अन्तर्राष्ट्रीय जल एवं वायुमार्गों का महत्त्वपूर्ण मिलन-केन्द्र है। विश्व में यह नगर बहुमंजिली इमारतों के लिए विख्यात है। यहाँ पर सबसे ऊँची 108 मंजिल तक की इमारत है। यह विश्व के बड़े एवं प्रमुख नगरों में से एक है।

(स) लन्दन London

ग्रेटर लन्दन यूरोप महाद्वीप का प्रमुख नगर, ब्रिटेन का राजधानी मुख्यालय तथा विश्व का दूसरा : बड़ा नगर है। लन्दन महानगर 51° 30 उत्तरी अक्षांश तथा 0.05′ पश्चिमी देशान्तर पर स्थित है। यह टेम्स नदी के मुहाने पर सागर से 120 किमी की दूरी पर ऐसे सुरक्षित स्थान पर स्थित है, जहाँ तक जलयान आसानी से आ-जा सकते हैं। इसके विशाल डॉक्स, सुरक्षित भव्य पोताश्रय, उत्तरी अटलाण्टिक महासागरीय मार्ग की निकटता, पश्चिमी यूरोपीय देशों के सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों का समीपवर्ती भागों में स्थित होना, कोयले एवं लोहे की सुविधा से औद्योगिक विकास, व्यापारिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास आदि लन्दन महानगर की उन्नति एवं प्रगति के प्रमुख कारण रहे हैं।
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लन्दन एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यात का केन्द्र है। यह एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक नगर भी है, जहाँ कागज, लोहा, इस्पात, रासायनिक पदार्थ, जूते, विद्युत उपकरण, शराब, फर्नीचर आदि के उद्योग-धन्धे विकसित हुए हैं। सुरक्षित पोताश्रय, डॉक्स की सुविधा एवं विशाल पृष्ठ प्रदेश ने इसे एक महत्त्वपूर्ण पत्तन के रूप में विकसित होने में मदद प्रदान की है। अन्ध महासागरीय जलमार्ग के निकटवर्ती भागों में स्थित होने के कारण अन्य पत्तनों की निकटता ने भी इस पत्तन की स्थिति को प्रभावित किया है।

यहाँ अन्तर्राष्ट्रीय बैंक एवं विनिमय की सुविधाएँ सर्वाधिक हैं। पुनर्निर्यात केन्द्र के रूप में चाय, कहवा, ऊनं, अनाज, मांस, लकड़ी, शराब, फल, रबड़ आदि वस्तुओं को आयात कर देश के आन्तरिक भागों एवं यूरोप के अन्य देशों को भेजता है। लन्दन एक सार्वभौमिक नगर है जहाँ विश्व के सभी धर्मावलम्बी निवास करते हैं। लन्दन रेलमार्गों द्वारा ब्रिटेन के सभी प्रमुख नगरों से जुड़ा है। यह शिक्षा एवं संस्कृति के एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र के रूप में भी विकसित हुआ है। यहाँ पर स्थित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय विश्व-प्रसिद्ध है। लन्दन महानगर एक बड़ी व्यापारिक मण्डी के रूप में भी विकसित हुआ है। कोवेण्ट गार्डन फलों एवं सब्जियों, स्मिथ फील्ड चर्बी, मांस एवं पनीर के सुव्यवस्थित थोक बाजार के रूप में विख्यात है। इस प्रकार लन्दन एक ऐसा पत्तन है जो भारी मात्रा में कच्चे पदार्थों को आयात करता है तथा विनिर्मित माल को विश्व के कोने-कोने तक निर्यात करता है।

(द) ब्यूनस-आयर्स Buenos-Aires

ब्यूनस-आयर्स दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप का प्रमुख पत्तन एवं महत्त्वपूर्ण नगरीय केन्द्र है। यह अर्जेण्टीना देश की राजधानी है, जो लाप्लाटा नदी के मुहाने पर स्थित है। इसकी स्थिति 34° 35′ दक्षिणी अक्षांश तथा 58° 20′ पश्चिमी देशान्तर पर है। इसका पृष्ठ प्रदेश पशुपालन एवं कृषि में उत्पादन के लिए। विश्वविख्यात है। यह पृष्ठ प्रदेश रेलमार्गों, सड़कमार्गों एवं वायुमार्गों द्वारा इस केन्द्र से जुड़ा है।
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ब्यूनस-आयर्स के पृष्ठ प्रदेश में गेहूँ, मक्का, दूध, मांस, पनीर, मक्खन आदि भारी मात्रा में उत्पन्न किये जाते हैं। यह एक औद्योगिक नगर के रूप में विकसित हुआ है। रोजारियो यहाँ जलयान, वायुयान, रसायन, लुग्दी एवं कागज, जूते, मांस से निर्मित पदार्थ, चमड़े की वस्तुएँ, चीनी, सिगरेट, सूती-ऊनी वस्त्र, आटा मिल एवं तेल को परिष्कृत करने के उद्योग विकसित हुए हैं। इस पत्तन से गेहूँ, मक्का आदि खाद्यान्न, मांस, चमड़ा, ऊन, फल, ताँबा तथा दुग्ध-निर्मित पदार्थों का निर्यात किया जाता है, जब कि पेट्रोलियम पदार्थ, मोटर- कारें, मशीनें, निर्मित वस्त्र, रासायनिक पदार्थ, विद्युत उपकरण, सूती वस्त्र आदि वस्तुएँ आयात की जाती हैं।

(य) सिडनी Sydney

सिडनी ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का प्रमुख पत्तन एवं महत्त्वपूर्ण नगर तथा न्यू-साउथवेल्स की राजधानी है, जो इस महाद्वीप के दक्षिणी-पूर्वी तट पर 33° 30 दक्षिणी अक्षांश तथा 151° पूर्वी देशान्तर के मिलन स्थल पर स्थित है। इसका पत्तन अधिक गहरा प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। इसका पृष्ठ प्रदेश धनी एवं बहुमूल्य खनिज पदार्थों का अक्षय भण्डार है। सिडनी विद्युतचालित रेलगाड़ियों तथा सड़क परिवहन द्वारा अपने पृष्ठ प्रदेश से जुड़ा है। इसके पृष्ठ प्रदेश में तीव्रगामी परिवहन के साधन विकसित हैं। इस प्रदेश की जलवायु बड़ी ही मनोरम है जिसने इसके निवासियों को लगनशील एवं बड़ा परिश्रमी बना दिया है।
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सिडनी ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक नगर है। यहाँ रेल के इंजन, जूते, साबुन, चीनी, ताँबा, टिन की चादरें, चमड़े की वस्तुएँ, आटा, मांस, कच्चा ऊन आदि वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। यह एक राजनीतिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र भी है तथा ऑस्ट्रेलिया की संघीय राजधानी कैनबरा से केवल 280 किमी की दूरी पर उत्तर-पूर्व में स्थित है।

इस पत्तन से ऊन, कोयला, चमड़ा, खनिज पदार्थ, सीसा, गेहूँ, मांस, सूखा दुग्ध पाउडर, मक्खन, फल आदि पदार्थों का विदेशों को निर्यात किया जाता है, जब कि यहाँ विदेशों से मशीनी उपकरण, परिवहन-उपकरण, सूती-रेशमी वस्त्र, पेट्रोलियम पदार्थ, विद्युत उपकरण, रासायनिक पदार्थ आदि वस्तुएँ आयात की जाती हैं। इस प्रकार ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में इस पत्तन का महत्त्वपूर्ण योगदान है।

(र) शंघाई Shanghai

शंघाई चीन का प्रमुख व्यापारिक नगर एवं पूर्वी एशिया का महत्त्वपूर्ण पत्तन है। यह महानगर 34°15′ उत्तरी अक्षांश तथा 121° 29′ पूर्वी देशान्तर पर स्थित है। उन्नतशील पृष्ठ प्रदेश होने के कारण इस नगर का व्यापारिक महत्त्व बहुत अधिक है। इसकी स्थिति यांगटिसीक्यांग की मुख्य धारा से लगभग 22 किमी दक्षिण में वांगपू नदी पर है। यह विश्व के प्रमुख महानगरों में से एक है। सागर तट से यह नगर केवल 86 किमी की दूरी पर स्थित है। यह एक प्रसिद्ध पुनर्निर्यात केन्द्र है, जहाँ से चीन, जापान, कोरिया आदि देशों को सामान वितरित किया जाता है।

