UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 10 Cell Cycle And Cell Division

UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 10 Cell Cycle And Cell Division (कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन)

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अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
स्तनधारियों की कोशिकाओं की औसत कोशिका चक्र अवधि कितनी होती है?
उत्तर :
24 घण्टे के समय में मनुष्य की कोशिको अथवा स्तनधारियों की कोशिका में कोशिका विभाजन पूर्ण होने में केवल एक घण्टा लगता है।

प्रश्न 2.
जीवद्रव्य विभाजन व केन्द्रक विभाजन में क्या अन्तर है?
उत्तर :
कोशिका चक्र के M-प्रावस्था में केन्द्रक विभाजन आरम्भ होता है जिसमें गुणसूत्र अलग होकर दो केन्द्रकों का निर्माण करते हैं। इसे केन्द्रक विभाजन अथवा केरियोकाइनेसिस (karyokinesis) कहते हैं। सामान्यत: इस क्रिया की समाप्ति पर कोशिका (UPBoardSolutions.com) द्रव्य में भी विभाजन होकर दो कोशिका बन जाती हैं। इसे जीवद्रव्ये विभाजन अथवा साइटोकाइनेसिस (cytokinesis) कहते हैं। यदि केवल केरियोकाइनेसिस हो तथा साइटोकाइनेसिस न हो, तो एक कोशिका बहुकेन्द्रकी (multinucleate) बन जाती है।

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प्रश्न 3.
अन्तरावस्था में होने वाली घटनाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
यह अवस्था कोशिका की विश्राम अवस्था (resting phase) मानी जाती है क्योंकि इस अवस्था में कोशिका वृद्धि करती है, अगले विभाजन की तैयारियाँ पूर्ण होती हैं तथा DNA का द्विगुणन होता है। इस अवस्था के तीन चरण हैं

  1.  G– फेस (Gap 1)
  2. S – फेस (संश्लेषण अवस्था)
  3.  G2– फेस (Gap 2)

G1-फेस माइटोसिस तथा DNA द्विगुणन प्रारम्भ होने का मध्यावकाश है। S-फेस में DNA संश्लेषण व द्विगुणन होता है। DNA की मात्रा दोगुनी हो जाती है परन्तु गुणसूत्र संख्या में वृद्धि नहीं होती है। यदि Gमें 2n गुणसूत्र संख्या हो, तो S में भी 2n ही होगी। जन्तु कोशिका में DNA द्विगुणन के साथ-साथ सेन्ट्रिओल विभाजन भी होता है। G2फेस में प्रोटीन संश्लेषण होता है तथा कोशिका टोसिस (mitosis) के लिए तैयार होती है।

प्रश्न 4.
कोशिका चक्र का G0 (प्रशान्त प्रावस्था) क्या है?
उत्तर :
कुछ कोशिकाओं में विभाजन की क्रिया नहीं होती है। कोशिका की मृत्यु होने पर दूसरी कोशिका उसका स्थान ले लेती है। अत: G1 -प्रावस्था एक अक्रिय अवस्था में प्रवेश करती है, इसे शान्त प्रावस्था (G0) कहते हैं। इस अवस्था में कोशिका केवल उपापचयी रूप से सक्रिय रहती है।

प्रश्न 5.
सूत्री विभाजन को सम विभाजन क्यों कहते हैं?
उत्तर :
सूत्री विभाजन में बनी दोनों पुत्री कोशिकाओं (daughter cells) में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका के समान ही बनी रहती है। इसी कारण सूत्री विभाजन को सम विभाजन (equational division) भी कहते हैं।

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प्रश्न 6.
कोशिका चक्र की उस प्रावस्था का नाम बताइए जिसमें निम्न घटनाएँ सम्पन्न होती हैं

  1. गुणसूत्र तर्क मध्य रेखा की ओर गति करते हैं।
  2. गुणसूत्र बिन्दु का टूटना व अर्ध गुणसूत्र का पृथक् होना।
  3.  समजात गुणसूत्रों का आपस में युग्मन होना।
  4.  समजात गुणसूत्रों के बीच विनिमय का होना।

उत्तर :

  1. मेटाफेस
  2.  एनाफेस
  3.  प्रोफेस-I की जाइगोटीन अवस्था जिसमें साइनेप्सिस (synapsis) होती है
  4.  प्रोफेस-I की पेकीटीन (pachytene) प्रावस्था।

प्रश्न 1.
निम्न के बारे में वर्णन कीजिए
(i) सूत्रयुग्मन
(ii) युगली
(iii) काएज्मेटा।
उत्तर :

(i) सूत्रयुग्मन (Synapsis) :
अर्धसूत्री विभाजन के प्रथम प्रोफेसे की जाइगोटीन अवस्था में (UPBoardSolutions.com) गुणसूत्र जोड़े बनाते हैं। इसे सूत्रयुग्मन कहते हैं।

(ii) युगली (Bivalent) :
सूत्रयुग्मन से बने समजात गुणसूत्र जोड़े में 4 अर्धगुणसूत्र होते हैं तथा इस जोड़े को युगली कहते हैं।

(iii) काएज्मेटा (Chiasmeta) :
डिप्लोटीन में यदि गुणसूत्र में विनिमय प्रारम्भ होने से पहले ‘x’ आकार की संरचना बनती है, तो उसे काएज्मेटा कहते हैं।

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प्रश्न 8.
पादप व प्राणी कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य विभाजन में क्या अन्तर है?
उत्तर :
पादप कोशिका में विभाजन के समय पट्ट बनता है जिससे बाद में कोशिका भित्ति बनती है। परन्तु जन्तु कोशिका में दोनों ओर से वलन बनकर मध्य में आते हैं और दो भागों में कोशिका बँट जाती है।

प्रश्न 9.
अर्द्धसूत्री विभाजन के बाद बनने वाली चार संतति कोशिकाएँ कहाँ आकार में समान व कहाँ भिन्न आकार की होती हैं?
उत्तर :
अर्द्धसूत्री विभाजन (Meiosis) द्वारा युग्मक निर्माण होता है। शुक्राणुजनन (spermatogenesis) में मातृ कोशिका के विभाजन से बनने वाली चारों पुत्री कोशिकाएँ समान होती हैं। ये शुक्रकायान्तरण द्वारा शुक्राणु का निर्माण करती हैं। शुक्रजनन में बनने वाली चारों संतति कोशिकाएँ (UPBoardSolutions.com) आकार में समान होती हैं। अण्डजनन (oogenesis) में मातृ कोशिका से बनने वाली संतति कोशिकाएँ आकार में भिन्न होती हैं। अण्डनन के फलस्वरूप एक अण्डाणु तथा पोलर कोशिकाएँ बनती हैं। पोलर कोशिकाएँ आकार में छोटी होती हैं। पौधों के बीजाण्ड में गुरुबीजाणुजनन (अर्द्धसूत्री विभाजन) के फलस्वरूप गुरुबीजाणु से चार कोशिकाएँ बनती हैं। इनमें आधारीय कोशिका अन्य कोशिकाओं से भिन्न होती है। यह वृद्धि और विभाजन द्वारा भ्रूणकोष (embryo sac) बनाता है। पौधों में लघु-बीजाणु जनन द्वारा लघु बीजाणु या परागकण बनते हैं। ये आकार में समान होते हैं।

प्रश्न 10.
सूत्री विभाजन की पश्चावस्था तथा अर्द्धसूत्री विभाजन की पश्चावस्था I में क्या अन्तर है?
उत्तर :
सूत्री विभाजन तथा अर्द्धसूत्री विभाजन की पश्चावस्था प्रथम में अन्तर

प्रश्न 11.
सूत्री एवं अर्द्धसूत्री विभाजन में प्रमुख अन्तरों को सूचीबद्ध कीजिए।

उत्तर :
सूत्री व अर्द्धसूत्र विभाजन में अन्तर

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प्रश्न 12.
अर्द्धसूत्री विभाजन का क्या महत्त्व है?

उत्तर :
अर्द्धसूत्री विभाजन का महत्त्व इसके निम्नलिखित महत्त्व हैं

  1. अर्द्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप बने युग्मकों में गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है। लेकिन जनन में नर तथा मादा युग्मकों के मिलने से द्विगुणित जाइगोट (zygote)का निर्माण होता है। इस प्रकार अर्द्धसूत्री विभाजन तथा निषेचन के फलस्वरूप प्रत्येक जाति में गुणसूत्रों की संख्या निश्चित बनी रहती है।
  2. अर्द्धसूत्री विभाजन के समय विनिमय (crossing over) के कारण गुणसूत्रों की संरचना बदल जाती है, इससे भिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं। जैव विभिन्नताएँ जैव विकास का आधार होती हैं।

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प्रश्न 13.
अपने शिक्षक के साथ निम्नलिखित के बारे में चर्चा कीजिए

  1.  अगुणित कीटों व निम्न श्रेणी के पादपों में कोशिका विभाजन कहाँ सम्पन्न होता है?
  2.  उच्च श्रेणी पादपों की कुछ अगुणित कोशिकाओं में कोशिका विभाजन कहाँ नहीं होता है?

उत्तर :

  1.  नर मधुमक्खियाँ अर्थात् ड्रोन्स (drones) अगुणित होते हैं। इनमें सूत्री विभाजन अनिषेचित अगुणित अण्डों में होता है। निम्न श्रेणी के पादपों; जैसे-एककोशिकीय क्लैमाइडोमोनास (Chlamydomonas), बहुकोशिकीय यूलोथ्रिक्स (Ulothrix) आदि में समसूत्री विभाजन द्वारा जनन होता है। इनमें अगुणित युग्मक बनते हैं। युग्मकों के परस्पर मिलने से युग्माणु (zygote) बनते हैं। जाइगोट में अर्द्धसूत्री विभाजन होता है। इसके (UPBoardSolutions.com) फलस्वरूप बने अगुणित बीजाणु समसूत्री विभाजन द्वारा नए पादपों का विकास करते हैं।
  2. उच्च श्रेणी के पादपों में द्विगुणित बीजाण्डकाय में गुरुबीजाणु मातृ कोशिका में अर्द्धसूत्री विभाजन के कारण चार अगुणित गुरुबीजाणु बनते हैं। इनमें से तीन में कोशिका विभाजननहीं होता। सक्रिय गुरुबीजाणु से भ्रूणकोष (embryo sac) बनता है। भ्रूणकोष की अगुणित प्रतिमुख कोशिकाओं (antipodal cells) तथा सहायक कोशिकाओं (synergids)में क्रोशिका विभाजन नहीं होता। साइकस के लघुबीजाणुओं (परागकण) के अंकुरण के फलस्वरूप नर युग्मकोभिद् बनता है। इसकी प्रोथैलियल कोशिका (prothallial cell) तथा लिका कोशिका (tube cell) में कोशिका विभाजन नहीं होता।

प्रश्न 14.
क्या S प्रावस्था में बिना डी०एन०ए० प्रतिकृति के सूत्री विभाजन हो सकता है?
उत्तर :
‘S’ प्रावस्था में DNA की प्रतिकृति के बिना सूत्री विभाजन नहीं हो सकता।

प्रश्न 15.
क्या बिना कोशिका विभाजन के डी०एन०ए० प्रतिकृति हो सकती है?
उत्तर :
कोशिका विभाजन के बिना भी DNA प्रतिकृति हो सकती है। सामान्यतया DNA से RNA का निर्माण प्रतिकृति के फलस्वरूप ही होता रहता है।

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प्रश्न 16.
कोशिका विभाजन की प्रत्येक अवस्थाओं के दौरान होने वाली घटनाओं का विश्लेषण कीजिए और ध्यान दीजिए कि निम्नलिखित दो प्राचलों में कैसे परिवर्तन होता है?

  1.  प्रत्येक कोशिका की गुणसूत्र संख्या (N)
  2.  प्रत्येक कोशिका में डी०एन०ए० की मात्रा (C)

उत्तर :
अन्तरावस्था की G1 प्रावस्था में कोशिका उपापचयी रूप से सक्रिय होती है। इसमें निरन्तर वृद्धि होती रहती है। S-प्रावस्था में DNA की प्रतिकृति होती है। इसके फलस्वरूप DNA की मात्रा दोगुनी हो जाती है। यदि DNA की प्रारम्भिक मात्रा 2C से प्रदर्शित करें तो इसकी मात्रा 4C हो जाती है, जबकि गुणसूत्रों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता। यदि G1 प्रावस्था में गुणसूत्रों की संख्या 2N है। तो G2 प्रावस्था में भी इनकी संख्या 2N रहती है।

अर्द्धसूत्री विभाजन की पूर्वावस्था प्रथम की युग्मपट्ट (जाइगोटीन) अवस्था में समजात गुणसूत्र (UPBoardSolutions.com) जोड़े बनाते हैं। पश्चावस्था प्रथम में गुणसूत्रों का बँटवारा होता है। यदि गुणसूत्रों की संख्या 2N है तो अर्द्धसूत्री विभाजन के पश्चात् गुणसूत्रों की संख्या N रह जाती है। जननांगों (2N) में युग्मकजनन अर्द्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप होता है। इसके फलस्वरूप युग्मकों में गुणसूत्रों की संख्या घटकर अगुणित (आधी-N) रह जाती है।

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परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वे कोशिकाएँ कौन-सी हैं, जिनमें सेण्ट्रिओल नहीं होता?
(क) तन्त्रिका कोशिका
(ख) जनन कोशिका
(ग) अस्थि कोशिका
(घ) यकृत कोशिका
उत्तर :
(क) तन्त्रिका कोशिका

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कोशिका चक्र की विभिन्न अवस्थाओं को क्रम में लिखिए।
उत्तर :
G1 ,S, G2 एवं M प्रावस्थाएँ।

प्रश्न 2.
कोशिका चक्र की G1 प्रावस्था में क्या घटित होता है?
उत्तर :
G1 प्रावस्था में कोशिका वृद्धि करती है। DNA का संश्लेषण करने वाले एन्जाइम तथा DNA के विभिन्न घटकों का निर्माण होता है। G1 प्रावस्था में कोशिका चक्र का लगभग 35% से 50% समय लगता है।

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प्रश्न 3.
कोशिकाद्रव्य विभाजन पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
उत्तर :
केन्द्रक विभाजन के पश्चात् जन्तु कोशिकाओं में खाँच विधि (furrow method) से तथा पादप कोशिका (UPBoardSolutions.com) में कोशिका पट्ट निर्माण से कोशिकाद्रव्य का बँटवारा होता है।

प्रश्न 4.
सूत्री विभाजन की किस अवस्था में प्रत्येक गुणसूत्र का गुणसूत्र बिन्दु दो भागों में बँट जाता
उत्तर :
मध्यावस्था के अन्त में।

प्रश्न 5.
सूत्री विभाजन के समय गुणसूत्र किस अवस्था में कोशिका के मध्य में एक प्लेट पर एकत्र होते हैं?
उत्तर :
मध्यावस्था में।

प्रश्न 6.
अर्द्धसूत्री विभाजन में प्रथम पूर्वावस्था की उप-प्रावस्थाओं को सही क्रम में लिखिए।
उत्तर :

  1. तनुसूत्र (Leptotene)
  2.  युग्मसूत्र (Zygotene)
  3.  स्थूलसूत्र (Pachytene)
  4.  द्विपट्ट्ट (Diplotene) एवं
  5. पारगतिक्रम (Diakinesis)

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प्रश्न 7.
अर्द्धसूत्री विभाजन के समय समजात गुणसूत्र किस अवस्था में अलग होते हैं?
उत्तर :
पश्चावस्था-I में।

प्रश्न 8.
अर्द्धसूत्री विभाजन की किस अवस्था में गुणसूत्रों की संख्या आधी हो जाती है?
उत्तर :
अर्द्धसूत्री विभाजन-प्रथम (न्यूनकारी विभाजन) में।।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तर्क तन्तु क्या हैं ? प्रत्येक प्रकार के त तन्तुओं के कार्य लिखिए।
उत्तर :

तर्क तन्तु एवं उनके कार्य

समस्त जन्तु कोशिकाओं में विभाजनान्तराल अवस्था (interphase) में ट्यूब्यूलिन (tubulin) प्रोटीन से बनी सूक्ष्म नलिकाओं के संघनन की दो तारककेन्द्र या सेण्ट्रिओल्स (centrioles) नामक सूक्ष्म संरचनाएँ केन्द्रक के समीप स्थित होती हैं। ये दोनों तारककेन्द्र कोशिकाद्रव्य के विशेष कणिकामय (granular) छोटे से क्षेत्र में स्थित होते हैं। इसे कोशिका का विभाजन केन्द्र (division centre) या तारककाय (सेण्ट्रोसोम-centrosome) कहते हैं। यह वनस्पति कोशिकाओं में अनुपस्थित होता है। कोशिका विभाजन में सेण्ट्रोसोम की प्रमुख भूमिका होती है। इण्टरफेज अवस्था की S-उप अवस्था में ही तारककेन्द्रों से दो नये तारककेन्द्र बनने लगते हैं जो G2 प्रावस्था के अन्त तक पूर्ण विकसित हो जाते हैं। पूर्वावस्था (prophase) के प्रारम्भ में सेण्ट्रोसोम के चारों ओर अनेक सूक्ष्म नलिकाएँ बनती हैं, जिन्हें (UPBoardSolutions.com) तारक किरणें (astral rays) कहते हैं। इनके कारण सेण्ट्रोसोम सितारे (star) जैसी आकृति का दिखाई देता है, इसलिए इसे तारक (aster) कहते हैं। तारक किरणों के बन जाने पर तारक दो सन्तति सेण्ट्रोसोम्स (daughter centrosomes) में विभाजित हो जाता है, शीघ्र ही सन्तति सेण्ट्रोसोम जनक सेण्ट्रोसोम से दूर हटने लगते हैं और दोनों सेण्ट्रोसोम्स के बीच कोशिकाद्रव्य की सूक्ष्म नलिकाओं से तर्क तन्तु (spindle fibres) बनने लगते हैं। पूर्वावस्था के समाप्त होने तक दोनों सेण्ट्रोसोम्स कोशिका में विपरीत ध्रुवों पर पहुंच जाते हैं और दोनों के मध्य । ध्रुवीय तर्क तन्तु (polar spindle fibres) बनने से तर्क निर्माण (spindle formation) पूरा हो जाता है। इस द्विध्रुवीय तर्क को समसूत्री तर्क (mitotic spindle) या द्वितारक (एम्फीऐस्टर-amphiaster) कहते हैं। समसूत्री तर्क में निम्नलिखित तीन प्रकार के तन्तु होते हैं।

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1. निरन्तरे या सतत् अथवा ध्रुवीय तर्क तन्तु (Continuous or polar spindle fibres) :
ये एक ध्रुव से दूसरे ध्रुव तक फैले रहते हैं।

2. असतत् या गुणसूत्री त तन्तु (Discontinuous or chromosomal spindle fibres) :

ये तर्क ध्रुव से तर्क की मध्यवर्ती रेखा तक फैले होते हैं और गुणसूत्रों के गुणसूत्र बिन्दु (सेण्ट्रोमियर) से जुड़े होते हैं।

3. अन्तक्षेत्रीय तर्क तन्तु (Interzonal spindle fibres) :
ये तर्कु पश्चावस्था (anaphase) में बनते हैं और दो पृथक् व क्रमश: दूर होते पुत्री गुणसूत्रों (daughter chromosomes) के मध्य फैले रहते हैं।

प्रश्न 2.
असूत्री विभाजन का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
इस प्रकार के विभाजन में सबसे पहले केन्द्रक कुछ लम्बा हो जाता है तथा मध्य स्थान पर या किसी एक सिरे के पास संकुचन (constriction) बन जाता है। कुछ समय के बाद केन्द्रक समान आकार के नहीं होते हैं। यह अनिवार्य नहीं है कि केन्द्रक विभाजन के बाद कोशिका का भी विभाजन हो। इस प्रकार का विभाजन सामान्यतः कवकों (fungi) तथा शैवालों (algae) में पाया जाता है। उच्च वर्ग के पौधों में यह केवल पुरानी कोशिकाओं (जो नष्ट हो रही हैं) में होता है।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अर्द्धसूत्री विभाजन से आप क्या समझते हैं? इसकी विभिन्न प्रावस्थाएँ लिखिए। समसूत्री विभाजन तथा इसका महत्व भी बताइए।
उत्तर
अर्द्धसूत्री विभाजन यह प्रत्येक जीव के जीवन चक्र (life cycle) में एक बार होने वाला ऐसा विभाजन है जो कोशिका में उपस्थित द्विगुणित (diploid = 2n) गुणसूत्रों को अगुणित (haploid = n) संख्या में हासित (reduce) कर देता है। इसी के बाद अगुणित (n) युग्मकों (gametes) का निर्माण होता है। युग्मकों के समेकन (fusion) के बाद जो युग्मनज बनता है उसमें क्रोमोसोम्स की संख्या फिर दोगुनी हो जाती है। इस प्रकार अर्द्धसूत्री विभाजन (meiosis) के (UPBoardSolutions.com) बिना युग्मक नहीं बन सकते तथा संयुग्मन निषेचन (fertilization) के बिना युग्मनज (zygote) का निर्माण नहीं हो सकता। अर्द्धसूत्री विभाजन (meiosis or reduction division) में जनक गुणसूत्रों का द्विगुणन तो एक बार ही होता है, परन्तु कोशिका दो बार विभाजित होती है अर्थात् विभाजनान्तराल प्रावस्था (interphase) एक ही बार होती है।

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अर्द्धसूत्री विभाजन की प्राधस्थाएँ

अर्द्धसूत्री विभाजन एक लम्बी प्रक्रिया है और इसमें केन्द्रक व कोशिकाद्रव्य के दो बार विभाजन सम्मिलित हैं। इन दो बार के विभाजनों में से पहला विभाजन ह्रास विभाजन (न्यूनकारी = reduction division) है जिसमें गुणसूत्रों की संख्या विगुणित से अगुणित (2n से n) हो जाती है। दोनों केन्द्रकों में गुणसूत्रों की संरचना यद्यपि एक जैसी होती है किन्तु इन पर उपस्थित आनुवंशिक प्रभावों में अन्तर हो सकता है, अत: इस विभाजन को विषम विभाजन (heterotypic division) भी कहते हैं, जबकि दूसरा विभाजन-साधारण सूत्री विभाजन की तरह ही होता है। इसमें बनने वाले नये केन्द्रकों में गुणसूत्र लम्बाई में टूट कर पहुँचते हैं; अत: इसे सम विभाजन (homotypic division) भी कहते हैं। इस विभाजन के अन्त में चार अगुणित (n) कोशिकाएँ बनती हैं।

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समसूत्री विभाजन एवं इसका महत्त्व

समसूत्री विभाजन जनन कोशिकाओं के अतिरिक्त सभी प्रकार की कायिक कोशिकाओं (somatic cells) में होता है। इसमें क्रोमोसोम्स की संख्या सदैव समान बनी रहती है। नयी सन्तति कोशिकाओं का निर्माण युग्मनज से होता है। इसमें नयी सन्तति कोशिकाएँ बार-बार विभाजित (समसूत्री कोशिका विभाजन द्वारा) होकर वृद्धि करती रहती हैं। कोशिका विभाजन के फलस्वरूप बनने वाली कोशिकाओं में विभेदीकरण (maturation) भी होता है जिससे (UPBoardSolutions.com) जीव के शरीर में विभिन्न अंग विकसित होते हैं। और इस प्रकार भ्रूणीय विकास के बाद एक नन्हे विकसित जीव का निर्माण हो जाता है। अब यह जीव वृद्धि करके वयस्क में बदल जाता है। यह वृद्धि भी सूत्री विभाजनों द्वारा कोशिकाओं की संख्या बढ़ने से ही होती है। इस प्रकार

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  1. यही एक ऐसा विभाजन है जिसके द्वारा बनने वाली सन्तति कोशिकाएँ पूर्णरूप से गुणों और संरचना में मातृ कोशिका की तरह होती हैं। सन्तति कोशिकाओं में क्रोमोसोम्स की संख्या और उनके लाक्षणिक गुण भी मातृ कोशिका की तरह ही रहते हैं।
  2. इस विभाजन के द्वारा बहुकोशिकीय संरचना का निर्माण होता है जबकि प्रत्येक जीव का जीवन चक्र,वास्तव में, एक कोशिका से ही प्रारम्भ होता है।
  3. एककोशिकीय जीवों में तो यह विभाजन जनन की एक विधि है।
  4. वृद्धि के लिए कोई कोशिका यदि परिमाप में बढ़ती जाये तो एक समय ऐसा आयेगा जब उसके जीवद्रव्य की विभिन्न दृष्टिकोण से सक्रियता नहीं रह पायेगी।

अतः यह कोशिका विभाजन जीव का परिमाप बढ़ाते हुए भी सक्रियता को कम नहीं होने देता अर्थात् (UPBoardSolutions.com) इसके द्वारा पुरानी वृद्ध कोशिकाओं के स्थान पर नयी नवजीवन युक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है।

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UP Board Solutions for Class 11 English Short Stories Chapter 1 Pen Pal

UP Board Solutions for Class 11 English Short Stories Chapter 1 Pen Pal

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 11 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 English Short Stories Chapter 1 Pen Pal.

STORY at a Glance
The author of this story, G. Srinivas Rao was a 21 years old college student. One day in a popular magazine he saw some addresses of the people who wanted to have pen friends. The writer had seen many of his friends receiving heavy air mail from their pen friends. So he was also interested in having a friend. He chose the address of a lady named Alice H. from Los Angeles.

He wrote his first letter to Alice on a pink sheet of a costly writing pad. He chose this colour because he had heard that the girls liked this colour very much. But he was very nervous when he was writing his first letter. When he was posting the letter, he felt as if he had been facing enemy’s bullet.

Alice sent the reply just after she had received his letter. She wrote, “I wonder how my dress got into the pen pal’s column in your country. Any way it is nice to have an unseen friend. So here I am.” Receiving the letter the writer was overjoyed. He read the letter again and again. Their correspondence continued for many days. But Alice did not reveal much about her.

He wanted to know her age. But he hesitated in asking her age directly. He requested her to send her photograph. She replied that she had no picture just then. She would send him her picture some other day.

Soon he became a man of the world. He was married. He got a job. He had two children. He became irregular in his correspondence also. One day he received a packet from Los Angeles. It had feminine handwriting but unfamiliar to the writer. When he opened it, he found a short letter, few magazines and a photograph of Alice. It was from a close friend of Alice H.

She wrote to the author, “I am sad to inform you that Alice H. died in a car accident last Sunday. She was alone bird, always helping others. She wanted her photograph to be sent to you after her death. So it is here.” That day the writer came to know that Alice was a woman, 78 years old. But he found beauty and compassion on her face.

