UP Board Solutions for Class 8 Sports and Fitness Chapter 5 योग एवं योगासन

UP Board Solutions for Class 8 Sports and Fitness Chapter 5 योग एवं योगासन

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Question 1.
योग का क्या अर्थ है ?
Solution:
योग शब्द ‘युज’ से बना है। युज का अर्थ होता है जोड़ना या मिलाना। (UPBoardSolutions.com) योग के द्वारा, कार्य करते समय शरीर व मन में ताल-मेल बैठता है। योग एक प्रकार का आसन करने का अभ्यास है। योगाभ्यास करने से शरीर और मस्तिक दोनों स्वस्थ रहते हैं।

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Question 2.
चक्रासन से होने वाले लाभ बताइए।
Solution:
चक्रासन से निम्नलिखित लाभ होते हैं

  1. यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाकर वृद्धावस्था नहीं आने देता तथा दाँतों को सक्रिय बनाता है।
  2. शरीर में स्फूर्ति एवं शक्ति बढ़ाता है।
  3. यह श्वास रोग, सिरदर्द, नेत्र विकार, सर्वाइकल तथा स्पोंडोलाइसिस में विशेष हितकारी है।
  4. यह हाथों तथा पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

Question 3.
सर्वांग आसन करने का तरीका बताइए।
Solution:
सर्वाग आसन करने का तरीका

  1. पीठ के बल सीधा लेट जाएँ। पैर मिले हुए हों, हाथों को दोनों ओर बगल में सटाकर हथेलियाँ जमीन की ओर करके रखें।
  2. श्वास अन्दर भरकर पैरों को धीरे-धीरे 30 अंश फिर 60 अंश और अन्त में 90 अंश तक उठाएँ। इसके बाद लगभग 120 अंश पर पैर ले जाएँ। हाथों को कमर के पीछे लगाएँ, कोहनियाँ (UPBoardSolutions.com) भूमि पर टिकी हुई हों और पैरों को मिलाकर सीखा रखें।
  3. पुन: पैरों को सीधा रखते हुए पीछे की ओर थोड़ा झुकाएँ। दोनों हाथों को कमर से हटाकर भूमि पर सीधा कर दें। अब हथेलियों से भूमि को दबाते हुए जिस क्रम में उठे थे उसी क्रम में धीरे-धीरे पहले पीठ और फिर पैरों को भूमि पर सीधा करें।

Question 4.
सिंहासन या व्याघ्रासन की स्थिति समझाएँ। |
Solution:
सिंहासन या व्याघ्रासन करते समय यदि सम्भव हो तो सूर्य की ओर मुख करके वज्रासन में बैठकर घुटनों को थोड़ा खोलकर रखें। हाथों की अंगुलियाँ पीछे की ओर करके पैरों के बीच सीधी रखें। श्वास अन्दर भरकर जिह्वा को बाहर निकालें। सामने देखते हुए श्वास को बाहर निकालते हुए सिंहवत् गर्जना कीजिए। यह क्रिया 3-4 बार करनी चाहिए।

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Question 5.
हलासन करने से क्या-क्या लाभ होते हैं?
Solution:
हलासने करन से निम्नलिखित लाभ होते हैं

  1. यह मेरूदण्ड को लचीला बना देता है तथा कब्ज को दूर कर पाचन शक्ति को बढ़ा देता है।
  2. इसके अभ्यास से अकड़े हुए कन्धे, कोहनी, गठिया एवं पीठ दर्द ठीक हो जाता है।

Question 6.
कोणासन करने का तरीका बताइए।
Solution:
कोणासन करने का निम्नलिखित तरीका है

  1. सर्व प्रथम अपने दोनों पैरों को अगल-बगल फैलाकर खड़े हो जायें। तत्पश्चात् दायें हाथ को सिर के ऊपर ले जाते हैं।
  2. कमर का हिस्सा आगे-पीछे नहीं होना चाहिए।
  3. इस आसन को 10 सेकेण्ड तक 4-5 बार कर सकते हैं।

