UP Board Solutions for Class 10 Hindi पाठ्य-पुस्तक में संकलित लेखक और उनकी रचनाएँ

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पाठ्य-पुस्तक में संकलित लेखक और उनकी रचनाएँ

S.No.    लेखक     –     रचना    –    विधा

1. रामचन्द्र शुक्ल – चिन्तामणि [2010, 12, 14;16] – निबन्ध

2.रामचन्द्र शुक्ल – रस-मीमांसा [2011, 13, 14, 16, 17] – आलोचना

3. रामचन्द्र शुक्ल – हिन्दी-साहित्य (UPBoardSolutions.com) को इतिहास [2010, 12] – आलोचना

4. रामचन्द्र शुक्ल – विचार-वीथी [2018] – निबन्ध-संग्रह

5. रामचन्द्र शुक्ल – त्रिवेणी [2010, 15, 17] – आलोचना

6. रामचन्द्र शुक्ल – भ्रमरगीत सार (2009) – आलोचना

7. रामचन्द्र शुक्ल – ग्यारह वर्ष का समय [2015] – कहानी

8. जयशंकर प्रसाद – भआँधी – कहानी

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9. जयशंकर प्रसाद – भआकाशदीप [2009, 11, 14] .- कहानी

10. जयशंकर प्रसाद – भुरस्कार 2015 – कहानी

11. जयशंकर प्रसाद – भइन्द्रजाल [2012, 13, 16] – कहानी

12. जयशंकर प्रसाद – भकंकाल [2013, 18] – उपन्यास

13. जयशंकर प्रसाद – भतितली [2012, 16, 17] – उपन्यास

14. जयशंकर प्रसाद – भइरावती (अपूर्ण) – उपन्यास

15. जयशंकर प्रसाद – भकामायनी – महाकाव्य ”

16. जयशंकर प्रसाद – भस्कन्दगुप्त [2011, 12] – नाटक

17. जयशंकर प्रसाद – भअजातशत्रु [2012, 15, 16] – नाटक

18. जयशंकर प्रसाद – भचन्द्रगुप्त [2009, 10, 11, 17] – नाटक

19. जयशंकर प्रसाद – भ्रुवस्वामिनी [2010, 11, 15] – नाटक

20. जयशंकर प्रसाद – भएक घूट [2015, 16, 17, 18] – नाटक

21. जयशंकर प्रसाद – भजनमेजय का नागयज्ञ [2013, 15, 17, 18] – नाटक

22. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी (UPBoardSolutions.com) – भहिन्दी साहित्य विमर्श [2012, 13, 14] – आलोचना

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23. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी – भविश्व-साहित्य – लोचना

24. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी – भपंचपात्र [2011, 14, 16, 17] – निबन्ध

25. पदुमलाले पुन्नालाल बख्शी – भपद्मवन [2012, 15] – निबन्ध

26. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी – भप्रबन्ध पारिजात [2011, 13, 14] – निबन्ध

27. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी – भकुछ बिखरे पन्ने [2010, 11, 13, 17] – निबन्ध

28. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी – भक्या लिखें – निबन्ध

29. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी – भमकरन्द बिन्दु [2011, 16, 18] – निबन्ध

30. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी – भझलमला [2011] – कहानी

31. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद – साद साहित्य [2011, 14] – निबन्ध

32. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद – भबापूजी के कदमों में – निबन्ध

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33. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद – भसंस्कृति का अध्ययन – निबन्ध

34. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद – भचम्पारन के महात्मा गाँधी, – संस्मरण

35. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद – खादी का अर्थशास्त्र

36. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद – भमेरी यूरोप यात्रा [2012, 15] – यात्रावृत्त

37. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद – भमेरी आत्मकथा – आत्मकथा

38. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद – भशिक्षा और संस्कृति [2010, 11, 14, 16] निबन्ध

39. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद – भभारतीय शिक्षा [2011, 14] – निबन्ध

40. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद – भाँधीजी (UPBoardSolutions.com) की देन [2016] – निबन्ध

41. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – भसंस्कृति के चार अध्याय [2010, 11, 12] दर्शन

42. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – भअर्द्धनारीश्वर [2009, 12, 13, 14, 16, 18] निबन्ध

43. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – भबट-पीपल [2018] – निबन्ध

44. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – भउजली आग [2009, 13, 15, 17, 18] – निबन्ध

45. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – भदेश-विदेश – यात्रा-वृत्त

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46. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – भमिट्टी की ओर – निबन्ध

47. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – भरेती के फूल [2009, 12, 15, 17] – निबन्ध

48. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – भभारतीय संस्कृति की एकता – संस्कृति ग्रन्थ

49. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – भुद्ध कविता की ओर – आलोचना

50. रामधारी सिंह दिनकर – भपरशुराम की प्रतीक्षा [2013] – खण्डकाव्य

51. रामधारी सिंह दिनकर – भराष्ट्रभाषा और राष्ट्रीय एकता [2014] – आलोचना

52. भगवतशरण उपाध्याय – भखून के छींटे [2011, 13, 14, 16, 17] – निबन्ध

53. भगवतशरण उपाध्याय – भइतिहास साक्षी है। – निबन्ध

54. भगवतशरण उपाध्याय – भकुछ फीचर कुछ – एकांकी

55. भगवतशरण उपाध्याय – भइण्डिया (UPBoardSolutions.com) इन कालिदास (2017) – समालोचना

56. भगवतशरण उपाध्याय – भविश्व-साहित्य की रूपरेखा (2013) – आलोचना

57. भगवतशरण उपाध्याय – भसाहित्य और कला [2012, 15] – आलोचना

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58. भगवतशरण उपाध्याय – भकलकत्ता से पीकिंग – यात्रा-वृत्तान्त

59. भगवतशरण उपाध्याय – भसागर की लहरों पर [2011, 14] – यात्रा-वृत्तान्त

60. भगवतशरण उपाध्याय – भइँठा आम् [2011, 14, 17, 18] – | संस्मरण

61. भगवतशरण उपाध्याय – भमन्दिर और भवन [2014] – | संस्मरण

62. भगवतशरण उपाध्याय – भइतिहास के पन्नों पर [2009] ऐतिहासिक – निबन्ध

63. भगवतशरण उपाध्याय – भविश्व को एशिया की देन [2013] – निबन्ध

64. जयप्रकाश भारती – भअनन्त आकाश [2011, 16].- निबन्ध

65. जयप्रकाश भारती – भअथाह सागर [2011, 13, 14, 17] – निबन्ध

66. जयप्रकाश भारती – हिमालय की पुकार [2010, 11, 12, 14, 16, 18] – बाल-साहित्य

67. जयप्रकाश भारती – भविज्ञान की विभूतियाँ – जीवनी

68. जयप्रकाश भारती – भचलो चाँद पर चलें [2010, 13, 15, 18] – विज्ञान

69. जयप्रकाश भारती – भदुनिया रंग-बिरंगी [2016, 17] – बाल-साहित्य

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70. जयप्रकाश भारती – भबर्फ की गुड़िया [2013, 14, 17] – बाल-साहित्य

71. जयप्रकाश भारती – भभारत का संविधान – बाल-साहित्य

72. जयप्रकाश भारती – भलोकमान्य तिलक – जीवनी

73. जयप्रकाश भारती – भसरदार भगत सिंह – जीवनी

74. जयप्रकाश भारती – भहमारे गौरव के प्रतीक – जीवनी

75. जयप्रकाश भारती – भदेश हमारा देश हमारा – बाल-साहित्य

76. जयप्रकाश भारती – भउनका (UPBoardSolutions.com) बचपन यूं बीता [2018] – संस्मरण

77. जयप्रकाश भारती – भऐसे थे हमारे बापू – संस्मरण

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78. जयप्रकाश भारती – अस्त्र-शस्त्र : आदिम युग से अणु युग तक बाल-साहित्य