शंघाई पत्तन का पृष्ठ प्रदेश बड़ा ही धनी एवं सघन बसा है। इसके पृष्ठ प्रदेश में जनसंख्या का घनत्व 500 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से भी अधिक है। इस पृष्ठ प्रदेश में 300 से भी अधिक कारखाने स्थित हैं, जिनमें सूती-रेशमी वस्त्रे, रबड़ का सामान, साबुन, कागज, सिगरेट, रासायनिक पदार्थ, सीमेण्ट, ग्रामोफोन, मशीनी उपकरण, विद्युत उपकरण, जलयान, वायुयान आदि के निर्माण कार्य प्रमुख हैं। यह अपने पृष्ठ प्रदेश से रेल एवं सड़क मार्गों द्वारा जुड़ा है। इस प्रदेश में बीजिंग से नानकिंग होकर शंघाई तथा हांगचाऊ तक रेलमार्ग महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।
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इस पत्तन से कपास, रेशम तथा चाय का निर्यात किंया जाता है, जब कि आयातक वस्तुओं में वस्त्र, चीनी, खनिज तेल, तम्बाकू एवं लौह-इस्पात का सामान प्रमुख हैं।

(ल) सिंगापुर Singapore

मलाया के दक्षिण में 1.2 किमी लम्बे रेल तथा सड़क मार्ग द्वारा जुड़े हुए 42 किमी लम्बे व 22.5 किमी चौड़े सिंगापुर द्वीप पर स्थित यह है पत्तन वास्तव में एक आन्पो पत्तन (entre port) है। इसका पृष्ठ प्रदेश सम्पूर्ण सिंगापुर द्वीप है जहाँ टिन शोधन, रबड़ की वस्तुएँ, पेट्रोलियम, सूती कपड़ा, सिगरेट, शराब, फर्नीचर, साबुन, मछली आदि उद्योग विकसित हैं। यहाँ रबड़, टिन, गर्म मसाले, रासायनिक पदार्थ, तम्बाकू, प्लाईवुड, सुमात्रा मशीनरी व मोटर-गाड़ियाँ आयात करके पुनः विदेशों को निर्यात की जाती हैं। अन्तर्राष्ट्रीय जल एवं वायुमार्गों पर स्थित होने के कारण यह पत्तन अफ्रीका एवं दक्षिणी एशिया से चीन व जापान की ओर जाने वाले जलयानों के लिए ईंधन, पानी आदि की सुविधाएँ प्रदान कर मार्ग-पत्तन (port of call) का भी कार्य करता है।
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(व) मुम्बई बन्दरगाह की स्थिति और महत्त्व
Importance and Situation of Mumbai Port

यह भारत का ही नहीं, अपितु विश्व का एक प्रमुख पत्तन है। देश का 20% से भी अधिक व्यापार मुम्बई पत्तन द्वारा किया जाता है। इस पत्तन को निम्नलिखित भौगोलिक सुविधाएँ प्राप्त हैं –
(1) स्थिति – मुम्बई पत्तन सालसट द्वीप पर लगभग 200 वर्ग किमी क्षेत्रफल में विस्तृत है। यह भारत के पश्चिमी तट पर एक प्राकृतिक कटान में स्थित है, जहाँ मानसून काल के तूफानों से जलयान सुरक्षित खड़े रह सकते हैं। यह पत्तन यूरोप, पूर्वी एशिया एवं ऑस्ट्रेलिया के मार्ग में पड़ता है। पत्तन के निकट 11 मीटर गहराई होने से जलयान समुद्रतट तक आकर ठहर जाते हैं। यहाँ पर एक खाड़ी बन गयी है जो 23 किमी लम्बी एवं 10 किमी चौड़ी है। स्वेज नहर को पार करके आने वाले सभी प्रकार के जलयान यहाँ पर आसानी से ठहर सकते हैं। इस प्रकार पश्चिम से पूर्व को जोड़ने में इस पत्तन की भूमिका बड़ी ही महत्त्वपूर्ण है।

(2) संचार की सुविधाएँ – मुम्बई को यद्यपि पश्चिमी घाट ने देश के भीतरी भागों से अलग-थलग कर दिया है, परन्तु, दिल्ली थालघाट एवं भोरघाट दरों ने इसे सड़क एवं रेलमार्गों द्वारा उत्तरी-दक्षिणी एवं मध्य-पूर्वी भारत से जोड़ दिया है। मुम्बई अन्तर्राष्ट्रीय वायु सेवाओं का भी प्रमुख केन्द्र है।
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(3) पोताश्रय – जिस स्थान पर मुम्बई पत्तने का निर्माण किया गया है, वहाँ जल की गहराई 11 मीटर है। इतनी गहराई में वे सभी जलयान आकर ठहर सकते हैं, जो स्वेज नहर से होकर निकल सकते हैं, क्योंकि स्वेज नहर की गहराई भी लगभग इतनी ही है।
मुम्बई पत्तन के तीन मुख्य डॉक्स हैं – प्रिंस डॉक में 12, विक्टोरिया डॉक में 13 और एलेक्जेण्ड्रा डॉक में 17 बर्थ हैं। यहाँ पर 2 शुष्क डॉक भी बनाये गये हैं। इसके अतिरिक्त कुछ उप-पत्तनों का भी विकास किया गया है जिनमें नावों से आने वाला ‘सामान एवं यात्री उतरते-चढ़ते हैं। तटीय व्यापार की दृष्टि से इनका महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस पत्तन के निकट ही पेट्रोलियम के गोदाम भी बनाये गये हैं। एक नया गोदाम बचूर द्वीप के समीप में भी निर्मित किया गया है। विशाल गोदामों का होना मुम्बई पत्तन की सबसे बड़ी विशेषता है। यहाँ अनाज एवं कपास रखने के गोदाम भी बनाये गये हैं जिनमें 178 अग्नि-सुरक्षित कमरे हैं। इन गोदामों में अग्नि-सुरक्षा, आवागमन, अस्पताल, जलपान-गृह आदि की भी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

(4) पृष्ठ प्रदेश – मुम्बई पत्तन का पृष्ठ प्रदेश बड़ा ही विशाल है, जो दक्षिण में तमिलनाडु के पश्चिमी भाग से लेकर उत्तर में कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात एवं महाराष्ट्र राज्यों तक फैला है। इसका पृष्ठ प्रदेश कृषि उत्पादन में बड़ा ही धनी है।
इस पत्तन के विकास के लिए 1969 ई० में मुम्बई पोर्ट ट्रस्ट अधिकरण बनाया गया है जिससे इसके विकास की विभिन्न योजनाएँ बनाई गयी हैं। कुल मिलाकर 55 घाटों का निर्माण किया गया है जहाँ पर एक साथ कई जलयानों से माल लादा एवं उतारा जा सकता है। प्रारम्भ में इसकी व्यापार क्षमता 150 लाख मीट्रिक टन थी जिसे बढ़ाकर 300 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है।

(5) व्यापार – व्यापार की दृष्टि से इस पत्तन का भारत में प्रथम स्थान है। देश के पेट्रोलियम व्यापार का 45%, सामान्य व्यापार को 44%, खाद्यान्न व्यापार का 30% तथा यात्रियों को लाने-ले जाने का
अधिकांश कार्य इसी पत्तन द्वारा किया जाता है। इस पत्तन द्वारा अलसी, मूंगफली, चमड़े का सामान, तिलहन, लकड़ी, ऊन एवं सूती वस्त्र, चमड़ा, मैंगनीज, अभ्रक, इन्जीनियरिंग का सामान, लकड़ी, चॉदी आदि वस्तुएँ विदेशों को निर्यात की जाती हैं।

पेट्रोलियम का आयात इसी पत्तन द्वारा सबसे अधिक किया जाता है। बॉम्बे-हाई (Bombay-High) में तेल के भारी उत्पादन से इसका महत्त्व और भी अधिक बढ़ गया है। यहाँ पर विदेशों से सूती, ऊनी एवं रेशमी वस्त्र, मशीनें, नमक, कोयला, कागज, रंग-रोगन, फल, रासायनिक पदार्थ, मिट्टी का तेल एवं लोहे का सामान, उत्तम किस्म की कपास, रासायनिक उर्वरक आदि वस्तुओं का आयात किया जाता है।
इस पत्तन के कारण ही इसके पृष्ठ प्रदेश में सूती वस्त्र उद्योग का विकास सम्भव हो सका है। दो पेट्रोल-शोधनशालाएँ ट्राम्बे में आयातित पेट्रोल के कारण स्थापित की जा सकी हैं। इसके अतिरिक्त रासायनिक उर्वरक, इन्जीनियरिंग, ऊनी वस्त्र, चमड़ा, दवाइयाँ, सीमेण्ट, मोटर, सिनेमा आदि उद्योग भी काफी विकसित हैं।

