UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 कलम् आज उनकी जय बोल (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 कलम् आज उनकी जय बोल (मंजरी)

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समस्त पद्यांशों की व्याख्या

कलम् आज ……………………………. बोली

संदर्भ:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तके मंजरी’ के कलम आज उनकी जय बोल’ नामक कविता से ली गई हैं। इसके रचयिता रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।

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प्रसंग:
कवि ने देशप्रेम और राष्ट्रीयता की भावना (UPBoardSolutions.com) से ओत-प्रोत देशभक्तों के बलिदान का वर्णन किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कलम! उन वीर शहीदों की विजय का गान कर, प्रशंसां के गीत गा, जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान करके क्रान्ति की भावना जाग्रत् की और नई चेतना फैलाई तथा जिन्होंने बिना किसी मूल्य के कर्तव्य की पुण्यवेदी पर स्वयं को न्योछावर कर दिया।

जो अगणित …………………………बोल।

संदर्भ: पूर्ववत्।

प्रसंग:
दिनकर जी ने निस्वार्थ भाव से देश पर न्योछावर, होने वाले वीरों का गुणगान किया है।

व्याख्या:
कलम! उनका विजय गान कर, जो असंख्य छोटे दीपक जलकर बिना (UPBoardSolutions.com) तेल बुझ गए, उन अगणित वीरों का यशगान कर, जो देश की आन पर मर मिटे, परन्तु उन्होंने किसी र कर स्नेह की माँग नहीं की।

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पीकर जिनकी …………….. बोल।

संदर्भ:
पूर्ववत्।

प्रसंग:
कवि ने वर्णन किया है किस प्रकार वीरों के सिंहनाद से सब भयभीत हो गए।

व्याख्या:
उन वीर अमर शहीदों ने दीपक की भाँति जलकर जो तेज (लाल) (UPBoardSolutions.com) अग्नि प्रज्वलित कीं, उनकी गर्म लपटें दिशाओं में उठ रही हैं। उन वीरों की सिंह गर्जना से पृथ्वी भयभीत होकर अब भी हिल रही है।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1:
(क) “सुभाषचन्द्र बोस’ का उपनाम ‘नेता जी’ है। (UPBoardSolutions.com) नीचे कुछ महापुरुषों के उपनाम दिये जा रहे हैं, उनका पूरा नाम लिखिए
बापू, लौहपुरुष, देशबन्धु, महामना, लोकमान्य, मिसाइल मैन
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 कलम् आज उनकी जय बोल (मंजरी) image - 1

(ख) देश-प्रेम कविताओं का संकलन कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना

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प्रश्न 1:
पाठ में कलम देशभक्तों का जयघोष कर रही है। (UPBoardSolutions.com) कलम का अर्थ है-देश के रचनाकार अपनी रचनाओं से उनका अभिवादन करते हैं। देशभक्त तो सर्वोपरि होते हैं। उनका जयघोष केवल देशवासी ही नहीं करते, बल्कि पूरी प्रकृति भी उनके लिए मंगल गीत गाती है। आप बताइए कि बादल और पुष्प किस रूप में उनकी जयगान करेंगे।
उत्तर:
बादल वर्षा करके और पुष्प श्रद्धासुमन अर्पित करके उनका जयगान करेंगे।

प्रश्न 2:
क्या आपके आस-पास कोई ऐसे व्यक्ति हुए हैं, जिन्होंने देश (UPBoardSolutions.com) की सेवा में अपनी जान न्योछावर की है? अपने बड़ों से पूछकर उनके बारे में लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

कविता से

प्रश्न 1:
कवि अपनी लेखनी से किसकी जयं बोलने के लिए कह रहा है?
उत्तर:
देश के शहीदों की।

प्रश्न 2:
निम्नलिखित भाव कविता की किन पंक्तियों में आये हैं, लिखिए

(क) जो बिना किसी प्रतिफल के कर्तव्य की पुण्य (UPBoardSolutions.com) वेदी पर न्योछावर हो गये।
उत्तर:
भाव- जो चढ़ गए पुण्य-वेदी पर लिए बिना गरदन का मोल।

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(ख) देश की आन पर मर मिटे पर उन लोगों ने किसी से स्नेह की माँग नहीं की।
उत्तर:
भाव- जल जलकर बुझ गए किसी दिन, माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल।

प्रश्न 3:
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए

(क) पीकर जिनकी लाल शिखाएँ,
उगल रहीं लू-लपट दिशाएँ।।

उत्तर:
भाव- उन वीर अमर शहीदों ने दीपक की भाँति जलकर जो तेज लाल अग्नि प्रज्वलित की, उसकी गर्म लपटें दिशाओं में उठ रहीं हैं। सब तरफ क्रान्ति की प्रबल इच्छा बढ़ रही है।

