UP Board Solutions for Class 4 English Rainbow

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UP Board Solutions for Class 4 English Rainbow

Rainbow Class 4 English Book Solutions

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi हिन्दी कलरव

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi कलरव

Kalrav Hindi Book Class 4 Solutions

हिंदी व्याकरण
प्रार्थना पत्र (पत्र – लेखन)
निबंध रचना

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UP Board Class 4 नैतिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य शिक्षा

UP Board Class 4 नैतिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य शिक्षा

सत्य-मनुष्य को हमेशा सत्य बोलना चाहिए। सत्य बोलने से मन प्रसन्न रहता है तथा वह सदा खुश रहता है।

दया व क्षमा-मनुष्य को असहाय जीवों और जन्तुओं पर दया करनी चाहिए। अगर कोई किसी के प्रति अन्याय कर बैठे, तो उसे सहर्ष क्षमा कर देना चाहिए। दया और क्षमा मनुष्य का एक अनुपम गुण है।

समय पालन-सभी कार्य समय से करने चाहिए। समय से कार्य करने में सुख मिलता है, मन प्रसन्न रहता है तथा कार्य सदा अच्छा होता है।

सहानुभूति-दूसरों के प्रति हमेशा सहानुभूति रखनी चाहिए। द्वेष रहित, सहृदय और सहानुभूति करने वाले बनो।

स्वावलम्बन-स्वावलम्बन का अर्थ होता है- अपने आप का सहारा। मनुष्य को चाहिए कि अपना कार्य स्वयं करे, दूसरे का सहारा न ले। स्वावलम्बी सदा उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है।

माता-पिता की आज्ञा का पालन-मनुष्य को अपने माता-पिता की आज्ञा माननी चाहिए। माता-पिता देवतुल्य व गुरु हैं। हमें अच्छी बातें बताते हैं; इसलिए उनका सदैव आदर करना चहिए।

गुरु के प्रति आदर-गुरु हमें अच्छी बातें बताते हैं; इसलिए गुरु का सदैव आदर करना चाहिए। गुरु सबसे महान होते हैं।

साहस-साहस मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है। साहस से विजय प्राप्त होती है। साहसी मनुष्य कठिन-से-कठिन काम करने में सफलता प्राप्त कर लेता है।

दृढ़ता-अपने विचारों को दृढ़ रखकर कार्य करना चाहिए।

विनम्रता-यदि कोई मनुष्य किसी के साथ अभद्र व्यवहार करे, तो उसे क्षमा कर प्रेम में बदल देने को विनम्रता कहते हैं।

देशप्रेम-अपने देश को प्राणों से भी प्यारा समझना चाहिए; क्योंकि अपने देश का अन्न, जल ग्रहण करके हम सुरक्षित रहते हैं।

अच्छी आदतें- बच्चों को नित्य सवेरे उठना, आलस्य न करना, अच्छे काम करना, सभी के साथ मिलकर रहना और बड़ों की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

स्वास्थ्य के नियम और व्यायाम-शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी होता है। शरीर को साफ रखें, समय से सन्तुलित भोजन करें। प्रात:काल शुद्ध हवा में टहलना चाहिए।

उचित आहार-भोजन तीन समय करना चाहिए। सुबह हल्का भोजन आवश्यकतानुसार करना चाहिए तथा दोपहर और शाम को सन्तुलित भोजन उचित मात्रा में ग्रहण करना चाहिए।

स्काउटिंग की तीन प्रतिज्ञाएँ-ईश्वर तथा देश के प्रति कर्तव्य पालन करना, दूसरों की सहायता करना, स्काउट नियमों का पालन करना।

स्काउटिंग का सिद्धान्त है- तैयार रहो!