इस पत्तन पर 3,557 जलयानों का आवागमन प्रतिवर्ष होता है जिनके द्वारा 286 लाख टन सामान का व्यापार किया जाता है, जिसमें 134 लाख टन का आयात तथा 152 लाख टन का निर्यात किया जाता है। इसकी व्यापार क्षमता और भी अधिक बढ़ गयी है, क्योंकि इसके निकट ही न्हावाशेवा एक नया पत्तन विकसित किया गया है।

मुम्बई पत्तन के विकास के कारण –

  1. अन्य भारतीय पत्तनों की अपेक्षा यूरोप के अधिक निकट स्थिति।
  2. स्वेज नहर मार्ग तथा उत्तमाशा-अन्तरीप मार्ग पर केन्द्रीय स्थिति रखना।
  3. प्राकृतिक एवं विस्तृत पोताश्रय।
  4. पत्तन का वर्ष भर आवागमन के लिए खुले रहना।
  5. अपने पृष्ठ प्रदेश से रेल एवं सड़क मार्गों द्वारा जुड़ा होना।
  6. इसके पृष्ठ प्रदेश का कपास, गेहूं, गन्ना, मूंगफली जैसी फसलों के उत्पादन में विशेष स्थान।
  7. पश्चिमी घाट की प्राकृतिक स्थिति का जल-विद्युत शक्ति के विकास के लिए अनुकूल होना।
  8. समीप में तारापुर अणु शक्ति-गृह का स्थापित किया जाना।
  9. इसके पृष्ठ प्रदेश में सघन जनसंख्या का निवास होना।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1
उत्तम पोताश्रय के गुण लिखिए।
उत्तर
पत्तन का वह भाग जहाँ जलयान ठहरते हैं एवं यात्रियों व माल का लदान करते हैं, पोताश्रय कहलाता है। ये दो प्रकार के होते हैं-
(i) प्राकृतिक तथा
(ii) कृत्रिम। कुछ पत्तन पोताश्रयविहीन होते हैं, जहाँ माल की लदाई व उतराई खुले तटों पर होती है। उत्तम पोताश्रय में निम्नलिखित आठ गुण पाए जाते हैं

  1. पवन तथा समुद्री लहरों से सुरक्षा होनी चाहिए। इस दृष्टि से मुम्बई का प्राकृतिक पोताश्रय उत्तम है। किन्तु चेन्नई में कंकरीट की तरंग-अवरोधी दीवारयुक्त कृत्रिम पोताश्रय बनाया गया है। संयुक्त
    राज्य अमेरिका में हाउस्टन पत्तन की लहरों से सुरक्षा करने के लिए समुद्री नहर बनाई गई है।
  2. तट के निकट जल की गहराई 30 मीटर तक होनी चाहिए। न्यूयॉर्क, एण्टवर्प, रॉटरडम, शंघाई आदि पत्तनों के निकट उथले समुद्री तट के कारण निरन्तर पोताश्रय का तलमार्जन (dredging) कराना पड़ता है।
  3. जलयानों को लंगर डालने के लिए पर्याप्त विस्तृत स्थान आवश्यक है।
  4. पोताश्रय द्वार पर्याप्त चौड़ा, सीधा व गहरा होना चाहिए।
  5. उच्च एवं निम्न ज्वार में 5 मीटर से अधिक अन्तर नहीं होना चाहिए।
  6. शीतकाल में पोताश्रय हिमरहित होना चाहिए। मॉण्ट्रियल, अर्केन्जिल, ब्लाडीवोस्टक आदि पत्तनों को हिम भंजकों का प्रयोग करना पड़ता है।
  7. कोहरे व धुंधरहित पोताश्रय उपयुक्त रहते हैं।
  8. पोताश्रय में घाट, गोदाम, वैल्ट लाइन व रेलपथ, पारगमन शेड आदि अग्रान्त सुविधाएँ (terminal facilities) होना आवश्यक है।

उपर्युक्त दृष्टि से लन्दन, लिवरपूल, न्यूयॉर्क, सैनफ्रांसिस्को, बोस्टन, लीहार्वे, एण्टवर्प, हैम्बर्ग, रियोडिजेनेरो, सिडनी आदि विश्व के उत्तम पत्तन हैं।

प्रश्न 2
पत्तन कितने प्रकार के होते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर
कार्यों अथवा उपयोग के आधार पर पत्तन निम्नलिखित प्रकार के होते हैं –

  1. व्यापारिक पत्तन (commercial port) ये वे पत्तन हैं जो माल के आयात व निर्यात का संचालन करते हैं। यद्यपि वहाँ यात्री-सेवाएँ भी उपलब्ध होती हैं; जैसे- मुम्बई व कोलकाता।
  2. यात्री पत्तन (passenger port) इन पत्तनों पर मुख्यत: डाक एवं यात्रियों की सेवाएँ उपलब्ध होती हैं।
  3. आन्त्रपो पत्तन (entre port) ये वे पत्तन हैं जो माल का आयात अपने पृष्ठ प्रदेश में वितरण के लिए नहीं अपितु पुनः निर्यात के लिए करते हैं। ये पत्तन उत्तम पोताश्रय व अग्रान्त सुविधाओं से
    सम्पन्न होते हैं। सिंगापुर व हांगकांग इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
  4. अन्तः स्थलीय पत्तन (inland port) ये पत्तन समुद्र से भीतर की ओर किसी नदी या नहर के किनारे स्थित होते हैं। सुरक्षित एवं अग्रान्त सुविधाओं से सम्पन्न इन पत्तनों का प्रमुख उदाहरण
    कोलकाता है।
  5. बाह्म पत्तन (out port) सागर तट पर अधिक रेत एकत्रित होने पर जलयान वहाँ तक नहीं पहुँच पाते, तब बाहर की ओर एक अन्य छोटा उप-पत्तन स्थापित कर लिया जाता है। हैम्बर्ग, ब्रीमेन व
    लन्दन पत्तनों के लिए उप-पत्तनं बनाए गए हैं।
  6. नौसैनिक पत्तन (naval port) सैनिक उपयोग की दृष्टि से निर्मित पत्तनों पर युद्धपोत, *पनडुब्बियों आदि की सुरक्षा के लिए विशेष सुविधाएँ स्थापित की जाती हैं। उनके पृष्ठ प्रदेश की
    उपयोगिता का विचार नहीं किया जाता।
  7. मत्स्य पत्तन (fishing port) मछली पकड़ने के विशेष उद्देश्य से स्थापित किए गए पत्तनों पर | जलयान, मोटरबोट, नौका, प्रशीतन (refrigeration) आदि की विशिष्ट सुविधाएँ प्राप्त होती हैं।
    कालीकट व कोचीन पत्तन इसी श्रेणी में आते हैं।
  8. मार्ग पत्तन (port of call) महासागरों में लम्बी यात्राओं के दौरान जलयानों को ईंधन-पानी आदि लेने की आवश्यकता होती है। इस उद्देश्य से विशिष्ट पत्तन स्थापित किए जाते हैं। अदन इसी प्रकार का पत्तन है।।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1
पूर्व का द्वार किसे कहा गया है?
या
कौन-सा पत्तन ‘पूर्व का प्रवेशद्वार’ कहलाता है तथा क्यों? [2009]
उत्तर
महत्त्वपूर्ण नगर सिंगापुर पत्तन को पूर्व का द्वार कहा जाता है, क्योंकि पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैण्ड से आने वाले सभी जलयान यहाँ से होकर जाते हैं।

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प्रश्न 2
सिडनी की स्थिति को एक रेखा-मानचित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर
चित्र 18.5 देखें।

प्रश्न 3
विश्व के दो प्रमुख बन्दरगाहों के नाम बताइए। [2011, 12, 13, 14, 15]
उत्तर

  1. न्यूयॉर्क तथा
  2. सिंगापुर।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1
निम्नलिखित में से कौन आन्त्रपो पत्तन नहीं है?
(क) सिंगापुर
(ख) हांगकांग
(ग) रॉटरडम
(घ) कोलकाता
उत्तर
(घ) कोलकाता

