UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 6 शाप-मुक्ति (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 6 शाप-मुक्ति (मंजरी)

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महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या

दादी का स्वभाव …………………. नहीं हुई।
संदर्भ:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘शाप-मुक्ति’ नामक पाठ से लिया गया है। इस कहानी के लेखक रमेश उपाध्याय हैं।

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प्रसंग:
दादी को नेत्रों के इलाज के लिए दिल्ली के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक (UPBoardSolutions.com) डॉ० प्रभात के पास ले जाया गया। बातचीत में पता चला कि वह इलाहाबाद के वकील का लड़का मंटू था जिसने बचपन में आक के दूध से तीन पिल्लों की आँखें फोड़ दी थीं।

व्याख्या:
दादी ने निश्चय कर लिया था कि वह डॉ० प्रभात से नेत्र चिकित्सा नहीं कराएँगी। दादी जो ठान लेती थी, बच्चों की तरह हठपूर्वक वही करती थीं। दादी को समझाने की सब कोशिशें बेकार गईं। दादी ने डॉ० प्रभात द्वारा लिखी गई आँखों की दवाई, जो दादी की आँख में डाली जानी थी, मँगाने से साफ इनकार कर दिया। अच्छी तरह से समझाने पर भी दादी ने अपना निश्चय नहीं बदला।

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पाठ का सार (सश)

मैं दादी के नेत्रों की चिकित्सा कराने दिल्ली के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सालय में डॉ० प्रभात के पास गया। बात-बात में पता चला कि डॉ० प्रभात इलाहाबाद में पड़ोस में रहने वाला ‘मंटू’ था, जो मेरे (बब्बू का) बचपन का साथी था। दादी भी (UPBoardSolutions.com) यह जानकर प्रसन्न हुई। परंतु साथ ही दादी ने डॉ० प्रभात को यह भी बताया कि इलाहाबाद में एक वकील को बदमाश लड़का भी ‘मंटू’ नाम का था। , दादी ने मुझे बताया कि मंटू ने बचपन में आक के दूध से तीन पिल्लों की आँखें फोड़ दी थीं। उस घटना को यादकर मैं हैरान रह गया। दादी को पैंतीस साल पहले की वह घटना याद थी। दादी ने निश्चय किया कि वह मंटू यानी डॉ० प्रभात से इलाज नहीं कराएँगी। डॉ० प्रभात दादी को समझाने स्वयं घर आया। उसने दादी से कहा, “मैंने बचपन में पिल्लों की आँखें फोड़कर जो पाप किया वह मुझे याद है। उस पाप के प्रायश्चित्त में ही मैं नेत्र चिकित्सक बना। दादी के शाप से अपनी आँखें फूटने से पहले कितनों को आँखें दे जाऊँगा। उसमें दो आँखें दादी की भी होंगी।”

डॉ० प्रभात की बात सुनकर दादी ने उसे गले लगा लिया। उसे आशीर्वाद देते हुए कहा कि
तुम्हारी आँखों की ज्योति हमेशा बनी रहे। इस प्रकार डॉ० प्रभात को दादी के शाप से मुक्ति मिली।

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प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1:
आक के पौधे से गाढ़ा दूध निकलता है। अन्य किन-किन पेड़-पौधों से गाढ़ा दूध निकलता है, उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
बरगद, धतूरा, कटहल आदि पेड़-पौधों से भी गाढ़ा दूध निकलता है।

प्रश्न 2:
अपने पास के किसी अस्पताल में जाकर किसी (UPBoardSolutions.com) आँख के डॉक्टर से मिलिए और पूछिए कि उन्होंने यह पेशा क्यों चुना।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 3:
किसी दृष्टिहीन व्यक्ति से मिलिए, उससे बातचीत (UPBoardSolutions.com) कीजिए और महसूस कीजिए कि उसकी कल्पना में दुनिया कैसी है।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 4.
यह जानकारी हम …………………. डाल रहा था। उपर्युक्त अनुच्छेद को ध्यान से पढ़िए और अपने सहपाठियों से पूछने के लिए चार प्रश्न बनाइए।
उत्तर:
प्र०1. कुतिया ने तीन पिल्ले कहाँ दिए थे?
प्र०2. पिल्ले कैसे (UPBoardSolutions.com) थे?
प्र०3. मंटू ने कौन-सा प्रयोग किया?
प्र०4. मंटू के प्रयोग का दुष्परिणाम क्या हुआ?

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विचार और कल्पना

प्रश्न 1:
और
प्रश्न 3: विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2:
जब उस पिल्ले की आँखें चली गयी होंगी तो उसे क्या-क्या कठिनाइयाँ हुई होंगी। सोचिए और लिखिए।।
उत्तर:
उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता होगा, आने-जाने (UPBoardSolutions.com) में कठिनाई होती होगी इत्यादि।

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प्रश्न 4:
बचपन में मंटू ने पिल्लों के साथ बहुत खराब काम किया था। इस विषय में आप के मन में जो विचार आ रहे हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर:
बचपन में मंटू ने सच में बहुत खराब काम किए थे। उसने मासूम पिल्लों की आँख में आक का दूध डालकर उन्हें अनजाने में ही सही लेकिन अंधा बना दिया। मंटू को इस तरह का प्रयोग नहीं करना चाहिए था।

कहानी से

प्रश्न 1:
डॉ० प्रभात का चेहरा किसे दुःखदायी स्मृति से काला-सा हो गया?
उत्तर:
डॉ० प्रभात का चेहरा दुखदायी स्मृति से (UPBoardSolutions.com) इसलिए काला पड़ गया, क्योंकि बचपन में डॉ० प्रभात ने आक के दूध से तीन पिल्लों की आँखें फोड़ दी थीं।

प्रश्न 2:
मंटू ने बचपन में क्या पाप किया था और उस पाप का प्रायश्चित उसने किस प्रकार किया?
उत्तर:
मंटू ने बचपन में आक के दूध से तीन पिल्लों की आँखें फोड़ दी थीं। इसका प्रायश्चित्त उसने नेत्र चिकित्सक बनकर किया।

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प्रश्न 3:
“पर मैं तो आँखों का डॉक्टर हैं दादी अम्मा! बुढ़ापे का इलाज मेरे पास कहाँ?” डॉ० प्रभात ने यह जवाब दादी के किस बात के उत्तर में दिया था?
उत्तर:
दादी जब लेखक के साथ डॉक्टर प्रभात के क्लीनिक में पहुँची तो उन्होंने मुस्कुराते हुए उनका स्वागत किया, आओ, आओ, दादी अम्मा! कहाँ, क्या तकलीफ है? उसकी इस बात पर दादी बोलीं “कोई तकलीफ नहीं, बेटा। बस बुढ़ापे (UPBoardSolutions.com) में नजर कमजोर हो ही जाती है।” दादी के इसी बात का उत्तर देते हुए डॉ. प्रभात ने उपरोक्त वाक्य कहे।

प्रश्न 4:
दादी डॉ० प्रभात से अपनी आँखों का इलाज क्यों नहीं करवाना चाहती थीं, फिर वह इलाज के लिए कैसे तैयार हुई?
उत्तर:
दादी डॉ० प्रभात से आँखों का इलाज करवाने के लिए इसलिए तैयार नहीं थी क्येंकि डॉ० प्रभात ने बचपन में पिल्लों की आँखें फोड़ दी थीं। लेकिन डॉ० प्रभात ने समझाया कि वह उसी प्रायश्चित्त के कारण ही नेत्र चिकित्सक बना है। उसे दादी का वह शाप भी याद है जिसमें उन्होंने कहा था (UPBoardSolutions.com) कि एक दिन उसकी आँखें भी फूट जाएँगी। इसलिए अपनी आँखें फूटने से पहले वह अधिक से अधिक लोगों को आँखें दे जाना चाहता है। डॉ० प्रभात की यह बात सुनकर दादी इलाज के लिए तैयार हो गईं।

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भाषा की बात

नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 1:
निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिए- नयी, ठंड, पाप, बूढ़ा।
उत्तर:
नयी        – पुरानी
ठण्ड      – गर्म
पाप        – पुण्य
बूढा        – युवा

प्रश्न 2:
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए टस से मस न होना, हृदय से लगाना, मुस्कान लुप्त होना।
उत्तर:
टस से मस न होना (स्थिर रहना): दादी अपने निर्णय से टस से मस न हुईं।
हृदय से लगाना (प्यार करना): दादी ने डॉ० प्रभात को हृदय से लगा लिया।
मुस्कान लुप्त होना (फिक्र में पड़ जाना): परिचय हो जाने पर डॉ० प्रभात की (UPBoardSolutions.com) मुस्कान लुप्त हो गई, क्योंकि उसे बचपन के पाप का ध्यान आ गया।

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प्रश्न 3:
बच्चा’ शब्द में ‘पन’ प्रत्यय लगाकर ‘बचपन’ शब्द बना है जो भाववाचक संज्ञा है। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों में ‘पन’ प्रत्यय लगाकर भाववाचक संज्ञा बनाइए लड़का, अपना, अनाड़ी, रूखा।
उत्तर:
लड़का           –        लड़कपन
अपना            –        अपनापन
अनाड़ी           –        अनाड़ीपन
रूखा             –        रूखापन

प्रश्न 4:
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित (UPBoardSolutions.com) पदों के कारक बताइए
(क) मैं तो आँखों का डॉक्टर हूँ। – संबंध कारक
(ख) मैं तुम्हारी दवाई लिख रहा हूँ। – संबंध कारक
(ग) दूध पिल्ले की आँखों में डाल रहा था। – अधिकरण कारक
(घ) सब लोगों ने मंटू को बुरा-भला कहा। – कर्म कारक

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यह भी करें:
नोट– विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry

UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 10 Maths. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry.

