UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 4 जब मैं पढ़ता था

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 4 जब मैं पढ़ता था

जब मैं पढ़ता था शब्दार्थ

सत्यप्रिय = सच्चाई चाहने वाला
अप्रसन्न = नाराज
सत्यवादी = सच बोलने वाला
गर्व = अभिमान
छात्रवृत्ति = वजीफा
अनिवार्य = जो टाला न जा सके
असह्य = सहन न करने योग्य
असावधान – लापरवाह
अरुचि = रुचि या रुझान न होना
विघ्न = बाधा।

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जब मैं पढ़ता था  पाठ का सारांश

गांधी जी के पिता करमचंद गांधी राजकोट के दीवान थे। वे सत्यप्रिय और उदार व्यक्ति थे। गांधी जी की माता धार्मिक विचारों वाली महिला थीं। गांधी जी का जन्म २ अक्टूबर, १८६९ को पोरबंदर में हुआ था। बचपन से ही संकोची स्वभाव वाले गांधी जी ने कभी झूठ नहीं कहा। वे सुबह सैर करते। वे व्यायाम को जरूरी मानते थे। एक बार सत्य बोलने पर उनपर जुर्माना हो गया, तब उन्होंने समझा कि सत्य बोलने वाले को असावधान भी नहीं रहना चाहिए।

जब मैं पढ़ता था अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
‘धर्म’ शब्द में ‘इक’ लगाने पर ‘धार्मिक’ बनता है। इसी प्रकार, नीचे दिए गए शब्दों में ‘इक’ लगाकर नए शब्द बनाओ (नए शब्द बनाकर)
उत्तर:
मास – मासिक
पक्ष – पाक्षिक
वर्ष – वार्षिक
सप्ताह – साप्ताहिक

प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों के विलोम शब्द लिखो (विलोम शब्द लिखकर)
उत्तर:
शब्द – विलोम
सावधान – असावधान
रुचि – अरुचि
पूर्ण – अपूर्ण
न्याय – अन्याय
प्रसन्न – अप्रसन्न
सभ्य – असभ्य

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प्रश्न ३.
विद्यार्थी स्वयं पढ़ें।

प्रश्न ४.
नीचे लिखे शब्दों को शुद्ध रूप में लिखो (लिखकर )
उत्तर:
अनुसाशन – अनुशासन 
शुलेख – सुलेख
अपुर्ण – अपूर्ण
शाहसी – साहसी
धार्मीक – धार्मिक
लभकारी – लाभकारी

प्रश्न ५.
नीचे लिखे वाक्यों में उचित विराम चिहनों का प्रयोग करो (विराम चिहनों का प्रयोग करके)
उत्तर:
मैंने पुस्तकों में पढ़ा था कि खुली हवा में घूमना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। यह बात मुझे अच्छी लगी और तभी से मैंने सैर करने की आदत डाल ली।

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दो।
(क) गांधी जी की माता का स्वभाव कैसा था?
उत्तर:
गांधी जी की माता का स्वभाव बहुत अच्छा था। वे धार्मिक विचारों की महिला थीं।

(ख) “सत्य हरिश्चंद्र नाटक देखकर गांधी जी ने क्या निश्चय किया?
उत्तर:
‘सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक देखकर गांधी जी ने हरिश्चंद्र की तरह सत्यवादी बनने का निश्चय किया।

(ग) सैर करने की आदत से गांधी जी को क्या लाभ हुआ?
उत्तर:
सैर करने की आदत से गांधी जी का शरीर मजबूत हो गया।

(घ) गांधी जी किस बात की तरफ विशेष ध्यान देते थे?
उत्तर:
गांधी जी अच्छे आचरण की तरफ विशेष ध्यान देते थे।

(ङ) इस पाठ से गांधी जी के व्यक्तित्व के किन-किन गुणों का पता चलता है?
उत्तर:
इस पाठ से गांधी जी के व्यक्तित्व के सत्यप्रिय, अहिंसावादी, कर्तव्यनिष्ठ, दृढ़प्रतिज्ञ, देशभक्त होने जैसे गुणों का पता चलता है।

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प्रश्न २.
क्या होता था जब (मौखिक उत्तर दें)
(क) गांधी जी से कभी कोई भूल हो जाती थी।
उत्तर:
गांधी जी से कभी कोई भूल हो जाती थी, तो उनकी आँखों में आँसू आ जाते थे।

(ख) गांधी जी जब किसी की सुन्दर लिखावट देखते थे।
उत्तर:
किसी की सुन्दर लिखावट देखकर गांधी जी को पछतावा होता था।

(ग) गांधी जी को स्कूल में कोई दंड मिलता था।
उत्तर:
उन्हें इस बात का दुःख होता था कि वे दण्ड के पात्र समझे गए।

प्रश्न ३.
इन बातों के सम्बन्ध में तुम्हारे क्या विचार हैं
(क) सुन्दर लिखावट
उत्तर:
सुन्दर लिखावट का गुण अच्छे विद्यार्थी के लिए सोने पर सुहागा के समान है।

(ख) प्रातःकाल भ्रमण
उत्तर:
प्रात:काल का भ्रमण स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

