UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित

UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Maths. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित.

वाणिज्य गणित

अभ्यास 11 (a)

प्रश्न 1.
किसी थन् का 2 वर्ष में चक्रवृद्धि ब्याज से मिश्रधन 2400.00 रु० तथा वर्ष 3 में मिश्रधन 2520.00 रु० हो जाता है तो वार्षिक ब्याज दर होगी।
(a) 6%
(b) 5%
(c) 7.5%
(d) 10%
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-1

UP Board Solutions

प्रश्न 2.
यदि ब्याज तिमाही संयोजित किया जाए तो 8% वार्षिक ब्याज दर के रूपांतरण का सही विकल्प होगा ।
(i) 5%
(ii) 4%
(iii) 2%
(iv) 1%
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-2

प्रश्न 3.
नीचे 2 समूह A और B दिए गए है। A समूह में प्रश्न और B समूह में प्रश्नों के उत्तर क्रम बदलकर दिए गए हैं। सही क्रम को चुनाव करके लिखिए : (सही क्रम में लिखकर) –
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-3

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
100 रुपये का 10% वार्षिक की दर से 2 वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज ज्ञात कीजिए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-4

प्रश्न 5.
500 रुपये का 15% वार्षिक ब्याज की दर से एक वर्ष के चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज में क्या अन्तर होगा?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-5
UP Board Solutions

प्रश्न 6.
कोई धन 12% वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से 1 वर्ष के लिए दिया जाता है यदि व्याज प्रति तिमाही देय हो तो प्रति तिमाही ब्याज की दर बताइए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-6

प्रश्न 7.
2000 रुपये का 10% वार्षिक ब्याज की दर से 13 वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज ज्ञात कीजिए, यदि ब्याज प्रति छमाही संयोजित किया जाए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-7

प्रश्न 8.
12[latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex]% वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से कितने वर्ष में 640 रुपये का मिश्रधन 810 रुपये हो जाएगा।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-8

UP Board Solutions

प्रश्न 9.
5120 रुपये का 12.5% वार्षिक ब्याज की दर से [latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex] वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज ज्ञात कीजिए, जबकि ब्याज प्रति तिमाही देय है।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-9

प्रश्न 10.
किस ब्याज की दर से 4000 रुपये पर 9 माह में 630.50 रुपये चक्रवृद्धि ब्याज प्राप्त होगा यदि ब्याज प्रति तिमाही संयोजित होता है?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-10
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-11

UP Board Solutions

प्रश्न 11.
कितने समय में 10% वार्षिक ब्याज दर से 12000 रुपये पर 1230 रुपये चक्रवृद्धि ब्याज मिलेगा यदि ब्याज प्रति छमाही संयोजित होता है?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-12

प्रश्न 12.
कोई धन 5% वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से 2 वर्ष में 8820 हो जाता है। तो मूलधल ज्ञात कीजिए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-13

UP Board Solutions

प्रश्न 13.
किसी धन का 20% वार्षिक दर से 2 वर्ष का साधरण ब्याज 200 रुपये हो तो चक्रवृद्धि ब्याज ज्ञात कीजिए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-14
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-15

प्रश्न 14.
यदि 2 वर्ष में 8000 को चक्रवृद्धि ब्याज एवं साधारण ब्याज का अन्तर 20 रुपये हो तो ब्याज की दर ज्ञात कीजिए। (चक्रवृद्धि ब्याज वार्षिक देय है।)
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-16
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-17
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-18

UP Board Solutions

प्रश्न 15.
किसी राशि का 5% वार्षिक ब्याज की दर से 2 वर्ष का साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज में 160 रुपये का अन्तर है तो राशि ज्ञात कीजिए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-19

अभ्यास 11 (b)

प्रश्न 1.
एक नगर की जनसंख्या 31 दिसम्बर 1978 को 100000 थी। यदि जनसंख्या में वृद्धि दर 10% वार्षिक हो, तो 31 दिसम्बर 1981 को उस नगर की जनसंख्या कितनी होगी?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-20

UP Board Solutions

प्रश्न 2.
एक गाँव की जनसंख्या प्रतिवर्ष 5% बढ़ जाती है। यदि इस समय उस गाँव की जनसंख्या 4410 हो, तो 2 वर्ष पूर्व उस गाँव की जनसंख्या कितनी थी?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-21

प्रश्न 3.
किसी क्षेत्र की जनसंख्या में 6[latex]\frac { 2 }{ 3 } [/latex]% वृद्धि प्रति वर्ष हो रही है। 3 वर्ष बाद वहाँ की जनसंख्या कितनी होगी यदि वहाँ की वर्तमान जनसंख्या 33750 हैं?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-22

प्रश्न 4.
किसी मशीन के मूल्य में 12% वार्षिक दर से अवमूल्यन होता है। यदि मशीन का वर्तमान मूल्य 29040 रुपये हो, तो 2 वर्ष पूर्व इसका कितना मूल्य था?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-23

UP Board Solutions

प्रश्न 5.
कितने समय में एक पुराने ट्रैक्टर की कीमत 100,000 रुपये से घटकर 81,000 रुपये रह जाएगी यदि उसकी अवमूल्यन दर 10% वार्षिक है?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-24

प्रश्न 6.
एक प्रकार के जीवाणु 5% प्रति घंटे की दर से बढ़ रहे हैं। यदि प्रातः 9 बजे जीवाणुओं की संख्या 25000000 रही हो तो 12 बजे मध्याहून कितने जीवाणु होंगे?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-25

प्रश्न 7.
एक रंगीन टेलीविजन सेट का मूल्य 15625 रुपये है। यदि उसको मूल्य प्रतिवर्ष 8% घटता है। तो 3 वर्ष के बाद उसके मूल्य में कुल कितनी गिरावट आएगी? ।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-26

UP Board Solutions

प्रश्न 8.
किसी देश की जनसंख्या इस समय 53 करोड़ है। यदि यह 5% वार्षिक की दर से बढ़े तो ज्ञात कीजिए कि दो वर्ष बाद इसमें कुल कितनी वृद्धि होगी?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-27

प्रश्न 9.
किस वार्षिक दर से अवमूल्यन होने पर एक कंपनी की वर्तमान पूंजी 62,50,00,000 रुपये से घटकर 2 वर्ष बाद 57,60,00,000 रुपये रह जाएगी?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-28

प्रश्न 10.
5% वार्षिक दर से बढ़ते हुए वर्ष 2016 के अन्त में एक स्थान की जनसंख्या 9,26,100 है।
(अ) वर्ष 2013
(ब) वर्ष 2018 में जनसंख्या कितनी होगी।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-29
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-30

UP Board Solutions

(ब) वर्ष 2018 में जनसंख्या कितनी होगी।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-31

दक्षता अभ्यास – 11

प्रश्न 1.
राकेश की 2 वर्ष पुरानी साइकिल को, जो उसने 1600 रु० में खरीदी थी, मोहन ने 1296 रु० : में खरीद ली। साइकिल के मूल्य का किस दर से अवमूल्यन हुआ?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-32
UP Board Solutions

प्रश्न 2.
किसी नगर की वर्तमान जनसंख्या 100000 है। यदि रोजगार की उपलब्धता के कारण जनसंख्या 10% वार्षिक दर से बढ़े, तो 3 वर्ष बाद नगर की जनसंख्या कितनी होगी?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-33

प्रश्न 3.
एक ग्राम पंचायत क्षेत्र में पशुओं की संख्या में 23[latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex]% प्रतिवर्ष की दर से कमी हो रही है। यदि वर्तमान में पशुओं की संख्या 6400 हो, तो 2 वर्ष बाद क्षेत्र में कितने पशुओं की कमी हो जाएगी?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-34

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
रु. 40960 का 12[latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex]% वार्षिक ब्याज की दर से 1[latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex] वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज ज्ञात कीजिए, जबकि ब्याज छमाही संयोजित होता है।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-35

प्रश्न 5.
यदि मूलथन = 10000 रुपये, ब्याज की दर = 24% वार्षिक, समय = 2 माह तथा ब्याज मासिक देय हो, तो चक्रवृद्धि ब्याज की गणना कीजिए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-36
UP Board Solutions

प्रश्न 6.
यदि 62500 रुपये का 1[latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex] वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज 7804 रुपये हो जबकि ब्याज छमाही संयोजित किया जाता है, तो वार्षिक ब्याज की दर ज्ञात कीजिए।
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-37

प्रश्न 7.
कितने समय में 8% ब्याज की दर से 250000 रुपये का चक्रवृद्धि चक्रवृद्धि 265302 रुपये हो जाएगा, जबकि ब्याज तिमाही संयोजित किया जाना है?
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-38
UP Board Solutions

प्रश्न 8.
30% तथा 20% के क्रमिक बट्टों के समतुल्य बट्टा है –
(क) 50 %
(ख) 46%
(ग) 44%
(घ) 30%
उत्तर
(ग) 44%

प्रश्न 9.
1000 रु० का 10% वार्षिक ब्याज की दर से 2 वर्षों के चक्रवृद्धि और सरल ब्याजों का अन्तर होगा –
(क) रु० 10.00
(ख) रु० 11.00
(ग) रु० 1110.00
(घ) रु० 100.00
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-39
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-40
UP Board Solutions

प्रश्न 10.
यदि किसी धनराशि का 5% प्रतिवर्ष की ब्याज पर से दो वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज 123.00 रु० हो, तो मूलधन है।
(क) रु० 1,000.00
(ख) रु० 1,100.00
(ग) रु० 1,200.00
(घ) रु० 1,300.00
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-41
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-42
UP Board Solutions

प्रश्न 11.
एक व्यक्ति ने बैंक में 6,000 रुपये 5% वार्षिक साधारण ब्याज की दर से जमा किए। एक अन्य व्यक्ति ने 5000 रुपये 8% वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से जमा किए। दो वर्ष बाद उनके ब्याजों । में अन्तर होगा-
(क) रु० 230
(ख) रु० 232
(ग) रु० 832
(घ) रु० 600
उत्तर
UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित img-43

We hope the UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 11 वाणिज्य गणित, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 5 संस्थाओं का कामकाज

UP Board Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 5 संस्थाओं का कामकाज

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 Social Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 5 संस्थाओं का कामकाज.

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अगर आपको भारत का राष्ट्रपति चुना जाए तो आप निम्नलिखित में से कौन-सा फैसला खुद कर सकते हैं?
(क) अपनी पसंद के व्यक्ति को प्रधानमंत्री चुन सकते हैं।
(ख) लोकसभा में बहुमत वाले प्रधानमंत्री को उसके पद से हटा सकते हैं।
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।
(घ) मंत्रीपरिषद् में अपनी पसंद के नेताओं का चयन कर सकते हैं।
उत्तर:
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।

UP Board Solutions

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन राजनैतिक कार्यपालिका का हिस्सा होता है?
(क) जिलाधीश
(ख) गृह मंत्रालय का सचिव
(ग) गृहमंत्री
(घ) पुलिस महानिदेशक
उत्तर:
(ग) गृहमंत्री

प्रश्न 3.
न्यायपालिका के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा बयान गलत है?
(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।
(ख) अगर कोई कानून संविधान की भावना के खिलाफ है तो न्यायपालिका उसे अमान्य घोषित कर सकती है।
(ग) न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतंत्र होती है।
(घ) अगर किसी नागरिक के अधिकारों का हनन होता है तो वह अदालत में जा सकता है।
उत्तर:
(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून का सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित राजनैतिक संस्थाओं में से कौन-सी संस्था देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती है?
(क) सर्वोच्च न्यायालय
(ख) राष्ट्रपति
(ग) प्रधानमंत्री
(घ) संसद
उत्तर:
(घ) संसद

प्रश्न 5.
उस मंत्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार जारी किया होगा –

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है। 1. रक्षा मंत्रालय
(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ कराई जाएँगी। 2. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएँगी। 3. स्वास्थ्य मंत्रालय
(घ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। 4. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
(ङ) ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएँगे। 5. संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय

उत्तर:

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है। 4. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ कराई जाएँगी। 5. संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय
(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएँगी। 2. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
(घ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। 3. स्वास्थ्य मंत्रालय
(ङ) ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएँगे। 1. रक्षा मंत्रालय

प्रश्न 6.
देश की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में से उस राजनैतिक संस्था का नाम बताइए ने निम्नलिखित मामलों में अधिकारों का इस्तेमाल करती है-
(क) सड़क, सिंचाई, जैसे बुनियादी ढाँचों के विकास (UPBoardSolutions.com) और नागरिकों की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों पर किता पैसा खर्च किया जाएगा।
(ख) स्टॉक एक्सचेंज को नियमित करने संबंधी कानून बनाने की कमेटी के सुझाव पर विचार-विमर्श करती है।
(ग) दो राज्य सरकारों के बीच कानूनी विवाद पर निर्णय लेती है।
(घ) भूकंप पीड़ितों की राहत के प्रयासों के बारे में सूचना माँगती है।
उत्तर:
(क) लोकसभा (वित्त मंत्रालय)
(ख) संसद
(ग) सर्वोच्च न्यायालय
(घ) कार्यपालिका