79. जयप्रकाश भारती – भसंयुक्त राष्ट्र संघ – बाल-साहित्य

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UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 12 धुलाई कला

UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 12 धुलाई कला

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पाठ-12  धुलाई कला
अभ्यास

1. बहुविकल्पीय
प्रश्न
(1) मिलान करें (मिलान करके)
UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 12 धुलाई कला image 1

(2) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) कठोर जल में वस्त्रों में साबुन लगाने से झाग नहीं होता है।
(ख) प्रेस करने से कपड़ों की सिलवट दूर हो जाती है।
(ग) हल्दी का पुराना धब्बा स्प्रिट में भिगोने से छूट जाता है।

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2. अतिलघु उत्तरीय
प्रश्न

(क) जल कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखिए।
उत्तर :
1. मृदुजल,
2. कठोर जल

(ख) पान के धब्बे किससे छुड़ाए जा सकते हैं?
उत्तर : पान के धब्बे छुड़ाने के लिए हरी मिर्च, कच्चा आलू, या दही रगड़ना चाहिए।

3. लघु उत्तरीय
प्रश्न
(क) वस्त्रों की धुलाई क्यों आवश्यक है?
उत्तर : सभी प्रकार के वस्त्र-सूती, ऊन, रेशमी व अन्य, पहनने पर गन्दे हो जाते हैं और उन पर धूल, पसीना या धब्बे पड़ जाते हैं। इस कारण उनकी धुलाई आवश्यक होती है

(ख) स्याही तथा रक्त के धब्बे छुड़ाने की विधि लिखिए।
उत्तर : स्याही के धब्बे छुड़ाने की विधि- स्याही का दाग, तुरन्त साबुन लगाकर पानी से धो कर, छुड़ाया जा सकता है। स्याही के धब्बे पर नमक, नीबू का रस, खट्टा दही लगा देना चाहिए। इसके बाद साबुन से धुलाई करें। (UPBoardSolutions.com)
रक्त के धब्बे छुड़ाने की विधि : रक्त का ताजा धब्बा नमक लगाकर ठण्डे पानी में धोने से छूट जाता है। सूती या लिनन के वस्त्रों को पानी में भिगोकर अमोनिया या हाइड्रोजन पेरोक्साइड लगाना चाहिए। फिर वस्त्र पर दो-तीन बार साबुन लगाकर धोने से रक्त का धब्बा छूट जाता है।

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4. दीर्घ उत्तरीय
प्रश्न
(क) कलफ कितने प्रकार के होते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर : कलफ निम्नवत तीन प्रकार के होते हैं
गाढ़ा कलफ : गाढ़ा कलफ तेयार करने में कम पानी डाला जाता है। इसका उपयोग अधिकतर मिलिट्री की ड्रेस पर, कमीज की कॉलर, नर्स की टोपी व वेल्ट आदि पर किया जाता हैं।
मध्यम कलफ : गाढ़े कलुफ में दो गुना पानी डालकर मध्यम कलफ तैयार किया जाता है। इसे सूती साड़ियाँ, कमीज, फ्रॉक, कुर्ता, स्कर्ट आदि पर लगाते हैं।
पतला कलफ : गाढ़े कलफ में चार गुना पानी (UPBoardSolutions.com) डालकर पतला कलफ तैयार किया जाता है। इसे महीन कपड़ों, चादरों आदि पर लगाया जाता है।

(ख) मृदु एवं कठोर जल में क्या अंतर है? कठोर जल को मृदु कैसे बनाया जा सकता है?
उत्तर : मृदु एवं कठोर जल में निम्न अन्तर है

मृदु जल                                                                       कठोर जल
(i) पीने में स्वाद रहित होता है।                                    (i) पीने में नमकीन, खारा होता है।
(ii) वश्त्रों में साबुन लगाने पर झाग निकलता है        (ii) झाग नहीं निकल
(iii) वस्त्र साफ धुलते हैं।                                          (iii) वस्त्रों में हलका पीलापन आ जाता है।