कहानी पर एक दृष्टि

इस कहानी का लेखक जी० श्रीनिवास राव 21 वर्ष की आयु का कॉलिज का विद्यार्थी था। एक दिन प्रसिद्ध पत्रिका में उसने कुछ ऐसे लोगों के पते देखे जो पत्र-मित्र बनाना चाहते थे। लेखक ने देखा कि उसके मित्रों के पास भी उनके पत्र-मित्रों के भारी-भारी पैकेट हवाई डाक से आते हैं। इसलिए वह भी पत्र-मित्र में रुचि लेने लगा। उसने लॉस एंजिल्स की ऐलिस एच० नामक स्त्री को चुना।

उसने ऐलिस को अपना प्रथम पत्र एक गुलाबी कागज के महँगे पैड पर लिखा। उसने यह रंग इस कारण पसन्द किया क्योंकि उसने सुना था कि लड़कियों को यह रंग बहुत पसन्द होता है। किन्तु जब वह पहला पत्र लिख रहा था, तो वह बहुत परेशान था। जब वह पत्र डाल रहा था तब उसे ऐसा लगा मानो किसी दुश्मन की गोली का मुकाबला कर रहा हो।

ऐलिस ने उसका पत्र पाते ही अपना उत्तर भेज दिया। उसने लिखा, “मुझे आश्चर्य है कि मेरा पता आपके देश के पत्र-मित्र कॉलम में कैसे आ गया। फिर भी यह अच्छा लगता है कि अनदेखा व्यक्ति मित्र बन जाए। इसलिए मैं तैयार हूँ।” पत्र पाकर लेखक अत्यधिक प्रसन्न हुआ। उसने पत्र को बार-बार पढ़ा। उनका पत्र-व्यवहार बहुत दिनों तक जारी रहा। किन्तु ऐलिस ने अपने विषय में अधिक प्रकट नहीं किया। वह उसकी आयु जानना चाहता था। किन्तु वह इस विषय में उससे सीधे पूछने में हिचकिचाता था। उसने उससे चित्र भेजने की प्रार्थना की। उसने उत्तर दिया कि इस समय मेरे पास चित्र नहीं है। वह उसे फिर कभी भेज देगी।

शीघ्र ही वह सांसारिक व्यक्ति बन गया। उसका विवाह हो गया। उसे नौकरी मिल गई। उसके दो बच्चे हो गए। वह पत्र-व्यवहार में भी अनियमित हो गया। एक दिन लॉस एंजिल्स से उसे एक पैकेट मिला। इस पर स्त्री का लेख था, किन्तु लेखक उसे नहीं पहचानता था। जब उसने इसे खोला तब उसे एक छोटा-सा पत्र, कुछ पत्रिकाएँ और ऐलिस का एक चित्र मिला। यह ऐलिस की एक घनिष्ठ मित्र ने भेजा था।

उसने लेखक को लिखा, “मुझे आपको यह सूचित करते हुए दुःख है कि ऐलिस एक कार दुर्घटना में गत रविवार को मर गई। वह एक अकेली स्त्री थी तथा सदा दूसरों की सहायता करती थी। वह चाहती थी कि उसका चित्र आपको उसकी मृत्यु के बाद भेजा जाए। इसलिए मैं उसे आपको भेज रही हूँ।” उस दिन लेखक को पता चला कि ऐलिस 78 वर्ष की आयु की एक स्त्री थी। किन्तु उसने उसके चेहरे पर सुन्दरता और दया को देखा।

Short Answer Type Questions

Answer one of the following questions in not more than 30 words:

(A) COMPREHENSION TEXT QUESTIONS

Question 1.
who was the author’s pen pal ? Where did she live ?
(लेखक की पत्र-मित्र कौन थी? वह कहाँ रहती थी?)
Answer:
Alice H. was the author’s pen pal. She was living in Los Angeles.
(ऐलिस एच० लेखक की पत्र-मित्र थी। वह लॉस एंजिल्स में रहती थी।)

Question 2.
How old was the author when he entered into a pen friendship?.
(पत्र-मित्र बनते समय लेखक की आयु कितनी थी ?)
Answer:
The author was 21 years old when he entered into a pen friendship.
(पत्र-मित्र बनने के समय लेखक की आयु 21 वर्ष थी।)

Question 3.
What did he feel when he wrote and posted his first letter to Alice ?
(जब उसने ऐलिस को अपना पहला पत्र लिखा, तो क्या अनुभव किया ?)
Answer:
He felt nervous like a school boy taking his very first examination when he wrote the first letter to Alice. When he dropped it into a letter box, he felt as if he were facing the enemy’s bullet.
(जब उसने ऐलिस को अपना प्रथम पत्र लिखा तब वह उस लड़के के समान घबराया हुआ था जो पहली परीक्षा दे रहा हो। जब उसने लैटर बॉक्स में पत्र डाला, तब वह ऐसा अनुभव कर रहा था मानों दुश्मन की गोली का मुकाबला कर रहा हो।)

Question 4.
What was the effect of Alice’s first letter on the author?
(ऐलिस के पहले पत्र का लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा ?)
Answer:
Getting the first letter of Alice the author felt as if he were in the seventh heaven. Its effect was very romantic and he read it again and again.
(ऐलिस का पत्र पाकर लेखक को ऐसा लगा मानो वह सातवें स्वर्ग में रह रहा हो। इसका प्रभाव बड़ा रोमांटिक था और लेखक ने उसे बार-बार पढ़ा।)

Question 5.
What led the author to ask for a picture of Alice ?
(किस बात ने लेखक को ऐलिस का चित्र माँगने के लिए अग्रसर किया ?)
Or
Why did the author ask Alice to send him her photograph ? [M. Imp.]
(लेखक ने ऐलिस से अपनी फोटो भेजने के लिए क्यों कहा ?)
Or
Why was the author very keen to have a photograph of his pen pal ?
(अपने पैन मित्र को चित्र प्राप्त करने के लिए लेखक इतना उत्सुक क्यों था ?)
Answer:
The author wanted to know the age of Alice. But he thought it was impolite to ask a girl her age. So this desire led the author to ask for a picture of Alice.
(लेखक ऐलिस की आयु जानना चाहता था। किन्तु उसने सोचा कि किसी लड़की से उसकी आयु पूछना असभ्यता है। इसलिए लेखक की इस इच्छा ने ऐलिस का चित्र माँगने के लिए उसे अग्रसर किया।)

Question 6.
Why did Alice not send a picture immediately ?               [V.Imp.]
(ऐलिस ने अपना चित्र तुरन्त क्यों नहीं भेजा ?)
Or
Why did the lady hide her identity in the story ‘Pen Pal’ ?
(पत्र-मित्र नामक कहानी में स्त्री ने अपनी पहचान क्यों छिपाई ?)
Answer:
In the story ‘Pen Pal’ the lady hid her identity because she was an old lady while the author was a young man.
(पत्र-मित्र नामक कहानी में उस स्त्री ने अपनी पहचान इसलिए छिपाई क्योंकि वह एक बूढ़ी स्त्री थी जबकि लेखक एक युवक था।)

Question 7.
What changes took place in the life of the author as years rolled by ?
(ज्यों-ज्यों समय व्यतीत हुआ लेखक के जीवन में क्या-क्या परिवर्तन आए ?)
Answer:
As the years rolled by the author became very irregular in his correspondence to Alice because he became a man of the world, got a job, a wife and children.
(ज्यों-ज्यों समय व्यतीत हुआ लेखक ऐलिस से पत्र-व्यवहार में अनियमित होता गया, क्योंकि वह सांसारिक व्यक्ति हो गया, उसे नौकरी मिल गयी तथा उसके पत्नी एवं बच्चे हो गए।)

Question 8.
who sent a large packet to the author from America ? What did it contain ?        [Imp.]
(अमेरिका से लेखक को एक बड़ा पैकेट किसने भेजा ? उसमें क्या था ?)
Answer:
A close friend of Alice H. sent a large packet to the author from America. It contained a note about the death of Alice, some magazines and a photograph of. Alice.
(ऐलिस की एक घनिष्ठ मित्र ने अमेरिका से लेखक को एक बड़ा पैकेट भेजा। इसमें ऐलिस की मृत्यु की सूचना का पर्चा, कुछ पत्रिकाएँ तथा ऐलिस को एक चित्र था।)

Question 9.
What did the author come to know about Alice from the contents of the packet ?
(पैकेट के सामान से लेखक को ऐलिस के विषय में क्या पता लगा ?)
Answer:
From the contents of the packet the author came to know that Alice was an old woman. She had died. She was of a helping nature
(पैकेट के सामान से लेखक को पता लगा कि ऐलिस एक बूढ़ी स्त्री थी। उसकी मृत्यु हो गई थी। उसका स्वभाव दूसरों की सहायता करना था।)

Question 10.
What was the truth revealed to the author after twenty years in the story ‘Pen Pal’?     [Imp.]
(पत्र-मित्र नामक कहानी में बीस वर्ष के बाद किस सत्य का पता लगा?)
Answer:
In the story ‘Pen Pal’ the author came to know after twenty years that his pen pal Alice was a 78 years old woman. But she was beautiful and compassionate.
(पत्र-मित्र नामक कहानी में लेखक को बीस वर्ष बाद पता लगा कि उसकी पत्र मित्र ऐलिस 78 वर्ष की एक बूढ़ी स्त्री थी। किन्तु वह सुन्दर तथा दयावान थी।)

Question 11.
Which of the following will best describe the reaction of the author on seeing the photograph of Alice and reading her friend’s note ?
The author was disappointed/startled/delighted/moved with love and pity.
(ऐलिस का चित्र देखकर तथा उसकी मृत्यु के विषय में पढ़कर लेखक पर जो प्रतिक्रिया हुई, उसे निम्न बातों में से कौन-सी बात अच्छी प्रकार प्रदर्शित करती है ?
लेखक हताश/स्तब्ध/प्रसन्न/प्रेम और दया से द्रवित हो गया।)
Answer:
The author was moved with love and pity when he saw the photograph of Alice and read her friend’s note.
(जब लेखक ने ऐलिस का चित्र देखा और उसकी मित्र का नोट पढ़ा, तब वह प्रेम और दया से द्रवित हो गया।)

Question 12.
where did Alicelive? How did she become a penpal? How did she die?
(ऐलिस कहाँ रहती थी ? वह पत्र-मित्र कैसे बन गई ? उसकी मृत्यु कैसे हुई ?)
Answer:
Alice lived in Los Angeles. She became a pen pal when the writer requested her for it in his letter. She died in a car accident.
(ऐलिस लॉस एंजिल्स में रहती थी। जब लेखक ने उससे अपने पत्र में इस बात के लिए प्रार्थना की तब वह उसकी पत्र-मित्र बन गई। एक कार दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई।)

(B) APPRECIATING THE STORY

Question 1.
Alice had not asked for a pen pal and yet she agreed to become a pen pal of the author, why?
(ऐलिस ने पत्र-मित्र बनने की इच्छा व्यक्त नहीं की थी फिर भी वह लेखक की पत्र-मित्र बनने को सहमत हो गई, क्यों ?)
Answer:
Alice had not asked for a pen pal. Yet she agreed to become a pen pal of author because she did not wish to disappoint a young man from a foreign country.
(ऐलिस ने पत्र-मित्र बनने की इच्छा व्यक्त नहीं की थी। फिर भी वह लेखक की पत्र-मित्र बनने को सहमत हो गई, क्योंकि वह एक विदेशी नवयुवक को निराश करना नहीं चाहती थी।)

Question 2.
why was the author careful in his correspondence with Alice ?
(ऐलिस के साथ पत्र-व्यवहार करने में लेखक इतना सावधान क्यों था ?)
Answer:
The author was careful in his correspondence because he did not want to express his romantic feelings before a foreign girl and English was a foreign language for him.
(अपने पत्र-व्यवहार करने में लेखक सावधान था क्योंकि वह अपनी प्रेम की भावनाओं को एक विदेशी लड़की के समक्ष प्रकट नहीं करना चाहता था तथा अंग्रेजी उसके लिए विदेशी भाषा थी।)

Question 3.
Why does the author call the correspondence with Alice a game of hide-and-seek ?
(लेखक ऐलिस के साथ अपने पत्र-व्यवहार को आँख-मिचौली का खेल क्यों कहता है ?)
Answer:
Whenever author wanted to know something of Alice, she concealed it very cunningly. Therefore, the author calls the correspondence with Alice a game of hide-and-seek.
(जब कभी लेखक ऐलिस के विषय में कुछ जानना चाहता था तभी वह बड़ी चालाकी से उसे छिपा लेती थी। इसी कारण लेखक ऐलिस के साथ अपने पत्र-व्यवहार को आँख-मिचौली का खेल कहता है।)

Question 4.
Why did Alice advise her friend to send her photograph to the author only after she (Alice) was dead?
(ऐलिस ने अपनी मित्र को यह सलाह क्यों दी कि वह उसकी मृत्यु के बाद उसका चित्र लेखक को भेज दे ?)
Answer:
Alice was an old lady. She did not want to disappoint the author or hurt his feelings. Moreover she wanted to keep her promise also. So she desired her friend to send her photograph to the author only after she was dead.
(ऐलिस एक बूढ़ी स्त्री थी। वह लेखक को निराश करना नहीं चाहती थी या उसकी भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं चाहती थी। इसके अतिरिक्त वह अपना वायदा भी निभाना चाहती थी। इसलिए उसने अपनी ‘ मित्र से इच्छा प्रकट की कि उसकी मृत्यु के बाद वह उसका चित्र लेखक को भेज दे।)

Question 5.
why does the author write (after seeing Alice’s photograph) that he would have cherished that face even as a shy college boy ?
(ऐलिस का चित्र देखकर लेखक यह क्यों कहता है कि वह इस चेहरे को उस समय भी प्यार करता जब वह
कॉलिज का एक शर्मीला विद्यार्थी था ?)
Answer:
Seeing the photograph, the writer found in her beauty and compassion. Moreover the author was very sentimental. So he writes that he would have cherished that face even as a shy college boy.
(चित्र को देखकर लेखक ने उसमें सुन्दरता एवं दया को पाया। इसके अतिरिक्त लेखक बहुत भावुक था। इसलिए वह लिखता है कि वह जब कॉलिज का शर्मीला विद्यार्थी था, तब भी वह उससे प्यार करता था।)

Question 6.
Can you locate the sentence in the text of the story which indicates why the author expected
his pen pal to be a young girl ?
(क्या आप अपनी पाठ्य-पुस्तक में उस वाक्य को बता सकते हैं जिसमें लेखक ने यह आशा व्यक्त की थी कि
उसका पत्र-मित्र एक मवयुवती हो ?)
Answer:
The sentence in the second para ‘Why shouldn’t I also try ? indicates that the author expected his pen pal to be a young girl.
(दूसरे पैराग्राफ का यह वाक्य कि, “मैं भी चेष्टा क्यों न करू” यह बताता है कि लेखक चाहता था कि उसका पत्र-मित्र कोई नवयुवती हो।)

Question 7.
Which of the following adjectives do you think describe Alice best ? dishonest, loving, lonely, tricky, kind, generous, one who enjoys befooling others, understanding, sympathetic, secretive.
(नीचे लिखे विशेषणों में से कौन-सा विशेषण सबसे अच्छी प्रकार ऐलिस का वर्णन करता है? बेईमान, प्यारी, एकाकी, चालाक, दयालु, विनम्र, दूसरों को बेवकूफ बनाकर आनन्द लेने वाली, दूसरों की भावनाओं को समझने वाली, सहानुभूतिपूर्ण, घुन्नी।)
Answer:
The following adjectives describe Alice best :
loving, kind, generous and sympathetic.
(निम्नलिखित विशेषण ऐलिस का सर्वोत्तम वर्णन करते हैं :
प्यारी, दयालु, विनम्र तथा सहानुभूतिपूर्ण।)

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UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements

UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements (s-ब्लॉक तत्त्व)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 11 Chemistry. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements (s-ब्लॉक तत्त्व).

पाठ के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्षार धातुओं के सामान्य भौतिक तथा रासायनिक गुण क्या हैं?
उत्तर
वर्ग 1 के तत्व: क्षार धातुएँ (Elements of Group 1: Alkali Metals) क्षार धातुओं के भौतिक तथा रासायनिक गुणों में परमाणु क्रमांक के साथ एक नियमित प्रवृत्ति पाई जाती है। इन तत्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुणों की व्याख्या निम्नलिखित है-
भौतिक गुण (Physical Properties)
क्षार धातु-परिवार के सदस्यों के महत्त्वपूर्ण भौतिक गुण निम्नलिखित सारणी में सूचीबद्ध हैं।
सारणी-1: क्षार धातुओं के भौतिक गुण (Physical Properties of the Alkali Metals)

UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-1

1. परमाणु त्रिज्या (Atomic radi)–क्षार धातुओं की परमाणु त्रिज्या ( धात्विक त्रिज्या) का मान अपने आवर्ती में सबसे अधिक होता है तथा ये मान वर्ग में नीचे जाने पर बढ़ते जाते हैं।
किसी परमाणु के नाभिक के केन्द्र से संयोजकता कोश में उपस्थित बाह्यतम इलेक्ट्रॉन के बीच की दूरी परमाणु त्रिज्या कहलाती है। क्षार धातुएँ, आवर्त का प्रथम तत्व होते हुए, सर्वाधिक परमाणु त्रिज्या रखती हैं, चूंकि इनके संयोजकता कोश में केवल एक इलेक्ट्रॉन होता है। परिणामस्वरूप नाभिक के साथ आकर्षण बल का परिमाण न्यूनतम होता है। वर्ग में नीचे जाने पर इलेक्ट्रॉन क्रोशों की क्ररि वृद्धि के कारण परमाणु त्रिज्या बढ़ती है। इसके अतिरिक्त वर प्रभाव का परिमाण भी बढ़ता है जो परमाणु के नाभिक के साथ संयोजी -इलेक्ट्रॉनों के आकर्षण को कम कर देता है, इसके – नाभिकीय आवेश भी बढ़ता है जो नाभिक तथा इलेक्ट्रॉनों के मध्य आकर्षण को बढ़ा देता है। परन्तु इसका परिमाण आवरण प्रभाव की तुलना में अत्यन्त कम होता है। इस प्रकार परमाणु आकार पर कुल परिमाण द्वारा यह प्रेक्षित होता है कि वर्ग में नीचे जाने पर तत्वों के परमाणु आकार बढ़ते हैं।

2. आयनिक त्रिज्या (Ionic radii)-क्षार धातु परमाणु संयोजी s (ns’)-इलेक्ट्रॉन खोकर एकलसंयोजी धनायन बनाते हैं। ये धनायनी त्रिज्या मूल परमाणु की तुलना में छोटी होती हैं। सारणी-3 के अनुसार आयनिक त्रिज्या के मान वर्ग में नीचे जाने पर बढ़ते हैं। चूंकि एकल संयोजी धनायनों का निर्माण परमाणु के संयोजकता कोश में उपस्थित केवल एक इलेक्ट्रॉन के निष्कासन पर होता है; अतः शेष इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक द्वारा अधिक आकर्षित होकर उसके समीप हो जाते हैं। परिणामस्वरूप धनायनों का आकार कम हो जाता है। जैसा कि आयनों का आकार अपने मूल परमाणुओं से सम्बद्ध होता है; इसलिए आयनिक त्रिज्या भी परमाणु त्रिज्या के समान वर्ग में नीचे जाने पर बढ़ती है।

3. आयनन एन्थैल्पी (lonisation enthalpies)-गैसीय अवस्था में किसी उदासीन विलगित परमाणु से सर्वाधिक शिथिल बद्ध (loosely bound) इलेक्ट्रॉन हटाने के लिए आवश्यक ऊर्जा को न्यूनतम मात्रा, आयनन एन्थैल्पी कहलाती है। इसे kJ mol-1 या ev इकाइयों में व्यक्त किया जा सकता है।

1eV = 96.472 kJ mol-1

क्षार धातुओं की आयनन एन्थैल्पी अपने आवर्ती में न्यूनतम होती है तथा वर्ग में नीचे जाने पर यह घटती है। इन तत्वों के प्रथम आयनन ऊर्जा के मान सारणी-1 में दिए गए हैं ।
क्षार धातुओं की आयनन एन्थैल्पी के मान कम होने का कारण इनका परमाणु आकार अधिक होना है। जिसके कारण संयोजी -इलेक्ट्रॉन (ns’) को सरलता से निकाला जा सकता है। आयनन एन्थैल्पी के मान वर्ग में नीचे जाने पर भी घटते हैं; क्योंकि परमाणु त्रिज्या के बढ़ने तथा आवर! प्रभाव को परिमाण अधिक होने पर नाभिक के आकर्षण बल का परिमाण घट जाता है। इसके अतिरिक्त एक ही तत्व के लिए प्रथम तथा द्वितीय आयनन एन्थैल्पी के मानों में बहुत अधिक अन्तर होता है।
उदाहरणार्थ-सोडियम के लिए प्रथम आयनन एन्थैल्पी का मान 496 kJ mol-1 है, जबकि इसकी द्वितीय आयनन एन्थैल्पी का मान 4562 kJmol-1 है। इसका प्रमुख कारण है कि एक इलेक्ट्रॉन खोकर बनने वाला एकल संयोजी धनायन (M+) उच्च सममिताकार तथा समीपवर्ती उत्कृष्ट गैस की स्थायी संरचना को प्राप्त कर लेता है। परिणामस्वरूप दूसरे इलेक्ट्रॉन का निष्कासन अत्यन्त कठिन प्रक्रिया हो जाती है जैसा कि उपर्युक्त उदाहरण में दिए सोडियम के प्रथम तथा द्वितीय आयनन एन्थैल्पी के मानों से स्पष्ट हो जाता है।

4. विद्युत ऋणात्मकता (Electronegativity)–किसी तत्व की विद्युत ऋणात्मकता इसके परमाणु की इलेक्ट्रॉनों (बन्ध के साझे युग्म के लिए) को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता को कहते हैं। क्षार धातुओं की विद्युत ऋणात्मकता कम होती है जिसका अर्थ है कि इनकी इलेक्ट्रॉन आकर्षित करने की क्षमता कम होती है। विद्युत ऋणात्मकता के मान वर्ग में नीचे जाने पर घटते हैं।
क्षार धातु परमाणुओं का ns1 इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है जिसका अर्थ है कि इनको प्रवृत्ति इलेक्ट्रॉन त्यागने की होती है न कि ग्रहण करने की। अतः इनकी विद्युत ऋणात्मकता के मान कम होते हैं। चूंकि वर्ग में नीचे जाने पर परमाणु आकार बढ़ते हैं; अतः परमाणु की संयोजी इलेक्ट्रॉन को थामे रखने की क्षमता में क्रमिक कमी आती है। इसलिए वर्ग में नीचे जाने पर विद्युत ऋणात्मकता घटती है।

5. ऑक्सीकरण-अवस्था एवं धन विद्युती गुण (Oxidation states and electropositive characters)–क्षार धातु परिवार के सभी सदस्य अपने यौगिकों में +1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं तथा प्रबल धन विद्युती होते हैं। वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर धन विद्युती गुण बढ़ता है। क्षार धातुओ की आयनन एन्थेपी के भान बहुत कम होने के कारण इनके परमाणुओं में संयोजी इलेक्ट्रॉन खोकर एकल संयोजी धनायन बनाने की प्रवृत्ति बहुत अधिक होती है। परिमाणस्वरूप एन्थैल्पी का मान घटता है; अत: धन विद्युती गुण बढ़ता है।

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6. धात्विक लक्षण (Metallic character)- वर्ग 1 के तत्व प्रारूपिक धातुएँ हैं तथा अत्यन्त कोमल हैं। इन्हें चाकू द्वारा सरलता से काटा जा सकता है। वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर इनके धात्विक लक्षणों में अत्यधिक वृद्धि होती है।
किसी तत्व का धात्विक गुण उसके इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन बनाने की प्रवृत्ति से सम्बन्धित होता है। धात्विक बन्ध की प्रबलता इलेक्ट्रॉन समुद्र (electron sea) में उपस्थित संयोजी इलेक्ट्रॉनों तथा करनेल (kernal) के मध्य आकर्षण बल पर निर्भर करती है। करनेल का आकार जितना छोटा होगा तथा संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या जितनी अधिक होगी, धात्विक बन्ध उतना ही प्रबल होगा। दूसरे शब्दों में, धातु की कठोरता धात्विक बन्ध के प्रबल होने पर अधिक होगी। क्षार धातुओं में करनेल बड़े आकार के होते हैं तथा इनमें केवल एक संयोजी इलेक्ट्रॉन होता है। अतः क्षार धातुओं में धात्विक बन्ध दुर्बल होते हैं तथा क्षार धातुएँ कोमल होती हैं। लीथियम सबसे कठोर होता है, चूंकि इसका करनेल सबसे छोटे आकार का होता है।

7. गलनांक तथा क्वथनांक (Melting and boiling points)-क्षार धातुओं के गलनांक तथा क्वथनांक अत्यन्त कम होते हैं जो वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर घटते हैं।
क्षार धातुओं के परमाणुओं को आकार ‘अधिक होता है; अतः क्रिस्टल-जालक में इनकी बन्धन ऊर्जा बहुत कम होतो है। परिणामस्वरूप इनके गलनांक कम होते हैं। वर्ग में नीचे जाने पर परमाणु आकार में वृद्धि के साथ-साथ गलनांक के मान घटते हैं। क्वथनांक कम होने का कारण भी यही होता है।

8. घनत्व (Density)-क्षार धातुएँ अत्यन्त हल्की होती हैं। इस परिवार के पहले तीन सदस्य जल से भी हल्के होते हैं। वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर घनत्व बढ़ता है।
क्षार धातुओं के परमाणुओं का आकार बड़ा होता है; अत: वे अन्तराकाश में अधिक संकुलित (closely packed) नहीं होते हैं तथा इनका घनत्व कम होता है। वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु आकार बढ़ने के कारण घनत्व कम होना चाहिए; परन्तु यह बढ़ता है। चूंकि परमाणु आकार के साथ-साथ परमाणु भार भी बढ़ता है जिसका प्रभाव अधिक है; अत: घनत्व (भार/आयतन) वर्ग में नीचे जाने पर। बढ़ता है। इसका एक अपवाद पोटेशियम (K) हैं जिसका घनत्व सोडियम से कम है। इसका मुख्य कारण पोटेशियम के परमाणु आकार तथा परमाणु आयतन में असामान्य वृद्धि है।

9. जलयोजन एन्थैल्पी (Hydration enthalpy)-जलयोजन एन्थैल्पी (A Hd ) वह ऊर्जा है जो जलीय विलयन में आयनों के जलयोजित होने पर मुक्त होती है। क्षार धातु आयनों की जलयोजन एन्थैल्पी निम्नलिखित क्रम में होती है-

Li+ > Na+ >K+ > Rb+ >Cs+

जलयोजन में आयनों तथा चारों ओर उपस्थित जल अणुओं के मध्य आकर्षण होता है। अतः आयन का आकार छोटा होने पर, इस पर आवेश का परिमाण अधिक होगा तथा इनकी जलयोजित होने की क्षमता उतनी ही अधिक होगी। क्षार धातुओं में Li+ आयन की जलयोजन एन्थैल्पी सर्वाधिक होती है। इसलिए लीथियम के लवण अधिकतर जलयोजी प्रवृत्ति के होते हैं (LiC1.2H2O)।