UP Board Solutions

प्रश्न 7.
भारत का प्रधानमंत्री सीधे जनता द्वारा क्यों नहीं चुना जाता? निम्नलिखित चार जवाबों में सबसे सही को चुनकर अपनी पसंद के पक्ष में कारण दीजिए।
(क) संसदीय लोकतंत्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही ‘प्रधानमंत्री बन सकती है।
(ख) लोकसभा, प्रधानमंत्री और मंत्रीपरिषद् का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा सकती है।
(ग) चूंकि प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति नियुक्त करता है लिहाजा उसे जनता द्वारा चुने जाने की जरूरत ही नहीं है।
(घ) प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव में बहुत ज्यादा खर्च आएगा।
उत्तर:
(क) संसदीय लोकतंत्र में लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता ही प्रधानमंत्री बन सकता है। यदि एक प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित व्यक्ति जिसे लोकसभा में बहुमत का समर्थन प्राप्त नहीं है को प्रधानमंत्री बना दिया जाता है, तो उसके लिए लोकसभा में अपनी मर्जी के बिल, नीतियाँ पास कराना (UPBoardSolutions.com) कठिन होगा। ऐसी स्थिति में सरकार ठीक ढंग से नहीं चल सकेगी। इसके अलावा भारत जैसे विशाल देश में जहाँ पर मतदाताओं की संख्या करोड़ों में है, किसी भी साधारण व्यक्ति चाहे वह कितना ही ईमानदार तथा बुद्धिमान क्यों न हो, चुनाव का खर्च सहन करना संभव नहीं होगा।

प्रश्न 8.
तीन दोस्त एक ऐसी फिल्म देखने गए जिसमें हीरो एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनता है और राज्य में बहुत से बदलाव लाता है। इमरान ने कहा कि देश को इसी चीज की जरूरत है। रिजवान ने कहा कि इस तरह का, बिना संस्थाओं वाले व्यक्ति का राज खतरनाक है। शंकर ने कहा कि यह तो एक कल्पना है।
कोई भी मंत्री एक दिन में कुछ भी नहीं कर सकता। ऐसी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तर:
इस प्रकार की फिल्म का कथानक कल्पना पर आधारित है यथार्थ से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है। एक व्यक्ति का शासन सदैव खतरनाक होता है। शासन का संचालन नियमों के अनुसार ही चलाया जा सकता है। मुख्यमंत्री की नियुक्ति निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के उपरांत की जाती है। साथ ही सुधारों के लिए अत्यधिक योजना बनाने की जरूरत होती है। मैं भी शंकर से सहमत हूँ। राज्य में बदलाव लाने के लिए केवल एक दिन काफी नहीं होता।

प्रश्न 9.
एक शिक्षिका छात्रों की संसद के आयोजन की तैयारी कर रही थी। उसने दो छात्राओं को अलग-अलग पार्टियों के नेताओं की भूमिका करने को कहा। उसने उन्हें विकल्प भी दिया। यदि वे (UPBoardSolutions.com) चाहें तो राज्यसभा में बहुमत प्राप्त दल की नेता हो सकतीं थीं और अगर चाहें तो लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल की। अगर आपको यह विकल्प दिया जाए तो आप क्या चुनेंगे और क्यों?
उत्तर:
मैं लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता बनना चाहूँगा क्योंकि व्यावहारिक रूप से लोकसभा-राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली होता है। धन विधेयक लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जाता है। इसे लोकसभा ही पारित कर सकती है। राज्यसभा इसे मात्र 14 दिन तक रोक सकती है और यदि राज्यसभा इस विधेयक को वापस लोकसभा को नहीं लौटाती है तब भी इस विधेयक को पास मान लिया जाएगा। (UPBoardSolutions.com) लोकसभा मंत्रिमण्डल को नियंत्रित करती है। लोकसभा के सदस्य मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं जबकि राज्यसभा सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है।

प्रश्न 10.
आरक्षण पर आदेश का उदाहरण पढ़कर तीन विद्यार्थियों की न्यायपालिका पर अलग-अलग प्रतिक्रिया थी। इसमें से कौन-सी प्रतिक्रिया, न्यायपालिका की भूमिका को सही तरह से समझती है?
(क) श्रीनिवांस का तर्क है कि चूंकि सर्वोच्च न्यायालय सरकार के साथ सहमत हो गई है लिहाजा वह स्वतंत्र नहीं
(ख) अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतंत्र है क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ फैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन (UPBoardSolutions.com) का निर्देश दिया।
(ग) विजया का मानना है कि न्यायपालिका न तो स्वतंत्र है न ही किसी के अनुसार चलने वाली है बल्कि वह विरोधी समूहों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती है। न्यायालय ने इसे आदेश के समर्थकों और विरोधियों के बीच बढ़िया संतुलन बनाया। आपकी राय में कौन-सा विचार सही है?
उत्तर:
इन तीनों विचारों में से-
(ख) अंजैया का विचार सही है, न्यायपालिका स्वतंत्र है। सर्वोच्च न्यायालय सरकार के निर्णय को रद्द भी कर सकता है और उसे बदलने का आदेश भी दे सकता है। अतः सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को अपने आदेश में संशोधन करने का आदेश दिया।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
न्यायिक समीक्षा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
न्यायिक समीक्षा उच्चतम न्यायालय की वह शक्ति है जिसके माध्यम से वह विधायिका द्वारा पारित कानून अथवा कार्यपालिका द्वारा की गयी कार्रवाई की समीक्षा यह जानने के लिए कर सकता है कि उक्त कार्रवाई या कानून संविधान के अनुकूल है या प्रतिकूल। यदि न्यायालय को ऐसा लगता है कि कोई कानून अथवा आदेश संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो वह ऐसे कानून या आदेश को रद्द कर सकता है?

UP Board Solutions

प्रश्न 2.
राज्य किसे कहते हैं?
उत्तर:
राज्य किसी निश्चित क्षेत्र में फैली राजनैतिक इकाई, जिसके पास संगठित सरकार हो और घरेलु तथा विदेशी नीतियों को बनाने का अधिकार हो। सरकारें परिवर्तित हो सकती हैं पर राज्य बना रहता है। बोलचाल की भाषा में देश, राष्ट्र और राज्य को समानार्थी के रूप में प्रयोग किया जाता है। राज्य’ (UPBoardSolutions.com) शब्द का एक अन्य प्रयोग किसी देश के अंदर की प्रशासनिक इकाइयों का प्रांतों के लिए भी होता है। इस अर्थ में राजस्थान, झारखण्ड, त्रिपुरा आदि भी राज्य कहे जाते हैं।

प्रश्न 3.
विधायिका से क्या आशय है?
उत्तर:
विधायिका जनप्रतिनिधियों की वह सभी है जिसके पास देश का कानून बनाने की शक्ति होती है। कानून बनाने के अतिरिक्त विधायिका को करों में वृद्धि करने, बजट बनाने और दूसरे वित्त विधेयकों को बनाने का विशेष अधिकार होता है।

प्रश्न 4.
न्यायपालिका किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक राजनैतिक संस्था जिसके पास न्याय करने एवं कानूनी विवादों के निपटारे का समाधान होता है, उसे न्यायपालिका कहते हैं। देश की सभी अदालतों को न्यायपालिका के नाम से संबोधित किया जाता है।

प्रश्न 5.
सरकार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
संस्थाओं का ऐसा समूह जिसके पास देश में व्यवस्थित जन-जीवन सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने, लागू करने और उसकी व्याख्या करने का अधिकार होता है। व्यापक अर्थ में सरकार किसी देश के लोगों और संसाधनों को नियंत्रित और उनकी निगरानी करती है।

प्रश्न 6.
कार्यपालिका से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
व्यक्तियों का ऐसा निकाय जिसके पास देश के संविधान और कानून के आधार पर नीति-निर्माण करने, निर्णय करने और उन्हें क्रियान्वित करने का अधिकार होता है, न्यायपालिका कहते हैं।

प्रश्न 7.
गठबन्धन सरकार किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब विधायिका में किसी एक दल को बहुमत प्राप्त नहीं होता है तो ऐसी दशा में दो या दो से अधिक राजनीतिक दल आपस में मिलकर जो सरकार बनाते हैं, उसे गठबन्धन सरकार कहते हैं।

UP Board Solutions

प्रश्न 8.
संस्थाओं से क्या आशय है?
उत्तर:
सरकार के विभिन्न कार्यों को करने के लिए देश में अनेक व्यवस्थाएँ की जाती हैं। इन व्यवस्थाओं को ही संस्थाएँ कहते हैं। इन संस्थाओं की संरचना एवं कार्यों का वर्णन संविधान में किया गया होता है।

प्रश्न 9.
संसदीय लोकतंत्र की तीन प्रमुख संस्थाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
संसदीय लोकतंत्र की तीन प्रमुख संस्थाएँ-विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका होती है। इसमें विधानमंडल कानून बनाता है, कार्यपालिका उन कानूनों को लागू करती है और न्यायपालिका विवादों का समाधान करती है।

प्रश्न 10.
भारत के राष्ट्रपति के कार्यपालिका सम्बन्धी तीन शक्तियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रपति की कार्यपालिका सम्बन्धी तीन प्रमुख शक्तियाँ इस प्रकार हैं-

  1. देश का शासन राष्ट्रपति के नाम पर चलाया जाता है।
  2. राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है और उसके परामर्श पर अन्य मंत्रियों को नियुक्त करता है।
  3. राष्ट्रपति राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति करता है।

प्रश्न 11.
संसद से क्या आशय है? संसद के दोनों सदनों का कार्यकाल बताइए।
उत्तर:
सभी लोकतंत्रीय राज्यों में जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों की एक संस्था होती है, जो कानूनों का निर्माण करती है।
भारत, इंग्लैण्ड तथा फ्रांस आदि राज्यों में इसे संसद नाम दिया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में इस संस्था को कांग्रेस नाम दिया गया है। लोकसभा के सदस्यों का साधारण (UPBoardSolutions.com) कार्यकाल 5 वर्ष है, परंतु राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह उसे इसके पाँच वर्ष पूरे होने से पहले भी भंग कर सकता है। राज्यसभा एक स्थायी सदन है, उसके सदस्य 6 वर्ष के लिए चुने जाते हैं। इसके 1/3 सदस्य प्रत्येक दो वर्ष के बाद रिटायर हो जाते हैं और उनके स्थान पर नए सदस्य चुन लिए जाते हैं।

प्रश्न 12.
लोकसभा एवं विधानसभा की चुनाव प्रक्रिया बताइए।
उत्तर:
लोकसभा के सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। पूरे देश को उतने निर्वाचन-क्षेत्रों में बाँट दिया जाता है जितने कि सदस्य चुने जाने हैं। एक निर्वाचन-क्षेत्र से एक सदस्य चुना जाता है। राज्यसभा के 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा ऐसे व्यक्तियों में से मनोनीत किए जाते हैं जिन्होंने कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा में प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है। शेष 238 सदस्य राज्यों की विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।

प्रश्न 13.
राष्ट्रपति किस परिस्थिति में संकटकालीन स्थिति की घोषणा कर सकता है?
उत्तर:
राष्ट्रपति निम्न तीन स्थितियों में संकटकाल की घोषणा कर सकता है-

  1. युद्ध, विदेशी आक्रमण अथवा सशस्त्र विद्रोह होने की स्थिति में।
  2. किसी राज्य में संवैधानिक मशीनरी के विफल होने की स्थिति में।
  3. देश की वित्तीय स्थिति खराब होने की स्थिति में।

प्रश्न 14.
भारत के प्रधानमंत्री की तीन शक्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रधानमंत्री की तीन प्रमुख शक्तियाँ इस प्रकार हैं-

  1. प्रधानमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद् का निर्माण करता है। मंत्रिपरिषद् के सभी सदस्य प्रधानमंत्री की सिफारिश के अनुसार ही राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति किए जाते हैं।
  2. प्रधानमंत्री मंत्रियों के बीच विभागों का विभाजन करता है।
  3. प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल की बैठकें बुलाता है तथा उनकी अध्यक्षता करता है।

UP Board Solutions

प्रश्न 15.
राष्ट्रपति की तीन विधायी शक्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रपति की तीन विधायी शक्तियाँ इस प्रकार हैं-

