UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 13 भक्ति-नीति माधुरी

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भक्ति-नीति माधुरी शब्दार्थ

अधर = होठ
परलै = प्रलय, महाविनाश
उर = हृदय
बहरि = फिर, पुनः
हिरदै = हृदय
संचै= इकट्ठा करना
भखै = खाता है
परमारथ = दुसरों की भलाई
गोय = छिपाकर
पोहिए = थिए
सुजन = सज्जन
अठिलैहैं = उपहास करेंगे
धाम = घर
मकराकृत कुंडल = मछली के आकार का कुंडल

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टेरि = बुलाना
अरुन = लाल
बैन = वाणी
भाल = मस्तक
रज = धूल
मोहनि = मोह लेने वाली
खेह = धूल या मिट्टी
कटि-तट = कमर के नीचे का भाग
ऊँचाई = उठाकर
अनमोल = अमूल्य, जिसका मूल्य न आँका जा सके
ते = से
राजत = शोभित
भगत बछल = भक्त को प्यार करने वाला
सुधा-रस = अमृत-रस
बिसाल = बड़े, विशाल
छुद्रघंटिका = घुघरू या छोटी-छोटी घंटियाँ।

कबीर

साँच बराबर …………………………………………… हिरदै आप।

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘भक्ति-नीति माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘कबीरदास जी’ हैं। ___ भावार्थ-कबीरदास जी कहते हैं कि सच्चाई के समान कोई तप नहीं है और झूठ बोलने के समान कोई पाप नहीं है। जिसके हृदय में सच्चाई होती है, उसके हृदय में स्वयं ईश्वर रहते हैं।

काल्ह करे ……………………………………………. कब।

भावार्थ – कबीरदास जी कहते हैं कि हमें कल करने वाला कार्य आज और आज का काम अभी कर लेना चाहिए; क्योंकि यदि पल भर में प्रलय हो जाए; तो फिर कार्य करने को समय नहीं मिलेगा।

वृच्छ कबहुँ …………………………………………. शरीर।

संदर्भ – कबीरदास जी कहते हैं कि पेड़ अपने फल स्वयं नहीं खाता, नदी पानी को नहीं रोकती। इसी प्रकार, सज्जन भी दूसरों की भलाई करने के लिए मनुष्य जन्म धारण करते हैं।

रहीम

बिगरी बात ………………………………….. माखन होय॥

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘भक्ति-नीति माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘रहीम जी’ हैं।

संदर्भ – रहीम जी कहते हैं कि बात बिगड़ने पर फिर नहीं बनती, चाहे कोई कितना ही प्रयत्न क्यों न करे। यह ठीक उसी प्रकार होता है, जिस प्रकार, दूध फट जाने पर उसमें से मक्खन नहीं निकलता।

जो रहीम ………………………………………… रहत भुजंग॥

भावार्थ – रहीम जी कहते हैं कि उत्तम स्वभाव वाले व्यक्ति पर बुरी संगति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह ठीक उसी प्रकार होता है, जिस प्रकार, चंदन के पेड़ पर विषैले साँपों के लिपटे रहने पर भी उस पर उनके विष का कोई असर नहीं होता है।

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सूरदास

मैया कबहि ………………………………………….. जोटी॥

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘भक्ति-नीति माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘सूरदास जी’ हैं।

भावार्थ – बालक कृष्ण माता यशोदा से पूछते हैं- माँ मेरी चोटी कब बढ़ेगी। कितना समय हो गया, मुझे दूध पीते हुए, लेकिन अभी तक यह छोटी ही है। तू तो कहती थी कि बालों को झाड़ते-झाड़ते और गुहते-गुहते मेरी चोटी भी बलदाऊ की चोटी की तरह लंबी और मोटी हो जाएगी तथा नागिन की तरह जमीन को छूने लगेगी। तू मुझे कच्चा दूध पका-पकाकर पिलाती है, मक्खन, रोटी खाने को नहीं देती। सूरदास जी कहते हैं कि कृष्ण और बलदाऊ की जोड़ी दीर्घायु है।

मीरा

बसौ मोरे ………………………………………………….. गोपाल॥

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘भक्ति-नीति माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसकी रचयिता ‘मीरा’ हैं।

भावार्थ – हे नंद के लाल (पुत्र) कृष्ण! हमेशा के लिए मेरी आँखों में बस जाओ। जिसके सिर पर मोर का मुकुट है, मकर की आकृति के कुंडल हैं, मस्तिष्क पर लाल तिलक है, जिसकी साँवली सूरत मन को मोहने वाली है, जिसके नेत्र बहुत बड़े-बड़े हैं, जिसके अमृत भरे रसीले होठों पर बसी विराजमान है, जिसके वक्ष पर वैजयंती माला शोभित हो रही है, जिसके कमर के नीचे छोटी घंटी सुंदर लगती है, जिसके पैरों के घुघरू मधुर शब्द करते हैं, मीरा जी कहती हैं कि ऐसे भगवान श्री कृष्ण, भक्त-वत्सल, गऊओं के पालनहार और सुख देने वाले हैं।

भक्ति-नीति माधुरी अभ्यास प्रश्न

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
सज्जन व्यक्तियों की तुलना वृक्षों और नदियों से क्यों की गई है?
उत्तर:
पेड़ फल देकर और नदी पानी बहाकर सबका भला करते हैं। इसी प्रकार सज्जन भी परोपकार करते हैं; अतः पेड़ और नदी से सज्जनों की तुलना की गई है।

बुरी संगत का प्रभाव किस प्रकार के लोगों पर नहीं पड़ता है?
उत्तर:
बुरी संगत का प्रभाव अच्छे स्वभाव वाले लोगों पर नहीं पड़ता है।

श्रीकृष्ण की चोटी नागिन की तरह क्यों हो जाएगी?
उत्तर:
बार-बार बाल बनाने और गूंथने से श्रीकृष्ण की चोटी नागिन की तरह लंबी और मोटी हो जाएगी। ,

मीरा ने कृष्ण के किस रूप का वर्णन किया है?
उत्तर:
मीरा ने कृष्ण के सुंदर रूप का वर्णन किया है।

मीरा ने कृष्ण के किन गुणों का बखान किया है?
उत्तर:
मीरा ने कृष्ण के तीन गुणों का बखान किया है। वे संत लोगों को सुख देने वालों, भक्तों की रक्षा करने वाले और गऊओं को पालने वाले हैं।

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प्रश्न २.
नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
‘परमारथ के कारने साधन धरा शरीर।’
भाव:
सज्जन परोपकार के लिए ही जन्म लेते हैं।

“सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप’
भाव:
सच्चाई के समान कोई तपस्या नहीं है और झूठ बोलने के समान कोई पाप नहीं है।

‘रहिमन बिगरे दूध को मथे न माखन होय।’
भाव:
कार्य बिगड़ जाने के बाद फिर नहीं सुधरता।

“काचो दूध पियावत पचि-पचि देत न माखन रोटी’
भाव:
बालक श्रीकृष्ण माता यशोदा से शिकायत करते हुए कहते हैं कि तू मुझे कच्चा दूध पका-पकाकर पिलाती है, मक्खन और रोटी खाने को नहीं देती।