10. ज्वाला में रंग देना (Colouration to the flame)-क्षार धातुओं के यौगिकों (मुख्य रूप से क्लोराइड) को प्लैटिनम के तार पर गर्म करने पर ये ज्वाला को विशिष्ट रंग प्रदान करते हैं।
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चूँकि क्षार धातुओं की आयनन एन्थैल्पी बहुत कम होती है; अत: इनके इलेक्ट्रॉनों को उच्च ऊर्जा स्तर तक उत्तेजित करना सरल होता है। जब इन धातुओं को प्लैटिनम की तार पर रखकर ज्वाला दी जाती है। तो ज्वाला की ऊर्जा से इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर उच्च ऊर्जा स्तर पर पहुँच जाते हैं। पुनः जब ये उत्तेजित इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर पर आते हैं तो विकिरण के रूप में दृश्य प्रकाश उत्सर्जित करते हैं। फलस्वरूप क्षार धातुएँ ज्वाला को विशिष्ट रंग प्रदान करती हैं।

11. प्रकाश-विद्युत प्रभाव (Photoelectric effect)-लीथियम के अतिरिक्त सभी क्षार धातुएँ प्रकाश-विद्युत प्रभाव प्रदर्शित करती हैं। प्रकाश-विद्युत प्रभाव को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है–“जब किसी धातु की सतह पर निश्चित आवृत्ति की किरणें टकराती हैं तो धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होकर निकलते हैं। इसे प्रकाश-विद्युत प्रभाव कहते हैं। दूसरे शब्दों में, धातु की सतह पर फोटॉन के प्रहार से इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन प्रकाश-विद्युत प्रभाव कहलाता है।
प्रकाश-विद्युत प्रभाव का कारण क्षार धातुओं की न्यूनतम आयनन एन्थैल्पी है। धातु की सतह पर गिरने वाले फोटॉनों के पास इतनी ऊर्जा होती है कि वे इलेक्ट्रॉनों को धातु की सतह से उत्सर्जित कर देते हैं। चूंकि लीथियम के छोटे आकार के कारण इसकी आयनन ऊर्जा अधिक होती है; अतः इस धातु पर गिरने वाला फोटॉन नाभिक और, इलेक्ट्रॉनों के बीच आकर्षण बल को कम करने में सक्षम नहीं होता है। इस प्रकार प्रकाश के.दृश्य क्षेत्र में यह धातु प्रकाश-विद्युत प्रभाव प्रदर्शित नहीं करती।

रासायनिक गुण (Chemical Preperties)
क्षार धातुएँ बड़े आकार तथा कर्म आयनन एन्थैल्पी के कारण अत्यधिक क्रियाशील होती हैं। इनकी क्रियाशीलता वर्ग में ऊपर से नीचे क्रमशः बढ़ती जाती है। इस वर्ग के सदस्यों के महत्त्वपूर्ण रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं-

1. वायु के साथ अभिक्रियाशीलता (Reactivity with air)-क्षार धातुएँ वायु की उपस्थिति में मलिन (exposed) हो जाती हैं; क्योकि वायु की उपस्थिति में इन पर ऑक्साइड तथा हाइड्रॉक्साइड की पर्त बन जाती है। ये ऑक्सीजन में तीव्रता से जलकर ऑक्साइड बनाती हैं। लीथियम और सोडियम क्रमशः मोनोक्साइड तथा परॉक्साइड का निर्माण करती हैं, जबकि अन्य धातुओं द्वारा सुपर ऑक्साइड आयन का निर्माण होता है। सुपर ऑक्साइड 0,- बड़े धनायनों; जैसे-K’, RB’ तथा Cs’ की उपस्थिति में स्थायी होता है।

4Li+O2 → 2Li2O (ऑक्साइड)
2Na +O2 → Na2O2 (परॉक्साइड)
M+O2 → MO2 (सुपर ऑक्साइड) (M =K, Rb, Cs)

इन सभी ऑक्साइडों में क्षार की ऑक्सीकरण अवस्था +1 होती है। लीथियम अपवादस्वरूप वायु में उपस्थित नाइट्रोजन से अभिक्रिया करके नाइट्राइड, LisN बना लेता है। इस प्रकार लीथियम भिन्न स्वभाव दर्शाता है। क्षार धातुओं को वायु एवं जल के प्रति उनकी अति सक्रियता के कारण साधारणतया रासायनिक रूप से अक्रिय विलायकों; जैसे-किरोसिन में रखा जाता है।

2. जल के साथ अभिक्रियाशीलता (Reactivity with water)-क्षार धातुएँ, इनके ऑक्साइड, परॉक्साइड तथा सुपर ऑक्साइड भी जल के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रॉक्साइड, जो घुलनशील होते हैं तथा क्षार (alkalies) कहलाते हैं, बनाती हैं।

2Na + 2H2O → 2Na+ + 2OH +H2
Li2O+H2O → 2LiOH
Na2O2 + 2H2O → 2NaOH +H2O2
2KO2 + 2H2O → 2KOH + H2O2 +O2

यद्यपि लीथियम के मानक इलेक्ट्रोड विभव (E) का मान अधिकतम ऋणात्मक होता है, परन्तु जल के साथ इसकी अभिक्रियाशीलता सोडियम की तुलना में कम है, जबकि सोडियम के E] का मान अन्य क्षार धातुओं की अपेक्षा न्यून ऋणात्मक होता है। लीथियम के इस व्यवहार का कारण इसके छोटे आकार तथा अत्यधिक जलयोजन ऊर्जा का होना है। अन्य क्षार धातुएँ जल के साथ विस्फोटी अभिक्रिया करती हैं। चूँकि अभिक्रिया उच्च ऊष्माक्षेपी होती है तथा विमुक्त होने वाली हाइड्रोजन आग पकड़ लेती है, इसलिए क्षार धातुओं को जल के सम्पर्क में नहीं रखते। क्षार धातुएँ प्रोटॉनदाता (जैसे-ऐल्कोहॉल, गैसीय अमोनिया, ऐल्काइन आदि) से भी अभिक्रियाएँ करती हैं।

3. डाईहाइड्रोजन से अभिक्रियाशीलता (Reactivity with dihydrogen)—लगभग 673K (लीथियम के लिए 1073K) पर क्षार धातुएँ डाइहाइड्रोजन से अभिक्रिया कर हाइड्राइड बनाती हैं। सभी क्षार धातुओं के हाइड्राइड रंगहीन, क्रिस्टलीय एवं आयनिक होते हैं। इन हाइड्राइडों के गलनांक उच्च होते हैं।

UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-4

हाइड्राइडों का आयनिक गुण Li से Cs तक बढ़ता है। क्षार धातुओं की कम आयनन एन्थैल्पी के कारण इनके परमाणु सरलता से संयोजी इलेक्ट्रॉन खोकर आयनिक हाइड्राइड (M+H) बनाते हैं। चूंकि आयनन एन्थैल्पी वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर घटती है; अतः धनात्मक आयन बनाने की प्रवृत्ति उसी अनुसार बढ़ती है। इसलिए हाइड्रोइडों का आयनिक गुण भी बढ़ता है।

4. हैलोजेन से अभिक्रियाशीलता (Reactivity with halogens)-क्षार धातुएँ हैलोजेन से शीघ्र प्रबल अभिक्रिया करके आयनिक ऑक्साइड हैलाइड M+X बनाती हैं।

2M+X2 → 2M+ X

यद्यपि लीथियम के हैलाइड आंशिक रूप से सहसंयोजक होते हैं। इसका कारण लीथियम की उच्च ध्रुवण-क्षमता है। (धनायन के कारण ऋणायन के इलेक्ट्रॉन अभ्र का विकृत होना ‘ध्रुवणता (polarisation) कहलाता है।) लीथियम आयन का आकार छोटा है; अत: यह हैलाइड आयन के इलेक्ट्रॉन अभ्र को विकृत करने की अधिक क्षमता दर्शाता है। चूंकि बड़े आकार का ऋणायन आसानी से विकृत हो जाता है, इसलिए लीथियम आयोडाइड सहसंयोजक प्रकृति सबसे अधिक दर्शाते हैं। अन्य क्षार धातुएँ आयनिक प्रवृत्ति की होती हैं। इनके गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होते हैं। गलित हैलाइड विद्युत के सुचालक होते हैं। इनका प्रयोग क्षार धातुएँ बनाने में किया जाता है।

5. अपचायक प्रकृति (Reducing nature)-क्षार धातुएँ प्रबल अपचायक के रूप में कार्य करती हैं। जिनमें लीथियम प्रबलतम एवं सोडियम दुर्बलतम अपचायक है। मानक इलेक्ट्रोड विभव (E), जो अपचायक क्षमता का मापक है, सम्पूर्ण परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करता है-

M(s) → M(g) ऊर्ध्वपातन एन्थैल्पी
M(g) → M+(g) + e आयनन एन्थैल्पी
M+ (g) + H22O → M+ (aq) जलयोजन एन्थैल्पी

स्पष्ट है कि E का मान जितना कम होगा अपचायक गुण उतना ही अधिक होगा। लीथियम आयन का आकार छोटा होने के कारण इसकी जलयोजन एन्थैल्पी का मान अधिकतम होता है, जो इसके उच्च ऋणात्मक E मान तथा इसके प्रबल अपचायक होने की पुष्टि करता है।

6. द्रव अमोनिया में विलयन (Solution in liquid ammonia)-क्षार धातुएँ द्रव अमोनिया में घुलनशील हैं। अमोनिया में इनके विलयन का रंग गहरा नीला होता है एवं विलयन प्रकृति में विद्युत का सुचालक होता है।

M+(x+ y)NH3 → [M(NH3)x]+ + [NH3)y]

विलयन का नीला रंग अमोनीकृत इलेक्ट्रॉनों के कारण होता है, जो दृश्य प्रकाश क्षेत्र की संगत ऊर्जा का अवशोषण करके विलयन को नीला रंग प्रदान करते हैं। अमोनीकृत विलयन अनुचुम्बकीय (paramagnetic) होता है, जो कुछ समय पड़े रहने पर हाइड्रोजन को मुक्त करता है। फलस्वरूप, विलयन में ऐमाइड बनता है।

M+ (am) +e +NH3(2) → MNH2 (am) + 1/2H2(g)

जहाँ ‘am’ अमोनीकृत विलयन दर्शाता है। सान्द्र विलयन में नीला रंग ब्रॉन्ज रंग में बदल जाता है और विलयन प्रतिचुम्बकीय (diamagnetic) हो जाता है।

7. सल्फर तथा फॉस्फोरस के साथ अभिक्रिया (Reaction with sulphur and phosphorus)- क्षार धातुएँ सल्फर तथा फॉस्फोरस से गर्म करने पर अभिक्रिया करके सम्बन्धित सल्फाइड तथा फॉस्फाइड बनाती हैं।

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सोडियम फॉस्फाइड सल्फाइड तथा फॉस्फाइड दोनों जल द्वारा जल-अपघटित हो जाते हैं।

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प्रश्न 2.
क्षारीय मृदा धातुओं के सामान्य अभिलक्षण एवं गुणों में आवर्तिता की विवेचना कीजिए।
उत्तर
वर्ग 2 के तत्व: क्षारीय मृदा धातुएँ (Elements of Group2:Alkaline Earth Metals) आवर्त सारणी के वर्ग 2 के तत्वं हैं-बेरिलियम (Be), मैग्नीशियम (Mg), कैल्सियम (Ca), स्ट्रॉन्शियम (Sr), बेरियम (Ba) एवं रेडियम (Ra)। बेरिलियम के अतिरिक्त अन्य तत्व संयुक्त रूप से ‘मृदा धातुएँ’ कहलाती हैं। प्रथम तत्व बेरिलियम वर्ग के अन्य तत्वों से भिन्नता दर्शाता है एवं ऐलुमिनियम के साथ विकर्ण सम्बन्ध (diagonal relationship) दर्शाता है। वर्ग का अन्तिम तत्व रेडियम रेडियोऐक्टिव प्रकृति का है। इन तत्वों को विशिष्ट नाम निम्नलिखित कारणों से दिया जाता है-

  1. इन तत्वों के ऑक्साइड क्षार धातुओं के समान जल में घुलकर हाइड्रॉक्साइड अथवा क्षार बनाते हैं।
  2. ‘मृदा’ नाम इन्हें इसलिए दिया गया; क्योंकि ऐलुमिना (Al2O3) जैसे पदार्थ ऊष्मा के प्रति अधिक स्थायी होते हैं। कैल्सियम, स्ट्रॉन्शियम तथा बेरियम के ऑक्साइड भी ऊष्मा के प्रति स्थायी होते हैं तथा अत्यधिक गर्म किए जाने पर भी अपघटित नहीं होते। ये धातु ऑक्साइड तथा
    धातुएँ भी क्षारीय मृदा कहलाती हैं।

इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration)
इन तत्वों के संयोजकता-कोश के s-कक्षक में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इनका सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [उत्कृष्ट गैस]ns2 होता है। क्षार धातुओं के समान ही इनके यौगिक भी मुख्यत: आयनिक प्रकृति के होते हैं।
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क्षारीय मृदा धातुओं के सामान्य अभिलक्षण तथा गुणों में आवर्तिता इनके भौतिक तथा रासायनिक गुणों से स्पष्ट होती है। इनकी विवेचना निम्नवत् है-
भौतिक गुण (Physical Properties)
क्षारीय मृदा धातु-परिवार के सदस्यों के महत्त्वपूर्ण भौतिक गुण सारणी-2 में सूचीबद्ध हैं। इनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है-
1. परमाण्वीय एवं आयनिक त्रिज्या (Atomic and ionic radii)-आवर्त सारणी के संगत आवर्ती में क्षार धातुओं की तुलना में क्षारीय मृदा धातुओं की परमाण्वीय एवं आयनिक त्रिज्याएँ छोटी होती हैं। ये वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर बढ़ती हैं। इसका कारण इन तत्वों के नाभिकीय आवेशों में वृद्धि होना

2. आयनन एन्थैल्पी (lonisation enthalpies)-क्षारीय मृदा धातुओं के परमाणुओं के बड़े आकार के कारण इनकी आयनने एन्थैल्पी के मान न्यून होते हैं। चूंकि वर्ग में आकार ऊपर से नीचे क्रमश: बढ़ता जाता है; अत: इनकी आयनन एन्थैल्पी के मान कम होते जाते हैं जैसा कि सारणी-2 में स्पष्ट है। क्षारीय मृदा धातुओं के प्रथम आयनन एन्थैल्पी का मान क्षार धातुओं के प्रथम आयनन एन्थैल्पी के मानों की तुलना में अधिक है। यह इनकी क्षार धातुओं की संगत तुलनात्मक रूप से छोटे आकार होने के कारण होती है, परन्तु इनके द्वितीय आयनन एन्थैल्पी के मान क्षार धातुओं के द्वितीय आयनन एन्थैल्पी के मानों की तुलना में कम हैं। उदाहरणार्थ-Mg के प्रथम यिनन एन्थैल्पी को मान Na से अधिक है जिसका कारण Mg का छोटा आकार तथा सममित्ताकार इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है। परन्तु एक इलेक्ट्रॉन खोकर Na+ आयन उत्कृष्ट गैस निऑन को विन्यास (1s2,2s2 2p6) प्राप्त कर लेता है, जबकि Mg के संयोजकता कोश में अभी भी एक इलेक्ट्रॉन शेष रह जाता है (1s2,2s2 2p6, 3s1)। सोडियम के द्वितीयक आयनन एन्थैलपी का उच्च मान इसके सममिताकार इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के कारण होता है।

3. जलयोजन एन्थैल्पी (Hydration enthalpy)-क्षार धातुओं के समान इसमें भी वर्ग में ऊपर से नीचे आयनिक आकार बढ़ने पर इनकी जलयोजन एन्थैल्पी के मान कम होते जाते हैं।

Be2+ > Mg2+ >Ca2+ >Sr2+ > Ba2+

क्षारीय मृदा धातुओं की जलयोजन एन्थैल्पी क्षार धातुओं की जलयोजन एन्थैल्पी की तुलना में अधिक होती है। इसीलिए मृदा धातुओं के यौगिक क्षार धातुओं के यौगिकों की तुलना में अधिक जलयोजित होते हैं। जैसे–MgCl2 एवं CaCl2 जलयोजित अवस्था MgCl2.6H2O एवं CaCl2.6H2O में पाए जाते हैं, जबकि NaCl एवं KCI ऐसे हाइड्रेट नहीं बनाते हैं।

4. धात्विक गुण (Metallic character)-क्षारीय मृदा धातुएँ सामान्यतया चाँदी की भाँति सफेद, चमकदार एवं नर्म, परन्तु अन्य धातुओं की तुलना में कठोर होती हैं। बेरिलियम तथा मैग्नीशियम लगभग धूसर रंग (greyish) के होते हैं। क्षारीय मृदा धातुओं में समान आवर्त में उपस्थित क्षार धातुओं की तुलना में प्रबल धात्विक बन्ध होते हैं। उदाहरणार्थ-मैग्नीशियम, सोडियम की तुलना में अधिक कठोर तथा सघन होता है।

5. गलनांक तथा क्वथनांक: (Melting and boiling points)–इनके गलनांक एवं क्वथनांक क्षार धातुओं की तुलना में उच्च होते हैं; क्योंकि इनके आकार छोटे होने के कारण ये निविड संकुलित (closely packed) होते हैं तथा इनमें प्रबल धात्विक बन्ध होते हैं। फिर भी इनके गलनांकों तथा क्वथनांकों में कोई नियमित परिवर्तन नहीं दिखता है।

6. धनविद्युती गुण (Electropositive character)–निम्न आयनन एन्थैल्पी के कारण क्षारीय मृदा धातुएँ प्रबल धनविद्युती होती हैं। धनविद्युती गुण ऊपर से नीचे Be से Ba तक बढ़ता है।

7. ज्वाला को रंग प्रदान करना (Colouration to the flame)-कैल्सियम, स्ट्रॉन्शियमं एवं बेरियम ज्वाला को क्रमशः ईंट जैसा लाल (brick red) रंग, किरमिजी लाल (crimson red) एवं हरा (apple’. green) रंग प्रदान करते हैं। ज्वाला में उच्च ताप पर वाष्प-अवस्था में क्षारीय मृदा धातुओं के बाह्यतम कोश के इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होकर उच्च ऊर्जा-स्तर पर चले जाते हैं। ये उत्तेजित इलेक्ट्रॉन जब पुन: अपनी तलस्थ अवस्था में लौटते हैं, तब दृश्य प्रकाश के रूप में ऊर्जा उत्सर्जित होती है। परिणामस्वरूप ज्वाला रंगीन दिखने लगती है। बेरिलियम तथा मैग्नीशियम के बाह्यतम कोशों के इलेक्ट्रॉन इतनी प्रबलता से बँधे रहते हैं कि ज्वाला की ऊर्जा द्वारा इनका उत्तेजित होना कठिन हो जाता है। अतः ज्वाला में इन धातुओं का अपना कोई अभिलाक्षणिक रंग नहीं होता है। गुणात्मक विश्लेषण में Ca, Sr एवं Ba मूलकों की पुष्टि ज्वाला-परीक्षण के आधार पर की जाती है तथा इनकी सान्द्रता का निर्धारण ज्वाला प्रकाशमापी द्वारा किया जाता है। क्षारीय मृदा धातुओं की क्षार धातुओं की तरह विद्युत एवं ऊष्मीय चालकता उच्च होती है। यह इनका अभिलाक्षणिक गुण होता है।
सारणी-2 : क्षारीय मृदा धातुओं के परमाण्वीय एवं भौतिक गुण (Atomic and Physical Properties of the Alkaline Earth Metals)
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8. विद्युत-ऋणात्मकता (Electronegativity)-क्षारीय मृदा धातुओं के विद्युत-ऋणात्मकता मान क्षार धातुओं के लगभग समान होते हैं (कुछ अधिक)। विद्युत-ऋणात्मकता मान बेरिलियम से रेडियम तक घटते हैं तथा आयनिक यौगिक बनाने की प्रवृत्ति में वृद्धि व्यक्त करते हैं। बेरिलियम का उच्च विद्युत ऋणात्मकता मान (1.5) प्रदर्शित करता है कि यह धातु आयनिक यौगिक बनाती है।
रासायनिक गुण (Chemical Properties)
क्षारीय मृदा धातुएँ क्षार धातुओं से कम क्रियाशील होती हैं। इन तत्वों की अभिक्रियाशीलता वर्ग में ऊपरे: से नीचे जाने पर बढ़ती है।
1. वायु एवं जल के प्रति अभिक्रियाशीलता (Reactivity with air and water)–बेरिलियम एवं मैग्नीशियम गतिकीय रूप से ऑक्सीजन तथा जल के प्रति निष्क्रिय हैं; क्योंकि इन धातुओं के पृष्ठों (surfaces) पर ऑक्साइड की फिल्म जम जाती है। फिर भी, बेरिलियम चूर्ण रूप में वायु में जलने पर BeO एवं Be2N3 बना लेता है। मैग्नीशियम अधिक धनविद्युतीय है, जो वायु में अत्यधिक चमकीले प्रकाश के साथ जलते हुए MgO तथा Mg3N2 बना लेता है। कैल्सियम, स्ट्रॉन्शियम एवं बेरियम वायु से शीघ्र अभिक्रिया करके ऑक्साइड तथा नाइट्राइड बनाते हैं। ये जल से और भी अधिक तीव्रता से अभिक्रिया करते हैं; यहाँ तक कि ठण्डे जल से अभिक्रिया कर हाइड्रॉक्साइड बनाते हैं।

2. हैलोजेन के प्रति अभिक्रियाशीलता (Reactivity with halogens)-सभी क्षारीय मृदा धातुएँ हैलोजेन के साथ उच्च ताप पर अभिक्रिया करके हैलाइड बना लेती हैं-

M+X2 → MX2 (X= F, CI, Br, I)

BeF2 बनाने की सबसे सरल विधि (NH4)2BeF4 का तापीय अपघटन है, जबकि BeCl2, ऑक्साइड से सरलतापूर्वक बनाया जा सकता है

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इन धातुओं के ऑक्साइडों, हाइड्रॉक्साइडों तथा कार्बोनेटों पर हैलोजेन अम्लों (HX) की प्रतिक्रिया द्वारा भी हैलाइड बनाए जा सकते हैं।

M+2HX → MX2 +H2
MO+2HX→ MX2 +H2O
M(OH)2 + 2HX → MX2 + 2H2O
MCO3 +2HX → MX2 +H2O+CO2

3. हाइड्रोजन के प्रति अभिक्रियाशीलता (Reactivity with dihydrogen)-बेरिलियम के अतिरिक्त सभी क्षारीय मृदा धातुएँ गर्म करने पर डाइहाइड्रोजन से अभिक्रिया करके हाइड्राइड बनाती हैं।

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BeH2 को BeCl2 एवं LiAlH4 की अभिक्रिया से बनाया जा सकता है

2BeCl2 +LiAlH4 → 2BeH2 +LiCl + AlCl3

BeH2 तथा MgH2 प्रवृत्ति में सहसंयोजी होते हैं, जबकि अन्य धातुओं के हाइड्राइडों की आयनिक संरचना होती है। आयनिक हाइड्राइड; जैसे—CaH2 (यह हाइड्रोलिथ भी कहलाता है।) जल से क्रिया करके डाइहाइड्रोजन गैस मुक्त करता है।

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4. अम्लों के प्रति अभिक्रियाशीलता (Reactivity with acids)-क्षारीय मृदा धातुएँ शीघ्र ही अम्लों . से अभिक्रिया कर डाइहाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं।

M+2HCI→ MCl2 +H2

5. अपचायक प्रकृति (Reducing nature)—प्रथम वर्ग की धातुओं के समान क्षारीय मृदा धातुएँ प्रबल अपचायक हैं। इसका बोध इनके अधिक ऋणात्मक अपचयन विभव के मानों से होता है। यद्यपि इनकी अपचयन-क्षमता क्षार धातुओं की तुलना में कम होती है। बेरिलियम के अपचयन विभव का मान अन्य क्षारीय मृदा धातुओं से कम ऋणात्मक होता है फिर भी इसकी अपचयन-क्षमता का कारण Be2+ आयन के छोटे आकार, इसकी उच्च जलयोजन ऊर्जा एवं धातु की उच्चं परमाण्वीयकरण एन्थैल्पी का होना है।

6. द्रव अमोनिया में विलयन (Solution in liquid ammonia)-क्षार धातुओं की भाँति क्षारीय मृदा धातुएँ भी द्रव अमोनिया में विलेय होकर गहरे नीले-काले रंग का विलयन बना लेती हैं। इस विलयन से धातुओं के अमोनीकृत आयन प्राप्त होते हैं-

M+(x + y)NH3 → [M(NH3)x]2+ + 2[e(NH3)y]

इन विलयनों से पुन: अमोनिएट्स (ammoniates) [M(NH3)6]2+ प्राप्त किए जा सकते हैं।

7. कार्बोनेटों का बनना (Formation of carbonates)-धातु के हाइड्रॉक्साइडों के जलीय विलयनों में CO2 की वाष्प की सीमित मात्रा प्रवाहित करने पर धातुओं के कार्बोनेट सफेद अवक्षेप के रूप में प्राप्त किए जा सकते हैं।

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प्रश्न 3.
क्षार धातुएँ प्रकृति में क्यों नहीं पाई जाती हैं?
उत्तर
बहुत अधिक अभिक्रियाशीलता के कारण क्षार धातुएँ प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पायी जाती हैं। जाती हैं।

प्रश्न 4.
Na2O3 में सोडियम की ऑक्सीकरण अवस्था ज्ञात कीजिए।
उत्तर
माना Na2O2 में सोडियम की ऑक्सीकरण अवस्था x है। Na2O2 एक परॉक्साइड है और इसमें एक परॉक्सी ——O बन्ध है। इसमें ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण अवस्था -1 है।
इस प्रकार, Na2O2 के लिये
(2xx)+(-1×2)= 0
x = +1

प्रश्न 5.
पोटैशियम की तुलना में सोडियम कम अभिक्रियाशील क्यों है? बताइए।
उत्तर
सोडियम का मानक झ्लेक्ट्रोड विभव (E = -2.714 V) पोटैशियम के मानक इलेक्ट्रोड विभ्रव (-2.925 V) की तुलना में अधिक है। इसके अतिरिक्त, सोडियम की आयनन एन्थैल्पी (496kJ mol-1) भी पोटैशियम की आयनन एन्थैल्पी (419kJ mol-1 से अधिक है। अत: सोडियम पोटैशियम से कम अभिक्रियाशील है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित के सन्दर्भ में क्षार धातुओं एवं क्षारीय मृदा धातुओं की तुलना कीजिए-
(क) आयनन एन्थैल्पी,
(ख) ऑक्साइडों की क्षारकता,
(ग) हाइड्रॉक्साइडों की विलेयता।
उत्तर

  1. क्षारीय मृदा धातुओं की आयनन एन्थैल्पी क्षार धातुओं की तुलना में अधिक होती है, क्योंकि क्षारीय मृदा धातुओं में नाभिकीय आवेश अधिक होता है।
  2. क्षार धातु ऑक्साइड क्षारीय मृदा धातु ऑक्साइडों की तुलना में अधिक क्षारीय होते हैं, क्योंकि क्षार धातुएँ क्षारीय मृदा धातुओं की तुलना में अधिक विद्युत धनात्मक होती हैं।
  3. क्षार धातु हाइड्रॉक्साइड क्षारीय मृदा धातु हाइड्रॉक्साइडों की तुलना में जल में अधिक घुलनशील होते हैं, क्योंकि क्षारीय मृदा धातुओं की जालक एन्थैल्पी क्षार धातुओं की तुलना में अधिक होती है।