प्रश्न 2
निम्नलिखित में से कौन नदीय पत्तन नहीं है?
(क) हैम्बर्ग
(ख) लन्दन
(ग) ग्लासगो
(घ) कोलकाता
उत्तर
(क) हैम्बर्ग

प्रश्न 3
पत्तनों व देशों का गलत जोड़ा बताइए
(क) मार्सेलीज-फ्रांस
(ख) एम्सटरडम-नीदरलैण्ड्स
(ग) लिवरपूल-ग्रेट ब्रिटेन
(घ) हैम्बर्ग-इटली
उत्तर
(घ) हैम्बर्ग-इटली

प्रश्न 4
निम्नलिखित में से कौन-सा पत्तन (बन्दरगाह) संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट पर स्थित है?
(क) लन्दन
(ख) सैनफ्रांसिस्को
(ग) लॉस एंजिल्स
(घ) न्यूयॉर्क
उत्तर
(घ) न्यूयॉर्क

प्रश्न 5
वैकुवर बन्दरगाह स्थित है।
(क) उत्तरी अटलाण्टिक मार्ग पर
(ख) उत्तरी प्रशान्त महासागर मार्ग पर
(ग) स्वेज नहर मार्ग पर
(घ) पनामा नहर मार्ग पर
उत्तर
(ख) उत्तरी प्रशान्त महासागर मार्ग पर

प्रश्न 6
निम्न में से कौन-सा बन्दरगाह पूर्व का द्वार’ कहलाता है? [2009]
(क) टोकियो
(ख) हांगकांग
(ग) सिडनी
(घ) सिंगापुर उन्ट
उत्तर
(घ) सिंगापुर

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UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद are part of UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi . Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद.

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 11
Subject Sahityik Hindi
Chapter Chapter 1
Chapter Name हिन्दी-संस्कृत अनुवाद
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद

हिन्दी-संस्कृत अनुवाद

नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार इस खण्ड से परीक्षा में किन्हीं चार हिन्दी वाक्यों को संस्कृत में अनुवाद करने के लिए कहा जाता है, जिसके लिए कुल 4 अंक निर्धारित हैं।

हिन्दी के वाक्य को संस्कृत में परिवर्तित करने के लिए दोनों भाषाओं के मूलभूत नियमों की जानकारी अत्यावश्यक है। हिन्दी वस्तुतः संस्कृत का ही परवर्ती विकास है, इसलिए दोनों भाषाओं की शब्द-रचना में विशेष अन्तर नहीं है। कुछ मुख्य अन्तर निम्नवत् हैं

(1) वचन एवं लिङ्ग – हिन्दी में दो वचन (एकवचन और बहुवचन) होते हैं। संस्कृत में द्विवचन भी होने के कारण वचन तीन हैं। इसी प्रकार हिन्दी में दो ही लिङ्ग (पुंल्लिङ्ग, स्त्रीलिङ्ग) होते हैं, संस्कृत में नपुंसकलिङ्ग भी होने के कारण तीन लिङ्ग होते हैं।

(2) पुरुष – संस्कृत में तीन पुरुष होते हैं
(क) प्रथम पुरुष – जिसके सम्बन्ध में बात की जाती है; जैसे – सः (वह), तौ (वे दोनों), ते (वे सब)
(ख) मध्यम पुरुष – जिससे बात की जाती है; जैसे – त्वम् (तुम), युवाम् (तुम दोनों), यूयम् (तुम सब)।
(ग) उत्तम पुरुष – बात करने वाला स्वयं; जैसे – अहम् (मैं ), आवाम् (हम दोनों), वयम् (हम सब)।।

(3) विशेषण – संस्कृत में विशेषण सदा विशेष्य के लिङ्ग तथा वचन का अनुगमन करता है, जब कि हिन्दी में संस्कृत से आये विशेषणों के सन्दर्भ में ऐसा नहीं होती; जैसे
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 1

सुन्दर बालक। सुन्दर बालिका। सुन्दर पुस्तक। परन्तु हिन्दी के अपने विशेषण विशेष्य के लिङ्गानुसार बदल जाते हैं; जैसे

काला घोड़ा।                         काली घोड़ी। |
काले घोड़े।                          काली घोड़ियाँ।

उपर्युक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि हिन्दी के अपने विशेषण पुंल्लिङ्ग विशेष्य के वचन (एकवचन, बहुवचन) को भी सूचित करते हैं, पर स्त्रीलिङ्ग विशेष्य के साथ सदा एकवचनान्त ही रहते हैं, उसके बहुवचन को सूचित नहीं करते; जैसे – काली घोड़ियाँ।

संस्कृत से तुलना करने पर तो स्थिति निम्नवत् प्राप्त होती है
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 2

रूप ही सम्भव हैं, संस्कृत के समान ये समस्त विभक्तियों (कारकों) में भिन्न-भिन्न नहीं होते।।

(4) लकार – संस्कृत में प्रमुख लकार पाँच होते हैं, जो विभिन्न भावों को सूचित करते हैं

(क) लट् लकार (वर्तमान काल)।
(ख) लङ् लकार ( भूत काल)।
(ग) लृट् लकार (भविष्यत् काल)।
(घ) लोट् लकार (आज्ञासूचक)।
(ङ) विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ, चाहिए, सम्भावना, शक्ति-प्रदर्शन के अर्थ में)।

(5) कारक और विभक्तियाँ – संस्कृत में मोटे तौर पर आठ कारक और सात विभक्तियाँ मानी जाती हैं, किन्तु वास्तव में कारक छ: ही होते हैं। षष्ठी और सम्बोधन को संस्कृत में कारक नहीं माना जाता। ये कारक
और विभक्तियाँ निम्नवत् हैं ।
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 3

(6) कर्ता, क्रिया और धातु – क्रिया के करने वाले को कर्ता कहते हैं; जैसे-रामः पठति। इस वाक्य में ‘रामः’ कर्ता है। जिससे किसी काम को करना या होना जाना जाता है, उसे क्रिया कहते हैं; जैसे – रामः पठति। इस वाक्य में ‘पठति’ क्रिया है। क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं; जैसे-‘पठति क्रिया में ‘पद्’ धातु है।

अनुवाद के सामान्य नियम

हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करते समय सर्वप्रथम कर्ता पर ध्यान देना चाहिए कि कर्ता किस वचन तथा किस पुरुष में है। हम जानते हैं कि संस्कृत में तीन पुरुष और तीन वचन होते हैं। इस प्रकार कुल नौ कर्ता हुए। मध्यम पुरुष और उत्तम पुरुष के कर्ता निश्चित होते हैं अर्थात् ये कभी नहीं बदलते। शेष समस्त कर्ता प्रथम पुरुष के अन्तर्गत आते हैं। निम्नलिखित तालिका को ध्यानपूर्वक पढ़िए
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 4

कर्ता जिस वचन का होगा, क्रिया भी उसी वचन की होगी। हम जानते हैं कि संस्कृत में पाँच लकारों का प्रयोग किया जाता है, जो पाँचों कालों की क्रिया के लिए प्रयुक्त होते हैं। इस प्रकार प्रत्येक लकार की क्रिया के पुरुष और वचन के अनुसार नौ रूप होते हैं, जिनका प्रयोग कर्ता की स्थिति के अनुसार किया जाता है।

लट् लकार (वर्तमान काल)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 5

लङ् लकार (भूत काल)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 6

लृट् लकार (भविष्यत् काल)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 7

लोट् लकार (आज्ञासूचक)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 8

विधिलिङ् लकार (‘चाहिए’ अर्थ में)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 9