(ख) जिनके सिंहनाद से सहमी, धरती रही अभी तक डोल।
उत्तर:
भाव- वीर शहीदों ने जो सिंह गर्जना की, उससे पृथ्वी भयभीत होकर अभी भी हिल रही है। (वीरों के पराक्रम से शत्रुगण भयभीत हैं।)

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(ग) जला अस्थियाँ बारी-बारी, छिटकायी जिसने चिनगारी।।
उत्तर:
भाव- देशप्रेम और राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत देशभक्तों (UPBoardSolutions.com) के बलिदान का वर्णन किया है। कवि कहता है कि जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान करके क्रांति की भावना जागृत की और
नई चेतना फैलाई; कलम आज उनका गुणगान करो, आज उन वीर शहीदों की गौरवगाथा लिखो।

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प्रश्न 4:
कविता की एक पंक्ति है ‘कलम, आज उनकी जय बोल’। इस पंक्ति को गद्य . रूप में इस तरह से लिखा जा सकता है- ‘कलम, आज उनका जयगान कर।
नीचे दी गयी पंक्तियों को गद्य रूप में लिखिए

जला अस्थियाँ ……………….. जय बोल।
उत्तर:
गद्य रूप – कलम आज उनका जयगान कर, जिन्होंने बारी-बारी से अस्थियों को जलाकर चिंगारी छिटकाई। (UPBoardSolutions.com) जो पुण्य वेदी पर बिना गरदन का मोल लिए चढ़ गए। कलम, आज उनकी जय बोल।

भाषा की बात

प्रश्न 1:
नीचे दिये गये विशेषण और विशेष्य (संज्ञा) का मिलान कीजिए
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प्रश्न 2.
दिये गये शब्दों के दो-दो पर्यायवाची (UPBoardSolutions.com) शब्द लिखिए
धरती, कलम, दीप, मुँह
उत्तर:
धरती – जमीन, भूमि
कलम – पेंसिल, लेखनी
दीप – दीपक, चिराग
मुँह – मुख, चेहरा ।

पढ़ने के लिए (विद्यार्थी स्वयं करें।)

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi प्रमुख अन्तर्कथाएँ

UP Board Solutions for Class 8 Hindi प्रमुख अन्तर्कथाएँ

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साहित्य का अध्ययन करते समय बीच-बीच में कुछ ऐसे प्रसंग आ जाते हैं, जिन्हें जाने बिना अर्थ स्पष्ट नहीं हो सकता। उदाहरण- छुअत सिला भइ नारि सुहाई।”

इस पंक्ति का अर्थ उस समय तक स्पष्ट नहीं होता जब तक विद्यार्थियों को ‘अहल्या’ के बारे में ‘न बताया जाए, इसे ही अन्तर्कथा कहते हैं। इसका शाब्दिक अर्थ है- (अन्तः + कथा) अर्थात् कविता के अन्दर की कथा। नीचे कुछ ऐसी ही प्रमुख अन्तर्कथाएँ दी जा रही हैं, छात्र इन्हें ध्यान से पढ़ें|

(1) नरसिंह – भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक नरसिंह का अवतार माना जाता है। इस अवतार में भगवान का सिर सिंह का था तथा शेष शरीर मनुष्य का था। भगवान ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए यह रूप धारण किया था। प्रहलाद का पिता बड़ी अत्याचारी था। उसे वरदान मिला था कि वह किसी भी देवता, राक्षस, मनुष्य, पशु या (UPBoardSolutions.com) अस्त्र-शस्त्र से नहीं मारा जा सकेगा। वह न जमीन पर मर सकेगा और न आसमान में। भगवान ने यह अद्भुत रूप धारण कर अपने घुटनों पर रखकर अपने नाखूनों से उसका पेट फाड़ दिया था और इस प्रकार अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।

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(2) नल और नील – ये दोनों भाई कपि विश्वकर्मा के पुत्र थे। इनको वरदान प्राप्त था कि इनके हाथ को छुआ पत्थर पानी पर तैरता रहेगा। श्रीराम ने जब लंका पर चढ़ाई की तब इन्होंने श्रीराम चन्द्र जी की लंका पर चढ़ाई करने हेतु समुद्र पर पुल बनाने में सहायता की थी।

(3) त्रिशंकु – राजा त्रिशंकु बड़े बलवान राजा थे। किन्तु बड़े अहंकारी थे। एक बार उन्होंने इसी शरीर से स्वर्ग जाने के लिए एक यज्ञ करना चाहा। इनके गुरु वशिष्ठ ने इन्हें ऐसा करने से रोका। उनसे नाराज (UPBoardSolutions.com) होकर इन्होंने विश्वामित्र से यज्ञ करने की प्रार्थना की। विश्वामित्र की शक्ति से ये इसी शरीर से स्वर्ग की ओर बढ़ चले किन्तु इन्द्र ने इन्हें वहाँ से धकेल दिया। विश्वामित्र ने इन्हें नीचे न आने दिया और ये आकाश में ही लटके रह गए।