प्रश्न 7.
लीथियम किस प्रकार मैग्नीशियम से रासायनिक गुणों में समानताएँ दर्शाता है?
उत्तर
लीथियम एवं मैग्नीशियम के रासायनिक गुणों में समानताएँ (Similarities between Chemical Properties of Lithium and Magnesium)
लीथियम एवं मैग्नीशियम के रासायनिक गुणों में समानता के प्रमुख बिन्दु निम्नवत् हैं-

  1. लीथियम एवं मैग्नीशियम जल के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करते हैं। इनके ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड बहुत.कम घुलनशील हैं। हाइड्रॉक्साइड गर्म करने पर विघटित हो जाते हैं। दोनों ही नाइट्रोजन से सीधे संयोग करके नाइट्राइडे क्रमश: Li3N एवं Mg3N2 बनाते हैं।
  2. Li2O एवं MgO ऑक्सीजन के आधिक्य से अभिक्रिया करके सुपर ऑक्साइड नहीं बनाते हैं।
  3. लीथियम एवं मैग्नीशियम धातुओं के कार्बोनेट गर्म करने पर सरलतापूर्वक विघटित होकर उनके ऑक्साइड एवं CO2 बनाते हैं। दोनों ही ठोस हाइड्रोजन कार्बोनेट नहीं बनाते हैं।
  4. LiCl एवं MgCl2 एथेनॉल में विलेय हैं।
  5. LiCl एवं MgCl2 दोनों ही प्रस्वेद्य (deliquescent) यौगिक हैं। ये जलीय विलयन से | LiCl.2H2O एवं MgCl2.8H2O के रूप में क्रिस्टलीकृत होते हैं।

प्रश्न 8.
क्षार धातुएँ तथा क्षारीय मृदा धातुएँ रासायनिक अपचयन विधि से क्यों नहीं प्राप्त किए जा सकते हैं? समझाइए।
उत्तर
क्षार धातुएँ तथा क्षारीय मृदा धातुएँ सामान्य उपयोग में आने वाले अपचायकों से अधिक प्रबल अपचायक हैं। इसलिए ये रासायनिक अपचयन विधियों द्वारा प्राप्त नहीं की जा सकती हैं।

प्रश्न 9.
प्रकाश विद्युत सेल में लीथियम के स्थान पर पोटैशियम एवं सीजियम क्यों प्रयुक्त किए जाते हैं?
उत्तर
लीथियम की आयनन एन्थैल्पी (ionisation enthalpy) (520 kJmol-1), पोटैशियम (419kJ mol-1) और सीजियम (376 kJ mo-1) की आयनन एन्थैल्पी से बहुत अधिक है। इस कारण यह प्रकाश की क्रिया से इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन नहीं करता जबकि पोटैशियम और सीजियम ऐसा करने में समर्थ हैं। इसलिए प्रकाश वैद्युत सेल में लीथियम के स्थान पर पोटैशियम तथा सीजियम को प्रयुक्त किया जाता है।

प्रश्न 10.
जब एक क्षार धातु को द्रव अमोनिया में घोला जाता है, तब विलयन विभिन्न रंग प्राप्त कर सकता है। इस प्रकार के रंग-परिवर्तन का कारण बताइए।
उत्तर
जब एक क्षार धातु को द्रव अमोनिया में घोला जाता है तो अमोनीकृत धनायन (ammoniated cations) और अमोनीकृत इलेक्ट्रॉन् (ammoniated electrons) बनते हैं।

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अमोनीकृत इलेक्ट्रॉन दृश्य प्रकाश (visible light) से ऊर्जा अवशोषित कर उत्तेजित हो जाते हैं और विलयन में गहरी नीला रंग उत्पन्न करते हैं। सान्द्र विलयन में, नीला रंगे काँस्य रंग में बदल जाता है।

प्रश्न 11.
ज्वाला को बेरिलियम एवं मैग्नीशियम कोई रंग नहीं प्रदान करते हैं, जबकि अन्य क्षारीय मृदा धातुएँ ऐसा करती हैं। क्यों?
उत्तर
Be और Mg की आयनन एन्थैल्पी (ionisation enthalpies) अधिक होने के कारण इनके संयोजक इलेक्ट्रॉन (valence electrons) बहुत मजबूती से बंधे होते हैं। ये बुन्सन ज्वाला (bunsen flame) की ऊर्जा द्वारा उत्तेजित नहीं होते हैं। इसलिए ये तत्त्व ज्वाला में कोई रंग नहीं देते हैं। अन्य क्षारीय मृदा धातुओं की आयनन एन्थैल्पी कम होती है और इनके संयोजक इलेक्ट्रॉन ज्वाला (flame) द्वारा उत्तेजित होकर उच्च ऊर्जा स्तर में चले जाते हैं। इस कारण ये धातुएँ ज्वाला को विशेष रंग प्रदान करती हैं।

प्रश्न 12.
सॉल्वे प्रक्रम में होने वाली विभिन्न अभिक्रियाओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर
सॉल्वे प्रक्रम (Solvay Process)—साधारणतया सोडियम कार्बोनेट ‘सॉल्वे विधि द्वारा बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में लाभ यह है कि सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट जो अमोनियम हाइड्रोजन कार्बोनेट एवं सोडियम क्लोराइड के संयोग से अवक्षेपित होता है, अल्प विलेय होता है। अमोनियम हाइड्रोजन कार्बोनेट C0, गैस को सोडियम क्लोराइड के अमोनिया से संतृप्त सान्द्र विलयन में प्रवाहित कर बनाया जाता है। वहाँ पहले अमोनियम कार्बोनेट और फिर अमोनियम हाइड्रोजन कार्बोनेट बनती है। सम्पूर्ण प्रक्रम की अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं-

2NH3 +H2O + CO2 → (NH4)2CO3

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प्रकार सोडियम बाइकार्बोनेट के क्रिस्टल पृथक् हो जाते हैं जिन्हें गर्म करके सोडियम कार्बोनेट प्राप्त किया जाता है-

2NaHCO3 → Na2CO3 +CO2 ↑ +H2O

इस प्रक्रम में NH4Cl युक्त विलयन की Ca(OH)2 से अभिक्रिया पर NHS को पुनः प्राप्त किया जा सकता है। कैल्सियम क्लोराइड सह-उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है

2NH4Cl+Ca(OH)2 → 2NH3 ↑ +CaCl2 +2H2O

प्रश्न 13.
पोटैशियम कार्बोनेट सॉल्वे विधि द्वारा नहीं बनाया जा सकता है। क्यों?
उत्तर
पोटैशियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (KHCO3) कार्बन डाइऑक्साइड की उपस्थिति में जल में पर्याप्त मात्रा में घुलनशील है और अवक्षेपित नहीं होता है। इसलिए, K2CO3 को सॉल्वे विधि द्वारा नहीं बनाया जा सकता।

प्रश्न 14.
Li2CO3 कम ताप पर एवं Na2CO3 उच्च ताप पर क्यों विघटित होता है?
उत्तर
Li2CO3 कम ताप पर एवं Na2CO3 उच्च ताप पर विघटित होता है। Li2CO3 ऊष्मा के प्रति Na2CO3 से कम स्थायी है क्योंकि Li+ आयन आकार में बहुत छोटा है और यह बड़े ऋणायन को ध्रुवित कर अधिक स्थायी Li2O और CO2 का निर्माण करता है। यही कारण है कि Li2CO3 कम ताप पर विघटित हो जाता है। Na+ आयन आकार में बड़ा होता है और CO2-3 को ध्रुवित करने में असमर्थ है। इसलिएं Na2CO3 उच्च ताप पर स्थिर है।

प्रश्न 15.
क्षार धातुओं के निम्नलिखित यौगिकों की तुलना क्षारीय मृदा धातुओं के संगत यौगिकों से विलेयता एवं तापीय स्थायित्व के आधार पर कीजिए—
(क) नाइट्रेट
(ख) कार्बोनेट
(ग) सल्फेट।
उत्तर
विलेयता–सभी क्षार धातुओं के नाइट्रेट, कार्बोनेट, सल्फेट जल में घुलनशील हैं और इनकी विलेयता समूह में ऊपर से नीचे जाने पर बढ़ती है, क्योंकि जलयोजन ऊर्जा (hydration energy) की तुलना में जालक ऊर्जा तेजी से घटती है।
सभी क्षारीय मृदा धातुओं के नाइट्रेट भी जल में घुलनशील हैं, परन्तु इनकी विलेयता समूह में नीचे चलने पर घटती जाती है क्योकि जलयोजन, ऊर्जा (hydration energy) जालक ऊर्जा (lattice energy) की अपेक्षा तेजी से घटती है। क्षारीय मृदा धातु कार्बोनेट जल में अधिक घुलनशील नहीं हैं और इनकी विलेयता समूह में ऊपर से नीचे जाने पर घटती है। BeCO3 जल में सूक्ष्म विलेय है और CaCO3 लगभग अविलेय। समूह में ऊपर से नीचे जाने पर विलेयता घटती है क्योंकि जलयोजन ऊर्जा घटती है। क्षारीय मृदा धातु सल्फेट क्षार धातु सल्फेट से जल में कम विलेय है। इनकी विलेयता समूह में ऊपर से नीचे चलने पर घटती है।
क्षारीय मृदा धातु सल्फेटों की जालक ऊर्जा क्षार धातु सल्फेटों की जालक ऊर्जा से अधिक होती है। यही कारण है कि इनकी विलेयता क्षार धातु सल्फेटों से कम होती है। समूह, में ऊपर से नीचे जाने पर जलयोजन ऊर्जा का मान घटता है परन्तु जालक ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता। इसलिए BeSO4 से BaSO4 तक जाने पर विलेयता घटती है।
तापीय स्थायित्व
(क) क्षारीय मृदा धातुओं और क्षार धातुओं के नाइट्रेट गर्म करने पर विघटित हो जाते हैं। क्षार धातु के नाइट्रेट (Li के अतिरिक्त) विघटित होकर धातु नाइट्राइट बनाते हैं।

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सभी क्षारीय मृदा धातु नाइट्रेट विघटित होकर धातु ऑक्साइड, NO2 तथा O2 देते हैं।

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(ख) क्षार धातु के कार्बोनेट (Li के अतिरिक्त) उच्च ताप पर भी विघटित नहीं होते हैं। लीथियम कार्बोनेट विघटित होकर लीथियम ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड देता है।

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क्षारीय मृदा धातुओं के कार्बोनेट गर्म करने पर विघटित होकर धातु ऑक्साइड और CO2 बनाते हैं।

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क्षारीय मृदा धातु कार्बोनेटों के विघटन का ताप समूह में ऊपर से नीचे चलने पर बढ़ता है। इस कारण इनके स्थायित्व में वृद्धि होती है जो समूह में ऊपर से नीचे जाने पर विद्युत धनात्मक गुणों (electropositive character) में वृद्धि के कारण है।
(ग) क्षार धातुओं के सल्फेट (Li के अतिरिक्त) बहुत अधिक स्थायी होते हैं और आसानी से विघटित नहीं होते। लीथियम सल्फेट निम्न प्रकार विघटित होता है-

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क्षारीय मृदा धातुओं के सल्फेटों में भी ऊष्मीय स्थायित्व (thermal stability) होता है और गर्म करने पर आसानी से विघटित नहीं होते हैं। यह इनकी उच्च जालक ऊर्जा के कारण होता है। फिर भी, ये अति उच्च ताप पर विघटित हो सकते हैं।

प्रश्न 16.
सोडियम क्लोराइड से प्रारम्भ करके निम्नलिखित को आप किस प्रकार बनाएँगे?
(i) सोडियम धातु
(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड,
(iii) सोडियम परॉक्साइड,
(iv) सोडियम कार्बोनेट।
उत्तर
(i) सोडियम धातु NaCl (40%) और CaCl2(60%) के मिश्रण का विद्युत अपघटन करने पर प्राप्त होती है। इसमें लोहा (iron) कैथोड और ग्रेफाइट ऐनोड (Down’s cell) का प्रयोग किया जाता है। CaCl2 का उपयोग NaCl का गलनांक कर्म करने के लिए किया जाता है। विद्युत अपघटन करने पर। Na कैथोड (cathode) पर प्राप्त होता है।

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(ii) सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन का नेलसन सेल अथवा कास्टनर-कैलनर सेल में विद्युत अपघटन करने पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड (sodium hydroxide) बनता है। इसमें पारा (mercury) कैथोड तथा कार्बन (carbon) ऐनोड का प्रयोग किया जाता है।
नेलसन सेल में-

NaCl → Na+ + Cl
H2O ⇌ H+ + OH
Na+ + OH ⇌ NaOH

कास्टनर-कैलनर सेल में-

NaCl→ Na+ + Cl
H2O ⇌ H+ + OH
Na+ + e → Na
Na + Hg → Na/Hg
NaOH→ Na+ +OH
H2O ⇌ H+ + OH
OH → OH+ e
Na/Hg → NaOH+e

(iii) सोडियम को CO2 मुक्त वायु की अधिकता में गर्म करने पर सोडियम परॉक्साइड बनता है।

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(iv) CO2 अमोनिया युक्त नमक के घोल में प्रवाहित करने पर सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO3) का अवक्षेप प्राप्त होता है जो गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) देता है (Solvay ammonia soda process)।

NaCl + NH3 + CO2 + H2O → NaHCO3 ↓+ NH4Cl
2NaHCO3 → Na2CO4 + CO2 +H2O

प्रश्न 17.
क्या होता है जब?
(i) मैग्नीशियम को हवा में जलाया जाता है।
(ii) बिना बुझे चूने को सिलिका के साथ गर्म किया जाता है।
(iii) क्लोरीन बुझे चूने से अभिक्रिया करती है।
(iv) कैल्सियम नाइट्रेट को गर्म किया जाता है।
उत्तर
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प्रश्न 18.
निम्नलिखित में से प्रत्येक के दो-दो उपयोग लिखिए
(i) कॉस्टिक सोडा
(ii) सोडियम कार्बोनेट
(iii) बिना बुझा चूना।।
उत्तर
(i) कॉस्टिक सोडा के उपयोग (Uses of caustic soda)-

  1. साबुन, कागज, कृत्रिम रेशम तथा कई अन्य रसायनों के निर्माण में।
  2. पेट्रोलियम के परिष्करण में।।

(ii) सोडियम कार्बोनेट के उपयोग (Uses of sodium carbonate)-

  1. जल के मृदुकरण, धुलाई एवं निर्मलन में।
  2. काँच, साबुन, बोरेक्स एवं कॉस्टिक सोडा के निर्माण में।

(iii) बिना बुझा चूना के उपयोग (Uses of quick lime)-

  1. सीमेण्ट के निर्माण के लिए प्राथमिक पदार्थ के रूप में तथा क्षारक के सबसे सस्ते रूप में।
  2. शर्करा के शुद्धिकरण में एवं रंजकों (dye stuffs) के निर्माण में।

प्रश्न 19.
निम्नलिखित की संरचना बताइए
(i) BeCl2 (वाष्प),
(ii) BeCl2 (ठोस)।
उत्तर
BeCl2 की संरचना (Structure of BeCl2)
(i) वाष्प अवस्था में (In vapour state)-वाष्प अवस्था में यह यौगिक द्विलक (dimer) के रू में पाया जाता है। (Be परमाणु sp-संकरित होता है) जो लगभग 1000K ताप पर अपघटित होकर एक एकलक (monomer) देता है जिसमें Be परमाणु sp-संकरण अवस्था में होता है।

UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-24

(ii) ठोस अवस्था में (In solid state)–ठोस अवस्था में बेरिलियम क्लोराइड की श्रृंखला संरचना (बहुलक) होती है जिसमें समीपवर्ती अणुओं पर उपस्थित क्लोरीन परमाणुओं से इलेक्ट्रॉन-युग्म इलेक्ट्रॉन न्यून Be परमाणु को दान करके उपसहसंयोजी बन्ध निम्नवत् बनता है

UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-25

बहुलक उपर्युक्त श्रृंखला संरचना में Be परमाणु sp3 -संकरित होता है, परन्तु Cl—Be—Cl बन्ध कोण सामान्य चतुष्फलकीय बन्ध कोण (109:5°) से अत्यधिक कम (98°) होता है।

प्रश्न 20.
सोडियम एवं पोटैशियम के हाइड्रॉक्साइड एवं कार्बोनेट जल में विलेय हैं, जबकि मैग्नीशियम एवं कैल्सियम के संगत लवण जल में अल्प विलेय हैं, समझाइए।
उत्तर
सोडियम एवं पोटैशियम आयनों का आकार मैग्नीशियम एवं कैल्सियम आयनों की अपेक्षा बड़ा होता है। बड़े आकार के कारण, सोडियम तथा पोटैशियम के हाइड्रॉक्साइडों एवं कार्बोनेटों की जालक ऊर्जाओं का मान मैग्नीशियम एवं कैल्सियम के हाइड्रॉक्साइडों एवं कार्बोनेटों की जालक ऊर्जाओं (lattice energies) के मान से बहुत कम है। यही कारण है कि सोडियम तथा पोटैशियम के हाइड्रॉक्साइड एवं कार्बोनेट जल में आसानी से विलेय हो जाते हैं, जबकि मैग्नीशियम एवं कैल्सियम के हाइड्रॉक्साइड एवं कार्बोनेट जल में अल्प विलेय हैं।

प्रश्न 21.
निम्नलिखित की महत्ता बताइए
(i) चूना पत्थर,
(ii) सीमेण्ट,
(iii) प्लास्टर ऑफ पेरिस।
उत्तर
(i) चूना पत्थर की महत्ता (Importance of Lime stone)

  1. संगमरमर के रूप में भवन निर्माण में।
  2. बुझे चूने के निर्माण में।
  3. कैल्सियम कार्बोनेट को मैग्नीशियम कार्बोनेट के साथ लोहे जैसी धातुओं के निष्कर्षण में फ्लक्स (flux) के रूप में।
  4. विशेष रूप से अवक्षेपित CaCO3 के प्रयोग से वृहद् रूप में उच्च गुणवत्ता वाले कागज के निर्माण में।
  5. ऐन्टासिड, टूथपेस्ट में अपघर्षक के रूप में, च्यूइंगम के संघटक एवं सौन्दर्य प्रसाधनों में पूरक के रूप में।

(ii) सीमेण्ट की महत्ता (Importance of Cement)
लोहा तथा स्टील के पश्चात् सीमेण्ट ही एक ऐसा पदार्थ है जो किसी राष्ट्र की उपयोगी वस्तुओं की श्रेणी में रखा जा सकता है। इसका उपयोग कंक्रीट, प्रबलित कंक्रीट, प्लास्टरिंग, पुल निर्माण आदि में किया जाता है।

(iii) प्लास्टर ऑफ पेरिस की महत्ता (Importance of Plaster of Paris)
प्लास्टर ऑफ पेरिस का वृहत्तर उपयोग भवन निर्माण उद्योग के साथ-साथ टूटी हुई हड्डियों के प्लास्टर में भी होता है। इसका उपयोग दन्त-चिकित्सा, अलंकरण-कार्य एवं मूर्तियों तथा अर्द्ध-प्रतिमाओं को बनाने में भी होता है।

प्रश्न 22.
लीथियम के लवण साधारणतया जलयोजित होते हैं, जबकि अन्य क्षार धातुओं के लवण साधारणतया निर्जलीय होते हैं। क्यों?
उत्तर
सभी क्षार धातु आयनों में Li+ आयन आकार में सबसे छोटा है। अपने छोटे आकार के कारण यह जल अणु (water molecule) को ध्रुवित कर देता है, उससे जुड़ जाता है और अन्य क्षार धातुओं की अपेक्षा आसानी से जलयोजित हो जाता है। इस कारण लीथियम के लवण सामान्यत: जलयोजित होते हैं, जैसे-LiCl.2H2O

प्रश्न 23.
LiF जल में लगभग अविलेय होता है, जबकि LiCl न सिर्फ जल में, बल्कि ऐसीटोन में भी विलेय होता है। कारण बताइए।
उत्तर
LiF की जालक ऊर्जा (-1005 kJ mol-1) LiCl की जालक ऊर्जा (- 845 kJ mol-1) से अधिक है जिस कारण LiF जल में लगभग अविलेय तथा LiCl जल में विलेय है। इसके अतिरिक्त Cl आयन के F आयन की अपेक्षा आकार में बड़ा होने के कारण LiCl की ध्रुवीकरण की मात्रा LiF की अपेक्षा अधिक होती है। उच्च ध्रुवीकरण की मात्रा के कारण LiCl में सहसंयोजक गुण अधिक होता है। और यह ऐसीटोन organic solvent) में विलेय है।

प्रश्न 24.
जैव द्रवों में सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम एवं कैल्सियम की सार्थकता बताइए।
उत्तर
सोडियम एवं पोटैशियम की जैव द्रवों में सार्थकता (Significance of Sodium and Potassium in Biological Fluids) 70 किग्रा भार वाले एक सामान्य व्यक्ति में लगभग 90 ग्राम सोडियम एवं 170 ग्राम पोटैशियम होता है, जबकि लोहा केवल 5 ग्राम तथा ताँबा 0:06 ग्राम होता है।
सोडियम आयन मुख्यतः अन्तराकाशीय द्रव में उपस्थित रक्त प्लाज्मा, जो कोशिकाओं को घेरे रहता है, में पाया जाता है। ये आयन शिरा-संकेतों के संचरण में भाग लेते हैं, जो कोशिका झिल्ली में जलप्रवाह को नियमित करते हैं तथा कोशिकाओं में शर्करा और ऐमीनो अम्लों के प्रवाह को भी नियन्त्रित करते हैं। सोडियम एवं पोटैशियम रासायनिक रूप से समान होते हुए भी कोशिका झिल्ली को पार करने की क्षमता एवं एन्जाइम को सक्रिय करने में मात्रात्मक रूप से भिन्न हैं। इसीलिए कोशिकाद्रव्य में पोटैशियम धनायन बहुतायत में होते हैं, जहाँ ये एन्जाइम को सक्रिय करते हैं तथा ग्लूकोस के ऑक्सीकरण से ATP बनने में भाग लेते हैं। सोडियम आयन शिरा-संकेतों के संचरण के लिए। उत्तरदायी हैं।
कोशिका झिल्ली के अन्य भागों में पाए जाने वाले सोडियम एवं पोटैशियम आयनों की सान्द्रता में अत्यधिक भिन्नता पाई जाती है। उदाहरण के लिए-रक्त प्लाज्मा में लाल रक्त कणिकाओं में सोडियम की मात्रा 143 m mol L-1 है, जबकि पोटैशियम का स्तर केवल 5 m mol L-1 है। यह सन्द्रिता 10 m mol L-1 (Na+) एवं 105 m mol L-1 (K) तक परिवर्तित हो सकती है। यह असाधारण आयनिक उतार-चढ़ाव, जिसे सोडियम-पोटैशियम पम्प कहते हैं, कोशिका झिल्ली पर कार्य करता है, जो मनुष्य की विश्रामावस्था के कुल उपभोगित ATP की एक-तिहाई से ज्यादा का उपयोग कर लेता है, जो मात्रा लगभग 15 किलो जूल प्रति 24 घण्टे तक हो सकती है।

मैग्नीशियम एवं कैल्सियम की जैव द्रवों में सार्थकता (Significance of Magnesium and Calcium in Biological Fluids)
एक वयस्क व्यक्ति में लगभग 25 ग्राम मैग्नीशियम एवं 1200 ग्राम कैल्सियम होता है, जबकि लोहा मात्र 5 ग्राम एवं ताँबा 0-06 ग्राम होता है। मानव-शरीर में इनकी दैनिक आवश्यकता 200-300 मिग्री अनुमानित की गई है।
समस्त एन्जाइम, जो फॉस्फेट के संचरण में ATP का उपयोग करते हैं, मैग्नीशियम का उपयोग सह-घटक के रूप में करते हैं। पौधों में प्रकाश-अवशोषण के लिए मुख्य रंजक (pigment) क्लोरोफिल में भी मैग्नीशियम होता है। शरीर में कैल्सियम का 99% दाँतों तथा हड्डियों में होता है। यह अन्तरतांत्रिकीय पेशीय कार्यप्रणाली, अन्तरतांत्रिकीय प्रेषण, कोशिका झिल्ली अखण्डता (cell membrane integrity) तथा रक्त-स्कन्दन (blood-coagulation) में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्लाज्मा में कैल्सियम की सान्द्रता लगभग 100 mg L-1 होती है। दो हॉर्मोन कैल्सिटोनिन एवं पैराथायरॉइड इसे बनाए रखते हैं। चूँकि हड्डी अक्रिय तथा अपरिवर्तनशील पदार्थ नहीं है, यह किसी मनुष्य में लगभग 400 मिग्रा प्रतिदिन के अनुसार विलेयत और निक्षेपित होती है। इसका सारा कैल्सियम प्लाज्मा में से ही गुजरता है।

प्रश्न 25.
क्या होता है जब?
(i) सोडियम धातु को जल में डाला जाता है।
(ii) सोडियम धातु को हवा की अधिकता में गर्म किया जाता है।
(iii) सोडियम परॉक्साइड को जल में घोला जाता है।
उत्तर
(i) 2Na (s) +2H2O(l) → 2NaOH(aq) + H2 (g)
H2 गैस मुक्त होती है जो अभिक्रिया में उत्पन्न ऊर्जा के कारण आग पकड़ लेती है।
(ii) UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-26
(iii) Na2O2(s) + 2H2O (l) → 2NaOH(aq) + H2O2(aq)

प्रश्न 26.
निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रेक्षण पर टिप्पणी लिखिए-
(क) जलीय विलयनों में क्षार धातु आयनों की गतिशीलता Li+ <Na+ <K+ <Rb+ <Cs+ क्रम में होती है।
(ख) लीथियम ऐसी एकमात्र क्षार धातु है, जो नाइट्राइड बनाती है।
(ग) M2+ (aq) + 2e → M(s) हेतु E (जहाँ M = Ca, Sr या Ba) लगभग स्थिरांक है।
उत्तर
(क) क्षार धातु आयन का आकार जितना छोटा होगा, उसकी जलयोजन की मात्रा उतनी अधिक होगी और उसकी गतिशीलता भी उतनी ही कम होगी। क्षार धातु आयनों के आकार का क्रम निम्न हैLi’ <Na’ <K’ < Rb <Cs’ इसलिए क्षार धातु आयनों की गतिशीलता का क्रम Li+ < Na+ K+ < Rb+ < Cs+
(ख) लीथियम और मैग्नीशियम विकर्ण सम्बन्ध रखते हैं। ये दोनों लगभग समान विद्युत ऋणात्मक हैं। इसलिए Mg की तरह लीथियम भी नाइट्रोजन से अभिक्रिया करके नाइट्राईड बन्मता है जबकि दूसरे । क्षार धातु ऐसा करने में असमर्थ हैं।
UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-27
(ग) किसी भी निकाय के लिए E मान निम्नलिखित तीन कारकों पर निर्भर करता है

  1. वाष्पन की ऊष्मा
  2. आयनन की ऊष्मा
  3. जलीकरण की ऊष्मा

उपर्युक्त तीनों कारकों का सम्मिलित प्रभाव Ca, Sr और Ba पर समान है। इसलिये इन तीनों के लिए E का मान लगभग समान होता है।