संस्कृत में अव्यय सदा अपरिवर्तित रहते हैं; उदाहरणार्थ-अकस्मात्, अतः, अतीव, अत्र, अद्य, अधुना (अब), एव (ही), अलम् (बस), इदानीम् (अब) आदि अव्यय हैं। वाक्य में ये सर्वदा इसी रूप में प्रयुक्त होंगे। संस्कृत में कुछ शब्दों के साथ विभक्ति विशेष का ही प्रयोग होता है, जो हिन्दी से भिन्न है। उदाहरणार्थ हिन्दी में कहते हैं-‘मैं उसके साथ जाऊँगा’ पर संस्कृत में ‘अहं तेन सह गमिष्यामि’ ही कहेंगे अर्थात् ‘सह अव्यय के साथ तृतीया विभक्ति का ही प्रयोग होगा, जो ‘तेन’ सर्वनाम में है। इसी प्रकार विना’ अव्यय के साथ भी तृतीया का प्रयोग होगा; जैसे—’रामेण विना सः न गमिष्यति’ (राम के बिना वह नहीं जायेगा)। इसी प्रकार ‘दा (देना) क्रिया के साथ ग्रहीता (दी हुई वस्तु को लेने वाले) के लिए चतुर्थी का ही प्रयोग होगा, हिन्दी के समान कर्म कारक (द्वितीया विभक्ति) का नहीं; ‘वह बालक को पुस्तक देता है’ के लिए संस्कृत में ‘स: बालकाय पुस्तकं ददाति ही होगा। ये सभी नियम सतत अभ्यास से ही सीखे जा सकते हैं। विभक्तियों के ज्ञान के लिए ‘विभक्ति परिचय’ प्रकरण का विधिवत् अध्ययन करें।
उपर्युक्त सभी बातों को ध्यान रखकर अनुवाद करने से अनुवाद शुद्ध होगा।

विभक्तियों के अनुसार अनुवाद

प्रथमा विभक्ति (कर्ता कारक)
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द्वितीया विभक्ति (कर्म कारक)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 11

तृतीया विभक्ति (करण कारक)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 12

चतुर्थी विभक्ति (सम्प्रदान कारक)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 13

पञ्चमी विभक्ति (अपादान कारक)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 14

षष्ठी विभक्ति (सम्बन्ध कारक)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 15

सप्तमी विभक्ति (अधिकरण कारक)
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अभ्यास

निम्नलिखित वाक्यों के संस्कृत में अनुवाद कीजिए

    1.  वन्दना पुस्तक पढ़ती है।
    2. राम फल खाता है।
    3.  वे दोनों खेलते हैं।
    4.  हम सब गाना गाते हैं।
    5.  तुम हँस रहे थे।
    6. उसने नाटक देखा।
    7.  वे सब पाठ याद करेंगे।
    8. तुम दोनों निबन्ध लिखोगे।
    9.  शीला खाना पकाये।
    10. रमेश स्कूल जाए।
    11.  उसे परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए।
    12.  हमें बड़ों का आदर करना चाहिए।
    13.  महिमा स्कूल जाती है।
    14. तुम्हें दूध पीना चाहिए।
    15.  वे बाण से मृग को मारेंगे।
    16.  हाथी ने सँड़ से पानी पीया।
    17.  विद्या विनय के लिए होती है।
    18.  गुरुजी को नमस्कार।
    19.  चूहा बिल से निकलता है।
    20.  कुसुम स्कूल से आयी।
    21.  गुलाब का फूल सफेद है।
    22.  तुम्हारा क्या नाम है?
  1. जल में मछली रहती है।
  2.  उपवन में पेड़ हैं।।

पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ के पाठों से सम्बद्ध अनुवाद

निम्नलिखित वाक्यों की संस्कृत में अनुवाद कीजिए
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UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 18
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद 19

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UP Board Solutions for Class 12 English Chapter 1 Use of Verb forms and Articles

UP Board Solutions for Class 12 English Translation Chapter 1 Use of Verb forms and Articles are part of UP Board Solutions for Class 12 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 English Translation Chapter 1 Use of Verb forms and Articles.

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject English Translation
Chapter Name Use of Verb forms and
Articles
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 English Chapter 1 Use of Verb forms and Articles

Exercise 1

  1. Are you busy this time?
  2. This knife became sharp.
  3. Are you a college student ?
  4. This is not my father’s car.
  5. I am grateful to you.
  6. These boys became half mad.
  7. His son became angry with me.
  8. My sister is brave.
  9. Whose pen is yours?
  10. Will you be happy today?
  11. Was she a singer?
  12. I am afraid of that cheater.
  13. It will be a holiday on Sunday.
  14. Water becomes hot on fire.
  15. Man is mortal.

Exercise 2

  1. I have four brothers.
  2. These boys have a dog
  3. I have an elephant also.
  4. In winter, I have a bath daily.
  5. Today, we shall talk to the principal.
  6. Tomorrow I shall have this money.
  7. He has a book in his hand.
  8. I have had food twice.
  9. He had a small house.
  10. A cow has four legs.
  11. He has some problem in his heart.
  12. My city has a zoo.
  13. He had a expensive dog.
  14. His voice is very sweet.
  15. Right now, I am having a bath.

Exercise 3

  1. Will she do something in the evening ?
  2. What do you do with your brother?
  3. I do nothing with my brother.
  4. My brother does some work with father.
  5. What are you doing in your garden ?
  6. Is the gardener also doing something there ?
  7. What did that beggar do on the road ?
  8. My servant is doing some work this time.
  9. Mother is doing nothing in the kitchen.
  10. My sister does all work in the absence of mother.

Exercise 4

  1. It is getting dark now.
  2. It is your duty to show pity on the animals.
  3. It is not easy to please all.
  4. It was raining heavily last evening.
  5. It is dangerous for children to play with crackers.
  6. It is no use worrying.
  7. It is five by my watch.
  8. It will be holiday on Monday.
  9. It is not possible for me to sleep late at night.
  10. To invest money in shares is foolishness.
  11. It is the month of March.
  12. It is the truth that he does not live here.
  13. It is our duty to love the country.
  14. It is easy for a cat to see in the dark.
  15. It is good to complete one’s work in time.

Exercise 5

  1. It took many years for Columbus to discover America.
  2. Father took a long time to understand you.
  3. Did he take a very little time in making up his loss?
  4. You will take more than three hours in solving the full question paper.
  5. Will he take very little time in solving your problem ?
  6. You will take only five minutes in reaching the temple.
  7. It took me two hours in reaching the temple to have a glimpse of the idol.
  8. The teacher took ten minutes in solving this sum.
  9. It took many years in freeing India.
  10. It took him several years in improving his condition.

Exercise 6

  1. There was a red pencil in my pocket.
  2. Today there are few students in my classroom.
  3. There are a great number of audience in the visitor’s gallery.
  4. God is present every where.
  5. There is full moon in the sky on the night of purnima.
  6. There were a number of ripe mangoes in this basket.
  7. There is a lot of air in the ment.
  8. There is no beggar in some countries.
  9. There is pleasant weather in the spring.
  10. Are there countless stars in the sky?
  11. Are there so many rats in your house?
  12. There is no dispute between India and Nepal.
  13. There are your books.
  14. How many clerks are absent from the office today?
  15. Now there is no need of soldiers on the border.

Exercise 7

  1. He is jealous but he should not express it.
  2. It is a pity that you are a bachelor.
  3. These chairs are more comfortable than those chairs.
  4. Is this the book that you wanted ?
  5. It is impossible to reach there in time.
  6. I shall see you tomorrow, if it is convenient.
  7. These days I am very busy in writing.
  8. It is accepted that this friend of his is very rich.
  9. He never met me these days.
  10. Can you bear so much expenditure ?
  11. There is only Mohan who is so wise.
  12. It is no use shouting.
  13. This is the thing that I will say.
  14. Hello, Are you Raymond Brown speaking?

Exercise 8

  1. Please help me.
  2. Please do take a cup of tea with me.
  3. Never chase a dog.
  4. Take a little lukewarm water.
  5. Please read the whole of my letter.
  6. Work hard for your progress.
  7. Take care of the children well.
  8. Leave bed early in morning regularly.
  9. Please lend to me a little money for sometime.
  10. Please do not smoke here.
  11. Never make a fun of the poor.
  12. Switch off all the lights before going to sleep.
  13. Do not go into deep water.
  14. Do not make much use of mobile
  15. Drive the vehicle slowly on a busy road.

Exercise 9

(A)

  1. Let the carpenter make my table.
  2. Let the police arrest the thieves.
  3. Let these girls sing a sweet song.
  4. Do not let the boys copy.
  5. Do not let the little children read novels.
  6. Do not let the boys throw stones at frogs.
  7. Let the servant clean the room.
  8. Do not let the small children play in the sunlight.
  9. Let him read the Ramayana.
  10. Do not let any clerk accept bribe.
  11. Let him finish his work.
  12. Let me worship God for two hours.
  13. Do not let him go to the picnic.
  14. Let this girl sing two songs.
  15. Let them say what they want to say.