प्रश्नावली 8.1 (NCERT Page 200)

प्र. 1. ΔABC में, जिसका कोण B समकोण है, AB = 24 cm (UPBoardSolutions.com) और BC = 7 cm है| निम्न लिखित का मान ज्ञात कीजिए :
(i) sin A, cos A
(ii) sin C, cos C
हलः
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प्र. 2. आकृति में, tan P cot R का मान ज्ञात कीजिए|
हलः
एक समकोण ΔPQR में, पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग (UPBoardSolutions.com) करने पर हमें प्राप्त होता है।
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प्र० 3. यदि sin A = [latex]\frac { 3 }{ 4 }[/latex], तो cos A और tan A का मान परिकलित कीजिए।
हलः एक त्रिभुज ABC लें, जो कि B पर समकोण है। इससे हमें ∠A (UPBoardSolutions.com) के लिए प्राप्त होता है कि
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प्र० 4. यदि 15 cot A = 8 हो तो sin A और sec A का मान ज्ञात कीजिए।
हलः माना समकोण ΔABC में, हमें प्राप्त है।
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प्र० 5. sec θ = [latex]\frac { 13 }{ 12 }[/latex], हो तो (UPBoardSolutions.com) अन्य सभी त्रिकोणमितीय अनुपात परिकलित कीजिए।
हलः माना समकोण ΔABC में ∠B = 90° माना, ∠A = θ और
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प्र० 6. यदि ∠A और ∠B न्यून कोण हो, जहाँ cos A = cos B, तो दिखाइए कि ∠A = ∠B.
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प्र० 9. त्रिभुज ABC में, जिसका कोण B समकोण है, (UPBoardSolutions.com) यदि tan A = [latex]\frac { 1 }{ \surd 3 }[/latex], तो निम्नलिखित के मान ज्ञात कीजिए:
(i) sin A cos C + cos A sin C
(ii) c0s A cos C sin A sin C
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प्र० 10. ΔPQR में, जिसका कोण Q समकोण है, PR + QR (UPBoardSolutions.com) = 25 सेमी. और PQ = 5 सेमी. है। sin P, cos P और tan P के मान ज्ञात कीजिए।
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प्र० 11. बताइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य। (UPBoardSolutions.com) कारण सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
(i) tan A को मान सदैव 1 से कम होता है।
(ii) कोण A के किसी मान के लिए sec A = [latex]\frac { 12 }{ 5 }[/latex]
(iii) cos A, कोण A के cosecant के लिए प्रयुक्त एक संक्षिप्त रूप है।
(iv) cot A, cot और A का गुणनफल होता है।
(v) किसी भी कोण 8 के लिए sin θ = [latex]\frac { 4 }{ 3 }[/latex]
हलः
(i) असत्यः [चूकि, समकोण त्रिभुज में कर्ण के अतिरिक्त अन्य दो भुजाओं का अनुपात 1 के समान या असमान हो सकता है।]
(ii) सत्यः [ cos A का मान सदैव 1 से कम होता है।
[latex]\frac { 1 }{ cos A }[/latex] अर्थात् sec A का मान 1 से सदैव बड़ा होता है।]
(iii) असत्यः [cosine A को संक्षिप्त रूप ‘cos A’ होता है।]
(iv) असत्यः [अकेले ‘cot’ का कोई अर्थ नहीं है। cot A एक ही त्रिकोणमितीय अनुपात होता है।]
(v) असत्यः [का मान 1 से अधिक है, जबकि sin 8 का मान 1 से अधिक नहीं हो सकता]

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प्रश्नावली 8.2 (NCERT Page 206)

प्र० 1. निम्नलिखित के मान निकालिएः
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प्र० 2. सही विकल्प चुनिए और अपने विकल्प का (UPBoardSolutions.com) औचित्य दीजिए :
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प्र० 3. यदि tan (A + B) = √3 और tan (UPBoardSolutions.com) (A B) = [latex]\frac { 1 }{ \surd 3 }[/latex]; 0° < A + B ≤ 90°; A > B तो A और B का मान ज्ञात कीजिए।
हलः तालिका से, हमें प्राप्त होता है:
tan 60° = √3 …(1)
चूंकि tan (A + B) = √3 [ज्ञात है] …(2)
(1) और (2) से, हमें प्राप्त होता है।
A + B = 60° ………(3)
इसी प्रकार,
A B = 30° ………. (4)
(3) और (4) को जोड़ने पर, 2A = 90° ⇒ A = 45°
(3) में से (4) को घटाने पर, 2B = 30° ⇒ B = 15°

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प्र० 4. बताइए कि निम्नलिखित में कौनकौन सत्य हैं या असत्य हैं। कारण सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
(i) sin (A + B) = sin A + sin B.
(ii) θ में वृद्धि होने के साथ sin θ के मान में भी वृद्धि होती है।
(iii) θ में वृद्धि होने के साथ cos θ के (UPBoardSolutions.com) मान में भी वृद्धि होती है।
(iv) θ के सभी मानों पर sin θ = cos θ
(v) A = 0° पर cot A परिभाषित नहीं है।
हलः (i) माना
A = 30° और B = 60°
L.H.S. = sin (30° + 60°) = sin 90° = 1
R.H.S. = sin 30° + sin 60° = [latex]\frac { 1 }{ 2 } +\frac { \surd 3 }{ 2 } =\frac { 1+\surd 3 }{ 2 }[/latex]
L.H.S. ≠ R.H.S.
कथन “sin (A+ B) = sin A + sin B” असत्य है।
(ii) चूँकि “जब θ का मान 0° से 90° तक बढ़ता है तो sin θ का मान 0 से 1 तक बढ़ता है।”
दिया गया कथन सही है।
(iii) चूँकि “जब θ का माप 0° से 90° तक बढ़ता है, तो cos θ का मान 1 से 0 तक घटता है।”
दिया गया कथन असत्य है।
(iv) माना θ = 30° है।
तालिका से हमें प्राप्त होता है: sin 30° = [latex]\frac { 1 }{ 2 }[/latex] और cos 30° = [latex]\frac { \surd 3 }{ 2 }[/latex]
sin 30° ≠ cos 30°
अतः दिया गया कथन असत्य है।
(v) तालिका से हमें प्राप्त है: cot 0° = अपरिभाषित
अतः दिया गया कथन सत्य है।

प्रश्नावली 8.3 (NCERT Page 209)

प्र० 1. निम्नलिखित का (UPBoardSolutions.com) मान निकालिएः
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UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry page 209 1.1

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(iii) cos 48° – sin 42°
हल: cos 48° – sin 42°
⇒ sin(90° – 48°) – sin 42°
⇒ sin 42° – sin 42° = 0
(iv) cosec 31° – sec (UPBoardSolutions.com) 59°
हल: cosec 31° – sec 59°
⇒ sec (90° – 31°) – sec 59° [ cosec q = sec (90° – q) ]
⇒ sec 59° – sec 59° = 0

प्र० 2. दिखाइए कि
(i) tan 48° tan 23° tan 42° tan 67° = 1
(ii) cos 38° cos 52° – sin 38° sin 52° = 0
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प्र० 3. यदि tan 2A = cot (A – 18°), जहाँ 2A एक (UPBoardSolutions.com) न्यूनकोण है, तो A का मान ज्ञात कीजिए|
हल: tan 2A = cot (A – 18°),
⇒ cot (90° – 2A) = cot(A – 18°)
दोनों पक्षों में तुलना करने पर
⇒ 90° – 2A = A – 18°
⇒ 90° + 18° = A + 2A
⇒ 3A = 108°
⇒ A = 36°

प्र० 4. यदि tan A = cot B, तो सिद्ध कीजिए कि A + B = 90°
हल: tan A = cot B दिया है |
⇒ tan A = tan (90° – B)
तुलना करने पर
⇒ A = 90° – B
⇒ A + B = 90°
Proved.

प्र० 5. यदि sec 4A = cosec(A – 20°), जहाँ 4A एक न्यूनकोण है, तो A का मान ज्ञात कीजिए|
हल: sec 4A = cosec(A – 20°)
⇒ cosec (90° – 4A) = cosec(A – 20°) [sec q = (90°- q)]
तुलना करने पर
⇒ 90° – 4A = A – 20°
⇒ 90° + 20° = A + 4A
⇒ 5A = 110°
⇒ A = 22°

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प्र० 7. sin 67° + cos 75° को 0° और 45° के बीच के कोणों के त्रिकोणमितिय अनुपातों के पदों में व्यक्त कीजिए|
UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry page 209 7

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प्रश्नावली 8.4 (NCERT Page 213)

प्र० 1. त्रिकोणमितीय अनुपातों sin A, sec A और (UPBoardSolutions.com) tan A को cot A के पदों में व्यक्त कीजिए।
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UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry page 213 3.1

प्र० 4. सही विकल्प चुनिए और अपने विकल्प की पुष्टि (UPBoardSolutions.com) कीजिए:
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UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry page 213 4.1

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UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry page 213 4.2

प्र० 5. निम्नलिखित सर्वसमिका सिद्ध कीजिए, जहाँ वे कोण, जिनके लिए व्यंजक परिभाषित है, न्यूनकोण है :
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UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry page 213 5.1

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UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry page 213 5.3

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UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry page 213 5.5

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UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry page 213 5.6
UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 Introduction to Trigonometry page 213 5.7

Hope given UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 are helpful to complete your homework.

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UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 5 ऊष्मा एवं ताप

UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 5 ऊष्मा एवं ताप

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 7 Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 5 ऊष्मा एवं ताप.

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिये-
(क) द्रव के गैस में बदलने की क्रिया को कहते हैं-
(अ) गलनांक
(ब) हिमांक
(स) वाष्पीकरण (✓)
(द) संघनन

(ख) द्रवों में (UPBoardSolutions.com) ऊष्मा संचरण होता है-
(अ) चालन द्वारा
(ब) संवहन द्वारा (✓)
(स) विकिरण द्वारा
(द) इनमें से कोई नहीं

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(ग) जल का क्वथनांक होता है-
(अ) 10°C
(ब) 100°C (✓)
(स) 120°C
(द) 40°C

(घ) ऊष्मीय ऊर्जा का मात्रक है-
(अ) मीटर
(ब) जूले (✓)
(स) न्यूटन
(द) कूलॉम

(ङ) ऊष्मा का कुचालक है-
(अ) लोहा
(ब) ऐलुमिनियम
(स) स्टील
(द) काँच (✓)

प्रश्न 2.
निम्नलिखित कथनों में सही (UPBoardSolutions.com) कथन पर सही (✓) और गलत कथन पर गलत (✗) का चिन्ह लगायें
(क) किसी वस्तु को गर्म करने पर उसका ताप घटता है। (✗)
(ख) ठोस वस्तुओं में ऊष्मा का संचरण चालन द्वारा होता है। (✓)
(ग) वस्तु द्वारा ली गयी, ऊष्मा वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करती है। (✓)
(घ) अवस्था परिवर्तन के समय वस्तु का ताप स्थिर रहता है। (✓)
(ङ) पारा ऊष्मा का कुचालक है। (✗)

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प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) ताप का SI मात्रक केल्विन है।
(ख) गलते हुए बर्फ का ताप °C होता है।
(ग) किसी ठोस के द्रव में (UPBoardSolutions.com) बदलने की क्रिया गलनांक कहलाती है।
(घ) विकिरण विधि द्वारा ऊष्मा स्थानान्तरण में माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है।
(ङ) बर्तन का हत्था बनाने में कुचालक धातु का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
कॉलम (क) और कॉलम (ख) का मिलान कीजिये-
UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 5 ऊष्मा एवं ताप 4

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प्रश्न 5.
समान द्रव्यमान के दो अलग-अलग पदार्थों A तथा B (UPBoardSolutions.com) को समान ताप तक गर्म करने में किसको अधिक ऊष्मा की आवश्यकता होगी, जबकि A की विशिष्ट ऊष्मा B से अधिक है।
उत्तर-
समान द्रव्यमान के दो अलग-अलग पदार्थ A तथा B को समान ताप पर गर्म करने में B को अधिक ऊष्मा की आवश्यकता होगी क्योंकि B की विशिष्ट ऊष्मा A से कम है।

