Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2

Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 समान्तर श्रेणी

Ex 5.2 Arithmetic Progressions अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
1 से 100 तक सभी प्राकृतिक संख्याओं (UPBoardSolutions.com) का योग ज्ञात कीजिए।
हल:
1 से 100 तक सभी प्राकृतिक संख्याओं से बनी समान्तर श्रेणी 1, 2, 3, 4…..100
प्रथम पद a = 1, सार्वअन्तर d = 2 – 1 = 1 तथा n = 100
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
S100 = [latex]\frac{100}{2}[/latex][2 × 1 + (100 – 1) × 1]
= 50[2 + 99] = 50 × 101
= 5050

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प्रश्न 2.
प्रथम 200 प्राकृतिक संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
प्रथम 200 प्राकृतिक संख्यायें : 1, 2, 3, 4,…. 200
a = 1, d = 2 – 1 = 1, n = 200
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
S100 = [latex]\frac{200}{2}[/latex][2 × 1 + (200 – 1) × 1]
= 100[2 + 199]
= 100 × 201
= 20100

प्रश्न 3.
100 से छोटी सभी सम प्राकृतिक संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
100 से छोटी सभी सम प्राकृतिक (UPBoardSolutions.com) संख्यायें निम्न है।
2, 4, 6, 8….98
a = 2,d = 4 – 2 = 2 तथा अन्तिम पद l = 98, n = ?
l = a + (n – 1)d
98 = 2 + (n – 1) × 2
98 = 2 + 2n – 2
98 = 2n या n = [latex]\frac{98}{2}[/latex] = 49
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प्रश्न 4.
तीन अंकों की सभी संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए जो 11 से विभाज्य है।
हल:
तीन अंकों की सभी संख्यायें जो 11 से विभाज्य है
110, 121, 132,…… 990
a = 110, d = 121 – 110 = 11 तथा अन्तिम पद l = 990
माना श्रेणी में पदों की संख्या = n
तब l = a + (n – 1)d
या 990 = 110 + (n – 1) × 11
990 = 110 + 11n – 11
या 990 = 99 + 11n
990 – 99 = 11n
11n = 891
n = [latex]\frac{891}{11}[/latex] = 81
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प्रश्न 5.
सभी दो अंकों वाली विषम धनात्मक संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
सभी दो अंकों वाली विषम संख्यायें .
11, 13, 15, 17….99
a = 11, d = 13 – 11 = 2 तथा l = 99
माना श्रेणी में पदों की संख्या n है।
∴ l = a + (n – 1)d या 99 = 11 + (n – 1) × 2
99 = 11 + 2n – 2 या 99 = 9 + 2n
99 – 9= 2n या 2n = 90 या n = [latex]\frac{90}{2}[/latex] = 45
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प्रश्न 6.
तीन अंकों वाली सभी संख्याओं (UPBoardSolutions.com) का योग ज्ञात कीजिए जो 7 की गुणज है।
हल:
तीन अंकों की सभी संख्याये जो 7 की गुणज है।
105, 112, 119,….994
तब a = 105, d = 112 – 105 = 7 तथा l = 994
l = a + (n – 1)d या 994 = 105 + (n – 1) × 7
994 = 105 + 7n – 7 या 994 = 98 + 7n
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प्रश्न 7.
तीन अंकों की सभी प्राकृतिक संख्याओं का योगफल ज्ञात कीजिए जो 13 से विभाज्य हैं।
हल:
तीन अंकों की सभी संख्याये जो 13 से विभाज्य है : 104, 117, 130,… 988
अब a = 104, d = 117 – 104 = 13, l = 988, n = ?
l = a + (n – 1)d या 988 = 104 + (n – 1) × 13
988 = 104 + 13n – 13 या 988 = 91 – 13n
988 – 91 = 13n या 13n = 897 या n = [latex]\frac{897}{13}[/latex] = 69
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प्रश्न 8.
निम्न का योग ज्ञात कीजिए :
(i) 8 के प्रथम 15 गुणजों का (NCERT)
(ii) प्रथम 40 धन पूर्णांकों का जो विभाजित है
(a) 3
(b) 5
(c) 6 से (NCERT)
हलः
(i) 8 के प्रथम 15 गुणज निम्नलिखित है।
8, 16, 24…..120
तब a = 8, d = 16 – 8 = 8 तथा l = 120
और n = 5
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(ii) (a) प्रथम 40 धनपूर्णांक जो 3 से विभाजित है—
3, 6, 9…..120
∴ a = 3, d = 6 – 3 = 3 तथा l = 120, n = 40
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(b) प्रथम 40 धन पूर्णांक जो 5 से विभाजित हैं-
5, 10, 15,…. 200
तब a = 5, d = 10 – 5 = 5 तथा n = 40
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(c) प्रथम 40 धन पूर्णांक जो 6 से विभाजित हैं—
6, 12, 18,….240
तब, a = 6,d = 12 – 6 = 6 तथा n = 40
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प्रश्न 9.
निम्न में प्रथम n पदों का (UPBoardSolutions.com) योगफल ज्ञात कीजिए :
(i) प्राकृतिक संख्याएँ
(ii) विषम संख्याएँ
(iii) सम संख्याएँ
हल:
(i) प्राकृतिक संख्याएँ 1, 2, 3, 4…. n
a = 1, d = 2 – 1 = 1
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(ii) विषम संख्यायें 1, 3, 5, 7….n
a = 1, d = 3 – 1 = 2
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(iii) सम संख्यायें 2, 4, 6,……n
a = 2, d = 4 – 2 = 2
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प्रश्न 10.
(i) प्रथम 100 सम प्राकृतिक संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए, जो 5 से विभाज्य हैं।
(ii) 1 तथा 100 के बीच की सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए, जो3 से विभाज्य हैं।
(iii) 100 तथा 1000 के बीच की सभी (UPBoardSolutions.com) प्राकृतिक संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए जो 5 से विभाज्य
(iv) 50 तथा 500 के बीच के सभी पूर्णाकों का योग ज्ञात कीजिए, जो 7 से विभाज्य हैं।
(v) 100 तथा 800 के बीच की सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए, जो 7 से विभाज्य
(vi) 1 तथा 100 की बीच की सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए, जो 5 से विभाज्य नहीं ैं।
हल:
(i) प्रथम 100 सम प्राकृतिक संख्यायें जो 5 से विभाज्य है।
10, 20, 30…..
a = 10, d = 20 – 10, n = 100
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]= [latex]\frac{100}{2}[/latex] [2 × 10 + (100 – 1) × 10]
S100 = 50[20 + 99 × 10] = 50[20 + 990] = 50 × 1010 = 50500

(ii) 1 तथा 100 के बीच सभी प्राकृतिक संख्यायें जो 3 से विभाज्य हैं।
3, 6, 9, 12,…..99
a = 3,d = 6 – 3 = 3 तथा अन्तिम पद l = 99
तब l = a + (n – 1)d या 99 = 3 + (n – 1) × 3
99 = 3 + 3n – 3 या 99 = 3n या n = [latex]\frac{99}{3}[/latex] = 33
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(iii) 100 तथा 1000 के बीच सभी प्राकृतिक संख्यायें जो 5 से विभाज्य है।
105, 110, 115, …..995
a = 105, d = 110 – 105 = 5, तथा l = 995
तब, l = a + (n – 1)d या 995 = 105 + (n – 1) × 5
995 = 105 + 5n – 5 या 995 = 100 + 5n
995 – 100 = 5n या 5n = 895 या n = [latex]\frac{895}{5}[/latex] = 179
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(iv) 50 तथा 500 के बीच के सभी पूर्णांक, जो 7 से विभाज्य हैं :
56, 63, 70,…..497
a = 56,d = 63 – 56 = 7 तथा l = 497
तब, l = a + (n – 1)d या 497 = 56 + (n – 1) × 7
497 = 56 + 7n – 7 या 497 = 49 + 7n
497 – 49 = 7n या 7n = 448 या n = [latex]\frac{448}{7}[/latex] = 64
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 15
= 32[112 + 63 × 7]
= 32[112 + 445] = 32 × 553 = 17696

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(v) 100 तथा 800 के बीच सभी प्राकृतिक संख्यायें, जो 7 से विभाज्य हैं :
105, 112, 119,……798
a = 105, d = 112 – 105 = 7 तथा l = 798
तब, l = a + (n – 1)d या 798 = 105 + (n – 1) × 7
798 = 105 + 7n – 7 या 798 = 7n + 98
798 – 98 = 7n या 7n = 700 या (UPBoardSolutions.com) n = [latex]\frac{700}{7}[/latex] = 100
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
= [latex]\frac{100}{2}[/latex][2 × 105 + (100 – 1) × 7]
S100 = 50[210 + 99 × 7]
= 50[210 + 693] = 50 × 903 = 45150

(vi) 1 तथा 100 के बीच सभी प्राकृतिक संख्यायें
2, 3, 4, 5, 6,……99
तब a = 2, d = 3 – 2 = 1 तथा l = 99
l = a + (n – 1)d या 99 = 2 + (n – 1) × 1 या 99 = 2 + n – l
99 = n + 1 या n = 99 – 1 = 98
तथा, 1 और 100 के बीच सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग
Sn =[latex]\frac{n}{2}[/latex] [2a + (n – 1)d]
= [latex]\frac{98}{2}[/latex][2 × 2 + (98 – 1) × 1]
= 49[4 + 97] = 49 × 101 = 4949
अब वें संख्यायें, जो 5 से विभाज्य है। उनका योग :
5, 10, 15,…..95
a = 5, d = 10 – 5 = 5 तथा l = 95
तब l = a + (n – 1)d
या 95 = 5 + (n – 1) × 5 या 95 = 5 + 5n – 5
95 = 5n या n = [latex]\frac{95}{5}[/latex] = 19
तथा Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
= [latex]\frac{19}{2}[/latex][2 × 5 + (19 – 1) × 5]
= [latex]\frac{19}{2}[/latex] [10+ 18 × 5] = [latex]\frac{19}{2}[/latex][10 + 90]
= [latex]\frac{19}{2}[/latex] × 100 = 19 × 50 = 950
अतः 1 तथा 100 के बीच उन सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग जो 5 से विभाज्य नहीं हैं
= 4949 – 950 = 3999

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Ex 5.2 Arithmetic Progressions लघु उत्तरीय प्रश्न – I (Short Answer Type Questions – I)

प्रश्न 11.
समान्तर श्रेणी 10, 6, 2… के प्रथम 16 पदों का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
समान्तर श्रेणी 10, 6, 2…. के प्रथम (UPBoardSolutions.com) 16 पदों का योग
a = 10, d = 6 – 10 = – 4 तथा n = 16
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
= [latex]\frac{16}{2}[/latex][2 × 10 + (16 – 1) × – 4]
S16 = 8[20 + 15 × – 4]
= 8[20 – 60] = 8 × – 40 = – 320

प्रश्न 12.
एक समान्तर श्रेणी 1, 3, 5, 7, 9… के प्रथम 20 पदों का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
समान्तर श्रेणी 1, 3, 5, 7, 9…. के प्रथम 20 पदों का योग
यहाँ, प्रथम पद a = 1,
सार्वअन्तर d = 3 – 1 = 2 तथा n = 20
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
= [latex]\frac{20}{2}[/latex][2 × 1 + (20 – 1) × 2]
S20 = 10[2 + 19 × 2] = 10[2 + 38]
= 10 × 40 = 400

प्रश्न 13.
समान्तर श्रेणी 5, 8, 11, 14… के प्रथम 24 पदों का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
समान्तर श्रेणी 5, 8, 11, 14… के प्रथम 24 पदों का योग
यहाँ, a = 5, d = 8 – 5 = 3, n = 24
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
S24 = [2 × 5 + (24 – 1) × 3]
= 12[10 + 23 × 3] = 12[10 + 69]
= 12 × 79 = 948

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प्रश्न 14.
5 + 13 + 21 + … + 181 का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
5 + 13 + 21 + ….. + 181 का योग
a = 5, d = 13 – 5 = 8 तथा l = 181, n = ?
अब l = a + (n – 1)d या 181 = 5 + (n – 1) × 8
181 = 5 + 8n – 8 या 181 = 8n – 3
181 + 3 =8n या 8n = 184 या (UPBoardSolutions.com) n = [latex]\frac{184}{8}[/latex] = 23
तथा Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
= [latex]\frac{23}{2}[/latex][ 2 × 5 + (23 – 1) × 8]
S23 = [latex]\frac{23}{2}[/latex] [10 + 22 × 8]
= [latex]\frac{23}{2}[/latex][10 + 176]
= [latex]\frac{23}{2}[/latex] × 186 = 23 × 93 = 2139

प्रश्न 15.
5 + 9 + 13 + … + 81 का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
5 + 9 + 13 + …. + 81 का योग
a = 5, d = 9 – 5 = 4,1 = 81, n= ? तथा Sn = ?
तब l = a + (n – 1)d या 81 = 5 + (n – 1) × 4
81 = 5 + 4n – 4 या 81 = 1 + 4n
81 – 1 = 4n या 4n = 80 या n = [latex]\frac{80}{4}[/latex] = 20
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
S20 = [latex]\frac{20}{2}[/latex][2 × 5 + (20 – 1)4]
तथा S20 = 10[10 + 19 × 4]
= 10[10 + 76] = 10 × 86 = 860

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प्रश्न 16.
18 + 15, + 13 + …. ( – 49[latex]\frac{1}{2}[/latex]) का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 16
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 17

प्रश्न 17.
श्रेणी 18,16,14… के कितने (UPBoardSolutions.com) पदों का योग शून्य होगा?
हलः
श्रेणी 18, 16, 14….
माना श्रेणी के n पदों का योग शून्य है।
अर्थात् Sn = 0 तथा a = 18, d = 16 – 18 = – 2
[latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d] = 0
[latex]\frac{n}{2}[/latex][2 × 18 + (n – 1) × – 2] = 0
n[36 – 2n + 2] = 0
36 – 2n + 2 = 0
38 = 2n या n = [latex]\frac{38}{2}[/latex] = 19
अत : n = 19

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प्रश्न 18.
निम्नलिखित श्रेणियों का योगफल ज्ञात कीजिए :
(i) 1, 3, 5, 7… 12 पदों तक।
(ii) 0.7 + 0.71 + 0.72 + … 100 पदों तक।
(iii) a + b, a – b, a – 3b…22 पदों तक।
(iv) (a – b)2 + (a2 + b2) + (a2 + b2) + … + [(a + b)2 + 6(ab)]
हल:
(i) 1, 3, 5, 7,…. 12 पदों तक योग ।
a = 1, d = 3 – 1 = 2, n = 12
तथा Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
S12 = [latex]\frac{12}{2}[/latex][2 × 1 + (12 – 1) × 2]
= 6[2 + 11 × 2] = 6[2 + 22]
= 6 × 24 = 144

(ii) 0.7 + 0.71 + 0.72 + ….100 पदों तक
a = 0.7, d = 0.71 – 0.7 = 0.01, n = 100
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
= [latex]\frac{100}{2}[/latex] [2 × 0.7 + (100 – 1) × 0.01]
S100 = 50[1.4 + 99 × 0.01]
= 50[1.4 + 0.99]
= 50 × 2.39
= 119.5

(iii) a + b, a – b, a – 3b,…. 22 पदों की (UPBoardSolutions.com) संख्या
a = a + b, d = a – b – a – b = – 2b, n = 22
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d] = [latex]\frac{22}{2}[/latex] [2(a + b) + (22 – 1) × – 2b]
S22 = 11[2a + 2b – 42b]
= 11[2a – 40b]
S22 = (22a – 440b)

UP Board Solutions

(iv) (a – b)2 + (a2 + b2) + (a + b)2 + …. + [(a + b)2 + 6(ab)]
a = (a – b)2, d = (a2 + b2) – (a – b)2 = (a2 + b2) – (a2 + b2 – 2ab)
a = a2 + b2 – 2ab, d = a2 + b2 – a2 – b2 + 2ab = 2ab
तथा l = (a + b)2 + 6(ab) = a2 + b2 + 2ab + 6ab = a2 + b2 + 8ab
माना, श्रेणी में पदों की संख्या = n
तब l = a + (n – 1)d
a2 + b2 + 8ab = a2 + b2 – 2ab + (n – 1) × 2ab
a2 + b2 + 8ab = a2 + b2 – 2ab + 2abn – 2ab
a2 + b2 + 8ab – a2 – b2 + 4ab = 2abn
[latex]\frac{12ab}{2ab}[/latex] = n या n = 6
तथा श्रेणी के n पदों का योग Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
S6 = [latex]\frac{6}{2}[/latex][2(a2 + b2 – 2ab) + (6 – 1) × 2ab]
3[2a2 + 2b2 – 4ab + 10ab]
= 3[2a2 + 2b2 + 6ab]
=3 × 2[a2 + b2 + 3ab]
अत : S6 = 6(a2 + b2 + 3ab)

प्रश्न 19.
निम्नलिखित समीकरणों (UPBoardSolutions.com) को हल कीजिए :
(i) 1 + 6 + 11 + 16 + … + x = 148
(ii) 2 + 5 + 8 + 11 + … + x = 345
हलः
(i) 1 + 6 + 11 + 16 + ….. + x = 118
a = 1, d = 6 – 1 = 5 तथा l = x
माना, समान्तर श्रेणी में पदों की संख्या = n
तब l = a + (n – 1)d
x = 1 + (n – 1) × 5
x = 1 + 5n – 5
x = 5n – 4
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 18
x + x2 + 4 + 4x = 1480
x2 + 5x + 4 – 1480 = 0
x2 + 5x – 1476 = 0
x2 + 41x – 36x – 1476 = 0
x (x + 41) – 36(x + 41) = 0
(x + 41)(x – 36) = 0
x + 41 = 0 तथा x – 36 = 0
x = – 41 (अमान्य), x = 36
अतः x = 36

UP Board Solutions

(ii) 2 + 5 + 8 + 11 + …. + x = 345
a= 2,d = 5 – 2 = 3 तथा l = x
माना श्रेणी में पदों की (UPBoardSolutions.com) संख्या = n
तब l = a + (n – 1)d
x = 2 + (n – 1) × 3
x = 2 + 3n – 3
x = 3n – 1 या x + 1 = 3n या n = [latex]\frac{x+1}{3}[/latex]
तथा Sn = 345
[latex]\frac{n}{2}[/latex](a + l) = 345
[latex]\left(\frac{x+1}{6}\right)[/latex](2 + x ) = 345
2x + x2 + 2 + x = 345 × 6
x2 + 3x + 2 = 2070
x2 + 3x + 2 – 2070 = 0
x2 + 3x – 2068 = 0
x2 + 47x – 44x – 2068 = 0
x(x + 47) – 44(x + 47) = 0
(x + 47)(x – 44) = 0
x + 47 = 0 तथा x – 44 = 0
x = – 47 (अमान्य), x = 44
x = 44

प्रश्न 20.
एक समान्तर श्रेणी के 15 पदों का योग ज्ञात कीजिए (UPBoardSolutions.com) जिसका पहला पद तथा अन्तिम पद क्रमशः 5 तथा 75 हैं।
हलः
पहला पद a = 5, अन्तिम पद l = 75, n = 15
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 19

प्रश्न 21.
तीन संख्याएँ, एक समान्तर श्रेणी में हैं जिनका योग 24 है तथा उनके वर्गों का योग 200 है। संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी की तीन संख्याये (a – d), a , (a + d) हैं।
प्रश्नानुसार, I – शर्त a – d + a + a + d = 24
3a = 24 या a = [latex]\frac{24}{2}[/latex] = 8
तथा II – शर्त (a – d)2 + a2 + (a + d) = 200
a = 8 रखने पर
(8 – d)22 + (8)2 + (8 + d)2 = 200
64 + d2 – 16d + 64 + 64 + d2 + 16d = 200
192 + 2d2 = 200
2d2 = 200 – 192
d2 = [latex]\frac{8}{2}[/latex] या d = [latex] \sqrt{{4}} [/latex] = 2
अतः तीनों संख्यायें a – d, a, a + d
= 8 – 2, 8, 8 + 2
= 6, 8, 10

