UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 भक्ति के पद (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 भक्ति के पद (मंजरी)

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समस्त पद्यांशों की व्याख्या

‘मीरा बाई’ हरि! तुम हरो ….…………………………………………… जहाँ तहाँ पीर।
संदर्भ- प्रस्तुत पद हमारी पाठ्य पुस्तक मंजरी के ‘भक्ति के पद’ नामक पाठ से लिया गया है। इसकी रचयिता मीरा बाई हैं।
प्रसंग- प्रस्तुत पद में कवयित्री श्री कृष्ण से लोगों के कष्ट को दूर करने की प्रार्थना कर रही हैं।
व्याख्या-कवयित्री मीराबाई श्री कृष्ण से विनती कर रहीं हैं कि प्रभु जिस प्रकार आपने द्रौपदी की लाज बचाई, जिस प्रकार आपने भक्त की रक्षा करने के लिए नरसिंह रूप धारण किया, जिस प्रकार (UPBoardSolutions.com) आपने ग्राह का अंत करके गज की रक्षा की उसी प्रकार आप हम लोगों का कष्ट भी दूर कीजिए।

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पग हुँघरू बाँधा…………………………………………………………… की दासी रे।
संदर्भ-पूर्ववत्।
प्रसंग-प्रस्तुत पद में मीराबाई ने श्री कृष्ण के प्रति अपने भक्ति की चर्चा की है।
व्याख्या-कवयित्री मीराबाई कहती है कि मैं तो अब अपने अराध्य श्रीकृष्ण की दासी बन चुकी हूँ। लेकिन उनके इस भक्ति से उनके परिवार के लोग खुश नहीं हैं। उनके पति राजा जी ने उन्हें विष का प्याला भेजा जिसे मीराबाई हँसते-हँसते पी गई। लोग कहते हैं कि मीरा कृष्ण की दीवानी हो गई है, पिता कहते हैं कि मीरा ने कुल का नाश कर दिया, लेकिन इन बातों का मीराबाई पर कोई प्रभाव नहीं है। वे तो अपने अराध्य श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हैं।

‘रसखान के भक्ति पद’

1.बैन वही उनको………………………………………………………….सो है रसखानि।
संदर्भ- प्रस्तुत पद हमारी पाठ्य पुस्तक मंजरी के ‘भक्ति के पद’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता रसखान जी हैं।
प्रसंग- प्रस्तुत पद में रसखान जी ने श्रीकृष्ण के प्रति अपनी अपार श्रद्धा एवं भक्ति की चर्चा की है।
व्याख्या-रसखान कहते हैं कि वाणी की सार्थकता तभी है जब वाणी द्वारा प्रभु के गुण गाया जाय और कान की सार्थकता तब है जब कान द्वारा प्रभु के गुणगान को सुना जाय। रसखान कहते हैं कि (UPBoardSolutions.com) मनुष्य के जीवन की सार्थकता इसी में है कि वह प्रभु के गुण गाता रहे और मन को सार्थकता इसमें है कि सदैव प्रभु का स्मरण रहे। रसखान कहते हैं कि श्रीकृष्ण अपने भक्तों को कभी नाराज नहीं करते और वे उनसे बहुत प्रेम करते हैं। वह तो आनंद की खान हैं। उनसे नाता जोड़ने में सुख ही सुख है। 

2.या लकुटी अरु ………………………………………………….…… कुजन ऊपर वारों।
संदर्भ-
पूर्ववत्।
प्रसंग-
पूर्ववत्।
व्याख्या-कवि रसखान कहते हैं कि तीना लोकों का राज्य भी श्रीकृष्ण के लाठी और कंबल के समक्ष तुच्छ है। बलराम कहते हैं कि आठों सिद्धि और मनों निधि का सुख बाबा नंद के गायों को चराने में है। रसखान कहते हैं कि पता नहीं कब वह अवसर आए जब मैं इन आँखों से ब्रज के बन, बाग और तालाब को देखेंगा। साथ ही वे कहते हैं कि वे ब्रज की काँटेदार झाडियों के लिए स्वर्ग और सोने के सौ महल भी न्यौछावर कर सकते हैं।

प्रश्न-अभ्यास 

कुछ करने कोनोट-विद्यार्थी स्वयं करें।
कविता से-
प्रश्न 1.
मीरा प्रभु से क्या प्रार्थना कर रही है?
उत्तर-
मीरा प्रभु से प्रार्थना कर रही है कि वे उसे अपना दासी बना लें ताकि मीरा प्रभु की सेवा सके और उनके निकट रह सके।

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प्रश्न 2.
द्रौपदी की सहायता ईश्वर द्वारा किस प्रकार की गई?
उत्तर-
ईश्वर ने (चीर) साड़ी को बढ़ाकर द्रौपदी की सहायता की।

प्रश्न 3.
कवि रसखान ने वाणी की क्या विशेषता बताई है?
उत्तर-
कवि रसखान ने वाणी की विशेषता बताते हुए कहा है कि वाणी के द्वारा ही हम ईश्वर का गुणगान करते हैं।

प्रश्न 4.
कवि रसखान ने तीनों लोकों के राज्य को कृष्ण की किन वस्तुओं से तुच्छ कहा है ?
उत्तर-
कवि रसखान ने तीनों लोकों के राज्य को श्रीकृष्ण की लाठी और कम्बल से तुच्छ कहा है।