‘मोर मुकुट मकराकृत कुण्डल अरुन तिलक दिए भाल।’
भाव:
मोर का मुकुट, मकर की आकृति के कुण्डल पहनने वाले, मस्तिक पर लाल (चंदन) तिलक लगाने वाले भगवान बालकृष्ण का अति मनोहर रूप।

प्रश्न ३.
कॉलम ‘क’ में लिखे गए अशुद्ध शब्दों का मिलान कॉलम ‘ख’ में लिखे गए शुद्ध शब्दों से करो
‘क’ – ‘ख’
सोभित – शोभित
बिसाल – विशाल
परमारथ – परमार्थ
अरुन – अरुण
संचै – संचय
भखै – भक्षण
वृच्छ – वृक्ष
मूरति – मूर्ति

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तुम्हारी कलम से

कबीर और रहीम के दोहों से तुमने क्या सीखा? अपनी कॉपी पर लिखो।
कबीर के दोहों से हमने सीखा कि हमें हमेशा सच बोलना चाहिए क्योंकि सच बोलने वाले के हृदय में स्वयं भगवान रहते हैं। जिस प्रकार वृक्ष फल देकर और नदी जल देकर दूसरों का भला करती है, ठीक उसी प्रकार सज्जन लोगों का जीवन भी दूसरों की भलाई के लिए होता है। रहीम के दोहों से हमने सीखा कि अच्छे स्वभाव वाले व्यक्ति पर बुरी संगति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

अब करने की बारी

प्रश्न.
मीरा और सूरदास के पद में किसका वर्णन किया गया है?
उत्तर:
मीरा और सूरदास के पदों में श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया गया है।

प्रश्न.
इस पाठ के दोहे एवं पदों को प्रतिदिन पढ़कर दुहराओ। तुम देखोगे कि ये दोहे एवं पद तुम्हें स्वतः याद हो जाएंगे।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

कितना सीखा – ३

प्रश्न १.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो
(क) माधो सिंह ने अपनी पत्नी को खेतों तक पानी लाने के लिए क्या उपाय बताया?
उत्तर:
माधो सिंह ने पहाड़ काटकर सुरंग के द्वारा नदी का पानी गाँव में लाने का उपाय बताया।

(ख) माधो सिंह के किस कथन से सिद्ध होता है कि वह एक उत्साही और दृढ़ निश्चयी व्यक्ति था?
उत्तर:
माधो सिंह ने प्रतिज्ञा की थी, “जब तक मेरे शरीर में रक्त की एक भी बूँद रहेगी, मैं अपने गाँव मलेथा तक गूल निकालकर पानी लाने का प्रयास करूंगा। मैं तब तक चैन की नींद नहीं सोऊँगा; जब तक मलेथा के एक-एक खेत तक पानी नहीं आ जाता!” इससे सिद्ध होता है कि वह एक उत्साही और दृढ निश्चयी व्यक्ति था।

(ग) कबीरदास ने सज्जन पुरुषों की तुलना वक्षों तथा नदियों से क्यों की है?
उत्तर:
सज्जन, वृक्ष और नदी तीनों बहुत परोपकारी होते हैं। इसीलिए कबीरदास ने सज्जनों की तुलना वृक्षों और नदियों से की है।

(घ) “फटे दूध से मक्खन नहीं निकलता’ इस उदाहरण से रहीम दास जी क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर:
उपर्युक्त उदाहरण से रहीम दास जी का आशय है कि यदि बात बिगड़ जाए, तो वह अनेक प्रयत्न करने पर भी नहीं सुधरती।

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(ङ) माँ यशोदा ने बालक कृष्ण को गोद में उठाकर क्या किया और क्या कहा?
उत्तर:
माँ यशोदा ने बालक कृष्ण को ऊपर उठाकर आँचल से उनकी देह पोंछी और कहा कि सारे शरीर में कहाँ से मिट्टी लगा ली है।

(च) उस घटना का वर्णन करो जब तिलक ने गणित के प्रश्नों को कक्षा में मौखिक ही हल कर दिया था।
उत्तर:
बालक कक्षा में प्रश्न हल करने में तल्लीनता से लगे थे। एक बालक बैठा था। शिक्षक ने पूछा, “क्यों बैठे हो? “बालक ने कहा, मैंने प्रश्न मौखिक रूप में हल कर लिए हैं। शिक्षक द्वारा पूछने पर बालक ने प्रश्नों के सही उत्तर दिए।

(छ) स्वतन्त्रता प्राप्ति में बाल गंगाधर तिलक का क्या योगदान रहा?
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति में तिलक का बहुत योगदान रहा। उन्होंने शिक्षा के माध्यम तथा अपने कार्यों और विचारों के प्रचार से जन-चेतना जगाई। मराठा और केसरी समाचार पत्रों से विदेशी शासन के विरुद्ध लोगों को तैयार किया। उन्होंने लोगों को जाग्रत् करने के लिए “स्वतन्त्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा,” नारा दिया। १९१४ में माँडले जेल से निकलकर वे स्वतंत्रता प्राप्ति में जी-जान से जुट गए।

प्रश्न २.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
(क) रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार।
रहिमन फिरि-फिरि पोहिए टूटे मुक्ताहार॥
उत्तर:
सौ बार रूठने पर भी सज्जनों को उसी तरह मना लेना चाहिए, जिस तरह, टूटे हुए हार के मोतियों को बार-बार पिरो लिया जाता है।

(ख) लोकमान्य बाल गंगाधर के विचार, देशभक्ति और स्वातंत्र्य-प्रेम हमारे लिए सदा ही प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे।
उत्तर:
तिलक अद्भुत विद्वान, विचारक, क्रांतिकारी, देशभक्त और स्वतंत्रता प्रेमी थे। उनके गुणों का प्रभाव हम पर चिरस्थायी रहेगा।

प्रश्न ३.
(क) इन शब्दों में ‘इत’ प्रत्यय लगाकर नवीन शब्द बनाओ
प्रकाश – प्रकाशित
प्रभाव – प्रभावित
प्रवाह – प्रवाहित
आलोक – आलोकित

(ख) मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो (वाक्यों में प्रयोग करके)-

  • भगीरथ प्रयास – माधो सिंह ने भगीरथ प्रयास करके मलेथा में नदी के पानी की गूल ला दी।
  • थोथा चना बाजे घना – बरसाती नाले अधिक शोर करते है, ठीक उसी प्रकार जैसे थोथा चना बाजे घना।
  • मन चंगा तो कठौती में गंगा – मन पवित्र हो, तो ईश्वर सब जगह है-मन चंगा तो कठौती में गंगा।
  • हाथ मलना – चोर भाग गया और सिपाही हाथ मलते रह गए।
  • ऊँट के मुँह में जीरा – आवश्यकता बहुत अधिक और पूर्ति बहुत कम को ही ‘ऊँट के मुँह में जीरा’ कहते हैं।
  • आँखों का तारा होना – रोहित तारामती की आँखों का तारा है।

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(ग) नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखो (विलोम शब्द लिखकर)
भय – अभय
राजा – रंक
रानी – दासी (चेरी)
प्रकाश – अंधकार
शिक्षा – अशिक्षा
उष्ण – शीत