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प्रश्न 22.
यदि एक समान्तर श्रेणी के प्रथम n पदों (UPBoardSolutions.com) का योग दिया है, Sn = (3n2 – n) तो ज्ञात कीजिए।
(i) n वाँ पद
(ii) इसका पहला पद
(iii) सार्वअन्तर
हलः
दिया है, Sn = 3n2 – n
n = n – 1 रखने पर
Sn-1 = 3(n – 1)2 – (n – 1) = 3(n2 + 1 – 2n) – n + 1
= 3n2 + 3 – 6n – n + 1 = 3n2 – 7n + 4
(i) Tn = Sn – Sn-1 = (3n2 – n) – (3n2 – 7n + 4)
= 3n2 – n – 3n2 + 7n – 4 = 6n – 4
अतः समान्तर श्रेणी का n वाँ पद = (6n – 4)

(ii) Tn = 6n – 4
n = 1, 2, 3…. रखने पर
T1 = 6 × 1 – 4 = 6 – 4 = 2
T2 = 6 × 2 – 4 = 12 – 4 = 8
T3 = 6 × 3 – 4 = 18 – 4 = 14
तब, समान्तर श्रेणी 2, 8, 14..
अतः श्रेणी का पहला पद a = 2

(iii) सार्वअन्तर d = 8 – 2 = 6

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प्रश्न 23.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम n पदों का योग (UPBoardSolutions.com) [latex]\frac{1}{2}[/latex](3n2 + 7n) है, तब इसका n वाँ पद ज्ञात कीजिए तथा इसका 20 वाँ पद भी लिखिए।
हलः
समान्तर श्रेणी के प्रथम n पदों का योग Sn = [latex]\frac{1}{2}[/latex](3n2 + 7n)
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 20

Ex 5.2 Arithmetic Progressions लघु उत्तरीय प्रश्न – II (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 24.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम n पदों का योग 4n2 + 2n है तो समान्तर श्रेणी का n वाँ पद ज्ञात कीजिए।
हलः
दिया है Sn = 4n2 + 2n
तब n = (n – 1) रखने पर
Sn-1 = 4(n – 1)2 + 2(n – 1)
= 4(n2 + 1 – 2n) + 2n – 2
= 4n2 + 4 – 8n + 2n – 2
= 4n2 – 6n + 2
तो समान्तर श्रेणी का n वाँ पद
Tn = Sn – Sn-1 = (4n2 + 2n) – (4n2 – 6n + 2)
Tn = 4n2 + 2n – 4n2 + 6n – 2 = (8n – 2)

प्रश्न 25.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम n पदों का (UPBoardSolutions.com) योग 5n2 + 3n है यदि इसका n वाँ पद 168 है तो n का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
समान्तर श्रेणी के प्रथम n पदों का योग Sn = 5n2 + 3n
तब, माना = 5n2 + 3n तथा tn = 168
n = (n – 1) रखने पर
Sn-1 = 5(n – 1)2 + 3(n – 1) = 5(n2 + 1 – 2n) + 3n – 3
Sn-1 = 5n2 + 5 – 10n + 3n – 3 = 5n2 – 7n + 2
तब, Tn = Sn – Sn-1
Tn = (5n2 + 3n) – (5n2 – 7n + 2)
Tn = 5n2 + 3n – 5n2 + 7n – 2
Tn = 10n – 2
168 = 10n – 2 या 168 + 2 = 10n
10n = 170 या n = [latex]\frac{170}{10}[/latex]
n = 17

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प्रश्न 26.
यदि एक समान्तर श्रेणी के n पदों का योग (3n2 + 4n) है। इसका n वाँ पद ज्ञात कीजिए तथा समान्तर श्रेणी भी ज्ञात कीजिए।
हलः
माना, Sn = 3n2 + 4n
तब, n = (n – 1) रखने पर
Sn-1 = 3(n – 1) + 4(n – 1) = 3(n2 + 1 – 2n) + 4n – 4
Sn-1 = 3n2 + 3 – 6n + 4n – 4 = 3n2 – 2n – 1
समान्तर श्रेणी का n वाँ पद Tn = Sn – Sn-1 से
Tn = (3n2 + 4n) – (3n2 – 2n – 1)
= 3n2 + 4n – 3n2 + 2n – 1
Tn = (6n + 1)
अब n = 1, 2, 3….. रखने पर,
T1 = 6 × 1 + 1 = 6 + 1 = 7
T2 = 6 × 2 + 1 = 12 + 1 = 13
T3 = 6 × 3 + 1 = 18 + 1 = 19
अतः श्रेणी का n वाँ पद = (6n + 1)
तथा समान्तर श्रेणी 7,13,19,

प्रश्न 27.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम 25 पदों का (UPBoardSolutions.com) योग ज्ञात कीजिए जिसका n वाँ पद an = 7 – 3n है।
हलः
समान्तर श्रेणी का n वाँ पद an = 7 – 3n
n = 1, 2, 3…. रखने पर
a1 = 7 – 3 × 1 = 7 – 3 = 4
a2 = 7 – 3 × 2 = 7 – 6 = 1
a3 = 7 – 3 × 3 = 7 – 9 = – 2
समान्तर श्रेणी 4, 1, – 2….
तब a = 4, d = 1 – 4 = – 3 तथा n = 25
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 21

प्रश्न 28.
एक समान्तर श्रेणी का n वाँ पद (- 4n + 15) दिया है। इस समान्तर श्रेणी के प्रथम 20 पदों का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
समान्तर श्रेणी का n वाँ पद Tn = – 4n + 15 दिया है।
तब, n = 1, 2, 3…. रखने पर
T1 = – 4 × 1 + 15 = – 4 + 15 = 11
T2 = – 4 × 2 + 15 = – 8 + 15 = 7
T3 = – 4 × 3 + 15 = – 12 + 15 = 3
अतः समान्तर श्रेणी, 11,7,3….
तब, a= 11, d = 7 – 11 = – 4 तथा n = 20
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 22
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प्रश्न 29.
एक समान्तर श्रेणी के n पदों का योग Sn = 3n2 + 5n दिया है। इसका कौन – सा पद 164 है?
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का n वाँ पद 164 है। अर्थात् Tn = 164 तब, .
Sn = 3n2 + 5n
n = n – 1 रखने पर
Sn-1 = 3(n – 1)2 + 5(n – 1)
= 3(n2 + 1 – 2n) + 5n – 5
Sn-1 = 3n2 + 3 – 6n + 5n – 5 = 3n2 – n – 2
∴ Tn = Sn – Sn-1 = 2n2 + 5n – (3n2 – n – 2)
Tn = 3n2 + 5n – 3n2 + n + 2 = 6n + 2
∵ Tn = 164
164 = 6n + 2
164 – 2 = 6n
या 162 = 6n
या n = [latex]\frac{162}{6}[/latex] ⇒ n = 27
n = 27 वाँ पद

प्रश्न 30.
यदि प्रथम n सम प्राकृतिक संख्याओं का (UPBoardSolutions.com) योग, प्रथम n विषम संख्याओं के योग के k गुने के बराबर है। तब k ज्ञात कीजिए।
हलः
प्रथम n सम – प्राकृतिक संख्याये = 2, 4, 6,….n
तब a = 2, d = 4 – 2 = 2, n = n
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 23

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प्रश्न 31.
यदि एक समान्तर श्रेणी का पहला पद, दूसरा तथा अन्तिम पद क्रमशः a, b तथा 2a हैं। इसका योग ज्ञात कीजिए।
हलः
समान्तर श्रेणी का पहला पद = a तथा दूसरा पद = b
और अन्तिम पद l = 2a तब d = b – a
∵ l = a + (n – 1)d
2a = a + (n – 1)(b – a)
2a = a + nb – na – b + a
2a = 2a – b + nb – na
2a – 2a + b= n(b – a)
b = n(b – a) या n = [latex]\frac{b}{b-a}[/latex]
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 24

प्रश्न 32.
समान्तर श्रेणी के प्रथम 21 पदों का योग ज्ञात कीजिए जिसका दूसरा पद 8 है तथा चौथा पद 14 है।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद (UPBoardSolutions.com) a तथा सार्वअन्तर d है।
प्रश्नानुसार, दूसरा पद = 8
a + d = 8 …(1)
तथा चौथा पद = 14
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 25
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प्रश्न 33.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम 20 पदों का योग ज्ञात कीजिए, जिसमें 3 वाँ पद 7 है तथा 7 वाँ पद, तीसरे – पद के 3 गुने से 2 अधिक है।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब, समान्तर श्रेणी का 3 वाँ पद 7
a + 2d = 7 …(1)
समान्तर श्रेणी का 7 वाँ पद = a + 6d
प्रश्नानुसार, a + 6d = 3(a + 2d) + 2
a + 6d = 3a + 6d + 2
a + 6d – 3a – 6d = 2
– 2a = 2 या – a = [latex]\frac{2}{2}[/latex] या a = – 1
a का मान समीकरण (1) में रखने पर,
– 1 + 2d = 7 या 2d = 7 + 1 या d = [latex]\frac{2}{2}[/latex] = 4
a = – 1, d = 4 तथा n = 20
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 27

प्रश्न 34.
यदि एक समान्तर श्रेणी के प्रथम n पदों (UPBoardSolutions.com) का योग Sn दिया गया है, Sn = (3n2 – 4n), तब इसका n वाँ पद ज्ञात कीजिए।
हलः
दिया गया है, Sn = (3n2 – 4n)
n = n – 1 रखने पर
Sn-1 = 3(n – 1)2 – 4(n – 1) = 3(n2 + 1 – 2n) – 4n + 4
Sn-1 = 3n2 + 3 – 6n – 4n + 4 = 3n2 – 10n + 7
अतः श्रेणी का n वाँ पद Tn = Sn – Sn-1
= 3n2 – 4n – (3n2 – 10n + 7)
= 3n2 – 4n – 3n2 + 10n – 7
= 6n – 7

प्रश्न 35.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम 8 पदों का योग 100 है तथा इसके प्रथम 19 पदों का योग 551 है तो समान्तर श्रेणी ज्ञात कीजिए।
हल:
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब प्रश्नानुसार, श्रेणी के प्रथम 8 पदों का योग = 100
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 28

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प्रश्न 36.
समान्तर श्रेणी के 51 पदों का योग ज्ञात कीजिए जिसका दूसरा पद 2 है तथा 4 वाँ पद 8 है।
हलः
माना समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब, प्रश्नानुसार, दूसरा पद = 2
a + d = 2 …(1)
तथा 4 वाँ पद = 8
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 29
d का मान समीकरण (1) में रखने पर
a + 3 = 2 या a = 2 – 3 = – 1
a = – 1, d = 3, n = 51
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 30

प्रश्न 37.
यदि समान्तर श्रेणी का 5 वाँ पद तथा 12 वाँ पद क्रमशः (UPBoardSolutions.com) – 4 तथा – 18 हैं तो समान्तर श्रेणी के प्रथम 20 पदों का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
माना समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब प्रश्नानुसार, 5 वाँ पद = – 4
a + 4d = – 4 …..(1)
तथा 12 वाँ पद = – 18 ….(2)
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 31

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d का मान समीकरण (1) में रखने पर
a + 4 × – 2 = – 4
a – 8 = – 4
a = – 4 + 8 = 4
a = 4, d = –2, n = 20
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 32

प्रश्न 38.
एक समान्तर श्रेणी में पहला पद 22 है,n वाँ पद (UPBoardSolutions.com) – 11 है तथा प्रथम n पदों का योग 66 है। n तथा सार्वअन्तर d ज्ञात कीजिए।
हलः
समान्तर श्रेणी का पहला पद a = 22
प्रश्नानुसार, n वाँ पद = – 11
a + (n – 1)d = – 11
22 + nd – d = – 11
nd – d = – 11 – 22
nd – d= – 33 …(1)
तथा प्रथम n पदों का योग = 66
[latex]\frac{n}{6}[/latex][2a + (n – 1)d] = 66
n[2 × 22 + nd – d] = 132
समीकरण (1) से,
n[44 + ( – 33)] = 132
n[44 – 33] = 132
11n= 132
या n = [latex]\frac{132}{11}[/latex] = 12
n का मान समीकरण (1) में रखने पर, (UPBoardSolutions.com)
12d – d = – 33
या 11d = – 33
d= [latex]\frac{-33}{11}[/latex] = – 3
अतः n = 12, d= – 3

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प्रश्न 39.
यदि एक समान्तर श्रेणी का 10 वाँ पद 21 है तथा इसके प्रथम 10 पदों का योग 120 है तो इसका n वाँ पद ज्ञात कीजिए।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
प्रश्नानुसार, 10 वाँ पद 21
a + 9d = 21 …(1)
तथा प्रथम 10 पदों का योग = 120
[latex]\frac{10}{2}[/latex][2a + (10 – 1)d] = 120
5[2a + 9d] = 120
[2a + 9d] = [latex]\frac{120}{5}[/latex]
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 33
a = 3 a का मान समीकरण (1) में रखने पर
3 + 9d = 21
या 9d = 21 – 3 या d = [latex]\frac{19}{2}[/latex] = 2
अतः श्रेणी का n वाँ पद = a + (n – 1)d
= 3 + (n – 1) × 2
= 3 + 2n – 2 = (2n + 1)

प्रश्न 40.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम 7 पदों का योग (UPBoardSolutions.com) 63 है तथा इसके अगले 7 पदों का योग 161 है तो इस समान्तर श्रेणी का 28 वाँ पद ज्ञात कीजिए।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब, प्रश्नानुसार, प्रथम 7 पदों का योग = 63
a + a + d + a + 2d + a + 3d + a + 4d + a + 5d + a + 6d = 63
7a + 21d = 63
a + 3d = 9 …(1)
तथा इसके अगले 7 पदों का योग = 161
a + 7d + a + 8d + a + 9d + a + 10d + a + 11d + a + 12d + a + 13d = 161
7a + 70d = 161
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 34
d का मान समीकरण (1) में रखने पर
a + 3 × 2 = 9
या a + 6 = 9
या a = 9 – 6 = 3
a = 3 तथा d = 2
तो समान्तर श्रेणी का 28 वाँ पद = a + 27d
= 3 + 27 × 2 = 3 + 54 = 57

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प्रश्न 41.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम सात पदों का योग (UPBoardSolutions.com) 182 है। यदि इसका 4 वाँ पद तथा 17 वाँ पद 1 : 5 के अनुपात में है तो समान्तर श्रेणी ज्ञात कीजिए।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब, प्रश्नानुसार, समान्तर श्रेणी के प्रथम 7 पदों का योग = 182
∴ a + a + d + a + 2d + a + 3d + a + 4d + a + 5d + a + 6d = 182
7a + 21d = 182
a + 3d = 26 …(1)
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 35
d का मान समीकरण (1) में रखने पर
a + 3 × 8 = 26
या a + 24 = 26
या a = 26 – 24 = 2
a = 2 तथा d = 8
अतः समान्तर श्रेणी a, a + d, a + 2d….
= 2, 2 + 8, 2 + 2 × 8….
= 2, 10, 2 + 16….
= 2, 10, 18, ….

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प्रश्न 42.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम १ पदों का योग 63q – 3q2 है यदि (UPBoardSolutions.com) इसका p वाँ पद – 60 है। तो p का मान ज्ञात कीजिए तथा इसका 11 वाँ पद भी ज्ञात कीजिए।
हलः
माना समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
प्रश्नानुसार, दिया है Sq = 63q – 3q2
तथा q = q – 1 रखने पर
Sq-1 = 63(q – 1) – 3(q – 1)2
= 63(q – 1) – 3(q2 + 1 – 2q)
Sq-1 = 63q – 63 – 3q2 – 3 + 6q
= – 3q2 + 69q – 66
अतः श्रेणी का q वाँ पद Tq = Sq – Sq-1
Tq = (63q – 3q2) – (- 3q2 + 69q – 66)
= 63q – 3q2 + 3q2 – 69q + 66
Tq = – 6q + 66
q = 1, 2, 3…. रखने पर
T1 = – 6 × 1 + 66 = – 6 + 66 = 60
T2 = – 6 × 2 + 66 = – 12 + 66 = 54
T3 = – 6 × 3 + 66 = – 18 + 66 = 48
तब समान्तर श्रेणी 60, 54, 48….
a = 60,d = 54 – 60 = – 6
अतः श्रेणी का P वाँ पद = – 60
a + (P – 1)d = – 60
60 + (P – 1) × – 6 = – 60
60 – 6p + 6 = – 60
66 – 6p = – 60
या 66 + 60 = 6p
126 = 6p या p = [latex]\frac{126}{6}[/latex] = 21 (UPBoardSolutions.com)
तथा श्रेणी का 11 वाँ पद = a + 10d
= 60 + 10 × – 6 = 60 – 60 = 0
अतः P = 21 तथा श्रेणी का 11 वाँ पद = 0

प्रश्न 43.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम n पदों का योग Sn द्वारा निरूपित किया है तो सिद्ध कीजिए S12 = 3(S8 – S4) (NCERT Exemplar)
हलः
समान्तर श्रेणी के n पदों का योग = Sn
या  Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
तब,   S12 = [latex]\frac{12}{2}[/latex][2a + (12 – 1d]
S12 = 6[2a + 11d] …(1)
S8 = [latex]\frac{8}{2}[/latex][2a + (8 – 1)d]
S8 = 4[2a + 7d] ..(2)
S4 = [latex]\frac{4}{2}[/latex][2a + (4 – 1)d]
S4 = 2[2a + 3d] …(3)
सिद्ध करना है S12 = 3(S8 – S4)
R.H.S = 3(S8 – S4)
= 3[4(2a + 7d) – 2(2a + 3d)] [समीकरण (2) व समीकरण (3) से]
= 3[8a + 28d – 4a – 6d]
= 3[4a + 22d]
= 3 × 2[2a + 11d]
= 6[2a + 11d]
= S12 = L.H.S

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प्रश्न 44.
एक समान्तर श्रेणी का पहला तथा अन्तिम पद (UPBoardSolutions.com) क्रमशः 5 तथा 45 हैं। यदि इसके सभी पदों का योग 400 है तो इसका सार्वअन्तर ज्ञात कीजिए।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का सार्वअन्तर d और पदों की संख्या n है।
तब, a = 5 तथा l = 45, Sn = 400
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 36
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 37

प्रश्न 45.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम 9 पदों का योग 162 है। इसके 6 वें पद तथा 13 वें पद का अनुपात 1 : 2 है। समान्तर श्रेणी का पहला तथा 15 वाँ पद ज्ञात कीजिए।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब, प्रश्नानुसार, समान्तर श्रेणी के प्रथम 9 पदों का योग = 162
[latex]\frac{9}{2}[/latex][2a + (9 – 1)d] = 162
2a + 8d = [latex]\frac{162 \times 2}{9}[/latex]
2a + 8d = 18 × 2 या 2a + 8d = 36
a + 4d = 18 …(1)
 Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 38
d का मान समीकरण (2) में रखने पर
a – 2 × 3 = 0
या a – 6 = 0 या a = 6
श्रेणी का 15 वाँ पद= a + 14d = 6 + 14 × 3
= 6 + 42
= 48
अतः पहला पद = 6 तथा 15 वाँ पद = 48

प्रश्न 46.
एक समान्तर श्रेणी के प्रथम 14 पदों का योग 1505 है (UPBoardSolutions.com) तथा इसका पहला पद 10 है। इसका 25 वाँ पद ज्ञात कीजिए।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद, a = 10 तथा सार्वअन्तर d है।
तब प्रश्नानुसार, श्रेणी के प्रथम 14 पदों का योग 1505
[latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d] = 1505
[latex]\frac{14}{2}[/latex][2 × 10 + (14 – 1)d] = 1505
7[20 + 13d] = 1505
20 + 13d = [latex]\frac{1505}{7}[/latex]
20 + 13d = 215
13d = 215 – 20 = 195
d = [latex]\frac{195}{13}[/latex] = 15
अतः श्रेणी का 25 वाँ पद = a + 24d = 10 + 24 × 15
= 10 + 360 = 370

