UP Board Solutions for Class 9 Home Science प्रैक्टिस सेटस

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These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 Home Science . Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Home Science प्रैक्टिस सेटस.

प्रोजेक्ट-1

समस्या कथन:
गृह विज्ञान में समावेश होने वाले विषयों की सूची बनाइए।

प्रस्तावना:
गृह विज्ञान वास्तव में कोई स्वतन्त्र विषय नहीं है, वरन् यह विभिन्न सामाजिक एवं वैज्ञानिक विषयों के ऐसे अंशों का समन्वित रूप है, जिनका ज्ञान घर एवं सामाजिक परिवेश के सामान्य क्रियाकलापों में भाग लेने एवं गृहस्थ-जीवन की दैनिक समस्याओं को हल करने हेतु आवश्यक है। इस प्रकार यह स्पष्ट है। कि गृह विज्ञान का अध्ययन क्षेत्र पर्याप्त विस्तृत है।

उद्देश्य, लक्ष्य एवं कार्य-प्रणाली:
प्रस्तुत परियोजना कार्य का उद्देश्य गृह विज्ञान के अन्तर्गत आने वाले अन्य विषयों को सूचीबद्ध करना है। इसका मुख्य लक्ष्य गृह विज्ञान विषय की विभिन्नताओं को एकरूप में दृष्टिगत (UPBoardSolutions.com) करते हुए संक्षेप में अध्ययन करना है। परियोजना कार्य के उद्देश्य एवं लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आगमन विधि (Induction Method) का प्रयोग किया गया है।

गृह विज्ञान का अध्ययन क्षेत्र
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प्रोजेक्ट सम्बन्धी मौखिक प्रश्न

प्रश्न 1:
गृह विज्ञान किस प्रकार का अध्ययन है?
उत्तर:
गृह विज्ञान वह व्यवस्थित अध्ययन है जिसके अन्तर्गत उन सभी विषयों का अध्ययन किया जाता है जो सुखी एवं आदर्श परिवार के निर्माण में सहायक होते हैं।

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प्रश्न 2:
गृह विज्ञान की प्रकृति क्या है?
उत्तर:
गृह विज्ञान न तो शुद्ध विज्ञान है और न ही शुद्ध कला। यह विज्ञान भी है तथा कला भी।

प्रोजेक्ट-2

विषय:
स्वास्थ्य कार्यों में विभिन्न समाज-सेवी संस्थाओं की भूमिका।

परिचय:
जन-स्वास्थ्य को उन्नत बनाना एक अति आवश्यक कार्य है। इसका मुख्य दायित्व राज्य एवं स्थानीय संस्थाओं का है परन्तु विभिन्न समाज-सेवी संस्थाएँ भी इस क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हमारे देश में विभिन्न प्रकार की समाज-सेवी संस्थाएँ सक्रिय हैं जिनमें से कुछ अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएँ हैं। तथा कुछ राष्ट्रीय। विभिन्न क्लब; जैसे-लायन्स क्लब, रोटरी क्लब, रेडक्रॉस सोसाइटी आदि स्वास्थ्य कार्यों में विशेष योगदान देते हैं। इनके अतिरिक्त विभिन्न धार्मिक एवं जातीय संगठन; जैसे-जैन मिलन, वैश्य समाज, ब्राह्मण सभा, शिरोमणि एकेडमी, पंजाबी संगठन आदि। इनके अतिरिक्त अनेक चैरिटेबल ट्रस्ट भी स्वास्थ्य कार्यों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

समाज-सेवी संस्थाओं द्वारा किये जाने वाले स्वास्थ्य कार्य

(1) स्वास्थ्य जाँच कार्य:
प्रायः सभी समाज-सेवी संस्थाएँ समय-समय पर आम नागरिकों के स्वास्थ्य के विभिन्न पक्षों की जाँच का कार्य करती हैं। इसके लिए कैम्प या शिविर आयोजित किये जाते हैं। ये शिविर–मधुमेह जाँच, रक्त चाप जाँच, नेत्र-रोग जाँच, दंत-जाँच, हड्डी-जाँच आदि के रूप में आयोजित होते हैं।

(2) टीकाकरण:
विभिन्न समाज-सेवी संस्थाएँ जन-स्वास्थ्य के लिए सामान्य नियमित टीकाकरण तथा किसी संक्रामक रोग के फैलने पर आकस्मिक टीकाकरण का आयोजन करती हैं।

(3) डिस्पेन्सरी स्थापित करना:
अनेक समाज-सेवी संस्थाएँ जन-स्वास्थ्य के लिए तथा रोगियों के उपचार के लिए डिस्पेन्सरी या औषधालय स्थापित करती हैं, जहाँ रोगियों का नि:शुल्क अथवा बहुत कम शुल्क पर अच्छा उपचार किया जाता है।

(4) स्वास्थ्य-नियमों की जानकारी प्रदान करना:
प्रायः सभी समाज-सेवी संस्थाएँ ग्रामीण-क्षेत्रों में तथा मलीन बस्तियों में व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य-नियमों की जानकारी प्रदान करने का कार्य करती हैं। इनमें नशाखोरी उन्मूलन, सन्तुलित आहार तथा हर प्रकार की सफाई पर अधिक बल दिया जाता है।

(5) पौष्टिक-आहार वितरण:
बहुत-सी समाज-सेवी संस्थाएँ जन-स्वास्थ्य के स्तर को उन्नत बनाने के लिए ग्रामीण एवं मलीन बस्तियों के क्षेत्र में पौष्टिक आहार के वितरण का कार्य भी करती हैं। इस (UPBoardSolutions.com) कार्य के अन्तर्गत गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा शिशुओं के लिए पौष्टिक-आहार की व्यवस्था पर अधिक बल दिया जाता है।

(6) रोगों से बचाव सम्बन्धी जानकारी:
बहुत से रोग केवल अज्ञानता के कारण फैलते हैं। अतः समाज-सेवी संस्थाएँ जन-साधारण को रोगों से बचाव सम्बन्धी जानकारी प्रदान करने का कार्य भी करती हैं। इस प्रकार के मुख्य रोग हैं-संक्रामक रोग तथा अभाव जनित रोग।

(7) पर्यावरण-संरक्षण सम्बन्धी जानकारी:
जन-स्वास्थ्य के स्तर को उन्नत बनाने के लिए पर्यावरण-संरक्षण भी अति आवश्यक है। अत: समाज-सेवी संस्थाएँ जन-साधारण को पर्यावरण-संरक्षण सम्बन्धी उपयोगी एवं व्यावहारिक जानकारी प्रदान करने का भी कार्य करती हैं।

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प्रोजेक्ट सम्बन्धी मौखिक प्रश्न

प्रश्न 1:
किन्हीं दो अन्तर्राष्ट्रीय समाज-सेवी संस्थाओं के नाम बताइए।
उत्तर:
लायन्स क्लब तथा रोटरी इण्टरनेशनल दो मुख्य अन्तर्राष्ट्रीय समाज-सेवी संस्थाएँ हैं।

प्रश्न 2:
क्या समाज-सेवी संस्थाएँ निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं?
उत्तर:
हाँसमाज-सेवी संस्थाएँ नि:शुल्क अथवा अतिन्यून शुल्क लेकर उत्तम स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं।