Question 7.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए ( पूर्ति करके)
(क) ____ मस्तिष्क को सक्रिय करता है तथा स्मरण शक्ति का विकास करता है।
(ख) पश्चिमोत्तानासन ___ की वृद्धि के लिए महत्त्वपूर्ण अभ्यास है।
(ग) ___ टॉन्सिल, थायरॉइड व अन्य गले सम्बन्धी रोगों में उपयोगी है।
(घ) ___ आसन कद वृद्धि में विशेष उपयोगी है। ।
Solution:
(क) शीर्षासन आसान मस्तिष्क को सक्रिय करता है तथा स्मरण शक्ति का विकास करता है।
(ख) पश्चिमोत्तानासन कद की वृद्धि के लिए महत्त्वपूर्ण अभ्यास है।
(ग) सिंहासन टॉन्सिल, थायरॉइड व अन्य गले सम्बन्धी रोगों में उपयोगी है।
(घ) पश्चिमोत्तानासन आसन कद वृद्धि में विशेष उपयोगी है।

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यह भी जानें : नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 कुम्भमेला (अनिवार्य संस्कृत)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 कुम्भमेला (अनिवार्य संस्कृत)

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अस्माकं …………………………………………………………………. कुम्भमेला लगति।

हिन्दी अनुवाद – हमारे प्रदेश के मध्य-दक्षिण भाग में अति प्राचीन प्रयाग नगर स्थित है। इसके उत्तर में गंगा और दक्षिण में यमुना नदियाँ बहती हैं। वहाँ सरस्वती नदी की भी कोई अदृश्य धारा बहती है, ऐसा पुराणों में वर्णित है। उस नगर की पूर्व दिशा में तीनों नदियों का कोई संगम शोभित है। इसलिए ” वह स्थान त्रिवेणी या तीन नदियों का (UPBoardSolutions.com) संगम शोभित है। इसलिए वह स्थानं त्रिवेणी या तीन नदियों का संगम, इस नाम से सर्वत्र प्रसिद्ध है। यहाँ पर तीनों नदियों की धारा आपस में मिलकर एक हो जाती है। उनकी ही त्रिवेणी संगम तट पर प्रत्येक बारह वर्ष में कुम्भ मेला लगता है।

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अस्ति श्रीमद्भागवतादि …………………………………………………………………. चेति सन्ति।

हिन्दी अनुवाद – श्रीमद्भागवत आदि महापुराणों में समुद्रमन्थन की प्रसिद्ध कथा का वर्णन है। पहले सतयुग में देवता और दानवों ने मिलकर समुद्र मन्थन किया। इससे चौदह रत्न निकले। इनमें स्वर्ण कुम्भ हाथ में लेकर उत्पन्न हुए धन्वतंरि एक रत्न थे। उस स्वर्ण कुम्भ में अमृत था। श्री विष्णु की आज्ञा से उनका वाहन गरुड़ उस स्वर्णकुम्भ को हर ले चला। इसके बाद दानव उस अमृत को प्राप्त करने के लिए उसके पीछे दौड़े। पीछा करते हुए उन दानवों को लौटाने के लिए गरुड़ का उनके साथ चार स्थानों पर युद्ध हुआ। उस युद्ध में हाथ से गिरा उस अमृत के घड़े से कुछ अमृत चार स्थानों में गिर पड़ा। इसलिए उन चार स्थानों में अमृत प्राप्त करने के लिए लोग कुम्भ मेले का आयोजन करते हैं। वे चार स्थान-हरिद्वार, प्रयाग, नासिक और उज्जैन हैं।

प्रयागे त्रिवेणीतटे …………………………………………………………………. भविष्यति।

हिन्दी अनुवाद – प्रयाग में लोग माघ महीने में मकर राशि पर सूर्य स्थित होने पर यद्यपि एक मास का कल्पवास (संगम क्षेत्र में ही नियमपूर्वक रहने का संकल्प लेकर आवास करना) करने के लिए आते हैं, तब भी बारहवें वर्ष में कुम्भ पर्व और छठे वर्ष में अर्द्ध कुम्भ मेले प्रचलित हैं। संवत् दो हजार सत्तावन के माघ मास में और उसके अनुसार सन् 2001 ई० के जनवरी मास में यह कुम्भ मेला सम्पन्न हुआ क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जनवरी मास की चौदह तारीख से सूर्य मकर राशि में और बृहस्पति वृष राशि में प्रवेश करते हैं। यह ज्योतिष योग दुबारा बारह वर्ष के बाद आएगा। तब फिर कुम्भ मेला होगा।

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अस्यां मेलायां …………………………………………………………………. आगन्तव्यम्।