प्रश्न 6.
गैसों के प्रसार को एक क्रियाकलाप द्वारा स्पष्ट कीजिए?
उत्तर-
गैसों के प्रकार को स्पष्ट करने के लिए निम्नांकित क्रियाकलाप को देखेंकाँच की एक खाली तथा स्वच्छ छोटी बोतल के मुँह पर एक बिना फूला हुआ गुब्बारा बाँध देंगे।
अब बोतल को चौड़े मुँह के बर्तन में रखेंगे और इस बर्तन में (UPBoardSolutions.com) गर्म पानी डालेंगे। ऐसा करने पर गुब्बारा फूल जाएगा क्योंकि गर्म जल के करण बोतल के अंदर की हवा गर्म होकर फैलती है और बोतल के मुँह पर लगे गुब्बारे में प्रवेश करती है और गुब्बारा फूल जाता है। बोतल को गर्म जल से निकालकर ठंडा करने पर गुब्बारा पुनः पिचक जाता है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि गैसों में प्रसार होता है। गर्म करने पर गैसें फैलती हैं और ठंडा करने पर सिकुड़ती हैं।

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प्रश्न 7.
रेल की पटरी जोड़ते समय उनके बीच थोड़ी जगह क्यों छोड़ते हैं।
उत्तर-
रेल की पटरियों को जोड़ते समय उनके बीच कुछ (UPBoardSolutions.com) जगह छोड़ी जाती है ताकि गर्म होकर फैलने पर पटरी टेढ़ी न हो जाए।

प्रश्न 8.
सुचालक तथा कुचालक पदार्थों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जिन पदार्थों से ऊष्मा का संचरण सुगमतापूर्वक होता है, उन्हें ऊष्मा का सुचालक कहते हैं; जैसे- लोहा, ऐलुमिनियम, ताँबा आदि।
जिन पदार्थों में ऊष्मा का संचरण सुगमता से नहीं होता, (UPBoardSolutions.com) उन्हें ऊष्मा का कुचालक कहते हैं। जैसे-लकड़ी, कागज, ऊन, पोर्सिलीन, वायु आदि।

प्रश्न 9.
186°F को डिग्री सेण्टीग्रेट में बदलिये।
UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 5 ऊष्मा एवं ताप 9

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प्रश्न 10.
गलनांक की परिभाषा लिखिये।
उत्तर-
वह निश्चित ताप जिस पर कोई ठोस गरम करने पर द्रव में बदलता है, (UPBoardSolutions.com) उसे पदार्थ का गलनांक कहते हैं। बर्फ कां गलनांक 0°C है।

प्रश्न 11.
क्वथनांक की परिभाषा लिखिये।
उत्तर-
वह निश्चित ताप जिस पर कोई द्रव उबलता है और गैसीय अवस्था में बदलता है, वह द्रव का क्वथनांक कहलाता है। पानी का क्वथनांक 100°C है।

प्रश्न 12.
5 कैलोरी कितने जूल के बराबर होता है?
उत्तर-
1 कैलोरी = 4.18 जूल
5 कैलोरी = 4.18 x 5 = 20.90 = 20.9 जूल।

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प्रश्न 13.
समान पदार्थ के दो टुकड़ों का द्रव्यमान क्रमशः 2 किलोग्राम तथा 4 किलोग्राम है, (UPBoardSolutions.com) समान ऊष्मा देने पर किसका ताप अधिक बढ़ेगा ?
उत्तर-
चूंकि किसी वस्तु के ताप में वृद्धि के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा उस वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करती है। यदि समान पदार्थ के दो टुकड़ों का द्रव्यमान क्रमश: 2 किलोग्राम तथा 4 किलोग्राम है तो समान ऊष्मा देने पर 2 किलोग्राम द्रव्यमान वाले टुकड़े का ताप अधिक बढ़ेगा।

प्रश्न 14.
0.2 किग्रा द्रव के ताप को 20°C से 70°C तक बढ़ाने के लिये 700 कैलोरी ऊष्मा की आवश्यकता होती है। द्रव की विशिष्ट ऊष्मा ज्ञात कीजिये।
(क) कैलोरी में
(ख) जूल में
UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 5 ऊष्मा एवं ताप 14

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प्रश्न 15.
0.2 किग्रा द्रव को 135°C से 25°C तक ठंडा करने में द्रव से निकली (UPBoardSolutions.com) ऊष्मीय ऊर्जा ज्ञात कीजिये। जबकि द्रव की विशिष्ट ऊष्मा 750 जूल/किग्रा °C है।
उत्तर-
ऊष्मीय ऊर्जा = पदार्थ का द्रव्यमान x पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा x पदार्थ की तापवृद्धि
उष्मीय ऊर्जा = Q = ?
पदार्थ का द्रव्यमान = 0.2 किग्रा
पदार्थ का विशिष्ट ऊष्मा = 750 जूल/किग्रा.°C = 110°C
Q = m x S x ∆t = 0.2 किग्रा. x 750 जूल x 110°C = 16500 जूल

प्रोजेक्ट कार्य – नोट – विद्यार्थी स्वयं करें |

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UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ

UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 7 Maths. Here we have given UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ.

अभ्यास 8 (a)

प्रश्न 1.
निम्नांकित के मान बताइए।
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 1

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प्रश्न 2.
गुणनफल ज्ञात (UPBoardSolutions.com) कीजिए।
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 2

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प्रश्न 3.
निम्नांकित के गुणनफल ज्ञात कर (UPBoardSolutions.com) माने ज्ञात कीजिए।
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 3
प्रश्न 4.
एक खेत में 2x क्यारियाँ हैं। प्रत्येक क्यारी में x y (UPBoardSolutions.com) पंक्तियाँ हैं। प्रत्येक पंक्ति में y’ टमाटर के पौधे लगे हैं। ज्ञात कीजिए|
(i) खेत में कुल कितने पौधे लगे हैं?
हल :
खेत में पौधों की कुल संख्या = क्यारियाँ x पंक्तियाँ x पौधों की संख्या
= 2x × xy × xy
= 2 × x1+1 × y1+2 = 2x2y3 पौधे

(ii) यदि x = 3, y = 2, तो पौधों (UPBoardSolutions.com) की संख्या कितनी है?
हल :
पौधों की संख्या = 2x2y3
= 2x (3)2 × (2)3
= 2 x 9 x 8 = 144 पौधे

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अभ्यास 8 (b)

प्रश्न 1.
गुणी कीजिए:
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 4

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प्रश्न 2.
सरल कीजिए:
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 5

प्रश्न 3.
सरल कीजिए :
(i) 2x (3x + 5y) – 5y (2x – 3y)
हल :
2x (3x + 5y) – 5y × (2x – 3y)
= 6x2 + 10xy – 10xy + 15y2 = 6x2 + 15y2

(ii) x (y – z) + 2y (z-x) + z (x -y)
हल :
x × (y – z) + 2y × (z – x) + z × (x – y)
= xy – xz + 2yz – 2xy + xz – yz = -xy + yz

(iii) y2 (y2 +1) – y3 (y +1) + y (y2 – y)
हल :
y2 × (y2 +1) – y3 × (y +1) + y × (y2 – y)
= y4 +y2 – y– y3 + y3 – y2 = 0

(iv) x (1+x2) – x2 – (x – 1) – (x +x2)
हल :
x (1+x2) – x2 × (x – 1) – (x +x2)
= x + x3 – x3 + x2 – x – x2 = 0

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प्रश्न 4.
एक विद्यालय में 2x कक्षाएँ हैं। प्रत्येक (UPBoardSolutions.com) कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या (x+ 2x +2) है। ज्ञात कीजिए :
(i) विद्यालय में विद्यार्थियों की कुल संख्या कितनी है?
हल :
विद्यालय में कक्षाएँ = 2x
प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थी = (x2 + 2x + 2)
अत: विद्यालय में कुल विद्यार्थियों की संख्या = 2x × (x3 + 2x + 2)
= 2x4 + 4x2 +4x विद्यार्थी

(ii) यदि x = 3, तो विद्यालय में कुल कितने विद्यार्थी हैं?
हल :
विद्यार्थियों की संख्या = 2x4 + 4x2 +4x
यदि x = 3, तो कुल विद्यार्थियों की संख्या = 2 (3)4 +4 (3)2 +4 x 3
= 2 x 81 + 4 × 9+ 12
= 162 + 36 + 12 = 210

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प्रश्न 5.
एक रेलगाड़ी की चाल (2x2 + x + 4) किमी प्रति घण्टा है। (UPBoardSolutions.com) ज्ञात कीजिए:
(i) वह 3x घण्टे में कितनी दूरी तय करेगी?
हल :
रेलगाड़ी की चाल = (2x2 + x +4) किमी/घण्टा
अत: 3x घण्टे में चली गई दूरी = (2x2 + x + 4) x 3x
= 6x2 + 3x2 + 12x किमी

(ii) यदि x = 5, तो उपर्युक्त समय में रेलगाड़ी की चली गई दूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
यदि x = 5 तो रेलगाड़ी द्वारा चली गई दूरी।
= 6x2 + 3x2 + 12x = 6 (5)3 +3 (5)2 + 12 x 5
= 6 × 125 + 3 × 25 + 60 = 750 + 75 + 60 = 885 किमी

प्रश्न 6.
एक न्याय पंचायत में 2x + 3 ग्राम सभाएँ हैं। (UPBoardSolutions.com) प्रत्येक ग्राम सभा में x+5x+6 नलकूप हैं। तो न्याय पंचायत में कुल कितने नलकूप हैं?
हल :
एक ग्राम सभा में नलकूपों की संख्या = x2+ 5x +6
(2x+3) ग्राम सभाओं में नलकूपों की संख्या = (x+ 5x +6) × (2x+3)
= 2x+ 10x2 + 12x + 3x2 + 15x + 18
= 2x2 + 13x2 + 27x + 18

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प्रश्न 7.
एक विकास खण्ड में 5x+3 विद्यालय में स्वच्छता के कारण प्रत्येक विद्यालय में (UPBoardSolutions.com) 5x-3 बालिकाएँ बढ़ जाती हैं। तो विकास खण्ड में कितनी बालिकाएँ बढ़ जाती हैं?
हल :
एक विद्यालय में स्वच्छता के कारण बालिकाएँ बढ़ जाती हैं = (5x – 3)
(5x+3) विद्यालय में स्वच्छता के कारण बालिकाएँ बढ़ जाती हैं = (5x – 3) (5x + 3)
= 25x2 – 15x + 15x – 9
= 25x– 9

प्रश्न 8.
बाल दिवस के अवसर पर x+5 विद्यालयों के बच्चों द्वारा वृक्षारोपण किया गया। (UPBoardSolutions.com) प्रत्येक विद्यालय के बच्चों ने x-5x+25 वृक्ष लगाए, तो बच्चों द्वारा कितने वृक्ष लगाए गए?
हल :
एक विद्यालय के बच्चों ने वृक्ष लगाए = x2 + 5x + 25
(x+5) विद्यालयों के बच्चों ने वृक्ष लगाए = (x2 – 5x + 25) × (x + 5)
= x3 -5x2 + 25x + 5x2 – 25x + 125
= x+ 125