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प्रश्न 3:
समाज-सेवी संस्थाओं की स्वास्थ्य-कार्यों में प्रमुख भूमिका या योगदान क्या है?
उत्तर:
समाज-सेवी संस्थाएँ जन-साधारण में जन-स्वास्थ्य सम्बन्धी जागरूकता विकसित करने का कार्य करती हैं।

प्रोजेक्ट-3

विषय:
वायु-प्रदूषण-कारण, प्रभाव तथा रोकथाम।

प्रस्तावना:
वायु में अशुद्धियों एवं हानिकारक तत्त्वों का व्याप्त हो जाना वायु प्रदूषण कहलाता है। वायु-प्रदूषण की स्थिति के लिए विभिन्न कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। हर प्रकार के वायु-प्रदूषण को जन-जीवन पर कुछ न कुछ प्रतिकूल प्रभाव अवश्य पड़ता है। वर्तमान औद्योगिक एवं नगरीय (UPBoardSolutions.com) परिस्थितियों में वायु प्रदूषण को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता, परन्तु इसकी रोकथाम एवं नियन्त्रण के उपाय अवश्य किये जा सकते हैं।

उद्देश्य, लक्ष्य एवं कार्य-प्रणाली:
प्रस्तुत परियोजना कार्य का उद्देश्य वायु प्रदूषण के कारणों, प्रभावों एवं रोकथाम के उपायों का अध्ययन करना है। इसका मुख्य लक्ष्य प्रदूषण की रोकथाम में व्यक्तिगत भूमिका का आकलन करना है, क्योंकि वायु प्रदूषण का मुख्य कारण मानवीय गतिविधियाँ ही हैं, इसलिए इसका संरक्षण करना एवं प्रदूषित होने से बचाने की जिम्मेदारी भी मानव मात्र की ही है। परियोजना कार्य के उद्देश्य एवं लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु वर्णनात्मक विधि (Descriptive Method) का प्रयोग किया गया है।

वायु-प्रदूषण-कारण, प्रभाव तथा रोकथाम
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प्रोजेक्ट सम्बन्धी मौखिक प्रश्न

प्रश्न 1:
वायु-प्रदूषण से क्या आशय है?
उत्तर:
वायु में हानिकारक तत्त्वों का व्याप्त हो जाना वायु प्रदूषण कहलाता है।

प्रश्न 2:
कारखानों की चिमनी से निकलने वाला धुआँ किस प्रकार के प्रदूषण में वृद्धि करता है?
उत्तर:
कारखानों की चिमनी से निकलने वाले धुएँ से वायु-प्रदूषण में वृद्धि होती है।

प्रश्न 3:
वस्तुओं के जलने से कौन-सी गैस बनती है?
उत्तर:
वस्तुओं के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है।

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प्रश्न 4:
वायु-प्रदूषण को नियन्त्रित करने का मुख्य उपाय क्या है?
उत्तर:
वायु-प्रदूषण को नियन्त्रित करने का मुख्य उपाय है – अधिक से अधिक पेड़ लगाना।

प्रोजेक्ट-4

समस्या कथन:
किशोरावस्था (13 से 18 वर्ष) के लिए एक दिन का सन्तुलित आहार का चार्ट तैयार करना।

प्रस्तावना:
किशोरावस्था में तीव्र शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। इस अवस्था में पर्याप्त मात्रा में सन्तुलित आहार ग्रहण करना आवश्यक होता है। इस अवस्था में लड़के-लड़की के आहार में भी कुछ अन्तर हो जाता है। किशोरावस्था में आहार में मिर्च-मसालों को अधिक प्रयोग नहीं होना (UPBoardSolutions.com) चाहिए तथा खाद्य-सामग्री को अधिक तलना-भूनना भी नहीं चाहिए। इस अवस्था में फास्ट फूड से बचना चाहिए तथा स्वास्थ्यवर्द्धक मध्ये आहार ग्रहण करना चाहिए।

उद्देश्य, लक्ष्य एवं कार्य-प्रणाली:
प्रस्तुत परियोजना कार्य का मुख्य उद्देश्य किशोरावस्था के लिए सन्तुलित आहार का अध्ययन करना है। इसका मुख्य लक्ष्य यह ज्ञात करना है कि किशोरावस्था में सन्तुलित आहार के अन्तर्गत कौन-कौन से भोज्य पदार्थ आते हैं एवं उनका उपयोग समयानुसार कैसे किया जाए। परियोजना कार्य के उद्देश्य एवं लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सारणी के माध्यम से सन्तुलित आहार का अध्ययन करना है।
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प्रैक्टिस सेट-1

निर्देश:
प्रश्न संख्या 1 और 2 बहुविकल्पीय हैं।

निम्नलिखित प्रश्नों में प्रत्येक के चार-चार वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं। उनमें से सही विकल्प चुनकर उन्हें क्रमवार अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए।

1. (क) गृह विज्ञान है 
(i) शुद्ध विज्ञान
(ii) शुद्ध कला
(iii) विज्ञान एवं कला दोनों
(iv) इनमें से कोई नहीं

(ख) गृह-व्यवस्था का वास्तविक उद्देश्य है 
(i) कार्यों को कुशलतापूर्वक करना
(ii) भविष्य के लिए बचत करना
(iii) भोजन एवं पोषण का ध्यान रखना
(iv) परिवार के सदस्यों को सुखी एवं सन्तुष्ट रखना।

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(ग) बिना पूर्व सूचना के कुछ मेहमान आ जाने पर किए जाने वाले अतिरिक्त कार्यों को कहा जाता है 
(i) अनावश्यक कार्य
(ii) थकाने वाली कार्य
(iii) आकस्मिक कार्य
(iv) वार्षिक कार्य

(घ) किसी परिवार द्वारा अपनी आय-व्यय तथा धन-सम्पत्ति के लिए की जाने वाली व्यवस्था को कहते हैं 
(i) अनिवार्य व्यवस्था
(ii) पारिवारिक व्यवस्था
(iii) गृह-अर्थव्यवस्था
(iv) अनावश्यक व्यवस्था

2. (क) दैनिक कार्यों से हुई थकान को दूर करने के लिए 
(i) कार्य करना चाहिए
(ii) विश्राम करना चाहिए।
(iii) व्यायाम करना चाहिए।
(iv) भोजन करना चाहिए।

(ख) बच्चों को क्षय रोग से बचाने के लिए टीका लगाया जाता है 
(i) ट्रिपिल एण्टीजन का
(ii) बी०सी०जी० का
(iii) टिटेनस का
(iv) इन सभी को

(ग) पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि करने वाले कारक हैं 1
(i) औद्योगीकरण
(ii) नगरीकरण
(iii) यातायात के शक्ति-चालित साधन
(iv) ये सभी

(घ) प्रकृति में ऑक्सीजन को सन्तुलन बनाए रखते हैं 
(i) मनुष्य
(ii) कीट-पतंगे
(iii) वन्य जीव-जन्तु
(iv) पेड़-पौधे

निर्देश:
प्रश्न संख्या 3 एवं 4 अतिलघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर अधिकतम 25 शब्दों में लिखिए।

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3. (क) गृह विज्ञान की एक व्यवस्थित परिभाषा लिखिए। 
(ख) किस गृहिणी को कुशल गृहिणी कहेंगे?
(ग) गृह-कार्य व्यवस्था के प्रमुख उद्देश्य बताइए।
(घ) जीवनरक्षक आवश्यकता से आप क्या समझते हैं?
(ङ) चाय का प्रयोग क्यों हानिकारक है?