(ग) खेलने और व्यायाम
उत्तर:
खेल और व्यायाम दोनों ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।

(घ) कोई भूल हो जाना
उत्तर:
कोई भूल होने पर हमें विनम्रता से क्षमा माँगनी चाहिए।

(ङ) सत्य बोलना
उत्तर:
सत्य बोलना हृदय की पवित्रता का प्रतीक होता है।

प्रश्न ४.
प्रातःकाल व्यायाम करना चाहिए। इस वाक्य में ‘प्रातःकाल’ और ‘व्यायाम’ शब्दों का एक साथ प्रयोग हुआ है। ऐसे दो वाक्य और बनाओ, जिनमें इन दोनों शब्दों का एक साथ प्रयोग हो।
उत्तर:
१. प्रात:काल व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
२. प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व उठकर व्यायाम करना चाहिए।

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तुम्हारी कलम से

अपनी पसंद के व्यक्ति के बारे में कुछ वाक्य लिखो। तुम्हें वह क्यों पसन्द हैं? तुम बड़े होकर किसके जैसा बनना चाहोगे?
नोट – विद्यार्थी स्वयं लिखें।

अब करने की बारी

(क) अपने बड़ों से सत्य हरिश्चंद्र की कथा सुनकर कक्षा में सुनाओ।
(ख) गांधी जी के जीवन से सम्बन्धित तस्वीरें इकट्ठा करो और उनका एलबम बनाओ।
(ग) गांधी जी की प्रिय रामधुन ‘रघुपति राघव राजा राम’ याद करो और विद्यालय की बालसभा, गांधी जयंती पर सुनाओ।
(घ) पत्र-पत्रिकाओं से गांधी जी के जीवन से जुड़े प्रसंग चुनकर संग्रह करो।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

इसे भी करो

खाली स्थानों में परिवार के सदस्यों के नाम लिखकर अपने परिवार का वंश-वृक्ष बनाओ
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नोट – विद्यार्थी स्वयं बनाएँ।

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 3 किस्मत का खेल

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 3 किस्मत का खेल

किस्मत का खेल शब्दार्थ

स्वांग = ढोंग, नकल
किस्मत = भाग्य
जिक्र = उल्लेख
उम्मीद = आशा

किस्मत का खेल पाठ का सारांश

प्रत्येक वर्ष एक बड़े मंदिर में वर्षा ऋतु का उत्सव होता था। यहाँ मेला भी लगता था। मैं मामा जी और अपने मित्र नानू के साथ मेला देखने लगा। मामा जी अपने मित्रों के साथ चले गए। उन्होंने मुझे कुछ भी न खरीदने के लिए कहा।

नानू और मैं मेले में घूमते हुए एक ऐसी दुकान पर आए, जहाँ किस्मत का खेल चल रहा था। कई लोगों ने भाग्य आजमाया और इनाम पाया।

बड़ा इनाम पाने की उम्मीद रखकर मैंने भी भाग्य आजमाया। मेरे सारे पैसे खर्च हो गए। हर बार मुझे छोटी चीज मिली। लोग मेरी हँसी उड़ा रहे थे। मामा जी को पता चला, तो उन्होंने मुझे समझाया कि करन तुम ठगे गए। इनाम पाने वाले दुकानदार के ही आदमी थे। ये सब मिलकर लोगों को लालच देकर उन्हें ठग लेते हैं। यह सब उन लोगों की चाल होती है, किस्मत का खेल नहीं।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 3 किस्मत का खेल

किस्मत का खेल अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
दिए गए अंश में उचित विराम चिह्न लगाओ (उचित विराम चिह्न लगाकर)-
फाटक से ही शंख, घड़ियाल, नगाड़ा, ढोल और खंजड़ी की आवाज सुनाई पड़ने लगीं। पुजारी गला फाड़-फाड़कर मन्त्र पाठ करने लगे।
भतीजों ने मुस्कराकर कहा, ‘महाराज! इसके बारे में आपका क्या ख्याल है?”
राजा बोले, “यह तो शिक्षा का महान सिद्धांत जान पड़ता है।”
पीछे से किसी ने कहा, “महाराज, आपने चिड़िया को भी देखा है।”

प्रश्न २.
ऐसे वाक्य की रचना करो
(क) जहाँ दो शब्दों के बीच में योजक चिह्न (-) का प्रयोग हुआ हो।
(ख) जिसके अंत में प्रश्नवाचक चिहन (?) का प्रयोग हुआ हो।
(ग) जिसमें अल्पविराम चिह्न (,) का प्रयोग हुआ हो।
(घ) जिसमें विस्मयादिबोधक चिह्न (!) का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर:
(क) माता-पिता की सेवा करनी चाहिए।
(ख) संसार को चलाने वाला कौन है?
(ग) आँधी आई, पेड़ गिरे और हलचल मच गई।
(घ) अहा! कितना सुंदर हिरण है।

प्रश्न ३.
नीचे लिखे शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ (वाक्य बनाकर)
(१) मेले में तरह-तरह के खिलौने बिक रहे थे।
गिरगिट तरह-तरह के रंग बदलता है।