कठोर जन्न की कटोरता को दूर कर उसे मृदु बनाया जा सकता है। कठोरता दूर करने के लिए वस्त्र धोने के पानी में सोडे का घोल मिलाना चाहिए।

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प्रोजेक्ट कार्य :
नोट : विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 38 जमशेद जी नसरवान जी टाटा (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 38 जमशेद जी नसरवान जी टाटा (महान व्यक्तिव)

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पाठ को सारांश

जमशेद जी नसरवान जी टाटा ने भारत के औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान किया। इनका जन्म गुजरात के पारसी परिवार में 3 मार्च, सन 1839 ई० को हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा मुम्बई में हुई। आगे की पढाई एलिफिंस्टन कॉलेज में पूरी की। पढ़ाई के दौरान इनका विवाह हीराबाई से हुआ। सन 1856 ई० में इनके पुत्र दोराब जी का जन्म हुआ।

शिक्षा के बाद कुछ दिन वकालत करके इन्होंने उसे छोड़ दिया और अपने पैतृक व्यवसाय व्यापार में रुचि ली। इन्होंने हाँगकाँग और शंघाई जैसे नगरों में अपने व्यापार की शाखाएँ खोलीं। इन्होंने चीन में व्यापार (UPBoardSolutions.com) और अर्थव्यवस्था का अध्ययन किया। इन्होंने चार वर्षों तक लंदन जाकर लंकाशायर और मैनचेस्टर नगरों की यात्रा की, जो वस्त्र उद्योग के केन्द्र थे। वहाँ वस्त्र उद्योग सम्बन्धी समस्याओं का अध्ययन किया।

स्वदेश लौटकर इन्होंने अपना मकान और निजी सम्पत्ति बेचकर कर्ज की अदायगी की और व्यापारियों का विश्वास व अपनी साख बढ़ाई। इससे भावी प्रगति के द्वार खुल गए। जमशेद जी भारत में मैनचेस्टर और लंकाशायर जैसी उन्नत किस्म की मिलें स्थापित करना चाहते थे। इन्होंने देखा कि अँग्रेज भारत से सस्ती खरीदी कपास से बने कपड़ों को भारत में लाकर ऊँचे दाम पर बेच रहे हैं। इससे इन्हें दुख हुआ।

जनवरी 1877 ई० में इन्होंने नागपुर में इंप्रेस मिल की स्थापना की। कपड़ा मिल के स्थापना के बाद सन 1880 ई० में इन्होंने इस्पात उद्योग स्थापित करना चाहा। इस बड़े उद्योग की स्वीकृति अँग्रेज सरकार ने (UPBoardSolutions.com) मुश्किल से दी। जब भूगर्भ विशेषज्ञों का खनिज सर्वेक्षण चल रहा था; तभी इनका निधन हो गया। इनके पुत्रों ने अधूरा कार्य पूरा किया और सन 1911 ई० में लोहा और इस्पात कारखाना की स्थापना के साथ ही टाटा का महान स्वप्न पूरा हुआ। साकची (जमशेदपुर) में टाटा आयरन एण्ड स्टील कारखाना स्थापित हुआ।

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अभ्यास

प्रश्न 1.
जमशेद जी ने चीन और इंगलैंड की यात्रा क्यों की?
उत्तर :
जमशेद जी ने चीन और इंगलैड की यात्रा व्यापार और अर्थव्यवस्था का अध्ययन करने के लिए की।

प्रश्न 2.
जमशेद जी की स्वदेशी मिल की स्थापना का क्या उद्देश्य था?
उत्तर :
जमशेद जी की ‘स्वदेशी मिल’ की स्थापना का उद्देश्य था- देशप्रेम की भावना। वे देश के कच्चे माल का उपयोग देश में ही करना चाहते थे।

प्रश्न 3.
जमशेद जी ने मुख्यतः किन उद्योगों की स्थापना की?
उत्तर :
जमशेद जी ने नागपुर में इंप्रेस नाम की सूती वस्त्र की मिल खोली। (UPBoardSolutions.com) इसके बाद इस्पात उद्योग की स्थापना जमशेदपुर में की।