4. (क) चलती-फिरती डिस्पेन्सरी का क्या महत्त्व है? 
(ख) पर्यावरण से क्या आशय है?
(ग) संवातनं क्या है?
(घ) कुकुर खाँसी के लक्षण लिखिए।
(ङ) शुद्ध रेशम की क्या पहचान है?

निर्देश:
प्रश्न संख्या 5 से 7 तक लघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर लगभग 50 शब्दों में लिखिए।

5. (क) स्पष्ट कीजिए कि गृह विज्ञान परिवार के सभी सदस्यों के लिए महत्त्वपूर्ण है।
अथवा
गृह-व्यवस्था को मनुष्य के जीवन में क्या महत्त्व है?

(ख) टिप्पणी लिखिए–गृह-कार्य व्यवस्था में सहायक उपकरण।
अथवा
परिवार के सदस्यों की अभिरुचि का गृह-कार्य व्यवस्था से क्या सम्बन्ध है? स्पष्ट कीजिए।

6. (क) आवश्यकताएँ कितने प्रकार की होती हैं?
अथवा
शारीरिक एवं मानसिक थकान को दूर करने के उपाय बताइए।

(ख) रेडक्रॉस सोसाइटी का क्या महत्त्व है?
अथवा
रेडियोधर्मी प्रदूषण परे संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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7. (क) वायु के कौन-कौन से चार प्रमुख कार्य हैं?
अथवा
अशुद्ध एवं विषैली वायु से हमें क्या-क्या हानियाँ हैं?

(ख) कपड़ा बनाने के लिए किन स्रोतों से तन्तु प्राप्त किए जाते हैं?
अथवा
स्पष्ट कीजिए कि उचित वेशभूषा से व्यक्तित्व में निखार आता है।

निर्देश:
प्रश्न संख्या 8 से 10 तक दीर्घ उत्तरीय हैं। प्रश्न संख्या 8 व 9 में विकल्प दिए गए हैं। प्रत्येक प्रश्न के एक ही विकल्प का उत्तर लिखना है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों के अन्तर्गत लिखिए।

8. ‘गृह विज्ञान’ से आप क्या समझती हैं? गृह विज्ञान के तत्त्वों का भी उल्लेख कीजिए।
अथवा
गृह-व्यवस्था को प्रभावित करने वाले गृह-सम्बन्धी कारकों का विवरण प्रस्तुत कीजिए।

9. गृह की सुव्यवस्था के लिए गृहिणी में किन गुणों का होना आवश्यक है? लिखिए।
अथवा
परिवार की मूलभूत आवश्यताओं पर प्रभाव डालने वाले कारक कौन-कौन से हैं? विस्तारपूर्वक समझाइए।

10.स्वास्थ्य से आप क्या समझती हैं? स्वास्थ्य के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लक्षणों का वर्णन कीजिए।

प्रैक्टिस सेट-2

निर्देश:
प्रश्न संख्या 1 और 2 बहुविकल्पीय हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों में प्रत्येक के चार-चार वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं। उनमें से सही विकल्प चुनकर उन्हें क्रमवार अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए।

1. (क) ग्रसनी के बाद भोजन कहाँ जाता है?
(i) आमाशय में
(ii) क्षुद्रान्त्र में
(iii) गृहणी में
(iv) बड़ी आँत में

(ख) विटामिन ‘सी’ की कमी से कौन-सा रोग होता है?
(i) जुकाम
(ii) स्कर्वी
(iii) रिकेट्स
(iv) बेरी-बेरी

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(ग) कुपोषण से बचने का उपाय है
(i) सन्तुलित आहार
(ii) पर्याप्त आहार
(iii) मांसाहारी आहार
(iv) शाकाहारी आहार

(घ) दुर्घटनास्थल पर दी जाने वाली: तुरन्त सहायता को कहते हैं
(i) औपचारिक चिकित्सा
(ii) अनावश्यक चिकित्सा
(iii) प्राथमिक चिकित्सा
(iv) कृत्रिम चिकित्सा

2. (क) सामान्य दुर्घटनाएँ घटित होती हैं
(i) दैवी कृपा से
(ii) भाग्यवश
(iii) लापरवाही तथा अज्ञानतावश
(iv) अज्ञात कारणों से

(ख) घरेलू देशज औषधियों के प्रयोग को उपयोगी माना जाता है
(i) आकस्मिक रोगों या दुर्घटनाओं के तुरन्त उपचार के लिए
(ii) इनके प्रयोग से धन एवं समय की बचत होती है।
(iii) दुर्घटना घटित होने पर गृहिणी का मनोबल बना रहता है।
(iv) उपर्युक्त सभी उपयोग एवं लाभ

(ग) हँसली की हड्डी टूट जाने पर बाँधी जाती है
(i) बड़ी झोली
(ii) सेन्ट जॉन झोली
(iii) कॉलर-कफ झोली
(iv) सँकरी झोली।

(घ) परिचारिका को नहीं होना चाहिए
(i) स्वस्थ
(ii) हँसमुख
(iii) दूरदर्शी
(iv) चिड़चिड़ा

निर्देश:
प्रश्न संख्या 3 एवं 4 अतिलघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर अधिकतम 25 शब्दों में लिखिए।

3. (क) पाचन तन्त्र से क्या आशय है?
(ख) सोयाबीन स्वास्थ्य के लिए क्यों उपयोगी है?
(ग) कॉफी के प्रयोग से क्या हानियाँ हैं?
(घ) कृत्रिम श्वसन कब दिया जाता है?
(ङ) साँप के काटने पर बन्ध क्यों लगाया जाता है?

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4. (क) घरेलु देशज औषधियों से क्या आशय है?
(ख) रीफ गाँठ बाँधने से क्या लाभ हैं?
(ग) गृह-परिचारिका किसे कहते हैं?
(घ) आपके विचार से रोगी का कमरा कैसा होना चाहिए?
(ङ) रोगी के लिए बिस्तर का क्या महत्त्व है?

निर्देश:
प्रश्न संख्या 5 से 7 तक लघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर लगभग 50 शब्दों में लिखिए।

5. (क) जीभ में पायी जाने वाली स्वाद ग्रन्थियाँ कितने प्रकार की होती हैं और उनके क्या कार्य हैं?
अथवा
हरी सब्जियों को खाने के चार लाभ बताइए।

(ख) बहुप्रयोजन आहार से क्या तात्पर्य है?
अथवा
प्राथमिक चिकित्सा की दो विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

6. (क) नाक के रक्तस्राव को रोकने के लिए आप क्या उपाय करेंगी?
अथवा
दो घरेलू दवाइयों के नाम एवं उपयोग बताइए।

(ख) हैजा रोग का उपचार आप किस प्रकार करेंगी?
अथवा
पट्टियाँ बाँधने के सामान्य नियम कौन-से हैं?

7. (क) गृह-परिचारिका का रोगी के लिए क्या महत्त्व है?
अथवा
रोगी के कमरे में प्रकाश-व्यवस्था कैसी होनी चाहिए?

