UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 7 उपसर्ग-प्रकरण (व्याकरण)

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 9
Subject Sanskrit
Chapter Chapter 7
Chapter Name उपसर्ग-प्रकरण (व्याकरण)
Number of Questions Solved 18
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 7 उपसर्ग-प्रकरण (व्याकरण)

जो शब्दांश धातु, संज्ञा और विशेषणादि के पूर्व जोड़े जाकर उनके अर्थ में विशेषता उत्पन्न कर देते हैं या सर्वथा अर्थ को बदल देते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं; जैसे-‘हार’ से पूर्व (प्र + हार), आ (आ + हार), सम् (सम् + हार), वि (वि * हार), परि (परि + हार)। उपसर्ग लगाने से धातु के अर्थों में अन्तर आ जाता है।

संस्कृत में कुल 22 उपसर्ग माने जाते हैं। उनके नाम और अर्थ इस प्रकार हैं–प्र (अधिक), परा (उल्टा, पीछे), अप (दूर, हीनता, न्यूनता, बुरा), सम् (अच्छी तरह), अनु (पीछे), अव (नीचे, दूर), निस् (बिना, बाहर), निर् (बाहर), दुस् (कठिन), दुर् (बुरा), वि (बिना, अलग), आ-आ (तक, कम), नि (नीचे, निषेध), अधि (ऊपर, श्रेष्ठ), अपि (निकट), अति (बहुत), सु (सुन्दर), उत् (ऊपर); अभि (सामने, ओर), प्रति (ओर, उल्टा), परि. (चारों ओर), उप (निकट)।
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लघुउतरिय प्रश्न संस्कृत व्याकरण

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ लिखिए
(अ) सर्वे छात्राः इदानीम् उद्याने विहरन्ति।
(आ) ते उद्यानात् बहूनि फलानि आहरन्ति।
(इ) यदा कोऽपि पशुः उद्याने प्रविशति, उद्यानपालकः तान् लगुडेन प्रहरति।
(ई) अत्र सेवकाः नित्यं जलम् आनयन्ति। ते पादपान् सिञ्चन्ति। समयेन ते फलानि प्रतीक्षन्ते।
(उ) उद्यानपालकः बहु श्रम करोति।
(ऊ) तस्य पुत्रः तम् अनुकरोति।
(ए) यः कोऽपि कार्यं करोति, सः फलं प्राप्नोति।
(ऐ) अध्यापका बालान् उपकरोति, तेषां दुर्वचनानि तिरस्करोति।।
उत्तर:
(अ) सभी छात्र इस समय उद्यान में विहार कर रहे हैं।
(आ) वे उद्यान से बहुत फलों को लेते हैं।
(इ) जब कोई भी पशु उद्यान में प्रवेश करता है, उद्यानपालक (माली) उनको डण्डे के द्वारा मारता है।
(ई) यहाँ सेवक नित्य जल लेने आते हैं। वे पौधों को सींचते हैं। वे समय से फलों की प्रतीक्षा करते हैं।
(उ) उद्यानपालक (माली) बहुत मेहनत करता है।
(ऊ) उसका पुत्रं उसका अनुकरण करती है।
(ए) जो कोई भी कार्य करता है, वह फल प्राप्त करता है।
(ऐ) अध्यापक बालकों का उपकार करता है, उनके दुर्वचनों को दूर करता है।

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प्रश्न 2.
‘उद्यानम्’ पर पाँच वाक्य संस्कृत में लिखिए।
उत्तर:
‘उद्यानम्’ पर पाँच वाक्य निबन्ध-प्रकरण के अन्तर्गत ‘उद्यानम्’ शीर्षक निबन्ध से चुनकर स्वयं लिखिए।

वजनिक प्रश्नोत्तर

अधोलिखित प्रश्नों में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। इनमें से एक विकल्प शुद्ध है। शुद्ध विकल्प का चयन कर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए—
प्रश्न 1.
‘आगच्छति’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) जाता है।
(ख) आता है।
(ग) लौटता है।
(घ) दूर जाता है।

प्रश्न 2.
‘उप’ उपसर्ग का सामान्यतः क्या अर्थ होता है?
(क) छोटा
(ख) निषेध
(ग) विरोध
(घ) अधिक

प्रश्न 3.
‘उद्भवति’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) होता है।
(ख) छिपाता है।
(ग) हराता है।
(घ) उत्पन्न होता है

प्रश्न 4.
उत्पत्ति’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) उड़ता है।
(ख) बैठता है।
(घ) चढ़ता है

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प्रश्न 5.
अध्यक्ष’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग लगा है?
(क) अति
(ख) अभि
(घ) अध्य

प्रश्न 6.
‘अति’ उपसर्ग का क्या अर्थ है?
(क) पास
(ख) अधिक
(घ) अच्छा

प्रश्न 7.
‘नि’ उपसर्ग से कौन-सा अर्थ है?
(क) सम्मुख
(ख) श्रेष्ठ
(ग) निषेध
(घ) ऊपर

प्रश्न 8.
‘x’ उपसर्ग से कौन-सा अर्थ ध्वनित होता है?
(क) बुरा
(ख) सम्मुख
(ग) श्रेष्ठ
(घ) ऊपर

प्रश्न 9.
‘सु’ उपसर्ग का कौन-सा अर्थ उचित है?
(क) ऊपर
(ख) अच्छा
(ग) ऊँची
(घ) नीचा

प्रश्न 10.
‘प्रत्यासीदति’ के लिए कौन-सा विकल्प उपयुक्त है?
(क) प्रति
(ख) आ
(ग) प्रति और आ
(घ) प्रत्या

प्रश्न 11.
‘प्रवर्तते’ शब्द का कौन-सा अर्थ उचित है?
(क) देखता है
(ख) वापस जाता है।
(ग) घूमता है।
(घ) शुरू होता है।

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प्रश्न 12.
‘विप्रवदति’ का कौन-सा अर्थ सर्वोपयुक्त है?
(क) झगड़ता हैं।
(ख) ब्राह्मण कहता है।
(ग) चापलूसी करता है।
(घ) उत्तर देता है

प्रश्न 13.
‘परिसरति’ शब्द किस उपसर्ग-धातु के योग से बना है? .
(क) परि और सृ
(ख) प्र और सरति
(ग) परिसर और ति
(घ) परि और सरति

प्रश्न 14.
‘आक्रमति’ शब्द का कौन-सा अर्थ उचित है?
(क) निकलती है।
(ख) आक्रमण करता है।
(ग) मारता है।
(घ) ऊपर जाता है।

प्रश्न 15.
‘समास्यति’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) हराता है
(ख) संक्षिप्त करता है
(ग) जीतता है।
(घ) विलीन होता है।

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प्रश्न 16.
‘परि’ उपसर्ग का कौन-सा अर्थ नहीं है?
(क) आस-पास
(ख) चारों ओर
(ग) बाहर
(घ) पूर्ण
उत्तर:
1. (ख) आता है, 2. (क) छोटा, 3. (घ) उत्पन्न होता है, 4. (क) उड़ता है, 5. (ग) अधि, 6. (ख) अधिक, 7. (ग) निषेध, 8. (घ) ऊपर, 9. (ख) अच्छा , 10. (ग) प्रति और 
आ, 11. (घ)शुरू होता है, 12. (क) झगड़ता है, 13. (क) परि और से, 14. (घ) ऊपर जाता है, 15. (ख) संक्षिप्त करती है, 16. (ग) बाहर।

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UP Board Class 6 English Model Paper

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Board UP Board
Class Class 6
Subject English
Model Paper Paper 1
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 6 English Model Paper

Term Examination (सत्र परीक्षा)
Class – 6
Subject – English (Rainbow)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)

Question 1.
Who came to sleep under the mango and the banyan tree?
Answer:
Lions and tigers.

Question 2.
Which tree did the wood-cutter cut?
Answer:
Mango tree.

Question 3.
What does an engineer do?
Answer:
An engineer is trained to fix or repair anything.

Question 4.
What do the three colours in the flag stand for?
Answer:
Saffron stands for sacrifice, white for peace and green for prosperity.

Question 5.
Who came out of the river?
Answer:
The River Goddess came out of water.

Question 6.
Who was Karishma?
Answer:
Karishma was a young, beautiful village girl.

Question 7.
What did the donkey use to carry?
Answer:
The donkey used to carry the load of clothes.

Question 8.
Write English form of the following words
(i) डुबकी लगाना
(ii) हँसिया
Answer
(i) Dive
(ii) Sickle

Question 9.
Write the names of two birds.
Answer:
(i) Peacock
(ii) Cucko0

Question 10.
Write the masculine gender of the given words: mare, lioness
Answer:
mare – Horse
lioness – Lion

लघु उत्तरीय प्रश्न
(Short Answer Type Questions)

Question 11.
Write the rhyming words for the given words:
run, song.
Answer:
run-fun, gun
song-long, wrong

Question 12.
Write a meaningful word from the given jumbled letters.
eaocn, dienauce, ehsd, iverd
Answer:
eaocn- ocean
dienauce – audience
ehsd – shed
iverd – diver

Question 13.
Write the plural form of the given words:
leaf, foot
Answer:
leaf – leaves
foot-feet

Question 14.
Write two words from each letter: P, D.
Answer:
P- Parrot, Peacock
D – Donkey, Dog

Question 15.
Make abstract noun from the given words:
honest, free.
Answer:
honest – honesty
free – freedom

Question 16.
Write the English of following sentences.
(i) क्या मैं अन्दर आ सकता/सकती हूँ।
(ii) क्या मैं उत्तर हूँ?
Answer:
(i) May I come in?
(ii) May I answer?