  1. राष्ट्रपति संसद को अधिवेशन बुला सकता है तथा उसे स्थगित कर सकता है।
  2. राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों द्वारा पास किए गए बिलों को स्वीकृति प्रदान करता है।
  3. राष्ट्रपति को राज्यसभा में 12 सदस्य मनोनीत करने का अधिकार है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लोकतांत्रिक देश में संसद का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
प्रायः सभी लोकतांत्रिक देशों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की सभी जनता के प्रतिनिधि के रूप में सर्वोच्च राजनैतिक सत्ता का प्रयोग करती है। इस तरह जनता द्वारा निर्वाचित राष्ट्रीय सभा को संसद कहते हैं। राज्य स्तर पर इसे विधानसभा कहते हैं।
लोकतांत्रिक देशों में संसद के महत्त्व को हम निम्न रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं-

  1. संसद सरकार के पास उपलब्ध धन को भी नियंत्रित करती है।
  2. संसद देश में सार्वजनिक मुद्दों तथा राष्ट्रीय नीतियों पर परिचर्चा का सर्वोच्च मंच है। यह किसी भी मामले में सूचना की मांग कर सकती है।
  3. संसद देश में कानून बनाने वाली सर्वोच्च सत्ता है। यह वर्तमान कानूनों को बदल/समाप्त कर सकती है अथवा पुराने कानूनों के स्थान पर नए कानून ला सकती है।
  4. संसद का सरकार को चलाने वाले लोगों पर नियंत्रण होता है। संसद के समर्थन के बिना कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता।

प्रश्न 2.
भारत के राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रपति का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया जाता है। संसद के सभी सदस्य अर्थात् सांसद तथा राज्य विधानसभाओं के सभी सदस्य अर्थात् विधायक उसका चुनाव करते हैं। राष्ट्रपति पद के किसी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए बहुमत प्राप्त करना होता है। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि भारत का राष्ट्रपति पूरे देश का प्रतिनिधित्व करता दिखाई दे।

प्रश्न 3.
लोकसभा वित्तीय मामलों में किन शक्तियों का प्रयोग करती है?
उत्तर:
भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में वित्तीय मामलों में लोकसभा की शक्ति सर्वोच्च है। लोकसभा द्वारा एक बार सरकारी बजट अथवा धन संबंधी कोई कानून पास कर देने के (UPBoardSolutions.com) बाद राज्यसभा इसे अस्वीकार नहीं कर सकती। राज्यसभा इसमें केवल 14 दिनों की देरी कर सकती है अथवा इसमें संशोधन का सुझाव दे सकती है। यह लोकसभा का अधिकार है कि वह उन सुझावों को माने या न माने।

प्रश्न 4.
किन परिस्थितियों में राष्ट्रपति स्वविवेक का प्रयोग कर सकता है?
उत्तर:
लोकसभा के चुनावों में जब कोई राजनीतिक दल अथवा गठबन्धन बहुमत के लिए आवश्यक सीटें जीत लेता है। तो राष्ट्रपति उस दल या गठबन्धन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्ति करता है। लेकिन जब किसी दल अथवा गठबंधन के नेता को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो राष्ट्रपति अपने विवेक का प्रयोग करता है। तब राष्ट्रपति ऐसे दल अथवा गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है जो उसके (UPBoardSolutions.com) विचार में लोकसभा में बहुमत प्राप्त कर सकता हो। ऐसे मामले में, राष्ट्रपति नवनियुक्त प्रधानमंत्री को निर्धारित समय सीमा में लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए कह सकता है।

प्रश्न 5.
धन-विधेयक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
कोई भी विधेयक जब निम्नलिखित विषयों से सम्बन्धित होता है तो उसे धन-विधेयक कहते हैं-

  1. किसी भी धन को भारत की संचित निधि से दिए जाने की घोषणा करना या उसमें से धन खर्च करना।
  2. धन के आय तथा व्यय के बारे में कोई अन्य विषय।
  3. कोई कर लगाना अथवा उसे समाप्त करना।
  4. भारत सरकार द्वारा लिया गया ऋण या उससे संबंधित विषय।
  5. भारत की संचित निधि तथा आकस्मिक निधि की रक्षा तथा उसमें धन डालना अथवा निकालना।

प्रश्न 6.
लोकसभा सदस्य बनने के लिए व्यक्ति में कौन-सी योग्यताएँ होनी चाहिए।
उत्तर:
व्यक्ति को लोकसभा का सदस्य बनाने के लिए व्यक्ति में निम्न योग्यताएँ होनी चाहिए।

  1. वह भारत का नागरिक हो।
  2. यदि वह लोकसभा का सदस्य बनना चाहता है, तो वह 25 वर्ष की आयु और राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए 30 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
  3. वह भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर कार्य न कर रहा हो।
  4. वह पागल अथवा दिवालिया न हो।
  5. वह किसी गंभीर अपराध में दंडित न किया गया हो।
  6. उसके पास वे सभी योग्यताएँ हों, जो समय-समय पर संसद निश्चित करे।

प्रश्न 7.
राष्ट्रपति को उसके पद से किस तरह हटाया जा सकता है?
उत्तर:
संविधान का उल्लंघन करने और उसकी रक्षा करने में विफल रहने पर राष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा उसके पद से हटाया जा सकता है। महाभियोग का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में प्रस्तावित किया जा सकता है। इसके लिए सदन में 1/4 सदस्य हस्ताक्षर सहित 14 दिन का नोटिस दें। उसके पश्चात् सदन उस प्रस्ताव पर विचार करेगा। यदि सदन अपनी । कुल संख्या के बहुमत तथा उपस्थित व मतदान में भाग लेने (UPBoardSolutions.com) वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पारित कर दे, तो उसे दूसरे सदन के पास भेज दिया जाता है। यदि दूसरा सदन भी उसी प्रकार से उस प्रस्ताव को पास कर दे, तो महाभियोग प्रस्ताव संसद द्वारा पारित समझा जाएगा और राष्ट्रपति पद से हट जाएगा।

UP Board Solutions

प्रश्न 8.
राष्ट्रपति की योग्यताएँ एवं कार्यकाल बताइए।।
उत्तर:
एक व्यक्ति में भारत का राष्ट्रपति चुने जाने के लिए निम्नलिखित योग्यताएँ होनी चाहिए-

  1. वह भारत का नागरिक हो।
  2. वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
  3. वह लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता रखता हो।
  4. वह केंद्रीय सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर कार्य न कर रहा हो।
  5. वह संसद अथवा किसी राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए।
  6. सन् 1997 में जारी किए गए अध्यादेश द्वारा इसमें निम्नलिखित दो योग्यताएँ और जोड़ दी गई हैं-
    1. उसे 15,000 जमानत के रूप में जमा करवाने होंगे।
    2. राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार का नाम निर्वाचक-मंडल के कम-से-कम 50 सदस्यों द्वारा प्रस्तावित तथा अन्य 50 सदस्यों द्वारा अनुमोदित होना चाहिए।

कार्यकाल – राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष निश्चित किया गया है, परंतु संसद महाभियोग द्वारा उसे इस कार्यकाल के समाप्त होने से पहले भी पद से हटा सकती है।

प्रश्न 9.
‘अविश्वास प्रस्ताव’ किसे कहते हैं?
उत्तर:
कोई भी मंत्रिपरिषद् तभी तक अपने पद पर बनी रह सकती है, जब तक उसे लोकसभा में बहुमत का समर्थन प्राप्त रहता है। विपक्षी दल जब यह अनुभव करें कि सरकार की नीतियाँ ठीक नहीं हैं या सरकार अपना कार्य ठीक प्रकार से नहीं कर रही है, तो वह संसद में सरकार के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पेश करते हैं। इस प्रस्ताव पर संसद में वाद-विवाद किया जाता है और फिर उस पर मतदान कराया जाता है। यदि सदस्यों का बहुमत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करता है तो सरकार (मंत्रिपरिषद्) को अपना त्याग-पत्र देना पड़ता है। यदि संसद में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मत प्राप्त नहीं होते, तो वह रद्द हो जाता है और सरकार पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

प्रश्न 10.
क्या भारत का राष्ट्रपति संकटकालीन शक्तियों का प्रयोग करके तानाशाह बन सकता है? अपने तर्क प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
यह सत्य है कि राष्ट्रपति को अनेक संकटकालीन शक्तियाँ प्राप्त हैं किन्तु उसके ऊपर अनेक लोकतांत्रिक प्रतिबन्ध भी हैं जिससे वह तानाशाह नहीं बन सकता है।
इसके निम्नलिखित कारण हैं-

  1. यदि राष्ट्रपति अपनी शक्तियों को दुरुपयोग करता है, तो सांसद उसके विरुद्ध महाभियोग का प्रस्ताव पास करके उसे पद से हटा सकती है।
  2. राष्ट्रपति संकटकालीन स्थिति की घोषणा तभी कर सकता है, जब मंत्रिमंडल लिखित रूप में उसे ऐसा करने का परामर्श दे।
  3. राष्ट्रपति की घोषणा पर एक महीने के अंदर संसद की स्वीकृति लेनी पड़ती है।

प्रश्न 11.
लोकसभा और राज्यसभा में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
लोकसभा और राज्यसभा में अंतर-

लोकसभा

राज्यसभा

1. धन संबंधी बिल केवल लोकसभा में पेश किए जा सकते हैं। यह लोकसभा ही है जो देश का प्रशासन चलाने के लिए धन प्रदान करती है। 1. राज्यसभा के पास धन संबंधी मामलों में अधिक शक्ति प्राप्त नहीं है।
2. लोकसभा राज्यसभा की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली है। 2. लोकसभा की अपेक्षा राज्यसभा कम शक्तिशाली है।
3. लोकसभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते है। 3. राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव राज्य विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है।
4. प्रत्येक लोकसभा को सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष होता है। 5 वर्ष के बाद निर्वाचित किए गए सभी सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है। लोकसभा भंग हो जाती है। 4. राज्यसभा एक स्थायी निकाय है। यह कभी भंग नहीं होता किन्तु इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष के बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
 5. लोकसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या  552  है। 5. राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 250 से अधिक नहीं होती।

UP Board Solutions

प्रश्न 12.
न्यायपालिका भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा किस तरह करती है?
उत्तर:
भारतीय संविधान द्वारा भारत के नागरिकों को प्रदान किए गए मौलिक अधिकारों की सुरक्षा का उत्तरदायित्व भारत के सर्वोच्च न्यायालय को दिया गया है। यदि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीनती है या कोई नागरिक किसी दूसरे नागरिक को उसके मौलिक अधिकारों का प्रयोग स्वतंत्रतापूर्वक नहीं करने देता, तो वह नागरिक अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय की शरण ले सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ‘संवैधानिक उपचारों के अधिकार के अंतर्गत संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है। इन संवैधानिक उपचारों में बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार पृच्छा तथा उत्प्रेषण लेख आदि का प्रयोग नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए किया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संसद तथा इसके दोनों सदनों के बारे में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
प्रायः सभी लोकतांत्रिक देशों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की सभी जनता की ओर से सर्वोच्च राजनैतिक सत्ता को प्रयोग करती है। भारत में इस तरह की निर्वाचित राष्ट्रीय सभा को संसद कहते हैं। इसके दो सदन हैं-लोकसभा (निम्न सदन) और राज्यसभा (उच्च सदन)।
देश में कानून बनाने वाली सर्वोच्च सत्ता संसद है। संसद वर्तमान कानूनों को परिवर्तित यो समाप्त कर सकती है अथवा पुराने कानूनों के स्थान पर नए कानून बना सकती है। संसद का सरकार को चलाने वाले लोगों पर नियंत्रण होता है। संसद् के समर्थन के बिना कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता। संसद सरकार के पास उपलब्ध धन को भी नियंत्रित करती है। संसद देश में सार्वजनिक मुद्दों तथा राष्ट्रीय (UPBoardSolutions.com) नीतियों पर परिचर्चा का सर्वोच्च मंच है। यह किसी भी मामले में सूचना की माँग कर सकती है। हमारे देश में संसद दो सदनों से मिलकर बनी है-राज्यसभा तथा लोकसभा। हमारा संविधान राज्यसभा को राज्यों पर कुछ विशेष शक्तियाँ प्रदान करता है। किन्तु अधिकतम मामलों में लोकसभा के पास सर्वोच्च शक्ति है।

लोकसभा – यह लोगों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुनी जाती है तथा लोगों की ओर से लोकसभा वास्तविक शक्ति का प्रयोग करती है। लोकसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 है जिनमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों से तथा 20 सदस्य संघ शासित क्षेत्रों से चुने जाते हैं। राष्ट्रपति लोकसभा में 2 सदस्य आंग्ल-भारतीय समुदाय से मनोनीत करते हैं। लोकसभा सदस्यों की वर्तमान संख्या 545 है। लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। आपात स्थिति में लोकसभा के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।