(B)

  1. Let us bathe in the Ganga this year.
  2. Let us love all the children.
  3. Let us not kill the birds.
  4. Let us sleep now.
  5. Let us respect our elders.
  6. Let us learn our lesson now.
  7. Let us not abuse anybody.
  8. Let us play cricket match.
  9. Let us get up at 5 a.m. the morning
  10. Let us love small children.
  11. Let us serve our country.
  12. Now let us depart in the night.
  13. Let us take part in essay competition.
  14. Certainly let us see the Taj Mahal.
  15. Let us distribute blankets among the poor people.

(C)

  1. The captain does not let these boys play the match.
  2. His mother did not let him go to the cinema.
  3. Why do you not let me have tea?
  4. Our teacher will not let us laugh.
  5. The inspector has not let any milk vendor sell the adul
  6. My dog does not let any stranger come in the house.
  7. My neighbours will not let me fly the kite.
  8. Our principal does not let any student copy.
  9. The hunter has let all the birds fly.
  10. My mother will not let me have coffee.
  11. The police will not let anybody come in.
  12. The government does not let us hold meeting here.
  13. My friend let me pay the bill.
  14. The gardener did not let them walk on the grass.
  15. Will the forest officers not let them cut the trees ?

Exercise 10

  1. Please open the window a little ?
  2. Will you shift/move a little ?
  3. Would you teach me to speak English ?
  4. Could you look after my dog my in absence ?
  5. Will you give me your brief introduction ?
  6. Could you see me day after tomorrow ?
  7. Will you do a work of mine ?
  8. Will you please tell me your telephone number?
  9. Would you have lunch with me today?
  10. Could you meet me today in the evening ?
  11. May I use your telephone ?
  12. Would you remember me again ?
  13. Would you walk with me in the garden for some time please?
  14. Will you tell me the time ?
  15. Would you wait for me till I return ?

Exercise 11

  1. Do take this medicine regularly.
  2. Do put out the candle.
  3. Put my files on my table only.
  4. Doctor, do treat this patient?
  5. Do send him to me tomorrow.
  6. All the boys come to me ?
  7. Do win the watch.
  8. Raju, do bring a cup of coffee for me.
  9. You are not to smoke from today.
  10. Mohan is to make a firm promise.
  11. Do write to me on alternate days.
  12. You have to reach school daily in time.
  13. O God, help this poor man.
  14. You will depart tomorrow by night train.
  15. He is to distribute all invitation cards today.

Exercise 12

  1. Our team could not win the match.
  2. You cannot talk loudly in the library.
  3. Peace loving people may also become violent.
  4. Could you lend me some money?
  5. You may catch cold by going out in the cold.
  6. May he recover soon!
  7. He could lead in the last round of the game.
  8. He fell down from the roof, his leg could be broken too.
  9. We could get pure ghee at a cheaper rate in olden days.
  10. May I come in ?
  11. You may come in after an hour.
  12. Can you examine all the files today?
  13. Our father could face this situation.
  14. May God prosper you a lot!
  15. Can you help me in solving these sums ?

Exercise 13

  1. He can be great.
  2. He is unable to cross the river
  3. Now he cannot sit for a long time.
  4. Now he is unable to sit for a long period.
  5. I am unable to sleep after midnight.
  6. He cannot be dishonest.
  7. He cannot work hard.
  8. Why are you unable to speak loudly?
  9. He is not able to make a long speech.
  10. He cannot speak before a crowd.
  11. He is not able to face the problems.
  12. He is unable to tell a lie.
  13. He is unable to eat anything.
  14. He cannot give so much contribution.
  15. He is unable to walk even a step.

Exercise 14

  1. The leaders should be honest.
  2. He ought to meet the principal today.
  3. He must work hard.
  4. We should not be miser.
  5. We ought to believe in God.
  6. You must reach school in time.
  7. We should not read cheap novels.
  8. The students must read the newspaper daily.
  9. He must be a member of social society.
  10. You should love the country.
  11. The students ought to respect their teachers.
  12. We should be civilized and polite.
  13. Everybody ought to pity the poor.
  14. You should never tell a lie.
  15. You ought not to make your clothes dirty.

Exercise 15

  1. He may have to come here at once.
  2. The patient may have to stay in the hospital for a few days.
  3. You may have to wait for some more days for a job.
  4. You may have to repent on your doing.
  5. You may have to speak in English on many occasions.
  6. He may have to compromise with his joys.
  7. He may have to look after his old grandfather.
  8. The police may have to fire on the crowd.
  9. You may have to beg.
  10. I may have to go to office on Sunday.

Exercise 16

  1. Would you bring me a chair ?
  2. He would go to meet his friends on Sundays.
  3. He would go to church on every Sunday.
  4. If it rains tomorrow morning, the school would be closed.
  5. How nice it would be if you become a minister ?
  6. I would surely accompany you in the marriage procession of your son.
  7. Would you examine me out of turn ?
  8. He would work hard in his youth.
  9. He would surely accept your invitation.
  10. Would you lend me some money ?

Exercise 17

  1. I have to scold him.
  2. Will you have to deposit income tax ?
  3. You will have to pardon him.
  4. Did you have to wash your clothes on your own ?
  5. When did you have to send him to market ?
  6. The students will have to work hard.
  7. They will have to obey me.
  8. I had to speak in English to my friends.
  9. The teacher did not have to teach us some lessons.
  10. He will have to repair his house.

Exercise 18

1.
(a) Do you mind my playing cards here?
(b) Would you mind if I play cards here?
(c) Do you mind if I play cards here ?

2.
(a) Do you mind my smoking here?
(b) Would you mind if I make here?
(c) Do you mind if I smoke here?

3.
(a) Do you mind my having a cup of tea ?
(b) Would you mind if I have a cup of tea ?
(c) Do you mind if I take a cup of tea?

4.
(a) Do you mind my seeing your mobile ?
(b) Would you” mind if I’see your mobile ?
(c) Do you mind if I see your mobile ?

5.
(a) Do you mind my going out for some time?
(b) Would you mind if I go out for some time ?
(c) Do you mind if I go out for some time?

6.
(a) Do you mind my sitting on this chair?
(b) Would you mind if I sit on this chair ?
(c) Do you mind if I sit on this chair?

7.
(a) Do you mind my switching off the T.V. ?
(b) Would you mind if I switch the T.V. off ?
(C) Do you mind if I switch the T.V. off ?

8.
(a) Do you mind me talking to my friend on the telephone ?
(b) Would you mind if I talk to my friend on the telephone ?
(c) Do you mind if I talk to my friend on the telephone ?

9.
(a) Do you mind my interrupting you in the between ?
(b) Would you mind if I interrupt you in between ?
(c) Do you mind if I interrupt you in between ?

10.
(a) Do you mind my sending your servant to the market?
(b) Would you mind if I send your servant to the market ?
(c) Do you mind if I send your servant to the market ?

Exercise 19

  1. I may be allowed/permitted/given permission one week’s time to submit my reply.
    (allowed, permitted या given permission में से किसी भी एक शब्द का प्रयोग करें, इसी प्रकार इस से आगे के वाक्यों में हमने एक शब्द का प्रयोग किया है। आप इन तीनों में से किसी एक शब्द का प्रयोग कर and I)
  2. I may be allowed to withdraw money from my PF account.
  3. I may be permitted to go home during vacations.
  4. I may be given permission to appeal in the Supreme Court.
  5. He may be allowed to take bank loan for buying a new car.
  6. This man may be given permission to submit bail application.
  7. This prisoner may be given permission to meet his wife.
  8. They may not be given permission to correspond in Hindi.
  9. I may be allowed to travel by air.
  10. He may not be permitted to go to his house in Ghaziabad everyday.

Exercise 20

  1. He may win the match.
  2. He may not even give you the money
  3. He might not become a millionaire.
  4. He may not even become a millionaire.
  5. This patient may die.
  6. The doctor might not save this patient.
  7. She may not be the prime minister of the country.
  8. She may be the prime minister of the country.
  9. She might not be the prime minister of the country.
  10. You might not reach on time.

Exercise 21

  1. It is possible that the train may reach late by an hour.
  2. Probably he will pass the examination in first division.
  3. Perhaps he may lend you some money.
  4. Perhaps there will be a duststorm today in the evening.
  5. It is possible that he will win the election.
  6. Probably the government of Delhi will change this year.
  7. It is possible that this patient will recover.
  8. Possibly the share market will improve now.
  9. Perhaps my friend may reach here by the night train.
  10. Possibly our prime minister will go to America next week.