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प्रश्न 5.
त्यौ रसखानि वही रसखानि जु हैं रसखानि सो है रसखानि पक्ति का आशय है‘‘भगवान श्री कृष्ण ऐसे हैं जो अपने भक्तों को कभी भी नाराज नहीं करते हैं और उनसे बहुत प्रेम करते हैं। वह तो आनन्द की खान हैं, उनसे नाता जोड़ने मे सुख ही सुख है। इसी प्रकार आप निम्नांकित पक्तियों के आशय स्पष्ट कीजिए (UPBoardSolutions.com)
(क) कोटिक हौ कलधौत के धााम करील के कुंजन ऊपर वारों।
(ख) जान वही उन प्रान के संग औ मान वही जु करै मनमानी।
उत्तर-
(क) कवि रसखान कहते हैं कि वे ब्रज की काँटेदार झाड़ियों के लिए सोने के सौ महल और स्वर्ग भी निछावर करने को तैयार हैं।
(ख) कवि रसखान कहते हैं कि मनुष्य के जीवन की सार्थकता इसी में है कि वह प्रभु के गुण गाता रहे और मन की सार्थता इसी में है कि वह सदैव ही प्रभु को स्मरण करता रहे।

प्रश्न’6.
नीचे दिए गए भावों से मिलती जुलती पंक्ति लिखिए
(अ) कान वही अच्छे हैं, जो हर पल भगवान श्री कृष्ण की वाणी सुनते हैं।
(ब) भक्त की रक्षा करने के लिए आप (ईश्वर) ने नरसिंह का रूप धारण किया।
उत्तर-
(अ) कान वही उन बैन सों सानी।
(ब) भक्त कारण रूप नरहरि, धरयो आप सरीर। 

भाषा की बात- 

प्रश्न 1.
वर्गों के ऊपर लगे बिंदु UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 भक्तिके पद (मंजरी) 1 को अनुस्वार तथा चन्द्र बिंदु UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 भक्तिके पद (मंजरी) 2 को अनुनासिक कहते हैं। अनुस्वार का प्रयोग क वर्ग, च वर्ग, ट वर्ग, त वर्ग, तथा प वर्ग, के पाँचवे वर्ण के स्थान पर किया जाता है।
बिन्दु UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 भक्तिके पद (मंजरी) 3 या चन्द्र बिंदु UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 भक्तिके पद (मंजरी) 4 लगाकर शब्दों को दोबारा लिखिएउत्तर-
आख – आँख                   गाव – गाँव
मुह – मुँह                        
पाच – पाँच
गगा – गंगा                      
गदा – गंदा
कपन – कंपन।               
चचल – चंचल

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प्रश्न 2.
पढ़िए समझिए और कुछ अन्य शब्द लिखिए-
(गर्मी) – धर्म
द्र (द्रुम) – क्रूर
टू (ट्रक) – ड्रम

प्रश्न 3.
दिए गए शब्दों के मानक रूप लिखिए- सरीर, लाज, प्रान, आपनो, गुन उत्तर- सरीर – शरीर, लाज – लज्जा, प्रान – प्राण, आपनो – अपना, गुन – गुण

प्रश्न 4.
ब्रजभाषा के शब्द – बैन, सानी, गात, उही, करै, अरू, को खड़ी बोली हिन्दी के रूप में लिखिए।
उत्तर-
बैन-वाणी, सानी-सुनना, गात-शरीर, उही-उनकी, करै-करना, अरू-और

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 3 सच्ची वीरता (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 3 सच्ची वीरता (मंजरी)

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महत्वपूर्ण गद्याश की व्याख्या

सत्य की सदा जीत …………………………………………….विजय होती है।
संदर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘सरदार पूर्ण सिंह’ द्वारा लिखित निबन्ध ‘सच्ची वीरता’ नामक पाठ से लिया गया है।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने सच्चे वीर के गुणों का वर्णन किया है।
व्याख्या-सच्चे वीर की संत्य के कारण सदा जीत होती है। पवित्रता और सबके लिए प्रेम रखने के कारण उसकी विजय निश्चित होती है। सच्चे वीर यह अच्छी प्रकार जानते हैं कि इस संसार का (UPBoardSolutions.com) आधार धर्म और आध्यात्मिक नियम ही हैं। इन्हें अपनाकर आगे बढ़ने वाले वीर लोग हमेशा विजय प्राप्त करते आए हैं। जब हम कभी ………………………………………………….. रंग खिलेंगे। संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-लेखक ने वीरता के प्रभाव के विषय में बताया है। हम जब किसी वीर पुरुष की वीरता का वर्णन सुनते हैं तो शरीर में लहरें उठती हैं और तन रोमांचित हो उठता है। लेकिन दिखावे के कारण यह प्रभाव देर तक नहीं रह पाता क्योंकि हमें सचमुच वीर नहीं बनना चाहते। टीन के बर्तन का स्वभाव छोड़कर हमें सच्चाई के रास्ते पर दृढ़ हो जाना चाहिए। हमें जीवन की गहराई में घुसकर नए रंग खिलाने चाहिए।

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पाठ का सार (सारांश)