(२) आदिमानव ने धीरे-धीरे उन्नति की ओर कदम बढ़ाया।
यह संसार धीरे-धीरे पतन की राह पर बढ़ रहा है।

(३) खानाबदोशों की जिंदगी भागते-भागते ही कट जाती है।
इस दुनिया से भागते-भागते भी मानव मोह नहीं छोड़ पाता।

(४) रोते-रोते जीवन गुजारने वाला कभी सुखी नहीं रहता।
रोते-रोते हँसना तो कोई आप से सीखे।

(५) कारगिल के युद्ध में सैनिकों ने हँसते-हँसते प्राण न्योछावर कर दिए।
भगत सिंह जैसे देशभक्त हँसते-हँसते फाँसी के फंदे पर झूल गए।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 3 किस्मत का खेल

प्रश्न ४.
नीचे कुछ वाक्य दिए गए हैं, इन्हें प्रश्नवाचक वाक्य में बदलो
(क) दो राजाओं के बीच हुए युद्ध की याद में नकली युद्ध किया जाता था।
(ख) वह मामा जी के पीछे-पीछे चल रहा था।
(ग) नानू ने मामा जी को सारी बात बता दी।
उत्तर:
(क) क्या दो राजाओं के बीच हुए युद्ध की याद में नकली युद्ध किया जाता था?
(ख) क्या वह मामा जी के पीछे-पीछे चल रहा था?
(ग) क्या नानू ने मामा जी को सारी बात बता दी?

प्रश्न ५.
इन उदाहरणों को पढ़ो और समझो
(क) दीपिका और गीतिका ने अलग-अलग चित्र बनाए।
(ख) यह गीत दीपिका या गीतिका सुना सकती है।
(ग) दीपिका ने कहानी सुनाई, परंतु गीतिका ने नहीं।
(घ) मैं कल आया था, लेकिन तुम नहीं आए।
(ङ) बादल खूब गरजे, किंतु वर्षा नहीं हुई।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न ६.
अब एक-एक वाक्य तुम बनाओ जिसमें ‘और’, ‘अथवा’, ‘किंतु’, ‘परंतु’ और ‘लेकिन’ का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर:
(क) श्याम और मैं मेला देखने गए।
(ख) यह काम सोहन अथवा मोहन कर सकता है।
(ग) मुनिया ने गाना गाया, परंतु चुनिया ने नहीं।
(घ) बादल खूब गरजे, किंतु वर्षा नहीं हुई।
(ङ) मैं शाम को आपसे मिलने आया था; लेकिन आप नहीं मिले।

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) वर्षा-ऋतु के उत्सव में लोग युद्ध स्वाँग किस प्रकार करते थे?
उत्तर:
वर्षा-ऋतु के उत्सव में लोग दो गुटों में बँटकर ढाल, तलवार से नकली युद्ध करते थे। इसमें न कोई मरता था, न कोई घायल होता था।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 3 किस्मत का खेल

(ख) करन मेला किसके साथ गया तथा वह मेले से क्या-क्या खरीदना चाहता था?
उत्तर:
करन मामा के साथ मेला गया। वह छतरी खरीदना चाहता था।

(ग) करन के पहले किन-किन लोगों ने बाजी लगाई?
उत्तर:
करन के पहले एक बुड्ढे और एक लड़के ने बाजी लगाई।

(घ) करन से पहले चार बार बाजी लगाने वाले लड़के को क्या वस्तुएँ मिली?
उत्तर:
करन से पहले लड़के को चार बाजियों में क्रमशः कंघी, फाउंटेन पेन, कलाई घड़ी और टेबल लैंप मिली।

(ङ) मामा जी ने किस्मत के खेल के विषय में क्या समझाया?
उत्तर:
मामा जी ने बताया कि यह किस्मत का खेल नहीं, ठगी का खेल था।

(च) करन की बाजी हारने के विषय में पहले क्या राय थी?
उत्तर:
पहले करन के विचार में यह किस्मत का खेल ही था कि भाग्य में जो होता है, वही मिलता है।

प्रश्न २.
सोचो और बताओ
(क) खेल में पहले बाजी लगाने वाले क्यों लगातार बाजी जीतते गए?
उत्तर:
खेल में पहले बाजी लगाने वाले दुकानदार के ही आदमी थे। इसलिए लगातार जीत रहे थे।

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(ख) करन की जगह तुम होते तो क्या बाजी जीत जाते? यदि ‘हाँ’ तो क्यों और ‘नहीं’ तो क्यों?
उत्तर:
करन की जगह हम होते, तो हम भी नहीं जीत सकते थे; क्योंकि यह ठगी का मामला था। इसमें जो बहकता, वही बाजी हारता। यदि हम बाजी जीत जाते, तो यह भाग्य का उपकार होता।

(ग) यदि बूढ़ा आदमी और एक छोटा लड़का पहले बाजी नहीं जीतते, तो किस्मत के खेल पर क्या प्रभाव पड़ता?
उत्तर:
यदि बूढ़ा आदमी और एक छोटा लड़का पहले बाजी नहीं जीतते, तो करन भी बाजी नहीं लगाता।