Exercise 22

  1. He is going to take a position in the cabinet. Or He must take a position in the cabinet.
  2. You must have remembered me.
  3. He must be a minister.
  4. The prices must go higher.
  5. You must be a great man.
  6. He must have committed this mistake.
  7. He is going to learn a foreign language.
  8. He must have learnt foreign language.
  9. You are going to win the case.
  10. You must have spent a lot of money for the case.

Exercise 23

  1. He is the Gama of his city.
  2. The sun rises in the east and sets in the west.
  3. The elephant is the biggest animal.
  4. The Tajmahal was built by Shahjahan.
  5. The cost of rice is twenty rupees a kilo.
  6. There is nothing as precious as gold on the earth. 12
  7. Dogs are faithful.
  8. Pt. Nehru was a honourable man.
  9. The Ramayana of Tulsidas is a famous book.
  10. The moon shines in the night.
  11. Is this teacher an N.C.C officer ?
  12. The poor are unfortunate.
  13. I read the Hindustan Times daily.
  14. He will not stay in an hotel.
  15. I have an interesting book.

Exercise 24

Pandu was an ice-cream vendor. Every day he sat taking his ice bag beside a primary school. By the evening Pandu got sold all of his ice-creams. A girl still come to that school. But she purchased the ice-cream only once in a week. She did not have money enough to eat an ice-crem daily. That girl used to come there daily. She would stand by the side of Pandu for some time daily and then go back. Seeing her Pandu used to grow too dejected.

Strong Verbs (भीतर का Vowel बदलने वाली क्रियाएँ)

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UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 11
Subject Sahityik Hindi
Chapter Chapter 6
Chapter Name शब्द-रूप-प्रकरण
Number of Questions 30
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण

शब्द-रूप-प्रकरण

नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार शब्द-रूपों के लिए प्रश्नपत्र में 2 अंक निर्धारित है। प्रश्न बहुविकल्पीय होगे। ये दो प्रकार से पूछे जा सकते हैं (1) किसी शब्द का निश्चित विभक्ति और निश्चित वचन का रूप तथा (2) शब्द-रूप देकर उसकी विभक्ति तथा वचन को पहचान से सम्बद्ध।

संस्कृत में शब्दों के रूप अन्त्य वर्ण और लिङ्ग के अनुसार चलते हैं; जैसे-‘बालक’ अकारान्त पुंल्लिङ्ग शब्द है तो ‘फल’ अकारान्त नपुंसकलिङ्ग। पाठ्यक्रम में निर्धारित शब्द-रूप निम्नवत् हैं

(1) आत्मन् (आत्मा) संज्ञा (पुंल्लिङ्ग)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 1

(2) राजन् (राजा) संज्ञा (पुंल्लिङ्ग)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 2

(3) जगत् (संसार) संज्ञा (नपुंसकलिङ्ग)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 3

(4) नाम (नाम) संज्ञा (नपुंसकलिङ्ग)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 4

(5) सरित् (नदी) संज्ञा (स्त्रीलिङ्ग)
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 5

(6) सर्व (सब) सर्वनाम 

(अ) पुंल्लिङ्ग प्रथमा
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 6
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 7

(ब) स्त्रीलिङ्ग प्रथमा
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 8

(स) नपुंसकलिङ्ग प्रथमा
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 9

(7) इदम् (यह)

(अ) पुंल्लिङ्ग प्रथम
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 10

(ब) स्त्रीलिङ्ग विभक्ति एकवचन
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 11

(स) नपुंसकलिङ्ग प्रथमा
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 12

(8) यत् (जो)

(अ) पुंल्लिङ्ग
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 13
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 14

(ब) स्त्रीलिङ्ग
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 15

(स) नपुंसकलिङ्ग
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 16
[ संकेत – तृतीया से सप्तमी तक के शेष रूप पुंल्लिङ्ग की तरह चलेंगे।]
[ध्यान दें – एतद् (यह), अदस् (वह) और किम् (कौन) शब्दों के रूप पाठ्यक्रम में निर्धारित नहीं हैं। अनुवाद में सहायक होने के कारण यहाँ दिये जा रहे हैं।]

(9) एतद् (यह)

(अ) पुंल्लिङ्ग
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 17

(ब) स्त्रीलिङ्ग प्रथमा
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 18

(स) नपुंसकलिङ्ग प्रथमा एतत्, एतद्
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 19
[ संकेत-तृतीया से सप्तमी तक के शेष रूप पुंल्लिङ्ग की तरह चलेंगे।]

(10) अदस् (वह)

(अ) पुंल्लिङ्ग
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 20
(ब) स्त्रीलिङ्ग
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 21

(स) नपुंसकलिङ्ग
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 22
[ संकेत–तृतीया से सप्तमी तक के शेष रूप पुंल्लिङ्ग की तरह चलेंगे। ]

(11) किम् (कौन)

(अ) पुंल्लिङ्ग
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 23

(ब) स्त्रीलिङ्ग
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 24

(स) नपुंसकलिङ्ग
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 25

[ संकेत – तृतीया से सप्तमी तक के शेष रूप पुंल्लिङ्ग की तरह चलेंगे।]

पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ में आये शब्द-रूपों के हल

पाठ 1:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 26

पाठ 2:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 27

पाठ 4:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 28

पाठ 5:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 29

पाठ 7:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 30
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 31

पाठ 8:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 32

पाठ 9:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 33

पाठ 10:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण 34

(1) ‘जगदभिः ‘ शब्द रूप है ‘जगत् के
(i) तृतीया, एकवचन का,
(ii) तृतीया, बहुवचन को,
(iii) षष्ठी, द्विवचन का,
(iv) चतुर्थी, बहुवचन का।

(2) “किम्’ (पुंल्लिङ्ग) षष्ठी बहुवचन का रूप होगा
(i) केभ्यः
(ii) केषाम्
(iii) केषु
(iv) कान्।

(3) ‘आत्मनः’ शब्द रूप है ‘आत्मन् के
(i) चतुर्थी, एकवचन का
(ii) पञ्चमी, एकवचन का
(iii) तृतीया, द्विवचन का
(iv) सप्तमी, बहुवचन का

(4) ‘सर्व’ (स्त्रीलिङ्ग) शब्द के चतुर्थी एकवचन का रूप होगा
(i) सर्वस्यै
(i) सर्वस्मै
(iii) सर्वस्मिन्
(iv) सर्वेण

(5) ‘जगत्सु’ शब्द रूप है ‘जगत् के
(i) चतुर्थी, एकवचन का
(ii) सप्तमी, बहुवचन का
(iii) षष्ठी, बहुवचन का
(iv) तृतीया, द्विवचन का

(6) ‘सरित्’ (नदी) शब्द के सप्तमी बहुवचन का रूप होगा
(i) सरिताम्
(i) सरितौ
(iii) सरित्सु
(iv) सरिभिः

(7) ‘राज्ञा’ शब्द रूप बनता है राजन् के
(i) षष्ठी में
(ii) चतुर्थी में
(iii) तृतीया, एकवचन में
(iv) सप्तमी में

(8) ‘इदम’ (पुंल्लिङ्ग) शब्द का सप्तमी एकवचन का रूप होगा
(i) अस्य
(ii) अस्याम्
(iii) अस्मत्
(iv) अस्मिन्

(9)’राजानम्’ शब्द-रूप है
(i) चतुर्थी, एकवचन का
(ii) द्वितीया, एकवचन का
(iii) पञ्चमी, द्विवचन का
(iv) प्रथमा, बहुवचन का

(10) ‘इदम्’ (पुंल्लिङ्ग) द्वितीया एकवचन का रूप होगा
(i) अयं
(ii) अस्मै
(iii) इमम् (एनम्)
(iv) अस्य

(11) ‘नामसु’ की सही विभक्ति एवं वचन का विकल्प होगा
(i) सप्तमी, बहुवचन
(ii) पञ्चमी, एकवचन
(iii) तृतीया, द्विवचन,
(iv) षष्ठी, बहुवचन

(12) आत्मना’ शब्द रूप है
(i) प्रथमा, एकवचन का
(ii) द्वितीया, बहुवचन का
(iii) तृतीया, एकवचन का
(iv) पञ्चमी, एकवचन का

(13) ‘राज्ञे’ शब्द-रूप है
(i) चतुर्थी, एकवचन का
(ii) पञ्चमी, द्विवचन का
(iii) सप्तमी, एकवचन का
(iv) सप्तमी, द्विवचन का