पाठ का सार (सारांश) सच्चे वीर पुरुष धीर, गम्भीर और स्वतन्त्र होते हैं। वीरता की अभिव्यक्ति कई प्रकार की होती है। कुछ वीर युद्ध में वीरता दिखाते हैं तो कुछ गूढ़तत्व और सत्य की खोज में बुद्ध की तरह विरक्त होकर वीर हो जाते हैं। वीरता एक प्रकार की अन्त:प्रेरणा है। उसके दर्शन करके लोग अचम्भित हो जाते हैं। वीर पुरुष सबके साथ एकीकृत हृदय (UPBoardSolutions.com) वाला और सबका होता है। यह देवदार के वृक्ष की भाँति स्वयं पैदा होकर, दूसरों को सहारा देने के लिए खड़ा हो जाता है। इसके प्रतिकूल बुजदिल (कायर लोग) जीवन को सब कुछ समझकर पीछे हटते रहते हैं।
वे गरजने वाले बादल हैं जो कभी बरसते नहीं। वीर पुरुष बरसने वाले बादल होते हैं जो मूसलाधार वर्षा करके चले जाते हैं। | वीर पुरुष का शरीर शक्ति का भंडार होता है। वीरों की नीति बल एकत्र करके उसकी वृद्धि में लगी होती है। वह वीर नहीं जो टीन के बर्तन की तरह झट से गर्म और ठण्डा हो जाए।
सत्य की सदा जीत होती है। यह वीरता का चिह्न है। जहाँ पवित्रता, प्रेम, धर्म और अटल आध्यात्मिक नियम हैं, वहीं जीत है। वीरता का प्रभाव पड़ता है परन्तु दिखावे के कारण लोग वीर नहीं बन पाते। टीन के बर्तन का स्वभाव छोड़कर हमें सच्चाई के रास्ते पर दृढ़ हो जाना चाहिए। हमें जीवन की गहराई में घुसकर नए रंग खिलाने चाहिए।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को-
प्रश्न-
किसी भी साहसपूर्ण कार्य को बहादुरी से करना वीरता कहलाती है। सोचिए और लिखिए कि आपके आस-पास घटने वाली वे कौन-कौन सी स्थितियाँ हो सकती हैं जिनमें आप बहादुरी का परिचय दे सकते हैं।
उत्तर-
भयंकर आग लगने पर साथियों के साथ बाल्टियों में पानी लेकर आग बुझाने की कोशिश करेंगे, जले हुए लोगों को प्राथमिक चिकित्सा दिलाएँगे। बाढ़ की स्थिति में तैरकर लोगों की जीवन रक्षा करने की कोशिश करेंगे।

विचार और कल्पना
प्रश्न 1.
वीर पुरुष की तुलना बरसने वाले बादलों से और कायर पुरुष की तुलना गरजने वाले बादल से क्यों की गई है? |
उत्तर-
क्योंकि वीर पुरुष बरसने वाले बादल होते हैं जो मूसलाधार वर्षा करते हैं अर्थात सभी का कल्याण करते हैं और कायर पुरुष करते कुछ नहीं सिर्फ भाषण देते हैं अर्थात गरजते हैं।

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प्रश्न 2.
‘सच्चा वीर’ बनने के लिए आप अपने भीतर किन गुणों को विकसित करेंगे?
उत्तर-
‘सच्चा वीर’ बनने के लिए धैर्य, गम्भीरता, स्वतन्त्रता, उ
च्च मनोबल, पवित्रता और सबके प्रति प्रेम-भावना आदि गुणों को विकसित करेंगे।

प्रश्न 3.
‘वीरों को बनाने के कारखाने कायम नहीं हो सकते’-आप इस बात से सहमत हैं या असहमत कारण सहित स्पष्ट करें। . उत्तर-वीरों को बनाने के कारखाने कायम नहीं हो सकते-मैं इस बात से (UPBoardSolutions.com) पूर्ण सहमत हूँ। क्योंकि वीरता एक स्वाभाविक गुण है, यह मनुष्य में अपने-आप होती है। किसी को प्रशिक्षण देकर वीर नहीं 
बनाया जा सकता, वीरता के गुण किसी में भरे नहीं जा सकते, वे उनमें मौजूद होते हैं।

निबन्ध से-
प्रश्न 1.
किसने क्या कहा? कोष्ठक में दिये गये नामों से चुनकर वाक्य के सामने लिखिए (लिखकर)-
(महाराजा रणजीत सिंह, मंसूर, नेपोलियन, बादशाह)
उत्तर-
(क) “अनलहक’ (अहं ब्रह्मास्मि)।                 –      मंसूर
(ख) मैं तुमको अभी जान से मार डालूंगा।    –     बादशाह
(ग) अटक के पार जाओ।                              
–      महाराजा रणजीत सिंह
(घ) “आल्प्स है ही नहीं।                                
–      नेपोलियन

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प्रश्न 2.
लेखक के अनुसार दुनिया किस पर खड़ी है
(क) धन और दौलत पर।
(ख) ज्ञान और पांडित्य पर।
(ग) हिंसा और अत्याचार पर।
(घ) धर्म और अटल आध्यात्मिक नियमों पर।
उत्तर-
(घ) धर्म और अटल आध्यात्मिक नियमों पर।

प्रश्न 3.
अपने अन्दर की वीरता को जगाने के लिए हमें क्या करना चाहिए? उपयुक्त कथन पर सही (✓) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर):
उत्तर-
(क)
हथियारों को एकत्र करना चाहिए।
(ख) वाद-विवाद करना चाहिए। ।
(ग) सच्चाई की चट्टान पर दृढ़ता से खड़ा होना चाहिए। (✓)
(घ) झूठी बातें करनी चाहिए।

प्रश्न 4.
सच्चे वीर पुरुष में कौन-कौन से गुण होते हैं?
उत्तर-
सच्चे वीर पुरुष में धैर्य, गम्भीरता, स्वाभिमान, साहस आदि गुण होते हैं। उनमें उच्च मनोबल, पवित्रता और सबके प्रति प्रेम की भावना होती है।

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प्रश्न 5.
बादशाह द्वारा जान से मारने की धमकी देने पर गुलाम ने क्यों कहा?
उत्तर-
गुलाम ने फाँसी पर चढ़ जाने और बादशाह का तिरस्कार करने की बात कही।