राज्यसभा – राज्यसभा के सदस्य परोक्ष रूप से विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं द्वारा चुने जाते हैं। दूसरे सदन का सर्वाधिक सामान्य काम विभिन्न राज्यों, क्षेत्रों और संघीय इकाइयों के हितों की निगरानी करना होता है। इसके सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 होती है। राज्यसभा में 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा साहित्य, कला, विज्ञान एवं समाज सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले लोगों में से नामित (UPBoardSolutions.com) किए जाते हैं। राज्यसभा स्थायी सदन है। यह कभी भंग नहीं होती अपितु इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष के बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं। वर्तमान में राज्यसभा के 245 सदस्य हैं जो विभिन्न राज्यों तथा संघ शासित क्षेत्रों से चुने गए हैं।

प्रश्न 2.
न्यायपालिका की स्वतंत्रता एवं शक्तियों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
देश में विद्यमान विभिन्न स्तरों के समस्त न्यायालयों को सामूहिक रूप से न्यायपालिका कहते हैं। न्यायपालिका की स्वतंत्रता से आशय यह है कि यह विधायिका एवं कार्यपालिका के नियंत्रण से मुक्त है। इसीलिए न्यायपालिका को सभी लोकतांत्रिक देशों में विशेष महत्त्व दिया गया है। भारतीय न्यायपालिका पूरे देश के लिए सर्वोच्च न्यायालय, राज्यों में उच्च न्यायालयों, जिला न्यायालयों तथा स्थानीय न्यायालयों से मिलकर बनी है। भारतीय न्यायपालिका पूरे विश्व में सबसे अधिक शक्तिशाली है।
भारत की न्यायपालिका एकीकृत है। इसका अर्थ है कि सर्वोच्च न्यायालय पूरे देश में न्यायिक प्रशासन को नियंत्रित करता है। वह इनमें से किसी भी विवाद की सुनवाई कर सकता है।

  1. देश के नागरिकों के बीच;
  2. नागरिकों एवं सरकार के बीच;
  3. दो या इससे अधिक राज्य सरकारों के बीच;
  4. केन्द्र और राज्य सरकार के बीच।

न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ है कि यह विधायिका अथवा कार्यपालिका के नियंत्रण से मुक्त है। न्यायाधीश सरकार के निर्देशों या सत्ताधारी दलों की इच्छा के अनुसार काम नहीं करते। यही कारण है कि सभी आधुनिक लोकतंत्रों में अदालतें, विधायिका और कार्यपालिका के नियंत्रण से मुक्त होती हैं। सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों को देश के संविधान की व्याख्या करने का अधिकार है। अगर उसे लगता है कि विधायिका का कोई कानून अथवा कार्यपालिका की कोई कार्रवाई संविधान के विरुद्ध है तो यह उसे केन्द्र (UPBoardSolutions.com) अथवा राज्य स्तर पर अमान्य घोषित कर सकती है। इस प्रकार जब इसके सामने किसी कानून या कार्यपालिका की कार्रवाई को चुनौती मिलती है तो वह उसकी संवैधानिक वैधता तय करती है।

इसे न्यायिक समीक्षा के नाम से जाना जाता है। न्यायिक समीक्षा सर्वोच्च न्यायालय की वह शक्ति है जिसके द्वारा वह विधायिका द्वारा पारित कानून अथवा कार्यपालिका द्वारा की गई कार्रवाई को यह जानने के लिए प्रयोग कर सकती है कि उक्त कानून या कार्रवाई संविधान द्वारा निषिद्ध है अथवा नहीं। यदि न्यायालय यह पाता है कि कोई कानून अथवा आदेश संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो यह ऐसे कानून या आदेश को अमान्य घोषित कर सकता है।

प्रश्न 3.
लोकसभा अध्यक्ष की स्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा द्वारा अपने सदस्यों में से किया जाता है। इसे १ 4,00,000 प्रतिमाह वेतन दिया जाता है।
लोकसभा अध्यक्ष के प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं-

  1. वह लोकसभा की बैठकों की अध्यक्षता करता है तथा सदन में शांति और व्यवस्था बनाए रखने का कार्य करता है।
  2. यदि कोई सदस्य सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करता है अथवा सदन में अनुचित शब्दों का प्रयोग करता है तो स्पीकर उसके विरुद्ध कार्यवाही कर सकता है। वह उसे सदन से बाहर जाने के लिए कह सकता है।
  3. वह सदस्यों के लिए निवास तथा अन्य सुविधाओं (UPBoardSolutions.com) की व्यवस्था करता है।
  4. लोकसभा जब किसी बिल को पास कर देती है, तो वह स्पीकर के हस्ताक्षरों के बाद ही राज्यसभा अथवा राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है।
  5. सदन की बैठक में गड़बड़ होने की स्थिति में वह सदन की बैठक स्थगित कर सकता है।
  6. सदन की विभिन्न समितियों की नियुक्तियों में स्पीकर का महत्त्वपूर्ण हाथ होता है।
  7. यदि किसी बिल के बारे में यह मतभेद उत्पन्न हो जाए कि वह बिल वित्त-बिल है अथवा नहीं, तो उस संबंध में स्पीकर द्वारा किया गया निर्णय ही अंतिम माना जाएगा।
  8. वह सदन में सदस्यों को बोलने की आज्ञा देता है।
  9. सदन में जब किसी बिल पर वाद-विवाद समाप्त हो जाता है, तो वह उस पर मतदान करवाता है, मतों की गिनती करवाता है तथा परिणाम घोषित करता है।
  10. साधारणतः स्पीकर सदन में मतदान में भाग नहीं लेता, परंतु किसी बिल पर समान मत पड़ने की स्थिति में वह निर्णायक मत दे सकता है।
  11. स्पीकर सदन के नेता की सलाह से सदन का कार्यक्रम निर्धारित करता है।
  12. वह लोकसभा के सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करता है।
  13. वह राष्ट्रपति तथा सदन के बीच कड़ी का काम करता है।
  14. दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता भी स्पीकर करता है।
  15. स्पीकर ही इस बात का निर्णय करता है कि सदन की गणपूर्ति के लिए आवश्यक सदस्य उपस्थित हैं अथवा नहीं।

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
प्रधानमंत्री की शक्तियाँ एवं कार्यों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
प्रधानमंत्री की मुख्य शक्तियाँ एवं कार्यों का विवरण इस प्रकार है-

  1. मंत्रिपरिषद का निर्माण करना – प्रधानमंत्री का मुख्य कार्य मंत्रिपरिषद् का निर्माण करना है, प्रधानमंत्री मंत्रियों की सूची तैयार करता है और राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत करता है। राष्ट्रपति इस सूची के अनुसार ही मंत्रियों को नियुक्त करता है। प्रधानमंत्री ही विभिन्न मंत्रियों के बीच विभागों का बँटवारा करता है।
  2. मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता – प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल की बैठकें बुलाता है तथा उनकी अध्यक्षता करता है। इन बैठकों का कार्यक्रम भी प्रधानमंत्री द्वारा तैयार किया जाता है।
  3. मंत्रियों को हटाना – यदि कोई मंत्री प्रधानमंत्री की नीति से असहमत होता है, तो प्रधानमंत्री उसे त्याग-पत्र देने के लिए कह सकता है। यदि वह ऐसा नहीं करता, तो प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से कहकर उसे पद से हटवा सकता
  4. संसद का नेता – प्रधानमंत्री के परामर्श के अनुसार ही राष्ट्रपति द्वारा संसद का अधिवेशन बुलाया जाता है तथा स्थगित किया जाता है। संसद में सरकार की ओर से सभी महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ प्रधानमंत्री द्वारा ही की जाती हैं।
  5. नीति आयोग का अध्यक्ष (पूर्व में योजना आयोग) – प्रधानमंत्री नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग), जो देश के आर्थिक विकास के लिए नीतियों का निर्माण करता है, का अध्यक्ष होता है।
  6. राष्ट्र का नेता – प्रधानमंत्री राष्ट्र का भी नेता है। जब देश पर किसी भी प्रकार का कोई संकट आता है, तो समस्त देश प्रधानमंत्री की ओर देखता है। प्रधानमंत्री से (UPBoardSolutions.com) ही यह आशा की जाती है कि वह देश को उस संकट से मुक्ति दिलाएगा। इस प्रकार प्रधानमंत्री ही देश का वास्तविक शासक होता है।
  7. राष्ट्रपति तथा मंत्रिमंडल के बीच कड़ी – प्रधानमंत्री राष्ट्रपति तथा मंत्रिमंडल के बीच कड़ी का काम करता है। वह राष्ट्रपति को मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में सूचित करता है तथा राष्ट्रपति की बात को मंत्रिमंडल के पास पहुँचाता है। मंत्री प्रधानमंत्री की पूर्व स्वीकृति से ही राष्ट्रपति से मिल सकते हैं।
  8. नीति निर्धारण करना – देश की आंतरिक तथा बाहरी (विदेश) नीति के निर्धारण में प्रधानमंत्री बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  9. नियुक्तियाँ – राष्ट्रपति सभी उच्च सरकारी पदों पर नियुक्तियाँ प्रधानमंत्री के परामर्श के अनुसार ही करता है।
  10. राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार – प्रधानमंत्री राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। राष्ट्रपति अपने सभी कार्य प्रधानमंत्री के परामर्श के अनुसार ही करता है।

प्रश्न 5.
राष्ट्रपति की शक्तियों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
राष्ट्रपति की प्रमुख शक्तियों का विवरण इस प्रकार हैं-

  1. सभी प्रमुख नियुक्तियाँ राष्ट्रपति के नाम से की जाती हैं। इनमें भारत के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों तथा राज्यों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, राज्यों के राज्यपालों, चुनाव आयुक्तों और अन्य देशों में राजदूतों की नियुक्तियाँ शामिल हैं किन्तु राष्ट्रपति इन शक्तियों का प्रयोग केवल मंत्रीमंडल की सलाह से करता है।
  2. सभी अंतर्राष्ट्रीय समझौते तथा संधियाँ उसी के नाम पर किए जाते हैं।
  3. वह भारत के रक्षा बलों का सुप्रीम कमांडर होता है।
  4. राष्ट्रपति देश का मुखिया होता है।
  5. वह केवल नाममात्र की शक्तियों का प्रयोग करता है। वह ब्रिटेन की महारानी के समान है जिसके कार्य अधिकतर आलंकारिक होते हैं।
  6. वह देश की सभी राजनैतिक संस्थाओं के कार्य की निगरानी करता है।
  7. सरकार के सभी क्रियाकलाप राष्ट्रपति के नाम पर किए जाते हैं।
  8. सरकार के सभी कानून तथा प्रमुख नीतिगत निर्णय राष्ट्रपति के नाम जारी किए जाते हैं।

Hope given UP Board Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 5 are helpful to complete your homework.

If you have any doubts, please comment below. UP Board Solutions try to provide online tutoring for you.

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 28 आचार्य विनोबा भावे (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 28 आचार्य विनोबा भावे (महान व्यक्तित्व)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 28 आचार्य विनोबा भावे (महान व्यक्तित्व).

