UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 16 ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत

UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 16 ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत

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ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखिए-
(क) पुनः प्राप्त न होने वाली (अनवीकरणीय) ऊर्जा का स्रोत है –
(अ) पवन ऊर्जा
(ब) बहते हुए जल की ऊर्जा
(स) सौर ऊर्जा
(द) कोयले की ऊर्जा
उत्तर
(स) कोयले की ऊर्जा

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(ख) पुनः प्राप्त होने वाली (नवीकरणीय ऊर्जा का स्रोत है –
(अ) कोयला
(ब) पेट्रोलियम
(स) ज्वार-भाटा की ऊर्जा
(द) प्राकृतिक गैस
उत्तर
(स) ज्वार-भाटा की ऊर्जा

(ग) सौर ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है –
(अ) सौर भटूटी द्वारा
(ब) सौर-सेल द्वारा
(स) सोलर कुकर द्वारा
(द) सौर-जल ऊष्मक द्वारा
उत्तर
(ब) सौर-सेल द्वारा।

(घ) पवन चककी में प्रयोग होने वाली ऊर्जा है-
(अ) सौर ऊर्जा
(ब) वायु की ऊर्जा
(स) नाभिकीय ऊर्जा
(द) जल ऊर्जा (UPBoardSolutions.com)
उत्तर
(ब) वायु की ऊर्जा

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सम्मुख (✓) और गलत कथन के सम्मुख (✗) का चिह्न लगाइएउत्तर-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 16 ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत img-1

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
उत्तर
(क) मुख्यतः जीवाश्म ईंधन पेट्रोलियम और कोयला है।
(ख) सभी प्राणी अपना (UPBoardSolutions.com) भोजन सूर्य से प्राप्त करते हैं।
(ग) बायोगैस मुख्यतः मेथेन और कार्बन डाइऑक्साइड का मिश्रण है।
(घ) जलविद्युत संयंत्र का मुख्य स्रोत जल है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों में चार पद हैं। तीन पद किसी-न-किसी रूप में एक से हैं। एक पद अन्य तीनों से भिन्न है। भिन्न पद की पहचान कर अभ्यास-पुस्तिका में लिखिए –
(क) डीजल, पेट्रोल, सूर्य, मिट्टी का तेल
(ख) वायु, जल, बायोगैस, कोयला
(ग) सोलर कुकर, सौर सेल, प्रकाश, सौर जल ऊष्मक,
(घ) ईंधन, अनाज, फल, सब्जियाँ
उत्तर
(क) सूर्य
(ख) कोयला
(ग) प्रकाश
(घ) ईंधन

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प्रश्न 5.
स्तम्भ ‘क’ और स्तम्भ ‘ख’ में दिए गए शब्दों को मिलान कीजिए –
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 16 ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत img-2

प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत कौन है?
उत्तर
पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य है।

(ख) सोलर सेल का क्या उपयोग होता है?
उत्तर
सोलर सेल प्रकाश उत्पन्न करने, रेडियो, टी०वी०, जल पम्प आदि चलाने में प्रयोग किया जाता है।

(ग) पेट्रोलियम किस प्रकार बनता है?
उत्तर
लाखों-करोड़ों वर्ष में भौगोलिक उथल-पुथल के फलस्वरूप पृथ्वी के अन्दर जीव-जन्तु एवं पौधे दब जाते हैं। मृत जीव-जन्तु एवं वनस्पतियाँ, ऊष्मा, दाब तथा ।
उत्प्रेरक क्रिया के द्वारा अपघटित होने से पेट्रोलियम बन जाते हैं।

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(घ) सौर ऊर्जा के ऊष्मीय प्रभाव का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर
सूर्य की ऊष्मीय ऊर्जा का उपयोग वायु ऊर्जा में, जल ऊर्जा में, प्रकाश संश्लेषण क्रिया में, सोलर कुकर, सोलर सेल, सौर जल ऊष्मक तथा सभी प्राणियों के भोजन में किसी-न-किसी रूप में होता है।

(ङ) नाभिकीय ऊर्जा क्या है? इसका क्या उपयोग है?
उत्तर
नाभिकीय विखण्डन से प्राप्त ऊर्जा को नाभिकीय ऊर्जा कहते हैं। इसका उपयोग परमाणु भट्टी द्वारा विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने में किया जाता है।

(च) वर्तमान में जीवाश्म ईंधन ऊर्जा के प्रमुख स्रोत क्यों हैं?
उत्तर
वर्तमान में शहरों और कस्बों में भोजन पकाने के लिए द्रव पेट्रोलियम गैस (L.PG.) का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा जेनरेटर, मोटरकार, बस, मोटर साइकिल, ट्रक, रेलगाड़ी, वायुयान चलाने में (UPBoardSolutions.com) पेट्रोलियम उत्पादों (डीजल/मिट्टी का तेल/पेट्रोल) का उपयोग किया जाता है। रेल इंजन में कोयले का प्रयोग किया जाता है। उपरोक्त ऊर्जा के सभी स्रोत हमें जीवाश्म ईंधन से प्राप्त होते हैं। इसीलिए वर्तमान में जीवाश्म ईंधन ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं।

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(छ) ऊर्जा संकट क्या है? आप उस संकट को दूर करने के क्या उपाय करेंगे? |
उत्तर
जनसंख्या वृद्धि और दैनिक जीवन की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऊर्जा की माँग दिनों-दिन बढ़ रही है। वर्तमान में कुल ऊर्जा व्यय का 80% भाग पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भर है। जीवाश्म ईंधन अनवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत हैं। यदि हम इसी प्रकार अनवीकरणीय ऊर्जा का अन्धाधुन्ध प्रयोग करते रहे, तो ये स्रोत एक दिन समाप्त हो जाएँगे। इस कारण ऊर्जा संकट उत्पन्न हो जाएगा।

ऊर्जा संकट को दूर करने के लिए हम नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत जैसे- सूर्य, जल, वायु, बायोगैस आदि के प्रयोग पर जोर देंगे तथा निम्नलिखित उपायों पर अमल कराने का प्रयास करेंगे –

  1. घर के विद्युत उपकरण जैसे- पंखे, बल्ब, हीटर आदि की आवश्यकता न होने पर बन्द रखना चाहिए।
  2. जहाँ पर सम्भव हो, भोजन पकाने में, भोज्य पदार्थों के सुखाने में, पानी को गर्म करने में सौर ऊर्जा का ही प्रयोग करना चाहिए।
  3. प्रकाश उत्पन्न करने के लिए ट्यूब लाइट, (UPBoardSolutions.com) सोडियम वाष्प लैम्प/मरकरी वाष्प लैम्प का प्रयोग घरों में तथा सड़कों पर करना चाहिए।
  4. कम दूरी के लिए पेट्रोल/डीजल के वाहनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  5. ईंधन की कम खपत करने वाले वाहनों का प्रयोग करना चाहिए तथा इंजनों की सफाई करते रहना चाहिए।
  6. ऊर्जा अपव्यय की रोकथाम और ऊर्जा बचत की उचित आदतों का ज्ञान होना चाहिए।

(ज) सीमित तथा असीमित ऊर्जा के तीन-तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर
सीमित ऊर्जा – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस ।।
असीमित ऊर्जा – जल, वायु, बायो गैस।।

प्रश्न 7.
ऊर्जा के कौन-कौन स्रोत वायुमण्डल को प्रदूषित नहीं करते हैं?
उत्तर
जल, पवन, जैव गैस तथा सूर्य ऊर्जा।।

प्रश्न 8.
ऊर्जा के उन स्रोतों का नाम बताइए जिनसे वायुमण्डल प्रदूषित होता है।
उत्तर
कोयला, पेट्रोलियम्।

प्रश्न 9.
गोबर गैस प्लाण्ट का सचित्र वर्णन कीजिए?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 16 ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत img-3