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प्रश्न 47.
यदि एक समान्तर श्रेणी के 7 पदों का योग 49 है तथा 17 पदों (UPBoardSolutions.com) का योग 289 है तो इसके n पदों का योग ज्ञात कीजिए। (NCERT)
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब प्रश्नानुसार, श्रेणी के 7 पदों का योग = 49
[latex]\frac{7}{2}[/latex][2a + (7 – 1)d] = 49
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 39
d का मान समीकरण (1) में रखने पर
2a + 6 × 2 = 14 या 2a + 12 = 14
2a = 14 – 12
या 2a = 2 या a = [latex]\frac{-2}{2}[/latex] = 1
a = 1, d = 2
तो श्रेणी के n के पदों का योग = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
Sn = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2 × 1 + (n – 1) × 2]
= [latex]\frac{n}{2}[/latex][2 + 2n – 2]
= [latex]\frac{n}{2}[/latex] × 2n = n2

प्रश्न 48.
एक समान्तर श्रेणी का पहला पद तथा अन्तिम पद क्रमशः 7 तथा 49 है। यदि इसके सभी पदों का योग 420 है तो इसका सार्वअन्तर ज्ञात कीजिए।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का सार्वअन्तर d है।
तथा पहला पद a = 7 तथा अन्तिम पद = 49
तब श्रेणी के सभी पदों का योग = 420
[latex]\frac{n}{2}[/latex](a + l) = 420
n(7 + 49) = 420 × 2
56n = 840
n = [latex]\frac{840}{56}[/latex] = 15
तथा l = a + (n – 1)d
49 = 7 + (15 – 1)d
49 – 7 = 14d
[latex]\frac{42}{14}[/latex] = d या d = 3
अतः सार्वअन्तर d = 3

प्रश्न 49.
समान्तर.श्रेणी – 12, – 9, – 6,…21 के पदों की संख्या ज्ञात (UPBoardSolutions.com) कीजिए, यदि इस श्रेणी के प्रत्येक पद में 1 जोड़ दिया जाये तो इस प्रकार की बनी समान्तर श्रेणी के सभी पदों का योग ज्ञात कीजिए।
हलः
समान्तर श्रेणी – 12, – 9, – 6,…….21
a = – 12, d = (- 9) – (-12) = –9 + 12 = 3, l = 21
माना श्रेणी में पदों की संख्या’ = n
l = a + (n – 1)d
21 = – 12 + (n – 1) × 3
21 = – 12 + 3n – 3
21 = – 15 + 3n
21 + 15 = 3n
या 3n = 36
n = [latex]\frac{36}{3}[/latex] = 12
∴ n = 12
यदि श्रेणी के प्रत्येक पद में 1 जोड़ दिया जाये तो श्रेणी
– 12 + 1, – 9 + 1, – 6 + 1,…….,21 + 1
– 11, – 8, – 5, ……. 22
तब a = – 11, तथा n = 22
समान्तर श्रेणी के सभी पदों का यो = [latex]\frac{n}{2}[/latex](a + l)
= [latex]\frac{12}{2}[/latex] (-11 + 22)
= 6 × 11 = 66
अत: n = 12 तथा सभी पदों का योग = 66

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Ex 5.2 Arithmetic Progressions दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 50.
(i) एक समान्तर श्रेणी के n पदों का योग ज्ञात कीजिए, जिसका 7 वाँ पद 30 है तथा 13 वाँ पद 54
(ii) श्रेणी 15 + 11 + 7… के कितने पदों का योग 35 है?
(iii) एक समान्तर श्रेणी 25, 22, 19,… के कुछ (UPBoardSolutions.com) पदों का योग 116 है। इसका अन्तिम पद ज्ञात कीजिए तथा पदों की संख्या ज्ञात कीजिए।
(iv) एक समान्तर श्रेणी में पहला पद तथा अन्तिम पद क्रमशः 7 तथा 57 है। यदि इसके सभी पदों का योग 352 है। तो पदों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हलः
(i) माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब प्रश्नानुसार,
7वाँ पद = 30
a + 6d = 30 …(1)
13 वाँ पद = 54
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 40

(ii) श्रेणी 15 + 11 + 7 ……
a = 15, d = 11 – 15 = – 4
माना श्रेणी के n पदों का योग = 35
[latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d] = 35
n[2 × 15 + (n – 1) × – 4] = 35 × 2
n[30 – 4n + 4] = 70
n[34 – 4n] = 70
34n – 4n2 – 70 = 0
-4n2 + 34n – 70 = 0
– 2[2n2 – 17n + 35] = 0
2n2 – 17n + 35 = 0
2n2 – 10n – 7n + 35 = 0
2n(n – 5) – 7(n – 5) = 0
(n – 5)(2n – 7) = 0
n – 5 = 0 तथा 2n – 7 = 0
n = 5, n = [latex]\frac{7}{2}[/latex] (अमान्य)
अतः n – 5

(iii) समान्तर श्रेणी 25, 22, 19….
a = 25, d = 22 – 25 = – 3
माना श्रेणी के n पदों का योग (UPBoardSolutions.com) = 116
तब [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d] = 116
n[2 × 25 + (n – 1) × – 3] = 232
n[50 – 3n + 3] = 232
n[53 – 3n] = 232
53n – 3n2 = 232
-3n2 + 53n – 232 = 0
3n2 – 53n + 232 = 0
3n2 – 29n – 24n + 232 = 0
n(3n – 29) – 8(3n – 29) = 0
(3n – 29)(n – 8) = 0
3n – 29 = 0 तथा n – 8 = 0
n = [latex]\frac{29}{3}[/latex] (अमान्य) n = 8
तथा l = a + (n – 1)d
l = 25 + (8 – 1) × – 3 = 25 – 7 × 3
l = 25 – 21 = 4
अतः अन्तिम पद l = 4 तथा पदों की संख्या = 8

(iv) समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a = 7 तथा अन्तिम पद l = 57
माना, श्रेणी के n पदों का योग = 352
तब [latex]\frac{n}{2}[/latex](a + l) = 352
[latex]\frac{n}{2}[/latex](7 + 57) = 352
[latex]\frac{n}{2}[/latex] × 64 = 352
32n = 352
n = [latex]\frac{352}{32}[/latex] = 11
अतः पदों की संख्या = 11

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प्रश्न 51.
एक समान्तर श्रेणी के 35 पदों का योग ज्ञात कीजिए जिसका दूसरा पद 2 है तथा 7 वाँ पद 22 है।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब प्रश्नानुसार, श्रेणी का दूसरा पद = 2
a + d = 2 …(1)
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 41

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प्रश्न 52.
यदि एक समान्तर श्रेणी का पहला पद 2 है तथा इसके (UPBoardSolutions.com) प्रथम पाँच पदों का योग, अगले पाँच पदों के योग का [latex]\frac{1}{4}[/latex] है। तब सिद्ध कीजिए कि समान्तर श्रेणी का 20 वाँ पद – 112 है।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का पहला पद a = 2 तथा सार्वअन्तर d है।
तब, प्रश्नानुसार,
a + a + d + a + 2d + a + 3d + a + 4 = [latex]\frac{1}{4}[/latex](a + 5d + a + 6d + a + 7d + a + 8d + a + 9d)
5a + 10d = [latex]\frac{1}{4}[/latex](5a + 35d)
20a + 40d = 5a + 35d या 20a – 5a + 40d – 35d = 0
15a + 5d = 0
a = 2 रखने पर 15 × 2 + 5d = 0 या 30 + 5d = 0 या 5d = – 30 या d = – 6
अतः an = a + (n – 1)d
a20 = 2 + (20 – 1) × – 6
a20 = 2 – 19 × 6 = 2 – 114 = – 112
अतः समान्तर श्रेणी का 20 वाँ पद = – 112

प्रश्न 53.
यदि एक समान्तर श्रेणी में m पदों का योग, n पदों के योग के बराबर है तो सिद्ध कीजिए कि (m + n) वें पद का योग शून्य है।
हलः
माना समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर (UPBoardSolutions.com) d है:
तब, प्रश्नानुसार, m पदों का योग = n पदों का योग
[latex]\frac{m}{2}[/latex][2a + (m – 1)d] = [latex]\frac{n}{2}[/latex][2a + (n – 1)d]
m[2a + (m – 1)d] = n[2a + (n – 1)d]
2am + (m – 1)md = 2an + (n – 1)nd
2am – 2an = (n – 1)nd – (m – 1)md
2a(m – n) = [n2 – n – m2 + m]d
2a(m – n) = [n2 – m2 – n + m]d
2a(m – n) = [(n + m)(n – m) – 1(n – m)]d
2a(m – n) = (n – m)(m + n – 1)d
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 42

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प्रश्न 54.
यदि एक समान्तर श्रेणी के p, q तथा r पदों का योग क्रमशः a, b तथा c है। तो सिद्ध कीजिए कि
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 43
(NCERT Exemplar)
हलः
माना समान्तर श्रेणी का प्रथम पद A तथा सार्वअन्तर D है, तब प्रश्नानुसार,
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 44
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 45

प्रश्न 55.
यदि दो समान्तर श्रेणी के n पदों के योग का अनुपात (UPBoardSolutions.com) 14 – 4n : 3n + 5 है। उनके 8 वें पदों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हलः
माना, दो समान्तर श्रेणी के प्रथम पद क्रमशः a1 तथा a2 और सार्वअन्तर क्रमश: d1 तथा d2 हैं।
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 46

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प्रश्न 56.
यदि एक समान्तर श्रेणी के p वाँ पद [latex]\frac{1}{q}[/latex] तथा q वाँ पद [latex]\frac{1}{p}[/latex] है तो सिद्ध कीजिए कि प्रथम pq पदों का योग [latex]\frac{1}{2}[/latex](pq + 1) है।
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d हैं।
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 47
प्रश्न 57.
यदि एक समान्तर श्रेणी के प्रथम p पदों का योग q है तथा प्रथम व पदों का योग p है तो निम्न का योग ज्ञात कीजिए :
(i) (p + q) पदों का
(ii) (p – q) पदों का
हल:
(i) माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 48
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 49
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प्रश्न 58.
यदि एक समान्तर श्रेणी के n, 2n तथा 3n पदों (UPBoardSolutions.com) का योग क्रमशः S1, S3 तथा S3 है तो सिद्ध कीजिए कि S3 = 3(S2 – S1) (NCERT)
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 50

प्रश्न 59.
यदि समीकरण (b – c)x2 + (c – a)x + (a – b) = 0 के मूल बराबर हैं, तो सिद्ध कीजिए कि a, b तथा c एक समान्तर श्रेणी में हैं।
हलः
समीकरण (b – c)x2 + (c – a)x + (a – b) = 0
A = (b – c), B = (c – a), C = (a – b)
∵ समीकरण के मूल बराबर हैं।
∴ B2 – 4AC = 0
(c – a)2 – 4(b – c)(a – b) = 0
c2 + a2 – 2ca – 4(ab – b2 – ca + bc) = 0
c2 + a2 – 2ca – 4ab + 4b2+ 4ca – 4bc = 0
4b2 – 4ab – 4bc = -c2 – a2 + 2ca – 4ca
4b2 – 4b(a + c) = -c2 – a2 – 2ca
4b2 – 4b(a + c) = -(c2 + a2 + 2ca)
4b2 – 4b(a + c) = -(a + c)2
4b2 = 4b(a + c) – (a + c)2
4b2 = (a + c)[4b – a – c]
∵ a, b, c समान्तर श्रेणी में हैं।
∴ 2b = a + c
4b2 = 2b(4b – a – c)
[latex]\frac{4 b^{2}}{2 b}[/latex] = 4b – a – c
2b = 4b – a – c
a + c = 4b – 2b
a + c = 2b
या 2b = a + c
अतः a, b तथा c एक समान्तर श्रेणी में है।

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प्रश्न 60.
यदि Sn = n2p तथा Sm = m2p, m ≠ n है (UPBoardSolutions.com) तो सिद्ध कीजिए कि Sp = p3
हलः
माना, समान्तर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
यदि Sn = n2p
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 51
d का मान समीकरण (1) में रखने पर,
2a + (n – 1)2p = 2np
2a + 2np – 2p = 2np
2a = 2np – 2np + 2p
2a = 2p
सिद्ध करना हैं Sp = p3
L. H. S. Sp = [latex]\frac{p}{2}[/latex][2a + (p – 1)d]
2a व d का मान रखने पर,
Sp = [latex]\frac{p}{2}[/latex][2p + (p – 1)2p]
= [latex]\frac{p}{2}[/latex] × 2p[1 + p – 1]
= p2 × p = p3 = R.H.S.

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प्रश्न 61.
यदि S1, S2, S3 तीन समान्तर श्रेणी के n पदों का योग है। (UPBoardSolutions.com) जिनका प्रथम पद 1 है तथा सार्वअन्तर क्रमशः 1, 2 तथा 3 है तो सिद्ध कीजिए कि S1 + S3 = 2S2
हलः
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.2 52

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UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Mineral and Energy Resources

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Mineral and Energy Resources (खनिज तथा ऊर्जा संसाधन)

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 Text Book Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
(i) निम्नलिखित में से किस राज्य में प्रमुख तेल क्षेत्र स्थित हैं
(क) असम
(ख) बिहार
(ग) राजस्थान
(घ) तमिलनाडु।
उत्तर:
(क) असम

(ii) निम्नलिखित में से किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था
(क) कलपक्कम
(ख) नरोरा
(ग) राणाप्रताप सागर
(घ) तारापुर।
उत्तर:
(घ) तारापुर।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज ‘भूरा-हीरा’ के नाम से जाना जाता है
(क) लौह
(ख) लिग्नाइट
(ग) मैंगनीज
(घ) अभ्रक।
उत्तर:
(ख) लिग्नाइट।

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा ऊर्जा का अनवीकरणीय स्त्रोत है
(क) जल
(ख) सौर
(ग) ताप
(घ) पवन।
उत्तर:
(ग) ताप।

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Mineral and Energy Resources

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें
(i) भारत में अभ्रक के वितरण का विवरण दें।
उत्तर:
भारत में अभ्रक का वितरण-आन्ध्र प्रदेश भारत का 72 प्रतिशत से भी अधिक अभ्रक उत्पादित करता है। इस राज्य की मुख्य अभ्रक पेटी नैल्लोर जिले में है। अभ्रक उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का दूसरा स्थान है। इस राज्य की प्रमुख अभ्रक पेटी जयपुर से उदयपुर तक विस्तृत है। अभ्रक उत्पादक अन्य राज्य झारखण्ड, बिहार, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश हैं।

(ii) नाभिकीय ऊर्जा क्या है? भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम लिखें।
उत्तर:
नाभिकीय ऊर्जा परमाणु के विखण्डन से प्राप्त ऊर्जा है। यह परमाणु के नाभिक में परिवर्तन लाकर प्राप्त की जाती है। नाभिकीय ऊर्जा के प्रमुख केन्द्र

  • तारापुर (महाराष्ट्र)
  • रावतभाटा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (राजस्थान)
  • कलपक्कम परमाणु ऊर्जा केन्द्र (तमिलनाडु)
  • नरौरा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (उत्तर प्रदेश)
  • कैगा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (कर्नाटक)
  • काकरापारा परमाणु शक्ति केन्द्र (गुजरात)।

(iii) अलौह धातुओं के नाम बताएँ। उनके स्थानिक वितरण की विवेचना करें।
उत्तर:
1. ताँबा – सिंहभूम (झारखण्ड), झुंझुनू (राजस्थान), बालाघाट (मध्य प्रदेश) एवं दुर्ग (छत्तीसगढ़)।
2. बॉक्साइट – ओडिशा, झारखण्ड, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु एवं कर्नाटक राज्य आदि।

(iv) ऊर्जा के अपारम्परिक स्रोत कौन-से हैं?
उत्तर:
ऊर्जा के अपारम्परिक स्रोत निम्नलिखित हैं—बायो गैस, जैव पदार्थ, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, लघु जलविद्युत परियोजनाएँ, सौर फोटोवोल्टाइक ऊर्जा एवं ऊर्जा ग्राम आदि।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें। (i) भारत के पेट्रोलियम संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
भारत के पेट्रोलियम संसाधन-भारतीय भू-गर्भ सर्वेक्षण विभाग के अनुमानों के अनुसार भारत में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस (हाइड्रोकार्बन) के कुल भण्डार 17 अरब टन हैं, जिनमें से 75 प्रतिशत अब तक स्थापित हो चुके हैं।
भारत में तेल क्षेत्रों का वितरण
1. उत्तर – पूर्वी प्रदेश-यह ऊपरी असम घाटी, अरुणाचल प्रदेश तथा नागालैण्ड के विशाल क्षेत्र में विस्तृत है। इस क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण उत्पादक डिगबोई, नहरकटिया, मोरान, रुद्रसागर, गालेकी और हुगरीजन हैं।

2. गुजरात प्रदेश – इस प्रदेश के मुख्य उत्पादक अंकलेश्वर, कलोन, नवगाँव, कोसांबा, कठना, बरकोल, मेहसाना, सनंद और ल्यूनेज हैं। सौराष्ट्र के भावनगर से 45 किमी दूर पश्चिम में अलियाबेट द्वीप में भी तेल मिलता है।
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Mineral and Energy Resources 1
3. मुम्बई हाई – यह मुम्बई तट के समीप मुम्बई से 176 किमी दूर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यहाँ सन् 1975 में तेल की खोज का कार्य आरम्भ किया गया। यहाँ सागर सम्राट नामक मंच बनाया गया है। अनुमान है कि यहाँ पर 80 करोड़ टन तेल संगृहीत है। मुम्बई हाई के दक्षिण में एक और तेल क्षेत्र बेसीन की खोज हुई है। यहाँ के भण्डार मुम्बई के तेल भण्डारों से बड़े माने जा रहे हैं।

4. पूर्वी तट प्रदेश – यह प्रदेश कृष्णा-गोदावरी और कावेरी की द्रोणियों में विस्तृत है। नारीमनम और कोविलप्पल कावेरी द्रोणी के प्रमुख तेल क्षेत्र हैं।

5. अन्य – राजस्थान के जैसलमेर व बाड़मेर जिलों में भी तेल के भण्डार मिले हैं।

(ii) भारत में जलविद्युत पर एक निबन्ध लिखें।
उत्तर:
भारत में जलविद्युत
सबसे सस्ती विद्युत जलविद्युत है। उसके अलावा जलविद्युत ऊर्जा का नवीकरणीय, स्वच्छ, परिमित्र और सदा रहने वाला स्रोत है।

भारत में प्रथम जलविद्युत केन्द्र सन् 1897 में दार्जिलिंग में शुरू किया गया। इसके बाद सन् 1902 में कर्नाटक में शिवसमुद्रम में जलविद्युत केन्द्र की स्थापना हुई। इसके बाद जम्मू और कश्मीर तथा महाराष्ट्र में जल-विद्युत परियोजनाएं शुरू की गईं। जलविद्युत का वास्तविक विकास आजादी के बाद पंचवर्षीय योजनाओं के लागू होने पर हुआ।

सन् 1947 में देश की कुल जलविद्युत उत्पादन क्षमता 508 मेगावाट. थी जो कि 2006-07 में 34.7 हजार मेगावाट हो गयी। 1950-51 में इसकी भागीदारी 49 प्रतिशत थी, जो कि 2006-07 में घटकर केवल 16.9 प्रतिशत रह गई। देश में ऊर्जा संकट के सन्दर्भ में जलविद्युत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुमान के अनुसार देश में 84,000 मेगावाट जलविद्युत की सम्भावित उत्पादन क्षमता है।

जलविद्युत उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ

  • प्राकृतिक जल प्रपात
  • कृत्रिम जल प्रपात
  • निरन्तर जल प्रवाह
  • उपयुक्त जलवायु
  • स्वच्छ जल
  • उपभोग के लिए माँग
  • पर्याप्त पूँजी आदि।

भारत में जलविद्युत उत्पादन में वृद्धि के लिए राष्ट्रीय जलविद्युत निगम, उत्तर-पूर्व ऊर्जा निगम (नीपको), सतलुज जलविद्युत निगम, टिहरी जलविद्युत विकास निगम, भाखड़ा-व्यास प्रबन्धन बोर्ड तथा दामोदर घाटी निगम की स्थापना की गई है।

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
खनिज किसे कहते हैं? खनिज संसाधनों के प्रकारों को समझाइए।
उत्तर:
खनिज का अर्थ – धरातल अथवा भूगर्भ से खोदकर प्राप्त की जाने वाली वस्तुओं को ‘खनिज’ कहा जाता है।