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प्रश्न 4.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर) –

(क) जमशेद जी का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। (✗)
(ख) नसरवान जी अपना व्यवसाय विदेशों में फैलाना चाहते थे। (✓)
(ग) जमशेद जी की व्यवसाय में रुचि नहीं थी। (✗)
(घ) लंकाशायर और मैनचेस्टर वस्त्र उद्योग के मुख्य केन्द्र थे। (✓)

प्रश्न 5.
समूह से अलग शब्द को छाँटिए (समूह से अलग शब्द को छाँटकर) –

(क) व्यापार, बिक्री, विदेश, बाजार
(ख) प्लास्टिक, कपास, रेशम, ऊन
(ग) लंकाशायर, मेनचेस्टर, नागपुर, जमशेदपुर

उत्तर :

(क) विदेश।
(ख) प्लास्टिक।
(ग) जमशेदपुर।

प्रश्न 6.
सही जोड़े बनाइए (सही जोड़े बनाकर) –
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 38 जमशेद जी नसरवान जी टाटा (महान व्यक्तिव) 1

प्रश्न 7.
अपने गाँव/नगर के किसी उद्योग के बारे में लिखिए।

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नोट विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिक की सहायता से स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 16 सूफी सन्त (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 16 सूफी सन्त : निजामुद्दीन और अमीर खुसरो (महान व्यक्तिव)

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पाठ का सारांश

शेख निजामुद्दीन औलिया – शेख निजामुद्दीन औलिया का जन्म 1236 ई० में बदायूँ में हुआ। पिता के मरने पर माता जुलेखा ने इनका पालन-पोषण किया। इन्होंने बदायूँ : के बाद आगे की शिक्षा दिल्ली में ग्रहण की और शीघ्र ही ये एक प्रसिद्ध विद्वान बन गए। प्रसिद्ध सूफी सन्त हजरत ख्वाजा फरीदुद्दीन ने शेख निजामुद्दीन को अपन, शिष्य बनाकर आध्यात्मिक चिंतन और साधना का रहस्य बताया। इन्होंने अजोधन से दिल्ली आकर गयासपुर में एक मठ की स्थापना की। 1265 ई० में बाबा फरीद की मृत्यु के बाद ये इनके उत्तराधिकारी बने। शेख का नाम दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध हो गया। इनकी खानकाह (मठ) में अच्छे कव्वाल आते। रहते थे। इनमें गरीबों के प्रति करुणा थी। खानकाहे में इनका भंडारा सभी के लिए खुला रहता था। इनकी शिष्य-मण्डली में (UPBoardSolutions.com) सभी वर्गों और क्षेत्रों के लोग थे। इन्होंने जीवनभर मानव प्रेम का प्रचार किया। निजामुद्दीन औलिया अपने शिष्यों का ध्यान सदैव सामाजिक उत्तरदायित्व की ओर आकृष्ट कराते रहे। 1325 ई० में इनका निधन हो गया।

मानवता के प्रति प्रेम और सेवा भावना जैसे गुणों के कारण निजामुद्दीन औलिया कों महबूब-ए-इलाही का दर्जा मिला। आज भी इनकी मजार पर लाखों लोग मन्नत माँगते और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

अमीर खुसरो – शेख निजामुद्दीन औलिया के शिष्य अमीर खुसरो को जन्म 1253 ई० में एटा के पटियाली कस्बे में हुआ। इनके पिता अमीर सैफुद्दीन महमूद प्रकृति, कला और काव्य के प्रेमी थे। अमीर खुसरो को खिलजी सुल्तानों ने अपने दरबार में कवि, साहित्यकार और संगीतज्ञ के रूप में सम्मान दिया। अमीर खुसरो को फारसी, हिन्दी, संस्कृत, (UPBoardSolutions.com) अरबी आदि भाषाओं का ज्ञान था। इनकी रचनाओं में भारत की जलवायु, फल-फूल और पशु-पक्षी की प्रशंसा मिलती है। खुसरो ने दिल्ली को बगदाद से अच्छा माना। भारतीय दर्शन को यूनान और रोम से श्रेष्ठ बताया।