(4) अहल्या – यह गौतम ऋषि की पत्नी थीं। यह बहुत सुन्दर थीं। एक दिन जब ऋषि सन्ध्या वन्दना करने बाहर गए थे तो इन्द्र ने गौतम का रूप धारण करके उनके साथ सम्भोग किया। इसी बीच में गौतम ऋषि आ गए और उन्होंने अपने योगबल से सब कुछ जान लिया। तब उन्होंने इन्द्र को शाप दिया कि तेरे शरीर के सौ टुकड़े हो जाएँ और अहल्या को शाप दिया कि तू पत्थर की हो जाए। भगवान राम के चरण की धूलि से अहल्या का उद्धार हुआ तथा उन्होंने पुनः स्त्री रूप धारण किया।

(5) गणिका – अति प्राचीनकाल में पिंगला नामक एक गणिका (वेश्या) थी। एक बार वह शृंगार किए बहुत देर तक अपने प्रेमी की प्रतीक्षा करती रही किन्तु वह न आया। उसने सोचा कि यदि मैं इतनी देर भगवान का भजन करती तो मेरा कल्याण हो जाता। इससे उसे बड़ी ग्लानि हुई और उसने वेश्यावृत्ति छोड़ दी और भगवान की पूजा में लग गई, जिससे उसकी मुक्ति हो गई। गणिका के सम्बन्ध में एक अन्य कथा भी प्रचलित है। कहते हैं कि कोई गणिका अपने तोते को राम-राम रटाया करती थी। तोते को राम-रामे रटाने से उसकी मृत्यु के समय भी उसके मुँह से राम-राम ही निकला, जिससे उसकी मुक्ति हो गई।

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(6) काकभुशंडि – ये पूर्व जन्म में ब्राह्मण कुमार थे। अभिमान के कारण एक बार ये अपने गुरु से ही शास्त्रार्थ कर बैठे। इनके गुरु ने नाराज होकर इन्हें कौआ बन जाने का शाप दे डाला। दुःखी होकर ये कौए के (UPBoardSolutions.com) रूप में नीलांचल पर्वत पर रहने लगे। वहीं एक बार गरुड़ को इन्होंने राम-नाम की महिमा का ज्ञान कराया। स्वयं शंकर भगवान ने भी राजहंस का रूप धारण कर इनसे रामकथा सुनी थी। गोस्वामी तुलसीदास ने भी इनकी पूरी कथा रामचरितमानस में लिखी है।

(7) महिषमर्दिनी – अति प्राचीनकाल में महिषासुर नाम का एक अत्याचारी राक्षस था। उसने महिष (भैंसा) का रूप धारण कर बड़ा उत्पात मचाया। देवता भी उससे डरते थे। देवताओं की प्रार्थना पर , भगवती दुर्गा देवी ने इस राक्षस को मार डाला, इसी कारण दुर्गा देवी को महिषमर्दिनी भी कहते हैं।

(8) सहस्त्रबाहु – सहस्रबाहु बड़ा वीर राजा था। इसका वास्तविक नाम अर्जुन था। अर्जुन राजा कृतवीर्य का पुत्र था। अर्जुन ने दत्तात्रेय ऋषि की बड़ी सेवा की थी। इनके आशीर्वाद से अर्जुन की एक हजार भुजाएँ हो गई थी। इसी से इनका नाम सहस्रबाहु पड़ा। सहस्रबाहु एक दिन जमदग्नि ऋषि के आश्रम में जा पहुँचा। ऋषि के आश्रम में नन्दनी नाम की एक कामधेनु गाय थी उसके प्रभाव से उन्होंने राजा की. बड़ा सत्कार किया। राजा ने ऋषि से नन्दनी को माँगा किन्तु ऋषि ने नहीं दिया। (UPBoardSolutions.com) सहस्रबाहु ने ऋषि जमदग्नि का अपमान करके वह गाय उनसे छीन ली। जमदग्नि के पुत्र परशुराम थे। जब उन्हें अपने पिता के अपमान का समाचार मिला, तो उन्होंने क्रोध में आकर सहस्रबाहु की सारी भुजाएँ काट डालीं और उसे मार दिया।

(9) अजामिल – यह बड़ा पापी ब्राहमण था। यह दूसरों को सताता था, हत्याएँ करता था और डाका’ भी डालता था। इसके पुत्र का नाम नारायण था। जब अजामिल का अन्त समय आया तो यमदूत उसे भयंकर दुख देने लगे। दुखी होकर अजामिल ने अपने पुत्र नारायण को पुकारा। उसके मुख से नारायण नाम सुनकर यमदूत भाग गए और अन्त समय में ‘नारायण’ कहने के कारण उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।