“खनिज प्राकृतिक रूप से मिलने वाले वे कार्बनिक या अकार्बनिक उत्पत्ति वाले पदार्थ होते हैं जिनकी अपनी एक परमाणवीय संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन तथा भौतिक गुण-धर्म होते हैं।”
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Mineral and Energy Resources 2

1. धात्विक खनिज – धात्विक खनिज वे खनिज हैं जिन्हें गलाने से धातु प्राप्त होती हैं; जैसे-लोहा, मैंगनीज, बॉक्साइट, टिन, ताँबा, चाँदी, सोना व जस्ता इत्यादि। ये खनिज आग्नेय व कायान्तरित चट्टानों में मिलते हैं। इन खनिजों से प्राप्त धातुओं को पीटकर या गलाकर विभिन्न आकारों में ढाला जा सकता है।
धात्विक खनिजों के पुन: दो वर्ग हैं

  • लोहयुक्त खनिज-लौह-अयस्क, मैंगनीज, टंगस्टन, निकिल आदि।
  • अलौहयुक्त खनिज-सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा, बॉक्साइट, टिन आदि।

2. अधात्विक खनिज – इन खनिजों से धातु प्राप्त नहीं होती। उत्पत्ति के आधार पर अधात्विक खनिज कार्बनिक अथवा अकार्बनिक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। ये खनिज अवसादी चट्टानों में पाए जाते हैं।
अधात्विक खनिजों के दो वर्ग हैं

  • अधात्विक कार्बनिक खनिज (ईंधन खनिज)-कोयला, खनिज तेल और प्राकृतिक गैस।
  • अधात्विक अकार्बनिक खनिज (अन्य अधात्विक खनिज)-चूना पत्थर, गन्धक, जिप्सम, अभ्रक, नमक आदि।

प्रश्न 2.
खनिजों की सामान्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
खनिजों की सामान्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • प्रायः प्रत्येक खनिज दो अथवा दो से अधिक रासायनिक तत्त्वों से मिलकर बना होता है। उदाहरणत: क्वार्ट्स सिलिकन व ऑक्सीजन से मिलकर बना है।
  • कुछ खनिज एक ही तत्त्व से बने हुए पाए जाते हैं; जैसे-सोना, ताँबा, सीसा, ग्रेफाइट व गन्धक आदि। . .
  • अधिकांश खनिज ठोस, जड़, अजैव अथवा अकार्बनिक होते हैं। केवल कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे खनिज कार्बनिक पदार्थ हैं जो क्रमश: ठोस, तरल एवं गैस के रूप में पाए जाते हैं।
  • पृथ्वी के आन्तरिक भाग में पाया जाने वाला मैग्मा ही सभी खनिजों का मूल स्रोत है। मैग्मा के ठण्डा होने पर ही खनिजों के क्रिस्टल बनने लगते हैं।
  • खनिजों का नवीकरण हमारी आवश्यकताओं के अनुकूल नहीं हो पाता, क्योंकि इनका निर्माण भूगर्भिक प्रक्रियाओं द्वारा लाखों वर्षों में होता है, अत: इनका संरक्षण अनिवार्य है।
  • खनिज पृथ्वी पर असमान रूप से वितरित हैं।
  • खनिजों की मात्रा व गुण में ऋणात्मक सह-सम्बन्ध पाया जाता है अर्थात् मूल्यवान खनिज अत्यन्त अल्प मात्रा में और कम मूल्यवान खनिज विस्तृत क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Mineral and Energy Resources

प्रश्न 3.
जलविद्युत उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जलविद्युत उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित हैं

  • प्राकृतिक जलप्रपात – जलविद्युत का उत्पादन लगातार ऊँचाई से गिरते जल से होता है। प्राकृतिक जलप्रपात में यह सुविधा निहित है।
  • कृत्रिम जलप्रपात – यदि प्राकृतिक जलप्रपात न हो तो नदियों पर बाँध बनाकर कृत्रिम जलप्रपात बनाकर जलविद्युत तैयार की जा सकती है। ‘
  • निरन्तर जल प्रवाह – जलविद्युत उत्पादन के लिए निरन्तर जल प्रवाह आवश्यक है।
  • उपयुक्त जलवायु – अत्यधिक ठण्डे जलवायु वाले भागों में जल जम सकता है; इसलिए विद्युत बनाने में बाधा उत्पन्न हो सकती है, लेकिन भारत की जलवायु इसके लिए अनुकूल है।
  • स्वच्छ जल – जल में रेत, बजरी इत्यादि से मशीनें खराब हो सकती हैं, अत: स्वच्छ जल होना आवश्यक है।
  • उपभोग के लिए माँग – बिजली का उपभोग उत्पादन के तुरन्त बाद ही होना चाहिए; इसलिए उपभोग के क्षेत्र समीप होने चाहिए।
  • पर्याप्त पूँजी-इसके लिए पर्याप्त पूँजी की आवश्यकता होती है। बड़ी-बड़ी परियोजनाओं के निर्माण, में अत्यधिक पूँजी होनी चाहिए।

प्रश्न 4.
खनिज संसाधनों के संरक्षण के उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
खनिज संसाधनों के संरक्षण के उपाय निम्नलिखित हैं
(1) खनिजों को भू-गर्भ से निकालने, साफ करने व गलाने की तकनीक जितनी अधिक सक्षम होगी, खनिज हमें उतनी ही अधिक मात्रा में उपलब्ध होंगे। संसाधन उपयोग के परम्परागत तरीकों के परिणामस्वरूप बड़ी मात्रा में अपशिष्ट के साथ-साथ अन्य पर्यावरणीय समस्याएँ भी उत्पन्न होती हैं।

(2) धात्विक खनिजों के मामले में स्क्रैप या कबाड़ धातुओं का उपयोग धातुओं का पुनर्चक्रण सम्भव करेगा। इससे ताँबा, सीसा व जस्ते जैसी धातुओं का बोझ कम होगा जिनके भारत में भण्डार पर्याप्त हैं।

(3) अत्यल्प धातुओं के स्थान पर यदि हम प्रतिस्थापनों का उपयोग करें तो हम उनकी खपत को घटा सकते हैं।

(4) सामरिक और अत्यल्प खनिजों के निर्यातों को भी घटाया जाना चाहिए ताकि वर्तमान आरक्षित भण्डारों का लम्बे समय तक प्रयोग किया जा सके।

(5) धातुओं को उनके प्राकृतिक क्षरण की प्रक्रिया से सुरक्षा होने पर इनका संरक्षण हो सकता है। धातुओं से बनी वस्तुओं व उपकरणों पर पेण्ट, ग्रीस, तेल का उपयोग करके उनका जीवन बढ़ाया जा सकता है।
(6) हमें ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों, जो असमाप्य हैं, पर अपनी निर्भरता बढ़ानी होगी। वे स्रोत हैं-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा व भू-तापीय ऊर्जा।

(7) उद्योगों का विद्युतीकरण करने से भी जीवाश्म ईंधन को बचाया जा सकता है।

(8) संसाधनों की मितव्ययिता को हर व्यक्ति को अपनी जीवन-शैली का अंग बनाना होगा।

लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लौहयुक्त खनिज एवं अलौहयुक्त खनिज में अन्तर को समझाइए।
उत्तर:
लोहयुक्त खनिज – जिन खनिजों में लौह अंश पाया जाता है, उन्हें ‘लौहयुक्त धात्विक खनिज’ कहा जाता है। इनके प्रमुख उदाहरण लौह-अयस्क, मैंगनीज, टंगस्टन, निकिल इत्यादि हैं।

अलौहयुक्त खनिज – इन खनिजों में लौह अंश नहीं पाया जाता। इनके मुख्य उदाहरण सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा, बॉक्साइट, टिन व मैगनीशियम इत्यादि हैं।

प्रश्न 2.
भारत में खनिजों का अन्वेषण करने वाले संस्थानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में खनिजों की छानबीन तथा उनके स्रोतों का पता लगाने का कार्य निम्नलिखित संस्थान करते हैं

  • जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया (GSI)
  • ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC)
  • मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉर्पोरेशन लि. (MECL)
  • नेशनल मिनरल डेवलपमेण्ट कॉर्पोरेशन (NMDC)
  • इण्डियन ब्यूरो ऑफ माइन्स (IBM)
  • भारत गोल्ड माइन्स लि० (BGML)
  • हिन्दुस्तान कॉपर लि० (HCL)
  • नेशनल ऐलुमीनियम कम्पनी लि० (NALCO) एवं
  • विभिन्न राज्यों के खनन एवं भूगर्भशास्त्र विभाग।

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प्रश्न 3.
लोहे को आर्थिक उन्नति का बैरोमीटर क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
लोहा, आर्थिक उन्नति का बैरोमीटर-सुई, कील, बर्तन, चाकू व छुरियों जैसे रोजमर्रा की सामान्य वस्तुओं से लेकर भारी-भरकम मशीनों, मशीनी औजारों, भवनों व कारखानों के निर्माण तथा रेलगाड़ियों, जहाजों व परिवहन और संचार के सभी साधनों में लोहे का प्रयोग होता है। लोहे के बिना आधुनिक जीवन-शैली की कल्पना भी सम्भव नहीं। उपर्युक्त सभी कारणों की वजह से लोहे को आर्थिक उन्नति का बैरोमीटर कहा जाता है।

प्रश्न 4.
लोहे का प्रयोग अन्य धातुओं की तुलना में अधिक किए जाने के क्या कारण हैं? अथवा लोहा धातु की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
लोहा धातु की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • लोहा भारी, कठोर, सबल व टिकाऊ होता है।
  • यह अधिक मात्रा में सुलभ होने के कारण सस्ता भी है।
  • घातवर्ध्यता के गुण से युक्त होने के कारण लोहे को चादरों के रूप में ढाला व तारों के रूप में खींचा जा सकता है।
  • लोहे में अन्य धातुएँ मिलाकर मिश्रधातुएँ बनाई जाती हैं जो लोहे से भी कठोर साबित होती हैं।
  • लोहे का चक्रीय उपयोग सम्भव है।

प्रश्न 5.
लोहे के प्रकारों को समझाइए।
उत्तर:
लोहे के प्रकार-लोहांश की मात्रा के आधार पर लौह-अयस्क चार प्रकार के होते हैं

  • मैग्नेटाइट – यह काले रंग का सर्वोत्तम चुम्बकीय लौह-अयस्क होता है। इसमें धातु का अंश 72 प्रतिशत तक होता है।
  • हैमेटाइट – इसमें धातु का अंश 60 से 70 प्रतिशत तक होता है। यह अयस्क लाल व भूरे रंग का होता है।
  • लिमोनाइट – इस पीले या बादामी रंग के अयस्क में लोहे का अंश 40 से 60 प्रतिशत तक होता है।
  • सिडेराइट – यह निम्न श्रेणी का अयस्क है। इसका रंग भूरा व राख के समान होता है। इसमें लोहे की मात्रा 48 प्रतिशत तक होती है।

प्रश्न 6.
मैंगनीज के उपयोग को समझाइए।
उत्तर:
मैंगनीज के उपयोग – युद्धक टैंक के लिए, तोप के गोलों से भी न टूटने वाली इस्पात की चादर बनानी हो या आपकी प्रात:कालीन चाय के लिए चीनीमिट्टी का मनमोहक प्याला बनाना हो, दोनों ही दशाओं में मैंगनीज की आवश्यकता होती है। इसका सर्वाधिक उपभोग इस्पात बनाने में किया जाता है। बिजली का सामान, काँच, ब्लीचिंग पाउडर, दवाएँ, सूखी बैटरी, सोने के आभूषणों पर मीना करने के लिए, वार्निश तथा रसायन उद्योगों में मैंगनीज का उपयोग होता है, अत: इसे ‘बहु उपयोगी’ या ‘Jack Mineral’ भी कहते हैं।

प्रश्न 7.
बॉक्साइट के उपयोग को समझाइए।
उत्तर:
बॉक्साइट के उपयोग – बॉक्साइट एक ऐसा कच्चा पदार्थ है जिससे ऐलुमीनियम बनाया जाता है। भार में हल्की होने के कारण ऐलुमीनियम का वायुयान निर्माण में खूब प्रयोग किया जाता है। ऐलुमीनियम का प्रयोग रेल के डिब्बे, मोटर तथा कार बनाने के लिए भी किया जाता है। वर्तमान में तो इसका प्रयोग बिजली की तारें, बर्तन तथा वैज्ञानिक यन्त्र व उपकरण बनाने में भी होने लगा है।

प्रश्न 8.
ताँबे के गुण/उपयोगिता/महत्त्व को समझाइए।
उत्तर-:
ताँबे के गुण/उपयोगिता/महत्त्व – ताँबा एक अत्यन्त उपयोगी अलौह धातु है। विद्युत का उत्तम चालक होने के कारण ताँबे का प्रयोग मोटरों, ट्रांसफार्मरों तथा जनरेटरों जैसे विद्युत उपकरणों तथा टेलीफोन एवं टेलीग्राफ उपकरणों के निर्माण में किया जाता है। इसके बर्तन व सिक्के भी बनाए जाते हैं। आभूषणों को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए ताँबे को स्वर्ण के साथ भी मिलाया जाता है। ताँबा एक मिश्रधातु योग्य, आघातवर्ध्य तथा तन्य धातु है।

प्रश्न 9.
धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज में अन्तर समझाइए।
उत्तर:
धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज में अन्तर

क्र० सं० धात्विक खनिज अधात्विक खनिज
1. इन खनिजों को गलाने से धातु प्राप्त होती है। इन खनिजों को गलाने से धातु प्राप्त नहीं होती है।
2. ये खनिज आग्नेय व कायान्तरित चट्टानों में पाए जाते हैं। ये खनिज अवसादी चट्टानों में पाए जाते हैं।
3. ये खनिज चोट मारने से टूटते नहीं हैं।

उदाहरण – लोहा, मैंगनीज, बॉक्साइट, टिन, ताँबा, सोना, चाँदी व जस्ता आदि।

ये खनिज चोट मारने से टूट जाते हैं।

 

उदाहरण – चूना पत्थर, जिप्सम, गन्धक, अभ्रक, नमक आदि।

प्रश्न 10.
तापविद्युत की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
तापविद्युत की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • तापविद्युत कोयला, डीजल अथवा परमाणु ऊर्जा से तैयार की जाती है।
  • ये साधन समाप्य साधन हैं, इसी कारण अधिक खर्चीले हैं।
  • ये पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं।
  • तापविद्युत संयन्त्र कोयला अथवा परमाणु ऊर्जा के संसाधनों के समीप ही बनाए जाते हैं।

प्रश्न 11.
जलविद्युत के लक्षणों को समझाइए।
उत्तर:
जलविद्युत के लक्षण (विशेषताएँ) निम्नलिखित हैं

  • जलविद्युत एक असमाप्य संसाधन है।
  • यह प्रदूषणरहित है।
  • यह कम खर्चीला साधन है।
  • यह नदियों पर बाँध बनाकर तैयार की जाती है।

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प्रश्न 12.
पेट्रोलियम के उपयोग व महत्त्व को समझाइए।
उत्तर:
पेट्रोलियम का उपयोग एवं महत्त्व – पेट्रोलियम का अधिकांश उपयोग मोटरवाहनों, रेल और वायुयानों के अन्तर-दहन को चलाने के लिए किया जाता है। इसके अनेक सह-उत्पाद, पैट्रो-रसायन उद्योगों; जैसे कि उर्वरक, स्नेहकों, कृत्रिम रबड़, कृत्रिम रेशे, दवाइयाँ, वैसलीन, मोम, साबुन व सौन्दर्य प्रसाधनों के निर्माण में उपयोग में लाए जाते हैं।

प्रश्न 13.
खनिज तेल (पेट्रोलियम) की उत्पत्ति को समझाइए।
उत्तर:
खनिज तेल (पेट्रोलियम) की उत्पत्ति – खनिज तेल टर्शियरी युग की बालू और चूने की अवसादी शैलों में उसी तरह विद्यमान रहता है जैसे स्पंज में जल। करोड़ों वर्षों तक बड़ी मात्रा में कीचड़, मिट्टी और बालू आदि में वनस्पति एवं जीवों के दबे रहने, उन पर गर्मी, दबाव, रसायन, जीवाणु और रेडियो-सक्रियता आदि क्रियाओं के प्रभाव के फलस्वरूप खनिज तेल की उत्पत्ति होती है।

प्रश्न 14.
जैव ऊर्जा पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जैव ऊर्जा — जैविक उत्पादों से प्राप्त की जाने वाली ऊर्जा को जैव ऊर्जा कहा जाता है। जैविक उत्पादों में कृषि अवशेष, नगरपालिका द्वारा एकत्रित अवशेष, औद्योगिक तथा अन्य अपशिष्ट शामिल होते हैं। जैव-ऊर्जा ऊर्जा परिवर्तन का सम्भावित स्रोत है। इसे बिजली, ताप ऊर्जा अथवा खाना बनाने के लिए प्रयुक्त गैस में परिवर्तित किया जा सकता है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
खनिज किसे कहते हैं?
उत्तर:
धरातल अथवा भू-गर्भ से खोदकर प्राप्त की जाने वाली वस्तुओं को ‘खनिज’ कहा जाता है।

प्रश्न 2.
धात्विक खनिज किसे कहते हैं?
उत्तर:
धात्विक खनिज वे खनिज हैं जिन्हें गलाने से धातु प्राप्त होती है; जैसे—लोहा, मैंगनीज, बॉक्साइट, ताँबा आदि।

प्रश्न 3.
लौहयुक्त खनिज से आपका क्या आशय है?
उत्तर:
जिन खनिजों में लौह अंश पाया जाता है, उन्हें ‘लौहयुक्त धात्विक खनिज’ कहा जाता है; जैसे-लौह-अयस्क, मैंगनीज, टंगस्टन, निकिल आदि।

प्रश्न 4.
अलौहयुक्त खनिज क्या है?
उत्तर:
जिन खनिजों में लौह अंश नहीं पाया जाता है, उन्हें ‘अलौहयुक्त खनिज’ कहा जाता है, जैसे-सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा आदि।

प्रश्न 5.
अधात्विक खनिज क्या है?
उत्तर:
वे खनिज जिनसे धातु प्राप्त नहीं होती ‘अधात्विक खनिज’ कहलाते हैं; जैसे-कोयला, खनिज तेल और प्राकृतिक गैस आदि।

प्रश्न 6.
धात्विक व अधात्विक खनिज के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
धात्विक खनिज के उदाहरण

  • लौह-अयस्क
  • मैंगनीज।

अधात्विक खनिज के उदाहरण

  • चूना पत्थर
  • अभ्रक।

प्रश्न 7.
कार्बनिक एवं अकार्बनिक अधात्विक खनिज के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
कार्बनिक अधात्विक खनिज के उदाहरण

  • कोयला
  • खनिज तेल।

अकार्बनिक अधात्विक खनिज के उदाहरण

  • चूना पत्थर
  • अभ्रक।

प्रश्न 8.
लौह-अयस्क के प्रकार बताइए।
उत्तर:
लौह-अयस्क के प्रकार

  • मैग्नेटाइट
  • हैमेटाइट
  • लिमोनाइट एवं
  • सिडेराइट।

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प्रश्न 9.
‘Jack Mineral’ किसे और क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
‘Jack Mineral’ मैंगनीज को उसके बहुआयामी गुण के कारण कहा जाता है।

प्रश्न 10.
बॉक्साइट से क्या बनाया जाता है?
उत्तर:
बॉक्साइट से ऐलुमीनियम बनाया जाता है।

प्रश्न 11.
अभ्रक का उपयोग बताइए।
उत्तर:
अभ्रक का उपयोग मुख्यतः विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में किया जाता है।

प्रश्न 12.
परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना अगस्त 1948 में की गई।

प्रश्न 13.
GAIL का पूरा नाम बताइए।
उत्तर:
‘Gas Authority of India Ltd.’

