UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 9 स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यक्रम पर्यावरण का प्रभावएवं 

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Board UP Board
Class Class 12
Subject Home Science
Chapter Chapter 9
Chapter Name  स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यक्रम पर्यावरण का प्रभावएवं
Number of Questions Solved 15
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 9 स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यक्रम पर्यावरण का प्रभावएवं

बहुविकल्पीय प्रश्न  (1 अंक)

प्रश्न 1.
लोगों को स्वास्थ्य के सभी पहलुओं से अवगत करना कहलाती है
(a) जन शिक्षा
(b) स्वास्थ्य शिक्षा
(c) भौतिक शिक्षा
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) स्वास्थ्य शिक्षा|

प्रश्न 2.
स्वास्थ्य शिक्षा में सम्मिलित हैं
(a) पर्यावरण
(b) शारीरिक स्वास्थ्य
(c) सामाजिक स्वास्थ्य
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 3.
स्वास्थ्य शिक्षा में सहायक संस्थाएँ मानी जाती हैं
(a) परिवार
(b) विद्यालय
(c) नगर निगम
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 4.
परिवार नियोजन केन्द्रों में किस सन्दर्भ में जानकारी दी जाती
(a) बाल शिशु सुरक्षा
(b) प्राथमिक चिकित्सा
(c) जनसंख्या वृद्धि
(d) मातृ शिशु सुरक्षा
उत्तर:
(c) जनसंख्या वृद्धि

प्रश्न 5.
यूनिसेफ का मुख्य कार्यालय है   (2018)
(a) पेरिस में
(b) न्यूयार्क में
(C) टोकियो
(d) हनोई में
उत्तर:
(b) न्यूयार्क में

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 1 अंक, 25 शब्द

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य शिक्षा किसे कहते हैं?
उत्तर:
जन सामान्य को स्वास्थ्य के सभी पहलुओं से अवगत कराना ही स्वास्थ्य शिक्षा कहलाती है। यह एक ऐसा साधन है, जिससे कुछ विशेष शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सहायता से लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान तथा व्याधियों से बचने के उपायों का प्रसार किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
स्वास्थ्य शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है? (2018)
उत्तर:
लोगों के स्वास्थ्य को उत्तम बनाना एवं स्वास्थ्य नियमों से अवगत कराना। स्वास्थ्य शिक्षा मुख्य उद्देश्य है। इसके तहत, राज्य, जिलों व अन्य स्तरों पर स्वास्थ्य शिक्षा इकाइयों की संगठनात्मक व्यवस्था और प्रचालन हेतु दिशा-निर्देश प्रदान किया जाता है।

प्रश्न 3.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए? (2018)
उत्तर:
व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ परिवेश के साथ प्रतिदिन स्नान, शरीर के वस्त्रों की सफाई, दाँतों, आखों की सफाई तथा नाखूनों आदि को काटना चाहिए।

प्रश्न 4.
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र क्या है? (2018)
उत्तर:
यह स्वास्थ्य केन्द्र ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों की जानकारी देने, रोगों से बचाव, स्वच्छता, शिशु की देखभाल तथा गर्भवती स्त्रियों को पोषण से सम्बन्धी जानकारी प्रदान करते हैं। यह केन्द्र निःशुल्क होते हैं।

प्रश्न 5.
राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के नाम बताइए, जो जनस्वास्थ्य के कार्यक्रमों में सहायक हैं।
उत्तर:
जनस्वास्थ्य से सम्बन्धित संस्थाए निम्नलिखित हैं- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूनीसेफ (UNICEF), केयर (CARE) तथा रेडक्रॉस सोसायटी (Red Cross Society) आदि।

प्रश्न 6.
केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो की स्थापना कब की गई?
उत्तर देश में स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बन्धित जागरूकता लाने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 1956 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्रालय के अन्तर्गत केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो की स्थापना की गई।

लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक, 50 शब्द)

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य शिक्षा को विकसित करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो द्वारा कौन-कौन से उद्देश्य बताए गए हैं?
उत्तर:
देश में स्वास्थ्य शिक्षा को विकसित करने और बढ़ावा देने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो ने निम्नलिखित उद्देश्य बताए हैं।

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों की व्याख्या करना।
  • स्वास्थ्य व्यवहार, स्वास्थ्य शिक्षा प्रक्रियाओं और साधनों के लिए सन्दर्शिका तैयार करना और शोध आयोजित करना।
  • विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं और कार्यक्रमों से सम्बन्धित स्वास्थ्य शिक्षा सामग्री को तैयार करके टाइप कराकर वितरित करना।।
  • प्रमुख स्वास्थ्य और समुदाय कल्याण कर्मियों को स्वास्थ्य शिक्षा और शोध की विधियों में प्रशिक्षित करना, प्रशिक्षण के लिए प्रभावशाली विधि और प्रशिक्षण के साधन विकसित करना।
  • विद्यालय के छात्रों हेतु स्वास्थ्य शिक्षा के लिए विद्यालयों और शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की सहायता करना।
  • राज्य, जिला और अन्य स्तरों पर स्वास्थ्य शिक्षा इकाइयों की संगठनात्मक व्यवस्था और प्रचालन हेतु दिशा निर्देश प्रदान करना।
  • स्वास्थ्य शिक्षा कार्य में लगी आधिकारिक और गैर-आधिकारिक एजेन्सियों को तकनीकी सहायता प्रदान करना और उनके कार्यक्रमों को समन्वित करना।

प्रश्न 2.
सरकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा कौन-कौन सी संस्थाएँ संचालित होती हैं? संक्षेप में समझाइए।
उत्तरे:
देश में स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बन्धित जागरूकता लाने के लिए सरकार द्वारा वर्ष | 1956 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्रालय के अन्तर्गत केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो की स्थापना की गई, अन्य संस्थाएँ निम्नलिखित हैं।

1. केन्द्रीय स्वास्थ्य संगठन केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो का गठन वर्ष 1957 में किया गया, जिसमें स्वास्थ्य शिक्षा का प्रचार करने के लिए तीन अलग-अलग विभाग बनाए गए।

  1. प्राथमिक स्कूलों के लिए कार्य करने वाले
  2. माध्यमिक विद्यालयों के लिए।
  3. शिक्षा प्रशिक्षण विद्यालयों के लिए

2. राज्य स्वास्थ्य विभाग वर्ष 1959 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्रालय के प्रस्ताव से 13 राज्यों में राज्य स्वास्थ्य ब्यूरो स्थापित किए गए, जिनके मुख्य कार्य हैं।

  1. चिकित्सालय परिवार नियोजन केन्द्र तथा स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करना।
  2. स्वास्थ्य शिक्षा हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाना।
  3. क्षेत्र विकास खण्डों में स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करना।

3. जिला स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक जिले में एक स्वास्थ्य विभाग होता है तथा नगर के सभी अस्पताल इसी के अन्तर्गत आते हैं

4. नगर परिषद् स्वास्थ्य विभाग इस विभाग का मुख्य कार्य नगर में फैलने वाली बीमारियों को रोकना है। यह विभाग नगर में स्वास्थ्य सुरक्षा के कार्य करता है; जैसे-साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल, संक्रामक रोगों की रोकथाम आदि।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (5 अंक, 100 शब्द)

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य शिक्षा से क्या आशय है? स्वास्थ्य शिक्षा के उददेश्य तथा शिक्षा में सहायक संस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
अथवा
स्वास्थ्य शिक्षा क्या है? स्वास्थ्य शिक्षा में कौन-कौन सी सस्थाएँ सहायक हैं?
उत्तर:
जन सामान्य को स्वास्थ्य के सभी पहलुओं से अवगत कराना ही स्वास्थ्य शिक्षा कहलाती है। यह एक ऐसा साधन है, जिससे कुछ विशेष शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सहायता से लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान तथा व्याधियों से बचने के उपायों का प्रसार किया जा सकता है।
स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य
स्वास्थ्य शिक्षा के अन्तर्गत पर्यावरण, शारीरिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्वास्थ्य तथा बौद्धिक स्वास्थ्य इत्यादि सभी को सम्मिलित किया जाता है। स्वास्थ्य शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह ऐसा बर्ताव करता है, जो स्वास्थ्य की उन्नति, रख-रखाव तथा उसकी पुनर्घाप्ति में सहायक हो।
देश में स्वास्थ्य शिक्षा को विकसित करने और बढ़ावा देने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो ने निम्नलिखित उद्देश्य बताए हैं।

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों की व्याख्या करना।
  • स्वास्थ्य व्यवहार, स्वास्थ्य शिक्षा प्रक्रियाओं और साधनों के लिए सन्दर्शिका तैयार करना और शोध आयोजित करना।
  • विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं और कार्यक्रमों से सम्बन्धित स्वास्थ्य शिक्षा सामग्री को तैयार करके टाइप कराकर वितरित करना।।
  • प्रमुख स्वास्थ्य और समुदाय कल्याण कर्मियों को स्वास्थ्य शिक्षा और शोध की विधियों में प्रशिक्षित करना, प्रशिक्षण के लिए प्रभावशाली विधि और प्रशिक्षण के साधन विकसित करना।
  • विद्यालय के छात्रों हेतु स्वास्थ्य शिक्षा के लिए विद्यालयों और शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की सहायता करना।
  • राज्य, जिला और अन्य स्तरों पर स्वास्थ्य शिक्षा इकाइयों की संगठनात्मक व्यवस्था और प्रचालन हेतु दिशा निर्देश प्रदान करना।
  • स्वास्थ्य शिक्षा कार्य में लगी आधिकारिक और गैर-आधिकारिक एजेन्सियों को तकनीकी सहायता प्रदान करना और उनके कार्यक्रमों को समन्वित करना।

स्वास्थ्य शिक्षा में सहायक संस्थाएँ
स्वास्थ्य शिक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित संस्थाओं का सहयोग है।
1. परिवार इसे बच्चे की प्रथम पाठशाला माना जाता है। परिवार द्वारा बच्चे को स्वास्थ्य की जानकारी तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों का ज्ञान होता है।

2. विद्यालय बालक पारिवारिक वातावरण से निकलकर विद्यालय में प्रवेश करता है, जहाँ उसे स्वस्थ रहने के तरीकों का ज्ञान होता है। विद्यालय में बालक को शारीरिक व्यायाम तथा रोगों से बचाव हेतु शिक्षा दी जानी चाहिए, जिससे स्वास्थ्य की रक्षा होती है।

3. चिकित्सालय नगरों में सामान्य चिकित्सालय खोले गए हैं, जहाँ प्रशिक्षित नर्स तथा डॉक्टर होते हैं, जो विशेष रूप से लोगों को स्वास्थ्य शिक्षा के विषय में जानकारी देते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ शुद्ध व सन्तुलित भोजन तथा टीका लगवाने की प्रेरणा दी जाती है।

4. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र यह स्वास्थ्य केन्द्र ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों की जानकारी देने, रोगों से बचाव, स्वच्छता, शिशु की देखभाल तथा गर्भवती स्त्रियों को पोषण सम्बन्धी जानकारी देते हैं। यह केन्द्र नि:शुल्क होते हैं।

5. नगर निगम के स्वास्थ्य केन्द्र यह केन्द्र शहर में स्वच्छता का ध्यान रखते हैं। इसका मुख्य कार्य सड़क एवं गलियों के किनारे डी.डी.टी.का छिड़काव व चूना डलवाना, कूड़ा-करकट हटवाना तथा रोगों से बचाव हेतु टीके लगवाना आदि हैं।

6. परिवार नियोजन केन्द्र देश के लगभग सभी गाँव, कस्बे तथा शहरों में परिवार नियोजन केन्द्र बनाए गए हैं, जहाँ जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने सम्बन्धी जानकारी दी जाती है। अन्य संस्थाएँ स्वास्थ्य संगठनों में अन्य छोटी-बड़ी संस्थाएँ निम्नलिखित हैं।

  1. प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र
  2. मोबाइल अस्पताल
  3. मातृ शिशु कल्याण केन्द्र
  4. प्रसूति रक्षा केन्द्र
  5. बाल शिशु रक्षा केन्द्र
  6. औद्योगिक केन्द्र

राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय एवं गैर-सरकारी स्वास्थ्य संगठन
स्थानीय स्वास्थ्य संगठनों के अतिरिक्त कुछ राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय एवं गैर-सरकारी स्वास्थ्य संगठन भी हैं, जिनका सम्बन्ध स्वास्थ्य शिक्षा से है। इनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन,यूनीसेफ, केयर, रेडक्रॉस सोसायटी तथा खाद्य एवं कृषि संगठन प्रमुख हैं, जो निम्न हैं।
1. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) यह संगठन विश्वभर में स्वास्थ्य रक्षा हेतु विशेष लोगों को प्रशिक्षण देता है, जिससे स्वास्थ्य रक्षा के कार्यों में सहायता मिले। यह अपने दस्यदेशों को उनके स्वास्थ्यसेवाओं, शोध व स्वास्थ्य कार्यक्रमों का विकास में प्रोत्साहन देता है।

2.यूनिसेफ (UNICEF) यह संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ के सहयोग सेवर्ष 1946 में स्थापित की गई। इस संस्था के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं।

  1. माताओं व शिशुओं को रोगों से बचाना
  2. बच्चों की शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य सम्बन्धी सहायता देना
  3. विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर स्वास्थ्य व सुरक्षा केसन्दर्भ में कार्य करना।

3. केयर (CARE) यह संस्था बालकों की पोषण सम्बन्धी सभी आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु समाधान करती है।

4. रेडक्रॉस सोसायटी (Red Cross Society) यह स्वास्थ्य सम्बन्धी एक स्वतन्त्र संगठन है, जो लगातार अपनी सेवाएँ देता है।

5. खाद्य एवं कृषि संगठन यह संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ की एक शाखा है। यह संस्था मनुष्य के सामाजिक स्तर को बढ़ाने का कार्य, पोषण की सुविधा देने तथा ग्रामीण लोगों कीदशा सुधारने का कार्य करती है। इन सभी संगठनों ने स्वास्थ्य के नियमों में सुधार लाने के सुधारात्मक आन्दोलन चलाए हैं, जिससे जनसुरक्षात्मक कार्यों में वृद्धि हुई है।

प्रश्न 2.
स्वास्थ्य के लिए, स्वास्थ्य शिक्षा के अन्तर्गत मुख्य रूप से क्या सुझाव दिए जा सकते हैं? (2018)
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा से आशय
जन सामान्य को स्वास्थ्य के सभी पहलुओं से अवगत कराना ही स्वास्थ्य शिक्षा कहलाती है। यह एक ऐसा साधन है, जिससे कुछ विशेष शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सहायता से लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान तथा व्याधियों से बचने के उपायों का प्रसार किया जा सकता है।

स्वास्थ्य शिक्षा के द्वारा जनसाधारण को यह समझने का प्रयास किया जाता है कि उसके लिए क्या स्वास्थ्यप्रद और क्या हानिप्रद है तथा इनसे साधारण बचाव कैसे किया जाए। संक्रामक रोगों; जैसे- चेचक, क्षय और विसूचिका इत्यादि के टीके लगवाकरे हम कैसे अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। स्वास्थ्य शिक्षक ही जनता से सम्पर्क स्थापित कर स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा आवश्यक नियमों का उन्हें ज्ञान कराता है।

स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बन्धित सुझाव
1.स्कूलों एवं कॉलेजों के स्तर पर

  • व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं पारिवारिक स्वास्थ्य की रक्षा हेतु लोगों को । स्वास्थ्य के नियमों की जानकारी कराने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा को स्कूल व कॉलेजों के पाठ्यक्रम में जोड़ना आवश्यक है।
  • संक्रामक रोगों की अधिकता तथा रोग निरोधक के मूल तत्त्वों का ? विद्यार्थियों को बोध कराया जाना चाहिए।
  • स्वास्थ्य रक्षा के सामूहिक उत्तरदायित्व को वहन करने की शिक्षा देना। इस प्रकार से स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र आगे चलकर सामुदायिक स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यों में निपुणता से कार्य कर सकते हैं तथा अपने एवं अपने परिवार के लोगों की स्वास्थ्य रक्षा हेतु उचित उपायों का प्रयोग कर सकते हैं। यह देखा भी गया है कि इस प्रकार से स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा से सम्पूर्ण देश की स्वास्थ्य रक्षा में प्रगति हुई है।

2. सामान्य जनता को स्वास्थ्य सम्बन्धी सूचना देना यह कार्य मुख्य रूप से स्वास्थ्य विभाग का है, परन्तु अनेक ऐच्छिक स्वास्थ्य संस्थाएँ एवं अन्य संस्थाएँ जो इस कार्य में रुचि रखती हैं, सहायक रूप से कार्य कर सकती हैं। इस प्रकार की स्वास्थ्य शिक्षा का कार्य आजकल रेडियो, समाचार-पत्रों, भाषणों, सिनेमा, प्रदर्शनी तथा पुस्तिकाओं की सहायता से यथाशीघ्र सम्पन्न हो रहा है। इसके अतिरिक्त अन्य सभी उपकरणों का भी प्रयोग करना चाहिए, जिससे अधिक-से-अधिक जनता का ध्यान स्वास्थ्य शिक्षा की ओर आकर्षित हो सके। इसके लिए विशेष प्रकार के व्यवहार कुशल और शिक्षित स्वास्थ्य शिक्षकों की नियुक्ति करना श्रेयस्कर है।

3. स्वास्थ्य शिक्षा सम्बन्धी केन्द्र स्वास्थ्य से सम्बन्धित शिक्षा देने के लिए विभिन्न स्थानों पर केन्द्रों की स्थापना की जानी चाहिए। इन केन्द्रों के माध्यम से स्वास्थ्य विशेषज्ञ निम्नलिखित सहायता प्रदान कर सकते हैं।

  • प्रत्येक रोगी तथा प्रत्येक घर जहाँ चिकित्सक जाता है, वहाँ किसी-न-किसी रूप में उसे स्वास्थ्य शिक्षा देने की हमेशा आवश्यकता पड़ती है।
  • रोग के सम्बन्ध में रोगी के भावात्मक विचार तथा अन्धविश्वास को दूर करना।
  • रोगी का रोगोपचार, स्वास्थ्य रक्षक तथा रोग के समस्त रोगनिरोधात्मक उपायों का ज्ञान कराना।
  • अपने ज्ञान से रोगी को पूरा विश्वास दिलाना, जिससे रोगी अपनी तथा अपने परिवार की स्वास्थ्य रक्षा के हेतु उनसे समय-समय पर सलाह ले सकें।
  • रोग पर असर करने वाले आर्थिक एवं सामाजिक प्रभावों का भी रोगी को बोध कराए तथा एक चिकित्सक, उपचारिका, स्वास्थ्य चर तथा इस क्षेत्र में कार्य करने वाले स्वयंसेवकों की कार्य सीमा कितनी है, इसका भी लोगों को बोध कराना अत्यन्त आवश्यक है।

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UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 17 सामाजिक विषमताओं तथा विछेदनों का निराकरण

UP Board Solutions for Class 12  Home Science Chapter 17 सामाजिक विषमताओं तथा विछेदनों का निराकरण are part of UP Board Solutions for Class 12  Home Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 12  Home Science Chapter 17 सामाजिक विषमताओं तथा विछेदनों का निराकरण.

Board UP Board
Class Class 12
Subject Home Science
Chapter Chapter 17
Chapter Name सामाजिक विषमताओं तथा विछेदनों का निराकरण
Number of Questions Solved 22
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 17 सामाजिक विषमताओं तथा विछेदनों का निराकरण

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
विषमता को आशय है।
(a) जीवन स्तर एवं जीवन-शैली में मिन्नता
(b) शिक्षा में अन्तर
(c) आयु में असमानता
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(a) जीवन-शर एवं जीवन-शैली में भिन्नता

प्रश्न 2.
सामाजिक विषमता की उत्पत्ति के विषय में प्रचलित व्याख्याओं में 
शामिल हैं।
(a) प्राकृतिक विभेद
(b) शम्न विभाजन एवं वर्ग निर्माण
(c) प्रकार्यात्मक आवश्यकता
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन विषमता के कारणों में सम्मिलित नहीं है?
(a) अर्जित आय
(b) व्यवसाय
(c) जन्म, जाति एवं प्रजाति
(d) बटाईदार
उत्तर:
(d) बटाईदार

प्रश्न 4.
भारत में किस तरह की समाज्ञ यवस्था पाई जाती है?
(a) मुली समज व्यवस्था
(b) द समाज व्यवस्था
(c) अर्ब बुली समाज व्यवस्था
(d) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(b) बन्द अमात्र ब्यवस्था

प्रश्न 5,
समाज विछेदन का तात्पर्य हैं।
(a) सन्या दूट जाना
(b) सम्बन्धों में अलगाव
(c) ” और ” दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों

प्रश्न 6.
सामाजिक विजेदन के कारणों में सम्मिलित हैं
(a) जातिवाद
(b) जनसंख्या वृमि
(c) सामाजिक कुरीतियों
(d) में सनी
उत्तर:
(d) ये सभी

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
विषमता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
विषमता का तात्पर्य एक समाज के लोगों के जीवन स्तर तथा जीवन-शैली 
को भिताओं में है।

प्रश्न 2. विषमता की उत्पत्ति को लेकर कितने मत प्रचलित हैं?
उत्तर:
विषमता की उत्पत्ति को लेकर प्रमुख रूप से दो प्रकार के मत प्रचलित हैं।

प्रश्न 3.
समाज में सामाजिक विषमता कैसे उत्पन्न होती है? (2018)
अक्षा सामाजिक विषमता के दो कारणों को लिखिए।
उत्तर:
सामाजिक विषमता उत्पन्न होने के दो मुख्य कारण इस प्रकार हैं।

  • अर्जित आय
  • व्यवसाय

प्रश्न 4.
भारत किस तरह की समाज व्यवस्था का उदाहरण प्रस्तुत 
करता है?
उत्तर:
भारत परम्परावादी खेतिहर समाज का उदाहरण प्रस्तुत करता है, जहाँ जाति के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि सुधार होने तक कृषि व्यवस्था में छः स्तर देखने को मिलते हैं।

  • गैर-खेतिहर भूस्वामी
  • गैर खेतिहर पट्टेदार
  • खेतिहर भूस्वामी
  • खेतिहर रैय्यत
  • बटाईदार
  • भूमिहीन खेतिहर मजदूर

प्रश्न 5.
सामाजिक विछेदन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
सामाजिक विच्छेदन दो प्रकार के होते हैं, जो निम्नलिखित है।

  • भक्तिगत विच्छेदन
  • सामाजिक विच्छेदन

प्रश्न 6.
सामाजिक विच्छेदन के किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक विछेदन के दो कारण निम्नलिखित हैं।

  • आतिवाद
  • जनसंख्या वृद्धि

प्रश्न 7.
सामाजिक विषमता एवं विच्छेदन को दूर करने के लिए किन्हीं दो पाय को बताए।
उत्तर:
समाज में विषमता एवं विच्छेदन को दूर करने के उपाय हैं।

  • पूंजी एवं आय का पुनर्वितरण
  • आधुनिकीकरण

लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1.
सामाजिक विषमता का क्या अर्थ है: समझाए।
उत्तर:
सामाजिक विषमता से आशय एक समाज के लोगों के जीवन स्तर तथा जीवन-शैली को भिन्नताओं से है, जो सामाजिक परिस्थितियों में इनकी विषम स्थिति में रहने के कारण होती हैं। उदाहरण के रूप में पूरयामो तथा भूमिहीन श्रमिक या ब्राह्मण व इरिजन को सामाजिक परिस्थितियों में पाए जाने वाले अनार के कारण उन्हें प्राप्त जीवन-स्तरों तथा जोवन-शैलियों में भी अन्तर देखने को मिलता है। सामाजिक विषमता की उत्पत्ति के विषय में निम्न माएँ प्रनित हैं।