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अभ्यास (c)

गुणनफल ज्ञात कीजिए।

प्रश्न 1.
(x + 2) (x + 5)
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प्रश्न 2.
(X – 4) (x + 7)
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 7
प्रश्न 3.
(x – 3) (x – 8) (UPBoardSolutions.com)
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 8

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प्रश्न 4.
(x2 + 5) (x2 – 7)
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 9
प्रश्न 5.
(3x + 8) (4x – 7)
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प्रश्न 6.
(5x – 3y) (3x + 4y)
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प्रश्न 7.
(x2 + 2xy + y2) (x – y) (UPBoardSolutions.com)
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 12

प्रश्न 8.
(2x2 + 3x – 7) (5x + 4)
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 13

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प्रश्न 9.
(x2 – xy + y2) (x + y) से गुना (UPBoardSolutions.com) कीजिए उतर की जाँच कीजिए ,यदि x = 3, y= 2
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 14

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प्रश्न 10.
(x2 + xy + y2) (x2 – xy + y2) से गुना कीजिए उतर की (UPBoardSolutions.com) जाँच कीजिए ,यदि x = 2, y= 1
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 15
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 16

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प्रश्न 11.
कविता ने पुस्तक विक्रेता से (3x + 7) कॉपियाँ खरीदीं। यदि प्रत्येक कॉपी का मूल्य (2x – 1) हो, तो।
(i) कुल कॉपियों का (UPBoardSolutions.com) मूल्य कितना है?
हल :
कॉपियों की संख्या = (3x +7)
प्रत्येक कॉपी का मूल्य = ₹ (2x – 1)
अतः कॉपियों का कुल मूल्य = (3x + 7) (2x – 1)
= 3x (2x – 1) +7 (2x – 1)
= 6x2 – 3x + 14x -7
= ₹ (6x2 + llx – 7)

(ii) यदि x = 5, तो कविता ने पुस्तक विक्रेता को कितने रुपये दिए?
हल :
यदि x = 5 हो, तो मूल्य = 6x2 + 11x – 7
= 6 (5)2 + 11 (5) -7
= 150 + 55-7
= 205 – 7 = ₹ 198

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अभ्यास 8 (d)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में समीकरण तथा सर्वसमिका (UPBoardSolutions.com) छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए।
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 17

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प्रश्न 2.
दिखाइए किः (UPBoardSolutions.com) (i) 3x (x +1) = 3x2 + 3x एक सर्वसमिका है।
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 18

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अभ्यास 8 (e)

सर्वसमिका (a + b)2 = a2 + 2ab + b2 की सहायता से मान (UPBoardSolutions.com) ज्ञात कीजिएः
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 19

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प्रश्न 7.
एक बाग में (x + 2y) पंक्तियाँ हैं। प्रत्येक पंक्ति में (x + 2y) (UPBoardSolutions.com) पेड़ लगे हैं। ज्ञात कीजिए

(i) बाग में कुल कितने पेड़ हैं?
हल :
बाग में पंक्तियाँ = (x + 2y)
प्रत्येक पंक्ति में पेड़ = (x + 2y)
अतः पेड़ों की कुल संख्या = (x + 2y) (x + 2y) = (x + 2y)2
= x2 + 2 × x × 2y + (2y)2 = x2 + 4xy + 4y2

(ii) यदि x = 3, y = 2, तो बाग में पेड़ों की कुल कितनी संख्या है?
हल :
यदि x = 3. y = 2 है, तो
पेड़ों की कुल संख्या = (x + 2y)2
= (3 + 2 x 2) = (3 +4) = (7)2 = 49

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प्रश्न 8.
एक वर्गाकार खेत की भुजा (3x +y) (UPBoardSolutions.com) मी लम्बी है। खेत का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
वर्गाकार खेत की भुजा = (3x + y)
खेत को क्षेत्रफल = ( भुजा)2
= (3x + y)2
= (3x)2 + 2x 3x Xy + (y)2
= (9x2 + 6xy + y2) मी2

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अभ्यास 8 (f)

सर्वसमिका (a-b)2 = a2 – 2ab + b2 की सहायता से मान ज्ञात कीजिए:
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 20

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प्रश्न 7.
एक वर्गाकार खेत की एक भुजा की माप (UPBoardSolutions.com) (3x – y) मी० है। खेत का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल : वर्गाकार खेत की भुजा = (3x -y)
खेत का क्षेत्रफल = (भुजा)2
= (3x -y)2
= (3x)2 -2 × 3x × y + (y)2
= (9x2 – 6xy + y2) मी2

प्रश्न 8.
एक खेत में (x – 2y) क्यारियाँ हैं। प्रत्येक (UPBoardSolutions.com) क्यारी में (x – 2y) पपीते के पौधे लगे हैं। ज्ञात कीजिए
(i) खेत में कितने पपीते के पौधे हैं?
हल :
क्यारियों की संख्या = (x – 2y)
प्रत्येक क्यारी में पौधों की संख्या = (x – 2y)
अतः खेत में पपीते के पौधों की संख्या = (x – 2y) (x- 2y)
= (x -2y)2
= x2 – 2 × x × 2y + (2y)2
= (x2 – 4xy + 4y2) पौधे ,

(ii) यदि x = 10, y=1, तो कुल पौधों की संख्या कितनी है?
हल :
यदि x = 10, y= 1 है, तो
पौधों की संख्या = x2 – 4xy + 4y2
= (10)2 -4x 10 x 1 +4 (1)2
= 100 -40 +4
= 64 पौधे

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प्रश्न 9.
(i)
एक कलम का मूल्य र (2x – y) है। इसी प्रकार की (2x – y) कलमों का मूल्य ज्ञात कीजिए।
हल :
1 कलम का मूल्य = (2x – y) रु०
(2x – y) कलमों का मूल्य = (2x -y) (2x -y) ,
= (2x -y)
= (2x)2 – 2 × 2x × y + (y)2
= ₹ (4x2 – 4xy + y2)

(ii) यदि x = 6, y = 2, तो (UPBoardSolutions.com) कुल कलमों का कितना मूल्य होगा?
हल :
यदि x = 6, y = 2 है, तो
कलमों का मूल्य = 4x2 – 4xy + y2
= 4 (6)2 – 4 × 6 × 2 + (2)2
= 144 – 48 + 4
= ₹ 100

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अभ्यास 8 (g)

सर्वसमिका (a + b) (a – b) = a2 – b2 का प्रयोग करके गुणनफल ज्ञात कीजिएः
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 21

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प्रश्न 5.
सर्वसमिका का प्रयोग कर (4x + 2y) (4x – 2y) (UPBoardSolutions.com) का मान ज्ञात कीजिए, उत्तर की जाँच कीजिए, यदि x = 2,y = 1.
हल :
(4x + 2y) (4x – 2y)
= (4x)2 – (2y)2
= 16x– 4y2

उत्तर की जाँच : यदि x = 2, y = 1 तो

L.H.S. (4x + 2y) (4x – 2y)
= (4 × 2 + 2 × 1) (4 × 2 – 2 × 1)
= (8 + 2) (8 – 2) = 10 × 6 = 60

R.H.S. 16x2 – 4y
= 16 (2)2 – 4 (1)2
= 64 – 4 = 60

⇒ L.H.S. = R.H.S.

प्रश्न 6.
एक आयताकार मैदान की लम्बाई (2x + 1) (UPBoardSolutions.com) मी तथा चौड़ाई (2x – 1) मी है। आयत का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
आयताकार मैदान की लम्बाई = (2x + 1) मी
आयताकार मैदान की चौड़ाई = (2x – 1) मी
आयताकार मैदार का क्षेत्रफल = (2x + 1) (2x – 1)
= (2x)2 – (1)2 = (4x2 – 1) मी2

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प्रश्न 7.
(i)
एक पुस्तक का मूल्य १ (3x + 1) है। इसी प्रकार की (3x – 1) पुस्तकों का मूल्य ज्ञाँत कीजिए।
हल :
एक पुस्तक का मूल्य = र (3x + 1)
(3x – 1) पुस्तकों का मूल्य = १ (3x + 1) (3x – 1)
= (3x)2 – (1)2 = ₹ (9x2 – 1)

(ii) यदि x = 3, तो पुस्तकों की संख्या कितनी होगी?
हल :
यदि x = 3 है, तो
पुस्तकों की संख्या = (3x – 1)
= (3 × 3 – 1) = 9 – 1 = 8

(iii) यदि x = 4, तो पुस्तकें खरीदने में (UPBoardSolutions.com) कुल कितने रुपये लगे?
हल :
यदि x = 4 है, तो
पुस्तकों का कुल मूल्य = 9x2 -1
[9 x (4)2 – 1] = [(9 x 16) – 1]
= 144-1 = ₹ 143

सर्वसमिकाओं का प्रयोग से निम्नलिखितँ के मान ज्ञात कीजिए:
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UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 22

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अभ्यास 8 (h)

सर्वसमिकाओं का प्रयोग करके निम्नांकित (UPBoardSolutions.com) के मान ज्ञात कीजिए:
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 23
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 24

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UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 25

दक्षता अभ्यास 8

निम्नांकित के गुणनफल ज्ञात कीजिए। (UPBoardSolutions.com)
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UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 27
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 28

सर्वसमिकाओं के प्रयोग से निम्नलिखित (UPBoardSolutions.com) के मान ज्ञात कीजिए।
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 29

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प्रश्न 19.
निम्नलिखित को सरल कीजिए:
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 30

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प्रश्न 20.
यदि (UPBoardSolutions.com) x + [latex]\frac { 1 }{ x }[/latex] = [latex]\frac { 10 }{ 3 }[/latex], तो x2 + [latex]\left( -\frac { 1 }{ x } \right) ^{ 2 }[/latex] का मान ज्ञात कीजिए।
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 31

प्रश्न 21. यदि x – [latex]\frac { 1 }{ x }[/latex] = [latex]\frac { 3 }{ 2 }[/latex] तो x2 + [latex]\left( -\frac { 1 }{ x } \right) ^{ 2 }[/latex] का मन ज्ञात कीजिए
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 32

UP Board Solutions
प्रश्न 22.
दिखाइये।
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 33

(b) (4mn + 3n)2 – (4mn – 3n)2 = 48 mn2
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 34

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(c) (a-b) (a + b) + (b-c) (b + c) + (e-a) (c+a) = 0 (UPBoardSolutions.com)
UP Board Solutions for Class 7 Maths Chapter 8 व्यंजकों का गुणनफल एवं सर्वसमिकाएँ 35

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UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 2 Market

UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 2 Market (बाजार) are part of UP Board Solutions for Class 12 Economics. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 2 Market (बाजार).