(ख) शय्या घाव के बचाव एवं उपचार के उपायों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
रोगी के बिस्तर की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

निर्देश:
प्रश्न संख्या 8 से 10 तक दीर्घ उत्तरीय हैं। प्रश्न संख्या 8 व 9 में विकल्प दिए गए हैं। प्रत्येक प्रश्न के एक ही विकल्प को उत्तर लिखना है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों के अन्तर्गत लिखिए।

8. हमारे लिए खनिज-लवण व उनके प्राप्ति स्रोत कौन-कौन से हैं? शरीर में इनकी कमी से क्या हानि होती है?
अथवा
कुपोषण से आप क्या समझती हैं? इससे बचाव के उपाय बताइए।

9. प्राथमिक चिकित्सा का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा उसके सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
अथवा
जलने व झुलसने में क्या अन्तर है? जलने के विभिन्न प्रकार एवं उनके उपचार बताइए

10. विष कितने प्रकार के होते हैं? विषपान किए व्यक्ति का सामान्य उपचार आप किस प्रकार करेंगी?

प्रैक्टिस सेट-3

निर्देश:
प्रश्न संख्या 1 और 2 बहुविकल्पीय हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों में प्रत्येक के चार-चार वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं। उनमें से सही विकल्प चुनकर उन्हें क्रमवार अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए।

1. (क) एक कुशल गृहिणी के लिए आवश्यक है
(i) पाक विज्ञान का उचित ज्ञान
(ii) बच्चों के पालन-पोषण का ज्ञान
(iii) समस्त गृह-कार्यों का ज्ञान
(iv) प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान

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(ख) उत्तम कार्य-व्यवस्था के लिए गृहिणी को मिलना चाहिए
(i) पुरस्कार
(ii) प्रोत्साहन
(iii) धन
(iv) कुछ नहीं

(ग) सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के शरीर का तापक्रम होता है
(i) 97°F
(ii) 96°F
(iii) 98.4°F
(iv) 90°F

(घ) औद्योगीकरण तथा नगरीकरण ने बढ़ावा दिया है
(i) पर्यावरण की स्वच्छता को
(ii) पर्यावरण-प्रदूषण को
(iii) पर्यावरण के रख-रखाव को
(iv) इनमें से कोई नहीं

2. (क) क्षय रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणु का नाम है
(i) कोरीनीबैक्टीरियम
(ii) माइक्रो बैसिलस ट्यूबरकुलोसिस
(iii) बोडैटेला
(iv) स्ट्रैप्टोकोकस

(ख) भारतवर्ष में प्रायः सूती वस्त्र अधिक पहने जाते हैं, क्योंकि ये
(i) बहुमूल्य होते हैं।
(ii) सहज ही उपलब्ध हैं।
(iii) वातावरण के अनुरूप हैं।
(iv) ऊष्मा के कुचालक हैं।

(ग) ड्रॉ-शीट होती है
(i) एक छोटी सूती चादर
(ii) मोमजामे का टुकड़ा
(iii) रैक्सीन का टुकड़ा
(iv) एक छोटा कम्बल

(घ) सेन्ट जॉन झोली का काम करता है
(i) एक हाथ के सिरे को दूसरे हाथ के सिरे पर रखना
(ii) एक हाथ को सहारा देना।
(iii) दोनों हाथों को सहारा देना
(iv) उपर्युक्त सभी

निर्देश:
प्रश्न संख्या 3 एवं 4 अतिलघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर अधिकतम 25 शब्दों में लिखिए।

3. (क) गृह-कार्य व्यवस्था के लक्ष्यों का उल्लेख कीजिए।
(ख) सिगरेट या शराब पीना कैसी आदत है?
(ग) फर्श पर थूकना क्यों हानिकारक है?
(घ) ध्वनि या शोर की इकाई क्या है?
(ङ) वायु अपने आप में क्या है?

4. (क) शुद्ध रेशम की क्या पहचान है?
(ख) यकृत के कोई दो महत्त्वपूर्ण कार्य बताइए। 1+1
(ग) स्कर्वी रोग किस विटामिन की कमी से होता है?
(घ) धमनी एवं शिरा में क्या अन्तर है? समझाइए। 2
(ङ) गृह-परिचारिका का चिकित्सक के प्रति क्या कर्तव्य है? 2

निर्देश:
प्रश्न संख्या 5 से 7 तक लघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर लगभग 50 शब्दों में लिखिए।

5. (क) गृह-व्यवस्था का मनुष्य के जीवन में क्या महत्त्व है?
अथवा
आरामदायक तथा विलासात्मक आवश्यकताओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

(ख) नाक की सफाई का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
अथवा
विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या है?

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6. (क) जंगलों का जनजीवन में क्या महत्त्व है?
अथवा
वर्षा ऋतु की नमी से हमें क्या हानियाँ हैं?

(ख) उद्भवन अथवा सम्प्राप्ति काल से क्या तात्पर्य है?
अथवा
सूती वस्त्रों की क्या विशेषताएँ हैं?

7. (क) रात्रि-भोज के अवसर पर पहनी जाने वाली वेशभूषा का वर्णन कीजिए।
अथवा
टिप्पणी लिखिए-प्लीहा या तिल्ली।

(ख) सब्जियों को रक्षात्मक पदार्थ क्यों कहा जाता है?
अथवा
जबड़े की पट्टी किस प्रकार बाँधी जाती है?

निर्देश:
प्रश्न संख्या 8 से 10 तक दीर्घ उत्तरीय हैं। प्रश्न संख्या 8 व 9 में विकल्प दिए गए हैं। प्रत्येक प्रश्न के एक ही विकल्प का उत्तर लिखना है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों के अन्तर्गत लिखिए।

9. रोगी का बिस्तर कितने प्रकार का हो सकता है? बिस्तर लगाने की विधि का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए
अथवा
मरहम-पट्टी (ट्रेसिंग) से क्या अभिप्राय है? प्राथमिक चिकित्सा में पट्टियाँ बाँधने के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?

9. प्राथमिक चिकित्सक में होने वाले आवश्यक गुणों का वर्णन कीजिए।
अथवा
दूध को सम्पूर्ण आहार क्यों माना जाता है? इसके प्रमुख तत्त्वों का उल्लेख कीजिए।

10. आमाशय की रचना का वर्णन कीजिए। आमाशय में भोजन का पाचन किस प्रकार होता है? समझाइए।

We hope the UP Board Solutions for Class 9 Home Science प्रैक्टिस सेटस help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 9 Home Science प्रैक्टिस सेटस, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 कलम् आज उनकी जय बोल (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 कलम् आज उनकी जय बोल (मंजरी)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 7 Hindi . Here we have given UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 कलम् आज उनकी जय बोल (मंजरी).