प्रश्न 6.
शरीर पर जरा जोर से हाथ लगाने पर लोग डर के मारे अधमरे क्यों हो जाते हैं?
उत्तर-
लोग शरीर को जीवन का केन्द्र समझते हैं। इस कारण शरीर-रक्षा के निमित्त लोग डर के मारे अधमरे हो जाते हैं।

प्रश्न 7.
लेखक ने वीरों को देवदार के वृक्षों के समान क्यों कहा है?
उत्तर-
वीर पुरुष देवदार की तरह स्वयं पैदा होते हैं और अपने सहारे मजबूत बनकर दूसरों के काम । आते हैं। अर्थात वीर पुरुष भी देवदार की तरह बहुत उपयोगी होते हैं।

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भाषा की बात-

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखते हुए इनका वाक्य में प्रयोग कीजिए 
डर से अधमरा होना, छाती ठोंककर आगे बढ़ना, रास्ता साफ होना, रंग चढ़ना, . दिल को बाँध देना।
उत्तर-
डर से अधमरा होना-(अधिक डर जाना) साँप को सामने देखकर सीमा डर के मारे अधमरी हो गई। छाती ठोंककर आगे बढ़ना-(हिम्मत दिखाना) आतंकवादी को भागता देखकर सुरक्षाकर्मी छाती ठोंककर आगे बढ़ा।

रास्ता साफ होना-(रुकावट न होना।) रास्ता साफ हो जाने पर रेलगाड़ियाँ लम्बा चक्कर छोड़कर अपने नियत पथ पर चलने लगीं। | रंग चढ़ना-(असर होना।) वीर पुरुष को देखकर वीरता का रंग चढ़ना स्वाभाविक है।
दिल को बाँध देना-(दिल काबू कर लेना।) गांधी जी ने अपने सर्व धर्म समभाव से लोगों के दिलों को बाँध लिया था।.

प्रश्न 2.
आजाद, गुलाम, बादशाह, कैदी, फौज, दरिया और कुदरत उर्दू के शब्द हैं। हिन्दी में इनके समानार्थी शब्द लिखिए।
उत्तर–
स्वतन्त्र, सेवक, राजा, बन्दी, सेना, नदी और प्रकृति। 

प्रश्न 3.
‘सत्त्व’ शब्द में ‘त्व’ प्रत्यय जुड़कर सत् + त्व = सत्त्व बन गया है। नीचे लिखे शब्दों में ‘त्व’ जोड़कर नए शब्द बनाइए। . : उत्तर- महत्-महत्त्व, प्रभु-प्रभुत्व, तत्-तत्त्व, वीर-वीरत्व।

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प्रश्न 4.
विलोम या निषेध के अर्थ में कुछ शब्दों के पूर्व ‘अ’ या ‘अन्’ जुड़ जाता है, जैसे- ‘सम्भव’ से ‘असम्भव’ और ‘आवश्यक’ से ‘अनावश्यक’ शब्द बनता है। ‘अन्’ का प्रयोग उस समय होता है, जब शब्द के आरम्भ में कोई स्वर हो। अ, अन् की सहायता से नीचे लिखे शब्दों का विलोम शब्द बनाइए- उपस्थित, स्थायी, साधारण, समान, उदार।
उत्तर-
उपस्थित-अनुपस्थित                स्थायी-अस्थायी            साधारण-असाधारण
समान–असमान                       उदार-अनुदार

प्रश्न 5.
आल्प्स’ शब्द आ + ल् + प् + सु + अ से बना है। इसमें लु, पू, स् क़म से तीन व्यंजन आए हैं, इन्हें व्यंजनगुच्छ कहा जाता है। पाठ से इस प्रकार के व्यंजनगुच्छ वाले शब्द चुनकर लिखिए।
उत्तर-
ब्रह्मास्मि, अभिव्यक्ति, आध्यात्मिक।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 काकी (मंजरी)

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महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या यद्यपि

यद्यपि बुद्धिमान ………………………………………………………………………….ताका करता।
संदर्भ- प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘काकी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक सियारामशरण गुप्त हैं।
प्रसंग- प्रस्तुत कहानी में एक अबोध बालक का अपनी माँ के प्रति गहरा प्रेम प्रदर्शित किया गया है। श्यामू की माता ‘काकी’ को लोग श्मशान ले गए। अबोध श्यामू घर पर ही रहा।
व्याख्या- बालक श्याम को अबोध जानकर उसे माँ की अनुपस्थिति में दिलासा देने के विचार से बड़े लोगों ने उसे बहका दिया था। उन्होंने उसे बताया कि काकी को मामा ले गया है। लेकिन धीरे-धीरे श्यामू को यह बात मालूम हुई कि काकी भगवान के पास गई है, जो ऊपर आसमान में रहता है। श्यामू काकी से मिलने के लिए कई दिन तक रोता रहा। (UPBoardSolutions.com) जब वह नहीं आई तो उसने रोना बन्द कर दिया । क्योंकि यह स्वाभाविक बात थी। आखिर उसे रोना बन्द तो करना ही पड़ता। फिर भी काकी से न मिल पाने का हृदय में गहरा दुख था। वह अकेला बैठा-बैठा यह सोचता रहता कि काकी आसमान से किस प्रकार उसके पास आए। वह अबोध बालक दुख से ऊपर आसमान की ओर टकटकी लगाए रहता।

पाठ का सार (सारांश)