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Economics
Chapter Chapter 2
Chapter Name Market (बाजार)
Number of Questions Solved 50
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 2 Market (बाजार)

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (6 अंक)

प्रश्न 1
बाजार की परिभाषा दीजिए। विभिन्न प्रकार के बाजारों के लक्षणों की व्याख्या कीजिए।
या
बाजार को परिभाषित कीजिए। बाजार के मुख्य तत्त्व अथवा विशेषताएँ क्या हैं? बाजार में एक ही वस्तु की कीमत कैसे निर्धारित होती है?
उत्तर:
बाजार का अर्थ तथा परिभाषाएँ
साधारण बोलचाल की भाषा में बाजार शब्द से अभिप्राय किसी ऐसे स्थान विशेष से है जहाँ किसी वस्तु या वस्तुओं के क्रेता व विक्रेता एकत्र होते हैं तथा वस्तुओं का क्रय-विक्रय करते हैं, परन्तु अर्थशास्त्र में बाजार शब्द का अर्थ इससे भिन्न है। अर्थशास्त्र के अन्तर्गत बाजार शब्द से अभिप्राय उस समस्त क्षेत्र से है जहाँ तक किसी वस्तु के क्रेता व विक्रेता फैले होते हैं तथा उनमें स्वतन्त्र प्रतियोगिता होती है, जिसके कारण वस्तु के मूल्यों में एकरूपता की प्रवृत्ति पायी जाती है।

विभिन्न अर्थशास्त्रियों के द्वारा बाजार की परिभाषाएँ निम्नवत् दी गयी हैं
एली के अनुसार, “हम बाजार को अर्थ साधारण क्षेत्र से लगाते हैं जिसके अन्तर्गत किसी वस्तु-विशेष पर मूल्य निर्धारित करने वाली शक्तियाँ सक्रिय होती हैं।”
कूर्गों के शब्दों में, “अर्थशास्त्री ‘बाजार’ शब्द का अर्थ किसी ऐसे विशिष्ट स्थान से नहीं लगाते हैं जहाँ पर वस्तुओं का क्रय-विक्रय होता है, बल्कि उस समस्त क्षेत्र से लगाते हैं जिसमें क्रेताओं और विक्रेताओं के मध्य आपस में इस प्रकार का सम्पर्क हो कि किसी वस्तु का मूल्य सरलता एवं शीघ्रता से समान हो जाये।”
प्रो० जेवेन्स के अनुसार, “बाजार शब्द का अर्थ व्यक्तियों के किसी भी ऐसे समूह के लिए होता है जिसमें आपस में व्यापारिक सम्बन्ध हों तथा जो किसी वस्तु का विस्तृत सौदा करते हों।”
प्रो० चैपमैन – “बाजार शब्द आवश्यक रूप से स्थान का बोध नहीं करता, बल्कि वस्तु अथवा वस्तुओं तथा क्रेताओं एवं विक्रेताओं का ज्ञान कराता है, जिसमें पारस्परिक प्रतिस्पर्धा होती है।”
प्रो० बेन्हम – “बाजार वह क्षेत्र होता है, जिमसें क्रेता और विक्रेता एक-दूसरे के इतने निकट सम्पर्क में होते हैं कि एक भाग में प्रचलित कीमतों का प्रभाव दूसरे भाग में प्रचलित कीमतों पर पड़ता रहता है।’
स्टोनियर एवं हेग – “अर्थशास्त्री बाजार का अर्थ एक ऐसे संगठन से लेते हैं, जिसमें किसी वस्तु के क्रेता तथा विक्रेता एक-दूसरे के निकट सम्पर्क में रहते हैं।”
प्रो० जे० के० मेहता – “बाजार एक स्थिति को बताता है, जिसमें एक ऐसी वस्तु की माँग एक ऐसे स्थान पर का जाती है, जहाँ उसे विक्रय के लिए प्रस्तुत किया जाता है।”

बाजार के मुख्य तत्व (लक्षण/विशेषताएँ)
उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर बाजार में पाँच तत्त्वों का समावेश किया जाता है

1. एक क्षेत्र – बाजार से अर्थ उसे समस्त क्षेत्र से होता है जिसमें क्रेता व विक्रेता फैले रहते हैं तथा क्रय-विक्रय करते हैं।

2. एक वस्तु का होना – बाजार के लिए एक वस्तु का होना भी आवश्यक है। अर्थशास्त्र में प्रत्येक वस्तु का बाजार अलग-अलग माना जाता है; जैसे–कपड़ा बाजार, नमक बाजार, सर्राफा बाजार, किराना बाजार, घी बाजार। अर्थशास्त्र में बाजार की संख्या वस्तुओं के प्रकार तथा किस्मों पर निर्भर करती है।

3. क्रेताओं व विक्रेताओं का होना – विनिमय के कारण बाजार की आवश्यकता होती है। अतः बाजार में विनिमय के दोनों पक्षों (क्रेता व विक्रेता) का होना आवश्यक है। किसी एक भी पक्ष के न होने पर बाजार नहीं होगा।

4. स्वतन्त्र व पूर्ण प्रतियोगिता – बाजार में क्रेता और विक्रेताओं में स्वतन्त्र व पूर्ण प्रतियोगिता होनी चाहिए जिससे कि वस्तु की कीमत सम्पूर्ण बाजार में एकसमान बनी रह सके।

5. एक कीमत – बाजार की एक आवश्यक विशेषता यह भी है कि बाजार में किसी वस्तु की एक समय में एक ही कीमत हो। यदि कोई व्यापारी किसी वस्तु की एक ही समय में भिन्न-भिन्न कीमतें माँगता है तो क्रेता उससे माल नहीं खरीदेंगे। अत: बाजार में वस्तु की कीमत की प्रवृत्ति समान होने की होती है।

6. बाजार को पूर्ण ज्ञान – वस्तु का एक ही मूल्य हो, इसके लिए क्रेता-विक्रेता दोनों को ही बाजार का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। बाजार का अपूर्ण ज्ञान होने के कारण उनको वस्तुएँ उचित मूल्य पर प्राप्त होने में कठिनाई होती है।
उपर्युक्त विशेषताओं के आधार पर बाजार को इस प्रकार भी परिभाषित किया जा सकता है-“अर्थशास्त्र में बाजार का आशय किसी वस्तु के क्रेताओं एवं विक्रेताओं के ऐसे समूह से होता है, जिनमें स्वतन्त्र पूर्ण प्रतियोगिता हो तथा जिसके फलस्वरूप उस वस्तु की बाजार में एक ही कीमत हो।”

प्रश्न 2
बाजार की परिभाषा दीजिए। बाजार के वर्गीकरण की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।
या
बाजार को परिभाषित कीजिए। समय के आधार पर बाजार के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए। [2006, 08, 10, 11, 12]
उत्तर:
[ संकेत बाजार की परिभाषा के लिए विस्तृत उत्तरीय प्रश्न 1 के उत्तर को देखिए।]
बाजार का वर्गीकरण
अर्थशास्त्र में बाजार का वर्गीकरण निम्नलिखित दृष्टिकोणों से किया जाता है
(क) क्षेत्र की दृष्टि से,
(ख) समय की दृष्टि से,
(ग) बिक्री की दृष्टि से,
(घ) प्रतियोगिता की दृष्टि से,
(ङ) वैधानिकता की दृष्टि से।

(क) क्षेत्र की दृष्टि से
क्षेत्र की दृष्टि से बाजार के वर्गीकरण का आधार यह होता है कि वस्तु-विशेष के क्रेता व विक्रेता । कितने क्षेत्र में फैले हुए हैं। इस दृष्टिकोण से बाजार चार प्रकार का होता है

1. स्थानीय बाजार – जब किसी वस्तु की माँग स्थानीय होती है अथवा उसके क्रेता और विक्रेता किसी स्थान-विशेष तक ही सीमित होते हैं, तब उस वस्तु का बाजार स्थानीय होता है। प्रायः भारी एवं कम मूल्य वाली वस्तुओं तथा शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं का बाजार स्थानीय होता है; जैसे-ईंट, दूध, गोश्त, सब्जी आदि का बाजार स्थानीय होता है। परिवहन के विकास एवं वस्तुओं को सुरक्षित रखने के साधनों के विकास के कारण अब स्थानीय बाजार वाली वस्तुओं का बाजार धीरे-धीरे विकसित होकर प्रादेशिक बाजार का स्थान लेता जा रहा है।

2. प्रादेशिक बाजार – जब वस्तु के क्रेता और विक्रेता केवल एक ही प्रदेश तक सीमित हों तब ऐसा बाजार प्रादेशिक होता है। उदाहरण के लिए हमारे देश में राजस्थानी पगड़ी तथा लाख की चूड़ियाँ केवल राजस्थान में ही प्रयोग में लायी जाती हैं, अन्य राज्यों में नहीं। अत: इन वस्तुओं का बाजार प्रादेशिक कहा जाएगा।

3. राष्ट्रीय बाजार – जब किसी वस्तु का क्रय-विक्रय केवल उस राष्ट्र तक ही सीमित हो, जिस राष्ट्र में वह वस्तु उत्पन्न की जाती है तब वस्तु का बाजार राष्ट्रीय होगा। गांधी टोपी, जवाहरकट धोतियाँ आदि कुछ ऐसी वस्तुएँ हैं जिनका क्रय-विक्रय केवल भारत तक ही सीमित है; अत: इन वस्तुओं का बाजार राष्ट्रीय बाजार कहा जाता है।

4. अन्तर्राष्ट्रीय बाजार – जब किसी वस्तु के क्रेता-विक्रेता विश्व के विभिन्न राष्टों से वस्तुओं का क्रय-विक्रय करते हैं या जब किसी वस्तु की माँग देश व विदेश में हो तो उस वस्तु का बाजार अन्तर्राष्ट्रीय होता है; जैसे – सोना, चाँदी, चाय, गेहूं आदि वस्तुओं के बाजार अन्तर्राष्ट्रीय हैं।

(ख) समय की दृष्टि से
प्रो० मार्शल ने समय के अनुसार बाजार को चार वर्गों में विभाजित किया है

1. अति-अल्पकालीन बाजार या दैनिक बाजार – जब किसी वस्तु की माँग बढ़ने से उसका लेशमात्र भी सम्भरण (पूर्ति) बढ़ाने का समय नहीं मिलता, तब ऐसे बाजार को अति-अल्पकालीन बाजार कहते हैं अर्थात् पूर्ति की मात्रा केवल भण्डार तक ही सीमित होती है। इसे दैनिक बाजार भी कहते हैं। शीघ्र नष्ट हो जाने वाली वस्तुओं – दूध, सब्जी, मछली, बर्फ आदिका बाजार अति-अल्पकालीन होता है।

2. अल्पकालीन बाजार – अल्पकालीन बाजार में माँग और पूर्ति के सन्तुलन के लिए कुछ समय मिलता है, किन्तु यह पर्याप्त नहीं होता। पूर्ति में माँग के अनुसार कुछ सीमा तक घट-बढ़ की जा सकती है, किन्तु यह पर्याप्त नहीं होती। यद्यपि पूर्ति का मूल्य-निर्धारण में प्रभाव अति अल्पकालीन बाजार की अपेक्षा अधिक होता है, किन्तु फिर भी माँग की अपेक्षा कम ही रहता है।

