UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency: Mode

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Economics
Chapter Chapter 29
Chapter Name Measure of Central Tendency: Mode (केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप : बहुलक)
Number of Questions Solved 22
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency: Mode (केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप : बहुलक)

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (6 अंक)

प्रश्न 1
बहुलक या भूयिष्ठक किसे कहते हैं? इसको परिभाषित करते हुए इसके गुण व दोषों पर प्रकाश डालिए। बहुलक की विशेषताओं और उपयोग को भी संक्षेप में लिखिए। [2010]
या
बहुलक का अर्थ स्पष्ट कीजिए। बहुलक के गुणों और दोषों को समझाइए। [2013, 16]
उत्तर:
बहुलक या भूयिष्ठक को अंग्रेजी में ‘Mode’ कहते हैं। इसकी उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के शब्द, ‘La Mode’ से हुई है जिसका शाब्दिक अर्थ रिवाज या फैशन या प्रचलन है।
सांख्यिकी में बहुलक या भूयिष्ठक से तात्पर्य किसी समंकमाला की सर्वाधिक आवृत्ति वाली माप से होता है। बहुलक एक स्थिति सम्बन्धी प्रमुख माध्य है।
कुछ प्रमुख विद्वानों द्वारा दी गयी परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं

क्रॉक्सटन एवं क्राउडेन के शब्दों में, “बहुलक किसी समंक श्रेणी का वह मूल्य है जिसके चारों ओर श्रेणी की इकाइयों के केन्द्रित होने की प्रवृत्ति पायी जाती है और यह मूल्य श्रेणी के मूल्यों का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि होता है।”
केनी के अनुसार, “सांख्यिकी में बहुलक उस मान को कहते हैं, जो समंकमाला में सबसे अधिक बार आता है।”
बॉडिंगटन के अनुसार, “बहुलक को महत्त्वपूर्ण प्रकार, रूप या पद के आकार या सर्वाधिक घनत्व की स्थिति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।”

बहुलक के गुण – बहुलक के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं

  1. थोड़े मदों की जानकारी से भी भूयिष्ठक की गणना सम्भव है। बहुलक की गणना के लिए सभी मदों की आवृत्तियाँ जानना भी आवश्यक नहीं है। केवल बहुलक वर्ग के पहले व बाद वाले वर्ग की आवृत्तियाँ ही पर्याप्त हैं।
  2. इसके मूल्य पर चरम मदों का प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि यह सभी मूल्यों पर आधारित नहीं होता।
  3. भूयिष्ठक मूल्य के चारों ओर समंक श्रेणी के अधिकतम मूल्य केन्द्रित होते हैं; अत: इससे समूह के लक्षणों तथा रचना पर भी प्रकाश पड़ता है।
  4. बहुलक एक व्यावहारिक माध्य है, जिसका सार्वभौमिक उपयोग है। दैनिक उपयोग की वस्तुएँ; जैसे बनियान, कॉलर या जूते का निर्माता सभी नम्बर के बनियान, कॉलर या जूते नहीं बनाता, वरन् जो नम्बर अधिक माँगे जाते हैं उन्हीं को अधिक बनाता है। यह बहुलक द्वारा ही ज्ञात किया जा सकता है कि किस प्रकार की वस्तु का अधिक निर्माण किया जाए।
  5. बहुलक का निर्धारण बिन्दुरेखीय रीति से भी सम्भव है।
  6. बहुलक को समझना व प्रयोग करना दोनों सरल हैं।
  7. समूह में से चाहे जितने नमूने लिये जाएँ उनसे प्राप्त भूयिष्ठक या बहुलक समान ही रहता है।

बहुलक के दोष – बहुलक के दोष निम्नलिखित हैं

  1. बहुलक को यदि पदों की संख्या से गुणा किया जाए तो पदों के कुल मूल्यों का योग प्राप्त नहीं किया जा सकता।
  2. इसमें पदों को क्रमानुसार रखना आवश्यक है। इसके बिना बहुलक ज्ञात करना सम्भव नहीं होता।
  3. जब श्रेणी के सभी मूल्यों की आवृत्तियाँ समान हों तो बहुलक ज्ञात नहीं किया जा सकता।
  4. अनेक बार असमान आवृत्ति वितरण में बहुलक सुनिश्चित रूप से निर्धारित नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसी श्रेणियों में कभी-कभी दो या अधिक बहुलक होते हैं।
  5. बहुलक का निर्धारण पूर्णतः पदों की आवृत्तियों पर ही आश्रित होने के कारण इससे कभी-कभी बड़े अशुद्ध तथा भ्रमात्मक निष्कर्ष प्राप्त हो जाते हैं। उदाहरणार्थ, किसी टीम द्वारा खेले गये 12 मैचों में 5 में गोल संख्या शून्य रही तथा अन्य मैचों में एक से अधिक गोल किये गये। किन्तु उनमें से किसी भी मैच की गोल संख्या समान नहीं थी। ऐसी दशा में शून्य पद की सबसे अधिक आवृत्ति होने के कारण बहुलक को मूल्य शून्य हो जाएगा।
  6. भूयिष्ठक के निर्धारण में सीमान्त पदों पर विचार नहीं किया जाता। अतएव जहाँ माध्य निर्धारण में सभी पदों को महत्त्व दिया जाना हो वहाँ बहुलक उपयुक्त माध्य नहीं है।
  7. बहुलक को बीजगणितीय विवेचन नहीं किया जा सकता; अत: यह अपूर्ण है।

बहुलक की विशेषताएँ – बहुलक की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. बहुलक के लिए बीजगणितीय विवेचन करना आवश्यक नहीं होता।
  2. बहुलक आसानी से ज्ञात किया जा सकता है।
  3. सर्वाधिक घनत्व वाला बिन्दु होने के कारण भूयिष्ठक सम्बद्ध समंकों का यथार्थ प्रतिनिधित्व करता है।
  4. वास्तविक बहुलक के निर्धारण के लिए पर्याप्त गणना की आवश्यकता होती है। यदि आवृत्ति-वितरण अनियमित हो तो बहुलक का निर्धारण करना भी कठिन हो जाता है।
  5. भूयिष्ठक पर श्रेणी के असाधारण सीमान्त पदों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

बहुलक का उपयोग – बहुलक के प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं

  1. बहुलक समझने में सरल होता है इसलिए व्यापारिक क्षेत्र में और दैनिक जीवन में इसका अधिक प्रयोग किया जाता है।
  2. व्यापार एवं उद्योगों के लिए पूर्वानुमान लगाने में बहुलक से अत्यधिक सहायता मिलती है।
  3. किसी भी वस्तु का औसत आकार ज्ञात करने हेतु बहुलक का प्रयोग किया जाता है।
  4. बहुत-से व्यवसायी बहुलक के आधार पर ही माल का निर्माण करते हैं; जैसे-टोपी, जूता, हैट, कॉलर आदि।
  5. उद्योग के क्षेत्रों में माँग को ध्यान में रखकर इसके आधार पर उत्पादन किया जाता है।
  6. मशीनों द्वारा आजकल बहुलक द्वारा निर्देशित उत्पादन पर जोर दिया जाने लगा है।
  7. इसी प्रकार मौसमी अध्ययनों में तापमान, वर्षा, वायुगति की औसत मात्रा का निर्धारण बहुलक द्वारा ही किया जाता है।

बहलक की गणना
बहुलक की गणना निम्नलिखित रीतियों से की जाती है

(क) व्यक्तिगत श्रेणी में बहुलक की गणना – व्यक्तिगत श्रेणी में बहुलक की गणना करते समय बहुलक का निरीक्षण द्वारा ही पता लगा लिया जाता है। श्रेणी का जो पद-मूल्य सबसे अधिक बार श्रेणी में आता है, वही पद-मूल्य बहुलक होता है।
व्यक्तिगत श्रेणी में बहुलक ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम पदों को आरोही या अवरोही क्रम में व्यवस्थित कर लेते हैं। पदों के व्यवस्थित होने पर सरलता से पता लग जाता है कि श्रेणी में किस पद-मान की आवृत्ति सबसे अधिक है। श्रेणी में सर्वाधिक पद-मान वाला ही भूयिष्ठक होगा।

उदाहरण 1
माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की कक्षा 12 की परीक्षा में अर्थशास्त्र विषय में 10 परीक्षार्थियों के प्राप्तांक निम्नलिखित हैं
60,   38,   45,   60,   33,   40,   60,   25,   33,  75.
इन समंकों से बहुलक की गणना कीजिए।
हल:
पदों को आरोही क्रम में व्यवस्थित करने पर श्रेणी निम्नवत् प्राप्त होती है
25,   33,   33,   38,   40,   45,   60,   60,   60,   75
उपर्युक्त श्रेणी को देखने से ही यह स्पष्ट हो जाता है कि इस श्रेणी में पद-मान 60 की आवृत्ति सर्वाधिक हैं; अत: बहुलक 60 अंक है।

विशेष –
जब किसी व्यक्तिगत श्रेणी में पद-मूल्यों की संख्या बहुत अधिक होती है तो निरीक्षण द्वारा बहुलक ज्ञात करना कठिन होता है। इस प्रकार की स्थिति में बहुलक ज्ञात करने के लिए

उदाहरण 2
में बतायी गयी पद्धति का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण 2 निम्नांकित प्राप्तांकों से बहुलक ज्ञात कीजिए
17, 25, 28, 30, 20, 22, 30, 24, 27, 30, 21, 22, 26, 25, 21, 30, 22, 17, 18, 30, 18.
हल:
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उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट होता है कि 30 अंकों की आवृत्ति सर्वाधिक 5 बार हुई है; अत: बहुलक 30 अंक है।