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(Long Answer Type Questions)

Question 17.
How was the donkey different from the dog?
Answer:
The donkey was bigger and heavier than the dog. The dog stayed inside the house all day. But the donkey lived in a shed outside the master’s house.

Question 18.
Write ten lines on ‘My Friend’.
Answer:
He is Anil. He is my friend. He is my class fellow. He lives near my house. His father is a teacher. He is very wise. He plays with me. He works hard. His teachers love him. He always helps me.

Question 19.
Write five lines on the importance of trees and plants in our lives.
Answer:
(i) Trees give oxygen.
(ii) Trees bring rain.
(iii) Trees give fruits and vegetables.
(iv) Trees give us shade.
(v) Trees give us paper.

Question 20.
Translate into English.
एक गाँव में एक किसान रहता था। वह बहुत ईमानदार था। एक बार वह हुँसिये से फसल काट रहा था। बहुत गर्मी थी। उसे प्यास लगी और वह नदी पर पानी पीने गया।
Answer:
Once there lived a farmer in a village. He was very honest. One day he was cutting crops with his sickle. It was very hot. He felt thirsty and he went to a river to drink water.

Half Yearly Examination (अर्द्धवार्षिक परीक्षा)
Class – 6
Subject – English (Rainbow)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)

Question 1.
What do the three colours in the flag stand for?
Answer:
Saffron stands for ‘sacrifice, white for peace and green for prosperity.

Question 2.
What was the woodcutter doing?
Answer:
The woodcutter was cutting wood with his axe, on a very hot day.

Question 3.
What was the name of the sailor?
Answer:
The sailor’s name was Gulliver.

Question 4.
What does a pilot do?
Answer:
A pilot flies an aeroplane in the sky.

Question 5.
Write in Hindi
(i) yelled
(ii) shell
Answer:
(i) चीखा
(ii) कवच

Question 6.
Who went flying through the sky?
Answer:
Two little clouds went on flying through the sky.

Question 7.
Write the moral of the lesson ‘Sharing and Caring’.
Answer:
United we stand, Divided we fall. (एकता में बल)

Question 8.
Define (परिभाषा) a verb.
Answer:
A verb is a doing (क्रिया) word.
e.g. run, jump, walk, etc.

Question 9.
Give the plural of the following words.
(i) germ
(ii) story
Answer:
(i) germs
(ii) stories

Question 10.
Write all the three forms of the following word.
(i) lift
Answer:
(i) lift    lifted    lifted

लघु उत्तरीय प्रश्न
(Short Answer Type Questions)

Question 11.
Who said the following:
(i) “We work too hard for you.”
(ii) “We give you shade and fruit.”
Answer:
(i) bullock
(ii) tree

Question 12.
Correct the sentences.
(i) The lion ate the man.
(ii) The lion was grateful to the man.
Answer:
(i) The lion fell into the hole again.
(ii) The lion was ungrateful to the man.

Question 13.
Define pronoun and give examples.
Answer:
Pronoun is a word that is used in place of a noun.
e.g: he, she, it, they, my, etc.

Question 14.
Make adverbs by adding “ly’
immediate, happy, usual, beauty
Answer:
immediate – Immediately,
happy – happily,
usual – usually,
beauty – beautifully

Question 15.
What did Gulliver eat for lunch?
Answer:
Gulliver ate a thousand loaves of bread, a hundred cauliflowers and a hundred sheep for lunch.

Question 16.
What did the fairies do?
Answer:
The fairies wiped the clouds’ tears all away and hung their gowns to dry upon a line made by the sunbeams.

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(Long Answer Type Questions)

Question 17.
Honesty is the best policy. Explain it.
Answer:
Honesty is one of the most desirable character traits in us. If we are honest and truthful God will always reward us in one way or the other. Therefore, honesty is the best policy.

Question 18.
Write ten lines on ‘My School’.

Question 19.
According to you, what was the funniest thing about the people of Lilliput?
Answer:
The Lilliputians were so tiny as compared to the giant-sized Gulliver, yet they thought that their thread-like ropes could hold Gulliver for long. If was the funniest thing about them.

Question 20.
Write an application for fee concession.

 

Annual Examination (वार्षिक परीक्षा)
Class – 6
Subject – English (Rainbow)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)

Question 1.
Name two national festivals.
Answer:
Republic Day and Gandhi Jayanti.

Question 2.
Which game was being played in Jagatpur village?
Answer:
A kabaddi match was being played in Jagatpur village.

Question 3.
What was the name of the Island?
Answer:
Lilliput.

Question 4.
Which game did Tushar’s grandfather play?
Answer:
Kabaddi, kushti, marbles and gulli-danda.

Question 5 .
Why did Kunal’s parents scold him?
Answer:
Kunal’s parents scolded him for his carelessness.

Question 6.
Write the Hindi meanings.
(i) Sacrifice
(ii) Constitution
Answer:
(i) बलिदान.
(ii) संविधान.

Question 7.
Write the English meanings
(i) हैरान
(ii) मजेदार
Answer:
(i) Surprised
(ii) Exciting

Question 8.
When is Independence Day celebrated?
Answer:
Independence day is celebrated on 15th of August.

Question 9.
What is our National Anthem?
Answer:
Jana, Gana, Mana is our National Anthem

Question 10.
Give opposites of the following words.
(i) tiny
(ii) careless
Answer:
(i)tiny-big
(ii) careless – careful

लघु उत्तरीय प्रश्न
(Short Answer Type Questions)

Question 11.
Why did Subhash Chandra Bose resign from the Indian Civil Services?
Answer:
Subash Chandra Bose wanted to participate actively in the freedom movement of India therefore he resigned from the Indian Civil Services and returned to India.

Question 12.
What lesson do you learn from the story ‘Yes We Can’?
Answer:
The lesson teaches us that we must not feel discourage by any injury or disability We must focus on our ability and work hard to get success in it.

Question 13.
Whom did Shubhi want to give her old toys and clothes to, and why?
Answer:
Shubhi wants to give her old toys and clothes to the poor children because it is one of the ways to serve our country.

Question 14.
Use the following words in your own sentences
(i) careless
(ii) play
Answer:
(i) Kunal was a careless boy.
(ii) Never play on road.

Question 15.
What do they make :
Little drops of water, Little grains of sand, Little moments, Little deeds of kindness
Answer:
Little drops of water – mighty ocean
Little grains of sand – pleasant land
Little moments – mighty ages
Little deeds of kindness – happy earth

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(Long Answer Type Questions)

Question 16.
Who said to whom the following statements ?
Answer:
(a) I shot it. → Devadatta said to Siddhartha
(b) You should be kind to birds and animals. → Siddhartha said to Devadatta
(c) I will not give you this bird. → Siddhartha said to Devadatta
(d) It is Siddhartha’s bird as he saved it. → King said to Devadatta

Question 17.
Write the hindi meaning of the poem ‘The Rainbow Fairies’.

Question 18.
Write an application for sick leave.

Question 19.
Translate into English
कभी सड़क पर मत खेलो, कभी सड़क पर मत दौड़ो, कभी समूह में मत चलो, कभी । यातायात नियमों को मत तोड़ो। कभी बस से मत दो, कभी चलती बस पर मत चढ़ो। कभी अपने हाथ या सिर बाहर मत निकालो, कभी मते चीखों चिल्लाओ।
Answer:
Never play on the road, never run across, never walk in groups, never break the traffic rules. Never jump from the bus, Never catch a running bus, Never put your head or hands out, Never yell, scream or shout.