UP Board Solutions for Class 4

UP Board Class 4 Hindi व्याकरण

UP Board Class 4 Hindi व्याकरण

प्रश्न:
व्याकरण क्या है?
उत्तर:
भाषा की शुद्धता और अशुद्धता का ज्ञान करानेवाला शास्त्र व्याकरण कहलाता है;

जैसे-

  • राम स्कूल गया है। (शुद्ध)
  • राम स्कूल गई है। (अशुद्ध)

प्रश्न:
भाषा क्या है?
उत्तर:
भाषा-विचार या भाव प्रकट करने वाला माध्यम ही भाषा है; जैसे- हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, तेलुगू, मराठी, तमिल, मैथिली आदि।

UP Board Class 4 Hindi व्याकरण

भाषा के भेद
भाषा को प्रयोग के आधार पर तीन भागों में बाँटा जा सकता है
(१) लिखित भाषा-जो भाषा लिखने और पढ़ने में प्रयोग की जाती है, उसे ‘लिखित भाषा’ कहते हैं।
(२) कथित अथवा मौखिक भाषा-जो भाषा आपस में बातचीत करते समय प्रयोग की जाती है, उसे ‘कथित भाषा’ अथवा ‘मौखिक भाषा’ कहते हैं।
(३) सांकेतिक भाषा-जब संकेतों से अपने विचारों को प्रकट किया जाता है, तब उसे ‘सांकेतिक भाषा’ कहते हैं।

प्रश्न:
लिपि किसे कहते हैं?
उत्तर:
लिपि-वर्गों के लिखित चिह्न को लिपि कहते हैं; जैसे- हिंदी की ‘देवनागरी’, उर्दू की ‘फारसी’ और अंग्रेजी की लिपि ‘रोमन’ है।

प्रश्न:
वर्ण या अक्षर किसे किहते हैं? तथा उसके भेद बताओ।
उत्तर:
वर्ण (अक्षर )-वर्ण (अक्षर) भाषा की वह छोटी से छोटी मूल ध्वनि है, जिसके टुकड़े न हो सकें; जैसे- अ, इ, ए, क्, ख् आदि।

वर्ण या अक्षर के भेद-

१. स्वर
२. व्यंजन।

प्रश्न:
स्वर किसे कहते हैं? उसके भेद बताओ।
उत्तर:
स्वर-वे वर्ण, जिनके उच्चारण में दूसरे वर्गों की सहायता नहीं लेनी पड़ती, ‘स्वर’ कहलाते हैं।

स्वर ग्यारह होते हैं-
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।

स्वरों के भेद स्वर के तीन भेद हैं-
(क) ह्रस्व स्वर – जैसे – अ, इ, उ, ऋ, आदि।
(ख) दीर्घ स्वर – जैसे – आ, ई, ऊ, ऐ, ओ, औ आदि।
(ग) प्लत स्वर – जैसे – ओ३म आदि।।

प्रश्न:
व्यंजन किसे कहते हैं? इसके प्रकार भी बताओ।
उत्तर:
व्यंजन-वे वर्ण, जिनके उच्चारण में स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है, व्यंजन कहलाते हैं; जैसे- क् में अ जोड़ने से ‘क’ तथा ख में अ जोड़ने ‘ख’ बन जाता है।
व्यंजन के प्रकार-हिंदी वर्णमाला में उनतालीस (३६) व्यंजन होते हैं।

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१. क वर्ग – क ख ग घ ङ
२. च वर्ग – च छ ज
३. ट वर्ग – ट ठ ड ढ ण
४. त वर्ग – त थ द ध न
५. प वर्ग – प फ ब भ म
६. अन्तःस्थ – य र ल व
७. ऊष्म – श ष स ह
६. संयुक्त – क्ष = क + ष् + अ, त्र = त् + र + अ, ज्ञ = ज्+ + अ, श्र = श + र् + अ

अनुस्वार (अं)-समस्त पंचम वर्णों (ङ, ञ, ण, न, म) को बिंदु (-) के माध्यम से प्रकट किया जाता है। इसे अनस्वार (अं) कहते हैं; जैसे- गंगा, मंगल, जंगल आदि।

विसर्ग (अः)-इसे ऊपर-नीचे दो बिंदुओं (:) के सहारे प्रकट करते हैं; जैसे-प्रातः, अत: आदि।
मात्रा-व्यंजन को पूरा करने के लिए स्वर वर्ण के जो निर्धारित चिह्न हैं, उन्हें मात्रा कहते हैं।
मात्राएँ-निम्न होती हैं-
UP Board Class 4 Hindi व्याकरण 4
विशेष-‘अ’ सभी व्यंजनों में मिला होता है, इसीलिए इसकी मात्रा नहीं होती।