प्रश्न ४.
नीचे दो-दो शब्दों के जोड़े दिए गए हैं। यदि दोनों के अर्थ समान हों, तो ‘स’ पर और विपरीत हों, तो ‘वि’ पर घेरा लगाओ (घेरा लगाकर)
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प्रश्न ५.
नीचे दिए गए शब्दों को एक साथ मिलाकर लिखो (शब्दों को मिलाकर)
किशोर + अवस्था = किशोरावस्था
वृद्ध + अवस्था = वृद्धावस्था
बाल्य + अवस्था = बाल्यावस्था
प्रौढ़ + अवस्था = प्रौढ़ावस्था

अपने आप – ३

चित्रात्मक मुहावरे

आँख का तारा होना, पैरों में बेड़ी पड़ना, मुँह में पानी आना, चिराग तले अँधेरा, अंधे की लाठी, हाथी चला जाता है और कुत्ते भौंकते रहते हैं।
नोट – विद्यार्थी चित्र देखें और समझें।

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UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 12 बाल गंगाधर तिलक

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 12 बाल गंगाधर तिलक

बाल गंगाधर तिलक शब्दार्थ

तल्लीन = पूरी तरह मग्न
मस्तिष्क = दिमाग
प्रतिभा = योग्यता
कुशाग्र = तीव्र
चेतना = ज्ञान, आत्मा का विकास, बुद्धि
रुष्ट = नाराज
जन्मसिद्ध = जन्म से प्राप्त
कुरीति = बुरी प्रथा
विद्वता = ज्ञान, अध्ययनशीलता
निष्ठा = विश्वास, श्रद्धा।

बाल गंगाधर तिलक पाठ का सारांश

कक्षा में जब बालक प्रश्न हल करने में लगे थे, एक बालक बैठा था। शिक्षक के पूछने पर बालक ने प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए। यह विलक्षण बालक बाल गंगाधर तिलक था।

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 12 बाल गंगाधर तिलक

तिलक का जन्म २३ जुलाई, १८५६ को महाराष्ट्र के कोंकण जिले के रत्नागिरि में हुआ था। पिता का नाम गंगाधर राव और माता का नाम पार्वती बाई थी। इनके बचपन का नाम केशव था।

तिलक मेधावी छात्र थे। गणित, इतिहास और संस्कृत में इनकी विशेष रुचि थी। १८७७ ई० में बी०ए० पास करके कानून की डिग्री भी प्राप्त की। फिर ये वकालत करने लगे। .

इन्होंने सन १८८० में न्यू इंगलिश और सन १८८५ में दक्षिणी शिक्षा समाज की स्थापना की। इन्होंने देशभक्ति और राष्ट्रीय चेतना जगाने के लिए पत्र-पत्रिकाओं का प्रयोग किया, ‘केसरी’ और ‘मराठा’ समाचार पत्र निकाले। इन्होंने स्वतंत्रता के प्रति लोगों में चेतना जगाई। इनके कार्यों और विचारों के कारण लोग इन्हें लोकमान्य कहने लगे।

तिलक ने विधवा विवाह और स्त्री-शिक्षा पर बल दिया। इन्होंने स्वदेशी की भावना का प्रचार किया। इनके उग्र विचारों के कारण अंग्रेज सरकार इन्हें जेलों में डालती रही। १९०७ में कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में इन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा दिया, “स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर रहूँगा।” १९०८ ई० में राजद्रोह के मुकदमे में इन्हें छह साल के लिए मांडले जेल भेज दिया गया। इन्होंने जेल में तीन पुस्तकें लिखीं। पहली पुस्तक गीता रहस्य इनकी विद्वता का परिचय देती है। १९१४ ई० में ये जेल से बाहर आए। ये लगन और निष्ठा से स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य में जुटे रहे।

‘१ अगस्त, १९२० को इनका देहावसान हो गया।

बाल गंगाधर तिलक अभ्यास प्रश्

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
वाक्य पूरा करो
प्रत्येक वाक्य की खाली जगह में उसके दाईं ओर लिखे शब्द का सही रूप लिखो। उदाहरण के लिए पहला वाक्य देखो
तिलक नियमित रूप में व्यायाम करते थे।   (नियम)
तिलक शिक्षा को स्वतन्त्रता का आधार मानते थे। (स्वतन्त्र)
उनके लेख सबका ध्यान आकर्षित करते थे। (आकर्षण)

प्रश्न २.
नीचे दिए गए शब्दों को उदाहरण के अनुसार स्त्रीलिंग में बदलो (स्त्रीलिंग में बदलकर) जैसे
लेखक – लेखिका
बालक – बालिका
शिक्षक – शिक्षिका
नायक – नायिका

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प्रश्न ३.
शुद्ध उच्चारण के साथ पढ़ो
उत्तर:
विद्यार्थी शुद्ध उच्चारण के साथ स्वयं पढ़ें।

प्रश्न ४.
नीचे दिए गए शब्दों का अर्थ बताते हुए अपने वाक्यों में उनका प्रयोग करो (प्रयोग करके)
उत्तर:
स्वदेशी – अपने देश की
कुरीति – बुरे रीति-रिवाज
आदर – सम्मान
कुशाग्र – तीक्ष्ण, तीव्र

वाक्य प्रयोग
आदर – सुधाकर बलदेव का बहुत आदर करता था।
स्वेदशी – तिलक ने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी का प्रचार किया।
कुरीति – राजा राममोहन राय ने सती-प्रथा जैसी कुरीति का बहिष्कार किया।
कुशाग्र – तिलक कुशाग्र बुद्धि के विद्यार्थी थे।

प्रश्न ५.
समान अर्थ वाले शब्द बताओ (समान अर्थ बताकर)
उत्तर:
रुष्ट – नाराज
सम्मान – आदर
कठिन – मुश्किल
निर्धन – गरीब

प्रश्न ६.
“स्वतंत्र’ शब्द में ‘ता’ लगाने पर ‘स्वतंत्रता’ बनता है। इसी प्रकार नीचे दिए गए शब्दों में ‘ता’ जोड़कर नए शब्द बनाओ (नए शब्द बनाकर)
निर्धन – निर्धनता
मानव – मानवता
सज्जन – संज्जनता
उदार – उदारता

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
पाठ के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो
(क) बालक गंगाधर तिलक ने प्रश्नों को कैसे हल किया?
उत्तर:
बालक गंगाधर तिलक ने प्रश्नों को मौखिक रूप में हल किया।

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(ख) तिलक के नाम के साथ ‘लोकमान्य’ कैसे जुड़ा?
उत्तर:
तिलक के अच्छे कार्यों और विचारों के कारण इनके नाम के साथ लोकमान्य शब्द जुड़ा।

(ग) लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने क्या नारा दिया?
उत्तर:
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया”स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर रहूँगा।”

(घ) पाठ में लोकमान्य तिलक की किन-किन विशेषताओं का वर्णन किया गया है?
उत्तर:
पाठ में लोकमान्य तिलक की कई विशेषताओं का वर्णन किया गया है। तिलक मेधावी विद्यार्थी थे। इनकी पुस्तक ‘गीता रहस्य’ से उनकी विद्वता और अध्ययनशीलता का परिचय मिलता है। ये देशभक्त और क्रांतिकारी थे। ये समाज सुधारक थे। इन्होंने विधवा विवाह और महिला-शिक्षा पर जोर दिया और बाल विवाह की कुरीति का विरोध किया।