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UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 6 कारक एवं विभक्ति प्रकरण (व्याकरण)

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 9
Subject Sanskrit
Chapter Chapter 6
Chapter Name कारक एवं विभक्ति प्रकरण (व्याकरण)
Number of Questions Solved 32
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 6 कारक एवं विभक्ति प्रकरण (व्याकरण)

विश्व की समस्त भाषाओं में संस्कृत ही एकमात्र ऐसी भाषा है, जिसके वाक्य-विन्यास में कर्ता, क्रिया एवं कर्म को कहीं भी प्रयुक्त किया जा सकता है; अर्थात् इन सबको किसी भी क्रम (UPBoardSolutions.com) में रखने पर वाक्यार्थ नहीं बदलता है। इसके मूल में भाषा का जो तत्त्व सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है, वह कारक है। कारक सम्बन्धी कोई भी त्रुटि संस्कृत में अक्षम्य है; अत: संस्कृत में कारक का ज्ञान होना अत्यावश्यक

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अर्थ व परिभाषा-‘कृ’ धातु में ‘ण्वुल्’ प्रत्यय के योग से कारक शब्द बनता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है—करने वाला। ‘साक्षात् क्रियान्वयित्वं कारकत्वम्’ अर्थात् क्रिया के साथ सीधा सम्बन्ध रखने वाले शब्दों को ही कारक कहते हैं; या दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि वाक्य में संज्ञा, सर्वनाम तथा क्रिया के मध्य पाया जाने वाला सम्बन्ध ही कारक है; यथा–प्रयागे राजा स्वहस्तेन , कोषात् निर्धनेभ्यः वस्त्राणि ददाति।

किसी वाक्य में कारक ज्ञात करने के लिए उसके क्रिया-पद के साथ विभिन्न प्रश्नात्मक पद लगाकर प्रश्न बनाये जाते हैं। उस प्रश्न के उत्तर में जो आता है, वही कारक है। अलग-अलग कारक को ज्ञात करने के लिए क्रिया-पद के साथ अलग-अलग प्रश्नवाचक शब्द लगाकर प्रश्न बनाये जाते हैं। ऊपर दिये गये वाक्य में इसी प्रकार से विभिन्न कारकों को ज्ञात किया जा सकता है–
UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 6 कारक एवं विभक्ति प्रकरण (व्याकरण)

यहाँ पर ‘राजा’ आदि कारक पदों का ‘ददाति’ क्रिया-पद से सम्बन्ध है; अतः ये सभी कारक हैं। क्रिया से सम्बन्ध न होने के कारण ही ‘सम्बन्ध पद’ तथा ‘सम्बोधन पद’ कारक नहीं माने जाते; यथा-दशरथस्य पुत्र: वनम् अगमत्। यहाँ पर ‘दशरथस्य पद का सम्बन्ध ‘पुत्र’ (कर्ता) से तो है, किन्तु ‘अगमत् क्रिया से नहीं। इसी प्रकार प्रभो! रक्षा में प्रभो’ का क्रिया ‘रक्ष’ से कोई सम्बन्ध नहीं है।

इस प्रकार संस्कृत में कुल छः कारक हुए–कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान तथा अधिकरण। इनकी पुष्टि के लिए यह सूत्र कहा गया है

कर्ता कर्म च करणं सम्प्रदानं तथैव च।
अपादानमधिकरणं चेत्याहु कारकाणि षट्॥

विभक्ति- शब्द-रूप प्रकरण में यह बताया जा चुका है कि शब्दों के उत्तर (बाद) में ‘सु’, ‘औ’, ‘जस्’ इत्यादि प्रत्यय लगते हैं। ये प्रत्यय ‘सुपू’ कहलाते हैं। इन्हीं को ‘सुपु विभक्ति’ भी कहा जाता है। इसी प्रकार धातु के उत्तर (बाद) में ‘तिप्’, ‘तस्’, ‘अन्ति’ इत्यादि प्रत्यय लगते हैं। इन्हें ‘तिङ प्रत्यय कहा जाता (UPBoardSolutions.com) है। इन्हीं प्रत्ययों को ‘तिङ’ विभक्ति भी कहते हैं। ये विभक्तियाँ सात होती हैं-प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पञ्चमी, षष्ठी तथा सप्तमी।।

प्रत्येक कारक के साथ एक विभक्ति लगती है, इसीलिए कारक और विभक्ति को भ्रमवश एक ही मान लिया जाता है, जब कि ये दोनों अलग-अलग हैं। विभक्तियाँ सात हैं, इसीलिए ‘सम्बन्ध’ को भी लोग कारक मान लेते हैं; क्योंकि इसमें षष्ठी विभक्ति होती है, जब कि वास्तव में ‘सम्बन्ध कारक नहीं है। यदि कारक एवं विभक्ति एक ही होते तो प्रथमा विभक्ति का प्रत्येक शब्द कर्ता या द्वितीया विभक्ति का प्रत्येक शब्द कर्म होता; किन्तु वास्तव में ऐसा नहीं होता; उदाहरणार्थ-बालि रामेण हतः। प्रस्तुत वाक्य में ‘बालि’ कर्म है लेकिन उसमें प्रथमा विभक्ति का प्रयोग न होकर तृतीया चिभक्ति का प्रयोग हुआ है।

हिन्दी में कारक पदों के साथ इन विभक्तियों के चिह्न लगते हैं, जिनसे किसी पद में कारक की पहचान होती है, इसीलिए इन चिह्नों को ‘कारक-चिह्न’ कहा जाने लगा। कारक, विभक्ति और उनके चिह्नों को संक्षिप्त रूप में आगे दी गयी तालिका द्वारा समझा जा सकता है–
UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 6 कारक एवं विभक्ति प्रकरण (व्याकरण)

जब कारकों के कारण किसी पद में विभक्ति प्रयुक्त होती है तो उसे ‘कारक-विभक्ति’ कहा जाता है। इसके अतिरिक्त जब किन्हीं विशेष अव्यय शब्दों के कारण किसी पद में कोई विशेष विभक्ति लगती है तो उसे ‘उपपद विभक्ति’ कहते हैं। यहाँ ध्यान रखने योग्य बात यह है कि उपपद विभक्तियों से कारक विभक्तियाँ प्रबल होती है; यथा-‘रामं नमस्करोति।’

इस वाक्य में ‘न’ के योग के कारण चतुर्थी विभक्ति होनी चाहिए थी, किन्तु यहाँ ‘राम के कर्म होने के कारण उसमें द्वितीया कारक विभक्ति का प्रयोग हुआ है।

यहाँ कारकों का संक्षिप्त परिचय दिया जा रहा है तथा उसके साथ ही यह भी समझाया जा रहा है। कि उस कारक में किस नियम से कौन-सी कारक विभक्ति लगती है।

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कर्ता कारक (प्रथमा विभक्ति)

किसी भी क्रिया को स्वतन्त्रतापूर्वक करने वाले को कर्ता कहते हैं। हिन्दी में इसका चिह्न ‘ने’ है; यथा-रहीम ने चोर को पकड़ा। कहीं-कहीं पर इस चिह्न का लोप भी हो जाता है; जैसे—गीतिका खाना खाती है। संस्कृत में कर्ता के तीन पुरुष–प्रथम (सः, तौ, ते, रामः, शिवः रमा आदि), मध्यम (त्वम्, युवाम्, यूयम्), उत्तम (अहम्, आवाम्, वयम्) तथा तीन लिंग-पुंल्लिग, स्त्रीलिंग, नपुंसकलिंग होते हैं।

वाक्य में कर्ता की स्थिति के अनुसार संस्कृत में वाक्य तीन प्रकार के होते हैं–

(1) कर्तृवाच्य- इस वाच्य में कर्ता की प्रधानता होती है और उसमें सदैव प्रथमा विभक्ति ही प्रयुक्त होती है; यथा-अञ्जु पठति।
(2) कर्मवाच्य- इस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है और उसमें सदैव प्रथमा विभक्ति तथा कर्ता में सदैव तृतीया विभक्ति होती है; यथा—रामेण ग्रन्थः पठ्यते।।
(3) भाववाच्य- इस वाक्य में भाव (क्रियात्व) की ही प्रधानता होती है। कर्ता में तृतीया विभक्ति और क्रिया सदैव प्रथम पुरुष, एकवचन (आत्मनेपद) की प्रयुक्त होती है; यथा—कृष्णेन गम्यते।

प्रथमा विभक्ति के कुछ अन्य नियम निम्नलिखित हैं–

  • ‘सम्बोधने च’ सूत्र के अनुसार सम्बोधन में प्रथमा विभक्ति होती है; यथा—“भो राजेश! अत्र तिष्ठ।
  • अव्यय के साथ तथा किसी के विशिष्ट नाम को बताने के लिए प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है; यथा-“मदनमोहन मालवीय: महामना’ इति प्रसिद्धः अस्ति।”

कर्म कारक (द्वितीया विभक्ति)

पाणिनि ने कर्मकारक को परिभाषित करते हुए लिखा है कि ‘कर्तुरीप्सिततमं कर्म’; अर्थात् कर्ता जिस पदार्थ को सबसे अधिक चाहता है, वह कर्म है। सरल शब्दों में (UPBoardSolutions.com) कहा जा सकता है कि जिसके ऊपर क्रिया के व्यापार का फल पड़ता है; उसे कर्म कारक कहते हैं। हिन्दी में, कर्म कारक का चिह्न ‘को’ है; यथा—मोहन ने चोर को देखा। कहीं-कहीं ‘को’ चिह्न का लोप भी देखने को मिलता है; यथा–राम फल खाता है।

कर्मणि द्वितीया सूत्र के अनुसार कर्म कारक में द्वितीया विभक्ति होती है। कर्म में द्वितीया विभक्ति केवल कर्तृवाच्य में होती है; यथा-“राम:’ फलं खादति।’ कर्मवाच्य में कर्म में प्रथमा विभक्ति होती है; यथा ‘रामेण ग्रन्थः पठ्यते।” द्वितीया विभक्ति के कुछ अन्य नियम निम्नलिखित हैं–