प्रश्न ३.
नीचे कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इन्हें कहानी के क्रम में लिखो (लिखकर)
उत्तर:
उत्सव के दिनों में बहुत बड़ा मेला भी लगता। मामा जी मुझे मेला ले गए। फिर उस दुकान पर आए, जहाँ भाग्य का खेल चल रहा था। एक बूढ़े आदमी ने अपनी किस्मत आजमाई। मैं बार-बार अठन्नी देकर किस्मत आजमाता रहा। घर जाते हुए रास्ते में मामा जी ने बताया कि किस्मत के खेल वाले आदमी ने तुम्हें ठग लिया था।

प्रश्न ४.
नीचे बायाँ स्तंभ ‘कारण’ और दायाँ स्तंभ ‘परिणाम’ के लिए बना है, किंतु कहीं ‘कारण’ गायब है तो कहीं “परिणाम’। पाठ के आधार पर सोचो और भरो- (सोच और भरकर)

क्योंकि (कारण) इसलिए (परिणाम)
उत्सव में युद्ध का स्वाँग होता था। इसलिए इस लड़ाई में न कोई घायल होता और न कोई मरता था।
उत्सव के दिनों में बहुत बड़ा मेला भी लगता। लोग साल भर की चीजें खरीदने के लिए इस मेले का इंतजार करते।
रास्ते में मामा जी के कुछ दोस्त मिल गए।  उन्हें अपने साथ ले गए।
दुकानदार ने चार रुपयों में बूढ़े से घड़ी खरीद ली।  बूढा खुश होकर चला गया।
लोग मेरे ऊपर हँस रहे थे। मैं परेशानी में चुप रहा।
मैंने खुद देखा था कि बुड्ढे को घड़ी और एक लड़के को दो-तीन कीमती चीजें मिलीं।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 3 किस्मत का खेल

तुम्हारी कलम से

प्रश्न १.
इन्हें करते समय क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए
(क) मेला जाते समय रास्ते में।
(ख) मेले में घूमते समय।
(ग) मेले में कुछ खाते-पीते समय।
(घ) मेले में कुछ खरीदते समय।
(ङ) मेले के खेल-तमाशों को देखते समय।
उत्तर:
(क) मेले में सदैव अपने बड़ों के साथ जाना चाहिए और ट्रक, कार, मोटरसाइकिल आदि से बचकर सड़क के बाईं ओर चलना चाहिए।
(ख) मेले में घूमते समय अपने बड़ों के साथ रहना चाहिए।
(ग) मेले में सदैव ढकी हुई और अच्छी वस्तुएँ ही खानी चाहिए।
(घ) मेले से सदैव अच्छी और टिकाऊ वस्तुएँ ही खरीदनी चाहिए।
(ङ) मेले में खेल-तमाशे सावधानीपूर्वक देखने चाहिए।

अब करने की बारी

(क) कहानी को संक्षेप में अपने शब्दों में सुनाओ।
(ख) किसी मेले में इस तरह के कितने खेल तुमने देखे हैं, जिनमें कुछ लोग ठगते हैं? उनकी सूची बनाओ।
(ग),तुम कहाँ-कहाँ मेले में गए हो तथा क्या-क्या खरीदा है? सूची बनाओ।
नोट – ये तीनों प्रश्न विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 2 पंचतन्त्र की कथा

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 2 पंचतन्त्र की कथा

पंचतन्त्र की कथा शब्दार्थ

प्रतापी = वीर और यशस्वी
अंग-प्रत्यंग = शरीर के प्रत्येक अंग
पुनर्जीवित फिर से जीवित
अस्थि-पंजर = हड्डियों का ढाँचा
निरीह = निर्दोष, असहाय
तत्पर = तुरंत तैयार होना
परामर्श = सलाह
अशिष्ट = असभ्य, उदंड
राजनीति = राज करने की नीति।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 2 पंचतन्त्र की कथा

पंचतन्त्र की कथा पाठ का सारांश

महिलारोप्य नगर के प्रतापी राजा अमरशक्ति ने अपने तीन निकम्मे पुत्रों को गुरु विष्णु शर्मा के यहाँ ज्ञान प्राप्त करने के लिए भेजा। गुरु ने लोकहित में छह महीने में ही राजपुत्रों को राजनीति सिखाने का वचन दिया। एक दिन विष्णु शर्मा ने राजकुमारों को एक कहानी सुनाई

चार मित्र जिसमें तीन विद्वान और एक बुद्धिमान था, यात्रा पर निकले। रास्ते में एक मृत शेर को तीनों विद्वानों ने अपनी विद्या से जीवित कर दिया। शेर ने तीनों को खा लिया जबकि बुद्धिमान युवक ने पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचा ली।

राष्ट्रीय बाल भारती कक्षा-4 (उत्तर प्रदेश) ऐसी अनेक कहानियाँ विष्णु शर्मा ने राजकुमारों को सुनाईं, जिनसे उनका ज्ञान और योग्यता बढ़ी। इन कहानियों के संकलन को ‘पंचतन्त्र’ कहते हैं।