(ख) खण्डित श्रेणी में बहुलक ज्ञात करना – 
खण्डित श्रेणी में भी बहुलक ज्ञात करना बहुत सरल है। श्रेणी में जिस पद की बारम्बारता सर्वाधिक होती है, वही पद बहुलक होता है।

उदाहरण 3
माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश कक्षा 12; अर्थशास्त्र की परीक्षा में परीक्षार्थियों ने निम्नलिखित अंक प्राप्त किये, इस श्रेणी का बहुलक ज्ञात कीजिए
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हल:
उपर्युक्त श्रेणी में प्राप्तांक 60 की बारम्बारता सबसे अधिक 15 है, अर्थात् 15 परीक्षार्थियों ने 60 अंक प्राप्त किये हैं; अतः स्पष्ट है कि इस श्रेणी का बहुलक 60 अंक है।

उदाहरण 4
बी० एम० एम० इण्टर कॉलेज के विद्यार्थियों की संख्या उनकी आयु के साथ निम्नलिखित सारणी में दी गयी है। इस श्रेणी का बहुलक ज्ञात कीजिए
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency Mode 3
हल:
उपर्युक्त श्रेणी में सबसे अधिक बारम्बारता 40 है, जो 2 बार आयी है; अतः इस प्रकार की स्थिति में यह निश्चित करना कठिन हो जाता है कि इस श्रेणी का बहुलक 13 है अथवा 15 । इसे ज्ञात करने के लिए समूहन विधि को उपयोग में लाते हैं।

समूहन विधि – समूहन विधि में हमें स्तम्भ बनाने होते हैं। पहला स्तम्भ दी हुई बारम्बारता का होता है। दूसरा स्तम्भ दो-दो आवृत्तियों को जोड़कर बनाया जाता है। तीसरे स्तम्भ को बनाते समय पहली आवृत्ति को छोड़कर शेष दो-दो आवृत्तियों को जोड़कर समूह बनाये जाते हैं। अन्त में दो से कम आवृत्ति बचने पर उसे छोड़ दिया जाता है। चौथे स्तम्भ में पहली आवृत्ति से आरम्भ करके तीन-तीन

आवृत्तियों को जोड़कर समूह बनाये जाते हैं। इसी प्रकार पाँचवे स्तम्भ में पहली आवृत्ति को छोड़कर तीन-तीन आवृत्तियों को जोड़कर समूह बनाये जाते हैं तथा छठे स्तम्भ को बनाते समय प्रथम दो आवृत्तियों को छोड़कर तीन-तीन आवृत्तियों को जोड़कर समूह बनाये जाते हैं। अन्त में यदि तीन से कम आवृत्तियाँ बचे तो उन्हें छोड़ दिया जाता है। यह सारणी अग्रलिखित रूप में बनायी जाती है

समूहन सारणी
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उपर्युक्त समूह में यह देखना है कि प्रत्येक स्तम्भ में कौन-सी बारम्बारता सर्वाधिक है। सबसे अधिक बारम्बारता को निम्नलिखित सारणी में अंकित किया गया है

विश्लेषण सारणी
स्तम्भ संख्या प्रत्येक स्तम्भ के अधिकतम बारम्बारता वाले पदचिह्न लगाये गये हैं।
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उपर्युक्त सारणी को देखने से यह स्पष्ट होता है कि 13 वह संख्या है जिसकी आवृत्ति सबसे अधिक है; अतः दी हुई श्रेणी की बहुलक 13 है।

(ग) सतत श्रेणी में बहलक ज्ञात करना – सतत् श्रेणी में बहुलक ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम सर्वाधिक आवृत्ति वाला वर्ग ज्ञात किया जाता है। इसे ही बहुलक वर्ग कहते हैं। यदि सारणी में सर्वाधिक बारम्बारता वाला एक ही वर्ग होता है, तब उसमें निम्नलिखित सूत्र के द्वारा बहुलक ज्ञात किया जाता है
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency Mode 6
यहाँ पर, z = बहुलक (Mode),
L1 = बहुलक वर्ग की निम्न सीमा,   L2 = बहुलक वर्ग की उच्च सीमा,
f1 = बहुलक वर्ग की आवृत्ति,         f0 = बहुलक वर्ग के पूर्व वर्ग की आवृत्ति,
f2 = बहुलक वर्ग के बाद वाले वर्ग की आवृत्ति।

उदाहरण 5
निम्नलिखित सारणी के आँकड़ों से बहुलक ज्ञात कीजिए
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हल:
उपर्युक्त सारणी को देखने से ही पता लग जाता है कि 30-40 वर्गान्तर की आवृत्ति सबसे अधिक है, अत: बहुलक इसी वर्गान्तर में स्थित होगा।
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विशेष – सतत् श्रेणी में यदि सबसे अधिक आवृत्ति वाले एक से अधिक वर्ग हों तब सर्वप्रथम समूहन विधि की सहायता से सबसे अधिक आवृत्ति वाला वर्ग ज्ञात करते हैं और उसके बाद निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है
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उदाहरण 6
निम्नलिखित सारणी से बहुलक की गणना कीजिए
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हल:
इस श्रेणी में 9 आवृत्ति वाले दो वर्ग हैं; अत: सबसे पहले समूहन विधि द्वारा सही बहुलक वर्ग ज्ञात किया जाएगा।
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विश्लेषण सारणी
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विश्लेषण तालिका से स्पष्ट है कि बहुलक (Mode) 40-50 वर्ग में स्थित है।
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विशेष – प्रायः बहुलक की गणना करने के लिए इसी सूत्र का प्रयोग किया जाता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि विश्लेषण सारणी से जो बहुलक वर्ग निकलता है, बहुलक मूल्य का परिकलन इस सूत्र के द्वारा करने पर बहुलक मूल्य, बहुलक वर्ग के बाहर आने लगता है। ऐसी स्थिति में बहुलक मूल्य की गणना करने के लिए 2= L1 + [latex]\frac { { f }_{ 2 } }{ { f }_{ 0 }-{ f }_{ 2 } }[/latex] (L2 – L1) का प्रयोग करते हैं। संकेतों के चिह्न पूर्व सूत्र के अनुसार ही प्रयुक्त होते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1
निम्नलिखित सारणी से बहुलक ज्ञात कीजिएप्राप्तांक
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency Mode 14
हल:
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency Mode 15
विश्लेषण सारणी
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अतः, बहुलक = 28 अंक

प्रश्न 2
निम्नलिखित आँकड़ों से बहुलक ज्ञात कीजिए
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हल:
निरीक्षण से स्पष्ट है कि 30-35 वर्गान्तर की आवृत्ति सबसे अधिक है; अत: बहुलक इस वर्गान्तर में ही स्थित होगा।
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प्रश्न 3
निम्नलिखित आँकड़ों से बहुलक ज्ञात कीजिए
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency Mode 19
हल:
निरीक्षण द्वारा स्पष्ट है कि 30-40 वर्गान्तर की आवृत्ति सबसे अधिक है; अत: बहुलक इसी वर्गान्तर में स्थित होगा।
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अतिलघु उत्तरीय प्रश्ता (2 अंक)

प्रश्न 1
निम्नलिखित बंटन का बहुलक ज्ञात कीजिए
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हल:
यहाँ अधिकतम बारम्बारता 23 है; अत: बहुलक वर्ग 12-15 हुआ।
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प्रश्न 2
निम्नलिखित बारम्बारता बंटन का बहुलक ज्ञात कीजिए
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency Mode 23
हल:
स्पष्ट है कि 45 की बारम्बारता 15 है तथा किसी भी दूसरे पद की बारम्बारता 15 तथा 15 से अधिक नहीं है।
अतः अभीष्ट बहुलक = 45

निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
2, 2, 3, 2, 1 का बहुलक बताइए।
उत्तर:
बहुलक = 2.

प्रश्न 2
आँकड़ों 2, 1, 1, 3, 4, 2, 1, 1, 4, 4, 1, 1 का बहुलक बताइए।
उत्तर:
बहुलक = 1

प्रश्न 3
45 शिक्षार्थियों वाली कक्षा में 5 शिक्षार्थियों की ऊँचाई 142 सेमी, 10 शिक्षार्थियों की ऊँचाई 144 सेमी, 10 शिक्षार्थियों की ऊँचाई 146 सेमी, 15 शिक्षार्थियों की ऊँचाई 150 सेमी है तो 5 शिक्षार्थियों की ऊँचाई का बहुलक बताइए।
उत्तर:
बहुलक = 15.

प्रश्न 4
निम्नलिखित आँकड़ों का बहुलक ज्ञात कीजिए
(i) 13, 14, 10, 12, 11, 12, 13, 20, 18, 12, 10, 12.
उत्तर:
बहुलक = 12

(ii) 19, 25, 36, 28, 20, 18, 38, 3, 38, 22, 38, 38.
उत्तर:
बहुलक = 38.