पाठ का सारांश

विनोबा जी का जन्म 11 सितम्बर, 1895 ई० को महाराष्ट्र में कोलाबा जिले के गागोदा ग्राम में हुआ। विनोबा जी पाठ्यपुस्तकों के साथ आध्यात्मिक पुस्तकों के पढ़ने में भी रुचि लेते थे। छोटी उम्र में (UPBoardSolutions.com) ही उन्होंने तुकाराम गाथा, दासबोध ब्रह्मसूत्र, शंकर भाष्य और गीता का अनेक बारे अध्ययन किया।

विनोबा जी कक्षा-5 से लेकर ऊँची कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाते थे वे उच्चकोटि के रचनाकार भी थे। उन्होंने मराठी, हिन्दी, तमिल, संस्कृत और बंगला में अनेक पुस्तकों की रचना की।

महात्मा गांधी के आग्रह पर वे साबरमती आश्रम चले आए। यहाँ वे उपनिषदों का नियमित वाचन और संस्कृत पढ़ाने का कार्य करने लगे। लोगों ने उन्हें आचार्य कहना प्रारम्भ कर दिया। इनमें आलस्य बिलकुल न था। वे दृढ संकल्पी और सच्चे कर्मयागी थे। विनोबा जी पर गीता का गहरा प्रभाव था। उन्होंने जगह-जगह घूमकर लोगों के सामाजिक उत्थान के विषय में विचार व्यक्त किए।

भूदान यज्ञ-विनोबा जी ज्यादा जमीन वाले किसानों की भूमि (UPBoardSolutions.com) का कुछ हिस्सा भूमिहीनों में बाँटते थे। इस प्रकार भूदान यज्ञ के द्वारा विनोबा जी ने भूमिहीनों को जमीन दिलाई।

सर्वोदय सिद्धांत-विनोबा जी के सर्वोदय सिद्धांत के तीन तत्व हैं- सत्य, अहिंसा और अपरिग्रह (त्याग)। उनके अनुसार आध्यात्मिक विकास का आधार सत्य है। सामाजिक विकास का आधार अहिंसा और आर्थिक विकास का आधार अपरिग्रह है।

विनोबा जी के विचार-“समता का अर्थ ऐसी बराबरी है जिसमें योग्यता के आधार पर आकलन हो।” भक्ति ढोंग नहीं है। दिनभर झूठ बोलकर, पाप करके प्रार्थना नहीं होती। जिस घर में उद्योग की शिक्षा नहीं है, उस घर के बच्चे घर का नाश कर देंगे। स्वावलम्बन का अर्थ है- अपने आप पर निर्भर होना तथा दूसरों का मुंह न ताकना। आशय है – “जितना कमाओ, उतना खाओ।”

विनोबा जी ऋषि, गुरु और क्रान्तिदूत सभी कुछ थे। 15 नवम्बर, 1982 ई० को उनका निधन हो गया। वर्ष 1983 ई० में इन्हें भारत सरकार द्वारा मरणोपरान्त ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

UP Board Solutions

अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
विनोबा जी के सर्वोदय सिद्धांत को आशय लिखिए।
उत्तर :
विनोबा जी के सर्वोदय सिद्धांत का आशय स्वशासन और स्वावलम्बन था।

प्रश्न 2.
विनोबा जी ने आर्थिक विकास का आधार किसे और क्यों बताया है?
उत्तर :
विनोबा जी ने आर्थिक विकास का आधार अपरिग्रह (त्याग) बताया है क्योंकि इसमें ही धने का समान वितरण सम्भव है।

प्रश्न 3.
भूदान आन्दोलन को क्या उद्देश्य था?
उत्तर :
भूदान आन्दोलन का उद्देश्य भूमिहीन को बड़े किसानों की भूमि का कुछ हिस्सा दिलाना था।

प्रश्न 4.
विनोबा जी कैसी बराबरी चाहते थे? आपकी नजर में समता का क्या मतलब है?
उत्तर :
विनोबा जी ऐसी बराबरी चाहते थे जिसमें योग्यता के अनुसार सभी का आकलन हो। गणित की बराबरी दैनिक व्यवहार के लिए व्यावहारिक नहीं है। हम विनोबा जी के विचार से सहमत हैं।

UP Board Solutions

प्रश्न 5.
“जितना कमाओ – उतना खाओ’ विनोबा जी के इस कथन का क्या मतलब है।
उत्तर :
‘जितना कमाओ – उतना खाओ’ का मतलब है स्वावलम्बन और दूसरों का मुँह न ताकना।

प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)

  1. विनोबा जी में आलस्य लेशमात्र भी नहीं था।
  2. लोगों की सेवा करना विनोबा का धर्म बन गया था।
  3. विनोबा जी का कहना था कि केवल पाठशाला की शिक्षा पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है।
  4. दिन भर पाप करके, झूठ बोलकर प्रार्थना नहीं होती।

प्रश्न 7.
विनोबा जी द्वारा कहे गए निम्नलिखित शब्दों का सही मिलान कीजिए
उत्तर :
सत्य                सामाजिक विकास का आधार
अहिंसा           योग्यता के अनुसार कीमत
अपरिग्रह         जो खाता है वह उद्योग करे
समता             आध्यात्मिक विकास का आधार
उद्योग             पाप करके झूठ बोलकर प्रार्थना नहीं होती।
भक्ति               आर्थिक विकास को आधार

UP Board Solutions

प्रश्न 8.
नोट – 
विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

We hope the UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 28 आचार्य विनोबा भावे (महान व्यक्तित्व) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 28 आचार्य विनोबा भावे (महान व्यक्तित्व), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 9 Home Science Chapter 9 अशुद्ध वायु से होने वाले रोग

UP Board Solutions for Class 9 Home Science Chapter 9 अशुद्ध वायु से होने वाले रोग

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 Home Science . Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Home Science Chapter 9 अशुद्ध वायु से होने वाले रोग.

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
वायु द्वारा रोगों के संक्रमण का प्रसार किस प्रकार से होता है? इस प्रकार के संक्रमण से बचाव के उपायों का भी उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
वायु; विशेष रूप से अशुद्ध वायु अनेक संक्रामक रोगों के प्रसार में प्रभावी माध्यम को कार्य करती है। वायु में अनेक रोगाणु पाए जाते हैं। रोगाणुओं का वायु में भली प्रकार से पनपना वायु की आर्द्रता, तापमान व सूर्य के प्रकाश की कम अथवा अधिक उपलब्धि पर निर्भर करता है। उदाहरण (UPBoardSolutions.com) के लिए-वर्षा ऋतु में अधिक आर्द्रता, अपेक्षाकृत कम सूर्य का प्रकाश व तापमान की परिस्थितियों में रोगाणु अधिक पनपते हैं, जबकि ग्रीष्म ऋतु की विपरीत परिस्थितियाँ रोगाणुओं के लिए घातक होती हैं। वायु द्वारा रोगाणुओं के प्रसार की कुछ सामान्य विधियाँ निम्नलिखित हैं

(1) धूल के कणों के साथ रोगाणुओं का स्थानान्तरण:
साधारणतः वायु में धूल के कण व रोगाणु दोनों ही पाए जाते हैं। जब वायु की गति में परिवर्तन होता है तो धूल के कणों के साथ-साथ रोगाणु भी भूमि पर गिरते रहते हैं। झाडू द्वारा भूमि की सफाई करते समय ये रोगाणु धूल के कणों के साथ निचले स्तर की वायु में आ जाते हैं तथा या तो आस-पास (UPBoardSolutions.com) के मनुष्यों की श्वास नलिकाओं में प्रवेश कर जाते हैं। या फिर आस-पास के खुले रखे भोज्य पदार्थों तक पहुँच जाते हैं। इस प्रकार रोगों के संक्रमण की पूर्ण सम्भावना बन जाती है।

बचने के उपाय:

  1. मकानों, सार्वजनिक भवनों एवं अस्पतालों इत्यादि की सफाई झाडू द्वारा नहीं करनी चाहिए। इन स्थानों की सफाई गीले पोंछे से करनी चाहिए जिससे कि धूल के उड़ने की कोई सम्भावना न रहे। सफाई करते समय पोंछे को रोगाणुमुक्त करने के लिए फिनाइल के घोल में भिगोते रहना चाहिए।
  2. वायु के संवातन की समुचित व्यवस्था तथा धूल के उड़ने पर नियन्त्रण रखने से फैलने वाले रोगों से एक बड़ी सीमा तक बचाव किया जा सकता है।

(2) मानवीय असावधानियों द्वारा रोगाणुओं का प्रसार:
छींकना, खाँसना, वार्तालाप करना, हँसना, रोना अथवा गाना आदि वैसे तो सामान्य मानवीय क्रियाएँ हैं, परन्तु रोगियों द्वारा नादानी एवं असावधानी से की गई ये क्रियाएँ ही संक्रामक रोगों के प्रसार का कारण बन जाती हैं। रोगी द्वारा खाँसने व छींकने से निकला कफ व म्यूकस पदार्थ रोगाणुयुक्त (UPBoardSolutions.com) होता है। यह आस-पास लगभग 3-4 फिट दूरी तक बैठे व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकता है। इसके अतिरिक्त म्यूकस पदार्थ धूल के कणों के साथ मिलकर वायु द्वारा दूर-दूर तक फैलकर रोगाणुओं का प्रसार कर सकता है। रोगाणुओं का यह समूह धूल के कणों के साथ मिलकर भार में हल्का होने के कारण एक लम्बे समय तक वायु में विचरण भी कर सकता है।

बचने के उपाय:

  1.  परिचर्या के समय रोगी से लगभग चार फीट की दूरी तक रहना चाहिए।
  2. सार्वजनिक स्थलों (जैसे- स्कूल, अस्पताल एवं छविगृहों इत्यादि)में एक-दूसरे से कम-से कम 4-5 फीट की दूरी पर रहना चाहिए।
  3. रोगी एवं स्वस्थ दोनों ही प्रकार के मनुष्यों को खुले अथवा सार्वजनिक स्थलों पर नहीं थूकना चाहिए तथा छींकते समय नाक को रूमाल से ढक लेना चाहिए।
  4.  रोगी का रूमाल अथवा तौलिया अन्य व्यक्तियों को प्रयोग नहीं करना चाहिए।

(3) वातानुकूलन संयन्त्र द्वारा रोगाणुओं का संक्रमण:
वातानुकूलन के कारण कमरे में आर्द्रता अधिक व तापमान कम बना रहता है। रोगाणुओं के पनपने के लिए यह एक उपयुक्त वातावरण है। वातानुकूलित कमरे में (UPBoardSolutions.com) रोगाणुओं का स्रोत बाहर से प्रवेश करने वाली वायु होती है। अतः यदि सावधानियाँ न रखी जाये तो वातानुकूलित कमरों में रहने वाले मनुष्य सरलतापूर्वक संक्रामक रोगों के शिकार बन जाते हैं।

बचने के उपाय:

  1. वातानुकूलन संयन्त्र में वायु के प्रवेश के स्थान पर जीवाणु-अभेद्य फिल्टर का लगा होना अति आवश्यक है। इसमें से छनकर केवल शुद्ध वायु ही कमरे में प्रवेश कर सकती है।
  2. सप्ताह में कम-से-कम दो बार वातानुकूलन संयन्त्र को बन्द कर कमरे को शुष्क किया जाना चाहिए और सम्भव हो, तो खिड़कियाँ इत्यादि खोलकर कमरे में धूप आने दें, इससे कमरे में उपस्थित रोगाणु नष्ट हो जाते हैं। .

UP Board Solutions

प्रश्न 2:
वायु द्वारा फैलने वाले रोग कौन-कौन से हैं? किसी एक रोग का सविस्तार वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु अनेक रोगों के प्रसार का माध्यम है, जिनमें कुछ प्रमुख रोग निम्नलिखित हैं

  1.  डिफ्थीरिया,
  2.  काली खाँसी,
  3.  तपेदिक,
  4. चेचक,
  5.  खसरी,
  6. छोटी माता,
  7.  कर्णफेर,
  8. इन्फ्लू एंजा आदि।

रोहिणी (डिफ्थीरिया)

रोग का कारण:
यह रोग जीवाणुजनित रोग है तथा इसके जीवाणु वायु के माध्यम से फैलते हैं। कोरीनीबैक्टीरियम डिफ्थीरी नामक जीवाणु इस रोग की उत्पत्ति का कारण है। यह एक भयानक संक्रामक रोग है, जो कि प्राय: 2-5 वर्ष की आयु के बच्चों में अधिक होता है। यह रोग बहुधा शीत ऋतु में होता है।

सम्प्राप्ति काल: 2 से 3 दिन तक।

रोग के लक्षण:
इस रोग का प्रारम्भ रोगी की नाक व गले से होता है। इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं

  1.  प्रारम्भ में गले में दर्द होता है और फिर सूजन आ जाती है तथा घाव बन जाते हैं।
  2.  शरीर का तापक्रम 101-104° फा० तक हो जाता है, परन्तु रोग बढ़ने पर यह कम हो जाता है।
  3.  टॉन्सिल व कोमल तालू पर झिल्ली बन जाती है, जो कि श्वसन क्रिया में अवरोधक होती है। इसके कारण रोगी दम घुटने का अनुभव करता है।
  4. रोगी को बोलने तथा खाने-पीने में कठिनाई होती है।
  5. रोगी के शरीर के अंगों को लकवा मार जाता है।
  6. समुचित उपचार न होने की स्थिति में जीवाणुओं का अतिक्रमण फेफड़ों तथा हृदय तक होता है, जिससे रोगी की मृत्यु हो जाती है।

रोग का संक्रमण:
इस रोग का संवाहक वायु है। रोगी के बोलने, खाँसने एवं छींकने से जीवाणु वायु में मिलकर स्वस्थ बच्चों तक पहुँचते हैं। रोगी द्वारा प्रयुक्त वस्त्रों, दूध एवं खाद्य पदार्थों के माध्यम से भी यह रोग स्वस्थ बच्चों में स्थानान्तरित हो सकता है।

रोगोपचार एवं रोग से बचने के उपाय

बचाव के उपाय:
डिफ्थीरिया नामक रोग के संक्रमण को नियन्त्रित करने के लिए अर्थात् इस रोग से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए—