(i) ‘अकथितं च सूत्र के अनुसार अप्रधान या गौण कर्म को अकथित कर्म कहते हैं। इसमें भी द्वितीया विभक्ति होती है। यह कर्म कभी अकेला प्रयुक्त नहीं होता, वरन् सदैव मुख्य कर्म के साथ ही प्रयुक्त होता है; यथा-“रामः धेनुं दुग्धं दोग्धि।” इस वाक्य में दूध (दुग्धं) मुख्य कर्म है और ‘दुह्’ धातु के योग के कारण गाय (धेनुं) कथित कर्म है। इस वाक्य से यह स्पष्ट होता है कि ‘दुह द्विकर्मक धातु है। द्विकर्मक धातुओं में 16 धातुएँ तथा इनके अर्थ वाली अन्य धातुएँ (यथा-‘ब्रु’ और ‘कथ्’ धातु के समान अर्थ हैं) सम्मिलित हैं, जो निम्नलिखित हैं

दुह (दुहना), याच् (माँगना), वच् (पकाना), दण्ड् (दण्ड देना), रुध् (रोकना, घेरना), प्रच्छ (पूछना), चि (चुनना, चयन करना), ब्रू (कहना, बोलना), शास् (शासन करना, कहना), जि (जीतना), मेथ् (मथना), मुष (चुराना), नी (ले जाना), ह (हरण करना), कृष् (खींचना), वह (ढोकर ले जाना)

(ii) ‘अधिशीङ्स्थासां कर्म’ सूत्र के अनुसार. शीङ (सोना), स्था (ठहरना) एवं आस् (बैठना) धातुएँ यदि ‘अधि’ उपसर्गपूर्वक आती हैं तो इनके आधार में द्वितीया विभक्ति होती है। यदि ये धातुएँ ‘अधि’ उपसर्गपूर्वक नहीं आती हैं तो इनके आधार में द्वितीया विभक्ति न होकर सप्तमी (UPBoardSolutions.com) विभक्ति प्रयुक्त होती है। . :
(iii) ‘अभितः परितः समया निकषा हा प्रतियोगेऽपि।’ सूत्र के अनुसार अभितः (सब ओर से), परितः (चारों ओर से), समया (निकट), निकषा (समीप), हा (धिक्कार या विपत्ति आने पर), प्रति (ओर) शब्दों के योग में द्वितीया विभक्ति होती है।
(iv) ‘कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे’ सूत्र के अनुसार समय और दूरी की निरन्तरता बताने वाले कालवाची और मार्गवाची (दूरीवाची) शब्दों में द्वितीया विभक्ति होती है।

करण कारक (तृतीया विभक्ति)

‘साधकतमं करणम्’ अर्थात् क्रिया की सिद्धि में अत्यन्त सहायक वस्तु अथवा साधन को करण कारक कहते हैं। सरल शब्दों में कह सकते हैं कि जिसकी सहायता से या जिसके द्वारा कार्य पूर्ण होते हैं; उसमें करण कारक होता है तथा उसमें तृतीया विभक्ति होती है। हिन्दी में इसका चिह्न ‘से’ (with) तथा ‘के द्वारा है; यथा-सः हस्ताभ्यां कार्यं करोति (वह हाथों से कार्य करता है)। यहाँ पर हाथों के द्वारा कार्य सम्पन्न हो रहा है; अत: हस्ताभ्याम् में तृतीया विभक्ति है।

तृतीया विभक्ति के कुछ अन्य नियम निम्नलिखित हैं–

(i) ‘कर्तृकरणयोस्तृतीया’ सूत्र के अनुसार कर्मवाच्य एवं भाववाच्य वाले वाक्यों के कर्ता में तथा सभी प्रकार के करण कारक में तृतीया विभक्ति होती है; यथा-रामः दण्डेन कुक्कुरं ताडयति (राम डण्डे से कुत्ते को मारता है)। यहाँ करण कारक में तृतीया विभक्ति है। कर्मवाच्य–रामेण ग्रन्थः पठ्यते(राम द्वारा ग्रन्थ पढ़ा जाता है)। भाववाच्य—कृष्णेन सुप्यते (कृष्ण द्वारा सोया जाता है।) यहाँ रामेण और कृष्णेन क्रमशः कर्मवाच्य एवं भाववाच्य के कर्ता हैं; अतः इनमें तृतीया विभक्ति है।

(ii) ‘सहयुक्तेऽप्रधाने’ सूत्र के अनुसार वाक्य में ‘साथ’ को अर्थ रखने वाले ‘सह, साकम्, समम्’ और ‘सार्धम् शब्दों के योग में अप्रधान शब्दों में तृतीया विभक्ति होती है; यथा-सीता रामेण सह वनम् अगच्छत् (सीता राम के साथ वन गयी।) यहाँ पर प्रधान शब्द सीता है और अप्रधान शब्द राम; अत: राम में तृतीया विभक्ति है।

(iii) पृथग्विनानानाभिस्तृतीयान्यतरस्याम्’ सूत्र के अनुसार ‘पृथक्, विना, नाना’ शब्दों के योग में तृतीया, द्वितीया और पंचमी विभक्ति होती है; यथा–दशरथ: रामेण/रामात्/रामं वा विना/पृथक्/नाना प्राणान् अत्यजत्।।

(iv) येनाङ्गविकारः’ सूत्र के अनुसार जिस अंग से शरीर के विकार का ज्ञान होता है, उसमें तृतीया विभक्ति होती है; यथा-राहुल: पादेन खञ्जः अस्ति (राहुल पैर से लँगड़ा है।)

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सम्प्रदान कारक (चतुर्थी विभक्ति)

‘कर्मणा यमभिप्रेति स सम्प्रदानम्।’ अर्थात् अत्यन्त इष्ट समझकर जिसको कोई वस्तु दी जाती है। या जिसके लिए कार्य किया जाता है, वह सम्प्रदान कारक है। हिन्दी में इसका चिह्न के लिए अथवा ‘को’ है।

‘चतुर्थी सम्प्रदाने’ सूत्र के अनुसार सम्प्रदान कारक में चतुर्थी विभक्ति होती है; यथा— “नृपः विप्रेभ्यः गां ददाति’ (राजा ब्राह्मणों को गाय देता है)। यहाँ पर ब्राह्मण राजा के लिए इष्ट व्यक्ति हैं; अत: ‘विप्र’ में चतुर्थी विभक्ति (बहुवचन) है।

विशेष- यहाँ पर यह बात स्मरणीय है कि जिसको सदा के लिए वस्तु दी जाती है, उसमें चतुर्थी विभक्ति होती है, किन्तु जिसको कुछ समय के लिए कोई वस्तु दी जाती है, उसमें षष्ठी विभक्ति; यथा-उपर्युक्त उदाहरण में ब्राह्मणों को गाय सदैव के लिए दी गयी है, अतः विप्रेभ्यः में चतुर्थी विभक्ति है; (UPBoardSolutions.com) किन्तु “राम: रजकस्य वस्त्रं ददाति’ वाक्य में राम थोड़े समय के लिए ही धोबी को कपड़ा दे रहा है; अतः यहाँ रजकस्य में षष्ठी विभक्ति प्रयुक्त हुई है।

चतुर्थी विभक्ति के कुछ अन्य नियम निम्नलिखित हैं–

(i) ‘रुच्यर्थानां प्रीयमाणः’ सूत्र के अनुसार ‘रुचि के अर्थ वाली धातुओं के योग में जिसको वस्तु अच्छी लगती है, उसमें चतुर्थी विभक्ति होती है; यथा—मह्यं मोदकं रोचते (मुझे लड्डू अच्छा लगता है।)

(ii) ‘क्रुधद्हेष्यसूयार्थानां यं प्रति कोपः’ सूत्र के अनुसार क्रुध् (क्रोध करना), द्रुह (द्रोह करना), ई (ईष्र्या करना), असूय् (गुणों में दोष निकालना या जलना) धातुओं एवं इनके समान अर्थ वाली धातुओं के योग में जिसके प्रति क्रोध, द्रोह, ईष्र्या और असूया की जाती है, उसमें चतुर्थी विभक्ति होती है; यथा-कृष्णः कंसाय क्रुध्यति (कृष्ण कंस से क्रोध करता है।)।

विशेष- यदि ये धातुएँ उपसर्गपूर्वक प्रयुक्त होती हैं तो इनके योग में चतुर्थी के स्थान पर द्वितीया विभक्ति होती है; यथा—सः रामम् अभिक्रुध्यति (वह राम से गुस्सा करता है।)

(iii) ‘स्पृहेरीप्सितः’ सूत्र के अनुसार ‘स्पृह’ (चाहना) धातु के योग में ईप्सित अर्थात् जिस वस्तु को चाहा जाता है, उस वस्तु में चतुर्थी विभक्ति होती है; यथा–रामः धनाय स्पृहयति (राम धन को चाहता है।)