प्रमुख विराम चिह्न-हिंदी में लिखते समय निम्न विराम चिह्न प्रयुक्त किए जाते हैं-
१. अल्प विराम (,)
२. अर्ध विराम (;)
३. पूर्ण विराम (।)
४. प्रश्नवाचक चिह्न (?)
५. विस्मयादिबोधक चिह्न (!)
६. लाघव चिह्न (०)
७. विवरण चिह्न (:)
८. योजक चिह्न (-)
६. निर्देशक चिह्न (–)
१०. अवतरण चिह्न (” “), (‘ ‘)

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शब्द

शब्द की परिभाषा-वर्णों का सार्थक समूह ही शब्द कहलाता है; जैसे- राम, सीता, पुस्तक आदि।

शब्दों के भेद

अर्थ के अनुसार शब्द दो प्रकार के होते हैं-
(१) सार्थक शब्द-जिस शब्द से कुछ अर्थ प्रकट हो, उसे ‘सार्थक शब्द’ कहते हैं, जैसेपुस्तक, आम, लड़का आदि।
(२) निरर्थक शब्द-जिस शब्द से कुछ भी अर्थ न निकले उसे ‘निरर्थक शब्द’ कहते हैं, जैसे- कस्तपु, काड़ल, लमक आदि।

व्याकरण के अनुसार शब्द दो प्रकार के होते हैं

1. विकारी तथा
2. अविकारी (अव्यय)

1. विकारी शब्द- लिंग, वचन तथा कारक के कारण जिन शब्दों के रूप बदल जाते हैं, उन्हें ‘विकारी शब्द’ कहते हैं। ये चार प्रकार के होते हैं- संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया तथा विशेषण।
2. अविकारी शब्द (अव्यय)- जिन शब्दों के रूप सदैव एक समान रहते हैं यानी लिंग वचन और कारक के कारण जो कभी परिवर्तित नहीं होते, उन्हें ‘अविकारी शब्द’ या ‘अव्यय’ कहते हैं। ये भी मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं– क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक।

वाक्य

प्रश्न:
वाक्य किसे कहते हैं?
उत्तर:
शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं; जैसे- भारत हमारी मातृभूमि है। यह वाक्य चार शब्दों का समूह है। इन चार शब्दों के समूह से पूरी बात समझ में आ जाती है।

१. संज्ञा-किसी वस्तु, स्थान, प्राणी या भाव के नाम को ‘संज्ञा’ कहते हैं, जैसे- पुस्तक, आगरा, राम, श्याम, राहुल आदि।

संज्ञा के भेद

संज्ञा के पाँच भेद होते हैं-

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा-जिस शब्द से किसी विशेष वस्तु, व्यक्ति अथवा स्थान का पता चले, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे – राम, सीता, गंगा, यमुना, भारत, उत्तर प्रदेश, आदि। जैसे-भारत, यमुना, अंकित, लखनऊ आदि।
  2. जातिवाचक संज्ञा-जिस संज्ञा शब्द से एक ही प्रकार की सब वस्तुओं का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे- लड़की, गाय, नदी, गेंद, माता, पिता, भाई, बहन आदि।
  3. समूहवाचक संज्ञा- जिस शब्द से प्राणियों या वस्तुओं के एकत्र या एक साथ इकट्ठे होने का बोध हो, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे- भीड़ मंडली, दल, सभा, कक्षा, सेना आदि।
  4. भाववाचक संज्ञा-जिस संज्ञा शब्द से गुण, दशा, व्यापार आदि का बोध हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे- सुंदरता, मोटापा, कालापन, मिठास, कड़वाहट, अधिकता, कठोरता आदि।
  5. द्रव्यवाचक संज्ञा-मापे या तौले जाने वाले पदार्थ का ज्ञान कराने वाले शब्द द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे- चावल, दाल, आटा, बेसन, कपड़ा, सब्जी, रस्सी आदि।

२. सर्वनाम-संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होने वाला शब्द ‘सर्वनाम’ कहलाते हैं; जैसे- मैं, वह, तुम आदि।

UP Board Class 4 Hindi व्याकरण

उदाहरण-
वीणा लखनऊ में रहती है। वह स्कूल जाती है। यहाँ ‘वह’ सर्वनाम है। मैं, हम, वह, तुम, आप, कौन, कोई आदि भी सर्वनाम हैं।