प्रश्न 5
बहुलक का क्या व्यावहारिक प्रयोग है?
उत्तर:
उत्पादन व्यापार एवं उद्योगों में बहुलक का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 6
एक अखण्डित (सतत्) श्रेणी के लिए बहुलक ज्ञात करने का सूत्र लिखिए। [2008]
उत्तर:
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प्रश्न 7
बहुलक का क्या तात्पर्य है? [2007]
या
बहुलक क्या है? [2012]
उत्तर:
सांख्यिकी आँकड़ों में जिस पद की बारम्बारता अधिकतम हो वह पद बहुलक कहलाता है।

प्रश्न 8
माध्य, माध्यिका और बहुलक में सम्बन्ध बताइए।
उत्तर:
बहुलक = 3 x माध्यिका – 2 x समान्तर माध्य
अर्थात् Z = 3M – 2[latex]\overline { X }[/latex]

प्रश्न 9
बहुलक के दो गुण बताइए।
उत्तर:
बहुलक के दो गुण निम्नलिखित हैं

  1. बहुलक सबसे सरल माध्य है जो आसानी से समझ में आ जाता है,
  2. लेखा चित्र द्वारा भी इसे ज्ञात कर लिया जाता है।

प्रश्न 10
बारम्बारता वक्र पर बहुलक कैसे ज्ञात किया जाता है?
उत्तर:
बारम्बारता वक्र का बहुलक क्षैतिज पैमाने पर वह मान होता है जिस पर वक्र की ऊँचाई अधिकतम होती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
2, 2, 2, 3, 5, 5, 5, 6, 6, 6, 8, 8, 8, तथा 5 का बहुलक होगा
(क) 2
(ख) 6
(ग) 8
(घ) 5
उत्तर:
(घ) 5.

प्रश्न 2
दिये गये आँकड़ों में सबसे अधिक बार आने वाले पद को कहते हैं
(क) समान्तर माध्य
(ख) बहुलक
(ग) माध्यिको
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) बहुलक।

प्रश्न 3
वर्गान्तर श्रेणी में बहुलक का सूत्र है
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency Mode 26
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency Mode 27

प्रश्न 4
माध्य, माध्यिका और बहुलक के सम्बन्ध का सूत्र है
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 29 Measure of Central Tendency Mode 28
उत्तर:
(ख) Z = 3M – 2[latex]\overline { X }[/latex].

प्रश्न 5
सभी चर मानों पर आधारित केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप कौन-सी है? [2007]
(क) बहुलक
(ख) माध्यिका
(ग) समान्तर माध्यिका
(घ) मानक विचलन
उत्तर:
(क) बहुलक।

प्रश्न 6
केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप है [2014]
(क) समान्तर माध्य
(ख) माध्यिका
(ग) बहुलक
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(घ) इनमें से कोई नहीं।

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UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi नाटक Chapter 4 सूत-पुत्र

UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi नाटक Chapter 4 सूत-पुत्र (डॉ० गंगासहाय प्रेमी) are part of UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi नाटक Chapter 4 सूत-पुत्र (डॉ० गंगासहाय प्रेमी).

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Textbook NCERT
Class Class 11
Subject Samanya Hindi
Chapter Chapter 4
Chapter Name सूत-पुत्र (डॉ० गंगासहाय प्रेमी)
Number of Questions 12
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi नाटक Chapter 4 सूत-पुत्र (डॉ० गंगासहाय प्रेमी)

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, सहारनपुर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, गाजीपुर, मैनपुरी, जालौन, हरदोई, बाराबंकी, आदि जनपदों के लिए। नवसृजित जनपदों के विद्यार्थी अपने जनपद में निर्धारित नाटक के सम्बन्ध में अपने विषय-अध्यापक से जानकारी प्राप्त कर ले।

प्रश्न 1.
सूत-पुत्र’ नाटक की कथा संक्षेप में लिखिए।
या
‘सूत-पुत्र’ नाटक का कथा-सार संक्षेप में अपने शब्दों में लिखिए।
या
‘सूत-पुत्र’ में कर्ण के जीवन से सम्बन्धित मार्मिक प्रसंगों का उल्लेख कीजिए।

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प्रश्न 2.
‘सूत-पुत्र’ नाटक के प्रथम अंक की कथा को संक्षेप में लिखिए।
या
‘सूत-पुत्र’ नाटक के किसी एक अंक की कथा पर प्रकाश डालिए।

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प्रश्न 3.
सूत-पुत्र’ नाटक के द्वितीय अंक की कथा का सार संक्षेप में लिखिए।
या
द्रौपदी स्वयंवर की कथा ‘सूर -पुत्र’ नाटक के आधार पर लिखिए।
या
द्रौपदी स्वयंवर का कथानक अपने शब्दों में लिखिए।

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प्रश्न 4.
‘सूत-पुत्र’ नाटक के तृतीय अंक की कथा का सार अपने शब्दों में लिखिए।
या
‘सूत-पुत्र’ नाटक के तृतीय अंक में कर्ण-इन्द्र अथवा कर्ण-कुन्ती संवाद का सारांश 
लिखिए।
उत्तर:

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प्रश्न 5.
‘सूत-पुत्र के चतुर्थ अंक के कर्ण और अर्जुन के संवाद के आधार पर सिद्ध कीजिए कि कर्ण 
युद्धवीर होने के साथ-साथ दानवीर भी था।
या
‘सूतपुत्र’ के सर्वाधिक रोचक और प्रेरणास्पद कथांश को लिखिए।
या
‘सूत-पुत्र’ नाटक के चतुर्थ अंक की कथावस्तु अपने शब्दों में लिखिए।

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प्रश्न 6.
सूत-पुत्र नाटक के आधार पर कर्ण की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
या
‘सूत-पुत्र के प्रमुख पात्र (नायक) कर्ण का चरित्र-चित्रण कीजिए।
या
‘सूत-पुत्र’ नाटक के आधार पर प्रमाणित कीजिए कि “‘कर्ण का जीवन फूलों की शय्या नहीं, काँटों का बिछौना ही रहा है।”
या
‘सूत-पुत्र’ के प्रमुख पात्र कर्ण के जीवन से आपको क्या प्रेरणा मिलती है ? नाटक के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए
या
“कर्ण वीर एवं दानी दोनों भा।” सिद्ध कीजिए।
या
‘सूत-पुत्र’ नाटक के चतुर्थ अंक में वर्णित श्रीकृष्ण और कर्ण के संवाद के माध्यम से दानवीर कर्ण के चरित्र पर प्रकाश डालिए।

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प्रश्न 7.
‘सूत-पुत्र के आधार पर श्रीकृष्ण के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
या
‘सूत-पुत्र’ नाटक के आधार पर श्रीकृष्ण की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
या
‘सूत-पुत्र नाटक के किसी एक पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए।
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प्रश्न 8.
‘सूत-पुत्र’ नाटक के आधार पर दुर्योधन की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
डॉ० गंगासहाय प्रेमी कृत ‘सूत-पुत्र’ नाटक का कथानक संस्कृत के महाकाव्य ‘महाभारत’ पर आधारित है। यद्यपि इस नाटक का कथानक पूर्ण रूप से कर्ण को केन्द्रबिन्दु मानकर ही अग्रसर होता है। परन्तु नाटक में दुर्योधन भी एक प्रभावशाली पात्र के रूप में उपस्थित हुए हैं, जो राजनीति के गुणोंसाम, दाम, दण्ड, भेद का खुलकर प्रयोग करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अन्त तक प्रयासरत रहते हैं। उनके चरित्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

(1) सच्य़ा मित्र-दुर्योधन एक सच्चा मित्र है। वह कर्ण को अपना मित्र बनाता है। आजीवन मित्रता का निर्वाह करता है। मित्र होने के कारण कर्ण की हर सम्भव मदद करने को तत्पर रहता है।

 (2) गुणों का पारखी-दुर्योधन गुणों का भी पारखी है। द्रौपदी के स्वयंवर में जब सूत-पुत्र होने के कारण कर्ण को स्वयंवर में भाग लेने के अयोग्य घोषित करते हुए अपमानित किया गया तो दुर्योधन ने कर्ण में वीरता, धीरता, आज आदि गुणों को देखते हुए तुरन्त उसको अंगदेश का राजा बनाकर अपना मित्र बनी लिया। इस प्रकार हमें कह सकते हैं कि दुर्योधन गुणों का पारखी ही नहीं बल्कि दूरदर्शी भी था।

(3) उचित-अनुचित का विचार न करने वाला–जब ब्राह्मण वेषधारी अर्जुन द्रौपदी को स्वयंवर से जीतकर ले जा रहा था तो दुर्योधन ने कर्ण को अर्जुन से द्रौपदी को छीनने के लिए उकसाया, किन्तु कर्ण ने उसकी यह अनुचित बात नहीं मानी। इस प्रकार दुर्योधन उचित-अनुचित का विचार न करने वाला, घोर स्वार्थी एवं दुष्ट स्वभाव का व्यक्ति था।

(4) ईष्र्यालु व्यक्ति-दुर्योधने वीर है लेकिन उसके अन्दर ईष्र्या का अवगुण भी है। वह भीम से प्रबल ईष्र्या करता है।

(5) अनीतिज्ञ-दुर्योधन अनीतिज्ञ व्यक्ति है। यह नहीं है कि वह नीति को जानता नहीं है, लेकिन स्वार्थवश वह अनीति का कार्य करने के लिए भी उद्यत रहता है। नीति सम्बन्धी तथ्यों को वह नहीं मानता है और द्रौपदी का अपहरण कर लेना चाहता है।

(6) वीर और महत्त्वाकांक्षी-दुर्योधन वीर और महत्त्वाकांक्षी तो है, परन्तु विचारवान नहीं है। कर्ण के रथ का सारथी शल्य को बनाते समय वह उसकी प्रकृति के सम्बन्ध में नहीं सोचती है।