श्यामू की माँ ‘काकी’ को लोग श्मशान ले जाकर दाहकर्म कर आए थे। लोगों ने श्यामू को बताया कि काकी मामा के घर गई हैं। धीरे-धीरे श्यामू का रोना तो बंद हो गया परन्तु मन का शोक दूर नहीं हुआ। श्यामू ने अपने पिता विश्वेश्वर से एक पतंग ला देने को कहा। विश्वेश्वर के ऐसा न कर सकने पर श्यामू ने उसके कोट से चवन्नी निकालकर पतंग मँगाई और भोला को बताया कि यह पतंग ऊपर राम के यहाँ जाएगी। इसको पकड़कर काकी नीचे आएगी। भोला ने सुझाव दिया कि पतंग (UPBoardSolutions.com) की रस्सी मोटी होनी चाहिए। श्यामू ने विश्वेश्वर के कोट से रुपया निकालकर मोटी रस्सी मँगाई। रुपये की चोरी के कारण श्यामू की पिटाई हुई और विश्वेश्वर ने उसकी पतंग फाड़ दी और रस्सियों के बारे में पूछा। भोला ने बताया कि श्यामू रस्सियों से पतंग तानकर काकी को राम के यहाँ से नीचे उतारेगा। हतबुद्ध विश्वेश्वर ने फटी पतंग पर चिपके कागज पर लिखा देखा- ‘काकी’।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को-                                     नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना-

प्रश्न 1.
पतंग इतनी ऊँचाई तक कैसे उड़ती है, जबकि एक कागज का सादा पन्ना नहीं उड़ता है, कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पतंग अपने विशेष आकार और बनावट के कारण ऊँची उड़ती है, परन्तु सादे कागज की आकृति पतंग के अनुरूप नहीं होती इसलिए यह अधिक ऊँचाई तक नहीं उड़ता।

प्रश्न 2.
श्यामू लिखना नहीं जानता था। इसलिए वह पतंग पर अपनी काकी का नाम नहीं लिख पाया। आप बताएँ, जो लोग लिखना नहीं जानते, उनको किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता होगा।
उत्तर-
जो लोग लिखना नहीं जानते, उन्हें विवश होकर यह कार्य दूसरों से कराना पड़ता है।

प्रश्न 3.
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 4.
पाठ में आपने पढ़ा कि श्यामू ने विवशता में पिता जी की कोट के जेब से पैसे निकाल लिये थे, आपके विचार से ऐसा करना उचित था अथवा अनुचित? कारण भी बताएँ।
उत्तर-
श्यामू एक छोटा-सा बालक था। वह अपने पिता से डरता भी था। अपनी स्वर्गवासिनी माँ के लिए अत्यधिक स्नेह ने उसे पिता की कोट के जेब से पैसे निकाल लेने को मजबूर किया। वह इतना नादान था कि उसे (UPBoardSolutions.com) यह भी मालूम नहीं था कि उसकी माँ मर चुकी है और माँ तक पतंग नहीं जा सकती। उसे उचित-अनुचित का ज्ञान नहीं था, वह एक निर्बोध बालक था। इसलिए पिता की जेब से पैसे निकाल लेना इस दृष्टिकोण से अनुचित नहीं कहा जा सकता।

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कहानी से-
प्रश्न 1.
समूह ‘ख’ से नामों को छाँटकर समूह ‘क’ से सम्बन्धित शब्दों के सम्मुख लिखिए-
उत्तर-
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 काकी (मंजरी) 1

प्रश्न 2.
श्यामू ने भोला के सामने कौन-सा रहस्य खोला?
उत्तर-
श्यामू ने भोला के सामने पतंग को ऊपर राम के पास भेजने का रहस्य खोला। ‘उसपर बैठकर काकी नीचे उतरेगी यह बात भोला को बताई।

प्रश्न 3.
श्यामू ने जवाहिर भैया से कागज पर ‘काकी’ क्यों लिखवाया?
उत्तर-
श्यामू ने जवाहिर भैया से कागज पर ‘काकी’ शब्द इसलिए लिखवाया ताकि पतंग सीधे काकी को ही मिले।

प्रश्न 4.
उड़ती हुई पतंग को देखकर क्या सोचकर श्यामू का हृदय एकदम खिल उठा?
उत्तर-
श्यामू का हृदय उड़ती पतंग को देखकर एकदम खिल उठा क्योंकि इससे उसके दिमाग में एक युक्ति आई कि वह भी पतंग बनाकर आसमान में उड़ाएगी और पतंग की डोरी पकड़ कर ऊपर बैठी काकी नीचे उतर आएगी।

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प्रश्न 5.
‘भोला एक ही डाँट से मुखबिर हो गया। इस वाक्य से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
भोला ने विश्वेश्वर यानी श्यामू के पिता की एक ही डाँट में एकदम से श्यामू द्वारा पतंग और रस्सियाँ मँगाने की बात का रहस्य खोल दिया। 

प्रश्न 6. ‘रस्सी से पतंग तानकर काकी को राम के यहाँ से नीचे उतारेंगे। भोला से यह बात सुनकर विश्वेश्वर हतबुद्धि क्यों हो गए?
उत्तर:
विश्वेश्वर को श्यामू की काकी को बुलाने की योजना का पता चल गया, जिससे श्यामू की मासूमियत और उसका काकी के प्रति गहरा प्रेम प्रकट होता है। इस कारण विश्वेश्वर हतबुद्धि हो गए। 

प्रश्न 7.
कहानी के आधार पर दो सवाल बनाइये।
उत्तर-
(i) यदि विश्वेश्वर ने श्यामू को पतंग मॅगा दी होती तो कहानी का अंत क्या होता?
(ii) विश्वेश्वर को जब श्यामू की सच्चाई भोला द्वारा पता चली और उन्होंने पतंग पर ‘काकी’ लिखा देखा, तब उसके बाद विश्वेश्वर ने श्यामू के साथ कैसा व्यवहार किया होगा?