3. दीर्घकालीन बाजार – जब किसी वस्तु का बाजार कई वर्षों के लम्बे समय के लिए होता है, तो उसे दीर्घकालीन बाजार कहते हैं। दीर्घकालीन बाजार में वस्तु की माँग में होने वाली वृद्धि इतने समय तक रहती है कि पूर्ति को बढ़ाकर माँग के बराबर करना सम्भव होता है। इस प्रकार के बाजार में माँग और पूर्ति का पूर्ण साम्य स्थापित किया जा सकता है। दीर्घकालीन बाजार में मूल्य-निर्धारण पर माँग की अपेक्षा पूर्ति का अधिक प्रभाव पड़ता है और वस्तु का मूल्य उसके उत्पादन व्यय के बराबर होता है।

4. अति-दीर्घकालीन बाजार – अति-दीर्घकालीन बाजार में उत्पादकों को पूर्ति बढ़ाने के लिए इतना लम्बा समय मिल जाता है कि उत्पादन विधि तथा व्यवसांय की आन्तरिक व्यवस्था में क्रान्तिकारी परिवर्तन किये जा सकते हैं। ऐसे बाजार में पूर्ति को स्थायी रूप से माँग के बराबर किया जा सकता है। इस बाजार में समय की अवधि इतनी अधिक होती है कि उत्पादक उपभोक्ता के स्वभाव, रुचि, फैशन आदि के अनुरूप उत्पादन कर सकता है। इसके लिए नये-नये उद्योग स्थापित किये जा सकते हैं तथा उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।

(ग) बिक्री अथवा कार्यों की दृष्टि से
बिक्री की दृष्टि से या कार्यों के आधार पर बाजार का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार किया गया है।

1. सामान्य अथवा मिश्रित बाजा र- मिश्रित बाजार उस बाजार को कहते हैं जिसमें अनेक एवं विविध प्रकार की वस्तुओं का क्रय-विक्रय होता है। यहाँ क्रेताओं को प्रायः आवश्यकता की सभी वस्तुएँ उपलब्ध हो जाती हैं।

2. विशिष्ट बाजार –
विशिष्ट बाजार वे बाजार होते हैं जहाँ किसी वस्तु-विशेष का क्रय-विक्रय होता है; जैसे–सर्राफा बाजार, बाजार बजाजा, दालमण्डी, गुड़मण्डी आदि। इस प्रकार के बाजार प्रायः बड़े-बड़े नगरों में पाये जाते हैं।

3. नमूने द्वारा बिक्री का बाजार –
ऐसे बाजार में विक्रेता को अपना सम्पूर्ण माल नहीं ले जाना पड़ता है, वह माल को देखकर सौदा तय करते हैं तथा सौदा तय होने पर माल गोदामों से भिजवा देते हैं। इससे बाजारों का विस्तार होता है। क्रेता अपने घर बैठे ही नमूना देखकर तथा उसमें चुनाव करके, बहुत-सा सामान मँगा लेता है।

4. ग्रेड द्वारा बिक्री का बाजार – इस प्रकार के बाजार में वस्तुओं की बिक्री उनके विशेष नाम अथवा ग्रेड द्वारा होती है। विक्रेता को न तो वस्तुओं के नमूने दिखाने पड़ते हैं और न ही क्रेता को कुछ बताना पड़ता है। उदाहरण के लिए-गेहूँ R. R. 21, K-68, फिलिप्स रेडियो, हमाम साबुन आदि।

5. निरीक्षण बाजार- जहाँ वस्तुओं का निरीक्षण करके क्रय किया जाता है उसे निरीक्षण द्वारा बिक्री का बाजार कहते हैं; जैसे-गाय, बैल, भेड़, बकरी, घोड़े आदि का बाजार।

6. ट्रेडमार्का बिक्री बाजार – बिक्री की सुविधा के लिए बहुत-से व्यापारियों के माल व्यापार-चिह्न के आधार पर बिक्री होते हैं; जैसे-बिरला सीमेण्ट, उषा मशीन, लिरिल साबुन, मदन कैंची आदि। जब ट्रेडमार्क द्वारा वस्तु की बिक्री की जाती है तो इसे ट्रेडमार्का बाजार कहते हैं।

(घ) प्रतियोगिता की दृष्टि से
प्रतियोगिता के आधार पर बाजार निम्नलिखित प्रकार के होते हैं

1. पूर्ण बाजार – पूर्ण बाजार उस बाजार को कहते हैं जिसमें पूर्ण प्रतियोगिता पायी जाती है। इस स्थिति में क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या अधिक होती है, कोई भी व्यक्तिगत रूप से वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता। क्रेता और विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है, जिसके कारण वस्तु की बाजार में एक ही कीमत होने की प्रवृत्ति पायी जाती है। यदि किसी स्थान पर मूल्य में भिन्नता होती है तो दूसरे स्थान से वहाँ तुरन्त माल आ जाता है और सबै स्थानों पर मूल्य समान हो जाता है।

2. अपूर्ण बाजार – जब किसी बाजार में प्रतियोगिता सीमित मात्रा में पायी जाती है, क्रेताओं और विक्रेताओं को बाजार को पूर्ण ज्ञान नहीं होता है, तब उसे अपूर्ण बाजार कहते हैं। इस बाजार में अपूर्ण प्रतियोगिता पायी जाती है, जिसके परिणामस्वरूप बाजार-कीमत में भिन्नता होती है।

3. एकाधिकार – एकाधिकार बाजार में प्रतियोगिता का अभाव होता है। बाजार में वस्तु का क्रेता या विक्रेता केवल एक ही होता है। एकाधिकारी का वस्तु की कीमत तथा पूर्ति पर पूर्ण नियन्त्रण होता है। एकाधिकारी बाजार में वस्तु की भिन्न-भिन्न कीमतें निश्चित कर सकता है।

(ङ) वैधानिकता की दृष्टि से
वैधानिक दृष्टि से बाजार निम्नलिखित प्रकार के होते हैं

1. अधिकृत या उचित बाजार – अधिकृत बाजार में सरकार द्वारा अधिकृत दुकानें होती हैं तथा वस्तुओं का क्रय-विक्रय नियन्त्रित मूल्यों पर होता है। युद्धकाल अथवा महँगाई के समय में वस्तुओं की कीमतें अधिक हो जाती हैं। ऐसी दशा में सरकार आवश्यक वस्तुओं का मूल्य नियन्त्रित कर देती है। और उनके उचित वितरण की व्यवस्था करती है।

2. चोर बाजार – युद्धकाल अथवा महँगाई के समय में, वस्तुओं की कमी एवं अन्य कारणों से वस्तुओं के मूल्य बढ़ जाते हैं। तब सरकार वस्तुओं के मूल्य नियन्त्रित कर उनके वितरण की व्यवस्था करती है। कुछ दुकानदार चोरी से सरकार द्वारा निश्चित मूल्य से अधिक मूल्य पर वस्तुएँ बेचते रहते हैं। अधिकांशतः ऐसा कार्य अनधिकृत दुकानदार ही करते हैं। ये बाजार अवैध होते हैं।

3. खुला बाजार – जब बाजार में वस्तुओं के मूल्य पर सरकार द्वारा कोई नियन्त्रण नहीं होता है। तथा क्रेताओं और विक्रेताओं की परस्पर प्रतियोगिता के आधार पर वस्तुओं का मूल्य-निर्धारण होता है, तब इस प्रकार के बाजार को खुला या स्वतन्त्र बाजार कहते हैं।

प्रश्न 3
वस्तु बाजार को विस्तृत करने वाले तत्त्वों (कारकों) का वर्णन कीजिए। [2016]
या
बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले तत्त्वों (कारकों) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले तत्त्व (कारक)
वस्तु के बाजार का विस्तार निम्नलिखित दो बातों पर निर्भर करता है
(अ) वस्तु के गुण तथा
(ब) देश की आन्तरिक दशाएँ।

(अ) वस्तु के गुण
किसी वस्तु के गुण उस वस्तु के बाजार-विस्तार को निम्नवत् प्रभावित करते हैं

1. वस्तु की विस्तृत माँग – किसी वस्तु के बाजार का विस्तृत अथवा संकुचित होना उस वस्तु की माँग पर निर्भर करता है। जिस वस्तु की माँग जितनी अधिक विस्तृत होती है उस वस्तु का बाजार उतना ही विस्तृत होता है। उदाहरण के लिए-गेहूँ, सोना, चाँदी आदि वस्तुओं की माँग विश्वव्यापी होने से इनका बाजार अन्तर्राष्ट्रीय है।

2. वस्तु की पर्याप्त पूर्ति – वस्तु के बाजार-विस्तार के लिए वस्तु की पूर्ति माँग के अनुरूप होनी आवश्यक है। यदि किसी वस्तु की माँग अधिक है और पूर्ति कम है तब वस्तु का बाजार विस्तृत नहीं हो सकेगा। इसलिए वस्तु की पर्याप्त पूर्ति बाजार के विस्तार को प्रभावित करती है।

3. वस्तु का टिकाऊपन – टिकाऊ वस्तुओं का बाजार क्षेत्र विस्तृत होता है। इसके विपरीत शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं का बाजार संकुचित होता है। उदाहरणार्थ-सोना वे चॉदी का बाजार दूध व सब्जी के बाजार से अधिक विस्तृत होती है।

4. वहनीयता – जिन वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सरलतापूर्वक ले जाया जा सकता है, उनका बाजार विस्तृत होता है। जिन वस्तुओं का मूल्य अधिक होता है परन्तु भार एवं तौल में बहुत कम होती हैं, उनका बाजार विस्तृत होता है। ऐसी वस्तुओं को लाने में ले जाने का यातायात व्यय कम होता है।

5. वस्तु को ग्रेड या नमूनों में बाँटने की सुविधा – जिन वस्तुओं का उनके गुणों के आधार पर विभिन्न प्रकारों व ग्रेडों में वर्गीकरण किया जा सकता है, उन वस्तुओं का बाजार विस्तृत हो जाता है। इस प्रकार की वस्तुओं के ट्रेडमार्क निश्चित करके उनका विज्ञापन कर, उस वस्तु की मॉग देश-विदेश में उत्पन्न की जा सकती है।

6. वस्तु का स्थानापन्न न होना – बाजार में यदि किसी वस्तु के अधिक स्थानापन्न विद्यमान हैं। तब उस वस्तु का बाजार संकीर्ण होगा। इसके विपरीत यदि वस्तु को स्थानापन्न विद्यमान नहीं है तब उस वस्तु का बाजार विस्तृत होगा।