(iv) ‘नमः स्वस्तिस्वाहास्वधाऽलंवषड्योगाच्च’ सूत्र के अनुसार नमः (नमस्कार), स्वस्ति (कल्याण), स्वाहा (आहुति), स्वधा (बलि), अलम् (समर्थ, पर्याप्त), वषट् (आहुति) के योग में चतुर्थी विभक्ति होती है।

अपादान कारक (पञ्चमी विभक्ति)

‘धुवमपायेऽपादानम्’ अर्थात् जिस वस्तु से किसी का पृथक् होना पाया जाता है, उसे अपादान कारक कहते हैं। हिन्दी में इसका चिह्न ‘से’ (from) है।

अपादाने पञ्चमी सूत्र के अनुसार अपादान कारक में पञ्चमी विभक्ति होती है; यथा-वृक्षात् पत्राणि पतन्ति (वृक्ष से पत्ते गिरते हैं)। यहाँ पर वृक्ष से पत्ते पृथक् हो रहे हैं; अतः वृक्षात् में पञ्चमी विभक्ति प्रयुक्त हुई है।

मंचमी विभक्ति के कुछ अन्य नियम निम्नलिखित हैं–

(i) ‘जुगुप्साविरामप्रमादार्थानामुपसण्यानम्’ सूत्र के अनुसार जुगुप्सा (घृणा), विराम (बन्द होना, छोड़ देना, हटना) तथा प्रमाद (भूल या असावधानी करना) के समान (UPBoardSolutions.com) अर्थ वाली धातुओं के योग में पञ्चमी विभक्ति होती है; यथा–कृष्ण: पापात् जुगुप्सते (कृष्ण पाप से घृणा करता है)। सः पापात् विरमति (वह पाप से हटता है)। फ्ज़ र्मात् न प्रमदते (राजा धर्म से प्रमाद नहीं करता है)।

(ii) ‘भीत्रार्थानां भयहेतुः’ सूत्र के अनुसार ‘भय’ तथा ‘रक्षा’ अर्थ वाली धातुओं के योग में जिससे डरा जाता है या रक्षा की जाती है, उसमें पञ्चमी विभक्ति होती है; यथा—बालकः चौरात् बिभेति (बालक चोर से डरता है)। सैनिकाः शत्रोः देशं रक्षन्ति (सैनिक शत्रु से देश की रक्षा करते हैं)।

(iii) ‘आख्यातोपयोगे’ सूत्र के अनुसार नियम (विधि) पूर्वक विद्या ग्रहण करने में जिससे विद्या ग्रहण की जाती है, उसमें पंचमी विभक्ति होती है; यथा-महेशः उपाध्यायात् वेदम् अधीते (महेश उपाध्याय से वेद पढ़ता है)।

सम्बन्ध (षष्ठी विभक्ति)

‘षष्ठी शेषे’ सूत्र के अनुसार कर्म आदि कारक संज्ञा की विवक्षा न होने पर शेष कहलाता है और उसमें षष्ठी विभक्ति होती है। वस्तुत: सम्बन्ध (षष्ठी) कारक नहीं है; क्योंकि यह वाक्य में प्रयुक्त एक संज्ञा का दूसरी संज्ञा के साथ सम्बन्ध दर्शाता है; यथा-राजू रामपालसिंहस्य पुत्रः अस्ति (राज रामपालसिंह का पुत्र है)। षष्ठी विभक्ति के कुछ अन्य नियम निम्नलिखित हैं

(i) “षष्ठी हेतुप्रयोगे’ सूत्र के अनुसार हेतु’ शब्द के प्रयुक्त होने पर षष्ठी विभक्ति होती है। ‘कारण’ अथवा ‘प्रयोजनवाचक’ शब्द तथा ‘हेतु’ शब्द दोनों में ही षष्ठी विभक्ति होती है; यथा-सः अध्ययनस्य हेतोः अत्र वसति (वह अध्ययन के लिए यहाँ रहता है)।

(ii) ‘क्तस्य च वर्तमाने’ सूत्र के अनुसार ‘क्त’ प्रत्ययान्त शब्दों के वर्तमानकालवाची होने पर षष्ठी विभक्ति होती है जब कि ‘क्त’ प्रत्यय भूतकालिक है; यथा-अहं राज्ञः अर्चितः (UPBoardSolutions.com) (मैं राजा का अर्चित हूँ)। यहाँ ‘अर्चित: ‘क्त’ प्रत्ययान्त शब्द है।

(iii) ‘षष्ठी चानादरे’ सूत्र के अनुसार जिसका अनादर करके कोई कार्य किया जाता है, उसमें षष्ठी अथवा सप्तमी विभक्ति होती है; यथा–आहूयमानस्य गतः अथवा आहूयमाने गतः (बुलाते हुए का तिरस्कार करके गया)।

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अधिकरण कारक (सप्तमी विभक्ति)

‘आधारोऽधिकरणम्’ अर्थात् जिस वस्तु अथवा स्थान पर कार्य किया जाता है, उस आधार में अधिकरण कारक होता है। इसके चिह्न ‘में, पर, ऊपर हैं।

‘सप्तम्यधिकरणे च’ सूत्र से अधिकरण कारक में सप्तमी विभक्ति होती है; यथा-कृष्णः गोकुले वसति (कृष्ण गोकुल में रहता है)। यहाँ पर रहने का कार्य गोकुल में हो रहा है; अतः आधार होने के कारण वह अधिकरण कारक है। | सप्तमी विभक्ति के कुछ अन्य नियम निम्नलिखित हैं

(i) ‘साध्वसाधु प्रयोगे च’ सूत्र के अनुसार ‘साधु’ तथा ‘असाधु’ शब्दों के प्रयोग में जिसके प्रति साधुता अथवा असाधुता प्रदर्शित की जाती है, उसमें सप्तमी विभक्ति होती है; यथा–अस्मधुः कृष्णः शत्रुषु (शत्रुओं के लिए कृष्ण बुरे थे)।

(ii) यतश्च निर्धारणम्’ सूत्र के अनुसार समूह में से किसी एक की विशिष्टता प्रदर्शित करने के लिए यदि उसे समूह से पृथक् किया जाये तो समूहवाचक शब्द में षष्ठी अथवा सप्तमी विभक्ति होती है; यथा—मनुष्याणं क्षत्रियः शूरतमः अथवा मनुष्येषु क्षत्रियः शूरतमः (मनुष्यों में क्षत्रिय सबसे अधिक वीर होता है)।

सम्बोधन

जिसे पुकारा जाता है, सम्बोधित किया जाता है अथवा आकृष्ट किया जाता है, वह सम्बोधन है। इसके चिह्न ‘हे’, ‘भो’, ‘अरे’ इत्यादि हैं। सम्बोधन में प्रथमा विभक्ति ही होती है; यथा-हे राम! अत्र आगच्छ (हे राम! यहाँ आओ)। मोहन! त्वं कुत्र गच्छसि (मोहन! तुम कहाँ जा रहे हों?) यहाँ राम और मोहन को पुकारा जाता है; अतः यहाँ राम और मोहन में सम्बोधन है।

ध्यातव्य- सर्वनाम शब्दों में सम्बोधन नहीं होता। संस्कृत में सम्बन्ध तथा सम्बोधनको कारक नहीं माना जाता।।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर सात व्याकरण से

प्रश्न 1.
कारक किसे कहते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
किसी वाक्य में क्रिया के साथ जिसका अन्वय (सम्बन्ध) रहता है, उसको कारक कहते हैं; यथा—प्रयागे राजा स्वहस्तेन कोषात् निर्धनेभ्यः वस्त्राणि ददाति।

प्रश्न 2.
विभक्तियाँ कितनी हैं? प्रत्येक का परिचय दीजिए।
उत्तर:
विभक्तियाँ सात होती हैं प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पञ्चमी, षष्ठी तथा सप्तमी। कर्ता कारक में प्रथमा, कर्म कारक में द्वितीया, करण कारक में तृतीया, सम्प्रदान (UPBoardSolutions.com) कारक में चतुर्थी, अप्रादान कारकं में पञ्चमी, सम्बन्ध में षष्ठी तथा अधिकरण कारक में सप्तमी विभक्ति होती है।

प्रश्न 3.
सूत्र लिखकर निम्नांकित कारकों के उदाहरण दीजिएकर्म, करण, अपादान, अधिकरण।
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 6 कारक एवं विभक्ति प्रकरण (व्याकरण)
प्ररन 4.
कारक विभक्तियों तथा उपपद विभक्तियों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी पद में कारक के कारण प्रयुक्त होने वाली विभक्तियाँ ‘कारक विभक्ति तथा किसी अव्यय के कारण प्रयुक्त होने वाली विभक्तियाँ ‘उपपद विभक्ति’ कहलाती हैं।

प्रश्न 5.
निम्नांकित पदों में प्रयुक्त विभक्तियों का कारण लिखिए
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 6 कारक एवं विभक्ति प्रकरण (व्याकरण)