सर्वनाम के भेद

सर्वनाम के छः भेद होते हैं-

  • पुरुषवाचक सर्वनाम, जैसे- मैं, हम, तुम, वह आदि।
  • निश्चयवाचक सर्वनाम, जैसे- यह, ये, वह, वे आदि।
  • अनिश्चयवाचक सर्वनाम, जैसे- कोई, कुछ आदि।
  • संबंधवाचक सर्वनाम, जैसे- जो-सो जैसा-वैसा आदि।
  • प्रश्नवाचक सर्वनाम, जैसे- क्या, कौन आदि।
  • निजवाचक सर्वनाम, जैसे- अपने आप, स्वयं, स्वतः, खुद, आप ही आप आदि।

३. क्रिया-जिस शब्द से किसी काम का करना या होना पाया जाए, उसे ‘क्रिया’ कहते हैं, जैसे- दौड़ना, पढ़ना, खेलना, लिखना, खाना आदि।
जैसे-सीता खेलती है। राम पढ़ता है। ऊपर के वाक्य में ‘खेलना’ और ‘पढ़ना’ क्रियाएँ हैं। अन्य उदाहरण- चलना, जाना, गाना, इत्यादि।

क्रिया के भेद
(i) सकर्मक क्रिया, जैसे-खाना, पीना, पहनना इत्यादि।
(ii) अकर्मक क्रिया, जैसे-रोना हँसना, दौड़ना आदि।

४. विशेषण-जो शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताए, उसे विशेषण कहते . हैं; जैसे- काला, अच्छा, मोटा, सुंदर आदि।

विशेषण के भेद

  • गुणवाचक विशेषण, जैसे-अच्छा, बुरा, काला, मोटा, पीला आदि।
  • परिमाणवाचक विशेषण, जैसे-किलोग्राम, मीटर, लीटर आदि।
  • संख्यावाचक विशेषण, जैसे-एक, दो, दस, सौ, हजार आदि।
  • सार्वनामिक विशेषण, जैसे-वह, यह, ऐसा, वैसा, तुम्हारा, मेरा आदि।

क्रिया-विशेषण-क्रिया-विशेषण उन शब्दों को कहते हैं, जो क्रियाओं की विशेषताएँ प्रकट करते हैं; जैसे-साइकिल तेज दौड़ती है। गौरव अच्छा लिखता है। यहाँ ‘तेज’ और ‘अच्छा’ क्रिया-विशेषण हैं।

लिंग

परिभाषा-जिससे किसी वस्तु या प्राणी की जाति (पुरुष या स्त्री) का बोध हो, उसे ‘लिंग’ कहते हैं।

UP Board Class 4 Hindi व्याकरण

लिंग के भेद

लिंग के निम्नलिखित दो भेद होते हैं-

  1. पुल्लिग-जिससे पुरुष जाति का बोध हो, उसे ‘पुल्लिंग’ कहते हैं; जैसे-राम, आम, घोड़ा, हाथ, पैर, सिर, शरीर टमाटर आलू, बैंगन, अनार, काजू आदि।
  2. स्त्रीलिंग-जिससे स्त्री जाति का बोध हो, उसे ‘स्त्रीलिंग, कहते हैं; जैसे- सीता, गंगा, लड़की, आँख, नाक, गरदन, जाँघ, देह, काया, कोयल, भाषा, लिपि, वर्तनी आदि।

वचन

वचन की परिभाषा-संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी वस्तु या प्राणी की संख्या का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते हैं, जैसे-गाय-गायें, पुस्तक-पुस्तकें, आँख-आँखें, लड़का-लड़के, गाड़ी-गाड़ियाँ, डंडा-डंडे, कलम-कलमें आदि।

वचन के भेद

वचन के निम्नलिखित दो भेद होते हैं-

  • एकवचन-जिससे केवल एक वस्तु या प्राणी का बोध हो, उसे ‘एकवचन’ कहते है जैसेगाय, पुस्तकं, लड़का आदि।
  • बहुवचन-जिससे एक से अधिक वस्तुओं अथवा प्राणियों का बोध होता है, उसे ‘बहुवचन’ कहते हैं, जैसे- गायें, पुस्तकें, लड़के आदि।