(10) दुर्वासा – ये बड़े क्रोधी ऋषि थे। ये महर्षि अत्रि के पुत्र थे। इन्होंने अम्बरीष तथा शकुन्तला आदि को भी शाप दे दिया था। अम्बरीष राजा ने इन्हें एकादशी के दिन भोजन का निमन्त्रण दिया। जब ये न आए और पुण्यकाल बीतने लगा तो अम्बरीष ने इन्हें बिना भोजन कराए ही प्रसाद ग्रहण कर लिया। इससे रुष्ट होकर उन्होंने राजा अम्बरीष को शाप दे दिया। भगवान विष्णु ने अपने भक्त अम्बरीष की रक्षार्थ दुर्वासा पर अपना सुदर्शन चक्र छोड़ दिया, जिससे दुर्वासा घबराए परन्तु तीनों लोकों में उन्हें कहीं शरण न मिली। अन्त में उन्होंने राजा अम्बरीष से क्षमा माँगी और राजा अम्बरीष ने उन्हें क्षमा कर दिया।

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(11) एकलव्य – यह एक वनवासी सरदार का पुत्र था। यह द्रोणाचार्य से धनुर्विद्या सीखना चाहता था परन्तु द्रोणाचार्य ने इसे नीच समझकर अपना शिष्य नहीं बनाया किन्तु एकलव्य बड़ा लगनशील था। इसने गुरु द्रोणाचार्य की मिट्टी की मूर्ति बनाई और उसी के सामने वन में धनुर्विद्या सीखने लगा। धीरे-धीरे यह इस विद्या में बड़ा कुशल हो गया। जब (UPBoardSolutions.com) द्रोणाचार्य को इसका पता चला तो उन्होंने गुरु-दक्षिणा में इसके दाएँ हाथ का अँगूठा माँग लिया। एकलव्य ने सहर्ष अपने दाएँ हाथ का अँगूठा काटकर अपने गुरु को अर्पण कर दिया।

(12) अगस्त्य ऋषि – एक बार अगस्त्य मुनि के पिता मित्रावरण की दृष्टि आकाश में जाती हुई उर्वशी नामक एक अप्सरा पर पड़ी। इससे उनका वीर्य स्खलित हो गया। उन्होंने उसे एक घड़े में रख दिया जिससे अगस्त्य की उत्पत्ति हुई। घड़े से उत्पन्न होने के कारण ये कुम्भज भी कहलाते हैं। एक बार उन्होंने टिटहरी के अण्डों की रक्षा के लिए संपूर्ण समुद्र का पानी पी लिया। बाद में समुद्र के प्रार्थना करने पर मूत्र के रूप में जल को निकाल दिया। कहा जाता है कि समुद्र का पानी तभी से खारा है।

(13) इन्द्र – इन्द्र देवताओं के राजा और स्वर्ग के स्वामी कहलाते हैं। इनका अस्त्र वज्र है। यह पद उन्हें कठोर तपस्या के बाद प्राप्त हुआ था। अतः महाराजा इन्द्र का भी यही स्वभाव बन गया कि वे बड़े तपस्वियों के तप में विघ्न डालने का प्रयास करते रहते थे।

(14) प्रह्लाद – एक अत्याचारी राक्षसों के राजा हिरण्यकश्यप का पुत्र था। यह भगवान का परम भक्त था। पिता के अनेक कष्ट देने पर भी उसने ईश्वर भक्ति नहीं छोड़ी। एक समय उसके पिता ने प्रह्लाद को खम्भे में बाँधकर मारना चाहा तो विष्णु भगवान ने नरसिंह का रूप धारण कर हिरण्यकश्यप को मार डाला और प्रह्लाद को अटल भक्ति का वरदान दिया।

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(15) भस्मासुर – यह राक्षस था किन्तु शिव का बड़ा भक्त था। इसने शिवजी से वरदान प्राप्त कर लिया था कि यह जिसके मस्तक पर हाथ रख देगा वही भस्म हो जाएगा। इस वरदान की परीक्षा हेतु इसने शंकरजी के सिर पर हाथ रखना चाहा, शंकरजी भागे। विष्णु भगवान ने सुन्दरी का रूप धारण कर इस राक्षस को ही मोहित कर लिया और उसके मस्तक (UPBoardSolutions.com) पर उसी का हाथ रखवा दिया। इससे यह भस्म हो गया।

(16) वामनावतार – प्राचीनकाल में राजा बलि नामक बड़े दानी राजा थे। इनके दान से भयभीत होकर इन्द्र ने विष्णु से इसकी परीक्षा लेने को कह्म। विष्णु भगवान 52 अंगुल के शरीर वाला बौना बनकर भिक्षुक के रूप में राजा बलि के सामने आ पहुँचे और उससे तीन डग भूमि का दान माँगा। राजा ने इसे स्वीकार कर लिया। भगवान ने अब अपना विराट रूप दिखाकर केवल ढाई डग में ही सारी पृथ्वी को नाप लिया। अब आधे डग के लिए राजा बलि ने उन्हें अपना शरीर दे डाला। इस तरह भगवान के तीनों डगों में पृथ्वी थोड़ी पड़ गई थी।