पंचतन्त्र की कथा अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
(क) नीचे दिए गए शब्दों का शुद्ध उच्चारण करो तथा अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखो- अमरशक्ति, बहुशक्ति, उग्रशक्ति, अनन्तशक्ति, अशिष्ट, अंग-प्रत्यंग, अस्थि-पंजर, उद्दण्ड, परामर्श, मृत, पुनर्जीवित, क्रम, तत्पर।
नोट – विद्यार्थी शब्दों का शुद्ध उच्चारण करें और अपनी उत्तर-पुस्तिका में स्वयं लिखें।

(ख) ऐसे कम से कम तीन शब्द लिखो, जिनके अंत में ‘शक्ति’ शब्द जुड़ा हो।
उत्तर:
महाशक्ति, अश्वशक्ति, यथाशक्ति।

(ग) ‘सु’ तथा ‘कु’ उपसर्ग जोड़कर तीन-तीन शब्द बनाओ
जैसे- सु + पुत्र = सुपुत्र।
कु + पुत्र = कुपुत्र।
उत्तर:
सु – सुकुमार, सुसंगति, सुलोचन
कु – कुरूप, कुख्यात, कुसंगति।

(घ) ‘अच्छे-बुरे’ इन दोनों शब्दों के बीच की ‘और’ विभक्ति को हटाकर दोनों के बीच में योजक चिह्न (-) लगा दिया गया है। इस पाठ में इस प्रकार के बहुत से शब्द आए हैं। ढूँढ़कर लिखो
उत्तर:
बात – बात
पढ़ा – लिखा
सोच – विचार
अंग – प्रत्यंग
मांस – पेशियाँ।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 2 पंचतन्त्र की कथा

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) राजा क्यों चिन्तित रहता था?
उत्तर:
राजा के पुत्र मूर्ख, उद्दण्ड और निकम्मे थे; इसलिए राजा चिन्तित रहता था।

(ख) राजा अमरशक्ति के पुत्र कैसी मूर्खता करते रहते थे?
उत्तर:
राजा के पुत्र आम के पेड़ पर चढ़ते, आम का रस फेंककर गुठली खाते, निरीह पशुओं का शिकार करते, बात-बात पर झगड़ा करते और बड़ों की बातें नहीं मानते थे।

(ग) विष्णु शर्मा ने राजा से क्या कहा?
उत्तर:
विष्णु शर्मा ने राजा को छह महीनों में राजपुत्रों को ज्ञान और राजनीति सिखाने का वचन दिया।

(घ) विष्णु शर्मा ने राजा के बेटों को किस प्रकार शिक्षित किया?
उत्तर:
विष्णु शर्मा ने राजा के बेटों को पंचतंत्र की उपदेशात्मक कहानियाँ सुनाकर शिक्षित किया।

(ङ) मित्र युवकों ने क्या किया?
उत्तर:
मित्र युवकों ने बिना सोचे-विचारे मृत शेर को जीवित कर दिया, जो उन्हें मारकर खा गया।

(च) विद्या का प्रयोग किस प्रकार करना चाहिए?
उत्तर:
विद्या का प्रयोग सोच-समझकर और अच्छे-बुरे का ध्यान करके करना चाहिए, नहीं तो इसके दुरुपयोग से अपनी ही हानि होती है।

प्रश्न २.
सोचो और बताओ
(क) अगर मृत शेर की जगह गाय होती तो क्या होता?
उत्तर:
अगर मृत शेर की जगह गाय होती, तो दूध पीने को मिलता और इससे लाभ होता।

(ख) पढ़ा-लिखा होना और बुद्धिमान होना दोनों अलग बातें हैं। स्पष्ट करो।
उत्तर:
पढ़ा-लिखा व्यक्ति पुस्तकों के विषय में तो पूरी जानकारी रख सकता है, परंतु वह बुद्धिमान भी हो यह आवश्यक नहीं है, जबकि बुद्धिमान व्यक्ति अपनी बुद्धि और कौशल के बल पर समाज में उच्च स्थान प्राप्त कर सकता है।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 2 पंचतन्त्र की कथा

(ग) मूर्ख पुत्र राजा बन जाते तो क्या होता?
उत्तर:
मूर्ख पुत्र राजा बन जाते तो वह अपने राज्य को नष्ट कर देते।

प्रश्न ३.
निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट करो
(क) राजन्! मेरे पास ऐसी संपत्ति है, जो बाँटने और अभ्यास करने से बढ़ती जाती है। यदि यह मेरे पास ही रहे तो यह घटने लगती है।
उत्तर:
इन पंक्तियों का अर्थ यह है कि शिक्षा देने से शिक्षक का ज्ञान और बढ़ जाता है। शिक्षा न देने से ज्ञान धीरे-धीरे कम होकर क्षीण हो जाता है।

(ख) मुझे आपकी संपत्ति की चाह नहीं है। मुझे आपके पुत्रों की भी चिंता नहीं है। मुझे तो चिंता यह है कि आज राजपुत्र ऐसे हैं, तो कल का राजा कैसा होगा?
उत्तर:
राजपुत्र गुणशील होते हैं; लेकिन ये राजपुत्र जब अभी इतने उद्दण्ड, अयोग्य और अत्याचारी हैं; तब राजा बनने के बाद क्या करेंगे!