हिन्दी अनुवाद – इस मेले के पर्व में लाख से अधिक लोग आएँगे। उनमें श्रद्धालु, गृहस्थ वाले, साधु, यति और हजारों से ज्यादा संन्यासी एक मास तक निवास करेंगे। इन सब लोगों के आवास के लिए शासन सब प्रकार की सार्वजनिक सुविधा प्रदान करेगा। मेले की व्यवस्था के लिए शासन में एक पृथक् विभाग भी स्थापित हो चुका है। इसलिए (UPBoardSolutions.com) यहाँ मनुष्यों की भीड़ के लिए कोई असुविधा और असुरक्षा नहीं होती। इससे इस विश्व के प्रमुख कुम्भ मेले को देखने के लिए सभी लोगों को आना चाहिए।

अभ्यास

प्रश्न 1.
उच्चारण करें
नोट – विद्यार्थी स्वयं उच्चारण करें।

प्रश्न 2.
एकपद में उत्तर दें
(क) सङगमतटे प्रतिद्वादशवर्ष का लगति?
उत्तर : कुम्भमेला।
(ख) सुवर्णकुम्भं हस्तयोः धृत्वा कः उत्पन्नः?
उत्तर : धन्वन्तरि।
(ग) कनककुम्भे किम् आसीत्?
उत्तर : अमृतं।
(घ) कल्पवासं कर्तुं जनाः कस्मिन् मासे जनाः आगच्छति?
उत्तर : माघमासे।

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प्रश्न 3.
एक वाक्य में उत्तर दें
(क) समुद्रमन्थनस्य प्रसिद्ध कथा कुत्र वर्णिता?
उत्तर :
समुद्रमन्थनस्य प्रसिद्धा कथा श्रीमदभागवतादि महापुराणेषु वर्णिता अस्ति।

(ख)
सत्ययुगे के मिलित्वा समुद्रम् अमथ्नन्?
उत्तर :
सत्ययुगे देवा दानवाश्च मिलित्वा समुद्रम् अमथ्नन्।

(ग)
त्रिवेणीतटे जनाः कदा कल्पवासं कर्तुम् आगच्छन्ति?
उत्तर :
त्रिवेणीतटे जनाः माघमासे कल्पवासं कर्तुम् आगच्छन्ति।

(घ)
को द्रष्ट सर्वैः जनैः प्रयागे आगन्तव्यम्?
उत्तर :
विश्वस्य प्रमुखां कुम्भमेला द्रष्टुं सर्वेः जनैः प्रयागे आगन्तव्यम्।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित पदों का सन्धि-विच्छेद करें
पद                                  सन्धि-विच्छेद
यस्योत्तरतः                       यस्या + उत्तरतः
अप्येकम्                         अपि + एकम्
नाम्नापि                            नाम्ना + अपि
काप्यसुविधा                     का + असुविधा

प्रश्न 5.
रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न निर्माण करें प्रश्न
(क) कनककुम्भे अमृतम् आसीत्।
प्रश्न : अमृतम् कुत्र आसीत?

(ख)
अमृतं प्राप्तुं जानाः कुम्भमेलाम् आयोजयन्ति।
प्रश्न : अमृतम् प्राप्तुं जनाः का आयोजयन्ति?

(ग)
अमृतकुम्भात् किञ्चिद् अमृतं चतुषु  स्थानेषु अपतत्।
प्रश्न : कस्मात् कुम्भात् अमृतं चतुषु स्थानेषु अपतत्?

(घ)
गरुडः अमृतकुम्भम् अहरत्।
प्रश्न : अमृतकुम्भम् कः अहरत्?

प्रश्न 6.
संस्कृत में अनुवाद करें
(क) नगर की पूर्व दिशा में नदियों का संगम है।
संस्कृत अनुवाद – नगरस्य प्राच्यां दिशि नदीनां संगमः अस्ति।

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(ख) देवों और दानवों ने मिलकर समुद्र मथा।
संस्कृत अनुवाद – देवा दानवाश्च मिलित्वा समुद्रं अमथ्नन्।

(ग)
भारत के चार स्थानों पर अमृत की बूंदें पड़ीं।
संस्कृत अनुवाद – भारतस्य चतुषु स्थानेषु अमृतं कणानि अपतत्।

(घ)
प्रत्येक बारह वर्ष पर कुम्भ मेला लगता है।
संस्कृत अनुवाद – प्रतिद्वादशवर्ष कुम्भमेलाम् आयोजयन्ति।

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UP Board Solutions for Class 8 Sports and Fitness Chapter 4 व्यायाम