जीव-जन्तुओं के मलमूत्र, गोबर, कचरा, कृषि उत्पादों के अपशिष्ट आदि को जैव मात्रा कहते हैं। इनका विशेष प्रकार के संयंत्र में विघटन कर ऊर्जा के एक स्रोत बायोगैस का उत्पादन किया जाता है। (UPBoardSolutions.com) गोबर में संचित रासायनिक ऊर्जा को बायो गैस में बदलने का कार्य गोबर गैस प्लांट में किया जाता है। इसमें चित्रानुसार (चित्र १६६) मिक्सिंग टैंक में गोबर को जल में मिलाकर पाचक टैंक में डाला जाता है। इससे मेथेन और कार्बन डाइऑक्साइड के मिश्रण युक्त गैस उत्पन्न होती है। इस गैस को गोबर गैस या बायोगैस कहते हैं।

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प्रश्न 10.
सोलर कुकर की संरचना एवं उपयोग लिखिए।
उत्तर
सोलर कुकर द्वारा सौर ऊर्जा को ऊष्मा के रूप में एकत्रित करके इसे भोजन पकाने में । प्रयोग किया जाता है। सूर्य की प्रकाश किरणें कुकर के काँच के ढक्कन तथा परावर्तक पर पड़ती है। काँच के ढक्कन पर तथा परावर्तक से परावर्तित होकर आने वाली प्रकाश किरणें बाक्स में रखे बर्तन तथा उसकी भीतरी दीवारों पर पड़ती है। बर्तन की बाहरी (UPBoardSolutions.com) सतह तथा बॉक्स की दीवारें व तली सभी काले रंग की होती हैं, जिससे सूर्य की किरणों की ऊर्जा को अवशोषित कर लिया जाता हैं परिणामस्वरूप बॉक्स के अन्दर का ताप बढ़ जाता है। दो तीन घंटों में इसके अन्दर रखा खाना पक जाता है। सोलर कुकर की सहायता से चपाती बनाने और सफाई करने के अतिरिक्त सभी प्रकार के भोजन पकाये जा सकते हैं।

प्रश्न 11.
नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिक उपयोग क्यों करना चाहिए?
उत्तर
नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत जैसे सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा, जल ऊर्जा तथा बायोगैस से प्राप्त ऊर्जा पुनः प्राप्त होने वाले ऊर्जा के स्रोत है। विकास के साथ-साथ ऊर्जा की माँग में वृद्धि हुई है। अतः विभिन्न ऊर्जा स्रोतों का न्यायसंगत उपयोग किया जाना चाहिए। अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत समाप्त होते जा रहे हैं। अतः हमें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिकाधिक उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 12.
ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोतों का संरक्षण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तार से समझाइये।
उत्तर
ऊर्जा संरक्षण हेतु निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए

  • ऊर्जा अपव्यय की रोकथाम और ऊर्जा बचत की उचित आदतों का ज्ञान ऊर्जा बचत में सहायक हो सकता है।
  • ऊर्जा संरक्षण के दृष्टिकोण से परम्परागत (अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग यदाकदा ही करना उपयुक्त होगा।
  • घर के विद्युत उपकरण जैसे पंखे, बल्ब, हीटर आदि को अति आवश्यक होने पर ही प्रयोग में लाना चाहिए। आवश्यकता न होने पर इनका उपयोग बन्द रखना चाहिए।
  • जहाँ पर सम्भव हो भोजन पकाने में, भोज्य पदार्थों के सुखाने में, पानी को गर्म करने में सौर ऊर्जा का ही प्रयोग करना चाहिए।
  • सोलर कुकर से भोजन पकाने पर आवश्यक तत्त्व भी सुरक्षित रहते हैं।
  • प्रकाश उत्पन्न करने के लिए ट्यूब लाइट, सोडियम वाष्प लैम्प/मरकरी वाष्प लैंप का प्रयोग घरों में तथा सड़क पर करना चाहिए।
  • भोजन पकाने के लिए प्रेशर कुकर का प्रयोग करना चाहिए, इससे ऊर्जा की बचत होती है।
  • खाना पकाने में मिट्टी के तेल का प्रयोग करते समय अच्छे किस्म के स्टोव का प्रयोग करना चाहिए।
  • आस-पास के स्थानों के आने जाने के लिए पेट्रोल/डीजल के वाहनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • व्यक्तिगत वाहनों के प्रयोग के स्थान पर यात्रा रेलगाड़ी/बस जैसे सार्वजनिक वाहनों से करनी चाहिए। ऐसा करने पर ईंधन की बचत होगी।

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प्रश्न 13.
बायोगैस किसे कहते हैं?
उत्तर
बायोगैस मेथेन और कार्बन डाइऑक्साइड गैसों का मिश्रण है। (UPBoardSolutions.com) यह गैस प्लांट में गोबर और जल के मिश्रण से उत्पन्न की जाती है। जब मिक्सिग टैंक में गोबर और जल को मिलाकर पाचक टैंक में डाला जाता है, तो मेथेन और कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है। इस गैस को ही बायोगैस कहते हैं।

● नोट- प्रोजेक्ट कार्य छात्र स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 15 कार्बन एवं उसके यौगिक

UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 15 कार्बन एवं उसके यौगिक

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कार्बन एवं उसके यौगिक

● निम्न तालिका में अंकित कार्य के समक्ष उसमें प्रयुक्त ईंधन का नाम लिखिए –
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 15 कार्बन एवं उसके यौगिक img-1

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● निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए (पूरा करके)-
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 15 कार्बन एवं उसके यौगिक img-2

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छाँटकर अभ्यासपुस्तिका में लिखिए (लिखकर)-
(क) निम्नलिखित पदार्थों में से किसमें कार्बन नहीं पाया जाता है-
(अ) कोयला में।
(ब) चीनी में
(स) रोटी में
(द) नमक में (UPBoardSolutions.com)
उत्तर
(द) नमक में।

(ख) प्रकृति में कार्बन पाया जाता है।
(अ) केवल मुक्त अवस्था में
(ब) केवल यौगिकों में
(स) मुक्त एवं यौगिक दोनों अवस्थाओं में
(द) केवल अपने अपररूपों में
उत्तर
(स) मुक्त एवं यौगिक दोनों अवस्थाओं में।

(ग) कुकिंग गैस (L.P.G.) में किसकी मात्रा अधिक है-
(अ) मेथेन
(ब) एथेन
(स) एथिलीन
(द) ब्यूटेन
उत्तर
(द) ब्यूटेन।

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(घ) कार्बन का क्रिस्टलीय रूप है-
(अ) जन्तु चारकोल
(ब) ग्रेफाइट
(स) कोयला
(द) लकड़ी का चारकोल
उत्तर
(अ) ग्रेफाइट।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)-
उत्तर
(क) कार्बन सभी सजीव तथा कुछ निर्जीवों में उपस्थित है।
(ख) मेथेन सरलतम हाड्रोकार्बन है।
(ग) हीरा सबसे कठोर ‘दार्थ है।
(घ) पेट्रोल ज्वलनशील धन है।
(ङ) पेंसिल में उपस्थित ला पदार्थ ग्रेफाइट है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन पर (✓) तथा गलत कथन पर (✗) का चिह्न लगाइए (लगाकर) –
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 15 कार्बन एवं उसके यौगिक img-3

प्रश्न 4.
संक्षेप में उत्तर दीजिए-
(क) अपररूप क्या होते हैं? कार्बन के अपररूपों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
अपररूप- वे पदार्थ जो विभिन्न भौतिक गुण परन्तु समान रासायनिक गुण रखते हैं, अपरलैंप कहलाते हैं।

कार्बन विभिन्न अपररूपों में मिलता है, जिन्हें निम्न दो भागों में बाँटा गया है-
1. क्रिस्टलीय –