प्रश्न 6.
अपनी गद्य पुस्तक के किसी एक पाठ में प्रयुक्त द्वितीया, चतुर्थी, पञ्चमी तथा सप्तमी विभक्तियों से युक्त पदों को छाँटिए तथा उनमें प्रयुक्त विभक्तियों का कारण लिखिए।
उत्तर:
सम्बद्ध उदाहरण ‘पुण्यसलिला गङ्गा’ पाठ से उद्धृते हैं
(क) सर्वे एकस्मिन्नेव घट्टे स्नानं कुर्वन्ति।
(ख) सौभाग्यात् भारतीयशासनेन गङ्गाप्रदूषणस्य विनाशाय महती योजना सञ्चालिता।
वाक्य
(क) के, ‘एकस्मिन्’ तथा घट्टे में अधिकरण कारक के कारण सप्तमी विभक्ति है। इसी वाक्य में स्नानं’ पद में कर्म कारक के कारण द्वितीया विभक्ति है।
वाक्य
(ख) के ‘सौभाग्यात्’ पद में अपादान कारक के कारण पञ्चमी, ‘भारतीयशासनेन’ पद में करण कारक के कारण तृतीया तथा ‘विनाशाय’ पद में सम्प्रदान कारक के कारण चतुर्थी विभक्ति है।

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प्ररन 7.
निम्नांकित वाक्यों को शुद्ध कीजिए
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 6 कारक एवं विभक्ति प्रकरण (व्याकरण)

विस्तुनिष्ठनोत्तर

अधोलिखित प्रश्नों में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। इनमें से एक विकल्प शुद्ध है। शुद्ध विकल्प का चयन कर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए

प्रश्न 1.
विभक्तियों और कारकों की संख्या होती है’
(क) दस और सात
(ख) छ: और आठ
(ग) आठ और छः
(घ) पाँच और सात

प्रश्न 2.
कर्ता कारक का सूत्र कौन-सा है? ‘:
(क) कर्तुरीप्सिततमं कर्म
(ख) स्वतन्त्रः कर्ता
(ग) कर्तृकरणयोस्तृतीया
(घ) सहयुक्तेऽप्रधाने

प्रश्न 3.
सामान्यतया प्रथमा विभक्ति होती है
(क) सम्प्रदान कारक में
(ख) कर्म कारक में
(ग) कर्ता कारक में
(घ) करण कारक में

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प्रश्न 4.
द्विकर्मक धातुओं के योग में कौन-सी विभक्ति होती है?
(क) चतुर्थी
(ख) तृतीया,
(ग) प्रथमा
(घ) द्वितीया

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में कौन-सी धातु द्विकर्मक है?
(क) भू
(ख) याच्
(ग) पठ्
(घ) गम्

प्रश्न 6.
किस सूत्र से कर्म कारक में द्वितीया विभक्ति होती है?
(क) “कर्मणि द्वितीया’ से
(ख) ‘कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे’ से।
(ग) “अकथितञ्च’ से।
(घ) “अधिशीङ्स्थासां कर्म’ से

प्रश्न 7.
‘अक्षयः•••••••••• कुक्कुरं ताडयति’ में रिक्त-स्थान की पूर्ति होगी।
(क) दण्डानि’ से
(ख) “दण्डेन’ से
(ग) “दण्ड:’ से
(घ) “दण्डम्’ से

प्रश्न 8.
“पादेन खञ्जः’ में रेखांकित पद में किस सूत्र से तृतीया विभक्ति हुई है?
(क) ‘साधकतमं करणम्’ से ।
(ख) ‘सहयुक्तेऽप्रधाने से
(ग) “येनाङ्गविकारः’ से :
(घ) “कर्तृकरणयोस्तृतीया’ से

प्रश्न 9.
‘सहयुक्तेऽप्रधाने’ सूत्र किस कारक और विभक्ति के लिए प्रयुक्त होता हैं?
(क) सम्प्रदान और चतुर्थी
(ख) करण और तृतीया
(ग) अपादान और पंचमी
(घ) अधिकरण और सप्तमी

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प्रश्न 10.
‘विना’ के योग में कौन-सी विभक्ति प्रयुक्त होगी?
(क) चतुर्थी
(ख) तृतीया
(ग) षष्ठी
(घ) प्रथमा

प्रश्न 11.
‘कर्मणा यमभिप्रेति स सम्प्रदानम्’ किस कारक की परिभाषा है?
(क) कर्म कारक की
(ख) सम्प्रदान कारक की
(ग) कर्ता कारक की
(घ) करण कारक की

प्रश्न 12.
‘नृपः विप्रेभ्यः गां ददाति’ में रेखांकित पद में कौन-सी विभक्ति है?
(क) तृतीया
(ख) चतुर्थी
(ग) पञ्चमी
(घ) षष्ठी

प्रश्न 13.
‘नमः’, ‘स्वस्ति’, ‘स्वाहा’ और ‘स्वधा’ के योग में कौन-सी विभक्ति होती है?
(क) द्वितीया
(ख) तृतीया
(ग) चतुर्थी
(घ) सप्तमी

प्रश्न 14.
‘मह्यं मोदकं रोचते’ में चतुर्थी विभक्ति के प्रयोग का क्या कारण है?
(क) सम्प्रदान कारक।
(ख) मोदक शब्द
(ग) अस्मद् शब्द
(घ) रुच् धातु

प्रश्न 15.
किस मूत्र के अनुसार ‘रुच्’ धातु के योग में चतुर्थी विभक्ति होती है?
(क) ‘स्पृहेरीप्सितः’ के अनुसार
(ख) ‘रुच्यर्थानां प्रीयमाणः के अनुसार
(ग) “भीत्रार्थानां भयहेतुः’ के अनुसार
(घ) “चतुर्थी सम्प्रदाने के अनुसार

प्रश्न 16.
निम्नलिखित में अपादान कारक का कौन-सा सूत्र है?
(क) आख्यातोपयोगे
(ख) ध्रुवमपायेऽपादानम्
(ग) अपादाने पञ्चमी
(घ) भीत्रार्थानां भयहेतुः

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प्रश्न 17.
सैनिकः अश्वात् पतति।’ में किस सूत्र में पञ्चमी विभक्ति हो रही है?
(क) ध्रुवमपायेऽपादानम्
(ख) अपादाने पञ्चमी
(ग) भीत्रार्थानां भयहेतुः
(घ) आधारोऽधिकरणम्

प्रश्न 18.
‘भी’ तथा ‘रक्ष’ धातुओं के योग में कौन-सी विभक्ति होती है? .
(क) सप्तमी
(ख)-द्वितीया
(ग) तृतीया
(घ) पञ्चमी

प्रश्न 19.
क्त प्रत्ययान्त शब्दों के किस कालवाची होने पर षष्ठी विभक्ति होती है?
(क) आज्ञार्थककालवाची
(ख) भविष्यत्कालवाची
(ग) भूतकालवाची
(घ) वर्तमानकालवाची

प्रश्न 20.
‘यतश्च निर्धारणम्’ सूत्र में किन-किन विभक्तियों का विधान होता है?
(क) षष्ठी-सप्तमी विभक्तियों को
(ख) प्रथमा-द्वितीया विभक्तियों को
(ग) चतुर्थी-पञ्चमी विभक्तियों को
(घ) तृतीया-सप्तमी विभक्तियों का

प्रश्न 21.
आधार में कौन-सा कारक होता है?
(क) अपादान
(ख) कमें।
(ग) अधिकरण
(घ) करण

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प्रश्न 22.
‘विनीतः मातरि साधुः।’ के रेखांकित पद में कौन-सी विभक्ति और सूत्र प्रयुक्त हुआ है?
(क) सप्तमी और साध्वसाधु प्रयोग च
(ख) तृतीया और सहयुक्तेऽप्रधाने
(ग) षष्ठी और षष्ठी हेतुप्रयोगे
(घ) द्वितीया और अकथितं च

प्रश्न 23.
कृष्णः गोकुले वसति।’ में रेखांकित पद में किस सूत्र से सप्तमी विभक्ति हो रही है?
(क) यतश्च निर्धारणम्’ सूत्र से
(ख) ‘आधारोऽधिकरणम्’ सूत्र से
(ग) “सप्तम्यधिकरणे च सूत्र से
(घ) “साध्वसाधु प्रयोगे च सूत्र से

प्रश्न 24.
‘पृथक्’ के योग में कौन-सी विभक्ति नहीं होती है?
(क) द्वितीय
(ख) तृतीया
(ग) पञ्चमी
(घ) सप्तमी

प्रश्न 25.
यदि ‘शी’, ‘स्था’ एवं ‘आस्’ धातुएँ अधि’ उपसर्गपूर्वक नहीं आती हैं, तो आधार में कौन-सी विभक्ति होती है?
(क) द्वितीया
(ख) तृतीया
(ग) पञ्चमी

उत्तर:
1. (ग) आठ और छः, 2. (ख) स्वतन्त्रः कर्ता, 3. (ग) कर्ता कारक में, 4. (घ) द्वितीया, 5. (ख) याच्, 6. (क) “कर्मणि द्वितीया’ सूत्र से, 7. (ख) ‘दण्डेन’ से, 8. (ग) येनाङ्गविकार:’ से, 9. (ख) करण और तृतीया, 10. (ख) तृतीया, 11. (ख) सम्प्रदान कारक की, 12. (ख) चतुर्थी, 13. (ग) चतुर्थी, 14. (घ) रुच् धातु, 15. (ख) ‘रुच्यर्थानां प्रीयमाणः’ के अनुसार, 16. (ख) ध्रुवमपायेऽपादानम्, 17. (ख) अपादाने पञ्चमी, 18. (घ) पञ्चमी, 19. (घ) वर्तमानकालवाची, 20. (क) षष्ठी-सप्तमी विभक्तियों का, 21. (ग) अधिकरण 22. (क) सप्तमी और साध्वसाधु प्रयोगे च, 23. (ग) “सप्तम्यधिकरणे च’ सूत्र से, 24. (घ) सप्तमी, 25. (घ) सप्तमी।

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UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi खण्डकाव्य Chapter 6 श्रवणकुमार

UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi खण्डकाव्य Chapter 6 श्रवणकुमार (डॉ० शिवबालक शुक्ल) are part of UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi खण्डकाव्य Chapter 6 श्रवणकुमार (डॉ० शिवबालक शुक्ल).