UP Board Solutions for Class 8 Sports and Fitness Chapter 4 व्यायाम

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Question 1.
व्यायाम से आप क्या समझते हैं ?
Solution:
मनुष्य की ऐसी क्रियाएँ, जिनसे शरीर की मांसपेशियाँ अच्छी तरह (UPBoardSolutions.com) विकसित और मजबूत हो जाती हैं तथा शरीर निरोग हो जाता है, व्यायाम कहलाता है। खेलकूद व विभिन्न आसन इसके अन्तर्गत आते हैं।

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Question 2.
व्यायाम का क्या महत्त्व है ?
Solution:
व्यायाम का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। व्यायाम करने से शरीरिक अंग में गति आती है, जिससे रक्त संचार बढ़ता है और शरीर की सक्रियता में वृद्धि हो जाती है। व्यायाम करने से साँस की गति तेज हो जाती है और फेफड़ों में शुद्ध वायु अधिक मात्रा में पहुँचती है। रक्त को अधिक ऑक्सीजन मिलता है और कार्बन डाई-ऑक्साइड शीघ्र बाहर निकल जाती है। पसीने के रूप में शरीर के अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकलते हैं। हृदय की गति बढ़ जाती है। पाचन ठीक (UPBoardSolutions.com) रहता है। व्यायाम से हमारा शरीर स्वस्थ व हृस्ट-पुष्ट बनता है।

Question 3.
व्यायाम करते समय कौन-कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए ?
Solution:
व्यायाम करते समय निम्नलिखित सावधानियाँ रखनी चाहिए.

  1. शुद्ध हवा प्राप्त करने हेतु व्यायाम सदैव खुले स्थान में करना चाहिए।
  2. व्यायाम के तुरन्त पहले अथवा तुरन्त बाद भोजन नहीं करना चाहिए।
  3. व्यायाम के तुरन्त पहले अथवा तुरन्त बाद स्नान नहीं करना चाहिए।
  4. हमें अधिक व्यायाम नहीं करना चाहिए। शक्ति से अधिक व्यायाम करना हानिकारक है। हम कितना व्यायाम करें, यह हमारी आयु, कार्य, भोजन और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

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Question 4.
किन्हीं दो व्यायाम के विभिन्न चरणों को लिखिए?
Solution:
प्रथम व्यायाम के चरण – 

  • सावधान अवस्था में दोनों हाथ सामने तानें, हथेलियाँ नीचे की ओर रखें।
  • हाथ पीछे ले जाएँ, हथेलियाँ ऊपर की ओर हों।
  • एड़ी उठाकर हाथ सामने से लाकर ऊपर तानें, हथेलियाँ सामने की ओर रखें।
  • हाथ आगे की ओर से नीचे लाकर सावधान अवस्था में आ जाएँ।

द्वितीय व्यायाम के चरण – 

  • सावधान अवस्था में उछल कर दोनों पैरों को थोड़ा दूर रखें वे सामने ताली बजाएँ।
  • कन्धे की सीध में चुटकी बजाएँ, कुहनियाँ कन्धों की सीध में रखें।
  • पुन: सामने (UPBoardSolutions.com) ताली बजाएँ।
  • उछल कर सावधान अवस्था में आ जाएँ।

Question 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)
(क) व्यायाम करने से हमारा ___ फुर्तीला, नीरोग होता है।
(ख) शुद्ध वायु प्राप्त करने हेतु व्यायाम सदैव ___ स्थान में करना चाहिए।
(ग) लेजिम में वृत्ताकार ___ लगी होती हैं।
(घ) डम्बल द्वारा अभ्यास करने से _____ पंजे एवं ___ की मांसपेशियाँ मजबूत होती है।
Solution:
(क) व्यायाम करने से हमारा शरीर फुर्तीला, नीरोग होता है।
(ख) शुद्ध वायु प्राप्त करने हेतु व्यायाम सदैव खुले स्थान में करना चाहिए।
(ग) लेजिम में वृत्ताकार चकतियाँ लगी होती हैं।
(घ) डम्बल द्वारा अभ्यास करने से कलाइयाँ पंजे एवं हाथों की मांसपेशियाँ मजबूत होती है।

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प्रतिज्ञा : नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Agricultural Science Chapter 3 प्राकृतिक आपदाएँ

UP Board Solutions for Class 8 Agricultural Science Chapter 3 प्राकृतिक आपदाएँ

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इकाई-3  प्राकृतिक आपदाएँ
अभ्यास

प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही (✔) का निशान लगाइए
उत्तर :

  1. चक्रवात को चीनी में क्या कहते हैं (निशान लगाकर)
    (क) हरिकेन
    (ख) साइक्लोन
    (ग) टॉरनिडो
    (घ) टाइफून (✔)
  2.  कौन-सी प्राकृतिक आपदा है
    (क) आँधी
    (ख) तूफान
    (ग) चक्रवात
    (घ) उपरोक्त सभी (✔)