  1. हीरा
  2. ग्रेफाइट।

2. अक्रिस्टलीय-

  1. लकड़ी का कोयला
  2. हड्डी का कोयला
  3. कोक
  4. काजल तथा
  5. गैस कार्बन।

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(ख) हीरा तथा ग्रेफाइट के गुणों की तुलना कीजिए।
उत्तर
ग्रेफाइट तथा हीरे के निम्न गुण स्पष्ट रूप से भिन्न हैं –

  1. रंग
  2. कार्य
  3. पारदर्शिता
  4. कठोरता

ग्रेफाइट तथा हीरा दोनों ही अपने गुणों में अधिकांशतः भिन्न हैं। ग्रेफाइट धूसर रंग का काला पदार्थ है। यह स्पर्श करने पर चिकना तथा फिसलने वाला पदार्थ है। जबकि, हीरा पारदर्शक तथा कठोर है। अब तक ज्ञात सबसे अधिक कठोर पदार्थ होने के बावजूद हीरा सरलता से टूट जाता है। बहुत से फलकों वाला क्रिस्टल बनाने (UPBoardSolutions.com) के लिए इसे विभिन्न तलों के साथ-साथ काफी सफाई से तोड़ा जाता है। इस पर पड़ने वाली प्रकाश की किरण-पुंज तेजी से बिखर कर अर्थात् परिशोषित होकर एक सजीव इन्द्रधनुष बनाती है। अतः इसको इसके स्थान से थोड़ा-सा हटाने पर यह चमकता है और सुन्दर रंगों के रूप में चिंगारी निकालता हुआ प्रतीत होता है।

ग्रेफाइट तथा हीरों में कार्बन परमाणु विभिन्न तरीकों (पैटर्नो) में परस्पर जुड़े अथवा आबन्धित होते हैं। परमाणुओं के इन्हीं विभिन्न पैट्रनें के कारण ही ये दोनों गुणों में भिन्न-भिन्न होते हैं। ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु एक ही तल में अपने पास के अन्य तीन कार्बन परमाणुओं के साथ जुड़ा रहता है। और षट्कोणीय जाल बनाता है। अनेक ऐसे तल एक-दूसरे के ऊपर ढीले-ढाले अथवा आबद्ध रूप में रखे होते हैं। इसी कारण ये तल सरलता से फिसल जाते हैं। इसी गुण के कारण ग्रेफाइट स्पर्श करने पर चिकना और फिसलने वाला पदार्थ लगता है और एक उत्तम स्नेहक के रूप में उपयोग होता है।

हीरे में कार्बन परमाणुओं की व्यवस्था पूर्णतया भिन्न है। प्रत्येक कार्बन परमाणु, अन्य चार कार्बन परमाणुओं के साथ जुड़कर त्रिविमीय (Three dimensions) दृढ़ क्रिस्टल की संरचना बनाता है। (UPBoardSolutions.com) इसी अत्यधिक स्थायी संरचना के कारण ही हीरा अब तक ज्ञात पदार्थों में सबसे अधिक कठोर पदार्थ है।

(ग) मेथेन को “मार्श” गैस क्यों कहते हैं?
उत्तर
मेथेन गैस (CH,) वायु की अनुपस्थिति में दलदली स्थानों पर, पेड़-पौधों और कार्बनिक पदार्थों (मार्श) के गलने-सड़ने से बनती है, इसलिए इसे मार्श गैस कहते हैं।

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(घ) पेट्रोल को जीवाश्म ईंधन क्यों कहते हैं?
उत्तर
पेट्रोल, करोड़ों वर्ष पहले दबे मृत जीव-जन्तु एवं वनस्पति के अपघटन से बने पेट्रोलियम से प्राप्त होता है। इसलिए पेट्रोल को जीवाश्म ईंधन कहते हैं।

(ङ) पेट्रोल को तरल सोना क्यों कहते हैं?
उत्तर
वर्तमान युग में पेट्रोलियम किसी राष्ट्र के लिए सोने से भी अधिक कीमती है, क्योंकि किसी भी राष्ट्र की उन्नति पेट्रोलियम की मात्रा पर निर्भर करती है। (UPBoardSolutions.com) कृषि, उद्योग, यातायात एवं संचार आदि विभिन्न कार्यों में इसका उपयोग अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है, इसलिए पेट्रोलियम को तरल सोना कहा जाता है।

(च) प्रकृति में कार्बन किन पदार्थों में पाया जाता है?
उत्तर
प्रकृति में कार्बन – कार्बन एक तत्व है जिसका परमाणु भार 12 है तथा यह स्वतन्त्र अवस्था में प्रकृति में शुद्ध रूप में (हीरे तथा ग्रेफाइट के रूप में) मिलता है। इसके अतिरिक्त संयुक्त अवस्था में पेट्रोलियम, खड़िया तथा चूने के पत्थर में पाया जाता है।

(छ) लैम्प ब्लैक क्या होता है?
उत्तर
लैम्प ब्लैक मोम अथवा तेल को वायु की सीमित मात्रा में जलाने पर प्राप्त कालिख को कहते हैं।

(ज) हाइड्रोकार्बन यौगिक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर
हाइड्रोकार्बन यौगिक दो प्रकार के होते हैं –

  1. संतृप्त हाइड्रोकार्बन
  2. असंतृप्त हाइड्रोकार्बन

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(झ) रॉकेट ईंधन के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर
मेथिल हाइड्रोजन तथा द्रवित हाइड्रोजन।

(ट) पेट्रोलियम गैस किन गैसों का मिश्रण है?
उत्तर
पेट्रोलियम गैस ब्यूटेन एवं प्रोपेन गैसों का मिश्रण है।

प्रश्न 5.
लकड़ी, कण्डे, खेतों में धान व गेहूँ के पुआल जलाने से होने वाले प्रदूषण के कारण पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर
लकड़ी, कण्डे, गेहूँ व धान के पुआल (पराली), कोयला, पेट्रोल, एल.पी.जी. के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है। खेतों में धान व गेहूँ के पुआल (पराली जलाने से वायुमण्डल में (UPBoardSolutions.com) धुएँ का कोहरा छा जाता है। जिससे आँखों में जलन व साँस लेने में तकलीफ होती है तथा वायुमण्डल में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है।

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) ईंधन क्या है? ईंधन का वर्गीकरण उदाहरण सहित कीजिए।
उत्तर
ईंधन से दहन क्रिया द्वारा ऊर्जा प्राप्त होती है। ईंधन करोड़ों वर्ष पूर्व पृथ्वी के अन्दर दबे मृत जीव-जन्तु, वनस्पतियों के अपघटन द्वारा प्राप्त पेट्रोलियम के शोधन से प्राप्त किया जाता है। ईंधन तीन अवस्थाओं में पाया जाता है

  1. ठोस ईंधन – चारकोल, कोयला आदि।
  2. द्रव ईंधन – डीजल, पेट्रोल आदि।
  3. गैस ईंधन – गोबर गैस, एल०पी०जी० आदि।

ईंधन का वर्गीकरण पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन से प्राप्त प्रभाजों के क्वथनांक के आधार पर किया गया है।
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(ख) हीरा में कार्बन परमाणु किस प्रकार व्यवस्थित रहते हैं? चित्र की सहायता से समझाइए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 15 कार्बन एवं उसके यौगिक img-5
हीरा कार्बन का एक पारदर्शी क्रिस्टलीय अपरूप है। इसमें कार्बन का एक परमाणु चार परमाणुओं से जुड़ा होता है। कार्बन परमाणुओं की चतुष्फलकीय व्यवस्था के कारण यह पूर्णतः आबद्ध कठोर तथा त्रिविमीय , संरचना चित्रानुसार होती है।