  • प्राकृतिक विभेद
  • व्यझिागत सम्पत्ति
  • श्रम विभाजन एवं वर्ग निर्माण
  • युद्ध एवं विजय
  • प्रकार्यात्मक आवश्यकता
  • अभिमत एवं शक्ति

विषमता की उत्पत्ति को लेकर प्रमुख रूप से दो प्रकार के मत प्रतित हैं। एक मत के अनुसार विषमता एक ऐतिहासिक तथ्य है, जो समय के साथ-साथ अपने आप समाप्त हो जाएगी, लेकिन सो मतानुसार विषमता को समाज में समाप्त नहीं किया जा सकता, यह शाश्वत र निरन्तर बेनी रहेगी।

प्रश्न 2.
विषमता के कारणों में शिक्षा किस प्रकार उत्तरदायी है? विवेचना कीजिए।
उत्तर:
शिक्षा सम्बन्धी अन्तर विषमता को जन्म देते हैं। जहाँ सिद्धान्त रूप में शिक्षा की समान मुविधा की बात की जाती है, वहीं व्यवहुप्त रूप में अनेक अन्तर देखने को मिलते हैं जहाँ मापन सम्पन्न लोगों के बच्चों को निजी रसों में पढ़ने की सुविधा उपलब्ध है, वहीं गरीब लोगों के बच्चों अभावमय स्थिति में पड़ना पड़ता है। जहाँ एक और कुछ गिने-चुने लोगों को उच्च एवं आवसायिक शिश प्राप्त करने तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से उच्च पदों पर आसीन होने के अवसर प्राप्त है, वहीं दूसरी और अधिकांश लोगों को इस तरह के अवसर समान रूप में उपलब्ध नहीं है, जहाँ एक और आर्थिक विषमता शिक्षा को असमान सुविधाओं के लिए उत्तरदायी है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा सम्बन्धी असमान सुपिधाएँ विषमता की खाई और अधिक बढ़ाने में योगदान देती हैं। अदि शिक्षा सम्बन्धी अवसर सभी वर्गों एवं व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हो जाए, तो समाज में व्याप्त सामाजिक विषमता को पनपने से रोका जा सकता है। इस प्रकार शिक्षा की असमनता के कारण भी समाज में विषमता पनपती हैं, जोकि स्वस्थ 
समाज के विकास हेतु उपयुक्त नहीं है।

प्रश्न 3.
भारत में सामाजिक विषमता पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत परम्परावादी खेतिहर समाज का उदाहरण है, जहां बन्द समाज व्यवस्था पाई जाती हैं। यहाँ जाति के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि सुधार होने तक कृषि-व्यवस्था के दिन छः स्तर देखने को मिलते हैं, जिनमें एक संतरण व्यवस्था है।

  • गैर-खेतिहर भूस्वामी
  • गैर खेतिहर पट्टेदार
  • तर भूस्वामी
  • खेतिहर रैय्यत
  • बटाईदार
  • भूमिहीन खेतिहर मजदूर

इन छ: स्तरों के बीच सामाजिक विषमता के कई रूप देखने को मिलते हैं। उदाहरण के रूप में ब्रेतिहर भूस्वामी तथा भूमिहीन खेतिहर मजदूर के जीवन-स्तर तथा जीवन शैली में पर्याप्त अन्तर पाए जाते हैं। परम्परागत कृषि उत्पादन संगठन के दो प्रमुख पक्ष ऐसे हैं, जिनका सामाजिक विषमता को समस्या पर विशेष प्रभाव पड़ता है। पहला, भूस्वामिण एवं नियन्त्रण तथा शारारिक भ्रम के बीच विपरीत सम्बन्ध है। और दुसरा, मध्यम वर्ग को प्रपुर मात्रा में विकास। अधिकांश परम्परागत कृषि समाजों में से दो प्रवृत्तियों पाई जाती हैं। इसका तात्पर्य यह है कि परम्परागत भारतीय समाज में भूमि के नियन्त्रण एवं उपयोग में विषमताएँ केवल व्यवहार रूप में व्याप्त ही नहीं थीं, बल्कि इसे न्यायसंगत रूप में स्वीकार भी किया गया था।

प्रश्न 4.
सामाजिक विचदिन का क्या तात्पर्य है? विचम्दन के दो कारणों को 
स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक विच्छेदन का पर्य यह है कि किसी समूह या परिवार के सदस्यों के मध्य सम्बन्ध टूट जाना या अलगाव उत्पन्न हो जाना। सामाजिक विच्छेदन व्यक्तिगत तथा सामाजिक दोनों प्रकार का होता है। इस सम्बन्ध में पी.एच, लेडिस ने अपनी पुस्तक ऐन इण्ट्रोडक्शन दू सोशियोलॉजी’ में बताया है कि सामाजिक नियन्त्रण की व्यवस्था का भंग होना और विश्रृंखला उत्पन्न होना ही सामाजिक विपटन है। सामाजिक विच्छेदन के कारण सामाजिक दिन के कारण निम्नलिखित है।

  1. जातिवाद .के. एन.शर्मा के अनुसार, जातिवाद या जाति शक्ति एक ही जाति के व्यक्तियों की उस भावना को कहा जाता है, जो देश व समाज के सामान्य हितों का ध्यान न रखते हुए केवल अपनी जाति के सदस्यों के उत्थान, जातीय एकता और जाति को सामाजिक परिस्थिति को दृढ़ रखने के लिए प्रेरित करती हैं।
  2. जनसंख्या वृद्धि जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है, जिससे रोजगार के अवसरों में कमी आ रही है। प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराना एक चुनौती बन गया है। बेरोजगारी की स्थिति में कोई भी व्यक्ति परिवार के अन्य सदस्यों के लिए साधन सुविधाएँ जुटाने में असमर्थ होता है, जिसके कारण विच्छेदन होने लगता है।

प्रश्न 5.
विषमता एवं विच्छेदन के निराकरण में नवीन औद्योगिकी का 
समुचित विकास किस प्रकार किया जाना चाहिए?
उत्तर:
वर्तमान युग । कृषि क्षेत्र में नवीन प्रौद्योगिकी के विकास ने भूमि के साथ-साथ पूँजी के मित्र को भी विषमता का प्रमुख आधार बना दिया है, जो पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उदाहरणों में स्पष्ट है। इन क्षेत्रों में जिन शु स्वामियों के पास पूँजी थी, उन्होंने अपने खेतों के पास ही ऊंची कीमतों पर भूमि को खरीदकर बड़े बड़े फार्म बना लिए हैं। अब ये पैगी की सहायता से ट्रैक्टर, पम्पिंग सैट, पावर भैसर तथा अन्य मशीनों को कृषि के लिए काफी प्रयोग करने लगे हैं। ऐसे में वो किन गरी ए -साकारी दोनों ही सोते से अधिक ऋण लेने में सफल रहे हैं। परिणामस्वरूप विषमता कम होने के अतिरिक्त और बने लगी है। इसी प्रकार पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से चलाए गए विकास कार्यक्रमों से देश की आर्थिक प्रगति तो हुई है, लेकिन इनका लाभ भी कुछ गिने-चुने शक्ति सम्पन्न लोगों को ही मिल पाया है। अतः विषमता दूर करने के लिए हमें वास्तविकत के धरातल पर आना होगा और सही दिशा में कारगर उपाय अपनाने होंगे।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (5 अक)

प्रश्न 1.
सामाजिक विषमता से आप क्या समझते हैं। भारत में सामाजिक 
विषमता के स्तर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक विषमता से आशय एक समाज के लोगों के जीवन-स्तर तथा जीवन-सी की भिन्नताओं से है, जो सामाजिक परिस्थितियों में इनकी विषम स्थिति में रहने के कारण होती हैं। उदाहरण के रूप में भूस्वामी तद्दा भूमिहीन श्रमिक या ब्राह्मण व हरिजन की सामाजिक परिस्थितियों में पाए आने वाले अनार के कारण उन्हें प्राप्त जीवन-स्तरों तथा जीवन-शैलियों में मो अन्तर देखने को मिलता है।

सामाजिक विषमता की उत्पत्ति के विषय में निम्नलिखित व्याख्याएँ प्रचलित हैं।

  • प्राकृतिक विभेद
  • व्यक्तिगत सम्पत्ति
  • श्रम विभाजन एवं वर्ग निर्माण
  • सुद्ध एवं विजय
  • प्रकार्यात्मक आवश्यकता है
  • अभिमत एवं शक्ति

विषमता की उन को लेकर प्रमुख रूप से दो प्रकार के मत प्रचलित हैं। एक मत के अनुसार, विषमता एक ऐतिहासिक तथ्य है, जो समय के साथ-साथ अपने आप समाप्त हो जाएगी, लेकिन दूसरे मतानुसार, विषमता को समाज से समाप्त नहीं किया जा सकता, यह शाश्वत और निरन्तर बनी रहेगी।

भारत में सामाजिक विषमता
भारत परम्परावादी खेतिहर समाज का उदाहरण हैं, जहाँ बन्द समाज-व्यवस्था पाई जाती रही हैं। यहाँ जाति के साथ-साथ शामीण क्षेत्रों में भूमि सुधार होने तक कृषि-व्यवस्था के निम्न छः स्तर देखने को मिलते हैं, जिनमें एक अंतरण व्यवस्था है ।

  • गैर-खेतिहर भूस्वामी
  • गैर-खेतिहर पट्टेदार
  • खेतिहर भूस्वामी
  • खेतिहर रैय्यत
  • बटाईदार
  • भूमिहीन खेतिहर मजदूर

उपरोक्त छ: स्तरों के बीच सामाजिक विषमता के कई कप देखने को मिलते हैं। उदाहरण के रूप में खेतिहर भूस्वामी तथा भूमिहीन खेतिहर मजदूर के जीवन-स्तर तथा जीवन-शैली में पर्याप्त अन्तर पाए जाते हैं। परम्परागत कृषि उत्पादन संगठन के दो प्रमुख पक्ष ऐसे हैं, जिनका सामाजिक विषमता को समस्या पर विशेष प्रभाव पड़ता है। पहला, भूस्वामित्व एवं नियन्त्रण तथा शारीरिक श्रम के बीच विपरीत सम्बन्ध है और दूसरा, मध्यवर्ती वर्गों को प्रचुर मात्रा में विकास अधिकांश परम्परागत कृषि समाजों में ये दो प्रवृत्तियां हई जाती हैं। भारतीय कृषि व्यवस्था अपने लम्बे इतिहास की अवधि में प्रमुखतः संस्तरजात्मक रही हैं। सामान्यतः अध्ययनों के आधार पर पाया गया है कि बड़े शू स्वामी ऊँची जाति के, भूमिहीन मजदूर निम्न या किसी अस्पृश्य जाति के सदस्य थे। इन दोनों के बीच मध्य स्तरीय किसान थे, जो खेतिहर जातियों के अन्तर्गत आते थे। इसका तात्पर्य यह है कि परम्परागत भारतीय समाज में भूमि के नियन्त्रण एवं उपयोग में विषमताएँ केवल पहार रूप में प्राप्त हो नहीं दी, बल्कि इसे न्यायसंगत रूप में स्वीकार भी किया गया था।

प्रश्न 2.
सामाजिक विषमता के कारणों की विस्तारपूर्वक विवेचना 
कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न समाजों में विषमता के भिन्न-भिन्न कारण देखने को मिलते हैं। यद्यपि कुछ कारण सभी समाजों में समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। विषमता के प्रमुख कारण इस प्रकार है