समस्त पद्यांशों की व्याख्या

कलम् आज ……………………………. बोली

संदर्भ:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तके मंजरी’ के कलम आज उनकी जय बोल’ नामक कविता से ली गई हैं। इसके रचयिता रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।

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प्रसंग:
कवि ने देशप्रेम और राष्ट्रीयता की भावना (UPBoardSolutions.com) से ओत-प्रोत देशभक्तों के बलिदान का वर्णन किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कलम! उन वीर शहीदों की विजय का गान कर, प्रशंसां के गीत गा, जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान करके क्रान्ति की भावना जाग्रत् की और नई चेतना फैलाई तथा जिन्होंने बिना किसी मूल्य के कर्तव्य की पुण्यवेदी पर स्वयं को न्योछावर कर दिया।

जो अगणित …………………………बोल।

संदर्भ: पूर्ववत्।

प्रसंग:
दिनकर जी ने निस्वार्थ भाव से देश पर न्योछावर, होने वाले वीरों का गुणगान किया है।

व्याख्या:
कलम! उनका विजय गान कर, जो असंख्य छोटे दीपक जलकर बिना (UPBoardSolutions.com) तेल बुझ गए, उन अगणित वीरों का यशगान कर, जो देश की आन पर मर मिटे, परन्तु उन्होंने किसी र कर स्नेह की माँग नहीं की।

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पीकर जिनकी …………….. बोल।

संदर्भ:
पूर्ववत्।

प्रसंग:
कवि ने वर्णन किया है किस प्रकार वीरों के सिंहनाद से सब भयभीत हो गए।

व्याख्या:
उन वीर अमर शहीदों ने दीपक की भाँति जलकर जो तेज (लाल) (UPBoardSolutions.com) अग्नि प्रज्वलित कीं, उनकी गर्म लपटें दिशाओं में उठ रही हैं। उन वीरों की सिंह गर्जना से पृथ्वी भयभीत होकर अब भी हिल रही है।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1:
(क) “सुभाषचन्द्र बोस’ का उपनाम ‘नेता जी’ है। (UPBoardSolutions.com) नीचे कुछ महापुरुषों के उपनाम दिये जा रहे हैं, उनका पूरा नाम लिखिए
बापू, लौहपुरुष, देशबन्धु, महामना, लोकमान्य, मिसाइल मैन
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 कलम् आज उनकी जय बोल (मंजरी) image - 1

(ख) देश-प्रेम कविताओं का संकलन कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना

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प्रश्न 1:
पाठ में कलम देशभक्तों का जयघोष कर रही है। (UPBoardSolutions.com) कलम का अर्थ है-देश के रचनाकार अपनी रचनाओं से उनका अभिवादन करते हैं। देशभक्त तो सर्वोपरि होते हैं। उनका जयघोष केवल देशवासी ही नहीं करते, बल्कि पूरी प्रकृति भी उनके लिए मंगल गीत गाती है। आप बताइए कि बादल और पुष्प किस रूप में उनकी जयगान करेंगे।
उत्तर:
बादल वर्षा करके और पुष्प श्रद्धासुमन अर्पित करके उनका जयगान करेंगे।

प्रश्न 2:
क्या आपके आस-पास कोई ऐसे व्यक्ति हुए हैं, जिन्होंने देश (UPBoardSolutions.com) की सेवा में अपनी जान न्योछावर की है? अपने बड़ों से पूछकर उनके बारे में लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

कविता से

प्रश्न 1:
कवि अपनी लेखनी से किसकी जयं बोलने के लिए कह रहा है?
उत्तर:
देश के शहीदों की।

प्रश्न 2:
निम्नलिखित भाव कविता की किन पंक्तियों में आये हैं, लिखिए

(क) जो बिना किसी प्रतिफल के कर्तव्य की पुण्य (UPBoardSolutions.com) वेदी पर न्योछावर हो गये।
उत्तर:
भाव- जो चढ़ गए पुण्य-वेदी पर लिए बिना गरदन का मोल।

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(ख) देश की आन पर मर मिटे पर उन लोगों ने किसी से स्नेह की माँग नहीं की।
उत्तर:
भाव- जल जलकर बुझ गए किसी दिन, माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल।

प्रश्न 3:
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए

(क) पीकर जिनकी लाल शिखाएँ,
उगल रहीं लू-लपट दिशाएँ।।

उत्तर:
भाव- उन वीर अमर शहीदों ने दीपक की भाँति जलकर जो तेज लाल अग्नि प्रज्वलित की, उसकी गर्म लपटें दिशाओं में उठ रहीं हैं। सब तरफ क्रान्ति की प्रबल इच्छा बढ़ रही है।

(ख) जिनके सिंहनाद से सहमी, धरती रही अभी तक डोल।
उत्तर:
भाव- वीर शहीदों ने जो सिंह गर्जना की, उससे पृथ्वी भयभीत होकर अभी भी हिल रही है। (वीरों के पराक्रम से शत्रुगण भयभीत हैं।)

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(ग) जला अस्थियाँ बारी-बारी, छिटकायी जिसने चिनगारी।।
उत्तर:
भाव- देशप्रेम और राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत देशभक्तों (UPBoardSolutions.com) के बलिदान का वर्णन किया है। कवि कहता है कि जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान करके क्रांति की भावना जागृत की और
नई चेतना फैलाई; कलम आज उनका गुणगान करो, आज उन वीर शहीदों की गौरवगाथा लिखो।

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प्रश्न 4:
कविता की एक पंक्ति है ‘कलम, आज उनकी जय बोल’। इस पंक्ति को गद्य . रूप में इस तरह से लिखा जा सकता है- ‘कलम, आज उनका जयगान कर।
नीचे दी गयी पंक्तियों को गद्य रूप में लिखिए

जला अस्थियाँ ……………….. जय बोल।
उत्तर:
गद्य रूप – कलम आज उनका जयगान कर, जिन्होंने बारी-बारी से अस्थियों को जलाकर चिंगारी छिटकाई। (UPBoardSolutions.com) जो पुण्य वेदी पर बिना गरदन का मोल लिए चढ़ गए। कलम, आज उनकी जय बोल।

भाषा की बात

प्रश्न 1:
नीचे दिये गये विशेषण और विशेष्य (संज्ञा) का मिलान कीजिए
UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 कलम् आज उनकी जय बोल (मंजरी) image - 2

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प्रश्न 2.
दिये गये शब्दों के दो-दो पर्यायवाची (UPBoardSolutions.com) शब्द लिखिए
धरती, कलम, दीप, मुँह
उत्तर:
धरती – जमीन, भूमि
कलम – पेंसिल, लेखनी
दीप – दीपक, चिराग
मुँह – मुख, चेहरा ।

पढ़ने के लिए (विद्यार्थी स्वयं करें।)

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi प्रमुख अन्तर्कथाएँ

UP Board Solutions for Class 8 Hindi प्रमुख अन्तर्कथाएँ

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Hindi व्याकरण.