खुसरो की मुकरियाँ और पहेलियाँ भारतीय जनता में रची-बसी हैं। हिन्दी कृतियों के कारण इन्हें जनसाधारण में विशेष लोकप्रियता प्राप्त हुई। इनकी हिन्दी रचनाओं में गीत, दोहे, पहेलियाँ और मुकरियाँ विशेष उल्लेखनीय हैं। अमीर खुसरो को भारतीय होने का गर्व था। अमीर खुसरो उच्चकोटि के संगीतज्ञ थे। इन्होंने कई रागों की रचना की। गायन में ‘खयाल’ अमीर खुसरो की देन है। इन्होंने सितार का आविष्कार किया, मृदंग को सुधारकर तबले का रूप दिया। इन पर सूफी सन्तों की मान्यता का प्रभाव था। विदेशों के फारसी कवियों में भी इनका उपयुक्त स्थान है। 1325 ई० में इनका निधन हो गया। खुसरो धर्मनिष्ठ (UPBoardSolutions.com) व्यक्ति थे। धार्मिक सहिष्णुता और लोगों से मेलजोल रखने के कारण ये जनता में लोकप्रिय थे। इनका व्यक्तित्व समकालीन लोगों के मध्य अतुलनीय एवं अद्वितीय था।

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अभ्यास

प्रश्न 1.
शेख निजामुद्दीन औलिया अजोधन क्यों गए?
उत्तर :
शेख निजामुद्दीन औलिया बाबा फरीद के दर्शन करने के लिए अजोधन गए।

प्रश्न 2.
बाबा फरीद के निधन के बाद शेख निजामुद्दीन औलिया को उनका उत्तराधिकारी क्यों घोषित किया गया?
उत्तर :
शेख निजामुद्दीन बाबा फरीद के प्रमुख शिष्य थे, इसलिए उन्हें बाबा फरीद का उत्तराधिकारी घोषित किया गया।

प्रश्न 3.
शेख निजामुद्दीन अपने शिष्यों का ध्यान किस ओर और क्यों आकृष्ट कराते रहे?
उत्तर :
शेख निजामुद्दीन अपने शिष्यों का ध्यान सदैव सामाजिक उत्तरदायित्व की ओर आकृष्ट कराते रहे, क्योंकि वे सामाजिक समन्वय और मेल-जोल की भावना का विकास चाहते थे।

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प्रश्न 4.
अमीर खुसरो को किन-किन भाषाओं का ज्ञान था?
उत्तर :
अमीर खुसरो को फारसी, अरबी, हिन्दी और संस्कृत भाषाओं का ज्ञान था।

प्रश्न 5.
अमीर खुसरो का संगीत के क्षेत्र में क्या योगदान रहा है?
उत्तर :
गायन में ‘खयाल’, सितार का आविष्कार और मृदंग को तबले का रूप देकर अमीर खुसरो ने संगीत के क्षेत्र में अमूल्य योगदान किया है।

प्रश्न 6.
अमीर खुसरो जनसाधारण में क्यों प्रसिद्ध थे?
उत्तर :
धार्मिक सहिष्णुता और लोगों से मेल-जोल के कारण अमीर खुसरो जनसाधारण में प्रसिद्ध थे। उनका व्यक्तित्व अतुलनीय और अद्वितीय था।

प्रश्न 7.
सही वाक्य पर सही (✓) और गलत वाक्य पर (✗) का चिह्न लगाइए(चिह्न लगाकर) –

(क) अमीर खुसरो ने हिन्दू-मुस्लिम समाज और संस्कृति के बीच समन्वय को मार्ग प्रशस्त किया। (✓)
(ख) अमीर खुसरो ने गयासपुर नामक स्थान पर एक मठ की स्थापना की। (✗)
(ग) शेख निजामुद्दीन औलिया को बाबा फरीद के निधन के बाद उनका उत्तराधिकारी घोषित किया गया। (✓)
(घ) बदायूं में शिक्षा प्राप्त करने के बाद अमीर खुसरो दिल्ली चले गए। (✗)
(ङ) शेख निजामुद्दीन ने अपनी कविताओं में भारत की सराहना की है। (✗)
(च) अमीर खुसरो ने वीणा और तम्बूरा के संयोग से सितार का आविष्कार किया। (✓)