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में खाली जगह भरिए (भरकर)
उत्तर :
(क) आँधी चलने पर वायु की गति लगभग 85-95 किमी प्रतिघण्टा होती है।
(ख) वायु उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर चलती है।
(ग) तूफान आने पर हवा की गति लगभग 95-115 किमी प्रतिघण्टा होती है।
(घ) वायु के गोलाकार या चक्करदार चलने को चक्रवात कहते हैं।

प्रश्न 3.
स्तम्भ ‘क’ को स्तम्भ ‘ख’ से मिलाइए (मिलाकर)

उत्तर :
स्तम्भ ‘क’                                         स्तम्भं ‘ख’
चीन                                                     टाईफून
मेक्सिको की खाड़ी                           हरिकेन
अफ्रीका                                             टॉरनिडो
बंगाल की खाड़ी                                साइक्लोन
भारत                                                   तूफान

प्रश्न 4.
आँधी और तूफान में क्या अन्तर है?
उत्तर :
आँधी में हवा की गति 85-95 किमी प्रतिघण्टा होती है, (UPBoardSolutions.com) जबकि तूफान की गति 95 से 115 किमी प्रतिघण्टा होती है। तूफान आँधी से ज्यादा खतरनाक होते हैं। तुफान प्रायः स्थानीय होते हैं।

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प्रश्न 5.
चक्रवाती हवाएँ चलने का कारण बताइए।
उत्तर :
गर्मी के कारण वायु ऊपर जाती है, जिससे निम्न वायुदाब उत्पन्न हो जाता है। उच्च वायुदाब से ठण्डी हवा आती है, परन्तु केन्द्र तक न पहुँचकर दाईं, बाईं दिशा में मुड़कर गोलाई में घूमकर चक्करदार हो (UPBoardSolutions.com) जाती है, जिसे चक्रवात . कहते हैं। चक्रवात की गति 130 किमी प्रतिघण्टा से भी अधिक होती है।

प्रश्न 6.
तूफान से कौन-कौन सी हानियाँ होती हैं?
उत्तर :
तूफान से निम्नलिखित हानियाँ होती हैं

  1. यातायात में बाधा आती है।
  2. हवाई जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
  3. फलदार वृक्षों एवं व्यावसायिक कृषि को हानि होती है।
  4. पेड़ उखड़ जाते हैं, मकान गिर जाते हैं।
  5. बिजली/टेलीफोन तार क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
  6. सिंचाई के बाद खड़ी फसल गिर जाती है।

प्रश्न 7.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए।
(क) चक्रवात
(ख) टिड्डी दल को प्रकोप
(ग) नीलगाय :

उत्तर :
(क) प्रश्न 5 का उत्तर देखिए।
(ख) टिड्डी हानिकारक कीट है। ये करोड़ों की संख्या में कई किमी लम्बे दल बनाकर उड़ती हैं और मार्ग के हरे-भरे खेतों, बागों व पेड़-पौधों की पत्तियों और फलों को खाकर सम्पूर्ण क्षेत्र को नष्ट (UPBoardSolutions.com) कर देती हैं।
(ग) नीलगाय एक वन्य पशु हैं जो झुण्डों में पाए जाते हैं। इनके प्रकोप से अरहर, चना, मटर व अन्य दलहनी फसलें प्रभावित होती हैं। नीलगाय थोड़े समय में ही खड़ी फसलें नष्ट कर देती हैं।

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प्रश्न 8.
आँधी और तूफान से होने वाले लाभ-हानियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
आँथी और तूफान से लाभ :

  1. प्रदूषित वायु परिवर्तन से पर्यावरण शुद्ध होता है।
  2. जाड़े में चक्रवाती हवाओं से वर्षा होती है, जिससे फसलों को लाभ होता है।
  3. समुद्र से मोती, सीप, शंख एवं अन्य कीमती वस्तुएँ आसानी से समुद्र तट तक आ जाती हैं। आँधी सड़ी-गली वस्तुएँ व खरपतवारों को उड़ा देती है।