प्रश्न २.
नीचे लिखे प्रत्येक शीर्षक पर दो-तीन वाक्य लिखो
उत्तर:
तिलक का बचपन-बचपन में तिलक का नाम ‘केशव’ था। इनके पिता का नाम गंगाधर राव और माता का नाम पार्वतीबाई था। छोटे होने से इन्हें घर में ‘बाल’ कहकर पुकारा जाता था।

तिलक की शिक्षा – इनके पिता ने पुत्र की शिक्षा-दीक्षा पर पूरा ध्यान दिया। तिलक कुशाग्र बुद्धि के थे। ये गणित के कठिन प्रश्न मौखिक रूप में हल कर लेते थे। इनकी खेलों में रुचि नहीं थी।

स्वतन्त्रता के लिए तिलक का योगदान – तिलक ने स्वतन्त्रता के प्रति लोगों में नई चेतना जगाई। इन्होंने ‘मराठा’ और ‘केसरी’ समाचार पत्रों के माध्यम से ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष किया। १९१४ में जेल से निकलने के बाद भी स्वतन्त्रता प्राप्ति के लक्ष्य में ये जी-जान से जुटे रहे।

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अब करने की बारी

लोकमान्य तिलक के जीवन से जुड़े रोचक प्रसंगों का संकलन करो।

इसे भी जानो

नोट – ये दोनों प्रश्न विद्यार्थी स्वयं करें।

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Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1

Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1 बहुपद

Ex 2.1 Polynomials अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
यदि बहुपद x2 + x + 1 के मूल α और β हैं तब α + β का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
हम जानते हैं कि, (UPBoardSolutions.com)
मूलों का योग, α + β = [latex]\frac{-b}{a}=\frac{-1}{1}[/latex] = -1

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प्रश्न 2.
यदि α, β बहुपद x2 + x + 1 के मूल हैं तब [latex]\frac{1}{\alpha}+\frac{1}{\beta}[/latex] का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
हम जानते हैं कि,
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प्रश्न 3.
यदि α, β बहुपद 4x2 + 3x + 7 के (UPBoardSolutions.com) मूल हैं तब αβ का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
हम जानते हैं कि,
मूलों का गुणनफल, α · β = [latex]\frac{c}{a}=\frac{7}{4}[/latex]

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प्रश्न 4.
यदि α, β बहुपद 4x2 + 3x + 7 के मूल हैं तब (UPBoardSolutions.com) [latex]\frac{1}{\alpha}+\frac{1}{\beta}[/latex] का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
हम जानते हैं कि, मूलों का योग, α · β = [latex]\frac{-b}{a}=\frac{-3}{4}[/latex]
तथा मूलों का गुणनफल, α · β = [latex]\frac{c}{a}=\frac{7}{4}[/latex]
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प्रश्न 5.
यदि α, β बहुपद x2 + 6x + 2 के मूल हैं (UPBoardSolutions.com) तब [latex]\frac{1}{\alpha}+\frac{1}{\beta}[/latex] का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
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प्रश्न 6.
यदि α, β बहुपद f (x) = x2 + x – 2 के मूल हैं तो [latex]\frac{1}{\alpha}-\frac{1}{\beta}[/latex] का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
f(x) = x2 + x – 2
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प्रश्न 7.
यदि α, β द्विघात बहुपद f(x) = 6x2 + x – 2 के मूल हैं (UPBoardSolutions.com) तो [latex]\frac{\alpha}{\beta}+\frac{\beta}{\alpha}[/latex] का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
f(x) = 6x2 + x – 2
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Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1 6
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प्रश्न 8.
यदि द्विघात बहुपद f (x) = 4x2 – 5x – 1 के मूल (UPBoardSolutions.com) α और β हैं, तो α2β + αβ2 का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
यदि f(x) = 4x2 – 5x – 1
तो α2β + αβ2 = α·β (α + β)
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प्रश्न 9.
यदि α, β बहुपद f(x) = x2 – p(x + 1) – c के मूल हैं (UPBoardSolutions.com) तब (α + 1)(β + 1) का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
ज्ञात करना है, (α + 1)(β + 1) = α · β + α + β + 1
= α · β + (α + β) + 1
= [latex]\frac{c}{a}+\left(\frac{-b}{a}\right)+1=\frac{-p-c}{1}+\left(\frac{p}{1}\right)+1[/latex]
= -p – c + p + 1 = 1 – c

प्रश्न 10.
यदि α, β बहुपद x2 – p(x + 1) – c के मूल हैं तथा (α + 1)(β + 1) = 0, तब c का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
(α + 1)(β + 1) = α · β + α + β + 1
= α · β + (α + β) + 1
= [latex]\frac{c}{a}+\left(\frac{-b}{a}\right)+1=\frac{-p-c}{1}+\left(\frac{p}{1}\right)+1[/latex]
= -p – c + p + 1 = 1 – c

दिया है, (α + 1)(β + 1) = 0
1 – c = 0
1 = c या c = 1

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प्रश्न 11.
बहुपद x2 + [latex]\frac{1}{6} x[/latex] – 2 के मूल ज्ञात कीजिए।
हलः
बहुपद, f(x) = x2 + [latex]\frac{1}{6} x[/latex] – 2
अब f(x) = 0 तो, 0 = x2 + [latex]\frac{1}{6} x[/latex] – 2
6x2 + x – 12 = 0
6x2 + 9x – 8x -12 = 0
3x(2x + 3) – 4 (2x + 3) = 0
(2x + 3)(3x – 4) = 0
2x + 3 = 0 तथा 3x – 4 = 0
2x = -3 3x = 4
x = [latex]-\frac{3}{2}[/latex] x = [latex]\frac{4}{3}[/latex]
अत: बहुपद के दो मूल [latex]-\frac{3}{2}[/latex] व [latex]\frac{4}{3}[/latex] हैं। .

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प्रश्न 12.
यदि एक द्विघातीय बहुपद kx2 + 3x + k का एक (UPBoardSolutions.com) मूल 2 हैं तब k का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
माना
f(x) = kx2 + 3x + k
⇒ kx2 + 3x + k = 0, जहाँ f (x) = 0
∵ 2 समीकरण का एक मूल है।
∴ समीकरण में x = 2 रखने पर,
k(2)2 + 3 × 2  +k = 0
4k + 6 + k = 0
5k + 6 = 0
5k = -6
k = [latex]-\frac{6}{5}[/latex]

प्रश्न 13.
एक द्विघातीय बहुपद x2 + kx + k, k >0 के मूलों का चिह्न ज्ञात कीजिए।
हलः
बहुपद x2 + kx + k, k > 0
∵ विविक्तकर, b2 – 4ac > 0
∴ समीकरण के दोनों मूल धनात्मक होंगे।