(14) ‘येषाम्’ शब्द-रूप है
(i) षष्ठी, बहुवचन (स्त्री०) का
(i) षष्ठी, बहुवचन (पुं०) का
(iii) चतुर्थी, एकवचन (नपुं०) को
(iv) चतुर्थी, एकवचन (पुं०) का

(15) ‘जगति’ शब्द-रूप है ‘जगत् का
(i) तृतीया, बहुवचन
(ii) सप्तमी, एकवचन
(iii) प्रथम, द्विवचन
(iv) पञ्चमी, एकवचन

(16) ‘इदम्’ (पुंल्लिङ्ग) चतुर्थी, एकवचन का रूप है
(i) अस्मै
(ii) अस्यै
(iii) अनेन
(iv) अन्या

(17) ‘आत्मने’ रूप है ‘आत्मन् का
(i) सप्तमी, द्विवचन
(ii) चतुर्थी, एकवचन
(iii) द्वितीया, बहुवचन
(iv) षष्ठी, एकवचन

(18) ‘यत्’ (स्त्रीलिङ्ग) सप्तमी, बहुवचन का रूप है
(i) यासाम्
(ii) येषु
(iii) येषाम्
(iv) यासु

(19) ‘अयम्’ रूप है
(i) द्वितीया, एकवचन का
(ii) प्रथम, द्विवचन का
(iii) प्रथमा, एकवचन का
(iv) तृतीया, बहुवचन का

(20) ‘सर्वेण रूप है
(i) तृतीया, एकवचन का
(ii) द्वितीया, द्विवचन का
(iii) तृतीया, बहुवचन का।
(iv) चतुर्थी, एकवचन का

(21) ‘राजानः रूप है
(i) प्रथमा, बहुवचन का
(ii) प्रथम, द्विवचन का
(iii) द्वितीया, एकवचन का
(iv) पञ्चमी, एकवचन का

(22) ‘राजन्’ (पुंल्लिग) द्वितीया, द्विवचन का रूप है
(i) राजानम्
(ii) राज्ञाम्
(iii) राजानौ
(iv) राज्ञे

(23) ‘सरिता’ रूप है ‘सरित्’ का
(i) प्रथमा, एकवचन
(ii) तृतीया, एकवचन
(iii) सप्तमी, द्विवचन
(iv) चतुर्थी, बहुवचन

(24) ‘यत्’ स्त्रीलिङ्ग, चतुर्थी, एकवचन का रूप होगा
(ii) यस्यै
(ii) यस्म
(iii) यस्याः
(iv) यस्य

(25) ‘राज्ञः’ रूप है ‘राजन्’ शब्द का
(i) द्वितीया, द्विवचन
(ii) तृतीया, एकवचन
(iii) षष्ठी, एकवचन
(iv) षष्ठी, द्विवचन

(26) ‘जगते’ रूप है ‘जगत्’ शब्द का
(i) द्वितीया, एकवचन
(ii) तृतीया, एकवचन
(iii) सप्तमी, द्विवचन
(iv) चतुर्थी, एकवचन

(27) ‘सर्व’ स्त्रीलिङ्ग, पञ्चमी, एकवचन का रूप होगा
(i) सर्वा
(ii) सर्वस्याः
(iii) सर्वे
(iv) सर्वाम्

(28) ‘नाम्ने’ रूप है ‘नाम’ शब्द का
(i) चतुर्थी, एकवचन
(ii) पञ्चमी, एकवचन
(iii) सप्तमी, एकवचन
(iv) द्वितीया, द्विवचने

(29) ‘इदम्’ पुल्लिग, तृतीया, एकवचन का रूप है
(i) अनया
(ii) अनेन
(iii) अस्य
(iv) आसु

(30) ‘सर्व’ पुल्लिग चतुर्थी, एकवचन का रूप होगा
(i) सर्वाय
(ii) सर्वस्य
(iii) सर्वस्मै
(iv) सर्वेषु

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UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण

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Class Class 11
Subject Sahityik Hindi
Chapter Chapter 5
Chapter Name समास-प्रकरण
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण

समास-प्रकरण

नवीनतम् पाठ्यक्रम में अव्ययीभाव, कर्मधारय तथा बहुव्रीहि समास ही निर्धारित है। अत: विद्यार्थी इनको भली मत समझे तथा अभ्यास करे। इनके लिए कुल 2 अंक निर्धारित है। प्रश्न दो प्रकार से पूछे जा सकते हैं.1]दिये हर समस्त पदों का विग्रह और सम्बन्धित समास का नामा (2) किसी एक समास की परिभाषा उदाहरणसहित।

समास – जब दो या दो से अधिक पद मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं और उनके बीच की विभक्ति अथवा संयोजक लुप्त हो जाते हैं, लेकिन पूर्ण अर्थ विदित होता है तो इस क्रिया को समास’ कहते हैं।

उदाहरण – जीवनस्य पर्यन्तम् (जीवन के अन्त तक)। यह एक वाक्य है। इसमें यदि समास होता है तो आजीवनम्’ एक नया शब्द बन जाता है।

विग्रह – समास का अर्थ बताने वाले वाक्य को ‘विग्रह’ कहते हैं।

समस्त पद – समास होने के पश्चात् जो एक पद बनता है, उसे समस्त पद’ कहते हैं। उपर्युक्त उदाहरण में ‘आजीवनम् समस्त पद है और जीवनस्य पर्यन्तम्’ इसका विग्रह।

विशेष – जिन पदों में समास होता है, उनमें पहले पद को ‘पूर्व पद’ तथा अगले पद को ‘उत्तर पद’ कहते हैं। ‘जीवनस्य पर्यन्तम्’ में ‘जीवनस्य’ पूर्व पद है तथा ‘पर्यन्तम्’ उत्तर पद।
सामान्यतया समास के छ: भेद होते हैं

  1. अव्ययीभाव,
  2. कर्मधारय,
  3. बहुव्रीहि,
  4. द्वन्द्व,
  5. द्विगु तथा
  6. तत्पुरुष।

(1) अव्ययीभाव समास

परिभाषा – जिस समास में पूर्व पद अव्यय हो और उसी के अर्थ की प्रधानता हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।

विशेष – (1) अव्ययीभाव समास नित्य समास होता है। इस कारण इसका अपने पदों में विग्रह नहीं होता। विग्रह के रूप में केवल समस्त पद का अर्थ बताया जाता है।
(2) अव्ययीभाव समास करके बना हुआ पद भी अव्यय ही होता है तथा उसका रूप नपुंसकलिङ्ग एकवचन में बनता है।
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण 1
(2) कर्मधारय समास

परिभाषा – यह तत्पुरुष समास का एक उपभेद है। इसका पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य होता है। इसमें उत्तरपद के अर्थ की प्रधानता होती है तथा विग्रह करते समय विशेष्य के लिंग, विभक्ति और वचन के अनुसार पूर्वपद का निर्धारण होता है। यह समास पाँच रूपों
(क) विशेषण-विशेष्य कर्मधारय,
(ख) उपमान कर्मधारय,
(ग) रूपक कर्मधारय,
(घ) उभयपद विशेषण,
(ङ) कुत्सित और सुन्दर – में दृष्टिगत होता है;

उदाहरण
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण 2
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण 3

(3) बहुव्रीहि समास
परिभाषा – जब दोनों समस्त-पदों में से किसी भी पद के अर्थ की प्रधानता नहीं होती, वरन् ये किसी अन्य पद के विशेषण रूप में प्रयुक्त होते हैं और उसी पद के अर्थ की प्रधानता होती है, तब वहाँ बहुव्रीहि समास होता है। इसमें विग्रह करते समय यत्’ शब्द के रूपों (यस्य, येन, यस्मै आदि) को प्रयोग किया जाता है; जैसे

पीताम्बर, पीतम् अम्बरं यस्य सः (कृष्णः)। यहाँ पर ‘पीत’ और ‘अम्बर’ पदों की प्रधानता ने होकर ‘कृष्ण: पद की प्रधानता है और समस्त-पद ‘कृष्ण’ का विशेषण है।
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण 4

पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ में आये कुछ समासों के हल

पाठ 3:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण 5

पाठ 4:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण 6

पाठ 6:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण 7

पाठ 8:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण 8

पाठ 9:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण 9

पाठ 10:
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi समास-प्रकरण 10

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