प्रश्न 14.
जैव ऊर्जा क्या है?
उत्तर:
जैविक उत्पादों से प्राप्त की जाने वाली ऊर्जा ‘जैव ऊर्जा’ कहलाती है।

प्रश्न 15.
भू-तापीय ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
भू-गर्भ में विद्यमान ऊर्जा की अपार राशि को ‘भू-तापीय ऊर्जा’ कहते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अलौहयुक्त खनिज का उदाहरण है
(a) सोना
(b) चाँदी
(c) ताँबा
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 2.
खनिजों का अन्वेषण करने वाला संस्थान है
(a) GSI
(b) MECL
(c) NMDC
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 3.
अधात्विक खनिज है
(a) नमक
(b) अभ्रक
(c) जिप्सम
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

प्रश्न 4.
भारीपन, कठोरता, सबलता व टिकाऊपन आदि किस खनिज का गुण है
(a) लौह-अयस्क
(b) मैंगनीज
(c) ताँबा
(d) बॉक्साइट।
उत्तर:
(a) लौह-अयस्क।

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प्रश्न 5.
सर्वश्रेष्ठ किस्म का लौह-अयस्क है
(a) मैग्नेटाइट
(b) हैमेटाइट
(c) लिमोनाइट
(d) सिडेराइट।
उत्तर:
(a) मैग्नेटाइट।

प्रश्न 6.
कोयले की संचित राशि तथा उत्पादन दोनों ही दृष्टि से देश का कौन-सा राज्य प्रथम स्थान पर है
(a) झारखण्ड
(b) छत्तीसगढ़
(c) बिहार
(d) ओडिशा।
उत्तर:
(a) झारखण्ड।

प्रश्न 7.
तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग का स्थापना वर्ष है
(a) सन् 1956
(b) सन् 1958
(c) सन् 1960
(d) सन् 1962
उत्तर:
(a) सन् 1956

प्रश्न 8.
परमाणु ऊर्जा संस्थान की स्थापना कब की गई.
(a) सन् 1954
(b) सन् 1956
(c) सन् 1960
(d) सन् 1963
उत्तर:
(a) सन् 1954

प्रश्न 9.
जैविक उत्पाद है
(a) कृषि अवशेष
(b) नगरपालिका द्वारा एकत्रित अवशेष
(c) औद्योगिक अपशिष्ट
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 10.
बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है
(a) ओडिशा
(b) झारखण्ड
(c) आन्ध्र प्रदेश
(d) कर्नाटक।
उत्तर:
(a) ओडिशा।

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UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 8 Manufacturing Industries

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UP Board Class 12 Geography Chapter 8 Text Book Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 8 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए-

(i) कौन-सा औद्योगिक अवस्थापना का एक कारण नहीं है-
(क) बाजार
(ख) पूँजी
(ग) जनसंख्या घनत्व
(घ) ऊर्जा।
उत्तर:
(ग) जनसंख्या घनत्व।

(ii) भारत में सबसे पहले स्थापित की गई लौह-इस्पात कम्पनी निम्नलिखित में से कौन-सी है-
(क) भारतीय लौह एवं इस्पात कम्पनी (आई०आई०एस०सी०ओ०)
(ख) टाटा लौह एवं इस्पात कम्पनी (टी०आई०एस०सी०ओ०)
(ग) विश्वेश्वरैया लौह तथा इस्पात कारखाना
(घ) मैसूर लोहा तथा इस्पात कारखाना।
उत्तर:
(ख) टाटा लौह एवं इस्पात कम्पनी (टी०आई०एस०सी०ओ०)।

(iii) मुम्बई में सबसे पहला सूती वस्त्र कारखाना स्थापित किया गया, क्योंकि-
(क) मुम्बई एक पत्तन है
(ख) यह कपास उत्पादक क्षेत्र के निकट स्थित है
(ग) मुम्बई एक वित्तीय केन्द्र था
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
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(iv) हुगली औद्योगिक प्रदेश का केन्द्र है-
(क) कोलकाता-हावड़ा
(ख) कोलकाता-रिशरा
(ग) कोलकाता-मेदनीपुर
(घ) कोलकाता-कोन नगर।
उत्तर:
(क) कोलकाता-हावड़ा।

(v) निम्नलिखित में से कौन-सा चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है-
(क) महाराष्ट्र
(ख) उत्तर प्रदेश
(ग) पंजाब
(घ) तमिलनाडु।
उत्तर:
(ख) उत्तर प्रदेश।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें-

(i) लोहा-इस्पात उद्योग किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार है, ऐसा क्यों?
उत्तर:
लोहा-इस्पात उद्योग के विकास ने भारत में औद्योगीकरण के द्वार खोल दिए हैं। लगभग सभी क्षेत्र लोहा-इस्पात उद्योग पर निर्भर करते हैं। लोहा-इस्पात उद्योग में अन्य उद्योगों के लिए मशीनीकरण उपकरण आदि तैयार होते हैं। इसके विभिन्न उत्पाद अन्य उद्योगों के लिए कच्चा माल हैं। जीवन का प्रत्येक क्षेत्र लोहे से प्रभावित है; इसलिए यह उद्योग किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार है।

(ii) सूती वस्त्र उद्योग के दो सेक्टरों के नाम बताइए। वे किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
भारतीय सूती वस्त्र उद्योग दो सेक्टरों में विभक्त है-

  1. संगठित एवं
  2. विकेन्द्रित सेक्टर।

संगठित सेक्टर में मिल उद्योग शामिल किए जाते हैं, जबकि विकेन्द्रित सेक्टर में हथकरघों (खादी सहित) तथा विद्युत करघों में उत्पादित कपड़ा आता है।

(iii) चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग क्यों है?
उत्तर:
चीनी उद्योग मूलत: गन्ने पर आधारित है और गन्ना एक मौसमी फसल है, अत: भारत में चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग है।

(iv) पेट्रो-रासायनिक उद्योग के लिए कच्चा माल क्या है? इस उद्योग के लिए कुछ उत्पादों के नाम बताइए।
उत्तर:
पेट्रो-रासायनिक उद्योग के लिए कच्चा माल खनिज तेल तथा प्राकृतिक गैस है। इस उद्योग के प्रमुख उत्पाद हैं

  1. बहुलक,
  2. कृत्रिम रेशे,
  3. प्रत्यास्थापक एवं
  4. पृष्ठ सक्रियक मध्यवर्ती।

(v) भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्रान्ति के प्रमुख प्रभाव क्या हैं?
उत्तर:
सूचना प्रौद्योगिकी का भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। सूचना प्रौद्योगिकी ने देश में आर्थिक और सामाजिक विकास की नई सम्भावनाएँ खोल दी हैं। इसने व्यापार प्रक्रिया को बाह्य स्रोत सम्बन्धी बना दिया है। भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से उभरकर आया है जिसके द्वारा व्यापार तथा अन्य क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें-

(i) ‘स्वदेशी’ आन्दोलन ने सूती वस्त्र उद्योग को किस प्रकार विशेष प्रोत्साहन दिया?
उत्तर:
‘स्वदेशी’ आन्दोलन ने भारतीय सूती वस्त्र उद्योग को बहुत प्रोत्साहित किया। इस आन्दोलन में ब्रिटेन में बने वस्त्रों का बहिष्कार किया गया और भारतीय सामानों को उपयोग में लाने का आह्वान किया गया। ब्रिटेन में निर्मित वस्त्रों को आम जनता के सामने जलाया गया ताकि लोग ब्रिटिश वस्त्रों को त्यागकर भारतीय वस्त्रों को अपनाएँ।

(ii) आप उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से क्या समझते हैं? इन्होंने भारत के औद्योगिक विकास में किस प्रकार से सहायता की है?
उत्तर:
उदारीकरण-उदारीकरण आर्थिक विकास की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के स्थान पर निजी क्षेत्र में उद्योगों को चलाने पर बल दिया जाता है तथा उन सब नियमों और प्रतिबन्धों में छूट दी जाती है जिससे पहले निजी क्षेत्र के विकास में रुकावट आती है।

निजीकरण—निजीकरण से अभिप्राय है कि सरकार द्वारा लगाए गए उद्योगों को निजी क्षेत्र में स्थापित किया जाए। इससे सार्वजनिक क्षेत्र का महत्त्व कम होगा।

वैश्वीकरण-वैश्वीकरण से अभिप्राय है-देश की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करने की प्रक्रिया। इसके अधीन आयात पर प्रतिबन्ध तथा आयात शुल्क में कमी की गई। इस प्रक्रिया में एक देश के पूँजी संसाधनों के साथ-साथ वस्तुएँ और सेवाएँ, श्रमिक तथा अन्य संसाधन एक-दूसरे में स्वतन्त्रतापूर्वक आ-जा सकते हैं।

उदारीकरण, निजीकरण व वैश्वीकरण का भारत के औद्योगिक विकास पर प्रभाव-

  1. विदेशी पूँजी का सीधा निवेश किया जा सकता है।
  2. व्यापारिक प्रतिबन्ध समाप्त हो जाते हैं, जिससे देश में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के आने में सुविधा होती है।
  3. भारतीय कम्पनियों को विदेशी कम्पनियों के साथ प्रवेश करने का अवसर मिलता है।
  4. उदारीकरण कार्य से आयात किया जा सकता है, आदि।

UP Board Class 12 Geography Chapter 8 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 8 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
स्वामित्व के आधार पर उद्योगों के प्रमुख प्रकार (वर्गीकरण) निम्नलिखित हैं-

  1. सार्वजनिक सेक्टर उद्योग-सार्वजनिक सेक्टर उद्योग सरकार द्वारा नियन्त्रित कम्पनियाँ या निगम होते हैं, जिन्हें सरकार फण्ड प्रदान करती है। इस सेक्टर में सामान्यतः सामरिक और राष्ट्रीय महत्त्व के उद्योग-धन्धे आते हैं। भिलाई, दुर्गापुर, राउरकेला व विशाखापत्तनम में स्थित लौह-इस्पात संयन्त्र सार्वजनिक सेक्टर के उद्योगों के उदाहरण हैं।
  2. व्यक्तिगत या निजी सेक्टर उद्योग-जिन उद्योगों का स्वामित्व एक व्यक्ति या कुछ व्यक्तियों या किसी परिवार के पास होता है वे ‘व्यक्तिगत सेक्टर के उद्योग’ कहलाते हैं। सोनीपत की एटलस साईकिल, फरीदाबाद की बाटा शू कम्पनी तथा धारूहेड़ा (गुरुग्राम) की हीरो कम्पनी व्यक्तिगत सेक्टर के उद्योगों के उदाहरण हैं।
  3. सहकारी सेक्टर के उद्योग-जब कुछ लोग एक सहकारी समिति बनाकर किसी उद्योग को चलाते हैं तो उसे ‘सहकारी उद्योग’ कहते हैं। ये लोग ही मुख्यत: उस उद्योग के कच्चे माल के उत्पादक होते हैं। सहकारी चीनी मिलें और सहकारी डेयरी उद्योग, दुग्ध उद्योग, हैण्डलूम इकाइयाँ इसके उदाहरण हैं।
  4. मिश्रित सेक्टर के उद्योग-ये वे उद्योग हैं जिन्हें सरकार व निजी व्यक्ति सामूहिक रूप से चलाते हैं।

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प्रश्न 2.
TISCO को प्राप्त भौगोलिक सुविधाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
TISCO को प्राप्त भौगोलिक सुविधाएँ निम्नलिखित हैं-

  1. इस कारखाने के लिए उच्चकोटि का लौह-अयस्क गुरुमहिषानी पहाड़ियों एवं झारखण्ड के सिंहभूम जिले की नोआमंडी खानों से प्राप्त होता है।
  2. कोयला रानीगंज तथा झरिया की खानों से प्राप्त होता है।
  3. मैंगनीज नोआमंडी से प्राप्त होता है।
  4. चूना पत्थर तथा डोलोमाइट बीरमित्रपुर, हाथी बाड़ी, बिसरा, बड़ाद्वार, कटनी और पनपोश की खानों से प्राप्त होते हैं।
  5. भट्ठियों के अन्दर लिपाई के लिए क्वार्टजाइट बालू कालीमाटी नामक नदी से व टंगस्टन मिदिनापुर से प्राप्त होती है।
  6. सुबर्णरेखा नदी की बालू (रेत) लोहा ढालने के लिए उपयुक्त है।
  7. यह कारखाना सुबर्णरेखा और खारकोई नदियों के संगम पर बना हुआ है, अत: शीतल जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
  8. श्रमिक गंगा नदी के सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों और छोटा नागपुर पठार क्षेत्र से उपलब्ध हो जाते हैं।
  9. यह कारखाना रेलमार्ग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा कोलकाता, मुम्बई और चेन्नई से जुड़ा है, अत: कच्चा माल प्राप्त करने व निर्मित माल भेजने की बहुत सुविधा है।

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प्रश्न 3.
मुम्बई में सूती वस्त्र उद्योग की उल्लेखनीय उन्नति के कारणों को समझाइए।
उत्तर:
मुम्बई में सूती वस्त्र उद्योग की उल्लेखनीय उन्नति के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

  1. मुम्बई के पृष्ठप्रदेश में काली मिट्टी का उपजाऊ क्षेत्र है जहाँ कपास पर्याप्त मात्रा में उगाई जाती है।
  2. समुद्र-तट पर स्थित होने के कारण मुम्बई की जलवायु आर्द्र है। आर्द्र जलवायु में सूत का धागा पतला और लम्बा आता है और बार-बार टूटता नहीं है।
  3. मुम्बई एक प्रमुख बन्दरगाह है, अत: उत्कृष्ट मशीनों, तकनीक और लम्बी रेशे वाली कपास के आयात में सुविधा रहती है। मुम्बई व काण्डला बन्दरगाहों से इन वस्त्रों का निर्यात भी भारी मात्रा में होता है।
  4. पश्चिमी घाट पर टाटा जलविद्युत परियोजना से सस्ती विद्युत-शक्ति प्राप्त हो जाती है, जबकि पहले यह उद्योग पश्चिम बंगाल की कोयला खानों पर निर्भर था।
  5. मुम्बई में पायी जाने वाली परिवहन सुविधा कच्चे माल व श्रमिकों को लाने और निर्मित माल दूर-दूर तक भेजने में बहुत सहायक है।
  6. मुम्बई में पूँजीपतियों व देशी-विदेशी बैंकों का जमाव है, अतः यहाँ पूँजी का अभाव नहीं है।
  7. मुम्बई के निकटवर्ती राज्यों में सस्ते व कुशल श्रमिक आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
  8. यहाँ कपड़े की धुलाई व रँगाई की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

प्रश्न 4.
मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश के विकसित होने के कारणों को समझाइए।
उत्तर:
मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश के विकसित होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

  1. इस प्रदेश का प्रमुख उद्योग सूती वस्त्र उद्योग है। इसका मुख्य कारण महाराष्ट्र में काली मिट्टी के प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में कपास का उगना है।
  2. कोयला क्षेत्रों से दूर होने के कारण यहाँ के अधिकांश उद्योग खनिज तेल अथवा विद्युत पर आधारित हैं।
  3. मुम्बई हाई एवं बसीन में खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस के मिलने से यहाँ के औद्योगीकरण को विशेष प्रोत्साहन मिला हुआ है। नाभिकीय ऊर्जा संयन्त्र की स्थापना ने भी इस प्रदेश को अतिरिक्त बल दिया।
  4. मुम्बई देश के सभी भागों से रेल, सड़क एवं वायु मार्गों से जुड़ा हुआ है। इससे कच्चा माल एवं निर्मित माल के परिवहन की सुविधा है।
  5. मुम्बई समुद्री मार्गों के द्वारा सम्पूर्ण विश्व से जुड़ा हुआ है। स्वेज नहर के बन जाने से मिस्र और यूरोपीय देशों के औद्योगिक प्रदेश मुम्बई से जुड़ गए। इससे आयात-निर्यात की सुविधा में वृद्धि हुई।
  6. मुम्बई देश का सबसे बड़ा महानगर है जहाँ अनेक देशी-विदेशी बैंक, बीमा कम्पनियाँ, विदेशी व्यापार की सुविधाएँ एवं पूँजी की पर्याप्त उपलब्धता है। इनसे औद्योगिक विकास तेज होता है।
  7. भारत का यह भाग सघन जनसंख्या से वासित क्षेत्र है जहाँ से न केवल सस्ते श्रमिक उपलब्ध होते हैं बल्कि निर्मित माल की मांग भी उत्पन्न होती है।

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लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
स्वतन्त्र उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
स्वतन्त्र उद्योग-स्वतन्त्र उद्योग वे उद्योग होते हैं जो किसी स्थान विशिष्ट से बँधे नहीं होते। वे थोड़े से लाभों को ध्यान में रखकर किसी भी स्थान पर स्थापित हो जाते हैं, अत: उनके उत्पाद की लागत में थोड़ा-सा फर्क पड़ते ही वे अपना स्थान बदल लेते हैं। स्वतन्त्र उद्योग उन निष्कर्षण उद्योगों से भिन्न होते हैं जो किसी एक कारक अर्थात् कच्चे माल के स्रोत से बँधे होते हैं या उन सेवाओं से जिनका बाजार के समीप होना आवश्यक है अथवा ऐसे उद्योगों से जिनमें भारी पूँजी लगी हुई है और वे अब कभी स्थानान्तरित नहीं किए जा सकते।

प्रश्न 2.
विनिर्माण उद्योग के सिद्धान्त को समझाइए।
उत्तर:
विनिर्माण उद्योग का सिद्धान्त-विनिर्माण उद्योग का एक सिद्धान्त यह है कि स्वरूप बदलने पर यदि वस्तु की क्षमता और उपयोगिता बढ़ती है तो उसका मूल्य भी बढ़ता है। उदाहरणत: कपास की तुलना में सूत का मूल्य अधिक होता है, परन्तु जब सूत से कपड़ा बनाया जाता है तो परिणामस्वरूप उसकी उपयोगिता और मूल्य दोनों बढ़ जाते हैं।

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प्रश्न 3.
लौह-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों माना जाता है?
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग एक आधारभूत उद्योग-लौह-इस्पात उद्योग आधुनिक औद्योगिक एवं आर्थिक विकास की धुरी बन गया है। इसे आधारभूत उद्योग माना जाता है, क्योंकि यह देश के औद्योगिक विकास की बुनियाद की रचना करता है। इसके उत्पाद (स्टील) से ही अन्य उद्योगों की मशीनों व अवसंरचना का निर्माण होता है इसलिए इसे अन्य उद्योगों की जननी भी कहा जाता है।

प्रश्न 4.
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के विकास के कारणों को समझाइए।
उत्तर:
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के विकास के निम्नलिखित कारण हैं-

  1. भारत एक उष्ण कटिबन्धीय देश है। सूती वस्त्र पहनना गर्म और आर्द्र जलवायु में आरामदायक रहता है।
  2. भारत में कपास बड़ी मात्रा में पैदा होता है।
  3. देश में इस उद्योग के लिए आवश्यक कुशल श्रमिक बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं।

प्रश्न 5.
चीनी उद्योग की उन्नति के लिए सुझाव दीजिए।
उत्तर:
चीनी उद्योग को उन्नत बनाने के सुझाव निम्नलिखित हैं-

  1. चीनी उत्पादन का ढंग आधुनिक करना होगा। .
  2. नई मिलें लगाने के साथ-साथ पुरानी व रुग्ण मिलों को भी ठीक करना होगा ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सके।
  3. प्रयास यह हो कि नई चीनी मिलें केवल गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में ही स्थापित हों ताकि गन्ने का परिवहन कम हो सके।
  4. चीनी उत्पादन पर सरकारी नियन्त्रण का होना आवश्यक है।

प्रश्न 6.
बड़े पैमाने के उद्योग को समझाइए।
उत्तर:
बड़े पैमाने के उद्योग-इन उद्योगों की एक इकाई में बहुत बड़ी संख्या में श्रमिक कार्य करते हैं। इस प्रकार के उद्योग बहुत बड़ी मात्रा में विविध प्रकार का कच्चा माल, पूँजी, शक्ति एवं कुशल श्रम का प्रयोग करते हैं। इन उद्योगों की अन्य विशेषताएँ उच्च गुणवत्ता वाली अत्यधिक मात्रा का उत्पादन और जटिल प्रबन्ध व्यवस्था है। पटसन, सूती कपड़ा, चीनी, मशीनी औजार से सम्बन्धित उद्योग ‘बड़े पैमाने के उद्योग’ कहलाते हैं।

प्रश्न 7.
कच्चे माल के आधार पर उद्योगों को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
कच्चे माल के आधार पर उद्योगों को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है-