साहित्य का अध्ययन करते समय बीच-बीच में कुछ ऐसे प्रसंग आ जाते हैं, जिन्हें जाने बिना अर्थ स्पष्ट नहीं हो सकता। उदाहरण- छुअत सिला भइ नारि सुहाई।”

इस पंक्ति का अर्थ उस समय तक स्पष्ट नहीं होता जब तक विद्यार्थियों को ‘अहल्या’ के बारे में ‘न बताया जाए, इसे ही अन्तर्कथा कहते हैं। इसका शाब्दिक अर्थ है- (अन्तः + कथा) अर्थात् कविता के अन्दर की कथा। नीचे कुछ ऐसी ही प्रमुख अन्तर्कथाएँ दी जा रही हैं, छात्र इन्हें ध्यान से पढ़ें|

(1) नरसिंह – भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक नरसिंह का अवतार माना जाता है। इस अवतार में भगवान का सिर सिंह का था तथा शेष शरीर मनुष्य का था। भगवान ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए यह रूप धारण किया था। प्रहलाद का पिता बड़ी अत्याचारी था। उसे वरदान मिला था कि वह किसी भी देवता, राक्षस, मनुष्य, पशु या (UPBoardSolutions.com) अस्त्र-शस्त्र से नहीं मारा जा सकेगा। वह न जमीन पर मर सकेगा और न आसमान में। भगवान ने यह अद्भुत रूप धारण कर अपने घुटनों पर रखकर अपने नाखूनों से उसका पेट फाड़ दिया था और इस प्रकार अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।

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(2) नल और नील – ये दोनों भाई कपि विश्वकर्मा के पुत्र थे। इनको वरदान प्राप्त था कि इनके हाथ को छुआ पत्थर पानी पर तैरता रहेगा। श्रीराम ने जब लंका पर चढ़ाई की तब इन्होंने श्रीराम चन्द्र जी की लंका पर चढ़ाई करने हेतु समुद्र पर पुल बनाने में सहायता की थी।

(3) त्रिशंकु – राजा त्रिशंकु बड़े बलवान राजा थे। किन्तु बड़े अहंकारी थे। एक बार उन्होंने इसी शरीर से स्वर्ग जाने के लिए एक यज्ञ करना चाहा। इनके गुरु वशिष्ठ ने इन्हें ऐसा करने से रोका। उनसे नाराज (UPBoardSolutions.com) होकर इन्होंने विश्वामित्र से यज्ञ करने की प्रार्थना की। विश्वामित्र की शक्ति से ये इसी शरीर से स्वर्ग की ओर बढ़ चले किन्तु इन्द्र ने इन्हें वहाँ से धकेल दिया। विश्वामित्र ने इन्हें नीचे न आने दिया और ये आकाश में ही लटके रह गए।

(4) अहल्या – यह गौतम ऋषि की पत्नी थीं। यह बहुत सुन्दर थीं। एक दिन जब ऋषि सन्ध्या वन्दना करने बाहर गए थे तो इन्द्र ने गौतम का रूप धारण करके उनके साथ सम्भोग किया। इसी बीच में गौतम ऋषि आ गए और उन्होंने अपने योगबल से सब कुछ जान लिया। तब उन्होंने इन्द्र को शाप दिया कि तेरे शरीर के सौ टुकड़े हो जाएँ और अहल्या को शाप दिया कि तू पत्थर की हो जाए। भगवान राम के चरण की धूलि से अहल्या का उद्धार हुआ तथा उन्होंने पुनः स्त्री रूप धारण किया।

(5) गणिका – अति प्राचीनकाल में पिंगला नामक एक गणिका (वेश्या) थी। एक बार वह शृंगार किए बहुत देर तक अपने प्रेमी की प्रतीक्षा करती रही किन्तु वह न आया। उसने सोचा कि यदि मैं इतनी देर भगवान का भजन करती तो मेरा कल्याण हो जाता। इससे उसे बड़ी ग्लानि हुई और उसने वेश्यावृत्ति छोड़ दी और भगवान की पूजा में लग गई, जिससे उसकी मुक्ति हो गई। गणिका के सम्बन्ध में एक अन्य कथा भी प्रचलित है। कहते हैं कि कोई गणिका अपने तोते को राम-राम रटाया करती थी। तोते को राम-रामे रटाने से उसकी मृत्यु के समय भी उसके मुँह से राम-राम ही निकला, जिससे उसकी मुक्ति हो गई।

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(6) काकभुशंडि – ये पूर्व जन्म में ब्राह्मण कुमार थे। अभिमान के कारण एक बार ये अपने गुरु से ही शास्त्रार्थ कर बैठे। इनके गुरु ने नाराज होकर इन्हें कौआ बन जाने का शाप दे डाला। दुःखी होकर ये कौए के (UPBoardSolutions.com) रूप में नीलांचल पर्वत पर रहने लगे। वहीं एक बार गरुड़ को इन्होंने राम-नाम की महिमा का ज्ञान कराया। स्वयं शंकर भगवान ने भी राजहंस का रूप धारण कर इनसे रामकथा सुनी थी। गोस्वामी तुलसीदास ने भी इनकी पूरी कथा रामचरितमानस में लिखी है।

(7) महिषमर्दिनी – अति प्राचीनकाल में महिषासुर नाम का एक अत्याचारी राक्षस था। उसने महिष (भैंसा) का रूप धारण कर बड़ा उत्पात मचाया। देवता भी उससे डरते थे। देवताओं की प्रार्थना पर , भगवती दुर्गा देवी ने इस राक्षस को मार डाला, इसी कारण दुर्गा देवी को महिषमर्दिनी भी कहते हैं।

(8) सहस्त्रबाहु – सहस्रबाहु बड़ा वीर राजा था। इसका वास्तविक नाम अर्जुन था। अर्जुन राजा कृतवीर्य का पुत्र था। अर्जुन ने दत्तात्रेय ऋषि की बड़ी सेवा की थी। इनके आशीर्वाद से अर्जुन की एक हजार भुजाएँ हो गई थी। इसी से इनका नाम सहस्रबाहु पड़ा। सहस्रबाहु एक दिन जमदग्नि ऋषि के आश्रम में जा पहुँचा। ऋषि के आश्रम में नन्दनी नाम की एक कामधेनु गाय थी उसके प्रभाव से उन्होंने राजा की. बड़ा सत्कार किया। राजा ने ऋषि से नन्दनी को माँगा किन्तु ऋषि ने नहीं दिया। (UPBoardSolutions.com) सहस्रबाहु ने ऋषि जमदग्नि का अपमान करके वह गाय उनसे छीन ली। जमदग्नि के पुत्र परशुराम थे। जब उन्हें अपने पिता के अपमान का समाचार मिला, तो उन्होंने क्रोध में आकर सहस्रबाहु की सारी भुजाएँ काट डालीं और उसे मार दिया।

(9) अजामिल – यह बड़ा पापी ब्राहमण था। यह दूसरों को सताता था, हत्याएँ करता था और डाका’ भी डालता था। इसके पुत्र का नाम नारायण था। जब अजामिल का अन्त समय आया तो यमदूत उसे भयंकर दुख देने लगे। दुखी होकर अजामिल ने अपने पुत्र नारायण को पुकारा। उसके मुख से नारायण नाम सुनकर यमदूत भाग गए और अन्त समय में ‘नारायण’ कहने के कारण उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।

(10) दुर्वासा – ये बड़े क्रोधी ऋषि थे। ये महर्षि अत्रि के पुत्र थे। इन्होंने अम्बरीष तथा शकुन्तला आदि को भी शाप दे दिया था। अम्बरीष राजा ने इन्हें एकादशी के दिन भोजन का निमन्त्रण दिया। जब ये न आए और पुण्यकाल बीतने लगा तो अम्बरीष ने इन्हें बिना भोजन कराए ही प्रसाद ग्रहण कर लिया। इससे रुष्ट होकर उन्होंने राजा अम्बरीष को शाप दे दिया। भगवान विष्णु ने अपने भक्त अम्बरीष की रक्षार्थ दुर्वासा पर अपना सुदर्शन चक्र छोड़ दिया, जिससे दुर्वासा घबराए परन्तु तीनों लोकों में उन्हें कहीं शरण न मिली। अन्त में उन्होंने राजा अम्बरीष से क्षमा माँगी और राजा अम्बरीष ने उन्हें क्षमा कर दिया।