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 11
Subject Samanya Hindi
Chapter Chapter 6
Chapter Name श्रवणकुमार (डॉ० शिवबालक शुक्ल)
Number of Questions 6
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi खण्डकाव्य Chapter 6 श्रवणकुमार (डॉ० शिवबालक शुक्ल)

उत्तर प्रदेश के मेरठ, आजमगढ़, बस्ती, रायबरेली, बाँदा, हरदोई, बहराइच, हमीरपुर, गाजियाबाद, मऊ, सिद्धार्थनगर जनपदों के लिए। नवसृजित जनपदों के विद्यार्थी अपने जनपद में निर्धारित खण्डकाव्य के सम्बन्ध में अपने विषय्-अध्यापक से जानकारी प्राप्त कर लें।

प्रश्न 1.
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य की कथावस्तु पर प्रकाश डालिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं का क्रमबद्ध वर्णन कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के ‘अयोध्या’ सर्ग की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के ‘दशरथ’ खण्ड की कथा का सार लिखिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के छठे सर्ग ‘सन्देश’ की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
या
‘श्रवणकुमार’ के ‘आश्रम’ शीर्षक सर्ग की, कथा संक्षेप में अपने शब्दों में लिखिए।
या
‘श्रवणकुंमार’ खण्डकाव्य के कथानक का विवरण देते हुए उसके महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के पंचम सर्ग में चित्रित दशरथ के अन्तर्द्वन्द्व का सोदाहरण वर्णन कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ काव्य के ‘श्रवण’ शीर्षक सर्ग का सारांश लिखिए। ‘श्रवणकुमार खण्डकाव्य के सातवें सर्ग ‘अभिशाप’ का सारांश लिखिए।
या
‘श्रवणकुमार’ के सर्गों का नामोल्लेख करते हुए ‘निर्वाण’ (अष्टम) सर्ग का सारांश लिखिए। ‘श्रवणकुमार’ के आखेट सर्ग की कथा संक्षेप में अपने शब्दों में लिखिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के सर्यों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के किसी मार्मिक अंश (श्रवण सर्ग) की कथा का उल्लेख कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के जो कारुणिक प्रसंग जनमानस को बहुत प्रभावित करते हैं, उन पर प्रकाश डालिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के कारुणिक प्रसंग का वर्णन कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के कथानक में महाराज दशरथ की भूमिका पर प्रकाश डालिए।

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श्रवण-पिता ने कहा, आज प्रिय क्योंकर तुमने किया विलम्ब ?
करती रही विविध आशंका अब तक वत्स तुम्हारी अम्ब।”

ऋषि-दम्पति, पर्याप्त समय तक अपने पुत्र के गुणों का वर्णन करते रहते हैं। तत्पश्चात् दशरथ उन्हें जल-ग्रहण करने के लिए कहते हैं तो वे शंकित होकर उनका परिचय पूछते हैं। अन्त में दशरथ उन्हें वह हृदयविदारक दुर्घटना का समाचार सुना देते हैं, जिसे सुनते ही वे करुण विलाप कर उठते हैं और हाहाकार करते अपने मृतक पुत्र के स्पर्श के लिए दशरथ के साथ चल देते हैं।

सप्तम सर्ग : अभिशाप

‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के सप्तमं सर्ग में ऋषि-दम्पति का करुण विलाप चित्रित हुआ है। सरयू-तट पर अपने मृतक पुत्र के शरीर को स्पर्शकर उनके धैर्य का बाँध टूट जाता है। वे विलाप करते-करते। अचेत हो जाते हैं। कुछ देर बाद वे सचेत होते हैं तो पुन: विलाप कर उठते हैं

कौन हमारे लिए विपिन से कन्द मूल फल लायेगा।
कौन अतिथि-सा हमें खिलाने में सच्चा सुख पायेगा ।

इस प्रकार श्रवणकुमार के माता-पिता उसके गुणों और सुकर्मों का स्मरण कर-करके हृदयविदारक विलाप करते हैं। अन्त में श्रवणकुमार के पिता दशरथ से कहते हैं कि यद्यपि आपने यह पाप अनजाने में किया है, परन्तु पाप तो पाप ही है। इसलिए–

पुत्र-शोक से कलप रहा हूँ जिस प्रकार मैं, अजनन्दन ।
सुत-वियोग में प्राण तजोगे इसी भाँति करके क्रन्दन ॥

अष्टम सर्ग : निर्वाण

इस सर्ग में शाप के कारण दशरथ बहुत अधिक दु:खी हैं। पर्याप्त विलाप करने के बाद श्रवणकुमार के पिता को यह आत्मबोध होता है कि मेरे उदार एवं शान्त हृदय में क्रोध कैसे आ गया ? मैंने तो व्यर्थ ही दशरथ को शाप दे दिया। मेरे पुत्र का वध तो नियति के विधान के अनुसार दशरथ के हाथों ही होना था। फिर इसमें किसी का क्या दोष ?

वे श्रवणकुमार को जलांजलि देने के लिए उठते हैं, तभी दिव्य रूपधारी श्रवणकुमार कहता है

मैं प्रतिकृत हो गया आपकी सेवा परिचर्या कर तात।।
मुझे श्रेष्ठ पद मिला आज है पा आशीष तुम्हारा मात ॥

पुत्र-शोक में व्याकुल ऋषि-दम्पति रुदन करते-करते प्राण-त्याग देते हैं और सारथी द्वारा तैयार की गयी चिता में श्रवणकुमार एवं उसके पिता-माता तीनों के नश्वर शरीर भस्म हो जाते हैं।

नवम सर्ग : उपसंहार

नवम सर्ग में दशरथ दु:खी हृदय से अयोध्या लौट आते हैं। अपयश फैलेने के भय से वे वन की दुर्घटना किसी को भी नहीं बताते, किन्तु राम के वन-गमन के समय वे भावविह्वल होकर कौशल्या से यह सम्पूर्ण वृत्तान्त सुनाते हैं तथा पुत्र-वियोग में तड़पते हुए प्राण त्याग देते हैं।

प्रश्न 2.
श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के नायक (प्रमुख पात्र) श्रवणकुमार का चरित्र-चित्रण कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर श्रवणकुमार की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ में वर्णित मातृ एवं पितृभक्ति का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ के किसी एक पात्र की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
या
“‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य का नायक वह आदर्श पात्र है जो युगों-युगों तक अनुकरणीय रहेगा।” इस कथन के आधार पर श्रवणकुमार का चरित्रांकन कीजिए।
या
वर्तमान सामाजिक एवं सांस्कृतिक संकट की बेला में श्रवणकुमार का चरित्र भावी युवा पीढ़ी का संवाहक बन सकता है। सतर्क उत्तर दीजिए।
या
“कुमार के चारु-चरित पर, संस्कार का प्रचुर प्रभाव।” कथन के आलोक में श्रवणकुमार के चरित्र पर प्रकाश डालिए।

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प्रश्न 3.
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के चरित्रों में देवोपम गुणों के साथ-साथ मानव-सुलभ दुर्बलताएँ
 भी दिखाई देती हैं। इस कथन के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।

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प्रश्न 4.
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर दशरथ का चरित्र-चित्रण कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर अयोध्या नरेश दशरथ की चारित्रिक विशेषताओं का सोदाहरण विवेचन कीजिए।

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अपने इस कुकृत्य पर उन्हें अपने नहीं, अपने कुल के अपयश का दु:ख सता रहा है

हाय चलेगी युग युगान्त तक अब मेरी यह पाप कथा।।
ज़ो मुझको ही नहीं वंशजों को भी देगी मर्म व्यथा ॥

अपने द्वारा किये गये कर्म पर दु:खी होकर वे अन्ततः धरती माता से ही कह उठते हैं|

फटो धरणि, मैं समा सकें तुम करो ग्रहण, मम भाग्य जगे।
पर वसुन्धरे! मुझे शरण दे-तुम्हें न कहीं कलंक लगे ॥