उपर्युक्त विवेचन के आधार पर हम कह सकते हैं कि नाटककार ने दुर्योधन के रूप में ऐसे व्यक्तियों की ओर इंगित किया है जो समाज और राष्ट्र से ऊपर अपने हित को ही सर्वोपरि मानते हैं। ऐसे व्यक्ति नेता हों अथवा अधिकारी सर्वथा समाज द्वारा त्याज्य हैं, जो किंचित भी राष्ट्र का कदापि हित नहीं कर सकते।

प्रश्न 9.
‘सूत-पुत्र’ नाटक के आधार पर कुन्ती का चरित्र-चित्रण कीजिए।

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प्रश्न 10.
परशुराम का चरित्र-चित्रण कीजिए।
या
‘सूत-पुत्र’ नाटक के आधार पर ‘परशुराम’ का चरित्रांकन कीजिए।
या
‘सूत-पुत्र के आधार पर परशुराम की चारित्रिक विशेषताओं का संक्षेप में उल्लेख 
कीजिए।

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प्रश्न 11.
सूत-पुत्र’ नाटक के नायक कर्ण के अन्तर्द्वन्द्व पर प्रकाश डालिए।

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प्रश्न 12.
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UP Board Class 12 Civics Model Papers Paper 1

UP Board Class 12 Civics Model Papers Paper 1 are part of UP Board Class 12 Civics Model Papers. Here we have given UP Board Class 10 Civics Model Papers Paper 1.

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Civics
Model Paper Paper 1
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 12 Civics Model Papers Paper 1

समय : 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक : 100

नोट प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

निर्देश

  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रश्न संख्या-1 से 10 तक बहुविकल्पीय हैं।
  • प्रश्न संख्या-11 से 20 तक अतिलघु उत्तरीय हैं, जिनका उत्तर प्रत्येक लगभग 10 शब्दों (एक वाक्य) में देना है।
  • प्रश्न संख्या-21 से 26 तक लघु उत्तरीय-1 हैं, जिनका उत्तर प्रत्येक लगभग 50 शब्दों में देना है।
  • प्रश्न संख्या-27 से 30 तक लघु उत्तरीय-2 हैं, जिनका उत्तर लगभग 100-125 शब्दों में देना है।
  • प्रश्न संख्या-31 एवं 32, तक के प्रश्न दीर्घ उत्तरीय हैं, जिनका उत्तर प्रत्येक लगभग 250 शब्दों में देना है।
  • सभी प्रश्नों के निर्धारित अंक उनके सम्मुख अंकित हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

नोट निम्नलिखित 10 प्रश्नों में प्रत्येक के चार विकल्प दिए गए हैं। इनमें पनों में प्रत्येक के चार तिकत्र्य दिए गए हैं। इनमें से सही विकल्प चुनकर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए

प्रश्न 1.
‘लेवियाथन’ पुस्तक का लेखक कौन है? [1]
(a) होब्स
(b) लॉक
(c) रूसो
(d) ग्रीन

प्रश्न 2.
“मनुष्य स्वभाव से राजनीतिक प्राणी है।’ यह किसने कहा है? [1]
(a) अरस्तू
(b) प्लेटो
(c) सुकरात
(d) हाब्स

प्रश्न 3.
स्वतन्त्रता तथा समानता एक-दूसरे के [1]
(a) पूरक हैं
(b) विरोधी हैं।
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों हैं
(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 4.
विश्व पर्यावरण दिवस’ प्रतिवर्ष किस तिथि को मनाया जाता है? [1]
(a) 15 अगस्त
(b) 2 अक्टूबर
(c) 5 जून
(d) 5 मई

प्रश्न 5.
“राज्य एक आवश्यक बुराई है।” यह कथन किसका है। [1]
(a) व्यक्तिवादियों का
(b) समाजवादियों का
(c) आदर्शवादियों का
(d) इनमें में से कोई नहीं

प्रश्न 6.
अधिकारों के कानूनी सिद्धान्त का प्रतिपादक कौन था? [1]
(a) हाब्स
(b) लॉक
(c) रूसो
(d) बेन्थम

प्रश्न 7.
उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला राज्यपाल कौन थी? [1]
(a) श्रीमती सुवेता कृपलानी
(b) सुश्री मायावती
(c) श्रीमती विजय लक्ष्मी
(d) श्रीमती सरोजनी नायडू

प्रश्न 8.
लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ है। [1]
(a) शिक्षित नागरिक
(b) समाचार-पत्र
(c) निष्पक्ष मतदान
(d) राजनीतिक दल

प्रश्न 9.
न्यायपालिका का कार्य है। [1]
(a) कानून बनाना
(b) राष्ट्रपति का चुनाव करना।
(c) संविधान की रक्षा करना
(d) अध्यादेश निर्गत करना।

प्रश्न 10.
सरकार के अंगों की संख्या कितनी है? [1]
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) चार

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 11.
लोक-कल्याणकारी राज्य की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [2]

प्रश्न 12.
नागरिकों के दो राजनीतिक अधिकारों का उल्लेख कीजिए। [2]

प्रश्न 13.
उन दो राज्यों के नाम लिखिए, जहाँ द्विसदनात्मक व्यवस्थापिका है। [2]

प्रश्न 14.
भारत के दो राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के नाम लिखिए। [2]

प्रश्न 15.
कार्यपालिका के दो प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए। [2]

प्रश्न 16.
केन्द्रशासित प्रदेशों की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [2]

प्रश्न 17.
शीतयुद्ध का क्या अर्थ है? [2]

प्रश्न 18.
न्यायपालिका के दो कार्यों का उल्लेख कीजिए। उत्तर-इस प्रश्न के [2]

प्रश्न 19.
दो वैश्विक संगठनों के नाम लिखिए। [2]

प्रश्न 20.
संघ लोक सेवा आयोग के दो कार्यों का उल्लेख कीजिए। [2]

लघु उत्तरीय प्रश्न 1

प्रश्न 21.
समाजवाद के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।

प्रश्न 22.
पर्यावरण प्रदूषण के प्रति नागरिकों के प्रमुख दायित्वों का उल्लेख कीजिए।

प्रश्न 23.
राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है? राज्यपाल की चार कार्यपालिका शक्तियों का उल्लेख कीजिए। [1+ 4]

प्रश्न 24.
भारतीय जनजातियों की आर्थिक समस्याओं का उल्लेख कीजिए। [5]

प्रश्न 25.
राष्ट्रमण्डल के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए। [5]

प्रश्न 26.
पंचायती राजव्यवस्था में कितने स्तर हैं? जिला पंचायत के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए। [5]

लघु उत्तरीय प्रश्न 2

नोट प्रश्न संख्या 27 से 30 तक के प्रश्नों का उत्तर प्रत्येक लगभग 100-125 शब्दों में देना है।

प्रश्न 27.
आधुनिक राज्यों में कार्यपालिका के किन्हीं चार कार्यों का उल्लेख कीजिए। कार्यपालिका को स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष बनाए रखने के प्रमुख उपायों की विवेचना कीजिए। [1/2 + 1/2 + 1/2 + 1/2 + 4]

प्रश्न 28.
चार ऐसे राज्यों का नाम बताइए, जहाँ विधानपरिषदें हैं? विधान सभा और विधान परिषद् की तुलनात्मक विवेचना कीजिए। [2 + 4]

प्रश्न 29.
भारत में न्यायपालिका की स्वतन्त्रता के किन्हीं दो निर्णायक कारकों का उल्लेख कीजिए। संघात्मक सरकार के लिए स्वतन्त्र न्यायपालिका की अनिवार्यता के पक्ष में अपने तर्क दीजिए [2 + 4]

प्रश्न 30.
शीतयुद्ध के दो कारणों का उल्लेख कीजिए। शीतयुद्ध के कारणों एवं प्रभावों की विवेचना कीजिए। [2 + 4]

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 31.
भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना कब हुई? राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष कौन होता है? इसके कार्यों का उल्लेख कीजिए। [2 + 2 + 4]

प्रश्न 32.
संयुक्त राष्ट्र संघ की सफलता तथा असफलता के कारणों का उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए। विश्व शान्ति की स्थापना में यह कार्य कहाँ तक सफल हुआ है? [4 + 4]

उत्तरमाला

उत्तर 1. (a)

उत्तर 2. (c)

उत्तर 3. (a)

उत्तर 4. (c)

उत्तर 5. (a)

उत्तर 6. (c)

उत्तर 7. (d)

उत्तर 8. (b)

उत्तर 9. (c)

उत्तर 10. (c)

उत्तर 13.

  1. उत्तर प्रदेश
  2. बिहार

उत्तर 14.