(ग) शास्त्रों और विद्याओं में कुशल होना ही पर्याप्त नहीं है। लोक-व्यवहार को समझने तथा अच्छे-बुरे का ज्ञान होना भी जरूरी है।
उत्तर:
अच्छा जीवन जीने के लिए विद्वान होने के साथ-साथ लोक-व्यवहारकुशल और अच्छे-बुरे के ज्ञान वाला होना भी जरूरी होता है।

(घ) विद्या की शक्ति तो बहुत है, परंतु उस शक्ति का बुद्धिमत्तापूर्वक प्रयोग करना आवश्यक है, अन्यथा वह शक्ति अपना ही विनाश कर सकती है।
उत्तर:
विद्या एक शक्ति है, जिसका सदुपयोग लाभकारी और दुरुपयोग विनाशकारी होता है।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 2 पंचतन्त्र की कथा

तुम्हारी कलम से

प्रश्न ४.
ऊँचे पदों पर सही व्यक्ति का चुनाव क्यों आवश्यक है? सही व्यक्ति के क्या गुण होने चाहिए?
उत्तर:
सही व्यक्ति अपने पद का सदुपयोग करता है। सही व्यक्ति नि:स्वार्थ, अनासक्त होकर लोकहित में कार्य करता है। वह उच्च-विचार वाला व्यवहारकुशल, परोपकारी, मिलनसार और धैर्यवान होता है।

अब करने की बारी

(क) विष्णु शर्मा द्वारा सुनाई गई कहानी का अपनी कक्षा में अभिनय करो।
(ख) पंचतन्त्र तथा जातक कथाओं को अपने पुस्तकालय से किताब लेकर पढ़ो और कक्षा में सुनाओ।
(ग) इस पाठ में कितने अनुच्छेद हैं? प्रत्येक अनुच्छेद की एक खास बात को लिखो।
नोट – विद्यार्थी इन प्रश्नों के उत्तर स्वयं लिखें।

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 1 पथ मेरा आलोकित कर दो

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 1 पथ मेरा आलोकित कर दो

पथ मेरा आलोकित कर दो शब्दार्थ

पथ = रास्ता
पर = पंख
आलोकित = प्रकाशित
प्रकाश से युक्त
निर्दिष्ट = निश्चित
तम = अंधकार, अँधेरा
मनोकामना = मन की इच्छा
नवल = नया, नवीन
वर = वरदान
रश्मि = किरण
विहग = पक्षी
पथिक = राही, राहगीर
उर = हृदय, लक्ष्य उद्देश्य।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 1 पथ मेरा आलोकित कर दो

पथ मेरा …………………………………….. तम हर दो॥

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘पथ मेरा आलोकित कर दो’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी’ हैं।

भावार्थ – कवि कहते हैं कि हमें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि- हे ईश्वर! नई सुबह की नई किरणों से मेरा रास्ता प्रकाशित कर दो, अर्थात् मुझे सन्मार्ग दिखा दो। हे ईश्वर! तुम मेरे हृदय का अंधकार दूर कर दो अर्थात् मुझे ज्ञान रूपी प्रकाश दिखाओ।

मैं नन्हा -सा …………………………………..….. पर दो॥

संदर्भ – हे भगवान! मैं छोटा-सा राहगीर संसार के रास्तों पर चलना सीख रहा हूँ। मैं छोटा-सा पक्षी संसार रूपी आकाश में उड़ना सीख रहा हूँ। मैं अपने निर्दिष्ट स्थान पर पहुँचना चाहता हूँ, अर्थात् अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता हूँ। इसकी प्राप्ति के लिए मुझे ऐसे पैर या पंख अर्थात् साधन दो कि मैं अपनी जीवन-यात्रा में सफल हो सकूँ।

पाया जग………………………………….……….. वर दो॥

संदर्भ – हे प्रभु! मुझे अब तक जो कुछ विरासत में मिला है और जितना कुछ मैं जीवन में प्राप्त करूँ, मेरी यह इच्छा है कि इन सबसे ज्यादा ही संसार के लिए छोड़कर जाऊँ। हे भगवान! मुझे ऐसा कल्याणकारी वरदान दो कि मैं अपने सत्कार्यों से इस संसार को स्वर्ग बना सकूँ।

पथ मेरा आलोकित कर दो अभ्यास प्रश्न

भाव बोध

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) कवि किसको आलोकित करने की प्रार्थना कर रहा है?
उत्तर:
कवि हृदय के अंधकार अर्थात् अज्ञान को आलोकित करने की प्रार्थना कर रहा है।

(ख) नन्हा पथिक क्या सीख रहा है?
उत्तर:
नन्हा पथिक संसार के पथ पर चलना सीख रहा है।

(ग) यह पथिक ‘पग’ और ‘पर’ दोनों क्यों माँग रहा है?
उत्तर:
मानव एक पथिक एवं एक विहग के रूप में अपने निर्दिष्ट लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ‘पग’ और ‘पर’ दोनों माँग रहा है।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 1 पथ मेरा आलोकित कर दो