(ग) हीरा का उपयोग आभूषण बनाने में क्यों किया जाता है?
उत्तर
हीरे को सरलता से भिन्न-भिन्न तल में तोड़कर कई फलक वाले क्रिस्टल बनाए जा सकते हैं, जिससे इस पर पड़ने वाला प्रकाश पूँज विभक्त होकर शीघ्रता से इन्द्रधनुषी रंग बनाता है। यह थोड़ी-सी भी हलचल से झिलमिलाता है और सुन्दर रंगों वाला स्फुलिंग उत्पन्न करता है। अतः हीरे के उपयोग से आभूषण की सुन्दरता बढ़ जाती है। इसी कारण हीरे का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है।

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(घ) सुगर चारकोल का उपयोग लिखिए।
उत्तर
सुगर चारकोल का उपयोग अपचायक के रूप में होता है। यह धातु ऑक्साइड को धातु के रूप में अपचयित करता है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित प्रश्नों में चार-चार पद हैं। प्रत्येक प्रश्न में तीन पद किसी-न-किसी रूप में एक से हैं और एक पद अन्य तीनों से भिन्न है। अन्य से भिन्न पद की पहचान कर अभ्यास-पुस्तिका में लिखिए (लिखकर) –
(क) हीरा, कोयला, जन्तु चारकोल, काजल
(ख) मेथेन, इथेन, प्रोपेन, इथलीन
(ग) एल०पी०जी० गैस, पेट्रोल, डीजल, लकड़ी
(घ) खाने का सोडा, चीनी, रोटी, नमक
उत्तर
(क) काजल,
(ख) इथलीन
(ग) लकड़ी
(घ) रोटी

● नोट- प्रोजेक्ट कार्य छात्र स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 10 Home Science Chapter 10 अपशिष्ट (कचरा) प्रबन्धन

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विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1:
अपशिष्ट ( कचरा ) प्रबन्धन से क्या आशय है? कचरा प्रबन्धन की प्रक्रिया का विवरण दीजिए।
या
घरेलू कूड़े-कचरे के व्यवस्थित प्रबन्धन के लिए घर में क्या-क्या उपाय किये जाने चाहिए। प्रक्रिया का क्रमिक वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अपशिष्ट (कचरा) प्रबन्धन का अर्थ एवं आवश्यकता

घर को हर प्रकार से साफ एवं स्वच्छ रखना अनिवार्य है। घर पर अनेक कार्य (UPBoardSolutions.com) किए जाते हैं, जिनके परिणामस्वरूप घर में लगातार कूड़ा या कचरा (अपशिष्ट पदार्थ) एकत्र होता रहता है। भोजन बनाने के लिए सब्जी को काटना-छीलना पड़ता है। आटे को छाना जाता है तथा चोकर अलग किया जाता है। पके हुए भोजन की भी जूठन बचती है। इसके अतिरिक्त धूल-मिट्टी भी घर में हवा आने-जाने वालों के पैरों के साथ आती रहती है। इसके साथ-साथ छोटे बच्चों द्वारा घर में जहाँ-तहाँ मल-मूत्र त्याग देने से भी गंदगी में तथा कूड़े में वृद्धि हो जाती है। अतः स्पष्ट है कि घर में विभिन्न प्रकार का कूड़ा नित्य ही एकत्रित होता रहता है। यह कूड़ा हमारे लिए एक समस्या बन जाता है। जहाँ एक ओर इससे गंदगी होती है तथा दुर्गन्ध आती है, वहीं साथ-साथ कूड़े पर मक्खी तथा मच्छर भी पलते रहते हैं। अतः इस कूड़े को घर से प्रतिदिन बाहर निकालना अति आवश्यक है। घर से कूड़े के विसर्जन के उचित ढंग का ज्ञान होना भी अति आवश्यक है। इस प्रकार स्पष्ट है कि अपशिष्ट (कचरा) या कूड़े-करकट का व्यवस्थित प्रबन्धन अति आवश्यक कार्य है।

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अपशिष्ट ( कचरा ) प्रबन्धन की प्रक्रिया

उपर्युक्त वर्णित परिचय से स्पष्ट है कि स्वास्थ्य एवं सफाई के लिए कूड़े-करकट को घर से बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। इस उद्देश्य के लिए घर की गृहिणी तथा अन्य सदस्यों को निरंतर ध्यान रखना चाहिए तथा बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर में कूड़ा-करकट कम-से-कम फैले। इसके लिए घर में जहाँ-जहाँ आवश्यक हो, वहाँ पर कूड़ेदान रख देने चाहिए। मुख्य रूप से रसोईघर में कोई खाली डिब्बा
अथवा ढक्कनदार बाल्टी अवश्य रखनी चाहिए। रसोईघर का सारा कूड़ा अर्थात् सब्जियों के छिलके, भोजन की जूठन तथा चोकर आदि को हाथ-के-हाथ ही इस डिब्बे में डाल देना चाहिए। रसोईघर के अतिरिक्त बच्चों के पढ़ाई वाले कमरे या स्थान पर भी एक टोकरी या ट्रे रख देनी चाहिए। बच्चों को चाहिए कि वे अपने फटे हुए कागज तथा कतरनें आदि को इसी टोकरी में फेंकें। इस प्रकार
की व्यॆवस्था कर देने से पूरे घर में कूड़ा नहीं फैलेगा।

उपर्युक्त व्यवस्था के अतिरिक्त एक मुख्य कूड़ेदान की भी व्यवस्था होनी चाहिए। यह लोहे का ढोल-सा होता है। इसे मुख्य द्वार के निकट अथवा सीढ़ियों के नीचे कहीं रखना चाहिए। जब घर की सफाई हो तथा झाडू लगाई जाए तो जो कूड़ा निकले उसे सीधे ही इस मुख्य कूड़ेदान में डालना चाहिए। इसके अतिरिक्त घर में अन्य स्थानों पर रखे गए डिब्बों अथवा टोकरी के कूड़े को भी समय-समय पर मुख्य कूड़ेदान में डालते रहना चाहिए। यह मुख्य कूड़ेदान भी ढक्कनदार होना चाहिए। ध्यान रहे कि इस कूड़ेदान में पानी नहीं भरना चाहिए। गंदे पानी के निकास की व्यवस्था अलग से करनी चाहिए। कूड़ेदान में तथा उसके आस-पास (UPBoardSolutions.com) समय-समय पर चूना डालते रहना चाहिए, जिससे गंदगी में उत्पन्न होने वाले कीटाणु भी मरते रहते हैं। आधुनिक मान्यताओं के अनुसार गीले कूड़े तथा सूखे कूड़े को एकत्र करने के लिए अलग-अलग कूड़ेदान रखने चाहिए।

अब प्रश्न उठता है कि इस मुख्य कूड़ेदाने का कूड़ा घर से बाहर कैसे विसर्जित किया जाए? सामान्य रूप से नगरों में घरों पर नित्य ही मेहतर आया करते हैं। मेहतर इस कूड़े को अपनी ठेली द्वारा अथवा टोकरी द्वारा उठाकर ले जाते हैं तथा सार्वजनिक खत्ते पर पहुँचा देते हैं। यदि किसी स्थान पर मेहतर की सुविधा न हो तो स्वयं ही कूड़े को घर से बाहर निकालना पड़ता है। इस स्थिति में ध्यान देना पड़ता है कि यदि गली अथवा सड़क की सफाई नित्य होती है तथा वहाँ से कूड़ा उठा ले जाने की सही व्यवस्था है तो उस स्थिति में हम अपने घर का कूड़ा घर से बाहर निर्धारित स्थान पर डाल सकते हैं। ऐसी स्थिति में ध्यान रखने योग्य मुख्य बात यह है कि हम अपने घर को कूड़ा समय से पहले ही घर से बाहर निकाल दें, जब सड़क की सफाई होती है। यदि हम सड़क की सफाई होने के बाद घर का कूड़ा बाहर फेंकते हैं तो वह अगले दिन सुबह तक वहीं पड़ा रहेगा तथा हवा आदि से फैलता रहेगा। यह . अनुचित है। यदि सड़क पर किसी सार्वजनिक कूड़ेदान की व्यवस्था है तो हमें चाहिए कि हम अपने घर का कूड़ा अनिवार्य रूप से उसी सार्वजनिक कूड़ेदान में ही डालें। गली अथवा सड़क को स्वच्छ रखना भी हमारा कर्तव्य है। कहीं-कहीं नगरपालिका की गाड़ियाँ कूड़ा ढोने का कार्य करती हैं। ऐसी स्थिति में हमें ध्यान रखना चाहिए कि जब कूड़े की गाड़ी आये, तभी अपने घर का कूड़ा उसमें डाल दें।