प्रश्न 27.
समझाइए कि क्यों
(क) Na2CO3 का विलयन क्षारीय होता है।
(ख) क्षार धातुएँ उनके संगलित क्लोराइडों के विद्युत-अपघटन से प्राप्त की जाती हैं।
(ग) पोटैशियम की तुलना में सोडियम अधिक उपयोगी है।
उत्तर
(क) Na2CO3 एक दुर्बल अम्ल (H2CO3) और एक प्रबल क्षार (NaOH) से बना लवण है। जब यह जल में घोला जाता है, तो निम्न प्रकार से जल अपघटित हो जाता है-

NaCO3 → 2Na+ + CO2-3
CO2-3 +2H2O →H2CO3 + 2OH

OH की अधिकता के कारण विलयन क्षारीय होता है।
(ख) क्षार धातु आयनों के मानक अपचयन विभव का मान हाइड्रोजन के मानक अपचयन विभव के मान से बहुत कम होता है। इसलिए, क्षार धातु क्लोराइड के जलीय विलयन का विद्युत अपघटन करने पर क्षार धातु के स्थान पर हाइड्रोजन कैथोड पर मुक्त होती है। क्षार धातुओं का निर्माण उनके संगलित क्लोराइडों के विद्युत अपघटन से किया जाता है।
(ग) सोडियम जैविक क्रियाविधि में पोटैशियम (K) की अपेक्षा अधिक उपयोगी है। सोडियम आयन तन्त्रिका (nerve) आवेग के संचरण में, कोशिका झिल्ली (cell membrane) में जल के परिवहन में और शुगर वे अमीनो अम्लों के कोशों में परिवहन में सहायता करता है। सोडियम कोशों को घेरे हुए blood plasma में रहता है। यद्यपि K+ आयन भी जैविक तन्त्रों में उपयोगी कार्य करते हैं फिर भी Na+ का कार्य अधिक महत्त्वपूर्ण है। यही कारण है कि सोडियम, पोटैशियम से अधिक आवश्यक है।

प्रश्न 28.
निम्नलिखित के मध्य क्रियाओं के सन्तुलित समीकरण लिखिए
(क) Na2CO3 एवं जल
(ख) KO2 एवं जल
(ग) Na2O एवं CO2.
उत्तर
(क) Na2O2 (s) + 2H2O(l) → 2NaOH(aq) + H2O2 (aq)
(ख) 2KO2 (s)+ 2H2O(l) → 2KOH(aq) + H2O2 (aq) + O2 (g)
(ग) Na2O(s) + CO2(g) → Na2CO3 (s)

प्रश्न 29.
आप निम्नलिखित तथ्यों को कैसे समझाएँगे
(क) Be0 जल में अविलेय है, जबकि BeSO4 विलेय है।
(ख) BaO जल में विलेय है, जबकि BaSO4 अविलेय है।
(ग) एथेनॉल में Lil, KI की तुलना में अधिक विलेय है।
उत्तर
(क) BeO सहसंयोजक प्रकृति का होता है और जल में अविलेय है, जबकि BeSO4 आयनिक प्रकृति का होता है और जल में विलेय है। BeSO4 की जलयोजन ऊर्जा Be2+ आयन का आकार छोटा होने के कारण जालक ऊर्जा से बहुत अधिक होती है। इस कारण यह जल में विलेय है।
(ख) BaO और BaSO4 दोनों आयनिक प्रकृति के होते हैं, परन्तु SO2-4 आयन का आकार O2-2 आयन के आकार से अधिक होता है। चूंकि एक छोटा ऋणायन बड़े धनायन को जितनी स्थिरता प्रदान करता है, बड़ा ऋणायन बड़े धनायन को उससे कहीं अधिक क्षमता से स्थिर बनाता है, अत: BaSO4 की जालक ऊर्जा BaO से बहुत अधिक होती है। यही कारण है कि BaO जल में विलेय है जबकि BaSO4 अविलेय।।
(ग) Li+ आयन K+ आयन से बहुत छोटा होता है और यह I आयन को K+ आयन की अपेक्षा अधिक सीमा तक ध्रुवित कर सकता है। इस प्रकार LiI में सहसंयोजक गुण KI से अधिक है। यही कारण है कि LiI एथिल ऐल्कोहल में KI की अपेक्षा अधिक घुलनशील है।

प्रश्न 30.
इनमें से किस क्षार धातु का गलनांक न्यूनतम है?
(क) Na
(ख) K
(ग) Rb
(घ) Cs
उत्तर
(घ) Cs धातु के परमाणु का आकार बढ़ने पर गलनांक कम हो जाता है, क्योंकि आकार बढ़ने पर धातु आबन्ध कमजोर हो जाते हैं।

प्रश्न 31.
निम्नलिखित में से कौन-सी क्षार धातु जलयोजित लवण देती है?
(क) Li
(ख) Na
(ग) K
(घ) Cs
उत्तर
(क) Li उपर्युक्त सभी क्षार धातुओं में Li+ का आकार सबसे छोटा है। इस कारण Li+
आयन H2O अणु को अधिक ध्रुवित कर देता है, उससे जुड़ जाता है और जलयोजित हो जाता है।

प्रश्न 32.
निम्नलिखित में से कौन-सी क्षारीय मृदा धातु कार्बोनेट ताप के प्रति सबसे अधिक स्थायी है?
(क) MgCO3
(ख) CaCO3
(ग) SrCO3
(घ) BaCO3
उत्तर
(घ) BaCO3 धातु का विद्युत धनात्मक गुण बढ़ने पर धातु कार्बोनेट का ताप के प्रति स्थायित्व बढ़ता है।

परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्षार धातुएँ सम्बन्धित हैं।
(i) -ब्लॉक
(ii) p-ब्लॉक
(iii) d-ब्लॉक
(iv) f-ब्लॉक
उत्तर
(i) -ब्लॉक

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से किसकी हाइड्रेशन (जलयोजन) ऊर्जा अधिकतम है?
(i) Li+
(ii) Na+
(iii) K+
(iv) Rb+
उत्तर
(i) Li+

प्रश्न 3.
Mg2+ की जलयोजन क्षमता निम्न की अपेक्षा अधिक होती है।
(i) Al3+
(ii) Na+
(iii) Mg3+
(iv) Be2+
उत्तर
(ii) Na+

प्रश्न 4.
किस आयन की जल में चालकता सबसे अधिक है?
(i) Li+
(ii) Na+
(iii) K+
(iv) Cs+
उत्तर
(iv) Cs+

प्रश्न 5.
सोडियम तत्त्व को किसमें रखा जाता है?
(i) केरोसीन में
(ii) टॉलूईन में
(iii) बेन्जीन में
(iv) ऐल्कोहॉल में
उत्तर
(i) केरोसीन में

प्रश्न 6.
सोडा ऐश है ।
(i) Na2CO3 . 6H2O
(ii) Na2CO3 . 10H2O
(iii) Na2CO3
(iv) Na2CO3 . 2H2O
उत्तर
(iii) Na2CO3

प्रश्न 7.
एक सफेद पदार्थ का जलीय विलयन क्षारीय है। यह पदार्थ हो सकता है।
(i) Na2CO3
(ii) NH4Cl
(ii) NaNO3
(iv) Fe2O3
उत्तर
(i) Na2CO3

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से किस यौगिक का औद्योगिक उत्पादन NaCI के विद्युत-अपघटन द्वारा किया जाता है?
(i) NaHCO3
(ii) Na2CO3
(iii) NaOH
(iv) NaOCl
उत्तर
(iii) NaOH

प्रश्न 9.
सोडियम हाइड्रॉक्साइड के औद्योगिक उत्पादन में सह-उत्पाद है।
(i) क्लोरीन
(ii) ऑक्सीजन
(iii) सोडियम कार्बोनेट
(iv) सोडियम क्लोराइड
उत्तर
(i) क्लोरीन

प्रश्न 10.
जलीय NaOH के वैद्युत अपघटन पर कौन-से आयन ऐनोड पर जाएँगे?
(i) Na+
(ii) OH
(iii) H+
(iv) O2-
उत्तर
(i) OH

प्रश्न 11.
जिंक को कास्टिक सोडा की अधिकता वाले विलयन में मिलाने से बनता है।
(i) Zn(OH)2
(ii) ZnO
(iii) Na2ZnO2
(iv) NaZnO2
उत्तर
(iii) Na2ZnO2

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में घनत्व उच्चतम होता है।
(i) मैग्नीशियम का
(ii) कैल्सियम का
(iii) स्ट्रॉन्शियम का
(iv) बेरियम का
उत्तर
(iii) स्ट्रॉन्शियम का

प्रश्न 13.
निम्न में कौन-सी धातु न्यूनतम आयनिक क्लोराइड बनाती है?
(i) Be
(ii) Ca
(iii) Mg
(iv) Sr
उत्तर
(i) Be

प्रश्न 14.
निम्न में सबसे कम क्षारीय है।
(i) पोटैशियम
(ii) कैल्सियम
(iii) बेरीलियम
(iv) मैग्नीशियम
उत्तर
(iii) बेरीलियम

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
समूह I के तत्त्व क्षार धातुएँ क्यों कहलाते हैं?
उत्तर
समूह I के तत्त्व जल से अभिक्रिया करके क्षारीय प्रकृति के हाइड्रॉक्साइड बनाते हैं इसलिए इन्हें सामान्यतः क्षार धातुएँ कहते हैं।

प्रश्न 2.
सोडियम तथा पोटैशियम के एक महत्त्वपूर्ण अयस्क का नाम लिखिए।
उत्तर
सोडियम के प्रमुख अयस्क रॉक साल्ट (NaCl), चीली साल्टपीटर (NaNO3) तथा क्रायोलाइट (Na3AlF6) हैं। पोटैशियम के प्रमुख अयस्क सिल्वाइट (KCl), फेलस्पार (K2O.Al2O36SiO2) तथा कार्नेलाइट (KCl· MgCl2·6H,0) हैं।

प्रश्न 3.
क्षार धातुओं की निम्न आयनन ऊर्जाएँ होती हैं। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर
क्षार धातुओं की आयनन ऊर्जाएँ निम्न होती हैं क्योंकि इनके परमाणु में उत्कृष्ट गैस क्रोड संयोजी कोश में उपस्थित एक s-इलेक्ट्रॉन को नाभिक के आकर्षण बल से परिरक्षित करता है। अतः बाह्य कोश के 5-इलेक्ट्रॉन पर कार्यरत प्रभावी नाभिकीय आवेश कम होता है। इसलिए इस इलेक्ट्रॉन को थोड़ी ऊर्जा देकर ही निकाला जा सकता है।

प्रश्न 4.
क्षार धातुओं के घनत्व कम क्यों होते हैं?
उत्तर
क्षार धातुओं की काय केन्द्रित घनीय संरचना होती है। यह संरचना अन्य धातु संरचनाओं की तुलना में कम सघन होती है। क्षार धातुओं की परमाणु त्रिज्याएँ भी बड़ी होती हैं। इन कारणों से क्षार धातुओं के घनत्व कम होते हैं।

प्रश्न 5.
क्षार धातुओं में से किस तत्त्व का/कौन-सा तत्त्व :
(i) उच्चतम गलनांक होता है?
(ii) प्रबलतम अपचायक है?
(iii) सबसे कम विद्युत ऋणात्मक है?
उत्तर

  1. लीथियम का गलनांक उच्चतम (454 K) होता है।
  2. गैसीय अवस्था में सीजियम तथा जलीय अवस्था में लीथियम प्रबलतम अपचायक है।
  3. सीजियम सबसे कम विद्युत ऋणात्मक अर्थात् सबसे अधिक विद्युत धनात्मक है।

प्रश्न 6.
क्षार धातु प्रबल अपचायक क्यों हैं? समझाइए।
उत्तर
क्षार धातुओं में इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की प्रबल प्रवृत्ति होती है इसलिए ये प्रबल अपचायकों के रूप में कार्य करती हैं।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पदार्थों के रासायनिक नाम तथा सूत्र लिखिए।
(i) सोडा ऐश।
(ii) बेकिंग सोडा
(iii) कास्टिक सोडा
(iv) धावन सोडा।
उत्तर

  1. सोडा ऐश ⇒ सोडियम कार्बोनेट, Na2CO3
  2. बेकिंग सोडा ⇒ सोडियम बाइकार्बोनेट, NaHCO3
  3. कास्टिक सोडा ⇒ सोडियम हाइड्रॉक्साइड, NaOH
  4. धावन सोडा ⇒ सोडियम कार्बोनेट, Na2CO3·10H2O

प्रश्न 8.
सोडियम कार्बोनेट’के मुख्य उपयोग लिखिए।
उत्तर

  1. काँच, कागज तथा बोरेक्स के निर्माण में।
  2. जल को मृदु बनाने में।
  3. बेकिंग सोडा, कास्टिक सोडा आदि बनाने में।
  4. कपड़ों को साफ करने में।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पर कास्टिक सोडा की अभिक्रियाएँ लिखिए
(i) Zn
(ii) P4
(iii) CO2
(iv) Cl2
उत्तर
(i) कास्टिक सोडा Zn से अभिक्रिया करके सोडियम जिंकेट बनाता है।

UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-28

(ii) कास्टिक सोडा PA से अभिक्रिया करके फॉस्जीन गैस बनाता है।

UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-29

(iii) कास्टिक सोडा CO2 से अभिक्रिया करके Na2CO3 बनाता है।

UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-30

(iv) कास्टिक सोडा Cl2 से अभिक्रिया करके सोडियम हाइपोक्लोराइट और सोडियम क्लोराइड बनाता है।

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प्रश्न 10.
गुणात्मक विश्लेषण में NaOH के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर
1. यह फेरिक क्लोराइड को फेरिक हाइड्रॉक्साइड में अवक्षेपित कर देता है।

FeCl3 +3NaOH → Fe(OH)3 ↓ + 3NaCl

2. यह CuSO4 से क्रिया करके इसे क्यूपिक हाइड्रॉक्साइड के रूप में अवक्षेपित करता है।

CuSO2 + 2NaOH → Cu(OH)2+Na2SO4

प्रश्न 11.
क्या कारण है कि गलित कैल्सियम हाइड्राइड का वैद्युत-अपघटन करने पर हाइड्रोजन ऐनोड पर मुक्त होती है ?
उत्तर
गलित कैल्सियम हाइड्राइड का वैद्युत-अपघटन इस प्रकार होता है।

CaH2 ⇌ Ca2+ + 2H

हाइड्रोजन आयन के ऋणावेशित होने के कारण हाइड्रोजन ऐनोड पर मुक्त होती है।

प्रश्न 12.
कैल्सियम ऑक्साइड या बिना बुझे चूने के विरचन की एक विधि दीजिए।
उत्तर
कैल्सियम ऑक्साइड या बिना बुझा चूना लाइमस्टोन (CaCO3) को घूर्णी भट्ठी में 1070-1270K ताप पर गर्म करके प्राप्त किया जाता है।
UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-32

प्रश्न 13.
कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड या बुझे चूने को बनाने की एक विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर
कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड या बुझे चूने को बिना बुझे चूने में जल मिलाकर प्राप्त किया जाता है। । इस प्रक्रिया को चूने का बुझना कहते हैं।
CaO+ H2O → Ca(OH)2

प्रश्न 14.
प्लास्टर ऑफ पेरिस के जमने की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण दीजिए।
उत्तर
प्लास्टर ऑफ पेरिस जमर्कर कड़ा छिद्रयुक्त ठोस बन जाता है, जिसे प्लास्टर ऑफ पेरिस का जमना कहते हैं। वस्तुतः यह अभिक्रिया प्लास्टर ऑफ पेरिस का जिप्सम में परिवर्तन है।

(CasO4) 2 · H2O+ 3H2O → 2(CasO4·2H2O)

प्रश्न 15.
किंलकर क्या है? इससे सीमेण्ट कैसे बनाया जाता है?
उत्तर
सीमेण्ट के कच्चे पदार्थों से बने मिश्रण को सीमेण्ट की भट्ठी में डालकर गर्म करने के बाद छोटी-छोटी गोलियों के रूप में प्राप्त पदार्थ को किंलकर कहते हैं। क्लिकर; डाइकैल्सियम सिलिकेट, ट्राइकैल्सियम सिलिकेट, ट्राइकैल्सियम ऐलुमिनेट तथा टेट्राकैल्सियम ऐलुमिनोफेराइट का मिश्रण है। क्लिकर में 2-3% जिप्सम मिलाकर इसको पीसकर प्रयोग योग्य सीमेण्ट प्राप्त किया जाता है जिसको पोर्टलैण्ड सीमेण्ट कहते हैं।

प्रश्न 16.
सीमेण्ट किंलकर के मुख्य अवयव क्या हैं? इसमें जिप्सम क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर
सीमेण्ट किंलकर के मुख्य अवयव निम्नलिखित हैं-

  1. डाइकैल्सियम सिलिकेट (2CaO.SiO2)
  2. ट्राइकैल्सियम सिलिकेट (3CaO.SiO2)
  3. ट्राइकैल्सियम ऐलुमिनेट (3CaO.Al2O3) तथा
  4. टेट्राकैल्सियम ऐलुमिनोफेराइट (4CaO.Al2O2.Fe2O3)

सीमेण्ट किंलकर जल के प्रति अति सुग्राही होता है जिससे यह नमी और जल के सम्पर्क में आकर जम जाता है। इसकी जमने की क्षमता को शिथिल करने के लिए मन्दक पदार्थ मिलाए जाते हैं। जिप्सम एक मन्दक पदार्थ है, जिसके मिलाने से सीमेण्ट क्लिकर के जमने की क्षेमतो मन्द हो जाती है और अधिक जल के सम्पर्क में आने पर ही यह जमता है।

प्रश्न 17.
सीमेण्ट के प्रयोग में बालू का क्या उपयोग होता है?
उत्तर
सीमेण्ट जल या नमी के प्रति अति सुग्राही है। नमी के कारण इसमें आन्तरिक प्रतिबल उत्पन्न जाता है, जिससे इसमें दरार पड़ जाती है और इसकी क्षमता कम हो जाती है। बालू मिलाने से। सीमेण्ट में आन्तरिक प्रतिबल उत्पन्न नहीं होता, जिससे सीमेण्ट में दरार नहीं पड़ती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लीथियम की तरह सोडियम और पोटैशियम जटिल यौगिक क्यों नहीं बनाते?
उत्तर
लीथियम परमाणु त्रिज्या छोटी होने तथा उच्च आवेश घनत्व एवं d ऑर्बिटल की अनुपस्थिति के कारण जटिल यौगिक बनाता है। जबकि सोडियम एवं पोटैशियम आकार बड़ा होने एवं आवेश घनत्व अपेक्षाकृत निम्न होने के कारण जटिल यौगिक नहीं बनाते हैं।

प्रश्न 2.
क्षार धातुओं की रासायनिक अभिक्रियाशीलता का वर्णन कीजिए।
उत्तर
क्षार धातुएँ बहुत अभिक्रियाशील तत्व हैं, क्योंकि इन धातुओं की ऊर्ध्वपातन ऊष्माएँ (heat of sublimation).और इनके आयनन विभव (l1) बहुत नीचे हैं। इनकी सक्रियता आयनन विभव घटने के साथ बढ़ती है(Li→ Cs)। वायु में रखने पर क्षार धातुओं की धात्विक चमक (metallic lustre) शीघ्रता से मलिन (tarmish) हो जाती है, क्योंकि धातु की सतह पर धातु ऑक्साइड की परत (film) जम जाती है। वायु एवं जल द्वारा सुगमता से ऑक्सीकृत हो जाने के कारण क्षार धातुओं को मिट्टी के तेल में रखते हैं। क्षार धातु (M) अधिकांश अधातुओं के साथ सीधी अभिक्रिया करते हैं। नाइट्रोजन के साथ केवल लीथियम सीधे अभिक्रिया करता है।
लीथियम को ऑक्सीजन के साथ 200°C पर गर्म करने पर लीथियम मोनॉक्साइड, Li2O, बनता है। लीथियम केवल मोनॉक्साइड बनाता है। सोडियम, पोटैशियम व उच्च परमाणु क्रमांक के अन्य क्षार धातु ऑक्सीजन के साथ बहुत शीघ्रता से अभिक्रिया करते हैं। ये धातु वायु या ऑक्सीजन में जलते हैं। सोडियम Na2O और Na2O2(सोडियम परॉक्साइड) का मिश्रण बनाता है। सोडियम धातु को शुष्क शुद्ध ऑक्सीजन गैस की धारा में 300°C पर गर्म करने पर हल्के पीले रंग का ठोस सोडियम परॉक्साइड बनता है।
UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-33
सोडियम परॉक्साइड पोटैशियम व उच्च परमाणु क्रमांक के अन्य क्षार धातु आयनिक परॉक्साइड (जैसे—K2O2) और सुपरऑक्साइड (जैसे-KO2) बनाते हैं। आयनिक परॉक्साइडों में परॉक्साइड आयन O2-2 और सुपरऑक्साइडों में सुपरऑक्साइड आयन O2 होता है। क्षार धातु क्लोरीन व अन्य हैलोजनों के साथ सीधे संयोग करते हैं। ये हाइड्रोजन के साथ उच्च ताप पर अभिक्रिया करते हैं। क्षार धातु जल के साथ बहुत तीव्रता (violently) से अभिक्रिया करते हैं। अभिक्रिया में हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।

2M + 2H2O → 2MOH + H2

इस अभिक्रिया से उत्पन्न ऊष्मा से क्षार धातु पिघल जाता है और हाइड्रोजन के प्रज्वलित हो जाने से ज्वाला उत्पन्न होती है। रूबिडियम (Rb) और सीजियम (Cs) विस्फोट के साथ अभिक्रिया करते हैं। क्षार धातु (M) अम्लों के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करते हैं। अभिक्रिया में हाइड्रोजन मुक्त होती है।

2M + H2SO4 → M2SO4 + H2

क्षार धातु ऐल्कोहॉल से हाइड्रोजन विस्थापित करते हैं-

UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-34

क्षार धातु कई धातुओं के ऑक्साइडों और क्लोराइडों को धातु में अपचयन करते हैं।

BeCl2 + 2Na → Be + 2NaCl

सोडियम धातु कार्बन डाइऑक्साइड गैस में जलता है और उसे कार्बन में अपचयित कर देता है।

3CO2 + 4Na → 2Na2CO3 + C

प्रश्न 3.
लीथियम के असंगत गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर
आवर्त सारणी के प्रत्येक वर्ग का प्रथम तत्व वर्ग के अन्य तत्वों से गुणों में भिन्नता प्रदर्शित करता है। यह तत्व का असंगत व्यवहार (anomalous behaviour) कहलाता है। वर्ग के प्रथम तत्व की परमाणु एवं आयनिक त्रिज्या वर्ग के अन्य तत्वों के अपेक्षाकृत बहुत छोटी होने के कारण तत्व असंगत व्यवहार प्रदर्शित करता है।
वर्ग 1 का प्रथम तत्व लीथियम (Li) वर्ग के अन्य तत्वों से गुणों में भिन्नता प्रदर्शित करता है। लीथियम का असंगत व्यवहार लीथियम आयन, Li+ की बहुत छोटी त्रिज्या और उच्च आवेश घनत्व के कारण हैं।
लीथियम के अन्य क्षार धातुओं के गुणों से भिन्न कुछ गुण (असंगत गुण) निम्नलिखित हैं

  1. क्षार धातुओं में लीथियम (L+ /Li) का मानक इलेक्ट्रोड विभव (मानक अपचयन विभव) असामान्य रूप से उच्च ऋणात्मक है। यह Li+ आयन की बहुत छोटी त्रिज्या और उच्च हाइड्रेशन ऊर्जा के कारण है। जलीय विलयन में लीथियम अन्य क्षार धातुओं से प्रबल
    अपचायक है।
  2. क्षार धातुओं में केवल लीथियम, नाइट्रोजन से अभिक्रिया करता है और लीथियम नाइट्राइट (Li3N) बनाता है। लीथियम और नाइट्रोजन दोनों के परमाणु बहुत छोटे हैं और लीथियम नाइट्राइट की जालक ऊर्जा (lattice energy) उच्च है, इसीलिए लीथियम नाइट्राइट बनता है।
  3. लीथियम ऑक्सीजन के साथ केवल सामान्य ऑक्साइड, लीथियम मोनॉक्साइड (Li2O) बनाता है। सोडियम मोनॉक्साइड (Na2O) और परॉक्साइड (Na2O2) बनाता है। पोटैशियम मोनॉक्साइड (K2O), परॉक्साइड (Ka2O2) और सुपर ऑक्साइड (KO2) बनाता है। रूबीडियम और सीजियम’ भी मोनॉक्साइड, परॉक्साइड और सुपर ऑक्साइड बनाते हैं। क्षार धातु को ऑक्सीजन के आधिक्य में गर्म करने पर लीथियम का मोनॉक्साइड (Li2O), सोडियम को परॉक्साइड (Na2O2) और पोटैशियम का सुपर ऑक्साइड (KO2) बनता है। रूबीडियम और सीजियम का भी सुपर ऑक्साइड बनता है।
  4. लीथियम हाइड्रॉक्साइड (LiOH) और लीथियम कार्बोनेट (Li2CO3), जल में अल्प विलेय हैं, जबकि सोडियम, पोटेशियम व अन्य क्षार धातुओं के हाइड्रॉक्साइड और कार्बोनेट जल में पूर्ण विलेय हैं।
  5. लीथियम बाइकार्बोनेट (LiHCO3) जल में पूर्ण विलेय है जबकि सोडियम, पोटैशियम व अन्य क्षार धातुओं के बाइकार्बोनेट जल में अल्प विलेय हैं।।
  6. लीथियम कार्बोनेट गर्म करने पर शीघ्रता से अपघटित हो जाता है।
    UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-35
    जबकि सोडियम कार्बोनेट, पोटैशियम कार्बोनेट व अन्य क्षार धातुओं के कार्बोनेट बहुत स्थायी हैं। गर्म करने पर बहुत कठिनाई से अति उच्च ताप पर अपघटित होते हैं।
  7. लीथियम के बड़े, अध्रुवणीय (non-polarizable) ऋणायमों, जैसे-ClO4 आयन के साथ लवण अन्य क्षार धातुओं के संगत लवणों की अपेक्षा जल में अधिक विलेय होते हैं। यह Li+ आयन की उच्च हाइड्रेशन ऊर्जा के कारण है।
  8. लीथियम सल्फेट (Li2SO4) फिटकरियाँ (alums) नहीं बनाता है, जबकि अन्य क्षार धातुएँ फिटकरियाँ (alums) बनाती हैं। द्विक सल्फेट (double sulphates) जिनका संघटन M’2SO4.R””2 (SO4)3.24H2O होता है फिटकरियाँ कहलाती हैं, जैसे M’ = NH+4ई या एक संयोजी धातु (जैसे—Na, K आदि) और R’”= त्रि-संयोजी धातु (जैसे-Fe, AI, Cr, Mn
    आदि) हैं।
    हाइड्रेटेड लीथियम धनायन का आकार बहुत छोटा होने के कारण लीथियम फिटकरी नहीं बनाता है।
  9.  लीथियम नाइट्रेट गर्म करने पर ऑक्साइड में अपघटित हो जाता है।
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    सोडियम नाइट्रेट और पोटैशियम नाइट्रेट गर्म करने पर नाइट्राइट में अपघटित होते हैं।
    UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-37
  10. लीथियम फ्लुओराइड जल में अल्प विलेय है जबकि सोडियम, पोटैशियम व अन्य क्षार धातुओं के फ्लुओराइड और जल में विलेय हैं।
    लीथियम आयन (Li+) और फ्लुओराइड आयन (F) दोनों का छोटा आकार होने के कारण . लीथियम फ्लुओराइड की जालक ऊर्जा उच्च है, इसीलिए LiF जल में अल्प विलेय है।