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निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि दशरथ का चरित्र महान् गुणों से विभूषित है जो कि प्रायश्चित्त और आत्म-ग्लानि की अग्नि में तपकर और भी शुद्ध हो गया है। कवि दशरथ का चरित्र-चित्रण करने में पूर्ण सफल रहा है।

प्रश्न 5.
पंचम एवं सप्तम सर्ग के आधार पर दशरथ के अन्तर्द्वन्द्व पर प्रकाश डालिए।
या
“‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के पंचम सर्ग में दशरथ के अन्तर्द्वन्द्वका व्यापक चित्रण है।” इस कथन को सोदाहरण प्रमाणित कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ में चित्रित महाराज दशरथ का मानसिक अन्तर्द्वन्द्व स्पष्ट कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य में प्रस्तुत महाराज दशरथ के मानसिक असमंजस का वर्णन कीजिए।
या
“दशरथ का अन्तर्द्वन्द्व ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य की अनुपम निधि है।” इस उक्ति के आलोक में दशरथ का चरित्र-चित्रण कीजिए।

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प्रश्न 6.
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के मार्मिक स्थलों का सोदाहरण निदर्शन कीजिए।
या
“‘श्रवणकुमार’ काव्य के अभिशाप सर्ग में करुण रस का सांगोपांग वर्णन है।” इस कथन की समीक्षा कीजिए।
या
‘श्रवणकुमार’ के कथानक के मार्मिक स्थल की समीक्षा कीजिए।

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यह सर्ग जहाँ काव्यगत विशेषताओं की दृष्टि से विशिष्ट है, वहीं यह अपने उदात्त विचारों एवं विश्लेषण के कारण भी विशिष्ट है। श्रवणकुमार के पिता पुत्रे-वध के कारण दशरथ के प्रति रोष में हैं, किन्तु उनके द्वारा अपराध की स्वीकृति कर लेने के कारण वे उनके प्रति सहानुभूति भी रखते हैं।
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UP Board Class 12 Economics Model Papers Paper 4

UP Board Class 12 Economics Model Papers Paper 4 are part of UP Board Class 12 Economics Model Papers. Here we have given UP Board Class 12 Economics Model Papers Paper 4.

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject  Economics
Model Paper Paper 4
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 12 Economics Model Papers Paper

समय: 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक : 100
निर्देश
प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
नोट

  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 12 तक बहुविकल्पीय प्रश्न हैं, जिनका केवल सही उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखना है, प्रश्नपंख्या 13 से 16 तक अतिलघु उत्तरीय प्रश्न हैं, जिनका उत्तर प्रत्येक लगभग 25 शब्दों में लिखना है, प्रश्न संख्या 17 से 22 तक लघु उत्तरीय प्रश्न हैं, जिनका उत्तर प्रत्येक लगभग 50 शब्दों में लिखना है तथा प्रश्न संख्या 23 से 28 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं, जिनका उत्तर प्रत्येकलगभग 150 शब्दों में लिखना है।
  • प्रत्येक प्रश्न के निर्धारित अंक उसके सम्मुख अंकित हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कुल उत्पादन बढ़ने पर उत्पादन की परिवर्तनशील लागत [1]
(a) घटती है।
(b) बढ़ती है।
(c) पहले बढ़ती है, फिर घटती है
(d) अपरिवर्तित रहती है।

प्रश्न 2.
लगान के आधुनिक सिद्धान्त के प्रतिपादक का नाम है । [1]
(a) डेविड रिकार्डो
(b) एडम स्मिथ
(C) जे. आर. हिक्स
(d) श्रीमती जॉन रॉबिन्सन

प्रश्न 3.
लाभ का अनिश्चितता वहन करने के सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने दिया? [1]
(a) एफ. एच. नाइट
(b) पी. एम. स्टीजी
(c) डी. पैटिन्किन
(d) आर. जी. हा

प्रश्न 4.
व्यापार कर किसके द्वारा लगाया जाता है?[1]
(a) केन्द्र सरकार
(b) राज्य सरकार
(C) नगरपालिका
(d) दुकानदार

प्रश्न 5.
वर्तमान समय में भारत की राष्ट्रीय आय में सर्वाधिक अंश है [1]
(a) कृषि क्षेत्र का
(b) औद्योगिक क्षेत्र का
(C) प्रसंस्करण उद्योगों का
(d) सेवा क्षेत्र का

प्रश्न 6.
औसत लागत का सूत्र है। [1]
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प्रश्न 7.
निम्नलिखित में व्यापारिक बैंकों का कौन-सा कार्य है? [1]
(a) साख नियन्त्रण
(b) नोटों का निर्गमन
(c) विदेशी विनिमय नियन्त्रण
(d) साख सृजन

प्रश्न 8.
बारहवीं पंचवर्षीय योजना की समयावधि है। [1]
(a) 2002-07
(b) 2007-12
(c) 2011-16
(d) 2012-17

प्रश्न 9.
भारत में अन्तरिक्ष आयोग की स्थापना की गई [1]
(a) वर्ष 1961 में।
(b) वर्ष 1972 में
(c) वर्ष 1975 में
(d) वर्ष 1980 में

प्रश्न 10.
भारत का कितने प्रतिशत विदेशी व्यापार समुद्री मार्ग से किया जाता है? [1]
(a) 60%
(b) 70%
(c) 80%
(d) 90%

प्रश्न 11.
केन्द्रीय प्रवृत्ति की एक माप है। [1]
(a) समान्तर माध्य
(b) माध्य विचलन
(c) प्रमाप विचलन
(d) सह-सम्बन्ध

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में कौन-सी योजना उद्योग प्रधान था? [1]
(a) पहली
(b) पाँचवीं
(C) दूसरी
(d) दसवीं

उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 13.
लोकवित्त की परिभाषा एवं महत्त्व का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। [4]

प्रश्न 14.
सकल घरेलू उत्पाद और सकल राष्ट्रीय उत्पाद में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [4]

प्रश्न 15.
भारत में परिवार कल्याण कार्यक्रम की सफलता के लिए कोई चार सुझाव दीजिए। [4]

प्रश्न 16.
सूचकांकों की विशेषताएँ बताइए। [4]

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 17.
विनिमय से क्या लाभ है? वर्णन कीजिए। [5]

प्रश्न 18.
सकल एवं शुद्ध ब्याज में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [5]

प्रश्न 19.
पूर्ण व अपूर्ण प्रतियोगिता में अन्तर बताइए। [5]

प्रश्न 20.
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना क्या है? [5]

प्रश्न 21.
भारत में जनसंख्या के घनत्व को प्रभावित करने वाले चार प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए। [5]

प्रश्न 22.
भारत के विदेशी व्यापार की मुख्य प्रवृत्तियाँ बताइए। [5]

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 23.
अपूर्ण प्रतियोगिता का अर्थ समझाइए। दीर्घकाल में कीमत निर्धारण . किस प्रकार होता.है? [7]
अथवा
कुल लागत, औसत लागत तथा सीमान्त-लागत का अर्थ बताइए तथा उदाहरण देकर सीमान्त-लागत व औसत लागत के बीच सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए। [7]

प्रश्न 24.
वितरण से आप क्या समझते हैं? वितरण की समस्याओं के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। [7]
अथवा
रिकाडों के लगान सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए। [7]

प्रश्न 25.
केन्द्र सरकार के व्यय की मदों को लिखिए। [7]
अथवा
राष्ट्रीय आय क्या है? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए। [7]

प्रश्न 26.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारणों को स्पष्ट कीजिए। [7]
अथवा
नाबार्ड क्या है? नाबार्ड के कार्य बताइए। [7]

प्रश्न 27.
सामाजिक वानिकी से क्या आशय है? इस कार्यक्रम की सफलता के लिए चार सुझाव दीजिए। [7]
अथवा
भारत में अन्तरिक्ष शोध कार्यक्रम की प्रगति पर प्रकाश डालिए। [7]

28. निम्नलिखित सारणी से प्रत्यक्ष विधि द्वारा समान्तर माध्य की गणना कीजिए। [7]

वर्ग अन्तराल

आवृति

0-10

8

10-20

4

20-30

6

30-40

3

40-50

2

अथवा
निम्नलिखित आँकड़ों के लिए माध्यिका की गणना कीजिए। [7]

प्राप्तांक 10-15 15-20 20-25 25-30 30-35 35-40
विद्यार्थियों की संख्था 40 52 68 58 32 20

Answers

उतर 1.
(b)

उतर 2.
(d)

उतर 3.
(a)

उतर 4.
(b)

उतर 5.
(d)

उतर 6.
(a)

उतर 7.
(d)

उतर 8.
(d)

उतर 9.
(b)

उतर 10.
(d)

उतर 11.
(a)

उतर 12.
(d)

उतर 28.
समान्तर माध्य (X) = 19.35
अथवा
माध्यिका (M) = 23.16

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