  1. अर्जित आय एक ही समाज के लोगों की आय में पर्याप्त भिन्नता देखने को मिलती हैं। आथ सम्बन्धी इस भिन्नता के परिणामस्वरूप व्यक्तियों के भोजन, वस्त्र, मकान, आभूषण तथा जीवन-स्तर में अन्तर पाए जाते हैं। इन अन्तरों के कारण विषमताएं उत्पन्न होती हैं।
  2. व्यवसाय विषमता का एक प्रमुख कारण मसाय सम्बन्धी भेद भी हैं। व्यवसायों में ऊंच-नीच का एक संस्मरण पाया जाता है। जहां किसी व्यवसाय को अधिक प्रतिष्ठित माना जाता है, वहीं किसी व्यवसाय को होनता की दृष्टि से भी देखा जाता है। विभिन्न व्यवसायों का इस प्रकार का मूल्यांकन इनमें लगे हुए व्यकियों में विषमता को बढ़ावा देता है।
  3. शिक्षा जहाँ एक और आर्थिक विषमता शिक्षा को असमान सुविधाओं के लिए उत्तरदायी है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा सम्बन्धी असमान सुविधाएँ विषमता की खाई को और अधिक बढ़ाने में योगदान देती हैं।
  4. पद पद का सम्बन्ध सम्पति एवं शक्ति में नहीं वरन् आदर और प्रतिष्ठा से है। विभिन्न समाज भिन्न-भिन्न गुणों का आदर भिनभिन्न रूप से करते हैं। पद सम्बन्धी अन्तर के आधार अलग-अलग होने के कारण विषमता पनपती है।
  5. सम्पत्ति सम्मान के आधार पर सभी समाजों में स्तरीकरण किया जाता है। आदिम समाजों में भी सम्पत्ति के आधार पर ऊँच-नीच का भेद पाया जाता है। समाज में वे लोग ऊँचे माने जाते हैं, जिनके पास अधिक सम्पति होती है तथा जो सभी प्रकार की सुख-सुविधाओं को जुटाने में सक्षम होते हैं।
  6. शमित शक्ति एवं सत्ता के वितरण में असमानता भी विषमता के लिए उत्तरदायी है। जिन लोगों के पास सैनिक शक्ति, सना शासन की बागडोर होती है, उनको स्थिति उन लोगों से ऊँची होती हैं, जो सत्ता एवं शक्तिविहीन होते हैं।
  7. जन्म, जाति एवं प्रजाति जो लोग उच्च समझे जाने माने कुल, मंत्र, राति एवं प्रजाति में जन्म लेते हैं, वे स्वयं को दूसरों से श्रेष्ठ मानते हैं और इस आधार पर विषमता पनपती हैं। ग्रामीण भारत में जति समस्या सामाजिक विषमता का एक प्रमुख आधार है।

प्रत्येक समाज में एक संस्कृति या सामूहिक प्रतिनिधानों का एक पुत्र होता हैं, मूल्यांकन जिसका एक महत्वपुर्ण लक्षण है और यह विषमता के मौलिक स्रोत को प्रस्तुत करता है। आन्द्रे येतेई ने अपने अध्ययनों के आधार पर बताया है कि मूल्यांकन विषमता का एक सार्वभौमिक स्रोत है। इसका दूसरा झोत बल, शकित तथा प्रभुत्व है।

प्रश्न 3.
सामाजिक विच्छेदन के कारणों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।
उत्तर:
सामाजिक विच्छेदन के कारण निम्नलिखित हैं
1. जातिवाद डॉ. के. एन. शर्मा के अनुसार, जातिवाद या जाति-शक्ति एक ही 
जाति के प्रतियों को उस सामना को कहा जाता है, जो देश में समाज के सामान्य हितों का ख्याल न रखते हुए केवल अपनी जाति के सदस्यों के उत्थान, जातीय एकता और जाति की सामाजिक परिस्थिति को छ रखने के लिए प्रेरित करती है।

2. जनसंख्या वृद्धि जनसंख्या
में जौन गति से वृद्धि हो रही है, जिससे रोजगार 
के अवसरों में कमी आ रही है। प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराना एक चुनौती बन गया है। बेरोजगारी पात में कोई भी व्यक्ति परिवार के अन्य सदस्यों के लिए साधन सुविधाएँ जुटाने में असमर्थ होता है, जिसके कारण विछेदन हुने लगता है।

3. राजनैतिक भ्रष्टाचार
राजनैतिक ग्वार्थों के चलते विभिन्न जाति के लोगों में 
आपस में तय उत्पन्न कर अनेक वर्गों में विभाजित कर दिया जाता है। इससे किसी एक वर्ग को विशेष सुविधा उपलब्ध कराकर आकर्षित किया ता है। इससे उनमें राष्ट्रीयता की भावना रागापत होकर अपने वर्ग को ही भावना रह जाती है, जिसके कारण सामाजिक विच्छेदन होने लगता है।

4. सामाजिक कुरीतियों
मारतीय समाज में अनेक तरह की कुरीतियों व्याप्त है, जिने चाल विवाह या हि पर रोक, बेमेल विवाह, विवाह-विद 
आदि हैं। इन कुरीतियों के कारण परिवार के सभी सदस्यों में सामंजस्य नहीं बन पाता और सम्बन्ध–विच्छेद होने लगते हैं। यहां तक कि परिवार टूट जाते

5. धार्मिक दृष्टिकोण
भारतीय समाज अनेक वर्षों में विभाजित हैं, जिनमें अस्पृश्य वर्ग को जोवन-स्तर अत्यन्त निम्न है। सवर्णों द्वारा इन पर अनेक प्रकार के फतव्यों का बोझ डाला जाता है, जिससे इनमें तीन भावना आ जाती हैं और कता पनपने लगती हैं।

6. साम्प्रदायिकता
की भावना वर्तमान समाज में धर्म, जाति तथा भाषा आदि के आधार पर अनेक वर्ग बन गए हैं, जिनमें एक-दूसरे के प्रति विरोध उत्पन्न हो गया है। आपस में संघर्ष और तनाव की स्थिति के कारण सामाजिक सम्बन्धों में विच्छेदन होने लगा है।

7. नए-पुराने में संघर्ष
नई और पुरानी पड़ी में तनाव उत्पन्न होने से विच्छेदन 
को स्थिति बनती है, क्योकि युवा वर्ग और पुराने लोगों के विचारों में टकराहट होने से संघर्ष पैदा हो जाता है, जो विच्छेदन तक पहुँच जाता है। है,

8. दोषप्रद शिक्षा प्रणाली
अव के शिक्षित युवा पुरानी मर्यादाओं तथा 
मापदों का मूल्य नहीं समझ पाते हैं। उनके लिए इनका कोई औचित्य नहीं हैं, लेकिन पुरानी पीढ़ी इन पर जोर देती है, जिसके कारण दोनों वर्षों में विच्छेदन उत्पन्न हो जाता है।

9, नैतिक मूल्यों का हास
धनी वर्ग सम्पन्न और समृद्ध होता है, इसलिए उसके 
पास पैसा और समय दोनों प्रचुर मात्रा में होते हैं। यही कारण है कि इस वर्ग को जीवन-शैली और जीवन-स्तर पर पाश्चात्य प्रभाव अधिक रहता है। पाश्चात्य जीवन-शैली परिवार के उन सदस्यों को उचित नहीं लगती, जो परम्पराओं और नैतिक मूल्यों का निर्वहन करते हैं। इस स्थिति में परिवार में तनाव और संघर्ष उत्पन्न हो जाता है, जो विच्छेदन के रूप में परित होता है।

प्रश्न 4.
विषमता एवं विच्छेदन के निराकरण पर एक निवन्ध्र लिखिए।
उत्तर:
समाज में विषमता एवं विच्छेदन को दूर करने के उपाय निम्नलिखित हैं।
1. पूँजी एवं आय का पुनर्वितरण विषमता एवं विच्छेदन दूर करने के लिए 
जहां भूमि एवं पूँजी का पुनर्वितरण आवश्यक है, वहीं आय का पुनर्वितरण भी जरूरी हैं। जिन क्षेत्रों में नवीन प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा सकता है, वहीं भू-स्वामियों का मुनाफा अवश्य बढ़ा है, परन्तु साथ ही कृषि श्रमिकों की मजदूरी भी बढ़ी है और कई शानों पर तो तेजी से तथा पर्याप्त मात्रा में, लेकिन कृषि मजदूरों की सुरक्षा के लिए इन आर्थिक स्थायी आर प्रदान किया जाना चाहिए और इस हेतु कुटीर योग-धन्धों को तेजी से विकास किया जाए।

2. आधुनिकीकरण
आधुनिकीकरण की दिशा में तेजी से आगे बने से विषमता को दूर किया जा सकता है। आधुनिकीकरण से समाज का दृष्टिकोण विकसित तथा एक नए माहौल में समरसता का भाव पनव 
सकेगा, जोकि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए आवश्यक हैं।

3. प्रजातान्त्रिक मूल्यों एवं मानवतावादी दृष्टिकोण
विषमता के आधारों पर चोट करने के लिए प्रजातान्त्रिक मूल्यों एवं मानवतावादी दृष्टिकोण का व्यापक प्रचार-प्रसार करना चाहिए, क्योंकि समाजीकरण की प्रक्रिया के दौरान ही प्रजातान्त्रिक एवं मानवतावादी मूल्यों के प्रति आस्था पैदा की जा सकती है।

4. जनैतिक परिवर्तन
विषमता एवं विच्छेदन को दूर करने के लिए कानूनी 
एवं राजनैतिक परिवर्तन भी आवश्यक हैं। टी.एच.मार्शल ने इंग्लैण्ड़ में पहले कानुनी समता, फिर राजनौतिक समता और अन्त में नागरिक समता के विकास का विस्तार से वर्णन किया है। अतः राजनैतिक तथा प्रशासनिक कार्यक्रमों द्वारा विषमता को कम किया जा सकता है।

5. आर्थिक विकास
पूर्व यूरोपीय विद्वानों द्वारा बिषमता को समाप्त करने के लिए आर्थिक विकास को आवश्यक माना गया है। आन्द्रे बेतेई के अनुसार, अषक विकास के माध्यम से गरीबों, दरिद्रता एवं बेरोजगारी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि आर्थिक क्षेत्र में विषमता को कम किया जा सका तो अन्य क्षेत्रों में विषमता धीरे-धीरे कम होने लगेगी। इसका प्रमुख कारण यह है कि आज आय, सम्पत्ति, भौतिक साधन अर्थात् 
आर्थिक शक्ति व्यक्ति को सामाजिक प्रस्थिति के निर्धारण में प्रमुख रूप से महत्त्वपूर्ण है।

6. नवीन प्रौद्योगिकी का समुचित विकास
नौन प्रौद्योगिकी विकास से इन 
भू-स्वामियों को अधिक लाभ मिल पाया, जिनके पास पर्याप्त मात्रा में पूँजी थी। इसी प्रकार पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से चलाए गए विकास कार्यक्रम से देश को आर्थिक प्रगति तो हुई है, लेकिन इनका लाभ भी कुछ गिने-चुने शक्ति-सम्पन्न लोगों को ही मिला है। अतः विषमता दूर करने के लिए सही दिशा में कारगर उपाय अपनाने होंगे, जो निम्न हैं।

  • जनसंख्या नियन्त्रण जनसंख्या नियन्त्रण से आवास तथा भोजन जैसी मूलभूत समस्याओं से छुटकारा पाया जाता है। जनसंख्या वृद्धि से इन सुविधाओं का अभाव हो जाता है, जिसमें तनाव और संघर्ष होता है, इसलिए जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण से विषमता और विच्छेद को रोका जा सकता है।
  • साम्प्रदायिक सद्भावना समाज सामाजिक समता स्थापित करने तथा विच्छेदन को रोकने के लिए आपसी सौहार्दू एवं सद्भावना को बनाए रखना आवश्यक है, जो लोग अपने-अपने धर्मों की सर्वश्रेष्ठता स्थापित करने के उद्देश्य से आपसी तनाव पैदा करते हैं, उन्हें आपस में मिल-जुलकर रहना चाहिए, ताकि सद्भावना बनी रहे।

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UP Board Class 8 Sports and Fitness Model Paper खेलकूद : खेल और स्वास्थ्य

UP Board Class 8 Sports and Fitness Model Paper are part of UP Board Class 8 Model Papers. Here we have given UP Board Class 8 Sports and Fitness Model Paper.