Ex 2.1 Polynomials लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 14.
बहुपद f (x) = 2x2 + 5x – 12 के मूल ज्ञात कीजिए (UPBoardSolutions.com) तथा इसके मूलों एवं गुणांकों के बीच में सम्बन्ध का सत्यापन कीजिए।
हलः
बहुपद f (x) = 2x2 + 5x -12
= 2x2 + 8x – 3x -12
= 2x(x + 4) – 3(x + 4) = (x + 4)(2x – 3)
अब f(x) = 0
तो (x + 4)(2x – 3) = 0
x + 4 = 0 तथा 2x – 3 = 0
x = -4 2x = 3 ⇒ x = [latex]\frac{3}{2}[/latex]
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1 8
UP Board Solutions

प्रश्न 15.
यदि बहुपद f (x) = ax2 – 6x + 4 के मूलों का गुणनफल 4 है तो a का मान ज्ञात कीजिए।
हलः
यदि f(x) = ax2 – 6x + 4
प्रश्नानुसार, मूलों का गुणनफल = 4
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1 9

प्रश्न 16.
द्विघात बहुपद f (x) = 6x2 – 3 के मूल ज्ञात कीजिए तथा (UPBoardSolutions.com) मूलों एवं गुणांकों के बीच में सम्बन्ध का सत्यापन कीजिए।
हलः
बहुपद f (x) = 6x2 – 3
f(x) = 0 रखने पर,
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1 10

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प्रश्न 17.
निम्न प्रत्येक बहुपदों के मूल ज्ञात कीजिए तथा इनके (UPBoardSolutions.com) मूलों एवं गुणांकों के बीच में सम्बन्ध का सत्यापन कीजिए।
(i) f1(x) = x2 – 2x – 8 (NCERT)
(ii) f2(x) = 4x2 – 4x + 1 (NCERT)
(iii) f3(x) = x2 – 15 (NCERT)
हल:
(i) बहुपद f1 (x) = x2 – 2x – 8
= x2 – 4x + 2x – 8
= x(x – 4) + 2(x – 4)
= (x – 4)(x + 2)
यदि f (x) = 0 हो तो,
(x – 4)(x + 2) = 0
⇒ x – 4 = 0 तथा x + 2 = 0
x = 4 x = -2
∴ f(x) के मूल 4 तथा -2 हैं।
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1 11
(ii) बहुपद f2(x) = 4x2 – 4x + 1
= 4x2 – 2x – 2x + 1
= 2x(2x – 1) -1(2x – 1)
= (2x – 1)(2x – 1)
यदि f (x) = 0 हो तो,
(2x – 1)(2x – 1) = 0
⇒ 2x – 1 = 0 तथा 2x – 1 = 0
x = [latex]\frac{1}{2}[/latex] x = [latex]\frac{1}{2}[/latex]
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1 12
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1 13

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प्रश्न 18.
एक द्विघात बहुपद ज्ञात कीजिए जिसके मूल (UPBoardSolutions.com) बहुपद f (x) = ar2 + bx + c, a ≠ 0, c ≠ 0 के मूलों के व्युत्क्रम हैं।
हलः
बहुपद f (x) = ax2 + bx + c
माना बहुपद के दो मूल α व β हैं।
Balaji Class 10 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1 14

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Ex 2.1 Polynomials दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 19.
एक द्विधात बहुपद ज्ञात कीजिए, जिसके मूलों का योग तथा गुणनफल क्रमशः दी गई संख्याएँ हैं-
(i) 1, 1 (NCERT)
(ii) [latex]\frac{1}{4}[/latex], -1 (NCERT)
(iii) 4, 1 (NCERT)
हल:
(i) दिया है, α + β = 1 तथा α · β = 1
अतः द्विघात बहुपद = x2 – (α + β)x + α ·β = x2 – x + 1

(ii) दिया है, α + β = [latex]\frac{1}{4}[/latex] तथा α ·β = -1
अतः द्विघात बहुपद = x2 – (α + β) x + α ·β
= x2 –  [latex]\frac{1}{4}[/latex]x -1

(iii) दिया है, α + β = 4 तथा α · β = 1
अतः द्विघात बहुपद = x2 – (α + β)x + α · β
= x2 – 4x + 1

प्रश्न 20.
द्विघात बहुपद ज्ञात कीजिए जिसके मूलों का योग 8 (UPBoardSolutions.com) तथा गुणनफल 12 है। यहाँ बहुपद के मूलों को ज्ञात कीजिए।
हलः
दिया है, मूलों का योग (α + β) = 8
तथा मूलों का गुणनफल (α · β) = 12
अतः द्विघात बहुपद f(x) = x2 – (α + β)x + α·β
⇒ f(x) = x2 – 8x + 12
अब f(x) = 0 रखने पर,
तब, x2 – 8x + 12 = 0
x2 – 6x – 2x + 12 = 0
x(x – 6) -2(x – 6) = 0
(x – 6)(x – 2) = 0
x – 6 = 0 तथा x – 2 = 0
x = 6 x = 2
x = 6 व 2

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प्रश्न 21.
एक द्विघात बहुपद ज्ञात कीजिए, जिसके मूलों का योग -5 तथा गुणनफल 6 है। यहाँ बहुपद के मूलों को ज्ञात कीजिए।
हलः
दिया है, मूलों का योग (α + β) = -5
तथा मूलों का गुणनफल (α·β) = 6
अतः द्विघात बहुपद f(x) = x2 – (α + β) x + α·β
= x2 – (-5)x + 6
= x2 + 5x + 6
यदि f(x) = 0 हो तब, x2 + 5x + 6 = 0
x2 + 3x + 2x + 6 = 0
x(x + 3) + 2(x + 3) = 0
(x + 3)(x + 2) = 0
⇒ x + 3 = 0 तथा x + 2 = 0
x = -3 x = -2
अतः मूल -3, -2 हैं।

प्रश्न 22.
एक द्विघातीय बहुपद ज्ञात कीजिए जिसके मूल 5 और -3 हैं।
हलः
मूलों का योगफल α + β = (5) + (-3) = 5 -3 = 2
तथा मूलों का गुणनफल α·β = 5 × -3 = -15
∴ अभीष्ट बहुपद है,
x2 – (α + β)x + αβ = x2 – 2x – 15

प्रश्न 23.
एक द्विघातीय बहुपद के मूलों का योगफल तथा मूलों (UPBoardSolutions.com) का गुणनफल क्रमशः 3 और -10 हैं तब द्विघातीय बहुपद ज्ञात कीजिए।
हलः
मूलों का योगफल (α + β) = 3
मूलों का गुणनफल (α – β) = -10
∴ अभीष्ट बहुपद है,
x2 – (α + β)x + α·β = x2 – 3x – 10

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प्रश्न 24.
यदि α, β एक बहुपद के मूल हैं तथा α + β = 6 और αβ = 4 है तो बहुपद लिखिए।
हलः
यदि α + β = 6 और α·β = 4
तो अभीष्ट बहुपद है,
x2 – (α + β)x + α·β = x2 – 6x + 4

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UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 5 प्रोग्रामिंग भाषाएँ

UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 5 प्रोग्रामिंग भाषाएँ are part of UP Board Solutions for Class 12 Computer. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 5 प्रोग्रामिंग भाषाएँ.