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प्रश्न 8.
भाव स्पष्ट कीजिए (भाव स्पष्ट करके) –
गोरी सोवे सेज पर, मुख पर डारे केस। चल खुसरो घर आपने, रैन भई चहँ देस।
उत्तर :
यह संसार क्षण भंगुर है। जो प्रिय होता है, वह भी रूठ (मर) जाता है। यहाँ चारों ओर मोह-माया के अँधेरे के सिवाय और कुछ नहीं। ऐ खुसरो! ईश्वर के घर चल।।

प्रश्न 9.
एवं 10. नोट – विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें। योग्यता विस्तार –

  • पता करके लिखिए कि अमीर खुसरो हज़रत निजामुद्दीन औलिया के सबसे प्रिय शिष्य कैसे बने?
  • अमीर खुसरो को अपने भारतीय होने पर क्यों गर्व था?

नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 22 महर्षि अरविन्द (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 22 महर्षि अरविन्द (महान व्यक्तित्व)

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पाठ का सारांश

महर्षि अरविन्द का जन्म 15 अगस्त 1872 ई० को कोलकाता में हुआ। इनके पिता डॉक्टर कृष्णधन घोष और माता स्वर्णलता देवी थीं। अरविन्द को सात वर्ष की आयु में शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड भेजा गया। उन पर भारतीयों से मिलने पर प्रतिबन्ध था। फिर भी आगे चलकर अरविन्द एक क्रान्तिकारी, स्वतन्त्रता सेनानी, महान भारतीय राजनैतिक, दार्शनिक तथा वैदिक पुस्तकों के व्याख्याता बन गए। सन् 1893 ई० में अरविन्द भारत लौटे। यह वर्ष भारत में नवजागरण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण था। शिकागो सर्वधर्म सम्मेलन में विवेकानन्द का उद्घोष, तिलक द्वारा गणपति उत्सव का आरम्भ, ऐनी बेसेण्ट का भारत आना तथा गांधी जी को दक्षिणी अफ्रीका रंगभेद के विरुद्ध संघर्ष- ये इस वर्ष की प्रमुख घटनाएँ थीं। इक्कीस वर्ष की आयु में अरविन्द ने देश को स्वतन्त्र कराने और भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता साबित करने का संकल्प लिया। वे बड़ोदरा आकर एक कालेज में प्रधानाचार्य बने। उन्होंने बाद में ‘वंदे मातरम्’ पत्र का सम्पादन भी किया। उन्होंने युवकों को ईमानदारी, अनुशासन, एकता, धैर्य

और सहिष्णुता द्वारा निष्ठा विकसित करने को कहा। सन् 1903 ई० में वे क्रान्तिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए। अँग्रेजों ने भयभीत होकर सन् 1908 ई० में उन्हें और उनके भाई को अलीपुर (UPBoardSolutions.com) जेल भेजा। यहाँ उन्हें दिव्य अनुभूति हुई जिससे. उन्होंने ‘काशकाहिनी’ नामक रचना में व्यक्त किया। जेल से छूटकर अँग्रेजी में ‘कर्मयोगी’ और बंगला भाषा में ‘धर्म’ पत्रिकाओं का सम्पादन किया।

उन्होंने 1912 ई० तक सक्रिय राजनीति में भाग लिया। इसके बाद उनकी रुचिं गीता, उपनिषद और वेदों में हो गई। भारतीय संस्कृति के बारे में उन्होंने ‘फाउण्डेशन ऑफ इण्डियन कल्चर’ तथा ‘ए डिफेन्स ऑफ इण्डियन कल्चर’ नामकं प्रसिद्ध पुस्तक लिखी। उनकी काव्य रचना ‘सावित्री’ अनमोल धरोहर है।