  1. कांग्रेस
  2. भारतीय जनता पार्टी

उत्तर 16.
केन्द्रशासित प्रदेश की दो प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

  1. प्रत्येक संघ राज्य क्षेत्र को प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है, जिसे वह स्वयं के द्वारा नियुक्त तथा प्रशासक के माध्यम से संचालित कराता
  2. विधायिका की अनुपस्थिति में प्रशासक की अध्यादेश जारी करने की शक्ति संविधान के अनुच्छेद-239 (ख) में है।

उत्तर 17.
शीतयुद्ध से तात्पर्य, एक ऐसी स्थिति से है, जिसमें युद्ध तो किसी भी क्षेत्र में नहीं होता था, किन्तु हर समय युद्ध जैसी स्थिति बनी रहती है।

उत्तर 19.
दो वैश्विक संगठन निम्न हैं।

  1. संयुक्त राष्ट्र संघ
  2. राष्ट्रमण्डल

उत्तर 22.
पर्यावरण प्रदूषण के सन्दर्भ में नागरिकों के दायित्वों का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 21A के अन्तर्गत किया गया है, जिसके अन्तर्गत-वन, झील, नदी और वन्यजीव शामिल हैं, के प्रति नागरिकों का निम्नलिखित प्रमुख दायित्व होना चाहिए

  • पर्यावरण की रक्षा करना।
  • पर्यावरण की संवर्द्धन करना।
  • प्राणि मात्र के प्रति दया भाव रखना।
  • विकास की स्वच्छ वे उन्नत तकनीकों का प्रयोग करना।
  • जनसामान्य में प्रदूषण के कारणों, समस्याओं व निराकरण के कदमों का बेहतर प्रसार करना चाहिए।

उत्तर 27.
कार्यपालिका को स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष बनाए रखने के प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं।

  1. निष्पक्ष चुनाव प्रणाली
  2. वंशवाद तथा परिवारवाद का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
  3. किसी विचारधारा या मत के प्रति ग्रस्त नहीं होना चाहिए।
  4. कार्यकाल की निश्चितता होनी चाहिए।
  5. सरकार के अंगों में शक्ति पृथक्करण के सिद्धान्त का पालन होना चाहिए।
  6. भ्रष्टाचार-विरोधी संस्थाओं जैसे लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति होनी चाहिए तथा उनके अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने चाहिए।

उत्तर 31.
राष्ट्रीय मावाधिकार आयोग भारत में मानवाधिकारों का संरक्षण के लिए विभिन्न नियमों तथा उपनियमों को लागू करने के लिए सितम्बर, 1993 को राष्ट्रपति के अध्यादेश (Ordinance) द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission, NHRC) CAT TO किया गया। इस अध्यादेश के बाद मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 अस्तित्व में आया। मानवाधिकार आयोग में 9 सदस्य होते हैं। इसमें एक अध्यक्ष होता है, जोकि सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रह चुका हो। आयोग का एक सदस्य ऐसा व्यक्ति होती है, जो उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रह चुका हो।

कार्य एवं शक्तियाँ

इस आयोग के प्रमुख कार्य एवं शक्तियाँ निम्नलिखित हैं। –

  • मानवीय अधिकारों के उल्लंघन से सम्बन्धित कोई मामला न्यायालय में लम्बित हो, तो न्यायालय की अनुमति से मानवाधिकार आयोग उस मामले में हस्तक्षेप कर सकता है।
  • किसी पीड़ित व्यक्ति द्वारा या पीड़ित की ओर से अन्य व्यक्ति या संस्था द्वारा दायर याचिका जिसमें मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात की गई हो, की सुनवाई करता है।
  • राज्य सरकार को सूचना देकर मानवाधिकार आयोग, जेलों में कैदियों की दशा का निरीक्षण कर सकता है।
  • मानवाधिकारों के प्रभावी संरक्षण के लिए सरकार को सिफारिशें करना।
  • मानवीय अधिकारों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार को परामर्श देना।
  • मानवाधिकारों के उपयोग में बाधक तत्त्वों का पता लगाकर सरकार को उपयुक्त सुझाव देना।
  • मानवीय अधिकार के क्षेत्र में अनुसन्धान तथा विश्लेषण करना।
  • जनसंचार उपकरणों, संगोष्ठी (Meetings) आदि के माध्यम से मानवीय अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करना।
  • मानवाधिकार प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तथा बाल अधिकार प्रशिक्षण का संचालन करना।
  • मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) तथा अन्य संस्थानों को प्रोत्साहित करना।
  • आयोग अपने कार्यो सम्बन्धी वार्षिक रिपोर्ट केन्द्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत करता है।

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UP Board Class 12 History Model Papers Paper 1

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Textbook NCERT
Class Class 12
Subject History
Model Paper Paper 1
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 12 History Model Papers Paper 1

समय: 3 घण्टे 15 मिनट
पूणक: 100
निर्देश
प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
नोट

  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • इस प्रश्न-पत्र में पाँच खण्ड हैं।
  • खण्ड ‘क’ में 10 बहुविकल्पीय प्रश्न हैं, खण्ड ‘ख’ में 05 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (लगभग 50 शब्द) हैं।
  • खण्ड ‘ग’ में 06 लघु उत्तरीय प्रश्न (लगभग 100 शब्द) हैं।
  • खण्ड ‘घ’ में 03 विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (लगभग 500 शब्द) हैं।
  • खण्ड ‘ङ’ में ऐतिहासिक तिथियों व मानचित्र से सम्बन्धित 05 प्रश्न हैं। शब्द सीमा में (कम या ज्यादा) 10% की छूट अनुमन्य है।
  • सभी प्रश्नों के निर्धारित अंक उनके सम्मुख अंकित हैं।

खण्ड-‘क’

बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
तुजुक-ए-बाबरी’ को रचयिता था? [1]
(a) बाबर
(b) फैजी
(c) हुमायूँ
(d) फरिश्ता

प्रश्न 2.
औरंगजेब ने शाहजहाँ को कहाँ कैद कर रखा था?  [1]
(a) आगरा में
(b) दिल्ली में
(c) शाहजहानाबाद में
(d) फिरोजाबाद

प्रश्न 3.
मुगल साम्राज्य का अन्तिम सम्राट कौन था?  [1]
(a) बहादुरशाह प्रथम
(b) बहादुरशाह द्वितीय
(c) शाहआलम
(d) मुहम्मदशाह

प्रश्न 4.
शिवाजी की राजधानी थी?  [1]
(a) पुरन्दर
(b) रायगढ़
(c) सिंहगढ़
(d) पुणे

प्रश्न 5.
1833 ई. का चार्टर किस गर्वनर जनरल के समय पास हुआ? [1]
(a) लॉर्ड क्लाइव
(b) लॉर्ड वेलेजली
(c) लॉर्ड-कॉर्नवालिस
(d) लॉर्ड विलियम बैंण्टिक

प्रश्न 6.
ब्रह्म समाज के संस्थापक कौन थे  [1]
(a) राजाराम मोहन राय
(b) स्वामी विवेकानन्द
(c) स्वामी दयानन्द सरस्वती
(d) रामकृष्ण परमहंस

प्रश्न 7.
बंगाल विभाजन के समय भारत का वायसराय था   [1]
(a) लॉर्ड कर्जन
(b) लॉर्ड मिन्टो
(c) लॉर्ड रिपन,
(d) लॉर्ड डफरिन

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से गरम दल के नेता थे  [1]
(a) दादा भाई नौरोजी
(b) फिरोज शाह मेहता।
(c) बाल गंगाधर तिलक
(d) ए.ओ. ह्युम

प्रश्न 9.
निम्न में से कौन-सा आन्दोलन गाँधी जी से सम्बन्धित नहीं था? [1]
(a) असहयोग आन्दोलन
(b) होमरूल आन्दोलन
(c) सविनय अवज्ञा आन्दोलन
(d) भारत छोड़ो आन्दोलन

प्रश्न 10.
गाँधी जी ने डाण्डी मार्च प्रारम्भ किया था   [1]
(a) अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए कहने हेतु
(b) नमक कानून तोड़ने हेतु
(c) विदेशी सामानों के बहिष्कार हेतु
(d) हिन्दू मुस्लिम एकता हेतु

खण्ड-‘ख’

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 
प्रश्न 11.
राणा सांगा की पराजय के क्या परिणाम हुए? [2]

प्रश्न 12.
शेरशाह को ‘शेर खाँ’ की उपाधि क्यों दी गई?  [2]

प्रश्न 13.
पुरन्दर की सन्धि किस-किस के मध्य हुई? [2]

प्रश्न 14.
फ्रांसीसियों के विरुद्ध अंग्रेजों की सफलता के किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए? [2]

प्रश्न 15.
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट क्या था? [2]

खण्ड-‘ग’

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 16.
“हुमायूँ स्वयं अपना शत्रु था” स्पष्ट कीजिए?   [5]

प्रश्न 17.
‘अष्ट्र प्रधान के विषय में आप क्या जानते हैं?  [5]

प्रश्न 18.
1857 ई. की क्रान्ति का तात्कालिक कारण क्या था? [5]

प्रश्न 19.
खिलाफत आन्दोलन के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए? [5]

प्रश्न 20.
1947 के अधिनियम की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए? [5]

प्रश्न 21.
गुटनिरपेक्षता का क्या महत्त्व है? [5]

खण्ड-‘घ’

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 22.
“अकबर मुगल साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था, इस कथन की विवेचना कीजिए। [10]
अथवा
“शाहजहाँ का काल मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग था’ क्या आप सहमत हैं? विवेचना कीजिए। [10]

प्रश्न 23.
(i) बक्सर के युद्ध के कारण तथा परिणामों पर प्रकाश डालिए [10]
अथवा
(ii) बंगाल के द्वैध-शासन के पक्ष-विपक्ष पर प्रकाश डालिए? [10]

प्रश्न 24.
‘भारत सरकार अधिनियम 1935’ की प्रमुख धाराओं का वर्णन कीजिए?  [10]
अथवा
1919′ के अधिनियम की प्रमुख धाराओं का उल्लेख कीजिए। [10]

खण्ड-‘ङ’

प्रश्न 25.
निम्नलिखित ऐतिहासिक तिथियों से सम्बन्धित घटनाओं का उल्लेख कीजिए। [10]
1. 1658 ई.
2. 1659 ई.
3. 1742 ई.
4. 1798 ई.
5. 1856 ई.
6. 1875 ई.
7. 1885 ई.
8. 1798 ई.
9. 1932 ई.
10. 1956 ई.