Board UP Board
Class Class 8
Subject Sports and Fitness
Model Paper Paper 1
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 8 Sports and Fitness Model Paper खेलकूद : खेल और स्वास्थ्य

सत्र परीक्षा प्रश्न पत्र
कक्षा-8
विषय-खेल और स्वास्थ्य

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शरीर फुर्तीला तथा नीरोगी कैसे बनता है?
उत्तर:
व्यायाम करने से।

प्रश्न 2.
व्यायाम कहाँ करना चाहिए?
उत्तर:
खुले स्थान में।

प्रश्न 3.
किस आसन से कव की वृद्धि होती है?
उत्तर:
पश्चिमोत्तनासन से।

प्रश्न 4.
राष्ट्रगान किसका प्रतीक है?
उत्तर:
राष्ट्रगान राष्ट्र की एकता का प्रतीक है।

प्रश्न 5.
हमारे राष्ट्रध्वज में उपस्थित चक्र में कितनी तीलियाँ होती हैं?
उत्तर:
24 तीलियाँ।

प्रश्न 6.
राष्ट्रगान की रचना किसने की थी?
उत्तर:
गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर ने।

प्रश्न 7.
राष्ट्रध्वज कब फहराया जाता है?
उत्तर:
15 अगस्त एवं 26 जनवरी को।

प्रश्न 8.
मार्चिग से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
मार्किंग से हमें अनुशासन में रहने की शिक्षा मिलती है।

प्रश्न 9.
वेश में राष्ट्रीय शोक के समय राष्ट्रध्वज का क्या किया जाता है?
उत्तर:
राष्ट्रध्वज को नियमानुसार झुकाया जाता है।

प्रश्न 10.
राष्ट्रगान कितने सेकंड में पूरा होना चाहिए?
उत्तर:
52 सेकंड में।

प्रश्न 11.
राष्ट्रध्वज किसका प्रतीक होता है?
उत्तर:
राष्ट्रध्वज देश की पहचान का प्रतीक होता है।

प्रश्न 12.
अंगों के सुधार हेतु क्या करना चाहिए?
उत्तर:
अंगों के सुधार हेतु नियमित योग, प्राणायाम, व्यायाम या पी०टी० करनी चाहिए।

प्रश्न 13.
जीतने या हारने पर अपने ऊपर नियन्त्रण रखने से कौन-सा गुण विकसित होता है?
उत्तर:
अनुशासन का।

प्रश्न 14.
सबसे लम्बी दौड़ कितने मीटर की होती है?
उत्तर:
600 मीटर की।

प्रश्न 15.
कौन-सा आसन सभी आसनों का राजा है?
उत्तर:
शीर्षासन।

प्रश्न 16.
ओलम्पिक खेलों का प्रारम्भ कहाँ हुआ?
उत्तर:
यूनान में।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 17.
शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:

  1. शारीरिक अंगों के सुधार हेतु
  2. अपनी रक्षा हेतु
  3. शरीर को फुर्तीला बनाने हेतु
  4. मनोरंजन हेतु

प्रश्न 18.
माचिंग क्या है?
उत्तर:
मार्निग वह क्रिया है, जिसे एक निश्चित क्रम से किया जाता है। इसमें आदेशों को सुनते हुए ध्यान से क्रियाकलाप किए जाते हैं।

प्रश्न 19.
प्राथमिक चिकित्सा क्या है?
उत्तर:
जब कोई घटना घटती है, तब डॉक्टर के आने से पहले घायल व्यक्ति का जो उपचार किया जाता है, उसे प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं।

प्रश्न 20.
राष्ट्रगान की रचना किसने की थी? यह कब स्वीकार किया गया?
उत्तर:
राष्ट्रगान की रचना गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी। राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ 24 जनवरी सन् 1950 को स्वीकार किया गया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 21.
राष्ट्रगान गाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
राष्ट्रगान गाते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. राष्ट्रगान के समय सावधान की मुद्रा में खड़ा होना चाहिए।
  2. राष्ट्रगान गाते समय न हिले-डुलें और न बात करें।
  3. राष्ट्रगान को सही-सही गाएँ।
  4. राष्ट्रगान का सम्मान करें।
  5. राष्ट्रगान 52 सेकंड में पूरा होना चाहिए।

प्रश्न 22.
शारीरिक शिक्षा से क्या लाभ है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा से निम्नलिखित लाभ हैं

  1. यह शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ व मजबूत बनाती है।
  2. इसके द्वारा स्फूर्ति, आनन्द वे ऊर्जा प्राप्त होती है।
  3. हार-जीत के द्वारा अपने पर नियन्त्रण व अनुशासन का गुण उत्पन्न होता है।
  4. नैतिक मूल्यों जैसे सहयोग, दृढ़ता, संयम आदि का विकास होता है।
  5. शारीरिक शिक्षा से समय के सदुपयोग की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न 23.
माचिंग क्या है? मार्चिग करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
मार्चिग वह क्रिया है, जिसमें आदेशों को सुनते हुए ध्यान से मार्च किया जाता है, जैसे सेना व पुलिस के जवानों का कदम-ताल करते हुए चलना व विद्यालयों में बच्चों की ड्रिल। मार्किंग करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है-सावधान की मुद्रा में खड़ा होना, गर्दन सीधी व आँखें सामने की ओर खुली रखना। विश्राम की अवस्था में दोनों हाथ पीछे करना, हाथों और पैरों को ढीला छोड़ना। बात करना, पीछे मुड़ना व रूमाल प्रयोग करना मना है।

अर्धवार्षिक परीक्षा प्रश्न पत्र
कक्षा-8
विषय-खेल और स्वास्थ्य

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किस आसन को करने से स्मरण शक्ति का विकास होता है?
उत्तर:
शीर्षासन को।

प्रश्न 2.
शारीरिक तथा मानसिक विकास कैसे होता है?
उत्तर:
शरीरिक क्रियाओं द्वारा।

प्रश्न 3.
पोस्ट लाइन किस खेल से सम्बन्धित है?
उत्तर:
खो-खों से।

प्रश्न 4.
योग के कितने अंग होते हैं?
उत्तर:
आठ।

प्रश्न 5.
गले सम्बन्धी रोगों में कौन-सा आसन उपयोगी है?
उत्तर:
सिंहासन।

प्रश्न 6.
प्राण किसे कहते हैं?
उत्तर:
श्वास को।

प्रश्न 7.
मनुष्य एक बार में कितनी बार श्वास लेता है?
उत्तर:
सोलह से अट्ठारह बार।

प्रश्न 8.
फेफड़े कैसे मजबूत होते हैं?
उत्तर:
प्राणायाम करने से।

प्रश्न 9.
राष्ट्र ध्वज का केसरिया रंग किसका प्रतीक है?
उत्तर:
त्याग तथा उलिदान का।

प्रश्न 10.
ऊँची कूद में प्रत्येक खिलाड़ी द्वारा कितने प्रयास किए जाते हैं?
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 11.
सिगरेट में कौन-सा विषैला रासायनिक तत्व पाया जाता है?
उत्तर:
निकोटिन।

प्रश्न 12.
ओलम्पिक खेल कितने वर्षों में अन्तराल में आयोजित होता है?
उत्तर:
चार वर्षों के।

प्रश्न 13.
डिस्कस किस आकार का होता हैं?
उत्तर:
वृत्ताकार।

प्रश्न 14.
मल्ल युद्ध को वर्तमान में किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
कुश्ती

प्रश्न 15.
ओलम्पिक के ध्वज में कितने गोले हैं?
उत्तर:
पाँच।

प्रश्न 16.
‘रुस्तम-ए-जहाँ’ किसे कहा जाता है?
उत्तर:
गामा पहलवान को।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 17.
गने थानों पर नंगे पैर क्यों नहीं घूमना चाहिए?
उत्तर:
गद स्थानों पर नंगे पैर घुमने से सूक्ष्म रोगाणु हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जो हमारे शरीर में रोग पैदा करते हैं।

प्रश्न 18.
योग का क्या अर्थ है?

प्रश्न 19.
भस्त्रिका प्राणायाम कैसे किया जाता हैं? इसके चरण बताएँ।

प्रश्न 20.
ओलम्पिक खेलों का सर्वप्रथम प्रारम्भ कहाँ से हुआ?
उत्तर:
आनम्पिक खेलों का सर्वप्रथम प्रारम्भ यूनान में हुआ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 21.
व्यायाम करते समय कौन-कौन सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

प्रश्न 22.
चक्रासन से होने वाले लाभ लिखिए।

प्रश्न 23.
प्राणायाम किसे कहते हैं? प्राणायाम के कोई पाँच लाभ बताएँ।

वार्षिक परीक्षा प्रश्न पत्र
कक्षा-8 :
विषय-खेल और स्वास्थ्य

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्रिकेट की गेंद को पकड़ने के लिए किसका प्रयोग होता है?
उत्तर:
शरीर तथा मस्तिष्क का।

प्रश्न 2.
रक्त संचार कैसे बढ़ता है?
उत्तर:
अंगों की गति से।

प्रश्न 3.
कौन-सा आसन थायराइड को सक्रिय एवं स्वस्थ बनाता है?
उत्तर:
सर्वांगासन।

प्रश्न 4.
किस आसन से मोटापा दूर होता है?
उत्तर:
पद्ममयूरासन।

प्रश्न 5.
किस प्राणायाम से हृदय रोग दूर हो जाते हैं?
उत्तर:
भ्रामरी प्राणायाम्।

प्रश्न 6.
भारतीय संविधान ने राष्ट्रध्वज का प्रास्तप कब अपनाया था?
उत्तर:
22 जुलाई 1947 की।

प्रश्न 7.
कुश्ती के गद्दे की ऊँचाई कितने मीटर होती है?
उत्तर:
१ मीटर।

प्रश्न 8.
डिस्कस किस चीज का बना होता है?
उत्तर:
फाईबर या लकडी का।

प्रश्न 9.
वालीबॉल में एक टीम के कितने खिलाड़ी होते हैं?
उत्तर:
बारह।

प्रश्न 10.
राष्ट्रकुल खेल कितने वर्ष में अन्तराल पर आयोजित होते हैं?
उत्तर:
चार वर्ष के।

प्रश्न 11.
टेक ऑफ किस खेल से सम्बन्धित हैं?
उत्तर:
लम्बी कृद।

प्रश्न 12.
अर्जुन पुरस्कार किसे दिया जाता है?
उत्तर:
अच्छे खिलाड़ियों को।

प्रश्न 13.
द्रोणाचार्य पुरस्कार किस वर्ष से प्रारम्भ किया गया?
उत्तर:
वर्ष 1985 से।

प्रश्न 14.
राष्ट्रीय स्तर का सर्वोच्च पुरस्कार कौन सा है?
उत्तर:
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार।

प्रश्न 15.
खो-खो में एक पानी कितने मिनट की होती है?
उत्तर:
7 मिनट की।

प्रश्न 16.
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा महिला खिलाड़ियों को दिए जाने वाले पुरस्कार का नाम लिखिए।
उत्तर:
रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 17.
योग के कितने अंग होते हैं?
उत्तर:
योग के आठ अंग होते हैं

  1. यम्
  2. नियम
  3. आसन
  4. प्राणायाम्
  5. प्रत्याहार
  6. धारणा
  7. ध्यान
  8. समाधि।

प्रश्न 18.
कोणासन करने का तरीका बताइए।

प्रश्न 19.
सिंहासन या व्याघ्रासन की स्थिति समझाइए।

प्रश्न 20.
ऊँची कूद में प्रत्येक खिलाड़ी द्वारा कितने प्रयास किए जाते हैं?
उत्तर:
ऊँची कूद में प्रत्येक खिलाड़ी को एक निर्धारित ऊँचाई पर कूदने के लिए तीन बार मौका दिया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 21.
किन्हीं वो व्यायाम के विभिन्न चरणों को लिखिए।

प्रश्न 22.
अन्तर विद्यालय प्रतियोगिता से होने वाले लाभ बताइए।

प्रश्न 23.
प्राणायाम करने के सामान्य नियम क्या हैं? किन्हीं पाँच नियमों को बताइए।

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UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 8 सन्देशवाहक प्रणालियाँ

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Board UP Board
Class Class 10
Subject Commerce
Chapter Chapter 8
Chapter Name सन्देशवाहक प्रणालियाँ
Number of Questions Solved 20
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 8 सन्देशवाहक प्रणालियाँ

बहुविकल्पीय प्रश्न ( 1 अंक)