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Computer
Chapter Chapter 5
Chapter Name प्रोग्रामिंग भाषाएँ
Number of Questions Solved 28
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 5 प्रोग्रामिंग भाषाएँ

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
प्रथम पीढ़ी भाषा का उदाहरण है।
(a) C
(b) FORTRAN
(c) BASIC
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 2
तीसरी पीढ़ी की भाषाओं का विकास किस समय अन्तराल में हुआ?
(a) सन् 1945-58
(b) सन् 1958-85
(c) सन् 1970-80
(d) सन् 1980-90
उत्तर:
(b) सन् 1958-85.

प्रश्न 3
निम्न में से कौन-सी भाषा को कम्प्यूटर द्वारा समझना सरल है?
(a) मशीनी
(b) असेम्बली
(C) उच्चस्तरीय
(d) चतुर्थ पीढ़ी।
उत्तर:
(a) मशीनी

प्रश्न 4
निम्न में से कौन-सी भाषा प्रक्रिया आधारित भाषा है?
(a) JAVA
(b) COBOL
(c) C++
(d) SMALLTALK :
उत्तर :
(d) JAVA

प्रश्न 5
पास्कल भाषा का आविष्कार किस वैज्ञानिक ने किया?
(a) निकलोस विर्थ
(b) जी. केमेनी
(c) ग्रेस हॉपर
(d) ई. कटर्ज
उत्तर:
(a) निकलोस विर्थ

प्रश्न 6:
निम्न में से कौन भाषा ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर है? [2018]
(a) Compiler
(b) Word Processor
(C) Excel
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) Compiler

प्रश्न 7
निम्न में से कौन-सी भाषा सबसे सरल है? [2015]
अथवा
निम्नलिखित में सबसे आसान कम्प्यूटर भाषा कौन-सी है? [2017]
(a) मशीनी
(b) असेम्बली
(C) एच.एल.एल (HLL)
(d) 4GL
उत्तर:
(d) 4GL

प्रश्न 8
निम्न में से कौन 4GL है? [2018]
(a) COBOL
(b) ORACLE
(c) FORTRAN
(d) BASIC
उत्तर:
(b) ORACLE

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
लो लेवल लैंग्वेज को परिभाषित कीजिए। [2018]
उत्तर:
लो लेवल लैंग्वेज कम्प्यूटर की आन्तरिक कार्यप्रणाली के अनुसार बनाई जाती है, जिसके निर्देशों का पालन कम्प्यूटर सीधे कर सकता है।

प्रश्न 2
मशीनी भाषा का अर्थ समझाइए। [2006]
उत्तर:
मशीनी भाषा कम्प्यूटर की पहली तथा मूल भाषा है। मशीनी भाषा में लिखे गए कोड बाइनरी अंकों 0 तथा 1 की श्रृंखला के रूप में होते हैं।

प्रश्न 3
असेम्बलर की परिभाषा दीजिए। [2009]
उत्तर:
असेम्बलर, असेम्बली भाषा को पढ़कर उसे मशीनी भाषा में परिवर्तित करने का कार्य करता है।

प्रश्न 4
कम्पाइलर के एक ‘फेज’ (Phase) से आप क्या समझते हैं? [2012]
उत्तर:
कम्पाइलर के एक ‘फेज’ से तात्पर्य है कि यह सम्पूर्ण प्रोग्राम के सोर्स कोड को एक ही बार में मशीनी भाषा में बदल देता है।

प्रश्न 5
कम्पाइलर की उपयोगिता बताइए। [2018]
अथवा
कम्पाइलर का अर्थ समझाइए। [2006]
उत्तर:
कम्पाइलर किसी प्रोग्रामर द्वारा उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए सोर्स प्रोग्राम का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है।

प्रश्न 6
इण्टरप्रेटर की परिभाषा दीजिए। [2005, 04]
अथवा
इण्टरप्रेटर की व्याख्या एक वाक्य में कीजिए। [2016]
उत्त:
यह किसी प्रोग्रामर द्वारा उच्चस्तरीय भाषा को मशीनी भाषा में परिवर्तित करने का कार्य करता है।

प्रश्न 7.
4 जी.एल. का उदाहरण दीजिए। [2015]
अथवा
किन्हीं पाँच 4जी एल भाषाओं के नाम लिखिए। [2017]
उत्तर:
4 जी.एल. (चतुर्थ जनरेशन लैंग्वेज) के उदाहरण-SQL, .NET,
C#, FOCUS, सन स्टूडियो वन, ऑथरिंग एन्वायरमेण्ट आदि हैं।

प्रश्न 8
4GL की प्रमुख विशेषताएँ बताइए। [2018]
उत्तर:
4GL की प्रमुख विशेषताएँ हैं।

  • यह भाषा सीखने एवं प्रयोग करने में अत्यधिक सरल है।
  • यह भाषा किसी मशीन पर निर्भर नहीं करती।

लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1
प्रोग्रामिंग भाषा के उद्देश्य बताइए। [2017]
उत्तर:
प्रोग्रामिंग भाषाएँ विकसित करने के निम्न उद्देश्य थे

  1. मशीनी भाषा में निर्देश देना सरल नहीं था, इसलिए प्रोग्रामिंग भाषा का विकास किया गया।
  2. प्रोग्रामिंग भाषा प्रचलन में आने से प्रोग्रामर के साथ-साथ सामान्य व्यक्ति एवं छात्र आदि कार्य कर सकते हैं।
  3. यदि प्रोग्रामिंग भाषा द्वारा कम्प्यूटर पर कार्य करना हो, तो अन्य कम्प्यूटर पाट्र्स के विस्तृत ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती।
  4. प्रत्येक कम्प्यूटर पर कोडिंग के लिए अलग-अलग विधियाँ होती हैं। अतः प्रोग्रामिंग भाषा को इस प्रकार बनाया गया कि वह सभी कम्प्यूटर पर चल सके।

प्रश्न 2
असेम्बली लैंग्वेज की व्याख्या कीजिए। [2013]
अथवा
असेम्बली भाषा का वर्णन कीजिए। [2013, 10]
उत्तर:
असेम्बली भाषा द्वितीय पीढ़ी की भाषा है। इस भाषा में मशीनी भाषा के बाइनरी अंकों के स्थान पर कुछ याद रखने योग्य सिम्बल का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें निमॉनिक (Mnemonic) कहा जाता है। यह भाषा मैक्रो बनाने व उसका प्रयोग करने की सुविधा प्रदान करती है। असेम्बली भाषा को कम्प्यूटर द्वारा समझना सम्भव नहीं है, इसलिए असेम्बलर द्वारा इस भाषा को मशीनी भाषा में बदला जाता है। एक बार मशीनी भाषा में परिवर्तित होने के पश्चात् ही प्रोग्राम का क्रियान्वयन सम्भव होता है। असेम्बली भाषा में लिखे गए प्रोग्राम को सोर्स प्रोग्राम कहते हैं तथा मशीनी भाषा में परिवर्तित होने के बाद जो कोड प्राप्त होता है, उसे ऑब्जेक्ट प्रोग्राम कहा जाता है।

प्रश्न 3
उच्चस्तरीय भाषाएँ और निम्नस्तरीय भाषाओं के बीच भेद बताइए। [2014, 06]
उत्तर:
उच्चस्तरीय तथा निम्नस्तरीय भाषाओं के बीच भेद निम्न हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 5 प्रोग्रामिंग भाषाएँ img-1