भाषा की बात

प्रश्न-1.
‘श्यामू पतंग के लिए बहुत उत्कंठित था।’ वाक्य में ‘श्यामू’ और ‘पतंग’ संज्ञा है। श्यामू व्यक्तिवाचक और पतंग जातिवाचक संज्ञा है। नीचे लिखे वाक्य में आए संज्ञा पदों को पहचान कर लिखिए तथा उनके भेद बताइए। एक जगह खूटी पर विश्वेश्वर का कोट हँगा था।
उत्तर-
जगह-जातिवाचक संज्ञा पँटी-जातिवाचक संज्ञा . विश्वेश्वर–व्यक्तिवाचक संज्ञा कोट-जातिवाचक संज्ञा

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प्रश्न 2.
जो बुद्धिवाला हो’ वाक्यांश के लिए एक शब्द है-‘बुद्धिमान’। इसी प्रकार नीचे लिखे वाक्यांशों के लिए एक-एक शब्द लिखिए (शब्द लिखकर)-
(क) जिस पर विश्वास ने किया जा सके।       –         अविश्वसनीय
(ख) जिसका स्वर्गवास हो गया हो।              –          
स्वर्गीय
(ग) जो अपने मन को एकाग्र रखता हो।       –          
एकाग्रचित्त
(घ) वह स्थान जहाँ शव जलाए जाते हों।       –         श्मशान

 प्रश्न 3. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ बताइए और अपने वाक्यों में उनका प्रयोग कीजिए। (वाक्य प्रयोग करके)
उत्तर-
कुहराम मचना: (बहुव्र शोर शराबा होना।) रेल-दुर्घटना की खबर सुनकर रेलयात्रियों में कुहराम मच गया।
हृदय का खिलना: (बहुत प्रसन्न होना।) परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास होने की खबर सुनकर रमेश का हृदय खिल उठा।
चिन्ता का मारा होना: (परेशानी में होना।) सामान खो जाने पर यात्री चिन्ता के मारे सो न सका।।
रहस्य खोलना: (भेद बता देना।) चोरी का रहस्य खुल जाने पर पुलिस ने चोर को पकड़ लिया।
हतबुद्धि होना: (अचम्भे में होना।) छोटे बच्चे ने लाल कपड़ा दिखाकर रेलगाड़ी रुकवा दी। दुर्घटना होते-होते रह गई। सब यात्री हतबुद्धि हो गए।

प्रश्न 4,
‘समझदार’ शब्द में ‘समझ’ संज्ञा है, उसमें ‘दार’ प्रत्यय लगाकर विशेषण पद बना दिया गया है। संज्ञा शब्दों में दार, इक, इत, ई, ईय, मान तथा वान आदि प्रत्ययों को लगाने से विशेषण शब्द बनता है। नीचे लिखे शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाइए
उत्तर-
बुधि – बुद्धिमान, चौकी – चौकीदार, उपद्रव – उपद्रवी, करुण – करुणा, बल – बलवान, प्रान्त – प्रान्तीय, उत्कंठा – उत्कण्ठित।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 वीणावादिनि वर दे (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 वीणावादिनि वर दे (मंजरी)

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समस्त पद्यांशों की व्याख्या

वीणावादिनि वर दे।………………………………………………………………… जग कर दे।
शब्दार्थ:
रव
= ध्वनि,
अंध-उर = अज्ञानपूर्ण हृदय,
कलुष = मलिनता, पाप,
अमृत-मन्त्र = ऐसे मन्त्र जो अमरत्व की ओर ले जाएँ, कल्याणकारी मन्त्र।
संदर्भ- प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक
‘मंजरी’ के ‘वीणावादिनि वर दे‘ नामक कविता से ली गई है। इस पाठ के रचयिता सुविख्यात कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला’ हैं।
प्रसंग-इसमें कवि ने सरस्वती माँ की वन्दना की है।
व्याख्या-कवि सरस्वती माता से प्रार्थना करता है कि हे वीणा वादिनी सरस्वती! तुम हमें वर दो
और भारत के नागरिकों में स्वतन्त्रता की (UPBoardSolutions.com) भावना का अमृत मन्त्र भर दो। हे माता! तुम भारतवासियों के अन्धकार से व्याप्त हृदय के सभी बन्धन काट दो और ज्ञान का स्रोत बहाकर जितने भी पाप-दोष, अज्ञानता हैं, उन्हें दूर करो और उनके हृदयों को प्रकाश से जगमग कर दो।
नव गति, नवे ……………………………………………………………………………. नव स्वर दे।
शब्दार्थ:
मन्द्ररव = गम्भीर ध्वनि,
विहग-वृन्द = पक्षियों का समूह
संदर्भ एवं प्रसंग-पूर्ववत्।
व्याख्या-कवि प्रार्थना करता है कि हे माँ सरस्वती! तुम हम भारतवासियों को नई गति, नई लय, नई ताल व नए छन्द्, नई वाणी और बादल के समान गम्भीर स्वरूप प्रदान करो। तुम नए आकाश में विचरण करने वाले नए-नए पक्षियों के समूह को नित्य नए-नए स्वर प्रदान करो। हे माँ सरस्वती! हमें ऐसा ही वर दो।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को-                नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना
प्रश्न-
इस कविता में कवि द्वारा माँ सरस्वती से भारत और संसार के लिए अनेक वरदान माँगे गये हैं। आप अपने विद्यालय के लिए क्या-क्या वरदान माँगना चाहेंगे?
उत्तर-
हम अपने विद्यालय के लिए शिक्षा-प्रसार में अग्रणी तथा ख्याति प्राप्त होने का वरदान माँगेंगे।
कविता से
प्रश्न 1.
कविता में भारत के लिए क्या वरदान माँगा गया है? उत्तर- कविता में भारत के लिए स्वतन्त्रता, अमरत्व, ज्ञान और नव-जागरण का वरदान माँगा गया है।