प्रश्न 1.
आधुनिक संचार सुविधा का शीघ्रगामी साधन है।
(a) पीसीओ
(b) फैक्स
(c) इण्टरनेट
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 2.
निम्न में से टेलीफोन से सम्बन्धित सुविधाएँ हैं।
(a) स्थानीय कॉल
(b) ट्रंक कॉल
(c) एस टी डी
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 3.
भारत में ई-मेल का प्रारम्भ कब हुआ?
(a) फरवरी, 1992
(b) फरवरी, 1993
(C) फरवरी, 1994
(d) फरवरी, 1995
उत्तर:
(c) फरवरी, 1994

UP Board Solutions

निश्चित उत्तरीय प्रश्न ( 1 अंक)

प्रश्न 1.
स्पीड पोस्ट की सेवा कब प्रारम्भ की गई?
उत्तर:
सन् 1986 में

प्रश्न 2.
तुरन्त तार कौन भेज सकता है?
उत्तर:
राजाज्ञा प्राप्त सरकारी अधिकारी व मन्त्री

प्रश्न 3.
कॅजी-शब्द की सहायता से कौन-सा तार भेजा जाता है?
उत्तर:
गुप्त भाषा का तार

प्रश्न 4.
कोइ की सहायता से भेजे गए तार को क्या कहते हैं?
उत्तर:
सांकेतिक तार

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प्रश्न 5.
टेलीफोन द्वारा दिए गए तार को क्या कहते हैं?
उत्तर:
फोनोग्राम

प्रश्न 6.
टेलीफोन का आविष्कार किसने किया था?
उत्तर:
एलेक्जेण्डर ग्राहम (UPBoardSolutions.com) बेल ने

प्रश्न 7.
फैक्स से सन्देश जल्दी पहुँच जाता है/नहीं पहुँचता है। (2014)
उत्तर:
जल्दी पहुँच जाता है।

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प्रश्न 8.
ई-मेल का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनिक मेल (Electronic Mail)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1.
शीघ्र सन्देशवाहक के कोई दो साधन लिखिए। (2012)
उत्तर:
शीघ्र सन्देशवाहक के दो साधन निम्न प्रकार हैं-

1. ई-मेल इसका पूरा नाम ‘इलेक्ट्रॉनिक मेल’ है। भारत में ई-मेल का प्रारम्भ फरवरी, 1994 में हुआ था। यह सन्देशवाहन का सशक्त और सस्ता साधन बन गया है। यह प्रणाली कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए विकसित की गई है, (UPBoardSolutions.com) जिससे कम्प्यूटर से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति को कोई सन्देश, दस्तावेज या सूचना इलेक्ट्रॉनिक द्वारा दी जा सकती है।

2. टेलीफोन इसे हिन्दी भाषा में ‘दूरभाष’ कहते हैं। इसका आविष्कार सन्  1876 में एलेक्जेण्डर ग्राहम बेल नामक वैज्ञानिक ने किया था। इसके द्वारा  हम अपने घर अथवा दुकान पर बैठे हुए सिर्फ अपने देश के व्यक्तियों से ही नहीं, वरन् विदेशों में रहने वाले व्यक्तियों से भी आसानी से बातचीत कर सकते हैं।

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प्रश्न 2.
फोनोग्राम क्या है?
उत्तर:
घर या दुकान पर लगे टेलीफोन की सहायता से जो तार भेजा जाता है, उसे फोनोग्राम कहा जाता है। इसमें बोलने वाला अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी बोल सकता है। इसमें लिपिक द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार लिखा जा सकता है। इसमें टाइपराइटर के कारण भाषण स्वत: ही लिखा जा सकता है।

प्रश्न 3.
ई-मेल के कोई दो लाभ लिखिए।
उत्तर:
ई-मेल के दो लाभ निम्नलिखित हैं

  1. इसके द्वारा सन्देश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शीघ्रता से भेजा जा सकता है।
  2. यह सन्देश भेजने का सस्ता साधन है। (2015)

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1.
सन्देशवाहक के विभिन्न साधन क्या-क्या हैं? इनमें से किन्हीं दो साधनों का वर्णन कीजिए। (2015)
उत्तर:
पत्रों के आदान-प्रदान करने के लिए शीघ्र सन्देशवाहक के साधनों का प्रयोग किया जाता है। सन्देशवाहक के विभिन्न साधन तार, टेलीफोन, फैक्स मशीन, टेलीप्रिण्टर, कार्डलैस (तार-रहित) फोन, ई-मेल, ई-पोस्ट, आदि हैं। इनके द्वारा व्यवसाय से सम्बन्धित (UPBoardSolutions.com) सभी सन्देशों को दूर-दूर तक आसानी से भेजा जा सकता है। इन साधनों से व्यापारियों से आपस में शीघ्र सम्पर्क किया जा सकता है। सन्देशवाहक के साधन इसके लिए अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 1 देखें।

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प्रश्न 2.
विदेशी तार व गुप्त तारे को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विदेशी तार ऐसे तार, जो एक देश से दूसरे देश में भेजे जाते हैं, विदेशी तार कहलाते हैं। इन्हें केबिल द्वारा भेजा जाता है, इसलिए इन्हें केबिलग्राम भी कहते हैं। इन तारों को भेजने के लिए एक विशेष प्रकार का फॉर्म प्रयोग में लाया जाता है। यह फॉर्म डाकघर में मिलता है, जिसे भरकर डाकघरों में जमा कराना पड़ता है। इन तारों को भेजने का शुल्क अलग-अलग देशों में अलग-अलग होता है। ये तार साधारण, आवश्यक, विलम्बित, समाचार-पत्र तार, बधाई तार, सामाजिक तार वे रेडियो तार के रूप में होते हैं। ये तार निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं

  1. उद्गम देश की भाषा में (Language of the Country of the Origin)
  2. गन्तव्य देश की भाषा में (Language of the Country of the Destination)
  3. फ्रेंच भाषा में (French Language)

गुप्ते तार यदि सन्देश को पूर्णतया गुप्त रखना हो, तो गुप्त भाषा के तार का प्रयोग किया जाता है। गुप्त तारों के लिए एक ‘कुंजी शब्द’ की सहायता ली जाती है। कुंजी शब्द में केवल दस अक्षर होने चाहिए तथा यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी अक्षर दोबारा नहीं आना चाहिए। माना, हिन्दी कुंजी शब्द अ र ह प स घ त न ग क’ तथा अंग्रेजी का शब्द A E, S, R, IN K TO P कुँजी शब्द हैं, तो गुप्त तार नम्बर 4328, 5209 और 7213 होने पर निम्न प्रकार से तार भेजा जाएगा
UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 8 सन्देशवाहक प्रणालियाँ 1
4328 के स्थान पर प हार न अंग्रेजी में R S E T
5209 के स्थान पर स र क ग अंग्रेजी में I E P 0
7213 के स्थान पर त र अ ह अंग्रेजी में K E A S
तार पाने वाले को हिन्दी में अ र ह प स घ त न ग क तथा अंग्रेजी में R S E T, I E P 0, K E A S तार भेजा जाएगा, जिसे गुप्त भाषा का तार कहेंगे।

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प्रश्न 3.
फोनोग्राम से आप क्या समझते हैं? एक आधुनिक कार्यालय में इसकी उपयोगिता का वर्णन कीजिए। (2007)
उत्तर:
फोनोग्राम (टेलीफोन द्वारा तार) जिन लोगों के घर पर या दुकान पर टेलीफोन लगे होते हैं, वे अपना तार टेलीफोन द्वारा भी भेज सकते हैं। इस प्रकार टेलीफोन द्वारा भेजे गए तारों को ‘फोनोग्राम’ कहते हैं। ऐसे तार पर साधारण तार शुल्क के अलावा ₹ 2 अतिरिक्त शुल्क वसूल किया जाता है। तार भेजने का शुल्क टेलीफोन के बिल के साथ अदा किया जाता है। ऐसे तार की एक प्रति भेजने वाले को दी जाती है। इससे समय की काफी बचत होती है। (UPBoardSolutions.com) इस यन्त्र का प्रयोग पत्रों का उत्तर बोलने तथा बाद में इस यन्त्र की सहायता से सुनने के लिए किया जाता है। बड़े-बड़े व्यापारिक कार्यालयों में प्रतिदिन हजारों पत्र आते हैं। उन सभी पत्रों का ग्राहकों के पास सन्तोषजनके जवाब भेजना आवश्यक होता है। व्यापार का स्वामी अपनी सुविधा के अनुसार इस मशीन पर पत्रों के उत्तर बोल देता है। टाइप करने वाला लिपिक इसे सुनकर टाईप कर लेता है। इसके मुख्य भाग निम्नलिखित हैं

  1. मुख खण्ड
  2. घूमने वाला सिलेण्डर
  3. बोलने वाला यन्त्र
  4. श्रवण यन्त्र अथवा ईयरफोन

फोनोग्राम की उपयोगिता फोनोग्राम की उपयोगिता निम्नलिखित है

  1. फोनोग्राम में बोलने वाला अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी बोल सकता है।
  2. इसमें लिखने वाला या लिपिक अपनी सुविधा से लिख सकता है।
  3. फोनोग्राम का उपयोग करने पर आशुलिपिक को नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं रहती है।
  4. इसमें टाइपराइटर होने के कारण भाषण स्वतः ही टाइप हो जाता है।
  5. फोनोग्राम की सुविधा उपलब्ध होने से समय, श्रम व धन की बचत होती है।
  6. इसमें भाषण की गति को इच्छानुसार नियन्त्रित किया जा सकता है।

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प्रश्न 4.
एसटीडी एवं आईएसडी पर टिप्पणी लिखिए। (2008)
उत्तर:
एसटीडी इसे सब्सक्राईबर ट्रंक डाईलिंग (Subscriber Trunk Dialling) कहा जाता है। जब एक ही देश के दो विभिन्न स्थानों या शहरों के व्यक्तियों के मध्य टेलीफोन पर बातचीत की जाती है, तो इसे ‘एसटीडी कॉल कहा जाता है; जैसे-दिल्ली-मेरठ, जयपुर-लखनऊ, आदि। इस प्रकार की कॉल का शुल्क समय के अनुसार लगाया जाता है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक नगर या शहर का एक निश्चित कोड नम्बर होता है। कोड नम्बर डायल करने के बाद इच्छित टेलीफोन नम्बर डायल करना पड़ता है।

आईएसडी इसका पूरा नाम इण्टरनेशनल सब्सक्राईबर डाईलिंग (International Subscriber Dialling) है। जब किसी एक देश के व्यक्ति द्वारा किसी अन्य देश में रह रहे व्यक्ति से टेलीफोन पर सीधे बातचीत की जाती है, तो ऐसी कॉल को आईएसडी कहते हैं। वर्तमान समय में यह सुविधा सार्वजनिक टेलीफोन बूथों पर उपलब्ध है। इसके लिए भी टेलीफोन नम्बर डायल करने से पहले उस देश के लिए निश्चित कोड नम्बर लगाना होता है। प्रश्न 5. ई-मेल क्या है? उत्तर ‘ई-मेल’ का पूरा नाम ‘इलेक्ट्रॉनिक मेल’ है।

भारत में ई-मेल का प्रारम्भ फरवरी, 1994 में हुआ था। यह सन्देशवाहक का सशक्त और सस्ता साधन है। यह प्रणाली कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए विकसित की गई है, जिससे कम्प्यूटर से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति को कोई सन्देश, (UPBoardSolutions.com) दस्तावेज या सूचना इलेक्ट्रॉनिक द्वारा दी जा सकती है। ई-मेल के अन्तर्गत, एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को सन्देश भेजने में बहुत ही कम समय लगता है। इसके लिए इण्टरनेट की सुविधा का होना आवश्यक है। ई-मेल के द्वारा सूचना या सन्देशों को कम्प्यूटर-से-कम्प्यूटर पर तथा मोबाइल फोन-से-मोबाइल फोन पर आदान-प्रदान की जा सकती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (8 अंक)