7. वस्तु का विशेष उपयोग एवं फैशन – किसी वस्तु का उपयोग किसी कार्य-विशेष के लिए होने लगने पर वस्तु को बाजार विस्तृत हो जाता है; जैसे-टेलीफोन आदि। इसके अतिरिक्त यदि कोई वस्तु फैशन में आ जाती है तो उस वस्तु का बाजार भी विस्तृत हो जाता है; जैसे-आज फैशन के युग में क्रीम, पाउडर व चाय आदि का उपयोग निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इसके विपरीत, उन वस्तुओं का बाजार स्वतः सीमित हो जाता है, जो वस्तुएँ प्रचलन में नहीं रहती।।

(ब) देश की आन्तरिक दशाएँ
वस्तु के बाजार के विस्तार को देश की आन्तरिक दशाएँ निम्नवत् प्रभावित करती हैं

1. अन्तर्राष्ट्रीय मैत्री एवं सहयोग – किसी वस्तु का बाजार विस्तृत होने के लिए आवश्यक है। कि विभिन्न राष्ट्रों में परस्पर सहयोग एवं मित्रता की भावना हो। यदि एक देश दूसरे देश के आयात एवं निर्यात को प्रोत्साहित करता है तब वस्तु का बाजार विस्तृत होगा। आज अन्तर्राष्ट्रीय बाजार का विस्तार तथा विकास होता जा रहा है।

2. यातायात के साधन व उत्तम संचार-व्यवस्था – यदि देश में यातायात व संचार के अच्छे, सस्ते व विकसित साधन उपलब्ध हैं तो बाजार का विस्तार होता है, क्योंकि इन साधनों के द्वारा किसी एक स्थान-विशेष पर उत्पन्न वस्तु को न केवल स्थानीय बाजारों में, वरन् देश-विदेश में भेजा जा सकता है।

3. देश में शान्ति, सुरक्षा तथा सुव्यवस्थित शासन-व्यवस्था – जब देश में सर्वत्र शान्ति एवं सुरक्षा होती है तथा शासन-व्यवस्था उत्तम होती है तब व्यापारियों में व्यापार के प्रति विश्वास व उत्साह बना रहता है, जिसके परिणामस्वरूप वस्तुओं का बाजार विस्तृत हो जाता है।

4. उत्पादकों व व्यापारियों में विश्वास व नैतिकता – आज के युग में अधिकांश व्यापारिक कार्य विश्वास पर आधारित होते हैं। व्यापारिक भुगतान नकद न होकर चेक या बिल ऑफ एक्सचेंज के द्वारा होते हैं। ऐसी स्थिति में देश के उत्पादक व व्यापारी एक-दूसरे की साख पर विश्वास करके ही लेन-देन करते हैं। यदि वह विश्वास समाप्त हो जाए तो व्यापार का क्षेत्र संकुचित हो जाएगा। अतः विस्तृत बाजार के लिए उत्पादकों व व्यापारियों का चरित्रवान् व ईमानदार होना आवश्यक है।

5. कुशल मुद्रा व बैकिंग प्रणाली – किसी वस्तु के बाजार का विस्तार अच्छी बैंकिंग प्रणाली तथा मुद्रा प्रणाली पर निर्भर करता है। मुद्रा मूल्य में स्थिरता होनी चाहिए तथा बीमा-व्यवस्था का भी प्रबन्ध होना चाहिए, जिससे कि जो माल एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाए, उसका बीमा करायो जा सके। जिस देश में बैंकिंग, मुद्रा तथा बीमा की व्यवस्था उत्तम है, उस देश में वस्तुओं के बाजार विस्तृत होते हैं।

6. व्यापार के आधुनिक एवं वैज्ञानिक ढंग – आधुनिक युग में व्यापार वैज्ञानिक ढंग से किया जाता है, अतः जिस देश में वस्तुओं का विज्ञापन, प्रचार व प्रसार नई व आधुनिक प्रणाली से समाचार-पत्रों, रेडियो, टेलीविजन आदि के द्वारा किया जाता है, उस देश में वस्तुओं का बाजार विस्तृत हो जाता है।

7. सरकार की व्यापारिक नीति – वस्तु के बाजार-विस्तार पर सरकार की व्यापारिक नीति का पर्याप्त प्रभाव पड़ता है। स्वतन्त्र व्यापार नीति के परिणामस्वरूप अनेक वस्तुओं के बाजार विस्तृत हो जाएँगे। इसके विपरीत संरक्षण की नीति में वस्तुओं का बाजार संकुचित रहेगा। अतः यदि सरकार की व्यापार नीति अनुकूल है और कर अधिक नहीं हैं तो बाजार विस्तृत किया जा सकता है।

8. पैकिंग का ढंग व शीत भण्डार की व्यवस्था – शीत भण्डार-गृहों की उचित व्यवस्था होने पर क्षयशील वस्तुओं को दीर्घकाल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। वस्तुओं को उत्तम पैकिंग-व्यवस्था के द्वारा दूर-दूर स्थानों तक भेजा जा सकता है। ऐसी स्थिति में वस्तुओं का बाजार विस्तृत होगा।

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1
क्षेत्र के आधार पर बाजार का वर्गीकरण कीजिए। [2012, 13, 14]
उत्तर:
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 2 के उत्तर में देखें।

प्रश्न 2
समय की दृष्टि से बाजार का वर्गीकरण कीजिए। [2008, 14, 15]
उत्तर:
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 2 के उत्तर में देखें।।

प्रश्न 3 प्रतियोगिता के आधार पर बाजारों का वर्गीकरण कीजिए। [2013, 14]
उत्तर:
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 2 के उत्तर में देखें।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1
पूर्ण प्रतियोगी बाजार की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। [2008]
उत्तर:
पूर्ण प्रतियोगी बाजार की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1.  क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या अधिक होती है।
  2. व्यक्तिगत रूप से कोई भी वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता।
  3.  क्रेता और विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है।
  4.  पूर्ण प्रतियोगी बाजार में वस्तु की एक ही कीमत होने की प्रवृत्ति पायी जाती है।

प्रश्न 2
किसी वस्तु के बाजार को प्रभावित करने वाले तत्वों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
वस्तु के बाजार का विस्तार निम्नलिखित दो बातों पर निर्भर करता है
(क) वस्तु के गुण – किसी वस्तु के गुणों का प्रभाव बाजार पर पड़ता है जो अग्रवत् है

  1.  वस्तु की विस्तृत माँग।
  2.  वस्तु की पर्याप्त पूर्ति।
  3. वस्तु का टिकाऊपन।
  4. वहनीयता।
  5. वस्तुओं को ग्रेड या नमूनों में बाँटने की सुविधा
  6. वस्तु का स्थानापन्न न होना।
  7. वस्तु का विशेष उपयोग एवं फैशन।

(ख) देश की आन्तरिक दशाएँ

  1. अन्तर्राष्ट्रीय मैत्री एवं सहयोग।
  2. यातायात के साधन व उत्तम संचार-व्यवस्था।
  3. देश में शान्ति, सुरक्षा तथा सुव्यवस्थित शासन-व्यवस्था।
  4. उत्पादकों एवं व्यापारियों में विश्वास व नैतिकता।
  5. कुशल मुद्रा व बैंकिंग प्रणाली
  6.  सरकार की व्यापारिक नीति।
  7.  पैकिंग का ढंग व शीत भण्डार की व्यवस्था।

प्रश्न 3
बाजार के आवश्यक तत्त्व बताइए।
या
बाजार की दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। [2010, 11]
उत्तर:
बाजार के आवश्यक तत्त्व निम्नलिखित हैं।

  1.  एक क्षेत्र – वह समस्त क्षेत्र जिसमें किसी वस्तु के क्रेता व विक्रेता क्रय-विक्रय करते हैं।
  2. एक वस्तु – अर्थशास्त्र में प्रत्येक वस्तु का बाजार अलग-अलग माना जाता है। बाजार के लिए एक वस्तु का होना आवश्यक है।
  3.  क्रेता व विक्रेताओं का होना – बाजार में क्रेता व विक्रेताओं का होना आवश्यक है। इसके अभाव में बाजार नहीं हो सकता है।
  4. स्वतन्त्र प्रतियोगिता – बाजार में क्रेताओं और विक्रेताओं में स्वतन्त्र प्रतियोगिता होनी चाहिए।
  5. एक कीमत – बाजार में वस्तु की कीमत की प्रवृत्ति समान होनी चाहिए।

प्रश्न 4
किसी वस्तु के बाजार को विस्तृत बनाने वाले किन्हीं दो प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
या
बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले दो तत्त्व बताइए।
उत्तर:
वस्तु के बाजार को विस्तृत करने वाले तत्त्व निम्नलिखित हैं।

  1. यातायात व सन्देशवाहन के साधन – किसी वस्तु के बाजार के विस्तार के लिए देश में यातायात व सन्देशवाहन के अच्छे, सस्ते व विकसित साधनों का उपलब्ध होना आवश्यक है।
  2.  वस्तु की विस्तृत मॉग – किसी वस्तु के बाजार के विस्तार के लिए वस्तु की मॉग विस्तृत होनी चाहिए।
  3. टिकाऊपन – बाजार के विस्तार के लिए वस्तु को टिकाऊ होना चाहिए।

प्रश्न 5
क्षेत्र के आधार पर बाजार का विभाजन कीजिए। [2010]
उत्तर:
क्षेत्र के आधार पर बाजार को निम्नलिखित बाजारों में विभाजित किया जा सकता है

  1.  स्थानीय बाजार,
  2. प्रादेशिक बाजार,
  3. राष्ट्रीय बाजार,
  4. अन्तर्राष्ट्रीय बाजार।

निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
बाजार की परिभाषा दीजिए। [2015]
या
अर्थशास्त्र में बाजार से क्या तात्पर्य होता है?
उत्तर:
कून के शब्दों में, “अर्थशास्त्र में ‘बाजार’ शब्द का अर्थ किसी ऐसे विशिष्ट स्थान से नहीं लगाते हैं जहाँ पर वस्तुओं का क्रय-विक्रय होती है, बल्कि उस समस्त क्षेत्र से लगाते हैं जिसमें क्रेताओं और विक्रेताओं के मध्य आपस में इस प्रकार का सम्पर्क हो कि किसी वस्तु का मूल्य सरलता एवं शीघ्रता से समान हो जाए।”

प्रश्न 2
अति-अल्पकालीन बाजार क्या है ? [2010]
उत्तर:
जब किसी वस्तु की माँग बढ़ने से उसका लेशमात्र भी सम्भरण (पूर्ति) बढ़ाने का समय नहीं मिलता तब ऐसे ब्राजार को अति-अल्पकालीन बाजार कहते हैं अर्थात् पूर्ति की मात्रा केवल भण्डार तक ही सीमित होती है। इसे दैनिक बाजार भी कहते हैं। शीघ्र नष्ट हो जाने वाली वस्तुओं – दूध, सब्जी, मछली, बर्फ आदि – का बाजार अति-अल्पकालीन बाजार होता है।