(17) द्रौपदी – द्रौपदी राजा द्रुपद की पुत्री तथा पाण्डवों की पत्नी थी। एक दिन युधिष्ठिर तथा दुर्योधने में जुआ हुआ। युधिष्ठिर जुए में राजपाट तथा द्रौपदी हार गए। दुर्योधन की आज्ञानुसार द्रौपदी सभा में लाई गई तथा दु:शासन ने इन्हें वस्त्रहीन करना चाहा, परन्तु श्रीकृष्ण की कृपा से वह ऐसा नहीं कर पाया। इस प्रकार भगवान की कृपा से द्रौपदी की लाज बच गई।

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(18) जटायु – यह गिद्धराज बेड़ा पराक्रमी था। जब रावण सीता को चुराकर ले जा रहा था तो रावण से इसने घोर युद्ध किया। रावण ने अपने तीरों से इसे विदीर्ण कर दिया। यह पृथ्वी पर बेहोश होकर गिर पड़ा। (UPBoardSolutions.com) जब रामचन्द्रजी सीता की खोज में वन में पहुँचे तो इसके (जटायु) मस्तक पर उन्होंने अपना करुण-हस्त फेरा जिससे उसकी पीड़ा दूर हो गई। रामचन्द्रजी ने उसे स्वर्ग में स्थान दिया।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 37 भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 37 भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

इन्दिरा जी का बचपन का नाम इन्दिरा प्रियदर्शिनी था। इनका जन्म 19 नवम्बर, 1917 ई० को इलाहाबाद में हुआ। इनके पिता पं० जवाहर लाल नेहरू और माता कमला नेहरू थी। पं० नेहरू इन्दिरा को ऐसी शिक्षा देना चाहते थे जिससे उनके व्यक्तित्व का बहुमुखी विकास हो सके। माता-पिता के स्वतन्त्रता आन्दोलन में सक्रिय होने से प्रियदर्शिनी ने दिल्ली, इलाहाबाद और पुणे आदि में शिक्षा पाई। पुणे से हाईस्कूल पास करके वे शान्ति निकेतन गईं। इन्दिरा के व्यक्तित्व पर नेहरू जी के व्यक्तित्व का बड़ा प्रभाव पड़ा। निर्भीकता (UPBoardSolutions.com) और आत्मविश्वास जैसे गुण उन्हें पिता से विरासत में मिले। 29 वर्ष तक लगातार उन्होंने पिता के साथ रहकर राजनैतिक कार्यों में मदद की। सन् 1942 में उनका विवाह फिरोज गांधी से हुआ। इनके दो पुत्र राजीव और संजय गांधी हुए। राजीव गांधी इन्दिरा गांधी की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री बने। संजय का युवावस्था में ही एक विमान दुर्घटना में देहान्त हो गया।

सन् 1958 ई० में इन्दिरा कांग्रेस केंद्रीय बोर्ड की सदस्या बनीं। सन् 1959 में वह कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गई। सन् 1962 ई० में यूनेस्को अधिशासी मण्डल की सदस्या चुनी गई। लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमण्डल में वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। 24 जनवरी, 1966 ई० से 24 मार्च, 1977 और दूसरी बार 14 जनवरी, 1980 से 31 अक्टूबर 1984 तक वह प्रधानमंत्री रहीं। प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें भारत-पाक युद्ध का सामना करना पड़ा। सन् 1971 में उन्होंने एकतरफा युद्ध विराम किया। पाकिस्तान की हार हुई। बांग्ला देश का (UPBoardSolutions.com) जन्म हुआ। भारत एशिया की प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा। इन्दिरा जी विश्व की प्रमुख नेता के रूप में सामने आईं। अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में उन्होंने अनेक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए। उन्होंने देश की दुखती रग को समझा और गरीबी हटाओ का नारा दिया।

बीस सूत्रीय कार्यक्रमों द्वारा उन्होंने अनेक उपलब्धियाँ अर्जित कीं। विज्ञान और तकनीकी विकास के साथ परमाणु शक्ति का विकास हुआ तथा देश अन्तरिक्ष युग में पहुँचा। कैप्टन राकेश शर्मा द्वारा अन्तरिक्ष यात्रा एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। देश को प्रगतिशील बनाने में उन्होंने सतत प्रयास किया। उनके शासनकाल में खेलकूद को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला। सन् 1982 ई० में एशियाड खेलों का भव्य आयोजन हुआ। 30 अक्टूबर, 1984 को उड़ीसा में दिया गया उनका भाषण देशप्रेम का ज्वलन्त उदाहरण है। 31 अक्टूबर, 1984 को अंगरक्षकों द्वारा गोली मारी जाने पर इनकी मृत्यु हो गई।