  1.  रोगी से स्वस्थ बच्चों को दूर रहना चाहिए।
  2. रोगी द्वारा प्रयुक्त वस्तुओं को सावधानीपूर्वक नष्ट कर देना चाहिए।
  3. रोगी की ‘परिचर्या करने वाले व्यक्ति को तथा घर के अन्य बच्चों को डिफ्थीरियाएण्टीटॉक्सिन इन्जेक्शन लगवाने चाहिए।
  4.  स्वस्थ रहन-सहन द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है; अतः वातावरण की स्वच्छता एवं निद्रा व विश्राम का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

रोग का उपचार:
डिफ्थीरिया नामक रोग का तुरन्त तथा अत्याधिक व्यवस्थित उपचार आवश्यक होता है। इसके लिए रोगग्रस्त बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवा देना चाहिए तथा निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. रोगी को उबालकर ठण्डा किया हुआ जल देना चाहिए।
  2.  नमक मिले जल से नाक, गले व मुँह को साफ करना चाहिए।
  3.  सिरदर्द एवं अधिक तापक्रम होने पर माथे व सिर पर शीतल जल की पट्टी रखना लाभकारी रहता है।
  4.  रोगी को पर्याप्त मात्रा में द्रव पदार्थ पिलाने चाहिए।
  5.  मधु में लहसुन का रस मिलाकर रोगी के गले पर लेप करना उचित रहता है।
  6.  रोगमुक्त होने के पश्चात् भी रोगी को कम-से-कम दस दिन तक पूर्ण विश्राम करना चाहिए।
  7. रोगी के प्रभावित अंगों की मालिश करना प्रायः लाभप्रद रहता है।

प्रश्न 3:
चेचक नामक रोग की उत्पत्ति के कारणों, लक्षणों तथा बचने एवं उपचार के उपायों का विवरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
वायु द्वारा संक्रमित होने वाले रोगों में से एक मुख्य रोग चेचक (Smallpox) है। यह एक अत्यधिक भयंकर एवं घातक रोग है। अब से कुछ वर्ष पूर्व तक भारतवर्ष में इस संक्रामक रोग का काफी अधिक प्रकोप रहता था। प्रतिवर्ष लाखों व्यक्ति इस रोग से पीड़ित हुआ करते थे तथा हजारों की मृत्यु (UPBoardSolutions.com) हो जाती थी, परन्तु सरकार के व्यवस्थित प्रयास से अब इस रोग को प्रायः पूरी तरह से नियन्त्रित कर लिया। गया है। चेचक को स्थानीय बोलचाल की भाषा में बड़ी माता भी कहा जाता है। इस रोग के कारणों, लक्षणों एवं बचाव के उपायों का विवरण निम्नवर्णित है

चेचक की उत्पत्ति के कारण:
चेचक वायु के माध्यम से फैलने वाला संक्रामक रोग है। यह रोग एक विषाणु (Virus) द्वारा फैलता है, जिसे वरियोला वायरस कहते हैं। रोगी व्यक्ति के साँस, खाँसी, बलगम के अतिरिक्त उसके दानों के मवाद, छिलके, कै, मल एवं मूत्र में भी यह वायरस विद्यमान होता है। इन सब स्रोतों (UPBoardSolutions.com) से चेचक के वायरस निकलकर वायु में व्याप्त हो जाते हैं तथा सब ओर फैल जाते हैं। ये वायरस सम्पर्क में आने वाले स्वस्थ व्यक्तियों को संक्रमित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त रोगी व्यक्ति के सीधे सम्पर्क द्वारा भी यह रोग संक्रमित हो सकता है। चेचक के फैलने का काल मुख्य रूप से नवम्बर से मई माह तक का होता है।

रोग के लक्षण:

  1.  रोगी को तीव्र ज्वर रहता है।
  2. पीठ एवं सिर में भयानक पीड़ा होती है।
  3.  रोग के तीसरे दिन पहले चेहरे पर तथा फिर टाँगों व बाँहों पर लाल रंग के दाने निकल आते हैं। अब रोगी का ज्वर कम होने लगता है।
  4. रोग के 5-6 दिन पश्चात् दाने आकार में वृद्धि कर बड़े-बड़े छालों का रूप ले लेते हैं।
  5.  छालों में प्रारम्भ में तरल पदार्थ भरा रहता है जो कि रोग के 8-10 दिन बाद पस में बदल जाता है। छालों में प्रायः जलन व खाज होती है।
  6. रोग के 15-20 दिन पश्चात् छाले अथवा फफोले सूखने लगते हैं तथा इन पर खुरण्ड जमने लगता है।
  7.  खुरण्ड उतर जाने पर त्वचा पर स्थायी चिह्न बने रह जाते हैं।
  8. उतरा हुआ खुरण्ड भारी मात्रा में विषाणुओं का संक्रमण करता है।

रोग से बचने के उपाय:
चेचक एक भयानक संक्रामक रोग है। सभी व्यक्तियों, विशेष रूप से रोगी की परिचर्या करने वाले व्यक्ति को इस रोग से बचने के उपाय अवश्य ही अपनाने चाहिए। एडवर्ड जेनर ने चेचक के टीके का आविष्कार किया, जिसके सफल प्रयोगों के फलस्वरूप आज चेचक को सम्पूर्ण विश्व में नियन्त्रित कर लिया गया है। चेचक से बचाव के कुछ सामान्य एवं सरल उपाय अग्रवर्णित हैं

  1. रोगी को पृथक्, स्वच्छ एवं हवादार कमरे में रखना चाहिए।
  2.  रोगी के पासे नीम की ताजी पत्तियों वाली टहनी रखनी चाहिए।
  3. रोगी की परिचर्या करने वाले व आस-पास कै व्यक्तियों को चेचक का टीका अवश्य ही लगवा देना चाहिए।
  4.  रोगी को उबालकर ठण्डा किया हुआ जल पीने के लिए देना चाहिए।
  5. तीव्र ज्वर व अन्य प्रकार की परिस्थितियों में किसी कुशल चिकित्सक की देख-रेख में ही रोगी को औषधियाँ देनी चाहिए।
  6.  रोगी द्वारा प्रयुक्त वस्त्र, बर्तन इत्यादि को तीव्र नि:संक्रामक प्रयोग कर उबलते पानी से धोना चाहिए।
  7. रोगी के फफोलों पर से उतरने वाले खुरण्डों को जला देना चाहिए।
  8.  नि:संक्रमण के लिए डिटॉल, फिनाइल, सैवलॉन, स्प्रिट व कार्बोलिक साबुन इत्यादि का प्रयोग किया जा सकता है।
  9.  पूर्ण स्वस्थ होने तक रोगी को कमरे से बाहर नहीं जाने देना चाहिए।

चेचक का उपचार:
सामान्य रूप से चेचक के विशेष उपचार की कोई आवश्यकता नहीं होती क्योंकि यह रोग निश्चित अवधि के उपरान्त अपने आप ही समाप्त हो जाता है, परन्तु समुचित उपचार के माध्यम से रोग की भयंकरता से बचा जा सकता है तथा रोग से होने वाले अन्य कष्टों को कम किया जा सकता है। चेचक के रोगी को हर प्रकार से अलग रखना अनिवार्य है। उसे हर प्रकार की सुविधा दी जानी चाहिए। रोगी के कमरे में अधिक प्रकाश नहीं होना चाहिए, क्योंकि रोशनी से उसकी आँखों में चौंध लगती है, जिसका रोगी की नजर पर बुरा प्रभाव पड़ता (UPBoardSolutions.com) है। चेचक के रोगी को पीने के लिए उबला हुआ पानी तथा हल्का आहार ही देना चाहिए। रोगी से सहानुभूतिमय व्यवहार करना चाहिए। किसी चिकित्सक की राय से कोई अच्छी मरहम भी दानों पर लगाई जा सकती है। रोगी को सुझाव देना चाहिए कि वह दानों को खुजलाए नहीं।

UP Board Solutions

प्रश्न 4:
खसरा नामक रोग की उत्पत्ति के कारणों, लक्षणों तथा बचाव एवं उपचार के उपायों का भी उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
खसरा (Measles):
वायु द्वारा संक्रमित होने वाला मुख्य रूप से बच्चों में होने वाला एक संक्रामक रोग है। यह छोटी आयु के बच्चों को होता है तथा कभी-कभी गम्भीर रूप धारण कर लेता है। सामान्य रूप से इस रोग से व्यक्ति की मृत्यु नहीं होती।

रोगका कारण:
यह एक विषाणु जनित रोग है जो कि रुबियोला नामक विषाणु के द्वारा उत्पन्न होता है। इस रोग के विषाणु खाँसने, थूकने व छींकने से वायु में आते हैं तथा वायु द्वारा स्वस्थ व्यक्तियों में पहुँच कर रोग उत्पन्न करते हैं। रोग के संक्रमण के 10-12 दिन के पश्चात् रोगी में इसके लक्षण प्रकट होते हैं।

रोग के लक्षण:
खसरा एक संक्रामक रोग है; अत: इसको निम्नलिखित विभिन्न लक्षणों के द्वारा पहचान कर इससे बचने के उपाय करने चाहिए

  1.  रोग का प्रारम्भ जुकाम व सिर-दर्द से होता है।
  2.  रोगी को प्राय: खाँसी उठती है तथा छींकें आती हैं।
  3. शरीर का तापमान 103-104° फा० तक हो जाता है।
  4. चार या पाँच दिन पश्चात् मस्तक व चेहरे पर छोटे-छोटे लाल रंग के दाने निकलते हैं जो कि धीरे-धीरे शरीर के अन्य भागों पर भी फैल जाते हैं।
  5.  दाने निकलने पर रोगी का ज्वर कम हो जाता है।
  6. चार या पाँच दिन में दाने सूखने लगते हैं तथा इनसे खुरण्ड अथवा पपड़ी उतरने लगती है।
  7.  दस से पन्द्रह दिन बाद शरीर साफ हो जाता है तथा रोगी स्वस्थ अनुभव करता है।

बचाव के उपाय:
खसरे से बचने के लिए गन्दगी एवं अशुद्ध वातावरण से बचना चाहिए। सन्तुलित एवं पौष्टिक भोजन से बच्चों में रोग से बचने की क्षमता विकसित होती हैं। अब खसरा (UPBoardSolutions.com) से बचने का टीका भी विकसित कर लिया गया है, जो छोटे शिशुओं को लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त वे सभी उपाय करने चाहिए, जो अन्य संक्रामक रोगों को फैलने से रोकने के लिए किए जाते हैं।

उपचार के उपाय:
यदि खसरा बिगड़े नहीं तो किसी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती, परन्तु खसरा के रोगी की उचित देखभाल अवश्य करनी चाहिए, क्योंकि कभी-कभी इस बात का डर रहता है कि रोगी को कहीं निमोनिया न हो जाए। रोगी को गर्मी एवं अधिक ठण्ड से बचाना चाहिए। रोगी
को हल्का एवं सुपाच्य आहार देना चाहिए तथा दानों को खुजाने से रोकना चाहिए।

प्रश्न 5:
तपेदिक या क्षयरोग के विषय में आप क्या जानती हैं? इस रोग की उत्पत्ति के कारणों, लक्षणों, बचने एवं उपचार के उपायों का भी उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
तपेदिक अथवा क्षय रोग एक अत्यन्त गम्भीर एवं घातक संक्रामक रोग है। इस रोग को टी०बी० तथा राज्यक्ष्मा भी कहते हैं। यह एक जीवाणु जनित रोग है जो कि माइक्रो बैसिलस ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु द्वारा फैलती है। इस जीवाणु की सर्वप्रथम खोज रॉबर्ट कॉक नामक वैज्ञानिक ने 1882 ई० में की थी। क्षय रोग वायु संवाहित संक्रामक रोग है जो कि विश्व के लगभग सभी देशों में पाया जाता है। यह रोग अधिकतर महानगरों की सघन आबादियों, औद्योगिक क्षेत्रों, खनिज खान क्षेत्रों तथा गन्दी व अविकसित बस्तियों के निवासियों में पाया जाता है। यह रोग अधिकतर युवावस्था में होता है तथा वृद्धावस्था में अपना उग्र रूप प्रदर्शित करता है। क्षय (UPBoardSolutions.com) रोग के जीवाणु श्वसन वायु के साथ शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों में पनपते हैं। वायु द्वारा संवाहित होने के कारण रोगी के आसपास के लोग सरलतापूर्वक इस रोग की चपेट में आ जाते हैं। इस रोग की एक अन्य विशेषता यह है कि इस रोग को संक्रमण होने के लगभग छह माह बाद रोगी में रोग के लक्षण दिखाई पड़ते हैं। इस रोग के जीवाणु अधिक समय तक जीवित रहने के कारण वायु द्वारा भोज्य पदार्थों पर भी पहुंच जाते हैं। अतः दूषित भोज्य पदार्थ भी प्रायः इस रोग के वाहक का कार्य करते हैं। क्षय रोग फेफड़ों के अतिरिक्त शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। मनुष्यों में प्रायः चार प्रकार के क्षय रोग पाए जाते हैं