प्रश्न 1.
आधुनिक सन्देशवाहक साधनों का संक्षेप में वर्णन कीजिए। (2008)
अथवा
आधुनिक संचार माध्यम के किन्हीं पाँच साधनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए। (2007, 06)
अथवा
सन्देशवाहन के कौन-कौन से साधन हैं? किन्हीं दो प्रमुख साधनों का वर्णन कीजिए। (2018)
उत्तर:
शीघ्र आधुनिक सन्देशवाहक के साधन व्यापारी अपने व्यवसाय से सम्बन्धित सन्देशों को पत्रों द्वारा दूर-दूर तक भेज सकता है, किन्तु पत्रों द्वारा सन्देश पहुँचने में अधिक समय लगता है। व्यापार में कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब दूर के व्यापारियों से शीघ्र ही सम्पर्क करने की आवश्यकता होती हैं। इसमें थोड़ी-सी भी देर होने पर महत्त्वपूर्ण अवसर हाथ से निकल सकता है। अतः शीघ्र सन्देश भेजने के लिए भारतीय डाक व तार विभाग द्वारा टेलीफोन, फैक्स व टैलेक्स, आदि की सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। सन्देशवाहक के साधन शीघ्र सन्देश भेजने के लिए सन्देशवाहक के साधन निम्नलिखित हैं-

1. टेलीफोन टेलीफोन को हिन्दी में ‘दूरभाष’ कहते हैं। टेलीफोन सन्देश को शीघ्रता से भेजने का सबसे महत्त्वपूर्ण साधन है। इसका आविष्कार सन् 1876 में ‘एलेक्जेण्डर ग्राहम बेल’ ने किया था। इसकी सहायता से हम अपने घर या दुकान पर बैठे हुए सिर्फ देश में ही नहीं, वरन् विदेश में भी आसानी से बातचीत कर सकते हैं। इसके द्वारा सन्देश को शीघ्र भेजा जा सकता है। टेलीफोन यन्त्र यह एक छोटा-सा यन्त्र होता है, जो ध्वनि तरंगों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर संवाद पहुँचाता है।

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इसके निम्नलिखित चार भाग होते हैं-

  1. रिसीवर इसे हम कान पर लगाकर दूसरों की बात सुनते हैं।
  2. ट्रांसमीटर इसे मुँह के सामने रखकर दूसरे से बात करते हैं।
  3. मुख्य भाग यह एक छोटी-सी चौकी के रूप में होता है, जिसमें एक घण्टी लगी रहती है तथा इसमें नम्बर मिलाने का डायल होता है, जिस पर 0 से 9 तक अंक लिखे होते हैं।
  4. विद्युत तार इसकी सहायता से बाहर के टेलीफोन से सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है। टेलीफोन द्वारा सन्देश पहुँचाने में दो पक्ष, वक्ता एवं श्रोता उपस्थित रहते हैं।

2. फैक्स मशीन ‘फैक्स’ लिखित सन्देश को किसी दूसरे स्थान पर हू-ब-हू भेजने का एक नवीनतम तरीका है। आजकल फैक्स द्वारा सन्देश भेजने का भी काफी प्रचलन है। यह टेलीफोन के साथ लगी हुई एक अत्याधुनिक मशीन होती है, जिसके द्वारा किसी लिखित सन्देश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर अतिशीघ्र भेजा जा सकता है। सन्देश भेजने के लिए फैक्स कोड निश्चित होते हैं। इस मशीन की सहायता से मुद्रित, हस्तलिखित, चित्र, रेखाचित्र, (UPBoardSolutions.com) चार्ट, आदि को कुछ ही पलों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है। इसका मूल्य एसटीडी कॉल के अनुसार लगता है तथा इसे टेलीफोन के बिल के साथ चुकाया जाता है। इसका बिल, समय व दूरी के अनुसार चार्ज किया जाता है।

3. सेल्युलर फोन (मोबाइल) यह आधुनिक तार-रहित संचार उपकरण है। छोटा उपकरण होने के कारण इसे सरलता से अपने पास जेब में रखा जा सकता है। देश में सेल्युलर फोन व्यवस्था का संचालन आजकल विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न कम्पनियों द्वारा किया जा रहा है। सेल्युलर फोन संचालन हेतु एक बैटरी लगी होती है, जिसको डिस्चार्ज होने पर चार्जर की सहायता से बिजली द्वारा चार्ज करके प्रयोग कर सकते हैं। सम्बन्धित कम्पनी उपभोक्ता को एक विशेष प्रकार का कार्ड (सिम कार्ड) देती है, जो फोन को दस अंकों का एक नम्बर प्रदान करता है। सेल्युलर फोन के द्वारा सन्देश, फोटो, गीत, आदि प्राप्त किए व भेजे जा सकते हैं। मोबाइल में इण्टरनेट की सुविधा होने पर ऑनलाइन मुद्रा का लेन-देन, रेलवे, हवाई यात्रा के टिकट की बकिंग कराई जा सकती है।

4. टेलीप्रिण्टर या टैलेक्स टैलेक्स एक स्थान से दूसरे स्थान पर सन्देश को शीघ्रता से भेजने की आधुनिक प्रणाली है। देश में भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) द्वारा जनता को टैलेक्स की सुविधा प्रदान की गई है। टैलेक्स एक्सचेंजों द्वारा अनेक नगरों का एक-दूसरे से सीधा सम्पर्क स्थापित कर दिया गया है। इस सुविधा का उपयोग करने के लिए स्टेशन-विशेष के लिए निर्धारित कोड का ज्ञान होना आवश्यक है; जैसे यह कोड कानपुर के लिए 032 एवं जयपुर के लिए 036 है। टेलीप्रिण्टर बिजली से चलने वाला टाइपराइटरं है, जिसमें एक टेलीफोन संलग्न रहता है।

5. ई-मेल ई-मेल’ का पूरा नाम ‘इलेक्ट्रॉनिक मेल’ है। भारत में ई-मेल का प्रारम्भ फरवरी, 1994 में हुआ था। यह सन्देशवाहक को सशक्त और सस्ता साधन बन गया है। यह प्रणाली कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए विकसित की गई है, जिससे कम्प्यूटर से जुड़े किसी दूसरे व्यक्ति को कोई सन्देश, दस्तावेज या सूचना इलेक्ट्रॉनिक द्वारा दी जा सकती है। ई-मेल के अन्तर्गत, एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को सन्देश भेजने में बहुत ही कम समय लगता है। इसके लिए इण्टरनेट की सुविधा का होना आवश्यक है। ई-मेल के द्वारा सूचना या सन्देशों को कम्प्यूटर-से-कम्प्यूटर या मोबाइल फोन पर तथा मोबाइल फोन-से-कम्प्यूटर या मोबाइल फोन पर आदान-प्रदान किया जा सकता है।

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प्रश्न 2.
टेलीफोन की सुविधाएँ कौन-कौन सी हैं? गत वर्षों में इस क्षेत्र में कौन-से परिवर्तन हुए हैं? (2014)
उत्तर:
टेलीफोन टेलीफोन को हिन्दी में ‘दूरभाष’ कहते हैं। टेलीफोन सन्देश को शीघ्रता से भेजने का सबसे महत्त्वपूर्ण साधन है। इसका आविष्कार सन् 1876 में ‘एलेक्जैण्डर ग्राहम बेल ने किया था। टेलीफोन एक छोटी-सी मशीन के रूप में होता है। इसकी सहायता से हम अपने घर या दुकान पर बैठे हुए सिर्फ देश में ही नहीं वरन् विदेश में भी आसानी से बातचीत कर सकते हैं। इसके द्वारा सन्देश को शीघ्र भेजा जा सकता है। टेलीफोन सम्बन्धी नवीनतम यन्त्रों का आविष्कार पिछले कुछ वर्षों में टेलीफोन से सम्बन्धित नए यन्त्रों का आविष्कार हुआ है, जिससे वर्तमान में टेलीफोन की उपयोगिता बढ़ गई है।

टेलीफोन से सम्बन्धित कुछ नवीनतम यन्त्रों का विवरण निम्नलिखित है-

1. फैक्स मशीन फैक्स’ किसी लिखित सन्देश को दूसरे स्थान पर हू-ब-हू भेजने की तकनीक है। आजकल सन्देश भेजने में फैक्स मशीन का काफी प्रचलन है। यह टेलीफोन के साथ जुड़ी हुई एक आधुनिक मशीन होती है, जिसके द्वारा लिखित सन्देश को अतिशीघ्र दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है। इसमें सन्देश भेजने के लिए कोड निश्चित होते हैं। इससे सन्देश अपने गन्तव्य स्थान पर शीघ्र पहुँच जाता है।

2. टेलीप्रिण्टर या टैलेक्स यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर शीघ्र सन्देश भेजने की एक आधुनिक प्रणाली है। इसकी सुविधा भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) द्वारा दी गई है। टैलेक्स एक्सचेंजों द्वारा अनेक शहरों का एक-दूसरे से सीधा सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।

3. सेल्युलर फोन (मोबाइल) यह आधुनिक तार-रहित संचार उपकरण है। यह उपग्रह या सैटेलाइट की सहायता से कार्य करता है। इसके द्वारा हम कहीं भी बात कर सकते हैं। इसके द्वारा एसएमएस (SMS), इण्टरनेट, आदि सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाती हैं। आजकल (UPBoardSolutions.com) विभिन्न कम्पनियों द्वारा सेल्युलर फोन संचालन की व्यवस्था सुचारु रूप से की जा रही है।

4. कार्डलैस फोन यह Landline Phone का एक आधुनिक स्वरूप है। यह दिखने में लैंडलाईन फोन की तरह ही होता है, परन्तु वर्तमान में इस फोन को आधुनिक रूप प्रदान करने के लिए इसमें ऐसी तकनीक का प्रयोग किया गया है जिससे यह बिना तार के कार्य करता है। वर्तमान में इसमें वॉईस कॉल के साथ-साथ एसएमएस की सुविधा भी प्रदान की गई है। इसका एक उपयुक्त उदाहरण वॉकी-टॉकी है।

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5. इनमार सैट-पी 21 टेलीफोन इंग्लैण्ड की इनमार कम्पनी द्वारा निर्मित यह ऐसा टेलीफोन होता है, जो चल उपग्रह दूरसंचार पर आधारित है। इसके द्वारा — शीघ्र ही विश्व के किसी भी टेलीफोन से सम्पर्क कर सकते हैं।

6. ई-पोस्ट यह सेवा डाकघर के माध्यम से सन् 1994 में प्रारम्भ की गई थी। इसके द्वारा कहीं भी बैठा हुआ व्यक्ति ए-4 साइज के कागज पर (डाकघर में) सन्देश को भेज सकता है। यह ई-मेल और फैक्स का समन्वय है।

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UP Board Class 8 Science Model Paper विज्ञान : आओ समझें विज्ञान

UP Board Class 8 Science Model Paper are part of UP Board Class 8 Model Papers. Here we have given UP Board Class 8 Science Model Paper.