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अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
पं० नेहरू, इन्दिरा जी को किस प्रकार की शिक्षा देना चाहते थे? इसके लिए उन्होंने क्या किया?
उत्तर :
पं० नेहरू, इन्दिरा जी को ऐसी शिक्षा देना चाहते थे, जिससे उनका बहुमुखी विकास हो। इसके लिए उन्होंने अपनी पुत्री से पत्रों द्वारा सम्पर्क बनाए रखा और उस पर (UPBoardSolutions.com) अपने व्यक्तित्व की छाप छोड़ी।

प्रश्न 2.
“वानर सेना’ किस प्रकार स्वतन्त्रता सेनानियों की सहायता करती थी?
उत्तर :
‘वानर सेना के बालक स्वतन्त्रता सेनानियों को संदेश पहुँचाकर, प्राथमिक सहायता देकर, खाने की व्यवस्था करके तथा झण्डा फहराकर सहायता करते थे।

प्रश्न 3.
प्रधानमंत्री के रूप में इन्दिरा जी की महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
प्रधानमंत्री के रूप में इन्दिरा जी अनेक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए। उन्होंने देश की दुखती रग को समझा और गरीबी हटाओ का नारा दिया। बीस सूत्रीय कार्यक्रमों (UPBoardSolutions.com) द्वारा उन्होंने अनेक उपलब्धियाँ अर्जित कीं। विज्ञान और तकनीकी विकास के साथ परमाणु शक्ति का विकास हुआ तथा देश अन्तरिक्ष युग में पहुँचा।

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प्रश्न 4.
इन्दिरा जी के किन गुणों ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया?
उत्तर :
इन्दिरा जी के प्रमुख गुण-निर्भीकता, आत्मविश्वास, धैर्य, साहस और राजनैतिक कुशलता ने हमें बहुत प्रभावित किया है।

प्रश्न 5.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का निशान लगाइए (सही-गलत का निशान लगाकर)
(अ) इन्दिरा जी ने वानर सेना का गठन किया। (✓)
(ब) इन्दिरा जी को अनुशासन में रहना पसन्द नहीं था। (✗)
(स) सन् 1962 में वे यूनेस्को अधिशासी मण्डल की अध्यक्ष बनीं। (✓)
(द) भारत के प्रथम अन्तरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे। (✓)

प्रश्न 6.
नीचे लिखे विकल्पों में से सही उत्तर चुनकर लिखिए (सही उत्तर चुनकर)
(क) इंदिरा जी को गहन राजनीतिक प्रशिक्षण दिया –

  • पं. मोतीलाल नेहरू ने
  • पं. जवाहर लाल नेहरू ने (✓)
  • महात्मा गांधी ने
  • श्री फिरोज गांधी ने

(ख) इंदिरा जी की हत्या कब हुई –

  • 30 अक्टूबर 1984 ई०
  • 31 अक्टूबर 1984 ई० (✓)
  • 31 अक्टूबर 1983 ई०
  • 30 अक्टूबर 1974 ई०

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प्रश्न 7.
नोट – विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 15 Yes, We Can

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Yes, We Can

TRANSLATION OF THE LESSON (पाठ का हिन्दी अनुवाद)

Veena and Shalu……………………………. was amputated.
हिन्दी अनुवाद – वीना और शालू अच्छी दोस्त हैं। दोनों अगले महीने स्कूल में होने वाली खेल रैली में भाग लेने के लिए उत्साहित हैं। वीना एक अच्छी बैडमिंटन खिलाड़ी है जबकि शालू दौड़ में अच्छी है। शालू थोड़ी चिन्तित है क्योंकि उसके पैर में चोट है जो आने वाले कार्यक्रम में उसके प्रदर्शन की चिन्ता का कारण है।
वीना : तुम चिन्तित (UPBoardSolutions.com) क्यों हो?
शालू : वीना, मैं खेल रैली में भाग लेना चाहती हूँ। परन्तु मेरी टाँग में चोट लगने के कारण मै आश्वस्त नहीं हूँ कि मैं उसमें भाग ले पाऊँगी या नहीं।
वीना : प्रिय मित्र, परेशान न हो। क्या तुमने प्रसिद्ध पर्वतारोही अरूणिमा सिन्हा का नाम नहीं सुना?
शालू : नहीं मैंने नाम नहीं सुना।।
वीना : वह राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबॉल खिलाड़ी थी। कुछ लुटेरों ने उन्हें चलती ट्रेन से बाहर धक्का दे दिया। वह बुरी तरह से जख्मी हो गई और उसकी एक टाँग काटनी पड़ी।