  1. फेफड़ों का क्षय रोग,
  2.  अस्थियों का क्षय रोग,
  3. आँतों का क्षय रोग तथा
  4.  ग्रन्थियों का क्षय रोग।।

रोग की उत्पत्ति के कारण:
क्षय रोग होने के कारणों का संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार से दिया जा सकता है

  1.  वायु की समुचित संवातन व्यवस्था न होने के कारण।
  2.  घनी बस्तियों व महानगरों में एक ही स्थान में अधिक लोगों के रहने पर अर्थात् स्थानाभाव की स्थिति में।
  3.  पौष्टिक भोजन के अभाव में।
  4. आवश्यकता से अधिक मानसिक व शारीरिक कार्य करने से।
  5.  परिवार कल्याण का पालन न करने से।।
  6.  अत्यधिक धूम्रपान व मदिरापान करने से।
  7.  आवासीय व्यवस्था के आस-पास कूड़ा-करकट व गन्दगी एकत्रित होने से।
  8. क्षय रोग से ग्रस्त व्यक्ति के आस-पास रहने से।

रोग के लक्षण:
क्षय रोग के लक्षण एक लम्बी अवधि के बाद प्रकट होते हैं। संक्रमण के लगभग छह माह बाद रोगी में क्षय रोग के लक्षण दिखाई पड़ते हैं। एक भीषण संक्रामक रोग होने के कारण इस रोग के निम्नलिखित लक्षणों का प्रत्येक गृहिणी को ज्ञान आवश्यक है

  1.  रोग की प्रारम्भिक अवस्था में रोगी थकावट अनुभव करता है।
  2.  धीरे-धीरे भूख कम लगने लगती है।
  3. रोगी को शरीर दुर्बल होने लगता है तथा शारीरिक भार धीरे-धीरे घटने लगता है।
  4.  क्षय रोग से प्रभावित रोगी की कार्यक्षमता घट जाती है तथा कार्य करने में उसका मन नहीं लगता।
  5.  श्वसन क्रिया तीव्र हो जाती है तथा श्वास फूलने लगती है।
  6.  जुकाम वे खाँसी की शीघ्र पुनरावृत्ति होने लगती है।
  7. सीने में प्राय: दर्द होने लगता है।
  8.  रोग की गम्भीर अवस्था में खाँसने पर कफ के साथ रक्त भी जाने लगता है।
  9. रक्त की कमी से जाने के कारण रोगी का रंग पीला पड़ने लगता है।
  10.  रोगी को प्रायः ज्वर रहने लगता है।
  11.  फेफड़ों में तरल पदार्थ भर जाने के कारण इनकी कार्यक्षमता घटने लगती है। समुचित उपचार न होने पर फेफड़े सिकुड़ने लगते हैं। इन लक्षणों को रोगी के एक्स-रे चित्र में देखा जा सकता है।

रोग से बचने के उपाय एवं उपचार:

  1.  बच्चों को आवश्यक रूप से बी० सी० जी० का टीका लगवाना चाहिए।
  2. रोगी को पृथक् कमरे में रखना चाहिए तथा उसके सम्पर्क में परिचर्या करने वाले व्यक्ति के अतिरिक्त अन्य लोगों को नहीं आना चाहिए।
  3.  रोग बढ़ जाने की अवस्था में रोगी को क्षय रोग अस्पताल में भर्ती करा देना चाहिए।
  4.  रोगी के कमरे में वायु की संवातन व्यवस्था उत्तम होनी चाहिए।
  5. रोगी का नियमित रूप से सुबह व शाम को खुली हवा में टहलना सदैव लाभप्रद रहता है।
  6.  रोगी को शुद्ध, पौष्टिक एवं सुपाच्य भोजन देना चाहिए।
  7. रोगी के कपड़ों, बर्तनों व अन्य वस्तुओं का नियमित नि:संक्रमण होना चाहिए।
  8.  रोगी के थूकदान में फिनाइल डालना चाहिए तथा कमरे के फर्श को भी फिनाइल द्वारा धोते रहना चाहिए।
  9. आवासीय व्यवस्था के आस-पास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  10. औषधियों का प्रयोग: वर्तमान समय में क्षय रोग के उपचार के लिए विभिन्न प्रभावकारी औषधियाँ उपलब्ध हैं। क्षय रोग ग्रस्त व्यक्ति को किसी योग्य चिकित्सक की देख-रेख में औषधियाँ लेनी चाहिए। इस रोग का उपचार लम्बे समय तक चलता है। अतः धैर्यपूर्वक पूर्ण उपचार करना चाहिए तथा आहार एवं दिनचर्या को अनिवार्य रूप से नियमित रखना चाहिए।

UP Board Solutions

प्रश्न 6:
कर्णफेर अथवा गलसुआ नामक रोग के कारणों, लक्षणों तथा बचने के उपायों एवं सावधानियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
कर्णफेर अथवा गलसुआ (Mumps)–एक वायु संवाहित विषाणु जनित रोग है। मम्स विषाणु प्रायः पाँच से पन्द्रह वर्ष की आयु के बच्चों में रोग उत्पन्न करते हैं, परन्तु अधिक आयु के
व्यक्ति भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। इस रोग के होने के विशेष कारण निम्नलिखित हैं|

  1.  रोगी के सम्पर्क में आने के परिणामस्वरूप एक बच्चे को रोग के होने पर परिवार के अन्य बच्चों को भी इस रोग के होने की सम्भावना अधिक रहती है।
  2.  गले के अंगों के रोग से प्रभावित होने के कारण रोगी का थूक अथवा लार रोग के प्रसार का माध्यम होते हैं।
  3. यह रोग प्राय: शीत ऋतु में होता है।
  4.  रोग के प्रारम्भ में होने के लगभग चार सप्ताह तक रोग के संक्रमण की सम्भावना रहती है।

सम्प्राप्ति काल: लगभग दो दिन

रोग के लक्षण:
यह एक भीषण संक्रामक रोग है। युवावस्था में होने पर इस रोग में जननांगों के कुप्रभावित होने की सम्भावना रहती है; अत: इस रोग से बचने के लिए इसके विशिष्ट लक्षणों का ज्ञान अति आवश्यक है

  1.  जबड़ों के कोनों पर कान के नीचे अत्यधिक दर्द करने वाली सूजन आ जाती है।
  2. धीरे-धीरे यह सूजन व दर्द गले तक पहुँच जाती है जो कि लगभग एक सप्ताह में दूर होती है।
  3.  बच्चों में प्रभावित होने वाले विशिष्ट अंग सैलाइवरी व पेरोटिड ग्रन्थियाँ होती हैं तथा विषाणु रक्त, रीढ़-रज्जु (स्पाइनल कॉर्ड) के तरल पदार्थ तथा मूत्र में पाए जाते हैं।
  4. युवावस्था में रोग होने पर जननांगों में सूजन आ जाती है, जिससे नपुंसकता पैदा होने का भय रहता है।

बचने के उपाय एवं सावधानियाँ:
इस रोग की उत्पत्ति संक्रमण द्वारा होती है। अतः स्वस्थ बच्चों को रोगी बच्चे के निकट सम्पर्क से बचाना चाहिए। बच्चों को ठण्ड से बचाकर रखना चाहिए। अब इस रोग से बचाव का टीका भी प्रचलन में आ गया है तथा प्रायः सभी बच्चों को लगाया जाता है।

उपचार:
इस रोग के उपचार के लिए रोगी को ठण्ड से बचाना चाहिए तथा पूर्ण विश्राम प्रदान करना चाहिए। रोगी को हल्का तथा नर्म भोजन दिया जाना चाहिए, ताकि चबाना न पड़े। गर्म पानी में नमक डाल कर कुल्ले कराने चाहिए। गले की सिकाई करनी चाहिए; गर्म रुई द्वारा सेंकना अच्छा रहता है। स्वस्थ बच्चों को रोगी बच्चे से दूर रखना चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
काली खाँसी रोग के कारण, लक्षण एवं उपचार बताइए।
उत्तर:
कारण-काली खाँसी अथवा कुकुर खाँसी बच्चों में होने वाला एक भयंकर रोग है, जो कि होमोकीस परदुसिस बैसिलस नामक जीवाणु के द्वारा होता है। रोगी के खाँसने, (UPBoardSolutions.com) छींकने या बोलने से जीवाणु वायु में आ जाते हैं तथा इस प्रकार की दूषित वायु स्वस्थ बच्चों में रोग का प्रसार करती है। रोगी द्वारा प्रयुक्त वस्त्र एवं बर्तन भी रोग के प्रसार का माध्यम होते हैं।
लक्षण:

  1. भयंकर खाँसी उठती है तथा रोगी खाँसते-खाँसते वमन कर देता है।
  2. खाँसने से आँखों में पानी आ जाता है।
  3.  गले में दर्द रहता है।
  4.  ज्वर तथा व्याकुलता रहती है।
  5.  यह रोग लगभग 1-2 सप्ताह तक रहता है।

बचने के उपाय तथा उपचार:

  1.  बच्चों को रोग-निरोधक टीका लगवाना चाहिए।
  2. वायु संवाहित रोग होने के कारण रोगी से स्वस्थ बच्चों को पृथक् रखना चाहिए।
  3.  रोगी द्वारा प्रयुक्त वस्तुओं को नि:संक्रमित करते रहना चाहिए।
  4. रोगी को किसी योग्य चिकित्सक को दिखाना चाहिए तथा चिकित्सक द्वारा सुझाई गई औषधियाँ नियमित रूप से लेनी चाहिए।

UP Board Solutions

प्रश्न 2:
कूलर एवं वातानुकूलन यन्त्र के निरन्तर उपयोग से क्या हानि सम्भव है?
उत्तर:
कूलर अथवा वातानुकूलन यन्त्र के लगातार उपयोग से कमरे की आर्द्रता में वृद्धि होती है। तथा तापमान कम हो जाता है। कम तापमान व अधिक आई वायु में रोगाणु (UPBoardSolutions.com) सरलतापूर्वक पनपते हैं; अतः विभिन्न रोगों के पनपने की सम्भावनाओं में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त कूलर युक्त अथवा वातानुकूलित कमरे में वायु के संवतन की उत्तम व्यवस्था का अभाव रहता है। इस प्रकार के कमरे में यदि वायु संवाहित रोग से ग्रस्त कोई रोगी रखा जाता है, तो उसके सम्पर्क में आने वाले स्वस्थ व्यक्तियों के रोगग्रस्त होने की आशंका अधिक रहती है।

प्रश्न 3:
अशुद्ध एवं विषैली वायु से हमें क्या-क्या हानियाँ हैं?
उत्तर:
अशुद्ध एवं विषैली वायु के वातावरण में रहने से होने वाली मुख्य हानियाँ निम्नलिखित हैं

  1. मानसिक तनाव में वृद्धि,
  2.  सिर दर्द,
  3.  जी मिचलाना,
  4. श्वास की गति में अवरोध होने के कारण दम घुटना,
  5. हृदय गति मन्द हो जाने के कारण हृदय रोगों की सम्भावनाओं में वृद्धि तथा
  6.  वायु संवाहित रोगों के प्रसार में वृद्धि।

प्रश्न 4:
उदभवन अथवा सम्प्राप्ति काल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
रोगों के मूल कारण प्रायः रोगाणु होते हैं जो कि किसी-न-किसी विधि से हमारे शरीर में प्रवेश कर रोग उत्पन्न करते हैं। रोगों की पहचान हम उनके कारण शरीर में दिखाई पड़ने वाले लक्षणों के आधार पर करते हैं, परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि संक्रमण (रोगाणुओं को शरीर में प्रवेश) के साथ ही शरीर में रोग के लक्षण प्रकट हों। इनमें कुछ समय लगता है, जिसे सम्प्राप्ति काल कहा जाता है। अतः संक्रमण (UPBoardSolutions.com) ग्रहण करने और इसके कारण रोग के लक्षणों के प्रकट होने तक की अवधि को सम्प्राप्ति काल अथवा उद्भवन काल कहते हैं। विभिन्न रोगों में यह अवधि अलग-अलग होती है, जैसे कि खसरा का सम्प्राप्ति काल 10-12 दिन का तथा कर्णफेर का लगभग दो दिन का होता है।