उपर्युक्त विवरण द्वारा घर के साधारण कूड़े को घर से बाहर निकालने का उपाय स्पष्ट होता है। इसके अतिरिक्त कुछ घरों में गाय, भैंस अथवा मुर्गियाँ भी पाली जाती हैं। इन पशुओं के कारण घर में अतिरिक्त कूड़ा भी एकत्रित होता रहता है, जिसे बाहर निकालने की व्यवस्था अनिवार्य है। गाय के गोबर के उपले आदि पथवा देने चाहिए। अन्य अवशेषों को घर से दूर खाली स्थान पर गड्ढे में डालते रहना चाहिए, जहाँ इससे खाद बनती रहती है। घर पर पशु होने (UPBoardSolutions.com) पर घर की सफाई का सामान्य से अधिक ध्यान रखना चाहिए तथा सफाई पर अधिक मेहनत करनी चाहिए। पशुओं के स्थान को समय-समय पर किसी कीटनाशक दवा से धुलवाते रहना चाहिए। इस प्रकार स्पष्ट है कि घर की सफाई हेतु कूड़ा-करकट के विसर्जन के लिए निरन्तर प्रयास करने चाहिए तथा इस ओर कभी भी लापरवाही नहीं दिखानी चाहिए।

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कचरा प्रबन्धन के लिए कचरा प्रबन्धन अधिनियम है। जिसके अन्तर्गत स्थानीय संस्थाओं के साथ-ही-साथ कचरा उत्पन्न करने वालों की भी जिम्मेदारी निर्धारित की गयी है। जो संस्थान कचरा जेनेरेट करते हैं उन्हें भी अपना कचरा वापस लेकर रिसाइकिल करना होगा।

प्रश्न 2:
घरों से एकत्र कूड़े-करकट या कचरे को नष्ट या समाप्त करने के लिए विभिन्न उपायों का विवरण दीजिए।
या
घरेलू कूड़े-करकट को घर से बाहर निकालना ही अनिवार्य नहीं है बल्कि उसे सही ढंग से ठिकाने लगाना अनिवार्य है।” इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कचरे को ठिकाने लगाने के विभिन्न उपायों का उल्लेख करें तथा बतायें कि कौन-से उपाय उपयुक्त हैं?
या
कचरे को नष्ट करने के लिए कौन-कौन सी विधियाँ अपनाई जाती हैं?
या
कचरे के निस्तारण की सर्वोत्तम विधि कौन-सी है? कारण भी समझाइए।
उत्तर:
कचरा या कूड़े-करकट को नष्ट करना या समाप्त करना

घरेलू कूड़े-करकट को घर से बाहर निकालने की व्यवस्था ही अपने आप में पर्याप्त तथा अंतिम व्यवस्था नहीं है। वास्तव में पूरे क्षेत्र से एकत्र हुए कूड़े को नष्ट करना या ठिकाने लगाना भी अति
आवश्यक है। यह अपने आप में एक गम्भीर नगरीय समस्या है। कूड़े-करकट को नष्ट करने या ठिकाने (UPBoardSolutions.com) लगाने के मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं

(1) जलाकर:
स्वास्थ्य की दृष्टि से कूड़े को नष्ट करने का यह सर्वश्रेष्ठ उपाय है। कूड़े को जलाने के लिए शहर की बस्ती से दूर, ईंटों की एक गोलाकार चिमनी बनी होती है, जिसके ऊपर की ओर धुआँ तथा गैसों के निकलने के लिए 3 छेद होते हैं। बीच में एक जाली होती है जिसके नीचे कूड़ा रखने और नीचे से आग जलाने का प्रबन्ध होता है। चिमनी में आग लगाकर कूड़ा जला दिया जाता है। तथा बची हुई राख से सड़क या सीमेंट बनाने का काम लिया जाता है। यहाँ यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि कूड़े को इस प्रकार से जलाने से अनेक विषैली गैसें बनती हैं, जो वायु प्रदूषण में वृद्धि करती हैं। आज़कल कूड़े में प्लास्टिक या पॉलिथीन की थैलियों की काफी अधिक मात्रा होती है। इन वस्तुओं के जलने से अत्यधिक वायु प्रदूषण होता है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अब हर
को जलाने का समर्थन नहीं किया जा सकता।

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(2) जलस्रोतों में प्रवाहित करना:
पारम्परिक रूप से प्रायः सभी क्षेत्रों में कूड़े-कचरे को जलस्रोतों अर्थात् नदियों आदि में विसर्जित कर दिया जाता थी परन्तु अब यह अनुभव किया गया कि कूड़े-कचरे को जलस्रोतों में प्रवाहित करना भी अनुचित है। इससे जल-प्रदूषण का गम्भीर खतरा उत्पन्न होने लगा है। हमारे देश की प्रायः सभी नदियों का जल काफी अधिक प्रदूषित हो चुका है। अतः कूड़े-कचरे को जल में प्रवाहित करने का समर्थन भी नहीं किया जा सकता।

(3) कूड़े से गड्ढों को पाटना:
यह विधि अधिक उपयुक्त नहीं है। इस विधि में कूड़े को नीची जमीनों को पाटने के काम में ले लिया जाता है। कूड़ा खुला पड़ा रहता है तथा मक्खी, मच्छर और हानिकारक जीवाणु इसमें इकट्ठे होते रहते हैं, जो यहाँ से उड़कर दूसरे स्थानों पर गंदगी फैलाते हैं। इससे पर्यावरण-प्रदूषण (UPBoardSolutions.com) में बहुत अधिक वृद्धि होती है। अतः इस उपाय का भी समर्थन नहीं किया जा सकता।

(4) छंटाई द्वारा कूड़े का उपयोग:
पाश्चात्य देशों में प्रचलित इस विधि में कूड़े को तीन भागों में छाँट लिया जाता है

  1. कोयले व मिट्टी के टुकड़े,
  2. मुलायम कूड़ा (घास, पत्ती, कागज व कपड़ों के टुकड़े),
  3.  कड़ा-कूड़ा (हड्डी, काँच, टूटी चीजें)। पहले प्रकार के कूड़े से ईंट व दूसरे प्रकार के कूड़े से खाद बना ली जाती है। तीसरे प्रकार के कूड़े को सड़कों के गड्ढे आदि पाटने के लिए उपयोग में लाया जाता है।

(5) खाद बनाना:
कूड़े से खाद बनाना उसको ठिकाने लगाने की सर्वोत्तम विधि है। बड़े-बड़े गड्ढों में घेरलू कूड़ा भरकर उसे मिट्टी से दबा दिया जाता है। कुछ समय में कूड़ा सड़कर उत्तम कार्बनिक खाद के रूप में परिवर्तित हो जाता है। यह खाद कृषि-कार्य के लिए उपयोगी एवं लाभदायक होती है। अब कम्पोस्ट प्लांट बनाये गये हैं। इन प्लांटों में ‘आर्गेनिक वेस्ट कम्पोस्ट मशीन की व्यवस्था है। यह मशीन कचरे को महीन बना देती है तथा इससे केवल 15 दिन में ही अच्छी कम्पोस्ट खाद बनकर तैयार हो जाती है। अब विद्यालयों की कैण्टीन आदि में भी तथा आवासीय सोसाइटियों में भी इस प्रकार की व्यवस्था करने का सुझाव दिया जा रहा है।