प्रश्न 4
हाई लेवल लैंग्वेज के लाभों का वर्णन कीजिए। [2018, 14, 09]
अथवा
हाई लेवल लैंग्वेज की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए। [2011]
उत्तर:
हाई लेवल लैंग्वेज की विशेषताएँ इस प्रकार हैं।

  • इस लैंग्वेज में इनपुट तथा आउटपुट आदि को अंग्रेजी भाषा में संचालित किया जाता है।
  • हाई लेवल लैंग्वेज मशीन पर आधारित नहीं होती।
  • इस लैंग्वेज में प्रोग्राम की त्रुटि को खोजना व उसमें परिवर्तन करना सरल होता है।
  • यह कोडिंग लिखने के लिए लाइब्रेरी प्रदान करता है।
  • लो लेवल लैंग्वेज की तुलना में प्रोग्रामिंग करने में कम समय लगता है।

प्रश्न 5
कम्पाइलर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। [2017]
उत्तर:
कम्पाइलर एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो किसी प्रोग्रामर द्वारा उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा (High level programming language) में लिखे गए सोर्स प्रोग्राम का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है। कम्पाइलर सोर्स प्रोग्राम के प्रत्येक कथन या निर्देश का अनुवाद करके उसे एक या अधिक मशीनी भाषा के निर्देशों में बदल देता है। प्रत्येक उच्चस्तरीय भाषा के लिए। एक अलग कम्पाइलर की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 6
कम्पाइलर व इण्टरप्रेटर को समझाइए। [2002]
उत्तर:
कम्पाइलर पूरे प्रोग्राम के प्रविष्ट होने के पश्चात् उसे मशीनी भाषा में परिवर्तित करता है, जबकि इण्टरप्रेटर उच्चस्तरीय भाषा में लिखे गए प्रोग्राम की प्रत्येक लाइन को कम्प्यूटर में प्रविष्ट होते ही मशीनी भाषा में परिवर्तित कर देता है। अतः इन दोनों का प्रयोग उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में किया जाता है। प्रोग्राम को लिखने के बाद प्रोग्राम को कम्पाइलर में लोड किया जाता है, जबकि इण्टरप्रेटर को प्रोग्राम लिखने से पूर्व ही लोड कर दिया जाता है।

प्रश्न 7
निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए  [2018, 14, 10]
(i) ट्रांसलेटर
(ii) 4 जी.एल.
उत्तर:
(i) ट्रांसलेटर प्रोग्रामिंग भाषाओं में लिखे गए प्रोग्रामों को कम्प्यूटर की मशीनी भाषा में अनुवादित करने का कार्य ट्रांसलेटर करता है। किसी प्रोग्राम को ट्रांसलेट करना इसलिए आवश्यक है, क्योकि कम्प्यूटर केवल मशीनी भाषा में लिखे हुए प्रोग्राम का ही पालन कर सकता है।
(ii) 4 जी.एल. यह चतुर्थ पीढ़ी की भाषा है। इस पीढ़ी की भाषाएँ सरल तथा नॉन-प्रोसीजरल होती हैं। यह सिम्पल क्वेरी भाषा (Simple Query Language) का प्रयोग करती है तथा प्रयोग के उद्देश्य से सरल होती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न II (3 अंक)

प्रश्न 1
मशीनी व असेम्बली भाषा को समझाइए। [2002]
उत्तर:
मशीनी भाषा प्रथम पीढ़ी की भाषा है, जबकि असेम्बली भाषा द्वितीय पीढ़ी की भाषा है। ये दोनों ही निम्नस्तरीय भाषाएँ हैं। मशीनी भाषा में बाइनरी अंकों 0 तथा 1 का प्रयोग होता है, जबकि असेम्बली भाषा में अंग्रेजी के कुछ शब्दों से बने चिल्लो का प्रयोग होता है। असेम्बली भाषा को सीखना व इसमें प्रोग्रामिंग करना मशीनी भाषा की तुलना में सरल है। कम्प्यूटर केवल मशीनी भाषा को समझता है, इसलिए असेम्बली भाषा असेम्बलर द्वारा ‘मशीनी भाषा में ट्रांसलेट की जाती है। एक बार मशीनी भाषा में परिवर्तित करने के पश्चात् ही प्रोग्राम का क्रियान्वयन सम्भव होता है।

प्रश्न 2
इण्टरप्रेटर की विशेषताएँ बताइए। [2014, 10]
उत्तर:
इण्टरप्रेटर की विशेषताएँ निम्नलिखित है।

  1. यह उच्चस्तरीय भाषा को मशीनी भाषा में बदलने का कार्य करता है।
  2. यह कोड को लाइन-टू-लाइन पढ़ता है।
  3. इण्टरप्रेटर मेमोरी में कम स्थान लेता है।
  4. यह एरर (Error) को स्क्रीन पर दर्शाता है तथा तब तक आगे नहीं बढ़ता जब तक प्रोग्रामर त्रुटि ठीक न कर दे।
  5. जब प्रोग्रामर को प्रोग्राम के बीच में कोई निर्देश या छोटा-सा कोड जोड़ने की आवश्यकता पड़ती है, तो भी इण्टरप्रेटर द्वारा उस नए जोड़े गए भाग को टेस्ट किया जाता है।
  6. इण्टरप्रेटर ऑब्जेक्ट फाइल नहीं बनाता। अतः प्रोग्राम को प्रत्येक बार चलाने से पहले ट्रांसलेट करना पड़ता है।

प्रश्न 3
4 जी.एल. (4GL) के दो उदाहरणों का उनकी विशेषताओं के साथ। वर्णन कीजिए। [2009]
उत्तर:
4 जी.एल. (चतुर्थ पीढ़ी भाषा Fourth Generation Language) के दो उदाहरण निम्न हैं।

(i) SQL यह एक चतुर्थ पीढ़ी भाषा का उदाहरण है, जिसका प्रयोग डाटाबेस सम्बन्धित समस्याओं का समाधान करने के लिए किया जाता है। SQL की विशेषताएँ निम्न हैं ।

  • यह डाटा को भविष्य के लिए संरक्षित रखता है।
  • यह डाटा को अन्य एप्लीकेशन के साथ साझा करता है।

(ii) .NET यह अनेक प्रोग्रामिंग भाषाओं; जैसे-C++, C# एवं
विजुअल बेसिक आदि को मिलाकर एक इण्टिग्रेटेड डेवलपमेण्ट वातावरण का निर्माण करती है।
.NET की विशेषताएँ निम्न हैं ।

  • यह डेवलपर्स को वेबसाइट बनाने के लिए एन्वायरमेण्ट प्रोवाइड करती है।
  • यह विण्डोज तथा माइक्रोसॉफ्ट के लिए एक इण्टरफेस प्रदान करती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

प्रश्न 1
कम्प्यूटर भाषाओं के क्रमिक विकास का वर्णन कीजिए। [2011]
उत्तर:
कम्प्यूटर भाषाओं की विकास यात्रा को चार पीढ़ियों में वर्गीकृत किया गया है।

(i) प्रथम पीढ़ी → मशीनी भाषा
(ii) द्वितीय पीढ़ी → असेम्बली भाषा
(iii) तृतीय पीढ़ी → उच्चस्तरीय भाषा
(iv) चतुर्थ पीढ़ी → 4 जी.एल. भाषा