प्रश्न 2.
तालिका के खण्ड ‘क’ और खण्ड ‘ख’ से शब्द चुनकर शब्द-युग्म बनाईए
उत्तर-
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 वीणावादिनि वर दे (मंजरी) 1

प्रश्न 3.
पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
(क) काट अन्ध-उर के बन्धन-स्तर, बहा जननी, ज्योतिर्मय निर्झर।
भाव: अज्ञानी पुरुषों का अज्ञान दूर करो और ज्ञान का स्रोत बहा दो।
(ख) कलुष-भेद तम हर, प्रकाश भर, जगमग जग कर दे।
भाव: जितने भी पाप-दोष तथा अज्ञानता हैं. उन्हें दूर करें और ज्ञान के प्रकाश से संसार को जगमग कर दो।
(ग) नव गति, नव लय, ताल-छन्द नव, नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव।
भाव: कवि प्रार्थना करता है कि हे माँ सरस्वती! तुम (UPBoardSolutions.com) हम भारतवासियों को नई गति, नई लय, नई ताल, नए छंद व नई वाणी दो और बादल के समान गंभीर स्वरूप प्रदान करो।

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भाषा की बात-

प्रश्न 1.
कविता में आए ‘वर दे’, ‘भर दे’ की तरह अन्य तुकान्त शब्दों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर-
‘कर दे’, ‘स्वर दे’, अन्य तुकान्त शब्द हैं।

प्रश्न 2. 
ज्योतिः + मय = ज्योतिर्मय, निः+ झर = निर्झर। इन शब्दों में विसर्ग का रेफ हुआ है। यह विसर्ग सन्धि है। इसी प्रकार के दो शब्द लिखिए तथा उनका सन्धि विच्छेद कीजिए।
उत्तर-
दुः + गति = दुर्गति, निः + धन = निर्धन

प्रश्न 3.
विभक्ति को हटाकर शब्दों के मेल से बनने वाला शब्द समास कहलाता है। ‘वीणा वादिनी’ का अर्थ है ‘वीणा को बजाने वाली’ अर्थात् सरस्वती। यह बहुव्रीहि समास का उदाहरण है। इसी प्रकार गजानन, पीताम्बर, चतुरानन शब्दों में भी बहुव्रीहि समास है। इनका विग्रह कीजिए।
उत्तर-
गजानन- गज के समान आनन (सिर) है जिसका अर्थात श्री गणेश पीताम्बर- पीले हैं अंबर (वस्त्र) जिसके अर्थात विष्णु चतुरानन- चार हैं आनन जिसके अर्थात ब्रह्मा

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प्रश्न 4.
‘नव गति’ में ‘नव’ गुणवाचक विशेषण है, यह गति, शब्द की विशेषता बताता है। कविता में ‘नव’ अन्य किन शब्दों के विशेषण के रूप में आया है, लिखिए।
उत्तर-
कविता में ‘नव’ शब्द ‘लय’, ‘ताल’, ‘कंठ’, ‘जलद’, ‘नभ’, ‘विहग-वृंद’, ‘पर’ और ‘स्वर’ शब्दों के विशेषण के रूप में आया है। इन शब्दों में विसर्ग कारेक हुआ है

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UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 Real Numbers

UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 Real Numbers

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प्रश्नावली 1.1 (NCERT Page 8)

प्र. 1.
निम्नलिखित संख्याओं का HCF ज्ञात करने के लिए यूक्लिड (UPBoardSolutions.com) विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग कीजिए:
(i) 135 और 225
(ii) 196 और 38220
(iii) 867 और 255
हलः
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प्र. 2.
दर्शाइए कि कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक 6q +1 या 6q +3 या 6q + 5 के रूप का होता है, जहाँ q कोई पूर्णाक है। [NCERT Exempler]
हलः
मान ‘a’ एक धनात्मक पूर्णाक है। को 6 से विभाजित करने पर (UPBoardSolutions.com) भागफल q और शेष । प्राप्त होता है। .: यूक्लिड प्रमेयिका से,
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प्र. 3.
किसी परेड में 616 सदस्यों वाली एक सेना (आर्मी) की टुकड़ी को 32 (UPBoardSolutions.com) सदस्यों वाले एक आर्मी बैंड के पीछे | मार्च करना है। दोनों समूहों को समान संख्या वाले स्तंभों में मार्च करना है। उन स्तंभों की अधिकतम संख्या वाले स्तंभों में मार्च करना है। उन स्तंभों की अधिकतम संख्या क्या है, जिसमें वे मार्च कर सकते हैं?
हलः
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प्र. 4.
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक (UPBoardSolutions.com) पूर्णांक का वर्ग, किसी पूर्णांक m के लिए 3m या 3m +1 के रूप का होता है।
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हलः
माना x एक धनात्मक पूर्णांक 3q, 3g + 1 या 3g + 2 के रूप में है।
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प्र. 5.
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का घन 9m, 9m + 1 या 9m +8 के रूप का होता है।
हलः
एक धनात्मक पूर्ण x की कल्पना करें कि यह 3q, (3q + 1) या (3q + 2) (UPBoardSolutions.com) के रूप में है।
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प्रश्नावली 1.2 (NCERT Page 13)

प्र. 1.
निम्नलिखित संख्याओं को अभाज्य गुणनखंडों के (UPBoardSolutions.com) गुणनफल के रूप में व्यक्त कीजिए।
(i) 140
(ii) 156
(iii) 3825
(iv) 5005
(v) 7429
हुलः
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LCM of 15 and 20 is 60.