प्रश्न 4.
सोडियम क्लोराइड का निर्माण किस प्रकार किया जाता है। विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर
समुद्र, नमक की झीलें और खनिज लवण निक्षेप सोडियम क्लोराइड के मुख्य प्राकृतिक स्रोत हैं जिनसे सोडियम क्लोराइड प्राप्त किया जाता है।
परिस्थितियों के अनुसार, लवण या तो लवण निक्षेपों से खनन द्वारा प्राप्त किया जाता है या लवण संस्तरों से जलीय विलयन ब्राइन (brine) में जल द्वारा निष्कर्षित किया जाता है या समुद्र जल से वाष्पन (evaporation) द्वारा प्राप्त किया जाता है।
नमक युक्त जलीय विलयन का लवण के क्रिस्टलित होने तक सान्द्रण वाष्पन द्वारा किया जाता है। विलयन के सान्द्रण की मुख्य विधियाँ निम्नलिखित हैं-

  1. खुले कडाहा विधि (Open pan process)
  2. सौर वाष्पन विधि (Solar evaporation process)
  3. निर्वात् वाष्पन विधि (Vacuum evaporation process)

लवण निक्षेपों से खनिज ठोस लवण को संदलन के उपरान्त छलनी से छानकर उसका शोधन जल में विलेय करके और विलयन को क्रिस्टलित करके किया जाता है।
कई लवण संस्तरों में, बेधन (boring) करके या कूप (well) खोदकर पाइपों के द्वारा जल प्रवाह करके लवण ब्राइन के रूप में प्राप्त किया जाता है। ब्राइन को पम्प द्वारा बाहर निकालकर विलयन को बहु-प्रभाव उद्वाष्पित्रों (evaporators) में कम दाब पर उद्वाष्पन द्वारा सान्द्रित किया जाता है या विलयन का सान्द्रण उसे उथले (shallow) खुले कडाहों (open pans) में गर्म करके किया जाता है। वायु और सूर्य से उच्छादित (exposed) खुली टंकियों में समुद्र-जल को सान्द्रण वाष्पन द्वारा होता है, जैसे-जैसे ब्राइन सान्द्रित होता है लवण के क्रिस्टल पृथक् होने लगते हैं। क्रिस्टलों को छिद्रित शॉवल द्वारा बाहर निकाल लेते हैं।
उपरोक्त विधियों द्वारा प्राप्त सोडियम क्लोराइड (नमक) में अन्य लवणों, जैसे-कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड, कैल्सियम सल्फेट और मैग्नीशियम सल्फेट की अल्प मात्राएँ अशुद्धि के रूप में उपस्थित होती है। निर्वात् उद्द्वाष्पन (vacuum evaporation) द्वारा विनिर्मित लवण में लगभग 99.9% सोडियम क्लोराइड उपस्थित होता है। खुले कडाहा (open pan) विधि या सौर वाष्पन (solar evaporation) विधि द्वारा प्राप्त लवण में लगभग 97 से 99% सोडियम क्लोराइड उपस्थित होता है। खनिज, नमक या सेंधा नमक (rock salt) में लगभग 95 से 99% सोडियम क्लोराइड उपस्थित होता है।

प्रश्न 5.
सोडियम बाइकार्बोनेट के विरचन की विधियों एवं उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर
सोडियम बाइकार्बोनेट के विरचन की प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं-

  1. सोडियम कार्बोनेट से-सोडियम कार्बोनेट के ठण्डे सान्द्र विलयन में कार्बन डाइऑक्साड गैस प्रवाहित करने पर सोडियम बाइकार्बोनेट सफेद ठोस के रूप में अवक्षेपित हो जाता है। उसे छानकर अलग कर लेते हैं।
    UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-38
  2. अमोनिया-सोडा प्रक्रम( सॉल्वे प्रक्रम) द्वारा–सॉल्वे प्रक्रम द्वारा सोडियम कार्बोनेट का निर्माण करने में पहले सोडियम बाइकार्बोनेट बनता है जिसे अपघटित करके सोडियम कार्बोनेट प्राप्त किया जाता है।
    सॉल्वे विधि में अमोनिया द्वारा संतृप्त सान्द्र सोडियम क्लोराइड विलयन की कार्बन डाइऑक्साइड गैस से क्रिया कराने पर सोडियम बाइकार्बोनेट अविलेय ठोस के रूप में पृथक् हो जाता है।

NaCl + NH3 + H2O → NaHCO3 + NH2Cl

सोडियम बाइंकार्बोनेट को छानकर अलग कर लेते हैं। गर्म करने पर सोडियम बाइकार्बोनेट, सोडियम कार्बोनेट में अपघटित हो जाता है।

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सोडियम कार्बोनेट में अमोनियम लवणों की अशुद्धि होती है। सोडियम कार्बोनेट को जल में घोलकर सान्द्र विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित करते हैं जिससे शुद्ध सोडियम बाइकार्बोनेट अवक्षेपित हो जाता है, उसे छानकर पृथक् कर लेते हैं।
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सोडियम बाइकार्बोनेट के प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं-

  1. सोडियम बाइकार्बोनेट का उपयोग बेकिंग पाउडर में होता है, इसलिए सोडियम बाइकार्बोनेट बेकिंग सोडा कहलाता है।
  2. सोडियम बाइकार्बोनेट स्वास्थ्य हितकर लवणों और सेलिट्स पाउडर का महत्वपूर्ण घटक है।
  3. सोडियम बाइकार्बोनेट का उपयोग अग्निशामकों (fire extinguisheres) में किया जाता है।
  4. सोडियम बाइकार्बोनेट का उपयोग चर्म उत्पादन में होता है।
  5. कॉपर, जिंक और लेड के नॉर्मल कार्बोनेट बनाने में।
  6. चर्म रोगों के लिए मन्द पूर्तिरोधी (antiseptic) के रूप में।

प्रश्न 6.
क्षारीय मृदा धातुओं की रासायनिक अभिक्रियाशीलता का वर्णन कीजिए।
उत्तर
क्षारीय मृदा धातुएँ बहुत अभिक्रियाशील हैं, परन्तु ये क्षार धातुओं से कम क्रियाशील हैं। इनकी सक्रियता धन विद्युत प्रकृति बढ़ने के साथ बढ़ती है (Be → Ra) वायु में रखने पर इनकी धात्विक चमक मलिन हो जाती है, क्योकि धातु की सतह पर ऑक्साइड की परत बन जाती है। इन तत्वों में बेरिलियमें सबसे कम क्रियाशील है। परमाणु त्रिज्या छोटी और ऊर्ध्वपातन ऊर्जा व आयनन ऊर्जा • अपेक्षाकृत ऊँची होने के कारण बेरिलियम अन्य क्षारीय मृदा धातुओं से गुणों में भिन्नता प्रदर्शित करता है।
क्षारीय मृदा धातु (M) ऑक्सीजन के साथ ऑक्साइड (MO), नाइट्रोजन के साथ नाइट्राइड (M3N2), हाइड्रोजन के साथ हाइड्राइड (MH2) और हैलोजनों के साथ हैलाइड (MX2) बनाते हैं। बेरिलियम हाइड्रोजन से सीधी अभिक्रिया नहीं करता है।
बेरिलियम को छोड़कर अन्य सभी क्षारीय मृदा धातु जल से क्रिया करते हैं। मैग्नीशियम उच्च ताप पर जल (भाप) से क्रिया करता है, क्योंकि मैग्नीशियम के पृष्ठ पर ऑक्साइड की परत जमी होती है।

M + 2H2O → M(OH)2 + H2

क्षारीय मृदा धातु (M) अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करते हैं। बेरिलियम अम्लों और क्षारकों दोनों से हाइड्रोजन विस्थापित करता है।

M + H2SO4 → MSO4 + H2

धातुओं में केवल मैग्नीशियम और मैंगनीज ठण्डे और अति तनु नाइट्रिक अम्ल के साथ हाइड्रोजन गैस (H2) देते हैं।

Mg + 2HNO3 → Mg(NO3)2 + H2
Mn + 2HNO3 → Mn(NO3)2 + H2

प्रश्न 7.
बेरिलियम के असंगत गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर
बेरिलियम की परमाणु और आयनिक त्रिज्याएँ अन्य क्षारीय मृदा धातुओं की त्रिज्याओं के अपेक्षाकृत बहुत छोटी होने के कारण बेरिलियम अन्य क्षारीय मृदा धातुओं से गुणों में भिन्नता प्रदर्शित करता है। बेरिलियम के कुछ असंगत गुण (anomalous properties) निम्नलिखित हैं-

  1. बेरिलियम जल से अभिक्रिया नहीं करता है। अन्य सभी क्षारीय मृदा धातुएँ जल से अभिक्रिया करती हैं।
  2. बेरिलियम हाइड्रोजन से सीधी अभिक्रिया नहीं करता है। अन्य क्षारीय मृदा धातुएँ हाइड्रोजन से सीधी अभिक्रिया करती हैं।
  3. बेरिलियम उभयधर्मी (amphoteric) धातु है। बेरिलियम प्रबल क्षारों और अम्लों दोनों के विलयनों से अभिक्रिया करता है और हाइड्रोजन विस्थापित करता है। अन्य क्षारीय मृदा धातुएँ केवल अम्लों से अभिक्रिया करती हैं।
    Be + 2NaOH + 2H2O → Na2[Be(OH)4] + H2
    Be + H2SO4 → BeSO4 + H2
  4. बेरिलियम आयन, Be2+, का आवेश/त्रिज्या अनुपात उच्च होने के कारण बेरिलियम की ध्रुवण क्षमता (polarising Power) अन्य क्षारीय मृदा धातु आयनों की अपेक्षा उच्च होती है, अत: बेरिलियम की सहसंयोजक बन्ध बनाने की प्रवृत्ति अपेक्षाकृत अधिक होती है। बेरिलियम के यौगिकों में सहसंयोजक लक्षण की प्रधानता होती है। अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के यौगिक मुख्यत: आयनिक होते हैं।
  5. बेरिलियम फ्लुओराइड जल में पूर्ण विलेय है। बेरिलियम फ्लुओराइड की जल में विलेयता बेरिलियम आयन की उच्च हाइड्रेशन ऊर्जा के कारण है। अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के फ्लुओराइड जल में अल्प विलेय हैं।
  6. बेरिलियम ऑक्साइड सहसंयोजक यौगिक है। यह जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है। अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के ऑक्साइड आयनिक यौगिक हैं और जल के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रॉक्साइड बनाते हैं।
  7. बेरिलियम ऑक्साइड (BeO) उभयधर्मी (amphoteric) ऑक्साइड है। यह अम्ल और क्षार दोनों के विलयनों के साथ अभिक्रिया करता है। अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय हैं।
    Be0 + 2NaOH + H2O → Na2 [Be(OH)4]
    BeO + H2SO4 → BeSO4 + H2O
  8. बेरिलियम हाइड्रॉक्साइड [Be(OH)4] उभयधर्मी है। यह अम्ल और क्षारों दोनों के साथ अभिक्रिया करता है। अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के हाइड्रॉक्साइड प्रबल क्षार हैं।
    Be(OH)2 + 2NaOH → Na2[Be(OH)4]
    Be(OH)2 + H2SO4 → BeSO4 + 2H2O
  9. बेरिलियम हाइड्रॉक्साइड और मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड जल में अविलेय हैं। अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के हाइड्रॉक्साइड जल में विलेय हैं।
  10. बेरिलियम सल्फेट और मैग्नीशियम सल्फेट जल में विलेय हैं, परन्तु अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के सल्फेट जल में अविलेय हैं।
  11. बेरिलियम की अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के अपेक्षाकृत संकर यौगिक बनाने की प्रबल प्रवृत्ति है। बेरिलियम फ्लुओराइड आयनों के साथ संकर यौगिक, Na2[BeF4], सोडियम टेट्राफ्लुओरोबेरिलेट बनाता है।
    ऐसीटिक अम्ल की बेरिलियम हाइड्रॉक्साइड से क्रिया कराने पर बेसिक बेरिलियम ऐसीटेट, Bea0 (CHCOO) बनता है। यह सहसंयोजक यौगिक है। इसका गलनांक और क्वथनांक नीचा है और ये बिना अपघटित हुए सिवित हो जाता है। अन्य क्षारीय मृदा सहसंयोजक बेसिक ऐसीटेट नहीं बनाती हैं।
  12. बेरिलियम क्लोराइड (BeCl2) सहसंयोजन वाष्पशील यौगिक है। यह जल-अपघटित हो जाता है। अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के क्लोराइड आयनिक यौगिक हैं जो जल-अपघटित नहीं होते हैं।
    BeCl2 + 2H2O → Be(OH)2 + 2HCl

प्रश्न 8.
चूने के कोई चार औद्योगिक उपयोग लिखिए।
उत्तर
चूने के उपयोग निम्नलिखित हैं

  1. बिल्डिग सामग्री के निर्माण में।
  2. पोर्टलैण्ड सीमेन्ट बनाने में।
  3. आयरन के निष्कर्षण में गालक के रूप में।
  4. जल की अस्थायी कठोरता को दूर करने में।
  5. बुझा चूना, बिना बुझा चूना, दूधिया चूना आदि के निर्माण में।

प्रश्न 9.
प्लास्टर ऑफ पेरिस के विरचन की विधि, गुण एवं उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर
प्लास्टर ऑफ पेरिस (CaSO4·[latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex]H2O या 2CaSO4 ·H2O) कैल्सियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट, CaSO4·[latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex]H2O को प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते हैं। इसे प्रायः 2CaSO4 ·H2O सूत्र द्वारा प्रदर्शित करते हैं।
प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने की विधि
जिप्सम (gypsum) को 150-169°C पर गर्म करने से प्लास्टर ऑफ पेरिस बनता है।
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प्लास्टर ऑफ पेरिस के गुण
1. प्लास्टर ऑफ पेरिस सफेद रंग का चूर्ण है जो तेज गर्म करने पर पहले निर्जल CaSO4 के 7-रूप में फिर γ-रूप में बदल जाता है।
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बहुत उच्च ताप (1100°C) पर गर्म करने पर निर्जल कैल्सियम-सल्फेट, कैल्सियम ऑक्साइड और सल्फर ट्राइऑक्साइड में अपघटित हो जाता है।
UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-43
2. प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल से क्रिया कराने पर ऊष्मा उत्पन्न होती है और वह जल अवशोषित करके शीघ्रता से जिप्सम में बदलकर, जम जाता है। इस क्रिया को प्लास्टर ऑफ पेरिस का जमना (setting) कहते हैं।
UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-44
प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग

  1. टूटी हुई हड्डियों का प्लास्टर करने में।
  2. साँचे और मॉडल बनाने में।
  3. मूर्तियाँ, खिलौने एवं अन्य सजावटी वस्तुएँ बनाने में।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आवर्त सारणी में क्षार धातुओं की स्थिति 1A समूह में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर समझाइए।
या
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर आवर्त सारणी के क्षार धातुओं (Li, Na, K) की स्थिति की विवेचना कीजिए।
उत्तर
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास–सोडियम तथा पोटैशियम आवर्त सारणी के IA समूह में रूबीडियम, सीजियम व फ्रैंसियम के साथ स्थित हैं। इस उप-समूह की धातुओं को क्षार धातुएँ कहते हैं, क्योंकि इनके हाइड्रॉक्साइड जल में घुलकर क्षारीय विलयन बनाते हैं। इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास इस प्रकार है।
UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-45
इन तत्त्वों के भीतरी कोश का विन्यास अक्रिय गैस के समान है। समान इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होने के कारण ये तत्त्व समान गुण प्रदर्शित करते हैं। अतः इन्हें एक ही उप-समूह में रखा जाना उचित है।
गुणों में समानता

  1. सभी चाँदी के समान सफेद तथा नर्म धातुएँ हैं।
  2. इनकी ऑक्सीकरण संख्या + 1 है।।
  3. ये वैद्युत तथा ऊष्मा के सुचालक हैं।
  4. वायु या ऑक्सीजन में गर्म करने पर सामान्य ऑक्साइड बनाते हैं तथा वायु या ऑक्सीजन में जलाने पर परॉक्साइड बनाते हैं।
    4Na + O2 → 2Na2O; 4K + O2 2K2O
    2Na + O2 → Na2O2; 2K + O2→ K2O2
  5. शुष्क हाइड्रोजन के साथ गर्म करने पर हाइड्राइड बनाते हैं।
    2Na + H2 → 2NaH; 2K + H2 → 2KH
  6. ये हैलोजन से क्रिया करके हैलाइड बनाते हैं।
    2Na + Cl2 → 2NaCl; 2K + Cl2 → 2KCl
  7. जल तथा ऐल्कोहॉल के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन निकालते हैं।
    2Na + 2H2O → 2NaOH + H2
    UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-46

भौतिक गुणों का श्रेणीकरण

  1. परमाणु क्रमांक बढ़ने पर क्षार धातुओं की कठोरता कम होती है।
  2. इनके गलनांक, क्वथनांक तथा विशिष्ट ऊष्मा परमाणु क्रमांक की वृद्धि के साथ घटते हैं।
  3. परमाणु क्रमांक की वृद्धि के साथ इनकी क्रियाशीलता बढ़ती है।
  4. परमाणु आयतन तथा आपेक्षिक घनत्व परमाणु क्रमांक की वृद्धि के साथ बढ़ते हैं।
  5. परमाणु क्रमांक बढ़ने पर बाइकार्बोनेटों का अपघटन घटता है।

रासायनिक गुणों की समानता एवं भौतिक गुणों के श्रेणीबद्ध परिवर्तन के अध्ययन से इन तत्त्वों की आवर्त सारणी में एक ही उपवर्ग में स्थित होने की पुष्टि होती है।

प्रश्न 2.
कास्टनर-कैलनर सेल विधि द्वारा कास्टिक सोडा का निर्माण किस प्रकार किया जाता है? सचित्र वर्णन कीजिए। इसके दो उपयोग लिखिए।
उत्तर
कास्टनर-कैलनर सेल में स्लेट का बना हुआ एक टैंक होता है, जो स्लेट के विभाजकों द्वारा तीन भागों में बँटा रहता है। स्लेट के विभाजक पारे (Hg) से ढकी हुई टैंक की तली को स्पर्श करते हैं। टैंक के बाएँ तथा दाएँ कक्षों में NaCl का सान्द्र विलयन (ब्राइन) भरा जाता है तथा इन कक्षों में ग्रेफाइट ऐनोड लगे रहते हैं। बीच के कक्ष में जल भरा रहता है तथा लोहे की छड़ों का कैथोड लगा रहता है।
विद्युत धारा प्रवाहित करने पर, दाएँ तथा बाएँ कक्षों में ग्रेफाइट ऐनोड पर क्लोरीन मुक्त होती है। मर्करी कैथोड पर सोडियम अमलगम बनता है।
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इस इलेक्ट्रोड पर Hg सोडियम से क्रिया करके अमलगम बनाती है।
UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-48
सोडियम अमलगम सेल के बाएँ कक्ष के नीचे लगे विकेन्द्रित पहिये को घुमाकर सेल को इधर-उधर हिलाया जाता है। इस प्रकार, सोडियम-अमलेगम दाएँ वे बाएँ कक्षों से बीच के कक्ष में कर लेते हैं।
इसमें Na-Hg जल से क्रिया करके NaOH का निर्माण करता है और H, गैस मुक्त होती है। Hg को , छानकर पृथक् कर देते हैं।

2(Na-Hg) + 2H2O → 2NaOH + 2Hg ↓ + H2

सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन का वाष्पन करने से ठोस सोडियम हाइड्रॉक्साइड प्राप्त कर लेते हैं।
गन्धक के साथ क्रिया-हाइपो प्राप्त होता है।
UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The s-block Elements img-49
उपयोग-

  1. साबुन बनाने में।
  2. प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में।

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UP Board Solutions for Class 11 English Prose Chapter 7 On an African River

UP Board Solutions for Class 11 English Prose Chapter 7 On an African River

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 11 English. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 English Prose Chapter 7 On an African River.

LESSON at a Glance
This essay is an experience of the author’s personal life when he was sailing with his family and a fellow explorer named Oswell in the April of 1851 to a hill station. The wildlife in South Africa is in plenty and the author has experienced it very closely. The river Chobe, discovered by the author, flows in South Africa and is a natural habitat of dangerous creatures like hippos and crocodiles. Except some ill natured ones, the hippos are less furious than crocodiles until they are disturbed. Crocodiles of the river are so much daring that they carry off calves and seize even cows. The essay also hints at the superstitions of people in some tribes when they are bitter or water splashed over them by the reptile’s tail.

पाठ का हिन्दी अनुवाद

1. on the 11th ……. one of them.

11 नवम्बर, 1853 को मैं चोब (Chobe) नदी पर, जो जाम्बेजी (Zambezi) में बहती है, एक नाव में सवार हुआ। प्रधान यह देखने के लिए कि विदाई के समय सभी ठीक-ठाक है, नदी पर आए। उन्होंने मुझे अपनी डोंगी (एक लम्बी सँकरी नाव) भी उधार दे दी थी और चूंकि यह उन नावों से चौड़ी थी जिन्हें मैं पहले प्रयोग किया करता था। इसलिए मैं आराम से इसमें इधर-उधर मुड़
सकता था।

चोब नदी में दरियाई घोड़े (hippos) बड़ी संख्या में घूमते-फिरते हैं। इनमें से कुछ बड़ी आयु के वे नर होते हैं जिन्हें पशुओं के झुण्ड में से भगा दिया जाता है और वे स्वभाव से चिड़चिड़े हो जाते हैं और इतने जिद्दी स्वभाव के हो जाते हैं कि वे प्रत्येक उस नाव पर आक्रमण करते हैं जो उनके पास से गुजरती है। पशुओं का झुण्ड कभी खतरनाक नहीं होता केवल उस समय को छोड़कर जब कोई नाव इनके झुण्ड के बीच से उस समय गुजरे जब यह सभी पशु सोए हुए हों। उस समय इनमें से कुछ भय के कारण नाव पर वार कर सकते हैं। इससे बचने के लिए यात्री को सलाह दी जाती है कि वे दिन के समय नाव को किनारे के पास और रात को नदी के बीचो-बीच चलाएँ।

नियमानुसार दरियाई घोड़े जब किसी मनुष्य को देखते हैं तब भाग जाते हैं। अकेले नर पशु उस हाथी के समान बहुत खतरनाक होते हैं जिसे झुण्ड से निकाल दिया गया हो। इस समय हमने एक ऐसी नाव को देखा जिसे इन पशुओं में से किसी एक ने पिछले पैर के एक धक्के से टुकड़े-टुकड़े कर दिया था।

2. I was told …….. does at other Times.

मेरे साथियों ने मुझे बताया कि यदि हमारी नाव पर आक्रमण किया जाए तब यह उचित होगा कि हम नदी की तली में डुबकी लगा लें और कुछ सेकण्ड तक वही रुके रहें। ऐसा मालूम होता है कि हिप्पो किसी नाव को तोड़ने के बाद सदा सतह पर मनुष्यों की तलाश करता है और यदि उसे कोई नहीं दिखाई देता तब वह जल्दी ही वहाँ से आगे चला जाता है। इन कुँआरों (bachelors) में से एक, जैसा कि झुण्ड में से निकाले हुए दरियाई घोड़ों को बहुधा कहा जाता है, वास्तव में अपनी माँद से निकला और अपना सिर नीचे की ओर रखकर, काफी तेज गति से हमारे उन साथियों के पीछे दौड़ा जो वहाँ से गुजर रहे थे।

कोई भी व्यक्ति एक झुण्ड में पशुओं की संख्या नहीं बता सकता क्योंकि वे लगभग सदा पानी के नीचे छिपे रहते हैं। किन्तु क्योंकि प्रत्येक चंद मिनटों के बाद साँस लेने के लिए उन्हें ऊपर आना पड़ता है तब वह झुण्ड बड़ा दिखाई पड़ता है।

बच्चे जब बहुत छोटे होते हैं तब वे अपनी माँ की गर्दन का सहारा लेते हैं और बड़े सिर के ऊपर उठा हुआ एक छोटा सिर जल्दी से सतह पर दिखाई पड़ता है। यह जानते हुए कि उसका बच्चा पानी के अंदर अधिक देर तक प्रतीक्षा नहीं कर सकता, बच्चे की माँ, जब तक वह बच्चे की देखभाल करती है, अन्य अवसरों की अपेक्षा अधिक बार सतह पर आती है।

3. The number of crocodiles…… out of the tribe.

मगरमच्छों की संख्या बहुत अधिक होती है और इस नदी में वे अन्य नदियों की अपेक्षा अधिक क्रूर होते हैं। बहुत से बच्चे खतरे के होते हुए भी जब वे पानी के लिए नीचे जाते हैं और जब कि वहाँ उन्हें थोड़ी देर खेलना चाहिए किन्तु प्रतिवर्ष वे बहुत से मगरमच्छों के द्वारा ले जाए जाते हैं। बहुत-से बछड़े भी खोए जाते हैं। और ऐसा तो बहुत कम होता है कि अनेक गायें तैरें और कोई भी न पकड़ी जाए। देशवासियों के द्वारा यह कहा जाता है कि मगरमच्छ अपनी पूंछ से अपने शिकार पर वार करता है और फिर वह उसे घसीटकर डंबो देता है। जब मगरमच्छ अपने शिकार की तलाश में पानी में लेटा हुआ होता है तब उसका शरीर दिखाई नहीं देता।

मैं भय से काँपे बिना नहीं रह सका जब मैंने अपने एक बेचारे साथी को किसी के द्वारा पकड़ा हुआ तथा नीचे ले जाता हुआ देखा और अपने अन्य साथियों को इन नदियों के आर-पार तैरते हुए देखा। फिर भी उस बेचारे साथी ने अपनी बुद्धि से काम लिया जैसा कि खतरे में होने पर सभी देशवासी करते हैं। उसके पास एक छोटा चौकोर खुरदरी भाला था। जब उसे तली तक घसीट लिया गया तब उसने कंधे के पीछे से मगरमच्छ पर एक आघात किया। दर्द के कारण पीछे मुड़कर उस जन्तु ने उसे छोड़ दिया और वह बाहर आ गया और उसकी जंघा परे उस रेंगने वाले जन्तु के दाँतों के गहरे निशान थे।

यहाँ जनता के मन में उन व्यक्तियों के प्रति कोई दुर्भावना नहीं होती जो ऐसे साहसी कार्य करते हैं। किन्तु कुछ जातियों या वर्गों में यदि किसी व्यक्ति को इस प्रकार दाँतों से काट लिया जाता है या उस रेंगने वाले जन्तु की पूँछ से उसके ऊपर पानी भी छिड़क दिया जाता है, तब उसे जाति या वर्ग से निष्कासित कर दिया जाता

4. One night, we …… out of confinement.

एक रात्रि को हम किसी एक स्थान पर सोए जहाँ से मगरमच्छ के दो बच्चे तभी बाहर आए थे। जब हम नदी के पास आए तब हमने अनेक छोटे मगरमच्छों को देखा जो रेतीले किनारों पर अपने बड़े मगरमच्छों की संगति में धूप सेक रहे थे। अत: यह उनका वह.समय मालूम पड़ता है जब वे अपने घोंसलों से बाहर आते हैं। इन निर्जन घोंसलों में से एक घोंसले में हमने आग लगाई। यह घोंसले सारी जगह में टूटे हुए खोल के साथ फैले हुए थे।

एक स्थान पर हमने एक घोंसले में से साठ अण्डे निकाले। ये अण्डे लगभग क़लहंस नामक पक्षी के अण्डों के आकार के थे और सफेद खोल को दबाने पर वह थोड़ा-सा झुक जाता था। पानी से घोंसले की दूरी लगभग दस फुट थी और वहाँ ऐसे चिह्न थे जिससे पता लगता था कि पूर्व के वर्षों में इस स्थान को घोंसले बनाने के स्थान के रूप में प्रयोग किया गया था। पानी से घोंसले तक एक चौड़ा रास्ता जाता था। मेरे साथियों के द्वारा यह कहा जाता था कि मादा अण्डे देने के बाद उन्हें ढक देती थी और छोड़ देती थी। फिर वह अपने बच्चों को जेल (अर्थात् घोंसला) से मुक्त कराने के लिए लौटती थी।

5. Fish is the chief …… never forgotten.

मगरमच्छ का मुख्य भोजन छोटी और बड़ी दोनों प्रकार की मछलियाँ हैं और इन्हें पकड़ने में चौड़ी चमड़े की परत से ढकी हुई उनकी पूँछ अधिक सहायता करती है। कभी-कभी कोई मगरमच्छ दूसरे किनारे से किसी व्यक्ति को पानी में देखकर नदी के पास आश्चर्यजनक रफ्तार से दौड़ता है। इस रफ्तार का पता उन छोटी ऊँची लहरों से लगता था जो रफ्तार के कारण पानी की सतह पर बनती थी। वास्तव में यह लहर मगरमच्छ के तली में तेज गति से चलने के कारण बनती है।

अपने शिकार को पकड़ने के लिए वे मुश्किल से ही पानी को छोड़ते हैं, किन्तु वे बहुधा नदी का आनन्द लेने के लिए दिन में बाहर आते हैं। एक बार एक छोटे जन्तु ने जो लगभग तीन फुट लम्बा था, मेरे पैर पर पानी का छींटा मारा और मुझे दूसरी दिशा में तेजी से दौड़ा दिया। किन्तु ऐसा असाधारण होता है, क्योंकि मैंने ऐसा मामला कभी नहीं सुना। मगरमच्छ जब भोजन की तलाश में लगे होते हैं तब वे प्रकाश से दूर रहते हैं। वे मछली का शिकार मुख्यत: रात में करते हैं और जब खाते हैं तब जोर का चबाने जैसा शोर करते हैं जो यदि एक बार सुन लिया जाए तब कभी भी भूला नहीं जा सकता।

Understanding the Text

Explanations
Explain one of the following passages with reference to the context :
1. Among these are ……… canoe in terror.
Or
The herd is never ……. stream by night.
Reference: These lines have been taken from the lesson ‘On an African Rives’ written by David Livingston.
[ N.B. : The above reference will be used for all explanations of this lesson. ]

Context: In this lesson the writer describes his personal experiences of wildlife in South Africa. He sailed to a hill station with his family and a fellow explorer named Oswell in April, 1851.