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Oh! It’s……………………………….the spirit.
शालू : ओह! बड़े दुख की बात है।
वीना : इस बावजूद भी, वे दुनिया में सर्वोच्च शिखरों पर चढ़ी और हमें गर्व महसूस कराया।
शालू : अद्भुत! ऐसा साहस होना चाहिए।
वीना : न सिर्फ वो, बल्कि भारत कुमार (एक पैरा तैराक), सुधा चद्रन (भरतनाट्यम नर्तकी) भी विकलागंता के । बावजूद अपने-अपने क्षेत्रों में प्रसिद्ध हुए।
शालू : ये सच में बहुत साहसी और आत्म-विश्वास से भरे लोग हैं।
वीना : हाँ, तुम्हें इनसे प्रेरणा लेनी (UPBoardSolutions.com) चाहिए। तुम खेलों में अच्छी हो। तुम्हें सिर्फ आवश्यकता है अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की।
शालू : तुम सही कहती हो। अब मैं भाग लँगी और अपनी तरफ से सबसे अच्छा करूँगी।
वीना : ये हुई मेरी अच्छी दोस्त। हम सबके कुछ विशेष गुण हैं। हमें स्वयं पर विश्वास होना चाहिए।
शालू : निश्चित रूप से। मैं खूब मेहनत करूँगी अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन देने के लिए।
वीना : इसलिए प्रिय, “हमेशा कहा मैं कर सकती हैं, कभी न कहो मैं नहीं कर सकती है”।
शालू : मैं कर सकती हूँ।
वीना : ये हुई न बात|

EXERCISE (अभ्यास)

Comprehension Questions

Question 1.
Answer the following questions :
Answer:
Question a.
Which event was going to be held in the school?
Answer:
A sports rally was going to be held in the school, next month.

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Question b.
Why was Shalu upset?
Answer:
Shalu was upset because she had injured her leg. She was worried about her performance in the event.

Question c.
Who inspired Shalu to take part in the sports rally and how?
Answer:
Shalu’s friend Veena inspired her to take part in the spirts rally. She gave examples of some famous people who achieved great success in their field, in spite of their disabilities. It gave a lot of courrage and confidence to Shalu.

Question d.
How did Shalu feel at the end of the story and what did she say?
Answer:
Shalu was very confident in taking part in (UPBoardSolutions.com) the event and give her best. She said that she would work had.

Question e.
What lesson do you learn from the story?
Answer:
The lesson teaches us that we must not feel diacourage by any injury or disability, We must focus on our ability and work hard to get success in it.

Question 2.
Write T for true and ‘F’ for false statements:
Answer:
a. Shalu is good at racing.  –  (T)
b. Veena is a good badminton player.  –  (T)
c. Arunima Sinha is a basketball player.  –  (F)
d. Bharat Kumar is a para swimmer.  –  (T)
e. We all have some special qualities  –  (T)

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Word Power

Question 1.
Match the words of list ‘A’ with their meaning given in list ‘B’:
Answer:
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 15 Yes, We Can img-1

Question 2.
Look at the pictures and encircle the games in the crossword puzzle:
Answer:
UP Board Solutions for Class 6 English Chapter 15 Yes, We Can img-2
Language Practice

Question 1.
Write short answers for the questions given below:
Answer:
Can a crow fly?    Yes, it can.
Can a dog ride a bicycle?    No. it can’t.
Can a rat run?    Yes it can.
Can a whale crawl?    Yes, it cant.
Can a monkey swing?    Yes, it can.
Canacat swim?    Yes, it can.
Can a fox fiy?    Yes, it can.
Can a frog hop?    Yes, it can.

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Activity

Question 1.
What can you do? What can’t you do? Write 3 answer for each question.
Answer:

  • I can jump highs.
  • I can swim in the pool.
  • I can’t stay up all night.
  • I can make sandwiches.
  • I can’t bungee jump.
  • I can’t inside a dark room.

Question 2.
Look at the picture and complete the sentence with can/can’t and a verb.
Answer:

  1. He can’t walk
  2. It can hop.
  3. She can write.
  4. He can’t swim.
  5. They can sing.
  6. She can play.
  7. He can’t see.
  8. They can fly.

Question 3.
Answer the following questions-
Answer:
Can a bird sing?    Yes
Can a snake jump?    No
Cana horse run?    Yes
Can a fish swim?    Yes
Can a elephant fly?    No

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Question 4.
Frame questions and answer then:
Answer:
MOTHER/YOUR/CAN/DRAW
Can your mother draw?
yes, my mother can draw very well.
CANT GRANDPARENTS/GUTTAR/PLAY / THE/YOUR
Can your grandmother play the guitar?
No, they cannot play the guitar

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi प्रमुख अन्तर्कथाऍ

UP Board Solutions for Class 6 Hindi प्रमुख अन्तर्कथाऍ

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साहित्य का अध्ययन करते समय बीच-बीच में कुछ ऐसे प्रसंग आ जाते हैं, जिन्हें जाने बिना। अर्थ स्पष्ट महीं हो सकता है। उदाहरण- छुअत शिला भइ नारि सुहाई।”