  1. कृषि आधारित उद्योग; जैसे-सूती वस्त्र उद्योग।
  2. खनिज आधारित उद्योग; जैसे-लोहा एवं इस्पात उद्योग।
  3. वन आधारित उद्योग; जैसे–कागज उद्योग।
  4. उद्योगों के कच्चे माल पर आधारित उद्योग; जैसे—पेट्रो-रसायन उद्योग।

प्रश्न 8.
कृषि आधारित उद्योग किसे कहते हैं? कृषि पर आधारित उद्योगों के दो उदाहरण उनके . कच्चे माल के नामों के साथ दीजिए।
उत्तर:
कृषि आधारित उद्योग-ऐसे उद्योग जिनके उत्पाद के लिए कच्चा माल कृषि से प्राप्त किया जाता है, “कृषि आधारित उद्योग’ कहलाते हैं। उदाहरण

  1. चीनी उद्योग-कच्चा माल गन्ना।
  2. सूती वस्त्र उद्योग-कच्चा माल कपास।

प्रश्न 9.
नई औद्योगिक नीति के उद्देश्य क्या थे?
उत्तर:
नई औद्योगिक नीति के उद्देश्य निम्नलिखित थे-

  1. उद्योगों से मिलने वाले लाभों की निरन्तरता को बनाए रखना।
  2. उद्योगों की कमियों को दूर करना।
  3. उत्पादन वृद्धि की निरन्तरता को बनाए रखना।
  4. रोजगार के नवीन अवसरों का विकास करना।
  5. औद्योगिक उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाकर अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल करने के योग्य बनाना।

प्रश्न 10.
औद्योगिक समूहन की पहचान के लिए उपयोग में लाए गए सूचकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
स्थानीकरण के अनुकूल कारकों के प्रभाव से उद्योगों के समूहन की पहचान के लिए अनेक मापदण्डों का उपयोग किया जाता है। ये मापदण्ड (सूचक) हैं-

  1. औद्योगिक इकाइयों की संख्या,
  2. औद्योगिक कामगारों की संख्या,
  3. औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपयोग में लायी गई ऊर्जा की मात्रा,
  4. कुल औद्योगिक उत्पादन,
  5. विनिर्माण द्वारा वस्तुओं के मूल्य में परिवर्तन अर्थात् वस्तु की उपयोगिता बढ़ाकर उसे मूल्यवान बनाना।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
विनिर्माण उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
कच्चे और अर्द्ध-निर्मित माल को मशीनों की सहायता से उपयोगी निर्मित माल में बदलने वाले उद्योग ‘विनिर्माण उद्योग’ कहलाते हैं।

प्रश्न 2.
बड़े पैमाने के उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
ऐसे उद्योग जिनमें श्रमिकों की संख्या अधिक होती है, बड़े पैमाने के उद्योग कहलाते हैं; जैसे—लोहा-इस्पात उद्योग तथा सूती वस्त्र उद्योग।

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प्रश्न 3.
मध्यम पैमाने के उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
वे उद्योग जिनमें बड़े उद्योगों की अपेक्षा थोड़े श्रमिकों की सहायता से उत्पादन कार्य किया जाता है वे मध्यम पैमाने के उद्योग कहलाते हैं। रेडियो, टी०वी० आदि मध्यम पैमाने के उद्योग माने जाते हैं।

प्रश्न 4.
छोटे पैमाने के उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
ऐसे उद्योग जो स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, जिनमें काम करने वाले श्रमिकों की संख्या कम होती है तथा जिन्हें प्रारम्भ करने के लिए थोड़ी पूँजी की आवश्यकता होती है, वे छोटे पैमाने के उद्योग कहलाते हैं; जैसे-साबुन बनाना, बीड़ी बनाना आदि।

प्रश्न 5.
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले चार कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक-

  1. कच्चे माल की उपलब्धता,
  2. शक्ति के साधन,
  3. बाजार एवं
  4. पूँजी।

प्रश्न 6.
भारत के लोहे और इस्पात के कोई चार कारखानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
लोहे और इस्पात के कारखानों के नाम निम्नलिखित हैं-

  1. टाटा लोहा और इस्पात कम्पनी (TISCO), जमशेदपुर;
  2. भारतीय लोहा और इस्पात कम्पनी (IISCO), बर्नपुर;
  3. विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील कम्पनी, भद्रावती एवं
  4. राउरकेला इस्पात कारखाना, भिलाई।

प्रश्न 7.
ज्ञान आधारित उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे उद्योग जिन्हें उत्पादन के लिए विशिष्ट नए ज्ञान, उच्च प्रौद्योगिकी और निरन्तर शोध और अनुसन्धान की आवश्यकता रहती है, ‘ज्ञान आधारित उद्योग’ कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
निजीकरण का क्या अर्थ है?
उत्तर:
निजीकरण का अर्थ है-देश के अधिकतर उद्योगों के स्वामित्व, नियन्त्रण तथा प्रबन्ध का निजी क्षेत्र में किया जाना।

प्रश्न 9.
वैश्वीकरण क्या है?
उत्तर:
मुक्त व्यापार तथा पूँजी और श्रम की मुक्त गतिशीलता द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को अन्य देशों की अर्थव्यवस्था से जोड़ना ‘वैश्वीकरण’ है।

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प्रश्न 10.
निजी उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
निजी उद्योग में उद्योग का स्वामित्व किसी एक व्यक्ति, कुछ व्यक्तियों के समूह अथवा कम्पनी के पास होता है।
उदाहरण-टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी।

प्रश्न 11.
सहकारी उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
जब कुछ लोग एक सहकारी समिति बनाकर किसी उद्योग को चलाते हैं तो उसे ‘सहकारी उद्योग’ कहते हैं।

प्रश्न 12.
उपभोक्ता पदार्थ उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
ये वे उद्योग हैं जिनके उत्पाद का प्रयोग प्राय: दैनिक जीवन में अधिकतर लोग करते हैं। कागज, पैन, घड़ियाँ, वस्त्र, खाद्य पदार्थ इत्यादि के उद्योग उपभोक्ता उद्योग के उदाहरण हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लोहा तथा इस्पात कारखाना सर्वप्रथम कहाँ लगाया गया-
(a) पश्चिम बंगाल में
(b) उत्तर प्रदेश में
(c) गुजरात में
(d) ओडिशा में।
उत्तर:
(a) पश्चिम बंगाल में।

प्रश्न 2.
टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी कहाँ पर स्थित है-
(a) हजारीबाग
(b) भिलाई
(c) जमशेदपुर
(d) कोलकाता।
उत्तर:
(c) जमशेदपुर।

प्रश्न 3.
भारत में सर्वप्रथम सूती वस्त्र उद्योग कहाँ शुरू हुआ-
(a) कोलकाता
(b) मुम्बई
(c) अहमदाबाद
(d) कानपुर।
उत्तर:
(b) मुम्बई।

प्रश्न 4.
भारत में सर्वप्रथम सूती वस्त्र मिल कब लगाई गई-
(a) सन् 1954 में
(b) सन् 1854 में
(c) सन् 1942 में
(d) सन् 1926 में।
उत्तर:
(b) सन् 1854 में।

प्रश्न 5.
भारत की इलेक्ट्रॉनिक राजधानी किसे कहा जाता है-
(a) बंगलुरु
(b) मुम्बई
(c) कोलकाता
(d) चेन्नई।
उत्तर:
(a) बंगलुरु।

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प्रश्न 6.
चीनी उत्पादन में प्रथम स्थान पर है-
(a) उत्तर प्रदेश
(b) महाराष्ट्र
(c) तमिलनाडु
(d) कर्नाटक।
उत्तर:
(b) महाराष्ट्र।

प्रश्न 7.
ज्ञान आधारित उद्योग का उदाहरण है-
(a) सॉफ्टवेयर
(b) चिकित्सा उपकरण
(c) कम्प्यूटर हार्डवेयर
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 8.
नई औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई-
(a) सन् 1991 में
(b) सन् 1994 में
(c) सन् 2001 में
(d) सन् 2011 में।
उत्तर:
(a) सन् 1991 में।

प्रश्न 9.
नई औद्योगिक नीति, 1991 का लक्ष्य है-
(a) उदारीकरण
(b) निजीकरण
(c) वैश्वीकरण
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

प्रश्न 10.
भिलाई इस्पात संयन्त्र किस राज्य में है
(a) छत्तीसगढ़
(b) मध्य प्रदेश
(c) उत्तर प्रदेश
(d) कर्नाटक।
उत्तर:
(a) छत्तीसगढ़।

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UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Water Resources

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Water Resources (जल – संसाधन)

UP Board Class 12 Geography Chapter 6 Text Book Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 6 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
(i) निम्नलिखित में से जल किस प्रकार का संसाधन है
(क) अजैव संसाधन
(ख) अनवीकरणीय संसाधन
(ग) जैव संसाधन .
(घ) चक्रीय संसाधन।
उत्तर:
(घ) चक्रीय संसाधन।

(ii) निम्नलिखित नदियों में से, देश में किस नदी में सबसे ज्यादा पुनः पूर्ति योग्य भौम जल संसाधन हैं
(क) सिन्धु
(ख) ब्रह्मपुत्र
(ग) गंगा
(घ) गोदावरी।
उत्तर:
(ग) गंगा।

(iii) घन किमी में दी गई निम्नलिखित संख्याओं में से कौन-सी संख्या भारत में कुल वार्षिक वर्षा दर्शाती है
(क) 2,000
(ख) 3,000
(ग) 4,000
(घ) 5,000.
उत्तर:
(ख) 3,000.

(iv) निम्नलिखित दक्षिण भारतीय राज्यों में से किस राज्य में भौम जल उपयोग ( % में) इसके कुल भौम जल संभाव्य से ज्यादा है
(क) तमिलनाडु
(ख) कर्नाटक
(ग) आन्ध्र प्रदेश
(घ) केरल
उत्तर:
(क) तमिलनाडु।

(v) देश में प्रयुक्त कुल जल का सबसे अधिक समानुपात निम्नलिखित सेक्टरों में से किस सेक्टर में
(क) सिंचाई
(ख) उद्योग
(ग) घरेलू उपयोग
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) सिंचाई।

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Water Resources

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 30 शब्दों में दीजिए
(i) यह कहा जाता है कि भारत के जल संसाधनों में तेजी से कमी आ रही है। जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी कारक

  • सिंचाई के लिए जल की अधिक माँग
  • जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता का कम होना
  • जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप जल के उपयोग में वृद्धि
  • उद्योगों में जल का अन्धाधुन्ध प्रयोग एवं
  • जल प्रदूषण में वृद्धि आदि।

(ii) पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भौम जल विकास के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं?
उत्तर:
पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में भौम जल का विकास सर्वाधिक हुआ है। पंजाब तथा हरियाणा में कम वर्षा होने के कारण धरातलीय जल पर्याप्त रूप में नहीं मिलता और भौम जल का प्रयोग अधिक होता है। इन राज्यों की मिट्टी कोमल है जिससे नलकूप खोदना आसान है। तमिलनाडु में चावल की कृषि के लिए अधिक जल की आवश्यकता होती है, इस कारण भौम जल का प्रयोग किया जाता है।

(iii) देश में कुल उपयोग किए गए जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की सम्भावना क्यों है?
उत्तर:
देश में कुल उपयोग किए गए जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की बड़ी सम्भावना है क्योंकि उद्योग तथा अन्य आर्थिक क्रियाएँ कृषि की अपेक्षा अधिक तेजी से उन्नति कर रही हैं और उनमें अधिकाधिक जल प्रयोग होने की सम्भावना है।

(iv) लोगों पर संदूषित जल/गन्दे पानी के उपभोग के क्या सम्भव प्रभाव हो सकते हैं?
उत्तर:
संदूषित/गन्दे जल के उपभोग से मनुष्य को अनेक रोग लग जाते हैं जिनमें हैजा, पेचिश, तपेदिक, पीलिया आदि प्रमुख हैं। एक अनुमान के अनुसार देश में 80 प्रतिशत पेट के रोग संदूषित/गन्दे जल के उपभोग के कारण पैदा होते हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें
(i) देश में जल संसाधनों की उपलब्धता की विवेचना कीजिए और इसके स्थानिक वितरण के लिए उत्तरदायी निर्धारित करने वाले कारक बताइए।
उत्तर:
भारत में जल संसाधन – देश में एक वर्ष में वर्षण से प्राप्त कुल जल की मात्रा लगभग 4,000 घन किमी है। धरातलीय जल और पुन: पूर्तियोग्य भौम जल से 1,869 घन किमी जल उपलब्ध है। इसमें से केवल 60 प्रतिशत जल का लाभदायक उपयोग किया जा सकता है। इस तरह देश में कुल उपयोगी जल संसाधन 1,122 घन किमी है।
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Water Resources 1
धरातलीय जल संसाधन – धरातलीय जल हमें नदियों, तालाबों, झीलों तथा अन्य जलाशयों के रूप में मिलता है। सबसे अधिक धरातलीय जल नदियों में पाया जाता है। कुल धरातलीय जल का लगभग 60 प्रतिशत भाग भारत की तीन प्रमुख नदियों-सिन्धु, गंगा और ब्रह्मपुत्र में से होकर बहता है।

भौम/भूगर्भिक जल – देश में भूगर्भिक जल का वितरण अत्यधिक असमान है। इस पर चट्टानों की संरचना, धरातलीय दशा, जलापूर्ति की दशा आदि तत्त्वों का प्रभाव पड़ता है। भारत के समतल मैदानी भागों में स्थित जलज चट्टानों वाले अधिकांश भागों में, भूगर्भिक जल की अपार राशि विद्यमान है। यहाँ पर प्रवेश्य चट्टानें पायी जाती हैं, जिनमें से जल आसानी से रिसकर भूगर्भिक जल का रूप धारण कर लेता है। भारत के उत्तरी मैदान में भूगर्भिक जल के विशाल भण्डार हैं। लगभग 42 प्रतिशत से भी अधिक भौम जल भारत के विशाल मैदानों में पाया जाता है। इसके विपरीत प्रायद्वीपीय भाग कठोर तथा अप्रवेशनीय चट्टानों का बना हुआ है, जिनमें से जल रिसकर नीचे नहीं जा सकता; इसलिए इस क्षेत्र में भूगर्भिक जल का अभाव है।

(ii) जल ससाधनों का ह्रास सामाजिक द्वन्द्वों और विवादों को जन्म देते हैं। इसे उपयुक्त उदाहरणों सहित समझाइए।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ जल की माँग भी तेजी से बढ़ रही है। इसके विपरीत जल की आपूर्ति एक निश्चित सीमा तक ही हो सकती है। यह सीमित आपूर्ति भी अत्यधिक उपयोग, प्रदूषण अथवा अप्रबन्धन के कारण उपयोग के अयोग्य हो सकती है। इस दुर्लभ संसाधन के आवंटन और नियन्त्रण पर तनाव और लड़ाई-झगड़े राज्यों व देशों के बीच विवाद का विषय बन गए हैं।

भारत की अधिकतर नदियाँ अन्तर्राज्यीय विवादों से ग्रस्त हैं। देश की लगभग सभी नदियाँ एक से अधिक राज्यों में बहती हैं और उनका जल भी विभिन्न राज्यों द्वारा प्रयोग किया जाता है। भारत में प्रमुख अन्तर्राज्यीय नदी जल विवाद

  • तमिलनाडु, कर्नाटक तथा केरल के बीच कावेरी जल विवाद।
  • महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा आन्ध्र प्रदेश के बीच कृष्णा नदी जल विवाद।
  • गुजरात, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश के बीच नर्मदा नदी जल विवाद।
  • पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर तथा दिल्ली के बीच रावी नदी जल विवाद।
  • पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान के बीच सतलज-यमुना लिंक नहर पर जल विवाद।

(iii) जल-संभर प्रबन्धन क्या है? क्या आप सोचते हैं कि यह सतत पोषणीय विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है?
उत्तर:
जल-संभर प्रबन्धन – जल-संभर एक ऐसा क्षेत्र है, जिसका जल एक बिन्दु की तरफ प्रवाहित होता है, जो इसे मृदा और जल संरक्षण की आदर्श नियोजन इकाई बना देता है। इसमें एक या अनेक गाँव, कृषि योग्य और कृषि अयोग्य भूमि और विभिन्न वर्गों की जोतें और किसान शामिल हो सकते हैं। जल-संभर विधि से कृषि और कृषि से सम्बन्धित क्रियाकलापों जैसे उद्यान कृषि, वानिकी और वन-वर्धन का समग्र रूप से विकास किया जा सकता है।
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जल – संभरता विधि जल संरक्षण का एक महत्त्वपूर्ण उपाय है, जिससे कृषि का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, पारितन्त्रीय ह्रास को रोका जा सकता है और लोगों के जीवन-स्तर को ऊँचा उठाया जा सकता है।

सतत पोषणीय विकास
यह व्यवस्था सतत पोषणीय विकास में सहयोग कर सकती है। जल प्रबन्धन के कार्यक्रम कई राज्यों में चल रहे हैं जैसे नीरू-मीरू (जल और आप) कार्यक्रम आन्ध्र प्रदेश में तथा राजस्थान के अलवर जिले में अरवारी पानी संसद। कुछ क्षेत्रों में जल-संभर विकास परियोजनाएँ पर्यावरण और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने में सफल हुई हैं। फिर भी सफलता कुछ ही को मिली है। अधिकांश घटनाओं के कार्यक्रम अपनी उदीयमान अवस्था पर ही हैं। देश के लोगों को जल-संभर और प्रबन्धन के लाभों को बताकर जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता है और इस एकीकृत जल संसाधन प्रबन्धन उपागम द्वारा जल उपलब्धता सतत पोषणीय आधार पर निश्चित रूप से की जा सकती है।

UP Board Class 12 Geography Chapter 6 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 6 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय जल नीति, 2002 की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय जल नीति, 2002 की विशेषताएँ राष्ट्रीय जल नीति, 2002 की जल आवंटन प्राथमिकताएँ विस्तृत रूप में निम्नलिखित क्रम में निर्दिष्ट की गई हैं—पेयजल, सिंचाई, जलशक्ति, नौकायन, औद्योगिक और अन्य उपयोग।
इस नीति में जल व्यवस्था के लिए प्रगतिशील नए दृष्टिकोण निर्धारित किए गए हैं। इसकी मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं

  • सिंचाई और बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं में पीने का जल घटक में शामिल करना चाहिए जहाँ पेयजल के स्रोत का कोई भी विकल्प नहीं है।
  • पेयजल सभी मानव जाति और प्राणियों को उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
  • भौम जल के शोषण को सीमित और नियमित करने के लिए उपाय करने चाहिए।
  • सतह और भौम जल दोनों की गुणवत्ता के लिए नियमित जाँच होनी चाहिए। जल की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक चरणबद्ध कार्यक्रम शुरू किया जाना चाहिए।
  • जल के सभी विविध प्रयोगों में कार्यक्षमता सुधरनी चाहिए।
  • दुर्लभ संसाधन के रूप में, जल के लिए जागरूकता विकसित करनी चाहिए।
  • शिक्षा विनिमय, उपक्रमणों, प्रेरकों और अनुक्रमणों द्वारा संरक्षण चेतना बढ़ानी चाहिए।

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प्रश्न 2.
जल-संभर प्रबन्धन के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जल-संभर प्रबन्धन के उद्देश्य
जल संभर प्रबन्धन का मूल उद्देश्य क्षेत्र के संसाधनों के वैज्ञानिक मूल्यांकन तथा उनके सतत पोषणीय उपयोग द्वारा उनका संरक्षण तथा परिरक्षण करना है। इस कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं

  • वर्षा निर्भर तथा संसाधनों की कमी वाले क्षेत्रों में कृषि की उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाना।
  • कृषि के साथ-साथ सम्बन्धित क्रियाकलापों; जैसे उद्यान कृषि, जैव कृषि, वानिकी और वन वर्धन का समग्र रूप से विकास करना।
  • चरागाहों का संवर्धन तथा पशुपालन को अधिक-से-अधिक लाभकारी बनाना।
  • सामुदायिक प्राकृतिक संसाधनों के दक्ष प्रबन्ध पर बल देना ताकि मृदा अपरदन और बाढ़ के प्रकोप को कम किया जा सके।
  • भू-जल स्तर को ऊँचा उठाकर जल की लवणता को नियन्त्रित करना और परिणामस्वरूप जल की उपयोग क्षमता को बढ़ाना। इससे भूमि का भी उपचार होता है।
  • वनों के कटाव को रोककर वन्य जीवन को नैसर्गिक विकास के अवसर प्रदान करना तथा लोगों को वैकल्पिक ईंधन उपलब्ध कराकर पर्यावरण के ह्रास को नियन्त्रित करना।
  • लोगों को विशेषतः स्त्रियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना ताकि उनका जीवन-स्तर ऊँचा उठ सके। रोजगार के ये साधन पेड़ लगाने, घास काटने व उसे बेचने, तालाबों की तली में भरी गाद को निकालने, मछली पालन, सिंचाई, खेती में मजदूरी तथा वृक्षोत्पादों की बिक्री में पैदा होते हैं।

प्रश्न 3.
वर्षाजल संग्रहण क्या है? इसकी तकनीकों व उद्देश्यों को समझाइए।
उत्तर:
वर्षाजल संग्रहण-वर्षा के जल को भविष्य के उपयोग के लिए इकट्ठा करना ही ‘वर्षाजल संग्रहण’ कहलाता है। वर्षाजल संग्रहण के दो रूप हैं

  • धरातल पर एकत्र करना एवं
  • धरातल के नीचे भू-जल का पुनर्भरण करना।

वर्षाजल संग्रहण की तकनीकें
वर्षाजल संग्रहण की उल्लेखनीय तकनीकें निम्नलिखित हैं

  • छत के वर्षाजल का संग्रहण।
    UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Water Resources 3
  • बन्द व बेकार पड़े कुओं का पुनर्भरण।
  • खुदे हुए कुओं का पुनर्भरण।
  • बन्द व चालू हैण्डपम्पों का पुनर्भरण।
  • रिसाव गड्ढों का निर्माण।
  • खेतों के चारों तरफ खाइयाँ बनाना।
  • छोटी सरिताओं पर बंधिकाएँ और रोक बाँध बनाना।
  • पुनर्भरण शाफ्ट द्वारा जल संग्रहण।
  • बोर कुएँ सहित क्षैतिज शाफ्ट द्वारा जल संग्रहण।
  • छनाई ताल, नाला बन्द, सीमेण्ट प्लग जैसी फैलाव तकनीकें अपनाना।

वर्षाजल संग्रहण के उद्देश्य .
वर्षाजल संग्रहण के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं

  • जल की स्थानीय घरेलू माँग को पूरा करना विशेष रूप से गर्मियों में जब पानी की सबसे अधिक समस्या होती है।
  • भौम जल के भण्डारों में वृद्धि करना तथा जल स्तर को ऊँचा उठाना ताकि पर्यावरणीय सन्तुलन बना रहे। इससे ऊर्जा का संरक्षण होगा, क्योंकि जितना भू-जल ऊँचा होगा उसे निकालने में उतनी ही बिजली कम लगेगी।
  • जल की नियमित आपूर्ति को सुनिश्चित करना जिससे सूखे या अनावृष्टि के हालातों में मुकाबला किया जा सके।
  • फ्लुओराइड और नाइट्रेट्स; जैसे-संदूषकों को कम करके भूमिगत जल की गुणवत्ता में सुधार करना।
  • जल के सतही बहाव को कम करना जो अन्यथा नालियों में भरकर उन्हें अवरुद्ध कर देता है।
  • जल को सड़कों पर न फैलने देना। इससे पानी और सड़क क्षेत्रों का बचाव होता है।
  • भौम जल के प्रदूषण को कम करना।
  • मृदा अपरदन और बाढ़ को रोकना तथा इसका जलभृतों के पुनर्भरण के लिए उपयोग करके तटीय प्रदेशों में लवणीय जल के प्रवेश को रोकना।

प्रश्न 4.
भारत में सिंचाई की आवश्यकता के कारणों को समझाइए।
उत्तर:
भारत में सिंचाई की आवश्यकता
भारत में सिंचाई की आवश्यकता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
1. वर्षा की अनिश्चितता – भारत में वर्षा की मात्रा और समय अनिश्चित है। मानसूनी वर्षा कभी निश्चित समय से पहले शुरू होती है और कभी निश्चित समय से पहले खत्म हो जाती है। कभी बाढ़ आती है तो कभी सूखा पड़ जाता है, अत: मानसूनी वर्षा की इस अनिश्चितता के कारण अच्छी उपज लेने के लिए सिंचाई आवश्यक है।

2. वर्षा का असमान वितरण – भारत में वार्षिक वर्षा का औसत लगभग 118 सेमी है, लेकिन इसका क्षेत्रीय वितरण बहुत असमान है। चेरापूँजी और मासिनराम में वर्ष में 1200 सेमी से अधिक वर्षा होती है। इसके विपरीत पश्चिमी राजस्थान और लद्दाख में प्रतिवर्ष 20 सेमी से भी कम वर्षा होती है, अत: कम वर्षा वाले क्षेत्रों में अच्छी फसल के लिए सिंचाई आवश्यक है।

3. वर्षा का कुछ महीनों तक सीमित होना – भारत में 80 प्रतिशत वर्षा जून से सितम्बर तक केवल चार महीनों में ही होती है। उष्ण कटिबन्धीय देश होने के कारण ग्रीष्म ऋतु में तापमान ऊँचे रहते हैं, अतः सूखे के शेष चार महीनों में सिंचाई की सुविधाएँ जुटाना आवश्यक हो जाता है।

4. जनसंख्या वृद्धि – भारत की जनसंख्या निरन्तर बढ़ रही है। बढ़ी हुई जनसंख्या के लिए अतिरिक्त खाद्यान्न पैदा करने के लिए सिंचाई का उपयोग किया जाता है।

5. कुछ फसलों को अधिक जल चाहिए – चावल, गन्ना, जूट तथा सब्जियों को कुछ अन्तराल पर नियमित रूप से जल चाहिए। ऐसी फसलों के लिए पानी की पूर्ति सिंचाई द्वारा ही सम्भव है।

6. व्यापारिक फसलों के उत्पादन के लिए – व्यापारिक फसलों से किसान को अधिक आय होती है तथा देश को विदेशी मुद्रा मिलती है। ऐसी फसलों का उत्पादन सुनिश्चित सिंचाई से ही बढ़ सकता है।

7. वर्षा का बौछार के रूप में होना – मानसूनी वर्षा तेज बौछारों के रूप में होती है। ऐसी वर्षा का पानी बह जाता है तथा उसे धरातल में रिसने का अवसर ही नहीं मिलता है। ऐसे में भूमि प्यासी रह जाती है, अत: धरती की प्यास बुझाने के लिए सिंचाई आवश्यक हो जाती है।

लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भौम जल के वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए।
उत्तर:
भौम जल के वितरण को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
(1) भारत के उत्तरी समतल जलोढ़ मैदानों में भौम जल के विशाल भण्डार हैं। इसका कारण यह है कि यहाँ कोमल तथा प्रवेश्य चट्टानें पायी जाती हैं जिनमें से वर्षा एवं बाढ़ का जल रिस-रिसकर भौम जल का रूप लेता रहता है।

(2) प्रायद्वीपीय भारत की कठोर चट्टानी भूमियों में जल का रिसाव बहुत ही धीमा होने के कारण यहाँ भौम जल की सम्भावित क्षमता कम है।

(3) प्रायद्वीपीय भारत के राज्यों-महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में भौम जल की सम्भावित क्षमता इसलिए अधिक है क्योंकि इन राज्यों का आकार बड़ा है।

प्रश्न 2.
प्रमुख जल संसाधनों को समझाइए।
उत्तर:
प्रमुख जल संसाधन निम्नलिखित हैं
1. पृष्ठीय (धरातलीय) जल – यह जल नदियों, झीलों तथा तालाबों में पाया जाता है। पृष्ठीय जल का मूल स्रोत वर्षा है। मानव द्वारा पृष्ठीय जल का उपयोग पीने के लिए किया जाता है। घरेलू उपयोग, कृषि तथा उद्योगों के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

2. भौम जल – वर्षा से प्राप्त जल का एक अंश पृथ्वी पर रिसकर नीचे चला जाता है जो कि ‘भौम जल’ कहलाता है। इसका उपयोग कृषि व घरेलू कार्यों में किया जाता है।

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प्रश्न 3.
भारत में जल संसाधनों के संरक्षण की विधियों को समझाइए।
उत्तर:
भारत में जल संसाधनों के संरक्षण की विधियाँ निम्नलिखित हैं

  • नदियों पर बाँध बनाकर तथा विशाल कृत्रिम तालाब बनाकर जल का संरक्षण किया जा सकता है।
  • प्रदूषित जल का पुनश्चक्रण करके जल संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है।
  • सिंचाई की फव्वारा और टपकन विधियों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
  • सिंचाई में नालियों के स्थान पर पाइपों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
  • अधिकाधिक वृक्षारोपण करके जल का संरक्षण किया जा सकता है।
  • कम जल चाहने वाली फसलों को बोया जाना चाहिए।

प्रश्न 4.
जल के मुख्य उपयोगों को समझाइए।
उत्तर:
जल के प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं

  • जल का उपयोग सिंचाई में किया जाता है।
  • जल का उपयोग उद्योगों में विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है।
  • जल का उपयोग घरेलू कार्यों में किया जाता है।
  • जल का उपयोग शक्ति उत्पादन में किया जाता है।
  • जल का उपयोग मनोरंजन, मत्स्य पालन व परिवहन के लिए किया जाता है।

प्रश्न 5.
भारत के विशाल मैदान भौम जल संसाधनों से सम्पन्न क्यों हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत के विशाल मैदान भौम जल संसाधनों से सम्पन्न होने के निम्नलिखित कारण हैं

  • विशाल मैदानों में जलोढ़ मृदा पायी जाती है जिसमें जल आसानी से रिस जाता है।
  • इन मैदानों में बहने वाली नदियाँ सदानीरा हैं। इनमें वर्ष-भर जल प्रवाह उच्च रहता है।
  • इन मैदानों में पर्याप्त गहराई तक अवसादी शैल पायी जाती है जिससे जल की मात्रा का अधिक संग्रहण होता है।
  • इन मैदानों में मानसून वर्षा भी पर्याप्त होती है जो जल का एक स्रोत है और इस वर्षा का जल रिसकर भौम जल बनाता है।

प्रश्न 6.
प्रायद्वीपीय भारत की तुलना में विशाल मैदानों में सिंचाई अधिक विकसित क्यों है?
उत्तर:
प्रायद्वीपीय भारत की तुलना में विशाल मैदानों में सिंचाई अधिक विकसित होने के कारण निम्नलिखित हैं

  • उत्तरी विशाल मैदान की मृदा अपेक्षाकृत उपजाऊ है, इसलिए यहाँ सिंचाई की सुविधाएँ बढ़ाई गई हैं।
  • विशाल मैदान में मुलायम मृदा होने से नहरें तथा नलकूप बनाना आसान है।
  • विशाल मैदान में नदियाँ हिमालय से निकलती हैं; इसलिए. उनमें सदा जल रहता है जो कि नहर निकालने के लिए आवश्यक है।
  • विशाल मैदान एक समतल मैदान है। इस मैदान में नदियाँ मन्द गति से बहती हैं, जिनसे नहरें निकालना आसान है।

प्रश्न 7.
जल संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
जल संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता के कारण निम्नलिखित हैं

  • देश के अनेक भागों में जलाभाव की स्थिति है।
  • देश में वर्षा का कुछ ही समय में होना।
  • वर्षा का वितरण अत्यधिक असमान होना।
  • जल की माँग में तेजी से वृद्धि हो रही है जबकि आपूर्ति तेजी से कम हो रही है।
  • जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए।

प्रश्न 8.
वर्षा जल संग्रहण के आर्थिक और सामाजिक मूल्यों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वर्षा जल संग्रहण के आर्थिक और सामाजिक मूल्य निम्नलिखित हैं

  • जल की निरन्तर माँग को पूरा करते रहना।
  • नालियों को रोकने वाले सतही प्रवाह को कम करना।
  • सड़कों पर जलभराव को रोकना और प्रदूषण को घटाना।
  • भौम जल की गुणवत्ता को सुधारकर उसे बढ़ाना।
  • मृदा अपरदन को रोकना।
  • ग्रीष्मकाल में जल की आवश्यकता को पूरा करना।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
धरातलीय जल कहाँ मिलता है?
उत्तर:
धरातलीय जल हमें नदियों, झीलों, तालाबों तथा अन्य जलाशयों के रूप में मिलता है।

प्रश्न 2.
भूगर्भिक जल को प्रभावित करने वाले कारक बताइए।
उत्तर:
भूगर्भिक जल को प्रभावित करने वाले कारक हैं

  • चट्टानों की संरचना
  • धरातलीय दशा एवं
  • जलापूर्ति की दशा आदि।

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प्रश्न 3.
भौम जल का सर्वाधिक उपयोग किसमें किया जाता है?
उत्तर:
भौम जल का सर्वाधिक उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है।

प्रश्न 4.
जल की गुणवत्ता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जल की गुणवत्ता से तात्पर्य जल की शुद्धता अथवा अनावश्यक बाहरी पदार्थों से रहित जल से है।

प्रश्न 5.
जल को मापने की कोई दो प्रमुख इकाइयाँ बताइए।
उत्तर:
जल को मापने की प्रमुख इकाई

  • घनमीटर जल एवं
  • हेक्टेयर मीटर जल।

प्रश्न 6.
भूमिगत जल किसे कहते हैं?
उत्तर:
वर्षा का जल मृदा में प्रवेश कर भूमिगत हो जाता है, उसे भौमजल’ या भूमिगतजल’ कहा जाता है।

प्रश्न 7.
सिंचाई किसे कहते हैं?
उत्तर:
जल की प्रणाली अथवा नालियों द्वारा कृत्रिम रूप से खेतों तक पहुँचाने को सिंचाई कहते हैं।

प्रश्न 8.
शष्क व अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में जल संरक्षण के कोई दो प्रमुख उपाय बताइए।
उत्तर:

  • शुष्क कृषि प्रणाली एवं
  • बौछारी तथा टपकन सिंचाई।

प्रश्न 9.
जल-संभर से क्या आशय है?
उत्तर:
जल-संभर प्रकृति द्वारा निर्मित एक ऐसा सुनिश्चित क्षेत्र होता है जिसका जल एक ही बिन्दु की तरफ प्रवाहित होता है।

प्रश्न 10.
जल-संभर प्रबन्धन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जल-संभर प्रबन्धन से तात्पर्य धरातलीय और भौम जल संसाधनों के संरक्षण और उनके दक्ष प्रबन्धन से है।

प्रश्न 11.
जल-संभर प्रबन्धन का मूल उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
जल-संभर प्रबन्धन का मूल उद्देश्य क्षेत्र के संसाधनों के वैज्ञानिक मूल्यांकन तथा उनके सतत पोषणीय उपयोग द्वारा उनका संरक्षण तथा परिरक्षण करना है।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत में विश्व जल संसाधन का कितना भाग पाया जाता है
(a) 4 प्रतिशत
(b) 1 प्रतिशत
(c) 3 प्रतिशत
(d) 2 प्रतिशत।
उत्तर:
(a) 4 प्रतिशत।

प्रश्न 2.
भारत में भौम जल के कुल उपलब्ध संसाधनों का कितना प्रतिशत भाग विकसित किया जा सका
(a) 40 प्रतिशत
(b) 55 प्रतिशत
(c) 32 प्रतिशत
(d) 25 प्रतिशत।
उत्तर:
(c) 32 प्रतिशत।

प्रश्न 3.
सिंचाई की आवश्यकता का क्या कारण है
(a) फसलों की प्रकृति
(b) वर्षा की अनिश्चितता
(c) वर्षा का असमान वितरण
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 4.
वर्षण से प्राप्त जल कैसा होता है
(a) अलवणीय
(b) लवणीय
(c) पृष्ठीय
(d) वायुमण्डलीय।
उत्तर:
(a) अलवणीय।

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प्रश्न 5.
गंगा नदी भारत के किस भाग में बहती है
(a) उत्तरी
(b) पूर्वी
(c) पश्चिमी
(d) दक्षिणी।
उत्तर:
(a) उत्तरी।

प्रश्न 6.
वर्षा का जल बहकर नदियों, झीलों और तालाबों में चला जाता है, उसे क्या कहते हैं
(a) भौम जल
(b) पृष्ठीय जल
(c) अलवणीय जल
(d) महासागरीय जल।
उत्तर:
(b) पृष्ठीय जल।

प्रश्न 7.
भारत में जल अधिनियम कब बनाया गया
(a) 1970 में
(b) 1972 में
(c) 1974 में
(d) 1976 में।
उत्तर:
(c) 1974 में।

प्रश्न 8.
राष्ट्रीय जल नीति कब लागू की गई
(a) सन् 2000 में
(b) सन् 2002 में
(c) सन् 2004 में
(d) सन् 2005 में।
उत्तर:
(b) सन् 2002 में।

प्रश्न 9.
रालेगैन सिद्धि किस राज्य में है
(a) गुजरात
(b) महाराष्ट्र
(c) उत्तर प्रदेश
(d) राजस्थान।
उत्तर:
(b) महाराष्ट्र।

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UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 9 Planning and Sustainable Development in Indian Context

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UP Board Class 12 Geography Chapter 9 Text Book Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 9 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए-
(i) प्रदेशीय नियोजन का सम्बन्ध है-
(क) आर्थिक व्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों का विकास
(ख) क्षेत्र-विशेष के विकास का उपागम
(ग) परिवहन जल तन्त्र में क्षेत्रीय अन्तर
(घ) ग्रामीण क्षेत्रों का विकास
उत्तर:
(ख) क्षेत्र-विशेष के विकास का उपागम।

(ii) आई०टी०डी०पी० निम्नलिखित में से किस सन्दर्भ में वर्णित है-
(क) समन्वित पर्यटन विकास प्रोग्राम
(ख) समन्वित यात्रा विकास प्रोग्राम
(ग) समन्वित जनजातीय विकास प्रोग्राम
(घ) समन्वित परिवहन विकास प्रोग्राम।
उत्तर:
(ग) समन्वित जनजातीय विकास प्रोग्राम।

(iii) इन्दिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास के लिए इनमें से कौन-सा सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है-
(क) कृषि विकास
(ख) पारितन्त्र विकास
(ग) परिवहन विकास
(घ) भूमि उपनिवेशन।
उत्तर:
(ख) पारितन्त्र विकास।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें-
(i) भरमौर जनजातीय क्षेत्र में समन्वित जनजातीय विकास कार्यक्रम के सामाजिक लाभ क्या हैं?
उत्तर:
भरमौर जनजातीय क्षेत्र में जनजातीय विकास कार्यक्रम से सबसे अधिक विकास विद्यालयों, स्वास्थ्य सुविधाओं, पेयजल, परिवहन एवं संचार तथा विद्युत के क्षेत्र में हुआ।

(ii) सतत पोषणीय विकास की संकल्पना को परिभाषित करो।
उत्तर:
ब्रटलैण्ड आयोग के अनुसार सतत पोषणीय विकास का अर्थ है-“एक ऐसा विकास जिसमें भविष्य में आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकता पूर्ति को प्रभावित किए बिना वर्तमान पीढ़ी द्वारा अपनी आवश्यकता की पूर्ति की जाए।”

(iii) इन्दिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र का सिंचाई पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
इन्दिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र में नहर द्वारा सिंचाई के प्रसार से इस प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यहाँ मृदा में नमी की कमी कृषि के विकास में सबसे बड़ी बाधा थी। सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने से बोए गए क्षेत्र का विस्तार हुआ है और एक से अधिक बार बोए गए क्षेत्र में वृद्धि हुई है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें-