Explanation : In these lines the writer tells us that hippos generally live together in a herd and herd is never dangerous to man. But if a canoe passes through their midst, when they are sleeping they become dangerous and may attack the canoe. So, the travellers are advised that they should always direct the boat near the bank during day time and in the middle of the river in the night. Generally hippos run away to see a man. But if a hippo is turned out of its herd it becomes violent like an elephant. The writer saw a boat which was broken into pieces by any one of the hippos by striking its hind foot against it again and again.

2. One cannot tell…… to be large.

Context : Hippos are generally not dangerous. But if a male elderly hippo is turned out of its herd, it becomes irritating. Sometimes we may pass through the herd of hippos when they are sleeping, in such a condition they may attack upon us.

Explanation : It cannot be said exactly how many hippos are there in a herd. They are always hidden under the water and come up after every few minutes when they want to breathe. So by counting their heads only, their number can be told. If the heads are seen coming up for a long time, it means that there are large number of animals in that herd. Then they can be counted by their heads.

3. The young, when very ……… does at other times.

Context: The hippos are always hidden under the water and they come up after every few minutes when they want to breathe. So by counting their heads only, their number can be told.

Explanation : In this passage the writer tells us about the young and its mother and how she looks after her young. The young animal, when very little, stands on the neck of his mother. Soon the small head above the large comes on the surface of water and .. both the little and the mother breathe. The mother comes more often to the surface when she knows that her calf cannot wait so long under the water. She does it again and again after short intervals till her young one is under her care.

4. The number ……. be seen.

Context: The wildlife in South Africa is in plenty and the author has experienced it very closely. The river Chobe, discovered by the author, flows in South Africa and is a natural habitat of dangerous creatures like hippos and crocodiles. Except some ill-natured ones, the hippos are less furious than crocodiles until they are disturbed.

Explanation: In this passage the writer comes to the second type of animals which are found in this river. These are crocodiles. The number of crocodiles in this river is far greater and they are more dangerous than hippos. Many children when they go down for water are carried off by the crocodiles. The crocodiles of the river are so much daring that they carry off calves and seize even cows. The crocodiles attack their prey with their tail, then they pulp him in and drown him. When the crocodiles are watching for prey, they cannot be seen because at that time they lie in the water.

5. Fish is the chief ……. at the bottom.

Context: The river Chobe, discovered by the author, flows in South Africa and is a natural habitat of dangerous creatures like hippos and crocodiles. Except some ill natured ones, the hippos are less furious than crocodiles until they are disturbed. Crocodiles of the river are so much daring that they carry off calves and seize even Cows.

Explanation : In these lines the writer tells us about the food of crocodiles and how they attack a man. The chief food of crocodile is fish-either large or small. The crocodiles have broad scaly tails and with the help of their tails they catch fish. When a crocodile sees a man on the other bank of the river, he runs atonce at a very high speed at the bottom of the river. So his body is not seen on the surface of water. But his speedy motion inside the water makes small waves on the surface and this is the indication that a crocodile is coming at a high speed inside the water.

6. They seldom …….. never forgotten.

Context: The river Chobe, discovered by the author, flows in South Africa and is a natural habitat of dangerous creatures like hippos and crocodiles. Except some ill-natured ones, the hippos are less furious-than crocodiles until they are disturbed. Crocodiles of the river are so much daring that they carry off calves and seize even cows. The main food of crocodiles is fish.

Explanation: In these lines the writer tells us some interesting facts about crocodiles. The crocodiles do not leave water for catching their prey. Their main prey is fish. When they are in search of food, they remain away from light. Mainly they do fishing at night. But when they eat the prey, they make a loud chewing noise. It is so loud and typical that it can not be forgotten if once heard. The crocodiles often come out in the day to enjoy a pleasure of river. The writer describes one very rare but interesting experience. A small crocodile, about three feet long, once made a splash of water at his feet and the writer at once rushed in another direction. But such case was never heard before.

Short Answer Type Questions

Answer the following questions in not more than 30 words :

Question 1.
What do you know about Chobe ?
(आप चोब के विषय में क्या जानते हैं ?)
Answer:
Chobe is a river flowing into the Zambezi.Big animals like hippos and crocodiles live in this river.
(चोब एक नदी है जो जाम्बेजी में बहती है। बड़े-बड़े जानवर जैसे दरियाई घोड़े और मगरमच्छ इसमें रहते हैं।)

Question 2.
Who sailed in Chobe and who accompanied him?
(चोब नदी में किसने यात्रा की और उसके साथ कौन था ?)
Answer:
The writer of this lesson David Livingston sailed in Chobe with his family. Another explorer Oswell accompanied him.
(इस पाठ के लेखक डेविड लिविंग्स्टन ने अपने परिवार के साथ चोब नदी की यात्रा की। एक दूसरी अन्वेषक ओसवैल भी उनके साथ था।)

Question 3.
What type of creatures live in river Chobe ?
(चोब नदी में किस प्रकार के जीव-जन्तु रहते हैं ?)
Answer:
In Chobe dangerous creatures like hippos and crocodiles live.
(चोब नदी में दरियाई घोड़े तथा मगरमच्छ जैसे खतरनाक जीव-जन्तु रहते हैं।)

Question 4.
who lent his canoe and to whom ?
(अपनी डोंगी किसने और किसको उधार दी ?)
Answer:
The Chief of David Livingston lent his canoe to David Livingston.
(डेविड लिविंग्स्टन के चीफ ने अपनी डोंगी डेविड लिविंग्स्टन को उधार दी।)

Question 5.
When is a herd of hippos dangerous and why ?
(दरियाई घोड़ों का झुण्ड कब खतरनाक होता है और क्यों ?)
Answer:
A herd of hippos is dangerous when a canoe passes into the midst of it when all are asleep. They become dangerous because they are disturbed in their sleep.
(दरियाई घोड़ों का झुण्ड उस समय खतरनाक होता है जब कोई उस समय उनके बीच से गुजरे, जब ये सभी सोए हुए हों। ये इसलिए खतरनाक हो जाते हैं क्योंकि इनकी नींद खराब होती है।)

Question 6.
what advice is given to the traveller to avoid the attack ?
(आक्रमण से बचने के लिए यात्री को क्या सलाह दी जाती है ?)
Answer:
To avoid the attack the traveller is advised to steer always near the bank in day time and in the middle of the stream in the night.
(यात्री को सलाह दी जाती है कि आक्रमण से बचने के लिए हमेशा दिन के समय नाव को किनारे के पास चलाएँ और रात्रि में नदी के बीच में।)

Question 7.
What does a hippo do after breaking a canoe ?
(डोंगी को तोड़ने के बाद दरियाई घोड़ा क्या करता है ?)
Answer:
After breaking a canoe, a hippo looks on the surface for the people and if he sees none, he soon runs away.
(डोंगी को तोड़ने के बाद दरियाई घोड़ा कुछ देर सतह पर लोगों को देखता है और जब कोई नहीं दिखाई देता, तब वह शीघ्र ही भाग जाता है।)

Question 8.
when is the herd supposed to be large ?          [Imp.]
(झुण्ड को बड़ा कब माना जाता है ?)
Answer:
The animals come up to breathe every few minutes. If the heads keep coming up all the time, the herd is supposed to be large.
(पशुओं को हर कुछ मिनट बाद साँस लेने के लिए ऊपर आना पड़ता है। यदि सिर सारे समय ऊपर आते रहें तब यह माना जाता है कि झुण्ड बड़ा है।)

Question 9.
How do the crocodiles do their hunting or catch their prey?         [Imp.]
(मगरमच्छ अपना शिकार कैसे करते हैं ?)
Answer:
A crocodile attacks its victim with its tail, then he pulls its victim in and drowns him.
(एक मगरमच्छ अपने शिकार पर अपनी पूँछ से आक्रमण करता है, फिर यह अपने शिकार को पानी में खींच लेता है और उसे डुबो देता है।)

Question 10.
Describe the incident which made the author fearful.
(उस घटना का वर्णन कीजिए जिसने लेखक को भयभीत कर दिया।)
Answer:
One day author’s men were swimming across these streams. Suddenly he saw one of his men caught by something and taken below. This incident made the author fearful.
(एक दिन लेखक के आदमी नदी में तैर रहे थे। अचानक उसने देखा कि किसी ने उसके एक आदमी को पकड़ लिया और उसे पानी में नीचे ले गया। इस घटना ने लेखक को भयभीत कर दिया।)

Question 11.
How did the fellow escape from the crocodile?
(वह व्यक्ति मगरमच्छ से कैसे बचा ?)
Answer:
That fellow kept his wits about him and gave the crocodile a stab behind the shoulder with his pointed spear. Starting back in pain, the crocodile left him.
(उस व्यक्ति ने अपने होश-हवास ठीक रखे और कंधे के पीछे से मगरमच्छ पर अपने भाले से जोर का वार किया। दर्द से पीछे मुड़कर मगर ने उस व्यक्ति को छोड़ दिया।)

Question 12.
Describe the different behaviour in some tribes towards the man who is attacked by a reptile.
(कुछ जातियों में उस व्यक्ति के साथ होने वाले व्यवहार का वर्णन कीजिए जिस पर पानी के पशु के द्वारा आक्रमण किया गया हो।)
Answer:
In some tribes if a man is bitten, or if he has even had water splashed over him by the reptile’s tail, he is driven out of the tribe.
(कुछ जातियों में यदि किसी व्यक्ति को काट लिया जाए या उसके ऊपर पानी के जीव की पूँछ से पानी भी छिड़क दिया जाए, तब उस व्यक्ति को जाति से निकाल दिया जाता है।)

Question 13.
How does the mother crocodile behave after laying the eggs ?
(अण्डे देने के बाद मादा मगरमच्छ कैसा व्यवहार करती है ?)
Answer:
After laying the eggs, the mother crocodile covers them up and leaves them. She returns afterward to help the young come out of confinement.
(अण्डे देने के बाद मादा मगरमच्छ उन्हें ढक देती है और छोड़ देती है। बाद में वह अण्डों में से निकलने में बच्चों की सहायता के लिए आती है।)

Question 14.
What is the chief food of crocodiles ? How do they catch it ?
(मगरमच्छ का मुख्य भोजन क्या है? वे इसे कैसे पकड़ते हैं ?)
Answer:
The chief food of crocodiles is fish. The crocodiles have broad scaly tails. They take help of their tales in catching the fish.
(मगरमच्छ को मुख्य भोजन मछली है। मगरमच्छ की चौड़ी परतदार पूँछ होती है। मछली को पकड़ने में वह अपनी पूँछ की सहायता लेता है।)

Question 15.
What is remarkable about crocodile’s speed when it sees a man in the water ?
(मगरमच्छ की रफ्तार के विषय में क्या उल्लेखनीय बात है जब वह किसी व्यक्ति को पानी में देखता है ?)
Answer:
When a crocodile sees a man in water, it rushes across the stream with a wonderful speed. Its speed is judged by the high ripple it makes on the surface.
(जब कोई मगरमच्छ किसी व्यक्ति को पानी में देखता है, तब यह आश्चर्यजनक रफ्तार से दौड़ता है। इसकी रफ्तार का अनुमान उन छोटी-छोटी लहरों से लगाया जाता है जो इसके पानी में दौड़ने से सतह पर बनती हैं।)

Question 16.
why does the author call the attack on him by a small crocodile ‘unusual’ ?
(लेखक अपने ऊपर छोटे मगरमच्छ द्वारा किए हुए आक्रमण को असाधारण क्यों बताता है ?)
Answer:
Once a small crocodile, about three feet long, made a dash at the author’s feet and caused him to rush quickly in another direction. The author calls it unusual because he had never heard of a similar case. (एक बार एक छोटे मगरमच्छ ने जो लगभग तीन फुट लम्बा था, लेखक के पैर पर धक्का मारा, जिससे लेखक दूसरी दिशा में भागा। लेखक इसे एक असाधारण घटना कहता है, क्योंकि उसने ऐसी घटना पहले कभी नहीं सुनी थी।)

Vocabulary

Choose the most appropriate word or phrase that best completes the sentence :

1. As a rule, hippos flee when they see a ……….
(a) hunter
(b) tiger
(c) man
(d) soldier
Answers:
(c) man

2. Lair means …..
(a) a person who tells a lie
(b) a person who is sleeping
(c) a resting place of animals
(d) a resting place of men
Answers:
(c) a resting place of animals

3. Hippos require to come up every few ………. to breathe.
(a) minutes
(b) seconds
(c) hours
(d) moments.
Answers:
(a) minutes

4. The young, when very little, take their stand on the neck of the ………..
(a) father
(b) companion
(c) mother
(d) fellow
Answers:
(c) mother

5. The number of crocodiles is very great and in this river they are more …… than in some others.
(a) helpful
(b) meek
(C) savage
(d) humble
Answers:
(C) savage

6. The crocodile is said by the natives to strike the victim with its ………
(a) leg
(b) tail
(c) head
(d) mouth
Answers:
(b) tail

7. Here, the people have ……. towards persons who have met with such an adventure.
(a) no ill feelings
(b) ill feelings
(c) good feelings
(d) no good feelings
Answers:
(a) no ill feelings

8. The ripple, of course, is caused by the …….. rapid motion at the bottom.
(a) man’s
(b) herd’s
(c) hippo’s
(d) crocodile’s
Answers:
(d) crocodile’s

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UP Board Solutions for Class 11 English Prose Chapter 6 A Dialogue on Civilization

UP Board Solutions for Class 11 English Prose Chapter 6 A Dialogue on Civilization

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LESSON at a Glance
The author is having a conversation with a lady named Lucy and draws a line between material advancement and civilization. Lucy holds that wearing proper clothes, riding about in buses and cars, having money to buy things and shops to buy them, is civilization. The author disagrees. He argues that babies wear proper clothes but are not necessarily civilized. He feels that to be civilized, one must have some credit to oneself, something one can be
proud of.

He cites examples of Shakespeare, Raphael and Beethoven. All of them produced beautiful things such as plays, pictures and music. These people did something of which they can be proud of and which give delight to others in all ages. The author is of the view that using money and power just to get what you want and do what you like is not being civilized. In other words, civilization is not just being splendid and grand, and living in luxury like the Caliphs and Princes in the Arabian Nights. According to the author we get sick of these luxuries after using them for some time. But by seeing the beautiful things such as the pictures, we do not get tired of them. We go on liking them of in all ages.

According to the author, all new beautiful things have been invented by civilized people only when they could think freely. To think freely is very often to think differently. As a matter of fact, without free thinking there can be no civilization. For free thinking we must have security, leisure and society. All these three are also necessary for civilization.

Lastly, according to the author being good is also necessary for civilization. Being good means acting justly towards your neighbour and respecting his property and obeying the laws.

पाठ का हिन्दी अनुवाद

1. Myself :I am trying ……..con think of.

लेखक: मैं सभ्यता पर एक पुस्तक लिखने की कोशिश कर रहा हूँ और यह पता लगाना चाहता हूँ कि ‘सभ्य होने का क्या अर्थ है। तुम क्या सोचती हो?
लूसी : मैं सोचती हूँ कि उपयुक्त कपड़े पहनना, बस अथवा कारों में सवारी करना, वस्तुएँ खरीदने के लिए धन होना और उन वस्तुओं को खरीदने के लिए दुकानें होना ही ‘सभ्य होना है।
लेखक : ठीक, किन्तु बच्चे उपयुक्त ड्रेस पहनते हैं और श्रीमती एक्स, वह महिला जिसे तुम पसन्द नहीं करती हो, बसों में सवारी करती है और दुकानों पर वस्तुएँ खरीदती है। क्या तुम कहोगी कि ये बच्चे और श्रीमती एक्से सभ्य हैं?
लूसी : अरे नहीं, मैं नहीं समझती कि वे थोड़ा-सा भी सभ्य हैं। किन्तु आप देखोगे कि यदि वे चाहते तो सभ्य बन सकते थे। अब तो संसार में इतनी वस्तुएँ हैं कि यदि कोई व्यक्ति चाहे तो वह सभ्य बन सकता है।
लेखक : तुम्हारा तात्पर्य किस प्रकार की वस्तुओं से है?
लूसी : मशीनें, रेलगाड़ियाँ, तोर, टेलीफोन और सिनेमा।
लेखक : ठीक है, किन्तु मैं सोचता हूँ कि आज इन वस्तुओं का सभ्यता से कुछ सम्बन्ध अवश्य है, किन्तु मैं यह नहीं मानता कि केवल उनको प्राप्त करने और प्रयोग करने से ही कोई व्यक्ति सभ्य बन जायेगा। आखिरकार सभ्य होने से व्यक्ति को कुछ-न-कुछ श्रेय अवश्य मिलना चाहिए और कोई ऐसी बात जिस पर वह गर्व कर सके और रेलगाड़ी में सवार होने में कोई गर्व की बात नहीं है। अब हम कुछ सभ्य व्यक्तियों के बारे में सोचें और देखें कि क्या यह बात हमारी कुछ सहायता करती है। किसी ऐसे व्यक्ति का नाम लो जिसे तुम सभ्य समझती हो।

2. Lucy: Shakespeare………..they civilized.

लूसी : शेक्सपियर।
लेखक : क्यों ?
लूसी : क्योंकि वह एक महान् व्यक्ति था और लोगों को उसके लिखे हुए नाटकों पर गर्व है।
लेखक : अब मुझे लगता है कि हम उचित उत्तर के निकट आ रहे हैं। किन्तु मुझे यह बताओ कि क्या तुम शेक्सपियर के नाटकों को पसन्द करती हो?
लूसी : अधिक नहीं।
लेखक : तब तुम क्यों कहती हो कि वे महान् हैं?
लूसी : क्योंकि मैं सोचती हूँ कि एक-न-एक दिन मैं पसन्द करूंगी। कुछ भी हो, प्रौढ़ व्यक्ति उन्हें बहुत तूल देते हैं।
लेखक : ठीक, और संसार में अन्य बहुत-सी वस्तुएँ हैं; जैसे—चित्र और संगीत, जिन्हें तुम अभी तक पसन्द नहीं करती हो किन्तु प्रौढ़ व्यक्ति उन्हें तूल देते हैं। यदि शेक्सपियर के नाटक सभ्यता के प्रतीक हैं तो रैफेल के चित्र और बीथोवेन का संगीत भी उतना ही प्रसिद्ध है।
लूसी : मैं भी ऐसा ही सोचती हूँ, यद्यपि मैं उनके विषय में अधिक नहीं जानती।
लेखक : यदि सुन्दर वस्तुएँ; जैसे—नाटक, चित्र और संगीत बनाना ही सभ्य होना है तब तो शेक्सपियर, रैफेल और बीथोवेन जैसे व्यक्ति महत्त्वपूर्ण व्यक्ति हैं।
लूसी : किन्तु वे सभी प्रकार के लोग जिनके विषय में मैंने पढ़ी है; जैसे-अरेबियन नाइट्स के राजकुमार और खलीफा, जिनके पास शानदार वस्तुएँ; जैसे-महल, सिल्क तथा रेशम के कपड़े, हीरे-जवाहरात, इत्र, भड़कीले कपड़े, आश्चर्यजनक कालीन, खाने-पीने की सुन्दर वस्तुएँ थीं तथा सेवा करने के लिए नौकर थे, क्या वे सभ्य नहीं थे?

3. Myself:। am not …..they could.

लेखक: मैं निश्चित नहीं हैं। उनके पास वही था जिसे वे पसन्द करते थे और वही करते थे जो चाहते थे।
लूसी : ठीक है, किन्तु वे ऐसा क्यों नहीं करते?
लेखक : किसी बढ़िया वस्तु के विषय में सोचो जो तुम्हें पसन्द हो।
लूसी : मीठी टॉफी।
लेखक : ठीक, अब जरा कल्पना करो कि तुम बहुत धनी हो और जितना धन तुम चाहती हो उतना धन तुम्हारे पास है और तुमने हजारों-लाखों टॉफियाँ खरीद ली हैं। क्या तुम उनसे तंग आ जाओगी? लूसी : मैं भी ऐसा मानती हूँ।
लेखक : यही बात गुलेलों के साथ भी है।
लूसी : आपका क्या आशय है?
लेखक : ठीक, जॉन को गुलेले अन्य किसी भी वस्तु से अधिक पसन्द हैं। किन्तु मान लो कि वह बहुत धनी है और चूँकि वह गुलेलें अधिक पसन्द करता है, इसलिए वह अपना सारा धन गुलेल खरीदने पर व्यय कर देता है ताकि उसके पास सैकड़ों गुलेलें हों। क्या वह इतनी अधिक गुलेलों से ज्यादा धनी हो जाएगा जितना वह एक या दो गुलेलों से होता है?
लूसी: आपका कहने का अर्थ है कि वह एक समय में एक या दो से अधिक का प्रयोग नहीं कर सकता।
लेखक : हाँ, और बहुत शीघ्र ही वह इन गुलेलों से ऊब जाता है।
लूसी : मुझे भी यही आशा है कि वह उकता जाता है। किन्तु इन सब बातों का क्या आशय है?
लेखक : क्यों नहीं, जिन वस्तुओं के विषय में तुम अरेबियन नाइट्स पढ़ती हो-शानदार महल, भड़कीले कपड़े, सैकड़ों नौकर, इसी प्रकार की अन्य वस्तुएँ-ये सभी मुझे ऐसी मालूम होती हैं जैसे ये वस्तु वयस्कों के लिए टॉफियों और गुलेलों की एवज में हों। कुछ लोग राजाओं के पुत्रों के रूप में जन्म लेते हैं और बड़े होकर वे उत्तराधिकार में शक्ति और धन प्राप्त करते हैं और तब वे अपने मन में कहते हैं, “अब, वह क्या वस्तु है जो मुझे सबसे अधिक पसन्द हो’ और यह पता लगा लेने पर कि वह क्या वस्तु थी, वह अपना सारा धन अपनी उस सर्वप्रिय वस्तु को प्राप्त करने में या बहुत-सी वस्तुओं का संग्रह करने में खर्च कर देते हैं।

4. Lucy:And then ……beautiful things.

लूसी : और फिर वे इससे तंग आ जाते हैं।
लेखक : हाँ, क्योंकि जब कोई व्यक्ति जितना चाहता है, उतना ही प्राप्त कर लेता है और जिन वस्तुओं को वह पसन्द करता है, वह उनका आनन्द लेता है तब वह और अधिक उस वस्तु को प्राप्त करना नहीं चाहता।
लूसी : इसी प्रकार जैसे टॉफियों से ऊब जाते हैं। किन्तु वह व्यक्ति सदा रुक सकता है और पुनः आरम्भ कर सकता है।
लेखक: वही तो रोम के लोग करते थे। वे खूब खाना खाते थे और जब वे और अधिक नहीं खा पाते थे, तब वे बीमार होने के लिए (दस्तों के लिए) कुछ ले लेते थे और जब उनका पेट खाली हो जाता था तब वे पुन: खाना आरम्भ कर देते थे। किन्तु मैं इस बात को सभ्य होना नहीं कहता। क्या तुम कहती हो?
लूसी : नहीं, मैं भी नहीं कहती।
लेखक : आखिरकार सूअर भी यही करते हैं, यद्यपि वे बाद में बीमार होने का ज्ञान नहीं रखते।
लूसी : और सूअर तो बिल्कुल भी सभ्य नहीं होते।
लेखक: ठीक, तब हमें यह कहना चाहिए कि धन और शक्ति को वह वस्तु प्राप्त करने के लिए प्रयोग करना, जो हम चाहते हैं या करना पसन्द करते हैं, थोड़े समय के लिए अच्छा लग सकता है, किन्तु यह बात सभ्य होना नहीं है। दूसरे शब्दों में, शानदार और भव्य होना तथा विलासिता का जीवन व्यतीत करना सभ्यता नहीं है। चूंकि संसार के अधिकांश लोगों ने, जो धनी और शक्तिशाली हुए हैं, अपना धन और शक्ति इसी प्रकार प्रयोग की है, अतः वे सभ्य नहीं थे।
लूसी : क्या अरेबियन नाइट्स के खलीफा के समान चटकीली-भड़कीली वस्तुओं का रखना सभ्य होना नहीं है?
लेखक : नहीं, उसमें नाटकों तथा चित्रों जैसे वस्तुओं का होना भी आवश्यक है जिनके विषय में हम बातचीत कर रहे थे।
लुसी : आप यह कैसे पता लगाते हैं कि कौन-सी वस्तुएँ सुन्दर हैं?