इस पंक्ति का अर्थ उस समय तक स्पष्ट नहीं होता जब तक विद्यार्थियों को ‘अहिल्या’ के बारे में न बताया जाय, इसे ही अन्तर्कथा कहते हैं। इसका शाब्दिक अर्थ है- (अन्तः + कथा) अर्थात् कविता के अन्दर की कथा। नीचे कुछ ऐसी ही प्रमुख अन्तर्कथाएँ दी जा रही हैं, छात्र इन्हें ध्यान से पढ़ें –

1. अहल्या – अहल्या गौतम मुनि की पत्नी थी। एक दिन जब मुनि स्नान को गए थे, तो इन्द्र चन्द्रमा की सहायता से गौतम मुनि का रूप धारण करके अहल्या के पास गए और उसके साथ दुराचार किया। इस बीच में (UPBoardSolutions.com) गौतम मुनि लौट आए और उन्होंने अपने योग बल से सब कुछ जान लिया। उन्होंने इन्द्र को श्राप दिया और अहल्या को भी श्राप देकर शिला बना दिया भगवान श्रीराम के चरणों की धूल से उसका उद्धार हुआ और उसने फिर से स्त्री रूप पाया।

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2. अजामिल – यह पापी ब्राह्मण था। इसकी पत्नी साधुओं की खूब सेवा करती थी। साधुओं के आशीर्वाद से इन्हें पुत्र हुआ, जिसका नाम नारायण रखा। मृत्यु के समय जब यमदूत अजामिल को ले जा रहे थे, तो उसने डरकर अपने प्रिय पुत्र ‘नारायण’ को पुकारा। ‘नारायण’ नाम सुनकर । यमदूत भाग गए और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।

3. अम्बरीष – राजा अंबरीष वैष्णव भक्त थे। एक बार उन्होंने दुर्वासा ऋषि को भोजन पर बुलाया। दुर्वासा ऋषि जब देर तक नहीं आए, तो अंबरीष ने उनसे पहले ही प्रसाद ग्रहण कर लिया। ऋषि दुर्वासा को (UPBoardSolutions.com) जब यह पता लगा, तो वे बहुत क्रोधित हुए तथा एक राक्षसी द्वारा राजा का वध करने के लिए उतारू हो गए। विष्णु भगवान ने अपने भक्त की स्वयं रक्षा कर राक्षसी का वध किया। और उन्हें दुर्वासा के श्राप से बचाया।

4. गज-ग्राह – ऋषि के शाप द्वारा एक राजा हाथी तथा एक गंधर्व ग्राह (मगर) बन गया था। ग्राह नदी में रहता था। एक दिन हाथी उसी नदी में स्नान कर रहा था, ग्राह ने उसका पैर पकड़ लिया और गहरे जल में खींचने लगा। जब हाथी की जौ भर सँड़ पानी से बाहर रही, तो उसने विष्णु भगवान को पुकारा। हाथी की पुकार सुनकर विष्णु भगवान ने नंगे पैर आकर सुदर्शन चक्र से ग्राह को मारकर हाथी को मुक्ति दिलाई।

5. गणिका – यह काशी की एक प्रसिद्ध वेश्या थी। एक दिन यह श्रृंगार करके अपने किसी प्रेमी की प्रतीक्षा कर रही थी लेकिन वह न आया। उसने सोचा कि यदि मैं इतनी देर भगवान का भजन करती तो मेरा कल्याण हो जाता। इस विचार के आते ही उसने वेश्यावृत्ति को त्याग दिया और एक तोता पाल लिया। वह तोते को राम-नाम सिखाने लगी। राम-नाम (UPBoardSolutions.com) के प्रभाव से दुराचारी स्त्री भी मोक्ष को प्राप्त हुई।

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6. सहस्त्रबाहुं – ये महाबलशाली राजा थे। एक बार वे जमदग्नि ऋषि के आश्चम में पहुँचे। ऋषि के, पास नंदिनी नाम की कामधेनु थी। उसके प्रभाव से उन्होंने राजा का बड़ा सत्कार किया। राजा ने ऋषि से नंदिनी को माँगा किंतु ऋषि ने नहीं दिया। इस पर राजा ने ऋषि को मार डाला किंतु कामधेनु उसे नहीं मिली। बाद में जमदग्नि के पुत्र परशुराम ने राजा का सेना सहित संहार कर डाला।

7. शबरी – यह मतंग ऋषि की सेविका थी और भगवान राम की भक्त थी। सीता की खोज करते हुए जब रामचन्द्र जी शबरी के आश्रम में पहुँचे, तब उसने उनका बड़ा सत्कार किया भगवान ने इसके जूठे बेर (UPBoardSolutions.com) खाए और शबरी, को राम भक्ति का उपदेश दिया और शबरी ने श्रीराम को बताया कि वे पंपापुर में जाकर सुग्रीव से मित्रता करें। भगवान की कृपा से शबरी को सद्गति प्राप्त हुई।

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