जिनका विवरण निम्न है।

1. निम्नस्तरीय भाषाएँ ये भाषाएँ कम्प्यूटर की आन्तरिक कार्यप्रणाली के अनुसार बनाई जाती हैं तथा ऐसी भाषाओं में लिखे गए प्रोग्रामों के पालन करने की गति अधिक होती है, क्योंकि कम्प्यूटर उसके निर्देशों का सीधे ही पालन कर सकता है। इन्हें दो श्रेणियों में बाँटा गया है।

(i) मशीनी भाषा यह सबसे पहली प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसमें लिखा गया कोड बाइनरी अंकों 0 तथा 1 की श्रेणी के रूप में होता है। यह मशीन पर आधारित भाषा है अर्थात् एक मशीन के लिए लिखा गया
प्रोग्राम मात्र उसी मशीन पर ही रन हो सकता है अन्य पर नहीं।

(ii) असेम्बली भाषा यह भाषा पूरी तरह से मशीनी भाषा पर आधारित होती है, परन्तु इसमें 0 से 1 की श्रृंखलाओं के स्थान पर अंग्रेजी के अक्षरों और कुछ गिने चुने शब्दों को कोड के रूप में प्रयोग किया जाता है। इन भाषाओं में लिखे गए प्रोग्रामों में त्रुटि का पता लगना एवं उन्हें ठीक करना सरल होता है।

2. उच्चस्तरीय भाषाएँ ये भाषाएँ कम्प्यूटर की आन्तरिक कार्यप्रणाली पर आधारित नहीं होतीं। इनं भाषाओं में अंग्रेजी के कुछ चुने हुए शब्दों तथा साधारण गणित में प्रयोग किए जाने वाले चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इनमें त्रुटियों का पता लगाना और उन्हें ठीक करना सरल होता है, किन्तु इन भाषाओं में लिखे प्रोग्राम्स को मशीनी भाषा में कम्पाइलर या इण्टरप्रेटर के द्वारा अनुवादित कराना आवश्यक होता है। इनमें Read, Write, Get, Put, Goto, Begin, End जैसे साधारण शब्दों का प्रयोग होता है।
उच्चस्तरीय भाषाओं को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जो निम्न हैं।

  • समस्या आधारित भाषाएँ इन भाषाओं का प्रयोग विशिष्ट श्रेणी की समस्याओं का समाधान करने में किया जाता है; जैसे-COBOL, FORTRAN आदि।
  • प्रक्रिया आधारित भाषाएँ इन भाषाओं का प्रयोग प्रोग्राम को कार्य रूप में व्यक्त करने के लिए किया जाता है; जैसे-C, JAVA आदि।
  • ऑब्जेक्ट आधारित भाषाएँ इन भाषाओं का प्रयोग ऑब्जेक्ट के द्वारा सारी गणनाओं को क्रियान्वित करके समस्या को हल करने के लिए किया जाता है;
    जैसे-C++, SMALLTALK आदि।

3, 4 जी.एल. भाषा यह वर्तमान समय में अधिक प्रयोग की जाने वाली भाषा है। ये भाषाएँ अत्यधिक यूजर फ्रेण्डली हैं। इस पीढ़ी की भाषाएँ डाटा प्रोसेसिंग के लिए मेन्यूज (Menus) द्वारा संचालित स्क्रीन प्रदान करती हैं, जिसमें कार्य करना सरल है। यह नये एप्लीकेशन प्रोग्राम बनाने में सहायता करती है जो एप्लीकेशन डाटा प्रोसेसिंग के लिए बनाए जाते हैं।

प्रश्न 2
4 जी.एल. भाषाओं से आप क्या समझते हैं? इनकी प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं? [2014]
अथवा
4 जी.एल. पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। [2014, 13, 08]
अथवा
4 जी.एल. से आप क्या समझते हैं? 4 जी.एल. के अन्तर्गत किसी एक भाषा की व्याख्या कीजिए। [2007, 03, 02]
उत्तर:
4 जी.एल. अथवा चतुर्थ पीढ़ी भाषाएँ, उच्चस्तरीय भाषाओं का एडवांस रूप है। इस पीढ़ी की भाषाएँ एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के निर्माण के लिए अधिक उपयुक्त हैं। 4 जी.एल. भाषाओं में कोड की सम्पूर्ण जानकारी भी आवश्यक नहीं है, क्योंकि इस पीढ़ी की भाषा स्वयं कोड लिखने में मदद करती है। 4 जी.एल. भाषा नॉन-प्रोसीजरल (Non-procedural) तथा यूजर फ्रेंडली भाषा है।

इस जनरेशन की लैंग्वेज DBMS का विशेष रूप से प्रयोग करती है, जिसमें डाटा व्यवस्थित रूप से स्टोर होता है तथा आवश्यकता पड़ने पर सुचारु रूप से तैयार किया जाता है। 4 जी.एल. की विशेषताएँ इस प्रकार हैं।

  1. इस भाषा के प्रयोग द्वारा कम समय एवं कम लागत में अच्छे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर तैयार हो सकते हैं।
  2. यह भाषा सीखने एवं प्रयोग करने में अत्यधिक सरल है।
  3. इस भाषा के प्रोग्राम की टेस्टिग, त्रुटि संशोधन आदि करना सरल है।
  4. इस जनरेशन की भाषा किसी मशीन पर निर्भर नहीं होती।

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UP Board Solutions for Class 3 English Rainbow Chapter 12 My Home

UP Board Solutions for Class 3 English Rainbow Chapter 12 My Home (मेरा घर)

My Home Translation Of The Lesson (पाठ का हिन्दी अनुवाद)

UP Board Solutions for Class 3 English Rainbow Chapter 12 My Home 1

This is my home. – यह मेरा घर है।
This is my drawing room. – यह मेरा बैठक है।
This is my bed room. – यह मेरा शयनकक्ष है।
This is my kitchen. – यह मेरा रसोईघर है।
This is my bathroom. – यह मेरा स्नानगृह है।

Listen and Speak : (सुनिए और बोलिए)

clock (क्लॉक) – घड़ी, television (टेलीविज़न) – टेलीविज़न, towel (टॉवल) – तौलिया, dustbin (डस्टबीन) – कूड़ादान, plate (प्लेट) – थाली, bucket (बकेट) – बाल्टी, spoon (स्पून) – चम्मच

My Home New words : (शब्दार्थ)

drawing room – बैठक, clock – घड़ी, towel – तौलिया, dustbin – कूड़ादान, kitchen – रसोई, bathroom – स्नानगृह, bucket – बाल्टी, spoon – चम्मच

Let’s do: (आओ करें) –

Question 1.
Pick out the things from the box and put them in the room they are used.
(बॉक्स में से चीज़े उठाएं और उन्हें उस कमरे में रखें जहाँ उनका उपयोग होता है।)
soap, flowerpot, lamp, fridge, bed, bucket, T.V, computer, cups, spoon, pillow, sofa

UP Board Solutions for Class 3 English Rainbow Chapter 12 My Home 2

Colour the picture: (चित्र में रंग भरिए)
Do it yourself.

UP Board Solutions for Class 3 English Rainbow