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(11) एकलव्य – यह एक वनवासी सरदार का पुत्र था। यह द्रोणाचार्य से धनुर्विद्या सीखना चाहता था परन्तु द्रोणाचार्य ने इसे नीच समझकर अपना शिष्य नहीं बनाया किन्तु एकलव्य बड़ा लगनशील था। इसने गुरु द्रोणाचार्य की मिट्टी की मूर्ति बनाई और उसी के सामने वन में धनुर्विद्या सीखने लगा। धीरे-धीरे यह इस विद्या में बड़ा कुशल हो गया। जब (UPBoardSolutions.com) द्रोणाचार्य को इसका पता चला तो उन्होंने गुरु-दक्षिणा में इसके दाएँ हाथ का अँगूठा माँग लिया। एकलव्य ने सहर्ष अपने दाएँ हाथ का अँगूठा काटकर अपने गुरु को अर्पण कर दिया।

(12) अगस्त्य ऋषि – एक बार अगस्त्य मुनि के पिता मित्रावरण की दृष्टि आकाश में जाती हुई उर्वशी नामक एक अप्सरा पर पड़ी। इससे उनका वीर्य स्खलित हो गया। उन्होंने उसे एक घड़े में रख दिया जिससे अगस्त्य की उत्पत्ति हुई। घड़े से उत्पन्न होने के कारण ये कुम्भज भी कहलाते हैं। एक बार उन्होंने टिटहरी के अण्डों की रक्षा के लिए संपूर्ण समुद्र का पानी पी लिया। बाद में समुद्र के प्रार्थना करने पर मूत्र के रूप में जल को निकाल दिया। कहा जाता है कि समुद्र का पानी तभी से खारा है।

(13) इन्द्र – इन्द्र देवताओं के राजा और स्वर्ग के स्वामी कहलाते हैं। इनका अस्त्र वज्र है। यह पद उन्हें कठोर तपस्या के बाद प्राप्त हुआ था। अतः महाराजा इन्द्र का भी यही स्वभाव बन गया कि वे बड़े तपस्वियों के तप में विघ्न डालने का प्रयास करते रहते थे।

(14) प्रह्लाद – एक अत्याचारी राक्षसों के राजा हिरण्यकश्यप का पुत्र था। यह भगवान का परम भक्त था। पिता के अनेक कष्ट देने पर भी उसने ईश्वर भक्ति नहीं छोड़ी। एक समय उसके पिता ने प्रह्लाद को खम्भे में बाँधकर मारना चाहा तो विष्णु भगवान ने नरसिंह का रूप धारण कर हिरण्यकश्यप को मार डाला और प्रह्लाद को अटल भक्ति का वरदान दिया।

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(15) भस्मासुर – यह राक्षस था किन्तु शिव का बड़ा भक्त था। इसने शिवजी से वरदान प्राप्त कर लिया था कि यह जिसके मस्तक पर हाथ रख देगा वही भस्म हो जाएगा। इस वरदान की परीक्षा हेतु इसने शंकरजी के सिर पर हाथ रखना चाहा, शंकरजी भागे। विष्णु भगवान ने सुन्दरी का रूप धारण कर इस राक्षस को ही मोहित कर लिया और उसके मस्तक (UPBoardSolutions.com) पर उसी का हाथ रखवा दिया। इससे यह भस्म हो गया।

(16) वामनावतार – प्राचीनकाल में राजा बलि नामक बड़े दानी राजा थे। इनके दान से भयभीत होकर इन्द्र ने विष्णु से इसकी परीक्षा लेने को कह्म। विष्णु भगवान 52 अंगुल के शरीर वाला बौना बनकर भिक्षुक के रूप में राजा बलि के सामने आ पहुँचे और उससे तीन डग भूमि का दान माँगा। राजा ने इसे स्वीकार कर लिया। भगवान ने अब अपना विराट रूप दिखाकर केवल ढाई डग में ही सारी पृथ्वी को नाप लिया। अब आधे डग के लिए राजा बलि ने उन्हें अपना शरीर दे डाला। इस तरह भगवान के तीनों डगों में पृथ्वी थोड़ी पड़ गई थी।

(17) द्रौपदी – द्रौपदी राजा द्रुपद की पुत्री तथा पाण्डवों की पत्नी थी। एक दिन युधिष्ठिर तथा दुर्योधने में जुआ हुआ। युधिष्ठिर जुए में राजपाट तथा द्रौपदी हार गए। दुर्योधन की आज्ञानुसार द्रौपदी सभा में लाई गई तथा दु:शासन ने इन्हें वस्त्रहीन करना चाहा, परन्तु श्रीकृष्ण की कृपा से वह ऐसा नहीं कर पाया। इस प्रकार भगवान की कृपा से द्रौपदी की लाज बच गई।

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(18) जटायु – यह गिद्धराज बेड़ा पराक्रमी था। जब रावण सीता को चुराकर ले जा रहा था तो रावण से इसने घोर युद्ध किया। रावण ने अपने तीरों से इसे विदीर्ण कर दिया। यह पृथ्वी पर बेहोश होकर गिर पड़ा। (UPBoardSolutions.com) जब रामचन्द्रजी सीता की खोज में वन में पहुँचे तो इसके (जटायु) मस्तक पर उन्होंने अपना करुण-हस्त फेरा जिससे उसकी पीड़ा दूर हो गई। रामचन्द्रजी ने उसे स्वर्ग में स्थान दिया।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 37 भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 37 भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

इन्दिरा जी का बचपन का नाम इन्दिरा प्रियदर्शिनी था। इनका जन्म 19 नवम्बर, 1917 ई० को इलाहाबाद में हुआ। इनके पिता पं० जवाहर लाल नेहरू और माता कमला नेहरू थी। पं० नेहरू इन्दिरा को ऐसी शिक्षा देना चाहते थे जिससे उनके व्यक्तित्व का बहुमुखी विकास हो सके। माता-पिता के स्वतन्त्रता आन्दोलन में सक्रिय होने से प्रियदर्शिनी ने दिल्ली, इलाहाबाद और पुणे आदि में शिक्षा पाई। पुणे से हाईस्कूल पास करके वे शान्ति निकेतन गईं। इन्दिरा के व्यक्तित्व पर नेहरू जी के व्यक्तित्व का बड़ा प्रभाव पड़ा। निर्भीकता (UPBoardSolutions.com) और आत्मविश्वास जैसे गुण उन्हें पिता से विरासत में मिले। 29 वर्ष तक लगातार उन्होंने पिता के साथ रहकर राजनैतिक कार्यों में मदद की। सन् 1942 में उनका विवाह फिरोज गांधी से हुआ। इनके दो पुत्र राजीव और संजय गांधी हुए। राजीव गांधी इन्दिरा गांधी की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री बने। संजय का युवावस्था में ही एक विमान दुर्घटना में देहान्त हो गया।