आँधी और तूफान से हानियाँ : प्रश्न 6 का उत्तर देखिए।

प्रश्न 9.
नीलगाय और टिड्डी दल फसल को कैसे हानि पहुँचाते हैं?
उत्तर :
नीलगाय छोटे पौधे और पेड़ों की पत्तियाँ खा जाती हैं। इनके प्रकोप के कारण अरहर, चना, मटर व अन्य दलहनी फसलों की खेती अधिक प्रभावित होती है। थोड़े समय में नीलगायें खड़ी फसल को उजाड़ देती हैं। इसी प्रकार टिडुडियाँ करोड़ों की संख्या में कई किमी0 तक लम्बे दल बनाकर उड़ती हैं और मार्ग में पड़ने वाले हरे-भरे खेतों, (UPBoardSolutions.com) बागों व पेड़-पौधों की पत्तियों और फलों को खाकर सम्पूर्ण क्षेत्र को नष्ट कर देती हैं। इनके आक्रमण के पश्चात् प्रायः अकाल पड़ जाता है। .

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प्रश्न 10.
उत्तरांचल की सन् 2013 की प्राकृतिक आपदा का वर्णन कीजिए। 
उत्तर :
उत्तरांचल की प्राकृतिक आपदा-प्राकृतिक आपदा, पृथ्वी की प्राकृतिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न एक बड़ी घटना है। हिमस्खलन, भूकम्प, ज्वालामुखी आदि जो कि मानव गतिविधियों को प्रभावित करते हैं, जून 2013 में उत्तरांचली में एकाएक बादल फटने की घटना के साथ मूसलाधर वर्षा हुई। तेज एवं लगातार बारिश (UPBoardSolutions.com) के कारण भूस्खलन होने लगा तथा त्वरित बाढ़ आ गयी। त्वरित बाढ़ ने केदारनाथ मन्दिर के आसपास बहुत तबाही की । बाढ़ के पानी का प्रवाह इतना तीव्र था कि जिसमें कई गाँव पूरे-पूरे बह गये। इस केदारनाथ त्रासदी में असीमित जनधन की हानि हुई।

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UP Board Solutions for Class 8 Agricultural Science chapter 5 बागवानी एवं वृक्षारोपण

UP Board Solutions for Class 8 Agricultural Science Chapter 5 बागवानी एवं वृक्षारोपण

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इकाई-5  बागवानी एवं वृक्षारोपण
अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में सही उत्तर के सामने सही (✔) का निशान लगाइए (निशान लगाकर) 
उत्तर :
(क) बाग लगाने के लिए सबसे अच्छी भूमि होती है

  1. दोमट भूमि     (✔)
  2. विकी भूमि
  3. बलुई भूमि ।
  4. रेतीली भूमि ।

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(ख) फल वृक्ष लगाने का सर्वोत्तम समय होता है

  1. जनवरी
  2. जुलाई (✔)
  3. अप्रैल
  4. अक्टुवर

(ग) बाग में सिंचाई की उत्तम विधि है

  1. सिंचाई
  2. ड्रिप सिंवाई (✔)
  3. कूड विधि
  4. उपर्युदन कोई नहीं

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)
उत्तर :

(क) बाग में पतझड़ वाले पौधे दिसम्बर से फरवरी में लगाना चाहिए।
(ख) बाग लगाने का गड्ढा खोदने का सर्वोत्तम समय मई-जून है।
(ग) बाग में पौधे लगाने का सर्वोत्तम समय जुलाई-अगस्त है।
(घ) बाग में पौधों की सुरक्षा की दृष्टि से चारों तरफ बाड़ लगाते हैं।
(ङ) चश्मा लगाना कायिक प्रवर्धन की विधि है।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों में स्तम्भ ‘क’ को स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए (सुमेल करके)
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 8 Agricultural Science chapter 5 बागवानी एवं वृक्षारोपण image 1

प्रश्न 4.
निम्न कथनों में सही के सामने सही (✔) तथा गलत के सामने गलत (✘)  निशान लगाइए (निशान लगाकर)
उत्तर :
(क) आम के बाग हमेशा ईंट के भट्ठों के पास लगाने चाहिए।                    (✘)
(ख) सदाबहार पत्तियों वाले वृक्ष बाग में हमेशा बीच में लगाने चाहिए।       (✔)
(ग) बाग में गर्म हवाओं तथा लू से बचने के लिए वायु वृत्ति लगाते हैं।          (✔)
(घ) बाग में पौधे लगाने के लिए मई, जून में गड्ढे खोद लेने चाहिए।             (✔)

प्रश्न 5.
शाकवाटिका के मुख्य दो उद्देश्य लिखिए।

उत्तर :
शाकवाटिका के मुख्य दो उद्देश्य|

(i) परिवार के लोगों को पूरे वर्ष ताजी सब्जियों की आपूर्ति करना
(ii) खाली समय का सदुपयोग व वातावरण स्वच्छता

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प्रश्न 6.
एक आदर्श शाकवाटिका के लिए कम से कम कितनी लम्बी-चौड़ी भूमि होनी चाहिए?
उत्तर :
25 x 10 मी0 भूमि चाहिए।

प्रश्न 7.
बाग में वायु वृत्ति किन-किन दिशाओं में लगाना उचित होता है?