प्रश्न 26.
मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न
दिए गए भारत के रेखा-मानचित्र में निम्नलिखित स्थानों का अंकन
(अ) चिह्न द्वारा दर्शाइए तथा उनके नाम भी लिखिए। सही नाम तथा सही स्थान दर्शाने के लिए 1+ 1 अंक निर्धारित है। |
(i) वह स्थान जहाँ से 1857 ई. की क्रान्ति की शुरुआत हुई। । [2]
(ii) वह स्थान जहाँ कांग्रेस का पहला अधिवेशन हुआ। । [2]
(iii) वह स्थान जहाँ जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ। । [2]
(iv) ‘राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956′ द्वारा 1 मई 1960 में किए गए परिवर्तन द्वारा गठित नया राज्य। [2]
(v) ‘2000 ई. में संसद द्वारा पारित विधेयक द्वारा गठित कोई एक राज्य। [2]

Answers

उत्तर 1.
(a) बाबर

उत्तर 2.
(b) दिल्ली में

उत्तर 3.
(c) शाहआलम

उत्तर 4.
(b) रायगढ़

उत्तर 5.
(d) लॉर्ड विलियम बैंण्टिक

उत्तर 6.
(a) राजाराम मोहन राय

उत्तर 7.
(a) लॉर्ड कर्जन

उत्तर 8.
(c) बाल गंगाधर तिलक

उत्तर 9.
(b) होमरूल आन्दोलन

उत्तर 10.
(b) नमक कानून तोड़ने हेतु

उत्तर 11.
राणा सांगा मेवाड़ के राजपूत शासक थे। 17 मार्च 1527 ई. को हुए खानवा के युद्ध में वे मुगल शासक बाबर से पराजित हो गए। इस | पराजय के निम्नलिखित परिणाम हुए।

  •  भारत पर मुगल साम्राज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  •  राजपूत सत्ता की पकड़ कमजोर हुई।

उत्तर 12.
शेरशाह को ‘शेर खाँ’ की उपाधि दक्षिण बिहार के सूबेदार बहार खाँ लोहानी के द्वारा एक शेर को मारने के उपलक्ष्य में प्रदान की गई थी। शेरशाह की बहादुरी से प्रभावित होकर लोहानी ने शेरशाह को अपने पुत्र जलाल खाँ का संरक्षक भी नियुक्त किया था।

उत्तर 13.
पुरन्दर की सन्धि शिवाजी और मुगल शासक औरंगजेब के मध्य 24 जून, 1665 को हुई। इस सन्धि के अनुसार, शिवाजी को अपने 33 में से 23 किले मुगलों को देने पड़े। उनके पुत्र शम्भाजी को मुगल दरबार में 5000 का मनसब दिया गया तथा शिवाजी ने मुगलों की तरफ से बीजापुर के विरुद्ध युद्ध एवं सेवा करने का वचन दिया। इस सन्धि के समय मनूची भी उपस्थित था।

उत्तर 14.
फ्रांसीसियों एवं अग्रेजों के मध्य तीन कर्नाटक युद्ध हुए। जिनमें फ्रांसीसियों की पराजय हुई। इन युद्धों में अंग्रेजों की सफलता के दो कारण निम्नलिखित थे।

(i) फ्रांसीसी सेनापति डुप्ले, बुसी, लाली की तुलना में अंग्रेज सेनापति क्लाइव, लॉरेन्स तथा आयरकूट की कुशलता।
(ii) इंग्लैण्ड की नौ-सेना की सर्वोच्चता।

उत्तर 15.
लॉर्ड लिटन के समय वर्ष 1878 में लागू वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट भारतीय भाषाओं में छपने वाले समाचार-पत्रों की स्वतन्त्रता को प्रतिबन्धित करने वाला एक कानून था। यह राष्ट्रवादी विचारों के प्रसार को रोकने के लिए लाया गया था। लॉर्ड रिपन ने 1882 ई. में इस एक्ट को रद्द कर दिया।

उत्तर 20.
1947 को अधिनियम ब्रिटिश संसद द्वारा पारित अधिनियम है, जिसके आधार पर भारत एवं पाकिस्तान में विभाजन किया गया। तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउण्ट बेटन की योजना पर आधारित यह विधेयक 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश संसद में पेश किया गया और 18 जुलाई 1947 को शाही संस्तुति मिलने के बाद अधिनियम बना। इस अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं।

(i) भारतीय रियासतों को यह अधिकार दिया गया की वे अपनी इच्छानुसार भारत या पाकिस्तान में रह सकती हैं।
(ii) जब तक नया संविधान नहीं बन जाता, तब तक दोनों राज्यों का शासन भारत सरकार अधिनियम 1935 के द्वारा ही चलाया जाएगा।
(iii) भारत का विभाजन उसके स्थान पर भारत तथा पाकिस्तान नामक दो अधिराज्यों में होगा।
(iv) दोनों अधिराज्यों के पास अधिकार सुरक्षित होगा की वे इच्छानुसार राष्ट्रमण्डल में बने रहें या अलग हो जाएँ।
(v) ब्रिटेन में भारत ने मन्त्री के पद को समाप्त कर दिया गया।
(vi) 15 अगस्त, 1947 से भारत और पाकिस्तान में अलग-अलग गवर्नर जनरल कार्य करेंगे।
(vii) जब तक नए प्रान्तों में चुनाव नहीं हो जाते, उस समय तक प्रान्तों में पुराने विधानमण्डल कार्य कर सकेंगे।

उत्तर 23.
(ii) भारत में 17वीं शताब्दी तक ईस्ट-इण्डिया कम्पनी अपनी व्यापारिक स्थिति मजबूत कर चुकी थी। इसके बाद कम्पनी ने भारत के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना प्रारम्भ कर दिया। कम्पनी के राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण ही बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला तथा कम्पनी के मध्य सम्बन्ध कटु हो गए। जिसके कारण 1757 ई. में इनके मध्य प्लासी का युद्ध हुआ और सिराजुद्दौला की हार हुई। इस जीत के बाद कम्पनी ने अपनी इच्छानुसार बंगाल में नवाब बदलने प्रारम्भ कर दिए।

सिराजुद्दौला के पश्चात् मीर जाफर बंगाल का शासक बना था, जो अंग्रेजों और इस कम्पनी के फायदे के लिए कार्य करता रहता था। तीन वर्ष पश्चात् कम्पनी ने मीर जाफर को पदच्युत करके मीर कासिम को नवाब बनाया जो मीर जाफर का दामाद था।

मीर कासिम एक योग्य व्यक्ति था, इसने बंगाल का नवाब बनते ही अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रशासनिक कदम उठाए। जिसके कारण मीर कासिम और कम्पनी के सम्बन्ध बिगड़ गए, जिसके कारण 1764 ई. में बक्सर का युद्ध हुआ, जिसमें ब्रिटिशों ने मुगल सम्राट शाह आलम बंगाल के नवाब मीर कासिम एवं अवध के नवाब सिजाउद्दौला को पराजित किया। इसके बाद भारत में ब्रिटेन की ताकत और बढ़ गई एवं इस जानकारी के बाद ब्रिटेन ने दुबारा लार्ड क्लाइव को बंगाल का गवर्नर बनाकर भारत भेजा।

लॉर्ड क्लाइव ने यहाँ प्रशासनिक सुधारों के अतिरिक्त 12 अगस्त 1765 ई. में मुगल सम्राटशाह आलम ने इलाहाबाद की सन्धि की इस सन्धि के द्वारा बंगाल में दोहरी सरकार अथवा द्वैध-शासन की स्थापना हुई। इससे कम्पनी को दीवानी और निजामत के अधिकार मिल गए थे, परन्तु कर्मचारी को मालगुजारी वसूल करने तथा | शासन चलाने का अनुभव नहीं था, इसलिए उन्होंने अधिकारों का विभाजन कर दिया। क्लाइव द्वारा स्थापित दोहरी शासन प्रणाली जटिल थी इस व्यवस्था में बंगाल का समस्त कार्य नवाब के नाम से चलता था, परन्तु उसके पास शक्ति नाममात्र की थी। नवाब कम्पनी के पेंशनर थे, परन्तु कम्पनी उन्हें खर्च के लिए निश्चित राशि देती थी। कम्पनी शासन कार्य में नवाब का निर्देशन करती थी, परन्तु रक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं थी। कम्पनी एक तरफ बंगाल के नवाब के अधीन होने का दिखावा करती थी तो दूसरी तरफ वास्तविक शक्ति ही कम्पनी के हाथों में थी।

क्लाइव की इस प्रणाली को द्वैध-शासन प्रणाली कहा जाता है। इसके पक्ष एवं विपक्ष में प्रमुख बातें निम्न प्रकार हैं।