उपर्युक्त विवरण द्वारा कूड़े-कचरे को नष्ट करने या ठिकाने लगाने के विभिन्न उपायों का सामान्य परिचय प्राप्त (UPBoardSolutions.com) हो जाता है। इस विवरण के आधार पर कहा जा सकता है कि कूड़े-करकट को ठिकाने लगाने के उपयुक्त उपाय हैं

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  1. छंटाई द्वारा कूड़े का उपयोग तथा
  2. कूड़े से खाद बनाना।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
घर की सफाई एवं सजावट के लिए कचरा प्रबन्धन की आवश्यकता को स्पष्ट करें।
उत्तर:
घर की सफाई तथा कचरा प्रबन्धन

प्रत्येक परिवार उत्तम स्वास्थ्य एवं गृह सज्जा के लिए नियमित सफाई को अति आवश्यक मानता है। घर की सफाई का अर्थ है-घर में गन्दगी तथा कूड़े-करकट का अभाव होना। उस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अति आवश्यक है कि घर में कूड़ा-करकट अधिक फैले ही नहीं तथा हमें पूरे (UPBoardSolutions.com) घर में जहाँ-तहाँ बिखरने वाले कूड़े-कचरे को साथ ही साथ कूड़ेदानों या डिब्बों आदि में डालते रहना चाहिए। विभिन्न कूड़ेदानों एवं डिब्बों में एकत्र हुए कूड़े-कचरे को एक मुख्य कूड़ेदान में डाल देना चाहिए तथा वहाँ से घर से बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया द्वारा घर की सफाई तथा सजावट के लिए कूड़े-कचरे का उचित प्रबन्धन हो जाता है।

प्रश्न 2:
कचरे का घर में संग्रह कैसे करेंगी?
उत्तर:
घर में कचरे का संग्रह करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. घर में सूखे व गीले कचरे को संग्रह करने के लिए अलग-अलग पात्र होने चाहिए। पात्र ऐसे स्थानों पर रखने चाहिए जहाँ परिवार के सदस्यों को उनमें कचरा डालने में सुविधा रहे।
  2. परिवार के सभी सदस्यों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे फटे कागज, खाने के टुकड़े व अन्य निरर्थक वस्तुओं को इधर-उधर न फेंके वरन् उनको कचरापात्रों में ही डालें। इस विषय में बालकों को प्रारम्भ से ही शिक्षा मिलनी चाहिए।
  3.  कचरापात्रों को ढकने की व्यवस्था होनी आवश्यक है जिससे मक्खियाँ उस पर न बैठ सकें।
    वर्तमान में एक विशेष प्रकार के कचरापात्र बनाए जा रहे हैं जिनका ढक्कन खड़े-खड़े पैर से एक लोहे के टुकड़े को दबाने से खुल जाता है। इससे बहुत सुविधा रहती है। कचरापात्रों से प्रतिदिन कचरा हटाया जाना चाहिए और साथ ही यह भी आवश्यक है कि कचरापात्रों को अन्दर व बाहर से समय-समय पर धोकर साफ किया जाए, नहीं तो ये कचरापात्र स्वयं एक समस्या बन जाएँगे
    तथा ये जहाँ भी रखे जाएँगे इन पर मक्खियाँ भिनभिनाएँगी।

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प्रश्न 3:
कचरे के संवहन की कौन-सी विधि है?
उत्तर:
कचरे के संवहन की निम्नलिखित विधि है

घरों से कचरा बाल्टियों व टोकरियों से भरकर बाहर ले जाया जाता है और गली व (UPBoardSolutions.com) मुहल्ले के बड़े कचरापात्रों में डाला जाता है। फिर वहाँ से कचरे को नगर महापालिकाओं की गाड़ियों में भरकर नगर के बाहर निस्तारण हेतु भेजा जाता है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
घरेलू कचरे से क्या आशय है?
उत्तर:
घर की सफाई के दौरान निकलने वाले व्यर्थ एवं दूषित पदार्थों को घरेलू कचरा कहा जाता हैं

प्रश्न 2:
घर में कचरा रहने से क्या हानियाँ हो सकती हैं?
उत्तर:
घर में कचरा रहने से गन्दगी बढ़ती है तथा विभिन्न रोगाणु पनपते हैं। इससे गृहसज्जा धूमिल पड़ जाती है।

प्रश्न 3:
कचरा प्रबन्धन के लिए सर्वप्रथम क्या उपाय किया जाना चाहिए?
उत्तर:
कचरा प्रबन्धन के लिए सर्वप्रथम कूड़े-करकट को घर से बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

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प्रश्न 4:
कूड़े-करकट के निस्तारण की मुख्य विधियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(i) कूड़े को जलाकर नष्ट करना,
(ii) जलस्रोतों में प्रवाहित करना,
(iii) कूड़े से गड्ढों को पाटना,
(iv) छंटाई द्वारा कूड़े का उपयोग तथा
(v) खाद बनाना।

प्रश्न 5:
कूड़े को जलाने का क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
कूड़े को जलाने से वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है।

प्रश्न 6:
कूड़े-कचरे को जलस्रोतों में प्रवाहित करने से क्या हानियाँ होती हैं?
उत्तर:
कूड़े-कचरे को जलस्रोतों में प्रवाहित करने से जल-प्रदूषण का गम्भीर खतरा बना हुआ है।

प्रश्न 7:
कूड़े-कचरे के निस्तारण के हानि-रहित उपाय कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
कूड़े-कचरे के निस्तारण के हानि-रहित उपाय हैं

(i) छंटाई द्वारा कूड़े का उपयोग तथा
(ii) कूड़े से खाद बनाना।

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प्रश्न 8:
गोबर का सर्वोत्तम उपयोग क्या है?
उत्तर:
गोबर से बायो गैस बनाना गोबर का सर्वोत्तम उपयोग है। इस प्रक्रिया (UPBoardSolutions.com) में अवशिष्ट पदार्थ को । खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्रश्न 9:
कचरा-प्रबन्धन में ध्यान में रखने योग्य मुख्य बात क्या है?
उत्तर:
कचरा-प्रबन्धन में ध्यान में रखने योग्य मुख्य बात यह है कि कचरे से पर्यावरण-प्रदूषण में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं होनी चाहिए तथा जहाँ तक सम्भव हो कचरे का सदुपयोग हो।

बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न-निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सही विकल्पों का चुनाव कीजिए

1. घर में जहाँ-तहाँ कचरान फैला रहे, इसके लिए निम्नलिखित में से क्या आवश्यक है?
(क) घर में कचरा उत्पन्न ही न हो।
(ख) कचरे को जलाते रहें।
(ग) घर पर विभिन्न स्थानों पर कचरापात्र रखें
(घ) कोई भी उपाय सफल नहीं होता।

2. घरेलू कचरे की समस्या के पूर्ण समाधान का उपाये क्या है?
(क) घर में कचरा न फैलने दें।
(ख) कचरे को घर से निकालने की समुचित व्यवस्था करें
(ग) सभी घरों से निकलने वाले कचरे को नष्ट करने के उपाय करें
(घ) उपर्युक्त सभी उपाय आवश्यक हैं।

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3. घर के समस्त कचरे को किस स्थान पर एकत्र करना चाहिए?
(क) घर के किसी कोने में
(ख) कचरापात्र में
(ग) सड़क पर
(घ) पड़ोसियों के घर के सामने।

4. नगर के कचरे को ठिकाने लगाने का हानिरहित उपाय निम्नलिखित में से क्या है?
(क) कचरे को जला देना।
(ख) कचरे को जल-स्रोत में बहा देना
(ग) कचरे को खुले मैदान में डाल देना
(घ) कचरे से खाद बना लेना।

उत्तर:
1. (ग) घर पर विभिन्न स्थानों (UPBoardSolutions.com) पर कचरापात्र रखे,
2. (घ) उपर्युक्त सभी उपाय आवश्यक हैं,
3. (ख) कचरापात्र में,
4. (घ) कचरे से खाद बना लेना।

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UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 14 चुम्बकत्व

UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 14 चुम्बकत्व

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 14 चुम्बकत्व.