(घ) कवि की क्या मनोकामना है?
उत्तर:
कवि की मनोकामना है कि मैं अपने कार्यों से संसार को समृद्ध बनाकर जाऊँ। संसार ने जितना मुझे दिया है, उससे अधिक मैं इसे देकर जाऊँ अर्थात् बहुत अच्छे-अच्छे कार्य करके जाऊँ।

(ङ) कवि ने स्वयं को ‘नन्हा पथिक’ और ‘नन्हा विहग’ क्यों कहा है?
उत्तर:
कवि ने ईश्वर की महत्ता एवं ब्रह्मांड की विशालता प्रकट करने के लिए स्वयं को ‘नन्हा पथिक’ और ‘नन्हा विहग’ कहा है।

प्रश्न २.
नीचे लिखे स्तंभ ‘क’ के कथनों के अर्थ स्तंभ ‘ख’ से ढूँढ़कर लिखो
उत्तर:
स्तंभ ‘क’ – स्तंभ ‘ख’ 
उर का – हृदय का
निर्दिष्ट लक्ष्य तक – निश्चित उद्देश्य तक

स्तंभ ‘क’ – स्तंभ ‘क’
नवल रश्मि से – नई किरणों से
तम हर दो – अंधकार दूर कर दो

प्रश्न ३.
‘कर दो’ और ‘हर दो’ के अंत में समान ध्वनि है। ऐसे शब्द ‘तुकांत’ कहलाते हैं। उदाहरण के अनुसार नीचे लिखे शब्दों के तुकांत शब्द लिखो (तुकांत शब्द लिखकर)
उत्तर:
पर दो – वर दो
नवल – धवल
हिलराया – दुलराया
खिलाया – पिलाया
चलना – पलना
पाऊँ – जाऊँ

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 1 पथ मेरा आलोकित कर दो

प्रश्न ४.
‘मेरे उर का तम हर दो, इस पंक्ति का सही भाव है
उत्तर:
(क) मेरे घर में उजाला कर दो।
(ख) मेरे हृदय का अन्धकार दूर कर दो। 
(✓)
(ग) मेरे रास्ते में बिजली की रोशनी कर दो।

प्रश्न ५.
नीचे लिखी पंक्तियों के भाव स्पष्ट करो
(क) “पहुँच सकूँ निर्दिष्ट लक्ष्य तक, मुझको ऐसे पग दो, पर दो’
(ख) ‘धरती को ही स्वर्ग बनाने का, मुझको मंगलमय वर दो’ ।
नोट -विद्यार्थी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करने हेतु दिए गए ‘भावार्थ’ का भाग पढ़ें।

प्रश्न ६.
वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखो
(क) दूसरों का उपकार करने वाला – परोपकारी
(ख) रास्ते पर चलने वाला – राहगीर, राही, पथिक, बटोही
(ग) दोपहर का समय 
मध्याह्न
(घ) मन की कामना 
मनोकामना

तुम्हारी कलम से
कवि ने इस कविता में अपने मन की भावनाएँ प्रकट की हैं। तुम्हारे मन में भी इस प्रकार के भाव आते होंगे। तुम भी उन भावों से कविता बना सकते हो। बनाकर लिखो।
नोट -विद्यार्थी स्वयं लिखें।

अब करने की बारी
नोट
-विद्यार्थी कविता कंठस्थ कर कक्षा में प्रभावपूर्ण ढंग से सुनाओ।

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 10 मलेथा की गूल

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 10 मलेथा की गूल

मलेथा की गूल शब्दार्थ 

शृंखला = कई कड़ियों का एक के बाद एक जुड़ना, कतार
तीव्र = तेज
साकार = पूर्ण रूप देना
प्रयास= कोशिश
दुष्कर = बहुत कठिन
गूल = पानी की नली।

मलेथा की गूल  पाठ का सारांश

गढ़वाल में मलेथा नाम का एक गाँव है। इस गाँव के दोनों ओर अलकनंदा और चंद्रभागा नदियाँ हैं। लेकिन बीच में पहाड़ होने से गाँव के खेतों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता था। खेत बंजर पड़े थे।

मलेथा के एक उत्साही किसान माधो सिंह के मन में पहाड़ काटकर एक गूल बनाने का विचार जोर पकड़ रहा था। पहाड़ काटकर सुरंग बनाने से गाँव में नदी का पानी आ सकता था। उसकी पत्नी को यह कार्य असंभव लगा; लेकिन माधो सिंह ने प्रतिज्ञा की कि जब तक उसके शरीर में रक्त की एक बूंद भी होगी; तब तक वह गूल निकालकर पानी लाने का प्रयास करेगा। पत्नी ने इस महान कार्य में सहयोग देने का वचन दिया।

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माधो सिंह गैंती, हथौड़े से चट्टान तोड़ने लगा। उसने आठ-दस दिनों में गहरी सुरंग खोद दी। गाँव वाले भी मदद को आ गए। दिन-रात एक करके माधो सिंह गूल निर्माण करने में सफल हो गया। मलेथा ‘की बंजर धरती पर हरियाली दिखाई देने लगी।

आज भी मलेथा के हरियाली भरे खेत माधो सिंह के असीम धैर्य और कठोर परिश्रम के साक्षी हैं।