प्र. 2.
पूर्णाकों के निम्नलिखित युग्मों के HCF और LCM ज्ञात कीजिए तथा इसकी जाँच कीजिए कि वो संख्याओं को गुणनफल = HCF x LCM है।
(i) 28 और 91
(ii) 510 और 92
(iii) 336 और 64
हलः
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प्र. 3.
अभाज्य गुणनखण्डन विधि द्वारा निम्नलिखित पूर्णांकों के (UPBoardSolutions.com) HCF और LCM ज्ञात कीजिए।
(i) 12, 15 और 21
(ii) 17, 23 और 29
(iii) 8, 9 और 25
हलः
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प्र. 4.
HCF (306, 657) = 9 दिया है। LCM (306, 657) ज्ञात कीजिए।
हलः
HCF (306, 657) अर्थात् 306 और 657 का HCF = 9
चूंकि LCM x HCF = संख्याओं का गुणनफल
UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 Real Numbers img 14

प्र. 5.
जाँच कीजिए कि क्या किसी प्राकृत संख्या n के लिए, संख्या 6″ अंक 0 पर समाप्त हो सकती है। [NCERT Exemplar]
हुलः
यहाँ n एक प्राकृत संख्या है और माना 69 अंक 0 पर (UPBoardSolutions.com) समाप्त होती है।
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प्र. 6.
व्याख्या कीजिए कि 7 x 11 x 13 + 13 और 7×6 x 5x4x3 x 2 x 1+ 5 भाज्य संख्याएँ क्यों हैं।
हलः
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प्र. 7.
किसी खेल के मैदान के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ है। इस मैदान का एक चक्कर लगाने में सोनिया को 18 मिनट लगते हैं, जबकि इसी मैदान का एक चक्कर लगाने में रवि को 12 मिनट लगते हैं। मान लीजिए वे दोनों एक ही स्थान (UPBoardSolutions.com) और एक ही समय पर चलना प्रारंभ करके एक ही दिशा में चलते हैं। कितने समय बाद वे पुनः प्रारंभिक स्थान पर मिलेंगे?
हलः
एक चक्कर लगाने में सोनिया का समय = 18 मिनट
एक चक्कर लगाने में रवि का समय = (UPBoardSolutions.com) 12 मिनट
18 और 12 का LCM के समान समय के बाद वे पुनः प्रारंभिक स्थान पर मिलेंगे।
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प्रश्नावली 1.3 (NCERT Page 17)

प्र. 1.
सिद्ध कीजिए कि 5 एक अपरिमेय संख्या (UPBoardSolutions.com) है।
हलः
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प्र.2.
सिद्ध कीजिए कि 3+24/5 एक अपरिमेय संख्या है।
हलः
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प्र. 3.
सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित संख्याएँ अपरिमेय हैं।
(a) [latex]\frac { 1 }{ \sqrt { 2 } } [/latex]
(b) [latex]7\sqrt { 5 }[/latex]
(c) [latex]6+\sqrt { 2 } [/latex]
हलः
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परिमेय संख्याओं और उनके दशमलव प्रसारों (UPBoardSolutions.com) का पुनर्भमण
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प्रश्नावली 1.4 (NCERT Page 22)

प्र. 1.
बिना लंबी विभाजन प्रक्रिया किए बताइए कि निम्नलिखित परिमेय (UPBoardSolutions.com) संख्याओं के दशमलव प्रसार सांत हैं या असांत आवर्ती हैं।
(i) [latex s=2]\frac { 13 }{ 3125 } [/latex]
(ii) [latex s=2]\frac { 17 }{ 8 } [/latex]
(iii) [latex s=2]\frac { 64 }{ 455 } [/latex]
(iv)  [latex s=2]\frac { 15 }{ 1600 } [/latex]
(v) [latex s=2]\frac { 29 }{ 343 } [/latex]
(vi) [latex s=2]\frac { 23 }{ { 2 }^{ 3 }{ 5 }^{ 2 } } [/latex]
(vii) [latex s=2]\frac { 129 }{ { 2 }^{ 2 }{ 5 }^{ 7 }{ 7 }^{ 5 } } [/latex]
(viii) [latex s=2]\frac { 6 }{ 15 } [/latex]
(ix) [latex s=2]\frac { 35 }{ 50 } [/latex]
(x) [latex s=2]\frac { 77 }{ 210 } [/latex]
हलः
चूंकि किसी भी परिमेय संख्या के हर के अभाज्य गुणनखण्डन में 2n, 5m के (UPBoardSolutions.com) अतिरिक्त गुणनखण्ड नहीं हैं तो इसका दशमलव प्रसार सांत-दशमलव होता है अन्यथा यह असांत-आवर्ती दशमलव प्रसार होता है।
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प्र. 2.
ऊपर दिए गए प्रश्न में उन परिमेय संख्याओं के दशमलव (UPBoardSolutions.com) प्रसारों को लिखिए जो सांत हैं।
हलः
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प्र. 3.
कुछ वास्तविक संख्याओं के दशमलव प्रसार नीचे दर्शाए गए हैं। प्रत्येक स्थिति के लिए निर्धारित कीजिए कि वह संख्या परिमेय संख्या है या नहीं। यदि यह परिमेय संख्या है और P के रूप की है तो q के अभाज्य गुणनखण्डों के बारे में आप क्या कह सकते हैं?

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(i) 43.123456789
(ii) 0.120120012000120000 (UPBoardSolutions.com)
(iii) 43.123456789
हलः
(i) 43.123456789
चूंकि उक्त दशमलव प्रसार सांत है। .:. इसे [latex]\frac { p }{ q }[/latex] के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

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