प्रश्न 3
एकाधिकार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
जिस बाजार में वस्तु का केवल एक उत्पादक या विक्रेता होता है, उसे एकाधिकार बाजार कहते हैं। एकाधिकार बाजार प्रतियोगितारहित बाजार होता है। इसमें एकाधिकारी (Monopolist) अपनी वस्तु की कीमत अपनी इच्छानुसार निर्धारित करता है।

प्रश्न 4
पूर्ण बाजार की तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:

  1.  पूर्ण बाजार में क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या अधिक होती है।
  2. क्रेताओं और विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है।
  3. पूर्ण बाजार में वस्तु की कीमत की प्रवृत्ति एकसमान होती है।

प्रश्न 5
अल्पकालीन बाजार से क्या आशय है? [2006]
उत्तर:
अल्पकालीन बाजार में माँग और पूर्ति में सन्तुलन के लिए कुछ समय मिलता है, किन्तु यह पर्याप्त नहीं होता। पूर्ति में माँग के अनुसार कुछ सीमा तक घट-बढ़ की जा सकती है, किन्तु यह पर्याप्त नहीं होती।

प्रश्न 6
पूर्ण प्रतियोगी बाजार से आप क्या समझते हैं? [2006]
उत्तर:
ऐसा बाजार जिसमें क्रेताओं व विक्रताओं की संख्या अधिक होती है तथा व्यक्तिगत रूप से कोई भी वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता।

प्रश्न 7
दीर्घकालीन बाजार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जब किसी वस्तु का बाजार कई वर्षों के लम्बे समय के लिए होता है, तो उसे दीर्घकालीन बाजार कहते हैं। ऐसे बाजार में माँग की अपेक्षा पूर्ति का अधिक प्रभाव पड़ता है तथा वस्तु का मूल्य उसके उत्पादन व्यय के बराबर होता है।

प्रश्न 8
अपूर्ण प्रतियोगी बाजार की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [2008]
उत्तर:

  1.  सीमित मात्रा में प्रतियोगिता।
  2. बाजार कीमत में भिन्नता।
  3. क्रेताओं व विक्रताओं को भिन्नता बाजार का अपूर्ण ज्ञान।

प्रश्न 9
बाजार की किस दशा में वस्तु की कीमत उत्पादन लागत के बराबर होती है ?
उत्तर:
पूर्ण बाजार में।

प्रश्न 10
भौगोलिक दृष्टि से सोने-चाँदी का बाजार कैसा होता है ?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय बाजार।

प्रश्न 11
बाजार में किस प्रकार के बाजार के अन्तर्गत कीमत-स्तर स्थिर होता है ?
उत्तर:
पूर्ण बाजार के अन्तर्गत।

प्रश्न 12
जब बाजार में प्रतियोगिता सीमित मात्रा में हो, वह कैसा बाजार कहलाएगा ?
उत्तर:
अपूर्ण बाजार।।

प्रश्न 13
जब बाजार में प्रतियोगिता का अभाव हो तो उस बाजार को किस प्रकार का बाजार कहते हैं?
उत्तर:
एकाधिकार बाजार।

प्रश्न 14
किस प्रकार के बाजार में वस्तुओं का क्रय-विक्रय नियन्त्रित मूल्यों पर होता है ?
उत्तर:
अधिकृत या वैधानिक बाजार में।

प्रश्न 15
पूर्ण बाजार की दो आवश्यक दशाएँ लिखिए।
उत्तर:
(1) क्रेता-विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है।
(2) पूर्ण प्रतियोगिता पायी जाती है।

प्रश्न 16
आर्थिक बाजार के दो आवश्यक गुण बताइए।
उत्तर:
(1) क्रेता तथा विक्रेताओं का होना।
(2) परस्पर प्रतियोगिता का पाया जाना।

प्रश्न 17
“बाजार किसी स्थान को नहीं बताता, वरन वह किसी वस्तु अथवा वस्तुओं तथा उनके ग्राहकों और विक्रेताओं की ओर संकेत करता है, जो एक-दूसरे के साथ सीधी प्रतियोगिता करते हों।” यह परिभाषा किस अर्थशास्त्री की है ?
उत्तर:
चैपमैन की।

प्रश्न 18
वस्तु-विभेद किस बाजार का प्रमुख लक्षण होता है? [2011, 13]
उत्तर:
वस्तु-विभेद अपूर्ण प्रतियोगिता वाले बाजार का प्रमुख लक्षण है।

प्रश्न 19
अण्डे के बाजार को किस वर्गीकरण में रखा जाएगा?
उत्तर:
स्थानीय बाजार।

प्रश्न 20
गेहूँ व सब्जियों के बाजार को क्षेत्र के आधार पर कौन-से बाजार की संज्ञा दी जाती है?
उत्तर:
स्थानीय बाजार।

प्रश्न 21
एकाधिकारी बाजार का अर्थ लिखिए। [2016]
उत्तर:
जिस बाजार में वस्तु का केवल एक उत्पादक या विक्रेता होता है, उसे एकाधिकारी बाजार कहते हैं।

प्रश्न 22
किस बाजार में एक फर्म की औसत आगम उसकी सीमान्त आगम के बराबर होती है ? [2010]
उत्तर:
पूर्ण प्रतियोगिता के बाजार में।

प्रश्न 23
एकाधिकारी के अन्तर्गत कितने उत्पादक होते हैं? [2016]
उत्तर:
केवल एक।

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
सोने एवं चाँदी का बाजार होता है
(क) दैनिक
(ख) अल्पकालीन
(ग) दीर्घकालीन
(घ) अति-दीर्घकालीन
उत्तर:
(घ) अति-दीर्घकालीन।

प्रश्न 2
सोने-चाँदी का बाजार है
(क) स्थानीय बाजार
(ख) प्रादेशिक बाजार
(ग) राष्ट्रीय बाजार
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार
उत्तर:
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार।

प्रश्न 3
सामान्यतः ईंट का बाजार होता है [2012]
(क) स्थानीय बाजार
(ख) प्रादेशिक बाजार
(ग) राष्ट्रीय बाजार
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार
उत्तर:
(क) स्थानीय बाजार।

प्रश्न 4
नेहरू जी की आत्मकथा’ पुस्तक का बाजार है
(क) स्थानीय बाजार
(ख) प्रादेशिक बाजार
(ग) राष्ट्रीय बाजार
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार
उत्तर:
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार।

प्रश्न 5
निम्नलिखित में से किस बाजार में औसत आगम एवं सीमान्त आगम सदैव बराबर होता है? [2015]
या
AR = MR निम्नलिखित में से किस व्यापार की एक आवश्यक दशा है? [2012]
(क) एकाधिकार बाजार
(ख) पूर्ण प्रतियोगिता का बाजार
(ग) अपूर्ण प्रतियोगिता का बाजार
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) पूर्ण प्रतियोगिता का बाजार।

प्रश्न 6
‘जब वस्तुओं की माँग बढ़ने पर इतना समय मिल जाए कि उत्पादकों द्वारा उत्पादन में वृद्धि करके पूर्ति को माँग के अनुसार बढ़ाया जा सके ऐसे बाजार को कहते हैं
(क) अति-अल्पकालीन बाजार
(ख) अति-दीर्घकालीन बाजार
(ग) दीर्घकालीन बाजार
(घ) अल्पकालीन बाजार
उत्तर:
(ख) अति-दीर्घकालीन बाजार।

प्रश्न 7
पूर्ण बाजार की विशेषताएँ हैं।
(क) क्रेताओं और विक्रेताओं की अधिक संख्या
(ख) गलाकाट प्रतियोगिता
(ग) (क) और (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) (क) और (ख) दोनों।

प्रश्न 8
बाजार का विस्तार होता है
(क) आतंकवाद से
(ख) असुरक्षा से
(ग) अशान्ति से
(घ) देश में शान्ति एवं सुरक्षा से
उत्तर:
(घ) देश में शान्ति एवं सुरक्षा से।

प्रश्न 9
अति-दीर्घकालीन बाजार में पूर्ति का स्वरूप हो सकता है
(क) पूर्ति को स्थायी रूप से माँग के बराबर किया जा सकता है।
(ख) पूर्ति को माँग के बराबर नहीं बढ़ाया जा सकता है।
(ग) पूर्ति को माँग के अनुसार बढ़ाने के लिए समय नहीं मिल पाता है।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(क) पूर्ति को स्थायी रूप से माँग के बराबर किया जा सकता है।

प्रश्न 10
पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति है
(क) वास्तविक
(ख) काल्पनिक
(ग) वास्तविक और काल्पनिक
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) काल्पनिक।

प्रश्न 11
अपूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति उत्पन्न होने का कारण है
(क) क्रेता और विक्रेताओं की संख्या का अधिक होना
(ख) क्रेता तथा विक्रेताओं की कम संख्या होना।
(ग) क्रेता तथा विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होना
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) क्रेता तथा विक्रेताओं की कम संख्या होना।

प्रश्न 12
निम्नलिखित में से कौन-सी पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की विशेषता नहीं है?
(क) क्रेताओं-विक्रेताओं की संख्या अत्यधिक होना
(ख) वस्तु का समरूप होना
(ग) फर्मों के प्रवेश एवं बहिर्गमन की स्वतन्त्रता
(घ) विज्ञापन एवं गैर-कीमत प्रतियोगिता का होना
उत्तर:
(घ) विज्ञापन एवं गैर-कीमत प्रतियोगिता का होना।

प्रश्न 13
समान कीमत किस बाजार की विशेषता है? [2007]
(क) एकाधिकार
(ख) पूर्ण प्रतियोगिता
(ग) एकाधिकारिक प्रतियोगिता
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) पूर्ण प्रतियोगिता।

प्रश्न 14
वस्तु-विभेद किस बाजार में पाया जाता है? [2007, 13]
(क) पूर्ण प्रतियोगिता
(ख) एकाधिकार
(ग) अपूर्ण प्रतियोगिता
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) एकाधिकार।

प्रश्न 15
पूर्ण प्रतियोगी बाजार में [2006]
(क) सीमान्त आगम से औसत आगम अधिक होती है।
(ख) सीमान्त आगम से औसत आगम कम होती है।
(ग) सीमान्त आगम औसत आगम के समान होती है।
(घ) औसत आगम और सीमान्त आगम में कोई सम्बन्ध नहीं होता है।
उत्तर:
(ग) सीमान्त आगम औसत आगम के समान होती है।

प्रश्न 16
किसी शहर की दूध-मण्डी, उदाहरण है [2007]
(क) स्थानीय बाजार का
(ख) स्थानीय प्रतियोगी बाजार का
(ग) स्थानीय प्रतियोगी अल्पकालीन बाजार का
(घ) स्थानीय प्रतियोगी अल्पकालीन विशिष्ट बाजार का
उत्तर:
(घ) स्थानीय प्रतियोगी अल्पकालीन विशिष्ट बाजार का।

प्रश्न 17
बाजार की शक्तियों से क्या अभिप्राय है? [2014]
(क) माँग और पूर्ति
(ख) माँग और कीमत
(ग) पूर्ति और कीमत
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) माँग और पूर्ति।

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