सन् 1958 ई० में इन्दिरा कांग्रेस केंद्रीय बोर्ड की सदस्या बनीं। सन् 1959 में वह कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गई। सन् 1962 ई० में यूनेस्को अधिशासी मण्डल की सदस्या चुनी गई। लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमण्डल में वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। 24 जनवरी, 1966 ई० से 24 मार्च, 1977 और दूसरी बार 14 जनवरी, 1980 से 31 अक्टूबर 1984 तक वह प्रधानमंत्री रहीं। प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें भारत-पाक युद्ध का सामना करना पड़ा। सन् 1971 में उन्होंने एकतरफा युद्ध विराम किया। पाकिस्तान की हार हुई। बांग्ला देश का (UPBoardSolutions.com) जन्म हुआ। भारत एशिया की प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा। इन्दिरा जी विश्व की प्रमुख नेता के रूप में सामने आईं। अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में उन्होंने अनेक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए। उन्होंने देश की दुखती रग को समझा और गरीबी हटाओ का नारा दिया।

बीस सूत्रीय कार्यक्रमों द्वारा उन्होंने अनेक उपलब्धियाँ अर्जित कीं। विज्ञान और तकनीकी विकास के साथ परमाणु शक्ति का विकास हुआ तथा देश अन्तरिक्ष युग में पहुँचा। कैप्टन राकेश शर्मा द्वारा अन्तरिक्ष यात्रा एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। देश को प्रगतिशील बनाने में उन्होंने सतत प्रयास किया। उनके शासनकाल में खेलकूद को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला। सन् 1982 ई० में एशियाड खेलों का भव्य आयोजन हुआ। 30 अक्टूबर, 1984 को उड़ीसा में दिया गया उनका भाषण देशप्रेम का ज्वलन्त उदाहरण है। 31 अक्टूबर, 1984 को अंगरक्षकों द्वारा गोली मारी जाने पर इनकी मृत्यु हो गई।

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अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
पं० नेहरू, इन्दिरा जी को किस प्रकार की शिक्षा देना चाहते थे? इसके लिए उन्होंने क्या किया?
उत्तर :
पं० नेहरू, इन्दिरा जी को ऐसी शिक्षा देना चाहते थे, जिससे उनका बहुमुखी विकास हो। इसके लिए उन्होंने अपनी पुत्री से पत्रों द्वारा सम्पर्क बनाए रखा और उस पर (UPBoardSolutions.com) अपने व्यक्तित्व की छाप छोड़ी।

प्रश्न 2.
“वानर सेना’ किस प्रकार स्वतन्त्रता सेनानियों की सहायता करती थी?
उत्तर :
‘वानर सेना के बालक स्वतन्त्रता सेनानियों को संदेश पहुँचाकर, प्राथमिक सहायता देकर, खाने की व्यवस्था करके तथा झण्डा फहराकर सहायता करते थे।

प्रश्न 3.
प्रधानमंत्री के रूप में इन्दिरा जी की महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
प्रधानमंत्री के रूप में इन्दिरा जी अनेक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए। उन्होंने देश की दुखती रग को समझा और गरीबी हटाओ का नारा दिया। बीस सूत्रीय कार्यक्रमों (UPBoardSolutions.com) द्वारा उन्होंने अनेक उपलब्धियाँ अर्जित कीं। विज्ञान और तकनीकी विकास के साथ परमाणु शक्ति का विकास हुआ तथा देश अन्तरिक्ष युग में पहुँचा।

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प्रश्न 4.
इन्दिरा जी के किन गुणों ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया?
उत्तर :
इन्दिरा जी के प्रमुख गुण-निर्भीकता, आत्मविश्वास, धैर्य, साहस और राजनैतिक कुशलता ने हमें बहुत प्रभावित किया है।

प्रश्न 5.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का निशान लगाइए (सही-गलत का निशान लगाकर)
(अ) इन्दिरा जी ने वानर सेना का गठन किया। (✓)
(ब) इन्दिरा जी को अनुशासन में रहना पसन्द नहीं था। (✗)
(स) सन् 1962 में वे यूनेस्को अधिशासी मण्डल की अध्यक्ष बनीं। (✓)
(द) भारत के प्रथम अन्तरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे। (✓)

प्रश्न 6.
नीचे लिखे विकल्पों में से सही उत्तर चुनकर लिखिए (सही उत्तर चुनकर)
(क) इंदिरा जी को गहन राजनीतिक प्रशिक्षण दिया –

  • पं. मोतीलाल नेहरू ने
  • पं. जवाहर लाल नेहरू ने (✓)
  • महात्मा गांधी ने
  • श्री फिरोज गांधी ने

(ख) इंदिरा जी की हत्या कब हुई –

  • 30 अक्टूबर 1984 ई०
  • 31 अक्टूबर 1984 ई० (✓)
  • 31 अक्टूबर 1983 ई०
  • 30 अक्टूबर 1974 ई०

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प्रश्न 7.
नोट – विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 5 खाद्य पदार्थों में मिलावट

UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 5 खाद्य पदार्थों में मिलावट

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पाठ-5  खाद्य पदार्थों में मिलावट
अभ्यास

1. बहुविकल्पीय
प्रश्न
सही विकल्प के सामने दिए गए गोल घेरे को काला करिए
UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 5 खाद्य पदार्थों में मिलावट image 1

2. अतिलघु उत्तरीय
प्रश्न

(क) लेड क्रोमेट क्या है?
उत्तर : सीसे का यौगिक है जो पिसी हल्दी में मिलाते हैं।

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(ख) शुद्ध दूध की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर : शुद्ध दृध सफेद, स्वादिष्ट, गाढ़ा, दूधिया होता है।

3. लघु उत्तरीय
प्रश्न

(क) खाद्य पदार्थों में मिलावट से स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता हैं?
उत्तर : मिलावटी खाद्य के लगातार सेवन से अनेक (UPBoardSolutions.com) प्रकार की बीमारियाँ हो जाती हैं तथा कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है।

(ख) चायपत्ती, केसर, पिसी धनिया व जीरा में किन-किन चीजों की मिलावट होती है?
उत्तर :

चायपत्ती : इसमें लकड़ी का बुरादा तथा प्रयोग की हुई सूखी, रँगी पत्ती ।।
केसर : भुट्टे के बाल का रेशा
पिसी धनिया : लकड़ी का बुरादा, घोड़े की लीद (गोबर)
जीरा : घास के बीज, मिट्टी, बालू

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4. दीर्घ उत्तरीय
प्रश्न

(क) मिलावटी वस्तुओं से बचाव के लिए आप क्या करेंगे? वर्णन करें।
उत्तर :

  • जहाँ तक संभव हो दूध विश्वस्त विक्रेताओं से लें।
  • आटा, बेसन, पिसे मसात्वे, बढ़ियाँ तथा पापड़ आदि भोज्य पदार्थ घर पर ही बनाएँ।
  • ताजे व अच्छे किस्म के फल व सब्जी (UPBoardSolutions.com) खरीदें यदि संभव हो तो घर में सब्जियाँ उगाएँ।
  • अनाज तथा दालें आदि खरीदते समय यह देख लें कि वह पुरानी या कीड़े युक्त न हो।

(ख) असली शहद की क्या पहचान है? कोई चार लक्षण लिखिए।
उत्तर : मक्खी गिरकर निकल जाएगी, कुत्ता नहीं खाएगा, आँखों में लगेगी, रुई शहद में भिगोकर जलाने पर जलेंगी।

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प्रोजेक्ट कार्य :
नोट : विद्यार्थी स्वयं करें।

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