5. Myself: By seeing…….ever changes.

लेखक: जिन वस्तुओं को देखते-देखते हम ऊबते नहीं, वे ही सुन्दर वस्तुएँ हैं और सदा रहती हैं। इसका अर्थ है कि लोग उन्हें सभी युगों में पसन्द करते हैं। लेकिन वयस्कों के लिए टॉफियों का स्थान लेने वाली वस्तुओं के समान अन्य वस्तुएँ थोड़े समय तक रहती हैं, क्योंकि लोग उनसे ऊब जाते हैं। अब हम थोड़ा पीछे चलें। वे दुकानें, मशीनें और कारें जिनके विषय में हम बातचीत कर रहे थे, बिल्कुल भी सुन्दर नहीं होतीं किन्तु फिर भी हमने सोचा कि सभ्य होने से उनका कुछ-न-कुछ सम्बन्ध अवश्य होगा।

लूसी: ठीक है, मैं जानती हूँ कि वह क्या है। उन सभी वस्तुओं का आविष्कार किया गया है और आविष्कार ऐसी वस्तु है जिसे लोग तभी करते हैं जब वे सभ्य होते हैं, क्योंकि जेम्स वाट ने केतली को देखा और न्यूटन ने सेब को गिरते हुए देखा और इसी प्रकार की अन्य घटनाओं को देखने से हम अब आविष्कार ही आविष्कार देखते हैं।

लेखक : ठीक जेम्स वाट और न्यूटन से पहले असंख्य लोगों ने केतली के पानी को उबलते हुए और सेबों को गिरते हुए देखा था फिर भी उन्होंने कोई आविष्कार नहीं किया। क्यों नहीं किया?

लूसी : मेरा विचार है कि उन्होंने उनके विषय में कोई नई बात नहीं देखी।

लेखक : ठीक, किन्तु न्यूटन और जेम्स वाट ने देखी। यही बात है। सेबों के गिरने ने और केतली के पानी को उबलता हुआ देखने ने उन्हें नई बात सोचने के लिए विवश कर दिया और क्योंकि उन्होंने नये-नये विचारों को सोचा, लोग इसे संसार को अधिक अच्छी तरह से समझने लगे और उन्होंने नई-नई वस्तुओं का आविष्कार किया। अब यद्यपि हमने जिन वस्तुओं का आविष्कार किया है उनके विषय में निश्चित नहीं हूँ फिर भी ऐसा अवश्य सोचता हूँ कि नये विचारों को सोचने का यह कार्य, चाहे वह आविष्कार को जन्म दे या न दे, सभ्य होने का प्रतीक अवश्य है।
लूसी : क्यों?

लेखक : क्योंकि जब तक लोग एक जैसी ही बातें सोचते रहते हैं; कुछ भी परिवर्तन नहीं आता।

6. Lucy: You mean ……to civilization.

लूसी : आपका तात्पर्य है कि यदि प्रत्येक व्यक्ति उसी प्रकार से सोचता रहता जिस प्रकार उसके माता-पिता सोचते थे तो हम अब भी असभ्य होते।
लेखक : ऐसा ही है। सभ्यता इसलिए आती है क्योकि लोग नये विचार सोचते हैं और नई बात सोचने के लिए यह आवश्यक है कि हम स्वतन्त्रतापूर्वक सोचें।
लूसी : क्यों, क्या उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए?

लेखक: हाँ, तुम जानती हो कि लोगों ने ऐसा नहीं किया। अधिकतर लोग जिन्होंने अपने ढंग से सोचा है उन्हें यह बात बतायी गयी है कि अन्य लोगों से भिन्न सोचना गलत है। साधारणत: ऐसे पुजारी हुए हैं जिन्होंने उन्हें बताया है कि यदि वे ऐसा वैसा सोचेंगे तब देवता उन्हें दण्ड देंगे और लोग इन पुजारियों की बातों पर विश्वास भी करते थे और देवताओं से डरते भी थे और वैसा ही सोचते थे जैसा उन्हें कहा जाता था। और यदि ये पुजारी न होते तब भी लोग उन व्यक्तियों को पसन्द नहीं करते जो अपने पड़ोसियों से भिन्न प्रकार का आचरण करते। देखो, जब तुम्हारे विद्यालय में अन्य लड़कियों से थोड़ी भिन्न नयी लड़कियाँ आती हैं तब तुम उनसे कितना अमानवीय व्यवहार करती हो और यही बात प्रौढ़ व्यक्तियों में पाई जाती है। स्वतन्त्र रूप से सोचना भिन्न सोचना है और ये बातें लोगों के लिए स्वतन्त्र रूप से सोचने की बात कठिन बताती हैं। फिर भी जैसा हमने देखा है कि बिना स्वतन्त्र रूप से सोचे हुए सभ्यता सम्भव नहीं है।

लूसी : किन्तु मेरी समझ में यह नहीं आता कि अधिकतर लोग स्वतन्त्र रूप से क्यों नहीं सोचते, यदि यह बात इतनी महंत्त्वपूर्ण है जितनी आप कहते हो।

लेखक : बहुत-सी ऐसी बातें होती हैं जो स्वतन्त्र रूप से सोचने का अवसर मिलने से पूर्व आवश्यक होती हैं; जैसे उनके लिए सुरक्षा हो। यदि किसी व्यक्ति को लूटे जाने का या किसी भी समय हत्या किए जाने का भय हो तब वह किसी बात के विषय में स्वतन्त्र रूप से नहीं सोच पाएगा। उसके पास सोचने के लिए खाली समय भी होना चाहिए और यदि उसका सारा समय और शक्ति खाने के लिए भोजन, पहनने के लिए कपड़ा और अपनी आजीविका के लिए धन जुटाने में व्यतीत हो जाता है, तब उसके पास खाली समय सोचने के लिए नहीं बचेगा और अपने विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए उसे व्यक्ति भी चाहिए। इस प्रकार तुम कह सकती हो कि सुरक्षा, अवकाश और समाज स्वतन्त्र रूप से सोचने के लिए आवश्यक हैं और यही सभ्यता के लिए भी आवश्यक हैं।

7. Lucy: Is that all ….. are good.

लूसी : क्या सभ्यता के विषय में यही सब कुछ है?
लेखक : मैं सोचता हूँ कि एक और बात भी आवश्यक है।
लूसी : वह क्या है?
लेखक : नेक होने की बात।
लूसी : किन्तु नेक बनने का इससे क्या सम्बन्ध है? वास्तव में कोई भी व्यक्ति नेक होना नहीं चाहता। वे इस कारण नेक बनते हैं कि यदि वे नेक नहीं बनेंगे तब उन्हें बुरा-भला कहा जाएगा या वे झगड़े में पड़ जाएँगे।
लेखक : सम्भवत: ऐसा ही है और यही बात वयस्कों के साथ है। यदि मैं किसी के बच्चे को भगाकर ले जाना चाहता हूँ या उसका गला काटना चाहता हूँ या उसकी कार चुराना चाहता हूँ या उसके रैकिट से टैनिस खेलना चाहता हूँ तो मैं ऐसा इसलिए नहीं करता हूँ कि यदि किसी को पता लग गया तो मैं परेशानी में पड़ जाऊँगा।
लूसी : किन्तु इन सभी का सभ्यता से क्या सम्बन्ध है?
लेखक: यही.यदि हम सभी वह करते जो चाहते और एक-दूसरे के बच्चे को भगाने लगते, एक- दूसरे के . रैकिट चुराने लगते तो समाज नहीं चल पाता। हम एक-दूसरे से किसी-न-किसी वस्तु के लिए लड़ते-झगड़ते रहते और कोई भी व्यक्ति न तो किसी वस्तु का आविष्कार कर पाता और न वस्तुएँ बना पाता और जीवन बहुत खतरनाक बन जाता और कहीं भी सभ्यता जैसी वस्तु नहीं होती।
लूसी : क्या इसी कारण से बड़ी आयु के लोग नियमों का पालन करते हैं और नेक होते हैं?

8. Myself:Perhaps it is ……. go on with.

लेखक : सम्भवत: यही एकमात्र कारण नहीं है। मैं इस विषय में निश्चित नहीं हूँ। किन्तु मुख्य कारणों में से एक कारण यह अवश्य है। इसलिए अब तुम समझ गई होगी कि अच्छे या नेक होने का सभ्यता से कुछ-न-कुछ सम्बन्ध अवश्य है और अच्छे होने का अर्थ है कि अपने पड़ोसी के प्रति न्यायपूर्ण आचरण, उसकी सम्पत्ति का सम्मान और अन्य बातें भी।
लूसी : अन्य क्या बातें ? मैं जानना चाहूंगी कि अच्छा बने रहने का क्या अर्थ है?
लेखक : मैं भी यह बात जानना चाहूंगा और अन्य अनेक व्यक्ति भी जानना चाहेंगे। कुछ भी हो हमने कुछ ऐसी बातों को ढूंढ़ लिया है जो सभ्य होने के लिए आवश्यक हैं। ये हैं सुन्दर वस्तुओं का बनाना, स्वतन्त्र रूप से सोचना, नई बातों के विषय में सोचना, नियमों का पालन करना जिनके बिना लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर नहीं रह सकते। प्रौढ़ व्यक्ति पहली प्रकार की वस्तुओं को कला, दूसरी को विज्ञान और दर्शन, तीसरी को राजनीतिक न्याय तथा नीतिशास्त्र कहते हैं। यद्यपि ये सभी वस्तुएँ सभ्यता को नहीं बनातीं, किन्तु फिर भी ये सदा आवश्यक रहेंगी।

Understanding the Text

Explanations
Explain one of the following passages with reference to the context :
1. That is what ……. civilized. Do you?
Reference : These lines have been taken from the lesson ‘A Dialogue on Civilization’ written by C.E.M.Joad.
[ N.B.: The above reference will be used for all explanations of this lesson. )

Context : In this lesson the author explains the meaning of civilization through a dialogue between himself and a little girl Lucy.

Explanation : In these lines the author says that getting as many things as we want does not make one civilized. When we are tired of such things, we stop and begin again. Same thing applies to Romans who used to eat a great quantity of food till they were over eaten. Then they took some medicine for motions. When they had emptied their stomach, they again started eating. So, this is not civilization and no one will call it civilization.

2. They have all been ……. inventions now.

Context: In this lesson the author explains the meaning of civilization through a dialogue between himself and a little girl Lucy.

Explanation : In these lines the author reminds Lucy that machines, cars, etc. are not beautiful but they are connected with being civilized. Lucy agrees and says that they all are the inventions. Inventions are done by civilized people. James Watt watched the kettle boiling and invented steam engine. Newton watched the apple dropping and invented laws of gravitation. So, such inventions are the result of civilization.

3. But Newton and Watt…….. being civilized.
Or
Now, although I am …… being civilized.

Context : In this lesson the author explains the meaning of civilization through a dialogue between himself and a little girl Lucy.

Explanation: In these lines the author explains how the inventions are made. He says many people see the things happening but they think nothing. But there are others who think new thoughts, understand more about the world and invent new things. It is not necessary that every time thinking should lead to invention. But thinking new things is surely a sign of civilization. So, we can say that without civilization there will be no invention.

4. Look, how…….. to think freely.

Context: Inventing new things like Newton and James Watt is also being civilized. Invention of new things requires thinking. But thinking must be free.

Explanation: Prof. Joad says that in school, students are beastly to new girls who are a bit different from others, so the grown-up people dislike those who try to think or act differently. Free thinking is utmost necessary. Free thinking means thinking differently. If we stick to the tradition, we cannot think freely. People are opposed to free thinking. They like conventional thinking. There is always a great resistance to new thoughts. So it is not easy to think freely. But free thinking is very important. It is necessary for civilization. Without it civilization cannot progress and develop.

5. Now, to think freely ………. no civilization.

Context : In this lesson the author explains the meaning of civilization through a dialogue between himself and a little girl Lucy. He says that in the olden times the priests misguided the people. They asked them to think and to do as they advised them. If they thought or did contrary to them, the gods would be angry.

Explanation : In these lines the author explains that thinking freely means thinking differently. But the advice of the priests and the fear of anger of gods prevent a man to think freely. So, for many ages the people followed the priests blindly and did nothing different to their thinking. Hence, there had been no civilization. This type of philosophy checked the way of progress and we could not become civilized.

6. There are a lot of ………… people to talk to.

Context : In this lesson the author throws light on some of the factors which are necessary for civilization, e.g. free thinking, security, etc. In the olden days the people were not allowed to think freely. They believed in priests and did what they asked them to do. They were afraid of the anger of gods if they thought differently. So, there could have been no civilization.

Explanation : In these lines the author describes another factor security which is also very necessary for civilization. If anybody is afraid of being robbed or murdered, he cannot think freely. Besides this, for thinking freely we must have leisure. If we are busy every time in earning money for food, clothes and house, we shall have no free time and we shall not be able to think new things and to talk to other people. Besides this we should have security of our life and property. Thus civilization consists in having free time, security and society.

7. We should all ….. civilization anyway.

Context : In this lesson the author explains the meaning of civilization through a dialogue between himself and a little girl Lucy. He concludes that security, leisure and society-all these three things are necessary to free thinking as well as to civilization.

Explanation : In these lines the author lays emphasis on peace and security which are the most necessary conditions of civilization. If we go on quarrelling with each other, we shall have no time to think or invent new things. In an atmosphere of fear and insecurity, there is always risk to our life. We shall not be able to progress and prosper.

8. But it is certainly…… other things as well.

Context: In this lesson the author explains the meaning of civilization through a dialogue between himself and a little girl Lucy. He comes to the conclusion that security, leisure and society-all these three things are necessary to free thinking as well as to civilization. In an atmosphere of fear and insecurity, there is always risk to our life and we shall not be able to make progress.

Explanation : In these lines the author makes it clear that civilization is a very wide term. Only to have the rules and to follow them does not make a man civilized. Civilization means to be good. If we want to be good or civilized, we should behave our neighbours in a good manner, we should respect his property and we should follow the rules sincerely. So, all these things make us civilized.

9. Grown-ups call ….. go on with.
Or
Anyway we have ……. go on with.
Or
So should I …….. on together.

Context: In this lesson the author describes the meaning of civilization and factors and conditions necessary for it. We should have security, leisure and society so that we may think freely. Moreover, we should behave our neighbours in a good manner and we should respect their property. Only then we can call ourselves civilized.

Explanation : In this concluding paragraph the author says that art, science and philosophy, political justice and ethics are the things which make us civilized. Art means to make beautiful things, science and philosophy mean to think new things freely and political justice and ethics mean to follow the rules. Although there is much to be adopted to be civilized yet these things help us to a great extent in being civilized.

Short Answer Type Questions

Answer the following questions in not more than 30 words :

Question 1.
Name all the activities and things which according to Lucy, make one civilized.    [M. Imp.)
(उन क्रियाओं तथा वस्तुओं के नाम बताइए जो लूसी के अनुसार किसी व्यक्ति को सभ्य बनाती हैं।)
Or
What are the essential elements of civilization ?
( सभ्यता के आवश्यक तत्त्व क्या हैं ?)
Answer:
According to Lucy wearing proper clothes, riding in buses and cars and having money to buy things make one civilized.
(लूसी के अनुसार अच्छे कपड़े पहनना, बसों तथा कारों में यात्रा करना और वस्तुओं को खरीदने के लिए धन होना किसी भी व्यक्ति को सभ्य बना सकता है।)

Question 2.
Does the use of machines, trains, wireless, etc., make you civilized ? If not, give reasons. What do machines and cars have to do with being civilized ?
(क्या मशीनों, रेलगाड़ियों तथा तार आदि का प्रयोग आपको सभ्य बनाता है? यदि नहीं, तो कारण बता इए। सभ्य होने के लिए मशीनें और कारें क्या करती हैं?)
Answer:
No, the use of machines, trains, wireless, etc. do not make us civilized because there is nothing to be proud of in having them.
(मशीनों, रेलगाड़ियों तथा तार आदि का प्रयोग हमें सभ्य नहीं बनाता, क्योंकि इन वस्तुओं को रखने से हम अपने ऊपर गर्व नहीं कर सकते।)

Question 3.
Why should one treat Shakespeare, Raphael, Beethoven, etc. important?
(हमें शेक्सपियर, रैफेल और बीथोवेन को महत्त्वपूर्ण क्यों मानना चाहिए?)
Answer:
One should treat Shakespeare, Raphael and Beethoven important because they have produced beautiful plays, pictures and music which are helpful in civilization.
(हमें शेक्सपियर, रैफेल और बीथोवेन को महत्त्वपूर्ण मानना चाहिए, क्योंकि उन्होंने सुन्दर नाटक, चित्र तथा संगीत बनाया है जो सभ्यता में सहायक हैं।)

Question 4.
How does Joad describe the lifestyle of Caliphs and Princes in the Arabian Nights ? Were they civilized or not [M.Imp.]
(जोड अरेबियन नाइट्स के खलीफा तथा राजकुमारों की जीवन शैली का वर्णन कैसे करता है? क्या वेसभ्य थे या नहीं?)
Or
Why does C.E.M. Joad think that Caliphs and Princes in the Arabian Nights were not civilized ?
(सी० ई० एम० जोड अरेबियन नाइट्स के खलीफा तथा राजकुमारों को सभ्य क्यों नहीं मानता है ?)
Answer:
Joad thinks that Caliphs and Princes in the Arabian Nights were not civilized because they passed only a luxurious life and did not think new things freely.
(जोड सोचता है कि अरेबियन नाइट्स के खलीफा और राजकुमार सभ्य नहीं थे, क्योंकि वे केवल विलासिता का जीवन व्यतीत करते थे और नई बातों को स्वतन्त्रतापूर्वक नहीं सोचते थे।)

Question 5.
Why isn’t it being civilized to own gorgeous things like the Caliphs in the Arabian Nights according to C.E.M. Joad ?
(ऐसी आनन्ददायक और भड़कीली वस्तुओं का स्वामी होना जैसी कि अरेबियन नाइट्स के खलीफा के पास होती थीं, क्यों सभ्य नहीं माना जाता?)
Answer:
It is not being civilized to own gorgeous things like the Caliphs in the Arabian Nights because these things last only for a short time as people get tired of them very soon.
(इन भड़कीली आनन्ददायक वस्तुओं को रखना इसलिए सभ्य नहीं माना जाता क्योंकि लोग इनसे शीघ्र ऊब जाते हैं और फलस्वरूप इनका जीवनं कम होता है।)

Question 6.
What comparison does the writer draw between the Romans and the pigs? Does he think that the Romans were civilized ?
(लेखक रोम के लोगों में तथा सूअरों में क्या तुलना करता है? क्या वह रोम के लोगों को सभ्य मानती है?)
Answer:
The Romans used to eat enormous meals like pigs till they were not tired. The writer thinks that the Romans were not civilized.
(रोमन सूअरों के समान अत्यधिक भोजन खाते थे जब तक कि वे खाते-खाते थक न जाते। लेखक सोचता है। कि रोमन लोग सभ्य नहीं थे।)

Question 7.
Does one become civilized by using money and power ? If not, why?
(क्या कोई व्यक्ति धन और शक्ति का प्रयोग करके सभ्य हो सकता है? यदि नहीं, तो क्यों?)
Answer:
One cannot become civilized only by using money and power because he uses it in making his life luxurious. If he uses money in creating new things, only then he will be civilized.
(कोई व्यक्ति धन और शक्ति का प्रयोग करके सभ्य नहीं हो सकता, क्योंकि वह इसका प्रयोग अपने जीवन को विलासितापूर्ण बनाने में करता है। यदि वह अपने धन को नई-नई वस्तुएँ बनाने में प्रयोग करता है तभी वह सभ्य होगा।)

Question 8.
What, according to Joad, are beautiful things ?
(जोड के अनुसार सुन्दर वस्तुएँ कौन-सी हैं ?)
Answer:
According to Joad, the beautiful things are those things by seeing which we are not tired of. People like them in all ages.
(जोड के अनुसार वे वस्तुएँ सुन्दर होती हैं जिन्हें देखकर हम ऊबते नहीं। लोग उन्हें सभी युगों में पसन्द करते हैं।)

Question 9.
Is it necessary for everyone to invent new things in order to be called civilized ? If not, what is
required of people to do ?
(क्या सभ्य कहलाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को नई वस्तुओं का आविष्कार करना आवश्यक है ? यदि नहीं, तब
मनुष्यों से क्या अपेक्षा की जाती है ?)
Answer:
It is not necessary for everyone to invent new things in order to be called civilized. But to be good and to keep the rules are necessary for everyone.
(प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह आवश्यक नहीं कि सभ्य कहलाने के लिए वह नई वस्तुओं का आविष्कार करे। किन्तु भला बनना और नियमों का पालन करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है।)

Question 10.
why do people hesitate to think and act differently from others ?
(दूसरों से भिन्न ढंग से सोचने और कार्य करने में लोग क्यों झिझकते हैं?)
Answer:
Many people hesitate to think and act differently from others because other people hate them. The priests frighten them of God’s anger and punishment.
(बहुत-से लोग अन्य व्यक्तियों से भिन्न ढंग से सोचने और कार्य करने में हिचकिचाते हैं, क्योंकि दूसरे व्यक्ति उनसे घृणा करते हैं। पुजारी उन्हें देवताओं के क्रोध तथा दण्ड के लिए डराते हैं।)

Question 11.
What are the necessary conditions for someone to be able to think freely ? What are the three things necessary to free thinking ?           [Imp.]
(किसी व्यक्ति के लिए स्वतन्त्र रूप से सोचने के लिए क्या शर्ते आवश्यक हैं ? स्वतन्त्र रूप से सोचने के लिए
कौन-सी तीन  वस्तुएँ आवश्यक हैं ?)
Answer:
If anybody wants to be able to think freely, he should not be traditional and orthodox. Security, leisure and good society are the three things necessary to free thinking.
(यदि कोई व्यक्ति स्वतन्त्र रूप से सोचना चाहे तब उसे परम्परावादी तथा कट्टर नहीं होना चाहिए। सुरक्षा, खाली समय तथा अच्छी संगति स्वतन्त्र विचार के लिए तीन मुख्य आवश्यकताएँ हैं।)

Question 12.
Make a list of the things people do when they are civilized. What according to Joad ‘being civilized’ is ?
(उन बातों की एक सूची बनाइए जिन्हें सभ्य मनुष्य करते हैं। जोड के अनुसार ‘सभ्य होना क्या है?)
Answer:
When the people are civilized, they make beautiful things, think freely and think new things and keep the rules.
(जब लोग सभ्य होते हैं तब वे सुन्दर वस्तुएँ बनाते हैं, स्वतन्त्रतापूर्वक सोचते हैं और नई वस्तुएँ बनाते हैं। तथा नियमों का पालन करते हैं।)

Question 13.
what, according to C.E.M. Joad, is the proper definition of being civilized ?
(C.E.M. Joad के अनुसार सभ्य होने की उचित परिभाषा क्या है ?)
Answer:
The most appropriate definition of being civilized’ is liking and making beautiful things, thinking freely, maintaining law and order. This definition provides safety of life and property so that one may think freely.
(सभ्य होने की सबसे उपयुक्त परिभाषा है-सुन्दर वस्तुओं को पसन्द करना तथा उन्हें बनाना, स्वतन्त्रतापूर्वक सोचना तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना। यह परिभाषा जीवन तथा सम्पत्ति की सुरक्षा प्रदान करती है ताकि हम स्वतन्त्रतापूर्वक सोच सकें।)

Question 14.
How can we say that Newton and Watt stood out of the lot ?
(हम कैसे कह सकते हैं कि न्यूटन और वाट साधारण व्यक्तियों से अलग थे?)
Answer:
We can say that Newton and Watt stood out of the lot because lots of people had seen falling apples and boiling kettles so Newton and Watt also noticed. But people did not notice anything special about them while Newton and Watt noticed and discovered many things.
(हम कह सकते हैं कि न्यूटन और वाट साधारण व्यक्तियों से अलग थे क्योंकि असंख्य लोगों ने सेबों को गिरते और केतली में पानी को उबलते हुए देखा था, इसलिए न्यूटन और वाट ने भी देखा। लेकिन व्यक्तियों ने उनमें कुछ अलग नहीं देखा, जबकि न्यूटन और वाट ने देखा और बहुत-से नए आविष्कार किए।)

Vocabulary

Choose the most appropriate word or phrase that best completes the sentence :

1. Shakespeare wrote plays that people are ……
(a) proud of
(b) ashamed of
(c) familiar to
(d) interested in
Answers:
(a) proud of

2. Raphael is known for his ……..
(a) music
(b) inventions
(c) pictures
(d) plays
Answers:
(c) pictures

3. Romans cannot be called civilized because they used to ……
(a) eat nothing
(b) eat enormous meals
(c) eat very little
(d) eat only in day time
Answers:
(b) eat enormous meals

4. Without free thinking there can be no ……
(a) rest
(b) civilization
(c) prosperity
(d) adversity
Answers:
(b) civilization

5. It is not necessary for everyone to invent new things in order to be called …….
(a) inventor
(b) discoverer
(c) civilized
(d) cultured
Answers:
(c) civilized

6. Security, leisure and good society are the three things necessary to …….
(a) free thinking
(b) civilization
(c) get happiness
(d) be wealthy
Answers:
(a) free thinking

7. …… call the first of these things art, the second science and philosophy and the third political justice and ethics.
(a) Grown ups
(b) Old ones
(c) Adults
(d) Youngsters
Answers:
(a) Grown ups

8. Because Shakespeare was a great man and wrote plays that people are …..
(a) familiar with
(b) proud of
(c) interested in
(d) boast of
Answers:
(b) proud of

9. Falling apples and boiling kettles caused them to think new ……. and because they thought new thoughts, men came to understand more about the world.
(a) ideas
(b) thoughts
(c) innovations
(d) plans
Answers:
(b) thoughts

10. Nobody can …… things if he is afraid of being robbed or murdered at any moment.
(a) round about
(b) run about
(c) bring about
(d) think about
Answers:
(d) think about

11. Shakespeare often introduces …… elements in his plays.
(a) beautiful
(b) absurd
(c) trivial
(d) supernatural
Answers:
(d) supernatural

12. Well, lots of people had seen kettles ……. and apples fall down before Watt and Newton, yet they did not invent anything.
(a) burst
(b) boil
(c) twinkle
(d) break
Answers:
(b) boil

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