पक्ष

(i) कम्पनी के कार्यों के लिए ऐसे कर्मचारियों की कमी थी, जो भारतीय भाषाओं तथा रीति-रिवाजों से परिचित हो, ऐसी स्थिति में कम्पनी ने शासन का उत्तरदायित्व भारतीयों पर डाल दिया, जिससे कम्पनी का शासन सुव्यवस्थित ढंग से चलने लगा एवं भारतीय खुश हो गए।
(ii) उस समय भारत के साथ युरोपीय, पुर्तगाली एवं फ्रांसीसी भी व्यापार करते थे, जो ईस्ट-इण्डिया कम्पनी के विरोधी थे, परन्तु क्लाइव ने द्वैध-शासन की सहायता से बंगाल के नवाब को समक्ष रखकर इन सभी से व्यापार किया और अपनी स्थिति भी मजबूत
की जिसके कारण संघर्ष की स्थिति उत्पन्न न हो सकी। |
(iii) द्घ-शासन के कारण ही कम्पनी मराठों की शक्ति से बच गई एवं इसे मराठों का सामना नहीं करना पड़ा। |
(iv) द्वैध-शासन के पूर्व कम्पनी तथा बंगाल नवाब के बीच परस्पर झगड़े होते रहते थे। जिससे जनता भी नाराज थी इस शासन व्यवस्था के बाद यह राजनीतिक संघर्ष बन्द हो गए। इसके बदले बंगाल नवाब को 53 लाख रुपए पेन्श्न के रूप में नवाब को दिए जाते थे, जो शासन चलाने के लिए काफी न थे।
(v) द्वैध-शासन के कारण भारतीय देशी राजाओं में किसी सन्देह की स्थिति उत्पन्न नहीं हो सकी जिससे कम्पनी एवं जनता को संघर्ष की अग्नि में नहीं जलना पड़ा।

विपक्ष

(i) कम्पनी के पास वास्तविक शक्ति एवं नवाब के पास नाममात्र की शक्ति के कारण कम्पनी नवाबों को कठपुतली की तरह इस्तेमाल करती थी, जिससे बंगाल की जनता के कल्याण सम्बन्धी कार्यों में बाधा उत्पन्न हुई।
(ii) द्वैध-शासन के कारण कम्पनी शासन प्रबन्ध की जिम्मेदार नहीं थी।
(iii) कम्पनी ने अपनी आय में वृद्धि के लिए करों की मात्रा में वृद्धि की जिससे कम्पनी के प्रति अराजकता एवं बंगाल में अव्यवस्था एवं अष्टाचार में वृद्धि हुई।
(iv) द्वैध-शासन के कारण कम्पनी ने सैन्य प्रशासन अपने हाथों में ले । लिया जिससे ब्राह्य युद्ध और शान्ति के लिए नवाब कम्पनी की प्रतिक्षा करता था।
(v) बंगाल में वैष-शासन के कारण न्याय व्यवस्था भंग हो गई, क्योंकि कम्पनी न्याय व्यवस्था में भी हस्तक्षेप करने लगी।
(vi) द्वेष-शासन के उद्योग एवं व्यापार को बहुत हानि हुई तथा बंगाल का सूती-वस्त्र उद्योग बर्बाद हो गया।
(vii) भूमि कर वसूली का कार्य ठेकेदार को सौंप दिया गया, जिससे बचत करने के लिए ठेकेदार कार्य करते थे, इसके कारण ही कृषि व्यवस्था भी बन्द हो गई।

उत्तर 25.
महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक तिथियाँ एवं उनका घटनाक्रम

1. 1658  ई. औरंगजेब एवं मुराद द्वारा सामूगद के युद्ध में दारा की सेना पर निर्णायक विजया औरंगजेब को सिंहासनारोहण/शाहजहाँ का बन्दी बनाया जाना।
2. 1659  ई. शिवाजी द्वारा अफजल खाँ का बधा। औरंगजेब का द्वितीय (औपचारिक) राज्याभिषेक|
3. 1742  ई. व्यापारिक हित हेतु फ्रांसीसियों का भारत के | राजनीतिक क्षेत्र में हस्तक्षेप|
4. 1798  ई. हैदराबाद के निजाम द्वारा सहायक सन्धि को स्वीकार करना।
5. 1856  ई. विधवा पुनर्निवाह अधिनियम पारित किया गया।
6. 1875  ई. बम्बई में स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना, अलीगढ़ में मोहम्मडन एंग्लो ऑरिएण्टल कॉलेज की सर सैयद अहमद खाँ द्वारा स्थापना, न्यूयॉर्क में थियोसॉफिकल सोसायटी की स्थापना।
7. 1885  ई. अवकाश प्राप्त अंग्रेज अधिकारी एलन अक्टोवियन ह्यूम (ए. ओ. ह्यूम) द्वारा मुम्बई (बम्बई) में कांग्रेस की स्थापना
8. 1929  ई. दिसम्बर 1929 में कांग्रेस के लाहौर | अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की माँग की गई।
9. 1932  ई. साम्प्रदायिक निर्णय के विरुद्ध गाँधीजी का | अनशन। गाँधीजी तथा बी. आर. अम्बेडकर के बीच पूना समझौता
10. 1956  ई. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 पारित किया गया।

उत्तर 26.
(i) मेरठ
(ii) बम्बई (मुम्बई)
(iii) अमृतसर
(iv) गुजरात
(v) झारखण्ड
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UP Board Class 12 Sanskrit Model Papers Paper 2

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Sanskrit
Model Paper Paper 2
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 12 Sanskrit Model Papers Paper 2

समय : 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक : 70

निर्देश प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्य खण्ड पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (2 × 5=10)
उषसि च उत्थाय तस्य रविडधार्मिकस्य मनोरथं धनविसरैः पूरयित्वा, रमणीयेषु प्रदेशेषु कृतवसतिः अल्पैरेवाहेभिः उज्जयिनीम् आगाम्। तत्र पौराणां नमस्कारालिसहस्त्राणि प्रतीचछन् विवेश नगरीम्। दृष्ट्वा च पितरं दूरादेव अवतीर्य वाजिनः मौलिना महीम् अगच्छत्। अथ प्रसारितभुजेन ‘एसेहि’ इत्याहूय, पित्रा सुचिरं गाढम्, उपगूढः, करे गृहीत्वा विलासवतीभवनम् अनीयत राज्ञा। तयापि तथैव प्रत्युद्गम्य अभिनन्दितागमनः दिग्विजयसंबद्धाभिरेव ‘कथाभि: कंचित् कालं स्थित्वा, शुकनासं द्रष्टुम् आययौ। तत्रापि अमुनैव क्रमेण सुचिरं स्थित्वा, निवेद्य वैशम्पायनं स्कन्धावारवर्तिनं कुशलिनम् आलोक्य च मनोरमाम् आगत्य विलासवतीभवने एव सर्वाः स्नानादिकाः क्रियाः निरवर्तयत्।
(i) चन्द्रापीडः जरविड़धार्मिकं किं दत्तवान्?
(ii) पौराणां नमस्कारराञ्जलिसहस्त्राणि प्रतीच्छन् चन्द्रापीडः कुत्र – प्रविवेश?
(iii) करे गृहीत्वा पित्रा चन्द्रापीडं कुत्र अनयत्?
(iv) चन्द्रापीडः कं द्रष्टुम् आययौ?
(v) चन्द्रापीड: कुत्र आजगाम?

अथवा
प्रविश्य च गुहाद्वार एव धवलशिलातले समुपविष्टाम् अधोमुखीम् कथमपि तरलिकया विधृतशरीराम् महाश्वेताम् अपश्यत्। दृष्ट्वा च किमेतदिति तरलिकाम् अपृच्छत्। अथ महाश्वेतैव प्रत्यवादीत्-महाभाग! श्रुयताम्-केयूरकात् भवद्गमनम् आकर्य, विदीर्णमानसा समुत्पन्नानेक गुणवैराग्या पुनः कष्टतरतपश्चरणाय यावत् अत्रैवाहम् आयाता, तावत्र महाभागस्यैव तुल्याकृतिं ब्राह्मणयुवानम् अपश्यम् स तु माम् उपसृत्य अदृष्टपूर्वोऽपि प्रत्यभिजानन्निव सुचिरम् आलोक्य अब्रवीत्-“वरतनु, सवों जनो जगति वयसः सदृशम् आचरति। तव पुनः विसदृशानुष्ठाने कोऽयं प्रत्यनः? यदियं मालतीमालवे कण्ठप्रणयैकयोग्यता तनुः अनुचितेन अनेन तप:करणक्लेशेन ग्लानिम् उपनीयते” इति।
(i) गुहाद्वारे प्रविश्य चन्द्रापीडः कां पश्यति?
(ii) तरलिकां महाश्वेता विषये प्रश्नं कः पृच्छति?
(iii) चन्द्रापीइस्य प्रश्नोत्तरम् का ददाति?
(iv) धवलशिलातले का समुपविष्टाम?
(v) महाश्वेता कम् अपश्यत्?