1926 ई० से 1950 ई० तक वे अरविन्द आश्रम में तपस्या और साधना में लीन रहे। यहाँ उन्होंने सभाओं और भाषणों से दूर रहकर मानव कल्याण के लिए चिन्तन किया। वर्षों की तपस्या के बाद उनकी अनूठी कृति ‘लाइफ डिवाइन’ (दिव्य जीवन) प्रकाशित हुई। इसकी गणना विश्व की महान कृतियों में की जाती है। श्री अरविन्द अपने देश (UPBoardSolutions.com) और संस्कृति के उत्थान के लिए सतत सक्रिय रहे। उनका पाण्डिचेरी स्थित आश्रम आज भी आध्यात्मिक ज्ञान का तीर्थस्थल माना जाता है, जहाँ विश्व के लोग आकर अपनी ज्ञान-पिपासा शान्त करते हैं।

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अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
डा० कृष्णधान घोष ने अरविंद के बारे में अध्यापकों को क्या निर्देश दिया?
उत्तर :
डा० कृष्णधन घोष ने अध्यापकों को निर्देश दिया कि अरविन्द को भारतीयों से न मिलने दिया जाए।

प्रश्न 2.
वर्ष 1893 क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर :
वर्ष 1893 ई० भारत के लिए नवजागरण का विशेष वर्ष था। इसमें निम्न घटनाएँ हुई

  1. विवेकानन्द द्वारा शिकागो धर्म सम्मेलन में उद्घोष।
  2. तिलक द्वारा गणपति उत्सव का आरम्भ।
  3. ऐनी बेसेण्ट का भारत आना।
  4. गांधी जी का रंगभेद के विरुद्ध दक्षिणी अफ्रीका जाना।

प्रश्न 3.
अरविन्द को भारत किस रूप में दिखाई देता था?
उत्तर :
अरविन्द को भारत, माती के रूप में दिखाई देता था।

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प्रश्न 4.
अरविन्द द्वारा लिखी गयी किस पुस्तक की गणना विश्व की महान कृतियों में की जाती है?
उत्तर :
अरविन्द द्वारा लिखी गयी लाइफ डिवाइन (दिव्य जीवन) पुस्तक की गणना विश्व के महान कृतियों में की जाती है।

प्रश्न 5.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर)
(क) श्री अरविन्द का आश्रम बंगाल में है। (✗)
(ख) श्री अरविन्द ने चौदह वर्ष तक रूस में शिक्षा प्राप्त की। (✗)
(ग) श्री अरविन्द को धन-धान्य की लालसा सम्मोहित नहीं कर पाई।। (✓)
(घ) श्री अरविन्द ने फाउण्डेशन ऑफ इण्डियन कल्चर नामक पुस्तक लिखी। (✓)

प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)

  • श्री अरविन्द और उनके भाई वारीन घोष को अलीपुर बम केस के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
  • जेल में उन्होंने काशकाहिनी नामक रचना की। (UPBoardSolutions.com)
  • उनके द्वारा रचा गया काव्य सावित्री साहित्य जगत् की अनमोल धरोहर है।
  • पाण्डिचेरी स्थित आश्रम उनकी तपोभूमि थी।

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प्रश्न 7.
वाक्यों को सही क्रम में लगाइए (सही क्रम में लगाकर)
उत्तर :

  • श्री अरविन्द का जन्म कोलकाता में हुआ।
  • इंग्लैण्ड में अरविन्द ने उच्च शिक्षा प्राप्त की।
  • भारत लौटने पर वे बड़ोदरा के कॉलेज में प्रधानाचार्य हो गए।
  • उन्होंने ‘वन्देमातरम्’ पत्र का सम्पादन किया।
  • पाण्डिचेरी स्थित आश्रम उनकी तपोभूमि थी।

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