मलेथा की गूल अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
पाठ में एक वाक्य आया है ‘मैं तब तक चैन की नींद नहीं सोऊँगा, जब तक मलेथा के एक-एक खेत तक पानी नहीं आ जाता।’ ऐसे तीन वाक्यों की रचना करो जिनमें ‘तब तक’ और ‘जब तक’ शब्दों का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर:
(१) मैं तब तक लिखता ही रहूँगा; जब तक पाठ पूरा नहीं हो जाता।
(२) मोहन तब तक दौड़ता ही रहेगा; जब तक वह दौड़ जीत नहीं लेता।
(३) मैं तब तक चुनाव लड़ता ही रहूँगा; जब तक मेरी जीत नहीं हो जाती।

प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों को उदाहरण के अनुसार बदलो (उदाहरण के अनुसार बदलकर)
उत्साह – उत्साही
पराक्रम – पराक्रमी
बलिदान – बलिदानी
साहस – साहसी
परिश्रम – परिश्रमी
उद्यम – उद्यमी

प्रश्न ३.
नीचे लिखे शब्दों में से संज्ञा शब्द छाँटो
तीव्र, साकार, फावड़ा, माधो सिंह, प्रयास, मलेथा, खेत, गढ़वाल, गैंती, सुंदर
उत्तर:
फावड़ा, माधो सिंह, मलेथा, खेत, गढ़वाल, गैंती

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प्रश्न ४.
‘सुषमा’ शब्द का अर्थ सौंदर्य एवं शोभा भी होता है। ऐसे शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं। नीचे लिखे शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो (लिखकर )
उत्तर:
पवन = हवा, वायु
कमल = सरोज, पंकज
पृथ्वी = धरा, वसुधा
जल = पानी, नीर
घर = गृह, सदन

प्रश्न ५.
अपने वाक्यों में प्रयोग करो (वाक्यों में प्रयोग करके)
पहाड़ – माधो सिंह ने पहाड़ काटकर सुरंग बना दी।
साहस – सब लोगों ने उसके साहस की प्रशंसा की।
विचलित – कठिन कार्य को देखकर माधो सिंह विचलित नहीं हुआ।
तीव्र – नाली में पानी तीव्र वेग में आया।
बंजर – बिना पानी (सिंचाई) के खेत बंजर पड़े थे।
सुरंग – पहाड़ में सुरंग बनने से गाँव को नदी का पानी मिलने लगा।
उत्साह – आलसी व्यक्तियों में उत्साह की कमी होती है।
श्रम – श्रम सब उपलब्धियों का मूल है।
निश्चय – दृढ़ निश्चय से कठिन कार्य भी सरल हो जाता है।
पानी – पानी ही जीवन है। बिना पानी कृषि उत्पादन संभव नहीं।

प्रश्न ६.
उचित स्थान पर विराम चिह्नों का प्रयोग करो (विराम चिह्नों का प्रयोग करके)
माधव प्रात: काल उठकर सैर करने जाता है; जल-पान के बाद विद्यालय जाता है। वहाँ खूब मेहनत से पढ़ता है। सभी उसकी प्रशंसा करते हैं।

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) मलेथा के खेत बंजर क्यों पड़े रहते थे?
उत्तर:
पानी नहीं मिल पाने के कारण मलेथा के खेत बंजर पड़े रहते थे।

(ख) नदी का पानी गाँव में क्यों नहीं आता था?
उत्तर:
नदी और गाँव के बीच में पहाड़ खड़ा था; इसलिए गाँव में पानी नहीं आता था।

(ग) माधो सिंह के मन में क्या सपना उभरता था?
उत्तर:
माधो सिंह के मन में पहाड़ काटकर सुरंग बनाने का सपना उभरता था।

(घ) माधो सिंह ने अपनी प्रतिज्ञा कैसे पूरी की?
उत्तर:
माधो सिंह ने दृढ़ निश्चय, कठोर परिश्रम और असीम धैर्य से अपनी प्रतिज्ञा पूरी की।

(ङ) इस पाठ से हमें क्या सीख मिलती है? ।
उत्तर:
इस पाठ से यह सीख मिलती है कि कठिन परिश्रम और असीम धैर्य से सब कार्य पूर्ण हो जाते हैं।

(च) इस पाठ का कौन-सा भाग तुम्हें सबसे अच्छा लगा और क्यों?
उत्तर:
पाठ का अंतिम भाग अच्छा लगा, क्योंकि माधो सिंह ने अपने साहस और परिश्रम से कठिन कार्य को संभव बना दिया।

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तुम्हारी कलम से

तुम्हारे पास-पड़ोस में भी ऐसी घटनाएँ घटी होंगी जब किसी ने कठिन समझे जाने वाले कार्य को कर दिखाया होगा। वह घटना कैसे घटी, अपने शब्दों में लिखो।
नोट – विद्यार्थी स्वयं लिखें।

अब करने की बारी

(क) प्रस्तुत कथा को अपने शब्दों में सुनाओ।
(ख) प्रथम दो अनुच्छेद सुलेख में लिखो।
(ग) नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
(घ) पढ़ो और करो।
नोट– विद्यार्थी स्वयं करें।

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