चुम्बकत्व

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखिए-
(क) चुम्बक द्वारा आकर्षित होता है –
(अ) लकड़ी का बुरादा
(ब) काँच का बुरादा
(स) लोहे का बुरादा
(द) ताँबे का बुरादा

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(ख) स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर चुम्बकं रुकता है –
(अ) उत्तर-पूर्व दिशा में
(ब) उत्तर-दक्षिण दिशा में
(स) उत्तर दिशा के लम्बवत्
(द) कहीं भी रूक सकता है।

(ग) चुम्बकीय पदार्थ है –
(अ) पीतल
(ब) ताँबा(UPBoardSolutions.com)
(स) लोहा
(द) रबर

(घ) चुम्बक का चुम्बकत्व सर्वाधिक होता है-
(अ) चुम्बक के बीच में
(ब) चुम्बक से सिरों पर
(स) सभी जगह समान
(द) चुम्बक से दूर

(ङ) चुम्बकीय प्रभाव आर-पार नहीं निकल पाता है –
(अ) लोहे की चादर से
(ब) काँच की, पट्टी से
(स) लकड़ी के तख्ते से
(द) कागज से

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प्रश्न 2.
दिये गये विकल्पों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(आकर्षित, उत्तरी, दक्षिणी, प्राकृतिक, कृत्रिम, ध्रुवों, चुम्बकीय)
उत्तर
(क) चुम्बक जिन पदार्थों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं उन्हें चुम्बकीय पदार्थ कहते हैं।
(ख) चुम्बक में उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव होते हैं।
(ग) चुम्बक के ध्रुवों को (UPBoardSolutions.com) एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है।
(घ) चुम्बक लोहे के चूर्ण को अपनी ओर आकर्षित करता है।
(ङ) प्रकृति में पाये जाने वाले चुम्बक को प्राकृतिक चुम्बक कहते हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में सही के सामने (✓) तथा गलत के सामने (✗) का चिह्न अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लगाइए (लगाकर)
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 14 चुम्बकत्व img-1

प्रश्न 4.
चुम्बक के चारे गुण लिखिए।
उत्तर

  • लोहे के कण मिले मिश्रण से लोहे के कणों को चुम्बक की सहायता से अलग किया जा सकता है।
  • चुम्बक लोहा तथा लोहे से बनी वस्तुओं को आकर्षित करता है।
  • चुम्बक की सहायता से मोटर साइकिल, (UPBoardSolutions.com) स्कूटर तथा मोटर कार में प्रयुक्त होने वाले डायनेमो का निर्माण किया जाता है।
  • चुम्बक का महत्वपूर्ण उपयोग कम्पास सुई बनाने में किया जाता है, जिसकी सहायता से दिशाएँ। ज्ञात की जाती हैं।

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प्रश्न 5.
विद्युत चुम्बक से क्या अभिप्राय है? इसका उपयोग लिखिए।
उत्तर
विद्युत चुम्बक – यदि एक नर्म लोहे की छड़ पर तार लपेट कर तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाए तो नर्म लोहे की छड़ चुम्बक बन जाती है, इसे विद्युत चुम्बक कहते हैं। इस प्रकार विद्युत धारा द्वारा बनाए गए चुम्बक को विद्युत चुम्बक कहते हैं। यह प्रायः घोड़े के नाल जैसे ‘U’ आकार के होते हैं।

विद्युत चुम्बक के उपयोग –

  1. इसका टेलीग्राफ तथा टेलीफोन (UPBoardSolutions.com) में प्रयोग किया जाता है।
  2. यह कारखानों में लोहे या इस्पात के बने भागों तथा टुकड़ों को ढोने के काम आता है।
  3. यह बिजली की घण्टी तथा लाउडस्पीकर में प्रयुक्त किया जाता है।
  4. यह मिट्टी और लोहे चूर्ण के मिश्रण में से लोहे को अलग करने के काम आता है।

प्रश्न 6.
चुम्बकीय क्षेत्र किसे कहते हैं?
उत्तर
चुम्बक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें चुम्बकीय प्रभाव का अनुभव होता है, चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है।

प्रश्न 7.
चुम्बकीय बल रेखाओं को चित्र सहित परिभाषित कीजिए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 14 चुम्बकत्व img-2
चुम्बकीय बल रेखाएँ किसी चुम्बकीय क्षेत्र में वो काल्पनिक वक्र हैं ? जिनके किसी बिन्दु पर खींची गयी स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र
की दिशा को निरूपित करती है।

प्रश्न 8.
अस्थाई तथा स्थाई चुम्बक एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर
अस्थाई चुम्बक- जिस चुम्बक में चुम्बकत्व का गुण स्थायी नहीं रहता है उस चुम्बक को अस्थायी चुम्बक कहते हैं। अस्थायी चुम्बक को नर्म (मुलायम) लोहे का बनाया जाता है। अधिकांश अस्थाई चुम्बकों को लोहे के चारों ओर लपेटे गए चालक तार की कुण्डली में विद्युतधरा प्रवाहित कर बनाया जाता है। (UPBoardSolutions.com) कुण्डली में जब तक विद्युतधारा प्रवाहित होती रहती है, नर्म लोहे में चुम्बकत्व रहता है तथा धारा प्रवाह बन्द करते ही इसका चुंबकत्व समाप्त हो जाता है। इन्हें विद्युत चुम्बक कहते हैं।

स्थाई चुम्बक-जिस चुम्बक में चुम्बकत्व का गुण स्थायी होता है, उसे स्थायी चुम्बक कहते हैं। ये चुम्बक लोहा, निकेल कोबाल्ट आदि के बनाए जाते हैं। इसका चुम्बकत्व शीघ्र नष्ट नहीं होता है। अतः ये लम्बे समय तक उपयोग में लाए जा सकते हैं।

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प्रश्न 9.
पृथ्वी एक चुम्बक की भाँति कार्य करती है? इसके लिए तथ्य दीजिए।
उत्तर
जब स्वतन्त्रतापूर्वक लटके हुए किसी बड़े चुम्बक को पृथ्वी तल पर उत्तरी गोलार्द्ध से दक्षिणी गोलार्द्ध की ओर ले जाते हैं, तब दंड चुम्बक उसी भाँति व्यवहार करता है जैसा कि बड़े चुम्बक के ऊपर छोटा चुम्बक व्यवहार करता है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है- पृथ्वी चुम्बक की भाँति व्यवहार करती है।

प्रश्न 10.
चुम्बक को उचित रखरखाव कैसे करते हैं?
उत्तर
चुम्बक का चुम्बकत्व बनाये रखने के लिये अधेलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए

  • दो चुम्बकों को आपस में न रगड़े। विपरीत दिशा में घर्षण न करें।
  • चुम्बक को न पीटें, न ठोकें और न ही ऊँचाई से जमीन पर गिराएँ।
  • चुम्बक को गर्म नहीं करना चाहिए। (UPBoardSolutions.com)
  • पास-पास रखे चुम्बकों के समान ध्रुवों को साथ-साथ न रखें।

प्रश्न 11.
प्रयोग द्वारा दिखाइए कि चुम्बक के असमान ध्रुवों में आकर्षण होता है।
उत्तर

  • एक चुम्बकीय सुई तथा एक छड़ चुम्बक लीजिए।
  • चुम्बकीय सुई के उत्तरी ध्रुव (N) के पास छड़ चुम्बक के दोनों ध्रुवों को बारी-बारी से लाइये। देखिए क्या होता है?