Board UP Board
Class Class 8
Subject Science
Model Paper Paper 1
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 8 Science Model Paper विज्ञान : आओ समझें विज्ञान

सत्र-परीक्षा प्रश्न-पत्र
कक्षा-8
विषय – विज्ञान (आओ विज्ञान सीखें)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ज्वलनशील ईधन किसे कहते हैं?
उत्तर:
पेट्रोलियम को ज्वलनशील ईंधन कहते हैं।

प्रश्न 2.
तरले सोना किसे कहते हैं?
उत्तर:
पेट्रोल को तरल सोना कहते हैं।

प्रश्न 3.
धातु से तार बनाने की गुण क्या कहलाता है?
उत्तर:
तन्यता।

प्रश्न 4.
जिन खनिजों से धातु का निष्कर्षण होता है, उन्हें क्या कहते हैं?
उत्तर:
उन्हें अयस्क कहते हैं।

प्रश्न 5.
मुक्त अवस्था में पाए जाने वाली वो धातुओं के नाम बताइए।
उत्तर:
सोना व चाँदी।

प्रश्न 6.
किसी द्रव धातु का नाम लिखिए।
उत्तर:
द्रव धातु का नाम पारा है।

प्रश्न 7.
पौधों का मुख्य पोषक तत्व क्या है?
उत्तर:
नाइट्रोजन।

प्रश्न 8.
खिड़कियों में कैसा काँच प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
साधारण या मृदु काँच।

प्रश्न 9.
अधिक टिकाऊ और सस्ते कपड़े किन रेशों से बने होते हैं?
उत्तर:
संश्लेषित रेशों से।

प्रश्न 10.
उच्च ताप पर पकी हुई मिट्टी को क्या कहते हैं?
उत्तर:
उच्चताप पर पकी हुई मिट्टी मृतिका कहलाती है।

प्रश्न 11.
उर्वरकों का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 12.
उत्कृष्ट धातुएँ किन्हें कहा जाता है?
उत्तर:
सोना व चाँदी उष्कृष्ट धातुएँ हैं।

प्रश्न 13.
जिप्सम का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
जिप्सम का सूत्र – CaSo4, 2H2O

प्रश्न 14.
न्चलन ताप किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिस ताप पर कोई पदार्थ वायु की उपस्थिति में जलने लगता है, उसे ज्वलन ताप कहते हैं।

प्रश्न 15.
पेंसिल में उपस्थित काला पदार्थ क्या होता है?
उत्तर:
पेंसिल में उपस्थित काला पदार्थ ग्रेफाइट होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 16.
लैम्प ब्लैक क्या होता है?
उत्तर:
लैम्प ब्लैक मोम तथा तेल को वायु की सीमित मात्रा में जलाने पर प्राप्त कालिख को कहते हैं।

प्रश्न 17.
पेट्रोलियम गैस किन गैसों का मिश्रण है?
उत्तर:
पेट्रोलियम गैस ब्यूटेन एवं प्रोपेन गैसों का मिश्रण है।

प्रश्न 18.
खनिज तथा अयस्क में क्या अन्तर है?
उत्तर:
खनिज वह पदार्थ है, जिसे जमीन के अन्दर खुदाई करके प्राप्त किया जाता है, परन्तु जिन खनिजों से धातुओं का निष्कर्षण सरलतापूर्वक किया जाता है, उन्हें अयस्क कहते हैं।

प्रश्न 19.
पेट्रोल को जीवाश्म ईंधन क्यों कहते हैं?
उत्तर:
पेट्रोल, करोड़ों वर्ष पहले दबे मृत जीव-जन्तु एवं वनस्पति के अपघटन से बने पेट्रोलियम से प्राप्त होता है। इसलिए पेट्रोल को जीवाश्म ईंधन कहते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 20.
बायोगैस किसे कहते हैं?

प्रश्न 21.
धातुओं का संक्षारण क्या है?

प्रश्न 22.
भूमि में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?

 

अर्द्धवार्षिक परीक्षा प्रश्न-पत्र
कक्षा-8
विषय-विज्ञान (आओ विज्ञान सीखें)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
समुद्री तल पर दाबमापी के पारे की ऊँचाई क्या होती है?
उत्तर:
76 सेमी।

प्रश्न 2.
बल और क्षेत्रफल के अनुपात को क्या कहते हैं?
उत्तर:
दाब या दाब = बल/क्षेत्रफल

प्रश्न 3.
दूर की वस्तुओं को देखने के लिए किस यन्त्र का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
दूरदर्शीयन्त्र (टेलिस्कोप) का।

प्रश्न 4.
सरल सूक्ष्मदर्शी में किस प्रकार का लेंस प्रयुक्त होता है?
उत्तर:
उत्तल लेंस प्रयुक्त होता है।

प्रश्न 5.
चुम्बक में कितने ध्रुव होते हैं।
उत्तर:
चुंबक के दो ध्रुव होते हैं।

प्रश्न 6.
कपड़े धोने की वाशिंग मशीन में किस प्रकार के चुम्बक का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
विद्युत चुम्बक का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 7.
चुम्बक का सही परीक्षण क्या है?
उत्तर:
प्रतिकर्षण।

प्रश्न 8.
किन्हीं दो प्रतिजैविक औषधियों के नाम एवं स्रोत लिखिए।
उत्तर:

  1. पेनिसिलिन-फफेंद से बनाई जाती है।
  2. म्ट्रप्टोमाइसिन – जीवाणु में बनाई जाती है।

प्रश्न 9.
……………….. की सहायता से सूक्ष्म जीवों को देखा जाता हैं। वाक्य पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
सूक्ष्मदर्शी की सहायता से सूक्ष्म जीवों को देखा जाता है।

प्रश्न 10.
सूक्ष्म जैविकी किसे कहते हैं?
उत्तर:
जीवविज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत हम सूक्ष्म जीवों का अध्ययन करते हैं, सूक्ष्म जैविकी कहलाती है।

प्रश्न 11.
जीवों में होने वाला ……….” ही जैव विकास कहलाता है। वाक्य पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
जोवा में होने वाला क्रमिक परिवर्तन ही जैव विकास कहलाता है।

प्रश्न 12.
वही बनाने में कौन-सा जीवाणु सहायक है?
उत्तर:
दही बनाने में लैक्टोबैसिलस नामक जीवाणु सहायक है।

प्रश्न 13.
दूर दृष्टि दोष को दूर करने के लिए किस लेंस का चश्मा लगाया जाता है?
उत्तर:
दूर दृष्टि दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का चश्मा लगाया जाता है।

प्रश्न 14.
स्वस्थ आँख से किसी वस्तु को स्पष्ट देखने के लिए न्यूनतम दूरी कितनी होनी चाहिए?
उत्तर:
स्वस्थ आँख से किसी वस्तु को स्पष्ट देखने के लिए न्यूनतम दूरी 25 सेमी होनी चाहिए।

प्रश्न 15.
चुम्बकीय क्षेत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
चुम्बक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें चुम्बकीय प्रभाव का अनुभव होता है, चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 16.
जल पम्प में कितने वाल्व होते हैं? प्रत्येक का कार्य स्पष्ट करें।
उत्तर:
जल पम्प में दो वाल्व होते हैं, एक वाल्व पिस्टन में तथा एक वाल्व पम्प की नली में होता | है। ये वाल्व पानी को पम्प की नंली से बाहर निकालने में सहायता करते हैं।

प्रश्न 17.
प्रकाश का अपवर्तन किसे कहते?
उत्तर:
जब प्रकाश की किरण एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करती है तो प्रकाश की किरण का अपवर्तन कहते हैं।

प्रश्न 18.
दूरदर्शी किसे कहते हैं?
उत्तर:
सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा प्रकाशिक यंत्र है जिसकी सहायता से सूक्ष्म वस्तुएँ देखी जा सकती हैं।

प्रश्न 19.
आर्किमिडीज के सिद्धान्त की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
जब कोई वस्तु किसी द्रव में पूर्णतः या आंशिक रूप से डुबोई जाती है तो उसके भार में कमी प्रतीत होती है। भार में यह आभासी कमी उस वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है। इसे आर्कमीडिज का सिद्धान्त कहते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 20.
अपवर्तनांक की परिभाषा माध्यम में प्रकाश के चाल के पदों में लिखिए।

प्रश्न 21.
चुम्बक के गुण लिखिए।

प्रश्न 22.
प्रतिजैविक दवाएँ किसे कहते हैं। इनका क्या उपयोग है?

 

वार्षिक परीक्षा प्रश्न-पत्र
कक्षा-8
विषय – विज्ञान (आओ विज्ञान सीखें)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विद्युत् धारा का मात्रक बताइए।
उत्तर:
विद्युत् धारा का मात्रक ऐम्पियर होता है।

प्रश्न 2.
‘प्राकृतिक चयनवाद का सिद्धान्त’ किस वैज्ञानिक ने प्रतिपादित किया था?
उत्तर:
प्राकृतिक चयनवाद का सिद्धान्त डार्बिन ने प्रतिपादित किया था।

प्रश्न 3.
जल-स्थलचर दो पक्षियों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • बतख
  • बगुला

प्रश्न 4.
पुष्य के नर और मादा जननांगों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
पुष्प के नर जननांग को पुंकेसर तथा मादा जननांग को स्त्रीकेसर कहते हैं।

प्रश्न 5.
बीजाणु द्वारा अंकुरित होने वाले दो पौधों के नाम बताइए।
उत्तर:
बीजाणु द्वारा अंकुरित होने वाले दो पौधे

  1. मटर
  2. भिन्डी

प्रश्न 6.
रुधिर जनित दो बीमारियों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. एड्स
  2. हेपेटाइटिस-बी

प्रश्न 7.
रुधिर का रंग लाल किसके कारण होता है?
उत्तर:
रुधिर का रंग लाल हीमोग्लोबीन के कारण होता है।

प्रश्न 8.
रुधिर का थक्का बनाने वाली रुधिर कणिका का नाम बताइए।
उत्तर:
रुधिर का थक्का बनाने वाली रुधिर कणिका का नाम प्लेटलेट्स है।

प्रश्न 9.
किस परीक्षण से एड्स का पता लगाया जाता है?
उत्तर:
एलीसा (Elisa) परीक्षण से एड्स का पता लगाया जाता है।

प्रश्न 10.
हरित लवक रहित पौधों के समूह का नाम लिखिए।
उत्तर:
हरित लवक रहित पौधों के समूह के नाम हैं-शैवाल, कवक, अनावृत बीजी इत्यादि।

प्रश्न 11.
विद्युत् आवेश का मात्रक क्या होता है?
उत्तर:
विद्युत् आवेश का मात्रक कुलाम होता है।

प्रश्न 12.
स्वस्थ मनुष्य का रक्त दाब (BP) कितना होता है?
उत्तर:
स्वस्थ मनुष्य का रक्त दाब (BP) 120/80 mm Hg होता है।

प्रश्न 13.
विश्व एड्स दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर:
विश्व एड्स दिवस 1 दिसम्बर को मनाया जाता है।

प्रश्न 14.
लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण कहाँ होता है?
उत्तर:
लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण यकृत में होता है।

प्रश्न 15.
रुधिर वर्ग कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
रुधिर वर्ग चार प्रकार के होते हैं। A, B, AB और 0 ।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 16.
संश्लेषित रेशे क्या हैं?
उत्तर:
मानव निर्मित रेशे जैसे- रेयॉन, नायलॉन, टेरीलीन, डेक्रॉन, टेरीन आदि प्राकृतिक रेशों के स्थान पर प्रयोग होते हैं, संश्लेषित रेशे कहलाते हैं। इनका उपयोग प्राकृतिक रेशों जैसे- ऊन तथा रेशम के स्थान पर होता है। संश्लेषित रेशे प्रायः ऊन तथा रेशम की भांति ही दिखने वाले बनाए जाते हैं।

प्रश्न 17.
धातुओं की ऑक्सीजन से अभिक्रिया को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पातु ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके धातु ऑक्साइड बनाते हैं, उदाहरण

  • सोडियम कमरे के सामान्य ताप पर ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाता है।
    4Na + O2→ 2Na2O
  • मैग्नीशियम का तार ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड (सफेद पाउडर) बनाता है।
    2Mg +O2→ 2Mgo

प्रश्न 18.
किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक तथा मानसिक परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए?
उत्तर:
किशोरावस्था के शारीरिक परिवर्तन (लम्बाई में वृद्धि, स्वर में बदलाव, जननांगों में परिपक्वता एवं स्वेद एवं तेल ग्रन्थियों की सक्रियता) तथा मानसिक परिवर्तन (संवेदनशीलता, भावुकता, चिन्तनशीलता आदि परिलक्षित होते हैं।

प्रश्न 19.
डिस्लेक्सिया से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
डिस्लेक्सिया पढ़ने-लिखने से संबंधित विकार है। जिसमें बच्चों को शब्द पहचानने, पढ़ने, याद करने और बोलने में परेशानी होती है। इनकी उच्चारण क्षमता सामान्य बच्चों की अपेक्षा । काफी कम होती है। यह 3-14 साल के बच्चों में सामान्यतः पाया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 20.
धातु के संक्षारण की रोकथाम के लिए अपनाई जाने वाली विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।

प्रश्न 21.
दिव्यांगता से आप क्या समझते हैं? अवण दिव्यांगता के बारे में बताइए।

प्रश्न 22.
अस्थाई तथा स्थाई चुम्बक एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?

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