काल

काल की परिभाषा-किसी कार्य में लगने वाला समय ही ‘काल’ कहलाता है।

काल के भेद

काल के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं-

  • वर्तमानकाल-जिस क्रिया से कार्य का बीत रहे समय में होना पाया जाए, उसे ‘वर्तमानकाल’ कहते हैं; जैसे-गीता खाना खा रही है।
  • भूतकाल-जिस क्रिया से कार्य का बीते हुए समय में होना पाया जाए, उसे ‘भूतकाल’ कहते हैं; जैसे-गीता ने खाना खाया।
  • भविष्यत्काल-जिस क्रिया से कार्य का आने वाले समय में होना पाया जाए, उसे ‘भविष्यत्काल’ कहते हैं; जैसे-गीता खाना खाएगी।

कारक

कारक की परिभाषा-संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों, विशेषकर क्रिया के साथ जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं। हिंदी में कारक आठ होते हैं-
UP Board Class 4 Hindi व्याकरण 1

विभक्ति-कारक के चिह्नों को ‘विभक्ति’ कहते है; जैसे- ने, को, से, के लिए, को, से आदि।

UP Board Class 4 Hindi व्याकरण

विलोम शब्द (विपरीतार्थक शब्द)

विलोम शब्द-जो शब्द एक-दूसरे का उलटा (विपरीत) अर्थ बताएँ, उन्हें विपरीतार्थक शब्द कहते हैं; जैसे-दिन का विलोम शब्द रात है।
UP Board Class 4 Hindi व्याकरण 2

शुद्ध-अशुद्ध शब्द

UP Board Class 4 Hindi व्याकरण 3

पर्यायवाची शब्द

१. अश्व-घोड़ा, हय, तुरंग, घोटक, सैन्धव आदि।
२. अमृत-सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, सुरभोग आदि।
३. असुर-राक्षस, निशाचर, दानव, दैत्य, आदि।
४. आग-पावक, अनल, अग्नि, कृशानु, हुताशन आदि।
५. आकाश-गगन, नभ, अंबर, शून्य, व्योम आदि।
६. आँख-नेत्र, नयन, चक्षु, लोचन, दृग आदि।
७. दिन-दिवस, वासर, अह्न, दिवा आदि।
८. नदी-सरिता, सलिला, तरंगिणी, तटिनी, निर्झरिणी आदि।

मुहावरे

१. प्राणों की बाजी लगाना = जान पर खेलना
प्रयोग-मातृभूमि की रक्षा के लिए भारतीय वीरों ने प्राणों की बाजी लगा दी।

UP Board Class 4 Hindi व्याकरण

२. कमर तोड़ देना = बहुत नुकसान पहुँचाना..
प्रयोग-व्यापार में अचानक घाटा हो जाने से हमारी कमर टूट गई।

३. पीछे हट जाना = हार मान लेना
प्रयोग-सैनिक पीछे हटना नहीं जानते।

लोकोक्तियाँ

भले का अंत भला – भलाई का फल अच्छा होता है।
आ बैल मुझे मार – जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना।
एक और एक ग्यारह – एकता में बल होता है।
एक हाथ से ताली नहीं बजती – भूल दोनों ओर से होती है।

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UP Board Solutions for Class 4 Sanskrit Piyusham Chapter 5 बालगीतम्

UP Board Solutions for Class 4 Sanskrit Piyusham Chapter 5 बालगीतम् (बालगीत)

बालगीतम्  शब्दार्थाः 

चटका = गौरैया
ब्रूते = बोलती है/बोलता है
कुक्कुटः = मुर्गा
कोकिलः = कोयल
हर्षयामो (हर्षयामः) = हम सब प्रसन्न होते हैं
मुहुः मुहुः = बार-बार
शिखिनः वाणी = मोर की बोली
करुते = करता है/करती है
मण्डूकः = मेंढक
विहसति = हँसता है/मुसकराता है
प्रलपति = बोलता है
कुक्कुरः = कुत्ता
वानरो (वानरः) = बंदर
वदति = बोलता है/बोलती है

UP Board Solutions for Class 4 Sanskrit Piyusham Chapter 5 बालगीतम्

बालगीतम् अभ्यासः

मौखिक:

प्रश्न १.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)
उत्तर:
(क) चटका ब्रूते चूं-धूं-चूँ।
(ख) शिखिनः वाणी केका-केका |
(ग) काकः प्रलपति का-का-का
(घ) वदति वानरः खौं-खौं-खौं

नोट – विद्यार्थी इस बालगीत का सस्वर वाचन करें।

UP Board Solutions for Class 4 Sanskrit Piyusham