उत्तर :
बाग के उत्तर-पश्चिम दिशा में ऊँचे उठान वाले पेड़ लगाकर, (UPBoardSolutions.com) बाग को बचाया जाता है। आम, शीशम, महुआ, यूकेलिप्टस आदि वायुरोधी वृक्ष लगाते हैं।

प्रश्न 8.
पौधे लगाने का सबसे उचित समय कौन-सा है? कृपया समझाइए।

उत्तर :
पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय जुलाई-अगस्त का महीना होता है, क्योंकि इस महीने में वर्षा होने के। कारण मिट्टी में नमी रहती है, जिससे पौधे लगाने में आसानी होती है। पतझड़ वाले पेड़ों को दिसम्बर से फरवरी के बीच ! लगाना चाहिए।

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प्रश्न 9.
बाग में पौधा लगाते समय किन-किन बिन्दुओं पर ध्यान देना जरूरी है?

उत्तर :
बाग में पौधे लगाते समय निम्न बिन्दुओं पर ध्यान देना जरूरी है

  1. उपयुक्त समय
  2. मिट्टी की किस्म
  3. फल तथा फूल के पौधों को लगाते समय एक-दूसरे के बीच निश्चित दूरी
  4. पर्याप्त पानी की व्यवस्था।

प्रश्न 10.
उद्यान के कितने प्रकार होते हैं?

उत्तर :

1. पृष्य उद्यान
2. शाक उद्यान
3. फल उद्यान

प्रश्न 11.
शाकवाटिका के लिए कोई चार फसल चक्र लिखिए।
उत्तर :
सब्जियों के चार फसल चक्र निम्न हैं

  1. मूली (जुलाई-अगस्त), मटर (अक्टूबर-मार्च), करेला (मार्च-जून)
  2. बैंगन (अगस्त-मार्च), टिंडा (मार्च-अगस्त)
  3. लौकी (जुलाई-नवम्बर), टमाटर (दिसम्बर-मई)
  4. मूली (जून-सितम्बर), मटर (अक्टूबर-मार्च), भिंडी (मार्च-जून)

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प्रश्न 12.
कद्दू वर्ग में कौन-कौन सी सब्जियाँ आती हैं?
उत्तर :
कद्दू वर्ग में कोहड़ा, लौकी, तोरई, करेला, टिंडा, चिचिंडा, नेनुआ आती हैं।

प्रश्न 13.
बाग लगाने से पूर्व किन-किन प्रारम्भिक तैयारियों की जरूरत होती हैं? इन तैयारियों के न करने से बाग लगाने में क्या असुविधा होगी?
उत्तर :
बाग लगाने से पूर्व कुछ प्रारम्भिक तैयारियाँ करनी जरूरी होती है जो निम्नलिखित हैं

  1. भूमि समतल करना :  ऐसा करने से मृदा कटाव नहीं होता।
  2. भूमि में खाद डालना :  गर्मी के दिनों में जुताई करके सड़ी गोबर (कम्पोस्ट) की खाद डालनी चाहिए।
  3. पानी का प्रबन्ध करना :  सिंचाई का प्रबन्ध प्राथमिक जरूरत है।
  4. जंगली जानवरों का अनावश्यक प्रवेश रोकना।
  5. वायुरोथी पौधे लगाना।
  6. श्रमिक आवास एवं सड़कों का निर्माण।
  7. जल निकास का प्रबंध
  8. क्षेत्रों का विभाजन
  9. खाद के गुड्ढे बनाना

उपरोक्त प्रकार की तैयारियाँ न करने पर उसकी सजा अन्तिम समय तक भुगतनी पड़ती है।

प्रश्न 14.
बाग में पौधे किन-किन विधियों से लगाए जाते हैं? उनमें से किसी एक का वर्णन कीजिए। 
उत्तर :
बाग लगाने की विधियाँ निम्नलिखित हैं