आप देखेंगे कि जब सुई के पास छड़ चुम्बक का उत्तरी ध्रुव लाते हैं, तो सुई का उत्तरी ध्रुव प्रतिकर्षित हो । जाता है और जब चुम्बक को दक्षिण ध्रुव (Sसुई के उत्तरी ध्रुव के पास लाया जाता है तो चुम्बकीय सुई को उत्तरी ध्रुव आकर्षित हो जाता है। चित्र 14.6 अ एवं बे इससे स्पष्ट है कि चुम्बक के समान ध्रुवों में प्रतिकर्षण तथा असमान ध्रुवों में आकर्षण होता है।

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प्रश्न 12.
विद्युतधारा के चुम्बकीय प्रभाव को दर्शाने के लिए एक प्रयोग का वर्णन कीजिए।
उत्तर

  • एक चालक तार, एक कुंजी तथा एक शुष्क सेल लें। इनको मेज पर रखकर तार में बिना विद्युत धारा प्रवाहित किये चुम्बकीय सुई को तार के पास लायें। आप देखेंगे कि (UPBoardSolutions.com) चुम्बकीय सुई उत्तर-दक्षिण दिशा में रुक गयी है।
  • अब चित्रानुसार तार में विद्युतधारा प्रवाहित करके चुम्बकीय सुई के विक्षेप को देखें।

आपने देखा कि चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो जाती है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि तार में विद्युतधारा प्रवाहित करने पर इसके चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।

● नोट- प्रोजेक्ट कार्य छात्र स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 13 विद्युत धारा

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विद्युत धारा

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में सही विकल्प चुनकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए-
उत्तर
(क) अमीटर द्वारा मापा जाता है
(क) विद्युत धारा
(ब) विभवान्तर
(स) आवेश
(द) अवद्युत ऊर्जा

UP Board Solutions 

(ख) किस सेल को पुनः आवेशित किया जा सकता है-
(क) शुष्क सेल
(ब) डेनियल सेल
(स) सीसा संचायक सेल
(द) वोल्टीय सेल

(ग) विद्युत विभवान्तर का मात्रक है-
(क) कूलॉम
(ब) एम्पियर
(स) सेकेण्ड
(द) बोल्ट

(घ) UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 13 विद्युत धारा img-1 प्रतीक (UPBoardSolutions.com) है।
(क) प्रतिरोध का 
(ब) सेल का
(स) वोल्टमीटर का
(द) अमीटर का

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(ङ) निम्नलिखित में से कौन-सी समीकरण सही है-
(क) I=Q x t
(ब) I =[latex]\frac { Q }{ t } [/latex]
(स) Q=[latex]\frac { I }{ t } [/latex]
(द) t=I x Q

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
उत्तर
(क) विद्युत धरा का मात्रक एम्पियर होता है।
(ख) प्रतिरोध का (UPBoardSolutions.com) मात्रक ओम होता है।
(ग) रासायनिक ऊर्जा को शुष्क सेल द्वारा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।
(घ) लकड़ी विद्युत रोधी पदार्थ होता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में सही कथन पर सही (✓) तथो गलत कथन पर गलत (✗) का चिह्न लगाइये-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 13 विद्युत धारा img-2

प्रश्न 4.
स्तम्भ ‘क’ का स्तम्भ ‘ख’ से मिलान कीजिए
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 13 विद्युत धारा img-3

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए-
(क) विद्युत वाहक (UPBoardSolutions.com) बल तथा विभवान्तर
उत्तर
विद्युत वाहक बल तथा विभवान्तर में अन्तर-
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 13 विद्युत धारा img-4

(ख) प्राथमिक तथा द्वितीयक सेल
उत्तर
प्राथमिक तथा द्वितीयक सेल में अन्तर-
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 13 विद्युत धारा img-5

(ग) अमीटर तथा वोल्टमीटर
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 13 विद्युत धारा img-6

प्रश्न 6.
निम्नलिखित किस भौतिक राशि के मात्रक हैं?
उत्तर
(क) कूलॉम=आवेश, ऐम्पियर=विद्युत धारा, (UPBoardSolutions.com) वोल्ट=विभवान्तर, जूल=व्यय ऊर्जा, ओम=प्रतिरोध

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प्रश्न 7.
धारा के निम्नलिखित प्रभाव पर आधारित एक-एक उपकरण का नाम तथा उपयोग लिखिए-
उत्तर
(क) चुम्बकीय प्रभाव = अमीटर एवं वोल्टमीटर
(ख) ऊष्मीय प्रभाव = बल्ब, हीटर
(ग) रासायनिक प्रभाव = विद्युत लेपन

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(अ) फ्यूज तार क्या है? इसका क्या उपयोग होता है? यह किस मिश्रधातु से बना होता है।
उत्तर
फ्यूज तार – यह सीसे और टिन से बनी मिश्र धातु का कम गलनांक वाला एक पतला तार होता है जो विद्युत परिपथ में शॉर्ट सर्किट से होने वाली हानि से हमें बचाता है।

उपयोग – विद्युत परिपथ में शार्ट सर्किट होने पर तथा (UPBoardSolutions.com) अधिक वोल्टेज आने पर यह स्वयं पिघल जाता है। जिससे विद्युत धारा का प्रवाह रुक जाता है और तारों तथा विद्युत उपकरणों को कोई हानि  नहीं पहुँचती है।

फ्यूज तार को चीनी मिट्टी के बने एक खोल में लगाते हैं, इसे फ्यूज कैरियर कहते हैं।

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(ब) तीन घरेलू उपकरणों का नाम लिखिए। यह मेन्स के साथ कैसे जोड़े जाते हैं?
उत्तर
विद्युत परिपथ में लगे उपकरण जैसे- बल्ब, पंखा, फ्रीज आदि। इन उपकरणों को खराब होने से बचाने के लिए प्रत्येक विद्युत परिपथ में एक कम गलनांक वाले मिश्र धातु के तार के (UPBoardSolutions.com) टुकड़े को प्रयोग किया जाता है। यह तार का टुकड़ा एक विद्युत रोधी आधार के कटआउट में लगाया जाता है। इस छोटे तार को फ्यूज कहते हैं। इसे मेंस के श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है।

(स) घरेलू विद्युत उपकणों के प्रयोग में क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर
घरेलू विद्युत प्रयोग में निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए-

  • विद्युत धारा के खुले तार को नहीं छूना चाहिये।
  • भीगे हाथों से स्विच को नहीं छूना चाहिये।
  • घरों में अच्छे, विद्युत रोधी लेप वाले संयोजक तार लगाए जाएँ।
  • विद्युत उपकरण मानक स्तर (आई०एस०आई०) के ही प्रयोग में लाए जाएँ।
  • घरों में वायरिंग कराते समय उदासीन (UPBoardSolutions.com) तार का सम्बन्ध पृथ्वी (अर्थिंग) से अवश्य किया जाए।
  • विद्युत कार्य करते समय रबड़ के दस्ताने पहने जाएँ।
  • विद्युत परिपथों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से सुरक्षा फ्यूज का प्रयोग अवश्य किया जाना चाहिए।
  • किसी प्रकार के खतरे की आशंका होने पर सर्वप्रथम मेन्स का स्विच आफ कर देना चाहिए।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
(अ) एक चालक तार का प्रतिरोध 3.0 ओम है। तार के सिरों के बीच 1.5 वोल्ट का विभवान्तर है। तार में बहने वाली विद्युत धारा का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर
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(ब) एक चालक 40 कूलॉम विद्युत आवेश 8 सेकेण्ड तक (UPBoardSolutions.com) प्रवाहित किया जाता है। चालक में प्रवाहित विद्युत धारा का मान ज्ञात कीजिये।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 13 विद्युत धारा img-8

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