प्रश्न 5:
इन्फ्लूएंजा कैसे फैलता है? इस रोग के उपचार तथा बचने के उपाय लिखिए।
उत्तर:
इन्फ्लूएंजा या फ्लू एक सामान्य रूप से फैलने वाला संक्रामक रोग है। यह रोग सामान्य रूप से मौसम के बदलने के समय अधिक होता है। इस रोग का फैलाव बड़ी तेजी से होता है; अत: इससे बचने के लिए विशेष सावधानी रखनी पड़ती है। फ्लू के कारण तथा फैलना-फ्लू नामक रोग एक अति सूक्ष्म जीवाणु द्वारा फैलता है। यह रोगाणु इन्फ्लूएंजा वायरस कहलाता है। प्रायः जुकाम के बिगड़ जाने पर फ्लू बन जाता है। फ्लू नामक रोग रोगी के सम्पर्क द्वारा भी फैल जाता है। फ्लू के रोगी की छींक, खाँसी तथा थूक आदि द्वारा भी फ्लू फैलता है। रोगी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले रूमाल, बर्तन तथा अन्य वस्तुओं के सम्पर्क द्वारा भी यह रोग लग सकता है।

लक्षण:
फ्लू प्रारम्भ में जुकाम के रूप में प्रकट होता है। नाक से पानी बहने लगता है। इस रोग के शुरू होते ही शरीर में दर्द होने लगता है। सारे शरीर में बेचैनी होती है तथा कमजोरी महसूस होती है। इसके साथ-ही-साथ तेज ज्वर (102°F से 104°Fतक) हो जाता है।
उपचार:
फ्लू के रोगी व्यक्ति को आराम से लिटा देना चाहिए। रोगी को चिकित्सक को दिखाकर दवा ले लेनी चाहिए। फ्लू के रोगी को विटामिन ‘सी’ युक्त भोजन देना चाहिए।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:
अशुद्ध वायु के माध्यम से फैलने वाले रोग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
चेचक, तपेदिक, खसरा, डिफ्थीरिया, कर्णफेर, काली खाँसी तथा इन्फ्लूएंजा आदि रोग वायु के माध्यम से ही फैलते हैं।

प्रश्न 2:
फर्श पर थूकना क्यों हानिकारक है? या इधर-उधर थूकना क्यों हानिकारक है?
उत्तर:
फर्श पर थूकने से थूक में उपस्थित रोगाणु भी भूमि पर गिरते हैं। थूक के सूखने पर धूल के साथ ये रोगाणु वायु द्वारा स्वस्थ व्यक्तियों तक पहुँचकर उनमें रोग की उत्पत्ति कर सकते हैं।

UP Board Solutions

प्रश्न 3:
वातानुकूलित कमरे में जीवाणुओं के प्रवेश को किस प्रकार रोका जा सकता है?
उत्तर:
वातानुकूलित संयन्त्र में वायु के प्रवेश स्थान पर जीवाणु-अभेद्य फिल्टर लगाने से कमरे में प्रवेश करने वाली वायु के साथ आने वाले जीवाणुओं को बाहर ही रोका जा सकता है।

प्रश्न 4:
अस्पतालों की सफाई झाड़द्वारा क्यों नहीं करनी चाहिए?
उत्तर:
झाडू से सफाई करने पर रोगाणुयुक्त धूल उड़कर वायु में आ जाती है, जिससे वायु द्वारा रोगाणुओं के प्रसार की सम्भावना बलवती हो जाती है। अतः झाडू द्वारा अस्पतालों में सफाई नहीं की जाती है।

प्रश्न 5:
सूर्य के प्रकाश का रोगाणुओं पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
शुष्क वातावरण एवं सूर्य के प्रकाश में रोगाणु प्रायः नष्ट हो जाते हैं।

प्रश्न 6:
ऐसा कौन-सा संक्रामक रोग है जिसकी हमारे देश में समूल नष्ट किए जाने की घोषणा की गई?
उत्तर:
चेचक एक भीषण संक्रामक रोग है। हमारे देश में यह समूल नष्ट किया जा चुका है।

प्रश्न 7:
क्षय रोग अधिक होने के दो प्रमुख कारण बताइए।
उत्तर:
गन्दगी एवं कुपोषण के कारण क्षय रोग की सम्भावना अधिक रहती है।

प्रश्न 8:
किसे रोग को मृत्यु का कप्तान’ कहा जाता है?
उत्तर:
क्षय रोग को, ‘मृत्यु का कप्तान’ भी कहा जाता है।

UP Board Solutions

प्रश्न 9:
क्षय रोग से बचाव के लिए कौन-सा टीका लगाया जाता है?
उत्तर:
क्षय रोग से बचाव के लिए बी०सी०जी० का टीका लगाया जाता है।

प्रश्न 10:
टीका लगवाने अथवा वैक्सीनेशन से क्या लाभ है?
उत्तर:
किसी रोग विशेष का टीका लगवाने से शरीर में उस रोग के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होती है।

प्रश्न 11:
ट्रिपल एण्टीजन टीके से कौन-कौन से रोगों के लिए प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न की जाती है?
उत्तर:
ट्रिपल एण्टीजन (डी० पी० टी०) को टीका डिफ्थीरिया, काली खाँसी एवं टिटेनस नामक रोगों से बचाव के लिए लगाया जाता है।

प्रश्न 12:
खसरा के रोगी को नमक बहुत कम मात्रा में क्यों दिया जाता है?
उत्तर:
खसरा के रोगी को कम नमक देने से उसकी त्वचा पर उभरे दानों में जलन व खुजली कम होती है।

प्रश्न 13:
कुकुर खाँसी याकाली खाँसी की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर:
कुकुर खाँसी या काली खाँसी की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार जीवाणु का नाम है-होमोकीट्स परटुसिस बैसिलसा ।

प्रश्न 14:
कुकुर खाँसी के लक्षण लिखिए।
उत्तर:

  1. भयंकर खाँसी उठती है तथा रोगी खाँसते-खाँसते वमन कर देता है।
  2. खाँसी से आँखों में पानी आ जाता है।
  3.  गले में दर्द रहता है।
  4.  ज्वर तथा व्याकुलता रहती है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न:
प्रत्येक प्रश्न के चार वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं। इनमें से सही विकल्प चुनकर लिखिए

(1) किस रोग में रोगी के गले में झिल्ली बन जाती है?
(क) चेचक,
(ख) काली खाँसी,
(ग) डिफ्थीरिया,
(घ) कर्णफेर।

UP Board Solutions

(2) डिफ्थीरिया नामक रोग होता है
(क) केवल छोटी लड़कियों को,
(ख) केवल स्कूल जाने वाले बालकों को,
(ग) 2 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को,
(घ) केवल सम्पन्न परिवार के बच्चों को।

(3) कर्णफेर नामक रोग में बच्चे को होता है
(क) जबड़े में दर्द,
(ख) गले में दर्द,
(ग) लार ग्रन्थियों में सूजन तथा दर्द,
(घ) कान में दर्द।

(4) चेचक से बचाव के टीके का आविष्कार किया है
(क) रॉबर्ट कॉक ने,
(ख) एलेक्जेण्डर फ्लेमिंग ने,
(ग) एडवर्ड जेनर ने,
(घ) इनमें से किसी ने नहीं।

(5) क्षय रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणु का नाम है
(क) कोरीनीबैक्टीरियम,
(ख) माइक्रो बैसिलस ट्यूबरकुलोसिस,
(ग) बोइँटेला,
(घ) स्ट्रेप्टोकोकस।

(6) बी० सी० जी० का टीका लगाया जाता है
(क) क्षय रोग से बचने के लिए,
(ख) काली खाँसी से बचने के लिए,
(ग) कर्णफेर से बचने के लिए,
(घ) रोहिणी से बचने के लिए।

(7) चेचक के विषाणु का क्या नाम है?
(क) एण्टअमीबा हिस्टोलिटिका,
(ख) वेरियोला वाइरस,
(ग) विब्रियो कोलेरा,
(घ) साल्मोनेला टाइफॉइडिस।

(8) निम्नलिखित में वायु द्वारा फैलने वाला रोग है
(क) चेचक,
(ख) हैजा,
(ग) पीलिया,
(घ) पेचिश।

UP Board Solutions

(9) कौन-सा रोग वायु द्वारा संक्रमित नहीं होता?
(क) तपेदिक,
(ख) हैजा,
(ग) चेचक,
(घ) खसरा।

उत्तर:
(1) (ग) डिफ्थीरिया,
(2) (ग) 2 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को,
(3) (ग) लार ग्रन्थियों में सूजन तथा दर्द,
(4) (ग) एडवर्ड जेनर ने,
(5) (ख) माइक्रो बैसिलस ट्यूबरकुलोसिस,
(6) (क) क्षय रोग से बचने के लिए,
(7)(ख) वेरियोला वाइरस,
(8) (क) चेचक,
(9) (ख) हैजा।

We hope the UP Board Solutions for Class 9 Home Science Chapter 9 अशुद्ध वायु से होने वाले रोग help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 9 Home Science Chapter 9 अशुद्ध वायु से होने वाले रोग, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 21 नानक देव (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 21 नानक देव (महान व्यक्तिव)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 21 नानक देव (महान व्यक्तिव)

पाठ का सारांश

नानकदेव मानवता के परम उपासक थे। बचपन से ही ये धर्म और ईश्वर सम्बन्धी बातों में रुचि लेते थे। जहाँ ये साथियों के साथ भजन-कीर्तन में मस्त रहते थे, वहीं पाठशाला में गुमसुम रहते थे। पिता इन्हें बीमार जानकर इलाज का उपाय खोजने लगे। वैद्य द्वारा नाड़ी देखने से रोग नहीं जाना जा सका, धीरे-धीरे नानकदेव के ज्ञान, सत्संग और भजन आदि गुणों की चर्चा होने लगी। नानक को व्यापार के लिए सुल्तानपुर भेजा गया। वहाँ भी कार्य के साथ-साथ, दीनों को मुफ्त भोजन कराना, साधु-संगति करना (UPBoardSolutions.com) और ईश्वर भजन करना इनकी दिनचर्या में सम्मिलित था। सुलक्षणा देवी से इनका विवाह होने पर श्रीचंद और लक्ष्मीचंद दो पुत्र पैदा हुए। फिर भी नानक का मन परिवार में नहीं लगा।

पिता ने नानक की देखभाल के लिए मरदाना को भेजा। वह नानक का भक्त बन गया। नानक देश-विदेश में घूम-घूमकर ऊँच-नीच के भेद-भाव को दूर करने में प्रयासरत हो गए नानकदेव सामाजिक विषमता पसन्द नहीं करते थे। ये गरीबों को देखकर द्रवित हो उठते थे। इन्होंने अनेक देशों की यात्रा की। ये अफगानिस्तान, काबुल, अरब, तिब्बत आदि देशों में गए और इन्होंने ज्ञान का प्रकाश फैलाया। ये मानव समानता की बात करते थे। इनके अनुसार अत्याचार सहना सबसे घोर पाप है। इनकी मान्यता थी कि ईश्वर एक है और वह सृष्टि का नियंता है। आज भी मानवता के उपासक नानकदेव की ख्याति विश्व में गूंज रही है।

UP Board Solutions

अभ्यास

प्रश्न 1.
नानक की दृष्टि में सच्चा सौदा क्या था?
उत्तर :
नानकदेव की दृष्टि में साधुओं को भोजन कराना ही सच्चा सौदा था।

प्रश्न 2.
नानक के पिता को क्या चिन्ता थी?
उत्तर :
नानक के पिता को चिन्ता थी कि मेरे व्यापार को कौन सँभालेगा।

प्रश्न 3.
नानक की रुचि किन बातों में थी?
उत्तर :
नानक की रुचि धर्म, ज्ञान और ईश्वर सम्बन्धी बातों में थी।

प्रश्न 4.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का निशान लगाइए (निशान लगाकर)

(क) नानक का जन्म तलवण्डी नामक गाँव में हुआ था। (✓)
(ख) नानक को व्यवसाय में आनन्द आने लगा। (✗)
(ग) नानक गरीब एवं दुखियारों को देखकर द्रवित हो उठते थे। (✓)
(घ) नानक चंचल प्रवृत्ति के बालक थे। (✗)

UP Board Solutions

प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –

(क) नानक ने कहा-मैंने तो सच्चा सौदा किया है पिता जी।
(ख) मरदाना भी नानक के पास आकर उनका परम भक्त बन गया।
(ग) नानकदेव ऊँच-नीच के घोर विरोधी थे।
(घ) तलवण्डी अब ननकाना साहब के नाम से प्रसिद्ध है।

प्रश्न 6.
सूची बनाइए –

  • उन कामों की, जो यह पाठ पढ़ने के बाद नहीं करना चाहेंगे।
  • उन आदतों की, जिनमें यह पाठ पढ़ने के बाद बदलाव करना चाहेंगे।

प्रश्न 7.
अपने परिवारजनों व अन्य लोगों से बात करके अपने आस-पास के किसी व्यक्ति के बारे में लिखिए जिसने विशेष उल्लेखनीय कार्य किया हो।

UP Board Solutions

नोट – प्रश्न 6. एवं 7. विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

We hope the UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 21 नानक देव (महान व्यक्तिव) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 21 नानक देव (महान व्यक्तिव), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.