  1. वर्गाकार विधि  : यह अच्छी और सरल विधि है। इसमें दो पंक्तियों के चार पौधे वर्ग बनाते हैं।
  2. आयताकार विधि : पंक्ति से पंक्ति की दूरी पौधों की आपसी दूरी से अधिक होती है।
  3. त्रिकोण विधि : वर्गाकार विधि जैसी ही है। अन्तर यह है कि दूसरी पंक्ति में पौधों को पहली के पौधों के सामने न रखकर उनके बीच त्रिकोण रूप में लगाते हैं।
  4. पंचभुजाकार विधि: इस विधि में चार पौधों के (UPBoardSolutions.com) मध्य एक पौधा लगाया जाता है जो अस्थायी होता है। इसे बाद में काट दिया जाता है। इसे पूरक विधि भी कहते हैं।
  5. षट्कोण विधि: इसमें वर्गाकार से 15% पौधे अधिक लगाए जाते हैं। यह विधि शहर के पास की भूमि के लिए अधिक उपयुक्त होती है। इस विधि को समद्विबाहु त्रिभुज विधि भी कहते हैं।

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प्रश्न 15.
वृक्षारोपण करने से क्या लाभ हैं? सविस्तार वर्णन कीजिए।
उत्तर :
वृक्षारोपण में फल वृक्षों के अलावा कुछ विशेष स्थानों पर विशेष तरह के वृक्षों को लगाया जाता है। इन वृक्षों की पर्यावरण प्रदूषण को नियन्त्रित करने में अहम भूमिका होती है। वृक्षारोपण करने से और भी कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। इनसे इमारती लकड़ी, ईंधन, यात्रियों को छाया, भू-क्षरण पर रोक, कागज उद्योग को कच्चा माल के अलावा कई (UPBoardSolutions.com) प्रकार की दवाइयाँ भी प्राप्त होती हैं। सरकार वृक्षारोपण करने के लिए वनमहोत्सव का आयोजन करती है। सड़कों, नहरों, रेल पटरियों के किनारे सार्वजनिक स्थलों पर वृक्षारोपण कर पर्यावरण में सुधार किया जा सकता है।

प्रश्न 16.
बाग लगाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? विस्तृत वर्णन कीजिए।

उत्तर :
बाग लगाते समय निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक है।

  1. स्थान का चयन (भूमि की । किस्म)- बाग लगाने के लिए दोमट मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है।
  2. सिंचाई की सुविधा- पौधों के सुचारु रूप से वृद्धि के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
  3. जल निकास की व्यवस्था- वर्षा ऋतु में पानी न रुके, इसके लिए जल निकास की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
  4. जलवायु- जलवायु के अनुसार ही फल-वृक्षों का चयन (UPBoardSolutions.com) करना चाहिए।
  5. यातायात की सुविथा- यातायात की सुविधा होनी चाहिए, जिससे फलों को बाजार तक आसानी से पहुँचा जा सके।
  6. बाजार की निकटता- बाजार, बाग से निकट होना चाहिए, जिससे बाग से प्राप्त फलों को आसानी से बेचा जा सके।
  7. कुशल श्रमिक की उपलब्धता- कुशल अनुभवी मजदूर उपलब्ध होने से खेती में कृषि कार्य से लेकर फल तोड़ाई तक किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है।

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प्रश्न 17.
शाकवाटिका का निर्माण कैसे किया जाता है? वर्णन करो।
उत्तर :
शाकवाटिका का निर्माण – एक शाकवाटिका के लिए 25 मी लम्बी तथा 10 मी चौड़ी भूमि पर्याप्त होती है। चारों ओर से मेड़बन्दी करके किनारे पर बाड़ लगानी चाहिए। कँटीले तार या खंभे लगाए जा सकते हैं। वाटिका में आने-जाने का रास्ता होना चाहिए। रास्ते के किनारे सिंचाई की नाली होनी चाहिए। वाटिका के एक कोने में कम्पोस्ट गड्ढा होना (UPBoardSolutions.com) चाहिए। कद्दू वर्ग की सब्जियाँ बाड़ के सहारे उगानी चाहिए। जाड़ों में तीन ओर मटर उगाई जा सकती है। प्रवेश द्वार के पास सेम उगाई जा सकती है। जड़ वे कन्दवाली सब्जियाँ क्यारियों की मेड़ों पर उगाई जा सकती हैं। वाटिका में फूलों के साथ-साथ पपीता, नींबू, अंगूर, फालसा भी लगाए जा सकते हैं। पर्याप्त भूमि होने पर आँवले का पेड़ भी लगाया जा सकता है।

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