प्रश्न 2.
अपनी पाठ्य-पुस्तक के आधार पर किसी एक पात्र का हिन्दी में चरित्र चित्रण कीजिए। (अधिकतम 100 शब्द) (4)
(i) शुकनास
(ii) कादम्बरी
(iii) चन्द्रापीड

प्रश्न 3.
बाणभट्ट का जीवन परिचय हिन्दी अथवा संस्कृत में दीजिए। (4)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए।
(अ) शुकः’ कादम्बर्याम् पूर्वजन्मनि कः आसीत् ?
(i) श्वेतकेतु
(ii) कपिञ्जल:
(iii) वैशम्पायनः
(iv) चन्द्रापोड:

(आ) पुण्डरीकस्य पिता कः?
(i) श्वेतकेतुः
(ii) अश्वकेतुः
(iii) सूर्यकेतुः
(iv) चन्द्रकेतुः

प्रश्न 5.
निम्नलिखित श्लोकों में से किसी एक श्लोक की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए। (2 + 5 = 7)
(अ) स त्वं मदीयेन शरीरवृत्तिं देहेन निर्वर्तयितुं प्रसीद।
दिनावसानोत्सुकबालवत्सा विसृज्यतां धेनुरियं महर्षेः।।
अथवा
(आ) तस्मिन् क्षणे पालयितुः प्रजाना मुत्पश्यत: सिंहनिपातमुत्रम्।
अवाङ्मुखस्योपरि पुष्पवृष्टिः पपात विद्याधरहस्तमुक्ता।।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से किसी एक श्लोक की सन्दर्भ सहित संस्कृत में व्याख्या कीजिए। (2 + 5 = 7)
(अ) निशम्य देवानुचरस्य वाचं मनुष्यदेवः पुनरप्युवाच।
धेन्वा तदध्यासितकातक्ष्या निरीक्ष्यमाणः सुतरां दयालुः।।
अथवा
(आ) पुरन्दर श्री; पुरमुत्पताक, प्रविश्य पौरैरभिनन्द्यमानः।
भुजे भुजङ्गेन्द्रसमानसारे, भूयः स भूमेधुरमाससञ्ज

प्रश्न 7.
कालिदास का संक्षिप्त जीवन परिचय हिन्दी या संस्कृत में दीजिए। (4)
अथवा
कालिदास की काव्यशैली संक्षेप में हिन्दी अथवा संस्कृत में लिखिए।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर लिखिए।
(अ) रघुवंशे समुपवर्णित: अन्तिमः राजा अस्ति
(i) चन्द्रकेतुः
(i) अग्निवर्णः
(iii) मलयकेतुः
(iv) अजः

(आ) नन्दिनी ग द्वाविंशे दिवसे कुत्र प्रविष्टा?
(i) कानने
(ii) देवालये
(iii) गुहायाम्
(iv) वने

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से किसी एक की हिन्दी में ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए। (2 + 5 = 7)
(अ) रम्यान्तर: कमलिनीहरितैः सरोभि
श्छायाद्रुमैर्नियमितामयूखतापः।
भूयात् कुशेशयरजोमृदुरेणुरस्याः
शान्तानुकूलपवनश्च शिवश्च पन्थाः।।

अथवा
(आ) शुश्रूवस्व गुरुन् कुरु प्रियसखीवृत्तिं सपत्नीज़ने
भर्तर्विप्रकृताऽपि रोषणतया मा स्म प्रतीपं गमः।
भूयिष्ठं भव दक्षिणा परिजने भाग्येष्वनुत्सेकिन
यान्तयेवं गृहिणीपदं युवतयो वामाः कुलस्याधयः।।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से किसी एक सूक्ति की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए। (2 + 5 = 7)
(i) अति स्नेह: पापशही।
(ii) वनौकसोऽपि सन्तो लौकिकज्ञा वयम्। वामाः कुलस्याधायः।
(iii) अपसृत पाण्डुपत्रा मुञ्चन्तयश्रूणीव लताः

प्रश्न 11.
महाकवि कालिदास की नाट्य शैली का परिचय हिन्दी या संस्कृत में दीजिए। [4]

प्रश्न 12.
निम्नलिखित दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर लिखिए।
(अ) दुष्यन्तस्य नाट्यशास्त्रीय श्रेणी अस्ति [1]
(i) मीरललितः
(ii) धीरप्रशान्तः
(iii) धीरोदात्तः
(iv) धीर गंभीर:

(आ) अभिज्ञानशाकुन्तले कति ऋषयः सन्ति?
(i) त्रयः
(ii) पञ्च
(iii) षट्
(iv) द्वौ

प्रश्न 13.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर संस्कृत में 10 पंक्तियों में निबन्ध लिखिए। (10)
(i) जनसंख्याः
(ii) मेरा प्रिय कविः कलिदासः
(iii) परोपकार:
(iv) महात्मा गाँधी

प्रश्न 14.
उपमा अलंकार की परिभाषा (हिन्दी अथवा संस्कृत) में सोदाहरण लिखिए।
अथवा
उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा संस्कृत में लिखिए। [3]

प्रश्न 15.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार का संस्कृत में अनुवाद कीजिए। (8)
(i) साधु की कुटिया नदी के पास है।
(ii) गाँव के चारों ओर वृक्ष हैं।
(iii) राम ने रावण को बाण से मारा।
(iv) सुरेश पैर से लँगड़ा है।
(v) विद्या से नम्रता आती है।
(vi) हरि को लड्डू अच्छे लगते हैं।

प्रश्न 16.
(अ) निम्नलिखित रेखांकित पदों में से किन्हीं दो में नियम-निर्देशपूर्वक विभक्ति का उल्लेख कीजिए। (2)
(i) रामाय नमः
(ii) दिलीप: नरेषु श्रेष्ठः आसीत्।।
(iii) स: अक्ष्गा काणः।

(आ) ‘सः चौरात् बिभेति’ इस वाक्य में ‘चौरात्’ पद में विभक्ति है?
(i) द्वितीया
(ii) पञ्चमी
(iii) सप्तमी
(iv) षष्ठी

प्रश्न 17.
(अ) निम्नलिखित पदों में से किसी एक पद में विग्रह कीजिए। (3)
(i) मातरौ
(ii) यथाशक्ति
(iii) प्रतिदिनम्

(आ) नवरात्र में प्रयुक्त समास का नाम है।
(i) द्विगु
(ii) अव्ययीभाव
(iii) द्वन्द्व कर्मधारयः

प्रश्न 18.
(अ) जगदीशः का सन्धि विधायक सूत्र लिखिए। [1]
(आ) वागीश;’ का विच्छेद हैं। [1]
(i) चाक् + गीशः
(ii) वाम् + ईशः
(iii) वाग् + ईशः
(iv) वाग् + एश:

प्रश्न 19.
(अ) वारिणा पद में ‘वारिणी’ प्रातिपदिक के किस विभक्ति एवं वचन का रूप हैं? (2)
(आ) ‘वारिणि’ पद में ‘चारि’ प्रातिपदिक के किस विभक्ति व वचन का रूप हैं? (1)
(i) तृतीया, एकवचन
(ii) चतुथीं, द्विवचन
(iii) सप्तमी, एकवचन
(iv) प्रचमा, एकवचन

प्रश्न 20.
(अ) ‘नयामि’ क्रियापद का पुरुष और वचन लिखिए। (1)
(आ) ‘नी’ धातु के लोट्लकार उत्तमपुरुष एकवचन का रूप लिखिए। (1)
(i) नयानि
(ii) नेष्ये
(iii) नयै
(iv) अनये

प्रश्न 21.
(अ) ‘पठन्’ प्रयुक्त प्रकृति एवं प्रत्यय है। [1]
(i) पठ् + ल्युट्
(ii) पद् + क्त्वा
(iii) पद् + शनिच्
(iv) पद् + अनीयर्

(आ) ‘नी’ धातु में ल्युट् प्रत्यय लगाने पर रूप होता है।
(i) नयनम्
(ii) नयन्
(iii) नयमान:
(iv) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 22.
अधोलिखित वाक्यों में से किसी एक का वाच्य परिवर्तन कीजिए। (2)
(i) बालक ग्रामं गच्छति
(ii) रमा पुस्तकम् पठति
(iii) तेन हस्यते

Solutions

उत्तर 1.
(i) चन्द्रापीडः जरद्रविडधार्मिकं धनराशिं दत्तवान्।
(ii) पौराणां नमस्काराञ्जलिसहस्त्राणि प्रतीच्छन् चन्द्रापीड: उज्जयिन्याम् प्रविवेश।
(iii) करें गृहीत्वा पित्रा चन्द्रापीड विलासवती भवनं अनयत्।
(iv) चन्द्रापीछः शुकनासं द्रष्टुम आययौ।
(v) चन्द्रापीडः उज्जयिनीम् आजगाम्।

अथवा
(i) गुहाद्वारे प्रविश्य चन्द्रापीडः महाश्वेतां पश्यति।
(ii) तरलिको महाश्ता विषये प्रश्नं चन्द्रापीडः पृच्छति।
(iii) चन्द्रापीडस्य प्रश्नोत्तरम् महाश्वेता ददाति।
(iv) धवलशिलातले महाश्वेता समुपविष्टाम आसीत्।
(v) चन्द्रापस्यैव तुल्याकृति ब्राह्मण युवानम् अपश्यत्

उत्तर 4.
(अ) (iii) वैशम्पायनः,
(आ) (i) श्वेतकेतुः

उत्तर 8.
(अ) (ii) अग्निवर्णः
(आ) (iii) गुहायाम्

उत्तर 12.
(अ) (iii) धीरोदात्तः
(आ) (i) त्रयः

उत्तर 18.
(अ) ‘झलां जशोऽन्ते’
(आ) (i) वाक् + गीशः

उत्तर 19.
(अ) द्वितीया विभक्ति, द्विवचन
(आ) (iii) सप्तमी, एकवचन

उत्तर 20.
(अ) इस प्रश्न के उत्तर के लिए पृष्ठ संख्या 84-94 देखें।
(आ) नयानि

उत्तर 21.
(अ) (i) पठ् + ल्युट्
(आ) (i) नयनम्

उत्तर 22.
(i) बालकेन ग्रामः गम्यते।
(ii) रमया पुस्तकं पठ्यते।
(iii) स; इसति।

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