(i) सूखा सम्भावी क्षेत्र कार्यक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। यह कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि कृषि विकास में कैसे सहायक है?
उत्तर:
सूखा सम्भावी क्षेत्र कार्यक्रम-यह कार्यक्रम चौथी योजना में शुरू किया गया था। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सूखा प्रवण क्षेत्रों में गरीब ग्रामीण लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना तथा सूखे के प्रभाव को कम करना था। इसमें भूमि तथा मजदूर की उत्पादकता में वृद्धि के लिए विकासात्मक कार्य शुरू किए गए थे। समन्वित विकास पर विशेष जोर दिया गया था। ये कार्यक्रम सिंचाई परियोजनाओं, भूमि विकास कार्यक्रम, वनारोपण/वनीकरण, घास भूमि विकास, ग्रामीण विद्युतीकरण और अवसंरचनात्मक विकास कार्यक्रम से सम्बन्धित थे।

कार्यक्रम का प्रभाव मुख्यत: कृषि तथा इससे सम्बद्ध सेक्टरों के विकास तक ही सीमित है और पर्यावरणीय सन्तुलन पुनः स्थापन तक इसमें विशेष बल दिया गया। यह भी महसूस किया गया कि जनसंख्या में तीव्र वृद्धि के कारण भूमि पर जनसंख्या का भार निरन्तर बढ़ रहा है और कृषक अधिक कृषि उत्पादन प्राप्त करने के लिए सीमान्त भूमि का प्रयोग करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे पारिस्थितिकीय सन्तुलन बिगड़ रहा है, अत: सूखा प्रभावी क्षेत्रों में वैकल्पिक रोजगार के अवसर उत्पन्न करना अति महत्त्वपूर्ण हो गया है।

कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि कृषि विकास में सहायक-भारत में सूखा सम्भावी क्षेत्र मुख्यत: राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र, आन्ध्र प्रदेश में रायलसीमा, तेलंगाना, कर्नाटक पठार और तमिलनाडु की उच्च भूमि तथा आन्तरिक भाग के शुष्क और अर्द्ध-शुष्क भागों में फैले हुए हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के सूखा प्रभावित क्षेत्र सिंचाई के प्रसार के कारण सूखे से बच जाते हैं।

(ii) इन्दिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के लिए उपाय सुझाइए।
उत्तर:
इन्दिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के उपाय निम्नलिखित हैं-

(1) जल सघन फसलों के स्थान पर बागवानी कृषि में खट्टे फलों की कृषि को प्रोत्साहन देना चाहिए।
(2) जल प्रबन्धन नीति को कठोरता से लागू करने की आवश्यकता है।
(3) जलाक्रान्त तथा लवणता से प्रभावित भूमि के पुनरुद्धार के प्रयास किए जाएँ।
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 9 Planning and Sustainable Development in Indian Context 1
(4) कमान क्षेत्र विकास कार्यक्रम; जैसे-नालों को पक्का करना, भूमि विकास तथा समतलन और बारबंदी (ओसरा) पद्धति (निकास के कमान क्षेत्र में नहर के जल का समान वितरण) प्रभावी रूप से क्रियान्वित की जाएँ जिससे बहते जल की क्षति मार्ग में कम हो सके।
(5) सतत पोषणीय विकास प्राप्त करने के लिए कृषि तथा इससे सम्बन्धित क्रियाकलापों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों का भी विकास करना होगा।
(6) सामाजिक सतत पोषणीयता का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निर्धन आर्थिक स्थिति वाले भू-आवंटियों को पर्याप्त वित्तीय एवं संस्थागत सहायता देने की आवश्यकता है।
(7) प्रदेश के पारिस्थितिक तन्त्र के विकास के लिए वनीकरण, वृक्षों की रक्षण मेखला का निर्माण तथा चरागाह का विकास आवश्यक है।

UP Board Class 12 Geography Chapter 9 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 9 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विशिष्ट पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम पाँचवीं पंचवर्षीय योजना में आरम्भ हुआ और इसमें उत्तराखण्ड, मिकिर पहाड़ी और असम की उत्तरी कछार की पहाड़ियाँ, पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग जिला तथा तमिलनाडु के नीलगिरि इत्यादि को मिलाकर 15 जिले शामिल हैं। पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए बनी राष्ट्रीय समिति ने सन् 1981 में सिफारिश की कि देश के उन सभी पर्वतीय क्षेत्रों को पिछड़े पर्वतीय क्षेत्रों में शामिल कर लिया जाए जिनकी ऊँचाई 600 मीटर से अधिक है और जिनमें जनजातीय उपयोजना लागू नहीं है।

राष्ट्रीय समिति ने पहाड़ी क्षेत्रों के विकास के लिए जो सुझाव दिए, उनमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा गया था

  1. कार्यक्रम का लाभ पहाड़ी क्षेत्र के सभी लोगों तक पहुँचे।
  2. स्थानीय संसाधनों व प्रतिभाओं का विकास हो सके।
  3. पहाड़ी लोग अपनी जीविका-निर्वाह अर्थव्यवस्था को निवेश-उन्मुखी बनाएँ व कुछ लाभ कमाना सीखें।
  4. अन्तः प्रादेशिक व्यापार में पिछड़े अर्थात् पर्वतीय क्षेत्रों का शोषण न होने पाए।
  5. पिछड़े क्षेत्रों की बाजार व्यवस्था में सुधार करके श्रमिकों को लाभ पहुँचाना।
  6. पारिस्थितिकीय सन्तुलन बनाए रखना।

पहाड़ी क्षेत्रों के विकास की योजनाएँ बनाते समय उनकी स्थलाकृति, पारिस्थितिकी व सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दशाओं को ध्यान में रखा गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय लोगों को पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, मृदा संरक्षण, वृक्षारोपण तथा उद्यान खेती इत्यादि का प्रशिक्षण देकर तथा उन्हें इन कार्यक्रमों में शामिल करके स्थानीय संसाधनों का दोहन करना था।

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प्रश्न 2.
लक्ष्य क्षेत्र नियोजन को समझाइए।
उत्तर:
जो क्षेत्र आर्थिक विकास की दौड़ में पिछड़ गए हैं उनके नियोजन पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। आप जानते हैं कि किसी क्षेत्र का आर्थिक विकास उसके संसाधन आधार (Resources Base) पर निर्भर करता है, लेकिन कई बार संसाधनों से समृद्ध क्षेत्र भी पिछड़े रह जाते हैं। आर्थिक विकास के लिए संसाधनों के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान और पूँजी की भी आवश्यकता होती है।

भारत में पहली तीन पंचवर्षीय योजनाओं का परिणाम यह रहा कि आर्थिक विकास में क्षेत्रीय विषमता और अधिक बढ़ती जा रही है। विकास का फल आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों और लोगों, विशेषतया स्त्रियों को उस हिसाब से नहीं मिल पाया जिसकी उम्मीद थी, अत: प्रादेशिक और सामाजिक विषमताओं को कम करने के लिए योजना आयोग ने योजना के दो नए उपगमनों ‘लक्ष्य क्षेत्र’ और ‘लक्ष्य समूह’ को प्रस्तुत किया है। लक्ष्य क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए जो कार्यक्रम इस देश में बनाए गए हैं, उनमें कमाण्ड एरिया डेवलपमेण्ट प्रोग्राम, सूखा प्रवण क्षेत्र विकास कार्यक्रम, मरुस्थल क्षेत्र विकास कार्यक्रम तथा पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम प्रमुख हैं।

इसी तरह लक्ष्य समूह विकास को ध्यान में रखते हुए लघु कृषक विकास अभिकरण (SFDA) तथा सीमान्त कृषक विकास अभिकरण (MFDA) जैसे कार्यक्रम चलाए गए।

आठवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान उत्तर-पूर्वी राज्यों, जनजातीय क्षेत्रों एवं पिछड़े क्षेत्रों में ढाँचागत सुविधाओं का विकास करने के लिए ‘विशिष्ट क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ लागू किया गया।

प्रश्न 3.
नियोजन का क्या अर्थ है? नियोजन के उपगमन को समझाइए।
उत्तर:
नियोजन का अर्थ-किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए-

  1. सोच-विचार करना,
  2. कार्यों व प्राथमिकताओं का क्रम विकसित करना तथा
  3. उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कठोर परिश्रम करना, ‘नियोजन’ कहलाता है।

नियोजन जिन समस्याओं को ध्यान में रखकर किया जाता है वे समस्याएँ स्थायी न होकर परिवर्तनीय होती हैं। नियोजन की अवधि भी अलग-अलग होती है।

नियोजन के उपगमन-सामान्यत: नियोजन के दो उपगमन होते हैं-

1.खण्डीय नियोजन-नियोजन के इस प्रकार में अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों; जैसे-कृषि, सिंचाई, विनिर्माण, ऊर्जा, परिवहन, संचार, सामाजिक अवसंरचना और सेवाओं के लिए कार्यक्रम बनाए और लागू किए जाते हैं।

2. क्षेत्रीय नियोजन-किसी भी क्षेत्र के सभी भागों में एक समान आर्थिक विकास नहीं पाया जाता। कुछ क्षेत्र अधिक विकसित हो जाते हैं व अन्य कुछ पिछड़े रह जाते हैं। विकास की यह क्षेत्रीय असमानता नियोजकों को प्रेरित करती है कि वे नियोजन का स्थानिक परिप्रेक्ष्य अपनाते हुए ऐसी योजनाएँ बनाएँ जिनसे विकास में प्रादेशिक असन्तुलन कम हो सके। इस प्रकार के नियोजन को क्षेत्रीय नियोजन’ कहा जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
प्रादेशिक विषमता उत्पन्न होने के कारणों को समझाइए।
उत्तर:
प्रादेशिक विषमता उत्पन्न होने के निम्नलिखित कारण हैं-

  1. देश के अधिकांश पिछड़े क्षेत्रों पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया।
  2. द्वितीय पंचवर्षीय योजना में देश के गिने-चुने भागों में बड़े-बड़े कारखाने स्थापित किए गए। इन उद्योगों की स्थापना से अन्तः प्रादेशिक विषमताएँ बढ़ गईं।
  3. 60 के दशक में आयी हरित क्रान्ति ने भी आर्थिक विषमता को बढ़ावा दिया।
  4. उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण के कारण भी विकास केवल सुविधाजनक क्षेत्रों में ही तेजी से हो रहा है, सभी क्षेत्रों में नहीं। इससे प्रादेशिक विषमता बढ़ रही है।
  5. पक्षपातपूर्ण निवेश भी आर्थिक विषमता को बढ़ा रहा है।

प्रश्न 2.
भारत में किस पंचवर्षीय योजना में सूखा सम्भावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम की शुरुआत हुई? कार्यक्रम के उद्देश्यों को समझाइए।
उत्तर:
सूखा सम्भावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम चौथी पंचवर्षीय योजना में आरम्भ किया गया। कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य थे-

  1. सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लोगों की आय में वृद्धि हो और उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त हों।
  2. अभावग्रस्त लोगों के लिए काम के अवसर निकाले जा सकें।
  3. सूखाग्रस्त क्षेत्रों में गरीबी दूर करने के लिए रोजगार देकर सहायता करना।

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प्रश्न 3.
हिमाचल प्रदेश के भरमौर क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र के रूप में कब अधिसूचित किया गया? इस क्षेत्र की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भरमौर क्षेत्र 21 नवम्बर, 1975 को आदिवासी क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। भरमौर क्षेत्र की विशेषताएँ-

भरमौर क्षेत्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. यह क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है।
  2. यह एक पर्वतीय क्षेत्र है।
  3. यहाँ के निवासी गद्दी आदिवासी हैं।
  4. यहाँ की जलवायु कठोर है तथा साधन कम हैं।
  5. यह क्षेत्र आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़ा हुआ है।

प्रश्न 4.
भरमौर जनजातीय क्षेत्र विकास योजना के उद्देश्यों को समझाइए।
उत्तर:
भरमौर जनजातीय क्षेत्र विकास योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

  1. भरमौर जनजातीय क्षेत्र विकास योजना का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करना है।
  2. यहाँ के लोगों के जीवन स्तर का विकास तथा शिक्षा, आवास और स्वास्थ्य समस्या को हल करना है।

प्रश्न 5.
सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. कार्यक्रम के द्वारा अभावग्रस्त लोगों के लिए कार्यक्रम बनाए गए।
  2. कार्यक्रम में भूमि और मजदूरों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए विकासात्मक कार्य शुरू किए गए।
  3. कार्यक्रम में क्षेत्र के विकास पर जोर दिया गया।
  4. भूमि विकास तथा लघु सिंचाई कार्यक्रमों द्वारा उत्पादकता बढ़ाने के लिए इन क्षेत्रों में विकासात्मक कार्य शुरू किए गए।

प्रश्न 6.
चौथी पंचवर्षीय योजना के उद्देश्यों को समझाइए।
उत्तर:
चौथी पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

  1. यथासम्भव आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ना तथा विदेशी सहायता की अनिश्चितता को कम करना।
  2. सामाजिक न्याय तथा समानता को बढ़ाना।
  3. साधनहीन और कमजोर वर्गों की दशा सुधारने तथा जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए शिक्षा और रोजगार की व्यवस्था करना।
  4. प्रादेशिक असन्तुलन को कम करना।

प्रश्न 7.
पिछड़े क्षेत्रों के विषय में क्या सुझाव दिए गए हैं?
उत्तर:
पिछड़े क्षेत्रों के सम्बन्ध में राष्ट्रीय समिति ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं-

  1. सभी लोग लाभान्वित हों न कि केवल प्रभावशाली लोग।
  2. स्थानीय संसाधनों और प्रतिभाओं का विकास किया जाए।
  3. जीविका निर्वाह अर्थव्यवस्था को निवेश उन्मुखी बनाना।
  4. अन्तःप्रादेशिक व्यापार में पिछड़े क्षेत्रों का शोषण न हो।
  5. पारिस्थितिक सन्तुलन को बनाए रखा जाए।

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प्रश्न 8.
विकास की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
विकास की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. विकास के अन्तर्गत वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाता है।
  2. इसमें नवीकरण योग्य साधनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है।
  3. इसमें पर्यावरण प्रदूषण के नियन्त्रण पर विशेष बल नहीं दिया जाता।
  4. यह एक पुरानी संकल्पना है।
  5. इसमें संसाधनों के वैज्ञानिक प्रबन्धन पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता।

प्रश्न 9.
सतत पोषणीय विकास की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सतत पोषणीय विकास की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. सतत पोषणीय विकास में भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाता है।
  2. इसमें नवीकरण योग्य संसाधनों; जैसे-वन, मछली आदि के प्राकृतिक रूप में पुनरुत्पादन और संवर्द्धन पर पूरा-पूरा ध्यान दिया जाता है।
  3. इसमें पर्यावरण को एक संसाधन माना जाता है।
  4. सतत पोषणीय विकास अपेक्षाकृत एक नई संकल्पना है।

प्रश्न 10.
जनजातीय विकास कार्यक्रम की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
जनजातीय विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. ये कार्यक्रम समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए बनाए गए थे।
  2. ये कार्यक्रम आम आदमी को शीघ्र लाभ देने के उद्देश्य से बनाए गए थे।
  3. ये कार्यक्रम चुने गए क्षेत्रों की विशेष समस्याओं को सुलझाने के लिए बनाए गए थे। प्रमुख समस्याएँ थीं-बँधुआ मजदूरी, स्थानान्तरी कृषि तथा भूमि का हस्तान्तरण आदि।
  4. इन कार्यक्रमों के कुछ जनजातीय और दीर्घावधि उद्देश्य भी निर्धारित किए गए थे।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
नियोजन किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए सोच-विचार करना, कार्यों व प्राथमिकताओं का क्रम विकसित करना तथा उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कठोर परिश्रम करना ‘नियोजन’ कहलाता है।

प्रश्न 2.
पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम कब आरम्भ हुआ?
उत्तर:
पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम पाँचवीं पंचवर्षीय योजना में आरम्भ हुआ।

प्रश्न 3.
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का समय क्या था?
उत्तर:
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का समय सन् 2007 से 2012 तक का था।

प्रश्न 4.
सूखा सम्भावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम कब शुरू किया गया?
उत्तर:
सूखा सम्भावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-1974) में शुरू किया गया।

प्रश्न 5.
सूखा सम्भावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
सूखा सम्भावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम का उद्देश्य संसाधनों के अभाव वाले सूखा सम्भावी क्षेत्रों में सूखे के प्रभाव अर्थात् गरीबी को दूर करने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना था।

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प्रश्न 6.
जनजातीय विकास कार्यक्रम किन जिलों के लिए तैयार किया गया था?
उत्तर:
जनजातीय विकास कार्यक्रम उन जिलों के लिए तैयार किए गए थे जिनकी आधी या उससे अधिक जनसंख्या जनजातीय है। .

प्रश्न 7.
हिमाचल प्रदेश के भरमौर क्षेत्र में कौन-सी जनजाति पायी जाती है?
उत्तर:
हिमाचल प्रदेश के भरमौर क्षेत्र में ‘गद्दी’ जनजाति पायी जाती है।

प्रश्न 8.
सतत पोषणीय विकास की संकल्पना कब की गई?
उत्तर:
सतत पोषणीय विकास की संकल्पना सन् 1987 में की गई।

प्रश्न 9.
जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम शुरू करने वाले राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखण्ड और राजस्थान।

प्रश्न 10.
2 नवम्बर 1984 से पहले इन्दिरा गांधी नहर का क्या नाम था?
उत्तर:
2 नवम्बर 1984 से पहले इन्दिरा गांधी नहर का नाम ‘राजस्थान नहर’ था।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कौन-सी योजना में स्पष्ट रूप से विकास की विचारधारा पर जोर दिया गया-
(a) द्वितीय
(b) तृतीय
(c) चतुर्थ
(d) पंचम।
उत्तर:
(c) चतुर्थ।

प्रश्न 2.
कृषि जलवायु नियोजन का आरम्भ कब किया गया-
(a) सन् 1988 में
(b) सन् 1974 में
(c) सन् 1966 में
(d) सन् 1992 में।
उत्तर:
(b) सन् 1974 में।

प्रश्न 3.
उन क्षेत्रों में कौन-सा कार्यक्रम शुरू किया गया जहाँ 50 प्रतिशत से अधिक जनजाति के लोग रहते-
(a) जनजातीय विकास कार्यक्रम
(b) पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम
(c) गहन कृषि विकास कार्यक्रम
(d) सामुदायिक विकास कार्यक्रम।
उत्तर:
(a) जनजातीय विकास कार्यक्रम।

प्रश्न 4.
सतत विकास की आवश्यकता का उद्देश्य किस योजना में रखा गया-
(a) नौवीं पंचवर्षीय योजना
(b) आठवीं पंचवर्षीय योजना
(c) सातवीं पंचवर्षीय योजना
(d) छठी पंचवर्षीय योजना।
उत्तर:
(a) नौवीं पंचवर्षीय योजना।

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प्रश्न 5.
दसवीं पंचवर्षीय योजना कब समाप्त हुई-
(a) 31 मार्च 2007
(b) 31 मार्च 2008
(c) 31 मार्च 2009
(d) 31 मार्च 2010
उत्तर:
(a) 31 मार्च 2007

प्रश्न 6.
भरमौर क्षेत्र में निवास करने वाली जनजाति है-
(a) गद्दी
(b) भोटिया
(c) गुर्जर
(d) बकरवाल।
उत्तर:
(a) गद्दी।

प्रश्न 7.
भारत में पहली पंचवर्षीय योजना कब आरम्भ हुई-
(a) सन् 1950 में
(b) सन् 1951 में
(c) सन् 1952 में
(d) सन् 1956 में।
उत्तर:
(b) सन् 1951 में।

प्रश्न 8.
भरमौर क्षेत्र की प्रमुख नदी है-
(a) सतलज
(b) व्यास
(c) ताप्ती
(d) रावी।
उत्तर:
(d) रावी।

प्रश्न 9.
सतत पोषणीय विकास को प्राप्त करने का कौन-सा उपाय ठीक नहीं है
(a) अवशिष्ट पदार्थों का पुन: उपयोग
(b) सही प्रविधि का प्रयोग
(c) नवीकरण योग्य संसाधनों का कम प्रयोग
(d) पर्यावरण प्रदूषण पर रोकथाम।
उत्तर:
(c) नवीकरण योग्य संसाधनों का कम प्रयोग।

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प्रश्न 10.
इन्दिरा गांधी नहर का निर्माण कितने चरणों में पूरा हुआ-
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच।
उत्तर:
(a) दो।

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